सचमुच डर गई थी – रितु सिंह

भोजपुरी की लीड हीरोइनों में शुमार रितु सिंह ने कई सुपरहिट फिल्में दी हैं. उन्हें भोजपुरी की ‘फेयर ऐंड लवली गर्ल’ के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने तकरीबन सभी बड़े भोजपुरी हीरो के साथ काम किया है.

इन दिनों रितु सिंह भोजपुरी के सुपरस्टार खेसारीलाल यादव के साथ फिल्म ‘बापजी’ की शूटिंग में बिजी हैं. फिल्म के सैट पर हुई एक मुलाकात में उन से लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उस के खास अंश:

आप के लिए फिल्मों में काम करने की जद्दोजेहद कितनी मायने रखती है?

फिल्मों में बिना जद्दोजेहद के कामयाबी मिलना मुमकिन नहीं है. मुझे भी दूसरी हीरोइनों की तरह शुरुआत में इसी दौर से गुजरना पड़ा था. मेरी पहली फिल्म भोजपुरी के सुपरस्टार हीरो पवन सिंह के साथ थी, इस के बावजूद उस दौर को आप मेरी जद्दोजेहद का दौर भी कह सकते हैं, क्योंकि तब फिल्म इंडस्ट्री में मेरा कोई सपोर्टर नहीं था.

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क्या भोजपुरी फिल्मों की हीरोइनों को हीरो से कम तवज्जुह दी जाती है?

भोजपुरी फिल्में शुरुआत से ही हीरो प्रधान रही हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. फिल्म ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ के दौर में रानी चटर्जी ने कुछ फिल्में की थीं, जो हीरो और हीरोइन पर बराबर रूप से केंद्रित थीं, लेकिन उस के बाद के कुछ सालों में हीरो केंद्रित फिल्में ज्यादा बनीं.

पर, अब कह सकते हैं कि भोजपुरी में भी महिला प्रधान फिल्मों की शुरुआत हो चुकी है. एक ऐसी ही फिल्म मैंने भी की है, जो जल्दी ही रुपहले परदे पर आएगी.

आप की नजर में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में प्यार, पैसा और मशहूर होने में प्यार किस पायदान पर है?

सच कहूं तो इंडस्ट्री में प्यार है ही नहीं. प्यार में दिखावा नहीं होना चाहिए, बल्कि प्यार आप की भावनाओं पर निर्भर करता है.

जहां तक पैसा और मशहूर होने की बात है तो एक कलाकार के लिए पैसा और मशहूर होना बहुत मायने रखता है, क्योंकि मुंबई जैसे शहर में अगर खुद को बनाए रखना है तो आप की जेब में पैसा होना चाहिए. पैसा तभी होगा, जब आप मशहूर होंगे.

वैसे, मशहूर होने के लिए इंसान कभी कभी मुफ्त में भी काम करता है. इसलिए यह कहा जा सकता है कि मेरे जैसे कलाकार के लिए तीनों चीजों की अलगअलग अहमियत है.

फिल्म इंडस्ट्री से अलग आप के सब से अच्छे दोस्त कौन हैं?

फिल्म इंडस्ट्री में मेरे बहुत सारे मार्गदर्शक और दोस्त हैं, जिन में रानी चटर्जी, अंजना या फिर हीरो में पवन हों, खेसारी हों या दिनेश हों, ये सभी हर कदम पर मुझे सपोर्ट करते रहे हैं.

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अगर इंडस्ट्री से अलग दोस्तों के बारे में बात की जाए तो मेरे सब से अच्छे दोस्त मेरे मां-बाप हैं. मैं एक साधारण परिवार से हूं, जहां लड़कियों को परदे में रखने की परंपरा है. ऐसे परिवारों में लड़कियों का फिल्मों में काम करना लोग अच्छी नजर से नहीं देखते हैं.

मैं मूल रूप से बिहार के बक्सर की रहने वाली हूं. वैसे, मेरी शुरुआती पढ़ाई गोरखपुर से हुई है. यहां से ही मेरा रुझान रंगमंच व थिएटर की तरफ हो गया था. इस को बढ़ावा देने में मेरे मांबाप ने दोस्त की भूमिका निभाई.

भोजपुरी में घिसे-पिटे मुद्दों पर फिल्में ज्यादा बन रही हैं. क्या इन फिल्मों में आज भी वाकई अच्छे स्क्रिप्ट राइटरों की कमी बनी हुई है?

ऐसा नहीं है कि भोजपुरी में घिसे-पिटे मुद्दों पर ही फिल्में बन रही हैं. जहां तक घिसे-पिटे विषयों पर फिल्म बनने की बात है, तो ऐसी फिल्में सिनेमाघरों की छोडिए, यूट्यूब पर भी नहीं चल पाती हैं. अच्छे विषयों पर जितनी भी फिल्में बन रही हैं, वे सब अच्छे लेखकों के चलते ही मुमकिन हो पा रही हैं.

आप की जिंदगी का कोई ऐसा वाकिआ, जब आप सचमुच डर गई हों?

मेरी जिंदगी में एक दिन ऐसा भी आया, जब मैं सचमुच डर गई थी. लेकिन खुद के लिए नहीं, बल्कि अपनी यूनिट के लोगों के लिए.

मैं एक फिल्म की शूटिंग में थी और पूरी यूनिट मेरे साथ थी. तभी एक सिरफिरा होटल में मेरे कमरे में घुस आया. उस के पास गोलियों से भरी पिस्टल थी. वह मुझसे शादी करने की जिद कर रहा था.

मुझे डर था कि कहीं मेरे विरोध के चलते वह मेरी यूनिट के लोगों पर न हमला कर दे. फिर भी मैं ने हिम्मत से काम लिया और पुलिस को बुला कर उसे जेल भिजवाया.

एक कलाकार के लिए पुख्ता सिक्योरिटी होना कितना मायने रखता है?

