#Lockdown: लौक डाउन में फेल हो रही “औन लाइन शौपिंग”

लौक डाउन के 21 दिनों में जनता को घर से कम से कम निकलना पड़े इसको इंतजाम करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई प्रयोग किये जा रहे है. सरकार की सोच है कि यह काम सफल होने से लोग घरों से कम निकलेंगे जिससे करोना वायरस के फैलने का खतरा कम होगा. सड़को पर सामान खरीदने के लिए जुटने वॉले लोगो को निकलने से रोका जा सकता है.

लखनऊ में सरकार ने ईजी डे, बिग बाजार, विशाल मेगा मार्ट, स्मार्ट बनिया, राउंड ओ क्लौक, फैमली बाजार, स्पेंसर, बिग बास्केट, ग्रॉफर, स्वगी, जोमैटो, अमेजन और फिल्पकार्ड को लोगो को औन लाइन समान पहुचने के लिए कहा है. औन लाइन डिलीवरी करने वाली यह सभी दुकानें एक सप्ताह से अधिक का समय सामान डिलीवरी करने में लगा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इनके पास ऐसी बड़ी व्यवस्था नही है जो इतनी बड़ी संख्या में लोगो तक माल पहुचा सके. ऐसे में घर और कालोनियों के खुली दुकानें मनमाने भाव मे समान बेच रही है. सरकार ने मूल्य सूची भी दुकानों पर लगवा दी है इसके बाद भी मुनाफाखोरी कम नही हो रही. सबसे बड़ी परेशानी फल और सब्जियों की आ रही है. गांवों के आसपास लगने वाली बाज़ारो को बंद कर दिया गया है. मंडियों में केवल थोक व्यापारी को ही जाने की अनुमति है. इसके अलावा वहां पुलिस की अपनी अलग मनमानी चल रही है. पुलिस की पिटाई को “सुताई” का नाम प्रचलित हो गया है.

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सरकारी स्तर पर प्रयास :

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “डोर टू डोर डिलीवरी” के निर्देश दिए.

26 मार्च तक प्रदेश में 18570 मोबाइल वैन प्रदेश में डोर टू डोर डिलीवरी के लिए लागये गए .लखनऊ और कानपुर में बड़ी संख्या में मोबाइल में लगाई गई है. शहरों और गांव में अधिक से अधिक मोबाइल वैन लगाई जा रही है. जिससे वँहा के लोगो को ज्यादा मदद की जा सके.

इसी तरह पशुपालन विभाग के अंतर्गत पता चला है कि 700000 लीटर दूध का वितरण आधा किलो 1 किलो के पैकेट में बांटा गया जा रहा है. लगभग 1100000 दूध के पैकेट बांटे गए हैं जो कि प्रदेश में 8000 गाड़ियों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है और इसे और अधिक बढ़ाकर लगभग 20000 वाहनों से दूध का पैकेट बांटा जाएगा लगभग प्रदेश में 1500000 दूध के पैकेट बांटने की सरकार तैयारी पशुपालन विभाग कर रहा है. सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के हिसाब से सरकार कम से कम 3 माह का प्लान बना कर इस काम को कर रही है. सरकार ने अनाज के पैकेट बना कर लोगो तक पहुचने की व्यवस्था की है.

सरकार भले ही कह रही हो कि उसने लोगो तक सामान पहुचने की व्यवस्था कर ली हो पर सच्चाई यह है कि लोगो को अपनी जरूरत का सामान नही मिल रहा है. लखनऊ के गोमतीनगर जैसे पॉश इलाके में सरकार की “डोर टू डोर डिलिवरी” वाली गाड़िया नही पहुच पा रही है. यहां रहने वाली जूही सिंह कहती है ”सरकारी गाड़िया 3 दिन से एक बार भी यँहा नही आई हैं. प्रशासन ने जिन ऑन लाइन कम्पनियों के नम्बर जनता को बातए उनमें फोन करने पर जायदातर फोन रिसीव नही हो रहे या फिर कम्पनियों एक सप्ताह से 10 दिन का समय सामान पहुचने के बात रही है.”

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जिला प्रशासन का कहना है कि डोर टू डोर डिलीवरी वाली गाड़िया बराबर जा रही है. उनकी  संख्या और बढ़ाने का काम हो रहा. ऑन लाइन कम्पनियां भी तेजी से इस काम मे लगी है. इसके अलावा पुलिस भी इस काम मे मदद कर रही है.

#coronavirus: कोरोना महामारी में भी हंसी की फुलझड़ियां

बेशक चीन की देन कोरोना वायरस का नाम सुनते ही शरीर में झुरझुरी सी दौड़ जाती है. फिलहाल हालात बेकाबू से लगते हैं और जिस तरह लोग इस महामारी के खतरनाक असर को समझ नहीं पा रहे हैं, उस से तो आने वाले दिनों में कैसे हालात बनेंगे, उस की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

अब जबकि पूरा भारत लाकडाउन का दंश झेल रहा है, तो घर पर उस के साथी परिवार वाले तो हैं ही, पत्रिकाएं और पुस्तकें भी उसे सही राह दिखा रही हैं, फिर वे लोगों के घर में रखी हों या डिजिटल एडिशन ही सही.

सोशल मीडिया के जरिए सब हर तरह की जानकारी पा रहे हैं. इन में सच भी होता है तो अफवाहें भी. सरकार की तारीफ होती है तो उस की खिंचाई भी. लोगों की जान बचाते डाक्टरों के वायरल होते वीडियो होते हैं तो कहींकहीं पुलिस की ज्यादती या दूसरे लोगों की कालाबाजारी के चर्चे भी उघाड़ दिए जाते हैं.

