Bigg Boss 13: हिना खान के सामने असीम ने की बद्तमीजी, सिद्धार्थ ने लिया ये बड़ा फैसला

बिग बौस सीजन 13 में घर के अंदर आए दिन किसी ना किसी बात को लेकर बवाल होना आम बात हो गई है और इसका कारण ये है कि इस सीजन की शुरूआत से ही कंटेस्टेंट हर दिन घर के अंदर भरपूर हंगामे करते दिखाई दिए हैं. बीते एपिसोड में बिग बौस ने घर के सदस्यों को एलीट मेंबरशिप पाने का एक टास्क दिया था जिसका संचालक बिग बौस ने असीम रियाज को बनाया था.

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असीम ने की अपने टीम मेंबर को बचाने की कोशिश…

एलीट मेंबरशिप टास्क के दौरान विशाल आदित्य सिंह घोड़े से उतर कर फिर से बैठे थे जिसकी अनुमती बिग बौस ने नहीं दी थी. सिद्धार्थ ने जब असीम को बोला कि विशाल घोड़े से उतरा है तो असीम ने इस बात से साफ इंकार कर दिया और कहा कि उन्होनें विशाल को उतरते हुए नहीं देखा है. ऐसे में साफ दिखाई दे रहा था कि असीम झूठ बोल रहे हैं और अपनी टीम को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

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सिद्धार्थ-असीम की लड़ाई पहुंची धक्का मुक्की तक…

सिद्धार्थ असीम की इस हरकत को देख काफी गुस्से में आ गए और असीम और सिद्धार्थ की इस मुद्दे को लेकर जमकर बहस होने लगी. हर बार की तरह इस बार भी सिद्धार्थ और असीम का झगड़ा सिर्फ बहस तक ही सीमित ना रहा बल्कि दोनो कंटेस्टेंट मुंह के साथ साथ हाथ भी चलाने लगे. इस दौरान बाकी कंटेस्टेंट इस झगड़े को शांत करने की पूरी कोशिश कर रहे थे.

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हिना खान लेंगी बिग बौस के घर में एंट्री…

असीम और सिद्धार्थ की लड़ाई इतनी बढ़ गई कि बिग बौस को ना चाहते हुए भी बीच में आने पड़ा और सिद्धार्थ और असीम को एक दूसरे से दूर रहने को कहा. बात करें आने वाले एपिसोड की तो शो के मेकर्स ने आज के एपिसोड का प्रोमो रिलीज किया है जिसमें हिना खान घर के अंदर एंट्री लेंगी और घर का एलीट मेंबर चुनेंगी.

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सिद्धार्थ चाहते हैं शो से निकलना…

आज के एपिसोड में असीम रियाज हिना खान के सामने सिद्धार्थ शुक्ला से बद्तमीजी करते दिखाई देंगे जिसकी वजह से सिद्धार्थ एक बार फिर अपना आपा खो देंगे. इसके बाग बिग बौस दोनो कंटेस्टेंट को कन्फैशन रूम में बुलाएंगे और उनसे पूछेंगे कि वे क्या चाहते हैं. इस दौरान सिद्धार्थ बिग बौस से ये कहते दिखाई देंगे कि वे असीम की हरकतों से तंग आ चुके हैं और वे ये शो छोड़ना चाहते हैं.

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अब देखने वाली बात ये होगी कि सिद्धार्थ शुक्ला और असीम रियाज की इन लड़ाइयों को देख बिग बौस क्या फैसला लेंगे.

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में लव के आते ही चढ़ा नायरा का पारा, जानें वजह

स्टार प्लस के सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है की बात करें तो दिन ब दिन इस सीरियल की टीआरपी (TRP) घटती जा रही है और शो के मेकर्स इस बात का काफी ध्यान रख रहे हैं और हर वे कोशिश कर रहे हैं जिससे कि शो की टीआरपी फिर से बढ़ जाए. अब बात करते हैं सीरियल की तो हम सब जानते हैं कि वेदिका की सच्चाई सबके सामने आते ही वे कार्तिक और नायरा की जिंदगी से बहुत दूर चली गई है.

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लव कुश की होने वाली है धमाकेदार एंट्री…

वेदिका के दूर जाते ही अब दर्शकों को इंतजार इस बात का है कि आखिर कब कार्तिक और नायरा शादी के बंधन में बंधेंगे और दूसरा इंतजार दर्शकों को इस बात का है कि शो में लव कुश की एंट्री कब देखने को मिलेगी. खबरों के अनुसार बहुत जल्द ही शो में लव कुश की धमाकेदार एंट्री होने वाली है और आने वाले एपिसोड्स में आप देखेंगे कि लव कुश बोर्डिंग स्कूल से वापस अपने घर आ चुके हैं.

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लड़की के साथ बद्तमीजी करता नजर आएगा लव…

ऐसा देखने में आ रहा है कि अब इस सीरियल की कहानी कार्तिक नायरा के साथ साथ लव कुश पर भी आ जाएगी क्योंकि रिपोर्ट्स के अनुसार लव काफी बिगडैल नजर आएगा तो वहीं दूसरी तरफ कुश काफी सुलझा हुआ और समझदार दिखाई देने वाला है. आने वाले एपिसोड्स में आप देखेंगे कि लव त्रिशा नाम की एक लड़की के साथ बद्तमीजी करता और उसके दुपट्टे को खींचता नजर आएगा तो वहीं दूसरी ओर कुश उसे ये सब करने से रोकेगा और समझाएगा कि ये सब करना नहीं है.

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क्या होगा नायरा का रिएक्शन…

सबसे खास बात इसमें ये रहेगी कि नायरा लव को ये सब करता देख लेगी और काफी गुस्से में आ जाएगी. ऐसे में देखना ये होगा कि आखिर नायरा लव की इस हरकत को देख कैसे रिएक्ट करेगी.

जानें क्यों नोरा ने फिल्म ‘Street Dancer 3D’ के एक सीक्वंस के लिए दिए 20 रीटेक्स

जो नोरा फतेही की क्षमता के बारे में जानते हैं, उनके लिए यह विश्वास करना कठिन होगा कि नोरा ने रेमो डिसूजा की फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर 3डी’ के इंट्रोडक्शन वाले डांस सीक्वंस में लगभग 20 टेक्स लिए. नोरा, जो कि वरुण धवन के साथ फिल्म में लीडिंग लेडी की भूमिका में हैं, उन्हें पूरी इंडस्ट्री में उनकी डांसिंग स्किल्स के लिए जाना जाता है.

फिल्म बाटला हाउस के ‘साकी-साकी’ और फिल्म सत्यमेव जयते के ‘दिलबर’ सौन्ग जैसे बेहतरीन गाने देने के बाद इस बार वह स्ट्रीट डांसर में और बड़ा धमाका करने को तैयार हैं. ऐसे में फिल्म में उनका इंट्रोडक्ट्री डांस सीक्वंस है, जिसमें उन्होंने वरुण के साथ संवाद भी बोला है, और इसकी शूटिंग लंदन में फिल्म की शूटिंग के पहले दिन ही हुई थी.

