Bigg Boss 13: गुस्से में सलमान ने खुद साफ किया बाथरूम-किचन तो यूं माफी मांगने लगे घरवाले, देखें Video

बिग बौस सीजन 13 का सफर दिन ब दिन दिलचस्प होता जा रहा है और इस सीजन की टी.आर.पी. के तो क्या ही कहने. वैसे तो बिग बौस का हर सीजन सभी रिएलिटी शो के टी.आर.पी को पीछे छोड़ देता है लेकिन इस सीजन ने तो हद ही पार कर दी. जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे वैसे सभी कंटेस्टेंट्स का गेम और ज्यादा स्ट्रौंग होता जा रहा है. बीते एपिसोड्स में आपने देखा कि इस हफ्ते की कैप्टन पंजाब की कैटरीना कैफ यानी शहनाज गिल को चुना गया पर दिखने में ऐसा आया है कि उनकी कैप्टेंसी कुछ खास नहीं जा रही. शहनाज का कहना ये है कि आरती सिंह, शेफाली जरीवाला और शेफाली बग्गा के अलावा उनकी कोई मदद नहीं कर रहा.

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सलमान खान ने किया घर को साफ…

इसी कारण बीते एपिसोड में वो हुआ जो शायद बिग बौस के इतिहास में कभी नहीं हुआ. शो के होस्ट यानी सलमान खान ने खुद घर के अंदर एंट्री ली और किचन से लेकर बाथरूम तक साफ किया. सलमान का कहना ये था कि बीते कुछ दिनों से वे घरवालों के मुंह से ये कहते सुन रहे हैं कि उनका मन नहीं कर रहा काम करने का और इसी बात से सलमान खान ने खुद घर के अंदर आ कर घर को साफ किया. सलमान खान ने बर्तन धोए, फ्रिज साफ किया और यहां तक की बाथरूम तक साफ किया जो कि काफी गंदा था और कोई साफ करने को तैय्यार नहीं था.

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घर को साफ करने बाद लगाई सबकी क्लास…

सलमान खान को घर साफ करना देख सभी कंटेस्टेंट के सर शर्म से झुक गए. इस बात पर सलमान ने कहा कि “इस शो का होस्ट हूं मैं तो ये घर मेरा है और मुझे इसे साफ करने में कोई दिक्कत नहीं है और अगर आप में से किसी का मन ना करे घर साफ करने का तो मुझे बता देना, मैं आकर साफ कर दूंगा. मै किसी भी काम को छोटा नहीं समझता”. इसके बाद सलमान खान घरवालों के अच्छे से क्लास लगाते दिखाई दिए.

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सलमान खान के बिना बिग बौस अधूरा…

शो के होस्ट सलमान खान इस शो को 10 साल से होस्ट कर रहे हैं और बिग बौस के साथ अगर कोई नाम जुड़ा है तो वो है सलमान खान का. सलमान खान के 10 साल पूरे होने पर बिग बौस ने सलमान खान को सुल्तानी अखाड़े में बुलाया और उन्हें बिग बौस के 10 साल का सफर दिखाया जिसमें उन्होनें दर्शकों को हसाया भी और कंटेस्टेंट पर गुस्सा भी हुए पर सबसे बड़ी बात जो बिग बौस ने कही वो ये थी कि सलमान खान के बिना ये शो बिल्कुल अधूरा है.

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नेता बांटे रेवड़ी, अपन अपन को देय !

यहां सत्ता की खनक की गुंज, गली गली में गूंज रही है. जिसका सबसे बड़ा असर नगरीय निकाय चुनाव में देखने को मिल रहा है .सन 1999 में अविभाजित मध्यप्रदेश के दरम्यान पहला नगरीय निकाय चुनाव हुआ था और अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी मुख्यमंत्री थे दिग्विजय सिंह.

उस समय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से हुआ था. मतदाताओं ने महापौर, अध्यक्ष, सरपंच और पार्षदों के चुनाव प्रत्यक्ष पृणाली से मतदान करके किया था. तदुपरांत 2004,2009, 2014 तक चुनाव भाजपा के शासन काल में भी इसी प्रत्यक्ष प्राणाली से हुए .इस चुनाव का लाभ यह था की जहां महापौर, अध्यक्ष सीधे मतदाताओं के प्रति जिम्मेदारी का एहसास कराते हैं वहीं राजनीतिक खरीदी बिक्री की संभावना भी खत्म हो जाती है. सत्ता की प्रेशर की राजनीति पर अंकुश लगता है मगर छत्तीसगढ़ में नई परिपाटी शुरू की है उन्होंने एक्ट मैं बदलाव किए और अबकि चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से हुए जिसमें पार्षद ही अपने महापौर चुनेंगे अध्यक्ष चुनेंगे. ऐसे में खरीदी बिक्री और राजनीतिक बवंडर दिखाई पड़ने लगे हैं.

कांग्रेस का सूपड़ा साफ !

मुख्यमंत्री बन कर भूपेश बघेल ने सबसे बड़ा काम यही किया की अपनी साख बचाने के लिए नगरीय निकाय चुनाव को आखिरकार अप्रत्यक्ष प्राणाली से कराने का ऐलान कर दिया .इस पर उनकी कश्मकश देखी गई पहले कहा प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होंगे लोग महापौर पद की तैयारी में जुट गए .मगर विपक्षी नेताओं का आरोप है जब भूपेश बघेल को यह सीक्रेट जानकारी मिली कि प्रत्यक्ष चुनाव हुए तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा तो उन्होंने अपनी साख हाईकमान से बचाने की खातिर चुनाव की पद्धति बदलवा दी.

विरोध स्वरूप मामला उच्च न्यायालय पहुंचा .सुनवाई शुरू हुई मगर सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी और चुनाव हो गए अब हालात यह है की लगभग सभी नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायतों में घमासान मचा हुआ है.

कहीं भाजपा आगे है तो कहीं कांग्रेस कहीं बराबर की टक्कर. अब पार्षदों की खरीदी बिक्री का खेल शुरू हो गया है .कांग्रेस के मंत्री, दावा कर रहे हैं की सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं में हम कांग्रेस के महापौर बैठायेगे. दरअसल यह सीधे-सीधे सत्ता की धमक और खनक का ही परिणाम होगा की कांग्रेसी पत्ते महापौर बनेंगे.

संवैधानिक संस्थाओं से छेड़छाड़

भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बड़ी ही शान से बने थे छत्तीसगढ़ में 67 सीटों पर ऐतिहासिक बहुमत मिला जिसकी कल्पना तक किसी ने नहीं की थी .भाजपा, जोगी कांग्रेस के हाथों के तोते उड़ गए. ऐसे में भूपेश बघेल चाहते तो प्रदेश के साथ देश की राजनीति में एक नजीर बन कर उभर सकते थे .राजनीति में सत्ता ही सब कुछ नहीं होती आपकी छवि आम जनमानस में कैसे बन रही है यह महत्वपूर्ण होता है .आज भी लोग अर्जुन सिंह, अजीत जोगी के कार्यकाल को याद करते हैं क्योंकि उन्होंने आम जनता के हित में संवेदनशील कदम उठाए थे .मगर छत्तीसगढ़ में एक वर्ष में बदलापुर की राजनीति और जीत के जश्न मनाए जाते रहे हैं. आम जनता जिनमें किसान, मजदूर, श्रमिक शामिल है मानौ ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं . किसानों को चक्का जाम करना पड़ रहा है मगर भूपेश बघेल कानों में रूई डालकर भव्य आयोजनों में शिरकत कर रहे हैं.

