फिल्मी सितारों का पंगा, करियर रहा न फिर चंगा

अपने आखिरी दिनों में कादर खान ने अमिताभ बच्चन को ले कर एक बड़ी बात कही थी कि जो कोई उन्हें ‘सरजी’ नहीं कहता था, वे उसे अपने आसपास भी नहीं फटकने देते थे, फिल्म में काम देना तो दूर की बात थी. कादर खान ने कहा था कि उन के मुंह से अमिताभ बच्चन के लिए कभी ‘सरजी’ नहीं निकला, तो वे उन के ग्रुप से ही निकल गए.

बड़ी मछली छोटी मछली को निगल जाती है. यह कहावत कादर खान पर ही नहीं, बल्कि उन सभी कलाकारों पर लागू होती है जो जल में रह कर मगर से पंगा तो ले लेते हैं, पर बाद में कहीं के नहीं रहते हैं.

हालिया मिसाल कार्तिक आर्यन की है. जब लग रहा था कि उन फिल्म कैरियर की पतंग हवा में ऊंची उड़ रही है, तभी किसी ने जैसे हत्थे से उसे काट दिया.

कार्तिक आर्यन और करन जौहर के बीच पहले अनबन की खबर भी सुनाई दी, फिर तो जैसे उन के बीच महाभारत सी होती दिखाई दी. इस के थोड़े समय बाद ही कार्तिक आर्यन फिल्म ‘दोस्ताना 2’ से बाहर हो गए. मामला यहीं पर नहीं थमा. करन जौहर ने ऐलान कर दिया कि कार्तिक आर्यन को उन्होंने ब्लैकलिस्ट कर दिया है.

ये भी पढ़ें- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: इस विलेन की वजह से रुक जाएगी रणवीर-सीरत की शादी, आएगा नया ट्विस्ट

ऐसा ही कुछ सुशांत सिंह राजपूत के साथ भी हुआ था. उन की खुदकुशी आज भी शक के दायरे में है. ऐसा कहा जाता है कि सुशांत सिंह राजपूत के कैरियर को बरबाद करने में करन जौहर का बड़ा हाथ है.

दरअसल, जैकलीन फर्नांडीस और सुशांत सिंह राजपूत फिल्म ‘ड्राइव’ की शूटिंग कर रहे थे. इस दौरान जैकलीन को फिल्म ‘रेस 3’ का औफर मिला. करन जौहर ने जैकलीन को वह फिल्म करने की इजाजत दे दी, लेकिन सुशांत सिंह पर कोई दूसरी फिल्म करने की रोक थी. जैकलीन फर्नांडीस की वजह से फिल्म ‘ड्राइव’ की शूटिंग में देरी हुई और इस से सुशांत सिंह राजपूत को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद जब यह सब बड़े पैमाने पर उछला और करन जौहर पर नैपोटिज्म के इलजाम लगे, तो वे सोशल मीडिया से दूरी बना कर बैठ गए थे.

अब एक ऐसे गायक की बात करते हैं, जिन्हें सलमान खान के साथ मजाक करना बहुत ज्यादा भारी पड़ गया था. बात साल 2014 की है. गायक का नाम है अरिजीत सिंह, जिन्होंने ‘स्टार गिल्ड अवार्ड्स’ में सलमान खान की यह कहते हुए टांग खींच दी थी कि ‘आज लोगों ने उन्हें सुला दिया’. सलमान खान वह शो होस्ट कर रहे थे.

इस का नतीजा अरिजीत सिंह के लिए बहुत बुरा हुआ. उन के हाथ से कई गाने निकल गए थे. उन्होंने सलमान खान से माफी भी मांगी, पर ज्यादा फायदा नहीं हुआ.

ऐसे ही विवेक ओबराय और सलमान खान के बीच हुए  झगड़े से सभी वाकिफ हैं. हुआ यों कि साल 2003 में सलमान खान से ब्रेकअप करने के बाद ऐश्वर्या राय विवेक ओबराय के साथ रिलेशनशिप में आ गई थीं. सलमान खान गुस्सा हो गए और उन्होंने फोन पर विवेक को न जाने क्याक्या बक दिया.

ये भी पढ़ें- Ghum Hai KisiKey Pyaar Meiin: सई देगी भवानी को धमकी, क्या अपना लेगी देवयानी और पुलकित को?

विवेक ओबराय ने मीडिया बुला कर सलमान खान को मर्द की तरह लड़ने का चैलेंज कर दिया. पर यह चैलेंज उन्हें ही भारी पड़ा और उन का चमकता कैरियर अंधेरे में खो गया.

इस अगले कांड में भी सलमान खान शामिल हैं. पहले फिल्म ‘तेरे नाम’ को अनुराग कश्यप डायरैक्ट करने वाले थे. अपने एक इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने कहा था कि फिल्म में हर दिन कुछ न कुछ बदलाव हो रहे थे. एक दिन प्रोड्यूसर ने बताया कि फिल्म के लीड हीरो सलमान खान हैं.

फिल्म ‘राधे’ के रोल के लिए अनुराग कश्यप को सलमान खान फिट नहीं लगे, फिर भी उन्होंने किरदार को दिलचस्प बनाने के लिए सलमान खान से छाती पर बाल उगाने के लिए कहा, पर ऐसा नहीं हुआ. हां, इतना जरूर हुआ कि फिल्म ‘तेरे नाम’ से अनुराग कश्यप का नाम हटा दिया गया और सतीश कौशिक को ले लिया गया.

अब भारत में ‘मीटू’ का बम फोड़ने वाली तनुश्री दत्ता की बात करते हैं. वे फिल्म ‘हौर्न ओके प्लीज’ के एक गाने की शटिंग कर रही थीं. उन के मुताबिक इस दौरान हीरो नाना पाटेकर और कोरियोग्राफर गणेश आचार्य ने उन के साथ बदतमीजी की. फिर वे धीरेधीरे फिल्मों से गायब होती गईं.

ये भी पढ़ें- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: कार्तिक और रणवीर में होगी लड़ाई, अब क्या करेगी सीरत

साल 2018 में तनुश्री दत्ता ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिस में उन्होंने इन दोनों पर उन का कैरियर खत्म करने का इलजाम लगाया था. मामला खूब उछला, पर ज्यादा कार्यवाही नहीं हुई.

