#coronavirus: कोरोना के कहर के बीच बदलते मौसम में रखें सेहत का ख्याल

मार्च से लेकर अप्रैल का पहला हफ्ता मौसम में बदलाव का होता है. इस महीनें में मौसम हल्का सर्द तो हल्का गर्म होता है. इस दौर में दिन में गर्माहट महसूस होती है, और सुबह-शाम हल्की नमी और ठंडक पड़ने लगती है. ऐसे में ज़रा सी लापरवाही आपके बीमार पड़ने का कारण बन सकती हैं. इन दिनों जुकाम, खांसी, बुखार, चेचक, खसरा,डायरिया, पेचिस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम बात हैं. ऐसे में जब पूरी दुनियाँ कोरोना यानी COVID-19 के प्रकोप से दो-चार हो रही हैं तो और भी जरुरी हो जाता है की हम अपने सेहत को लेकर बेहद सचेत रहें. क्यों की इस मौसम में होनी वाली अधिकतर बीमारियों के लक्षण कोरोना के लक्षण से मिलते हैं. फिर कहीं ऐसा न हो की आप मौसमी बीमारियों के चपेट में आकर नाहक ही कोरोना के शक में अस्पतालों की ख़ाक छानने लगें. इस दशा में अगर हम बदलते मौसम में कुछ चीजों पर ध्यान दें तो मौसम के बदलाव से होने वाली बिमारियों से बच सकतें हैं.

ऐसे पहचानें मौसमी बिमारियों को – कहीं ऐसा न हो की आप को कोई मौसमी बिमारी हो और आप उसे कोरोना समझ बैठें. अगर ऐसा हुआ तो डर की वजह से आप के परिवार के लोग भी आप से किनारा कर सकतें हैं. क्यों की लोगों के सिर पर कोरोना का खौफ इस कदर चढ़ा हुआ है की हल्की सर्दी, खांसी जुकाम भी डराने के लिए काफी है. इस लिए जरुरी हो जाता है की हम कोरोना और मौसमी बीमारियों के लक्षण में अंतर करना जानें. जिससे हम सही देखभाल से मौसमी बिमारियों से निजात भी पा सकें. क्यों की इस संक्रमण के बीच अस्पतालों में जाना भी खतरे से खाली नहीं है और वैसे भी लॉक डाउन में सामान्य परिस्थियों में घर से बाहर नहीं निकला जा सकता है.

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मौसम के बदलाव के दौर में जो बीमारियाँ होती हैं उसका कारण है की इस मौसम में इस मौसम में विभिन्न प्रकार बैक्टीरिया और वायरस जो मौसम के बदलाव के दौर में काफी सक्रिय होतें हैं.और इनके पनपने की आशंका भी काफी होती है. यही बैक्टीरिया और वायरस कई तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं. वहीँ दूसरी तरफ मौसम में होने वाला बदलाव हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम में भी बदलाव ला रहा होता है. क्यों की शरीर को एक मौसम से दूसरे मौसम के काबिल बनाने की प्रक्रिया से गुजरता है.

यही वह दौरा होता है जब हमारा शरीर और वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इम्फेक्शन के चपेट में आने के लिए सबसे मुफीद होता है. इस स्थिति में अगर आप को बदन तोड़ने वाले दर्द के साथ बुखार हो, खांसी, खांसी और  जुकाम हो या शरीर में दाने और खुजलाहट हो. तो यह सभी लक्षण मौसम में बदलाव में होने वाली बिमारियों के हो सकतें हैं. इस मौसम में एलर्जी, निमोनिया और फेफड़े के संक्रमण के बढ़ने की संभावनाएं भी ज्यादा होती हैं. ऐसे में कुछ सावधानियां बरत कर हम मौसमी बीमारियों से बच सकतें हैं.

खानपान की आदतों में लायें बदलाव – लॉक डाउन के चलते ज्यादातर लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहें हैं. ऐसे में लोगों के खान-पान में तली भुनी चीजें ज्यादा शामिल हो गई हैं. मौसमी बिमारियों को न्योता देने के लिए इस तरह की खाने-पीने की चीजें ज्यादा नुकसानदायक हो सकतीं है. इस लिए हमें चाहिए की हम अपने डेली रूटीन में खाने की ऐसी वस्तुएं शामिल करें जो बदलते मौसम में शरीर और सेहत के नजरिये से फायदेमंद हो. इस दशा में हम सुबह नाश्ते के पहले बादाम, पिस्ता ग्रीन टी या अदरक, तुलसी और काली मिर्च वाली एक कप गर्म चाय ले सकतें हैं. यह फेफड़े और इम्यून सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है. सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए सूप का सेवन भी किया जा सकता है. आप सुबह उठकर एक गिलास ताजा पानी पीएं, यह स्किन को ड्राई होने से बचाता है. फिटनेस पर ध्यान दें, रोज जिम जाएं,और रोज आधा घंटे टहलें.

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खानपान में विटामिन-सी व कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढाने की जरूरत होती है यह डिप्रेशन से दूर रखता है और दिमाग को तरोताजा रखता है. हम खाने में टमाटर, सलाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, हरी सब्जियां, चावल, गेहूं, सेब और ड्राइफ्रूट्स मात्रा भी बढ़ा कर मौसमी बिमारियों को कंट्रोल कर सकतें हैं. इसके अलावा हमें इस बात पर विशेष ध्यान देनें की जरूरत होती है की हम खाना खाने के एक घंटा पहले और खाना खाने के आधे घंटे बाद ही पानी पिएं कोशिश करें की खाने में खट्टी-मसालेदार, तली हुई चीजों, ठंडी चीजें जैसे आइसक्रीम, कोल्र्ड ड्रिंक से दूरी बना लें.

साफ़-सफाई का रखें विशेष ख्याल- कोरोना महामारी के इस दौर में लोगों में साफ-सफाई की आदतों में इजाफा हुआ फिर भी हमें मौसम के अनुकूल कुछ ज्यादा ही साफ़-सफाई पर ध्यान देनें की जरूरत है. इस दौर में हमें अपने हाथों की साफ़ –सफाई के साथ ही पहनें और ओढ़े जाने वाले कपड़ों की सफाई, घर की सफाई का भी विशेष ध्यान देनें की जरूरत होती है. हमें हाथों की सफाई पर विशेष सतर्कता बरतनें की जरूरत होती है इस लिए को कम से कम 20 सेकंड तक हथेली, उंगली, उंगली के टिप्स, हाथों के पीछे का हिस्सा और नाखून के आसपास के हिस्से को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए. इसके अलावा आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकतें हैं. हम कोशिश करें की घर के फर्श को फिनाइल या किसी कीटनाशक से सफाई करें. क्यों की इससे बैक्टीरिया और वायरस के पनपने की शंका कम होती है जिससे यह शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं.