यह है जमीनी हकीकत

रायपुर नगर निगम जहां कांग्रेस के प्रमोद दुबे महापौर थे इस चुनाव में 70 में 34 पार्षद चुनकर आए हैं दो पार्षदों को कांग्रेस अपने पक्ष में करने एड़ी चोटी का जोर लगा रही है .राजधानी रायपुर के बाद न्यायधानी बिलासपुर में 70 पार्षदों में 35 कांग्रेस के पास आ चुके हैं बहुमत के लिए एक पार्षद को तोड़ा जा चुका है . उर्जा नगरी कोरबा में भाजपा को बढ़त मिली है उसके 32 पार्षद विजई हुए हैं मगर 26 सीटों वाली कांग्रेस सारी नैतिकता ताक पर रखकर पार्षदों को खरीदने प्रभावित करने में लगी हुई है .रायगढ़ में 48 पार्षदों में कांग्रेस के पास 24 पार्षद हैं. इस तरह कांग्रेस हर नगरीय क्षेत्र में अपनी सत्ता बनाने सारे हथकंडे अपना रही है जिसकी नाराजगी राजनीतिक क्षेत्र के साथ आम आवाम में भी देखी जा रही है.

मुझे बहुत तनाव रहता है और मेरा किसी भी काम में मन नहीं लगता, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 28 साल का हूं और मुझे बहुत तनाव रहता है. मेरा किसी काम में मन नहीं लगता है. इस समस्या का क्या उपाय है?

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जवाब-

आप में आत्मविश्वास की कमी है. यह कोई बड़ी समस्या नहीं है. बेहतर होगा कि आप हरेक चीज और घटना पर अपनी राय कायम करें और किसी के भी कहने पर ढुलमुल न हों. अपने फैसले खुद लें और उन पर अमल भी करें. इस के बाद भी परेशानी दूर न हो तो किसी मनोचिकित्सक से मशवरा लें.

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“कसम पैदा करने वाले की-2” में  खतरनाक लुक में नजर आएंगे ये भोजपुरी सुपरस्टार

अभिनेता देव सिंह अपने बेहतरीन अभिनय लिए जाने जाते हैं. लेकिन इस बार वह जिस फिल्म में काम कर रहें हैं उसमें उनका डरावना लुक अब तक की आई सभी फिल्मों से अलग हट कर है. देव सिंह संजय श्रीवास्तव के निर्देशन में बन रही फिल्म कसम पैदा करने वाली की 2 में निगेटिव किरदार में नजर आने वाले हैं. जो यश कुमार इन्टरटेन्मेन्ट” के बैनर तले बन रही है.

इस फिल्म की शूटिंग गुजरात के संजन मे जोर शोर से चल रही है. इस फिल्म में लीड रोल सुपरस्टार अभिनेता यश कुमार मिश्रा एवं अंजना सिंह निभा रहीं हैं. उनके साथ ही आकांक्षा दुबे, देव सिंह, राधे कुमार मिश्रा का किरदार भी अहम् होगा.

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भोजपुरी के हरफनमौला अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके देव सिंह कसम पैदा करने वाली की 2 में निभाये जा रहे अपने इस किरदार को लेकर काफी खुश हैं. उन्होंने फिल्म में इस दमदार रोल के लिए चुनने के लिए निर्देशक संजय श्रीवास्तव व अभिनेता यश कुमार को धन्यवाद भी दिया. उन्होंने बात-चीत में बताया की फिल्म निर्माण से जुड़े लोगों ने जो विश्वास मुझ पर किया है जिससे मै चुनौतीपूर्ण किरदार को बहुत ही आसानी से निभा पाने में सफल हो रहा हूं.

देव सिंह नें बताया की वह पहली बार इतने चुनौतीपूर्ण रोल को निभा रहें हैं जिसमें दर्शक उनके अभिनय के दीवाने हो जायेंगे.  देव सिंह भोजपुरी के ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने भोजपुरी सिनेमा में अपनी अलग ही पहचना बनाई है उनकी बेहतरीन फिल्मों में राजतिलक, मैं सेहरा बांध के आउंगा व डमरू, राजा जानी, छलिया, स्पेशल एनकाउंटर, विजेता,लोहा पहलवान प्रमुख रही हैं.

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देव सिंह ने बताया की इस फिल्म की कहानी लव, रोमांस और एक्शन पर आधारित है. फिल्म की कहानी साफ – सुथरी है और इसमें किसी तरह की अश्लीलता नहीं होगी. ऐसे में फिल्म को पूरे परिवार के साथ बैठ कर देखा जा सकेगा. उन्होंने बताया की फिल्म में एक्शन का जबरदस्त तड़का देखने को मिलेगा वहीं फिल्म के तकनीकी पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसलिए फिल्म के किसी भी सीन में बनावटीपन नजर नहीं आयेगा. उन्होंने बताया की फिल्म के सभी गाने कर्णप्रिय होंगे.

उनके अनुसार इस फिल्म का अभिनेता होने के साथ ही फिल्म के निर्माता भी यश कुमार ही हैं. यश कुमार नें निर्माता के रूप में नई पारी शुरू करने पर अपने फेसबुक पर पोस्ट कर खुशी भी जाहिर की है. उन्होंने लिखा है की एक निर्माता के रूप में ये मेरी नई शुरुआत है. उम्मीद करता हूं आप सभी के विश्वास पे खरा उतरूंगा. माना जा रहा है की “कसम पैदा करने वाले की” की तरह इसका सीक्वेल कसम पैदा करने वाले की -2 भी हिट रहेगा.

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नोरा फतेही को स्कूटर पर लेकर भागे ये बौलीवुड एक्टर

इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘‘स्ट्रीट डांसर’’ को लेकर नोरा फतेही काफी उत्साहित हैं. फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से ही नृत्य प्रेमी दर्शक फिल्म के प्रदर्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. नोरा फतेही इस बात से खुश हैं कि उनके नृत्य कौशल की हर कोई तारीफ कर रहा है. जब से ‘स्ट्रीट डांसर’ का नया गाना ‘गर्मी..’ बाजार में आया है, तब से उनके प्रशंसकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.

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फिल्म ‘‘स्ट्रीट डांसर’’ के गीत ‘गर्मी..’ में वाकई में नोरा ने डांसिंग फ्लोर पर आग लगा दी है. गाने को काफी व्यूव्स मिल रहे हैं. फिल्म का यह अहम् गाना भी है. दिलबर, साकी और कमरिया के बाद इस गाने ने भी धूम मचा दी है. यही वजह है कि इन दिनों नोरा जहां भी फिल्म के प्रचार के लिए जाती हैं, उनके प्रशंसक उन पर बेशुमार प्यार लूटाते हुए नजर आते हैं.

