खेल का मैदान: कहीं जीता दिल, कहीं किया शर्मसार

शनिवार, 12 जून, 2021 को फुटबाल के ‘यूरो कप’ में अपने पहले मुकाबले में कमजोर फिनलैंड ने डैनमार्क को 1-0 से हरा दिया. पर इस फुटबाल मैच की जो सब से अहम घटना थी, वह डैनमार्क के शानदार खिलाड़ी क्रिश्चियन ऐरिक्सन से जुड़ी थी. दरअसल, मैच के हाफ टाइम से ठीक पहले वे मैदान में अचानक गिर कर बेहोश हो गए थे.

क्रिश्चियन ऐरिक्सन डैनमार्क के आक्रामक मिडफील्डर के तौर पर मशहूर हैं और उन्हें मैदान पर ऐसे पड़ा देख कर उन की टीम के सदस्य रोने लगे थे. डैनमार्क के फैन भी गमगीन थे.

यह हादसा देख कर अचानक खयाल आया कि 29 साल का इतना ज्यादा फिट इनसान देखतेदेखते कैसे उन हालात में जा सकता है कि उस के बचने की उम्मीद अचानक धुंधली पड़ती जाए? पर वहां मौजूद डाक्टरों की टीम ने कमाल का काम किया.

इसी बीच डैनमार्क के खिलाडि़यों ने घेरा बना कर जमीन पर पड़े ऐरिक्सन का मानो सुरक्षा कवच बना लिया था, हालांकि उन के चेहरे क्रिश्चियन ऐरिक्सन की विपरीत दिशा में थे.

डाक्टरों ने तो मानो अपना पूरा जोर लगा दिया था. उन्होंने क्रिश्चियन ऐरिक्सन की जोरजोर से छाती दबाई… और भी कई जरूरी तरीके अपनाए, पर डैनमार्क टीम के खिलाडि़यों के आंसू बता रहे थे कि हालात बेहद चिंताजनक हैं. लेकिन सब से अच्छी बात तो यह थी कि दर्शकों और मैदान पर जमा दूसरे लोगों ने घटनास्थल के पास कोई मजमा नहीं लगाया.

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वहां से थोड़ी दूर एक महिला भी मैदान पर थीं, जिन्हें डैनमार्क के कुछ खिलाड़ी दिलासा दे रहे थे. वे शायद क्रिश्चियन ऐरिक्सन की पत्नी थीं और रोए जा रही थीं. यह एक ऐसा सीन था, जिसे खेल के मैदान पर कोई नहीं  देखना चाहेगा.

उधर डाक्टरों की टीम अपने काम में जुटी हुई थी. चिकित्सा का पूरा ताम झाम डाक्टर ले आए थे, पर जब उन्हें लगा कि अब क्रिश्चियन ऐरिक्सन को अस्पताल ले जाना पड़ेगा, तो उन्होंने वही किया. तब तक क्रिश्चियन ऐरिक्सन बेहोश थे और मैडिकल इमर्जेंसी के चलते मैच को निलंबित कर दिया गया था.

काफी देर के बाद टूर्नामैंट के आयोजक यूईएफए ने जानकारी दी कि क्रिश्चियन ऐरिक्सन को होश आ गया है और उन की हालत फिलहाल ‘स्थिर’ है. यह खबर सुखद थी.

दोनों टीमों से बात कर के कुछ देर बाद मैच फिर से शुरू हुआ. पर तब तक शायद डैनमार्क के खिलाडि़यों की लय बिगड़ चुकी थी, जिस के चलते यह मैच फिनलैंड ने 1-0 से अपने नाम कर लिया.

मैच खत्म होने के बाद डैनमार्क की टीम के हैड कोच कैस्पर हेजुलमैन ने कहा, ‘‘यह टीम के लिए बेहद मुश्किल शाम थी, जब हम सभी को इस बात का अहसास हुआ कि जिंदगी में सब से अहम चीज रिश्ते हैं. हम ऐरिक्सन और उन के परिवार के साथ हैं.’’

यूईएफए के अध्यक्ष एलैक्जैंडर चैफरीन ने कहा, ‘‘इस तरह के वाकिए आप को एक बार फिर जिंदगी के बारे में सोचने का मौका देते हैं. इस तरह के वाकिए बताते हैं कि फुटबाल खेल के परिवार में कितनी एकता है. मैं ने सुना दोनों टीमों के फैंस ऐरिक्सन का नाम ले रहे थे. ऐरिक्सन बेहतरीन खिलाड़ी हैं और बेहतरीन फुटबाल खेलते हैं.

‘‘पर, मैं साथ में उन डाक्टरों की टीम की तारीफ भी करूंगा, जिस ने बिना देरी किए ऐरिक्सन को बचाने के लिए हर मुमकिन तरीका अपनाया और एक बेहतरीन खिलाड़ी को नई जिंदगी दी.’’

पर एक और टीम खेल क्रिकेट में हुई एक घटना ने क्रिकेट प्रेमियों को शर्मिंदा कर दिया. हुआ यों कि क्रिकेट की ढाका प्रीमियर लीग में शुक्रवार, 11 जून, 2021 को खेले गए एक ट्वैंटी20 मैच के दौरान बंगलादेशी खिलाड़ी शाकिब अल हसन अंपायर से भिड़ पड़े थे और गुस्से में स्टंप्स पर भी लात मारते हुए दिखाई दिए थे.

इस घटना के गवाह एक वीडियो  में दिखा कि शाकिब अल हसन ने  दूसरी टीम के बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम के खिलाफ अपनी गेंदबाजी पर एलबीडब्ल्यू की अपील की और जब अंपायर ने नौटआउट करार दिया, तो उन्होंने पहले स्टंप्स पर लात मारी और फिर अंपायर से भी भिड़ गए.

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लेकिन बाद में शाकिब हल हसन को ही यह सब करना भारी पड़ गया. उन के खराब बरताव के लिए उन्हें ढाका प्रीमियर लीग में 4 मैचों के लिए बैन कर दिया गया और 4 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया.

हालांकि, शाकिब अल हसन ने अपने इस बरताव के लिए माफी मांगते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘प्रिय फैंस और फौलोवर, मैं अपना आपा खोने और इस तरह से सभी से मैच को बरबाद करने के लिए माफी मांगता हूं, खासतौर पर उन लोगों से जो घर पर बैठ कर यह मुकाबला देख रहे थे.

‘मेरे जैसे एक अनुभवी खिलाड़ी को इस तरह का बरताव नहीं करना चाहिए, लेकिन कभीकभी दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से ऐसा हो जाता है. मैं टीमों से, मैनेजमैंट से, टूर्नामैंट के औफिशिल्स से और टूर्नामैंट के आयोजकों से इस भूल के लिए माफी मांगता हूं. उम्मीद है कि भविष्य में मैं इस तरह का बरताव फिर कभी नहीं करूंगा. धन्यवाद और सभी को प्यार.’

माना कि खेल के मैदान पर हारजीत के तनाव में खिलाड़ी आपा खो देते हैं, पर शाकिब अल हसन का गुस्सा होना और वह भी इस हद तक कि पहले विकेट पर लात दे मारी और फिर अंपायर पर ही चढ़ गए, कहीं से जायज नहीं था. उन का बाद में माफी मांगना यह साबित करता है कि उन की हरकत स्कूली क्रिकेट के किसी खिलाड़ी की तरह बचकानी थी, जो विकेट न मिलने पर ऐसा बरताव करे.

फुटबाल और क्रिकेट जैसे टीम खेल में अपने साथियों के साथसाथ विरोधी टीम के खिलाडि़यों और मैदान पर मौजूद अंपायर या रैफरी के साथ अच्छा बरताव करना बहुत जरूरी होता है.

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आपा खोया नहीं कि लेने के देने पड़ जाते हैं. अगर क्रिश्चियन ऐरिक्सन वाले मामले में डाक्टरों की टीम भी अपना आपा खो देती तो शायद वह एक उम्दा खिलाड़ी की जान नहीं बचा पाती, जो खेल जगत के लिए कभी न भर पाने वाला नुकसान होता.

