देश में गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और हर तरह की मारामारी कम होने के बजाय बढ़ रही है तो इस की एक बड़ी वजह चालाक पंडेपुजारी भी हैं जो लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए कहते रहते हैं कि आज नहीं तो कल काम तो होगा. ऊपर वाले के यहां देर है अंधेर नहीं. एक दिन वह सब की सुनता है और मनचाहा फल देता है.

हैरानपरेशान लोग इन चालाकों की बातों और  झांसे में आ कर फिर से  झूठी उम्मीद लिए दोगुने जोश से पूजापाठ, भजनकीर्तन, आरती और तंत्रमंत्र तक शुरू कर देते हैं. काम हो न हो, बिगड़ी बात बने न बने, लेकिन इन की उम्मीद जिंदा रहती है.

सरकार चली धर्म की राह

14 जून, 2019 को मध्य प्रदेश के अखबारों में मोटेमोटे अक्षरों में एक खबर छपी थी कि हाईकोर्ट के एक अहम फैसले के बाद राज्य में 15 लाख उम्मीदवारों को नौकरी मिलने का रास्ता खुल गया है, क्योंकि अदालत ने पीएससी के इम्तिहान में उम्र का मसला सुल झा लिया है. इस खबर में यह भी बताया गया था कि किन महकमों में कितने पदों पर जल्द ही कितनी भरतियां होंगी.

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इस खबर को पढ़ कर राज्य के नौजवानों में वही जोश आ गया जो हनुमान, शंकर और राम की पूजा करने के बाद आता है कि आखिरकार ऊपर वाले ने हमारी सुन ली. इस बात पर इन नौजवानों ने गौर नहीं किया कि पदों की तादाद 3,000 भी नहीं है.

3 जुलाई, 2019 को यह खबर छपी थी कि अब सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लागू हो गई है. इस के तहत सामान्य श्रेणी के गरीब उम्मीदवारों को भी कुछ शर्तों के साथ ही सही नौकरियां मिलेंगी. इस खबर पर फिर बेरोजगार नौजवानों ने मंदिरों में जा कर प्रसाद चढ़ाया कि हे ऊपर वाले, तू बड़ा दयालु है जो हमारी गुहार सुन ली.

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