ऐसे में क्रिसमस के मौके पर जब नोरा, वरुण धवन, और फिल्म के निर्देशक रेमो डिसूजा के साथ फिल्म के प्रचार के लिए मुंबई की एक चर्च में पहुंचे, तो उस वक्त दोनों ने प्रशंसकों से खुद को छिपाने के लिए चेहरे पर मास्क लगा कर पहुंचे थे. लेकिन अचानक जब प्रशंसकों को पता चला कि नोरा और वरुण चर्च के अंदर हैं, तो वह अपनी पंसदीदा अदाकारा की एक झलक पाने के लिए बेकरार हो गए और फिर वहां काफी भीड़ जमा हो गई. सभी नोरा से मिलना और फोटो खिंचवाना चाह रहे थे.

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वरुण धवन ने इस बात का पूरा ख्याल रखा और नोरा को किसी तरह से भीड़ से निकालकर वहीं खड़े एक स्कूटर पर बैठ कर निकल गए. इससे साफ जाहिर है कि नोरा की लोकप्रियता में लगातार इजाफा हो रहा है.

Bigg Boss 13: कैप्टन शहनाज से भिड़ीं मधुरिमा, शहनाज ने दिया ये दंड

बिग बौस के घर में हर सदस्य अपने आप को कैप्टन के रूप में देखना चाहता है और इसी वजह से हर कैप्टेंसी टास्क में घर के अंदर काफी हंगामा खड़ा हो जाता है. इस हफ्ते हर कोई टास्क को रद्द करने में लगा था तो वहीं बिग बौस ने गेम की बाज़ी पलटते हुए कैप्टेंसी के 2 दावेदार चुने जिसमें से विशाल आदित्य सिंह और शहनाज गिल का नाम शामिल था. इन दोनो की रेस में पंजाब की कैटरीना कैफ यानी शहनाज गिल को मौका मिला घर की अगली कैप्टन बनने का.

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शहनाज और मधुरिमा के बीच हुआ हंगामा…

जैसा कि हम सबने बीते एपिसोड में देखा कि शहनाज गिल की कैप्टेंसी का पहला दिल ही हंगामों से भरा था और इन हंगामों का सबसे बड़ा कारण थीं कंटेस्टेंट मधुरिमा तुली. बिग बौस और शहनाज के बार बार मना करने के बाद भी मधुरिमा शो में सो रही थीं और इसी वजह से बिग बौस बार बार कुकडूकू का सायरन भी बजा रहे थे. मधुरिमा के अलावा रश्मि देसाई और पारस छाबड़ा भी सोते दिखाई दिए पर मधुरिमा का कहना ये था कि शहनाज सिर्फ उन्हें ही टारगेट कर रही हैं और इसी के चलते मधुरिमा और शहनाज के बीच काफी बहस भी हुई.

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मधुरिमा ने किया अपनी ड्यूटी निभाने से साफ इंकार…

इसके बाद मधुरिमा ने घर का काम करने से मना कर दिया और इसका कारण उन्होनें ये बताया कि उनका काम करने का मन नहीं है जिस वजह से शहनाज और ज्यादा गुस्से में आ गई और सबको अपने काम करने से मना कर दिया और कहा कि आज लंच भी नहीं बनेगा क्योंकि मधुरिमा की टीम से कोई काम करने के लिए तैय्यार नहीं है. विशाल आदित्य सिंह और अरहान खान के बार बार समझाने के बाद भी मधुरिमा अपना बात पर अड़ी रहीं की वे काम नहीं करेंगी.

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शहनाज ने छिपाई मधुरिमा की मेक-अप किट…

इसके बाद शहनाज गिल का गुस्सा सांतवे आस्मान पर पहुंच चुका था और उन्होनें मधुरिमा की मेक-अप किट छिपा दी. इसके बाद मधुरिमा थोड़ी शांत हुईं और अपनी ड्यूटी निभाने आईं पर इसके बाद भी शहनाज ने उनकी मेक-अप किट वापस नहीं की. मधुरिमा का कहना ये था कि शहनाज गिल कैप्टन बनते ही उन्हें टारगेट कर रही हैं और ज्यादा हुक्म चला रही हैं.

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अब देखने वाली बात ये होगी कि आज के वीकेंड के वौर में शो के होस्ट यानी सलमान खान किसकी क्लास लगाते दिखाई देंगे और कोन होने वाला है इस हफ्ते घर से बेघर.

अलविदा 2019: इस साल बौलीवुड में रही इन गानों की धूम, देखें Video

जैसा की हम सब जानते हैं कि साल 2019 के अब कुछ ही दिन बचे हैं और जल्द ही हम नए साल यानी 2020 में जाने वाले हैं. 2020 में जाने से पहले हम आपको 2019 के कुछ ऐसे सुपरहिट म्यूजिक वीडियोज के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होनें आपके दिलों पर जरूर एक बहतरीन छाप छोड़ी है. हर साल की तरह इस साल भी कई ऐसे गाने आए जिन्होनें हमें हसाया, रुलाया और साथ ही नचाया भी. तो चलिए देखते हैं 2019 का कौन सा गाना सबसे ज्यादा हिट रहा.

1. फिलहाल (Filhall):-

9 नवम्बर 2019 को रिलीज हुआ ये गाना लोगों के दिलों में तबाही मचा चुका है. इस म्यूजिक वीडियो के लीड रोल में हमारे बौलीवुड इंडस्ट्री के सबसे फिटेस्ट एक्टर अक्षय कुमार रहे और उनका साथ दिया बौलीवुड एक्ट्रेस कीर्ति सेनन की बहन नुपुर सेनन ने. इस गाने को लिखा है पौपुलर लिरिसिस्ट “जानी (Jaani)” ने जिनके गाने बेहद पौपुलर हैं और इस गाने के पीछे आवाज है मशहूर गायक “बी प्राक (B Praak)” की जिनकी आवाज का आज की तारीख में हर कोई दीवाना है. इस गाने को यू-ट्यूब पर अभी तक 420 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.

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2. ओ साकी साकी (O Saki Saki):-

फिल्म बाटला हाउस का ये पार्टी सौंग इस साल काफी हिट साबित हुआ. 14 जुलाई 2019 को रिलीज हुए इस गाने को अभी तक 328 मिलियन से भी ज्यादा यू-ट्यूब व्यूज मिल चुके हैं. इस गाने के हिट होने के पीछे आवाज है बौलीवुड इंडस्ट्री की क्यूटेस्ट सिंगर नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar), तुलसी कुमार (Tulsi Kumar) और बी प्राक (B Praak) ने.

3. वे माही (Ve Maahi):-

बौलीवुड इंडस्ट्री के खिलाड़ी कुमार कहे जाने वाले एक्टर अक्षय कुमार की सुपरहिट फिल्म केसरी (Kesari) का ये रोमांटिक गाना काफी हिट रहा. 20 मार्च 2019 को रिलीज हुए इस गाने को अभी तक 321 मिलियन से भी ज्यादा यू-ट्यूब व्यूज मिल चुके हैं. अरिजीत सिंह (Arijit Singh) और असीस कौर (Asees Kaur) द्वारा गाया गया ये गाना हर एक की जुबान पर चड़ गया था.