टैस्ट क्रिकेट का हो या जिंदगी का कम न आंकें 36 के स्कोर को

पिछले तकरीबन एक साल से कोरोना के चलते पूरी दुनिया में ‘पौजिटिव’ शब्द इतना खौफनाक बना हुआ है कि अब दिल को खुश करने वाली खबरें न के बराबर ही सुनाई देती हैं. हां, ‘नैगेटिव’ शब्द सुन कर जरूर उम्मीद के कान खड़े हो जाते हैं. पर नया साल बदला तो कुछ ऐसा नया हुआ जिस ने कम से कम भारत को तो गजब का जोश दिला दिया. यह ‘पौजिटिव’ खबर खेल जगत से आई थी और यह खेल था क्रिकेट.

19 जनवरी, 2021 को जैसे ही भारत ने मेजबान आस्ट्रेलिया को गाबा के मैदान पर 3 विकेट से हरा कर 4 टैस्ट मैच की सीरीज 2-1 से अपने नाम की, वैसे ही क्रिकेट प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई. पर क्यों? ऐसा नहीं है कि भारत ने पहले किसी दूसरी टीम को उसी के देश में नहीं हराया है, पर अब जो गजब तमाशा हुआ है, उसे काफी समय तक याद रखा जाएगा.

याद कीजिए इस सीरीज का पहला एडिलेड टैस्ट मैच. भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में टैस्ट इतिहास में अपने सब से कम स्कोर 36 पर आउट हो गई थी और भारत के पक्ष में जा सकने वाला यह मैच हार गई थी. कप्तान विराट कोहली बहुत ज्यादा निराश थे और इस बात से चिंतित थे कि उन के ‘पैटरनिटी लीव’ पर जाने के बाद टीम का क्या हश्र होगा.

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कोढ़ पर खाज यह थी कि भारतीय टीम में खिलाड़ियों की चोट एक बड़ी समस्या बन रही थी. घायल मोहम्मद शमी पूरी सीरीज से बाहर हो गए थे. साथ ही यह सवाल भी मुंह बाए खड़ा था कि टीम की कमान कौन संभालेगा? पहले मैच में जीत का स्वाद चखने के बाद तो वैसे भी मेजबान आस्ट्रेलियाई टीम के खून मुंह लग चुका था.

इधर जब अजिंक्य रहाणे कप्तान बने और अगले 3 मैच में भारतीय टीम की क्या गत हो सकती है, इस बात का अंदेशा होते ही लगा कि अब तो किसी तरह इज्जत बचा कर घर वापसी की जाए. पर समस्या इस से भी बड़ी थी और वह यह कि टीम के 5 खिलाड़ियों शुभमन गिल, मोहम्मद सिराज, नवदीप सैनी, वाशिंगटन सुंदर और टी. नटराजन ने इस से पहले टैस्ट मैच नहीं खेला था. शार्दुल ठाकुर के पास भी नाम का ही अनुभव था.

ऊपर से आस्ट्रेलिया में मैच हो और नस्लीय टिप्पणी न की जाए… ऐसा भला कभी हुआ है. मतलब सीन पूरा फिल्मी था, एकदम ‘लगान’ टाइप कि बेटा, ओखली में सिर दे चुके हो, अब तो बेहिसाब मूसल पड़ेंगे.

बहरहाल, छेद हुए जहाज के कप्तान बने अजिंक्य रहाणे ने मेलबर्न के दूसरे टैस्ट मैच में सब्र से काम लिया और एक शानदार सैंचुरी लगा कर भारतीय टीम को पहली पारी में बढ़त दिलाई. उन्होंने 112 रन बनाए थे.

बाकी का काम गेंदबाजों ने किया. जसप्रीत बुमराह, आर. अश्विन और मोहम्मद सिराज की सधी गेंदबाजी से भारतीय टीम ने न केवल उस मैच पर कब्जा जमाया, बल्कि सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला दिया. इस मैच में जसप्रीत बुमराह ने 6 विकेट, आर. अश्विन और मोहम्मद सिराज ने 5-5 विकेट लिए थे. भारत ने यह मैच 8 विकेट से अपने नाम किया था.

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इस जीत से भारतीय टीम को नया जोश मिला, पर पहले मोहम्मद शमी और फिर उमेश यादव के चोट के चलते टीम से बाहर होने के बाद सिडनी में खेले जा रहे तीसरे मैच में भारतीय टीम को अनुभवी तेज गेंदबाज की कमी खलती नजर आई. अब जसप्रीत बुमराह के साथ 2 नए गेंदबाज मैदान पर थे. अपना दूसरा मैच खेल रहे मोहम्मद सिराज और डैब्यू कर रहे नवदीप सैनी.

7 जनवरी से शुरू हुए इस मैच में मोहम्मद सिराज और नवदीप सैनी ने नपीतुली गेंदबाजी की. इस मैच में मोहम्मद सिराज ने 2 और नवदीप सैनी ने 4 विकेट लीं. इस के अलावा बल्लेबाज शुभमन गिल ने टैस्ट कैरियर की पहली फिफ्टी जड़ी.

लेकिन आस्ट्रेलिया ने जब अपनी दूसरी पारी में 6 विकेट पर 312 रन बना कर भारत को जीतने के लिए 407 रन का टारगेट दिया तो लगा कि अब यह मैच भारत के हाथ से फिसल गया है. मैच के आखिरी दिन भारतीय टीम को 300 से ज्यादा रन बनाने थे और उस् के 2 विकेट गिर चुके थे. अब तो मैच ड्रा हो जाए, यही गनीमत थी, पर ऋषभ पंत ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 97 रन बनाए, पर अफसोस अपनी सैंचुरी से महज 3 रन पहले ही वे आउट हो गए.

अब आस्ट्रेलिया को भारत के 5 विकेट लेने थे और कई ओवरों का मैच अभी बाकी था. भारत के लिए नैगेटिव खबर यह थी कि बल्लेबाज हनुमा विहारी रन लेते समय मांसपेशी खिंचने से पूरी तरह फिट नहीं थे, पर उन्होंने हार नहीं मानी और आर. अश्विन के साथ अपनी जिंदगी की एक यादगार साझेदारी निभाई, जिस में रन बनाने से ज्यादा अहम था विकेट पर खड़े रहना.

हनुमा विहारी ने तकरीबन 4 घंटे तक बल्लेबाजी की. उन्होंने 161 गेंद खेलीं और नाबाद 23 रन बनाए. इसी तरह आर. अश्विन ने 128 गेंद खेल कर नाबाद 39 बनाए और यह मैच ड्रा करा दिया.

अब इस सीरीज का आखिरी मैच ब्रिस्बेन के उस गाबा मैदान पर खेला जाना था, जहां पर आस्ट्रेलियाई टीम पिछले 32 साल से कोई टैस्ट मैच नहीं हारी थी. इतना ही नहीं, कोई भी एशियाई टीम यहां कभी टैस्ट मैच नहीं जीती थी.

हालांकि भारतीय टीम का जोश बढ़ चुका था, पर खुद पर हुई नस्लीय टिप्पणियों से जूझते हुए टीम के खिलाड़ियों पर एक गाज और गिरनी बाकी थी, जब गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और आर. अश्विन भी चोट की वजह से मैच से बाहर हो गए. मतलब इस ऐतिहासिक मैच में टीम की गेंदबाजी का सारा बोझ शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी, वाशिंगटन सुंदर, टी. नटराजन और मोहम्मद सिराज के नएनवेले कंधों पर था.

शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज ने निराश नहीं किया. शार्दुल ठाकुर ने इस मैच में 7 विकेट लिए, वहीं मोहम्मद सिराज ने दूसरी अहम पारी में 5 आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को आउट कर मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया.

आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 369 और दूसरी पारी में 294 रन बनाए. भारत ने पहली पारी में 336 रन बनाए थे, लिहाजा दूसरी पारी में यह मैच जीतने के लिए उसे 328 बनाने थे. वैसे, पहली पारी में भारत की ओर से शार्दुल ठाकुर ने 67 और वाशिंगटन सुंदर ने 62 अहम रन बटोरे थे.

