हरयाणवी छोरी ‘सपना चौधरी’ 2020 में लेने जा रही हैं सात फेरे

‘तेरी आंख्या का यो काजल’ गाने से फेमस हुई हरियाणा की मशहूर सिंगर और जबरदस्त डांसर सपना चौधरी इन दिनों अपनी शादी को लेकर काफी चर्चा में है.

फैंस के टूटे दिल…

एक रिपोर्ट के मुताबिक हरयाणवी छोरी, सपना चौधरी की शादी तय हो गई है वो 2020 में सात फेरे लेने जा रही है वो भी एक हरियाणी छोरे के साथ लेकिन अभी तक सपना ने अपने होने वाले पति का नाम नहीं बताया है. उनकी शादी की बात सुन कर उनके फैंस के दिल टूट गए है.

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लाखों दिलों की जान ‘सपना चौधरी’…

 

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आप सबका बोहोत बोहोत शुक्रिया मेरे जन्मदिन पर इतनी सारी शुबकामनाओ के लिए! मेरा जन्मदिन बीत गया, सर्फ़ एक दिन के लिए था, लेकिन आप सबकी दुआए हमेशा रहेंगी, आख़ीरी साँस तक. आप सब से पर्सनल कनेक्शन है, किसी को भी अजनबी नहीं बोल सकती. आप सब मेरे अपने हैं, मेरे परिवार का हिस्सा है. हर एक मेसिज, कॉमेंट, कॉल और ढेर सारी शुबकमनाओ के लिए 🙏 मेरे चेहरे पर इस मुस्कुराहट के लिए, तहें दिल से शुक्रिया! Happy birthday to your Sapna Chaudhary 🌟 #happylife #blessed #gratitude #family #fansarefamily #love #indian #desiqueen #thankgod #positivevibes #thaknamnahai😆😆

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सपना न सिर्फ हरियाणा बल्कि पंजाबी, भोजपुरी और बौलीवुड में भी अपने डांस के जलवे बिखेरे हैं. ‘वीरे की वेडिंग, के अलावा कई फिल्मों में आइटम सांग भी किया है. सपना ने अपनी डांसिंग अदाओं से लाखों फैंस बना लिए हैं. उनकी फैन फौलोविंग भारत के अलावा दुनिया के कई अन्य देशों में भी है. अब वह अक्सर टीवी चैनलों पर भी नजर आती हैं.

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चर्चा में रहती हैं हर समय सपना चौधरी…

सपना को सुर्खियों में बने रहना आता है. कभी वह गेल के साथ डांस करती नजर आती है तो कभी टैटू की वजह से चर्चा में बनी रहती है. सपना के चाहने वालों की कोई कमी नहीं है. सपना के गाने और डांस सोशल मीडिया पर खूब पसंद किए जाते हैं. सपना की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके डांस को देखने हजारों लोगों की भीड़ लग जाती है जिसमें बच्चे से लेकर बड़े बूढ़े तक शामिल रहते हैं.

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वीडियो शेयर कर दी नए साल की बधाई…

 

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राम राम इंडिया🙏 आ गयी है इस साल की वो रात, होने वाली है ख़ुशियों कि बरसात, जम के करो party और स्वागत करो 2020 ka! 🎄🎂 ये साल होगा DhamakeDaar💥 क्यूँकि मैं लाऊँगी आपके लिए नया नया ताज़ा ताज़ा content कुछ मज़ेदार surprises के साथ😀 तो इंतज़ार किस बात का है? शुरू करते है नया साल इस Haryanvi Dictionary के नाए शब्द के साथ! 🙌🥰 comment करो, like करो, share करो और tag करो मुझे और @famefoxbyfmg #famefoxbyfmg ko! धन्यवाद, आप सभी को मेरी तरफ़ से बड़ा सा Happy Newyear! 😘❤

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न्यू ईयर के मौके पर हरयाणवी क्वीन  सपना चौधरी ने अपने फैंस को सोशल मीडिया के जरिए बधाई भी दी है और वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “राम राम इंडिया, आ गयी है इस साल की वो रात, होने वाली है खुशियों कि बरसात, जम के करो party और स्वागत करो 2020 ka! ये साल होगा DhamakeDaar क्यूंकि मैं लाऊंगी आपके लिए नया नया ताज़ा ताज़ा content कुछ मज़ेदार surprises के साथ😀 तो इंतज़ार किस बात का है? शुरू करते है नया साल इस Haryanvi Dictionary के नए शब्द के साथ! 🙌🥰 comment करो, like करो, share करो और tag करो मुझे और @famefoxbyfmg #famefoxbyfmg ko! धन्यवाद, आप सभी को मेरी तरफ़ से बड़ा सा Happy Newyear!”

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“अंधविश्वास” ने ली, रुद्र की ‘नरबलि’

आज भी सैकड़ों साल पहले कि अंधविश्वास, रूढ़िवादिता के कारण लोगों की जान जा रही है. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला में एक नाबालिग़  रुद्र की नर बलि की घटना से यह साबित हो जाता है कि छत्तीसगढ़ में अभी भी किस तरह अशिक्षा के कारण, लोग अंधविश्वास में अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं और मासूम बालक की हत्या, खून से अपने हाथ रंग  रहे हैं .

जी हाँ,नाबालिग रुद्रनारायण देशमुख की हत्या मामले में यह चौंकाने वाला सनसनीखेज खुलासा पुलिस ने किया है.पुलिस के  अनुसार  रुद्र की हत्या नहीं एक “नर बलि” थी. अशिक्षा से घिरे अंधविश्वास के फेरे में हत्यारों ने टोना-टोटका के चक्कर में पड़, ढेर सारा पैसा कमाने के लिए अपने ही मासूम रिश्तेदार की हत्या  कर दी थी. पुलिस ने जानकारी दी है कि हत्यारों के अंदर अंधविश्वास इस कदर भरा हुआ था कि उन्होंने अपने ही दूर के रिश्तेदार , एक बच्चें की जान ले ली है.

