डार्क कौम्प्लेक्शन के लिए परफैक्ट है नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के ये लुक्स

अगर वाकई में किसी की जिंदगी को रोशन होते देखना है तो बौलीवुड एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को देखिएं. जिन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के बूते पर आज इस मुकाम को पाया हैं. उन्होंने इस बात को साबित किया है की अगर आप सच्चे दिल से किसी चीज को पाना चाहते है तो पूरी कायनात उस चीज को आपसे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं.

1999 में आई  फिल्म शूल में एक डायलौग के साथ बौलीवुड में डेब्यू करने वाले नवाज ने कभी नहीं सोचा था की वो कभी बौलीवुड के सुपर स्टार बन जाएंगें. इंडस्ट्री में 12 साल इस्ट्रगल करने के बाद 2012 में आई “गैंग्स औफ वासेपुर” ने नवाज को रातों रात बौलीवुड का स्टार बना दिया. इस फिल्म के बाद नवाज की जिंदगी बदल गई और आने वाली सभी फिल्मों नवाज ने खूब कमाल किया.

फिल्मों के बाद नेटफ्लीक्स की वेब सीरिज “sacred games” उनकी एक्टिंग को सभी वे काफी पसंद किया. इस साल 15 अगस्त को “sacred games season 2” आने वाला है जिसको फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. एक्टिंग के साथ नवाज के स्टाइल में भी काफी आगे है. इसलिए आज हम उनके कुछ स्टाइलिंश लुक लेकर आए है जो डार्क कौम्प्लेक्शन वाले लड़को के लिए परफेक्ट है.

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रौयल ब्लू सूट

अकसर हमने देखा है डार्क कौम्प्लेक्शन वाले लोग रौयल ब्लू कलर से काफी बचते हैं. लेकिन नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को देखकर ऐसा लगता है की ये कलर उनकी पर्सनेलिटी को  काफी कौम्प्लिमेंट दे रहा हैं. आप किसी पार्टी में रौयल कलर सूट को ट्राय कर सकते हैं और साथ में रेड टाई इस लुक को और भी अच्छा बना रही हैं.

 

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Done with the Official Screening of Raman Raghav 2.0, Obliged with the response. #NawazAtCannes

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चैक ग्रे सूट

बौलीवुड में चैक प्रिंट काफी टेंडिग है. सारे स्टार चैक प्रिंट में आए दिन नजर ऐ रहे हैं. अब नवीज को ही देक लीजिए. चैक प्रिंट सूट उनपर कितना जच रहा हैं साथ में प्रिंटेड टाई इस पुरे लुक को कौम्प्लिमेंट दे रही हैं.

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ट्राय करें नवाज का कैजुअल सूट

इस सूट को आप कैजुअली किसी भी औफिस मिटिंग में ट्राय कर सकते है. इस लुक की सबसे खास बात है की ये सोलिड कलर का काफी अच्छा कौम्बिनेशन है. इस लुक में जो नवाज ने ओपन सूट पहना हो उनपर काफी कूल लग रहा हैं.

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#Repost @missmalini with @get_repost ・・・ @nawazuddin._siddiqui is incredibly talented and he proves it with every single performance. In fact, his latest film, Thackeray, is his highest opening film as a solo actor till date. The viewers in India seem to have loved him playing the larger than life character. The movie which was made in about Rs. 20 crores is being reported to have made Rs. 16 crores at the box-office already. Here’s wishing you a big congratulations, @nawazuddin._siddiqui! We hope you continue to do such amazing work. – @clumsyismynormal, Bollywood Blogger💫 Follow @missmalinibollywood for your filmy fix📹✨ . . . . . #NawazuddinSiddiqui #Bollywood #Actor #thackeray #Movie #BoxOffice

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नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के ये लुक आप ट्राय करें और अपने कलर को स्टाइल के बीच में आने ना दे.

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एक्स बौयफ्रेंड को याद कर फिर रो पड़ीं नेहा कक्कड़, कहा- “मैं मर जाना चाहती थी”

बौलीवुड व पंजाब इंडस्ट्री की बेहद पौपुलर एक्ट्रेस और सिंगर नेहा कक्कड़ इन दिनों फिर से एक बार सुर्खियो में बनी हुईं हैं. नेहा कक्कड़ के फैंस उन्हें दिल से पसंद करते हैं और उनके हर गाने को भरपूर प्यार देते हैं. ये बात तो हम सब जानते हैं कि नेहा असल जिंदगी में काफी इमोश्नल हैं और बात बात पर वे रो पड़ती हैं. कुछ समय पहले खबरे आईं थी की नेहा कक्कड़ और उनके बौयफ्रेंड हिमांश कोहली का ब्रेकअप हो गया है जिस वजह से नेहा काफी परेशान भी हुई थीं.

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नेहा कक्कड़ ने सुनाई अपने ब्रेकअप की दास्तां…

 

नेहा सोनी टीवी के बेहद पौपुलर सिंगिंग शो इंडियन आइडल में जज की भूमिका में नजर आ रही हैं और हाल ही में नेहा ने इंडियन आइडल के मंच पर अपने ब्रेकअप की दास्तां अपने फैंस के साथ शेयर की है जिसमें वे फिर से काफी इमोश्नल होती दिखाई दीं. नेहा ने हिमांश के साथ अपने ब्रेकअप की बात करते हुए बताया की वे उन दिनों इतना परेशान हुईं थी कि वे मरना भी चाहती थीं.

