बिग बॉस 16 में नजर आ सकते हैं शिल्पा शेट्टी के पति , जानें पूरा मामला

फैंस बड़े बेसब्री से बिग बॉस 16 का इंतजार कर रहे हैं, खबर है कि बिग बॉस 16 अक्टूबर के पहले हफ्ते से शुरू होगा, और इस शो के मेकर्स ने अभी से सेलिब्रिटी को अब तक मिस्टर फैजू , मुनव्वर फारुकी , चारु असोपो के अलावा और भी कई सारे सितारों को अप्रोच किया जा चुका है.

इसी बीच खबर आई है कि शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा भी इस शो में नजर आ सकते हैं, रिपोर्ट के मुताबिका बिग बॉस ने राज को 16वें सीजन के लिए अप्रोच किया है. अभी राज कुंद्रा शो में हिस्सा लेने के ऊपर विचार कर रहे हैं.

बता दें कि राज कुंद्रा पिछले साल पोर्नोग्राफी केस को लेकर चर्चा में बने हुए थें, इस केस में उन्हें 2 महीने जेल में भी रहना पड़ा था. राज कुंद्रा ने कुछ महीने पहले ही याचिका दायर की थी कि उन्हें इस केस से रिहा किया जाए. अब मेकर्स को लग रहा है कि जो सच है वो सामने आना चाहिए जो लोगों के बीच आनी चाहिए.

ऐसे में कंटेस्टेंट और ऑडियंस आराम से बात कर सकेेगी, हालांकि इन सभी अपडेट की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. अगर हम बिग बॉस 16 की प्रोमो की बात करें तो वह जल्द टीवी पर दिखने वाला है. खबर है कि इस वीकेंड इसका प्रोमो आउट होगा.

बिग बॉस 16 के लिए अभी तक जिन कंटेस्टेंट को अप्रोच किया गया है उन्होंने हां भी किया है. अब देखते हैं कौन कौन सेलिब्रिटी बनेगा.

एक रात की उजास

इश्क की बिसात पर खतरनाक साजिश : भाग 1

  1. वह 8×10 फीट की साधारण रसोई थी. उस में सारी चीजें बड़े तरीके से अपनीअपनी जगह पर रखी हुई थीं. रसोईघर से सटे बाईं ओर की तरफ एक बड़ा सा दालान था. दालान से सटे 3 बड़े और
    शानदार कमरे थे. रसोईघर तक पहुंचने के लिए इन्हीं कमरों से हो कर जाना होता था. पहली मंजिल पर बने कमरे भूतल पर बने कमरों के नक्शे के आधार पर ही बने थे. मकान में कुल मिला कर 5 परिवार रहते थे.
    भूतल वाले कमरे में भारतीय सेना में हवलदार प्रवीण कुमार अपनी पत्नी मनीषा और 2 बच्चों के साथ रहता था. बाकी और कमरों में उस के 4 बडे़ भाई अपनेअपने परिवारों के साथ रहते थे.
    हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव डूडीवाला बिशुनपुरा में भले ही पांचों परिवारों के चूल्हे अलगअलग जलते रहे हों लेकिन पांचों भाइयों में गजब की एकता थी. दुखसुख होने पर पांचों भाई एकदूसरे के लिए 24 घंटे एक पैर पर खड़े रहने के लिए तैयार रहते थे. भाइयों की एकता देख कर पासपड़ोस के लोग ईर्ष्या से जलभुन उठते थे, लेकिन पड़ोसियों की परवाह किए बिना पांचों भाई अपनी मस्ती में रहते थे.
    बहरहाल, एक रोज अपने किचन में घर की सब से छोटी बहू और हवलदार प्रवीण की पत्नी मनीषा खड़ी हो कर आटा गूंथने में मस्त थी. पीछे से अचानक से खुद को उस ने किसी की मजबूत बांहों में पूरी तरह जकड़ते हुए महसूस किया तो वह डर के मारे बुरी तरह उछल पड़ी. हाथ से आटा वाला परात छूटतेछूटते बचा.
    पलट कर देखा तो उस के सामने उस का देवर दीपक खड़ा था. उसे डरीसहमी हालत में देख कर वह मुसकरा रहा था.
    ‘‘देवरजी, ऐसे भी कोई मजाक करता है क्या भला?’’ डर के मारे मनीषा अभी भी कांप रही थी.
    ‘‘क्या हुआ भाभी, आप इतनी डरी सी क्यों हैं?’’ दीपक बोला.
    ‘‘आप तो ऐसे अंजान बनते हो जैसे आप को कुछ पता ही न हो. भला ऐसे भी कोई मजाक करता है क्या? अभी कोई देख लेता तो क्या होता, जानते हो भी आप?’’ मनीषा इठलाते हुए बोली.
    ‘‘हां, हमारा प्यार सरेआम रुसवा हो जाता,’’ भाभी मनीषा को अभी भी वह अपनी मजबूत बांहों में ले कर झूल रहा था.
    ‘‘आप को पता है न, आप के भैया घर आए हैं और बाहर हैं. इस हालत में अगर उन्होंने देख लिया तो कयामत के दिन सज जाएंगे. पता है न आप को वो कितने गुस्से वाले हैं और जब गुस्से का भूत उन के सिर सवार हो जाता है तो उन्हें आगेपीछे कुछ दिखाई नहीं देता.’’
    ‘‘हांहां, मैं सब जानता हूं कि वह कितने गुस्से वाले हैं. आखिरकार, भैया फौजी जो ठहरे. वैसे भी गुस्सा फौजियों की नाक पर सवार रहता है.’’ दीपक बोला.
    ‘‘जब आप सब कुछ जानते हो तो फिर…’’
    ‘‘तो फिर क्या भाभी?’’ बीच में बात काटते हुए दीपक ने कहा, ‘‘वैसे बहुत मजा आता है आप को छेड़ने में.’’
    ‘‘तो ऐसे कब तक आंखमिचौली खेलते रहोगे. भगा क्यों नहीं ले जाते यहां से मुझे, फिर जितना मजा लूटना चाहते हो, बिंदास हो कर लूटना.’’
    ‘‘हांहां, आप को यहां से भगा कर भी ले जाऊंगा और इस संगमरमर जैसे गोरे बदन से बिंदास हो कर मजे भी लूटूंगा.’’ फिर कुछ सोचते हुए आगे बोला, ‘‘लेकिन भाभी, मैं तो यह सोचता हूं कि भगा कर ले जाने की जरूरत ही क्या है? जबकि भैया खुद ही नौकरी पर भागे रहते हैं. अभी तो फिलहाल घूमनेफिरने यहां आए हैं. 2-4 दिनों में अपनी नौकरी पर फिर वापस लौट जाएंगे तो फिर सब कुछ पहले जैसा हो जाएगा.’’ दीपक ने कहा.
    ‘‘ना बाबा ना, मुझे तो डर लगता है, कहीं ये देख न लें. अगर ये देख लिए या इन को हमारे इस रिश्ते के बारे में पता चल गया तो बाबा मार ही डालेंगे मुझे जान से.’’ मनीषा हाथ नचाते हुए बोली.
    ‘‘ऐसे कैसे मार डालेंगे मेरी जान को. अब ये जान केवल मेरी है. इस पर अब सिर्फ मेरा अधिकार है. कोई टेढ़ी नजर कर के भी तो देखे, जान ले लूंगा उस हरामी के पिल्ले की.’’ कहते हुए दीपक ने मनीषा के सुर्ख गालों पर अपनी मोहब्बत का झंडा गाड़ दिया.
    दीपक के प्यार भरे चुंबन से मनीषा के शरीर में बिजली सा करंट दौड़ गया. खुद दीपक भी बेकाबू हो चुका था, लेकिन खुद को संभाल लिया और वहां से अपने घर
    चला गया.