ऐसे किस्सों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है. फिल्म में सीन कटवाने से ले कर पूरा रोल ही साफ करने की कलाकार दुहाई देते रहते हैं, पर उन की कहीं सुनवाई नहीं होती है. ऐसे में उन के पास या तो जीहुजूरी कर के खुद को फिल्म इंडस्ट्री में बनाए रखना पड़ता है या फिर इसे हमेशा के लिए अलविदा कह देना पड़ता है.

Rubina Dilaik ने कोरोना को दी मात, फैमिली के साथ की जमकर मस्ती

बिग बॉस 14 की विनर और मशहूर टीवी एक्ट्रेस रुबीना दिलाइक ने कोरोना वायरस को मात दे दिया है. इस बात की जानकारी सोशल मीडिया से मिली. दरअसल एक्ट्रेस ने खुद बताया कि उनका कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आया है.

तो अब रुबीना दिलाइक ने कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं. इन तस्वीरों में रुबीना दिलाइक जमकर मस्ती करती हुई नजर आ रही हैं. जी हां, रुबीना कोरोना को हराने के बाद अपनी फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर रही है.

ये भी पढ़ें- Ghum Hai KisiKey Pyaar Meiin: क्या शुरू होने से पहले ही खत्म होगी विराट और सई की लव स्टोरी

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Rubina Dilaik (@rubinadilaik)

 

एक्ट्रेस ने इन खूबसूरत फोटोज को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इस तस्वीर में रुबीना दिलाइक अपनी बहन और Parents के साथ नजर आ रही हैं.

ये भी पढ़ें- Imlie को भूल जाएगा आदित्य, चली जाएगी याददाश्त?

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Rubina Dilaik (@rubinadilaik)

 

उन्होंने इन फोटोज को शेयर करते हुए लिखा है कि  कैप्शन में लिखा है कि मैं खुश हूं कि मेरी मुलाकात अब परिवार से हो सकती है. मैं कोरोना से रिकवर हो चुकी हूं. मैं काफी पॉजिटिव और मजबूत महसूस कर रही हूं. परिवार के लोग आपके आसपास खुशियां फैलाते हैं. यही परिवार की खासियत है.

ये भी पढ़ें- Imlie: मालिनी की जिंदगी में होगी इस शख्स की एंट्री, आएगा धमाकेदार ट्विस्ट

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Rubina Dilaik (@rubinadilaik)

 

Ghum Hai KisiKey Pyaar Meiin: सई-विराट को अलग करने के लिए पाखी चलेगी ये चाल

स्टार प्लस का सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ कहानी एक नया मोड़ ले रही है. जिससे शो में नए-नए ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. जब से सई चौहन हाउस में वापस आई है तभी से घर का माहौल बदला है. शो के अपकमिंग एपिसोड में खूब धमाल होने वाला है. तो आइए जानते है शो लेटेस्ट एपिसोड में क्या होने वाला है.

शो के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि पाखी को सई की शक्ल से भी नफरत होने लगी है. और वह विराट और सई को दूर करने के लिए कुछ भी कर सकती है, शो के अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि विराट और सई एक-दूसरे के साथ रोमांटिक पल को इंजॉय करेंगे. तो वहीं पाखी उन पलों के बर्बाद करने के लिए नया प्लान बनाएगी.

ये भी पढ़ें- Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: इस विलेन की वजह से रुक जाएगी रणवीर-सीरत की शादी, आएगा नया ट्विस्ट

 

View this post on Instagram

 

A post shared by StarPlus (@starplus)

 

सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ अब तक आपने देखा कि सई भवानी को देवयानी की बेटी की तस्वीर दिखाती है. और वह कहती है कि वह देवयानी की बेटी का सारा सच जानती है.इतना ही नहीं सई, भवानी को धमकी भी देती है कि अगर वो देवयानी और पुलकित को नहीं अपनाएगी तो वह ये सच विराट को बता देगी.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by StarPlus (@starplus)

 

सई की डर से भवानी देवयानी और पुलकित को अपना लेती है. इससे देवयानी और पुलकित बहुत खुश होते हैं. तो वहीं विराट की खुशी भी सातवें आसमान पर पहुंच जाती है.

ये भी पढ़ें- Ghum Hai KisiKey Pyaar Meiin: सई देगी भवानी को धमकी, क्या अपना लेगी देवयानी और पुलकित को?

तो वहीं पाखी ये देखकर हैरान हो जाती है कि भवानी ने बिना कुछ कहे देवयानी और पुलकित को कैसे अपना लिया. और वह सई से और भी ज्यादा नफरत करने लगती है. शो के अपकमिंग एपिसोड में ये देखना दिलचस्प होगा कि पाखी सई और विराट को अलग करने के लिए कौन-सी नयी चाल चलेगी.

‘सेल्फी’ ने ले ली, होनहार बिरवान की जान…

कोरोना संक्रमण काल में छत्तीसगढ़ के जिला कोरबा के उपनगर कटघोरा से एक परिवार आज पिकनिक मनाने  केंदई  जल प्रपात चला गया. जहां असामयिक दुर्घटना में  डूबने से युवकों की दुखद मृत्यु हो गई. वही साथ में  पास ही खड़ी पत्नी और बहन अपनी आंखों से इस दुखद घटना को देखती रह गई और कुछ भी नहीं कर सकी. दरअसल, हुआ यह कि छोटा भाई पानी में खड़ा हुआ था और बड़ा भाई चंद कदम दूर खड़ा होकर के मोबाइल से सेल्फी वीडियो बनाने का प्रयास कर रहा था.

इसी दरमियान पानी में खड़े छोटे भाई का पैर फिसला असंतुलित होकर वह  पानी में डूबने लगा, उसे डूबता देख सेल्फी लेने की तैयारी कर रहा बड़ा भाई घबराया और उसे बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी जबकि उसे तैरना नहीं आता था, छोटे भाई को बचाने के फेर में दोनों भाई देखते ही देखते पानी की गहराई में चले गए और पत्नी और उनकी बहन आंसू बहाते रोती रह गईं. लोगों को पुकारा … मगर मदद के लिए जब तक लोग आते एक बड़ी घटना घटित हो चुकी थी.

ss

ये भी पढ़ें- कोरोना: स्वच्छता अभियान में जुटी महिलाएं इंसान नहीं हैं!

हाल ही में हुआ था विवाह!