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नोरा ने बताया कि…

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नोरा कहती हैं कि- “शूटिंग खत्म होने के बाद रेमो सर ने बताया कि मैंने एक नया ही रिकौर्ड बनाया है. अब तक किसी एक्टर को इस तरह के सीक्वेंस को शूट करने के लिए इतने रिटेक्स की जरूरत नहीं पड़ी है. और उस दिन जितने भी हार्ड ड्राइव वह लेके आये थे, सब मेरे शौट्स से ही भर गए थे. आज सभी को वह पसंद आ रहा है, लेकिन यह इतना आसान नहीं था. मुझे इस सीक्वंस के लिए एक महीने तक प्रैक्टिस करनी पड़ी थी. लेकिन लंदन जाने से एक हफ्ते पहले कोरियोग्राफी और डांस स्टाइल बदल दिया गया था अचानक. मैं भी हैरान थी. क्योंकि मेरी टीम फिल्म में द रौयल्स बेहतरीन डांसर है और उन्हें अपना बेस्ट देना था और निसंदेह वह सभी बेहतरीन डांसर्स हैं भी.”

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फिजियोथेरेपी सेशंस की भी पड़ी जरूरत…

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नोरा ने इसी बारे में आगे बात करते हुए बताया कि- “रेमो सर ने मुझे कहा कि वह पूरे डांस सीक्वंस को सिंगल टेक में ओके करना चाहते हैं. लेकिन मैं मेंटली इस बात के लिए तैयार नहीं थी. इस डांस स्टाइल में आर्म्स और कोर स्ट्रेंथ चाहिए था. हालांकि मुझमें वह स्ट्रेंथ है, लेकिन इसके बावजूद मुझे अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आना ही पड़ा. मेरे दिमाग में इस बात को लेकर डर था कि, मैं अटक जाऊंगी. क्यूंकि मैं नई एक्टर हूं, तो ऐसे भव्य सेट अप में काम करना आसान नहीं था. इस बात के प्रेशर में मैंने कई सारे रिटेक्स दिए. फिल्म की शूटिंग के दौरान यहां तक कि मेरी पीठ और गर्दन में चोट भी आ गई थी. और सीन करने से पहले मैं फिजियोथेरेपी सेशंस ले रही थी.

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बता दें कि नोरा की यह फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर 3डी’ 24 जनवरी को रिलीज होने जा रही है.

देखें फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर 3डी’ का ट्रेलर-

उन्नाव कांड: पिछड़ी जाति की लड़की की प्रेम कहानी का दुखद अंत

उन्नाव कांड

उन्नाव में पिछड़ी जाति की लड़की का दुखद अंत गांव में लड़कियों की प्रेम कहानी के दर्द को बताता है, जहां लड़के किशोरावस्था में बिना जातबिरादरी को देखे प्यार कर लेते हैं. प्यार कर लेने के बाद दोनों के जिस्मानी संबंध भी बन जाते हैं. ऐसे में जब लड़की शादी के लिए कहती है, तो जाति और धर्म की दीवार खड़ी हो जाती है.

आज भी गांव की शादियों में जाति और धर्म सब से प्रमुख हो जाता है. सब से बड़ी बात तो यह है कि लड़कियां नोटरी शपथपत्र को ही कोर्ट मैरिज मानने की गलती कर लेती हैं, जिस को पुलिस कभी शादी का प्रमाणपत्र मान कर लड़की की मदद नहीं करती है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 60 किलोमीटर दूर उन्नाव जिले के हिंदूपुर गांव की रहने वाली नंदिनी (बदला नाम) पढ़ाई में बहुत अच्छी थी. वह 5 बहनों और 2 भाइयों में सब से छोटी थी. गांव के बाहरी हिस्से में उस का मकान था.

नंदिनी का घर गांव के गरीब परिवारों में पिछड़ी जाति की विश्वकर्मा बिरादरी में आता था. कच्ची दीवारें और धान के पुआल से बना छप्पर था. उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार द्वारा नंदिनी को मेधावी छात्रा के रूप में 12वीं जमात पास करने के बाद लैपटौप उपहार में दिया गया था.

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गरीब परिवार होने के चलते नंदिनी का गांव के प्रधान के घर आनाजाना था. उसे प्रधान के जरीए सरकारी योजना का फायदा मिल जाता था. गांव में नंदिनी के घर से कुछ ही दूरी पर शिवम द्विवेदी का परिवार रहता था. वह नंदिनी से उम्र में 2 साल बड़ा था.

प्रेम, छल और गुनाह

नंदिनी और शिवम के बीच प्रेम संबंध बन गए. कुछ समय बाद दोनों ने शादी करने की योजना बनाई. शिवम ने 19 जनवरी, 2018 में नंदिनी के साथ नोटरी शपथपत्र के जरीए शादी कर ली. नंदिनी अब घर से दूर रायबरेली जिले में रहने लगी.

कुछ समय बाद नंदिनी ने सार्वजनिक रूप से शादी करने का दबाव बनाना शुरू किया, तो शिवम ने खुद को बचाने का काम शुरू कर दिया. नंदिनी और शिवम के बीच संबंधों की जानकारी गांव में भी इन के परिवारों वालों को होने लगी, तो शिवम के घर वालों ने उस की अलग शादी का दबाव बनाना शुरू किया.

शिवम नंदिनी से बचने के लिए उस से दूर जाने लगा, तो नंदिनी ने उस को घेरने के उपाय शुरू कर दिए.

जब नंदिनी को लगा कि शिवम उस से दूर जाने की कोशिश कर रहा है, तो उस का प्रेम बदला लेने पर उतर आया.

नंदिनी को यह पता था कि गांव में उस का परिवार शिवम के घर वालों से मुकाबला नहीं कर पाएगा. शिवम का परिवार दबदबे वाला था. पुलिस और प्रशासन पर उस के परिवार का दबाव था. शिवम के परिवार का राजनीतिक असर था. ऐसे में नंदिनी ने कानून का सहारा लिया और अपने खिलाफ बलात्कार का मुकदमा लिखा दिया.

12 दिसंबर, 2018 को नंदिनी ने शिवम और अन्य के खिलाफ गैंगरेप करने का आरोप लगाया.

पुलिस ने इस आरोप को खारिज कर दिया. नंदिनी ने राज्य महिला आयोग और कोर्ट का सहारा लिया. कोर्ट और महिला आयोग की सिफारिश पर 5 मार्च, 2019 को गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ. इस के बाद लंबे समय तक पुलिस जांच का बहाना बनाती रही. आखिर में 19 सितंबर, 2019 को पुलिस ने शिवम को जेल भेजदिया.

30 नवंबर, 2019 को शिवम जेल से जमानत पर छूट कर आ गया. नंदिनी को इस बात की हैरानी थी कि इतनी जल्दी शिवम जमानत पर कैसे जेल से बाहर आ गया. उस ने अपने परिवार से यह बात बताई और कहा कि कल वह रायबरेली जा कर अपने वकील से मिल कर पता करेगी कि वह कैसे छूट हो गया है? रायबरेली जाने के लिए नंदिनी को कानपुर से रायबरेली जाने वाली ट्रेन सुबह 5 बजे मिलनी थी.

रेप के मुकदमे का बदला

3 दिसंबर, 2019 की सुबह नंदिनी ट्रेन पकड़ने के लिए घर से निकली. घर से रेलवे स्टेशन तकरीबन 2 किलोमीटर दूर था. नंदिनी सुबह 4 बजे घर से निकली. जाड़े का समय था. रास्ते में घना अंधेरा भी था.

नंदिनी के पिता ने उस को स्टेशन छोड़ने के लिए कहा, तो उस ने बूढ़े पिता की परेशानी को देखते हुए मना कर दिया. वह खुद ही घर से निकल गई.

