पर्यावरण पर भारी धर्म की दुकानदारी

पास जा कर देखने पर महसूस हुआ कि उस पीपल के पेड़ के तने पर सैकड़ों की तादाद में बड़ीबड़ी कीलें ठुकी हुई थीं. जाहिर था कि हर बार किसी की मौत होने पर नई कील ठोंकी जा रही थी और परंपरा के नाम पर पीपल के तने को छलनी किया जा रहा था.

मैं ने जब वहां मौजूद कुछ बुजुर्गों से इस बारे में जानने की कोशिश की तो उन में से किसी के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था.

80 साल के एक गांव के संबंधी ने बताया कि पंडितजी बताते हैं कि किसी के मरने के बाद उस की आत्मा पीपल के पेड़ में निवास करती है, इसलिए इन अस्थियों को पेड़ पर लटकाया जाता है.

दरअसल, इस तरह की परंपराओं का पालन कराने में हर धर्म व संप्रदाय के वे दुकानदार जिम्मेदार हैं, जिन की दुकानदारी इन से चलती है. पीपल और बरगद के पेड़ पर भूतप्रेत का निवास बताने वाले पंडेपुजारी वट सावित्री अमावस्या पर औरतों से इन्हीं पेड़ों की पूजा कराने की कह कर दानदक्षिणा बटोर कर अपनी जेब भरते नजर आते हैं.

समाज में ठीक न होने वाली बड़ी बीमारियों की तरह फैले इन रीतिरिवाजों को कराने से धर्मगुरुओं की रोजीरोटी चलती है. लोगों को कर्म करने का ज्ञान देने वाले तथाकथित उपदेशक खुद ही गद्दी पर बैठ कर बिना कर्म किए मलाई खाते हैं.

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इस तरह के तमाम उपदेशक और पंडेपुजारी अब दलितों और पिछड़ों में अमरबेल की तरह पनप रहे हैं. इन का काम लोगों को धर्म का डर दिखा कर जनता से पैसा ऐंठना रह गया है.

अंधविश्वास की जड़ें इनसानों से निकल कर अब पेड़पौधों को बरबाद करने तक पहुंच चुकी हैं. ‘पेड़ लगाओ जीवन बचाओ’ के नारे को अंधविश्वास ने  झूठा साबित कर दिया है. कुछ ढोंगी ओ झा व भगत पेड़ के दुश्मन बन गए हैं.

हैरानी की बात तो यह है कि पढ़ेलिखे लोग भी पेड़ों को बचाने के बजाय काटने पर तुले हैं. पेड़ों को ले  कर समाज में आज भी कई तरह की गलतफहमियां फैली हुई हैं. दरवाजे पर अशोक के पेड़ लगाना अपशकुन माना जाता है, पीपल का पेड़ अगर दरवाजे पर है तो सम िझए, आप के दरवाजे पर भूत का साया है.

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के एक गांव के किसान रामनारायण सिंह ने एक पंडित के कहने पर अपने घर के सामने लगे नारियल के पेड़ को कटवा दिया, क्योंकि पंडित के मुताबिक इस से उन के वंश पर बुरा असर पड़ रहा था.

रामनारायण सिंह के कोई औलाद न होने के चलते पंडित ने उन्हें बताया था कि जिस घर में नारियल के पेड़ होते हैं, वहां वंश की बेल रुक जाती है.

ऐसे ही तथाकथित पंडेपुजारी के  झांसे में आ कर एक शिक्षक ने अपने घर के पिछवाड़े में लगा कटहल का हराभरा पेड़ कटवा दिया, जबकि गुरुजी पास के एक स्कूल में बच्चों को पर्यावरण का पाठ पढ़ाते हैं.

गांव वालों में भी यह गलतफहमी फैली हुई है कि दरवाजे पर नारियल, नीम, कटहल, गूलर, बरगद, पीपल का पेड़ नहीं लगाना चाहिए. इस से घर पर बुरा साया पड़ जाता है और परिवार को हमेशा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उस के पास इसे साबित करने का कोई सुबूत नहीं है.

पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे डाक्टरी पेशे से जुड़े नीरज श्रीवास्तव इस बारे में कहते हैं कि पेड़पौधे कहीं से भी नुकसानदायक नहीं हैं. पर्यावरण

और मानव जाति के लिए तो पौधे हमेशा वरदान साबित हुए हैं. लेकिन कुछ लोग अंधविश्वास के जरीए लोगों के दिमाग को भटका कर पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

धार्मिक अंधभक्ति

हमारे धर्मग्रंथों और तथाकथित धर्मगुरुओं ने लोगों के मन में पापपुण्य को ले कर ऐसी बातें भर दी हैं कि चाहे जितने पाप करो, पर अगर नदियों में डुबकी लगा कर देवीदेवताओं की पूजा और पंडितों को दान करोगे, तो सीधे स्वर्ग पहुंच जाओगे.

स्वर्ग जाने की कामना में भक्त नदियों के जल को प्रदूषित करने के साथसाथ पेड़पौधों को रौंद कर अपनेआप को धन्य सम झ रहे हैं.

महाशिवरात्रि पर बेलपत्र, शमि यानी सफेद कीकर की पत्तियों, गेहूं की बालें, चने की घेंटी, धतूरा चढ़ा कर हम पुण्य कमाने के चक्कर में टनों चीजें बरबाद तो कर ही रहे हैं, साथ ही पर्व के बाद कचरा बनती यही चीजें नदियों, तालाबों में बहा कर धड़ल्ले से हम पर्यावरण को भी गंदा कर रहे हैं.

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दशहरे पर सोना लूटने के नाम पर शमि के पत्तों की लूटखसोट की जाती है, तो कभी आंवला नवमी पर औरतों द्वारा पूजन के नाम पर उस के तने पर लपेटे जाने वाले धागे से आंवले के पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है.

धार्मिक कर्मकांड की दुकान सजा बैठे धर्म के स्वयंभू ठेकेदार सवा लाख शिवलिंग बनाने के नाम पर भक्तों से लाखों रुपए का चढ़ावा वसूलते हैं और फिर कार्यक्रम के बाद बड़ेबड़े ट्रकों में भर कर यही चीजें नदियों में छोड़ दी जाती हैं.

खास बात यह है कि बेसिरपैर की धार्मिक मान्यताओं और अंधविश्वास के नाम पर पर्यावरण को भी निशाना बनाया जा रहा है.

अंधविश्वास की जड़ें गांवदेहात के इलाकों के साथसाथ शहरी इलाकों में भी काफी गहराई तक अपना पैर पसारे हुए हैं. यह काम पंडेपुजारियों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है.

धर्म के दुकानदार भक्तों को बताते हैं कि सावन महीने के सोमवार को 1008 बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव खुश हो जाते हैं और भक्तगण बेल के पेड़ की बड़ीबड़ी डालियों को बेरहमी से काट लाते हैं.