ASI के फरेेबी प्यार में बुरे फंसे थाना प्रभारी : भाग 1

सामान्य दिनों की तरह शुक्रवार 24 जून, 2022 को इंदौर महानगर के पुलिस कमिश्नर के औफिस में चहलपहल बनी हुई थी. पुलिसकर्मी दोपहर बाद के अपने रुटीन वाले काम निपटाने में व्यस्त थे. साथ ही उन के द्वारा कुछ अचानक आए काम भी निपटाए जा रहे थे.दिन में करीब 3 बजे का समय रहा होगा. वहीं पास में स्थित पुलिस आयुक्त परिसर में गोली चलने की आवाज आई. सभी पुलिसकर्मी चौंक गए. कुछ सेकेंड में ही एक और गोली चलने की आवाज सुन कर सभी दोबारा चौंके. अब वे अलर्ट हो गए थे और तुरंत उस ओर भागे, जिधर से गोलियां चलने की आवाज आई थी. पुलिस आयुक्त के कमरे के ठीक बाहर बरामदे का दृश्य देख कर सभी सन्न रह गए.

पुलिस कंट्रोल रूम में ही काम करने वाली एएसआई रंजना खांडे जमीन पर अचेत पड़ी थी. उस के सिर के नीचे से खून रिस रहा था. कुछ दूरी पर ही भोपाल श्यामला हिल्स थाने के टीआई हाकम सिंह पंवार भी अचेतावस्था में करवट लिए गिरे हुए थे.खून उन की कनपटी से तेजी से निकल रहा था. उन्हें देख कर कहा जा सकता था कि दोनों पर किसी ने गोली चलाई होगी. किंतु वहां किसी तीसरे के होने का जरा भी अंदाजा नहीं था. हां, टीआई के पैरों के पास उन की सर्विस रिवौल्वर जरूर पड़ी थी.

एक महिला सिपाही ने रंजना खांडे के शरीर को झकझोरा. वह उठ कर बैठ गई. उसे गोली छूती हुई निकल गई थी. वह जख्मी थी. उस की गरदन के बगल से खून रिस रहा था. उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया. जबकि टीआई के शरीर को झकझोरने पर उस में कोई हरकत नहीं हुई. उन की सांसें बंद हो चुकी थीं. रंजना के साथ टीआई को भी अस्पताल ले जाया गया.गोली चलने की इस वारदात की सूचना पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को भी मिल गई. वह भी भागेभागे घटनास्थल पर पहुंच गए. तब तक की हुई जांच के मुताबिक टीआई हाकम सिंह के गोली मार कर खुदकुशी करने की बात चर्चा में आ चुकी थी. सभी को यह पता था कि यह प्रेम प्रसंग का मामला है. मरने से पहले टीआई ने ही एएसआई रंजना खांडे पर गोली चलाई थी.

इस के बाद अपनी कनपटी पर रिवौल्वर सटा कर गोली मार ली थी. रंजना खांडे की गरदन को छूती हुई गोली निकल गई थी. गरदन पर खरोंच भर लगी थी, किंतु वह वहीं धड़ाम से गिर पड़ी थी. रंजना के गिरने पर टीआई ने उसे मरा समझ लिया था. परंतु ऐसा हुआ नहीं था. पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई कि रंजना ने टीआई पंवार पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. जबकि पंवार रंजना पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगा चुके थे.

रंजना टीआई को कर रही थी ब्लैकमेल,रंजना और टीआई पंवार के बीच गंभीर विवाद की यही मूल वजह थी. इसे दोनों जल्द से जल्द निपटा लेना चाहते थे. इस सिलसिले में उन की कई बैठकें हो चुकी थीं, लेकिन बात नहीं बन पाई थी.टीआई पंवार तनाव में चल रहे थे. इस कारण 21 जून को बीमारी का हवाला दे कर छुट्टी पर इंदौर चले गए थे. उन्हें घटना के दिन रंजना ने 24 जून को मामला निपटाने के लिए दिन में डेढ़ बजे कौफीहाउस बुलाया था.

जबकि रंजना खुद अपने भाई कमलेश खांडे के साथ 10 मिनट देरी से पहुंची थी. उन के बीच काफी समय तक बातचीत होती रही. उसे बातचीत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वे एकदूसरे से बहस कर रहे थे, जो आधे घंटे बीत जाने के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी. बगैर किसी नतीजे पर पहुंचे दोनों सवा 2 बजे कौफीहाउस से बाहर निकल आए थे.

पुलिस कमिश्नर औफिस के पास रीगल थिएटर है. उसी के सामने कौफीहाउस बना हुआ है. यह केवल पुलिस वालों के लिए ही है. बाहर निकलने पर भी दोनों में बहस होती रही. बताते हैं कि वे काफी तैश में थे. बहस करीब 40 मिनट तक चलती रही.

