फरवरी के दूसरे हफ्ते यह खबर तेजी से वायरल हुई थी कि चीन और सिंगापुर में कंडोम की बिक्री बहुत तेजी से बढ़ रही है लेकिन सेक्स के लिए नहीं बल्कि लोग कंडोम का इस्तेमाल बतौर हेंड ग्लब्स ज्यादा कर रहे थे. यह वह वक्त था जब लोग कंडोम को कोरोना वायरस से लड़ने का कारगर तरीका बता रहे थे .  इस आशय की खबरें और फोटो भी तेजी से वायरल हुये  थे कि लिफ्ट के बटन और कार के हेंडल तक को पकड़ने हर कोई कंडोम का दास्ताना पहने था .

19 मार्च के बाद हमारे देश में कंडोम की बिक्री घटी है या बढ़ी है इस पर जबरजस्त विरोधाभास देखने में आ रहा है . कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कंडोम की बिक्री बढ़ी है लेकिन हमारे यहाँ इसे हाथ के दास्तानों की तरह कहीं इस्तेमाल नहीं किया जा रहा बल्कि जिस काम के लिए यह बना है उस के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा है . कहा तो यह तक गया कि मास्क और सेनेटाइजर के साथ साथ दवा की दुकानों से सबसे ज्यादा बिकने बाला आइटम कंडोम है और लोग इसके छोटे नहीं बल्कि बड़े पेक खरीद रहे हैं.

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यह एक रोमांटिक अंदाजा भर हो सकता है कि लाक डाउन के चलते पति पत्नी खाली वक्त में इफ़रात से सेक्स करेंगे और किसी भी खतरे से बचने कंडोम स्वाभाविक रूप से इस्तेमाल करेंगे इसलिए वे थोक में कंडोम खरीद रहे हैं . हालांकि इस बात से पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन अगर वाकई कंडोम के लिए मारामारी मची होती और यह भी ब्लेक में या ऊंचे दाम पर बिक रहा होता तो लाक डाउन की दिलचस्प खबरों में इसे निश्चित रूप से शुमार होना चाहिए था .

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