ऐसा नहीं है कि लोग धर्म के प्रति आस्थावान हैं, बल्कि वे धर्म के डर के चलते यह ढोंग करते हैं. आज जहां देश के कई इलाकों में पीने के पानी का संकट है, वहीं दुर्गा उत्सव और गणेशोत्सव के नाम पर ज्यादा तादाद में प्रतिमाएं रखने की होड़ और प्लास्टर औफ पैरिस से बनी मूर्तियों के जल स्रोतों में विसर्जन की परंपरा आज पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी?है.

प्रथाएं और भी हैं

मध्य प्रदेश और बुंदेलखंड के तमाम गांवदेहातों में आज भी यह प्रथा प्रचलित है कि लड़केलड़कियों की शादी में मंडप के नीचे आम के पेड़ की लकड़ी से बने खाम यानी मंडप का उपयोग किया जाता है. मान्यता और रीतिरिवाज के अनुसार खाम के चारों ओर फेरे लेने का रिवाज है.

आज गांवदेहात में आम के पेड़ों का कत्लेआम कर के खाम के लिए लकड़ी काटी जाती है. मंडप बनाने के लिए आम और जामुन के पत्तों और डालियों का इस्तेमाल कर के उन्हें नुकसान पहुंचाया जाता है.

अंधविश्वास के नाम पर पेड़पौधों पर होने वाली यह बर्बरता चिंता की बात है. ऐसी परंपराओं को तोड़ने की हिम्मत गांव वालों के सामने किसी चुनौती से कम नहीं है.

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विज्ञान के आविष्कारों ने भले ही जिंदगी के हर क्षेत्र में अपनी दस्तक से तरक्की की इबारत लिख दी हो, पर हम अपने अंदर वैज्ञानिक सोच पैदा करने में नाकाम रहे हैं. धार्मिक कथापुराणों में लिखी गई अप्रमाणिक बातें आज भी लोगों के सिर चढ़ कर बोल रही हैं.

आज भी धार्मिक आस्था के नाम पर देवीदेवताओं को चढ़ाने वाली चीजों का उपयोग न केवल पेड़पौधों को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि पर्यावरण के संतुलन को भी प्रभावित कर रहा है. पेड़पौधे हमें छांव, फल, फूल देते हैं, पर हम पेड़ लगाने के बजाय उन का खात्मा करने पर तुले हुए हैं.

विज्ञान भी इस बात को सच साबित कर चुका है कि नीम, बरगद और पीपल वायुमंडल में औक्सिजन देते हैं. नीम का पेड़ कीटाणुनाशक है. जिस दरवाजे पर नीम का पेड़ है, वहां की हवा बिलकुल शुद्ध और जीवाणुमुक्त रहती है. इस से आसपास के लोगों को शुद्ध हवा के साथ संक्रामक बीमारियों से सुरक्षा भी मिल जाती है.

विज्ञान के इस युग में हम भले ही अंतरिक्ष को मुट्ठी में करने और चांद से ले कर मंगलग्रह तक घर बसाने की सोच रहे हों, लेकिन इस तरक्की के बावजूद हम दिमागी रूप से अब तक तरक्की नहीं कर पाए हैं और अंधविश्वास जैसी सामाजिक बुराइयों का साथ आज भी नहीं छोड़ पा रहे हैं.

अब तो अंधविश्वास के चलते पेड़पौधों और पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. जैसेजैसे विज्ञान तरक्की कर रहा है, वैसेवैसे अंधविश्वास पर हमारा विश्वास और भी मजबूत होता जा रहा है.

उम्मीद की किरण

मध्य प्रदेश की पिछली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने गांवगांव में करोड़ों रुपए वृक्षारोपण के नाम पर स्वाहा कर दिए, लेकिन कोई पौधा पेड़ की शक्ल नहीं ले पाया.

तमाम विरोधाभासों व अंधविश्वासों के बावजूद भी समाज में कुछ लोग ऐसे भी मौजूद हैं, जो न केवल अंधविश्वासों को तोड़ रहे हैं, बल्कि पर्यावरण की चिंता कर पेड़ लगाने का काम कर रहे हैं.

नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील की ‘कदम’ संस्था ने पिछले 15 सालों में हजारों पौधों को पेड़ बना कर खड़ा कर दिया है. जन्मदिन हो या वैवाहिक वर्षगांठ वगैरह अवसरों पर उत्सव मना कर ये पेड़ लगाए जा रहे हैं.

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इसी तरह साईंखेड़ा कसबे की ‘कल्पतरू’ संस्था ने पिछले 2 साल में 1,000 से ज्यादा पेड़ लगा कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लोगों को जागरूक करने का काम किया है. सालीचैका रेलवे स्टेशन की ‘वृक्षमित्र’ संस्था भी प्रकृति को हरियाली की चुनरी ओढ़ाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रही है. मौजूदा समय में इस तरह की कोशिशों की ही जरूरत है, जो धर्म की दुकानदारी को खत्म कर लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत कर सकें.

साल ‘2020’ में ऐसे सजेगी फिल्मी दुनिया

1 जनवरी की दस्तक से ही साल 2020 हम से रूबरू हो चुका है. फिल्मी दुनिया का पिछला साल किसी को रास आया, तो कोई एक अदद हिट फिल्म को तरस गया. फिल्म ‘कबीर सिंह’ में शाहिद कपूर की अदाकारी ने चौंकाया, तो वहीं अक्षय कुमार ने हिट पर हिट फिल्में दे कर मस्त माल बनाया. इतना ही नहीं, गंजे ‘बाला’ बने आयुष्मान खुराना ने सब को हंसाया. साथ ही, इस फिल्म से लोगों को सीख भी मिली कि अपनी शारीरिक कमजोरी का दुख मनाने का कोई फायदा नहीं है. आप जैसे हैं वैसे ही खूबसूरत हैं.

इस साल भी फिल्म कलाकारों में एकदूसरे से आगे निकलने की होड़ मचेगी. इन में से एक फिल्म है ‘83’. उम्मीद की जा रही है कि रणवीर सिंह की यह फिल्म 10 अप्रैल, 2020 को रिलीज होगी.

कबीर खान के डायरैक्शन में बनी इस फिल्म की कहानी साल 1983 में हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप और इस में भारत की ऐतिहासिक जीत से जुड़ी है. इस फिल्म में रणवीर सिंह के साथ उन की पत्नी दीपिका पादुकोण भी हैं.