किसी भी कलाकार के लिए पुख्ता सिक्योरिटी होना बहुत मायने रखता है. जिस सिरफिरे ने मेरे ऊपर हमला करने की कोशिश की थी, वह 2 साल से मेरा पीछा कर रहा था. इस की शिकायत मैं ने पुलिस में भी की थी, लेकिन पुलिस ने मेरी शिकायत को हलके में लिया था. इसी का नतीजा था कि वह सिरफिरा मेरा पीछा करते-करते होटल तक आ पहुंचा था.

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ऐसे मामलों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन को कलाकारों की सिक्योरिटी पर खास ध्यान देना चाहिए.

इन दिनों फेक न्यूज एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. क्या भोजपुरी इंडस्ट्री को भी इस तरह के मामलों का सामना करना पड़ता है?

जी हां, यह सच बात है. इस तरह के  1-2 मामलों का सामना मुझे भी करना पड़ा है. मैंने एक फिल्म की थी. इस में कल्लूजी के साथ एक डायलौग था. उस में यह कहा गया था कि एक किस 300-400 किस के बराबर है. उसे लोगों ने ऐसे पेश किया कि फिल्म में 300-400 किस के सीन थे.

ऐसे ही दोबारा एक खबर आई थी, जिस में मैं ने एक फिल्म में शादी का सीन दिया था. इस फिल्मी शादी को मीडिया ने ऐसे दिखाया, जैसे मेरी कल्लूजी के साथ सचमुच शादी हो गई. इस को ले कर मुझे काफी दिनों तक सफाई देनी पड़ी थी.

मैं चाहती हूं कि ऐसी फालतू खबरें न परोसी जाएं, क्योंकि फेक न्यूज से हमारी सोशल इमेज पर बुरा असर पड़ता है.

आप की सादगी की चर्चा भोजपुरी सिनेमा में होती रहती है. इस मुद्दे पर आप अपने चाहने वालों के लिए क्या कहना चाहेंगी?

यह तो मेरे चाहने वालों का प्यार है, जो वे मेरी सादगी को पसंद करते हैं. मुझे उन के लिए बस इतना ही कहना है कि वे ऐसे ही मुझे चाहते रहें और मेरी फिल्मों को देखते रहें.

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Bigg Boss 13: सिद्धार्थ के मुंह से हिमांशी का नाम सुन तिलमिलाई शहनाज, ऐसे मारा धक्का

बिग बौस का सीजन 13 अब फिनाले से ज्यादा दूर नहीं है और जो कि फिनाले नजदीक आ चुका है तो घर के हर सदस्य ने अपनी गेम स्ट्रौंग कर ली है और सभी कंटेस्टेंट जीतने के लिए सर से एड़ी तक का जोर लगा रहे हैं. जहां एक तरफ पंजाब की कैटरीना कैफ कहे जानी वाली कंटेस्टेंट शहनाज गिल सिद्धार्थ शुक्ला पर जान छिड़कती थीं वहीं अब दोनो एक दूसरे का मुंह तक देखना नहीं चाहते.

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सिद्धार्थ ने शहनाज को मारा ये ताना…

बीते कुछ एपिसोड्स में हमने देखा कि सिद्धार्थ शुक्ला और शहनाज गिल एक दूसरे से बात नहीं कर रहे और जब शहनाज सिद्धार्थ से बात करने गईं तो सिद्धार्थ ने उन्हे ये कह के ताना मारा कि मैं ऐसे फेक लोगों से दूर ही रहता हूं. इसके बाद जब शहनाज से सिद्धार्थ से इसकी वजह पूछी तो सिद्धार्थ ने साफ कह दिया कि ‘जो लड़की अपने मां बाप की सगी नहीं हुई वो बाकियों की कैसे हो सकती है’.

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शहनाज ने मारा सिद्धार्थ को धक्का…

सिद्धार्थ के मुंह से ये सुनकर शहनाज के होश उड़ गए और वे रोने चली गईं. बीते नोमिनेशन टास्क में भी जब सिद्धार्थ ने आरती को सेफ किया तब भी शहनाज को काफी बुरा लगा और वे बाथरूम में जाकर रोने लगीं. इसके बाद जब कैप्टेंसी टास्क की बारी आई तो शहनाज ने अपना गेम दिखाना शुरू कर दिया और इसी दौरान शहनाज ने सिद्धार्थ को पकड़ कर उन्हें धक्का भी दे मारा.

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‘मुझको हिमांशी खुराना मत समझना…’

जब शहानाज में सिद्धार्थ से उस ताने के उपर बात करनी चाही तो सिद्धार्थ ने उसे नजर अंदाज कर दिया पर शहनाज नहीं रुकी और सिद्धार्थ को कहा कि ‘तुझको जवाब देना होगा अब तो तुझको अपना मुंह खोलना ही पड़ेगा’. आगे इस बारे में सिद्धार्थ शहनाज से ये कहते दिखाई दिए कि ‘मुझको हिमांशी खुराना मत समझना. आगे से मैं इस तरह की बातें नहीं सुनने वाला.’

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आखिर किस हद तक जाएंगे घर के सदस्य…

सिद्धार्थ के मुंह से हिमांशी खुराना का नाम सुन शहनाज के होश उड़ गए. अब देखने वाली बात ये होगी कि सिद्धार्थ शुक्ला और शहनाज गिल की ये लड़ाई कहां तक जा सकती है और बाकी घरवाले कौन कौन सी तरकीबें आजमा सकते हैं गेम में बने रहने के लिए.