कोरबा जिला के कटघोरा बस स्टैंड में अशोक वस्त्र एक कपड़े की दुकान है इसी परिवार के  होनहार युवक पीयूष  अपने भाई पत्नी और बहन के साथ पिकनिक मनाने क्षेत्र में प्रसिद्ध केंदई जल प्रपात गया. यहीं चार  4 सदस्यों में से  दो की डूबकर मौत हो गई . दोनों सगे भाई थे एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे. इनमे एक विवाहित था जबकि दूसरा मृतक का  छोटा भाई . मृतकों का नाम पीयूष गोयल और आयुष गोयल हैं.

सुबह अचानक आयुष को सुझा कि क्यों न पिकनिक चला जाए और पीयूष  जलप्रपात पिकनिक मनाने पहुंच गए . जहां  लगभग 3 बजे सेल्फी पोज बनाते यह हृदय विदारक घटना हो गई.

दरअसल, छोटा भाई  पानी मे उतरा था. और सेल्फी लेने के दौरान आयूष गोयल का पैर फिसल गया और पानी में गिर गया, छोटे भाई को पानी में गिरते देख पियुष गोयल  उसको बचाने पानी में कूदा, लेकिन दोनों डूबने लगे तभी पीयूष की पत्नी राशि बंसल जिसे तैरना आता था दोनों को बचाने  पानी में कूद जद्दोजहद करने लगी मगर असफल रही.

ये भी पढ़ें- नाबालिग के यौन शोषण की कभी न खत्म होने वाली कहानी

बदहवास बहन रिया गोयल और पत्नी राशि  ने इसकी सूचना आसपास के लोगो को  दी.  हादसे की सूचना पाकर मोरगा चौकी व बांगो थाने के पुलिस अधिकारी  पहुंचे और शव को निकाला गया.

सबसे दुखद बात यह कि मृतक पीयूष गोयल की अभी हाल ही में अप्रैल माह में राशि के साथ विवाह हुआ था और अभी राशि की हाथ की मेहंदी भी नहीं मिटी कि यह दुखद घटना हो गई.

होनहार पीयूष लंदन में नौकरी करता…

मृतक पीयूष गोयल बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होशियार था. एक मध्यम परिवार का होने के बावजूद अपनी योग्यता के बूते वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया और वर्तमान में दुबई मे पदस्थ था. और वह कुछ दिनों पूर्व विवाह के लिए कटघोरा आया हुआ था.  अप्रैल माह में पीयूष का विवाह भिलाई के बंसल परिवार की राशि  बंसल से संपन्न हुआ था, विवाह होने के बाद जल्द ही पीयूष गोयल लंदन में शिफ्ट होने की तैयारी में‌ था उसके लिए एक नई जिंदगी इंतजार कर रही थी, लेकिन लॉक डाउन होने की वजह से वह सपरिवार लंदन नहीं जा पाया . पुलिस ने दोनों का शव  स्थानीय  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में  परीक्षण हेतु सौंप दिया. जहां अंतिम उपचार में दोनों को पम्पिंग की गई और अंततः डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.

Serial Story: संधि प्रस्ताव- भाग 2

लेखक- अलका प्रमोद

‘‘सुनीता बोलीं, ‘यह किसी ने झूठ लिखा है. अरे, मेरे यथार्थ ने मुझ से फोन पर बात कर के आने को कहा था और अचानक उस ने आश्रम में दीक्षा ले ली? यह नहीं हो सकता. उस का दीक्षा लेने का मन होता तो कभी तो हम से जिक्र करता. वह तो हम से अपने मन की हर बात कहता है.’

‘‘‘अब तो सच वहां जा कर ही मालूम होग, सुनीता,’ तपन ने चिंतातुर वाणी में कहा.

‘‘आश्रम के द्वार पर ही सुनीता, तपन और उन के साथ आए यथार्थ के मामा राजन और तपन के अभिन्न मित्र विकास को रोक दिया गया. तपन ने वह पत्र दिखाया जिस में लिखा था कि उन के हृदय के टुकड़े ने आश्रम में दीक्षा ले ली है.

‘‘वहां स्वामीजी के कुछ शिष्य थे. उन्होंने उन के आने का उद्देश्य पूछा. सुनीता ने कहा, ‘हम अपने बेटे को लेने आए हैं.’

‘‘इस पर वहां का मुख्य कार्यकर्ता अखिलानंद बोला, ‘पर उन्होंने दीक्षा ले ली है. अब वे आप के बेटे नहीं हैं, बल्कि यहां के दीक्षित प्रशिक्षु हैं. कुछ समय बाद वे संत की उपाधि पा जाएंगे.’

‘‘यह सुन कर सुनीता व्यग्र हो गईं. उन्होंने कहा, ‘ऐसे कैसे आप मेरे बेटे को मुझ से छीन सकते हैं? आप कौन होते हैं यह कहने वाले कि वह मेरा बेटा नहीं है?’

‘‘तपन ने कहा, ‘वह एक पढ़ालिखा इंजीनियर है. अभी तो उसे अपना कैरियर बनाना है. अभी कोई आयु है दीक्षा लेने की?’

‘‘इस पर विकास ने कहा, ‘अरे तपन, इन लोगों से बहस करने से क्या लाभ, पहले यथार्थ से मिलो, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.’

‘‘‘आप उन से नहीं मिल सकते,’ अखिलानंद ने कहा.

‘‘‘अरे, मेरा बेटा है और हम ही नहीं मिल सकते, आप कौन होते हैं हमें रोकने वाले?’

ये भी पढ़ें- Mother’s Day Special: सासुमां के सात रंग

‘‘तभी अखिलानंद के एक साथी ने आ कर उस के कान में कुछ कहा. फिर अखिलानंद ने तपन से कहा, ‘आप लोग खुश हो जाएं स्वामीजी ने आज्ञा दी है कि आप लोगों को विश्वानंदजी से मिलवा दिया जाए.’

‘‘‘ये विश्वानंद कौन हैं, हम उन से मिलना नहीं चाहते. हमें, बस, अपने बेटे से मिलना है.’

‘‘‘जी, आप के जो बेटे थे उन का ही सांसारिक नाम त्याग कर नया नाम विश्वानंद रखा गया है.’

‘‘सुनीता को यह स्वीकार नहीं था. उन्होंने कहा, ‘आप के कहने से उस का नाम बदल जाएगा क्या? उस का नाम कानूनीरूप से यथार्थ है और वही रहेगा.’

