लौकडाउन जिंदगी

लेखक- पुखराज सोलंकी

गांव से मीलों दूर दिल्ली शहर के इंडस्ट्रीज एरिया की एक फैक्ट्री मे काम कर रहा लीलाधर इस बार शहर आते वक्त अपनी गर्भवती पत्नी रुक्मणी और चार साल की मुनिया से वादा कर के आया था, कि इस बार हमेशा की तुलना में वापस जल्दी ही गांव लौटेगा.

वक्त-वक्त पर पत्नी की खैर खबर के लिए आने वाली आशा दीदी ने भी अप्रैल महिने की ही तारीख़ बताते हुए कहा था कि- ‘ऐसे वक्त में तुम्हारा यहां होना बेहद जरूरी है.

‘जबाब में लीलाधर बोला- ‘मैं तो उससे पहले ही पहुंच जाऊंगा, बस ये मार्च के महीने में काम का कुछ ज्यादा ही दबाव रहता है, जिसके चलते साहब लोग छुट्टी नही देते लेकिन उसके बाद लम्बी छुट्टी पर ही आऊंगा और आते वक्त मुनिया, उसकी मम्मी और नए वाले बाबू के लिए कुछ कपड़े लत्ते भी तो लाने हैं न.’

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लौकडाउन के दौरान उस काट खाने वाले कमरे में छत को घूरते हुए लीलाधर अपने अतीत में खोया यह सब सोच ही रहा था कि कुंडी के खडकने से उसकी तंद्रा टूटी. लुंगी लपेटते हुए दरवाजा खोला तो सामने फैक्ट्री का सुपरवाइजर खड़ा था, वो बाहर खड़े-खड़े ही बोला-

‘कुछ जुगाड़ बिठाया कि नहीं गांव जाने का, फैक्ट्री अभी बंद है और मालिक भी किसकिस को खिलाएगा घर से, ये पकड़ पांच सौ रूपये, मालिक ने भेजें है, और आज शाम तक कमरा खाली कर देना, बाकी का हिसाब वापसी पर ही होगा.’

यह सुनकर लीलाधर को एक बार तो ऐसा लगा जैसे इस वायरस ने उसके भविष्य के सपनों को अभी से ही संक्रमित करना शुरू कर दिया हो. अब कोई और चारा नही था, लिहाजा कमरा खाली करना पड़ा. अब जाए तो जाए कहां ना बस ना ट्रेन जेब में पांच का नोट और कुछ पांच-दस के सिक्के, अब अगर यहां रूका तो जो हैं वो भी खर्च हो जाएंगें.

यही सब कुछ सोचते विचारते आखिर फैसला कर ही लिया और घर रुकमणी को फोन किया- ‘एक दो दिन में कुछ जुगाड़ बिठाकर गांव के निकल जाऊंगा, तुम अपना और मुनियां का ख्याल रखना, हाथ धोते रहना और उसे बाहर मत निकलने देना.’

अपने घर आने की खबर पत्नी को देकर लीलाधर निकल पड़ा नेशनल हाइवे पर, मन ही मन उसने हिसाब भी लगा लिया कि 24 घंटों में अगर 16 घंटे भी लगातार चला सात-आठ दिनों में तो गांव पहुंच ही जाएंगा । उसने ठान लिया था कि अब वो पैदल ही इस सफर को पूरा करेगा, वो खुश था. घर की और बढ़ते कदमों में एक अलग ही उत्साह था. उसे मलाल बस इसी बात का था कि वो मुनिया और नए बाबू के लिए कुछ कपड़े लत्ते और खिलोने नही खरीद नही सका.

सफर तय करते-करते लीलाधर रुकमणी से फोन पर बात करते हुए बोला, ‘मेरे फ़ोन की बैटरी डाउन होने लगी है. बाद में अगर फोन न कर पाऊं तो परेशान मत होना, बस कुछ ही दिनों की बात है, जल्दी ही सफर तय करूंगा.’ बैटरी डाउन की वजह से न चाहते हुए भी उसे फोन काटना पड़ा.

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सफर के दौरान लीलाधर ने रुकमणी को लाॅकडाउन की वजह से शहर में हो रही परेशानियों और पाबंदियों से अवगत तो कराया. लेकिन यह नही बताया कि वह पैदल ही गांव पहुंच रहा है, बताता भी कैसे, उसे डर था कि पत्नी कही मना न कर दें. वह अनवरत चलता रहा, उसके आगे पीछे जो लोग चल रहें थें धीरेधीरे उनकी संख्या कम होती गयी, दिल्ली के आसपास इलाकों वाले लोग अपने गंतव्य तक पहुंच चुके थें. लेकिन उसका चलना जारी था.

उधर चार-पाँच दिन बीतने पर पत्नी को घर से बाहर होने वाली हर आहट पर यही लगता कि शायद अब वो आएं हो. फोन लगना तो कब का बंद हो चूका था. एक तो लाॅकडाउन और ऊपर से ये इन्तजार, वो दोहरी मार झेल रही थी. दिन में तो चलो जैसेतैसे मुनिया और मां बाबा के साथ समय निकल जाता, लेकिन रात होतेहोते उसे बेचैनी सी होने लगती है, बात करने के लिए फोन उठाती लेकिन फोन स्विच ऑफ मिलता.

अगले दिन सुबहसुबह जब घर की कुंडी खड़की तो मुनिया खुशी से चहकी पापा आ गये.. पापा आ गये, घर में मां बाबा सहित सब के चेहरे पर खुशी के भाव साफ दिखने लगे थें. हाथों का काम छोड़कर वो दरवाजे की और दोड़ी, चुन्नी का पल्लू अपने सर पर रख के उसने दरवाजा खोला तो सामने गांव के ही दरोगा साहब थे,

‘लीलाधर का घर यही है ?’
‘जी, यही है.
‘क्या लगते है आप उनके ?’
रुकमणी पास खड़ी मुनिया की और इशारा करते हुए बोली,
‘जी, इसके पापा है.’
‘घर में कोई और है बड़ा.’

बातचीत सुनकर बाबा बाहर की और आएं और बोलें
‘क्या बात है, दरोगा साहब ?, बेटी तुम अंदर जाओ.’
वो मुनिया को लेकर अंदर तो चली गयी लेकिन उसके कानों ने अभी भी दरवाजे पर हो रही गुफ्तगू का पीछा नही छोड़ा.

‘जी, आप कौन ?’
‘मैं उसका बाबा हूं.’
दारोगा ने हाथ में थाम रखा डंडा बगल में दबाकर अपनी टोपी उतारते हुए कहा- ‘बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है लीलाधर अब इस दुनिया में नही रहा, नेशनल हाइवे पर रात के समय गश्त पर गए पुलिस दस्ते को सड़क पर एक लहू-लुहान हालत में लाश पड़ी मिली, शायद किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, शिनाख्त के दौरान जेब व बैग में मिलें कुछ कागजों की वजह हम यहां तक पहुंच पाएं. शव फिलहाल मोर्चेरी में है.

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यह सुनते बूढ़े बाबा की टांगों ने जवाब दे दिया था, दरवाजा पकड़कर खड़े रहने की हिम्मत जुटाई क्यूकिं बहु के आगे वे ऐसा करेंगे तो फिर उसको कोन संभालेगा. उधर दारोगा के आते ही रुकमणी को भी कुछ अनहोनी का अंदेशा होने लगा था, वो अंदर थी लेकिन उसके कान आसानी से बातचीत सुन पा रहें थें.

‘हिम्मत रखिये, और बताएं की इतनी रात को आपका बेटा कैसे इतनी दूर निकल गया था, क्या घर में कोई बात हुई थी ?.’ दारोगा ने प्रश्न किया.

‘हमारी किस्मत फूटी थी जो उसे रोजगार के लिए दिल्ली भेजा, वो तो नहीं आया. लेकिन आप…

तभी लीलाधर की माँ चिल्लाई, ‘अरे.. कोई बचाओ, मुनिया की माँ उसे लेकर पानी के कुएं में कूद गयी.

दारोगा साहब अंदर की और दोड़े, पीछे-पीछे बाबा आएं, दारोगा ने बाहर जीप के पास खड़े अपने सहकर्मी को आवाज दी. हड़बड़ाहट में किसी को कुछ नही सुझ रहा था, जब तक रस्सी का इंतेज़ाम हुआ तब तक दोनों लाशें पानी में तैरने लगी थी. लीलाधर और उसके परिवार की जिंदगियां बिना किसी संक्रमण के हमेशा के लिए लाॅकडाउन की भेंट चढ़ चुकी थी.