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कहा, “मैं मर जाना चाहती थी”…

इससे आगे उन्होनें बात करते हुए बताया कि, “हिमांश कोहली से अलग होने के बाद मैं अंदर से टूट गई थी. वो समय मेरी जिंदगी का सबसे खराब समय था. मेरे दिल में उन दिनों जीने की चाह खत्म हो गई थी,  मैं चाहती थी कि मैं मर जाऊं. ब्रेकअप के बाद जिंदगी से ही मेरा भरोसा उठ गया था और मुझे लगने लगा था कि जिंदगी ने मेरे साथ खिलवाड़ कर दिया है. मैं किसी से भी मिलने से कतराने लगी थी.”

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ब्रेकअप के दर्द से कर चुकी हैं मूव औन…

हालांकी इसके बाद नेहा ने अपने फैंस को बताया कि वे अब अपने एक्स बौयफ्रेंड हिमांश कोहली के ब्रेकअप से मूव औन कर चकी हैं और अपनी जिंदगी अच्छे से बिता रही हैं. हाल ही में नेहा कक्कड़ का एक गाना काफी वायरल हुआ था जिसका नाम था “याद पिया की आने लगी” और इस गाने को भी उनके फैंस ने काफी प्यार दिया था जैसे की वे उनके हर गाने को देते हैं.

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भोजपुरी सिनेमा में ये सुपरस्टार एक्टर मचा रहे हैं धमाल, पढ़ें खबर

भोजपुरी के नामचीन चेहरे के रूप में पहचान बनाने वाले आनंद ओझा अपनी फिल्मों में धमाल मचाते हुए नजर आते हैं. उन्होंने भोजपुरी में अभी तक दर्जन भर से ऊपर की ऐसी फ़िल्में दी हैं. जिसमें दर्शकों ने उनके रोल को काफी सराहा था. आनंद ओझा भोजपुरी के न केवल सुपर स्टार के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहें हैं बल्कि वह अभिनय के साथ ही यूपी पुलिस महकमें में इंस्पेक्टर पद पर भी अपनी सेवा दे रहें हैं. यूपी पुलिस में भी उनकी ईमानदारी के काफी चर्चे हैं.

दर्जन भर फिल्मों में धमाल मचाने के बाद आनंद ओझा अपनी आने वाली दो फिल्मों में एक अलग अंदाज और लुक में दिखने वाले हैं. उन्होंने हाल ही में दो फिल्में साइन की हैं जिसका नाम माहीं और रण है. इसमें से रण भोजपुरी की बड़ी बजट वाली फिल्मों में शामिल है. आनंद ओझा के पीआरओ “आर्यन पांडे ने बताया की वह इस फिल्म में अपने हैरतअंगेज अवतार में अपने चाहने वालों के बीच धमाल मचाने जा रहें है. क्यों की फिल्म की कहानी के अनुसार वह इस फिल्म में बहुत ही खतरनाक लुक में नजर आ रहे हैं.

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आर्यन ने बताया की वह रण में जिस लुक में नजर आ रहें हैं . ऐसा लुक केवल बौलीवुड और हौलीवुड में ही देखने को मिलता है. आनंद ओझा ने इस लुक में आकर भोजपुरी सिनेमा मे खलबली मचा दी हैं. अब यह कहना गलत नहीं होगा कि भोजपुरी सिनेमा इस वक्त अपने स्वर्णिम काल से गुजर रहा है. भोजपुरी के जानकार आनंद ओझा के इस अंदाज की तुलना डब्ल्यू डब्ल्यू ई के जानमाने रेसलर ” रोमन रिंग्स” से कर रहें हैं. भोजपुरी सिनेमा मे किसी कलाकार का इस तरह का लुक कम देखने को मिलता है.

बतातें चलें की आनंद ओझा और काजल रघवानी की फिल्म  “रण” की शूटिंग इन दिनो लखनऊ मे जोर शोर से चल रही है. फिल्म से जुड़े लोगों का कहना है की यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा की सबसे बड़ी बजट वाली फिल्मों में शुमार है.

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पीआरओ “आर्यन पांडे” ने बातचीत में बताया की अभिनेता आनंद ओझा का यह लुक अब तक के सभी लुको से हट कर है. उन्होंने बताया की भोजपुरी सिनेमा में हीरो के लुक के प्रति लोगों की अजीब छवि बनी हुई है. लोगों को लगता है कि भोजपुरिया हीरो फिल्म में धोती कुर्ता या साधारण भेष भूषा में दिखेगा. लेकिन बदले समय में भोजपुरी के कास्ट्यूम में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. आजकल के हीरो किसी भी इंडस्ट्री के हीरों से कमतर नहीं हैं.

इस फिल्म मे अभिनेता आनंद ओझा ना सिर्फ अपने अभिनय के लिए जाने जाएंगे बल्कि अपने अनोखे और दमदार लुक के लिए भी सुर्खियो मे रहेंगे. इसके पहले आनंद ओझा  पुलिसगीरी में भी अपनी दमदार लुक दिखा चुके हैं. इस फिल्म में काजल राघवानी, मनोज सिंह टाइगर, संजय पाण्डेय, सीपी भट्ट ,रितु पाण्डेय, ने भी अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा था.

