पूरे विश्व में जहां कोरोना वायरस लोगों के लिए दहशत का माहौल बन चुका है, लाखों मरीज पीङित हैं और हजारों मौत के मुंह में समा चुके हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो पाखंड और अंधविश्वास की दुकान खोल कर मौत के आंकड़ों को बढ़ाने का गंदा खेल खेलने में लगे हैं.

बेबस है मुल्क

पाकिस्तान के स्थानीय अखबार ने वहां की सरकार को चेताया है और मांग की है कि वहां की जनता को बचाने के लिए सरकार कङे कदम उठाए.

मालूम हो कि जब पूरा विश्व इस आपदा से जूझ रहा है, पाकिस्तानी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद कोरोना इलाज के लिए लोग झाङफूंक और ओझाओं के गिरफ्त में जा रहे हैं. लाजिम है इस अंधविश्वास की वजह से पाकिस्तान की स्थिति बेहद भयावह होने वाली है.

पाखंड छोङ वैज्ञानिक सोच जरूरी

वहां पाखंड का बोलबाला ऐसा है कि मौलवियों और ओझाओं ने करोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए रूहानी इलाज करवाने को बोल रहे हैं. अव्वल तो यह कि इस इलाज के लिए आत्माओं को वश में कर इलाज कराने का दावा किया जा रहा. कबूतर और मुरगे से, इंसानी बालों से और ऊंटों से शर्तिया इलाज का दावा कर करोड़ों लोगों की जान से खेल रहे हैं.

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समय रहते अगर वहां की सरकार नहीं चेती तो मईजून तक वहां डेढ से 2 करोङ लोग करोना वायरस की चपेट में होंगे.

आम जरूरतें की चीजें हो गई हैं महंगी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान में फिलहाल 1 हजार के करीब लोग कोरोना वायरस से पीङित हो चुके हैं और वहां की सरकार इस के रोकथाम के लिए पूरी तरह बेबस दिखती है. यह खबर वहां के एक अखबार में ही प्रकाशित हुई है कि सरकार को अब सख्त उपाय करने चाहिए ताकि इस आपदा से लोगों की जान बच सके.

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