पापियों ने बढ़ाया कोरोना को

लेखक- सुरेश सौरभ

होली में मुझे ससुराल जाना था, इसलिए पत्नी का सख्त आदेश था कि अपनी डेंटिंग-पेंटिंग करा डालूं. लिहाजा होली के एक रोज पहले, उनके हुक्म की तामील करते हुए मैं अपने मोहल्ले की एक नाई की दुकान पर अपनी हजामत कराने के लिए जा पहुंचा. वहां पहले से बैठे अपने मोहल्ले के ग्राहकों की भीड़ से मुझे यह अहसास हुआ कि मेरा सिर नाई के हाथों में बहुत देर से पहुंचेगा.

वहां की भीड़ से मुझे यह भी लग रहा था कि मेरे जैसे ही कई पति अपनी पत्नियों के आदेश का पालन करने के लिए बेहद लाचारी में बैठे हैं और बेचारगी से नाई को बड़ी हसरत से देखते हुए अपने नंबर के आने का इंतजार कर रहें हैं. टाइम काटने की गरज से मैंने वहां आड़ा-तिरछा मुंह बिसूरता पड़ा अखबार का एक पन्ना उठा लिया. तभी कोरोना  पर एक महाज्ञानी ने बात खोद दी-अगर कोरोना से बचना है, तो हल्दी वाला शाम को एक गिलास दूध पीना चाहिए. दूसरे ने ताल ठोंक कर कहा-यहां इतनी जलवायु गरम है कि कोरोना तो क्या उसके बाप का भी कोई असर न होगा.

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नाई के चेहरे की चमक बढ़ रही थी वह यह सोच कर खुश था, चलो मेरे ग्राहक कोरोना की बहस में उलझ कर बैठे रहेंगे, ऊबेंगे नहीं, कहीं जायेंगे नहीं. इसलिए उसने भी एक मुक्तक उछाल कर कहा-ये बात मैंने भी कहीं से सुनी है कि खूब हल्दी खाने वालों के ऊपर कोरोना का असर बिलकुल नहीं होता है. भैया मेरे ऊपर तो कोरोना का बिलकुल असर नहीं होगा. मेरी तो घरवाली सब्जी-दाल में खूब रेलम-पेलम हल्दी मिर्च झोंकती है. भैया हम लोग तो पीने-खाने वाले आदमी हैं. हमें खूब तीखा खाने में मजा भी आता है.’ मेरे सामने ,एक महोदय अखबार का एक पन्ना बांच रहे थे, उसे परे हटा कर अपना सिर खुजाते हुए बोले-साला डेढ़ रुपया वाला फेस मास्क मारकेट में पच्चीस रुपये का.

नामुराद दुकानदार उल्लू बना कर ग्राहकों की गर्दनें काट रहें हैं. ऐसा ही रहा, तो फेस मास्क को नागमणि की तरह खोजना पड़ेगा. एक सज्जन ने उबांसी लेते हुए कहा-पाकिस्तान भारत का जानी दुश्मन है. जब वह भारत से, आतंकवाद से, न जीत सका तो, भारत की अर्थव्यवस्था को खराब करने के लिए साजिशन कोरोना को भारत भेजवा रहा है. तभी उस नाई का  चलता हाथ ग्राहक के सिर पर ठहर गया. वह बीड़ी का लम्बा सुट्टा खींच, पाक को भद्दी गाली देते हुए बोला-साला है, पाकिस्तान बड़ा हरामखोर है. अपनी पर आ जाए तो गिरी से गिरी हद तक जा सकता है.

तभी एक अधेड़ अपनी बड़ी-बड़ी दाढ़ी खुजाते हुए बोला-मेरा तो मानना है कि इस बार होली में होलिका को जलाने के बजाय कोरोना वायरस का पुतला बनाया जाए और किसी बड़े पंडित से मंत्र-वंत्र पढ़ा कर, उसे होलिका दहन की तरह फूंका दिया जाए, इससे राक्षस कोरोना दुम दबाकर भाग जायेगा. एक बैरागी टाइप के आदमी ने कहा-ये सब  बढ़ रहे पापों का नतीजा है. चीन बहुत पापी है. जब कुत्ता, घोड़ा, गदहा सांप चमगादड़ सब खायेंगे तो कोरोना उन्हें नहीं, क्या हमें खायेगा.

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भारत में भी जानवर खाने वाले पापी बढ़ रहे है. अगर ऐसे ही निरन्तर बढ़ते रहे, तो कोरोना हमारे देश में भी आ जायेगा, पर हमें ये सब चिन्ता नहीं करनी चाहिए जब तक मोदी जी इस देश में है तब तक हमारे देश में न तो जानवर खाने वाले पापी बढ़ पायेंगे और न कोरोना राक्षस भारत का कुछ बिगाड़ पायेगा.

कोरोना का साइड इफेक्ट

लेखक- नीरज कुमार मिश्रा

देश में लौकडाऊन अब भी जारी था, और  लोगों के अंदर एक क्षोभ  सा भरा हुआ था. यह कहना कठिन था कि ये गुस्सा किसके प्रति था.

उस देश के खिलाफ जहाँ से ये वायरस आया है या सरकार द्वारा अचानक से लॉकडाऊन ठोंक दिए जाने की नीति पर ,पर सच तो ये था कि एक वायरस ने अचानक कहीं से प्रकट होकर उनकी सामान्य तौर से चलती हुई ज़िंदगी में एक उथलपुथल ज़रूर मचा दी थी .

ऐसी ही कुछ उथलपुथल मोबीना की ज़िंदगी में मच गयी थी. सलीम और सलीम  के दो बेटियां थी ,वैसे तो वह प्रकट रूप से कुछ नहीं कहता था पर एक बेटे की चाह तो उसके मन में बनी ही हुई थी.

सलीम की बेगम मोबीना एक सीधी सादी महिला थी जो मोहल्ले में अपने सद्व्यवहार के लिए जानी जाती थी.

मोबीना मोहल्ले में रमिया चाची को देखने गयी थी क्योंकि जीने पर से फिसलने से उनके घुटनो में थोड़ी चोट आ गयी थी और फिलहाल वो बिस्तर पर ही थी.

रमिया चाची के सिरहाने बैठी मोबीना पंखा झल रही थी कि तभी उसे पता चला कि रमिया चाची का लड़का जो  दुबई में काम करता है ,वो वापिस आ गया है .

उसे ये जानकर अच्छा भी लगा कि चलो अब कोई तो रमिया चाची को सहारा देने वाला आ गया है.

मोबीना ने भी सुना है कि कोई कीड़ा वाली बीमारी, मने जिसे वायरस वाली बीमारी कहते हैं वो फैल रही है और लोगों की जान ही ले लेती है वो बीमारी ,और इसीलिये देश की सरकार ने सबसे दूर दूर बैठने को कहा है .

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अरे पर आदमी आस पड़ोस में न जायेगा तो फिर ऐसे व्यवहार का क्या अचार डालना है और फिर अगर अच्छे में नहीं गये तो क्या ,कम से कम बीमारी अज़ारी में मिजाजपुर्सी के लिए तो जा ही सकते हैं ना. और फिर हम मेलजोल नहीं रखेंगे तो हमसे मिलने कौन आएगा?

“ये लो भाभी ,कोल्डड्रिंक पी लो ,बहुत गर्मी हो रही है न ,लो अम्मा तुम भी ले लो थोड़ा सा ” चाची के लड़के सुरेश ने कोल्ड ड्रिंक का गिलास पकड़ाते हुए कहा “अरे नहीं भैया ,आप ही पियो  ,हमे नुकसान न कर जाये कहीं ” मोबीना ने कहा

“अरे भाभी ,कुछ नहीं नुकसान करेगा ,हमें देखो अब हमें तो जुकाम है फिर भी हम पी रहे हैं कोल्ड ड्रिंक”कहते हुए कोल्ड ड्रिंक का पूरा गिलास खाली कर दिया सुरेश ने “तो भैया ,कैसे आ पाये दुबई  से तुम ,सुना है कि विदेश में बहुत मारा मारी चल रही है और पुलिस हवाई अड्डे पर ही बहुत जांच करती है तब ही आने देती है “मोबीना ने पुछा

“हाँ …मुश्किल तो बहुत था ..बस किसी तरह आ गए समझ लीजिए” सुरेश अचानक से खों खों करके खासने लगा

“क्या हुआ तबीयत नहीं सही है क्या ?” मोबीना ने पूछा

“पता नहीं जबसे आया है तबसे ही कुछ परेशान सा लग रहा है सुरेश” रमिया चाची ने बताया

मोबीना कुछ देर रमिया चाची के पास बैठने के बाद घर वापिस चली आयी .

घर में मोबीना के ससुर अपने लड़के सलीम के साथ बैठे कुछ चर्चा कर रहे थे

“अरे भाई बीमारी अगर फैली है तो उसका कोई इलाज़ भी तो होगा , अब ये तो कोई बात नहीं न हुई कि भाई बीमारी से डरकर घर से ही निकलना छोड़ दिया जाये ,हाँ ..ये मुमकिन हो सकता है अमीर लोगों के लिए ,पर हमारे जैसे रोज़ कमाने खाने वाले लोगों के लिए  तो ये बड़ी मुश्किल पैदा करने वाली बात है भाई ”

सलीम  खबरें टीवी आदि पर सुनता रहता था इसलिए उसने भी अपना ज्ञान बघारा

“नहीं अब्बू ,इस कम्बखत वायरस का यही इलाज़ है कि लोगों को एक दुसरे से मिलने से रोक दिया जाए तभी इसको रोक जा सकता है वरना ये सबकी जान इसी तरह ले लेगा”

बापबेटे की ये बातें सुनती हुयी मोबीना सीधे किचन में चली आईऔर रोटियां बनाने के लिए आटा लगाने लगी.

एक दो दिन बीतें होंगे ,अचानक से मोहल्ले में कानाफूसी तेज़ हो गयी थी ,मोबीना ने भी जानकारी ली कि माज़रा क्या है तो उसे पता चला कि रमिया चाची का लड़का सुरेश अस्पताल गया था दवाई लेने के लिए ,वहां डॉक्टरों ने कुछ सवाल जवाब किये तो उसमें सुरेश के दुबई से वापिस आने और हवाई अड्डे से बाथरूम जाने का बहाना करके और बिना जांच कर घर आने की बात सामने आयी थी डॉक्टरों ने कुछ जाँचे करी तो सुरेश को कोरोना वायरस से ग्रसित पाया गया और अब उसको क्वारंटीन में रखा गया है.

मोबीना ये सब सुनकर परेशान हो उठी क्योंकि टी वी पर देखकर वह इतना तो जान ही गयी थी कि जो व्यक्ति कोरोना वायरस से ग्रसित हो जाता है उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति को भी संक्रमण का खतरा भी रहता है और वह भी तो सुरेश के संपर्क में आयी थी और तो और कोल्ड ड्रिंक भी पिया था .

तो क्या उसे भी संक्रमण हो गया होगा ?

और उसे भी संक्रमण हो गया ,तो क्या वह मर जायेगी ?

कुछ दिन ही बीतें थे कि सलीम के मोहल्ले मे डॉक्टरों की एक टीम आयी ,डॉक्टरों की टीम यह सुनिश्चित कर रही थी कि दुबई से लौटे हुए सुरेश के संपर्क में जो लोग आये थे उन्हें कोई संक्रमण तो नहीं है .

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उन डॉक्टरों की टीम ने अपने आपको पूरी तरह से एक विशेष प्रकार के आवरण से कवर कर रखा था  और अपने मुंह पर मास्क लगाया हुआ था और वे डॉक्टरी उपकरणो से लोगों को चेक कर रहे थे .

डॉक्टरों की टीम ने अभी तक कुल आठ दस लोगों को चिन्हित कर लिया था ,जिन्हें कोरोना पॉजिटिव होने का खतरा लग रहा था .

मोबीना घर में ही दुबक गयी थी उसे डर लग रहा था  ,वह मन ही मन ये सोच रही थी कि कहीं वो भी कोरोना वायरस से संक्रमित न हो पर जब कोई आपदा इतने बड़े स्तर पर फ़ैल कर पूरी मानवता को तबाह करने पर लगी हो तो भला घर में छुपने से काम कहाँ चलता है  .

डॉक्टरों ने मोबीना को भी घर से बुलवाया और उसके भी प्रारंभिक टेस्ट किये ,और टेस्ट के बाद  कुछ लोगों को क्वारंटीन में रहने के लिए साथ में ले गए जिसमे से रमिया चाची के साथ मोबीना भी थी .

मोबीना ने जब क्वारंटीन में जाने का विरोध किये तो उसके शौहर सलीम ने ही उसको समझाया

“अरे तुम घबराओ मत मोबीना ,ये डॉक्टर ,ये जाँचे ये सब हमारे अच्छे के लिए ही है ,तू बेफिक्र होकर जनके साथ जाओ और यहाँ की चिंता छोड़ दे ,हम सब तुम्हारे लौटने की दुआ कर रहें हैं ,उम्म्मीद है तुम जल्दी ही सेहतमंद हो जाओगी ”

“हाँ ..पर मेरी बेटियों का धयान कौन रखेगा ,आपको तो घर का काम काज भी नहीं आता है फिर उनका ध्यान कौन रखेगा ” मोबीना ने रोते हुए चिंता व्यक्त करी

“अरे …हाँ तुम मत घबराओ ,घर के काम काज के लिए मैं यास्मीन को बुला लूंगा

वैसे तो मोबीना बहुत फिक्रमंद हो रही थी पर जब उसने यास्मीन का नाम सुना तो उसके बेचैन मन को थोड़ी राहत मिली ,फिर भी घर से दूर जाने का गम तो उसे सता ही रहा था .

यास्मीन जो मोबीना की छोटी  बहन थी ,वह मोबीना से छह साल छोटी थी .

आम तौर पर गाँव कस्बों मे आसपास के रिश्तेदार आज भी विपत्ति के समय एकदूसरे के काम आते हैं और इसी कारण ऐसे समय सलीम को अपनी साली की याद आयी थी

लौकडाउन में वैसे तो किसी भी काम के घर से निकलना मना था पर एक गाँव से पास के गाँव में खेती किसानी के काम के बहाने चोरी छुपे जाया जा सकता था .

इसी बहाने का सहारा लेकर यास्मीन को उसके घर से लिवा लाया था सलीम .

अपनी बहन के घर आकर यास्मीन ने सारा काम काज संभाल लिया था ,बच्चे भी मौसी के साथ घुल मिल गए थे और यास्मीन भी अच्छे तरह से उन लोगों को संभाल ले रही थी .

उधर मोबीना को क्वारंटीन में रखा गया था ताकि बीमारी की अच्छी  तरह से जांच हो सके ,इसी जगह पर कहीं सुरेश और रमिया चाची भी होंगी ,पर क्या फायदा ?

जब एक दूसरे से मिल ही नहीं सकते मिलना तो दूर वो सब अपने लोग तो मोबीना को दिखाई ही नहीं देतें है

बस डौक्टर और नर्स  का ही आना जाना रहता है ,वो भी अपने आपको पूरी तरह से ढके हुए

किसी की भी शक्लें सही से देखे हुए कितना टाइम हो गया है यही सब की उधेड़बुन में रहती थी मोबीना .

मोहल्ले के लोग हैरान और परेशान थे कि कैसे इस कोरोना वायरस की जद में उनके मोहल्ले के लोग भी आ गए ,

क्या सच में वह वायरस सुरेश के साथ आया था ?

या फिर और कोई संक्रमित होकर आया और उसने मोहल्ले में संक्रमण फैलाया ?

हाँ इतना ज़रूर था कि इन बातों को कोई एक दूसरे से कहता नहीं था पर परेशान तो मोहल्ले के सभी लोग थे .

पर ऐसी दशा में कोई था जो मोबीना के जाने और यास्मीन के आने से खुश था पर कौन था वो?

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वो कोई और नहीं बल्कि सलीम था क्योंकि उसकी नज़र हमेशा से ही यास्मीन  पर थी और इसी के चलते उसे अपनी पत्नी के क्वारंटीन में जाने का कोई दुःख नहीं हुआ बल्कि वो यास्मीन को लॉक डाऊन के खतरे के बाद भी लिवा लाया था .

“यास्मीन …देखो आज तक मैंने मन की बात तुमसे सामने से कभी नहीं कही ..हाँ पर ये अलग बात है कि तुम शायद उस बात को मन ही मन समझती रही …

दरअसल जब मैंने तुम्हे  मामा के यहाँ एक शादी में देखा था तभी तुम मुझे पसंद आ गयी थी और मैंने तुम्हरे लिए पैगाम भी भिजवाया था पर

मोबीना तुमसे उम्र में बड़ी थी और उसके रहते तुम्हारी शादी करने में तुम्हारे घर वालों ने आना कानी करी और  उल्टा मेरे घर वालों से मोबीना की शादी मेरे साथ करने पर ज़ोर दिया …तुम्हारे घर की माली हालत देखकर मेरे घर वालों ने मेरे साथ मोबीना की शादी करा दी  और …और इस ज़माने के कारण मैं कुछ कह भी न सका ,पर आज मैंने अपने दिल की बात तुमसे कह दी है और हैं मैं तुमसे बेपनाह मोहब्बत करता हूँ”  रसोईघर में खाना बनाती यास्मीन से सलीम ने मन की बात कह डाली

बच्चे घर में टीवी देखने में व्यस्त थे इसीलिये यास्मीन ने भी अपनी बात कह देने ठीक समझी

“देखिये  जो बीत गया है  उसे भूल जाइए ,मैं आपको अच्छी लगी या आप मुझे अच्छे लगे पर अब काफी समय बीत चुका है आप अब  दो लड़कियों के बाप है और आपको ये सब करना अच्छा नहीं लगता …इसलिए किसी नए रिश्ते को जन्म मत दीजिये ”

यास्मीन का दो  टूक का उत्तर सुनकर सलीम जड़वत हो गया था ,उसे इस तरह के सूखे उत्तर की आशा नहीं थी उसे ,बेचारा मन मसोस कर रह गया था .

कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा था ,कस्बे और गाँव में भी पुलिस की गश्त बढ़ती जा रही थी जोये सुनिश्चित करती थी कि लोग सामाजिक दूरी बनाकर रहें.

रात गहरी हो रही थी ,यास्मीन भी नींद में थी ,अचानक एक हाथ  उसकी जांघो को सहलाने  लगा ,कुछ देर बाद यास्मीन ने अपने सीने पर किसी के हाथों का दबाव महसूस किया ,यास्मीन समझ गयी थी कि वह सलीम ही होगा जो दिन के उजाले में अपनी बात नहीं मनवा पाया तो रात में जबरदस्ती अपनई मर्दानिगी दिखाने आया है उसने धक्का देकर हटाने की कोशिश करी पर औरत तो औरत है ,मर्द ही हमेशा औरत पर भारी पड़ता आया है और आज भी वही हुआ .

सलीम का पुरुषत्व यास्मीन के कोमल जिस्म को दबा चुका था और सलीम ने अपने को तृप्त करने के लिए शुरुवात  कर दी थी ,हालाँकि यास्मीन आज तक तो कुंवारी थी पर आज जब उसका कौमार्य भंग हुआ तो उसे भी कुछ अच्छा सा लगा उस ने कुछ देर तक तो विरोध किया पर कुछ देर बाद उसे भी आनंद आने लगा पर उसने प्रकट रूप में अपने गुस्से को बनाये ही रखा .

सुबह सलीम विजयी भाव से अपने घर में घूम रहा था ,कभी तो बेवजह यास्मीन के आगे पीछे घूमता तो कभी जबर्दस्ती उससे बोलने की कोशिश करता .

और बच्चे तो यही समझ कर खुश होते रहे कि मौसी उनको समय पर खाना और पानी देती है पर दूसरी तरफ तो और ही खेल चल रहा था

उधर मोबीना को क्वारंटीन में रखा गया था और  सही सामाजिक दूरी ,एहतियात के बाद जब मोबीना के सारे टेस्ट कोरोना नेगेटिव आये तो डौक्टरों ने मोबीना को घर जाकर रहने की सलाह दी और कुछ नियम भी बताये जो उसे अब भी बरतने थे .

आज मोबीना घर आकर बहुत खुश थी ,उसके बच्चे बार बार माँ  -माँ कह  कर आ लिपट जाते थे .

यास्मीन भी अपनी बहन के सकुशल घर आ जाने से खुश थी .

एक सलीम ही ऐसा व्यक्ति था ,जिसके सीने पर मोबीना को देख सांप लोटे जाते थे .

रात को खाना खाने के बाद जब मोबीना अपने होठो से सलीम के होठों को चूमने लगी तो सलीम ने उसे हाथ मारकर  अलग कर दिया .

“उफ़ मोबीना …तुम अपना इलाज़ करा कर आयी हो और तुम्हे तो अभी मुझसे दूर रहना चाहिए पर ऐसा लगता है कि तुम अपनी  सेक्स की प्यास बुझाने के लिए मुझे भी बीमार करने से बाज़ नहीं आओगी”

आँसुओं में टूट गयी थी मोबीना ,बीमारी के बाद अपने शौहर से ऐसी उम्मीद नहीं थी उसे ,पर अपने मन को उसने के कहकर समझा लिया कि कोई बात नहीं कुछ दिन में सब सही हो जायेगा.

पर सही तो जब होता जब सलीम की नीयत सही होती ,सलीम का व्यवहार दिनबदिन मोबीना के प्रति खराब होता गया .

मोबीना ने यही समझ कि लॉकडाऊन में ज़रा पैसे की किल्लत हो रही है इसीलिये सलीम ज़रा चिड़चिड़े हो गए हैं .

“अप्पी …अब आप आ गयी हो और आपकी तबीयत भी ठीक हो गयी है इसलिए …हो सके तो मुझे घर भिजवा दो”यास्मीन ने मोबीना से कहा

“अरे …ऐसी भी क्या बात है …चली जाना “मोबीना ने कहा

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“हाँ …पर घर पर भी कुछ काम है इसलिए ….मेरा घर जाना ही उचित होगा” यास्मीन ने सलीम और मोबीना की कलह की जड़ को भांपते हुए कहा

“ठीक है मैं  बात करती हूँ तेरे जीजा से”

रात को बिस्तर पर मोबीना ने यास्मीन को घर छोड़कर आने की बात कही तो अचानक चौक उठा था सलीम पर उसने अपने गुस्से का प्रदर्शन नहीं किया और चुपचाप सो गया.

रात में मोबीना की आंख खुली तो सलीम को उसने बिस्तर पर नहीं पाया  पर यास्मीन वाले कमरे से कुछ आवाज़ आती सुनाई दी तो उसने कान लगाकर सुनने की कोशिश की ओर की ओट से अंदर झाँका तो उसे वो दिखा जो नहीं दिखना चाहिए था .

अंदर कमरे में सलीम और यास्मीन  एक दुसरे से लिपटे हुए थे और सलीम कह रहा था .

“ओह…जानेमन …भला तुम जाने की बात क्यों करती हो ….अगर किसी को जाना होगा तो वो यास्मीन जाएगी …तुम नहीं”  यास्मीन के होठो को चूसते हुए सलीम ने कहा.

“पर वो अबकी बीवी है और मैं तो कुछ भी नहीं ..मेरा और आपका रिश्ता भी तो नाज़ायज़ है ….फिर मैं कैसे?”

“अरे नाज़ायज़ और जायज़ कुछ भी नहीं होता …और वैसे भी मैं उसे तलाक़ देने जा रहा हूँ और  जबसे  मोबीना को ये छूत की कोरोना वाली बीमारी लगी है न तबसे मुझे तो उसे छूने में भी घिन आती है ”

मोबीना पर तो जैसे आसमान ही टूट पड़ा था  अब क्या करेगी वो ?कहाँ जायेगी वो?

वो तो इतनी पढ़ी लिखी भी नहीं कि चार पैसे कमाकर  अपना और बच्चों का पेट ही भर ले ,फिर ,फिर क्या करेगी अब मोबीना …..

मोबीना वहीँ फर्श पर पछाड़ खा कर गिर गयी थी.

कोरोना और लौकडाउन ने मोबीना की पूरी ज़िंदगी ही तबाह कर दी थी .

ये था मोबीना की ज़िंदगी पर कोरोना का साइड इफेक्ट.

स्वरा भास्कर ने दिया पीएम की अपील पर रिएक्शन, ट्रोल करते हुए यूजर्स ने पार की हदें

फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर हर वाजिब मुद्दे पर खुल कर बोलनें वालों में शुमार हैं. भले ही उन्हें इसके लिए आलोचना का समाना क्यों न करना पड़े. लेकिन वह इन चिंताओं से दूर अपनी भावनाएं सोशल मीडिया पर खुल कर जाहिर करती रहतीं हैं. अब उन्हें अपने ट्विटर एकाउंट पर कोरोना को लेकर किये गए एक प्रतिक्रिया को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

पीएम ने की थी ये अपील…

स्वरा नें यह प्रतिक्रिया प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के उस अपील पर दी है. जिसमें उन्होंने 5 अप्रैल यानी रविवार की रात 9 बजे सभी लोगों से घर की लाइट बुझाकर 9 मिनट तक दिए, मोमबत्ती जलाने और मोबाइल के फ्लैश लाइट को जलाने का आग्रह किया है. इसके पहले भी प्रधानमन्त्री नरेद्र मोदी नें 22 मार्च को कोरोना संकट में एक जुटता के लिए शाम 5 बजे ताली-थाली बजाने का आह्वान किया था. जिस पर आम जनता से लेकर सेलेब्रेटी नें बखूबी अमल किया था.