पुलिस ने जब इस मामले में हत्या के आरोपी पंचुराम देशमुख व धनराज नेताम को गिरफ्तार किया तो पूरे मामले का खुलासा हो गया . पंचुराम देशमुख इस नरबलि कांड  मामले का मुख्य आरोपी बनाया गया  है. वहीं मृतक बालक रुद्र पंचुराम  का  साला था. रुद्र की लाश पुलिस अंडा थाना क्षेत्र के आलबरस गाँव में जली अवस्था मिली थी. इस नरबलि घटना के खुलासे के बाद यह सिद्ध हो गया है कि छत्तीसगढ़ किस तरह शिक्षा एवं अंधविश्वास के मकड़जाल में अभी भी सांसे ले रहा है.

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अंधविश्वास को लेकर जन चर्चा उफान पर

पुलिस ने जब मामले की पड़ताल शुरू की तो 48 घंटे के भीतर नरबलि के इस हत्याकांड  के रहस्य से पर्दा उठ गया.  दुर्ग जिला सहित छत्तीसगढ़ में यह जन चर्चा का विषय बन गया कि कैसे आज भी अंधविश्वास फैला हुआ है.  अशिक्षित आदमी पैसों के लिए किस तरह अपनों की ही हत्या कर सकता है.आज भी लोग अंधविश्वासी हैं कि वे नर बलि जैसी घटना को अंजाम देने में भी गुरेज  नहीं  कर रहें  हैं.

पुलिस के अनुसार  हत्या के मामले में गिरफ्तार धनराज नेताम ने अपने मित्र पंचुराम देशमुख को “फांसी की रस्सी” से पूजा पाठ कर पैसा झड़ने की बात बताई थी और उसे हत्या के लिए प्रेरित किया था पंचू राम को इसके बाद रुपए मिलने की बड़ी आशा थी. इस जानकारी के बाद पंचु टोना-टोटका के जरिए पैसा कमाने के चक्कर में पड़ गया था था.

वह कई दिनों तक फांसी की रस्सी की जुगाड़ में लगा रहा.  रस्सी  मिलने उसने अपने रिश्तेदार नाबालिग साले रुद्र की हत्या की योजना बनाई

लाश के पास से मिले साक्ष्य को परिजनों से पहचान कराई गई. परिजनों लापता रुद्र नारायण देशमुख के तौर पर ही लाश की पहचान की. पूछताछ में पता चला की  पंचु के साथ ही  मडई मेला घुमने के लिए  के गया  था.

हत्या के बाद उड़ गए होश

दोनों आरोपियों ने हत्या के बाद फांसी की रस्सी से साधना प्रारंभ की, मगर हाथ कुछ नहीं आया उसके बाद दोनों के होश उड़ गए. इधर पंचुराम घटना के बाद गायब था. पुलिस ने शक के आधार पर पंचु की तलाश शुरू की.

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पुलिस को पड़ताल के दौरान जानकारी मिली कि पंचुराम धमतरी जिले में बोराई गाँव में देखा गया है. पुलिस ने वहाँ  दबिश दी और पंचुराम  पुलिस गिरफ्त में आ गया. पंचुराम  से पूछतात में उसकी इकबालिया बयान में खुलासा हुआ कि इस  नरबलि कांड  में उसका साथी धनराज नेताम भी शामिल है. पंचुराम  ने बताया कि धनराज नेताम से उसकी दोस्ती कुछ  साल पहले हुई थी.

धनराज ने धन  कमाने का यह तरीका उसे  बताया था. उसने कहा था कि “फांसी की रस्सी” लाकर दोगो  तो मैं  तुम्हें लखपति, करोड़पति बना सकता हूँ . इस तरह पंचूराम धनराज के झांसे में आ गया और  रुद्रनारायण देशमुख (15वर्ष)  की हत्या कर अपने हाथ, अपने ही रिश्तेदार के बच्चे के खून से रंग लिए . छत्तीसगढ़ की दुर्ग पुलिस ने आरोपी के पास घटना  मे प्रयुक्त रस्सी, कागज अन्य समान जब्त कर लिया है.

इस घटना ने  छत्तीसगढ़ के जनमानस  को झकझोर दिया  है  और यह  विचारने को मजबूर कर दिया कि आधुनिक युग मेकुछ  लोग ऐसे भी हैं जो अंधविश्वास के फेर मे पढ़कर अपना और मासूमों का जीवन बर्बाद कर देते  हैं. दुर्ग पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है.

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पौलिटिकल राउंडअप: अब नई दलित पार्टी

साल 2017 में सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद सुर्खियों में आई भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी मुद्दों से भटक गई है. लिहाजा, उन के नए सियासी दल में ईमानदार और समर्पित नौजवानों की भागीदारी रहेगी. वे ‘एक नोट एक वोट’ के फार्मूले पर अपनी पार्टी की बुनियाद रखेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि कांशीराम का जन्मदिन 15 मार्च को है, उस दिन या उस से पहले इस का ऐलान कर दिया जाएगा.

यह दलित वोटों में विभाजन करेगा और वे भारतीय राजनीति में निरर्थक हो जाएंगे.

बागी हुए प्रशांत किशोर

पटना. अपनी चाणक्य वाली सोच से बड़ेबड़े नेताओं को तारने वाले प्रशांत किशोर फिलहाल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सारथी बने हुए हैं, पर कब तक उन का साथ देंगे, कह नहीं सकते.

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दरअसल, इस नए नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने के मामले में जनता दल (यूनाइटेड) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पार्टी की चेतावनी के बाद भी अपने रुख से पीछे नहीं हटे और उन्होंने 13 दिसंबर को दोबारा नागरिकता संशोधन कानून को ले कर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी.

पार्टी ने प्रशांत किशोर को ऐसी बयानबाजी से बचने की सलाह दी, पर वे अपने रुख से पीछे नहीं हटने का मन बना चुके हैं और इसी बीच उन के ऐसे बगावती तेवर को देखते हुए विपक्षी दलों ने अपने महागठबंधन में उन्हें आने का न्योता दिया है. वैसे, उन के आम आदमी पार्टी से मिलने के भी कयास लगाए गए.