बीमार लोगों से बनाएं दूरी- कोरोना महामारी में आपके सामने एक नया शब्द बार-बार आ रहा है उसका नाम है सोसल डिस्टेसिन्ग. इसी को बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा लॉक डाउन लगाया गया है. इसका सीधा मतलब है की कई बीमारियों का कारण आपसी संक्रमण भी होता है. क्यों की बीमार लोगों के संपर्क में आने से बैक्टीरिया और वायरस दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर जाते हैं. चूँकि मौसम के बदलाव में होने वाली अधिकाँश बीमारियाँ ही बैक्टीरिया और वायरस के चलते होती हैं. इस लिए किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आप न आयें इससे बचने के लिए आप भीड़ भाड़ वाले इलाके में न जाएं. अगर कोई व्यक्ति पहले से ही सर्दी-जुकाम या बुखार से पीड़ित है तो उससे हाथ मिलाने या गले मिलने से बचें. आप इस तरह से ऊपर बताये गए टिप्स को अपना कर बदलते मौसम में खुद को बीमारियों बचा कर रख सकतें हैं.

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घट रही है या बढ़ रही है, Lockdown में कंडोम की बिक्री

फरवरी के दूसरे हफ्ते यह खबर तेजी से वायरल हुई थी कि चीन और सिंगापुर में कंडोम की बिक्री बहुत तेजी से बढ़ रही है लेकिन सेक्स के लिए नहीं बल्कि लोग कंडोम का इस्तेमाल बतौर हेंड ग्लब्स ज्यादा कर रहे थे. यह वह वक्त था जब लोग कंडोम को कोरोना वायरस से लड़ने का कारगर तरीका बता रहे थे .  इस आशय की खबरें और फोटो भी तेजी से वायरल हुये  थे कि लिफ्ट के बटन और कार के हेंडल तक को पकड़ने हर कोई कंडोम का दास्ताना पहने था .

19 मार्च के बाद हमारे देश में कंडोम की बिक्री घटी है या बढ़ी है इस पर जबरजस्त विरोधाभास देखने में आ रहा है . कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंडोम की बिक्री बढ़ी है लेकिन हमारे यहाँ इसे हाथ के दास्तानों की तरह कहीं इस्तेमाल नहीं किया जा रहा बल्कि जिस काम के लिए यह बना है उस के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा है . कहा तो यह तक गया कि मास्क और सेनेटाइजर के साथ साथ दवा की दुकानों से सबसे ज्यादा बिकने बाला आइटम कंडोम है और लोग इसके छोटे नहीं बल्कि बड़े पेक खरीद रहे हैं.

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यह एक रोमांटिक अंदाजा भर हो सकता है कि लाक डाउन के चलते पति पत्नी खाली वक्त में इफ़रात से सेक्स करेंगे और किसी भी खतरे से बचने कंडोम स्वाभाविक रूप से इस्तेमाल करेंगे इसलिए वे थोक में कंडोम खरीद रहे हैं . हालांकि इस बात से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन अगर वाकई कंडोम के लिए मारामारी मची होती और यह भी ब्लेक में या ऊंचे दाम पर बिक रहा होता तो लाक डाउन की दिलचस्प खबरों में इसे निश्चित रूप से शुमार होना चाहिए था .

सच क्या है इसकी पड़ताल के लिए जब भोपाल के कुछ केमिस्टों से बात की गई तो उन्होने निराशा प्रदर्शित करते हुये बताया कि कंडोम की बिक्री में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है उल्टे गिरावट आई है . भोपाल के पाश इलाके शाहपुरा के मनीषा मार्केट के एक केमिस्ट अनिल ललवानी का कहना है कि उनकी दुकान से औसतन 8 पेकेट कंडोम के रोज बिकते हैं लेकिन लाक डाउन के बाद बिक्री न के बराबर हो रही है .

ऐसा क्यों इस पर अनिल बताते हैं कि दरअसल में कंडोम के बड़े खरीददार कालेज स्टूडेंट और होस्टलर्स होते हैं जो अपने अपने घरों को चले गए हैं .  ये लोग अक्सर दोपहर में या फिर देर रात कंडोम खरीदते थे अब मौज मस्ती करने बाले इन लोगों के अते पते नहीं है लिहाजा मुश्किल से एक पेकेट रोज बिक पा रहा है और खरीददार लाइसेन्सशुदा यानि शादी शुदा हैं.

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कारोबारी इलाके एमपी नगर के एक केमिस्ट इस बात की पुष्टि करते हुये बताते हैं कि होस्टल्स खाली हो जाने से कंडोम की बिक्री घटी है . गौरतलब है कि भोपाल में लगभग 1 लाख बाहरी स्टूडेंट हैं ये लोग किराए के मकानों में भी रहते हैं . सेक्स संबंध इनके लिए गोल गप्पे खाने जैसी आम और रोजमरराई बात है , अब जब शहर वीरान सा है तो कंडोम शो केस की ही शोभा बढ़ा रहे हैं .

पुराने भोपाल के गांधी मेडिकल कालेज के नजदीक के एक केमिस्ट की माने तो दरअसल में लाक डाउन के चलते देह व्यापार भी लाक हो गया है स्टूडेंट्स के साथ काल गर्ल्स और उनके ग्राहक भी कंडोम के नियमित और अनिवार्य ग्राहक होते हैं जो अब नदारद हैं .  इस केमिस्ट ने दूसरी दिलचस्प बात यह बताई कि आम शादीशुदा भी कंडोम नवरात्रि के चलते नहीं खरीद रहे क्योंकि व्रत उपवास के दिनों में पति पत्नी सहवास नहीं करते हैं . मुमकिन है नवरात्रि के बाद थोड़ी बहुत मांग बढ़े लेकिन वह रूटीनी होगी उल्लेखनीय नहीं .