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4. पछताओगे (Pachtaoge):-

23 अगस्त 2019 में टी सीरीज़ के औफिशियल यू-ट्यूब चैनल से रिलीज हुए इस गाने को लोगो ने काफी पसंद किया है. इस म्यूजिक वीडियो के लीड रोल में हमारे बौलीवुड इंडस्ट्री के एक्टर “विक्की कौशल (Vicky Kaushal)” रहे और उनका साथ दिया एक्ट्रेस “नोरा फतेही (Nora Fatehi)” ने. इस पौपुलर गाने को भी मशहूर लिरिसिस्ट “जानी (Jaani)” द्वारा लिखा गया है और इस गाने को अरिजीत सिंह (Arijit Singh) ने अपनी जादूई आवाज देकर और ज्यादा सफल बना दिया है. इस गाने को यू-ट्यूब पर अभी तक लगभग 313 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.

5. शैतान का साला (Shaitan Ka Saala):-

फिल्म हाउसफुल 4 के इस फनी सौंग ने भी दर्शकों को खूब दिल जीता है. इस गाने को यू-ट्यूब पर 7 अक्टूबर 2019 से लेकर अभी तक 202 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं. इस सौंग के पीछे सोहेल सेन (Soheil Sen) और विशाल ददलानी (Vishal Dadlani) की आवाज़ है. इस सौंग को और हिट बनाया है अक्षय कुमार के लुक और फनी डांस ने.

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6. अपना टाइम आएगा (Apna Time Aayega):-

बौलीवुड इंडस्ट्री के बिंदास एक्टर “रनवीर सिंह (Ranveer Singh)” की इस साल की सुपरहिट हिट फिल्म “गल्ली बौय (Gully Boy)” के इस गाने को लोगो ने काफी पसंद किया है. डीवाइन (DIVINE) और अंकुर तिवारी (Ankur Tewari) द्वारा लिखे गए इस गाने को सुपरस्टार रनवीर सिंह ने ही गाया है. इस गाने को यू-ट्यूब पर अभी तक लगभग 194 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.

7. जय जय शिवशंकर (Jai Jai Shivshankar):-

टाइगर श्रौफ (Tiger Shroff) और रितिक रौशन (Hrithik Roshan) की फिल्म वौर (War) का ये गाना लोगों ने बेहद पसंद किया. इस गाने के हिट होने का एक कारण ये भी था कि इस गाने में बौलीवुड इंडस्ट्री के 2 सुपरस्टार काफी अच्छा डांस करते दिखाई दे रहे हैं. 21 सितम्बर 2019 को रिलीज हुए इस गाने को अभी तक 170 मिलियन से भी ज्यादा यू-ट्यूब व्यूज मिल चुके हैं.

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8. घुंघरू (Ghunghroo):-

टाइगर श्रौफ (Tiger Shroff) और रितिक रौशन (Hrithik Roshan) की फिल्म वौर (War) के इस गाने पर लोगों ने काफी ठुमके लगाए. हर बार की तरह इस गाने में भी हैंडसम हंक रितिक रौशन के स्टेप्स लोगों को काफी पसंद आए. अरिजीत सिंह (Arijit Singh) और शिल्पा राव (Shilpa Rao) द्वारा गाए गए इस गाने को यू-ट्यूब पर 151 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.

9. बेखयाली (Bekhayali):-

बौलीवुड इंडस्ट्री के बेहद पौपुलर एक्टर “शाहिद कपूर (Shahid Kapoor)” की इस साल की सबसे हिट फिल्म “कबीर सिंह (Kabir Singh)” के इस गाने को लोगो ने काफी पसंद किया है. सचेत टंडन द्वारा गाए गए इस गाने को इरशाद कामिल ने लिखा था. इस गाने को यू-ट्यूब पर अभी तक लगभग 145 मिलियन से भी ज्यादा व्यूज़ मिल चुके हैं.

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10. तुम ही आना (Tum Hi Aana):-

सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख की फिल्म मरजावां के इस खूबसूरत गाने को लोगों ने काफी प्यार दिया है. “तुम ही हो (Tum Hi Ho)” और “तेरी गलियां (Teri Galliyan)” के बाद लोगों को ऐसा गाना सुनने को मिला है जिसे वे बार बार सुनना पसंद कर रहे हैं. 2 अक्टूबर 2019 को रिलीज हुए इस गाने को अभी तक 112 मिलियन से भी ज्यादा यू-ट्यूब व्यूज मिल चुके हैं.

साब… ‘भारत’ नाम भी बदल दो!

पहले तो सोचा, डाक के डिब्बे में डाल दूं. फिर जाने क्या मन में आया की खोला और पढ गया.किसी  अज्ञात भारतीय  ने मोदी जी की कार्यप्रणाली पर मन का गुबार निकाला है .मैं ने इसे पढ़कर सोचा, क्यों न हमारे प्रिय पाठक भी इसे एक नजर देख ले. सो नीचे पत्र शब्दश:प्रकाशित किया जा रहा है.

नरेंद्र मोदी साहब!

आप हमारे प्रधानमंत्री हैं.काफी अरसे  से मैं आपके कामकाज पर नजरें गड़ाए हुए हूं .मैं देख रहा हूं आप उस धावक के जैसे व्यवहार कर रहे हैं, जो एक बार में ही 50, 100, 200, 500 मीटर की दौड़ में  गोल्ड मेडल पाना चाहता है. मैं देख रहा हूं, आप उस बाॅलर की तरह है जो एक बाल में सारे खिलाड़ियों को आउट करने पर तुला हुआ है.

क्या यह संभव है?आप जैसा गुणी आदमी, यह कैसी भूल कर रहा है. आप तो हीरे हैं!हीरे!! फिर अपनी चमक, आभा को बढ़ाने के बजाय ऐसी स्थिति क्यों पैदा किए जा रहे हैं की जो आपको देखे वह अपना सर पीटता  रह जाए.

आप तो अपने  समय काल मे सब कुछ बदल देने पर तुले हैं. यह बदल दो, वह बदल दो, इसे ठीक कर दो, उसे फैक दो… यह सब क्या है .

कभी योजना आयोग को  भंग करने की तैयारी करते है. अभी नोटबंदी करते हैं, कभी पाकिस्तान पहुंचकर पाक को नमन करते हैं कभी पाक को नापाक बताते हैं…क्यों ? क्या इसलिए की इस रास्ते पर गांधी, नेहरू, इंदिरा और राजीव चले थे सिर्फ इसलिए  सबकुछ  बदल देना चाहते हैं  ? योजना आयोग को भंग करके आप देश को ऐसी नवीन संस्था देने की चाहत रखते हैं ताकि हम देशवासियों आपको याद करें और उस पहले प्रधानमंत्री को भूल जाएं जो कांग्रेस का प्रतिनिधि था, जो खुद कांग्रेस था, भारत था, देश था. आपके इस देश में क्या हो रहा है कभी गाय  मुद्दा बन जाती है कभी मुसलमान और हिंदू! आज नागरिक संहिता को लेकर सड़कों पर लोग निकल पड़े हैं मोदी साब…  यह क्या हो रहा है संसद में आपके गृहमंत्री मंत्री कुछ कहते हैं और संसद के बाहर आप कुछ कहते हैं.