ASI के फरेेबी प्यार में बुरे फंसे थाना प्रभारी : भाग 3

टीआई की रखैल रेशमा भी करने लगी ब्लैकमेल रंजना ने कुछ मिनट की एक वीडियो क्लिपिंग उन्हें वाट्सऐप कर दी. उसे देखते ही पंवार का दिमाग सुन्न हो गया. तभी रंजना के भाई ने फोन कर धमकी दी कि उस तरह के कई वीडियो उस के पास हैं. उन्होंने अगर जरा सी भी होशियारी दिखाई और पैसे नहीं दिए, तब वह सीधा बहन के साथ बलात्कार का आरोप लगा देगा. उस के बाद की पूरी प्रक्रिया क्या हो सकती है, उसे वह अच्छी तरह जानता है.

बाद में रेशमा उर्फ जागृति भी रंजना से मिल गई. फिर इन्होंने मिल कर टीआई पंवार को मानसिक रूप से प्रताडि़त करना शुरू कर दिया. इस की पुष्टि पंवार के मोबाइल नंबर की साइबर फोरैंसिक जांच से हुई.इस बारे में पंवार के घर वालों ने भी पुलिस से शिकायत की थी. पूछताछ में पंवार की पत्नी लीलावती, भाई रामगोपाल, भतीजा भूपेंद्र पंवार, मुकेश पंवार और पिता भंवरसिंह पंवार ने फोन पर धमकी मिलने की बात बताई.

उन्होंने बताया कि हाकम सिंह से रंजना ही नहीं, बल्कि उस की बहन और भाई भी पैसे की मांग करते थे. पैसे नहीं देने पर बलात्कार के झूठे मुकदमे में फंसा देने की धमकी भी देते थे.पंवार की मौत गोली मार कर आत्महत्या किए जाने की पुष्टि के बाद पुलिस की जांच में 4 लोगों के खिलाफ प्रताडि़त करने की एफआईआर दर्ज की गई. उन 4 लोगों में मुख्य आरोपी रंजना खांडे, रेशमा उर्फ जागृति, कमलेश और गोविंद जायसवाल का नाम था.

एफआईआर में उन्होंने झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा कर जेल भेजने की धमकी देने और पैसा मांगने की बात कही गई थी. जांच में पाया गया कि 31 मार्च से 24 जून, 2022 के बीच मृतक के मोबाइल पर रेशमा उर्फ जागृति ने फोन कर के धमकियां दी थीं. ये धमकियां पूरी तरह से ब्लैकमेल करने और मानसिक प्रताड़ना की थीं. टीआई पंवार ने अपने मोबाइल में इन की रिकौर्डिंग कर रखी थी. मोबाइल पर मिली कुल 7 धमकियां तिथिवार रिकौर्ड थीं.

धमकी देने वाले आरोपियों में रेशमा ने पंवार से मकान के लिए पैसे और रजिस्ट्री के लिए प्रताडि़त किया था. ऐसा नहीं करने पर बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराने और अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी दी थी. ऐसे ही रंजना और उस के भाई कमलेश 25 लाख रुपए और गाड़ी की मांग कर रहे थे.
रंजना ने टीआई पंवार से कहा था कि उन्होंने कपड़ा व्यापारी गोविंद जायसवाल को रखने के लिए जो 25 लाख रुपए दिए थे, वह उस से मांग कर दें. दूसरी तरफ गोविंद जायसवाल पैसा वापस नहीं कर रहा था. वह टालमटोल कर रहा था.

पंवार को रेशमा ने 24 जून को गोविंद से पैसा लाने का दबाव बनाया था. उसी समय रंजना और कमलेश भी पैसा और गाड़ी के लिए पंवार को इंदौर में इंडियन कैफे हाउस के सामने बुलाया था. इस तरह से पंवार दोतरफा मानसिक तनाव में आ चुके थे.मुख्यालय के प्रांगण में ही बहा खून

टीआई पंवार को गोविंद से पैसे ले कर अश्लील वीडियो के वायरल होने से रोकने के लिए रंजना, रेशमा और कमलेश को देने थे. पंवार ने कमलेश और रंजना से इंडियन कौफीहाउस में बातचीत के दौरान गोविंद से मोबाइल पर काल कर अपने रुपए मांगे थे. उन्होंने बातचीत में खुद को बहुत परेशान बताया था और अनर्थ होने तक की बात कही थी. इसी क्रम में रेशमा काल कर पंवार को मोबाइल पर धमकियां देती रही. उस ने फोन पर यहां तक कह दिया था कि जो पैसा और चैक नहीं दे रहा है, उसे मार कर खुद मर जाए.

यह बात पंवार के दिमाग में बैठ गई. और फिर उन्होंने जो निर्णय लिया वह उन्हें खतरनाक राह पर ले गया. रेशमा, रंजना, कमलेश और गोविंद जायसवाल की एक साथ मिली प्रताड़नाओं से पंवार टूट गए.
करीब 50 मिनट तक वह मानसिक उत्पीड़न से जूझते रहे. एक समय आया जब उन्होंने मानसिक संतुलन खो दिया और अपनी सर्विस रिवौल्वर हाथ में पकड़ ली. कौफीहाउस से निकलने के बाद बरामदे में उन्होंने रंजना के हाथ से उस का मोबाइल छीनने की कोशिश की, क्योंकि उसी में अश्लील वीडियो थीं. मोबाइल रंजना के हाथ से नीचे गिर गया, जिसे रंजना ने तुरंत उठा लिया.

तभी उन्होंने रिवौल्वर रंजना खांडे पर तान दी. जब तक रंजना कुछ कहतीसुनती, तब तक रिवौल्वर से गोली निकल चुकी थी. गोली चलते ही रंजना वहीं जमीन गिर पड़ी थी. पंवार ने तुरंत रिवौल्वर को अपनी कनपटी से सटाया और दूसरी गोली चला दी. इस तरह हत्या और आत्महत्या की इस वारदात में हत्या तो नहीं हो पाई लेकिन आत्महत्या जरूर हो गई.