‘‘तपन ने बात को विराम देते हुए कहा, ‘चलिए, पहले आप हमें उस से मिलवाइए.’

‘‘आखिलानंद और उस का वह साथी उन्हें आश्रम के पिछवाड़े एक गर्भकक्ष में ले गए जहां अंधकार पांव पसारे था. बस, एक रोशनदान से प्रकाश की रश्मियां घुसपैठ करने को प्रयासरत थीं वरना दिन या रात का निर्णय कठिन हो जाता.

‘‘अखिलानंद ने आवाज दी, ‘विश्वानंद, देखो कुछ लोग तुम से मिलना चाहते हैं.’

‘‘बैठे हुए व्यक्ति को देख कर आगंतुक कुछ क्षण तो हतप्रभ रह गए. कहां जींस पहने, बालों में जेल लगाए सुंदरस्मार्ट यथार्थ और कहां बाल मुंडाए गेरुए वस्त्र पहने यह युवक. पर मां की दृष्टि तो सात परदों में भी अपने बेटे को पहचान लेती है. उस ने यथार्थ को देख कर कहा, ‘बेटा, इन लोगों ने तुम्हारा यह क्या हाल किया है?’

‘‘‘आप कौन?’ यथार्थ ने सुनीता को देख कर कहा.

‘‘सुनीता को लगा मानो किसी ने उस के गाल पर तमाचा जड़ दिया हो. उस ने कहा, ‘मैं तेरी मम्मा, बेटू.’

‘‘‘मेरी कोई मां नहीं,’ यथार्थ ने कहा. उस की आंखें लाल हो रही थीं. वह आंखें नीची कर के बात कर रहा था.

‘‘तपन ने कहा, ‘बेटा, तुझे क्या हो गया है. मैं तेरा पापा, ये मम्मा, जरा होश में तो आ.’

‘‘पर यथार्थ ने उन की ओर दृष्टि नहीं उठाई. वह नीची दृष्टि किए हुए एक ही बात कह रहा था, ‘मैं किसी को नहीं जानता, मेरी कोई मां नहीं, कोई पिता नहीं.’

ये भी पढ़ें- Serial Story: मासूम कातिल- भाग 1

‘‘सुनीता ने उस का हाथ थामा तो उस ने झटक दिया और बोला, ‘मैं एक संत हूं. मैं सांसारिक लोगों से नहीं मिलता. मुझ से दूर रहें.’

‘‘‘बेटा, मैं तेरी मां हूं. इन लोगों ने तुझे बहका दिया है.’

‘‘इस पर वह खोईखोई वाणी में बोला, ‘मेरी मांपिता सब ऊपर वाला है. इस नश्वर संसार में मेरा कोई नहीं.’

‘‘सुनीता रो पड़ीं. वे तपन से बोलीं, ‘देखो, मेरे बेटे को क्या हो गया है. यह मुझे ही नहीं पहचान रहा है. जरूर इस पर किसी ने कोई जादूटोना कर दिया है.’ वे यथार्थ को हिलाने लगीं, अखिलानंद ने उन्हें रोक दिया, ‘आप इन्हें छू नहीं सकतीं. ये पवित्र आत्मा हो गए हैं.’

‘‘सुनीता बिगड़ गईं, ‘मैं, जिस ने उसे जन्म दिया है उस की मां, उसे छू नहीं सकती?’ उन्होंने यथार्थ से कहा, ‘बोल बेटा, बता दे इन्हें कि मैं तेरी मां हूं.’ पर वे लोग उन्हें और तपन वगैरा को जबरदस्ती बाहर ले आए और बोले, ‘बस, इस से ज्यादा आप उन से नहीं मिल सकते.’

‘‘विवशता में उन्हें वहां से आना पड़ा पर अपना बेटा कैसे खो सकते थे वे. दूसरे दिन अपने साथ 15-20 लोगों को ले कर वे फिर आश्रम गए. पर इस बार उन्हें अंदर जाने से ही रोक दिया गया. तपन के साथ यथार्थ के मित्र शिशिर और पवन भी थे. वे दोनों गुस्से में आ गए. उन्होंने जबरदस्ती अंदर जाने का प्रयास किया. उधर, स्वामीजी के शिष्यों का समूह बाहर आ गया. वे लोग इन्हें रोकने लगे जिस में आपस में हाथापाई की स्थिति आ गई. इसी हाथापाई में पवन को चोट लग गई और खून बहने लगा.

‘‘जब इन लोगों का अंदर जाने का प्रयास असफल हो गया, तो ये लोग वहीं धरना दे कर बैठ गए. और नारे लगाने लगे, ‘मेरा बेटा वापस दो, स्वामी जी हायहाय, धर्म के नाम पर धांधली नहीं चलेगी’ आदि.

‘‘इन के चारों ओर लोगों की भीड़ लग गई. जब आश्रम वालों ने देखा कि ये नहीं हट रहे हैं तो उन्होंने पुलिस को बुला लिया.

‘‘पुलिस ने स्वामीजी की शिकायत पर धरने वालों को हटाने का प्रयास किया तो इन लोगों ने आश्रम के विरुद्ध शिकायत की. इस पर पुलिस ने पूछताछ की. पर जब यथार्थ से पुलिस ने पूछा तो उस ने साफसाफ कह दिया कि वह अपनी इच्छा से आया है.

ये भी पढ़ें- एक गलत सोच: जब बहू चुनने में हुई सरला से गलती

‘‘पुलिस इंस्पैक्टर ने तपन से कहा, ‘देखिए, आप का बेटा वयस्क है और यदि वह अपनी इच्छा से आश्रम में रह रहा है तो हम कुछ नहीं कर सकते.’

‘‘‘पर आश्रम वालों ने उस का ब्रेनवाश किया है, उसे बहका कर फंसाया है.’

‘‘‘जी, मैं सब समझ रहा हूं पर इस का कोई साक्ष्य नहीं है.’

‘‘तपन ने कहा, ‘पर आप हमें अपने ढंग से अपने बेटे को वापस लेने दीजिए.’

‘‘इंस्पैक्टर ने कहा, ‘देखिए तपनजी, मैं आप को अपने हाथ में कानून नहीं लेने दे सकता.’

‘‘सुनीता ने कहा, ‘यह कैसी बात है कि आप जानते हैं कि उन्होंने मेरे बेटे को बरगलाया है, वे गलत हैं और हम सही, फिर भी हमें ही रोक रहे हैं?’