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भारतीय टीम की दूसरी पारी में शुभमन गिल ने 91 और ऋषभ पंत ने नाबाद 89 रन बनाए और इस शानदार जीत को आसान बनाया. इस के अलावा चोटिल पर निडर चेतेश्वर पुजारा ने 211 गेंद पर 56 रन बनाए, जो अस्ट्रेलियाई टीम का मनोबल तोड़ने में बहुत काम आए. वे आस्ट्रेलिया के सामने उस ‘दीवार’ की तरह अड़े रहे, जैसे कभी राहुल द्रविड़ डटा करते थे.

यह जीत सिर्फ खेल में मिली कोई आम जीत नहीं है, बल्कि लोगों को सीख भी देती है. महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के शब्दों में समझें तो, “हम सभी भारतीयों और दुनिया के लोगों को याद रखना होगा कि जिंदगी में आप जब कभी भी 36 या इस से कम स्कोर करते हैं, तो इस से दुनिया खत्म नहीं हो जाती है.”

सचिन तेंदुलकर की इस बात में बहुत दम है. जिस तरह से भारतीय युवा टैस्ट टीम ने कद्दावर आस्ट्रेलिया को उसी के घर में हार का स्वाद चखाया है, उस से यह बात सच साबित होती है कि सामने वाले को कभी कमतर नहीं आंकना चाहिए, भले ही मैदान खेल का हो या फिर दुनिया का.

वेलडन भारतीय क्रिकेट टीम!

क्रिकेट : बिना मैच खेले कैसे गंवाया भारत ने नंबर-1 का ताज

कोरोना वायरस महामारी की मार खेलों पर भी पड़ा है और चाहे क्रिकेट हो या फुटबौल, हौकी हो या बेसबौल या फिर कोई अन्य खेल, पूरी तरह बंद हैं. इस बीच खबर है कि आईसीसी क्रिकेट रैंकिंग के एक ताजा सर्वे में भारत बिना मैच खेले ही शीर्ष स्थान गंवा चुका है. यह ताज आस्ट्रेलिया ने भारत से छिन लिया है और वह शीर्ष स्थान पर पहुंच चुका है. भारत तीसरे स्थान पर खिसक गया है जबकि न्यूजीलैंड को दूसरा स्थान मिला है.

भारत 1 मई को आईसीसी टेस्ट क्रिकेट रैंकिंग में आस्ट्रेलिया से शीर्ष स्थान गंवा चुका है और अब तीसरे स्थान पर आ गया है. रैंकिंग में गिरावट इसलिए आई है क्योंकि 12 टेस्ट मैचों में भारत की जीत और 2016-2017 में सिर्फ 1 हार वार्षिक अद्यतन से समाप्त हो गई थी.

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नवीनतम अपडेट ने मई 2019 के बाद से खेले गए मैचों को 100% और पिछले 2 वर्षों के मैचों को 50% पर रेट किया है.

आईसीसी ने एक बयान जारी कर कहा,”भारत मोटे तौर पर सीढ़ी में गिरा क्योंकि 12 टेस्ट जीत और 2016-17 में सिर्फ 1 टेस्ट हार का रिकौर्ड हटा दिया गया था.”

कहां है विराट की टीम

कप्तान विराट कोहली की टीम उस अवधि के दौरान आस्ट्रेलिया और इंगलैंड के खिलाफ सभी 5 श्रृंखलाएं जीती थीं. दूसरी ओर आस्ट्रेलिया उसी अवधि में भारत के साथसाथ दक्षिण अफ्रीका से हार गया था.

नवीनतम अपडेट मई 2019 के बाद से खेले गए सभी मैचों को 100% और पिछले 2 सालों के 50% पर रेट करते हैं.

ऑस्ट्रेलिया न केवल टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गया, बल्कि पहली बार टी- 20 आईसीसी सूची में नंबर- 1 पर कब्जा कर लिया, जबकि इंगलैंड ने वार्षिक अद्यतन के बाद पुरुषों की वनडे रैंकिंग का नेतृत्व करना जारी रखा, जो 2016-17 के परिणामों को समाप्त करता है.

आस्ट्रेलिया के अब 116 अंक हैं और उस के बाद न्यूजीलैंड (115) और भारत (114) हैं.

केवल 2 अंकों के साथ उन्हें अलग करने के बाद यह शीर्ष 3 टीमों में से दूसरा निकटतम है, क्योंकि 2003 में टेस्ट रैंकिंग शुरू की गई थी.

दक्षिण अफ्रीका को 8 अंकों की सब से बड़ी रेटिंग में गिरावट का सामना करना पड़ा है, जो उन्हें श्रीलंका से छठे स्थान पर गिराता है.

उन्होंने इस अवधि में 3 सीरीज़ जीतीं, जबकि फरवरी 2019 के बाद श्रीलंका, भारत और इंगलैंड के खिलाफ खेलते हुए 9 में से 8 टेस्ट हारे.

वनडे टीम रैंकिंग में विश्व चैंपियन इंगलैंड (127) ने भारत पर अपनी बढ़त 6 से 8 अंक तक बढ़ा दी है.

भारत से 3 अंक पीछे न्यूजीलैंड तीसरे स्थान पर है. शीर्ष 10 रैंकिंग अपरिवर्तित बनी हुई हैं.

इस के विपरीत अद्यतन T20 टीम रैंकिंग में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते हैं. रैंकिंग पेश किए जाने के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया (278) अंक के साथ शीर्ष पर है.

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पाकिस्तान जोकि जनवरी 2018 में शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए न्यूजीलैंड से आगे निकल गया था और फिर वहां 27 महीने बिताए थे, अब 260 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है.

इंगलैंड 268 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर आ गया है, जबकि भारत 1 तीसरे स्थान पर है यानी सिर्फ 2 अंक पीछे.

अफगानिस्तान 7वें से 10वें स्थान पर है.

यह भी जानिए

  • आस्ट्रेलिया ने टेस्ट रैंकिंग में एक शीर्ष स्थान हासिल किया और साथ ही पहली बार टी 20 सूची में नंबर 1 स्थान हासिल किया.
  • इंगलैंड ने वार्षिक अद्यतन के बाद पुरुषों की एकदिवसीय रैंकिंग में अपनी बढ़त जारी रखी जो 2016-2017 के परिणामों को समाप्त कर दिया.
  • टेस्ट रैंकिंग में आस्ट्रेलिया 116 अंकों के साथ न्यूजीलैंड 115 अंकों के साथ भारत और 114 अंकों के साथ शीर्ष पर है.
  • केवल 2 अंकों के अंतर के साथ यह दूसरा निकटतम है कि शीर्ष टीमों को 2003 में टेस्ट रैंकिंग जारी की गई थी.
  • शीर्ष 3 टीमें जनवरी 2016 में निकटतम थीं जब भारत आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका से 1 अंक से आगे चल रहा था
  • टेस्ट रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका को 8 अंकों की सब से बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा है और श्रीलंका के नीचे 6ठे स्थान पर छोड़ने का नेतृत्व किया.
  • दक्षिण अफ्रीका ने चयनित अवधि में 3 सीरीज़ जीती हैं और फरवरी 2019 के बाद से भारत, श्रीलंका और इंगलैंड के खिलाफ खेलते हुए 9 में से 8 टेस्ट हारे हैं.

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वनडे टीम रैंकिंग

  • वनडे टीम रैंकिंग में शीर्ष 10 रैंकिंग अपरिवर्तित रहे.
  • इंगलैंड ने वनडे टीम रैंकिंग में भारत पर अपनी बढ़त 6 से 8 अंक तक बढ़ा दी है.
  • न्यूजीलैंड अभी भी तीसरे स्थान पर है और भारत से 3 अंक पीछे है.

T20 टीम रैंकिंग

  • 278 अंक के साथ आस्ट्रेलिया पहली बार सूची में शीर्ष पर है.
  • पाकिस्तान जो जनवरी 2018 में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया था और न्यूजीलैंड से आगे निकल गया था, अब 260 अंकों के साथ चौथे स्थान पर आ गया है.
  • 268 अंकों के साथ इंगलैंड दूसरे स्थान पर आ गया है जबकि भारत 1 स्थान ऊपर तीसरे स्थान पर है, जो सिर्फ 2 अंक पीछे है.
  • अफगानिस्तान 7 वीं से 10वीं रैंकिंग में गिर गया है.