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आनंद ओझा के फिल्म हीरोगीरी का लिंक –

गाने के लिंक –

16 साल की ग्रेटा थनबर्ग बनी टाइम पर्सन ‘ऑफ द ईयर’, दुनियाभर के नेताओं को सुनाई थी खरी-खोटी

कुछ ही महीने पहले ही बात है  जब प्रधानमंत्री पर्यावरण संबंधी कार्यक्रम में शिरकत करने यूएन हेडक्वार्टर पहुंचे थे. यहां विश्व के सभी बड़े नेता मौजूद थे लेकिन वो मौजूद सिर्फ इसलिए थे ताकि ये बता सकें कि उन्होंने पर्यावरण के लिए क्या-क्या किया. यानि सभी नेता बस बढ़-चढ़कर बातें कर रहे थे लेकिन सच्चाई तो ये थी कि कोई भी पर्यावरण के लिए संजीदा नहीं है. लेकिन उसी जगह आई थी एक 16 साल की बच्ची ग्रेटा थनबर्ग. पहले तो इस बच्ची को किसी ने भी ध्यान नहीं दिया लेकिन जैसे ही इस लड़की ने दुनिया के तमाम नेताओं को सुनाना शुरू किया. राष्ट्रपति ट्रंप समेत सभी नेता बस देखते रहे गए.

स्वीडन की 16 साल की पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को दुनिया में मशूहर टाइम मैगजीन ने 2019 का ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना है. ग्रेटा इस साल तब चर्चा में आई थीं जब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में दुनियाभर के शक्तिशाली नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में नाकाम रहने और इस तरह नई पीढ़ी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया था. इस कार्यक्रम में उस वक्त यूएन चीफ एंतानियो गुतारस भी मौजूद थे. ग्रेटा उस वक्त भी चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने एक पर्यावरण पुरस्कार स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि जलवायु अभियान में आवश्यकता इस बात की है कि सत्ता में बैठे लोग पुरस्कार देने के बजाए विज्ञान का अनुसरण शुरू करें.

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मैगजीन ने ग्रेटा को ‘पर्सन ऑफ द ईयर” चुने जाने पर लिखा, ‘साल भर के अंदर ही स्टॉकहोम की 16 साल की लड़की ने अपने देश की संसद के बाहर प्रदर्शन किया और फिर विश्वभर में युवाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया.’ मैगजीन ने लिखा कि महज इतनी कम अवधि के अंदर ही उन्हें संयुक्त राष्ट्र चीफ से मुलाकात का मौका मिला, तो वहीं उनके स्रोताओं में विभिन्न देशों के राष्ट्रपति के साथ ही पोप भी शामिल रहे.

टाइम ने लिखा, पूरे यूरोप में ‘फ्राइडेज फॉर फ्युचर’ प्रदर्शन की अगुवाई की थी तो वहीं संयुक्त राष्ट्र में दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेताओं के सामने उनका ‘आपकी इतनी हिम्मत’ भाषण काफी चर्चा में रहा. मैगजीन ने ग्रेटा को यह सम्मान देने के पीछे तर्क देते हुए कहा, ‘ग्रेटा इस ग्रह के सबसे बड़े मुद्दे पर सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरी हैं. ग्रेटा ऐक्शन की मांग करती हैं, उनका कहना है कि कई उपाय गलत दिशा में उटाए जा रहे हैं.’

सितंबर महीने में अपने भावुक भाषण के दौरान वैश्विक नेताओं पर क्लाइमेट एक्शन पर कार्रवाई ना करके अपनी पीढ़ी को धोखा देने का आरोप लगाते हुए थनबर्ग ने कहा, “हम आपको ऐसा करके बच निकलने नहीं देंगे.” उन्होंने कहा, “और अगर आपने उचित कदम न उठाकर हमें धोखा दिया तो मैं कहती हूं कि हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे.”

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थनबर्ग यहीं नहीं रुकी, “यहीं और इसी वक्त हम एक लाइन बनाते हैं. दुनिया जाग रही है और बदलाव आ रहा है. चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं.” अपने भाषण के तुरंत बाद उन्होंने 15 अन्य बच्चों के साथ बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कमेटी में युवाओं पर जलवायु संकट के प्रभाव से संबंधित एक आधिकारिक शिकायत दर्ज की थी.

ग्रेटा ने अपने भाषण में कहा, “आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले शब्दों से छीना. हालांकि, मैं अभी भी भाग्यशाली हूं. लेकिन लोग झेल रहे हैं, मर रहे हैं, पूरा ईको सिस्टम बर्बाद हो रहा है.” अपने संबोधन के दौरान ग्रेटा भावुक हो गई और कहा, “आपने हमें असफल कर दिया. युवा समझते हैं कि आपने हमें छला है. हम युवाओं की आंखें आप लोगों पर हैं और अगर आपने हमें फिर असफल किया तो हम आपको कभी माफ नहीं करेंगे.”

पर्यावरण कार्यकर्ता ने कहा, “हम सामूहिक विलुप्ति की कगार पर हैं और आप पैसों और आर्थिक विकास की काल्पनिक कथाओं के बारे में बातें कर रहे हैं. आपने साहस कैसे किया?” ग्रेटा ने कहा कि दुनिया जाग चुकी है और आपको यहां इसी वक्त लाइन खींचनी होगी.

खास बात तो यह है कि जिस वक्त ये बच्ची नम आंखों के साथ ये सब बोल रही थी उस वक्त दुनिया के तमाम ताकतवर देश मूक दर्शक बनें हुए थे. भाषण के बाद बच्ची ने अन्य बच्चों के साथ मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई थी.