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लव कुश की ये सच्चाई जानने के बाद उड़े कार्तिक-नायरा के होश, पढ़ें खबर

स्टार प्लस के पौपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में जब से लव-कुश की रीएंट्री हुई है तब से शो ने एक अलग ही ट्रैक पकड़ लिया है. पूरे सीरियल की कहानी कार्तिक और नायरा की लव स्टोरी से हटकर लव-कुश की हरकतों पर आ रुकी है. पिछले एपिसोड्स में हमने देखा कि लव त्रिशा नाम की लड़की के साथ बद्तमीजी करता दिखाई दिया जिसे कार्तिक और नायरा ने रंगे हाथों पकड़ लिया. बोर्डिंग स्कूल से आने के बाद लव-कुश का लाइफस्टाइल बिल्कुल ही चेंज हुआ नजर आ रहा है और दोनों अपने हिसाब से अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं.

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लव कुश को सिगरेट पीते देख लेगा कैरव…

 

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आने वाले एपिसोड की बात करें तो नायरा और कार्तिक को लव कुश से जुड़ी एक ऐसी बात पता चलने वाली है जिसे देख दोनो के होश उड़ जाएंगे. खबरों की माने तो कैरव लव कुश को सिगरेट पीते देख लेगा जिसके बाद लव कुश मिलकर उसे गुमराह करने की कोशिश करेंगे. लव कुश कैरव को सच्चाई का पता नहीं लगने देंगे और कैरव की भोलेपल की वजह से उनकी बातों में आ जाएगा.

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नायरा और कार्तिक को पता चलेगी लव कुश की ये सच्चाई…

 

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इन सब के बावजूद भी लव कुश की सच्चाई नायरा और कार्तिक तक पहुंच जाएगी और उन्हें लव कुश की इस बुरी आदत का पता चल जाएगा. लव कुश की ये सच्चाई कार्तिक और नायरा दोनो को काफी हैरान कर देगी जिसके बात दोनो मिलकर लव कुश को समझाएंगे और उन्हें सही रास्ते पर लेकर आने की कोशिश करेंगे.

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एक दूसरे के साथ रोमांटिक पल बिताएंगे कार्तिक-नायका…

 

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इन सब के चलते एक और खबर जो समने आई है वो ये है कि कार्तिक और नायरा एक दूसरे के साथ रोमांटिक पल गुजारने के लिए होटल रूम बुक करेंगे और कैरव को वे दोनो घर ही छोड़ जाएंगे. आने वाले एपिसोड्स में देखने वाली बात ये रहेगी कि क्या कार्तिक और नायरा मिलकर लव कुश को सुधारने में कामयाब हो पाएंगे या नहीं.

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शाहरुख की बेटी सुहाना की इस फोटो ने सोशल मीडिया पर मचाया धमाल, फैन्स ने किए ये कमेंट्स

सुहाना खान की अभी से इतनी जबरदस्त फैन फौलोइंग है कि उनके नाम के फैन्स ने इंस्टाग्राम पर अकाउंट्स बनाए हुए हैं. अब फैन्स ने सुहाना की लेटेस्ट फोटो शेयर की है जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. सुहाना इस फोटो में काफी क्यूट नजर आ रही हैं. फैन्स को ये फोटो काफी पसंद आ रही है और सभी उनकी खूबसूरती की तारीफ कर रहे हैं. बता दें कि सुहाना की फोटोज आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती है.

 

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हाल ही में सुहाना नया साल सेलिब्रेट करने के लिए भारत आई थीं. सुहाना के न्यू ईयर सेलिब्रेशन की फोटोज भी काफी वायरल हुई थी. कुछ समय पहले सुहाना की एक शौर्ट फिल्म रिलीज हुई थी. सुहाना की डेब्यू शौर्ट फिल्म का नाम ‘द ग्रे पार्ट औफ ब्लू’ है. सुहाना की इस शौर्ट फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया था.

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लड़कों को लेकर शाहरुख ने बेटी को दी थी ये सलाह…

एक इंटरव्यू के दौरान जब शाहरुख से पूछा गया था कि अगर उनकी बेटी सुहाना राहुल जैसे लड़के से मिले तो उन्हें कैसा लगेगा. शाहरुख ने जवाब दिया था कि उन्हें अच्छा नहीं लगेगा. उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी को बता चुके हैं कि अगर वह ऐसे लड़के से मिले जो कि उनसे कहे, ‘राहुल, नाम तो सुना ही होगा, इसका मतलब है कि वह स्टौकर है. अगर कोई लड़का पार्टी में उसे देखता रहे और कहे, ‘और पास और पास’ तो जाकर उसके पैर पर लात मार दो.

 

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2020🥰

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इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले जब शाहरुख से पूछा कि क्या वो अपनी बेटी की डेटिंग लाइफ पर ध्यान रखते हैं तो उन्होंने कहा था कि उन्हें सुहाना की बौयफ्रेंड्स को डील करने वाली हैबिट पसंद नहीं है. शाहरुख ने ये भी बताया था कि जब सुहाना को किसी लड़के के लिए गिफ्ट लेना होता है तो वह बेटी की मदद करते हैं.

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औनलाइन मार्केट बनाम ठगी का बाजार

छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगर कोरबा के बुधवारी बाजार में निवासरत एक महिला को इनाम मे एक शानदार “कार” का  झांसा देकर उससे आठ लाख रुपये  की ठगी कर ली गई . महिला की शिकायत पर  पुलिस ने ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों के खिलाफ धारा 420 सहित अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया था पुलिस अधीक्षक जितेन सिंह मीणा के निर्देश पर  चौकी प्रभारी जितेन सिंह यादव मामले की तहकीकात कर रहे थे.

इस दौरान पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली कि ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य दिल्ली व नालंदा बिहार में छुपे हुए हैं जिसके आधार पर  चौकी प्रभारी सिंह यादव सहित दिल्ली व नालंदा बिहार पहुंचे और ठगी करने वाले संतोष कुशवाहा व शिव शंकर महतो  को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया . दोनों आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने पासबुक एटीएम मोबाइल सिम कार्ड सहित अन्य सामानों को भी  जप्त कर लिया है. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक  इस मामले का मुख्य सरगना अभी फरार है जिसकी पुलिस सरगर्मी से खोजबीन में जुटी हुई है.