गांव से रेलवे स्टेशन के रास्ते में कुछ रास्ता ऐसा था, जहां कोई नहीं रहता था. इसी जगह पर नंदिनी पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी गई. वह खुद को बचाने के लिए मदद की तलाश में दौड़ी, तो आग और भड़क गई और उस के कपड़े जल कर जिस्म से चिपक गए.

रास्ते में एक जगह कुछ लोग दिखे तो नंदिनी वहीं गिर पड़ी. लड़की के कहने पर रास्ते में रहने वालों ने डायल 112 को जानकारी दी.

शिकायत पर पहुंची पुलिस को लड़की ने जली हालत में पुलिस और प्रशासन को अपने ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर जलाने वालों के नाम बताए.

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90 फीसदी जली हालत में नंदिनी को पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और फिर देश की राजधानी नई दिल्ली इलाज के लिए ले जाया गया. जिंदगी और मौत के बीच 3 दिन तक जद्दोजेहद करने के बाद नंदिनी ने दम तोड़ दिया.

नंदिनी के पिता को दुख है कि घटना के दिन वे उसे रेलवे स्टेशन तक छोड़ने नहीं गए. वह अपनी लड़ाई खुद लड़ रही थी. इस वजह से वे आत्मविश्वास में थे. इस के पहले वे लड़की को रेलवे स्टेशन तक छोड़ने जाते थे.

नंदिनी की मौत हो जाने के बाद उस के परिवार वालों ने उस की लाश को दफनाने की सोची. उन का मानना था कि बेटी एक बार तो जल चुकी है, फिर उसे श्मशान घाट ले जा कर क्यों दोबारा जलाया जाए.

चरित्र हनन का आरोप

शिवम द्विवेदी और दूसरे आरोपियों के परिवार वाले इस घटना का तर्क देते हुए कहते हैं कि गुनाह उन के घर वालों ने नहीं किया, उन को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. वे कहते हैं कि लड़की को जलाने की घटना जिस समय की है, उस समय उन के लड़के घरों में सो रहे थे. पुलिस ने उन को सोते समय घर से पकड़ा है. अगर उन्होंने अपराध किया होता तो आराम से घर में सो नहीं रहे होते.

इन के समर्थक बताते हैं कि जेल से शिवम के छूटने के बाद लड़की ने उस को फिर से जेल भिजवाने की धमकी दी थी. इस के बाद खुद ही मिट्टी का तेल डाल कर खुद को जलाने का काम किया. ये लोग सोशल मीडिया पर इस बात का प्रचार भी कर रहे हैं कि शिवम को फंसाने और जेल भिजवाने के नाम पर 15 लाख रुपए लड़की मांग रही थी. इस में से 7 लाख रुपए शिवम के परिवार वाले दे भी चुके थे.

नंदिनी के भाई ने कहा कि उस की बहन पढ़लिख कर परिवार की मदद करना चाहती थी. शिवम के संपर्क में आ कर उसे इस हालत का सामना करना पड़ा. कानून मानता है कि मरते समय का दिया गया बयान सच माना जाता है.

सवाल उठता है कि उन्नाव कांड में लड़की जली हालत में लड़कों के नाम गलत क्यों बताएगी? उस समय तक लड़की यह सम झ चुकी थी कि उस की मौत तय है. वह सब से पहले अपने साथ हुई घटना की गवाही देना चाहती थी, जिस की वजह से उस ने पुलिस और प्रशासन के लोगों को बयान दिया. लड़की और लड़के के बीच शादी का नोटरी शपथपत्र हर बात को साफ करता है.

समाज और राजनीति आमनेसामने

उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला रेप और बलात्कार को ले कर पहले भी चर्चा में रहा है. भाजपा के विधायक कुलदीप सेंगर के समय मामला राजनीतिक था. अब दूसरी घटना में लड़की को जलाने के बाद मामला राजनीतिक कम सामाजिक ज्यादा बन गया है.

हालांकि कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को इस रेप कांड का कुसूरवार मान लिया है. उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

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एक तरफ समाज के लोग लड़की और उस को दिए गए संस्कारों को जिम्मेदार मान रहे हैं. उन्नाव में रेप की दूसरी घटना के चर्चा में आने के बाद विपक्ष को सत्ता पक्ष को घेरने का पूरा मौका मिल गया.

लोकसभा में बहस और हंगामा कर के मांग की जा रही है कि ‘महिला सुरक्षा दिवस’ मनाया जाए. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के बाहर प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव धरने पर बैठ गए. उन की पार्टी ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने का काम किया.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी लखनऊ के 2 दिन के दौरे से समय निकाल कर उन्नाव में लड़की के घर वालों से मिलने गईं.

उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले को हलका करने के लिए लड़की के घर वालों को मुआवजा देने का काम किया. लड़की के परिवार वालों को 25 लाख रुपए की माली मदद, गांव में 2 मकान और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया. उन्नाव के मामले के बाद तमाम ऐसी घटनाएं सामने आने लगीं. इन घटनाओं से समाज की हकीकत का पता चलता है. इस बार रेप कांड सामाजिक है. समाज उन्नाव जिले की घटना को प्रेमप्रसंग मान कर दरकिनार कर रहा है.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. यहां प्रेमप्रसंगों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ग्रहण करते ही ‘एंटी रोमियो दल’ बनाया था. मामला एक ही धर्म के लोगों का था. ऐसे में ‘एंटी रोमियो दल’ और पुलिस के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं थी.

धर्म आधारित सत्ता तो रामायण और महाभारत काल से ही छले जाने पर औरत को ही दोषी मानती थी. अहल्या का पत्थर बना दिया जाना, सीता का घर से निकाला जाना और कुंती का बेटे को छोड़ने जैसी बहुत सी घटनाएं इस के उदाहरण हैं. ऐसे में उन्नाव के हिंदूपुर गांव की लड़की को भी ऐसे लोग गलत ही मान सकते हैं.

इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने एसएचओ अजय कुमार त्रिपाठी को  सस्पैंड कर दिया.

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‘‘लोगों ने मुझे बताया कि मैं अभिनय कर सकता हूं’’ -जस्सी गिल

मशहूर गायक व अभिनेता जस्सी गिल की भी अपनी एक लंबी यात्रा है. इस यात्रा के अब तक के पड़ाव में उन्होने काफी तकलीफें उठाई हैं. पर अब उनकी गिनती पंजाबी संगीत व पंजाबी फिल्म जगत में सुपर स्टार के रूप में होती है. जस्सी गिल ने हिंदी फिल्म ‘‘हैप्पी फिर भाग जाएगी’’ से बौलीवुड में कदम रखा था. मगर इस फिल्म को आपेक्षित सफलता नहीं मिली.

इन दिनों वह ‘‘फौक्स स्टार स्टूडियो’’ की अश्विनी अय्यर तिवारी निर्देशित 24 जनवरी को रिलीज हो रही फिल्म ‘‘पंगा’’ को लेकर अति उत्साहित हैं. वह ‘‘पंगा’’ को भी अपनी पहली बौलीवुड फिल्म मानते हैं.

प्रस्तुत है उनसे हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश..

आपने कालेज की पढ़ाई संगीत और फिजिकल ट्रेनिंग मे ली. इसके पीछे आपकी क्या सोच थी?