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इन सब के बीच कुछ ऐसा मनोरंजन भी हो रहा है जो कोरोना की महामारी के डर के बावजूद घर बैठे लोगों के चेहरे पर मुसकान ले आता है. बहुत बार तो खिलखिलाहट भी. ऐसे ही चंद चुटकुले हैं जो सोशल मीडिया पर चकरघिन्नी की तरह घूम रहे हैं. इन में से कुछ खास इस तरह हैं :

कोरोना महामारी न फैले इसलिए एक बार एक आदमी वर्किंग फ्राम होम कर रहा था. उस का क्लाइंट किसी बात पर नाराज हो कर बोला, ‘मैं आप के काम से खुश नहीं हूं. आप अपने बौस से मेरी बात कराइए.’

इतना सुनते ही वह आदमी जोर से चिल्लाया, ‘अजी सुनती हो, ये जनाब तुम से बात करना चाहते हैं.’

इसी तरह घर पर बैठे 2 दोस्त फोन पर अपना दुखड़ा रो रहे थे. पहला दोस्त बोला, ‘मैं इस समय  स्टेज 3 में हूं. पहली स्टेज में बरतन मांजे, दूसरी स्टेज में खाना बनाया, तीसरी स्टेज में कपड़े धो रहा हूं. और तुम?’

दूसरा दोस्त ने सीना तान कर कहा, ‘मैं ने बेलन से मार खा ली मगर काम नही किया… भाई, कोरोना तो थोड़े दिन में चला जाएगा, मगर पत्नी को पता चल गया कि इस को यह सब आता है तो जिंदगीभर करना पड़ेगा.’

एक भाई ने तो अपनी भड़ास कुछ इस तरह निकाली, ‘इसी तरह लाकडाउन बढ़ता रहा और 24 घंटे मियांबीवी को साथ रहना पड़ा, तो वैज्ञानिकों से पहले कोई पति ही कोरोना वायरस का टीका बना देगा.’

कर्फ्यू लगने के बावजूद एक बंदा बाहर सड़क पर टहल रहा था कि पुलिस ने उस से पूछा, ‘कहां जा रहे हो मुंह उठाए…पता नही कर्फ्यू लगा है…’

उस आदमी ने दर्द को पीते हुए कहा, ‘जनाब, दर्द दूर करने की मलहम लेने जा रहा हूं, कर्फ्यू का पता तो पिछले चौक में ही लग गया…’

इसी तरह एक आदमी डाक्टर के पास गया और बोला, ‘डाक्टर साहब, मुझे बैठने मे काफी तकलीफ हो रही है.’

डाक्टर ने छूटते ही पूछा, ‘कर्फ्यू देखने गए थे क्या?’

उस आदमी ने हैरान हो कर पूछा, ‘आप ने कैसे पहचाना?’

‘क्योंकि आजकल ऐसे लोग ज्यादा दवा लेने आ रहे हैं,’ डाक्टर ने चुटकी ली.

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घर में बैठेबैठे पक चुके एक आदमी ने अपने दोस्त पर भड़ास निकाली, ‘बिलकुल रेलवे के डब्बे में बैठने जैसी फीलिंग आ रही है … सिर्फ टायलेट के लिए उठ कर जाना है और फिर वापस आ कर अपनी जगह पर बैठ जाना है.’

एक आदमी ने तो हद ही कर डाली और बोला, ‘वह दिन दूर नहीं जब लोग कहेंगे कि यह छोटा वाला तो कोरोना के चक्कर में पैदा हो गया.’

एक आदमी ने तो चेतावनी दे डाली, ‘अगर बीवी से लड़ाई भी हो जाए तो भी घर से बाहर नहीं निकले.. इज्जत ही सबकुछ नहीं होती, जान है तो जहान है…’

एक भाई ने तो ज्ञान की गंगा ही बहा दी, ‘नोटबंदी की अपार सफलता के बाद पेश है ‘घरबंदी’ और वह भी अपनी ही बंदी के साथ…’

एक कवि टाइप शादीशुदा मर्द ने घर से ही एक चेतावनी दे डाली, ‘हवा की लहर बन कर, तू मेरी खिड़की न खटखटा. मैं बंद कमरे में बैठा हूं… तूफान से सटा…’

दरअसल, यहां वह आदमी अपनी गर्लफ्रैंड को बता रहा है कि मिसकाल मत देना, बीवी पास ही बैठी है.

लाकडाउन के इस समय में समय का सदुपयोग करें. खुद को साफसुथरा रखें, टाइमपास के लिए अच्छी पत्रिकाएं पढ़ें, जागरूक बनें और मौका मिलते ही चेहरे पर मुसकान ले आएं.

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सरकार की लापरवाही: आम फैक्ट्री से लेकर बौलीवुड तक, भूखे रहने को मजबूर हैं ये दिहाड़ी मजदूर

सोमवती के होंठ सूख गए हैं, पैरों में छाले पङ गए हैं. दोनों बच्चे पारो और फेकन को 2 दिनों से खाना नहीं मिला है. उन के पैरों में भी छाले पङ गए हैं और भूख से छटपटा रहे हैं.

सोमवती कहती है,”इस से तो अच्छा है यह बीमारी हमें मार ही डाले. बच्चों को तड़पता देख कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करें.”

पति राजभर की भी यही हालत है. जेब में 100-200 बचे हैं और उसे अपने परिवार के साथ बक्सर से राजस्थान लगभग 1,600 किलोमीटर तक पैदल ही चलना है.

राजस्थान का यह परिवार बिहार के बक्सर में एक आइसक्रीम फैक्ट्री में काम करता था. राजभर और सोमवती दोनों ही इस फैक्ट्री में पिछले 3 सालों से काम करते हैं और यहीं से मिले रोजाना पैसों से वे अपने परिवार का पेट पालते हैं.

1600 किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर

कोरोना बीमारी से पूरे देश में लौक डाऊन होने की वजह से फैक्ट्री बंद हो गई तो उन्होंने और लोगों के साथ राजस्थान अपने गांव जाने की सोची.  कम पढेलिखे होने की वजह से उन्हें यह पता ही नहीं था कि न तो ट्रेन चल रही है न ही बस. रोड पर न गाङी चल रही न यातायात के अन्य कोई साधन.