Manohar Kahaniya: बबिता का खूनी रोहन- भाग 4

रोहन के प्यार में डूबी बबीता अकसर उस से फोन पर लंबीलंबी बातें करती. रात में भी दोनों चोरीछिपे प्यार भरी बातें करते और दोनों वाट्सऐप पर भी एकदूसरे को मैसेज करते रहते थे. रोहन तो बबीता को काम कलाओं की अश्लील तस्वीरें तथा वीडियो तक वाट्सऐप पर भेजने लगा.

पहली जनवरी की रात की बात है. बबीता उस वक्त बाथरूम में थी. फोन बैड पर रखा था. उसी वक्त वाट्सऐप पर एक मैसेज का नोटिफिकेशन देख पति भीमराज ने फोन उठा कर देख लिया. संयोग से फोन में लौक नहीं लगा था.

मैसेज देखते ही भीमराज के पांव तले की जमीन जैसे खिसक गई, फोन में पड़े दरजनों अश्लील फोटो और वीडियो तथा चैट देख कर भीमराज का शरीर गुस्से से कांपने लगा. उस दिन भीमराज के सामने साफ हो गया कि उस की पत्नी के किसी युवक से नाजायज संबध हैं और उस ने युवक का नंबर लाइफ के नाम से अपने फोन में सेव किया हुआ है. उस रात भीमराज और बबीता के बीच इस बात को ले कर जम कर झगड़ा हुआ और भीमराज ने अपनी पत्नी की जम कर पिटाई कर दी.

बस इस के बाद तो यह आए दिन की बात हो गई. जब एक बार शक का कीड़ा दांपत्य जीवन में आ जाता है तो बसीबसाई गृहस्थी बिखर जाती है. लेकिन यहां तो शक नहीं एक सच्चाई थी, जो उजागर हो गई थी.

ये भी पढ़ें- Crime Story: माता बनी कुमाता- भाग 3

रोहन को घर बुलवा कर की पिटाई

कुछ रोज बाद भीमराज ने बबीता के साथ मारपीट कर उस से रोहन को फोन करवाया और उसे घर आने के लिए कहा. रोहन जब घर पहुंचा और वहां भीमराज को देखा तो समझ गया कि उस की पोल खुल चुकी है. भीमराज ने उस दिन रोहन की भी पिटाई कर दी और धमकी दी कि अगर उस ने बबीता का पीछा नहीं छोड़ा तो वह उसे जेल भिजवा देगा. जेल जाने के डर से उस समय रोहन अपमान का घूंट पी कर रह गया.

लेकिन इस के बाद भीमराज व बबीता में आए दिन झगड़े होने लगे. एक दिन इसी से आजिज आ कर बबीता ने रोहन से मुलाकात की और उस से कहा कि अगर वह उस से सच्चा प्यार करता है तो किसी भी तरह उसे भीमराज से छुटकारा दिला दे. उस ने रोहन से अपने पति की हत्या करने के लिए कहा. साथ ही वादा किया कि अगर वह ऐसा कर देगा तो वह उसे अपने साथ रख लेगी. उस का अपना मकान है. वह खुद भी कमाती है दोनों साथ मिल कर आगे की जिंदगी खुशी से बिताएंगे.

रोहन तो पहले से ही अपमान की आग में जल रहा था. बबीता के कहने पर रोहन आवेश में आ गया और उस ने बिना सोचेसमझे व अंजाम की परवाह किए भीमराज की हत्या की साजिश रच डाली. उस ने सब से पहले  एक पिस्तौल और कारतूस की व्यवस्था की. इस के बाद उस ने कई दिन तक बबीता से फोन पर जानकारी ले कर भीमराज की दिनचर्या का पता लगाना शुरू कर दिया और उस की रेकी करने लगा. बबीता उसे सब कुछ बताती रही कि वह कब घर से निकला है, कब और कहां जा रहा है.

रोहन ने 10 मार्च, 2021 का दिन चुना. उस दिन वह अपनी बाइक ले कर सुबह ही घर से निकल पड़ा. वह भीमराज के घर से करीब 3 किलोमीटर दूर हुडको प्लेस के पास भीमराज का इंतजार करने लगा.

दरअसल, भीमराज औफिस जाने से पहले यहां बने पार्क में घूमने जाता था. काफी देर तक वह भीमराज को मारने का मौका देखता रहा, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण उसे मौका नहीं मिला.

सुबह करीब साढ़े 8 बजे भीमराज पार्क से निकला और अपनी वैगनआर पार्किंग से निकाल कर घर की तरफ रवाना हो गया. रोहन भी बाइक से उस का पीछा करने लगा. कोई पहचान न ले, इसलिए उस ने हाथ में पकड़ा हेलमेट सिर पर लगा लिया और अपनी बाइक की दोनों नंबर प्लेटें थोड़ी मोड़ लीं ताकि कोई उस का नंबर न पढ़ सके.

रोहन को एंड्रयूजगंज में बिजलीघर के पास मौका मिला, जहां भीमराज की गाड़ी की स्पीड कम थी और उस ने वहां पिस्तौल निकाल कर उस की गरदन पर गोली मार दी.

रोहन से पूछताछ के बाद पूरी वारदात का खुलासा हो चुका था, इसलिए पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल भीमराज की पत्नी बबीता को भी गिरफ्तार कर लिया. बबीता ने भी पूछताछ में अपने जुर्म का इकबाल कर लिया और बताया कि अपनी उपेक्षा से तंग आ कर उस ने रोहन के साथ संबध बनाए थे और खुलासा होने पर जब भीमराज अकसर उस से मारपीट करने लगा तो तंग आ कर उस ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची.

ये भी पढ़ें- Crime Story: माता बनी कुमाता

पुलिस ने आरोपी रोहन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल, 2 जिंदा कारतूस तथा महिंद्रा सेंटुरो बाइक भी बरामद कर ली. पुलिस ने जिस दिन रोहन व बबीता को गिरफ्तार किया, उसी दिन यानी 11 मार्च की शाम को इलाज के दौरान भीमराज की मौत हो गई.

डिफेंस कालोनी पुलिस ने मुकदमे में हत्या की धारा 302, 34 आईपीसी व आर्म्स एक्ट की धारा जोड़ कर दोनों अभियुक्तों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. अधेड़ उम्र की बबीता ने अपनी से आधी उम्र के आशिक के साथ ऐश करने के सपने संजोए थे, अब वह उसी के साथ तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुकी है.

