मार्च से लेकर अप्रैल का पहला हफ्ता मौसम में बदलाव का होता है. इस महीनें में मौसम हल्का सर्द तो हल्का गर्म होता है. इस दौर में दिन में गर्माहट महसूस होती है, और सुबह-शाम हल्की नमी और ठंडक पड़ने लगती है. ऐसे में ज़रा सी लापरवाही आपके बीमार पड़ने का कारण बन सकती हैं. इन दिनों जुकाम, खांसी, बुखार, चेचक, खसरा,डायरिया, पेचिस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम बात हैं. ऐसे में जब पूरी दुनियाँ कोरोना यानी COVID-19 के प्रकोप से दो-चार हो रही हैं तो और भी जरुरी हो जाता है की हम अपने सेहत को लेकर बेहद सचेत रहें. क्यों की इस मौसम में होनी वाली अधिकतर बीमारियों के लक्षण कोरोना के लक्षण से मिलते हैं. फिर कहीं ऐसा न हो की आप मौसमी बीमारियों के चपेट में आकर नाहक ही कोरोना के शक में अस्पतालों की ख़ाक छानने लगें. इस दशा में अगर हम बदलते मौसम में कुछ चीजों पर ध्यान दें तो मौसम के बदलाव से होने वाली बिमारियों से बच सकतें हैं.

ऐसे पहचानें मौसमी बिमारियों को – कहीं ऐसा न हो की आप को कोई मौसमी बिमारी हो और आप उसे कोरोना समझ बैठें. अगर ऐसा हुआ तो डर की वजह से आप के परिवार के लोग भी आप से किनारा कर सकतें हैं. क्यों की लोगों के सिर पर कोरोना का खौफ इस कदर चढ़ा हुआ है की हल्की सर्दी, खांसी जुकाम भी डराने के लिए काफी है. इस लिए जरुरी हो जाता है की हम कोरोना और मौसमी बीमारियों के लक्षण में अंतर करना जानें. जिससे हम सही देखभाल से मौसमी बिमारियों से निजात भी पा सकें. क्यों की इस संक्रमण के बीच अस्पतालों में जाना भी खतरे से खाली नहीं है और वैसे भी लॉक डाउन में सामान्य परिस्थियों में घर से बाहर नहीं निकला जा सकता है.

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