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टी-शर्ट मंगा कर लूट गई

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र में शांतिनगर में रहने वाली सालिमा सोना 47 वर्ष ने अपने बेटे के लिए टी शर्ट ऑनलाइन मंगाई थी. शर्ट की कीमत मात्र छह सौ रुपए थी. डिलवरी होने के बाद महिला को शर्ट पसंद नहीं आई, तो उसने शर्ट को रिटर्न कर दिया.उसे बताया कि चार से 10 दिन के भीतर उसके खाते मेेंं राशि वापस आ जाएगी.

रकम नहीं आने पर महिला ने इंटरनेट में सर्च कर फैक्ट्री क्लब के मोबाइल नंबर  पर सम्पर्क किया। किसी राजेश कुमार ने कहा कि पैसे जल्द मिल जाएंगे. ओटीपी बताना होगा. महिला ने जैसे ही ओटीपी बताया. ओटीपी बताने के बाद अलग-अलग किस्तों मेें उसके खाते से कुल ९९ हजार 997 रुपए गायब हो गए. महिला ने बांकीमोंगरा थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

 मोबाइल मंगाया और लुट गए

बेटे के लिए टी शर्ट मंगाकर ठगी का शिकार हुई  महिला वाले मामले को अभी कुछ ही दिन बीते थे की कोरबा जिला के दीपका थाना में फिर एक ठगी का मामला सामने आया . इस बार कंपनी ने सामान आर्डर करने वाले को उसका डेमो भेज दिया. अब ग्राहक उस सामान की वापसी की गुहार कंपनी से लगा रहा है. लेकिन कंपनी की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है.

ठगी का यह पूरा मामला औनलाइन शौपिंग वेबसाइट क्लब फैक्ट्री से जुड़ा हुआ है. दीपिका के बजरंग चौक शांति नगर के रहने वाले सरफराज अंसारी में क्लब फैक्ट्री से ऑनलाइन मोबाइल का और्डर किया था. कुछ दिन बाद ही उसे मोबाइल की डिलीवरी की गई. लेकिन जब उसने पैकेट खोला तो उसके होश उड़ गए. पैकेट के भीतर डेमो मोबाइल रखा हुआ था.

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ग्राहक ने तत्काल इसकी शिकायत क्लब फैक्ट्री के कंपनी कस्टमर केयर सिटी लेकिन उनकी तरफ से सरफराज को गोलमोल जवाब दिया गया. अंततः विवश होकर उसे भी थाने की शरण लेनी पड़ी कुल मिलाकर ऑनलाइन खरीदी करने वाले अनेकों लोग खरीदी करके मानो बुरी तरह फंस गए हैं. एक तरफ औनलाइन खरीदी का मार्केट जोर पकड़ता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ कुछ मत ले ऐसे सामने आ रहे हैं जो चिंता का सबब बने हुए हैं अच्छा हो ऑनलाइन मार्केटिंग की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए कुछ पुख्ता इंतजाम किए जाएं.

पौलिटिकल राउंडअप : सरकारी सर्कुलर पर विवाद

मैंगलुरु. सीएए और एनआरसी के खिलाफ 19 दिसंबर, 2019 को कर्नाटक के मैंगलुरु में प्रदर्शन हुए थे. उस से कुछ घंटे पहले ही जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा गया था कि दक्षिण कन्नड़ जिले के कालेज उन छात्रों पर नजर रखें, जो केरल के रहने वाले हैं.

दरअसल, ये प्रदर्शन हिंसक हो उठे थे. आरोप है कि कई लोग पुलिस की गोली से भी मारे गए थे. लेकिन असली विवाद तो बाद में इस सर्कुलर के चलते पैदा हो गया. राजनीतिक पार्टियों, छात्रों और शिक्षाविदों ने इस की बुराई करते हुए इसे भेदभाव वाला बताया, जबकि सरकारी अफसरों का कहना था कि सर्कुलर का मकसद केरल के छात्रों की सिक्योरिटी के लिए था, उन्हें बदनाम करने का नहीं था.

अपनों में बढ़ी दरार

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज्यादा पसंद नहीं हैं, पर चूंकि वे राजग में शामिल हैं, इसलिए भाजपा का गुणगान कर ही देते हैं.

हालिया माहौल पर नीतीश कुमार के ‘चाणक्य’ प्रशांत किशोर ने बयान दे डाला कि इस बार जनता दल (यू) बिहार विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़े, क्योंकि कई राज्यों में मिली हार के बाद भाजपा बैकफुट पर है.

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नीतीश कुमार ने 2-4 दिन इस डिमांड को पनपने दिया, पर इस का कोई असर नहीं दिखा. फिर भाजपाई सुशील कुमार मोदी और प्रशांत किशोर की आपसी दरार के बाद नीतीश कुमार ने नए साल पर कह दिया कि गठबंधन में सब ठीक है. पर यह अब भाजपा के दिमाग में रहेगा कि चुनाव के समय जद (यू) अपना दावा ठोंकेगा.

कांग्रेस अध्यक्ष का दावा

जम्मू. अगर जम्मू के सारे हिंदू भाजपा की तरफ हैं, तो आप की यह सोच एकदम गलत है. वहां के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने 31 दिसंबर, 2019 को दावा किया कि जम्मू क्षेत्र और दक्षिण कश्मीर के विभिन्न भागों की प्रस्तावित यात्रा से पहले यहां कांग्रेस पार्टी की ही जम्मूकश्मीर इकाई के अध्यक्ष जीए मीर और कई दूसरे बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया.