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इस साल अक्षय कुमार की 4 बड़ी फिल्में आएंगी. मार्च महीने में वे रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ में पुलिस अफसर के किरदार में दिखाई देंगे, तो मई महीने में उन की फिल्म ‘लक्ष्मी बम’ रिलीज होगी. यह दक्षिण भारत की एक हौररकौमेडी फिल्म ‘कंचना’ का हिंदी रीमेक है. वहीं फिल्म ‘पृथ्वीराज’ में वे तलवार भांजते नजर आएंगे. इस फिल्म से विश्व सुंदरी मानुषी छिल्लर भी अपना फिल्मी डैब्यू कर रही हैं. फिल्म ‘बच्चन पांडे’ साल 2020 में क्रिसमस पर रिलीज हो सकती है. यह फिल्म साल 2014 में आई दक्षिण भारतीय फिल्म ‘वीरम’ का हिंदी रीमेक है.

पिछला साल रितिक रोशन के लिए भी उम्मीद की एक नई किरण ले कर आया था. उन की फिल्म ‘सुपर 30’ और ‘वार’ ने खूब नाम और दाम कमाया था. फिल्म ‘वार’ ने तो कमाई के नए रिकौर्ड बना दिए थे. साल 2020 में रितिक रोशन चौथी बार ‘क्रिश’ बन कर आएंगे.

टाइगर श्रौफ की साल 2020 में बहुचर्चित फिल्म ‘रैंबो’ 2 अक्तूबर को रिलीज हो सकती है. यह फिल्म हौलीवुड के फेमस ऐक्टर सिल्वैस्टर स्टैलोन की फिल्म ‘रैंबो’ पर बनी बताई जा रही है.

इस फिल्म को फिल्मकार साजिद नाडियाडवाला बना रहे हैं. इस से पहले टाइगर श्रौफ और श्रद्धा कपूर की फिल्म ‘बागी 3’ मार्च महीने में आ सकती है. इस फिल्म का डायरैक्शन अहमद खान करेंगे.

इतना ही नहीं, अपने जमाने की हिट फिल्म रही ‘सड़क’ का सीक्वल 25 मार्च को ‘सड़क 2’ नाम से आएगा. इस फिल्म में आलिया भट्ट, संजय दत्त और आदित्य रौय कपूर अहम किरदारों में हैं. इस फिल्म का डायरैक्शन महेश भट्ट ने किया है.

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रणबीर कपूर और वाणी कपूर की फिल्म ‘शमशेरा’ 31 जुलाई को रिलीज होगी. यह यशराज बैनर की एक बड़े बजट की फिल्म बताई जा रही है.

बड़ी फिल्मों की बात हो और करण जौहर का जिक्र न आए, ऐसा कैसे हो सकता है. वे ‘तख्त’ नाम की एक बड़ी और बहुत ज्यादा फिल्म सितारों की फिल्म बना रहे हैं, जिस में रणवीर सिंह, करीना कपूर, आलिया भट्ट, भूमि पेडनेकर, जाह्नवी कपूर, अनिल कपूर और विकी कौशल होंगे. इस फिल्म में जाह्नवी कपूर और अनिल कपूर की चाचाभतीजी की जोड़ी पहली बार नजर आएगी.

फिल्म ‘तानाजी: द अनसंग वारियर’ में अजय देवगन को एक योद्धा के रूप में दिखाया गया है. इस फिल्म को साल 1670 में हुए सिंहगढ़ युद्ध पर फिल्माया गया है, जिस में तानाजी मालुसरे ने लड़ाई लड़ी थी. यह फिल्म 24 जनवरी, 2020 को रिलीज हो सकती है. इस फिल्म के डायरैक्टर ओम रावत हैं. इस फिल्म में अजय देवगन के साथ काजोल, सैफ अली खान और जगपति बाबू भी हैं.

फिल्म ‘छपाक’ में एसिड अटैक की पीडि़ता लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी को दिखाया गया है. इस फिल्म में लक्ष्मी अग्रवाल का रोल दीपिका पादुकोण ने निभाया है, जो 10 जनवरी, 2020 को रिलीज हो सकती है. मेघना गुलजार ने इस फिल्म का डायरैक्शन किया है.

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वरुण धवन की फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर’, ‘रणभूमि’ और ‘कुली नंबर 1’, कंगना राणावत की फिल्म ‘पंगा’, आदित्य रौय कपूर की फिल्म ‘मलंग’, आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘चेहरे’ और ‘गुलाबो सिताबो’ भी इसी साल रिलीज हो सकती हैं.

नागरिकता कानून पर बवाल

देशभर में नागरिकता कानून में बदलाव से अफरातफरी मची हुई है. जिस वाहवाही की उम्मीद भाजपा सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा था वह उसे नहीं मिली. यह बदलाव मोटेतौर पर पाकिस्तान, बंगलादेश व अफगानिस्तान से आने वाले हिंदुओं को जल्दी भारतीय नागरिकता देने के लिए बना है. इन देशों में से बंगलादेश से तो हिंदू आते रहे हैं, पर पाकिस्तान व अफगानिस्तान से नाम के हिंदू ही आते हैं.

भाजपा और भगवा जमात की सोच यह है कि पाकिस्तान का नाम ले कर कभी भी इस देश के लोगों को बहकाया जा सकता है. पिछली मई में हुए चुनावों में भाजपा ने पाकिस्तान को ही निशाने पर ले कर बात की थी. बहुत पहले जब इंदिरा गांधी का सिंहासन डोल रहा था तब भी उन्होंने विदेशी हाथ का शिगूफा छेड़ा था और जिस का मतलब रूस या अमेरिका से नहीं था, पाकिस्तान से था. भाजपा कांग्रेस की कारगुजारियों की एकएक बात बारीकी से बहसों में दोहराती है पर वह विदेशी हाथ की बात नहीं करती, क्योंकि आज भाजपा यही कर रही है.

इस बदले कानून में पाकिस्तान का नाम इसलिए लिया गया है कि भारत का हिंदू वोटर भुलावे में रहे कि पाकिस्तान में तो हिंदुओं के साथ बहुत बुरा हो रहा है और वे डर कर भाग रहे हैं. बदले में वे अगर भारतीय मुसलमान को सताएं तो यह सही ही होगा.

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इस प्रकार का बदले का रिवाज सदियों से चल रहा है. दूर कहीं एक धर्म या जाति के लोग कुछ करें तो उन का बदला कहीं और निर्दोषों से लेना आदमी की आदत है. पुलिस ऐसे मामलों में कुछ नहीं करती, यह तो सब जानते हैं. इस नए कानून से एक हथियार हरेक आम हिंदू को मिल जाएगा कि वह किसी भी मुसलिम से पूछताछ करने लगे चाहे उस के पास कोई अधिकार है या नहीं.

बजाय मिल कर देश को बनाने के अब बिगाड़ने का काम शुरू हो गया है. देश की माली हालत खराब है. मंदी छाई हुई है. बिक्री घट रही है. बेरोजगारी बढ़ रही है. प्याज तक के दाम आसमान पर हैं, पर भाजपा सरकार को कश्मीर के अनुच्छेद 370, तीन तलाक, नागरिकता बिल, राम मंदिर, नमामि गंगे, चारधाम, पटेल की मूर्ति, रामसीता की मूर्ति की पड़ी है.