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यहां उस के गांव के 14-15 लोग और थे. वे भी परेशान थे और गांव लौट जाना चाहते थे. कोई साधन न मिलता देख उन्होंने पैदल ही जाने फैसला किया. पर 1,600 किलोमीटर की दूरी तय करना इतना आसान भी नहीं. रास्ते में वे कहां रूकेंगे, कहां उन्हें भोजन मिलेगा इस की कोई गारंटी नहीं. पर जान है तो जहान है, यही सोच कर वे सब अपने गांव की ओर निकल पङे हैं.

दो जून की रोटी भी नसीब नहीं

इधर दिल्ली में रहने वाला राजेश बोतल में पानी भरभर कर घरघर पहुंचाने का काम करता है. अब कोरोना वायरस के कारण दिल्ली में कर्फ्यू है और वह निकल नहीं पा रहा. घर वाले भी उसे मना कर चुके हैं. अब उस के पास दो जून की रोटी की समस्या आ खङी हुई है.

यही हाल फेकनराम का है. वह बिहार का रहने वाला है और दिहाङी मजदूर है. बीते 4-5 सालों से वह देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में टेंट लगाने का काम करता है लेकिन बीते कुछ दिनों से सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होने से उसे कोई काम नहीं मिल रहा.

भुखमरी की समस्या

कोरोना के कहर से दुनियाभर में घबराहट का माहौल है और लोगों के कामकाज पर गहरा असर पङा है. सामाजिक कार्यों से ले कर अन्य प्रकार के कार्यक्रम रद्द होने की वजह से दिहाङी मजदूरों के सामने भुखमरी की समस्या खङी हो गई है.

बिजनौर के रहने वाले अंबिका ने फोन पर बताया कि इस बीमारी के डर से वे और उन के साथ करीब 20-25 लोग दिल्ली से बिजनौर पैदल ही निकल पङे हैं. उन्हें पता है कि इसी में उन की जान बची रहेगी. मगर नोएडा पार करतेकरते कईयों की हालत पतली हो चुकी है और अभी उन्हें लगभग 250 किलोमीटर और चलना पङेगा.

दिल्ली का दर्द भी जुदा नहीं

दिल्ली में ऐसे कई दिहाङी मजदूर हैं जो दिल्ली छोङना चाहते हैं. हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी मजदूरों को आश्वस्त किया है कि उन्हें खाना मिलेगा पर बहुतों के पास दिक्कत यह है कि वे सरकारी रजिस्टर्ड मजदूर नहीं हैं और इन वजहों से उन्हें न तो सरकारी सुविधाओं से लाभ मिलेगा और न ही कोई सहायता ही उन तक पहुंच पा रही है.

हालांकि दिल्ली सरकार बारबार यह घोषणा कर रही है कि दिल्ली में किसी मजदूर को भूखे नहीं मरने दिया जाएगा और इस के लिए लगभग हर विधानसभा के विधायक को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे कार्यकर्ताओं से बात कर हालात पर नजर रखें और परेशान लोगों तक जरूरी चीजें पहुंचाएं.

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बुराङी विधानसभा आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रमुख संदीप भोनवाल ने बताया,”देखिए, यह सही है कि अभी हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं और इस का सब से अधिक नुकसान दिहाङी मजदूरों को हो रहा है. पर सरकार के निर्देश पर बुराङी के 6 स्कूलों में राहत सामग्री और भोजन की व्यवस्था की गई है जो दिन में 12 बजे और शाम में 6 बजे जरूरतमंद लोगों को भोजन और जरूरत की चीजें दी जाएंगी.”

उन्होंने बताया,”बुराङी में काफी संख्या में मजदूर तबके के लोग रहते हैं जो दिल्ली के विभिन्न जगहों पर दिहाङी मजदूरी करते हैं अब सब बंद हो जाने के बाद इन के सामने खानेपीने की समस्या आ खङी हुई है और इसीलिए यहां कादीपुर, बुराङी, मुकुंदपुर व जहांगीरपुरी आदि के 6 स्कूलों में राहत शिविर लगाया गया है जहां जरूरतमंद लोगों को दोनों टाइम भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.”

चक्का जाम, खाने के लाले

उधर, के कई अन्य जगहों से ट्रक चलाने वाले ड्राइवर व खलासियों की हालत भी पतली है. ट्रक अनलोड करने के बाद राज्य की सीमाएं सील हैं जिस की वजह से वे कहीं निकल नहीं पा रहे. सारे होटलमोटल बंद हैं और इन के जेब में पैसे तो हैं पर खाना देने वाला कोई नहीं.

इस की वजह से शहरों में जरूरी चीजों का भी अभाव हो गया है. आलू, प्याज, टमाटर की कीमतों में भारी इजाफा हो गया है.

मंडी में बुरा हाल

दिल्ली के आजादपुर सब्जी मंडी में काम करने वाले चंदन कुमार सिंह ने बताया,”अभी मंडी मात्र 3 घंटे यानी सुबह 6 बजे से 9 बजे तक ही खुली रहती है. इस को बढाया जाना चाहिए. साथ ही मंडी में जिन को सरकार ने पास दिया है वे तो आजा रहे हैं पर जिन गाड़ियों को पास नहीं मिला है उन की सैकड़ों गाङियां सङक पर खङी हैं. मंडी में केला व संतरा का काफी स्टौक है पर आवाजाही बंद होने अथवा सीमित होने से इन का सङने का डर है.”

बौलीवुड भी अछूता नहीं

उधर कोरोना वायरस से बौलीवुड भी परेशान है. यहां काम करने वाले मजदूरों की हालत पतली है और उन के सामने खानेपीने की समस्या मुंह बाए खड़ी है.

फेडरेशन औफ वेस्टर्न इंडिया सिने ऐंपलौइज (एफडब्ल्यूआईसी) के प्रमुख बीएन तिवारी ने इस पर सिने अभिनेताओं पर जम कर भड़ास निकाली है और कहा है कि ज्यादातर अभिनेता, डायरैक्टर दिनभर ट्विटर पर ट्वीट करते हैं पर मदद के नाम पर एक धेला भी मजदूरों के बने राहतकोष में नहीं देते.

उन्होंने सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन और सलमान खान से मदद की गुहार लगाई है.

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सरकारी सहायता पर्याप्त नहीं

देश के कई जगहों में लौकडाऊन ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है और लोग अब केंद्र सरकार की अपर्याप्त मदद को ले कर उन्हें जम कर कोस रहे हैं.

वैसे भी पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी से कई कंपनियों पर ताला लग चुका और अब यह कोरोना वायरस पर सरकारी उदासीनता से लोगों की रोजीरोटी पर खासा असर पङा है.

केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए भी धेला ही दिया और उन्हें जनधन खाते में महज 500-500 रूपए 3 महीने देने की घोषणा कर हाथ खङे कर दिए.

ट्विटर पर फूटा इमरान हाशमी का गुस्सा, Lockdown को लेकर कही ये बड़ी बात

जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत में कोरोना वायरस (Corona Virus) का प्रभाव बढ़ते जा रहा है और यहां तक की भारत सरकार (Indian Government) ने इस खतरनाक बिमारी को देखते हुए 21 दिन तक भारत लौकडाउन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. ऐसे में 14 अप्रैल तक पूरे देश में कर्फ्यू लगा रहेगा और सभी अपने घर से तभी निकल सकते हैं जब उन्हें किसी बहुत जरूरी चीज की जरूरत होगी जैसे कि दूध, दवाई, सब्जी, आदी.

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ट्विटर के जरिए दिखाया गुस्सा…

देश के ऐसे हालातों को देख सभी बौलीवुड एकटर्स सोशल मीडिया के जरिए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे है. हाल ही में बौलीवुड एक्टर इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) ने ट्विटर के जरिए कोरोना वायरस पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होनें लिखा है कि,- “And all this because some person thousands of miles away wanted to have a freakish culinary experience like eating a BAT”.

चमगादड़ों के कारण फैला कोरोना वायरस…

इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) के इस ट्वीट से साफ पता चल रहा है कि वे इस बिमारी को लेकर काफी गुस्से में हैं. इमरान के इस ट्वीट का मतलब ये है कि,- “हमारे देश में इस तरह के हालत इस लिए हैं क्योंकि यहां से हजारों मील दूर कुछ लोग चमगादड़ को खाने का अजीब अनुभव करना चाहते थे”. खबरों की माने तो कोरोना वायरस (Coronavirus) चमगादड़ों (Bats) के कारण ही फैला है.

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हजारों लोग गवा चुके हैं अपनी जान…

कोरोना वायरस जैसी बिमारी लोगों से ही लोगों में फैल रही है यानि की ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आते ही जो कोरोना संक्रमित है हमें भी ऐसी बिमारी लग सकती है. आपको बता दें, यह बिमारी अब तक 180 से भी ज्यादा देशों में फैल चुकी है और अब तक हजारों की तादात में लोग इस बिमारी के कारण अपनी जान गवा बैठे हैं.

#lockdown: इस लौक डाउन में क्या कर रहीं है भोजपुरी एक्ट्रेसेस

कोरोना (Corona) के कहर कहर के चलते देश भर में लगाये गये लौक डाउन (Lockdown) के चलते सभी लोग अपने ही घरों में कैद हो कर रह गए हैं चाहे वह नौकरीपेशा व्यक्ति हो या मजदूर. इसके चपेट में आने से बचने का केवल यही एक तरीका बचा है की हम सोशल डिस्टेन्स का ख्याल रखें. फिर ऐसे में सेलिब्रिटीज कैसे पीछे रहें आखिर अपनी जान तो सभी को प्यारी होती है. भोजपुरी (Bhojpuri) से जुड़े ऐसे ही एक्टर्स क्या कर रहें है उससे जुडी तस्वीरें इन सेलेब्रेटीज द्वारा अपने  सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर की जा रहीं हैं. जिसमें कोई घर में काम करता नजर आ रहीं है तो कोई खेलती हुई. कोई घर में योगा और वर्कआउट करती नजर आ रही है तो कोई कोरोना से बचने की अपील कर  रहीं है. ऐसे में भोजपुरी से जुड़े कुछ फेमस हिरोंइनों के सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर की गई तस्वीरों की पड़ताल कर यह जाननें की कोशिश की वह लौक डाउन के बीच क्या कर रहीं हैं आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही ऐक्ट्रेस के रूटीन के बारें में.

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भोजपुरी सिनेमा में अपने खूबसूरती और सोख व चंचल अदाओं से तहलका मचाने वाली मोनालिसा (Monalisa) नें बड़े ही खबसूरत अंदाज में अपने बेडरूम में बेड पर लेट कर किताब पढ़ते हुए की तस्वीर शेयर की है और लिखा की इस तूफ़ान में घर ही आश्रय है, मेरे अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ. “किताब” (Home Is A Shelter From Storms… All Sorts Of Storms 🙏🙏🙏… #self #quarantine with my best friend #book #stayhome #staysafe #homesweethome).

 

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Staying safe….& enjoying my leisure time!!😘 #stayhome #besafeeveryone #hometime❤️ #coronavirusoutbreak⚠️ #bealeart

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भोजपुरी अभिनेत्री कनक पाण्डेय (Kanak Pandey) नें अपने घर में अकेले ही कैरम खेलते की तस्वीर शेयर की है. जिसमें उन्होंने लिखा है “सुरक्षित रहना …. और मेरे खाली समय का आनंद लेना !!”. (Staying safe….& enjoying my leisure time!! #stayhome #besafeeveryone #hometime #coronavirusoutbreak  #bealeart).