नेताजी के बोल बचन

सतना. यों तो भारतीय जनता पार्टी के बहुत से नेता अपने बयानों से देश की जनता का मनोरंजन करते रहते हैं, पर मध्य प्रदेश के सतना से भाजपा सांसद गणेश सिंह ने 11 दिसंबर को दावा किया है कि संस्कृत बोलने से इनसानी नर्वस सिस्टम बेहतर होता है और डायबिटीज और कोलैस्ट्रौल कंट्रोल में रहता है. इस के लिए उन्होंने अमेरिका के एक अकादमिक संस्थान के शोध का हवाला दिया.

सांसदजी यहीं पर नहीं रुके, बल्कि उन्होंने यह भी दावा किया कि यूएस स्पेस रिसर्च और्गनाइजेशन नासा के शोध के मुताबिक, अगर कंप्यूटर प्रोग्रामिंग संस्कृत में की जाए तो उस में कोई रुकावट नहीं होगी.

राजस्थान में ‘जन आधारकार्ड’

जयपुर. राजस्थान सरकार ने अपने नागरिकों को सरकारी योजनाओं का फायदा देने के लिए एक नए ‘जन आधारकार्ड’ को शुरू करने की तैयारी की है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर 18 दिसंबर को जयपुर में इस योजना की शुरुआत की और अगले साल 1 अप्रैल से यही कार्ड मान्य होगा.

इस योजना के तहत राज्य के हर परिवार को 10 अंक की परिवार पहचान संख्या वाला ‘जन आधारकार्ड’ दिया जाएगा. परिवार में 18 साल या इस से ज्यादा उम्र की महिला को मुखिया बनाया जाएगा. महिला नहीं है तो 21 साल या इस से ज्यादा उम्र का पुरुष मुखिया होगा.

पिनराई विजयन ने चेताया

तिरुअनंतपुरम. देशभर में हिंसा की आग सुलगा चुके नागरिकता संशोधन कानून को ले कर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि वर्तमान माहौल को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पैदा किया और वे देश में अपना एजेंडा लागू करना चाहते हैं. केरल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ खड़ा है.

मंगलवार, 10 दिसंबर को लोकसभा में इस बिल के पास होने पर पिनराई विजयन ने कहा था कि नागरिकता संशोधन विधेयक देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक चरित्र पर एक हमला है. यह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कवायद है.

फारूक की हिरासत बढ़ी

श्रीनगर. जम्मूकश्मीर राज्य के 3 बार मुख्यमंत्री रह चुके फारूक अब्दुल्ला की हिरासत 14 दिसंबर को 3 महीने के लिए और बढ़ा दी गई. वे तकरीबन जेल बना दिए गए अपने घर में नजरबंद रहेंगे.

याद रहे कि केंद्र सरकार ने इसी साल 5 अगस्त को जम्मूकश्मीर राज्य का विशेष दर्जा हटाने और उसे बांटने का ऐलान किया था और उसी दिन से फारूक अब्दुल्ला हिरासत में हैं.

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कांग्रेस ने भरी हुंकार

दिल्ली. जहां एक तरफ केजरीवाल सरकार ‘अब की बार 67 पार’ का नारा लगा रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस दिल्ली में मोदी सरकार को घेरने के नाम पर अपनी ताकत आजमा रही है. इसी सिलसिले में कांग्रेस ने 14 दिसंबर को ‘भारत बचाओ रैली’ निकाली, जिस का मकसद भाजपा की देश को बांटने वाली नीतियों को उजागर करना था.

इस रैली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी के तमाम नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. कांग्रेस का दावा है कि बेरोजगारी, बेकारी, भूख, किसानों की बदहाली और माली मंदी की वजह से आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है.

यह कांग्रेस का एक तीर से दो शिकार करना रहा. मोदी सरकार को तो कोसा ही, दिल्ली में भीड़ इकट्ठी कर के अरविंद केजरीवाल की भी परेशानियां बढ़ा दीं.

आंध्र प्रदेश ने दिखाई ‘दिशा’

हैदराबाद. हाल ही में एक महिला डाक्टर से गैंगरेप, हत्या और फिर लाश जला देने की वारदात के बाद राज्य समेत पूरे देश में गुस्से का उफान था. इसी के मद्देनजर आंध्र प्रदेश विधानसभा ने 13 दिसंबर को ‘दिशा’ बिल पास कर दिया है, जिस के तहत रेप और गैंगरेप के अपराध के लिए ट्रायल को तेज किए जाने, 21 दिन के अंदर फैसला देने और मौत की सजा का प्रावधान है.

इस बिल में आईपीसी की धारा 354 में संशोधन कर के नई धारा 354(ई) बनाई गई है. लिहाजा, रेप के मामले में मौत की सजा का प्रावधान देने वाला आंध्र प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है.

पूर्वोत्तर में बदलाव की चिनगारी

गुवाहाटी. नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ असम एक रणभूमि बना और सुलग गया. दिसंबर में वहां जमा हुई भीड़ की ‘होहो’ की गूंज, असमिया ‘गमछा’ और ‘जय आई असोम’ के नारे ने केंद्र सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस नागरिकता कानून से असम की पहचान को खतरा है.

इतना ही नहीं, असम के पड़ोसी राज्य सिक्किम में भी नागरिकता बिल का विरोध किया गया. देश के नामचीन फुटबाल खिलाड़ी और हामरो सिक्किम पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष बाइचुंग भूटिया ने कहा कि वे नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 से हताश हैं. सिक्किम के मूल निवासियों को सिरे से गायब कर दिया गया है और उन पर लगातार खतरा बना हुआ है.

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“भांगड़ा पा ले”- लचर कहानी और कमजोर निर्देशन

रेटिंगः एक स्टार

निर्माताः रौनी स्क्रूवाला

निर्देशकः स्नेहा तौरानी

कलाकारः सनी कौशल, रूखसार ढिल्लों, जयति भाटिया व श्रिया पिलगांवकर

अवधिः दो घंटे 13 मिनट

भांगडा नृत्य और पष्चिमी नृत्य के बीच समायोजन बैठाने के लिए बुनी गयी लाचर कहानी, लाचर निर्देशन का परिणाम है फिल्म ‘‘भांगड़ा पा ले’’. पहले यह फिल्म 13 सितंबर, फिर एक नवंबर को रिलीज होने वाली थी, पर अब 3 जनवरी 2020 को रिलीज हुई है.

कहानी

फिल्म के शुरू होते ही द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान धूल भरे युद्ध के मैदान में एक सैनिक एक ढोल (ड्रम) को ऊपर खींचता है, और एक धुन निकालते हुए गीत गाता है, जिसे सुनकर हताश सैन्य कंपनी के अदंर जोश आ जाता है. कई सैनिक घायल होते हैं और ढोल बजाने वाले का एक पैर कट जाता है. अगला दृश्य अमृतसर के एक आधुनिक कौलेज का है, जहां लड़कियां भांगड़ा मंडली में एक प्रतियोगिता के लिए औडीशन दे रही हैं.

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वास्तव में फिल्म में दो कहानियां हैं, एक कहानी 1944 के विष्वयुद्ध के दौरान के एक सैनिक कैप्टन (सनी कौषल) की है और दूसरी कहानी 2019 के भांगड़ा नृत्य में माहिर युवक जग्गी (सनी कौषल) की है. दोनों कहानियों का जुड़ाव यह है कि जग्गी के दादाजी थे कैप्टन. फिल्म के आगे बढ़ने पर कई टुकड़ों में जग्गी, सिमी को अपने दादा जी यानी कि कैप्टन की कहानी सुनाता है. कैप्टन के पिता व दादा ने जंग के मैदान पर नाम रोशन किया था, पर कैप्टन को भांगड़ा नृत्य में रूचि है. लेकिन पिता की इच्छा के चलते वह सैनिक बन जाता है.

सैनिक बनने से पहले निम्मो (श्रिया पिलगांवकर) से उसका प्रेम विवाह होना था. युुद्ध के मैदान में एक पैर गंवाने के बाद जब कैप्प्टन वापस लौटता है, तो निम्मो की शादी हो रही होती है, पर वह निम्मों के घर पहुंचता है. निम्मो की ढोल पर कैप्टन एक पैर से ही भांगड़ा नृत्य कर निम्मो की शादी अपने साथ करने के लिए लोगों को मनाने में सफल हो जाते हैं.

2019 का जग्गी भांगड़ा नृत्य में माहिर है. गांव में उसके पिता (परमीत सेठी) हर किसी को भांगडा नुत्य सिखाते हैं. पर वह कुछ बड़ा काम करने के लिए अमृतसर जाकर खालसा काैलेज में पढ़ाई करने के साथ साथ भांगड़ा नृत्य सीखता रहता है. पैसा कमाने के लिए रात में वह डीजे बनकर शादियों में गीत गाने व भांगड़ा नृत्य करता है. जग्गी लंदन में भांगड़ा प्रतियोगिता का हिस्सा बनने के लिए प्रयासरत है. क्योंकि उसे लगता है कि ऐसा करके वह अपने प्रिय दिवंगत दादा (कैप्टन) की विरासत का जश्न मना सकेगा.

जग्गी के अपने कौलेज के भांगड़ा में उसका साथ देने वाली कोई लड़की नहीं मिल रही है. तभी एक शादी में भांगड़ा में दक्ष लड़की सिमी (रूखसार ढिल्लों) से उसकी मुलाकात होती है. जग्गी व सिम्मी में दोस्ती हो जाती है. दोनो एक साथ शराब पीते हैं और सिमी को अपने साथ लंदन प्रतियोगिता में ले जाने की जग्गी सोचता है, वह कैप्टन की कहानी भी सिमी को सुनाता है. मगर जब जग्गी को पता चलता है कि सिमी तो उसके विरोधी कौलेज यूएसडीएन से है, तो उनके बीच जहर सा घुल जाता है.

सिम्मी को उसकी मां (जयति भाटिया) ने पालपोसकर बड़ा किया है. जब वह कुछ माह की थी, तभी उसके पिता (समीर) उन्हें छोड़कर अवैध तरीके से लंदन चले गए थे. सिमी का मकसद लंदन जाकर अपने पिता को खरी खोटी सुनाना है. तो दोनों का अपना अपना संघर्ष व मकसद है. पर सिमी मन ही मन जग्गी को प्यार करने लगती है.

लंदन जाने के लिए टीम के चयन के लिए इंटरकौलेज प्रतियोगिता होती है, जिसमें खालसा कौलेज यानी कि जग्गी की टीम को यूएसडीएन कौलेज यानीकि सिमी की टीम से हार का सामना करना पड़ता है. उसके बाद जग्गी की भांगड़ा की पूरी टीम बिखर जाती है. वह निराश होकर अपने गांव पहुंचता है. उसके पिता उसका हौसला बढ़ाते हैं. जग्गी की नई टीम तैयार होती है. लोगों की मदद से वह अपनी टीम के साथ लदंन जाता है और वहां पर सिमी की टीम को हराकर विजेता बनते हैं.  सिमी और जग्गी एक दूसरे से प्यार का इजहार कर देते हैं.

लेखन व निर्देशनः

धीरज रतन की अतिकमजोर पटकथा के चलते फिल्म बर्बाद हुई. कहानी का चयन गलत है. अतीत व वर्तमान की कहानी को जिस तरह से बीच बीच में मिश्रित करने का प्रयास किया गया है, उससे दर्शक कन्फ्यूज होता रहता है. इसके अलावा फिल्म में भांगड़ा नृत्य को भी सही अंदाज में नहीं फिल्माया गया. यानी कि नृत्य निर्देशक इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी हैं. इंटरवल से पहले तो दर्शक अपना सिर पीट लेते हैं. जग्गी और सिमी के बीच रोमांस भी ठीक से नही गढ़ा गया.