देश में अगर कुछ हो रहा है तो पुलिस का काम हो रहा है. कश्मीर हो, उत्तरपूर्व हो, असम हो, हैदराबाद में रेप हो, उन्नाव में लड़कियों को जलाना हो, पुलिस ही पुलिस दिखती है. लगता है 2014 और 2019 में हम ने देश को बनाने के लिए नहीं देश में पुलिस राज बनाने के लिए सरकारें चुनी थीं.

नागरिकता कानून में बदलाव आम आदमी को देगा कुछ नहीं, पर बेबात का संकट पैदा कर देगा. लंगड़े देश की बैसाखी भी तोड़ दी जाएगी. इस में सब से ज्यादा बुरा उन किसानों, कारखानों के मजदूरों, हुनरमंद लोगों, औरतों, जवानों का होगा जिन का कल काला होता नजर आ रहा है.

अगर कुछ चमचमा रहा है तो मंदिर और पूजापाठ का धंधा जिस में पहले केवल ऊंची जातियों के लोग जाते थे, अब पिछड़े भी धकेले जा रहे हैं और वे कामधंधे छोड़ कर अलख जगाने में लग गए हैं.

मौत के मकान

दिल्ली में 45 लोगों की संकरी गलियों में बने गोदाम में आग लगने से हुई मौतों पर भाजपा और आम आदमी पार्टी एकदूसरे और गोदाम मालिकों पर चाहे जितनी तूतूमैंमैं कर लें, सच बात तो यह है कि दिल्ली जैसे शहर में मजदूरों के पास रहने की जगह तक नहीं है और उन्हें संकरी गलियों में एकदूसरे से सटे बने मकानों में जो गोदामों की तरह इस्तेमाल होते हैं, काम भी करना होता है और वहीं रहना होता है. उन की जिंदगी उन चूजों की तरह होती है जिन्हें आटोरिकशा, ट्रकों पर लाद कर पौल्ट्री फार्म से मंडियों तक ले जाया जाता है और फिर काट कर खा लिया जाता है.

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ये 45 लोग खुशी से उस गोदाम में नहीं रह रहे थे जहां पुरानी वायरिंग थी, सामान भरा था, छोटी खिड़कियां थीं, गुसलखाने नहीं थे, शौच का आधाअधूरा इंतजाम था. वे गुलाम भी नहीं थे. वे आजाद थे और कहीं भी जा कर रह सकते थे, पर उन्हें वहीं रहना पसंद आया, क्योंकि छत भी मिली, रोजाना रोजगार भी मिला.

देश की 60-70 फीसदी आबादी ऐसे ही रह रही है. यह वह आबादी है जो अछूत नहीं मानी जाती. ये लोग पिछड़ी जातियों के हैं पर आज 70 साल की आजादी और 150 साल की तकनीक के बावजूद जंगलों में रहने की तरह रह रहे हैं. अब जंगल शहरी हो गए हैं, उतने ही खतरनाक.

उत्तर प्रदेश, बिहार,  झारखंड से आए ये मजदूर 500-600 रुपए की दिहाड़ी में इतना ही कमा पाते हैं कि अपना पेट भर सकें, कुछ पैसे घर भेज सकें. ये अपना मकान अलग ले कर नहीं रह सकते, आनेजाने का खर्च नहीं उठा सकते. देशभर में फैली भयंकर बेकारी, गरीबी, अनपढ़ता उन की इस हालत के लिए जिम्मेदार है, न भाजपा की नगरनिगम, न अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार, न पिछली सरकारें और न ही गोदाम मालिक.

इन गोदामनुमा फैक्टरियों में स्कूल बैग बनते हैं, कपड़े सिले जाते हैं, बाइडिंग होती है और यहीं कारीगर सो जाते हैं, क्योंकि वे कहीं और नहीं जा सकते.

यह देश के कर्णधारों की गलती है, अमीर और गरीब के बीच की बढ़ती खाई का नतीजा है. पूरे देश ने किस्मत और पूजापाठ पर भरोसा करना शुरू कर दिया है, मेहनत पर नहीं. देश में गरीबों को, पिछड़ों को, दलितों को पिछले जन्मों के पापों का फल भोगना माना जा रहा है. घंटेघडि़याल बजाए जा रहे हैं, मंदिर बनाए जा रहे हैं, फैक्टरियां नहीं, मजदूरों के घर नहीं. इसलिए जो हुआ होना ही था, होता रहेगा, क्योंकि देश की हालत दिन ब दिन बिगड़ रही है, सुधर नहीं रही.

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‘गुमनाम हो जाते हैं लेटलतीफ’ – कनक यादव

भोजपुरी सिनेमा के बढ़ते दर्शकों के पीछे की एक बड़ी वजह अच्छी कहानी और नई तकनीकी पक्ष में बदलाव आने के साथ ही मंजे कलाकारों का इन फिल्मों की तरफ रु झान भी रहा है. अब भोजपुरी सिनेमा 2,000 करोड़ रुपए हो गया है. अब एक फिल्म का बजट 75 लाख रुपए से एक करोड़ के बजाय 2 करोड़ रुपए होने लगा है. कुछ सितारों को 50 लाख रुपए मिलने लगे हैं. भोजपुरी हीरोइनों को भी अब अच्छा पैसा मिल रहा है. इन में कुछ तो अपनी और खूबसूरती की बदौलत भोजपुरी बैल्ट के दर्शकों में काफी चर्चित हैं. ऐसा ही एक नाम है कनक यादव का.

उत्तर प्रदेश के कानुपर की रहने वाली कनक यादव इन दिनों कई भोजपुरी फिल्मों में अपनी ऐक्टिंग का जलवा बिखेरती नजर आ रही हैं.

उन के पास बतौर लीड हीरोइन कई फिल्में भी हैं. कुछ फिल्मों की शूटिंग उन्होंने हाल ही में पूरी की है.

एक मुलाकात में कनक यादव से उन के फिल्मी सफर को ले कर लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उस के खास अंश :

सुना है कि आप फिल्मों में आना नहीं चाहती थीं, फिर भोजपुरी फिल्मों की तरफ रु झान कैसे हो गया?

वाकई, मैं हीरोइन नहीं बनना चाहती थी. फिल्मों में तमाम कामयाब हीरोइनों का कहना है कि उन का बचपन से सपना था डांस करना और फिल्मों में काम करना. लेकिन मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं था, क्योंकि मेरा फैमिली बैकग्राउंड ऐसा नहीं था कि मैं डांस करूं.

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मेरे परिवार में ज्यादातर सभी लोग सरकारी नौकरी में थे, इसलिए मेरे पापा भी चाहते थे कि मैं भी सरकारी नौकरी करूं. लेकिन पढ़ाई के दौरान एकाएक साल 2008 में मेरे सामने नोएडा में रहते हुए ‘मिस नोएडा कौंटैस्ट’ में हिस्सा लेने का औफर आया, जिस में पापा की रजामंदी मिलने के बाद मैं ने हिस्सा लिया और मैं रनरअप रही.