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क्यों हर उस संस्था पर आपकी निगाह है, जो कांग्रेस  ने खड़ी की है .संविधान  में अगर कमियां हैं तो आप उसे सर्व अनुमति से दुरुस्त करें .आप तो एक सुयोग्य तीक्ष्ण दृष्टि वाले प्रधानमंत्री है. सब जानते हैं, सर्व जानकार हैं , आप  सब कुछ बदलने पर क्यों तुले हुए हैं . इसलिए मुझे आपकी नियत पर शक हो रहा है.

मोदी साब… आप बड़ी चालाकी  से वह सब कुछ करना चाहते हैं जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आपके ‘कान’ में पढता रहा है .मुझे तो लगता है,आप मोहन भागवत के हाथों की “कठपुतली’ मात्र हो. उन्हें खुश किए जा रहे हो .जबकि आपको इस देश ने प्रधानमंत्री चुना है .अब आपका दायित्व देश के प्रति है या किसी संस्था विशेष के प्रति, यह  हम गरीब  गुरबों  को जरुर बताना चाहिए. आपकी आकर्षक बाते, आपके व्यक्तित्व, देश के प्रति समर्पण, विकास की भावना को देखकर हम लोगों ने आपको मत दिया था .

अब आप चतुराई का प्रदर्शन कर रहे हैं. कहते हैं हम सबकुछ  सर्वसम्मति से कर  रहे हैं. मुख्यमंत्रियों की राय ले रहे हैं .अरे!  आपने तो वह सब कर दिखाया है जिसकी तो कल्पना तक हम आम लोगों ने नहीं की थी.

मोदी साब… आपको याद है की नहीं, हमारे देश का नाम भी अब बहुत प्राचीन हो गया है. लगे हाथ इसे भी बदल दीजिए. भारत नाम मे भी शायद आपको कोई बात नजर नहीं आती होगी. या इंडिया… को ही बदल दीजिए. इस पर भी कैबिनेट में फैसला ले लीजिए और ज्यादा हो तो आप अपने आका से परामर्श ले लीजिए.

आप में बदलाव और अपने नाम के प्रति बड़ा आकर्षण है .मुझे लगता है, आप जल्दी बाजी में है और जल्द से जल्द अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखाना चाहते हैं .इसलिए जो भाजपा, भाजपा के नारे लगाता है आपको पसंद नहीं आते और जो मोदी मोदी चिल्लाता है  उसे आप सर आंखों पर बैठा लेते हैं.

गोकि मोदी साब… अब देश का नाम बदल ही दीजिए. आप अमर हो जाओगे .संसार और देश के इतिहास में आपका नाम हमेशा याद किया जाएगा कि आपने प्रधानमंत्री बनने के साथ  भारतवासियों को भारत से निजात दिलाई और एक नए देश का, जो उज्जवल है, उजास से भरा है स्पूर्ति दायक है ऐसा नाम दिया है की सारे देशवासी गर्वान्वीत है! आपका भी काम हो जाएगा और हमारा भी कल्याण हो जाएगा.

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अन्यथा, आप बेवजह परेशान रहेंगे .यह बदल दूं,  वह बदल दूं. क्या करूं जो छा जाऊं क्या करूं की आका प्रसन्न हो, यह सोचते-सोचते आपका टैलेंट चुकने लगेगा और कुछ गलत हो जाएगा .मोदी साब… आप सौ सुनार की एक लोहार की तर्ज पर सीधे देश का नाम ही बदल दे. बस ! हो गया आपका काम.

क्या टुकुर टुकुर. आप  को यह शोभा नहीं देता .यह योजना आयोग, यह राष्ट्रपिता, यह नेहरू की प्रतिमा यह इंदिरा गांधी ये राजीव टर्मिनल क्या-क्या बदलोगे भाई. साठ सालों में इन कांग्रेसियों ने हर चौक चौराहे पर कब्जा कर लिया है आप परेशान हो जाओगे .

मैं आपका एक बहुत बड़ा  फैन  हूं. मैं आपको नित्य प्रति दिन देखता हूं. सुनता हूं. मुझे लगा, आप परेशान हो, मैं आपके मनोविज्ञान को थोड़ा-थोड़ा समझ रहा हूं. इसलिए यह पत्र लिख रहा हूं .कहीं धृष्टता हुई तो क्षमा करना . अच्छा लगे तो लौटती डाक से एक लाईन का ही सही, ‘धन्यवाद’ का पत्र भेजना.

MRI मशीन में क्यों 20 साल पहले कराया गया संभोग!, जानिए दिलचस्प वजह

यकीनन आपको इस बात पर विश्वास ना हुआ होगा लेकिन ये हकीकत है. वैज्ञानिकों की एक टीम ने वास्तव में लोगों से मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैनर के अंदर सेक्स करने के लिए कहा था ताकि वे यह पता लगा सकें कि ‘सहवास के दौरान पुरुष और महिला के जननांगों की तस्वीरें लेना संभव है या नहीं?’

20 साल पहले ऐसा हुआ था और अब ‘सहवास और महिला यौन उत्तेजना के दौरान पुरुष और महिला जननांगों के मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग’ शीर्षक का लेख मेडिकल जर्नल बीएमजे के सबसे अधिक डाउनलोड किए गए लेखों में से एक बन गया है.

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इसमें जिस बात का पता चला शायद ही वह चांद पर इंसान के कदम रखने जितनी हो, लेकिन इस रिसर्च के पेपर्स पॉपुलर हो गए हैं. शायद यह इसलिए क्योंकि मुफ्त में लोगों का आकर्षण स्क्रीन पर सहवास देखने की संभावना का हो. फिर चाहे देखने में सब ब्लैक एंड व्हाइट जैसा क्यों ना प्रतीत हो.

डच वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किए गए इस प्रकार के प्रयोगों में से एक का उद्देश्य यह पता लगाना था कि संभोग और महिला यौन उत्तेजना के दौरान शरीर रचना के बारे में पूर्व व वर्तमान विचार मान्यताओं पर आधारित हैं या तथ्यों पर.

मुख्य निष्कर्ष 13 प्रयोगों में से हैं, जिसमें से आठ दंपति और तीन एकल महिलाओं के साथ किए गए ‘मिशनरी पोजीशन’ में सेक्स के दौरान पुरुष यौन अंग एक बूमरैंग के आकार का प्रतीत होता है. इसमें यह भी पाया गया कि यौन उत्तेजना के दौरान गर्भाशय का आकर बढ़ता नहीं है. इस प्रयोग के लिए 8 कपल को खास तौर से बुलाया गया था. इनमें 3 सिंगल महिलाएं थीं जिन पर 13 तरह के प्रयोग किए गए थे. रिसर्च के लिए तीन जोड़ों ने MRI स्कैनर के अंदर दो बार सेक्स किया और सिंगल लड़कियों ने पार्टनर के बिना और्गेज्म महसूस किया.

