कोरोना वायरस पहली आपदा है जिस पर भगवान और पंडे पुजारियों, ज्योतिषियों और तांत्रिकों वगैरह का भी जोर नहीं चल रहा है लिहाजा ये सभी फौरीतौर पर अपनी अपनी दुकानों के शटर गिराकर अंडर ग्राउंड हो गए हैं जिससे भक्तों मूर्खों और अंधविश्वासियों से मुंह छिपाया जा सके. जिस मर्ज का इलाज धर्म स्थलों में न हो और जिस पर कोई चमत्कार कारगर साबित न हो रहा हो बिलाशक उसने धर्म के दूकानदारों की पोल खोलकर रख दी है .

इसके बाद भी कुछ ठग कोशिश कर रहे हैं कि जैसे भी हो लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिशें न छोड़ी जाएँ . जब गौ मूत्र , गोबर , कपूर , लहसुन ,अदरक , गायत्री मंत्र , घंटे घड़ियाल ,तुलसी और गुड़हल के फूल जैसे टोटके नाकाम हो गए तो एक नई थेरेपी से दुकान चमकाने की कोशिश की जा रही है इस का प्राचीलित नाम हीलिंग है . यह उस वर्ग के लोगों में ज्यादा लोकप्रिय है जो शिक्षित और आभिजात्य है . पैसे बाले इस तबके के लोग नीबू मिर्ची जैसे परंपरागत टोटकों को गंवारपना करार देते हैं लेकिन हीलिंग के नाम पर ठगाए जाने एक पैर पर तैयार रहते हैं.

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हीलिंग कोई ऐसी वैसी थेरेपी नहीं है क्योंकि इसका संबंध सीधे आदि शक्ति से है इसलिए इसमें आध्यात्म का तड़का ठगों ने लगा रखा है . यह एक विचित्र सी प्रक्रिया है और फिर दोहराना जरूरी है कि पढ़े लिखे मूर्खों के लिए है . संक्षेप में समझें तो थ्योरी यह है कि आपके शरीर में ऊर्जा का एक ऐसा भंडार है जिसका कनेकशन भगवान , ॐ और ब्रह्मांड में बिखरी ऊर्जा से है . इसमें साधकों को यह बताया जाता है कि आपके शरीर में सात चक्र हैं अगर आपने इन्हें काबू कर लिया तो समझो आप दुनिया जीतकर सिकंदर बन गए फिर तुच्छ कोरोना वायरस की हैसियत क्या .

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