उत्तर प्रदेश में गांव और वार्ड स्तर पर कोरोना को निगरानी से बदले हालत

लखनऊ . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति कोरोना संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त सफल सिद्ध हो रही है. प्रदेश में कोविड संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है. रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके दृष्टिगत कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के प्रयासों को पूरी प्रतिबद्धता से जारी रखा जाये.

मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्यमंत्री जी को बातया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 7,735 केस आए हैं. इसी अवधि में 17,668 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके  डिस्चार्ज किया गया है. प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 3,10,783 मामले थे.

वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 1,06,276 हो गयी है. इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,04,507 की कमी आयी है.

मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है. वर्तमान में यह दर 92.5 प्रतिशत है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है. प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 2,89,810 कोविड टेस्ट किए गए हैं. इनमें 1,32,226 कोरोना टेस्ट आर0टी0पी0सी0आर0 विधि से किये गये हैं.

ब्लैक फंगस से निपटने की तैयारी

प्रदेश में अब तक 4 करोड़, 61 लाख, 12 हजार 448 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ब्लैक फंगस के उपचार के सम्बन्ध में दिये गए सुझावों एवं निर्देशों का यथाशीघ्र क्रियान्वयन किया जाए. महामारी अधिनियम-1897 के अन्तर्गत ब्लैक फंगस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया जाए. प्रदेश में इस रोग से प्रभावित व्यक्तियों के उपचार के सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाएं.

ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा तत्काल उपलब्ध कराई जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे. निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को भी दवा उपलब्ध कराई जाए. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस संक्रमण की दवा की कालाबाजारी न होने पाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित वृहद जांच अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं.

गांव स्तर पर हो अच्छी देखभाल

प्रदेश में संक्रमण दर निरन्तर कम हो रही है. इसे और गति प्रदान करने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर जागरूकता सृजित की जाए. इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ तथा शहरी क्षेत्रों में ‘मेरा वाॅर्ड, कोरोना मुक्त वाॅर्ड’ अभियान संचालित किया जाए. अभियान का संचालन व्यापक जनसहभागिता से किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए. आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए. मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है. कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है. विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 197 बेड की वृद्धि हुई है. इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए. इन केन्द्रों के मेडिकल उपकरणों के रख-रखाव, आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाया जाए. स्वास्थ्य केन्द्रों की साफ-सफाई तथा रंगाई-पुताई कराई जाए. जनपदवार सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर में उपलब्ध मेडिकल उपकरणों तथा तैनात चिकित्सकों तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की सूची संकलित कर उपलब्ध कराई जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटिलेटर कार्यशील अवस्था में रहे. खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराई जाए. प्रत्येक जनपद के अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कुल वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स तथा डायलिसिस यूनिट की संख्या तथा उनकी क्रियाशीलता के सम्बन्ध में विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाए. उन्होंने कहा कि आयुष विभाग द्वारा संचालित हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर को सक्रिय किया जाए. आयुष विभाग द्वारा प्राणायाम के अभ्यास के सम्बन्ध में व्यापक जानकारी दी जाए, इसका प्रचार प्रसार भी कराया जाए.

अस्पताल रहे तैयार

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों एवं राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) स्थापित किये जाने हैं. इस सम्बन्ध में की गई कार्रवाई की जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने कहा कि पीकू की स्थापना की कार्यवाही को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जाए. प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए. उन्होंने कहा कि पीकू के संचालन के लिए पीडियाट्रिशियन्स, टेक्नीशियन्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण का कार्य भी साथ-साथ कराया जाए.

मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में 753 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. विगत कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी आने से ऑक्सीजन की मांग में भी तेजी से कमी आई है. अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है. होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है. मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाया जाए.

कोविड वैक्सीन का रखे ध्यान

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही निर्बाध और सुचारु ढंग से संचालित की जाए. जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर टीकाकरण कार्य किया जाए. वैक्सीनेशन कार्य को व्यापक स्तर पर संचालित किए जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि आगामी 06 माह में लक्षित आयु वर्ग के सभी प्रदेशवासियों के वैक्सीनेशन के लक्ष्य के साथ योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जाए. ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) को सक्रिय कर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन में उपयोग किया जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही सुचारु ढंग से जारी रखी जाए. ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए. इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए. जलजमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहे.

एमएसपी के तहत हो खरीददारी

एम0एस0पी0 के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाकर उन्हें खाद्यान्न वितरण के समय राशन की दुकानों का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया जाए. डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए, जिससे आम जनता को असुविधा न हो.

नेहरू पैदा कर गए ऑक्सीजन की समस्या

लेखक- सुरेश सौरभ   

हमारे मोदीजी नाली की गैस से खाना बनाने वाली, चाय बनाने वाली गैस तो बना सकते हैं, पर औक्सीजन नहीं बना सकते, क्योंकि औक्सीजन की उन्हें कभी जरूरत ही नहीं पड़ी, न ही बनाने के लिए उन से किसी ने कभी कहा. पर इतना बड़का राम मंदिर बना रहे हैं, जिस के सहारे हमारे मोदीजी सत्ता में आए और बड़काबड़का सब लोगों के लिए काम कर रहे हैं.

दुनिया में सब से बड़ी पटेल की करोड़ों रुपए लगा कर मूर्ति लगवाई. अपने नाम से करोड़ों रुपए का स्टेडियम बनवाया है. नई संसद बनाने का करोड़ों का बजट पास कर दिया है. करोड़ों रुपए की लागत से अपनी पार्टी के दफ्तर बनवा दिए हैं. ये सब क्या कम महान काम हैं.

अब लोग कोरोना मारामारी में, औक्सीजन की कमी से, डाक्टरों की कमी से, दवाओं की कमी से, अस्पतालों की कमी से मर रहे हैं, तो इस में हमारे मोदीजी का क्या कुसूर है. इस में जरूर पाकिस्तान की साजिश है. यह कोरोना बम जमातियों के बाद पाकिस्तानियों ने ही फोड़ा है.

हमारे मोदीजी के तो कुंभ में नहाने वाले भक्त, उन की रैली में आने वाले हजारों समर्थक कोरोना घटाने का लगातार काम किए हैं. वैसे भी अस्पताल हमारे मोदीजी से किसी ने मांगा नहीं था. उन की पार्टी का एजेंडा भी नहीं था, फिर काहे मोदीजी बनवा देते. मोदीजी क्या हमारे फेंकू हैं, जो कहते मंदिर और बनवाते अस्पताल.