– सच कहूं तो मैंने स्कूल में ठीक ठाक पढ़ाई की थी. पर मैं पढ़ने से दूर भागता था. पढ़ाई में रूचि कम थी. मुझे पता चला कि कौलेज में पढ़ना कम पड़ता है. कौलेज में एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टीविटीज होती है. हर दिन कक्षा में बैठना आवश्यक नहीं होता. वहां शिक्षक से मार भी नहीं खानी पड़ती. फिर मैने पता किया कि ऐसे कौन से विषय हैं, जिनमें कम पढ़ना पड़ता है. तो मुझे पता चला के कौलेज में संगीत और फिजिकल ट्रेनिंग जैसे प्रैक्टिकल विषय में कम पढ़ना पड़ता है. मेरी रूचि संगीत और फिजिकल ट्रेनिंग में थी. मैं वौलीबाल का राष्ट्रीय खिलाडी हूं. इसके अलावा मुझे गाने का भी बचपन से शौंक रहा है.

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स्कूल में जब मैं आठवीं कक्षा में पढ़ता था, तब सीनियर के साथ राष्ट्रीय स्तर पर वौलीबाल खेल चुका था. तो मेरे दिमाग में यह बात थी कि मेरी रूचि इन दोनो विषयों में है, तो इनकी पढ़ाई में मेरा मन लगा रहेगा.

आपने वौलीबाल खेलना क्यों बंद कर दिया?

– मेरे स्कूल में वौलीबाल खिलाते थे. पर कालेज में पहुंचने के बाद मुझे एहसास हुआ कि राष्ट्रीय स्तर पर वयस्क खिलाड़ी के रूप में मेरे अंदर दूसरे खिलाड़ियों जैसी क्षमता/ टैलेंट/प्रतिभा नही है. एक्स्ट्रा आर्डनरी टैलेंट नहीं था. दूसरी बात खिलाड़ी के तौर पर वौलीबाल में भविष्य क्या है, इसकी मुझे जानकारी नहीं थी. इस खेल में कैसे आगे बढ़ा जाए, वह राह नहीं पता थी. मुझे लगा कि वौलीबाल को कैरियर बनाना मेरे लिए रिस्क है. पर कालेज के दिनों में मेरे दिमाग में साफ नही था कि आगे क्या करना है. पर मुझे लगा कि मैं अपनी रूचि के विषय में कौलेज की पढ़ाई पूरी करके दुनिया को समझकर आगे के बारे में सोच सकता हूं.

संगीत की तरफ रूझान कैसे पैदा हुआ?

– मैने पहले ही कहा कि बचपन से ही मुझे गाने का शौंक रहा है. जब मैं स्कूल में पढ़ता था, उन दिनों मशहूर गायकों को सुनता था, उनके संगीत एलबम के कवर और उनकी तस्वीर के पोस्टर देखकर सोचता था कि एक दिन मेरा भी इसी तरह एलबम आए और इसी तरह पोस्टर में मेरी फोटो भी हो. फिर सीडी आने लगी, तो मैंने सीडी भी घर लाकर सुनना शुरू किया. इसके अलावा पंजाब में कौलेज में नियम था कि जिसके नाम के साथ ‘सिंह’ सरनेम है, उसे पगड़ी बांधनी पडे़गी, तो मैं पगड़ी भी बांधने लगा था. उसके बाद मैने उन गायकों के एलबम व सीडी खरीदने लगा, जो कि पगड़ी पहनकर गाते थे. ऐसे गायकों के प्रति मन में इज्जत थी,आकर्षण था.

मेरे मन में भी यह इच्छा थी कि एक दिन मैं भी गीत गाउंगा. मन में था कि एक दिन मेरा एलबम भी बाजर में आएगा, पर उस वक्त मुझे नहीं पता था कि यह कैसे होगा? पर दिल में जरुर था. जब मैंने संगीत व फिजिकल ट्रेनिंग के विषय लिए, तो कौलेज में संगीत की ट्रेनिंग मिली. कौलेज में पूछा गया कि कौन गा सकता है. उसके बाद मुझे कौलेज के हर फंक्शन में गाने का मौका दिया जाने लगा. तो पहली बार मैने कौलेज फंक्शन में ही मैने स्टेज पर गाया और जबरदस्त प्रशंसा मिली. उसके बाद लगातार चार साल अपने कौलेज की तरफ से यूथ फेस्टिवल में जाता रहा और हर बार सेकंड प्राइज मिला, पर इससे मेरा सपना ज्यादा बलवान हुआ कि मैं गा सकता हूं. फिर मैंने अपना एलबम निकालने और अपने गाने को रिकौर्ड करने के लिए लोगों से मिलना जुलना शुरू किया.

पहला अलबम लाने में काफी संघर्ष करना पड़ा?

– कौलेज में संगीत की बेसिक जानकारी हासिल की. यूथ फेस्टिवल में मौलिक गीत ही गाने पड़ते हैं, तो क्रिएशन करना आ गया था. फिर जब अपने एलबम के लिए लोगों से मिलना जुलना शुरू किया, तो लोगों ने पैसे मांगे, एलबम बनाने के लिए. मैंने काफी सोचकर समझकर एक बंदे को चुना, जो कि हमारे गांव का रिश्तेदार भी था, मगर उसने भी मुझे धौखा दिया. फिर मैं निराश हो गया.

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मेरी बड़ी बहन डाक्टर, बीच वाली बहन ने एमबीए किया है और मेरी तीसरी बहन इंजीनियर है. और मैं सबसे छोटा हूं. मेरे पिता जी के पास खेती है. उन्होने हम सभी को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए काफी मेहनत की. हमें सपोर्ट किया. मेरे पापा ने कभी कोई तकलीफ हम तक पहुंचने नही दिया.

खैर, मैने किसी तरह पापा से पैसे लेकर उसे दिए थे, उसने काम नहीं किया, तो दिल टूटा और मैंने निर्णय लिया कि अब मैं संगीत एलबम तभी निकालूंगा, जब मेरे पास अपने पैसे होंगे. फिर मैने सोचा कि स्पौन्सरशिप लेकर विदेष जाकर उच्च शिक्षा हासिल कर लेता हूं. मैंने यह बात सोची और औस्ट्रेलिया में रह रही मेरी बहन ने मेरा व मां का वीजा भेज दिया. हम चार पांच माह के लिए औस्ट्रेलिया गए. वहां पर खाली बैठने की बजाय जीजा के दोस्त के गैरज में ‘कार वौश’ का काम किया. जो पैसे मिले, उन्हे लेकर वापस भारत आकर संगीत एलबम के बारे सोचना शुरू किया. पहला एलबम बनाया, जिसे मैंने टीसीरीज को दिया.

पहले अलबम का रिस्पांस किस तरह का मिला था?

– एलबम बनाने के बाद उस एलबम को रिलीज करने के लिए लोग पैसे मांग रहे थे. इसी बीच मुझे एक बंदा मिला, जिसने कहा कि वह टीसीरीज से मेरा अलबम निकलवा देगा. मेरे लिए हैरानी की बात थी. मेरी नजर में टीसीरीज बहुत बड़ी कंपनी है. मुझे राह मिली, मेरा पहला गाना टीसीरीज तक पहुंचा, टीसीरीज ने एक माह का विज्ञापन भी किया, मगर यह गाना सफल नहीं हुआ.