दरअसल में कंडोम की बिक्री का भी अपना सीजन होता है. दुनिया भर में दिसंबर के आखिर के दिनों और नए साल पर इफ़रात से कंडोम बिकते हैं लिहाजा थोक और फुटकर व्यापारी भारी  भरकम स्टाक इन दिनों रखते हैं लेकिन अब जब देश भर में सन्नाटा है तब कंडोम बिक्री में बढ़ोत्री अति उत्साह में की गई कल्पना ज्यादा लगती है.

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यह ठीक है कि यंग कपल्स फुर्सत में हैं और कंडोम भी खरीद रहे हैं लेकिन ये कंडोम का उतना बड़ा ग्राहक वर्ग नहीं है जो बाजार में हलचल मचा दे. एक अंदाजे के मुताबिक कंडोम के 70 फीसदी ग्राहक प्रेमी प्रेमिकाए और देह व्यापार से जुड़े लोग होते हैं जो लाक डाउन के चलते तितर बितर हो गए हैं हाँ इतना तय है कि लाक डाउन के खत्म होते ही जरूर कंडोम की मांग में जबरजस्त इजाफा होगा.

Coronavirus की वजह से घर में कैद ‘कार्तिक’ ने किया कुछ ऐसा, क्या आ रही है ‘नायरा’ की याद?

पूरे वर्ल्ड में फैले कोरोना वायरस (Corona Virus) की वजह से भोरत में हुए लौकडाउन (Lockdown) की वजह से हर इंसान परेशान है. आम आदमी से लेकर बौलीवुड स्टार्स (Bollywood Stars) तक ने खुद को अपने-अपने घरों में कैद कर लिया है. भारत में लौकडाउन का कारण खुद के साथ साथ बाकी सब को बचाना भी है. ऐसे में कई बौलीवुड स्टार्स अपने-अपने घरों से फैंस के लिए वीडियोज बना कर सोशल मीडिया पर अप्लोड कर रहे हैं और साथ ही टिप्स दे रहे हैं कि घरों में रहकर कैसे खुद को एंटरटेंन कर सकते हैं.

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स्टार प्लस (Star Plus) का पौपुलर सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehelata Hai ) लंबे समय से दर्शकों का फेवरेट बना हुआ है और इसका कारण इस शो में लीड रोल निभा रहे आर्टिस्ट कार्तिक (Kartik) और नायरा (Naira) है. दरअसल दर्शकों को कार्तिक और नायरा की जोड़ी बेहद पसंद है. कार्तिक उर्फ मोहसीन खान (Mohsin Khan) और नायरा उर्फ शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) ने भी इन दिनों खुद को सेल्फ आइसोलेट कर रखा है और दोनों ही अपने-अपने घरों में कैद हैं.

ऐसे में कार्तिक (Kartik) यानि मोहसीन खान (Mohsin Khan) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें वे एक अतरंगी काम कर रहे हैं जिसे देख आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल इन दिनों हर कोई अपने घरों में रहकर परेशान हो गया है और ऐसे में कार्तिक अपने घर में बैठ कर एक मकड़ी से बात कर रहे हैं. जी हां, एक मकड़ी कार्तिक के घर की खिड़की पर आ बैठी जिससे कार्तिक बातचीत करने लग गए. कार्तिक यानी मोहसिन खान की ये हरकत देखकर हमें तो यहीं लगता है कि शायद उन्हें अपनी नायरा यानी शिवांगी जोशी की याद आ रही है. तभी तो उनकी याद में वो ऐसी हरकते करते दिखाई दे रहे हैं.

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सुनने में तो ये अजीब ही है लेकिन ये वीडियो इस बात का सबूत है कि लोगों का अपने घरों में टाइम बड़ी ही मुश्किल से कट रहा है. जहां एक तरफ कार्तिक अपने घर की मकड़ियों से बात कर रहे हैं तो वही दूसरी तरफ कार्तिक की को-स्टार नायरा यानि शिवांगी जोशी दूर पहाड़ो में अपना समय बिता रही है. शिवांगी ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से अपनी फोटो शेयर की है जो कि टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड की है.

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#coronavirus: कोरोना से लड़ने के लिए भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने दिए 1 लाख रुपए

कोरोना वायरस महामारी को लेकर दुनियाभर में लड़ाई जारी है. भारत में अभी 21 दिन का लौकडाउन चल रहा है. ऐसे में फिल्‍म इंडस्‍ट्री से जुड़े लोग भी मदद लेकर सामने आ रहे हैं. इसी में आज एक नाम अक्षरा सिंह का जुड गया है, जिन्‍होंने आज मुख्‍यमत्री राहत कोष में 1 लाख का चेक दिया है. उन्‍होंने इस चेक की तस्‍वीर भी साझा की है और कहा कि Covid-19 महामारी ने कई जिंदगियों को रोक कर रख दिया है. इस मुश्किल दौर में मैं बिहार के लोगों के लिए एक लाख रुपये डोनेट कर रही हूं. मेरी ओर से यह एक छोटी मदद है. आपको बता दें कि कोरोना महामारी में भोजपुरी इंडस्‍ट्री से मदद को आगे आने वाली पहली अभिनेत्री बन गई हैं अक्षरा सिंह. अब तक इस इंडस्‍ट्री से किसी अभिनेता, अभिनेत्री और अन्‍य लोगों ने कोई मदद नहीं की है.

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अक्षरा ने कहा कि बिहार में हालांकि अभी मामले कम हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह से सजग है. मैं भी अपने लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं, इसलिए मैं अपनी ओर से छोटी सी मदद भेज रही हूं. मैं आशा करती हूं कि हम मिलकर लड़ेंगे और इस महामारी को जल्द ही खत्म कर देंगे. अक्षरा ने कहा कि घर में रहना और साफ सफाई रखना ही हमारे लिए विकल्‍प है. इसलिए सरकार के निर्देशों का पालन करें. हम कोरोना को हराने में जरूर होंगे कामयाब.