इस के बाद मैं ने कई रैंप शो, आटो ऐक्सपो में शिरकत की. उन दिनों मैं मौडलिंग में फेमस हो गई थी. इसी बीच मेरे सामने दूरदर्शन से एक धारावाहिक में काम करने का औफर आया, जिसे मैं मना नहीं कर सकी. दूरदर्शन पर ‘नैंसी’ नाम से आए इस धारावाहिक में मैं ने बहुत ही अहम रोल किया था.

इस के बाद मु झे कई सीरियल मिले. मु झे  ‘जयजय बजरंग बली’, ‘महिमा शनिदेव की’, ‘गौतम बुद्ध’, ‘पुनर्विवाह’, ‘बालिका वधू’, ‘क्राइम पैट्रोल’ व ‘सावधान इंडिया’ में काम करने का मौका मिला. यहीं से मेरे ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत हो गई थी.

भोजपुरी में बतौर लीड पहली फिल्म कौन सी रही?

भोजपुरी में लीड रोल में मेरी पहली फिल्म ‘रब्बा इश्क न होवे’ थी. इस फिल्म में मुझे भोजपुरी के जानेमाने हीरो अरविंद अकेला ‘कल्लू’, अवधेश मिश्रा, मनोज सिंह ‘टाइगर’, देव सिंह सरीखे कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला.

क्या आप ने फिल्में भी प्रोड्यूस की हैं?

जी बिलकुल. मैं एक हीरोइन होने के साथसाथ फिल्म प्रोड्यूसर भी हूं और मैं ने खुद की पहली फिल्म, जिसे दर्शकों का ढेर सारा प्यार मिला था, को प्रोड्यूस किया था.

फिल्म इंडस्ट्री से सीखी गई वह बात, जो आप के लिए सब से ज्यादा माने रखती है?

मैं ने ऐक्टिंग के क्षेत्र में आने के बाद जो सब से अहम बात सीखी, वह है टाइम मैनेजमैंट. इस के बिना आप जिंदगी में कभी भी कामयाब नहीं हो सकते हैं चाहे वह फिल्म इंडस्ट्री हो या कोई दूसरा क्षेत्र. यहां आने के बाद मैं ने सीखा कि कैसे समय से सैट पर आना है और अपने काम को समय पर पूरा करना है. फिल्म इंडस्ट्री में समय का खयाल रखने वाले काफी ऊंचाइयों पर पहुंचे हैं और जो लोग लेटलतीफी के शिकार हुए, वे गुमनामी की गलियों में कहीं खो गए.

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क्या आप ने हिंदी फिल्मों में भी काम किया है?

जी, मेरे कैरियर की शुरुआत हिंदी फिल्म ‘द लास्ट टारगेट’ से हुई थी. इस में मैं ने लीड रोल में एक ईसाई लड़की का किरदार निभाया था, जो किसी वजह से रिलीज नहीं हो पाई. फिल्म ‘क्या सुपर कूल हैं हम’ में मैं ने तुषार कपूर के साथ एक अहम रोल निभाया था. जो पहला सीन था, उस में मैं पारो के रोल में थी.

क्या वजह है कि भोजपुरी सिनेमा जगत में आप के चाहने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है?

यह तो दर्शक ही बता पाएंगे. जहां तक भोजपुरी मे मेरे चाहने वालों की तादाद का सवाल है, तो मु झे लगता है कि उन्हें मेरी ऐक्टिंग पसंद आती है.

लोग कहते हैं कि आप बहुतकुछ नया करती रहती हैं. इस की क्या वजह है?

यह सच है कि मु झे अपनी जिंदगी में नया करना बहुत पसंद है. मैं कभी अपनेआप को खाली नहीं देख सकती. मु झे कुछ नया काम करते रहना है. अगर मैं खाली बैठी रहती हूं तो कविता ही लिखने लग जाती हूं. मैं हर समय कुछ नया करने की जुगत में लगी रहती हूं.

एक फिल्म प्रोड्यूसर के तौर पर आपकी नजर में भोजपुरी सिनेमा में जो क्रिएटिविटी होनी चाहिए, वह पूरी तरह से है या इस पर अभी और काम करने की जरूरत है?

अभी भोजपुरी सिनेमा में कंटैंट से ले कर ऐक्टिंग, तकनीक, लोकेशन हर क्षेत्र में और क्रिएटिविटी लाने की जरूरत है. अभी भोजपुरी फिल्में उस मुकाम पर नहीं पहुंच पाई हैं कि वे हिंदी फिल्मों को मात दे सकें. अगर भोजपुरी फिल्मों को हिंदी फिल्मों की श्रेणी में लाना है, तो फिल्म बनाने में क्रिएटिविटी पर खास ध्यान देना होगा.

निजी जिंदगी में आप का सब से अच्छा दौस्त कौन है?

मेरे पापा मेरे सब से अच्छे दोस्त हैं. मैं उन से कोईर् भी बात नहीं छुपाती हूं. मु झे जो भी कहना होता है, खुल कर कह देती हूं. उन्हें मु झ पर पूरा भरोसा है. एक दोस्त की तरह उन्हें यह भी पता है कि मु झे कुछ भी होगा तो मैं उन्हें बता दूंगी. मैं किसी से भी मिलती हूं तो मेरे पापा को पता होता है कि मैं उसे कब मिली थी, कैसे मिली थी.

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सपनों के राजकुमार के बारे में आप ने क्या सोचा है?

देखिए, अभी तो मैं ने इस इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई है. अभी तो मु झे बहुतकुछ करना है. मुकाम पर पहुंचने के बाद ही सपनों के राजकुमार के बारे में सोचूंगी.

साफ शब्दों में कहूं तो अभी शादी करने का मेरा कोई इरादा नहीं है. और अभी ऐसा मेरी जिंदगी में कोई नहीं है.

मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं पर मेरे घर वाले इस के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 15 साल है. मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं, पर मेरे घर वाले इस के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं. वे चाहते हैं कि मैं सरकारी नौकरी करूं और अपना ध्यान पढ़ाई पर ही रखूं. मैं बहुत दुविधा में हूं और क्रिकेट को नहीं छोड़ पा रहा हूं. मैं क्या करूं?

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जवाब-

आप के घर वाले ठीक कह रहे हैं, क्योंकि क्रिकेट में कैरियर बनने की कोई गारंटी नहीं है. लाखोंकरोड़ों में से इनेगिने लड़कों को मौका मिल पाता है और उस के लिए भी खूब पापड़ बेलने पड़ते हैं.