ये भी पढ़ें- संजोग: मां-बाप के वैचारिक मतभेद के कारण विवेक ने क्या लिया फैसला?

अब पाकिस्तानी लोग कह रहे हैं  कि इमरान खान ने एक साल में अपने अस्पतालों, डाक्टरों की तादाद बढ़ा कर महामारी पर बिना लौकडाउन लगाए काफी हद तक कोरोना पर काबू पा लिया, पर हमारे मोदीजी नाकाम रहे. यह सब पाकिस्तानी व खालिस्तानी सोच वाले बकवास करते हैं. वे यह नहीं देखते कि पाकिस्तान ने अपनी माली तंगी के चलते गधे तक बेच डाले, हमारे मोदीजी ने  कुछ बेचा?

अरे, विनिवेश किए हैं देश की दशा सुधारने के लिए. उस पर भी देशद्रोही लोग कह रहे हैं कि मोदीजी ने देश बेच दिया, बेकारी बढ़ा दी. अब जनता ने औक्सीजन मांगी है, अस्पताल मांगे हैं, तो वह भी मिलेगा, पर पहले चुनाव निबट जाने दो. तब तक रामचरित मानस पढ़ें, कोरोना भगाएं, राजनाथ सिंह के मन की यह बात मानें.

ये भी पढ़ें- वह लड़का: जाने-अनजाने जब सपने देख बैठा जतिन

वेदों का श्रवण कर के हमारे ऋषिमुनि हजारों बरस तक बिना हवापानी के जीते थे, तीरथ की यह नेक सलाह मानें. और जो लोग पीएम केयर फंड का हिसाब मांग रहे हैं, वे यह क्यों भूल जाते हैं कि देशहित में क्या रैली मुफ्त में हो जाती है?

हमारे मोदीजी जब रैली में पैसा लगा कर चुनाव जीतेंगे, तभी तो वे सब की केयर और सब का साथ सब का विकास कर सकेंगे. फिर भी ये पीएम केयर फंड का हिसाब मांगने वाले पता नहीं क्यों हमारे मोदीजी को फालतू में चोर कहने की नाजायज कोशिश कर रहे हैं.

Serial Story: उल्टी पड़ी चाल- भाग 2

लेखक- एडवोकेट अमजद बेग

‘‘आप ने खुद किस्सा कह कर बात साफ कर दी. यह सरासर मनघडंत कहानी है. वह सरासर झूठ बोल रहा है. घर की तलाश में वह मेरे औफिस में आता रहता था. 14 अक्तूबर की शाम भी वह आया था. मैं ने उस से कहा था जल्द ही अच्छा घर बताऊंगा.

‘‘बातोंबातों में मैं ने एक लाख का जिक्र किया था कि पार्टी ने एक लाख रुपए की पेमेंट कर के सेल एग्रीमेंट बनवा लिया है, जिस के अनुसार पार्टी एक माह के अंदर बाकी के 5 लाख रुपए अदा कर के मेरे घर का कब्जा ले लेगी. इस बीच बिक्री के पूरे दस्तावेज तैयार हो जाएंगे.’’

‘‘यानी आप ने मुल्जिम को यह बता दिया था कि आप के घर में एक लाख की रकम रखी है?’’ वकील इस्तेगासा ने चालाकी से पूछा.

‘‘जी हां, बिलकुल उसे यह बात खबर हो गई थी. अगले दिन ही शैतान ने मेरे घर पर धावा बोल दिया और ऐसा वक्त चुना जब मैं घर पर नहीं था. उसे मालूम था मेरी बीवी रशीदा कमजोर और बीमार है. उस ने इस का फायदा उठाते हुए मेरे घर से एक लाख उड़ा लिए और जब रशीदा ने उस का विरोध किया तो उस का गला घोंट कर मार डाला.

‘‘इत्तफाक से मैं उस दिन जल्दी घर आ गया और मैं ने उसे तेजी से मेरे घर से जाते हुए देख लिया. मैं समझा अपना कोई बचा हुआ सामान लेने आया होगा, पर जब मैं बेडरूम में दाखिल हुआ, मैं ने अपनी बीवी को मुर्दा हालत में पड़े देखा.’’ काजी ने रोनी आवाज में कहा.

वकील इस्तेगासा ने अपनी जिरह खत्म करते हुए कहा, ‘‘योर औनर, यह इंसान नहीं वहशी दरिंदा है. इसे जितनी सख्त सजा दी जाए कम है.’’

ये भी पढ़ें- सोने का घंटा: एक घंटे को लेकर हुए दो कत्ल

अपनी बारी पर जज से इजाजत ले कर मैं बिटनेस बौक्स के करीब पहुंच गया.

‘‘काजी साहब, मैं आप से सादा सा सवाल पूछूंगा. सच बताइए क्या आप वाकई अपना मकान बेचना चाहते थे?’’ मैं ने चुभते लहजे में पूछा.

‘‘आप का क्या मतलब है? अगर मुझे मकान बेचना ना होता तो मैं पार्टी से एक लाख रुपए वसूल कर के सेल एग्रीमेंट पर दस्तखत क्यों करता?’’ उस ने गुस्से से कहा.

‘‘इस सेल एग्रीमेंट के अनुसार पार्टी को एक माह के अंदर 5 लाख रुपए अदा कर के मकान का कब्जा ले लेना था. क्या आप ने मकान पार्टी के हवाले कर दिया है?’’

‘‘नहीं, मैं अभी तक अपने ही मकान में रह रहा हूं.’’

‘‘एग्रीमेंट के मुताबिक इस शर्त पर आप अमल नहीं करते तो आप को पार्टी को डील कैंसल कर के 2 लाख देने पड़ते क्या आप ने 2 लाख अदा किए?’’

‘‘दुनिया में सब इंसान मुल्जिम की तरह फरेबी और मतलबी नहीं होते. मेरी बीवी के कत्ल और एक लाख की चोरी के बाद पार्टी ने मुझ पर कोई दबाव नहीं डाला और कहा कि अगर मैं घर ना बेचना चाहूं तो उन के एक लाख रुपए सहूलियत से वापस कर दूं. और मैं ने उधार ले कर रकम लौटा दी. इस तरह मामला सेटल हो गया.’’