स्वरा ने किया ये कमेंट…

स्वरा भास्कर नें प्रधानमंत्री के इसी अपील पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. स्वरा नें अपने ट्विटर एकाउंट पर एक पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है “थाली बजाएंताली बजायेंदिये जलाएंटॉर्च चलाएं सब करें.. बस याद रखें कि अस्पतालों में डॉक्टरनर्सेज़ और मेडिकल कर्मचारी हैं जिन्हें इन प्रदर्शन से ज़्यादा ग्लवमास्क इत्यादि अपनी सुरक्षा की सामग्री चाहिए अपनी जान बचाने के लिए ताकि वो #corona से देश को बचा पाएँ! #DocsNeedGear”. 

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यूजर्स ने किया जमकर ट्रोल…

स्वरा के इस प्रतिक्रिया के बाद यूजर्स हाथ धोकर उनके पीछे पड़ गयें हैं. ट्विटर पर दिए गये इस प्रतिक्रिया पर उन्हें जमकर गालियां भी मिल रही है लेकिन स्वरा इस सबसे बेफिक्र है.

प्रणव महाजन (Pranav Mahajan) नाम के एक यूजर्स “आपसे विनर्म अनुरोध है कि आप कुछ दिन के लिए social media से self quarantine हो जाएं. देश को बचाने में यही आपका सहयोग होगा”

स्वरा भास्कर के इस प्रतिक्रिया पर यूजर्स नें जो ट्रोल किये उसमें तो कई नें निहायत ही घटिया किस्म का कमेन्ट किया है. आप इसी से अंदाज लगा सकतें हैं की स्वरा के इस प्रतिक्रिया पर 8 हजार से अधिक लोगों नें ट्रोल किया है और कई नें तो बहुत ही अश्लील और गंदे मीम्स भी दिए हैं.

वाजिब है स्वरा का सवाल…

लेकिन प्रधानमन्त्री के दिए जलाने वाली अपील पर स्वरा द्वारा दी गई प्रतिक्रिया भी वाजिब हैं क्यों की देश के अधिकांश स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से बचाव में काम आने वाली किट की भारी कमी से जूझ रहें हैं. ऐसे में प्रधानमन्त्री द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा पर सवाल उठाना वाजिब भी है क्यों की डॉक्टर से लेकर नर्सेज तक अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना पीड़ितों का इलाज करनें में लगें हैं.

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Lockdown के चलते अपनी हौट फोटोज से चर्चा में आई रश्मि देसाई, देखें Photos

कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी को लेकर दुनियाभर में लड़ाई जारी है. भारत में अभी 21 दिन का लौकडाउन (Lockdown) चल रहा है. ऐसे में फिल्‍म और टीवी इंडस्‍ट्री से जुड़े कई लोग सामने आ कर लोगों को अपने अपने घरों में रहने की सलाह दे रहे हैं और साथ ही टिप्स भी दे रहे हैं कि हम सब अपने घरों में रह कर क्या क्या कर सकते हैं. इसी के साथ ही टीवी इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस रश्मि देसाई (Rashami Desai) ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम पर अपनी कुछ फोटोज शेयर की है जिसमें वे बेहद खूबसूरत दिखाई दे रही हैं.

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कुछ दिनों पहले रश्मि देसाई (Rashami Desai) ने सोशल मीडिया पर अपनी कुछ ऐसी फोटोज शेयर की थी जिसे उनके फैंस ने काफी पसंद किया और हर बार की तरह रश्मि के फैंस ने उनके इस लुक को भी भरपूर प्यार दिया. इस लुक में रश्मि ने यैल्लो कलर की वन पीस ड्रैस (One Piece Dress) पहनी हुई है जिसमें वे काफी हौट (Hot) और ग्लैमरस (Glamourous) दिखाई दे रही हैं.

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रश्मि देसाई (Rahsami Desai) की इन फोटोज को उनके फैंस खूब पसंद कर रहे हैं और साथ ही उनकी तारीफ कर लगातार कमेंट्स कर रहे हैं. इन फोटोज को देख ऐसा कहा जा सकता है कि इस लौकडाउन के समय में रश्मि काफी अच्छे से अपनी मा टाइम बिता रही हैं और साथ ही अपने लुक्स पर काफी ध्यान दे रही हैं. वैसे देखा जाए तो रश्मि देसाई है ही इतनी सुंदर कि कोई भी उन्हें देख उनकी तारीफ किए बिना रह ही नहीं पाता.

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Happy raam navmi 💝🍀 . . Earring set: @urbanmutiyar Suit : @komalsandhu14

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रश्मि देसाई (Rashami Desai) ने इन ग्लैमरस फोटोज के बीच अपनी एक ट्रैडिशनल (Traditional) फोटो भी फैंस के साथ शेयर की है जिसमें वे सबको राम नवमी (Ram Navmi) की बधाई दे रही हैं. इस फोटो में रश्मि ने साड़ी पहनी हुई है और साड़ी के साथ ही उन्होनें हैवी ज्वैलरी भी पहनी हुई है. इसी के साथ ही उन्होनें इस फोटो के कैप्शन में लिखा है कि,- “May lord ram showers His blessings On you and your family, I wish you all joy, harmony & prosperity on RAM NAVAMI For you and your family.”

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कमली और कोरोना

लेखक- नीरज कुमार मिश्रा

“जब सब लोग अपने अपने घर म आराम से सो रहे होते ह तब हम लोग क सुबह होती है और जब सब लोग सुबह के  सूरज को सलाम कर रहे होते है, उस समय तक हम लोग थककर चूर हो जाते है “मुबई क एक सुनसान सड़क पर खड़ी ई कमली अपने आप से  ही बुदबुदा उठ थी “पता नह य ,आजकल सड़क पर इतना साटा य रहने लगा है ,पहले तो अपने को शाम आठ बजे से ही ाहक मलने शु हो जाते थे और रात के एक बजे तक तो म तीन चाराहक से धधा कर लेती थी पर अभी दस बजने को आये और एक भी ाहक नह आया ” ाहक के ना आने से झुंझुला रही थी कमली

“ऐ…तुम लोग को कुछ समझ म नह आता ….सारी नया  म बीमारी फ़ैल रही है ,लोग को घर से नकलने को मना कया गया है और तुम लोग को घर म भी चैन नह मल रहा है ….रात यी नह क नकल पड़ी सड़क पर” पीछे से मोटरसाइकल पर सवार दो पुलिसवाल में से एक ने चिल्लाकर कहा…

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“अरे….या साहब …हम लोग बाहर नह नकलगे तो  खाएंगे या ,कौन हमको बैठे बैठे खलायेगा .…हम लोग को तो रोज़ ही कुआं खोदना है और तभी अपुन लोग को पानी नसीब होता है साहब ” कमली ने तवाद कया “चलो….चलो …बक बक  मत करो अब ….बत देर यी ….अब भागो यहाँ से “एक पुलसवाला चलाते ए बोला “अरे …तुमको भी कुछ चाहए तो बोलो …और नह चाहए …तो आप अपने काम पर जाओ और मुझे अपना काम करने दो साहब ,अभी तक बोहनी भी नह ई है अपनी” कमली ने अपनी आवाज़ म मठास घोलते ए कहा जब कमली ने इस तरह से पुलस वाल से रकवेट करी तो वे भी मुकराते ए वहां से नकल गए और जाते जाते कमली को चेताया क थोड़ी देर के लए ही वे छूट दे रह है और उनक वापसी करने तक वह वापस चली जाए ,बदले म कमली ने भी सर झुकाकर उनक बात मान लेने का अभनय कया. सूनी आँख से अब भी सड़क को नहार रही थी कमली , जो सड़क रात को और अधक गुलज़ार रहती थी उन पर आज साटा है जसका कारण कोरोना वायरस ारा संमण का फैलना है जसके कारण ज़री कामो को छोड़कर बाक लोग को घर से नकलने को मना कया गया है ,पर कमली जैसी औरत जो धधा करती है अगर वो बाहर नह नकलेगी तो खायेगी या, उसके लए तो सड़क पर नकलना बत ज़री है. “आज भी खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ेगा ,कोई भी ाहक नह दख रहा …….”मायूस हो चुक थी कमली “सुनो..”कोई मदाना आवाज़ थी जो कमली के ठक पीछे से आयी थी कमली ने बड़ी ही आशा भरी नज़र से पीछे घूमकर देखा वह एक लंबा सा युवक था ,जसक उ करीब अड़तीस -चालीस के पास होगी , और देखने से काफ  पैसे वाला लग रहा था वह लगातार कमली को घूरे जा रहा था  उस युवक को अपनी और ऐसे घूरते देखकर कमली को लगा क कम से कम एक ाहक तो आया “ऐसे य घूरे जा रहे हो…..यहाँ घूरने का भी पैसा लगता है”कमली ने इठलाते ए कहा “नह ….मेरा काम सफ घूरने भर से नह होगा ….म तो तुहारे  साथ एजॉय करना चाहता हूं “उस युवक ने कमली के उत सीने पर नज़र टिका दे.

“वो…एजॉय तो ठक है पर …उसका पैसा देना होगा”कमली ने अपने खुले सीने को ढकते ए कहा “कतना पैसा लोगी तुम?बताओ तो सही” वह युवक बत हड़बड़ी म और थोड़ा घबराया आ सा लग रहा था “अब साहब ….वैसे तो म तीस हज़ार लेती ँ तुम बोहनी के समय आये हो इसलये थोड़ा कम दे दो म कुछ नह कँगी….”कमली ने अंगड़ाई लेते ए कहा “अरे …तुम तीस क बजाय पैतीस ले लेना….. बस तुम मुझे एक बार खुश कर दो…  जतना मांगो म उतना पैसा देने को तैयार ँ ” युवक के वर म उेजना थी ये बात उस युवक ने कुछ इस कार थी क कमली भी एक पल को कुछ सोचने लगी थी अगले ही पल कमली ने उस युवक से सवाल कया “पर ..अभी तक तुमने अपना नाम तो बताया ही नह”कमली ने पूछा ” अजीत …अजीत सह है मेरा नाम”जद से युवक ने अपना नाम बताया “हाँ तो ठक है अजीत बाबू …अपनी डील पक हो गयी है …तो चलो .कस होटल म  ले चलना है ….या फर अपनी गाड़ी म ही अपने अरमान पूरे करने का इरादा है”कहने के साथ ही कमली मादक ढंग से हँसने लगी थी “देखो सारे होटल तो बंद ह …और मेरे पास गाड़ी वगैरह भी नह है” अजीत ने कहा “ऐ…तो या यह सड़क पर नपटने का इरादा है या” कमली ने आँख तरेरी “नह …नह यहाँ नह…अगर हम दोन लोग तुहारे घर पर चलकर…. एजॉय कर तो तुहे कोई एतराज तो नह होगा” अजीत सकुचा रहा था “वह अजीत बाबू …एक ही मुलाकात म इतनी मोहबत कर बैठे क मेरा घर तक देख लेना चाहते हो ..पर बाबूजी म तुहे बता ँ क घर के नाम पर अपने पास एक खोली है …और वहां तक जाने के लए हम लोग को थोड़ा पैदल चलना होगा”  “हाँ…..हाँ ..म तैयार ँ  बताओ कधर चलना है “अजीत कमली क हर बात म राज़ी होता दख रहा था चौड़ी सड़क को छोड़कर वे दोन अब तंग गलय म आ गए थे.

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इन गलय म साफ़ सफाई क कोई वथा भी नह दख रही थी ,अचानक से अजीत सह को सूखी खांसी आने लगी  ,पहले तो उसक खांसी पर कमली का यान नह गया पर जब अजीत सह क खासी कुछ यादा ही बढ़ गयी तो कमली ठठक “या बात है तुहे तो लगातार खासी आ रही है?”कमली ने पूछा “हाँ ….वो ज़रा गले म कुछ फस गया था इसलए खासी आ गयी”अजीत ने सामाय दखने का यास कया “फर भी …ये मेरे पास खासी क गोली है …तुम इसे खा लो …तुहे आराम मल जायेगा” कमली ने अजीत को खासी क गोलयां देते ए कहा अजीत ने भी बना कोई वरोध कये वो खांसी के गोली चुपचाप खा ली. “तुहे पता है क आजकल पूरी नया म एक वायरस ने खौफ फैला रखा  है ,उस वायरस को कोरोना वायरस कहते ह और सुना है क जो  कोरोना वायरस से संमत होता है उसे भी मेरी तरह खासी आती है  ,और बुखार भी आता है और बाद म सांस लेने म भी दकत   होती है ,पर मुझे डरने क ज़रत नह है ये खासी वासी तो ऐसे भी आती ही रहती है “कहकर अजीत मुकुराने लगा था “वैसे तुहारा नाम या है”अजीत ने चलते ए पूछा “कमली” “बत सुंदर नाम है तुहारा ,पर सोचता ँ क अगर तुम धंधे वाली नह होती तो एक बत अछ डॉटर बन सकती थी” मुकुरा रहा था अजीत “अरे य मज़ाक करते हो साहब …म भला या डॉटर बन सकती थी”कमली शमा सी गयी “हाँ हाँ बलकुल …एक अछ डॉटर ..देख न तुहारे बैग म मेरे लए दवा भी मल गयी…अब तुमने दवा द है तो मुझे तुहारी फस भी तो देनी होगी ना” इतना कहते ए अजीत सह ने अपनी जेब म हाथ डाल कर दस बीस नोट कमली क तरफ बढ़ाए  पर वह  कोई वदेशी करसी  थी जसे देखकर कमली के मन म कुछ संदेह उ होने लगा तो अजीत सह उसक मनोभावना को समझते ए हँसने लगा और बोला  “अरे तुम घबराओ मत …बई क करसी के अलावा  भारत के नोट भी है …ये लो भारतीय नोट “कहकर अजीत सह ने 500 के ढेर सारे नोट कमली क तरफ बढ़ दये ढेर सारे नोट देखकर कमली क आँख म चमक आ गयी ,उसने लपकर पये ले लए और अपनी चोली म खस लए अभी भी दोन लोग तंग गलय से ही गुज़र रहे थे ,बीच बीच म अचानक कुो के भोकने क आवाज़ आने लगती तो कमली धत कहकर कु को खामोश कर देती एक खोली के बाहर पँच कर कमली क गयी थी ,हाँ यही तो थी उसक खोली ,अजीत सह ने उसक खोली देखकर राहत क सांस ली.

अब वे दोन खोली के अंदर थे ,अजीत सह ने कमली को अपनी बाह म जकड लया और बेतहाशा उसे चूमने लगा ,कमली भी उसका भरपूर साथ दे रही थी ,अजीत क साँसे फूल रही थी ,उसने कमली के जूड़े म लगा आ पन नकाल दया और उसक कैद जफ को आज़ाद कर दया , और बारी बारी कमली के कपड़ो को भी हटा दया वे दोन पैदायशी हालत म बतर पर पँच गए . अजीत सह बतर पर पचते ही लेट गया  “अछा …अजीत बाबू …मजा भी चाहए ..और मेहनत भी नह करना चाहते ..अब सब कुछ हम  को ही  करना पड़ेगा या?  अजीत क टांग के ऊपर बैठते ए कमली ने कहा  “हाँ…दरअसल …अपनी जदगी म म कभी भी अछा ाइवर नह रहा ँ ….इसीलये आज गाड़ी चलाने क ज़मेदारी तुहे दे द है ….गाड़ी तुम चलाना शु तो करो ….अगर मेरा मन करेगा तो बाद म ाइवग सीट पर म आ जाऊँगा” अजीत सह ने  कमली क कमर वाले हसे को दबाते हटे कहा रात के साटे म उन दोन क साँस क आवाज़ खोली म गूंज रही थी और जम दहक रहे थे ,अजीत के शरीर के ऊपर बैठ ई कमली अचानक से नढाल होकर एक और गर गयी और अजीत भी नढाल होकर कमली क पीठ से लपट गया.

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थोड़ी देर तक दोन इसी हालत म  पड़े रहे करीब दस मनट बाद अजीत ने कमली के कान पर पडी यी जुफ हटाकर  धीरे से कहा “कमली …मुझे भूख लगी है ….कुछ खाने को दे ना” अजीत क ये खाने वाली फरमाइश ने कमली को वच हालात म लाकर खड़ा कर दया था एक तो खोली म खाने क कोई चीज़ नह थी और सरी बात ये क आज तक जतने भी ाहक आये वे सब कमली के साथ सेस करने के बाद वहां से  चले गए पर ये पहली बार था क कसी ाहक ने उससे खाना माँगा था ये बात कमली को हैरान भी कर रही थी और कसी के ारा अपनेपन से खाना मांगने के कारण खुश भी हो रही थी.हालाँक कमली का शरीर आराम मांग रहा था और उसक पलक भारी हो रही थी लेकन वह खाना बनाने क गरज   से बतर छोड़कर उठ . खोली के एक कोने म ज़रत का सारा सामान जमा करके उसे कचन क सी शल दे द गयी थी ,एक गैस चूहा और कुछ बतन और कुछ सजयां और आटा ,चावल ,दाल के कुछ डबे म ही कमली खाना बनाने का उपम करने लगी. बतर  म लेटे लेटे ही अजीत ने कमली क और देखा कहा  “तुमने पैसा कमाने के लए कोई और काम य नह पकड़ा कमली”  कमली के लए ये सवाल कुछ नया नह था इससे पहले भी कई ाहक आते थे जो पहले कमली के जम से अपनी द ई पूरी कमत वसूलते और बाद म शराब के नशे  कुछ इसी तरह क बाते करके फालतू क हमदद दखाते अजीत क बात सुनकर हँस पडी थी कमली  “या अजीत बाबू ….पूछा भी तो या पूछा …वEही दल को खाने वाली कहानी ….वैसे म सबको  बताती भी नह पर तुम अछे आदमी दखते हो इसलये बताती ँ  महारा के एक छोटे से गांव म हमारा घर था ,घर म पैसे क बत कमी थी और बाबूजी को शराब क लत लग गयी थी ,घर म जब पैसे खम हो गए तो बाबू जी ने मुझे एक दलाल को बेच दया और फर उस दलाल ने मुझे एक कोठे पर पचा दया और फर या था मुझे एक वैया बनने म समय नह लगा फर एक दन अचानक कोठे पर रेड पड़ गयी और हम लोग को गरतार कर लया गया ,म नाबालग थी इसलए मुझे बाल सुधार गृह भेज दया गया  पर वहां भी नेता टाइप के लोग आते और हमारा शारीरक शोषण करते थे ,मुझे वहां का माहौल पसंद नह था इसलए म एक दन वहां से मौका देखकर भाग गयी  और वहां से बाहर आते ही इस नया म जदा रहने के लए मुझे पैसे क ज़रत थी ,जो क अपने शरीर को बेचकर आसानी से कमाया जा सकता था और …..बस तबसे लेकर आज तक मेरा सफर ऐसे ही चल रहा है”कमली ने अपनी कहानी बयां कर द “ओह काफ खभरी कहानी है तुहारी …पर एक बात बताओ ….लोग कहते ह क तुहारे जैसे सेसवकर संमण फैलाते है ,जससे लोग म बीमारी फैलती है ,एड्स जैसी बीमारी फ़ैलाने म तुम लोग का अहम् रोल रहता है”अजीत ने पूछा “हाँ साहब….गलत काम करने का इलज़ाम हमेशा से ही गरीब लोग पर लगता आया है अरे कंडोम का यूज़ करने से हर बीमारी र रहती है तो आप लोग को कंडोम यूज़ करने म मज़ा नह आता है और अगर बाद म अगर कुछ हो गया तो दोष हम लोग का आता है और तो और अजीत बाबू कंडोम तो आज तुमने भी नह उसे कया है ” इसलए हो सकता है क कह तुहे भी कोई बीमारी न लग जाए” कमली बोली खाने क लेट अजीत के हाथ म देकर कमली भी उसी के साथ खाना खाने लगी “वैसे भी आजकल देश म कोरोना को लेकर बत सती चल रही है  यक अभी तक कोरोना क कोई भी दवाई भी नह बन पायी है

दरअसल म भी अभी तीन दन पहले ही बई से लौटा ँ ,जब म भारत पंच तो हवाई अे पर मेरा गहन चेकअप आ और उसके बाद मुझे एक अलग कमरे म रख दया गया और मुझसे ऐसा वहार कया जाने लगा जैसे मुझे कोई छूत क बीमारी हो ,मुझे लगने लगा था क शायद म कोरोना से त हो गया ँ और बत मुमकन है क म जीवत न रँ इसलये बत ही सुरा होने के बावजूद म सबक नजर बचाकर वहां से भाग नकला  और सीधा तुहारे पास पंचा यक म मरने से पहले जी भरकर जी लेना चाहता था और मन ही मन म बत घबराया आ था यक सीसीटवी म मेरी तवीर आ चुक होगी और अगर म कसी भी बस अे या टेशन पर अपने घर जाने के लए जाता  भी  तो  हो सकता था क मेरी खासी या बुखार को चेक कया जाता और मुझे कोरोना से संमत पाये जाने पर फर से मुझे अकेले कमरे म डाल दया जाता ,जो क म बलकुल नह चाहता था”इतना कहने के बाद अजीत ने घड़ी पर नज़र डाली ,सुबह के पांच बजने वाले थे  “अब मुझे जाना होगा ,  सुबह होने वाली है और मुझे खांसी भी आ रही है ….तुम मुझे खासी क दवाई और दे दो ताक म ठक से अपने घर तक पँच जाऊँ”ये कहकर अजीत क खासी और तेज़ हो गई थी और बुखार के कारण उसके माथे से पसीना भी आने लगा था कमली फट नज़र से अजीत को देख रही थी ,उसने कांपते हाथ से खासी क दवा अजीत के हाथ म दे द  अजीत हांफता आ तेज़ी से कमली क खोली के बाहर नकल गया. कमली अंदर साटे म बैठ ई थी और अचानक से कमली का सर भारी होने लगा था.

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Lockdown के दौरान भोजपुरी एक्टर पवन सिंह के इस गाने ने मचाया धमाल, देखें VIDEO

भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri Cinema) के स्टार एक्टर और गायक पवन सिंह (Pawan Singh)  के हाल ही में आये एक गाने नें ‘कमरिया हिला रही है ने रिकार्ड तोड़ सफलता हासिल किया और अब तक इसे 40 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं. इस गाने के बाद पवन सिंह का एक और भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) रिलीज हुआ है जो रिलीज होने के कुछ घंटों में सफलता के झंडे गाड़नें  में कामयाब रहा.

यशी फिल्म के यूट्यूब चैनल पर रिलीज हुए “नंबर ब्‍लॉक चल रहा है’” (Number Block Chal Raha Hai) नाम से रिलीज किये भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) में पवन सिंह (Pawan Singh) के साथ प्रियंका सिंह (Priyanka Singh) नें अपनी आवाज दी है.

एल्बम में साउथ की ऐक्ट्रेस मचा रही धमाल
“नंबर ब्‍लॉक चल रहा है’” (Number Block Chal Raha Hai) नाम से रिलीज हुए इस भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) में भोजपुरी सिने स्टार पवन सिंह (Pawan Singh) के साथ दक्षिण की मशहूर अभिनेत्री संजना गलरानी (Sanjana Galrani) धमाल मचाती नजर आ रहीं हैं. गानें में जहां वह पवन सिंह के साथ रोमांस करती नजर आ रहीं है वहीँ अपने सेक्सी और हॉट लुक से वह दर्शकों पर बिजली गिरा रहीं हैं. इसके पहले वह कलर्स चैनल के चर्चित शो मुझसे शादी करोगी में भी नजर आ चुकी हैं.

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भोजपुरी का पहला एलबम जिसके वीडियो की शूटिंग विदेश में हुई है
पवन सिंह के गाये “नंबर ब्‍लॉक चल रहा है’” (Number Block Chal Raha Hai) भोजपुरी वीडियो सॉंग (Bhojpuri Video Song) की शूटिंग दुबई के विभिन्‍न लोकेशन पर की गई है. इसी के साथ यह भोजपुरी सिनेमा के इतिहास में पहला ऐसा भोजपुरी एल्बम बन गया है जिसकी शूटिंग विदेश में हुई है.

इसके पहले सभी भोजपुरी गानों से जुड़े वीडियोज की शूटिंग मुंबई सहित देश के तमाम राज्‍यों में होती रही है. इस भोजपुरी वीडियो सॉंग के बैकग्राउंड  में दुबई के खूबसूरत लोकेशंन्स भी दर्शकों का मन मोह लेने वाला हैं.

 

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#Coming_Soon #NumberBlockChalRahaHai #PawanSingh #PriyankaSingh @yashifilms.official

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इस भोजपुरी वीडियो सॉंग में पवन सिंह (Pawan Singh) और संजना गलरानी (Sanjana Galrani) ने बेहद ही निराले अंदाज में रोमांस किया है. जिसके चलते ही रिलीजिंग के कुछ घंटों में ही भोजपुरी के गानों में टॉप ट्रेंड में आ गया है.

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बता दें कि इस गाने के निर्देशक कुमार सौरभ हैं (Director Kumar Saurav Sinha) संगीत निर्देशक साजन मिश्रा व आजाद सिंह(Music Director Azad Singh – Sajan Mishra)  हैं व गीतकार आजाद सिंह (Lyrics Azad Singh हैं). इस वीडियो एल्बम में कोरियोग्राफी संजय कोर्बे (Choreographer Sanjay Korbe) का है.  रिकार्डिंग और मिक्सिंग रवी यादव (Recording & Mixing Ravi Yadav) नें किया है. इस एलबम के छायांकन की जिम्मेदारी निभाई है सरफराज रासिद खान (Dop Sarfaraz Rashid Khan) नें और पीआरओ रंजन सिन्हा हैं.

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जैसा कि हम सब जानते हैं कि पूरे देश में एक साथ काफी बड़ी मुसीबत आई हुई है और इस मुसीबत का नाम है कोरोना वायरस (Corona Virus) जो रोज काफी लोगों की जान ले रहा है. इस बिमारी को सरकार ने महामारी घोषित किया हुआ है और साथ ही भारत को 21 दिन के लिए यानि 14 अप्रैल तक लौकडाउन (Lockdown) कर दिया है. इस मुसीबत की घड़ी में आज हर किसी ने अपने आप को अपने घर में कैद कर लिया है फिर चाहे वे बौलीवुड सेलेब्रिटीज हो या फिर आम इंसान.

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मोनालिसा ने शेयर की हौट फोटोज…

ऐसे में काफी बौलीवुड सेलेब्रिटीज सामने आए हैं जो कि अपने फैंस को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दे रहे हैं और सलाह के साथ ही वे टिप्स भी दे रहे हैं कि हम घर में बैठे बैठे किस प्रकार अपना समय बिता सकते हैं. इसी के साथ ही भोजपुरी (Bhojpuri) क्वीन मोनालिसा (Monalisa) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और अपनी नई-नई फोटोज अपने फैंस के साथ शेयर कर रही हैं.

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कैप्शन में कही ये बात…

इसी बीच मोनालिसा (Monalisa) ने अपनी बिकिनी फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर की है जिसमें वे काफी हौट दिखाई दे रही हैं. इन फोटोज में मोनालिसा अपने स्वीमिंग पूल के पास मल्टी कलर बिकिनी पहनी हुई नजर आ रही हैं. साथ ही उन्होनें अपने फैंस से रिक्वेस्ट की है कि सभी अपने-अपने घरों में रहें. आपको बता दें, इन फोटोज के कैप्शन में मोनालिसा ने लिखा है कि,- “When I Used To Go For A Swim… #waterbaby …. #throwback …. Abhi main Har Waqt Ghar Pe Hun… Aaplog bhi Rahiye Please… #lockdown #quarantine #stayhome #staysafe”

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फैंस देते हैं उनकी हर फोटो को भरपूर प्यार…

ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब उन्होनें अपनी हौट फोटोज शेयर की हो बल्कि वे अक्सर अपने फैंस के साथ अपनी हौट और ग्लैमरस फोटोज शेयर करती रहती हैं जिसे उनके फैंस काफी प्यार भी देते हैं.

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Coronavirus की वजह से घर में कैद ‘कार्तिक’ ने किया कुछ ऐसा, क्या आ रही है ‘नायरा’ की याद?

पूरे वर्ल्ड में फैले कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से भोरत में हुए लौकडाउन (Lockdown) की वजह से हर इंसान परेशान है. आम आदमी से लेकर बौलीवुड स्टार्स (Bollywood Stars) तक ने खुद को अपने-अपने घरों में कैद कर लिया है. भारत में लौकडाउन का कारण खुद के साथ साथ बाकी सब को बचाना भी है. ऐसे में कई बौलीवुड स्टार्स अपने-अपने घरों से फैंस के लिए वीडियोज बना कर सोशल मीडिया पर अप्लोड कर रहे हैं और साथ ही टिप्स दे रहे हैं कि घरों में रहकर कैसे खुद को एंटरटेंन कर सकते हैं.

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स्टार प्लस (Star Plus) का पौपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehelata Hai ) लंबे समय से दर्शकों का फेवरेट बना हुआ है और इसका कारण इस शो में लीड रोल निभा रहे आर्टिस्ट कार्तिक (Kartik) और नायरा (Naira) है. दरअसल दर्शकों को कार्तिक और नायरा की जोड़ी बेहद पसंद है. कार्तिक उर्फ मोहसीन खान (Mohsin Khan) और नायरा उर्फ शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) ने भी इन दिनों खुद को सेल्फ आइसोलेट कर रखा है और दोनों ही अपने-अपने घरों में कैद हैं.

ऐसे में कार्तिक (Kartik) यानि मोहसीन खान (Mohsin Khan) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें वे एक अतरंगी काम कर रहे हैं जिसे देख आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल इन दिनों हर कोई अपने घरों में रहकर परेशान हो गया है और ऐसे में कार्तिक अपने घर में बैठ कर एक मकड़ी से बात कर रहे हैं. जी हां, एक मकड़ी कार्तिक के घर की खिड़की पर आ बैठी जिससे कार्तिक बातचीत करने लग गए. कार्तिक यानी मोहसिन खान की ये हरकत देखकर हमें तो यहीं लगता है कि शायद उन्हें अपनी नायरा यानी शिवांगी जोशी की याद आ रही है. तभी तो उनकी याद में वो ऐसी हरकते करते दिखाई दे रहे हैं.

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सुनने में तो ये अजीब ही है लेकिन ये वीडियो इस बात का सबूत है कि लोगों का अपने घरों में टाइम बड़ी ही मुश्किल से कट रहा है. जहां एक तरफ कार्तिक अपने घर की मकड़ियों से बात कर रहे हैं तो वही दूसरी तरफ कार्तिक की को-स्टार नायरा यानि शिवांगी जोशी दूर पहाड़ो में अपना समय बिता रही है. शिवांगी ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से अपनी फोटो शेयर की है जो कि टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड की है.

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#coronavirus: कोरोना से लड़ने के लिए भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने दिए 1 लाख रुपए

कोरोना वायरस महामारी को लेकर दुनियाभर में लड़ाई जारी है. भारत में अभी 21 दिन का लौकडाउन चल रहा है. ऐसे में फिल्‍म इंडस्‍ट्री से जुड़े लोग भी मदद लेकर सामने आ रहे हैं. इसी में आज एक नाम अक्षरा सिंह का जुड गया है, जिन्‍होंने आज मुख्‍यमत्री राहत कोष में 1 लाख का चेक दिया है. उन्‍होंने इस चेक की तस्‍वीर भी साझा की है और कहा कि Covid-19 महामारी ने कई जिंदगियों को रोक कर रख दिया है. इस मुश्किल दौर में मैं बिहार के लोगों के लिए एक लाख रुपये डोनेट कर रही हूं. मेरी ओर से यह एक छोटी मदद है. आपको बता दें कि कोरोना महामारी में भोजपुरी इंडस्‍ट्री से मदद को आगे आने वाली पहली अभिनेत्री बन गई हैं अक्षरा सिंह. अब तक इस इंडस्‍ट्री से किसी अभिनेता, अभिनेत्री और अन्‍य लोगों ने कोई मदद नहीं की है.

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अक्षरा ने कहा कि बिहार में हालांकि अभी मामले कम हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह से सजग है. मैं भी अपने लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं, इसलिए मैं अपनी ओर से छोटी सी मदद भेज रही हूं. मैं आशा करती हूं कि हम मिलकर लड़ेंगे और इस महामारी को जल्द ही खत्म कर देंगे. अक्षरा ने कहा कि घर में रहना और साफ सफाई रखना ही हमारे लिए विकल्‍प है. इसलिए सरकार के निर्देशों का पालन करें. हम कोरोना को हराने में जरूर होंगे कामयाब.

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वहीं, अक्षरा सिंह ने लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह देते हुए अपने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो भी पोस्‍ट किया है. इस वीडियो में वे सूर्य नमस्‍कार करती नजर आयी हैं और उन्‍होंने अपने चाहने वालों को भी इसे चाइलेंज दिया है. अक्षरा लॉकडाउन से पूर्व लोगों के बीच मास्‍क,सेनेटाइजर और ग्‍लव्‍स भी बांटे थे. उस दौरान उन्‍होंने लोगों से कोरोना से लड़ने के लिए भी जागरूक किया था.

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