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Bigg Boss 13: घर में हुई पारस की धमाकेदार एंट्री, रश्मि के सामने फिर खुली अरहान की पोल

बिग बौस के घर में हर कोई अपने आप को कैप्टन के रूप में देखना चाहता है और इसीलिए सभी कंटेस्टेंट्स ने अपने सर से एड़ी तक का जोर लगाया कि वे घर के अगले कैप्टन बन पाएं. कैप्टेंसी टास्क बीबी पोस्ट औफिस के चलते घर में खूब हंगामा देखने को मिला जिसके बाद बिग बौस ने 4 सदस्यों को एक और टास्क दिया जिसमें वे सिद्धार्थ शुक्ला और पारस छाबड़ा के इशारों पर नाचते दिखाई दिए जो कि सीक्रेट रूम में बैठ कर घरवालों को आदेश दे रहे हैं. इस 4 सदस्यों के नाम हैं, असीम रियाज, रश्मि देसाई, शेफाली जरीवाला और विकास गुप्ता.

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सिद्धार्थ और पारस ने नचाया घरवालों को अपने इशारों पर…

कठपुतली टास्क के दौरान जहां एक तरफ सिद्धार्थ और पारस ने असीम और शेफाली जरीवाला को आपस में भिड़वाया तो वहीं दूसरी तरफ रश्मि देसाई को जोकर का मेकअप कर असीम और शैफाली की मिमिकरी करने को कहा. इस टास्क के दौरान पारस ने रश्मि देसाई को उनकी दोस्त माहिरा शर्मा से मांफी मांगने का कहा और तभी असीम रियाज और रश्मि को शहनाज की भरपूर तारीफ करने का भी आदेश दिया. इसी के चलते शहनाज आपने आंसू रोक ना पाई और ये कहते हुए रो पड़ीं की वैसे तो हर कोई उनसे दूर रहता है पर टास्क के चलते हर कोई उनकी झूठी तारीफें कर रहा है.

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पारस खोलेंगे सबकी पोल…

बिग बौस शो के मेकर्स ने आप के एपिसोड का एक प्रोमो रिलीज किया है जिसमें पारस छाबड़ा घर के अंदर धमाकेदार एंट्री मारते दिखाई दे रहे हैं और साथ ही सभी कंटेस्टेंट की पोल खोलते नजर आ रहे हैं. बीते दिनों अरहान खान ने रश्मि देसाई को लेकर एक बात कही थी कि एक समय पर रश्मि बिल्कुल रोड़ पर आ गईं थी और उनका बैंक अकाउंट भी बिल्कुल खाली हो गया था तो अरहान खान ने उनकी काफी मदद की थी. पारस छाबड़ा ने सबसे पहले आते ही रश्मि के सामने इस बात की पोल खोली की अरहान ने उनके लिए ये सब बोला है तभी यो सब सुनते ही रश्मि को अरहान पर काफी गुस्सा भी आया.

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कौन होगा घर का अगला कैप्टन…

इसी के साथ पारस विशाल आदित्य सिंह पर भी गुस्सा होते दिखाई दिए की उनकी गैरमौजूदगी में वे माहिरा के साथ कुछ ज्यादा ही नजदीकियां बढ़ा रहे थे. अब देखने वाली बात ये होगी की पारस छाबड़ा के आने से घर में और कौन कौन से हंगामे दर्शकों को देखने को मिलने वाले हैं और कौन होगा घर का अगला कैप्टन.

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चक्रव्यूह: भाग 2

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‘‘शुक्रिया, आंटीजी…’’

‘‘यह तो हमारा फर्ज है बेटाजी,’’ श्रीमती साहनी उठ खड़ी हुईं.

उन के जाने के बाद सायरा ने राहत की सांस ली. हालांकि सरवर के जरिए अम्मी को उस की खैरखबर भिजवाने की जिम्मेदारी और सरवर के साथ वीडियो कानफें्रसिंग करवाने की बात कर के आंटी ने उसे बहुत राहत दी थी मगर उन का यह कहना ‘हमारे यहां तो कसूरवार को भी तंग नहीं करते तो बेकसूर को क्यों परेशान करेंगे’ या ‘यह तो हमारा फर्ज है’ उसे खुद और अपने मुल्क पर कटाक्ष लगा. वह कहना चाहती थी कि आप लोगों की अपने मुंह मिया मिट्ठू बनने और एहसान चढ़ाने की आदत से चिढ़ कर ही तो लोग आप को मजा चखाने की सोचते हैं.

सायरा को लंदन स्कूल औफ इकनोमिक्स के वे दिन याद आ गए जब पढ़ाई के दबाव के बावजूद वह और मंसूर एकदूसरे के साथ वहां के धुंधले सर्द दिनों में इश्क की गरमाहट में रंगीन सपने देखते थे. सुनने वालों को तो यकीन नहीं होता था लेकिन पहली नजर में ही एकदूसरे पर मर मिटने वाले मंसूर और सायरा को एकदूसरे के बारे में सिवा नाम के और कुछ मालूम नहीं था.

अंतिम वर्ष में एक रोज जिक्र छिड़ने पर कि नौकरी की तलाश के लिए कौन क्या कर रहा है, सायरा ने मुंह बिचका कर कहा था, ‘नौकरी की तलाश और वह भी यहां? यहां रह कर पढ़ाई कर ली वही बहुत है.’

‘तुम ने तो मेरे खयालात को जबान दे दी, सायरा,’ मंसूर फड़क कर बोला, ‘मैं भी डिगरी मिलते ही अपने वतन लौट जाऊंगा.’

‘वहां जा कर करोगे क्या?’

‘सब से पहले तो सायरा से शादी, फिर हनीमून और उस के बाद रोजीरोटी का जुगाड़,’ मंसूर सायरा की ओर मुड़ा, ‘क्यों सायरा, ठीक है न?’

‘ठीक कैसे हो सकता है यार?’ हरभजन ने बात काटी, ‘वतन लौट कर सायरा से शादी कैसे करेगा?’