निर्देशक के तौर पर स्नेहा तौरानी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में बुरी तरह से असफल रही हैं. फिल्म को एडीटिंग टेबल पर कसने की जरुरत थी. कुछ दृष्य बेमानी लगते हैं.

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अभिनयः

सनी कौशल पूरी तरह से निराश करते हैं. “भांगड़ा पा ले” सनी कौशल के कैरियर की तीसरी फिल्म है, मगर वह इस फिल्म में भी अभिनय को लेकर संघर्ष करते ही नजर आते हैं. इमोशनल दृष्यों में सनी का रोल बिलकुल नही जमता. जबकि रूखसार ढिल्लों क्यूट और खूबसूरत लगी हैं. रूखसार अपने नृत्य कौशल व अभिनय से काफी उम्मीदें जगाती हैं. रूखसार उम्मीद जगाती हैं कि यदि उन्हे सही पटकथा, कहानी व किरदार मिले, तो वह परदे पर अपना जलवा दिखा सकती हैं. श्रिया पिलगांवकर के हिस्सा करने को कुछ खास रहा ही नही.

गीत संगीतः

फिल्म में गानों की बहुतायत है, जो कि टीवी का गीत संगीत का कार्यक्रम नजर आता है. इनमें से एक रीमिक्स गाना फिल्म ‘करण अर्जुन’ से ‘भांगड़ा पाले’ जरुर आकर्शित करता है.

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वेदिका ने कार्तिक से किया नायरा की जिंदगी का सौदा, सबके सामने खरी-खोटी सुनाएंगी दादी

स्टार प्लस का बेहद पौपुलर शो ये रिश्ता क्या कहलाता है में आए दिन नए ट्विस्ट्स एंड टर्नस् देखने को मिलते रहते हैं. जहां एक तरफ कार्तिक और नायरा ने अपने बीच की सारी गलतफहमियां दूर कर एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया है तो वहीं दूसरी तरफ वेदिका को यह बात सताए जा रही है और वे हर वो मुमकिन कोशिश कर रही है जिससे कि कार्तिक और नायरा का रिश्ता टूट जाए.

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जिंदगी और मौत के बीच फंसी नायरा…

दर्शकों के लिए अब इस बात का इंतजार करना काफी मुश्किल हो रहा है कि आखिर कब कार्तिक और नायरा शादी के पवित्र बंधन में बंधेंगे, पर जब जब कार्तिक और नायरा एक होने लगते हैं तब तब वेदिका की नजरें कुछ ऐसा कर देती हैं कि वे दोनों मिलते मिलते रह जाते हैं. जैसा कि सबने देखा कि बीते कुछ एपिसोड में एक दरगाह में नायरा का एक्सीडेंट हो जाता है जिसके बाद नायरा की हालत काफी बिगड़ जाती है.

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वेदिका ने रखी ऐसी शर्त…

ऐसे में डौक्टर्स ने ये खुलासा किया था कि नायरा की किडनी पूरी तरह डैमेज हो चुकी है और नायरा का जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करना पड़ेगा. ऐसे में सबसे खास बात जो दर्शकों को देखने को मिली वो ये थी कि नायरा की किडनी सिर्फ वेदिका से मैच हुई है. हालांकि वेदिका नायरा की मदद करने के लिए तैय्यार तो हो गई है पर वेदिका ने कार्तिक के आगे एक ऐसी शर्त रखी है जिसे सुन कर सारे दंग रह गए.

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क्या होगा नायरा का रिएक्शन…

वेदिका ने नायरा की जान बचाने के लिए कार्तिक के आगे ये शर्त रखी है कि वे नायरा से शादी नहीं करेगा. आने वाले एपिसोड्स में कार्तिक वेदिका को ये कहता नजर आएगा कि वे वेदिका की ये शर्त तभी मानेगा जब वे पहले नायरा को ये सारी बात बता देगा. अब देखने वाली बात ये होगी कि नायरा को जब कार्तिक सारी बातें बताएगा तो नायरा कैसा रिएक्ट करेगी.

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वेदिका की ये शर्त सुनकर पूरे गोयनका और सिंघानिया परिवार को तगड़ा झटका लगने वाला है. इतना ही नहीं वेदिका की बातें सुनकर दादी अपने आपको नहीं रोक पाएंगी और वे वेदिका को काफी खरी खोटी सुनाने वाली है.

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बिग बौस के घर में आए दिन कोई ना कोई हंगामा दर्शकों को देखने को जरूर मिलता है. इस घर की सबसे खास बात ये है कि यहां सभी कंटेस्टेंट्स जीतने की दौड़ में इतना आगे निकल जाते हैं की कब उनका बना बनाया रिश्ता टूट जाता है उन्हें खुद पता नहीं चलता. अगर बात करें सिद्धार्थ शुक्ला और असीम रियाज की तो खेल के शुरुआती दिनों में दोनों एक दूसरे के बेहद करीबी दोस्त थे पर जैसे जैसे एक दूसरे असलीयत सामने आती गई वैसे वैसे उनकी दोस्ती पर भी असर पड़ता गया और अब दोनों एक दूसरे के इतने खिलाफ हैं कि बिग बौस का ऐसा कोई एपिसोड नहीं जाता जब दोनों आपस में ना लड़ाई करें.

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आपस में भिड़े दो प्यार करने वाले…

यहां तक की शो के होस्ट सलमान खान ने काफी कोशिश की सिद्धार्थ और असीम की लड़ाई खत्म करवाने की पर कोई फर्क नहीं पड़ा. आने वाले एपिसोड का एक प्रोमो सामने आया है जिसमें घर के दो प्यार करने वाले सदस्यों के बीच घमासान लड़ाई होती दर्शकों को दिखाई देने वाली है. दर्शकों को इस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं होगी की ये दो सदस्य भी आपस में लड़ सकते हैं.