फिर मैने एक दूसरे गाने “चूड़ियां” का वीडियो अपने दोस्तों के साथ बहुत कम पैसे खर्च करके बनाया. हमने यह गाना 31 दिसंबर को टीसीरीज को दिया. उसी वक्त पंजाब में एक नया चैनल लांच हुआ था, जिसे टीसीरीज ने मेरा वह गाना मुफ्त में चलाने के लिए दे दिया. चार पांच दिनो में ही यह चैनल और मेरा गाना दोनों बहुत लोकप्रिय हो गए. इस गाने के वीडियो से लोगो ने मेरी शक्ल पहचान ली. मेरी पहचान बन गयी. जबकि उस वक्त पंजाबी संगीत तेजी से उभर रहा था. पंजाबी संगीत बन भी अच्छा रहा था. हनी सिंह जैसे गायकों का जलवा था. हनी सिंह का रैप संगीत काफी लोकप्रिय था. पर मेरा ‘चूड़ियां’ गाना लोगों को काफी सिंपल और अलग सा लगा.

टीसीरीज को भी अच्छा रिस्पौंस मिला, उन्होेने मुझसे कहा कि वह मेरे नए सिंगल गाने को लेना चाहते हैं. उन्होने मुझसे कहा कि मैं गाने का आडियो उनको दूं, वह उसके दो वीडियो शूट करवाएंगे और उसे रिलीज कर विज्ञापन भी करेंगे. मैने गाना किया ‘लेंसर’. यह गाना इस कदर हिट हुआ कि कमाल हो गया. पंजाब ही नहीं विदेशों में भी जहां भी पंजाबी गीत संगीत सुना जाता है, सभी को पता चला कि जस्सी नामक एक नंया बंदा अच्छा लगता है. इस गाने के वीडियो में अभिनय करते हुए मैने एक गरीब लड़के का किरदार निभाया था, जो कि कालेज में पढ़ता है, जिसे देखकर मुझे पंजाबी फिल्म में अभिनय करने के औफर मिले.

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मैने पंजाबी फिल्म में अभिनय किया और वह पंजाबी फिल्म भी हिट हो गयी. यह मेरी जिंदगी व कैरियर का टर्निंंग प्वाइंट था. उसके बाद मुझे पंजाबी फिल्मों में अभिनय करने के औफर मिलने लगे. फिर मेरा कैरियर तेजी से आगे बढ़ने लगा, जो कि अभी भी आगे बढ़ता जा रहा है, पर मैं अपनी तरफ से कुछ ज्यादा ही चूजी और मेहनत करने लगा हूं.

आपके कैरियर पर नजर दौड़ाने पर पता चलता है कि आप लगभग हर वर्ष छह सिंगल गाने लेकर आ रहे थे, पर पिछले दो वर्ष से यह संख्या कम हो गयी है?

– देखिए, पहले हम आठ गानों का एलबम बनाते थे. जिसमें से किसी को कोई भी गाना पसंद आ जाता था, जो गाना सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था, उसका वीडियो बनता था. पर अब वह दौर खत्म हो गया. अब डिजिटली सिंगल गाना रिलीज होने लगा है. उसी सिंगल गाने का वीडियो बनाकर रिलीज किया जाता है. इससे हमारी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गयी है. इसी के चलते अब सिंगल गाने में काफी वक्त लगता है. फिर मुझे चालू काम करना पसंद नही. मैं गाने के शब्द, संगीत से लेकर हर बात पर काफी ध्यान देता हूं. गाना रिकौर्ड होने के बाद उसका वीडियो अच्छे एंगल से फिल्माता हूं. तब योजना बनाकर रिलीज करता हूं, तो इसमें वक्त लगता है. इसलिए इन दिनों मेरे सिंगल गाने काफी कम आ रहे हैं. पर जो काम कर रहा हूं, उससे खुश हूं. किसी को पीछे छोड़कर आगे निकलना मेरे स्वभाव में नहीं है. मैं अलग तरह के गाने ही करता हूं.

आप खुद गीत लिखते हैं या नहीं?

– मैने कौलेज के दिनों में ही खुद गीत लिखने शुरू कर दिए थे, पर खुद को अच्छा गीतकार नहीं मानता. हमारे यहां काफी काबिल गीतकार व शायर हैं. मैं अच्छे गीतकारों से ही गाने ले रहा हूं. पर अभी मैने अपने दो पसंदीदा गायको को अपने गाने दिए हैं, जो कि बहुत जल्द रिकौर्ड होकर बाजार में आएंगे. पर पिछले एक साल से कोई नया गीत नहीं लिखा. मुझे गीत लिखने में अपने दिमाग पर काफी जोर लगाना पड़ता है.

अब आप हिंदी में गा रहे हैं या नहीं ?

-जी हां! मैने अपनी इसी फिल्म ‘‘पंगा’’ में एक गाना गाया है. शंकर एहसान लौय का संगीत है और जावेद अख्तर का लिखा हुआ गीत है.

संगीत में लोकप्रिय होते ही आपने अचानक अभिनय में भी कदम..?

– अचानक तो नहीं हुआ. देखिए, मैने 2011 में बतौर गायक पंजाबी इंडस्ट्री में कदम रखा था, उस वक्त दलजीत व गिप्पी ग्रेवाल जो मशहूर पंजाबी गायक हैं, फिल्मों में भी अभिनय कर रहे थे. तो हम सभी संगीत के क्षेत्र में काफी गंभीरता से काम करते हैं. हम हर सिंगल गाने के वीडियो का कौसेप्ट बनाकर ही फिल्माते हैं. तो कौंसेप्ट में रहकर क्या अभिनय करना है, यह जानकर मेरे अभिनय की शुरूआत तो गाने के वीडियो एलबम से ही हो गयी थी. लोगों ने मेरे वीडियो को देखकर कहना शुरू कर दिया था कि जस्सी तू तो अभिनेता भी है.

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फिर जब मेरा गाना ‘लेंसर’ आया, उसके वीडियो को देखने के बाद मुझे पंजाबी फिल्म में अभिनय करने का औफर मिला, फिल्म हिट हुई. तब से मैं गायन व अभिनय दोनो करता आ रहा हूं. अब तो पांच वर्ष हो गए. मैने गुरदास मान सहित पंजाबी के टौप लोगों के साथ अभिनय किया. हिंदी फिल्मों में पियूष मिश्रा, सोनाक्षी सिन्हा, अली फजल, मुदस्सर अजीज, कंगना रानौट, अश्विनी अय्यर तिवारी, नीना गुप्ता आदि के साथ काम करते हुए काफी कुछ सीखा. इनके साथ काम करके मेरे अंदर कौन्फीडेंस/ आत्म विष्वास पैदा हुआ. मैने हर दिन सीखा. मैं यह सोचकर नहीं आया था कि मुझे अभिनेता बनना है, बल्कि लोगों ने मुझे बताया कि मैं अभिनय कर सकता हूं.

आपकी बौलीवुड की पहली फिल्म ‘‘हैप्पी फिर भाग जाएगी’’ को आपेक्षित सफलता नहीं मिली थी. क्या वजहें थी?

– देखिए, मैने इस सिक्वअल की पहली फिल्म देखी हुई थी, इसलिए मैं यह नही कहूंगा कि मेरे या किसी अन्य कलाकार की वजह से फिल्म असफल हुई. मै बार बार कहता हूं कि हर फिल्म निर्देशक की होती है. फिल्म निर्देशक ने अपनी आंखों में देख रखी थी. हम तो सिर्फ उनके वीजन के अनुसार काम करने वाले लोग थे. मैं आपसे एकदम खुलकर बात कर रहा हूं. मैं यह कभी नहीं कहूंगा कि यह फिल्म मेरी वजह से असफल हुई. यदि फिल्म हिट हो जाती, तब भी मैं यह नहीं कहता कि मेरी वजह से हिट हुई. सच यही है कि किसी को नहीं पता है कि दर्शक को फिल्म में क्या पसंद आएगा. निर्देशक ने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ देने का काम किया, हम कलाकारों ने भी सर्वश्रेष्ठ देने का काम किया. मैं बौक्स आफिस की बात नहीं करता. मैं बौलीवुड में अच्छा काम करने के लिए आया हूं. यदि मैं अच्छा काम करुंगा, तभी मुझे काम मिलेगा. इसलिए मैं अपनी तरफ से सौ प्रतिशत बेहतर देने का प्रयास करता हूं. यही मैने हैप्पी फिर भाग जाएगी’ में किया था और उससे अधिक ‘पंगा’ में किया है. यही फंडा आगे भी रहेगा. मैं पूरे दिल के साथ काम करना पसंद करता हूं. बाकी दर्शकों पर निर्भर करता है.

फिल्म ‘‘पंगा’’ से कैसे जुड़े?

-मुझे इस फिल्म का औफर ‘‘हैप्पी भाग जाएगी’’ के प्रदर्शन से पहले मेरे एक संगीत वीडियों के चलते मिला. ‘हैप्पी फिर भाग जाएगी’ 24 अगस्त 2018 को रिलीज हुई थी और मैंने फिल्म ‘‘पंगा’’ 22 अगस्त 2018 को साइन कर ली थी. इसीलिए मैं ‘पंगा’ को भी अपनी पहली बौलीवुड फिल्म मानता हूं और बेहतर काम करने का प्रयास किया है.

फिल्म ‘‘पंगा’’ करने के लिए किस बात ने उकसाया?

– फिल्म की स्क्रिप्ट सुनते हुए मुझे लगा कि यह तो मेरी मम्मी की कहानी है, मैने कभी उनके बारे में सोचा ही नहीं. वह तो हर दिन सुबह उठते ही अपने काम में लग जाती थीं. उनका रूटीन देखता आया हूं, फिर मुझे मेरे पिता नजर आने लगे कि उन्होने हमारे लिए कितना सैक्रीफाईज किया है. इस फिल्म में भी पिता यानी कि मेरा किरदार प्रशांत अपनी पत्नी जया से कहता है कि, ‘तुम कबड्डी खेलने पर ध्यान दो, मैं बेटे का ख्याल रखूंगा. यह एकदम रीयल स्टोरी है, जो कि हर बंदे की, हर बंदे के आसपास की कहानी है.

आपको नहीं लगता कि अब वक्त बदला है और कई पुरूष अपनी पत्नी के काम में हाथ बंटाने लगे हैं, उन्हे सहयोग देने लगे हैं? इस बदलाव को आपने कितना महसूस किया?

– आप सही कह रहे हैं, पर अभी भी बहुत बदलाव की जरुरत है. जैसा कि मैने कुछ देर पहले आपको बताया कि मैने खुद कभी भी अपनी मम्मी को हर दिन काम करते देख कुछ नहीं सोचा और न कभी उनसे उनके सपनों के बारे में, उनकी पसंद नापसंद के बारे में कोई सवाल किया. यह फिल्म देखकर लोग भी सोचेंगे कि क्या आज की तारीख में लोग अपनी जिंदगी व कैरियर में इतनी तेज गति से भाग रहे हैं कि उनके दिमाग में यह विचार ही नहीं आता कि उनकी मां, बहन या पत्नी या बेटी के भी सपने हैं या नहीं. वह क्या करना चाहती हैं. हम अपनी मां या बहन आदि को लगातार घर पर काम करते देखकर नजरंदाज /इग्नोर कर देते हैं. मगर ‘‘पंगा’’ देखकर जब लोग सिनेमाघरों से बाहर निकलेंगे, तो उनके दिमाग में ऐसा ख्याल आएगा कि वह घर जाकर अपनी मां, बहन या पत्नी से एक बार जरुर पूछेगा कि उनका कोई सपना तो नहीं रह गया, जिसमें मैं तेरी कोई मदद कर सकूं. मेरी राय में फिल्म का मूल मकसद दर्शक का मनोरंजन करना है, मगर यदि उसी के साथ फिल्म दर्शक को कुछ संदेश दे या प्रभावित कर जाए, तो वह फिल्म सर्वश्रेष्ठ बन जाती है.

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सोशल मीडिया पर क्या लिखना पसंद करते हैं?

– मैं अपने बारे में बात करना पसंद करता हूं. मेरी राय में सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफार्म है, जिस पर आप अपनी आवाज उठा सकते हो, पर आज की तारीख में आवाज उठाने के लिए भी आपको बहुत स्ट्रांग होना चाहिए. जिस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं, उसकी गहराई के साथ जानकारी होनी चाहिए. बिना जानकारी के बात करना गलत है. आपको अपनी जिम्मेदार भी पता होनी चाहिए. हम कलाकारों के साथ काफी लोग जुडे़ होते हैं. इसलिए मेरी कोशिश रहती है कि जो लोग मेरे साथ जुड़े हुए हैं, उन्हे मैं अपने बारे में बताऊं कि मैं आगे क्या करने की सोच रहा हूं अथवा क्या कर रहा हूं.

Bigg Boss 13: पारस पर बरसा सलमान का गुस्सा तो एक बार फिर भिड़े सिद्धार्थ-असीम

बिग बौस सीजन 13 के हर एपिसोड में कुछ ना कुछ नया दर्शकों को देखने को मिलता रहता है फिर चाहे वो कंटेस्टेंटस् के बीच का प्यार हो या टकरार. हर हफ्ते शो के होस्ट और सबके चहीते सलमान खान वीकेंड के वौर में सभी घरवालों की क्लास लगाते हैं और साथ ही कंटेस्टेंट्स के साथ जमकर मस्ती भी करते हैं. अगर बात करें बीते वीकेंड के वौर की तो सलमान खान ने पारस छाबड़ा की अच्छे से क्लास लगाई और पारस पर काफी भड़के भी. सलमान के भड़कने का कारण ये था कि वे माहिरा शर्मा को पारस की कुछ सच्चाई बता रहे थे जिस पर पारस सलमान से लगातार बहस करते नजर आए.

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कार्तिक आर्यन और सारा अली खान ने मारी एंट्री…

पिछला हफ्ता शहनाज गिल के लिए काफी लक्की साबित हुआ क्योंकि बिग बौस के घर में दो ऐसे शख्स ने एंट्री मारी जिसे देख शहनाज काफी खुश हुईं. जी हां, हम यहां बात कर रहे हैं शहनाज गिल के फेवरेट गौतम गुलाटी और कार्तिक आर्यन की. बीते एपिसोड में कार्तिक आर्यन और सारा अली खान अपनी अप्कमिंग फिल्म ‘लव आज कल 2’ के प्रोमोशन के लिए बिग बौस के घर में आए थे जिस दौरान उन दोनों नें सलमान खान और घर के लोगों के साथ खूब मस्ती भी की.

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एक बार फिर भिड़े असीम और सिद्धार्थ…

बात करें आने वाले एपिसोड की तो सिद्धार्थ शुक्ला और असीम रियाज के बीच एक बार फिर हद पार करने वाली लड़ाई देखने को मिलने वाली है. दरअसल आने वाले एपिसोड में बिग बौस घरवालों को एक टास्क देंगे जिसका संचालन असीम रियाज करेंगे. इस टास्क के दौरान विशाल आदित्य सिंग घोड़े से अतर जाएंगे और जब सिद्धार्थ ये बात असीम को बताएंगे तो असीम साफ मना कर देंगे कि उन्होनें विशाल को उतरते हुए नहीं देखा.