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वहीं, अक्षरा सिंह ने लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह देते हुए अपने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो भी पोस्‍ट किया है. इस वीडियो में वे सूर्य नमस्‍कार करती नजर आयी हैं और उन्‍होंने अपने चाहने वालों को भी इसे चाइलेंज दिया है. अक्षरा लॉकडाउन से पूर्व लोगों के बीच मास्‍क,सेनेटाइजर और ग्‍लव्‍स भी बांटे थे. उस दौरान उन्‍होंने लोगों से कोरोना से लड़ने के लिए भी जागरूक किया था.

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#Lockdown: लौक डाउन में फेल हो रही “औन लाइन शौपिंग”

लौक डाउन के 21 दिनों में जनता को घर से कम से कम निकलना पड़े इसको इंतजाम करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई प्रयोग किये जा रहे है. सरकार की सोच है कि यह काम सफल होने से लोग घरों से कम निकलेंगे जिससे करोना वायरस के फैलने का खतरा कम होगा. सड़को पर सामान खरीदने के लिए जुटने वॉले लोगो को निकलने से रोका जा सकता है.

लखनऊ में सरकार ने ईजी डे, बिग बाजार, विशाल मेगा मार्ट, स्मार्ट बनिया, राउंड ओ क्लौक, फैमली बाजार, स्पेंसर, बिग बास्केट, ग्रॉफर, स्वगी, जोमैटो, अमेजन और फिल्पकार्ड को लोगो को औन लाइन समान पहुचने के लिए कहा है. औन लाइन डिलीवरी करने वाली यह सभी दुकानें एक सप्ताह से अधिक का समय सामान डिलीवरी करने में लगा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इनके पास ऐसी बड़ी व्यवस्था नही है जो इतनी बड़ी संख्या में लोगो तक माल पहुचा सके. ऐसे में घर और कालोनियों के खुली दुकानें मनमाने भाव मे समान बेच रही है. सरकार ने मूल्य सूची भी दुकानों पर लगवा दी है इसके बाद भी मुनाफाखोरी कम नही हो रही. सबसे बड़ी परेशानी फल और सब्जियों की आ रही है. गांवों के आसपास लगने वाली बाज़ारो को बंद कर दिया गया है. मंडियों में केवल थोक व्यापारी को ही जाने की अनुमति है. इसके अलावा वहां पुलिस की अपनी अलग मनमानी चल रही है. पुलिस की पिटाई को “सुताई” का नाम प्रचलित हो गया है.

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सरकारी स्तर पर प्रयास :

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “डोर टू डोर डिलीवरी” के निर्देश दिए.

26 मार्च तक प्रदेश में 18570 मोबाइल वैन प्रदेश में डोर टू डोर डिलीवरी के लिए लागये गए .लखनऊ और कानपुर में बड़ी संख्या में मोबाइल में लगाई गई है. शहरों और गांव में अधिक से अधिक मोबाइल वैन लगाई जा रही है. जिससे वँहा के लोगो को ज्यादा मदद की जा सके.

इसी तरह पशुपालन विभाग के अंतर्गत पता चला है कि 700000 लीटर दूध का वितरण आधा किलो 1 किलो के पैकेट में बांटा गया जा रहा है. लगभग 1100000 दूध के पैकेट बांटे गए हैं जो कि प्रदेश में 8000 गाड़ियों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है और इसे और अधिक बढ़ाकर लगभग 20000 वाहनों से दूध का पैकेट बांटा जाएगा लगभग प्रदेश में 1500000 दूध के पैकेट बांटने की सरकार तैयारी पशुपालन विभाग कर रहा है. सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के हिसाब से सरकार कम से कम 3 माह का प्लान बना कर इस काम को कर रही है. सरकार ने अनाज के पैकेट बना कर लोगो तक पहुचने की व्यवस्था की है.

सरकार भले ही कह रही हो कि उसने लोगो तक सामान पहुचने की व्यवस्था कर ली हो पर सच्चाई यह है कि लोगो को अपनी जरूरत का सामान नही मिल रहा है. लखनऊ के गोमतीनगर जैसे पॉश इलाके में सरकार की “डोर टू डोर डिलिवरी” वाली गाड़िया नही पहुच पा रही है. यहां रहने वाली जूही सिंह कहती है ”सरकारी गाड़िया 3 दिन से एक बार भी यँहा नही आई हैं. प्रशासन ने जिन ऑन लाइन कम्पनियों के नम्बर जनता को बातए उनमें फोन करने पर जायदातर फोन रिसीव नही हो रहे या फिर कम्पनियों एक सप्ताह से 10 दिन का समय सामान पहुचने के बात रही है.”

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जिला प्रशासन का कहना है कि डोर टू डोर डिलीवरी वाली गाड़िया बराबर जा रही है. उनकी  संख्या और बढ़ाने का काम हो रहा. ऑन लाइन कम्पनियां भी तेजी से इस काम मे लगी है. इसके अलावा पुलिस भी इस काम मे मदद कर रही है.

#coronavirus: कोरोना महामारी में भी हंसी की फुलझड़ियां

बेशक चीन की देन कोरोना वायरस का नाम सुनते ही शरीर में झुरझुरी सी दौड़ जाती है. फिलहाल हालात बेकाबू से लगते हैं और जिस तरह लोग इस महामारी के खतरनाक असर को समझ नहीं पा रहे हैं, उस से तो आने वाले दिनों में कैसे हालात बनेंगे, उस की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

अब जबकि पूरा भारत लाकडाउन का दंश झेल रहा है, तो घर पर उस के साथी परिवार वाले तो हैं ही, पत्रिकाएं और पुस्तकें भी उसे सही राह दिखा रही हैं, फिर वे लोगों के घर में रखी हों या डिजिटल एडिशन ही सही.

सोशल मीडिया के जरिए सब हर तरह की जानकारी पा रहे हैं. इन में सच भी होता है तो अफवाहें भी. सरकार की तारीफ होती है तो उस की खिंचाई भी. लोगों की जान बचाते डाक्टरों के वायरल होते वीडियो होते हैं तो कहींकहीं पुलिस की ज्यादती या दूसरे लोगों की कालाबाजारी के चर्चे भी उघाड़ दिए जाते हैं.