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माहिरा शर्मा को हो रही है सबसे परेशानी…

जी हां, दो प्यार करने वाले सदस्यों से तो आप समझ ही गए होंगे की बात यहां पारस छाबड़ा और माहिरा शर्मा की हो रही है. पारस और माहिरा दोनो इस बात का दावा करते हैं कि वे एक दूसरे से प्यार करते हैं पर इनका प्यार कितना सच्चा है ये तो बाहर निकलने के बाद ही पता चलेगा. प्रोमो में साफ दिखाई दे रहा है कि माहिरा रोटियों को लेकर घर में सबसे लड़ती दिखाई देंगी. सबसे पहले माहिरा की बहस असीम से होगी इसके बाद रश्मि ये कहती नजर आएंगी की वे अपना खाना खुद बना लेंगी, उनहें माहिरा के हाथ का खाना नहीं खाना.

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माहिरा ने मारा पारस को चांटा…

इसके बाद जब पारस माहिरा को शांत करने उनके पास जाते हैं तो वे पारस को भी चांटा मारेंगी जिसके बाद पारस माहिरा से काफी नाराज हो जाएंगे. माहिरा की इस हरकत पर पारस ये कहते दिखाई देंगे कि, “मुझे कोई हाथ लगाए ये मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है और मैं ऐसी लड़कियों से दूर रहता हूं जो लड़कों पर हाथ उठाती हैं”. अब देखने वाली बात ये होगी की माहिरा और पारस का भगड़ा कितनी आगे तक जाता है और इन दोनों के बीच क्या सब कुछ फिर से ठीक हो पाएगा या नहीं.

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दम तोड़ते परिवार

समाज की सब से अहम इकाई परिवार है और हर साल 15 मई को पूरी दुनिया में ‘अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस’ मनाया जाता है. पर हमारी शहरी जिंदगी ने लोगों को इतने बड़े सपने दिखा दिए हैं कि उन्हें पूरा करने के लिए वे किसी भी हद तक चले जाते हैं, पर जब वे सपने पूरे नहीं होते हैं या परिवार का ही कोई हमारी पीठ में छुरा घोंपता है, तो नतीजा दर्दनाक भी हो जाता है.

हाल ही में नोएडा, उत्तर प्रदेश में एक परिवार के फैसले ने सब को हैरान कर दिया. पैसे की तंगी के चलते 33 साल के भरत ने 13 दिसंबर, 2019 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू मैट्रो स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूद कर जान दे दी.

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बात यहीं खत्म नहीं हुई. भरत के इस तरह दुनिया छोड़ने का गम उस की 31 साल की पत्नी शिवरंजनी सहन न कर सकी और अपनी जान देने से पहले उस ने 5 साल की बेटी जयश्रीता को एक कमरे में फांसी लगा कर मार दिया और फिर दूसरे कमरे में आ कर खुद भी फंदे से  झूल गई.

चेन्नई के रहने वाले भरत एक चाय कंपनी में जनरल मैनेजर थे और सितंबर महीने में ही नोएडा आए थे.

दिसंबर, 2019 की 3 तारीख को गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में गुलशन वासुदेवा नाम के एक शख्स ने अपने परिवार के साथ खुदकुशी कर ली और इस का जिम्मेदार अपने साढ़ू को ठहराया कि उस ने उन्हें पैसों का चूना लगाया था.

गुलशन वासुदेवा ने पहले अपने दोनों बच्चों को मारा. इस के बाद अपनी तथाकथित 2 पत्नियों के साथ 8वीं मंजिल से कूद कर खुदकुशी कर ली.

21 जून, 2019 की रात को दिल्ली के महरौली इलाके के सुरेश अपार्टमैंट में रहने वाले कैमिस्ट्री के ट्यूटर उपेंद्र शुक्ला ने अपनी पत्नी अर्चना शुक्ला के साथ 8 साल की बेटी रान्या, 6 साल के बेटे रौनक व डेढ़ महीने के बेटे राजा की चाकू से गला रेत कर सिर्फ इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि घर की माली हालत ठीक नहीं थी.

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इसी तरह 1 जुलाई, 2019 की देर रात गुरुग्राम, हरियाणा के सैक्टर 49 के उप्पल साउथऐंड एस ब्लौक में रहने वाले सन फार्मा कंपनी में साइंटिस्ट ऐंड रिसर्च ऐंड डेवलपमैंट ब्रांच में हैड रहे डाक्टर श्रीप्रकाश सिंह ने अपनी पत्नी डाक्टर सोनू, बेटी अदिति व बेटे आदित्य की तेज धार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी थी और बाद में खुद भी पंखे से लटक कर खुदकुशी कर ली थी. वैसे, इस परिवार की माली हालत खराब थी, ऐसी कोई वजह सामने नहीं आई थी.

इस तरह की बहुत सी वारदातें अब शहरी जीवन में बड़ी आम सी होने लगी हैं. अखबार भरे रहते हैं ऐसी खबरों से. लेकिन इस की वजह क्या है? क्यों हम जिंदगी में थोड़ा सा फेल होते ही खुद को खत्म करने पर आमादा हो जाते हैं?

इसे जानने से पहले हम इस बात पर गौर करने से चूक जाते हैं कि जब भी किसी परिवार का मुखिया ऐसा फैसला लेता है तो वह पहले हाथ उन के खून से रंगता है, जिन को उस ने खुद जन्म दिया होता है.

पहले मामले में पति भरत की खुदकुशी में हुई मौत का सदमा उस की पत्नी शिवरंजनी सहन नहीं कर पाई और उस ने अपनी बेटी जयश्रीता को मार कर खुद को भी खत्म कर लिया.

शिवरंजनी ने तो बचकाना फैसला लिया, लेकिन इस में 5 साल की जयश्रीता की क्या गलती थी? उसे किस बात की सजा दी गई? ऐसी ही कुछ नाइंसाफी दूसरे मामलों में उन बच्चों के साथ हुई, जिन्हें परिवार की माली हालत से कोई लेनादेना नहीं था और शायद वे जिंदा रहते तो अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते थे. पर गुलशन वासुदेवा, उपेंद्र शुक्ला और डाक्टर श्रीप्रकाश सिंह ने अपने कलेजे के टुकड़ों को उन की जिंदगी नहीं जीने दी.

कानून ऐसी हत्याओं पर किसी को सजा नहीं दे सकता है, क्योंकि मारने वाला ही खुद को खत्म कर चुका होता है, लेकिन ऐसे लोग यह नहीं सम झते हैं कि अगर किसी महल्ले या सोसाइटी में ऐसा डरावना कांड हो जाता है तो दूसरे लोगों खासकर उन के बड़े होते बच्चों पर इस का क्या असर पड़ता है? देखते ही देखते आप के पड़ोस में कोई हंसताखेलता परिवार खत्म हो गया और आप शांति से रह लोगे? बिलकुल नहीं. पूरा इलाका ही बदनाम हो जाता है. वहां नए लोग मकान खरीदने से डरते हैं. लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने में कतराते हैं. बच्चे उस घर के आसपास होने पर ही घबराने लगते हैं.

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आज के नए दौर में सब से बड़ी समस्या तो हमारे परिवारों के टूटने की है. यह किसी अच्छे समाज की निशानी नहीं है. ठीक है कि पैसा हमारे सपनों को पूरा करता है, पर यह जो जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की हवस है न, वह हमें या तो अपराध की तरफ धकेलती है या खुद को खत्म करने के लिए उकसाती है.

गांवदेहात में भी जिस किसान की जमीन बिक गई और अचानक अंटी में ढेर सारा पैसा आ गया तो उस की भी मति मारी जाती है. फिर ऊलजुलूल खर्चे बढ़ जाते हैं, उधार लेनेदेने का चलन हो जाता है. महंगी गाड़ी खरीद कर उसे फुजूल में सड़कों पर दौड़ाने की ऐसी गंदी आदत पड़ती है कि अंटी कब खाली हुई पता ही नहीं चलता है. इस के बाद खर्चे पूरे करने के लिए कई लोग अपराध की डगर पकड़ लेते हैं या फिर कर्ज के मारे अपने परिवार को ही खत्म कर देते हैं.

इस सब से बचने का एक ही तरीका है जोश में होश न खोना, क्योंकि हर इनसान की जिंदगी में उतारचढ़ाव आते हैं. अमिताभ बच्चन इस की सब से बड़ी मिसाल हैं. फिल्मों में खूब दाम और नाम कमाया, फिर ऐसा दौर भी आया जब उन का हाथ इस कदर तंग हुआ कि ठनठन गोपाल हो गए. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी या अपने परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि फिर दोगुने दम से मेहनत की, बौलीवुड में नाम कमाया और आज 77 साल के होने के बावजूद उन नौजवानों से दोगुना काम करते हैं, जो या तो अपनी बेरोजगारी का रोना रोते रहते हैं और अपराध के नाम पर किसी औरत की चेन  झपट लेते हैं.

14 फरवरी का ‘वैलेंटाइन डे’ तो सब याद रख लेते हैं और अपना प्यार पाने के लिए कुछ भी कर जाते हैं, फिर परिवार भी बना लेते हैं, पर 15 मई का ‘परिवार दिवस’ अपने जेहन में ही नहीं आने देते हैं, जो हमारे समाज और देश के लिए बहुत जरूरी है. और जो इनसान अपने परिवार को याद रखता है, वह उसे खत्म करने की सोच भी नहीं सकता है, फिर चाहे उस का कंगाली में आटा ही क्यों न गीला हो जाए.

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Bigg Boss 13: घर से बाहर होते ही मुश्किल में फंसे अरहान, एक्स गर्लफ्रेंड ने दी पुलिस की धमकी

कलर्स टीवी के बेहद पौपुलर रिएलिटी शो बिग बौस का सीजन 13 दर्शकों को खूब एंटरटेन कर रहा है. बीते दिनों घर में हुए मिड-वीक इविक्शन में बिग बौस ने कंटेस्टेंट अरहान खान को घर से बेघर कर दिया. अरहान के बेघर होते ही रश्मि देसाई काफी इमोश्नल होती दिखाई दीं पर वे बिग बौस के आदेश के अनुसार कुछ नहीं कर पाईं. अरहान खान ने इस शो के जरिए कई कौन्ट्रोवर्सीज को जन्म दिया पर इसमे से सबसे बड़ी कौन्ट्रोवर्सी थी कि उनका एक बच्चा भी है और उन्होनें ये बाद रश्मि दासई से छिपा के रखी.

केस करने को तैय्यार हैं अरहान की एक्स गर्लफ्रेंड…

नैशनल टेलिविजन पर रश्मि को प्रोपोज करने के बाद भी उन्होनें कुछ बातें रश्मि से क्लीयर नहीं की जिस वजह से शो के होस्ट सलमान खान काफी गुस्सा भी होते दिखाई दिए थे. कुछ दिनों पहले अरहान खान की एक्स गर्लफ्रेंड अमृता धनोआ ने उनके ऊपर केस करने की धमकी दी थी और बताया था कि वे और अरहान 5 साल लिव इन रिलेशनशिप में थे और उस दौरान अरहान ने उनसे कुछ पैसे लिए थे जो उन्होनें अभी तक नहीं लौटाए हैं.

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अमृता धनोआ के अनुसार अरहान खान उनसे डरते हैं…

हाल ही में आ रही खबरों के अनुसार अमृता फिर से अरहान खान पर केस करना चाहती हैं और इसका कारण ये है कि जब से अरहान शो से बाहर आए हैं अमृता उनसे लगातार कौन्टेक्ट करने की कोशिश कर रही हैं पर अरहान उन्हें इग्नोर कर रहे हैं. अमृता ने एक इंटरव्यू में बताया कि, ‘वो अरहान खान के इविक्शन के बाद लगातार उन्हें कौल कर रही हैं लेकिन वो इन कौल्स का जवाब नहीं दे रहे हैं. अमृता धनोआ के अनुसार अरहान खान उनसे डरते हैं, जिस कारण वो उन्हें इग्नोर करने की कोशिश कर रहे हैं.’