‘क्यों नहीं कर सकता? मेरे घर वाले शियासुन्नी मजहब में यकीन नहीं करते और वैसे भी हम दोनों पठान यानी खान हैं.’

‘लेकिन हो तो हिंदुस्तानी- पाकिस्तानी. दोनों मुल्कों के बाशिंदों को नागरिकता या लंबा वीसा आसानी से नहीं मिलता,’ हरभजन ने कहा.

सायरा और मंसूर ने चौंक कर एकदूसरे को देखा.

‘क्या कह रहा है हरभजन? सायरा भी पंजाब से है…’

‘बंटवारे के बाद पंजाब के 2 हिस्से हो गए जिन में से एक में तुम रहते हो और एक में सायरा यानी अलगअलग मुल्कों में.’

‘क्या यह ठीक कह रहा है सायरा?’ मंसूर की आवाज कांप गई.

‘हां, मैं पंजाब यानी लाहौर से हूं.’

‘और मैं लुधियाना से,’ मंसूर ने भर्राए स्वर में कहा, ‘माना कि हम से गलती हुई है, हम ने एकदूसरे को अपने शहर या मुल्क के बारे में नहीं बताया लेकिन अगर बता भी देते तो फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि फिदा तो हम एकदूसरे पर नाम जानने से पहले ही हो चुके थे.’

‘जो हो गया सो हो गया लेकिन अब क्या करोगे?’ दिव्या ने पूछा.

‘मरेंगे और क्या?’ मंसूर बोला.

‘मरना तो हर हाल ही में है क्योंकि अलग हो कर तो जी नहीं सकते सो बेहतर है इकट्ठे मर जाएं,’ सायरा बोली.

‘बुजदिली और जज्बातों की बातें करने के बजाय अक्ल से काम लो,’ अब तक चुप बैठा राजीव बोला, ‘तुम यहां रहते हुए आसानी से शादी कर सकते हो.’

‘शादी के बाद मैं इसे लुधियाना ले कर जा सकता हूं?’ मंसूर ने उतावली से पूछा.

‘शायद.’

‘तब तो बात नहीं बनी. मैं अपना देश नहीं छोड़ सकता.’

‘मैं भी नहीं,’ सायरा बोली.

‘न मुल्क छोड़ सकते हो न एकदूसरे को और मरना भी एकसाथ चाहते हो तो वह तो यहीं मुमकिन होगा इसलिए जब यहीं मरना है तो क्यों नहीं शादी कर के एकसाथ जीने के बाद मरते,’ हरभजन ने सलाह दी.

‘हालात को देखते हुए यह सही सुझाव है,’ राजीव बोला.

‘घर वालों को बता देते हैं कि परीक्षा के बाद यहां आ कर हमारी शादी करवा दें,’ मंसूर ने कहा.

‘मेरी अम्मी तो आजकल यहीं हैं, अब्बू भी अगले महीने आ जाएंगे,’ सायरा बोली, ‘तब मैं उन से बात करूंगी. तुम्हें अगर अपने घर वालों को बुलाना है तो अभी बात करनी होगी.’

‘ठीक है, आज ही तफसील से सब लिख कर ईमेल कर देता हूं.’

‘तुम भी सायरा आज ही अपनी अम्मी से बात करो, उन लोगों की रजामंदी मिलनी इतनी आसान नहीं है,’ राजीव ने कहा.

राजीव का कहना ठीक था. दोनों के घर वालों ने सुनते ही कहा कि यह शादी नहीं सियासी खुदकुशी है. खतरा रिश्तेदारों से नहीं मुल्क के आम लोगों से था, दोनों मुल्कों में तनातनी तो चलती रहती थी और दोनों मुल्कों के अवाम खुनस में उन्हें नुकसान पहुंचा सकते थे.

सायरा की अम्मी ने तो साफ कहा कि शादी के बाद हरेक लड़की को दूसरे घर का रहनसहन और तौरतरीके अपनाने पड़ते हैं लेकिन सायरा को तो दूसरे मुल्क और पूरी कौम की तहजीब अपनानी पड़ेगी.

‘तुम्हारी इस हरकत से हमारी शहर में जो इज्जत और साख है वह मिट्टी में मिल जाएगी. लोग हमें शक की निगाहों से देखने लगेंगे और इस का असर कारोबार पर भी पड़ेगा,’ मंसूर के अब्बा बशीर खान का कहना था.

घर वालों ने जो कहा था उसे नकारा नहीं जा सकता था लेकिन एकदूसरे से अलग होना भी मंजूर नहीं था इसलिए दोनों ने घर वालों को यह कह कर मना लिया कि वे शादी के बाद लंदन में ही रहेंगे और उन लोगों को सिवा उन के नाम के किसी और को कुछ बताने की जरूरत नहीं है. उन की जिद के आगे घर वाले भी बेदिली से मान गए. वैसे दोनों ही पंजाबी बोलते थे और तौरतरीके भी एक से थे. शादी हंसीखुशी से हो गई.

कुछ रोज मजे में गुजरे लेकिन दोनों को ही लंदन पसंद नहीं था. दोस्तों का कहना था कि दुबई या सिंगापुर चले जाओ लेकिन मंसूर लुधियाना में अपने पुश्तैनी कारोबार को बढ़ाना चाहता था. भारतीय उच्चायोग से संपर्क करने पर पता चला कि उस की ब्याहता की हैसियत से सायरा अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट पर उस के साथ भारत जा सकती थी. सायरा को भी एतराज नहीं था, वह खुश थी कि समझौता एक्सप्रेस से लाहौर जा सकती थी, अपने घर वालों को भी बुला सकती थी लेकिन बशीर खान को एतराज था. उन का कहना था कि सायरा की असलियत छिपाना आसान नहीं था और पंजाब में उस की जान को खतरा हो सकता था.