‘‘इस तरह के मामलात इतनी आसानी से सेटल नहीं होते. सेल एग्रीमेंट की एक नकल जिस में आप ने एक लाख एडवांस लिए थे, अदालत में पेश करते तो यह एक पक्का सबूत होता.’’

‘‘अगर अदालत का हुक्म होगा तो मैं एग्रीमेंट की कौपी ले आऊंगा.’’

‘‘और अगर पार्टी की गवाही की जरूरत पड़ी तो?’’

‘‘तो मैं पार्टी को भी अदालत में ला सकता हूं.’’

‘‘क्या मैं इस पार्टी का नामपता जान सकता हूं?’’

‘‘मैं आप को कोई भी जवाब देने का पाबंद नहीं हूं. अगर अदालत मुझ से कहेगी तो बता दूंगा.’’

‘‘काजी साहब, आप अदालत में ना तो सेल एग्रीमेंट की कौपी पेश कर सकते हैं और ना पार्टी को हाजिर कर सकते हैं. यह बिक्री सिर्फ एक साजिशी ड्रामा था जो आप ने मेरे क्लाइंट को फंसाने के लिए रचा था. हकीकत तो यह है, काजी साहब, आप इस मकान को बेचने का हक ही नहीं रखते. फिर कहां की पार्टी और कहां का सेल एग्रीमेंट?’’

ये भी पढ़ें- Serial Story: सोने का घंटा- भाग 1

काजी का चेहरा पीला पड़ गया. वह हकलाया, ‘‘यह…यह… आप क्या कह रहे हैं?’’

‘‘एक लाख दे कर 2 कमरे मिलने पर वह बेहद खुश था, पर काजी ने अपनी मक्कारी और साजिश से उसे कटघरे में खड़ा कर दिया. उस का कसूर बस इतना है कि उस ने काजी की बातों का भरोसा किया. काजी से उसे जज्बात की मार मारी थी, जिस की वजह से वह बिना किसी लिखापढ़ी के इतना बड़ा सौदा कर बैठा.’’

विपक्ष के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा, ‘‘मुलजिम पढ़ालिखा समझदार आदमी है. बैंक में काम करता है. वह इतना बेवकूफ हरगिज नहीं हो सकता कि आंख बंद कर के किसी के बहकावे में एक लाख इनवेस्ट कर दे. यह बेहद चालाक आदमी है. अपनी मजबूरी का रोना रो कर काजी का किराएदार बना. फिर बीमार बीवी की खिदमत कर के उन के दिल में जगह बना ली. काफी दिनतक वह उन के घर में रहा, जब उस का मकसद पूरा हो गया तो उस ने काजी वहीद साहब से घर छोड़ कर जाने की बात की और साथ ही एक लाख रुपए की डिमांड भी की.

‘‘जब काजी ने कहा कि घर पर उस का एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ है, तब वह गुस्से से पागल हो गया. दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ. तभी मुलजिम ने उन्हें खतरनाक अंजाम भुगतने की धमकी दी और 15 अक्तूबर की शाम को धमकी पूरी कर दिखाई.

‘‘मौका पा कर वह ऐसे वक्त पर मकतूला के घर में घुसा, जब उस का शौहर नहीं था. उस ने अलमारी से एक लाख रुपए चोरी किए. मकतूला के विरोध करने पर उस ने उसे गला घोंट कर मार दिया. जब वह घर से फरार हो रहा था, तभी काजी वहां पहुंच गया.

‘‘उस ने उसे जाते देख लिया, काजी फौरन घर में घुसा. हकीकत किसी बम की तरह उस के सिर पर फटी. उस की बीवी बेडरूम में मुर्दा पड़ी थी. उसे गला घोंट कर मार दिया गया था और खुली अलमारी से एक लाख रुपए गायब थे.’’

मैं ने अपने मुवक्किल की जमानत पर जोर देते हुए कहा, ‘‘योर औनर, विपक्ष के वकील सच्चाई को तोड़मरोड़ कर सामने रख रहे हैं. ना तो मेरे मुवक्किल ने उस की बीवी का कत्ल किया और ना ही उस की अलमारी से एक लाख रुपए चुराए.

Rani Chatterjee ने शेयर की बोल्ड तस्वीर, कहा ‘स्वीमिंग करना कर रही हूं मिस’

भोजपुरी  इंडस्ट्री की फेमस एक्ट्रेस रानी चटर्जी सोशल मीडिया पर इन दिनों काफी एक्टिव रहती हैं. वह आए दिन फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. फैंस को एक्ट्रेस के बारे में सोशल मीडिया से जानकारी मिलती रहती है.

अब एक्ट्रेस ने पुराने दिनों को याद करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. दरअसल कोरोना वायरस के कारण रानी चटर्जी घर से बाहर नहीं जा रही हैं. ऐसे में वह पुराने वक्त को काफी याद कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- भोजपुरी फिल्म ‘जुगनू’ का ट्रेलर हुआ वायरल, देखें Video

 

जी हां, नॉर्मल डेज में एक्ट्रेस खूब खूब एन्जॉय करती थीं. रानी चटर्जी ने इंस्टाग्राम पर एक बोल्ड फोटो शेयर किया है. जिसमें वो स्वीमिंग पूल के पास बैठी दिखाई दे रही हैं. इस तस्वीर में रानी चटर्जी ने मोनोकिनी पहनी हुई है. रानी चटर्जी ने तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि उन्हें स्वीमिंग किए हुए एक साल हो गया है. वो स्वीमिंग करना काफी मिस कर रही हैं.

 

रानी चटर्जी ने बताया है कि उन्हें  स्वीमिंग किए एक साल से ज्यादा टाइम हो गया है. उन्होंने ये भी कहा कि मैं मुझे उम्मीद है कि जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा.

ये भी पढ़ें- Sambhawna Seth पिता को याद कर हुईं इमोशनल, कोरोना से हुआ था निधन

 

वर्क फ्रंट की बात करे तो उन्होंने भोजपुरी फिल्में करना कम कर दी हैं. एक इंटरव्यू के दौरान एक्ट्रेस ने बताया कि उन्हें भोजपुरी फिल्में करते हुए यह फील होने लगा था कि उनका करियर आगे नहीं जा रहा है. जिस कारण वो बहुत सोचकर फिल्में साइन करने लगी हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें