GHKKPM: सई से रिश्ता होगा खत्म, क्या एक होंगे पाखी-विराट?

नील भट्ट और ऐश्वर्या शर्मा स्टारर सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin)  की कहानी में नया मोड़ देखने को मिल रहा है. शो में अब तक आपने देखा कि सई सम्राट से बहुत जिद करती है कि वह भी उनके साथ चौहन हाउस जाए. सई कहती हैं कि घरवाले सम्राट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. चौहन परिवार सम्राट को देखकर बहुत खुश होंगे. सम्राट भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता है कि सई उसकी बात मान जाए और वह घर लौट जाए लेकिन सई अपने जिद पर अड़ी है. शो के अपकमिंग एपिसोड में महाट्विस्ट आने वाला है. आइए बताते हैं शो के नये कहानी के बारे में.

शो में आप देखेंगे कि सई मानसी आई का नाम लेकर उसे घर चलने के लिए मजबूर करती है. सम्राट मान जाता है घर जाने के लिए. लेकिन वह फैसला लेता है कि सबसे पहले पाखी को आजाद करेगा.

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सई विराट पर लगाएगी इल्जाम, सम्राट के घर आने पर खुश नहीं है विराट

शो के नये एपिसोड में आप देंखेंगे कि विराट को लगेगा कि सम्राट उसकी वजह से घर छोड़कर चला गया था. वह सम्राट को सारी सच्चाई बताने की कोशिश करेगा. तो उधर सई विराट को ताना मारेगी. विराट सई से कहेगा कि वह घर के किसी मामले में दखलंदाजी ना करे. इतना ही नहीं विराट सई से ये भी कहेगा कि सई ने जितना उसे दुख पहुंचाया है उतनी किसी ने भी दुख नहीं दिया. तो दूसरी तरफ सई विराट पर इल्जाम लगाएगी कि वह सम्राट के घर आने पर खुश नहीं है.

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विराट ने की चार-चार जिंदगियां बर्बाद 

वह ये भी कहेगी कि सम्राट को विराट और पाखी के रिश्ते के बारे में सब कुछ पता था इसलिए वो ये घर छोड़कर गए. सई विराट को खूब सुनाएगी, कहेगी कि उसने चार जिंदगियां बर्बाद कर दी है. विराट सई के साथ अपने सारे रिश्ते तोड़ने की बात कहेगा. यह सुनकर सई शॉक्ड हो जाएगी.

 

शो के अपकमिंग एपिसोड में ये देखना दिलचस्प होगा कि घर पर सम्राट को देखकर पाखी का रिएक्शन क्या होगा. तो वहीं पाखी और विराट के रिश्ते का सच सबके सामने आएगा.

Crime Story: कुटीर उद्दोग जैसा बन गया सेक्सटॉर्शन- भाग 1

खाने की टेबल पर बैठे जितेंद्र सिंह  फेसबुक मैसेंजर पर आई उस वीडियो काल के बाद अचानक असहज हो गए. क्योंकि सामने बेटी, बेटा, बहू और पत्नी, पोता और पोती सभी डाइनिंग टेबल पर मौजूद थे. उन्होंने फोन को झटपट साइलैंट मोड पर किया. प्लेट में रखे खाने के अंतिम 2 कौर झटपट मुंह में डाले और पानी पी कर झट से उन्हें गले से नीचे उतार कर बोले, ‘‘तुम लोग खाना खाओ, मेरा बाहर से कोई अर्जेंट काल है, उसे अटेंड करता हूं.’’

वह उठे और तेजी के साथ अपने रूम की तरफ बढ़ गए. वे कमरे में घुसते ही सीधे अटैच्ड बाथरूम में गए. फेसबुक की मैसेंजर काल डिस्कनेक्ट हो कर दोबारा शुरू हो चुकी थी. बाथरूम में घुसते ही उन्होंने वीडियो काल अटैंड की.

सामने स्क्रीन पर नजर आ रही खूबसूरत हसीना से फुसफुसाते हुए बोले, ‘‘सौरी जानू… डाइनिंग टेबल पर था और पूरी फैमिली सामने बैठी थी इसलिए काल अटैंड नहीं की.’’

सामने खड़ी हसीना ने कहा, ‘‘कोई बात नहीं जानेमन, लेकिन अब अगर अकेले हो तो जल्दी से कपड़े उतारो और मेरी प्यास बुझा दो… बहुत देर से तड़प रही हूं… देखो मेरे बदन से कपड़े कैसे उतर रहे हैं… जल्दी करो… मेरी प्यास बुझा दो…’’

और कहते हुए फोन की स्क्रीन पर नजर आने वाली लड़की ने एकएक कर अपने कपड़े उतार कर निर्वस्त्र बदन को इस तरह सहलाना शुरू किया कि उत्तेजना के चरम पर पहुंच चुके जितेंद्र सिंह ने झटपट अपने कपड़े उतार कर अपने अंगों से खेलना शुरू कर दिया.

दूसरी तरफ वीडियो काल पर मौजूद युवती अपने बदन को सहलाते हुए ऐसी कामोत्तेजक आवाजें निकाल कर जितेंद्र को उत्तेजित कर रही थी कि कुछ ही देर में उन का शरीर शिथिल और ठंडा पड़ गया.

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फेसबुक पर 4-5 दिन पहले ही जितेंद्र सिंह की दोस्त बनी रुचिका नाम की इस प्रेमिका ने लगातार दूसरे दिन उन्हें उम्र के उस पड़ाव पर चरम सुख दे कर अपना दीवाना बना लिया था.

60 की उम्र पार कर चुके जितेंद्र सिंह के जीवन में रुचिका कुछ रोज पहले अचानक बहार बन कर आई थी. अचानक चंद रोज पहले फेसबुक पर रुचिका ने उन के मैसेंजर बौक्स में हाय लिख कर दोस्ती करने का निमंत्रण दिया.

रुचिका के प्रोफाइल में उस की निहायत खूबसूरत तसवीरों को देखने के बाद जितेंद्र  खुद को उस की दोस्ती कबूल करने से रोक नहीं सके. रुचिका को दोस्ती का प्रत्युत्तर मिलते ही फेसबुक मैसेंजर पर उन की दोस्ती की चैट का सिलसिला शुरू हो गया. दिन में कई बार बातें होतीं.

रुचिका ने खुद को नौकरीपेशा और हौस्टल में रहने वाली अविवाहित लड़की बताया. 1-2 दिन में जितेंद्र रुचिका से इतनी करीबी महसूस करने लगे कि अपनी फोटो उस के मैसेंजर में भेजने और उस की फोटो मांगने का सिलसिला शुरू हो गया.

2 दिन बाद ही दोनों के बीच वाट्सऐप नंबरों का भी आदानप्रदान शुरू हो गया. इस के बाद शुरू हुआ देर रात तक चैटिंग और वीडियो काल करने का सिलसिला और ऐसी कामुक बातों का दौर जिस ने रहेसहे फासलों की दूरी भी पाट दी.

धीरेधीरे खुलते गए जितेंद्र सिंह

चौथे दिन चैट करते समय रुचिका ने जितेंद्र से अचानक उन के प्राइवेट पार्ट की वीडियो दिखाने की फरमाइश की तो उन्होंने रुचिका से पहले अपना बदन दिखाने को कहा.

रुचिका ने फरमाइश पूरी कर दी तो बेकाबू हुए जितेंद्र ने भी बाथरूम में जा कर वीडियो काल से उसे भी खुद को आदमजात स्थिति में दिखा दिया.

अगले दिन जब वे खाने की टेबल पर थे तो इसी बीच मैसेंजर पर रुचिका का प्रणय निवेदन आया कि वह उन का देखना चाहती है. इसी के बाद जितेंद्र जल्दी से खाना खत्म कर के बाथरूम में पहुंचे और वहां वही सब हुआ, जो पिछली रात को हुआ था.

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दरअसल, पिछले चंद रोज में रुचिका फेसबुक से हुई दोस्ती के बाद उन की जिंदगी में इतनी तेजी से समा गई थी कि वह उन की सोच पर हावी हो गई थी. अपनी उम्र, समाज की ऊंचनीच और भलेबुरे का उन्हें कोई खयाल ही नहीं रहा.

अहसास तो उन्हें तब हुआ जब अचानक उन के फेसबुक वाल पर उन की कुछ न्यूड फोटो किसी ने अपलोड कर दीं. चूंकि जितेंद्र  सिंह सोशल मीडिया पर ज्यादा ही एक्टिव रहते थे, लिहाजा उन्होंने जैसे ही वह अश्लील फोटो देखी तो उन्हें डिलीट कर अपनी फेसबुक वाल को ब्लौक कर दिया ताकि उस पर कोई कुछ भी अपलोड न कर सके. शुक्र था कि अपलोड होने के तुरंत बाद उन्होंने इन्हें डिलीट कर दिया था.

अचानक वह परेशान हो उठे. कहीं उन की ये तसवीरें फेसबुक के किसी फ्रैंड ने देख तो नहीं लीं… यही सोचतेसोचते वह डिप्रेशन में चले गए. बेटियां जवान और शादीशुदा हों और घर में पत्नी के अलावा बेटा, बहू व पोतेपोती हों तो उम्र के इस पड़ाव में बदनामी के डर से परेशान होना लाजिमी होता है.

शुरू हुई ब्लैकमेलिंग

इस घटनाक्रम की परेशानी अभी कम नहीं हुई थी कि उन के वाट्सऐप पर रुचिका की वाइस काल आई, ‘‘जितेंद्रजी, बहुत मजे ले लिए एक मजबूर लड़की से, अब जेल जाने के लिए तैयार हो जाओ… मैं तुम को पूरी दुनिया में इतना बदनाम कर दूंगी कि कहीं मुंह दिखाने के लायक नहीं रहोगे.’’

‘‘यार, ये तुम कैसी बातें कर रही हो… हमारे बीच जो कुछ हुआ है वो तो अंडरस्टैंडिंग से हुआ है. और तुम ने मुझ से बात किए बिना मेरी फोटो मेरे फेसबुक पर क्यों डाली?’’ जितेंद्र  सिंह अचानक रुचिका का फोन आने के बाद सहम गए और गिड़गिड़ाते हुए बोले.

‘‘चलो तब बात नहीं की थी तो अब बात कर लेते हैं… बताइए कितना हरजाना देंगे अपनी रुसवाई से बचने के लिए?’’ रुचिका ने अचानक किसी शातिर कारोबारी की तरह बात करनी शुरू कर दी.

‘‘यार, ये तुम कैसी बात कर रही हो… हम दोनों दोस्त हैं. फिर यह हरजाने वाली बात कहां से आ गई.’’ अचानक जितेंद्र रुआंसे हो गए.

उन्हें अपना पूरा अस्तित्व डूबता हुआ सा नजर आने लगा. वह समझ गए कि एक साजिश के तहत वह एक ब्लैकमेलर लड़की के चंगुल में फंस चुके हैं.

उन्होंने समझदारी और चतुराई से काम लिया और बोले, ‘‘देखो यार, मैं कोई अमीर आदमी नहीं हूं और तुम्हारे पास अगर मेरे खिलाफ सबूत हैं तो मेरे पास भी इस बात के सबूत हैं कि तुम ने मुझ से दोस्ती की शुरुआत कर मुझे फंसाया था. तुम शायद मुझे जानती नहीं हो, मेरे कौन्टैक्ट पुलिस के कई अफसरों से हैं.’’

लेकिन साथ ही उन्होंने उसे शांत करने के लिए यह भी बोला, ‘‘हां, अगर तुम कहोगी तो मैं तुम्हारी थोड़ीबहुत हेल्प कर दूंगा. लेकिन मुझे थोड़ा वक्त चाहिए.’’

जितेंद्र सिंह आगे कुछ कह पाते उस से पहले ही रुचिका ने धमकी भरे अंदाज में कहा, ‘‘देख बे ठरकी… तेरे पास केवल 2 दिन का वक्त है 5 लाख रुपए का इंतजाम कर ले, नहीं तो पूरी दुनिया देखेगी कि तेरे जैसे बुड्ढे किस तरह मासूम लड़कियों से फेसबुक पर दोस्ती कर के अपनी ठरक मिटाते हैं. बाकी का हिसाब तुझ से पुलिस अपने आप ले लेगी. मैं बाद में फोन करूंगी. जल्दी से पैसे का इंतजाम कर.’’

फोन कटने के बाद घबराहट में जितेंद्र  की सांसें लोहार की धौंकनी की तरह चलने लगीं.

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सिंदूरी मूर्ति- भाग 2: जब राघव-रम्या के प्यार के बीच आया जाति का बंधन

खुद रम्या को तो रोज 2 ट्रेनें बदल कर अपने गांव से यहां आना पड़ता था. उन की बातों के दौरान ही ट्रेन आ गईं. जब तक वह कुछ समझता ट्रेन चल पड़ी. रम्या उस में सवार हो चुकी थी और वह प्लेटफौर्म पर ही रह गया. यह क्या अचानक रम्या प्लेटफौर्म पर कूद गई.

रम्या जब कूदी उस समय ट्रेन रफ्तार में नहीं थी. अत: वह कूदते ही थोड़ा सा लड़खड़ाई पर फिर संभल गई.

राघव हक्काबक्का सा उसे देखते रह गया. फिर सकुचा कर बोला, ‘‘तुम्हें इस तरह नहीं कूदना चाहिए था?’’

‘‘तुम अभी मुझ से ट्रेन के अप और डाउन के बारे में पूछ रहे थे… तुम यहां नए हो… मुझे लगा तुम किसी गलत ट्रेन में न बैठ जाओ सो उतर गई,’’ कह रम्या मुसकराई.

रम्या के सांवले मुखड़े को घेरे हुए उस के घुंघराले बाल हवा में उड़ रहे थे. चौड़े ललाट पर पसीने की बूंदों के बीच छोटी सी काली बिंदी, पतली नाक और पतले होंठों के बीच एक मधुर मुसकान खेल रही थी. राघव को लगा यह तो वही काली मिट्टी से बनी मूर्ति है जिसे उस के पिता बचपन में उसे रंग भरने को थमा देते थे.

‘‘क्या सोच रहे हो?’’ रम्या ने पूछा.

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‘‘यही कि तुम्हें कुछ हो जाता तो, मैं पूरी जिंदगी अपनेआप को माफ न कर पाता… तुम्हें ऐसा हरगिज नहीं करना चाहिए था.’’

‘‘ब्लड… ब्लड…’’ यही शब्द उन वाक्यों के उसे समझ आए, जो डाक्टर रम्या की फैमिली से तमिल में बोल रहा था.

राघव तुरंत डाक्टर के पास पहुंच गया. बोला, ‘‘सर, माई ब्लड ग्रुप इज ओ पौजिटिव.’’

‘‘कम विद मी,’’ डाक्टर ने कहा तो राघव डाक्टर के साथ चल पड़ा. उन्हीं से राघव को पता चला कि शाम तक 5-6 यूनिट खून की जरूरत पड़ सकती है. राघव ने डाक्टर को बताया कि शाम तक अन्य सहकर्मी भी आ रहे हैं. अत: ब्लड की कमी नहीं पड़ेगी.

रक्तदान के बाद राघव अस्पताल के एहाते में बनी कैंटीन में कौफी पीने के लिए आ गया. अस्पताल आए 6 घंटे बीत चुके थे. उस ने एक बिस्कुट का पैकेट लिया और कौफी में डुबोडुबो कर खाने लगा.

तभी उस की नजर सामने बैठे व्यक्ति पर पड़ी, जो कौफी के छोटे से गिलास को साथ में दिए छोटे कटोरे (जिसे यहां सब डिग्री बोलते हैं) में पलट कर ठंडा कर उसे जल्दीजल्दी पीए जा रहा था. रम्या ने बताया था कि उस के अप्पा जब भी बाहर कौफी पीते हैं, तो इसी अंदाज में, क्योंकि वे दूसरे बरतन में अपना मुंह नहीं लगाना चाहते. अरे, हां ये तो रम्या के अप्पा ही हैं. मगर वह उन से कोई बात नहीं कर सकता. वही भाषा की मुसीबत.

तभी उस की नजर पुलिस पर पड़ी, जिस ने पास आ कर उस से स्टेटमैंट ली और उसे शहर छोड़ कर जाने से पहले थाने आ कर अनुमति लेने की हिदायत व पुलिस के साथ पूरा सहयोग करने की चेतावनी दे कर छोड़ दिया.

शाम के 6 बज चुके थे. जब उस के सहकर्मी आए तो राघव की सांस में सांस आई. वे सभी रक्तदान करने के पश्चात रम्या के परिजनों से मिले और राघव का भी परिचय कराया.

तब उस की अम्मां ने कहा, ‘‘हां, मैं ने सुबह से ही इसे यहीं बैठे देखा था. मगर मैं नहीं जान पाई कि ये भी उस के सहकर्मी हैं,’’ और फिर वे राघव का हाथ थाम कर रो पड़ीं.

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उन लोगों के साथ राघव भी लौट गया. वह रोज शाम 7 बजे अस्पताल पहुंच जाता और 9 बजे लौट आता. पूरे 15 दिन तक आईसीयू में रहने के बाद जब रम्या प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट हुई तब जा कर उसे रम्या की झलक मिल सकी. रम्या की पीठ का घाव तो भरने लगा था, मगर उस के शरीर का दायां भाग लकवे का शिकार हो गया था, जबकि बाएं भाग में गहरा घाव होने से उसे ज्यादा हिलनेडुलने को डाक्टर ने मना किया था. रम्या निर्जीव सी बिस्तर पर लेटी रहती. अपनी असमर्थता पर आंसू गिरा कर रह जाती.