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नीदरलैंड के एक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में ये रिसर्च किया गया था और जोड़ों को न्शारीरिक बनावट के मुताबिक चुना गया था जो कि मशीन में फिट हो सकें. प्रयोग के दौरान स्कैनर को चारों तरफ से परदे में रखा गया था ताकि उन्हें परेशानी न हो. स्कैनर के जरिए महिलाओं और पुरुषों की ऑर्गेज्म से पहले और बाद की अलग-अलग तस्वीरें ली गईं जिन पर साइड में बने कंट्रोल रूम में बैठे रिसर्चर नजर रख रहे थे. मशीन के अंदर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को सेक्स करने में दिक्कत हुई और एक जोड़े के अलावा सबने वियाग्रा का इस्तेमाल किया.

रिसर्च टीम के सामने बहुत पुरानी धारणा टूट गई कि सेक्सुअल उत्तेजना के समय यूटरस में फैलाव आता है. ये भी देखा गया कि मिशनरी पोजीशन में संबंध बनाते समय पुरुषों के अंग स्ट्रेट या एस शेप में नहीं बल्कि बूमरैंग शेप में हो जाते हैं. एनाटॉमी की तस्वीरें प्राप्त करके इस रिसर्च को पूरा करने में एक साल का समय लगा.

इस रिसर्च को 2000 में एलजी नोबेल अवौर्ड मिला. द बीएमजे मैगजीन के डिप्टी एडिटर के रूप में रिटायर हुए डौक्टर टोनी डेलमौथ ने इस साल के क्रिसमस अंक में इसकी लोकप्रियता के बारे में लेख लिखा है.

वे लिखते हैं कि लोग मुफ्त में इसकी तस्वीरें देखने को बेताब रहते थे. आम लोगों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी इसे पाना चाहते थे. MRI स्कैनर मशीन में सेक्स के विषय को लेकर की गई इस रिसर्च ने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. डेलमौथ कहते हैं कि 20 साल बाद भी उस आर्टिकल को पढ़ना उतना ही दिलचस्प है.

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एहसास

लेखक- अवनीश शर्मा

शिखा और मैं 1 सप्ताह नैनीताल में बिता कर लौटे हैं. वह अपनी बड़ी बहन सविता को बडे़ जोशीले अंदाज में अपने खट्टेमीठे अनुभव सुना रही है.

सविता की पूरी दिलचस्पी शिखा की बातों में है. मैं दिवान पर लेटालेटा कभी शिखा की कोई बात सुन कर मुसकरा पड़ता हूं तो कभी छोटी सी झपकी का मजा ले लेता हूं.

मेरी सास आरती देवी रसोई में खाना गरम करने गई हैं. मुझे पता है कि सारा खाना सविता पहले ही बना चुकी हैं.

सारा भोजन मेरी पसंद का निकलेगा, पुराने अनुभवों के आधार पर मेरे लिए यह अंदाजा लगाना कठिन नहीं. ससुराल में मेरी खूब खातिर होती है और इस का पूरा श्रेय मेरी बड़ी साली सविता को ही जाता है.

शिखा अपनी बड़ी बहन सविता के बहुत करीब है, क्योंकि वह उस की सब से अच्छी सहेली और मार्गदर्शक दोनों हैं. शायद ही कोई बात वह अपनी बड़ी बहन से छिपाती हो. उन की सलाह के खिलाफ शिखा से कुछ करवा लेना असंभव सा ही है.

‘‘हमें पहला बच्चा शादी के 2 साल बाद करना चाहिए,’’ हमारी शादी के सप्ताह भर बाद ही शिखा ने शरमाते हुए यों अपनी इच्छा बताई तो मैं हंस पड़ा था.

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‘‘मैं तो इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकता हूं,’’ उसे छेड़ने के लिए मैं ने उस की इच्छा का विरोध किया.

‘‘मेरे ऐसा कहने के पीछे एक कारण है.’’

‘‘क्या?’’

‘‘इन पहले 2 सालों में हम अपने वैवाहिक जीवन का भरपूर मजा लेंगे, सौरभ. अगर मैं जल्दी मां बनने के झंझट में फंस गई तो हो सकता तुम इधरउधर ताकझांक करने लगो और वह हरकत मुझे कभी बरदाश्त नहीं होगी.’’

‘‘यह कैसी बेकार की बातें मुंह से निकाल रही हो?’’ उसे सचमुच परेशान देख कर मैं खीज उठा.

‘‘मेरी दीदी हमेशा मुझे सही सलाह देती हैं और हम बच्चा…’’

‘‘तो यह बात तुम्हारी दीदी ने तुम्हारे दिमाग में डाली है.’’

‘‘जी हां, और वह गलत नहीं हैं.’’

‘‘चलो, मान लिया कि वह गलत नहीं हैं पर एक बात बताओ. क्या तुम हर तरह की बातें अपनी दीदी से कर लेती हो?’’

‘‘बिलकुल कर लेती हूं.’’

‘‘वह बातें भी जो बंद कमरे में हमारे बीच होती हैं?’’ मैं ने चुटकी ली.

‘‘जी, नहीं.’’

वैसे मुझे उस के इनकार पर उस दिन भरोसा नहीं हुआ क्योंकि मेरा सवाल सुन कर उस के हावभाव वैसे हो गए थे जैसे चोरी करने वाले बच्चे को रंगे हाथों पकडे़ जाने पर होते हैं.

इस बात की पुष्टि अनेक मौकों पर हो चुकी है कि शिखा अपनी बड़ी बहन को हर बात बताती है. इस कारण अगर मैं या मेरे परिवार वाले परेशान नहीं हैं तो इसलिए कि सविता बेहद समझदार और गुणवान हैं. मैं उन्हें अपने परिवार का मजबूत सहारा मानता हूं, टांग अड़ा कर परेशानी खड़ी करने वाला रिश्तेदार नहीं.

सविता के पास न रंगरूप की कमी है न गुणों की. कमाती भी अच्छा हैं पर दुर्भाग्य की बात यह है कि बिना शादी किए ही वह खुद को विधवा मानती हैं.

रवि नाम के जिस युवक को वह किशोरावस्था से प्रेम करती थीं, करीब 2 साल पहले उस का एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया. इस सदमे के कारण सविता ने कभी शादी न करने का फैसला कर लिया है. किसी के भी समझाने का सविता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.

मेरे मातापिता ने भी उन्हें शादी करने के लिए राजी करने की कोशिश दिल से की थी. तब उन का कहना था, ‘‘मेरी तकदीर में अपनी घरगृहस्थी के सुख लिखे होते तो मैं जिसे अपना जीवनसाथी बनाना चाहती थी वह मुझे यों छोड़ कर नहीं जाता. रवि की जगह मैं किसी और को नहीं दे सकती.’’

करीब महीने भर पहले मेरा जन्मदिन था. सविता ने कमीजपैंट और मैचिंग टाई का उपहार मुझे दिया था.

‘‘थैंक यू, बड़ी साली साहिबा,’’ मैं ने मुसकराते हुए उपहार स्वीकार किया और फिर भावुक लहजे में बोला,  ‘‘मुझे आप से एक तोहफा और चाहिए. आशा है कि आप मना नहीं करोगी.’’