रवींद्र शर्मा ने कहा, ‘‘एक तरफ तो सरकार जम्मूकश्मीर में सामान्य हालात होने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ वह राजनीतिक गतिविधियों के लिए विपक्ष को इजाजत नहीं दे रही है. सामान्य हालात होने का उस का दावा खोखला है.’’

निरंजन ज्योति के बिगड़े बोल

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रियंका गांधी बहुत ज्यादा सक्रिय हो गई हैं. उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लिया हुआ है. इसी सिलसिले में उन्होंने भगवा कपड़े को ले कर वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एक विवादित बात कही. पिछले साल के आखिर में वे बोलीं कि प्रियंका गांधी भगवा रंग का मतलब नहीं समझ सकतीं, क्योंकि वे नकली गांधी हैं. उन्हें अपने नाम के आगे से गांधी हटा लेना चाहिए और अपना नाम प्रियंका फिरोज कर लेना चाहिए.

अगर नामों का इतना महत्व ही है तो आदित्यनाथ और निरंजन अपने नाम के आगेपीछे पुछल्ले क्यों लगाए रखते हैं?

भागवत के खिलाफ शिकायत

हैदराबाद. मोहन भागवत ने 25 दिसंबर, 2019 को यहां एक जनसभा में कहा था कि धर्म और संस्कृति पर ध्यान दिए बिना, जो लोग राष्ट्रवादी भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति और उस की विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और संघ देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है.

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मोहन भागवत के इस बयान पर कांग्रेस नेता वी. हनुमंत राव ने 30 दिसंबर, 2019 को उन के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया, ‘‘भागवत के बयान से न केवल मुसलिमों, ईसाइयों, सिखों, पारसियों वगैरह की भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंची है, बल्कि यह भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ भी है.’’

जजपा में घमासान

चंडीगढ़. हरियाणा की राजनीति में ‘दादा’ के नाम से मशहूर नेता रामकुमार गौतम ने अपनी पार्टी जननायक जनता पार्टी के खिलाफ बागी तेवर दिखाए और इस्तीफा देते हुए अपने नेता दुष्यंत चौटाला को कोसते हुए कहा था कि उन्हें मंत्री न बनाए जाने का गम नहीं है, लेकिन दुख इस बात का है कि गुरुग्राम के मौल में जो गुप्त समझौता हुआ है, उस के लिए बलि का बकरा उन्हें क्यों बनाया गया? उपमुख्यमंत्री ने 11 विभाग अपने पास रखे हैं, जबकि पार्टी के मात्र एक विधायक को एक कनिष्ठ मंत्री बनाया गया.

शिव सेना के बागी तेवर सफल होते देख दुष्यंत चौटाला भी किसी दिन अपने विधायकों के गुस्से को शांत करने के लिए कांग्रेस से समझौता कर सकते हैं.

तू डालडाल मैं पातपात

नई दिल्ली. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 26 दिसंबर, 2019 को निर्वाचन आयोग की पहली बैठक होने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अपनेअपने किए गए कामों को गिनाने की रेस शुरू हो गई. पिछले 5 साल से अटके बहुत से प्रोजैक्टों की केजरीवाल सरकार और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने या तो बुनियाद रखी या फिर उन का उद्घाटन किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकरीबन 1,700 कच्ची कालोनियों को पक्का करने का ऐलान किया, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने 5 साल के कामों का रिपोर्टकार्ड जारी किया और 65,000 झुग्गी वालों को पक्का मकान बना कर देने का सर्टिफिकेट दिया.

मोदी सरकार को कच्ची कोलोनियों को तो 4 साल पहले ही पक्का कर देना चाहिए था. अब तक क्या कर रही थी?

सावित्रीबाई फुले का दर्द

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी से सांसद रही सावित्रीबाई फुले ने नाराज हो कर पार्टी को छोड़ दिया था और बड़ी ठसक के साथ वे कांग्रेसी हो गई थीं. पर अब उन्होंने कांग्रेस का दामन भी छोड़ दिया है.

26 दिसंबर, 2019 को कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले सावित्रीबाई फुले ने आरोप लगाया कि पार्टी में उन की बात नहीं सुनी जाती है. इतना ही नहीं, कांग्रेस को अलविदा कहते हुए उन्होंने दावा किया है कि वे खुद की पार्टी बनाएंगी.

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सावित्रीबाई फुले का यह फैसला सही है, क्योंकि जब खुद की पार्टी होगी तो यह भगवाधारी नेता किसी की अनसुनी का शिकार तो कतई नहीं होगी.

अमीर परिवारों की बहूबेटियों को सौगात

लेखक- रामकिशोर दयाराम पंवार

केंद्र की सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिए साल 2006-07 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना के निर्देशन में देशभर में 750 आवासीय स्कूलों को खोलना शुरू किया था. इन विद्यालयों में कम से कम 75 फीसदी सीटें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्गों की बालिकाओं के लिए आरक्षित हैं. अन्य में 25 फीसदी सीटें गरीबी रेखा के नीचे गुजरबसर करने वाले परिवार की बालिकाओं के लिए आरक्षित की गई हैं.

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को हकीकत में बदलने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अब 12वीं तक की पढ़ाई होती है. इस में केंद्र सरकार 75 फीसदी और राज्य सरकार 25 फीसदी राशि का योगदान कर रही है.

मध्य प्रदेश के 47 जिलों के तकरीबन 207 विकास खंडों में 100, 150, 200 सीट वाले बालिका छात्रावासों को चलाया जा रहा है. इन सभी छात्रावासों में सहायक राज्य शिक्षा मिशन द्वारा वार्डन, लेखपाल की जिला स्तर पर नियुक्ति की गई, जो जिला स्तरीय नियुक्ति समिति द्वारा की जानी है, पर प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद 3 साल से ज्यादा कार्यकाल पूरा कर लेने वाली वार्डनों को हटा कर उन की जगह समाचारपत्रों में विज्ञापन जारी कर नई नियुक्ति के आवेदन मंगा कर उन का योग्यता के आधार पर चयन किया जाना था, लेकिन मध्य प्रदेश के अकेले बैतूल जिले में 4 कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों की वार्डनों की नियुक्ति के लिए की गई विधायकों की सिफारिश गोरखधंधे का रूप ले गई.