उन्होंने मंसूर को सलाह दी कि वह पंजाब के बजाय पहले किसी और शहर में नौकरी कर के तजरबा हासिल करे और फिर वहीं अपना व्यापार जमा ले. बशीर खान ने एक दोस्त के रसूक से मंसूर को पुणे में एक अच्छी नौकरी दिलवा दी. काम और जगह दोनों ही मंसूर को पसंद थे, दोस्त भी बन गए थे लेकिन उसे हमेशा अपने घर का सुख और बचपन के दोस्त याद आते थे और वह बड़ी हसरत से सोचता था कि कब दोनों मुल्कों के बीच हालात सुधरेंगे और वह सायरा को ले कर अपनों के बीच जा सकेगा.

सब की सलाह पर सायरा ने नौकरी नहीं की थी. हालांकि पैसे की कोई कमी नहीं थी लेकिन घर बैठ कर तालीम को जाया करना उसे अच्छा नहीं लगता था और वैसे भी घर में उस का दम घुटता था. अच्छी सहेलियां जरूर बनी थीं पर कब तक आप किसी से फोन पर बात कर सकती थीं या उन के घर जा सकती थीं.

मंसूर के प्यार में कोई कमी नहीं थी, फिर भी पुणे आने के बाद सायरा को एक अजीब से अजनबीपन का एहसास होने लगा था लेकिन उसे इस बात का कतई गिला नहीं था कि उस ने क्यों मंसूर से प्यार किया या क्यों सब को छोड़ कर उस के साथ चली आई, लेकिन आज के हादसे के बाद उसे लगने लगा था कि जैसे वह अनजान लोगों के चक्रव्यूह में फंस गई है.

 भूपेश बघेल सरकार से नाराज किसान!

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की कांग्रेस  सरकार से धान खरीदी के वादाखिलाफी को लेकर किसानों का आक्रोश अपने चरम पर है. हालात इतने विषम है कि धान खरीदी के मसले पर भूपेश सरकार पूर्णता विफल हो चुकी है. और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित उनका मंत्रिमंडल गांधीजी के बंदरों की तरह आंख बंद करके  मौन बैठा है.

यह बंदर कुछ कहना नहीं चाहते और ज्यादा ही पूछो तो धान के मसले पर सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं.मगर जमीनी हकीकत कुछ और है हमारे संवाददाता ने जांजगीर, बिलासपुर, बेमेतरा और रायपुर के कुछ धान मंडियों का निरीक्षण किया और पाया कि किसानों में 25 सौ रुपए क्विंटल धान खरीदी एलान के बाद जैसी विसंगतियां पैदा की गई हैं भूपेश सरकार के खिलाफ किसानों में भयंकर आक्रोश दिखाई दे रहा है.

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दरअसल, इस मसले पर भूपेश और कांग्रेस दोनों बुरी तरह घिरते चले जा रहे हैं.किसानों से वादे तो कर दिया गए मगर जब निभाने का वक्त आया है तो पैसे नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ की आर्थिक हालात बदतर होने के कारण सरकार के पसीने निकल रहे हैं. भूपेश सरकार का अप्रत्यक्ष रूप से धान के मसले पर “डंडा” चलने लगा है.

गौरतलब है कि डॉ. रमन सिंह सरकार एक-एक दाना धान खरीदने की बात करती थी और खरीदने का प्रयास भी करती थी किसानों के साथ सद व्यवहार के साथ सम्मान के साथ धान खरीदी होती थी मगर अब ऐसा नहीं है. पटवारी के पास चक्कर लगाओ, और तहसील में चक्कर लगाओ, धान समितियों में चक्कर लगाओ. इन सब से किसान बेहद परेशान और  आक्रोश में है.

चीफ सेक्रेटरी उतरे मैदान में

धान खरीदी की हालात इतने बदतर और पतले हैं कि छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव आरपी मंडल को धान खरीदी की शुरुआत के साथ ही धान समितियों पर ग्राउंड पर पहुंचना पड़ा.धान खरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण करने गरियाबंद जिले के झाखरपारा खरीदी केंद्र पहुंचे चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल अव्यवस्थाओं को देखकर कलेक्टर समेत तमाम अधिकारियों पर जमकर फट पड़े. उन्होंने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त लहजे में पूछा कि क्या धान खरीदी का क ख ग नहीं जानते हो? मंडल ने खरीदी केंद्र में लापरवाही देखकर चेतावनी भरे अंदाज में दो टूक कहा कि यह बहुत बुरी बात है, यदि धान खरीदी की प्रक्रिया में चूक हुई, तो यह अच्छा नहीं होगा.

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दरअसल चीफ सेक्रेटरी आर पी मंडल, फूड सेक्रेटरी डाक्टर कमलप्रीत सिंह और मार्कफेड की एम डी शम्मी आबिदी के साथ धान खरीदी की समीक्षा करने प्रदेश व्यापी दौरे कर रहे हैं. धान खरीदी में आ रही गड़बड़ियों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने व्यक्तिगत तौर पर चीफ सेक्रेटरी को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वह प्रदेश का दौरा कर मैदानी हालात से रूबरू हों.