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अलविदा 2019: इस साल क्रिकेट की दुनिया में रहा इन महिला खिलाड़ियों का बोलबाला

भारतीय महिला क्रिकेट टीम के चर्तित युवा महिला क्रिकेटर जो किसी स्तर पर पुरुष क्रिकेटर से कम नहीं है, तो आइये 2019 के कुछ प्रसिद्ध क्रिकेटरों के बारे में जानते है .

* मिताली राज :- भारतीय कप्तान मिताली राज 200 वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट मैच खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गई, लेकिन इस धुरंधर खिलाड़ी के लिए 200 वनडे महज एक आंकड़ा है. मिताली ने जनवरी 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था. कप्तानी करने उतरी मिताली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना 20वां साल पूरा किया.

* स्मृति मंधाना :- स्मृति मंधाना को मिली आईसीसी महिला वनडे और टी20 टीम ऑफ द ईयर में बनाया है. वनडे क्रिकेट में स्मृति मंधाना का रिकॉर्ड काफी जबरदस्त है. उन्होंने 51 वनडे मुकाबलों में 43.08 की प्रभावी औसत से 2,025 रन बनाए हैं. इसमें उनके नाम चार शतक और 17 अर्धशतक उनके नाम है.

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All set for the home series against South Africa 😇 See you soon Surat!! 🤩

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*झूलन गोस्वामी :- यह वुमन टीम इंडिया की कपिल देव हैं . पिछले कई सालों से लगातार बेहतरीन गेंदबाजी करके कई रिकौर्ड अपने नाम किया है. 225 वनडे विकेट, 321 इंटरनेशनल विकेट का महान रिकौर्ड भी उन्हें नाम है. इस साल आईसीसी ने महिला वनडे और टी20 टीम ऑफ द ईयर में उन्हें भी स्थान दिया है.

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* पूनम यादव- भारतीय महिला क्रिकेट टीम की लेग स्पिनर पूनम यादव को इस वर्ष का अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया. वह इस वर्ष आईसीसी महिला वनडे और टी20 टीम ऑफ द ईयर स्थान बनाने में कमयाब हुई है.

* शिखा पांडे :- शिखा पांडे भारतीय महिला सीनियर क्रिकेटर में मशहूर नाम में एक है. . उन्होंने 9 मार्च 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुए अपने अंतरराष्ट्रीय ट्वेंटी 20 की शुरुआत किया था . कई रिकॉर्ड इनके नाम है. शिखा पांडे ने इस महिला विश्व कप में अपनी गेंदबाजी से सभी का दिल जीत लिया था. इस वर्ष आईसीसी महिला वनडे और टी20 टीम औफ द ईयर की सूची में इनका भी नाम है.

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* दीप्ति शर्मा: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्पिनर दीप्ति शर्मा ने इस एक अद्भुत रिकॉर्ड अपने अपने नाम किया है. चार ओवर के स्पैल में 8 रन देकर तीन विकेट चटकाए. इसके साथ ही वह एक टी-20 मैच में इतने मेडन डालने वाली पहली भारतीय हैं. इस साल आईसीसी महिला टी20 टीम की सूची में दीप्ति शर्मा इकलौती भारतीय महिला क्रिकेटर हैं.

 

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Feeling energetic after today’s training at NCA

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पहली बार पुरूष वनडे क्रिकेट में जीएस लक्ष्मी बनेंगी अंपायर, शारजाह का मैदान बनेगा गवाह

लक्ष्मी आठ दिसंबर से शुरू हो रहे तीसरे आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग दो के दौरान यूएई और अमरीका के बीच शारजाह में खेले जाने वाले वनडे मैच में बतौर मैच रेफ़री उतर कर इतिहास रचेंगी. आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग दो इस साल अगस्त में शुरू हुआ था और जनवरी 2022 तक चलेगा. इस दौरान इसमें कुल 126 मैच खेले जाएंगे.

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इसकी शीर्ष तीन टीमें आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप क्वालिफायर 2022 में खेलेंगी. इसी के आधार पर भारत में 2023 में खेले जाने वाले वाले विश्व कप के लिए आईसीसी क्वालीफायर टीम का चयन होना है. आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ मैच रेफरी में नियुक्ति के बाद यह लक्ष्मी की इस साल दूसरी महत्वपूर्ण उपलब्धि है. 51 वर्षीय लक्ष्मी 2008-09 के घरेलू महिला क्रिकेट में पहली बार मैच रेफरी बनी थीं.

अब तक लक्ष्मी महिलाओं के तीन अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों, महिलाओं के सात टी-20 इंटरनेशनल और पुरुषों के सोलह टी-20 इंटरनेशनल में बतौर मैच रेफरी उतर चुकी हैं.

एक इंटरव्यू में जीएस लक्ष्मी ने कहा कि उन्होंने कभी क्रिकेटर बनने के बारे में नहीं सोचा था. उन्होंने कहा, “अपनी पढ़ाई के जरिए मैं कॉलेज में एडमिशन पाने में असफल रही थी. तब प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे पास कोई अन्य प्रतिभा है. मैं अपने भाइयों के साथ क्रिकेट खेल रखी थी. मेरे इस कौशल को देखा गया. मुझमें गेंदबाजी की प्रतिभा थी. इसकी बदौलत मुझे कॉलेज में एडमिशन मिल गया.” 18 सालों तक घरेलू क्रिकेट खेली लक्ष्मी ने बताया कि इसके बाद वो क्रिकेट की कोचिंग देने लगीं. फिर राज्य स्तरीय टीम की सेलेक्टर बनीं.

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इस दौरान बीसीसीआई महिलाओं को मैच अधिकारी के रूप में क्रिकेट से जोड़ने का नया प्रावधान लेकर आई. लक्ष्मी उन पांच सदस्यों में से थी जिन्हें बीसीसीआई की तरफ से चयन किया गया.

लक्ष्मी ने कहा, “बतौर मैच रेफ़री चुना जाना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है. भारत में एक क्रिकेटर और मैच रेफ़री के रूप में मेरा लंबा करियर रहा है. उम्मीद है कि मैं एक खिलाड़ी और मैच अधिकारी के रूप में अपने अनुभव का यहां अच्छा उपयोग करूंगी.”

आंध्र प्रदेश में जन्मीं लक्ष्मी बिहार के जमशेदपुर में बड़ी हुईं. वहां उनके पिता कार्यरत थे. बतौर तेज गेंदबाज वे रेलवे के लिए खेलीं. गेंदबाज़ी में आउट स्विंग पर उनकी अच्छी पकड़ थी. 1999 में इंग्लैंड के दौरे पर भारतीय टीम की सदस्य भी रह चुकी हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए उन्हें खेलने का मौका कभी नहीं मिला.

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देखते ही देखते टेस्ट टीम की जान बनते जा रहे हैं मयंक अग्रवाल, डौन ब्रैडमैन को भी पीछे छोड़ा

क्रिकेट के सभी प्रारूपों में टेस्ट क्रिकेट एक ऐसा प्रारूप है जिसमें खिलाड़ी की असली क्षमता का पता चलता है. एकदिवसीय और टी-20 फॉर्मेट में तो खिलाड़ियों पर दवाब रहता है जल्दबाजी में रन बनाने की लेकिन टेस्ट में एक बल्लेबाज को रन भी बनाना होता है और विकेट भी बचाना होता है. टेस्ट में भारतीय टीम नंबर वन पोजीशन पर है. उसका कारण है कि इस टीम के पास कुछ ऐसे खिलाड़ी निखर के आए हैं जो लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

भारत के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा. ये उनका दूसरा दोहरा शतक है. इसके साथ उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन से भी आगे निकल गए. मयंक ने होल्कर स्टेडियम में बांग्लादेश के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन छक्के के साथ अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक पूरा किया. मयंक ने 12वीं पारी तक जाते-जाते दो दोहरे शतक लगा लिए हैं जबकि ब्रैडमैन ने दो दोहरो शतकों के लिए 13 पारियों का इंतजार किया था.