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बैतूल जिले में 4 कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास हैं. ये भीमपुर में चिल्लौर, आठनेर में मांडवी, घोड़ाडोंगरी में चोपना और शाहपुर में बीजादेही में बने हैं. चिल्लौर बालिका छात्रावास में सब से ज्यादा समय तक वार्डन पद पर रही भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष व जिला भाजपा महामंत्री राम भलावी की बेटी किरण भलावी भीमपुर जनपद शिक्षा केंद्र में नौकरी करने के साथसाथ बालिका छात्रावास की वार्डन रहीं.

गंभीर शिकायतों और माली अनियमितताओं के चलते उसी कुरसी पर किरण भलावी की नियुक्ति हो जाना सम झ से परे की बात रही है. उन की नियुक्ति में विधायक से ले कर जिले के मंत्री तक कूद पड़े. वार्डन के पिता को भाजपा जिला महामंत्री का पद छोड़ कर कांग्रेस में आना पड़ा. यही पिता कल भाजपा के सत्ता में आने के बाद एक बार फिर बेटी के लिए कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जा सकता है.

बैतूल जिले में बालिका छात्रावासों में साल 2015 से काम कर रही सभी वार्डनों को हटा कर उन की जगह पर आवेदन मंगा कर वार्डनों का चयन किया जाना था, लेकिन जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश फाटे की बहू प्रीति फाटे को बालिका छात्रावास सदर की कुरसी से नहीं हटाया गया, क्योंकि प्रीति फाटे प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे की सगी मौसी सास हैं.

इसी तरह सुनीता नरवरे को मांडवी वार्डन के पद से हटाया जाना था, लेकिन बैतूल विधायक निलय विनोद डागा ने उन का कार्यकाल बढ़ाने और उन्हें न हटाने पर जोर दिया. चिल्कापुर बालिका छात्रावास की वार्डन गीता सेलकरी को न हटाने की चिट्ठी लिख दी गई. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने भी किरण भलावी को पहले चिल्लौर, बाद में जंबाड़ा, उस के बाद कुनखेड़ी बालिका छात्रावास की वार्डन बनाने के लिए चिट्ठी लिख डाली.

घोड़ाडोंगरी के विधायक ब्रह्मा भलावी ने किरण भलावी को चिल्लौर, सलामे को बीजादेही बालिका छात्रावास की वार्डन बनाने व बीजादेही की वार्डन आशा कांवरे को हटाने की चिट्ठी लिख दी.

सर्वशिक्षा अभियान के तहत केंद्र व राज्य सरकार से मिलने वाली मोटी अनुदान रकम इस समय हर जिले के छात्रावासों में चूहेबिल्ली की लड़ाई का केंद्र बनी है.

कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास को हर साल 40 लाख रुपए से 60 लाख रुपए और बालिका छात्रावास को 20 लाख रुपए से ले कर 32 लाख रुपए का अनुदान मिलता है.

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इन छात्रावासों में महिला रसोइया, चौकीदार, अंशकालिक स्वीपर, लेखपाल की कहने को तो शाला प्रबंधन समिति द्वारा नियुक्ति की जाती है, लेकिन होता ऐसा कुछ भी नहीं है. स्थानीय छुटभैए नेता रसोइया से ले कर चौकीदार तक की नियुक्तियां करा कर पूरे बालिका आवासीय विद्यालय को अपनी मुट्ठी में रख कर उस का सालभर दोहन करने का काम करते हैं.

हर जिले में व्यावसायिक शिक्षा के लिए अंशकालिक टीचरों की नियुक्ति शाला प्रबंधन समिति द्वारा की जानी थी, लेकिन ब्लौक परियोजना समन्वयक और जिला परियोजना समन्वयक द्वारा बारबार की जाने वाली दखलअंदाजी की कार्यवाही के चलते पुराने कर्मचारियों को हटा कर नई नियुक्तियां नहीं की जा सकी हैं, जबकि पद खाली हो चुके हैं.

यह सच भी अपनेआप में अटल है कि माली अपराधों से जुड़े लोग ही ऐसी मलाईदार कुरसी पर बैठने के लिए हर तरह के गलत काम करने की ताकत रखते हैं.

नायरा-कार्तिक के सामने आएगी लव-कुश की सच्चाई, ऐसे लगाएंगे फटकार

स्टार प्लस के पौपुलर शो ये रिश्ता क्या कहलाता है में बहुत जल्द एक नया ट्विस्ट आने वाला है. अभी तक हमने आपको बताया कि शो के अंदर लव-कुश की एंट्री होने वाली है और लव की एक ऐसी हरकत की वजह से नायरा को काफी गुस्सा आ जाएगा और वे लव को खूब खरी-खोटी सुनाएगी. दरअसल, लव-कुश के बोर्डिंग स्कूल से आने के बाद शो में ये दिखाया जाएगा कि लव काफी बिगड़ गया है और वहीं दूसरी तरफ कुश काफी सुलझा हुआ और समझदार है.

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नायरा के साथ कार्तिक भी लगाएगा लव की क्लास…

आने वाले एपिसोड्स में हम देखेंगे कि लव त्रिशा नाम की लड़की के साथ बद्तमीजी करता दिखाई देगा और यहां तक की उसका दुपट्टा भी खींचेगा पर कुश उसको ये सब करने से रोकेगा और उसे समझाएगा कि ये सब गलत है. लव को ये सब करते हुए नायरा देख लेगी और उसे खूब खरी खोटी सुनाएगी. खबरों के अनुसार नायरा के साथ मिलकर कार्तिक भी लव को डांट लगाएगा.