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इन सब के बीच कुछ ऐसा मनोरंजन भी हो रहा है जो कोरोना की महामारी के डर के बावजूद घर बैठे लोगों के चेहरे पर मुसकान ले आता है. बहुत बार तो खिलखिलाहट भी. ऐसे ही चंद चुटकुले हैं जो सोशल मीडिया पर चकरघिन्नी की तरह घूम रहे हैं. इन में से कुछ खास इस तरह हैं :

कोरोना महामारी न फैले इसलिए एक बार एक आदमी वर्किंग फ्राम होम कर रहा था. उस का क्लाइंट किसी बात पर नाराज हो कर बोला, ‘मैं आप के काम से खुश नहीं हूं. आप अपने बौस से मेरी बात कराइए.’

इतना सुनते ही वह आदमी जोर से चिल्लाया, ‘अजी सुनती हो, ये जनाब तुम से बात करना चाहते हैं.’

इसी तरह घर पर बैठे 2 दोस्त फोन पर अपना दुखड़ा रो रहे थे. पहला दोस्त बोला, ‘मैं इस समय  स्टेज 3 में हूं. पहली स्टेज में बरतन मांजे, दूसरी स्टेज में खाना बनाया, तीसरी स्टेज में कपड़े धो रहा हूं. और तुम?’

दूसरा दोस्त ने सीना तान कर कहा, ‘मैं ने बेलन से मार खा ली मगर काम नही किया… भाई, कोरोना तो थोड़े दिन में चला जाएगा, मगर पत्नी को पता चल गया कि इस को यह सब आता है तो जिंदगीभर करना पड़ेगा.’

एक भाई ने तो अपनी भड़ास कुछ इस तरह निकाली, ‘इसी तरह लाकडाउन बढ़ता रहा और 24 घंटे मियांबीवी को साथ रहना पड़ा, तो वैज्ञानिकों से पहले कोई पति ही कोरोना वायरस का टीका बना देगा.’

कर्फ्यू लगने के बावजूद एक बंदा बाहर सड़क पर टहल रहा था कि पुलिस ने उस से पूछा, ‘कहां जा रहे हो मुंह उठाए…पता नही कर्फ्यू लगा है…’

उस आदमी ने दर्द को पीते हुए कहा, ‘जनाब, दर्द दूर करने की मलहम लेने जा रहा हूं, कर्फ्यू का पता तो पिछले चौक में ही लग गया…’

इसी तरह एक आदमी डाक्टर के पास गया और बोला, ‘डाक्टर साहब, मुझे बैठने मे काफी तकलीफ हो रही है.’

डाक्टर ने छूटते ही पूछा, ‘कर्फ्यू देखने गए थे क्या?’

उस आदमी ने हैरान हो कर पूछा, ‘आप ने कैसे पहचाना?’

‘क्योंकि आजकल ऐसे लोग ज्यादा दवा लेने आ रहे हैं,’ डाक्टर ने चुटकी ली.

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घर में बैठेबैठे पक चुके एक आदमी ने अपने दोस्त पर भड़ास निकाली, ‘बिलकुल रेलवे के डब्बे में बैठने जैसी फीलिंग आ रही है … सिर्फ टायलेट के लिए उठ कर जाना है और फिर वापस आ कर अपनी जगह पर बैठ जाना है.’

एक आदमी ने तो हद ही कर डाली और बोला, ‘वह दिन दूर नहीं जब लोग कहेंगे कि यह छोटा वाला तो कोरोना के चक्कर में पैदा हो गया.’

एक आदमी ने तो चेतावनी दे डाली, ‘अगर बीवी से लड़ाई भी हो जाए तो भी घर से बाहर नहीं निकले.. इज्जत ही सबकुछ नहीं होती, जान है तो जहान है…’

एक भाई ने तो ज्ञान की गंगा ही बहा दी, ‘नोटबंदी की अपार सफलता के बाद पेश है ‘घरबंदी’ और वह भी अपनी ही बंदी के साथ…’

एक कवि टाइप शादीशुदा मर्द ने घर से ही एक चेतावनी दे डाली, ‘हवा की लहर बन कर, तू मेरी खिड़की न खटखटा. मैं बंद कमरे में बैठा हूं… तूफान से सटा…’

दरअसल, यहां वह आदमी अपनी गर्लफ्रैंड को बता रहा है कि मिसकाल मत देना, बीवी पास ही बैठी है.

लाकडाउन के इस समय में समय का सदुपयोग करें. खुद को साफसुथरा रखें, टाइमपास के लिए अच्छी पत्रिकाएं पढ़ें, जागरूक बनें और मौका मिलते ही चेहरे पर मुसकान ले आएं.

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सरकार की लापरवाही: आम फैक्ट्री से लेकर बौलीवुड तक, भूखे रहने को मजबूर हैं ये दिहाड़ी मजदूर

सोमवती के होंठ सूख गए हैं, पैरों में छाले पङ गए हैं. दोनों बच्चे पारो और फेकन को 2 दिनों से खाना नहीं मिला है. उन के पैरों में भी छाले पङ गए हैं और भूख से छटपटा रहे हैं.

सोमवती कहती है,”इस से तो अच्छा है यह बीमारी हमें मार ही डाले. बच्चों को तड़पता देख कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करें.”

पति राजभर की भी यही हालत है. जेब में 100-200 बचे हैं और उसे अपने परिवार के साथ बक्सर से राजस्थान लगभग 1,600 किलोमीटर तक पैदल ही चलना है.

राजस्थान का यह परिवार बिहार के बक्सर में एक आइसक्रीम फैक्ट्री में काम करता था. राजभर और सोमवती दोनों ही इस फैक्ट्री में पिछले 3 सालों से काम करते हैं और यहीं से मिले रोजाना पैसों से वे अपने परिवार का पेट पालते हैं.

1600 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर

कोरोना बीमारी से पूरे देश में लौक डाऊन होने की वजह से फैक्ट्री बंद हो गई तो उन्होंने और लोगों के साथ राजस्थान अपने गांव जाने की सोची.  कम पढेलिखे होने की वजह से उन्हें यह पता ही नहीं था कि न तो ट्रेन चल रही है न ही बस. रोड पर न गाङी चल रही न यातायात के अन्य कोई साधन.

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यहां उस के गांव के 14-15 लोग और थे. वे भी परेशान थे और गांव लौट जाना चाहते थे. कोई साधन न मिलता देख उन्होंने पैदल ही जाने फैसला किया. पर 1,600 किलोमीटर की दूरी तय करना इतना आसान भी नहीं. रास्ते में वे कहां रूकेंगे, कहां उन्हें भोजन मिलेगा इस की कोई गारंटी नहीं. पर जान है तो जहान है, यही सोच कर वे सब अपने गांव की ओर निकल पङे हैं.

