अपने जमाने के मशहूर हीरो, डायरैक्टर और फिल्मकार राज कपूर दर्शकों की कमजोर नब्ज पर हाथ रख कर फिल्में बनाना जानते थे, तभी तो वे हीरोइन को झरने के नीचे या बाथरूम में नहाते हुए कुछ इस तरह दिखाते थे कि देखने वालों की सांस थम जाए, गला सूखने लगे और वे सीन को टकटकी लगाए देखने पर मजबूर हो जाएं.
राज कपूर ने अपनी फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में सिमी ग्रेवाल को नदी में कपड़े बदलते दिखाया था. इस फिल्म में राज कपूर के बचपन का रोल उन के बेटे ऋषि कपूर ने निभाया था, जो एक स्कूली छात्र था. वह अपनी नहाती हुई टीचर को चोरीछिपे देखता है, तो उस की सांसें धोंकनी की तरह चलने लगती हैं और वह बड़ी मुश्किल से अपनेआप पर काबू रख पाता है. सिमी ग्रेवाल की नंगी पीठ, छाती और अधनंगा बदन देख कर दर्शकों की भी यही हालत हुई थी.
राज कपूर ने हीरोइनों को नहाते हुए दिखाने का यह सिलसिला फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ तक बदस्तूर जारी रखा. इस फिल्म में हीरोइन मंदाकिनी को एक झरने के नीचे कुछ इस तरह से नहाते हुए दिखाया गया था कि साड़ी से चिपके उस के अंग ढक कम रहे थे, दिख ज्यादा रहे थे. पानी में आग लगाते इस सीन को भी दर्शकों ने परदे पर आंखें गड़ाए देखा था.
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इसी तरह फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में भी उन्होंने हीरोइन जीनत अमान को झरने के नीचे नहाते दिखा कर खूब दौलत और शोहरत बटोरी थी.