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अमृता जल्द ही लेंगी पुलिस की मदद…

जब अमृता धनोआ से पूछा गया की अरहान खान की ये हरकतें देखने के बाद उनका अगल कदम क्या होगा तो उन्होंने बताया कि वो जल्द ही इस मामले में पुलिस की मदद लेंगी क्योंकि अब वो बिग बौस 13 के घर से बाहर आ चुके हैं. वे जल्द ही एक बड़े पुलिस औफिसर की मदद लेंगी.

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भोजपुरी फिल्म ‘कुम्भ’ का ट्रेलर नए साल के इस दिन हौगा लौंच, पढ़ें खबर

भोजपुरी सिनेमा के लिए वर्ष 2020 का पहला महीना कई फिल्मों के ट्रेलर सिनेमाघरों में रिलीजिंग के नजरिये से बेहद खास रहने वाला है. नए साल के जनवरी माह में जहां दर्जनों फिल्में रिलीज होंगी, वहीं कई फिल्मों के ट्रेलर भी लांच होंगे. इसी कड़ी में प्रज्ञा फिल्मस क्रिएशन के बैनर तले फिल्माई गई और निर्देशक “मनोज प्रसाद” के निर्देशन में बनी फिल्म “कुम्भ” का ट्रेलर नए साल में 3 जनवरी को यूट्यूब के “वर्ल्ड वाइड रिकार्ड” चैनल से रिलीज किया जाएगा.

यह फिल्म जहां रियल सुपर स्टार कहे जाने वाले आनंद ओझा और खूबसूरत अदाकारा अंजना सिंह की लवस्टोरी के जरिए दर्शकों के मनोरंजन के लिए तैयार है. वहीं कौमेडी किंग संजय महानंद की कौमेडी भी लोगों को गुदगुदाने के लिए बेताब है. फिल्म में हर्षित श्रीवास्तव, राम सुजन सिंह,संजना सोलंकी,दिनेश पांडे का किरदार भी लोगों पर अपनी अलग छाप छोड़ेगा.

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फिल्म के पीआरओ आर्यन पांडे ने बताया की फिल्म की कहानी बहुत ही रोमांचक है जिसकी झलकियां ट्रेलर के लौंच होने के बाद मिल जाएगी. इस फिल्म में आनंद ओझा और अंजना की जोड़ी खूब जम रही है. इस लिए फिल्म से जुड़े लोगों को फिल्म से काफी उम्मीदे हैं. फिल्म की निर्माता वंदना श्रीवास्तव और रितेश श्रीवास्तव हैं तथा सह निर्माता अरुण कुमार मिश्रा और ज्योति दिनेश पांडे हैं.

फिल्म का संगीत धनंजय मिश्रा, गीत वीरेंद्र पांडे, आजाद सिंह, पंकज ने दिया है. जबकि एक्शन चन्द्र पंत, कथा पठकथा एम.के.सहाय का है, फिल्म के पीआरओ आर्यन पांडे हैं. आर्यन नें बताया की फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे आनंद ओझा इस फिल्म की कहानी की वजह से इसे अपने  कैरियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मान रहें हैं. इस फिल्म के जरिये दर्शकों को नया दिखाने की कोशिश की गई है. जिससे भोजपुरी सिनेमा के प्रति लोगों का नजरीया बदल सके. फिल्म में अश्लीलता बिल्कुल भी नहीं है! फिल्म साफ सुथरी व पारिवारिक फिल्म है.

Bigg Boss 13: रश्मि देसाई से भिड़ीं माहिरा शर्मा, रश्मि ने पकड़े पैर

टेलीविजन इंडस्ट्री का सबसे ज्यादा टी.आर.पी गेनर रिएलिटी शो बिग बौस का सीजन 13 बाकी सिजन के मुकाबले काफी सफल रहा और इसका कारण शो के कंटेस्टेंट्स रहे जिन्होनें दर्शकों को खूब हसाया और अपनी हरकतों से चौंकाया भी. हाल ही में बिग बौस के घर से कंटेस्टेंट अरहान खान को सबसे कम वोट्स के चलते बेघर कर दिया गया जिसकी वजह से अरहान की बेहद करीबी दोस्त रश्मि देसाई को काफी झटका लगा. अरहान के घर से निकलने के बाद रश्मि असीम रियाज के साख गेम प्लैन करती नजर आईं.
रश्मि देसाई से भिड़ीं माहिरा शर्मा… 

बिग बौस के मेकर्स ने आज के एपिसोड का प्रोमो रिलीज किया है जिसमें घर के अंदर कई लड़ाई झगड़े होते दिखाई देने वाले हैं. आज के एपिसोड में कंटेस्टेंट लग्जरी बजट टास्क जीतने के लिए अपने सर से एड़ी तक का जोर लगाएंगे और एक दूसरे को हराने की पूरी कोशिश करेंगे. इसी बीच रश्मि देसाई और माहिरा शर्मा के बीच काफी ज्यादा लड़ाई देखने को मिली.

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माहिरा ने रश्मि से कहा….

माहिरा शर्मा ने सभी के सामने रश्मि देसाई पर ये कमेंट किया कि वे इस शो में अकेले आगे नहीं बढ़ पा रही हैं और उन्हें अपने साथ कोई ना कोई चाहिए ही होता है. माहिरा कहती हैं, “पहले तुम्हें पारस चाहिए था, फिर तुम्हें अरहान चाहिए था, अब तुम्हें असीम रियाज चाहिए.” माहिरा के मुंह से ये बात सुन कर रश्मि काफी शौक्ड हो जाती हैं.

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रश्मि ने पकड़े माहिरा के पैर…

माहिरा की ये बात सुनने के बाद जो रश्मि ने किया उसकी उम्मीद शायद किसी को भी ना थी. रश्मि ने माहिरा के पैर छुए और माहिरा के थैंक्यू कहा. इसके आगे रश्मि ने माहिरा से कहा कि “तुम जितना बोल के लोगों को दुखी कर सकती हो उतना हुनर मुझमें नहीं है”. अब देखना ये होगा कि रश्मि और माहिरा की ये लड़ाई कैसा रूप लेगी.

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