‘‘बिलकुल नहीं करूंगी,’’ उन्होंने आत्मविश्वास से भरे स्वर में फौरन जवाब दिया.

‘‘आप शादी कर लो, प्लीज,’’ मैं ने विनती सी की.

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पहले तो वह चौंकीं, फिर उन की आंखों में गंभीरता के भाव उपजे और अगले ही पल वह खिलखिला कर हंस भी पड़ीं.

‘‘सौरी, सौरभ, उपहार तुम्हें अपने लिए मांगना था. मेरा शादी करना तुम्हारे लिए गिफ्ट कैसे बन सकता है?’’

‘‘आप का अकेलापन दूर हो जाए, इस से बड़ा गिफ्ट मेरे लिए और कुछ नहीं हो सकता.’’

‘‘तुम सब के होते हुए मुझे अकेलेपन का एहसास कैसे हो सकता है?’’ शिखा और मेरी बहन प्रिया के गले में बांहें डाल कर सविता हंस पड़ीं. और मेरा प्रयास एक बार फिर बेकार चला गया.

हमारे नैनीताल घूम कर आने के बाद सविता दीदी ने मुझे और शिखा को पास बिठा कर एक महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा शुरू की थी.

‘‘सौरभ, तुम को भविष्य को ध्यान में रख कर अब चलना शुरू कर देना चाहिए. खर्चे संभल कर करना शुरू करो. बचत करोगे तो ही बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पाओगे… अपने मकान में रह सकोगे,’’ वह हमें इस तरह समझाते हुए काफी गंभीर नजर आ रही थीं.

‘‘हम दोनों नौकरी करते हैं, पर आज के समय में मकान खरीदना बड़ा महंगा हो गया है. अपने मकान में रहने का सपना जल्दी से पूरा होने का फिलहाल कोई मौका नहीं है,’’ मैं ने दबी आवाज में कहा.

‘‘तुम दोनों क्या मुझे पराया समझते हो?’’ उन्होंने फौरन आहत भाव से पूछा.

‘‘ऐसा बिलकुल भी नहीं है.’’

‘‘तब अपने मकान का सपना पूरा करना तुम दोनों की नहीं, बल्कि हम तीनों की जिम्मेदारी है. सौरभ, आखिर मैं, मां और तुम दोनों के अलावा और किस के लिए कमा रही हूं?’’

वह नाराज हो गई थीं. उन्हें मनाने के लिए मुझे कहना पड़ा कि जल्दी ही हम 3 बेडरूम वाला फ्लैट बुक कराएंगे और उन की आर्थिक सहायता सहर्ष स्वीकार करेंगे. मेरे द्वारा ऐसा वादा करा लेने के बाद ही उन का मूड सुधरा था.

शिखा और मेरे मन में उन के प्रति कृतज्ञता का बड़ा गहरा भाव है. हम दोनों उन के साथ बड़ी गहराई से जुड़े हुए हैं. तभी उन की व्यक्तिगत जिंदगी का खालीपन हमें बहुत चुभता है. बाहर के लोगों के सामने वह सदा गंभीर बनी रहती हैं, पर हम दोनों से खूब खुली हुई हैं.

उस दिन दोपहर का खाना सचमुच मेरी पसंद को ध्यान में रख कर सविता ने तैयार किया था. मैं ने दिल खोल कर उन की प्रशंसा की और वह प्रसन्न भाव से मंदमंद मुसकराती रहीं.

खाना खाने के बाद मैं ने 2 घंटे आराम किया. जब नींद खुली तो पाया कि शरीर यों टूट रहा था मानो बुखार हो. कुछ देर बाद ठंड लगने लगी और घंटे भर के भीतर पूरा शरीर भट्ठी की तरह जलने लगा.

सविता दीदी जिद कर के मुझे शाम को डाक्टर के पास ले गईं. हमें रात को घर लौट जाना था पर उन्होंने जाने नहीं दिया.

‘‘ज्यादा परेशान मत होइए आप,’’ मैं ने उन्हें समझाते हुए कहा, ‘‘इस मौसम में यह बुखार मुझे हर साल पकड़ लेता है. 2-4 दिन में ठीक हो जाऊंगा.’’

उन की चिंता दूर करने के लिए मैं ने अपनी आवाज में लापरवाही के भाव पैदा किए तो वह गुस्सा हो गईं.

‘‘सौरभ, हर साल तुम बीमार नहीं पड़ोगे तो कौन पड़ेगा?’’ उन्होंने मुझे डांटना शुरू किया, ‘‘तुम्हारा न खाने का कोई समय है, न ही सोने का. दूध से तुम्हें एलर्जी है. फल खाने के बजाय तुम टिक्की और समोसे पर खर्च करना बेहतर मानते हो. अब अगर तुम नहीं सुधरे तो मैं तुम से बोलना बंद कर दूंगी.’’

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‘‘दीदी, आप इतना गुस्सा मत करो,’’ मैं ने फौरन नाटकीय अंदाज में हाथ जोडे़,  ‘‘मैं ने दूध पीना शुरू कर दिया है. आप के आदेश पर अब लंच भी ले जाने लगा हूं. वैसे एक बात आप मेरी भी सुन लो, अगर कभी सचमुच आप ने मुझ से बोलना छोड़ा तो मैं आमरण अनशन कर दूंगा. फिर मेरी मौत की जिम्मेदार…’’

सविता ने आगे बढ़ कर मेरे मुंह पर हाथ रख दिया और मेरे देखते ही देखते उन की आंखों में आंसू छलक आए.

‘‘इतने खराब शब्द फिर कभी अपनी जबान पर मत लाना सौरभ. किसी अपने को खोने की कल्पना भी मेरे लिए असहनीय पीड़ा बन जाती है,’’ उन का गला भर आया.

‘‘आई एम सौरी,’’ भावुक हो कर मैं ने उन का हाथ चूमा और माफी मांगी.

उन्होंने अचानक झटका दे कर अपना हाथ छुड़ाया और तेज चाल से चलती कमरे से बाहर निकल गईं.

मैं ने मन ही मन पक्का संकल्प किया कि आगे से ऐसी कोई बात मुंह से नहीं निकालूंगा जिस के कारण सविता के दिल में रवि की याद ताजा हो और दिल पर लगा जख्म फिर से टीसने लगे.

अगले दिन सुबह भी मुझे तेज बुखार बना रहा. शिखा को आफिस जाना जरूरी था. मेरी देखभाल के लिए सविता ने फौरन छुट्टी ले ली.

उस दिन सविता के दिल की गहराइयों में मुझे झांकने का मौका मिला. उन्होंने रवि के बारे में मुझे बहुत कुछ बताया. कई बार वह रोईं भी. फिर किसी अच्छी घटना की चर्चा करते हुए बेहद खुश हो जातीं और अपने दिवंगत प्रेमी के प्रति गहरे प्यार के भाव उन के हावभाव में झलक उठते.