दो जून की रोटी भी नसीब नहीं

इधर दिल्ली में रहने वाला राजेश बोतल में पानी भरभर कर घरघर पहुंचाने का काम करता है. अब कोरोना वायरस के कारण दिल्ली में कर्फ्यू है और वह निकल नहीं पा रहा. घर वाले भी उसे मना कर चुके हैं. अब उस के पास दो जून की रोटी की समस्या आ खङी हुई है.

यही हाल फेकनराम का है. वह बिहार का रहने वाला है और दिहाङी मजदूर है. बीते 4-5 सालों से वह देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में टेंट लगाने का काम करता है लेकिन बीते कुछ दिनों से सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होने से उसे कोई काम नहीं मिल रहा.

भुखमरी की समस्या

कोरोना के कहर से दुनियाभर में घबराहट का माहौल है और लोगों के कामकाज पर गहरा असर पङा है. सामाजिक कार्यों से ले कर अन्य प्रकार के कार्यक्रम रद्द होने की वजह से दिहाङी मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या खङी हो गई है.

बिजनौर के रहने वाले अंबिका ने फोन पर बताया कि इस बीमारी के डर से वे और उन के साथ करीब 20-25 लोग दिल्ली से बिजनौर पैदल ही निकल पङे हैं. उन्हें पता है कि इसी में उन की जान बची रहेगी. मगर नोएडा पार करतेकरते कईयों की हालत पतली हो चुकी है और अभी उन्हें लगभग 250 किलोमीटर और चलना पङेगा.

दिल्ली का दर्द भी जुदा नहीं

दिल्ली में ऐसे कई दिहाङी मजदूर हैं जो दिल्ली छोङना चाहते हैं. हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी मजदूरों को आश्वस्त किया है कि उन्हें खाना मिलेगा पर बहुतों के पास दिक्कत यह है कि वे सरकारी रजिस्टर्ड मजदूर नहीं हैं और इन वजहों से उन्हें न तो सरकारी सुविधाओं से लाभ मिलेगा और न ही कोई सहायता ही उन तक पहुंच पा रही है.

हालांकि दिल्ली सरकार बारबार यह घोषणा कर रही है कि दिल्ली में किसी मजदूर को भूखे नहीं मरने दिया जाएगा और इस के लिए लगभग हर विधानसभा के विधायक को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे कार्यकर्ताओं से बात कर हालात पर नजर रखें और परेशान लोगों तक जरूरी चीजें पहुंचाएं.

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बुराङी विधानसभा आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रमुख संदीप भोनवाल ने बताया,”देखिए, यह सही है कि अभी हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और इस का सब से अधिक नुकसान दिहाङी मजदूरों को हो रहा है. पर सरकार के निर्देश पर बुराङी के 6 स्कूलों में राहत सामग्री और भोजन की व्यवस्था की गई है जो दिन में 12 बजे और शाम में 6 बजे जरूरतमंद लोगों को भोजन और जरूरत की चीजें दी जाएंगी.”

उन्होंने बताया,”बुराङी में काफी संख्या में मजदूर तबके के लोग रहते हैं जो दिल्ली के विभिन्न जगहों पर दिहाङी मजदूरी करते हैं अब सब बंद हो जाने के बाद इन के सामने खानेपीने की समस्या आ खङी हुई है और इसीलिए यहां कादीपुर, बुराङी, मुकुंदपुर व जहांगीरपुरी आदि के 6 स्कूलों में राहत शिविर लगाया गया है जहां जरूरतमंद लोगों को दोनों टाइम भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.”

चक्का जाम, खाने के लाले

उधर, के कई अन्य जगहों से ट्रक चलाने वाले ड्राइवर व खलासियों की हालत भी पतली है. ट्रक अनलोड करने के बाद राज्य की सीमाएं सील हैं जिस की वजह से वे कहीं निकल नहीं पा रहे. सारे होटलमोटल बंद हैं और इन के जेब में पैसे तो हैं पर खाना देने वाला कोई नहीं.

इस की वजह से शहरों में जरूरी चीजों का भी अभाव हो गया है. आलू, प्याज, टमाटर की कीमतों में भारी इजाफा हो गया है.

मंडी में बुरा हाल

दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी में काम करने वाले चंदन कुमार सिंह ने बताया,”अभी मंडी मात्र 3 घंटे यानी सुबह 6 बजे से 9 बजे तक ही खुली रहती है. इस को बढाया जाना चाहिए. साथ ही मंडी में जिन को सरकार ने पास दिया है वे तो आजा रहे हैं पर जिन गाड़ियों को पास नहीं मिला है उन की सैकड़ों गाङियां सङक पर खङी हैं. मंडी में केला व संतरा का काफी स्टौक है पर आवाजाही बंद होने अथवा सीमित होने से इन का सङने का डर है.”

बौलीवुड भी अछूता नहीं

उधर कोरोना वायरस से बौलीवुड भी परेशान है. यहां काम करने वाले मजदूरों की हालत पतली है और उन के सामने खानेपीने की समस्या मुंह बाए खड़ी है.

फेडरेशन औफ वेस्टर्न इंडिया सिने ऐंपलौइज (एफडब्ल्यूआईसी) के प्रमुख बीएन तिवारी ने इस पर सिने अभिनेताओं पर जम कर भड़ास निकाली है और कहा है कि ज्यादातर अभिनेता, डायरैक्टर दिनभर ट्विटर पर ट्वीट करते हैं पर मदद के नाम पर एक धेला भी मजदूरों के बने राहतकोष में नहीं देते.

उन्होंने सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन और सलमान खान से मदद की गुहार लगाई है.

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सरकारी सहायता पर्याप्त नहीं

देश के कई जगहों में लौकडाऊन ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है और लोग अब केंद्र सरकार की अपर्याप्त मदद को ले कर उन्हें जम कर कोस रहे हैं.

वैसे भी पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी से कई कंपनियों पर ताला लग चुका और अब यह कोरोना वायरस पर सरकारी उदासीनता से लोगों की रोजीरोटी पर खासा असर पङा है.

केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए भी धेला ही दिया और उन्हें जनधन खाते में महज 500-500 रूपए 3 महीने देने की घोषणा कर हाथ खङे कर दिए.

ट्विटर पर फूटा इमरान हाशमी का गुस्सा, Lockdown को लेकर कही ये बड़ी बात

जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) का प्रभाव बढ़ते जा रहा है और यहां तक की भारत सरकार (Indian Government) ने इस खतरनाक बिमारी को देखते हुए 21 दिन तक भारत लौकडाउन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. ऐसे में 14 अप्रैल तक पूरे देश में कर्फ्यू लगा रहेगा और सभी अपने घर से तभी निकल सकते हैं जब उन्हें किसी बहुत जरूरी चीज की जरूरत होगी जैसे कि दूध, दवाई, सब्जी, आदी.

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ट्विटर के जरिए दिखाया गुस्सा…

देश के ऐसे हालातों को देख सभी बौलीवुड एकटर्स सोशल मीडिया के जरिए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे है. हाल ही में बौलीवुड एक्टर इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) ने ट्विटर के जरिए कोरोना वायरस पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होनें लिखा है कि,- “And all this because some person thousands of miles away wanted to have a freakish culinary experience like eating a BAT”.

चमगादड़ों के कारण फैला कोरोना वायरस…

इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) के इस ट्वीट से साफ पता चल रहा है कि वे इस बिमारी को लेकर काफी गुस्से में हैं. इमरान के इस ट्वीट का मतलब ये है कि,- “हमारे देश में इस तरह के हालत इस लिए हैं क्योंकि यहां से हजारों मील दूर कुछ लोग चमगादड़ को खाने का अजीब अनुभव करना चाहते थे”. खबरों की माने तो कोरोना वायरस (Coronavirus) चमगादड़ों (Bats) के कारण ही फैला है.

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हजारों लोग गवा चुके हैं अपनी जान…

कोरोना वायरस जैसी बिमारी लोगों से ही लोगों में फैल रही है यानि की ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते ही जो कोरोना संक्रमित है हमें भी ऐसी बिमारी लग सकती है. आपको बता दें, यह बिमारी अब तक 180 से भी ज्यादा देशों में फैल चुकी है और अब तक हजारों की तादात में लोग इस बिमारी के कारण अपनी जान गवा बैठे हैं.

#lockdown: इस लौक डाउन में क्या कर रहीं है भोजपुरी एक्ट्रेसेस

कोरोना (Corona) के कहर कहर के चलते देश भर में लगाये गये लौक डाउन (Lockdown) के चलते सभी लोग अपने ही घरों में कैद हो कर रह गए हैं चाहे वह नौकरीपेशा व्यक्ति हो या मजदूर. इसके चपेट में आने से बचने का केवल यही एक तरीका बचा है की हम सोशल डिस्टेन्स का ख्याल रखें. फिर ऐसे में सेलिब्रिटीज कैसे पीछे रहें आखिर अपनी जान तो सभी को प्यारी होती है. भोजपुरी (Bhojpuri) से जुड़े ऐसे ही एक्टर्स क्या कर रहें है उससे जुडी तस्वीरें इन सेलेब्रेटीज द्वारा अपने  सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर की जा रहीं हैं. जिसमें कोई घर में काम करता नजर आ रहीं है तो कोई खेलती हुई. कोई घर में योगा और वर्कआउट करती नजर आ रही है तो कोई कोरोना से बचने की अपील कर  रहीं है. ऐसे में भोजपुरी से जुड़े कुछ फेमस हिरोंइनों के सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर की गई तस्वीरों की पड़ताल कर यह जाननें की कोशिश की वह लौक डाउन के बीच क्या कर रहीं हैं आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही ऐक्ट्रेस के रूटीन के बारें में.

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भोजपुरी सिनेमा में अपने खूबसूरती और सोख व चंचल अदाओं से तहलका मचाने वाली मोनालिसा (Monalisa) नें बड़े ही खबसूरत अंदाज में अपने बेडरूम में बेड पर लेट कर किताब पढ़ते हुए की तस्वीर शेयर की है और लिखा की इस तूफ़ान में घर ही आश्रय है, मेरे अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ. “किताब” (Home Is A Shelter From Storms… All Sorts Of Storms 🙏🙏🙏… #self #quarantine with my best friend #book #stayhome #staysafe #homesweethome).

 

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Staying safe….& enjoying my leisure time!!😘 #stayhome #besafeeveryone #hometime❤️ #coronavirusoutbreak⚠️ #bealeart

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भोजपुरी अभिनेत्री कनक पाण्डेय (Kanak Pandey) नें अपने घर में अकेले ही कैरम खेलते की तस्वीर शेयर की है. जिसमें उन्होंने लिखा है “सुरक्षित रहना …. और मेरे खाली समय का आनंद लेना !!”. (Staying safe….& enjoying my leisure time!! #stayhome #besafeeveryone #hometime #coronavirusoutbreak  #bealeart).

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वहीं रानी चटर्जी (Rani Chatterjee) नें इन्स्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की है जिसमें वह बहुत ही निराले अंदाज में नजर आ रहीं हैं. उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा है #wearefirefighter #gocoronago “ चाहे कुछ भी हो जाए घर से बाहर नहीं जाउगी”. i love my family i love my india .. #goodmorning #instapost #love #lifestyle #athom.

 

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#gharparbaithoindia #stayhome #staysafe #coronasebacho #covid19 #jantacurfew #pmmodi #narendramodi #pmmodiji @narendramodi

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भोजपुरी के खुबसूरत हीरोइनों में शुमार अक्षरा सिंह (Akshara Singh) अभी हाल ही में लोगों को कोरोना से बचाव के लिए हाथ धोने के तरीकों के बारे में बतातीं नजर आई थी. एक बार वह फिर इस लौक डाउन के बीच लोगों से कोरोना से बचे रहने की अपील करती हुई नजर आ रहीं हैं. अक्षरा सिंह ने अपने इन्स्टाग्राम एकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने अपने मुहं पर मास्क लगा रखा है और हाथ में एक तख्ती है. जिस पर हैज टैग के निशाँ के साथ लिखा है “जनता कर्फ्यू हम सब घर पर रहेंगे धन्यवाद उन सबों को जो हमारा जीवन बचानें के लिए काम कर रहें हैं. घर पर रहें सुरक्षित रहें”.