क्रिकेट में वक्त ज्यादा बरबाद होता है और आखिर में हाथ कुछ नहीं लगता. यह न सोचें कि आप सचिन तेंदुलकर या विराट कोहली बन ही जाएंगे, पर पढ़ाई में मन लगाएंगे तो कुछ न कुछ बनने की गारंटी जरूर है, इसलिए घर वालों की बात मान लेने में ही आप की भलाई है.

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भोजपुरी क्वीन मोनालिसा ने शेयर किया ये VIDEO, बार-बार देख रहे हैं फैन्स

भोजपुरी क्वीन मोनालिसा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी कई वीडियोज और फोटोज शेयर करती रहती हैं. हाल ही में मोनालिसा ने अपना नया वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में मोनालिसा, वरुण धवन और श्रद्धा कपूर की फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर’ के ‘मुकाबला’ गाने पर डांस कर रही हैं.

‘मुकाबला’ गाने पर किया धमाकेदार डांस…

इस वीडियो में मोनालिसा वाकई ज़बरदस्त डांस कर रही हैं. उनके एक्सप्रेशन भी काफी शानदार हैं. मोनालिसा के इस वीडियो को काफी पसंद किया जा रहा है. वैसे मोनालिसा को डांस करने का काफी शौक है. वो अपने डांस के कई वीडियोज शेयर करती रहती हैं. इतना ही नहीं, सेट पर जब भी काम से ब्रेक मिलता है तो उस समय भी वो डांस करती हैं.

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Can’t Control Dancing On This Iconic Song And The Iconic Step…. #Muqabla #song #masti #fun #selfie #video #onset

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वेस्टर्न लुक्स में बरपाती हैं कहर…

मोनालिसा जितनी खूबसूरत ट्रेडिशनल लुक्स में लगती हैं, उतनी ही हॉट वो वेस्टर्न लुक्स में लगती हैं. मेवाड़ियां के फैन्स को उनका ग्लैमरस अंदाज सबसे ज़्यादा पसंद है.

बाथटब वीडियो भी हुआ था वायरल…

इससे पहले मोनालिसा ने अपना बाथटब वीडियो शेयर किया था जो उनके शो नजर से जुड़ा था. मोनालिसा का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.

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Candles, Music , Bubbles, Bliss … #shoot #workmodeon #nazar #upcoming #waterbaby

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मोनालिका की प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो इन दिनों वो शो नजर में काम कर रही हैं. इस शो में मोनालिसा एक डायन का किरदार निभा रही हैं. मोनालिसा के इस कैरेक्टर को फैन्स खूब पसंद कर रहे हैं.

वैसे बता दें कि मोनालिसा भोजपुरी सिनेमा के हर बड़े कलाकार के साथ काम कर चुकी हैं. भोजपुरी स्टार पवन सिंह के साथ उनकी जोड़ी को फैन्स काफी पसंद करते हैं.

 

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Tonight 🔥🔥… #nazar at 11pm on @starplus

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मोनालिसा 100 से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों में काम कर चुकी है. भोजपुरी सिनेमा में उन्हें काफी पसंद किया जाता है. इतना ही नहीं वह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में सबसे मोटी फीस लेने वाली एक्ट्रेस है. फैंस उनके भोजपुरी फिल्म में जल्द ही कमबैक करने का इंतजार कर रहे हैं.

अमेरिकी एयर स्ट्राइक में ईरानी जनरल सुलेमानी की मौत, तेहरान-वाशिंगटन के बीच भयंकर तनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर किए गए  हवाई हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के विशिष्ट कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी की हुई मौत हो गई. अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद दोनों मुल्कों के बीच तनाव भी भयंकर बढ़ गया है. उधर ट्रंप भी झुकने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं और इधर भी बदले की बात कही जा रही है. अमेरिका ने हमला क्यों किया? इसका जवाब भी बदला ही है. कुछ दिनों पहले ईरान में अमेरिकी दूतावास पर हमला किया गया था. इससे पहले भी ईरान के अमेरिकी मरीन्स को निशाना बनाया गया था, जिसकी अगुवाई सुलेमानी ही कर रहे थे.

अब सुलेमानी की मौत से भड़के ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनी ने बदला लेने का संकल्प लिया है. आईआरजीसी ने कहा कि हशद शाबी या इराकी पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (पीएमएफ) के डिप्टी कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी सुलेमानी के साथ गुरुवार रात अमेरिकी हमले में मारे गए थे. बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट रोड पर उनके वाहन को निशाना बनाया गया.

तेहरान स्थित प्रेस टीवी के अनुसार, यहां जारी एक बयान में खामेनी ने कहा कि “धरती के सबसे क्रूर लोगों ने’ ‘सम्मानीय’ कमांडर की हत्या की, जिन्होंने दुनिया की बुराइयों और डकैतों के खिलाफ साहसपूर्वक लड़ाई लड़ी.” उन्होंने कहा, “उनके निधन से उनका मिशन नहीं रुकेगा, लेकिन जिन अपराधियों ने गुरुवार रात जनरल सुलेमानी और अन्य शहीदों के खून से अपने हाथ रंगे हैं, उन्हें जरूर एक जबरदस्त बदले की, अंजाम भुगतने की प्रतीक्षा करनी चाहिए.”

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खामेनी ने कहा कि जारी लड़ाई और अंतिम जीत की उपलब्धि हत्यारों और अपराधियों की जिंदगी को और दुश्वर बना देगी. सुलेमानी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के अलावा, खामेनी ने तीन दिनों का शोक भी घोषित किया. सुलेमानी की मौत की खबर की पुष्टि पेंटागन ने भी की है.

समाचार एजेंसी एफे ने पेंटागन के बयान के हवाले से कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्देश पर विदेश में रह रहे अमरीकी सैन्यकर्मियों की रक्षा के लिए कासिम सुलेमानी को मारने का कदम उठाया गया है.” पेंटागन ने आगे कहा, “यह हवाई हमला भविष्य में ईरानी हमले की योजनाओं को रोकने के मकसद से किया गया. अमेरिका अपने नागरिकों की रक्षा के लिए, दुनियाभर में भी चाहे वे जहां भी हैं. सभी आवश्यक कार्रवाई करना जारी रखेगा.”

लेकिन एक ट्वीट में, ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने हमले को ‘बेहद खतरनाक और मूर्खतापूर्ण’ हरकत करार दिया और कहा कि वह अपनी इस तरह की हरकत के लिए परिणामों का जिम्मेदार खुद होगा. आईआरजीसी के पूर्व कमांडर मोहसिन रेजाई ने कहा कि ईरान इसका बदला अमेरिका से जरूर लेगा.

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बीबीसी के मुताबिक, सुलेमानी 1998 से ही ईरान के कुद्स फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे. आईआरजीसी की यह विशिष्ट इकाई विदेशों में गुप्त अभियानों का संचालन करती है, और यह सीधे देश के सर्वोच्च नेता खामेनी को रिपोर्ट करती है. मंगलवार रात बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला किए जाने के बाद वाशिंगटन और तेहरान के बीच बढ़े तनाव के बीच गुरुवार रात यह हमला हुआ.