इस मामले की जांच पूरी होने के बाद रेशमा, रंजना खांडे, कमलेश खांडे, कपड़ा व्यापारी गोविंद जायसवाल को भादंवि की धारा 384, 385, 306 के तहत अजाक थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एडिशनल पुलिस कमिश्नर राजेश हिंगणकर ने एएसआई रंजना खांडे को निलंबित कर दिया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम ने उन के ठिकानों पर दबिश डाली, लेकिन वह वहां से फरार मिले.

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने महाकाल मंदिर क्षेत्र में बसस्टैंड के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में रंजना ने टीआई पंवार से अपने अवैध संबंधों की बात कुबूली. उस ने बताया कि उन्हीं संबंधों की वीडियो से ब्लैकमेल कर वह टीआई से क्रेटा कार मांग रही थी.इस के बाद पुलिस ने टीआई की पत्नी का दावा करने वाली रेशमा को भी गिरफ्तार कर लिया.

वारदात के करीब 2 हफ्ते बाद रंजना के भाई कमलेश की आग से झुलस कर मौत हो गई. दरअसल, कमलेश धामोद स्थित अपने घर पर दालबाटी बना रहा था. उस समय उपले गीले होने की वजह से जल नहीं पा रहे थे. उन्हें जलाने के लिए कमलेश ने जैसे ही पैट्रोल डाला, तभी उस के कपड़ों में आग लग गई.
घर में आग से वह काफी देर तक छटपटाता रहा. घर वालों ने किसी तरह उस की आग बुझाई और उसे इलाज के लिए धार अस्पताल ले गए. हालत गंभीर होने की वजह से उसे एमवाई अस्पताल रैफर कर दिया. जहां इलाज के दौरान उस की मौत हो गई.

इंदौर के हनुमान मंदिर के पास एलआईजी सोसायटी में रहने वाला व्यापारी गोविंद जायसवाल कथा लिखने तक गिरफ्तार नहीं हो सका था. पुलिस ने आरोपी रंजना खांडे और रेशमा उर्फ जागृति से विस्तार से पूछताछ करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.

अंग का टेढ़ापन : इसे समझना जरूरी है

कबीर ने अपनी परेशानी लिखी, ‘मेरा अंग टेढ़ा है, इसलिए मैं हमबिस्तरी का सुख नहीं ले पा रहा हूं. मैं क्या करूं?’ इसी तरह मोहन का कहना था कि उस का अंग टेढ़ा है. इस वजह से वह अपनी बीवी को खुश नहीं कर पाता है. अंग के टेढे़पन की वजह से हमबिस्तरी करने से पहले ही सफेद लिसलिसा पानी सा निकल जाता है. इस का समाधान बताएं?

करण की शादी होने वाली है. वह अपने अंग के ढीलेपन से परेशान है. करण की परेशानी की वजह उस की होने वाली बीवी है. वह कहता है कि शादी के बाद बीवी को बिस्तर का सुख दे पाऊंगा या नहीं? करण का मानना है कि उस का अंग ढीला है और टेढ़ा भी.

ये कुछ मिसालें हैं. इन लोगों को लगता है कि उन का अंग अपने सही आकारप्रकार में नहीं हैं. इन की तरह ज्यादातर लोग अपने अंग को ले कर परेशान होते हैं. इसी बात का फायदा नीमहकीम और गलीगली में तथाकथित जड़ीबूटियां बेचने वाले झोलाछाप उठाते हैं.

इस की अहम वजह यह भी है कि ऐसे लोग शर्म के मारे डाक्टर के पास नहीं जाते हैं. किसी दोस्त को यह बात बताना भी वे अपनी तौहीन समझते हैं, बल्कि इधरउधर से सैक्स की अधकचरी जानकारी बटोर लेते हैं या कहीं से बेहूदा किताबें खरीद  लेते हैं. ये किताबें बेनामी नुसखों द्वारा लोगों को लूटने का काम करती हैं.

इन किताबों में बचकाने इश्तिहार छपे होते हैं, जिन में लिखा होता है कि आप का अंग टेढ़ा है, तो आप नामर्द हो सकते हैं. इस वजह से आप अपनी बीवी को खुश नहीं कर पाएंगे. अगर आप मर्दाना ताकत पाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए नंबर पर फोन कर के दवा मंगा सकते हैं. कहीं ऐसा न हो कि आप मौका चूक जाएं और हमेशाहमेशा के लिए अपनी मर्दाना ताकत खो दें.

लुभावने इश्तिहार देख कर नौजवान इन के फेर में जल्दी आ जाते हैं. इसी का फायदा उठा कर ये बेनामी दवा बेच कर लाखों रुपए कमा लेते हैं. ऐसी दवाओं के इस्तेमाल से नौजवानों को फायदा होने के बजाय नुकसान ज्यादा होता है.

अब यह जानने की कोशिश करें कि क्या किसी का अंग वाकई टेढ़ा होता है?

शरीर विज्ञान के मुताबिक, हर शख्स का शरीर व उस के सामान्य अंग अपने आकारप्रकार में सही होते हैं. कुदरत ने इनसानी शरीर के हर अंग को अपनी अलग खूबी दी है. उसी खूबी के मुताबिक वह अपना काम करता है. आंखें सही देख पाती हैं, तो वह अपने रूप, आकारप्रकार में सही हैं. पैर चलने में परेशानी नहीं दे रहे हैं, तो कुदरती रूप से बिलकुल सही हैं.

फिर गुप्त अंग के बारे में यह सोच कहां से पनपी कि वह सही आकारप्रकार में नहीं है? इस की वजह यह है कि ज्यादातर लोग इस बात को ले कर शक पाल लेते हैं. जब कभी अकेले में वे अपने अंग को देखते हैं, तब उस के बारे में सोचते रहते हैं कि अंग लटका हुआ क्यों है? वह इधरउधर टेढ़ामेढ़ा क्यों हिल रहा है? वगैरह.

यह सोच ऐसे लोगों के दिमाग में परेशानी का सबब बन जाती है. तब वे किसी सीधी चीज से अपने अंग की तुलना करने लगते हैं. इस से उन्हें यह भरम हो जाता है कि उन का अंग वाकई टेढ़ा है.

इस बारे में डाक्टरों का कहना है कि हर शख्स का अंग टेढ़ा ही होता है. वह जिस तरह चाहे उस तरह अंग को घुमा सकता है. इस की वजह यह है कि अंग की बनावट ही कुछ इस तरह की होती है.

मर्दाना अंग मांसपेशियों से बना होता है. वह सामान्य हालत में हमेशा लटका हुआ रहता है. जब भी उसे इधरउधर हिलातेडुलाते हैं, तब वह वैसा ही हिलताडुलता रहता है, मानो वह कोई मांस का लोथड़ा हो.

अंग को कितना भी सीधा किया जाए, वह हमेशा टेढ़ा ही रहता है. अगर उसे हाथ से पकड़ कर सीधा किया जाए, तो वह कुछ देर तक ही सीधा रहता है. हाथ से छोड़ते ही फिर वह टेढ़ा हो जाता है.

कुछ लोग सैक्सी फिल्में देख कर यह गलत सोच पाल लेते हैं कि जिस का अंग सीधा होता है, वही ठीक तरह से सैक्स कर सकते हैं. सैक्स का सही मजा लेने के लिए लड़के का अंग सीधा व तना हुआ रहना ज्यादा जरूरी है. इस वजह से वे सोचते हैं कि उन का अंग सीधा होना ज्यादा जरूरी है.

अब हम अंग के स्वभाव के बारे में जानने की कोशिश करें. सामान्य हालत में अंग टेढ़ा ही होता है. टेढ़ापन अंग का स्वभाव है. वह मूल रूप से कभी सीधा नहीं हो सकता है. अगर वह सीधा होगा, तो अपना मूल काम नहीं कर पाएगा.

जब अंग में खून का भराव होता है, तब वह कठोर हो जाता है. तब इस का आकार अपने स्वभाव के हिसाब से गोल और सीधा होता है. वैसे, अंग का मूल काम पेशाब करना व वीर्य निकालना होता है. यह इसी काम के लिए बना हुआ है. अगर यह बिना किसी रुकावट के काम कर रहा है, तो उस का आकारप्रकार सही है.

औरत को तकलीफ न हो, इसलिए आदमी के अंग की बनावट उसी तरह बनाई गई है. वह औरत के अंग में जा कर उसी के हिसाब से अपना आकार बना लेता है. औरत का अंग भी आदमी के अंग के हिसाब से अपने अंग को फैला व सिकोड़ लेता है, तभी आदमीऔरत सैक्स सुख ले पाते हैं.

लिहाजा, मर्दों को यह भरम पालना छोड़ देना चाहिए कि उन का अंग टेढ़ा होता है. यह सोच कर वे अपनी पारिवारिक जिंदगी में आग न लगाएं.

सेक्स करते समय मेरा बौयफ्रेंड मेरी फोटो खींचना चाहता है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी उम्र 18 साल है. मैं 23 साल के एक लड़के से प्यार करती हूं. हमारे बीच कई बार सेक्स भी हो चुका हैं. जब भी हम प्यार कर रहे होते हैं तो मेरा प्रेमी अपने मोबाइल फोन पर मेरे फोटो खींचना चाहता है या वीडियो बनाना चाहता है. मैं हर बार सख्ती से मना कर देती हूं. लेकिन वह हर बार जिद करता है. मैं उसे कैसे समझाऊं?

जवाब

आप के प्रेमी की नीयत में खोट आ गया है. आप का जिस्म तो वह हासिल कर ही चुका है, फिर क्यों आप का प्रेम संबंध वाला फोटो आप के मना करने के बाद कैमरे में कैद करना चाहता है, जो बाद में ब्लैकमेलिंग या बदनामी का सबब भी बन सकता है.

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भारत के विक्रांत सिंह चंदेल ने रूस की ओल्गा एफिमेनाकोवा से शादी की. शादी के बाद वे गोवा में रहने लगे. कारोबार में नुकसान होने के बाद ओल्गा पति के साथ उस के घर आगरा रहने आ गई. लेकिन विक्रांत की मां ने ओल्गा को घर में आने देने से साफ मना कर दिया. कारण एक तो यह शादी उस की मरजी के खिलाफ हुई थी, दूसरा सास को विदेशी बहू का रहनसहन पसंद नहीं था.

सुलह का कोई रास्ता न निकलता देख ओल्गा को अपने पति के साथ घर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा. ओल्गा का कहना था कि उस की सास दहेज न लाने और उस के विदेशी होने के कारण उसे सदा ताने देती रही है.

जब मामला तूल पकड़ने लगा तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री से विदेशी बहू की मदद करने के लिए कहना पड़ा. उस के बाद सास और ननद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए. तब जा कर सास ने बहू को घर में रहने की इजाजत दी और कहा कि अब वह उसे कभी तंग नहीं करेगी.

नहीं देती प्राइवेसी

सास-बहू के रिश्ते को ले कर न जाने कितने ही किस्से हमें देखने और सुनने को मिलते हैं. सास को बहू एक खतरे या प्रतिद्वंद्वी के रूप में ही ज्यादा देखती है. इस की सब से बड़ी वजह है सास का अपने बेटे को ले कर पजैसिव होना और बहू को अपनी मनमरजी से जीने न देना. सास का हस्तक्षेप ऐसा मुद्दा है जिस का सामना बेटाबहू दोनों ही नहीं कर पाते हैं. वे नहीं समझ पाते कि पजैसिव मां को अपनी प्राइवेसी में दखल देने से कैसे रोकें कि संबंधों में कटुता किसी ओर से भी न आए.

अधिकांश बहुओं की यही शिकायत होती है कि सास प्राइवेसी और बहू को आजादी देने की बात को समझती ही नहीं हैं. उन्हें अगर इस बात को समझाना चाहो तो वे फौरन कह देती हैं कि तुम जबान चला रही हो या हमारी सास ने भी हमारे साथ ऐसा ही व्यवहार किया था, पर हम ने उन्हें कभी पलट कर जवाब नहीं दिया.

आन्या की जब शादी हुई तो उसे इस बात की खुशी थी कि उस के पति की नौकरी दूसरे शहर में है और इसलिए उसे अपनी सास के साथ नहीं रहना पड़ेगा. वह नहीं चाहती थी कि नईनई शादी में किसी तरह का व्यवधान पड़े. वह बहुत सारे ऐसे किस्से सुन चुकी थी और देख भी चुकी थी जहां सास की वजह से बेटेबहू के रिश्तों में दरार आ गई थी.