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Day first #🤣 #21days #challenge #corona ab bas bhi karona 🤯 take care guys be safe n be healthy #🦋

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ऐक्ट्रेस काजल राघवानी (Kajal Raghwani) ने एक फोटोपोस्ट कर उसके कैप्सन में लिखा है “पहला दिन” “इक्कीस दिन चैलेन्ज” “कोरोना अब बस करो ना”  (Day first #🤣 #21days #challenge #corona ab bas bhi karona 🤯 take care guys be safe n be healthy).

अभिनेत्री पूनम दूबे (Poonam Dubey) ने अपने घर से ही वर्कआउट की वीडियो शेयर की है और उसके कैप्सन में लिखा है घर में रहें सुरक्षित रहें और जो आपको पसंद हो वो करें. जैसे की मै घर का काम, वर्कआउट , टीवी देखना, मम्मी के साथ खूब सारी बातें, भाई के साथ खेलना और बहुत सारी मस्ती. लेकिन प्लीज घर पर ही रहें. #isolation #quarantine #familytime #stayawayfromcoronavirus

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#coronavirus कोरोना: क्या कर रही हैं घर पर ये 6 महिला खिलाड़ी

भारतीय फुटबाल टीम की कप्तान रह चुकी सोना चौधरी अब गुरुग्राम में रहती हैं. कोरोना के चलते पूरे देश में लाकडाउन हो चुका है. फोन पर सोना से बातचीत की तो उन्होंने कुछ खास बातें बताई कि किस तरह हम घर पर रह कर इस महामारी से बचने के साथसाथ कुछ ऐसे काम भी कर सकते हैं, जिन्हें सामान्य दिनों में सोचते भी नहीं हैं.

सोना चौधरी के 2 बेटे हैं जो अभी स्कूल में ही पढ़ते हैं. वे अपने दोनों बेटों से घर के ऐसे काम कराती हैं, जो उन्हें क्रिएटिव तो बनाते ही हैं, साथ ही उन की कसरत भी हो जाती है.

सोना चौधरी बताती हैं, “मैं उन से डस्टिंग कराती हूं, साथ ही दूसरे छोटेमोटे काम भी कराती हूं. उन्हें कुकिंग का शौक है तो खाना बनाने को कह देती हूं. उन के साथ मैं भी बिजी रहती हूं.

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“इस से बच्चों में अपना काम खुद करने की भावना पनपती है और यह भेदभाव भी खत्म होता है कि सिर्फ लड़कियां ही घर के काम कर सकती हैं या उन्हें ही ये काम करने चाहिए.”

मास्टर्स एथलेटिक्स में भारत का दुनियाभर में नाम रोशन करने वाली नीलू मिश्रा उत्तर प्रदेश में लोगों को इस बीमारी से जागरूक कर रही हैं.

‘नीलू वाराणसी’ के नाम से मशहूर नीलू मिश्रा का कहना है, “जैसा कि आप जानते हैं कि यह वायरस खांसी, छींक और छूने से एक इनसान से दूसरे इनसान में फैलता है, इसलिए मास्क का इस्तेमाल करें. लोगों से हाथ न मिलाएं और गले भी न मिलें. अपने आसपास और घर में साफसफाई रखें.

प”हर 15 मिनट में कम से कम एक घूंट कुनकुना पानी पीते रहें. अपने हाथों को कम से कम 20 सैकंड तक रगड़ कर साबुन से धोएं. गंदे हाथों से अपने नाक और मुंह को न छुएं और न ही गंदे हाथों से कुछ खाएं. आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, बर्फ, बाजार की लस्सी, ठंडी छाछ और दूसरी ठंडी चीजों के सेवन से बचें.

“भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. सर्दी, खांसी, कफ, बुखार होने वाले मरीज को डाक्टर के पास तुरंत जाने की सलाह दें.

“घर पर रोजाना स्किपिंग जैसी कसरत करें और ज्यादा से ज्यादा बिजी रहें. अच्छा साहित्य पढ़ें और कोई भी क्रिएटिव काम करें.”

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बिकिनी एथलीट मधुप्रिया झा ने कहा, “इस लाकडाउन समय में हमें अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर देना चाहिए. इस के लिए स्क्वाट, प्लैंक, माउंटेन क्लाइंब एक्सरसाइज, बर्पीज, जंपिंग जैक, लंजीज करनी चाहिए. अपनी उम्र का खयाल रखते हुए ही ये कसरतें करनी चाहिए.

“इस के अलावा आप के घर में स्टेयर्स हैं तो उन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर आप को शीर्षासन करना आता है तो वह बहुत अच्छी कसरत है.”

भारतीय महिला पहलवान पूजा ढांडा का मानना है, “सब से पहले आप मन से पाजिटिव रहिए. अब जबकि घर पर रहना है तो वर्कआउट जरूर करें. आप ऐसे काम भी कर सकते हैं जिस में आप की कैलोरी बर्न हों. बाकी जो भी दिशानिर्देश प्रशासन ने दिए हैं उन का सख्ती से पालन करें. तन और मन से फिट रहें और इस महामारी का डट कर सामना करें.”

भारतीय इंटरनेशनल कबड्डी टीम की सदस्य रही कई मैडल जीत चुकी सुमन शौकीन दहिया का मानना है कि संकल्प और संयम ही इस बड़ी मुसीबत का इलाज है. घर के ऐसे काम खुद कीजिए जिन से खुद ब खुद कसरत हो जाए.

इंटरनेशनल शूटर वर्षा तोमर ने तो अपना पूरा घर खुद सेनेटाइज किया है. उन के मुताबिक कपड़े धोना भी एक अच्छी कसरत है. दिन में वे किताबें पढ़ती हैं और शाम को छत पर वर्कआउट करती हैं. इस में स्टेयर्स बड़ी अहम होती हैं. उन से स्टेमिना बढ़ता है.

वर्षा ने बताया, “यह समय घर के बच्चों के साथ गुजारने के लिए सब से बढ़िया है. मैं ने अपने भतीजेभतीजियों के साथ मिल कर बालकनी की दीवार ही पोत डाली है.”

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