मुझे नहीं लगता कि सविता ने मेरे अलावा कभी किसी दूसरे से इन सब यादों को बांटा होगा. उन्होंने मुझे अपने बहुत करीब समझा है, इस  एहसास ने मेरे  अहम को बड़ा सुख दिया.

शाम को मेरी तबीयत ठीक रही पर रात को फिर बुखार चढ़ गया. शिखा भी अपनेआप को ढीला महसूस कर रही थी, सो वह मेरे पास सोने के बजाय अपनी मां के पास जा कर सो गई.

सविता को अब 2 मरीजों की देखभाल करनी थी. हम दोनों को उन्होंने जबरदस्ती थोड़ा सा खाना खिलाया. वह नहीं चाहती थीं कि भूखे रह कर हम अपनी कमजोरी बढ़ाएं.

रात 11 बजे के आसपास मेरा बुखार बहुत तेज हो गया. सब सो चुके थे, इसलिए मैं चुपचाप लेटा बेचैनी से करवटें बदलता रहा. नींद आ रही थी पर तेज बदन दर्द के कारण मैं सो नहीं सका.

शायद कुछ देर को आंख लग गई होगी, क्योंकि मुझे न तो सविता के कमरे  में आने का पता लगा और न ही यह  कि उन्होंने कब से मेरे माथे पर गीली पट्टियां रखनी शुरू कीं.

तपते बुखार में गीली पट्टियों से बड़ी राहत महसूस हो रही थी. मैं आंखें खोलने को हुआ कि सविता ने मेरे बालों में उंगलियां फिराते हुए सिर की हलकी मालिश शुरू कर दी. इस कारण आंखें खोलने का इरादा मैं ने कुछ देर के लिए टाल दिया.

जिस बात ने मुझे बहुत जोर से कुछ देर बाद चौंकाया, वह सविता के होंठों का मेरे माथे पर हलका सा चुंबन अंकित करना था.

इस चुंबन के कारण एक अजीब सी लहर मेरे पूरे बदन में दौड़ गई. मैं सविता के बदन से उठ रही महक के प्रति एकदम से सचेत हुआ. उन की नजदीकी मेरे लिए बड़ा सुखद एहसास बनी हुई थी. मैं ने झटके से आंखें खोल दीं.

सविता की आंखें बंद थीं. वह न जाने किस दुनिया में खोई हुई थीं. उन के चेहरे पर मुझे बड़ा सुकून और खुशी का भाव नजर आया.

‘‘सविता,’’ अपने माथे पर रखे उन के हाथ को पकड़ कर मैं ने कोमल स्वर में उन का नाम पुकारा.

सविता फौरन अपने सपनों की दुनिया से बाहर आईं. मुझ से आंखें मिलते ही उन्होंने लाज से अपनी नजरें झुका लीं. अपना हाथ छुड़ाने की उन्होंने कोशिश की, पर मेरी पकड़ मजबूत थी.

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‘‘सविता, तुम दिल की बहुत अच्छी हो…बहुत प्यारी हो…बड़ी सुंदर हो,’’ इन भावुक शब्दों को मुंह से निकालने के लिए मुझे कोई कोशिश नहीं करनी पड़ी.

जवाब में खामोश रह कर वह अपना हाथ छुड़ाने का प्रयास करती रही.

एक बार फिर मैं ने उस का हाथ चूमा तो उन्होंने अपना हाथ मेरे हाथ में ढीला छोड़ दिया.

मैं उठ कर बैठ गया. सविता की आंखों में मैं ने प्यार से झांका. वह मुझ से नजरें न मिला सकीं और उन्होंने आंखें मूंद लीं.

सविता का रूप मुझे दीवाना बना रहा था. मैं उन के चेहरे की तरफ झुका. उन के गुलाबी होंठों का निमंत्रण अस्वीकार करना मेरे लिए असंभव था.

मेरे होंठ उन के होंठों से जुडे़ तो उसे तेज झटका लगा. उन की खुली आंखों में बेचैनी के भाव उभरे. कुछ कहने को उन के होंठ फड़फड़ाए, पर शब्द कोई नहीं निकला.

सविता ने  झटके से अपना हाथ छुड़ाया और कुरसी से उठ कर कमरे से बाहर चल पड़ीं. मैं ने उन्हें पुकारा पर वह रुकी नहीं.

मैं सारी रात सो नहीं सका. मन में अजीब से अपराधबोध व बेचैनी के भावों के साथसाथ गुदगुदी सी भी थी.

अगले दिन सुबह सविता, अपनी मां और शिखा के साथ कमरे में आईं. मैं काफी बेहतर महसूस कर रहा था.

‘‘सौरभ बेटे, एक खुशखबरी सुनो. सविता ने शादी के लिए  ‘हां’ कर दी है,’’ यह खबर सुनाते हुए मेरी सास की आंखों में खुशी के आंसू उभर आए.

‘‘अरे, यह कैसे हुआ?’’ मैं ने चौंक कर सविता की तरफ अर्थपूर्ण दृष्टि से देखा.

‘‘मुझे अचानक एहसास हुआ कि मेरे अंदर की औरत, जिसे मैं मरा समझती थी, जिंदा है और उसे जीने का भरपूर मौका देने के लिए मुझे अपनी अलग दुनिया बसानी ही पडे़गी, सौरभ,’’ सविता ने मुझ से बेधड़क आंखें मिलाते हुए जवाब दिया.

‘‘आप का फैसला बिलकुल सही है. बधाई हो,’’ अपनी बेचैनी को छिपा कर मैं मुसकरा पड़ा.

‘‘थैंक यू, सौरभ. तुम ने रात को मेरी आंखें खोलने में जो मदद की है, उस के लिए मैं आजीवन तुम्हारी आभारी रहूंगी,’’ सविता सहज भाव से मुसकरा उठीं.

‘‘सौरभ, ऐसा क्या समझाया तुम ने, जो दीदी ने अपना कट्टर फैसला बदल लिया?’’ शिखा ने उत्सुक लहजे में सवाल पूछा.

मैं ने कुछ देर सोचने के बाद गंभीर लहजे में जवाब दिया, ‘‘मेरे कारण सविता को शायद यह समझ में आ गया है कि टेलीविजन धारावाहिक या फिल्में देख कर…या फिर किसी दूसरे की घरगृहस्थी का हिस्सा बन कर जीने का असली आनंद नहीं लिया जा सकता है. जिंदगी के कुछ अनुभव शेयर नहीं हो सकते…शेयर नहीं करने चाहिए. मैं ठीक कह रहा हूं न, सविता जी?’’

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सविता से हाथ मिलाते हुए मैं ने उन्हें एक बार फिर शुभकामनाएं दीं. वह प्रसन्नता से भरी आफिस जाने की तैयारी में जुट गईं.

मैं भी अपनेआप को अचानक बड़ा हलका, तरोताजा और खुश महसूस कर रहा था. शिखा का हाथ अपने हाथों में ले कर मैं ने सविता को दिल से धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने मुझे बड़ी भूल व गलती की दलदल में फंसने से बचा लिया था.

सविता के प्रति मेरे मन में आदरसम्मान के भाव पहले से भी ज्यादा गहरे हो गए थे.

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