शुरुआती दिनों में पतिपत्नी को एकदूसरे को समझने के लिए वक्त चाहिए होता है और उस समय अगर सास की दखलंदाजी बनी रहे तो मतभेदों का सिलसिला न सिर्फ नवयुगल के बीच शुरू हो जाता है बल्कि सासबहू में भी तनातनी होने लगती है.

आन्या अपने तरीके से रोहन के साथ गृहस्थी बसाना, उसे सजानासंवारना चाहती थी. उस की सास बेशक दूसरे शहर में रहती थी पर वह हर 2 महीने बाद एक महीने के लिए उन के पास रहने चली आती थी क्योंकि उसे हमेशा यह डर लगा रहता था कि उस की नौकरीपेशा बहू उस के बेटे का खयाल रख भी पा रही होगी या नहीं.

आन्या व्यंग्य कसते हुए कहती है कि आखिर अपने नाजों से पाले बेटे की चिंता मां न करे तो कौन करेगा. लेकिन समस्या तो यह है मेरी सास को हददरजे तक हस्तक्षेप करने की आदत है, वे सुबह जल्दी जाग जातीं और किचन में घुसी रहतीं. कभी कोई काम तो कभी कोई काम करती ही रहतीं.

मुझे अपने और रोहन के लिए नाश्ता व लंच पैक करना होता था पर मैं कर ही नहीं पाती थी क्योंकि पूरे किचन में वे एक तरह से अपना नियंत्रण  रखती थीं. यही नहीं, वे लगातार मुझे निर्देश देती रहतीं कि मुझे क्या बनाना चाहिए, कैसे बनाना चाहिए और उन के बेटे को क्या पसंद है व क्या नापसंद है.

सुबहसुबह उन का लगातार टोकना मुझे इतना परेशान कर देता कि मेरा सारा दिन बरबाद हो जाता. यहां तक कि गुस्से में मैं रोहन से भी नाराज हो जाती और बात करना बंद कर देती. मुझे लगता कि रोहन अपनी मां को ऐसा करने से रोकते क्यों नहीं हैं?

सब से ज्यादा उलझन मुझे इस बात से होती थी कि जब भी मौका मिलता वे यह सवाल करने लगतीं कि हम उन्हें उन के पोते का मुंह कब दिखाएंगे? हमें जल्दी ही अपना परिवार शुरू कर लेना चाहिए. जो भी उन से मिलता, यही कहतीं, ‘मेरी बहू को समझाओ कि मुझे जल्दी से पोते का मुंह दिखा दे.’ रोहन को भी वे अकसर सलाह देती रहतीं. प्राइवेसी नाम की कोई चीज ही नहीं बची थी.

रोहन का कहना था कि  हर रोज आन्या को मेरी मां से कोई न कोई शिकायत रहती थी. तब मुझे लगता कि मां हमारे पास न आएं तो ज्यादा बेहतर होगा. मैं उस की परेशानी समझ रहा था पर मां को क्या कहता. वे तो तूफान ही खड़ा कर देतीं कि बेटा, शादी के बाद बदल गया और अब बहू की ही बात सुनता है.

मैं खुद उन दोनों के बीच पिस रहा था और हार कर मैं ने अपना ट्रांसफर बहुत दूर नए शहर में करा लिया ताकि मां जल्दीजल्दी न आ सकें. मुझे बुरा लगा था अपनी सोच पर, पर आन्या के साथ वक्त गुजारने और उसे एक आरामदायक जिंदगी देने के लिए ऐसा करना आवश्यक था.

परिपक्व हैं आज की बहुएं

मनोवैज्ञानिक विजयालक्ष्मी राय मानती हैं कि ज्यादातर विवाह इसलिए बिखर जाते हैं क्योंकि पति अपनी मां को समझा नहीं पाता कि उस की बहू को नए घर में ऐडजस्ट होने के लिए समय चाहिए और वह उन के अनुसार नहीं बल्कि अपने तरीके से जीना चाहती है ताकि उसे लगे कि वह भी खुल कर नए परिवेश में सांस ले रही है, उस के निर्णय भी मान्य हैं तभी तो उस की बात को सुना व सराहा जाता है.

बहू के आते ही अगर सास उस पर अपने विचार थोपने लगे या रोकटोक करने लगे तो कभी भी वह अपनेपन की महक से सराबोर नहीं हो सकती.

बेटेबहू की जिंदगी की डोर अगर सास के हाथ में रहती है तो वे कभी भी खुश नहीं रह पाते हैं. सास को समझना चाहिए कि बहू एक परिपक्व इंसान है, शिक्षित है, नौकरी भी करती है और वह जानती है कि अपनी गृहस्थी कैसे संभालनी है. वह अगर उसे गाइड करे तो अलग बात है पर यह उम्मीद रखे कि बहू उस के हिसाब से जागेसोए या खाना बनाए या फिर हर उस नियम का पालन करे जो उस ने तय कर रखे हैं तो तकरार स्वाभाविक ही है.

आज की बहू कोई 14 साल की बच्ची नहीं होती, वह हर तरह से परिपक्व और बड़ी उम्र की होती है. कैरियर को ले कर सजग आज की लड़की जानती है कि उसे शादी के बाद अपने जीवन को कैसे चलाना है.

फैमिली ब्रेकर बहू

आर्थिक तौर पर संपन्न होने और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए एक टारगेट सैट करने वाली बहू पर अगर सास हावी होना चाहेगी तो या तो उन के बीच दरार आ जाएगी या फिर पतिपत्नी के बीच भी स्वस्थ वैवाहिक संबंध नहीं बन पाएंगे.

एक टीवी धारावाहिक में यही दिखाया जा रहा है कि मां अपने बेटे को ले कर इतनी पजैसिव है कि वह उसे उस की पत्नी के साथ बांटना ही नहीं चाहती थी. बेटे का खयाल वह आज तक रखती आई है और बहू के आने के बाद भी रखना चाहती है, जिस की वजह से पतिपत्नी के बीच अकसर गलतफहमी पैदा हो जाती है.

फिर ऐसी स्थिति में जब बहू परिवार से अलग होने का फैसला लेती है तो उसे फैमिली यानी घर तोड़ने वाली ब्रेकर कहा जाता है. सास अकसर यह भूल जाती है कि बहू को भी खुश रहने का अधिकार है.

विडंबना तो यह है कि बेटा इन दोनों के बीच पिसता है. वह जिस का भी पक्ष लेता है, दोषी ही पाया जाता है. मां की न सुने तो वह कहती है कि जिस बेटे को इतने अरमानों से पाला, वह आज की नई लड़की की वजह से बदल गया है और पत्नी कहती है कि जब मुझ से शादी की है तो मुझे भी अधिकार मिलने चाहिए. मेरा भी तो तुम पर हक है. बेटे और पति पर हक की इस लड़ाई में बेटा ही परेशान रहता है और वह अपने मातापिता से अलग ही अपनी दुनिया बसा लेता है.

शादी किसी लड़की के जीवन का एक महत्त्वपूर्ण व नया अध्याय होता है. पति के साथ वह आसानी से सामंजस्य स्थापित कर लेती है, पर सास को बहू में पहले ही दिन से कमियां नजर आने लगती हैं. उसे लगता है कि बेटे को किसी तरह की दिक्कत न हो, इस के लिए बहू को सुघड़ बनाना जरूरी है. और वह इस काम में लग जाती है बिना इस बात को समझे कि वह बेटे की गृहस्थी और उस की खुशियों में ही सेंध लगा रही हैं.

इस का एक और पहलू यह है कि बेटे के मन में मां इतना जहर भर देती है कि  उसे यकीन हो जाता है कि उस की पत्नी ही सारी परेशानियों की वजह है और वह नहीं चाहती कि वह अपने परिवार वालों का खयाल रखे या उन के साथ रहे.

जरूरी है कि सास बेटे की पत्नी को खुल कर जीने का मौका दें और उसे खुद ही निर्णय लेने दें कि वह कैसे अपनी जिंदगी संवारना व अपने पति के साथ जीना चाहती है. सास अगर हिदायतें व रोकटोक करने के बजाय बहू का मार्गदर्शन करती है तो यह रिश्ता तो मधुर होगा ही साथ ही, पतिपत्नी के संबंधों में भी मधुरता बनी रहेगी.

शराबी बाप और जवान बेटियां

निहाल सिंह की उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में अच्छीखासी दुकान चल रही थी, जिस से उस के परिवार का खर्चा आसानी से निकल रहा था. लेकिन 2 साल पहले दोस्तों के चलते उसे शराब की ऐसी लत लगी कि कारोबार चौपट हो गया. निहाल सिंह के शराब पीने की लत दिनोंदिन बढ़ती जा रही थी, जिस की वजह से उस के घर में खाने के भी लाले पड़ गए. उस की पत्नी जब भी शराब छोड़ने की बात कहती, तो वह उसे मारनेपीटने लगता था. ऐसे में उस की बेटियां सहमी सी अपनी मां को पिटते हुए देखती थीं.

आखिरकार निहाल सिंह की बेटियां पिता की शराब की लत के चलते काम की तलाश में रहने लगीं. लेकिन वे जहां भी जातीं, तो उन्हें हवस की नजरों से ही देखा जाता. लड़कियों ने घर पर ही कागज के लिफाफे बना कर बेचने का काम शुरू कर दिया, लेकिन निहाल सिंह बेटियों की इस कमाई को भी छीन कर शराब पीने में उड़ा देता था.

एक दिन निहाल सिंह अपने कुछ शराबी दोस्तों के साथ महफिल जमाए बैठा था कि उस के शराबी दोस्तों की नजर उस की जवान होती बेटियों पर पड़ गई. अपनी शराब की लत के चलते निहाल सिंह अपने दोस्तों से काफी रुपए उधार ले चुका था. जब उन्होंने अपने रुपए मांगने शुरू किए, तो वह बोला कि उस के पास पैसे तो नहीं हैं. इस पर दोस्तों ने सख्ती से रुपए मांगे और यह भी कहा कि वे आगे से उस की शराब की जरूरत पूरी नहीं कर पाएंगे.

निहाल सिंह शराब के नशे का इतना आदी हो चुका था कि उस ने अपने दोस्तों से गिड़गिड़ाते हुए कहा कि वह उस की शराब की जरूरत पूरी करते रहें. उस के दोस्तों ने निहाल सिंह की मजबूरी का फायदा उठाते हुए बेटियों से पहले छेड़छाड़ की और फिर निहाल सिंह की नजर बचा कर उन को छेड़ना शुरू कर दिया.

बेटियों ने बाप से शिकायत की, तो उस ने उन्हें चुप करा दिया कि वे उस के दोस्त ही तो हैं.

इस के बाद तो निहाल सिंह की कम उम्र की बेटियां उस के शराबी दोस्तों की शिकार होती रहीं. यह बात तब खुली, जब निहाल सिंह की बड़ी बेटी ने बाप के शराबी दोस्तों से तंग आ कर फांसीं लगा कर अपनी जान दे दी.

इस मामले में पुलिसिया पूछताछ के दौरान यह पता चला कि निहाल सिंह की शराब की लत का फायदा उठा कर उस के शराबी दोस्त महीनों से उस की बेटियों को अपनी हवस का शिकार बनाते आ रहे थे.

पुलिस ने निहाल सिंह और उस के दोस्तों को इस मामले में गुनाहगार मानते हुए सलाखों के पीछे डाल दिया, जबकि निहाल सिंह को अपनी इस करनी पर कोई पछतावा नहीं था.

ज्यादातर मामलों में शराबी बाप के चलते उस की जवान होती बेटियों को किसी न किसी तरह से ज्यादती का शिकार होना पड़ता है.

बाप की शराब की लत के चलते उन की पढ़ाईलिखाई और सामाजिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है. ऐसी हालत में ज्यादातर लड़कियां चुपचाप सबकुछ सहती रहती हैं और जो नहीं सह पाती हैं, वे या तो घर छोड़ कर गलत धंधे में उतर जाती हैं या खुदकुशी का रास्ता अख्तियार कर लेती हैं.

शराब है दुश्मन

शराब दिलोदिमाग के सोचने की ताकत को खत्म कर देती है. जैसेजैसे कोई शख्स शराब का आदी होता जाता है, वह अपनी नौकरीकारोबार से हाथ धोने लगता है. एक समय ऐसा भी आता है, जब शराब की लत के चलते उस का सबकुछ चौपट हो चुका होता है.