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वहीं रानी चटर्जी (Rani Chatterjee) नें इन्स्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की है जिसमें वह बहुत ही निराले अंदाज में नजर आ रहीं हैं. उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा है #wearefirefighter #gocoronago “ चाहे कुछ भी हो जाए घर से बाहर नहीं जाउगी”. i love my family i love my india .. #goodmorning #instapost #love #lifestyle #athom.

 

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#gharparbaithoindia #stayhome #staysafe #coronasebacho #covid19 #jantacurfew #pmmodi #narendramodi #pmmodiji @narendramodi

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भोजपुरी के खुबसूरत हीरोइनों में शुमार अक्षरा सिंह (Akshara Singh) अभी हाल ही में लोगों को कोरोना से बचाव के लिए हाथ धोने के तरीकों के बारे में बतातीं नजर आई थी. एक बार वह फिर इस लौक डाउन के बीच लोगों से कोरोना से बचे रहने की अपील करती हुई नजर आ रहीं हैं. अक्षरा सिंह ने अपने इन्स्टाग्राम एकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने अपने मुहं पर मास्क लगा रखा है और हाथ में एक तख्ती है. जिस पर हैज टैग के निशाँ के साथ लिखा है “जनता कर्फ्यू हम सब घर पर रहेंगे धन्यवाद उन सबों को जो हमारा जीवन बचानें के लिए काम कर रहें हैं. घर पर रहें सुरक्षित रहें”.

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Day first #🤣 #21days #challenge #corona ab bas bhi karona 🤯 take care guys be safe n be healthy #🦋

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ऐक्ट्रेस काजल राघवानी (Kajal Raghwani) ने एक फोटोपोस्ट कर उसके कैप्सन में लिखा है “पहला दिन” “इक्कीस दिन चैलेन्ज” “कोरोना अब बस करो ना”  (Day first #🤣 #21days #challenge #corona ab bas bhi karona 🤯 take care guys be safe n be healthy).

अभिनेत्री पूनम दूबे (Poonam Dubey) ने अपने घर से ही वर्कआउट की वीडियो शेयर की है और उसके कैप्सन में लिखा है घर में रहें सुरक्षित रहें और जो आपको पसंद हो वो करें. जैसे की मै घर का काम, वर्कआउट , टीवी देखना, मम्मी के साथ खूब सारी बातें, भाई के साथ खेलना और बहुत सारी मस्ती. लेकिन प्लीज घर पर ही रहें. #isolation #quarantine #familytime #stayawayfromcoronavirus

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#coronavirus कोरोना: क्या कर रही हैं घर पर ये 6 महिला खिलाड़ी

भारतीय फुटबाल टीम की कप्तान रह चुकी सोना चौधरी अब गुरुग्राम में रहती हैं. कोरोना के चलते पूरे देश में लाकडाउन हो चुका है. फोन पर सोना से बातचीत की तो उन्होंने कुछ खास बातें बताई कि किस तरह हम घर पर रह कर इस महामारी से बचने के साथसाथ कुछ ऐसे काम भी कर सकते हैं, जिन्हें सामान्य दिनों में सोचते भी नहीं हैं.

सोना चौधरी के 2 बेटे हैं जो अभी स्कूल में ही पढ़ते हैं. वे अपने दोनों बेटों से घर के ऐसे काम कराती हैं, जो उन्हें क्रिएटिव तो बनाते ही हैं, साथ ही उन की कसरत भी हो जाती है.

सोना चौधरी बताती हैं, “मैं उन से डस्टिंग कराती हूं, साथ ही दूसरे छोटेमोटे काम भी कराती हूं. उन्हें कुकिंग का शौक है तो खाना बनाने को कह देती हूं. उन के साथ मैं भी बिजी रहती हूं.

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“इस से बच्चों में अपना काम खुद करने की भावना पनपती है और यह भेदभाव भी खत्म होता है कि सिर्फ लड़कियां ही घर के काम कर सकती हैं या उन्हें ही ये काम करने चाहिए.”

मास्टर्स एथलेटिक्स में भारत का दुनियाभर में नाम रोशन करने वाली नीलू मिश्रा उत्तर प्रदेश में लोगों को इस बीमारी से जागरूक कर रही हैं.

‘नीलू वाराणसी’ के नाम से मशहूर नीलू मिश्रा का कहना है, “जैसा कि आप जानते हैं कि यह वायरस खांसी, छींक और छूने से एक इनसान से दूसरे इनसान में फैलता है, इसलिए मास्क का इस्तेमाल करें. लोगों से हाथ न मिलाएं और गले भी न मिलें. अपने आसपास और घर में साफसफाई रखें.

प”हर 15 मिनट में कम से कम एक घूंट कुनकुना पानी पीते रहें. अपने हाथों को कम से कम 20 सैकंड तक रगड़ कर साबुन से धोएं. गंदे हाथों से अपने नाक और मुंह को न छुएं और न ही गंदे हाथों से कुछ खाएं. आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, बर्फ, बाजार की लस्सी, ठंडी छाछ और दूसरी ठंडी चीजों के सेवन से बचें.

“भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. सर्दी, खांसी, कफ, बुखार होने वाले मरीज को डाक्टर के पास तुरंत जाने की सलाह दें.

“घर पर रोजाना स्किपिंग जैसी कसरत करें और ज्यादा से ज्यादा बिजी रहें. अच्छा साहित्य पढ़ें और कोई भी क्रिएटिव काम करें.”

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बिकिनी एथलीट मधुप्रिया झा ने कहा, “इस लाकडाउन समय में हमें अपने इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर देना चाहिए. इस के लिए स्क्वाट, प्लैंक, माउंटेन क्लाइंब एक्सरसाइज, बर्पीज, जंपिंग जैक, लंजीज करनी चाहिए. अपनी उम्र का खयाल रखते हुए ही ये कसरतें करनी चाहिए.

“इस के अलावा आप के घर में स्टेयर्स हैं तो उन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर आप को शीर्षासन करना आता है तो वह बहुत अच्छी कसरत है.”

भारतीय महिला पहलवान पूजा ढांडा का मानना है, “सब से पहले आप मन से पाजिटिव रहिए. अब जबकि घर पर रहना है तो वर्कआउट जरूर करें. आप ऐसे काम भी कर सकते हैं जिस में आप की कैलोरी बर्न हों. बाकी जो भी दिशानिर्देश प्रशासन ने दिए हैं उन का सख्ती से पालन करें. तन और मन से फिट रहें और इस महामारी का डट कर सामना करें.”

भारतीय इंटरनेशनल कबड्डी टीम की सदस्य रही कई मैडल जीत चुकी सुमन शौकीन दहिया का मानना है कि संकल्प और संयम ही इस बड़ी मुसीबत का इलाज है. घर के ऐसे काम खुद कीजिए जिन से खुद ब खुद कसरत हो जाए.

इंटरनेशनल शूटर वर्षा तोमर ने तो अपना पूरा घर खुद सेनेटाइज किया है. उन के मुताबिक कपड़े धोना भी एक अच्छी कसरत है. दिन में वे किताबें पढ़ती हैं और शाम को छत पर वर्कआउट करती हैं. इस में स्टेयर्स बड़ी अहम होती हैं. उन से स्टेमिना बढ़ता है.

वर्षा ने बताया, “यह समय घर के बच्चों के साथ गुजारने के लिए सब से बढ़िया है. मैं ने अपने भतीजेभतीजियों के साथ मिल कर बालकनी की दीवार ही पोत डाली है.”

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दिल में अरमान, आंखों में आंसू : सुहागरात के बजाय दूल्हे जेल में बदलते रहे करवटें

चीन से आया हौआ कोरोना से हम पूरी तरह वाकिफ भी न हुए थे, वहीं चीन के युन्नान प्रोविंस से ही आया नया वायरस हंता जो कि जिंदा चूहा और गिलहरी के खाने से होता है तहलका मचा रहा है. हंता वायरस से एक की मौत भी हो गई है.

भारत में कोरोना को ले कर बहुत से लोग अभी भी जागरूक नहीं हैं, पर सरकार ने लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है, बीड़ा है कि लोग अपने घरों में ही रहें. घर से बाहर न जाएं.

हैरानी इस बात की है कि लोग सजग नहीं हैं, बेपरवाह सड़कों पर घूम रहे हैं, बहाना बना रहे हैं, सरकार के नियमों की बेखौफ धज्जियां उड़ा रहे हैं. जब पुलिस पूछताछ कर रही है तो कोई ठोस जवाब तक नहीं दे पा रहे.

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इसी को ध्यान में रख कर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम सम्बोधन में लॉक डाउन की समय सीमा 31 मार्च से बढ़ा कर 14 अप्रैल कर दी. वहीं पुलिस को भी सख्ती से निबटने का फरमान जारी कर दिया.

इधर सरकारी फरमान जारी हुआ, उधर इस फरमान से बेखबर सरकारी प्रतिबंधों की अनदेखी कर शादी करना अलग अलग जगह पर इन दूल्हों  को भारी पड़ गया.

एक दूल्हा नहीं, बल्कि 2 दूल्हे थे. ये दूल्हे न सिर्फ गिरफ्तार हुए, बल्कि अपने परिवार वालों को भी सलाखों के पीछे पहुंचवा दिया.

शादी के बाद सुहागरात मनाने का इन का सपना चकनाचूर हो गया. दोनों दूल्हों ने जेल में करवटें बदलते हुए रातें काटीं. अब कब तक काटनी पड़ेगी, कुछ कह नहीं सकते.

ओडिशा पुलिस ने कंधमाल जिले में ही 2 दूल्हों को सरकारी आदेश का उल्लंघन कर शादी समारोह आयोजित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर 5 लोगों से ज्यादा के एक जगह पर जमा होने पर रोक लगा रखी है, लेकिन इन दोनों दूल्हों ने शादी के जश्न में सरकारी आदेश की परवाह नहीं की.

ओडिशा पुलिस ने कंधमाल जिले के नौपद गांव के परमेश्वर भोक्ता को गिरफ्तार किया है. उस ने अपनी शादी की खुशी में पार्टी दी थी, जिस में  70-80 लोग शामिल हुए थे.

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वहीं दूसरी घटना खजूरीगांव की है. यहां के आदिवासी युवक बिजू कन्हार को भी गिरफ्तार किया गया है. बिजू कन्हार ने अपनी शादी में बरात निकाली थी, जिस में कई लोग शामिल हुए थे.

पुलिस ने दूल्हे के भाई को भी गिरफ्तार किया है जिस ने बारात में आने के लिए लोगों को न्योता दिया था.

शादी का सपना पाले इन फूल से नाजुक लाडलों ने किस तरह  जेल में अपनी रातें काटी होंगी, यह तो इन्हें जिंदगी भर सालता रहेगा, पर थोड़ी नासमझी के चलते ऐसा हुआ. यदि आप भी शादी करने का सपना पाल रहे हैं तो थोड़ा रुक जाएं. कहीं ऐसा न हो, जेल भुगतनी पड़े.

सावधान रहें, समयसमय पर सरकार अपने आदेश में साफसाफ बता रही है कि कोरोना महामारी है. इस से बचना ही एकमात्र उपाय है तो कोई रोड पर न निकले. घर में ही रहे, अपने को लॉक करें. पुलिस की मार से बचें. जब बहुत ही जरूरी हो, तभी जाएं. दूध सब्जियां, दवा वगैरह लेने जाएं अन्यथा अन्यत्र न जाएं. वरना पुलिस भी अब बेवजह घूमने वालों पर लाठी भांजने से चूक नहीं रही.