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रिकॉर्डों को अलग कर देखा जाए तो मयंक अग्रवाल इस वक्त टीम इंडिया के लिए तुरुप का इक्का बन चुके हैं. हम ये इसलिए नहीं कह रहे क्योंकि उन्होंने दोहरा शतक जड़ा है बल्कि ये बल्लेबाज हर दिन अपने खेल में सुधार कर रहा है. सहवाग के बाद टीम के पास कोई ऐसा ओपनर नहीं था जोकि लगातार रन बनाएं और विकेट भी न गंवाए. इस वक्त रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल जैसे दो दमदार खिलाड़ी टीम को बेहतरीन शुरूआत दे रहे हैं.

मयंक अग्रवाल ने अब तक आठ टेस्ट की 12 पारियों में 858 रन बनाए हैं. उनका बैटिंग एवरेज 71.50 का है. वहीं अगर स्ट्राइक रेट की बात करें तो 56.48 का है. मयंक ने तीन शतक, दो दोहरे शतक और तीन अर्धशतक जड़े हैं.

मयंक अग्रवाल की तकनीक, टेम्प्रामेंट और टाइमिंग लाजवाब है. हर मैच में मयंक के निखरते प्रदर्शन को देखकर कहा जा सकता है कि वो भी रोहित की तरह भारतीय टीम में एक दमदार ओपनर के तौर पर अपनी जगह पक्की करने के लिए अग्रसर हैं. आंकड़ों में अगर रोहित और मयंक की पिछली पांच पारियों के प्रदर्शन पर गौर करें तो आप चौंक सकते हैं। बतौर ओपनर रोहित ने पिछली पांच पारियों में 107 की शानदार औसत से 535 रन बनाए जिसमें तीन शतक भी शामिल है और इसमें एक दोहरा शतक भी हिटमैन के बल्ले से निकला.

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वहीं भारतीय टीम के दूसरे सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल पिछली पांच पारियों में 116.06 के शानदार औसत से 583 रन बनाए हैं. जिसमें मयंक ने तीन शतक औक दो दोहरे शतक लगातक अपनी ताकत दिखाई. सिर्फ इतना ही नहीं मयंक 2019 में 740 रन अपने खाते में जोड़कर भारत के लिए टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाकर विराट कोहली को पछाड़कर पहले नंबर पर आ चुके हैं.

मयंक न सिर्फ खुद को टीम में स्थापित कर चुके हैं बल्कि टीम इंडिया के लिए उनका योगदान अब जीत की शक्ल लेना शुरू कर चुका है. उनकी फॉर्म उनके शानदार आंकड़ों से साफ जाहिर है. कप्तान का विश्वास मयंक पर अडिग है तो फैंस के दिल में भी मयंक हीरो के किरदार में फिट हो रहे हैं.

दोहरे शतक के बाद मयंक अग्रवाल ने जो कहा वो दिल छू लेने वाली बात है. मयंक ने कहा कि असफलता के डर को पीछे छोड़ने से उनकी रन बनाने की भूख बढ़ गई. मयंक की पारी के दम पर टीम इंडिया खेल के दूसरे दिन बेहद मजबूत स्थिति में पहुंच गई.  मयंक अग्रवाल ने कहा कि ऐसा भी वक्त रहा है जब मैं रन नहीं बनाए हैं. इसलिए जब भी मैं क्रीज पर जम जाता हूं तो मेरी कोशिश रहती है कि मैं बड़ी पारी खेलूं. मानसिकता की बात करें तो असफलता के डर को पीछे छोड़ने से मुझे काफी फायदा हुआ. इसके बाद मेरी रनों की भूख काफी बढ़ी है.

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हर मोर्चे पर विफल हो रही टीम इंडिया, क्या पूरा हो पाएंगा टी-20 विश्व कप जीतने का सपना

राजकोट में हुए दूसरे टी-20 मैच में टीम इंडिया में एक तरफा मुकाबला जीत लिया. लेकिन इस जीत के साथ-साथ कई सवाल टीम इंडिया के प्रदर्शन पर खड़े हुए हैं. कार्यवाहक कप्तान रोहित शर्मा की तूफानी पारी ने मैच को वनसाइडेड बना दिया. यहां आपको ध्यान देना चाहिए कि अगले साल यानी 2020 में टी-20 विश्व कप खेला जाना है. उससे पहले टीम लगातार प्रयोग के दौर से गुजर रही है. भारत बनाम बांग्लादेश पहला टी-20 मैच दिल्ली के अरूण जेटली स्टेडियम में खेला गया. भारत ये मुकाबला हार गया. अक्सर ये देखा जाता है कि जब टीम हार जाती है तो उसकी कई खामियां गिनीं जाती है लेकिन जब टीम जीत जाती है तो वो खामियां छिप जाती है. दूसरे T-20 मैच में भी ऐसा ही हुआ. पहले T-20 की अगर हम बात करें तो टीम इंडिया हर मोर्चे पर विफल रही. बल्लेबाजी की बात करें तो टीम इंडिया के ओपनर शिखर धवन का बल्ला शांत है. शिखर विश्व कप के दौरान घायल हो गए थे. उसके बाद मैदान पर आए. लेकिन लगा नहीं कि शिखर अपनी फॉर्म में हैं. रोहित शर्मा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल एक खिलाड़ी के प्रदर्शन पर ही पूरी टीम डिपेंड रहे. युवा खिलाड़ी श्रेयस अय्यर ने जरूर कुछ रन बनाएं लेकिन उसके बाद पंत, शिवम दुबे, केएल राहुल इन सभी ने निराश किया. इन खिलाड़ियों को मौका था कि ये टीम में जगह पक्की कर पाते लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. पंत की कीपरिंग को लेकर भी तमाम सवाल उठे. पंत को अभी रिव्यू का भी सही आंकलन नहीं था.

पहले टी20 में, मैच का दसवां ओवर था जबकि डीआरएस को लेकर फैसले भारत के खिलाफ गये और आखिर में यह गलती टीम को महंगी पड़ी और उसे पहली बार बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा. लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के इस ओवर की तीसरी गेंद पर मुशफिकुर रहीम पगबाधा आउट थे लेकिन भारत ने रिव्यू नहीं लिया. गेंदबाज या विकेटकीपर पंत ने इसके लिये कप्तान को कोई सलाह भी नहीं दी। रहीम तब छह रन पर खेल रहे थे और बाद में वह 60 रन बनाकर नाबाद रहे. जबकि पगबाधा आउट का सही अंदाजा या तो गेंदबाज को होता है या फिर विकेटकीपर को. गेंदबाज को सही सलाह देने का काम विकेटकीपर को होता है.

इसी ओवर की आखिरी गेंद पर सौम्या सरकार के खिलाफ पंत ने विकेट के पीछे कैच की अपील की जिसे अंपायर ने ठुकरा दिया. पंत ने रोहित पर  डीआरएस  के लिये दबाव बनाया लेकिन  रिव्यू  से स्पष्ट हो गया कि गेंद बल्ले से लगकर नहीं गयी थी. दर्शकों ने भी  धोनी—धोनी  की गूंज से पंत को गलती का अहसास कराया. रोहित ने बाद में स्वीकार किया कि इस तरह के रिव्यू  में कप्तान पूरी तरह से गेंदबाज और विकेटकीपर पर निर्भर होता है लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि पंत अभी युवा है और वह समय के साथ बेहतर फैसले करना सीख जाएगा.