आर पी मंडल ने जिला खाद्य अधिकारी एच आर डडसेना को यह तक कह दिया कि क्या इस गलती के लिए मैं अभी सस्पेंड कर दूं? चीफ सेक्रेटरी ने तमाम खामियों को तुरंत दुरूस्त करने के निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने धान बेचने आए किसानों से भी चर्चा की. चीफ सेक्रेटरी ने किसानों को आश्वस्त किया है कि 15 फरवरी तक होने वाली धान खरीदी में पंजीकृत किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान लिया जाएगा. पहले व्यवस्था दुरूस्त किया जाएगा, इसके बाद लिमिट बढ़ा दिया जाएगा. कुल जमा यह की किसानों के साथ भूपेश सरकार ने जो अति हो रही है उसे किसान बेहद दुखी एवं नाराज हैं वही मुख्य सचिव आरपी मंडल छत्तीसगढ़ की जड़ों से जुड़े हैं मगर आर्थिक हालात बदतर होने के कारण वह भी स्थिति को संभालते संभालते किसानों के दुख दर्द को दूर नहीं कर पा रहे.

किसान कर रहे चक्का जाम!

धान खऱीदी को लेकर किसानों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है.  छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के लोरमी में किसानों ने धान खरीदी की   नित्य “नई नई नीति” के खिलाफ जोरदार  प्रदर्शन किया . वहीं मंगलवार  को फास्टरपुर थाना क्षेत्र के सबसे बड़े धान खरीदी केंद्र में किसानों का गुस्सा फट पड़ा और सैकड़ों किसान कवर्धा-मुंगेली मुख्यमार्ग पर पिछले दो घण्टे से चक्काजाम कर जमकर प्रदर्शन किया.

किसानों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. किसानों का आरोप है कि सिंगापुर उपार्जन केंद्र में एक दिन में 1900 बोरी से ज्यादा धान की खरीदी एक दिन में नहीं की जा रही है. जबकि इस केंद्र में 1200 किसान पंजीकृत हैं. ऐसे में ढाई माह के भीतर सभी किसानों की धान की खरीदी हो पाना संभव नहीं है. किसानों का यह भी आरोप है कि कई नए किसानों का पंजीयन आवेदन देने के बाद भी नहीं किया गया है और अधिकतर किसानों के पंजीकृत रकबे में भी कटौती की गई है, जिसके चलते वो लोग वास्तविक रकबे के हिसाब से धान नहीं बेच पा रहे हैं.

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किसानों के  नाराजगी और चक्काजाम की ख़बर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मचा गया. मौके पर पहुंचे अधिकारियों के द्वारा लगातार किसानों को समझाइश दी गई लेकिन आक्रोशित किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे. किसानों ने अफसरों को दो टूक शब्दों में कहा दिया  कि उनकी मांगो को अनसुना किये जाने पर  समिति केंद्र में धान खरीदी बन्द कर दी जाएगी.

समिति के प्रबंधक भी उखड़ गए!

सरकार धान खरीदी समितियों के प्रबंधक एवं कंप्यूटर ऑपरेटरों के ऊपर भी बिजली गिरा रही है. जांजगीर, कोरबा, रायगढ़ आदि जिलों में तो प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटरों के ट्रांसफर कर दिया गया.किसी को यहां बैठा दिया गया,किसी को वहां.सीधे-सीधे इसका मतलब यह है कि भूपेश सरकार और प्रशासन समितियों पर अंकुश रखना चाहता है.मगर इससे यह सवाल पैदा हो गया कि क्या प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर के स्थानांतरण के पीछे का सच क्या है इसके पहले कभी भी ऐसे स्थानातरण किसी ने नहीं किए थे.कलेक्टर और एसपी सीधे धान खरीदी केंद्रों पर निगाह रखे हुए हैं मानो यहां बहुत बड़े अपराध होने की स्थिति बनी हुई हो. निकालने की

धान खरीदी को लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. किसानों की नाराजगी और आक्रोश के बीच समिति प्रबंधकों और कर्मचारियों ने धान खरीदी कार्य से प्रथक करने की मांग की है. उनकी यह नाराजगी सरकार के द्वारा मिल रहे मौखिक आदेशों को लेकर है.

उपपंजीयक सहकारी समिति संस्थाएं को जिला सहकारी कर्मचारी संघ रायगढ़ के अध्यक्ष और सचिव ने पत्र लिख लिखा है. उन्होंने पत्र में सभी 79 सहकारी समिति के प्रबंधकों को धान खऱीदी से अलग करने कहा है. उन्होंने अपनी मांग के पीछे वजह बताई है कि धान खरीदी को लेकर उन्हें लिखित की बजाय मौखिक आदेश दिये जा रहे हैं. जिसकी वजह से धान बेचने आने वाले किसानों और उनके बीच असंतोष की स्थिति बन रही है. पत्र में कहा गया है कि किसान संगठनों द्वारा एकजुट होकर समिति प्रबंधकों के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है.

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उन्होंने मांग की है कि धान खरीदी समिति कर्मचारियों को अलग करके उनकी जगह नोडल अधिकारियों और अन्य विभागीय कर्मचारियों को जवाबदेही देते हुए उनसे खरीदी का कार्य करवाया जाए. उन्होंने कहा है कि  उनके द्वारा धान खरीदी का कार्य नहीं किये जाएगा.

निर्भया कांड के दोषी ने कोर्ट में कहा, “दिल्ली गैंस चैंबर फिर मुझे मौत की सजा क्यों”?