कोरोना के खौफ के बीच निकाह, अनोखे अंदाज में एक-दूजे का हुआ यह जोड़ा

– ज्योति गुप्ता

शादी लगभग हर लड़की का सुनहरा सपना होता है. जैसै-जैसे वह बड़ी होती है उसके ख्यालों की दुनिया भी बड़ी होने लगती है. शादी की बात होने पर वह भले ही वह शर्मा जाती हो लेकिन मन ही मन में हजारों ख्वाहिशें बुनती रहती है. जरूरी नहीं कि उसके सपने बहुत बड़े हों लेकिन अपनी शादी में सजना-सवरना, सखियों के साथ चहकना और गानों पर थिरकना भला किस लड़की को अच्छा नहीं लगता. लेकिन अब जब कोरोना वायरस के चलते देश को लौक डाउन कर दिया गया है तो कई जोड़ों की शादी पोस्टपोन हो गई है. वहीं एक बेटी ने अनोखे अंदाज में शादी करके कोरोना के खिलाफ लड़ाई जारी रखी है, क्योंकि जब बात देश की सुरक्षा की होती है बेटियां भी किसी से पीछे नहीं रहतीं, अब चारों तरफ इस जोड़े की तारीफ हो रही है.

दरअसल, बिहार के पटना में रहने वाली सादिया नसरीन की शादी यूपी के साहिबाबाद में रहने वाले दानिश से तय हुई थी. घराती और बराती दोनों पक्ष धून-धाम से शादी की तैयारी कर रहे थे. इसी बीच कोरोना वायरस के चलते देश को लौक डाउन करने की खबर मिली. फिर क्या था अब दोनों पक्ष को यह चिंता सताने लगी कि अब निकाह करना कैसे संभव है. लेकिन दूल्हा और दुल्हन की समझदारी ने इस मुश्किल को आसान बना दिया.

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शादी के दिन सादिया नसरीन ने सुर्ख जोड़ा पहना, श्रृंगार कर दुल्हन की तरह तैयार हुई, वहीं यूपी में मौजूद दानिश रजा ने भी दूल्हे की पोशान पहनी और दोनों ने डिजिटल इंडिया का उदाहरण देते हुए वीडियो कौन्फ्रेंसिंग के जरिए निकाह कबूल किया. काजी साहब ने पहले सादिया से दानिश से निकाह करने की इजाजत ली इसके बाद उन्होंने दानिश का निकाह पढ़ाया. निकाह के बाद एक वीडियो सामने आया है. जिसमें दुल्हन के घरवाले स्क्रीन के सामने हैं और दूसरी तरफ दूल्हा तरफ बैठा है. काजी पूछने पर दोनों ने निकाह कबूल किया है. अनोखे निकाह की बात जिस किसी ने भी सुनी अनोखे जोड़े की तारीफ की. एक तरफ जहां लोग अफवाहें फैला रहे हैं और सरकार के आदेश का पालन नहीं कर रहें वहीं इस कपल ने अनोखे अंदाज में कोराना को मात दिया है और लोगों के लिए मिसाल बना है.

दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से पूर देश को 14 अप्रैल तक के लिए लौकडाउन कर दिया गया है. इस वजह से सामाजिक आयोजनों और लोगों के जुटने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे समय में इस जोड़ों सकारात्मक उदाहरण दिया है और डिजिटल इंडिया का औप्शन चुनकर कोरोना से लड़ाई का नया रास्ता सुझाया है.

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Lockdown के दौरान ऐसे टाइम बिता रहे हैं Amitabh Bachchan, घर में ही बना डाला जिम

जैसा कि हम सब जानते हैं कि पूरे विश्व में कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर बडा हंगामा हो रहा है. यहां तक की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 21 दिन तक भारत बंद करने की घोषणा कर दी है. यानि की अब 14 अप्रैल कर पूरा भारत लौकडाउन (Lockdown) रहेगा. 21 दिन के कर्फ्यू की वजह से सभी लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं. इस बीच बौलीवुड (Bollywood) के महानायक कहे जाने वाले एक्टर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सोशल मीडिया पर अपनी कई फोटोज शेयर कर रहे हैं और सबसे ये विनती कर रहे हैं कि सभी को अपने घरों के अंदर रहना चाहिए जब तक की ये कोरोना वायरस भारत से चला नहीं जाता.

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21 दिन तक घर से ही करेंगे वर्क-आउट…

 

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Keep the gym going .. build resistance .. fight fight fight !!! 🏋️‍♂️🏋️💪💪

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पिछले दिनों अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम पर एक फोटो शेयर की थी जिसमें वे अपने घर पर ही वर्क-आउट करते दिखाई दे रहे थे. इस फोटो को देख ऐसा लग रहा है कि उन्होनें अपने घर पर ही एक छोटा सा जिम बनाया हुआ है और अब वे बिना बाहर जाए उसी जिम में वर्क-आउट करेंगे. इसी के साथ ही उन्होनें इस फोटो के कैप्शन में लिखा कि,- “Keep the gym going .. build resistance .. fight fight fight !!!”

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हाथ जोड़ते हुए शेयर की फोटो…

ये बात तो हम सब जानते हैं कि अमिताभ बच्चन समय समय पर लोगों को नसीहत देते रहते हैं और तो और वे सभी को इंस्पायर भी करते हैं. वर्क-आउट वाली फोटो के बाद उन्होनें अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक और फोटो शेयर की जिसमें वे हाथ जोड़ कर खड़े हैं और साथ ही भारत के तिरंगे की भी फोटो है जिसके ऊपर एक जंजीर बंधी हुई है. इस फोटो के कैप्शन में अमिताभ लिखते हैं कि,- “हाथ हैं जोड़ते विनम्रता से आज हम, सुनें आदेश प्रधान का , सदा तुम और हम ; ये बंदिश जो लगी है , जीवदायी बनेगी , 21 दिनों का संकल्प निश्चित Corona  दफ़नाएगी ” !!! ~ अमिताभ बच्चन”.