अब बात दूसरे टी-20 मैच की

यहां भी भारतीय टीम ने गलतियों का पहाड़ खड़ा कर दिया. वो तो सही रहा कि कप्तान रोहित शर्मा का बल्ला खूब गरजा और उन्होंने 43 गेंदों पर 85 रन ठोंक डाले. शिखर धवन ने भी उनका साथ दिया. जिससे ये मुकाबला टीम इंडिया ने जीत लिया. लेकिन जब टीम इंडिया की फील्डिंग कर रही थी तो खुद कप्तान रोहित शर्मा ने ही एक कैच छोड़ दिया. कैच के बाद कई बार मिसफिल्डिंग भी हुई. इधर ओवर थ्रो से रन दिए गए. टीम इंडिया की ये फील्डिंग देखकर लग नहीं रहा था कि ये टीम कुछ महीनों बाद टी-20 विश्व कप खेलने वाली हैं. ये बात सही है कि इस टीम में कोहली,बुमरहा और भुवनेश्वर कुमार नहीं है लेकिन जो टीम बांग्लादेश के खिलाफ उतरी थी वो खिलाड़ी भी कम नहीं है. यहां बात करते हैं दूसरे मैच की…

दरअसल, चार ओवर का मैच समाप्त हो गया था. पांचवां ओवर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) लेकर आए. चहल के सामने बांग्लादेश के ओपनर लिट्टन दास (Litton Das) थे. पहली गेंद पर दो रन लिए. दूसरी गेंद ड्रॉप हो गई. तीसरी गेंद पर जबरदस्त ड्रामा देखने को मिला. टीम इंडिया काफी वक्त से विकेट की तलाश में थी. चहल ने ओवर की तीसरी गेंद फेंकी और विकेट कीपर पंत ने स्टंपिंग कर लिटन दास को आउट भी कर दिया.थर्ड अंपायर को इसमें कुछ गड़बड़ नजर आया और उन्होंने कई बार रिप्ले देखा. लिटन दास क्रीज से बाहर थे, चहल का पैर भी बिल्कुल ठीक था इसके बावजूद जब निर्णय में देर लगी तो मैदान में खड़े खिलाड़ी भी आपस में बातचीत करने लगे. उसके बाद थर्ड अंपायर ने इसको नो बॉल करार दी साथ में फ्री हिट भी दी गई. इस फैसले से सबसे ज्यादा निराश चहल दिखे और कप्तान रोहित शर्मा भी नाखुश नजर आए.

लेकिन यह उन अजीब घटनाओं में से एक थी जो आपको क्रिकेट में देखने को मिलती हैं. चहल की फ्लाइट होती गेंद पर लिटन दास ललचा गए और क्रीज से आगे बढ़कर शॉट खेलने लगे लेकिन लेग ब्रेक पर टर्न से पूरी तरह पिट गए. पंत के लिए स्टंपिंग करना सबसे आसान था, जो अपनी उत्तेजना में गेंद को स्टंप के आगे से ही पकड़ लिया. पंत की यह बहुत छोटी गलती है लेकिन टीम को इसका बड़ा खामियाजा उठाना पड़ सकता है.

अब बात करते कुछ आकंड़ों की

पिछले 12 महीने से टीम इंडिया टी-20 में खस्ता हाल प्रदर्शन कर रही है. टी-20 में टीम इंडिया लगातार प्रयोग कर रही है और इन प्रयोगों का खराब असर टीम इंडिया के प्रदर्शन पर साफ नजर आ रहा है. टी-20 में टीम इंडिया फिसड्डी साबित हो रही है. पिछले एक साल में टीम इंडिया टी-20 की 5 में से सिर्फ 1 सीरीज अपने नाम कर पाई. इस दौरान भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में 3 मैच की सीरीज 1-1 से ड्रॉ कर पाई. फिर न्यूजीलैंड में टीम इंडिया 3 मैच की टी-20 सीरीज में 1-2 से हारी.

फरवरी में ही ऑस्ट्रेलिया ने भारत में आकर टीम इंडिया को 2-0 से हराया. सिर्फ वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम इंडिया टी-20 सीरीज जीती. सितंबर में द. अफ्रीका ने भारत में टी-20 सीरीज 1-1 की बराबरी पर खत्म की. टीम इंडिया पिछले 10 में से 5 मैच हारी, जबकि 4 मैच जीती. एक मैच बेनतीजा रहा. पहले बल्लेबाजी करते हुए तो टीम इंडिया की स्थिति और खराब है. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने इस साल 5 में से 4 मैच गंवाए हैं.

कैसे कैसे बेतुके वर्ल्ड रिकौर्ड

लेखक- रामकिशोर पंवार

इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश के राजेंद्र कुमार तिवारी उर्फ दुकानजीमकानजी की ही हरकतों को ले लीजिए. उन्होंने अपनी मूंछों पर जलती हुई मोमबत्तियों को नचा कर एक नया वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है.

हरियाणा के चंडीगढ़ शहर के रहने वाले गुप्ता बंधुओं ने किसी सामान के साथ मिलने वाली मुफ्त की चीजों को जमा करने का नया और अनोखा वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है.

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गुप्ता बंधुओं के पास मौजूदा समय में एक लाख रुपए से ज्यादा के गिफ्ट आइटम भरे पड़े हैं. इन गिफ्ट आइटमों को इकट्ठा करने में विश्व गुप्ता व विजय गुप्ता नामक इन दोनों भाइयों ने अपनी नौकरी की ज्यादातर तनख्वाह अपने इस शौक में फूंक डाली है.

नवां शहर, पंजाब के महल्ला सेरिया के बाशिंदे द्रविंद्र भिंडी ने अपने मुंह में सूई रखने का एक नया रिकौर्ड बनाने का दावा किया है. उन का कहना है कि वे 50 से भी ज्यादा सूइयों को हमेशा अपने मुंह में रखते हैं. खाना खाते, नहाते व सोते समय भी उन के मुंह में सूइयां रहती हैं.

अहमदाबाद, गुजरात के एक रैस्टोरैंट के मालिक ने 25 फुट लंबा डोसा बनाने का रिकौर्ड बनाया है. 15 रसोइयों की मदद से 25 फुट डोसा बनाने वाले कैलाश गोयल का नाम गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड में दर्ज है.

कुरुक्षेत्र, हरियाणा की मल्लिका सेठ ने अपने शरीर को मधुमक्खियों के हवाले कर के एक नया रिकौर्ड बनाया है.

संजय कुलकर्णी को ही ले लीजिए. पूना, महाराष्ट्र के संजय कुलकर्णी ने 2.6 किलोग्राम कांच खा कर वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है. यह नौजवान मजे के साथ बल्ब और कांच की बोतलों को ऐसे चबा जाता है, जैसे पापड़ खा रहा हो.

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पढ़ेलिखे नौजवान वकील महेंद्र सिंह चौहान ने लगातार 18 घंटे तक सिक्का घुमाने का एक नया रिकौर्ड बनाया है.

मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले गिरीश शर्मा ने 55 घंटे, 35 मिनट खड़े रह कर एक नया वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है. इस नौजवान को बाद में पता चला कि लगातार 55 घंटे खड़े होने की वजह से उस के पैर की नस फट गई और खून बहने लगा.

इसी तरह का एक रिकौर्ड मंदसौर, मध्य प्रदेश के राधेश्याम प्रजापति ने बनाया है. यह नौजवान लगातार एक मुद्रा में 18 घंटे तक खड़ा रहा, जिस के चलते उस का नाम गिनीज बुक औफ वर्ल्ड रिकौर्ड में दर्ज किया गया.

इस वर्ल्ड रिकौर्ड में राधेश्याम प्रजापति को जितना समय खड़े रहने में लगा, अगर उतना समय वह अपनी नौकरी को ढूंढ़ने में लगाता, तो शायद उस के परिवार की दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाता.

वर्ल्ड रिकौर्ड बनाने के चक्कर में महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर के एक बालक ने अपने दोनों हाथों में हथकड़ी लगा कर तैरने का वर्ल्ड रिकौर्ड बना डाला.

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पंजाब के फरीदकोट के तेलिया महल्ले के एक बाशिंदे पीके सेठी के पास भारत सरकार के ऐसे दुर्लभ नोट हैं जिन्हें नियमानुसार बैंकों में जमा कर देना चाहिए, पर इन सज्जन ने अपना रिकौर्ड बनाने के चक्कर में भारत के उन नोटों को जमा कर के रखा हुआ है, जो गलत छपे हुए हैं.