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कहां तक जाएगी इन दोनों की ये लड़ाई…

बिग बौस शो के मेकर्स ने आने वाले एपिसोड का प्रोमो रिलीज किया है जिसे देख साफ पता चल रहा है कि असीम रियाज और सिद्धार्थ शुक्ला के बीच काफी ज्यादा लड़ाई होने वाली है जो कि हर बार की तरह धक्का-मुक्की तक पहुंच सकती है. अब देखने वाली बात ये होगी कि इन दोनों कंटेस्टेंट्स की लड़ाई रुकवाने के लिए बिग बौस और बाकी बचे घर के सदस्य क्या करेंगे.

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2 लोगों ने की 18 सालों मे 36 हत्याएं!

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला में वर्षों से हत्या करके उसे पेशा बना लेने वाले दो आरोपी पुलिस गिरफ्त में आए हैं. यह लोग हत्या करते थे और लूट कर शव को दफना दिया करते या पानी में बहा दिया करते थे. छत्तीसगढ़ की बेमेतरा पुलिस को एक तरह से विगत 18 सालों से किलर हत्या करने वाले से दो आरोपियों को गिरफ्तार लेने में सफलता मिली है.

दोनों आरोपी भोपाल में छुपे हुए थे.वहीं मुखबिर से दोनों की जानकारी मिलने के पश्चात बेमेतरा पुलिस ने दोनों को दबोच लिया. दरअसल, बेमेतरा पुलिस दो लोगों की हत्या के मामले में आरोपी की तफ्तीश कर रही थी और जब दोनों गिरफ्त में आए तो उन्होंने यह सनसनीखेज खुलासा किया तो अब पुलिस भी सकते में आ गई . पुलिस अधिकारी राजीव शर्मा के अनुसार इन आरोपी ने अब तक छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार राज्यों में कुल 36 हत्याएं करना स्वीकार कर लिया है. पुलिस को पूछताछ में चौंकाने वाली यह जानकारी भी मिली है कि दोनों आरोपी कुछ और लोगों की हत्या करने की योजना बना रहे थे.

टारगेट थे ट्रक ड्राइवर!

पुलिस अधिकारियों के अनुसार दोनों आरोपी पहले मधुर संबंध बनाया करते थे. फिर ट्रक को लूटने के साथ कोई साक्ष्य बचा ना रह जाए इस खातिर ड्राइवर और क्लीनर की हत्या कर देते थे. तदुपरांत शव को दफना दिया करते थे और किसी पड़ोसी दूसरे राज्य मे जाकर वहां वारदात करते थे.दोनों की मानसिक बुनावट कुछ इस तरह की संज्ञान में आई है कि यह ड्राइवर को लूटा करते, उसे मार देते और ट्रक का सामान भी बेच दिया करते थे. इन दोनों ने कुल 36 हत्या करने का अपराध स्वीकार किया है जिसके बाद पुलिस मामले की गंभीरता से विवेचना करने में जुट गई है. हाल -फिलहाल बेमेतरा पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. वहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ और बड़े वारदातों का भी शीघ्र खुलासा हो सकता है . पुलिस अधिकारी ने हमारे संवाददाता को बताया कि प्रोटेक्शन वारंट पर बेमेतरा पुलिस ने की कार्रवाई, 2018 में की थी यहां दो लोगों की अंधी हत्या हुई थी पुलिस इस मामले की निरंतर विवेचना कर रही थी अब जब आरोपियों ने खुलासे किए हैं तो पुलिस प्रशासन भी अवाक है.

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क्राइम

और यह है आरोपी
बेमेतरा पुलिस के अनुसार आरोपी रायसेन (मध्य प्रदेश) का रहवासी आदेश खांबरा और भोपाल निवासी जयकरण सिंह हैं. यह लोग राष्ट्रीय राजमार्ग पर यह ट्रक लूट की घटना को अंजाम दिया करते थे. इन दोनों ने ओड़िशा, महाराष्ट्र और बिहार में भी हत्या और लूट की घटनाओं अंजाम दिया है .अब इनकी गिरफ्तारी के पश्चात इन राज्यों की पुलिस इन हत्याओं की कड़ियों को समग्र रुप मे जोड़ने मे लग गई है.

बेमेतरा के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस राजीव शर्मा ने बताया कि सन 2018 में में इन दोनों हत्यारों ने ड्राइवर संजय चौरसिया की लाश को बांधकर शिवनाथ नदी पर बने नए पुल के पास फेंक दी, वहीं कंडक्टर प्रेम अनुरागी की लाश को रतनपुर (बिलासपुर) में फेंका था. हत्या के बाद लूट का ट्रक लेकर बिहार चले गए थे.ट्रक को वहां साहेब सिंह नाम के व्यक्ति के पास बेच दियागया था. साहेब सिंह ने किसी दूसरे को ट्रक बेचकर पैसा आरोपियों को दिया था. इसके बाद दोनों आरोपी चिचोला (महाराष्ट्र) चले गए, वहां भी ट्रक लूटने के लिए 3 हत्याएं की.इसके बाद वे छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव भी आए थे. इस तरह दोनों ही एक तरफ से किलर हत्यारे बन चुके हैं. सोची समझी चालाकी के साथ हत्या करते हैं और ट्रक का माल बेचकर अय्याशी करते रहे हैं .

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आरोपी आदेश खांबरा और जयकरण प्रजापति पहले ड्राइवर से दोस्ती करते. फिर रात को भोजन करने के बहाने खाने में नशीली दवा देकर ड्राइवर-कंडक्टर को बेहोश करते और फिर आसानी से उनकी हत्या कर दिया करते थे. आरोपी जयकरण ट्रकों को लूटता उनके चालकों की हत्या के पश्चात वह भोपाल में ही लूट का माल बेच दिया करता था. जबकि आदेश खांबरा ग्वालियर नेटवर्क के जरिए लूट का सामान बेचता था. सितंबर 2018 में जयकरण ने भोपाल में ही हत्या करने के बाद ट्रक समेत चोरी का शक्कर वहीं बेच दिया था.जिसके पश्चात वह पुलिस द्वारा पकड़ा गया. इस दौरान पूछताछ में अपने साथी आदेश खांबरा के बारे में पुलिस को बता चुका था. दोनों फिर कुछ और भी साथी हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है वहीं यह भी तथ्य सामने आया है कि लगभग 18 वर्षों से यह दोनों हत्या करके लूट कारित करते रहे हैं.

रेप की बढ़ती घटनाएं और धर्म में उलझे लोग

बिहार के भोजपुर इलाके के संदेश थाना क्षेत्र में इनसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना घटी. 65 साल के एक बुजुर्ग ने 7 साला बच्ची के साथ मंदिर में रेप किया. एक नौजवान ने उस का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वह बुजुर्ग घर के ओसारे में खेल रही बच्ची को टौफी का लालच दे कर मंदिर के एक कमरे में ले गया और उस के साथ रेप किया.

संदेश के थाना प्रभारी सुदेह कुमार के मुताबिक, आरोपी और वीडियो बनाने वाले को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इधर हाल के दिनों में रेप की घटनाएं पूरे देश में तेजी से बढ़ी हैं. सजा और कानून की बातें अपनी जगह पर हैं और इस तरह की घटनाएं अपनी जगह पर. मंदिर में तो लोग मन्नत मानते हैं, तरहतरह की उम्मीद रखते हैं और जब इन मंदिरों में देवीदेवताओं के सामने किसी बच्ची के साथ इस तरह का कुकर्म हो और ये कुछ नहीं कर पाएं तो इन पर यकीन करने वाले लोगों पर भी सवालिया निशान लग जाता है.

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आज तो धर्म का खूब महिमा मंडन किया जा रहा है और गांवगांव में मंदिर बनाने, अखंड कीर्तन, यज्ञ, हवन और तरहतरह के पूजापाठ में लोग लीन हैं और इस तरह की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. हम किस तरह का समाज और देश बनाना चाहते हैं, इस पर भी इस देश के नागरिकों को सोचने और सम झने की जरूरत है. कौन करते हैं रेप 94 फीसदी रेप सगेसंबंधी, रिश्तेदार, पारिवारिक दोस्त और पड़ोसी द्वारा किए जाते हैं. ऐसी लिस्ट में पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल के वे लोग भी शामिल हैं, जिन के ऊपर सुरक्षा की गारंटी है. 3 सांसदों और 48 विधायकों ने कबूल किया है कि उन के ऊपर औरतों के साथ हिंसा करने के आरोप हैं, जिस में रेप भी शामिल है.

इतना ही नहीं, बलात्कारियों का दूसरे समुदाय, जाति, धर्म के नाम पर बदले की भावना से दलित और अल्पसंख्यक औरतों के साथ सामूहिक रेप की भी घटनाएं घटती रहती हैं. इस तरह के हालात पैदा हो गए हैं कि घर और घर के बाहर कहीं भी लड़कियां और औरतें महफूज नहीं हैं. दुधमुंही बच्ची से ले कर 80 साल की औरतें तक रेप की शिकार हो रही हैं. झारखंड राज्य साइंस फौर सोसाइटी के राज्य सचिव देवनंदन शर्मा आनंद ने रेप की घटनाओं पर कहा कि देश के नागरिकों में वैज्ञानिक सोच और नजरिया पैदा करने का टारगेट संविधान के पन्नों में ही सिमट कर रह गया और समाज की हालत लगातार बदतर होती चली गई.

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धर्म के धंधेबाजों ने लोगों में मौजूद डर व असुरक्षा का फायदा उठाते हुए आस्था व विश्वास की भावनाओं का जम कर दोहन किया. नतीजतन, आज बाबा के आश्रमों समेत मंदिरों और मदरसों से रेप की खबरें सामने आ रही हैं. देश में स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटी, तकनीकी शिक्षण संस्थान, कलकारखाने व अस्पताल की भले ही कमी हो, पर रोज नए मंदिरों, धार्मिक स्थलों के बनने में कहीं कोई कमी नहीं है. राजनीतिक व चुनावी फायदे के लिए नेता इसे संरक्षण देते हैं. इस से जमीन के कब्जे व कमाई का रास्ता खुल जाता है.

इस के अलावा अंधभक्त बाबा की कृपा, लोकपरलोक सुधारने, पुण्य हासिल कर के स्वर्ग तक पहुंचने का रास्ता तय करने के लिए घर की बहूबेटियों को आश्रम पहुंचाने में कोई संकोच नहीं करते. मंदिरों को दान में भारी चढ़ावा देते हैं. नतीजतन, लोग भूख, गरीबी, अशिक्षा, बदहाली, बेरोजगारी की पीड़ा झेलने को मजबूर हैं, पर मंदिरों, धार्मिक स्थलों का फायदा मुट्ठीभर लोग ही उठाते हैं. हालत यह है कि उपग्रहों के प्रक्षेपण व ऐसे ही तकनीकी मामलों में भी धार्मिक कर्मकांड कर ऊपर वाले की कृपा की व्यवस्था कर ली जाती है.

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आधुनिक ज्ञानविज्ञान के विकास के बावजूद धर्म के धंधेबाजों की अंधेरगर्दी जारी है. लुटेरी ताकतों, नेताओं की मदद और संरक्षण उन्हें हासिल होता है. इन्हीं नेताओं, अफसरों पर देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी है, पर मौजूदा हालात देश को कहां ले जाएंगे, इसे सम झना मुश्किल नहीं है. द्य सुलग रहा है तनबदन जो छोड़ा था राह में निभाने के लिए आ, मु झ को मेरी खामियां बताने के लिए आ. थोड़ाबहुत जो प्यार था मेरे लिए दिल में, गर थी जरा नफरत तो जताने के लिए आ. अब घुट रहा है दम मेरा चैन ओ सुकून से, देने खुराक ए गम तू सताने के लिए आ. सुलग रहा है तनबदन तनहाई की तपिश में, बस मिल के फिर से भूल जाने के लिए आ. थोड़ाबहुत लिहाज कर उलफत का मेरी तू, इक बार अपना चेहरा दिखाने के लिए आ. -पुखराज सोलंकी

Bigg Boss 13: गौतम गुलाटी को देखते ही बेकाबू हो जाएगी शहनाज, सिद्धार्थ के सामने ही करेगी Kiss

बस कुछ ही देर में बिग बॉस 13 (Bigg Boss 13) के घर में होने वाली है कुछ नए मेहमानों की एंट्री. जी हां, शनिवार के एपिसोड घर में गौतम गुलाटी (Gautam Gulati) , टीवी एक्टर करण सिंह ग्रोवर (Karan Singh Grover) और एक्स बिग बॉस कंटेस्टेंट बिंदू दारा सिंह (Vindu Dara Singh) घरवालों से मिलने आएंगे. लेकिन यहां कुछ ऐसा होगा जिससे सभी शॉक्ड हो जाएंगे.

गौतम को देखते ही बेकाबू होगी शहनाज…

शो के लेटेस्ट प्रोमो से ये बात पता चल रही है कि जैसे ही घर में गौतम गुलाटी की एंट्री होती वैसे ही शहनाज बेकाबू हो जाती है. गौतम को देखते ही शहनाज (Shehnaaz Gill) खुशी से उछल पड़ती है और उनको गले लगा लेती है. शहनाज की ये दीवानगी देखकर गौतम गुलाटी भी हैरान हो जाते हैं और कभी उनके साथ मस्ती करते हैं तो कभी उनसे भागते हुए नजर आते हैं.

 

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सिद्धार्थ के सामने ही किए ढेर सारे किस…

इतना ही नहीं जैसे ही बिग बॉस शहनाज को फ्री करते हैं वो गौतम गुलाटी पर दीवानों की तरह टूट पड़ती है और उन पर Kisses की बरसात कर देती है. दिलचस्प बात ये है कि ये सब बगल में खड़े सिद्धार्थ शुक्ला के सामने होता है जो ये सब देखकर मुस्कुराते हुए नजर आते है.

 

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गौतम गुलाटी की फैन है शहनाज…

शहनाज शो में कई बार इस बात का जिक्र कर चुकी हैं कि वो बिग बॉस 8 के विनर गौतम गुलाटी (Gautam Gulati) की बहुत बड़ी फैन हैं. इसलिए बिग बॉस ने शहनाज की खातिर ये स्पेशल एंट्री करवाई. दूसरी तरफ घरवाले शहनाज की ये हरकतें देखकर अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे थे. अब देखना है कि गौतम के लिए शहनाज की ये दीवानगी देखकर सिद्धार्थ का क्या रिएक्शन होगा?

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