बिकिनी पहन ये एक्ट्रेस हुईं बुरी तरह ट्रोल, देखें फोटोज

मशहूर गायिक सोना महापात्रा इन दिनों बिकनी फोटो में धमाल मचा रहीं हैं. उन्होंने समुद्र और पत्थरों के बीच बिकनी में कई खूबसूरत पोज दिए हैं. जिन्हें पिछले 4 दिनों से अपने इन्स्टाग्राम पेज पर शेयर कर रहीं थी. उसी श्रृंखला में उन्होंने चार जनवरी को अपनी लास्ट फोटो शेयर की है. वहीं सोना के बिकनी फोटो शेयर करने के बाद ट्रोल करने वाले उनके पीछे पड़ गए हैं.  कुछ ट्रोलर्स तो उनके स्विम सूट वाले पोज की तारीफ करते नजर आए तो कई ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कमेंट करना शुरू कर दिया है. कई ने तो इमोजी बना कर भी ट्रोल किया है.

सपना भवनानी ने सोना को ट्रोल करते हुए लिखा…

हेयर स्टाइलिस्ट सपना भवनानी भी सोना पर तंज कसने में पीछे नहीं रही और उन्होंने लिखा “थक गई हूं इन औरतों से जिन्हें छोटे कपड़े पहनकर ये लगता है कि ये फेमिनिज्म है.” इसके बाद सोना और सपना में बहस शुरू हो गई. जिस पर सोना महापात्रा ने सपना को जबाब देते हुए लिखा की “शायद वो जगह जहां तुम बड़ी हुई हो और जहां से तुम आती हो, दुनिया और देश के ज्यादातर इलाकों में ये चीजें लिब्रल नहीं हैं”. वहीं  सोना ने ट्रोलर्स को जबाब देते हुए अपने ट्विटर पेज पर लिखा है की “मैं किसी भी एक विशेष खांचे में फिट होने से इनकार करती हूं. ठीक वैसे ही जैसे मैने अपने पेट पर काम करने से इनकार कर दिया था.”

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फिर #MeToo का आरोप क्यों…

 

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One with the earth, sky & water. One with nature. #HappyNewYear #2020 #2020vision #SonaOnTheRocks

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उनके हौट फोटो शेयर करने पर ट्रोल होने के पीछे का एक कारण उनके द्वारा इंडियन आइडियल के जज रहे अनु मलिक पर मी टू आरोप लगाए जाना भी रहा है. शेयर किए गए बिकनी फोटो के साथ सोना ने लिखा है “मैंने कल कुछ #SonaOnTheRocks तस्वीरें साझा कीं और कईयों ने लिखा आप फूहड़ कपड़े पहनती हैं और फिर #MeToo का आरोप क्यों. कुछ लोगों ने लिखा है की आप एक अलग तरह की व्यक्तित्व हैं आप पर इस तरह के कपडे अच्छे नहीं लगते हैं.” कई लोगों ने उनके बिकनी फोटोज शेयर करने पर लिखा है की आप से ऐसी उम्मीद नहीं थी. लेकिन लोगों की प्रतिक्रियाओं पर सोना ने बहुत सुलझे तरीके से जबाब दिया है.

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वर्ष 2018 में अनु मलिक के खिलाफ #MeToo…

 

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I shared some #SonaOnTheRocks pics yesterday & many wrote in saying “wearing slut clothes & then saying #MeToo ?! “. Some felt let down, “thought you were a different type of person, didn’t expect this from you?! “. Many sent 😍, ❤️& 🔥too! I am grateful for all categories of people writing in. The first show themselves to the rest of the world & hopefully someone in their life’s will teach them the concept of ‘consent’ & how clothes or lack of them doesn’t justify anyone attacking a woman. The second category of people should throw away any notion of me living up to their idea of a intense, thinking, serious, loving & therefore only khadi or fully covered woman.. your Sanskari’pan or idea of ‘worthy woman’ is not mine, no apologies from me therefore. For the third lot who sent me love, right back at you!! You give me strength everyday. I refuse to fit in to any box, just like I refuse to suck in my well earned belly or clean up pics, or make myself ‘thin’ using unnatural means or with apps. 2020 here I Come!!! I hear the music. I hear a beat. From the universe around. From within. 🎶🎶 Own your spirit. Own your journey. Own your belly. Don’t suck any of it in.. BE #nofilter #bigbelly #strechmarks #pigmentation #noshame #noworries #notouchup #photoshop #ban #photoshopfail #free #body #love #eating #sweettooth #health #wellness #today #always #sonamohapatra

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सोना महापात्रा उस समय चर्चा में आई थी जब उन्होंने वर्ष 2018 में अनु मलिक पर यौन उत्पीडन का आरोप लगा कर उनके खिलाफ #MeToo का अभियान शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने अनु मलिक को रिएलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ के जज के पद से हटाने के लिए भी अभियान छेड़ा था. जिसके कारण चैनल ने उन्हें ‘इंडियन आइडल’ के जज के पद से  हटा दिया था .

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सोना ने अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा…

चैनल द्वारा अनु मलिक को जज पद से हटाए जाने की खबर सुन कर सोना ने अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा था की “मैं निष्पक्षता और न्याय के लिए लड़ रही थी. अब ये खबर सुन कर मुझे लगता है कि यह सभी की जीत है, सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि उन सभी महिलाओं की भी, जिनके साथ उन्होंने गलत व्यवहार किया. हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, यह शुरू हुई है. हम चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं.” वहीं जज पद से हटाये जाने के बाद अनु मलिक ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था की सोना महापात्रा द्वारा उनके ऊपर #MeToo के तहत लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं.

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सत्यमेव जयते में भी दिखाई दी थीं सोना महापात्र…

 

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सोना महापात्र ने कई जिंगल्स में अपनी आवाज दी है. उन्होंने क्लोजअप, टाटा नमक, जैसे एड के लिए भी जिंगल्स बनाए हैं. उनके द्वारा डेल्ही बेली में गाया गया एक गीत दर्शकों और श्रोताओं को खूब पसंद आया था. आमिर खान के चर्चित शो सत्यमेव जयते में भी उन्होंने अपनी परफौर्मेंस दी थी. जिसमें उनके द्वारा गाया गीत ‘मुझको क्या बेचेगा रुपैया’ आज भी बहुत सुना जाता है.

ऐसे में जब सोना महापात्रा ने अपनी बिकनी वाली हौट फोटो शेयर की है तो उनके प्रशंसकों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिलनी स्वाभाविक है. फिर भी उनके बिकनी वाले फोटो पर ढेर सारे लाइक और कमेन्ट मिल रहें हैं.

