दुनिया का सब से हसीन और खूबसूरत रिश्ता पतिपत्नी का ही माना जा सकता है, जिस में 2 अनजान लोग जिंदगी के सफर में कदम से कदम मिला कर चलते हैं, एकदूसरे के सुखदुख के भागीदार बनते हैं और घरगृहस्थी की जिम्मेदारी निभाते हुए बुढ़ापे में एकदूसरे का पूरा खयाल भी रखते हैं.

लेकिन यह रिश्ता कांच जैसा नाजुक भी बहुत होता है, जिस में एक कंकड़ भी पड़ जाए तो यह कुछ ऐसा दरकता है कि इस में सिवा अंधेरे के कुछ और नहीं दिखता. इस कंकड़ का नाम है शक.

कुछ चुनिंदा मामलों को छोड़ दें तो शक यों ही दिलोदिमाग में घर नहीं करता है. दरअसल, यह एक किस्म की बीमारी है जो अगर समय रहते दूर न हो तो यकीन में बदलने लगती है.

कामयाब और खुशहाल शादीशुदा जिंदगी की एक शर्त पतिपत्नी का एकदूसरे के प्रति ईमानदार रहना भी है और उस से भी ज्यादा अहम है एकदूसरे पर भरोसा होना. दोनों में से कोई भी इसे तोड़ता है तो जिंदगी भार बन जाती है.

हमारे समाज पर पकड़ और दबदबा मर्दों का है, जो घर के मुखिया भी होते हैं. इस नाते उन्हें औरतों के मुकाबले ज्यादा हक मिले हुए हैं, जिन का अगर वे बेजा इस्तेमाल करें तो किसी को कोई खास फर्क नहीं पड़ता, पर औरतों पर आज भी कई बंदिशें हैं. इन में से एक है बहैसियत बीवी का किसी पराए मर्द की तरफ आंख उठा कर भी न देखना, फिर मर्द भले ही इधरउधर मुंह मारता फिरे, उसे दोष नहीं दिया जाता.

इस में भी कोई शक नहीं है कि कुछ बीवियां, वजह कुछ भी हो, अगर ये बंदिशें तोड़ती हैं तो एक जुर्म का जन्म और 2 जिंदगियों का खात्मा होता है. एक शौहर अपनी बीवी की कई जिद और ज्यादतियां बरदाश्त कर लेता है, लेकिन उस की बेवफाई पर मरनेमारने की हद तक तिलमिला उठता है. ऐसा इसलिए है कि वह बीवी को अपनी जायदाद समझता है और यह बात उसे बचपन में ही समझ आ जाती है कि बीवी किसी और से सैक्स करे तो गुनाहगार होती है, जिस की सजा भी उसे ही तय करनी है.

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