पढ़ाईलिखाई का सपना संजोने वाली लड़कियों के ख्वाब पिता की इस बुरी लत के चलते धरे के धरे रह जाते हैं और उन्हें बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है. इस की वजह से वे न केवल कुंठा का शिकार हो जाती हैं, बल्कि तमाम मजबूरियों के चलते कई तरह के अपराधों में भी शामिल हो जाती हैं.

शराबी बाप के चलते जवान होती बेटियों के सामने जो सब से बड़ी समस्या उभर कर आती है, वह है उन की शादी.

ऐसी हालत में या तो उन्हें भाग कर शादी करनी पड़ती है या फिर शराब की जरूरतों को पूरा करने के लिए पिता बेटी को पैसों के लालच के चलते उस से उम्र में काफी बड़े शख्स के साथ शादी कर देता है.

देह धंधे को मजबूर

बाप की शराब की लत के चलते अगर सब से ज्यादा खतरा किसी को होता है, वह है उस की जवान होती बेटियां, क्योंकि बाप की शराब की लत परिवार की माली हालत को खस्ताहाल बना देती है. इस वजह से परिवार में भूखों मरने की नौबत तक आ जाती है, जिस से उबरने व पेट की भूख मिटाने के लिए जवान बेटियां खुद की इज्जत बेचने को मजबूर हो जाती हैं.

इस तरह के जितने भी मामले अभी तक सामने आए हैं, उन में यह पाया गया है कि जो लड़कियां देह धंधे में आईं, उन में से ज्यादातर की वजह पिता के शराब पीने की लत रही है. इस हालत में छोटे भाईबहनों की अच्छी पढ़ाईलिखाई और पेट की भूख मिटाने के लिए उन के पास यह गलत काम करने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं था.

दिल्ली के रहने वाले सुशील खन्ना पिछले कई सालों से नशे व शराब के खिलाफ मुहिम चला कर जागरूकता फैला रहे हैं. उन का कहना है कि शराब हर तरीके से पतन की तरफ ले जाती है. इस का जो सब से ज्यादा बुरा असर देखा गया है, वह है शराबी बाप की जवान होती बेटियों पर, क्योंकि बाप की शराब की लत के चलते इन की पढ़ाईलिखाई, शादीब्याह में रुकावट तो आती ही है, साथ ही इन की इज्जत पर हर समय खतरा मंडराता रहता है.

ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं, जिस में किसी जवान लड़की ने अपने शराबी बाप की ज्यादतियों के चलते खुदकुशी कर ली फिर या ऐसे कदम उठा लिए, जिसे समाज अच्छी नजर से नहीं देखता है.

अगर आप भी किसी बेटी के बाप हैं और नशे के आदी हैं, तो आज ही इस से दूरी बना लें. शराब पीने की लत आप की बेटी के भविष्य को चौपट कर सकती है. आप इस से छुटकारा पाने के लिए अपने नजदीकी नशामुक्ति केंद्र जा सकते हैं. आप का यह फैसला आप की बेटी के भविष्य के सुनहरे पल लाने के लिए काफी होगा.

Twin Tower: ‘कुंडली भाग्य’ के इस एक्टर का भी टूटा घर, पिता का था सपनों का आशियाना

नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराना चर्चा का विषय  रहा है. 28 अगस्त को गिराई गई इमारतें खबर का विषय बना हुआ है. एक्टर मनित जौरा ने अपनी प्रॉपर्टी खोई है. उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंंने इस इमारत में अपना पैसा लगाया था.

उन्होंने एक रिपोर्ट में बताया कि मेरे पिता को उस वक्त कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े थें, और मुझे बहुत ज्यादा खराब लग रहा था. मेरे पिता ने अच्छे लोकेशन पर एक आशियाना का ख्वाब देखा था. जो कि पूरा नहीं हो सका. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि खरादारों को ब्याज देना पड़ा होगा.

 

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मनित ने कहा कि ये सब लंबे वक्त तक नहीं चला वह कुछ दिनों तक ही दिया, मनित ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता ने साल 2011 में इस सोसाइटी में फ्लैट बुक करवाया था, और उन्होंने सोचा था कि वह जाकर रहेंगे लेकिन सबकुछ बिल्कुल उल्टा हुआ. एक सपना बिखर सा गया.

उन्होंने 8 साल पहले कंपनी को केस करने का फैसला लिया था, उन्होंने बताया कि इस केस में बहुत ज्यादा खींच तान रही है यह मेरे परिवार के लिए भयानक सपनें से कम नहीं थां. जिसे उन्होंने न देखा न उसके बारे में कुछ ज्यादा सोचा होगा. मनित ने इसके बात चीत के वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

 

खतरों के खिलाड़ी 12 से दूसरी बार बाहर हुए प्रतीक सहजपाल, फैंस हुए उदास

बॉलीवुड इंडस्ट्री केे फेमस निर्माता और निर्देशक रोहित शेट्टी पिछले कई सालों से शो को होस्ट कर रहे हैं. जिसे देखना लोग खूब पसंद करते हैं. इस साल वह 12वें सीजन को होस्ट कर रहे हैं. जैसे- जैसे फिनाले नजदीक आ रहा है लोगों की धड़कने तेज होती जा रही है.

बता दें की प्रतीक सहजपाल को स्टंट के आधार पर शो में रुके रहने का दूसरी बार मौका मिला था, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे थें. हालांकि अब वो इस मौके का फायदा उठाने में नाकामयाब रहे हैं. प्रतीक सहजपाल का दूसरी बार इस शो से पत्ता कट चुका है.

 

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इससे पहले एरिका , अनेरी वजानी और शिवांगी जोशी इस शो में ना परफर्म करने की वजह से बाहर हो चुकी हैं. इसके साथ ही सृति झा ने इस शो में परफर्म करने का दूबारा मौका गंवा दिया,एलिमिनेशन टॉस्क में रुबीना दिलैक और कनिका मान को भिड़ना पड़ा.प्रतीक ने टॉस्क रद्द कर दिया और शो से बाहर आ गए,

बता दें कि रोहित शेट्टी इस बार सातवी बार शो को होस्ट कर रहे हैं. इस शो का प्रीमियम 02 जुलाई को हुआ था, बता दें हर बार की तरह इस बार भी यह शो दर्शकों का खास दिल जीतता रहा, इस शो का इंतजार फैंस को हमेशा रहता है.

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