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Bigg Boss 13: सिद्धार्थ-असीम को खरीखोटी सुनाएंगे सलमान, काजोल के मुंह से निकलेगी गाली

बिग बौस शो के होस्ट और सबके फेवरेट यानी की बौलीवुड इंडस्ट्री के भाईजान सलमान खान के गुस्से से आज तक कोई नहीं बच पाया है. वीकेंड के वौर का सबी को बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकी इस दिन सलमान खान पूरे हफ्ते घर में हुए ड्रामो को लेकर सभी कंटेस्टेंट की क्लास लगाते दिखाई देते हैं. सबसे अच्छी बात ये है की सलमान के इस गुस्से के साथ साथ उनका मस्ती भरा अंदाज भी दर्शकों को देखने को मिलता है जो की सबको बहुत पसंद आता है.

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सलमान का गुस्सा फूटेगा इन 3 कंटेस्टेंट्स पर…

आज के वीकेंड के वौर में भी कुछ ऐसा ही नजर होने वाला है. आज के एपिसोड में सलमान खान का गुस्सा सांतवे आस्मान पर पहुंचने वाला है और उनका ये गुस्सा आज 3 कंटेस्टेंटस् पर बरसेगा जिसमें से असीम रियाज, रश्मि देसाई और सिद्धार्थ शुक्ला का नाम शामिल है. बिग बौस के मेकर्स द्वारा रिलीज किया गया एक प्रोमो सामने आया है जिसमें सबसे पहले कंटेस्टेंट असीम रियाज सलमान के गुस्से का निशाना बनेंगे. सलमान असीम से कहते दिखाई देंगे कि, “तुम घर में कर क्या रहे हो तुमने सिद्धार्थ शुक्ला के पिता को ‘क्राई बेबी’ क्यो बुलाया जब की तुम जानते हो कि उसके पित अब इस दुनिया में नहीं है”.

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असीम लगने लगे हैं सबको इरिटेटिंग…

सलमान की ये बात सुन असीम रियाज बिल्कुल चुप हो जाते हैं. इसके बाद सलमान असीम से कहते हैं कि वे अब सब लोगों को हद से ज्यादा इरिटेटिंग लगने लग गए हैं. इसके बाद सलमान खान का निशाने बनते हैं सिद्धार्थ शुक्ला. सलमान सिद्धार्थ को कहते हैं कि, “तुम गुस्से में अपनी सारी हदें पार कर देते हो. जब तुम गुस्से में होते हो तब तुम्हारी रियल पर्सनैलिटी सामने आ जाती है.” इसके बाद सलमान आते हैं रश्मि देसाई पर और कहते हैं कि, “तुम कैमरापर्सन्स को क्यों बार बार ताना मारती हो. अगर तुमको लगता है की शो में आपको नीचा दिखाया जा रहा है तो तुम ये शो किसी भी समय छोड़ कर जा सकते हो. मैं तुम्हारे लिए दरवाजा खोल देता हूं.”

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सलमान के सामने गाली दे बैठेंगी ‘काजोल’…

सलमान के इस गुस्से के बाद शुरू होती है उनकी मस्ती. आज के एपिसोड में उनके बेहद करीबी दोस्त एंट्री लेंगे. यानी की आज के शो में दिखाई देंगे अजय देवगन और काजोल जो कि अपनी फिल्म “ताना जी” को प्रोमोट करने आएंगे. इस दौरान सलमान खान अजय और काजोल के साथ अपने फेवरेट गेम खेलेंगे जिसमें वे काजोल के कान बंद कर उन्हें लिप्सिंग पहचानने को कहेंगे. लेकिन इस दौरान काजोल लिप्सिंग पहचानने में गलती कर बैठेंगी और उनके मुंह से गाली निकल जाएगी. आप प्रोमो में देख सकते है कि काजोल का गाली देना अजय और सलमान को कितना हसाएगा.

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इसी मस्ती में अजय देवगन और काजोल बिग बौस में सलमान खान के साथ खूब धमाल मचाते दिखाई देने वाले है.

नायरा को पता चलेगी वेदिका की सच्चाई, दादी के साथ मिलकर ऐसे करेगी पर्दाफाश

स्टार प्लस का पौपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है लंबे समय से दर्शकों को फेवरेट बना हुआ है. इस शो के दर्शकों को काफी समय से इस बात का इंतजार है कि आखिर कब कार्तिक और नायरा शादी के बंधन में बंधेंगे. जब भी कार्तिक और नायरा एक दूसरे के करीब आने लगते हैं उसी वक्त वेदिका की रचाई कोई ना कोई साजिश उन दोनो के रिश्ते को दूर ला कर खड़ा कर देती है.

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वेदिका ने कार्तिक के आगे रखी ये शर्त…

जैसा कि आपने पिछले एपिसोड्स में देखा कि दरगाह में नायरा का एक्सीडेंट हो जाता है जिसके बाद नायरा की हालत काफी बिगड़ जाती है. डौक्टर्स के अनुसार नायरा को जल्द से जल्द किडनी ट्रांस्प्लांट की जरूरत होती है और नायरा की किडनी सिर्फ वेदिका से मैच होती है. जब नायरा जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी और उसको सिर्फ वेदिका की किडनी बचा सकती थी तो ऐसे में वेदिका ने एक प्लैन बनाया और कार्तिक के आगे एक शर्त रखी.

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पल्लवी की वजह से कार्तिक की बात रह गई अधूरी…

वेदिका की शर्त ये थी कि वे नायरा की जान बचा तो लेगी पर इसके बदले कार्तिक को नायरा से अलग होना पड़ेगा यानी कि नायरा की जान बचाने की कीमत ये थी कि कार्तिक नायरा से कभी शादी नहीं करेगा. ऐसे में कार्तिक वेदिका से ये कहता है कि पहले वो ये सब बातें नायरा को बताना चाहता है उसके बाद ही वे ये शर्त मानेगा. लेकिन जब कार्तिक औप्रेशन थिएटर में नायरा के पास होता है तब वेदिका की दोस्त और नायरा की डौक्टर पल्लवी वहां कार्तिक को देख लेती है और उसे बाहर जाने को कहती है जिस वजह से कार्तिक नायरा ये वो बात नहीं कर पाता.

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नायरा और दादी सिखाएंगी सबक…

आने वाले एपिसोड्स में आप देखेंगे की जब नायरा कार्तिक के घर पहुंचेगी तब उसे वेदिका की सारी सच्चाई पता चल जाएगी जिसे सबसे पहले वे दादी को बताएगी. दादी और नायरा मिलकर कुछ ऐसा प्लैन बनाएंगे जिससे की वेदिका की सच्चाई सबके सामने आ जाएगी और उसे अच्छे से सबक भी सिखाएंगी. अब देखने वाली बात ये होगी की आखिर दादी और नायरा ऐसा क्या करने वाले हैं जिससे की वेदिका के होश उड़ जाएंगे.

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