दिल्ली की आबो हवा किस तरह प्रदूषित हो रही है ये किसी से भी छिपा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि आप लोग जनता को मौत के मुंह में ढकेलते जा रहे हैं. अक्टूबर महीने से शुरू हुआ प्रदूषण नवंबर आखिरी तक चला. इस मामले को निपटाने के लिए जहां सभी सरकारों को एकजुट होकर समस्या का निदान करना चाहिए तो सियासतदान राजनीति करने में जुटे हुए हैं. खैर इन सब के अलावा एक मौत की सजा पाए हुए बलात्कार के आरोपी ने ऐसा बयान दिया है जिसने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए.

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में मौत की सजा पाए चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर करते हुए कहा कि दिल्ली गैस चैंबर है, ऐसे मैं मौत की साज देने की क्या जरूरत है. वकील ए.पी.सिंह के माध्यम से दायर समीक्षा याचिका में अक्षय ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर में पानी और हवा को लेकर जो कुछ हो रहा है, उससे हर कोई वाकिफ है. जीवन छोटा होता जा रहा है, फिर मृत्युदंड क्यों?”

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सुप्रीम कोर्ट 9 जुलाई 2018 को ही अन्य तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका को रद्द कर चुका है. उस समय अक्षय ने याचिका दायर नहीं की थी. वकील सिंह ने अपने मुवक्किल की ओर से मंगलवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की. याचिका में अक्षय ने निवेदन करते हुए दावा किया कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई है, और राजधानी शहर सचमुच गैस चैंबर बन गया है. यहां तक कि शहर में पानी भी जहर से भरा है.

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 की रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में छह लोगों ने निर्भया (23) के साथ मिलकर दुष्कर्म किया था. सामूहिक दुष्कर्म इतना वीभत्स था कि इससे देशभर में आक्रोश पैदा हो गया था और सरकार ने दुष्कर्म संबंधी कानून और सख्त किए थे.

छह दुष्कर्म दोषियों में से एक नाबालिग था, जिसे बाल सुधार गृह में भेज दिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया. एक दोषी ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी. शीर्ष अदालत ने मुकेश (30), पवन गुप्ता (23) और विनय शर्मा (24) की पुनर्विचार याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि मृत्युदंड की समीक्षा के लिए अभियुक्तों द्वारा कोई आधार स्थापित नहीं किया गया है.

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Bigg Boss 13: कैप्टेंसी टास्क के चलते घर में हुआ हंगामा, असीम के खिलाफ हुए ये सेलेब्स

बिग बौस का लास्ट एपिसोड हर रोज की तरह काफी हंगामों भरा रहा. बीते एपिसोड में बिग बौस ने सभी घरवालों को कैप्टेंसी टास्क दिया जिसका नाम था बीबी पोस्ट औफिस. इस टास्क में कुछ कंटेंस्टेंस के घर से चिट्ठियां आईं थी और चिट्ठी आई है गाना बजते ही सभी घरवालों को इस कंटेस्टेंट के पोस्ट बौक्स का पास जाकर वो चिट्ठी लेनी है पर उस चिट्ठी के साथ कुछ खाली कागज़ भी आए. उसके बाद जिस भी सदस्य के पास उस कंटेस्टेंट के घर से आई चिट्ठी होगी वो उसका फैसला होगा कि उस कंटेस्टेंट को वापस देनी है या फिर वहीं मौजूद एक मशीन के जरिए फाड़ देनी है.

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विकास गुप्ता ने फाड़ी रश्मि की चिट्ठी…

इसी के चलते अगर वे कंटेस्टेंट इस सदस्य को चिट्ठी वापस कर देता है तो वो कैप्टन बनने का एक मौका छोड़ देगा पर अगर वे कंटेस्टेंट चिट्ठी फाड़ देता है तो वे कैप्टन बन सकता है. इसी दौरान रश्मि देसाई की चिट्ठी हिंदुस्तानी भाऊ को मिली और उन्होनें ये फैसला किया कि वे रश्मि को चिट्ठी देंगे पढ़ने के लिए पर जैसे ही भाऊ रश्मि को चिट्ठी दे रहे थे इतने में विकास गुप्ता ने उनके हाथ से चिट्ठी छीन कर फाड़ डाली जिस पर रश्मि को काफी बुरा लगा.

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असीम ने तोड़ा माहिरा का दिल…

इस दौरान जब असीम  के घर की चिट्ठी माहिरा शर्मा को मिली तो उन्होनें भी असीम  को चिट्ठी पढ़ने के लिए दे दी पर जब माहिरा की चिट्ठी असीम को मिली को उन्होनें चिट्ठी को फाड़ दिया और कहा कि वे यहां इमोशनली खेलने नहीं आए हैं और वे कैप्टन भी बनना चाहते इसलिए वे माहिरा को चिट्ठी नहीं दे रहे. इस बात पर माहिरा काफी रोईं और उदास दिखाई दीं.

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असीम  के इस रवय्ये को देख कर फैंस को माहिरा शर्मा के लिए काफी बुरा लगा और बिग बौस के फैंस ने इसी मुद्दे पर ट्वीटर के जरिए ट्वीट्स भी किए. जिसमें से कुछ ट्वीट्स हैं-

असीम और शेफाली के बीच होने वाली है भयंकर लड़ाई…

अब देखने वाली बात ये होगी की इस कैप्टेंसी टास्क में और कितने कंटेस्टेंटस् के दिल टूटेंगे और सबसे बड़ी बात जो शो के मेकर्स ने आज के एपिसोड के प्रोमो के जरिए हमें बताई है कि आज के एपिसोड में असीम रियाज और शेफाली जरीवाला के बीच जमकर लड़ाई होने वाली है.

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