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लव-कुश बनाएंगे कार्तिक-नायरा से दूरी…

 

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जैसा कि हम सब जानते हैं कि लव-कुश शुरू से ही कार्तिक और नायरा को पसंद नहीं करते क्योंकि उन्हें ये लगता है कि कार्तिक-नायरा की वजह से ही उनके माता-पिता के बीच दूरियां आई हैं. इसी के चलते जब कार्तिक-नायरा लव को उसकी हरकतों की वजह से डाटेंगे तो वे उनसे और ज्यादा दूरी बनाने लगेंगे.

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लव-कुश और त्रिशा का लव ट्राएंगल…

बहुत जल्द ही शो में कुछ ऐसा दर्शकों को देखने को मिलने वाला है जो कि उनके लिए काफी दिलचस्प रहेगा. खबरों की माने तो लव-कुश और त्रिशा के बीच लव ट्राएंगल बनता नजर आने वाला है. ऐसे में शो के मेकर्स दर्शकों का सारा ध्यान कार्तिक नायरा से हटाकर लव-कुश और त्रिशा पर लाने वाले हैं और शो की कहानी इन्हीं के इर्द गिर्द घूमती दिखाई देगी.

रिलेशनशिप्स पर टिक-टोक का इंफ्लुएंस

युवाओं का रिलेशनशिप में आना आम है. कक्षा छठी या सांतवी में आते ही इन रिलेशनशिप्स का सिलसिला शुरू होता है और लगभग उम्रभर चलता ही रहता है. यह आज की बात नहीं है बल्कि हमेशा से ही लोग प्रेम में पड़ते रहे हैं और रिलेशनशिप में भी आते ही रहे हैं, लेकिन रिलेशनशिप के मायने अब बदल चुके हैं.

आज सोशल मीडिया का इंफ्लुएंस युवाओं पर इतना ज्यादा है कि उन्हें अपने रिलेशनशिप से कभी संतुष्टि मिलती ही नहीं है. इस असंतुष्टि का ही परिणाम है कि वर्तमान में बच्चे 15 साल की उम्र में खुद को हार्टब्रोकेन बता घूमते हैं. सोश्ल मीडिया खासकर टिकटोक पर 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं जिन में 12 करोड़ एक्टिव हैं.

टिकटोक पर जिस तरह का कंटैंट इन युवाओं को परोसा जा रहा है वह न केवल अव्यव्हारिक है बल्कि अनैतिक व आपत्तिजनक भी है. टिकटोक पर वैसे तो कई अलग-अलग तरह की वीडियोज पोस्ट होते हैं, किसी में कोई डांस करता हुआ नजर आता है, किसी में लिप सिंक करता हुआ तो किसी में फिल्मी सीन जैसा दृश्य दिखाया जाता है. युवाओं व किशोरों के लिए रिलेशनशिप के मायने बदलने में टिकटोक का इंफ्लुएंस लगातार बढ़ रहा है.

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हालांकि, टिकटोक के रिलेशनशिप पर असर को ले कर अभी कोई स्टडी या रिसर्च सामने नहीं आई है लेकिन रिलेशनशिप को वैचारिक तौर पर बदलने में इस की भूमिका दिन ब दिन पैठ जमा रही है. कैसे? आइए नजर डालते हैं.

बड़ा पछताओगे’

इस फिल्मी गाने को टिकटोक पर अलगअलग कोन्सेप्ट्स में यूज किया गया है. ज्यादातर विडियोज में या तो लड़की इस गाने को गाते हुए लड़के को कह रही है कि बड़ा पछताओगे या लड़का लड़की को. ऐसी ही एक विडियो में लड़का किसी लड़की से बातें कर रहा है, फिर वह अपनी गर्लफ्रेंड को देखता है और उस के पास आने लगता है तो उस की गर्लफ्रेंड उस के सामने से दूसरे लड़के को ला निकलने लगती है. बैक्ग्राउंड में ‘मुझे छोड़ के जो तुम जाओगे बड़ा पछताओगे, बड़ा पछताओगे…’ चलता रहता है.

आई केन टेक यौर मैन

इस साउंड पर बनी विडियो में लड़कियां दूसरी लड़कियों को कहती हैं, ‘आई केन टेक यौर मैन इफ आई वांट टू, बट गुड फोर यू आई डोंट वांट टू’ यानी मैं चाहूं तो तुम्हारे बौयफ्रेंड या पति को जब चाहे पा सकती हूं पर तुम्हारे लिए अच्छा है कि मैं पाना नहीं चाहती. इस हैशटैग से टिकटोक पर 16 करोड़ से ज्यादा विडियोज मौजूद हैं.

द एक्स फैक्टर

अब लोग रिलेशनशिप में आएंगे तो ब्रेकअप तो होगा ही फिर चाहे परमानेंट हो या टेम्पोररी. अब टिकटोक पर एक्सेस को ले कर अनगिनत विडियोज हैं जिन का न कोई सिर है न पैर. जैसे, कहीं कोई अपने एक्स के लिए रो रहा है, कोई शीशे पर एक्स लिख कर उस पर मुंह से पानी उगल रहा है, कोई उसे उलाहनाएं दे रहा है तो पैरों पर गिर रहा है.

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रुला के गया इश्क तेरा

रिलेशनशिप का एक और ड्रामा जिस में अधिकतर तीन तरफा प्यार दिखाने की कोशिश की जाती है. इतना शायद असल जीवन में कोई सोचता नहीं होगा पहले जितना अब इन विडियोज के बाद लोगों ने अपनी बेस्टफ्रेंड के साथ अपने बौयफ्रेंड के अफेयर के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. कभी पीठ के पीछे कोई बेवफाई कर रहा होता है तो कभी आंख के आगे जिसे देख लड़की कुछ कहती भी तो नहीं क्योंकि प्यार जो करती है. कैसी विकृत मानसिकता है ये.