दुनिया में सब से लंबा और वजनी कलैंडर बनाने का रिकौर्ड वीरेंद्र सिंह बिरदी के नाम दर्ज है. उन्होंने इतना लंबा कलैंडर बनाया है कि 40,000 लोग उस पर एकसाथ खड़े हो सकते हैं.

तकरीबन 10,475 मीटर लंबे इस कलैंडर को उठाने में 3 लोगों की जरूरत पड़ती है.

गायत्री मंत्र सहित 23 भाषाओं में लिखा गया वीरेंद्र सिंह बिरदी का यह कलैंडर दुनिया का सब से लंबा कलैंडर भारत को क्या फायदा पहुंचा सकता है, इस बात से तो वीरेंद्र सिंह बिरदी भी अनजान हैं.

इन वर्ल्ड रिकौर्ड धारकों से अच्छे तो भोपाल के वे 2 साइकिल चालक हैं, जो अपंग होने के बावजूद बैंगलुरु से दिल्ली और दिल्ली से कन्याकुमारी तक देश में सांप्रदायिक एकता, भाईचारे को कायम करने के मकसद से 3,000 किलोमीटर की यात्रा पर निकले थे.

ऐसे वर्ल्ड रिकौर्ड धारकों में डाक्टर एमसी मोदी का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने काम ही ऐसा किया था. उन्होंने मोतियाबिंद के 833  आपरेशन कर के सैकड़ों लोगों को आंखों की रोशनी दी.

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अब इंदौर, मध्य प्रदेश के ही अरविंद कुमार आगार को ले लीजिए. इन्होंने रक्तदान कर के वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है. दुनिया में सब से ज्यादा बार लोगों को खून दे कर उन की जान बचाने वाले अरविंद कुमार पर भारत को गर्व है.

केजी हनुमंत रेड्डी ने आज तक भारत सरकार के खिलाफ सब से ज्यादा मुकदमे दर्ज करने का एक अजीबोगरीब वर्ल्ड रिकौर्ड बना डाला है.

सरकार के खिलाफ जनहित के मामले दर्ज करना तो अच्छी बात है, पर सरकार को परेशान करने के लिए या फिर अपना नाम रिकौर्ड बुक में दर्ज कराने के लिए ऐसे मुकदमे दर्ज करने से क्या हनुमंत रेड्डी ने कोई नया तीर मारा है?

मिलिंद देशमुख की चर्चा करते हैं तो हमें पता चलता है कि उन्होंने 65 किलोमीटर की दूरी अपने सिर पर दूध की भरी बालटी रख कर तय कर के रिकौर्ड बुक में अपने नाम दर्ज कराया है.

मिलिंद देशमुख की तरह एक सज्जन अरविंद पंड्या भी हैं, जिन्होंने लौस एंजिल्स से न्यूयौर्क तक की दूरी पीछे की ओर दौड़ कर पूरी की है.

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यहां पर बाबा महेंद्र पाल की तारीफ करना बहुत जरूरी है, क्योंकि उन्होंने शारीरिक रूप से अपंग होने के बावजूद 7,360 मीटर ऊंची माउंट आबू की गामिन चोटी पर चढ़ाई कर के लोगों को प्रेरित किया है कि अपंगता किसी भी काम में बाधक साबित नहीं हो सकती.

जगदीश चंद्र नामक आदमी द्वारा 15 महीने तक रेंगते हुए 1,400 किलोमीटर की दूरी तय कर के बनाया गया रिकौर्ड समय की बरबादी ही कहा जा सकता है.

इसी तरह 9 साल के बालक चिराग शाह ने 72 घंटे तक 2 सीट वाले विमान को चला कर अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज करवा लिया.

नागौर, राजस्थान के महेश प्रसाद ने एक साधारण साइकिल पर 21 छात्रों को 381 किलोमीटर का सफर करा कर वर्ल्ड रिकौर्ड बनाया है.

महेश प्रसाद का यह रिकौर्ड उन के दोस्तों के लिए प्रेरणादायी हो सकता है, पर इन रिकौर्डों से देश की जनता को क्या मिला, यह नहीं पता है.

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पश्चिम बंगाल के सुकुमार दास ने रिकौर्ड बनाने के लिए एक दिन में 50 किलो भोजन करने के 2 दिन बाद 62 किलो सब्जियां खा कर अपना

नाम शामिल कराने का दावा किया है.

सुकुमार दास ईंट, ट्यूबलाइट, नाई की दुकान से इकट्ठे किए गए बाल, फटेपुराने कपड़े तक खा जाते हैं.

सावधान! अगर आप भी हैं सचिन, धोनी के फैन तो हो सकता है वायरस अटैक

कई बार तो ऐसे वायरस हमारे डिवाइस में आ जाते हैं जिनसे हमारे डिवाइस खराब हो जाते हैं इससे भी ज्यादा खतरनाक ये होता है कि ये वायरस आपके फोन की गोपनीय सामाग्री भी चुरा सकते हैं. ऐसे वायरसों से सावधान रहना चाहिए. इसके अलावा एक और चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है.

भारत को दो बार विश्व खिताब दिलाने वाले देश के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक महेंद्र सिंह धोनी मैकफे की मोस्ट डेंजरस सेलिब्रिटी सूची में पहले स्थान पर हैं. अपने 13वें संस्करण में मैकफे की शोध ने लोकप्रिय सेलिब्रिटीज की पहचान की है, जो सर्वाधिक जोखिमभरे सर्च परिणाम निर्मित करते हैं और जिनसे उनके फैंस को मैलिशियस वेबसाइट्स एवं वाइरस का खतरा रहता है.

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धोनी ने 2011 के विश्व कप में 28 सालों के बाद भारत के सर पर ताज का सेहरा बांधने के लिए टीम का नेतृत्व किया था. धोनी पूरी दुनिया में अपने धैर्य व स्थिर चित्त के लिए मशहूर हैं. उनकी अपार लोकप्रियता ने साइबर अपराधियों को उपभोक्ताओं को मैलिशियस वेबसाइट्स की ओर लुभाने का मौका दे दिया, जो मालवेयर इंस्टॉल कर व्यक्तिगत जानकारी एवं पासवर्ड चुरा सकते हैं.

सूची में दूसरे स्थान पर क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर हैं. सर्वाधिक जोखिमभरे सर्च परिणाम निर्मित करने वाली टॉप-10 हस्तियों में धोनी और सचिन के अलावा महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर, विश्व चैम्पियनशिप जीत चुकीं बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और पुर्तगाल के महान फुटबाल खिलाड़ी क्रिस्टीयानो रोनाल्डो शामिल हैं.

साथ ही टौप-10 में रियल्टी टीवी शो-बिग बौस के विजेता गौतम गुलाटी, बौलीवुड अभिनेत्री सनी लियोन, पौप आइकौन बादशाह, अभिनेत्री राधिका आप्टे और श्रृद्धा कपूर भी शामिल हैं. मैकफे इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट ऑफ इंजीनियरिंग एवं मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकट कृष्णापुर ने कहा, “इंटरनेट की आसान उपलब्धता एवं अनेक कनेक्टेड डिवाईसेस ने यूजर्स को पूरी दुनिया से कंटेंट प्राप्त करना आसान बना दिया है.

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जहां भारत में सब्सक्रिप्शन पर आधारित कंटेंट प्लेटफार्म बढ़ रहे हैं, वहीं नेटिजंस बड़ी स्पोटिर्ंग ईवेंट्स, मूवीज, टीवी शो एवं अपने चहेते सुपरस्टार की इमेजेस के लिए निशुल्क एवं पायरेटेड कंटेंट तलाशते हैं. दुर्भाग्य से उन्हें इस तरह का कंटेंट प्रदान करने वाली मैलिशियस वेबसाइट्स द्वारा उत्पन्न जोखिम का अनुमान नहीं होता.”