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डौक्टर्स का किया धन्यवाद…

 

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Respect and honour .. to them that work to save us 💕🙏🙏

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कुछ दिनो पहले उन्होनें एक ऐसी फोटो भी शेयर की थी जिसे देख शायद भारत का हर नागरिक इमोश्नल हो जाए. इस फोटो में एक डौक्टर की बाहों में भारत का तिरंगा है जिससे साफ पता चल रहा है कि इस समय भारत को सिर्फ और सिर्फ डौक्टर्स की टीम ही बचाने में लगी हुई है. इस फोटो के कैप्शन में लिखा है कि,- “Respect and honour .. to them that work to save us”

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पड़ोसी देश पाकिस्तान भी बेबस, सरकारी कोशिशों के बावजूद चल रहा है अंधविश्वास का करोबार

पूरे विश्व में जहां कोरोना वायरस लोगों के लिए दहशत का माहौल बन चुका है, लाखों मरीज पीङित हैं और हजारों मौत के मुंह में समा चुके हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पाखंड और अंधविश्वास की दुकान खोल कर मौत के आंकड़ों को बढ़ाने का गंदा खेल खेलने में लगे हैं.

बेबस है मुल्क

पाकिस्तान के स्थानीय अखबार ने वहां की सरकार को चेताया है और मांग की है कि वहां की जनता को बचाने के लिए सरकार कङे कदम उठाए.

मालूम हो कि जब पूरा विश्व इस आपदा से जूझ रहा है, पाकिस्तानी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना इलाज के लिए लोग झाङफूंक और ओझाओं के गिरफ्त में जा रहे हैं. लाजिम है इस अंधविश्वास की वजह से पाकिस्तान की स्थिति बेहद भयावह होने वाली है.

पाखंड छोङ वैज्ञानिक सोच जरूरी

वहां पाखंड का बोलबाला ऐसा है कि मौलवियों और ओझाओं ने करोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए रूहानी इलाज करवाने को बोल रहे हैं. अव्वल तो यह कि इस इलाज के लिए आत्माओं को वश में कर इलाज कराने का दावा किया जा रहा. कबूतर और मुरगे से, इंसानी बालों से और ऊंटों से शर्तिया इलाज का दावा कर करोड़ों लोगों की जान से खेल रहे हैं.

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समय रहते अगर वहां की सरकार नहीं चेती तो मईजून तक वहां डेढ से 2 करोङ लोग करोना वायरस की चपेट में होंगे.

आम जरूरतें की चीजें हो गई हैं महंगी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान में फिलहाल 1 हजार के करीब लोग कोरोना वायरस से पीङित हो चुके हैं और वहां की सरकार इस के रोकथाम के लिए पूरी तरह बेबस दिखती है. यह खबर वहां के एक अखबार में ही प्रकाशित हुई है कि सरकार को अब सख्त उपाय करने चाहिए ताकि इस आपदा से लोगों की जान बच सके.

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में कोरोना ने देश की कमर तोङ दी है और आम जरूरतों की चीजें आसमान छू रही हैं. दूध, सब्जियों, राशन की तमाम जरूरतों की चीजें वहां महंगी हो चुकी हैं और लोगों में उसे इकट्ठा करने की होङ मची हुई है. हालांकि वहां की सरकार जनता को भरोसा दिला रही है कि इस संकट से पाकिस्तान जल्द ही बाहर आ जाएगा.

सार्क ने मदद देने से किया इनकार

उधर, पाकिस्तान के लिए बुरी खबर यह भी है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों द्वारा तैयार ‘कोविड आपात कोष’ ने पाकिस्तान सरकार को मदद देने से इनकार कर दिया है.

पाकिस्तान का प्रमुख अखबार द डौन में छपी खबर के मुताबिक, कोविड-19 पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले रहा है और अगर यही हाल रहा तो पाकिस्तान के लिए इसे रोकना मुश्किल हो जाएगा. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिस रफ्तार से इस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, संभावना है कि पाकिस्तान में 2 करोङ यानी 20 मिलियन लोग इस की चपेट में होंगे साथ ही 2020 के अंत तक विश्व में 6 अरब लोग इस की गिरफ्त में आ चुके होंगे.

रिपोर्ट में कितनी सचाई

मालूम हो कि कोरोना वायरस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है जिस पर जागरूक और वैज्ञानिक तरीके से ही नियंत्रण पाया जा सकता है, बावजूद वहां भी कुछ पाखंडी लोगों द्वारा इसे व्यापार बनाना चिंता की बात जरूर है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना से निबटने के लिए पाकिस्तान को बङे पैमाने पर ऐक्शन लेना होगा और यह तभी संभव है जब तक सरकार से ले कर वहां की जनता की भी इस में अपनी भागीदारी दे.

पाकिस्तान में कोरोना से पीङित लोगों  की संख्या 1 हजार के करीब है और सब से बुरी स्थिति सिंध प्रांत की है जहां लगभग 400 लोग इस की चपेट में आ चुके हैं और पूरे देश में बहुत तेजी से पीङितों की संख्या बढ रही है.

भारत भी अछूता नहीं

भारत में भी कुछ जगहों पर पाखंड की दुकान चलाने वाले कुछ बाबाओं की तसवीरें वायरल हुई हैं, जिस में इस के शर्तिया इलाज का दावा किया जा रहा.

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सरकार को चाहिए कि ऐसे बाबाओं पर तुरंत काररवाई करे. लोगों को भी चाहिए कि वे इन पाखंडियों पर विश्वास न करें और वही तरीका अपनाएं जो सरकार कह रही है अथवा स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ बता रहे हैं.

बता दें कि पूरे विश्व में अभी तक कोरोना वायरस से लगभग साढे 3 लाख लोग पीङित हैं और लगभग 15 हजार की मौत हो चुकी है.

इसलिए बेहतर होगा कि अभी न तो मंदिरमसजिद, न गुरूद्वारा और न ही गिरिजाघर से ही लोगों को बचा पाने की ताकत रखते हैं.

लोगों को खुद को जिंदा रखना है तो वे अंधविश्वास छोङ साफसफाई का ध्यान रखें, भीङभाङ वाली जगहों पर जाने से बचें, बारबार हाथ धोते रहें और सरकार के निर्देशों का पालन करें.

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