इंफ्लुएंस्ड होना रोकें

ऊपर जिन चंद विडियोज के उदाहरण दिए गए हैं उन के कौंसेप्ट कोई बड़े राइटर तैयार नहीं करते बल्कि आम लोग करते हैं जो अपनी अजीबो-गरीब सोच को अच्छी एक्टिंग के साथ लोगों के सामने परोसते हैं और लोग उन्हें वाहवाही तक देते हैं. इस में दोराय नहीं कि यह सोच न केवल उन के अपने जीवन में वे उतारते हैं बल्कि जाने-अनजाने उनके रिलेशनशिप्स भी प्रभावित होते हैं.

जलन, बेवफाई, तीन तरफा प्यार को बढ़ावा, एक्स को गालियां देते फिरना आदि को ले कर टिकटोक को दोष दिया जाना गलत नहीं होगा. धोखा दिया किसी ने तो उस को जान से मार देने जैसी विडियोज की भरमार भी कम नहीं है. खुद रो रो कर भी रिलेशनशिप निभाना भी इन विडियोज में भरा पड़ा है. टिकटोक से इंफ्लुएंस हो लोग अपनी लवलाइफ को भी कोई कहानी समझने लगे हैं. यह गलत है, सरासर गलत है.

बौलीवुड और हिंदी सीरियल्स के इंफ्लुएंस से लोगों की सोच पहले ही संकुचित थी और अब तो संकुचित सोच छोटी उम्र में ही बच्चों के अंदर पैठ जमाने लगी है. जरूरी है कि टिकटोक को मनोरंजन की ही तरह देखें पर जरूरत से ज्यादा नहीं.

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इस बड़े भोजपुरी अभिनेता ने किया आर्यन पांडे को पर्सनल पीआरओ के तौर पर साइन, पढ़ें खबर

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और कई सुपरहिट फिल्में देनें वाले आनंद ओझा ने भोजपुरी सिनेमा के पीआरओ आर्यन पांडे को अपने पर्सनल पीआरओ के तौर पर साइन किया है. इस खबर की पुष्टि खुद अभिनेता आनंद ओझा और पीआरओ आर्यन पांडे ने की. उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमें में औफिसर के रूप में कार्यरत आनंद ओझा नें भोजपुरी फिल्म ‘सबसे बड़ा मुजरिम’ से अपने अभिनय की शुरुआत की थी.

उन्होंने अब तक दर्जन भर से अधिक फिल्में की हैं. जिनका दर्शकों पर काफी अच्छा रिस्पौंस रहा था. वहीं उनकी जो फिल्में प्रदर्शित होने को तैयार हैं उसमें प्रमुख रूप से ‘हीरोगीरी’, ‘लव एक्सप्रेस’, ‘कुम्भ’ जैसी फिल्में शामिल हैं जो बहुत जल्द सिनेमाघरो में दस्तक देंगी. हाल ही में आनंद ओझा ने भोजपुरी सिनेमा की बड़े बजट वाली फिल्म ‘रण’ की शूटिंग पूरी की है. इस फिल्म में वह हर बार की तरह इस बार भी मुख्य भुमिका में नजर आने वाले हैं. वहीं उनके अपोजिट भोजपुरी सनसनी काजल रघवानी हैं. माना जा रहा है की बहुत कम समय में ही ये नई नवेली जोड़ी आनंद-काजल दर्शकों को खूब भाने लगी है.

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आनंद ओझा द्वारा आर्यन पांडे को पर्सनल पीआरओ के तौर पर साइन किये जाने के पीछे यह माना जा रहा है की आर्यन पाण्डेय की सोशल मीडिया पर अच्छी पहुंच के साथ ही मीडिया जगत में भी अच्छी इमेज है. जिसके चलते फिल्मों और सिनेमा जगत के अभिनेताओं के प्रचार-प्रसार में वह अच्छी भूमिका निभा रहें हैं. बेहद ही कम उम्र के पीआरओ आर्यन पाण्डेय इन दिनों भोजपुरी जगत के सबसे सफल पीआरओ में गिनें जाते हैं.

ऐसे में आनंद ओझा द्वारा आर्यन पाण्डेय को अपने निजी पीआरओ के तौर पर चुना जाना भोजपुरी सिनेमा के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है. आर्यन पाण्डेय को अभिनेता आनंद ओझा द्वारा पर्सनल पीआरओ चुने जाने पर आर्यन नें बताया की आनंद ओझा ना केवल बड़े पर्दे पर हीरो है बल्कि असल जिंदगी में भी लोगों के हीरो हैं. क्यों की आनंद ओझा जहां एक तरफ वह अपने अभिनय से लोगों का मनोरंजन करते हैं तो वही दूसरी ओर वह एक सच्चे और ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में लोगों की हिफाजत भी करते हैं.

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अभिनेता आनंद ओझा की माने तो आर्यन पाण्डेय एक बेहतरीन और उर्जावान पीआरओ हैं. जिनके पास लुभा देने वाले शब्दों का भंडार हैं. आनंद ओझा ने बताया उन्हें पीआरओ आर्यन पांडे को अपने पर्सनल पीआरओ के रूप में साइन करने की बहुत खुशी है. उन्होने कहा की हम दोनों की जोड़ी भोजपुरी सिनेमा की सबसे बेहतरीन जोड़ियों में से एक होगी. तो वही आर्यन पांडे भी अभिनेता आनंद ओझा के पर्सनल पीआरओ बनने पर बहुत उत्साहित नजर आ रहे है. अब देखना यह होगा कि ये नई नवेली जोड़ी भोजपुरी सिनेमा जगत में कितना कमाल कर पाती है.

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