उन्होंने आगे कहा, “साइबर अपराधी इस अवसर का लाभ उठाकर उपभोक्ताओं की कमजोरियों पर सेंध लगाते हैं, क्योंकि वो सुविधा के बदले अपनी सुरक्षा से समझौता करते हैं. उपभोक्ताओं के लिए यह जरूरी है कि वो इन जोखिमों को समझें, क्लिक करने से पहले विचार करें और ऐसे संदेहास्पद लिंक्स पर न जाएं, जो उन्हें निशुल्क कंटेंट दिखाने के लिए लुभाता हो. ऐसे में मैकफे ने उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सुरक्षित रखने में मदद करने के लिए कुछ सुझाव जारी किए हैं.

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  1. आप क्लिक करने से पहले सावधान रहें. एमएस धोनी से संबंधित कंटेंट मुफ्त में प्राप्त करने के इच्छुक यूजर्स सावधान रहें और केवल भरोसेमंद स्रोत से ही कंटेंट स्ट्रीम व डाउनलोड करें. सबसे सुरक्षित यह है कि आप मालवेयर युक्त थर्ड पार्टी वेबसाइट पर विजिट करने की बजाए ऑफिशल रिलीज का इंतजार कर लें.
  2. गैरकानूनी स्ट्रीमिंग साइट्स का उपयोग न करें। जोखिमभरे ऑनलाइन व्यवहार के मामले में गैरकानूनी स्ट्रीमिंग साइट्स का उपयोग आपकी डिवाइस के लिए उतना ही खतरनाक है, जितनी खतरनाक जंगल की आग होती है. कई गैरकानूनी स्ट्रीमिंग साइट्स पर पाइरेटेड वीडियो फाइल के रूप में मालवेयर या एडवेयर छिपे होते हैं. इसलिए वीडियो केवल प्रतिष्ठित स्रोत से ही स्ट्रीम करें.
  3. अपनी ऑनलाइन दुनिया को साइबर सिक्योरिटी समाधान की सुरक्षा दें. मैकफे टोटल प्रोटेक्शन जैसे विस्तृत सिक्योरिटी समाधान की मदद से मैलिशियस जोखिमों को अलविदा कर दें. इससे आप मालवेयर, फिशिंग के हमलों एवं अन्य जोखिमों से सुरक्षित रहेंगे.
  4. वेब रेप्युटेशन टूल का इस्तेमाल करें. वेब रेप्यूटेशन टूल, जैसे निशुल्क मैकफे वेब एडवाईजर का उपयोग करें, जो आपको मैलिशियस वेबसाईट के बारे में सचेत कर देता है.
  5. पैरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर का उपयोग करें. बच्चे भी सेलिब्रिटीज के फैन होते हैं, इसलिए डिवाइस पर अपने बच्चे के लिए लिमिट्स सुनिश्चित कर दें और मैलिशियस एवं अनुचित वेबसाइट्स से उनको सुरक्षित रखने के लिए पैरेंटल कंट्रोल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें.

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तकनीकि के युग में जहां हम बहुत तेजी से आगे बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन तकनीकि की बारीक जानकारियां हमें नहीं होती जिसकी वजह से हम किसी बड़ी समस्या में फंस सकते हैं. हम अपने मोबाइल में तरह-तरह के मोबाइल एप डाउनलोड करते हैं. इन ऐप्स को जब आप इन्सटॉल करते हैं तो ये आपसे परमिशन मांगते हैं आपके मोबाइल के कॉन्टेक्ट, फोटोज, वीडियो, कैमरा आदि के एक्सेस का. हम आप बड़ी आसानी से उसको ओके कर देते हैं. हम जाने अनजाने में उस ऐप को ये एक्सेस दे देते हैं कि वो हमारी हर चीज को देख सके. इस तरह हम खुद ही अपनी प्राइवेसी को ऐप के हवाले कर देते हैं.

ICC ने हटाया वो नियम, जिसने इंग्लैंड को बनाया था पहली बार क्रिकेट का विश्व कप

उस दिन लगा कि अब फाइनल मुकाबला क्या देखना जब भारत लड़ाई में है ही नहीं. लेकिन विश्व कप का फाइनल इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच ऐसा हुआ जो सदियों तक याद रखा जाएगा. 2019 में इंग्लैंड ने पहली बार खिताब जीता और न्यूजीलैंड ने दिखा दिया कि आखिरकार टूर्नामेंट में क्यों उस टीम को फेवरेट बताया जा रहा था. हालांकि न्यूजीलैंड खिताब जीतते रह गया और इसमें विलन बना था आईसीसी का वो नियम जो अब इतिहास बन गया.

विश्व कप का फाइनल मुकाबला लौर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में खेला गया था. इस मुकाबले का नतीजा बाउंड्री काउंट के आधार पर निकला था, लेकिन आईसीसी ने अब इस नियम को हटा लिया है. आईसीसी के सुपर ओवर में बाउंड्री नियम की वजह से इंग्लैंड पहली बार खिताब जीतने में कामयाब तो हो गया लेकिन वहीं शानदार प्रदर्शन करने वाली न्यूजीलैंड की टीम खिताब से चूक गई थी. आईसीसी ने कहा कि ग्रुप स्टेज में अगर सुपर ओवर टाई रहता है तो इसके बाद मुकाबला टाई रहेगा.

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वहीं सेमीफाइनल और फाइनल में अगर सुपर ओवर होता है तो ऐसे में जो भी टीम ज्यादा रन बनाती है वो विजेता घोषित होगी. सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले में सुपर ओवर तब तक जारी रहेगा जब तक एक टीम दूसरी टीम से ज्यादा रन नहीं बना लेती. उदाहरण के तौर पर, अगर ग्रुप स्टेज में दो टीमें 50 ओवर में एक ही स्कोर बनाती हैं तो ऐसे में मैच के नतीजे के लिए सुपर ओवर होगा. लेकिन अगर सुपर ओवर में भी स्कोर बराबर रहता है तो ऐसे में मैच का नतीजा टाई होगा और दोनों टीमों को बराबर अंक मिलेंगे. लेकिन सेमीफाइनल और फाइनल में ऐसा नहीं होगा.

14 जुलाई को ऐतिहासिक लौर्डस मैदान पर खेले गए फाइनल मैच में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को सुपर ओवर में हरा दिया था. इस रोमांचक खिताबी मुकाबले में न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 241 रन बनाए और इंग्लैंड को वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए 242 रनों की जरूरत थी, लेकिन मेजबानी टीम भी 50 ओवर में 241 रन ही बना सका और मैच टाई हो गया.

इस टाई मैच का नतीजा निकालने के लिए सुपर ओवर कराया गया था. इंग्लैंड ने एक ओवर में 15 रन बनाए और बाद में न्यूज़ीलैंड भी15 रन ही बना पाया. इसलिए मैच यहां भी टाई हो गया. यहां तक भी जब कोई नतीजा नहीं निकला तो मैच में किस टीम की ओर से बाउंड्री ज्यादा (बाउंड्री काउंट) लगी उसके आधार पर मैच का नतीजा निकला.

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इंग्लैंड ने अपनी पारी में कुल 26 बाउंड्री लगाई और न्यूजीलैंड ने कुल 17. इस आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया, लेकिन आईसीसी ने अब बाउंड्री काउंट नियम को रद्द कर दिया है.

सोमवार को हुई आईसीसी की बोर्ड की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि आईसीसी क्रिकेट समिति, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईसी) की समिति की सिफारिश के बाद यह सहमति बनी कि सुपर ओवर का उपयोग आईसीसी के मैचों में जारी रहेगा. इसे तब तक किया जाएगा जब तक टूर्नामेंट का परिणाम स्पष्ट तरीके से नहीं निकल जाए.

बयान में कहा गया कि इस मामले में क्रिकेट समिति और सीईसी दोनों सहमत थे कि खेल को रोमांचक और आकर्षक बनाने के लिए एकदिवसीय और टी-20 वर्ल्ड कप के सभी मैचों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा. ग्रुप स्टेज पर अगर सुपर ओवर के बाद भी मैच टाई रहता है तो उसे टाई माना जाएगा लेकिन सेमीफाइनल और फाइनल में सुपर ओवर तब तक कराया जाएगा जब तक एक टीम ज्यादा रन नहीं बना लेती.

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