दुर्घटना के पूरे 6 महीनों के बाद स्वास्थ्य लाभ कर उस दिन रम्या औफिस जौइन करने जा रही थी. सुबह से रम्या को कई फोन आ चुके थे कि वह आज जरूर आए. उस दिन राघव की विदाई पार्टी थी. वह कंपनी की चंडीगढ़ ब्रांच में ट्रांसफर ले चुका था. वह दिन उस का अंतिम कार्यदिवस था.

कंपनी के गेट तक रम्या अपने अप्पा के साथ आई थी. वे वहीं से लौट गए, क्योंकि औफिस में शनिवार के अतिरिक्त अन्य किसी भी दिन आगंतुक का अंदर प्रवेश प्रतिबंधित था. उस का स्वागत करने को कई मित्र गेट पर ही रुके थे. उस ने मुसकरा कर सब का धन्यवाद दिया. राघव एक गुलदस्ता लिए सब से पीछे खड़ा था.

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रम्या ने खुद आगे बढ़ कर उस के हाथ से गुलदस्ता लेते हुए कहा, ‘‘शायद तुम इसे मुझे देने के लिए ही लाए हो.’’

एक सम्मिलित ठहाका गूंज उठा. ‘तुम्हारी यही जिंदादिली तो मिस कर रहे थे हम सब,’ राघव ने मन ही मन सोचा.

खुशी के आंसू- भाग 3: आनंद और छाया ने क्यों दी अपने प्यार की बलि?

लेखिका- डा. विभा रंजन  

“यही कि शादी हो गई होती, अब तक छाया और आनंद, मम्मीपापा बन गए होते,”

तबस्सुम ने सच्ची बात कह दी.

ज्योति ने यह सुना तो सन्न रह गई. जो उस ने सुना वह सच है या तबस्सुम दी ने ऐसे ही यह बात कह दी. पर वे आनंद का नाम क्यों ले रही हैं वे किसी और का भी तो नाम ले सकती हैं. इस का मतलब है, दीदी और आनंद जी… ज्योति को कुछ समझ नहीं आ रहा था. उस ने जैसेतैसे खुद को संभाला और अपने चेहरे के भाव को सामान्य कर कर लिया.

तबस्सुम दिनभर रही और रात होने से पहले वापस घर चली गई. पर ज्योति के मन में हलचल मचा गई. मतलब साफ है, पापा भी इन लोगों के बारे में जानते थे, वह कैसे नहीं जान पाई. पापा की बीमारी में अस्पताल में आनंदजी आते रहते थे. उस समय की परिस्थिति ऐसी थी जिस में इन सभी विषयों पर सोचने की फुरसत भी नहीं थी. जब पापा के कैंसर का पता चला तब हम सभी पापा में लग गए. एक बात तो स्पष्ट है कि आनंद और दीदी का प्यार बहुत गहरा है. एकदूसरे के प्रति अटूट विश्वास है. इसी कारण इन्हें किसी को दिखाने की जरूरत नहीं पडी. उसी प्यार में दीदी ने आनंदजी को मुझ से विवाह करने के लिए मना भी लिया. दीदी ने ऐसा क्यों किया? काश, एक बार मुझे सब सच बता दिया होता. यह तो अच्छा हुआ कि तबस्सुम दी ने मुझे सच से अवगत करा दिया वरना…

स्कूल की परीक्षा समाप्त होने के बाद छाया ने ज्योति से कहा, “ज्योति, पापा की बरसी के बाद  मैं तेरे विवाह की सोच रही हूं. बरसी को 2 महीने रह गए हैं. तब तक मैं धीरेधीरे शादी की तैयारियां भी करती रहूंगी.”

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“इतनी जल्दी क्या है दीदी,”  ज्योति ने कहा.

“नहीं ज्योति, शुभकार्य में विलंब ठीक नहीं,”  छाया को जैसे हड़बड़ी थी.

“हां, तो ठीक है. अगले सप्ताह 27 तारीख को तुम्हारा जन्मदिन है, उस दिन कुछ कार्यक्रम कर लो,”    ज्योति ने कहा.

“धत, मेरे जन्मदिन के समय ठीक नहीं है, किसी और दिन रखूंगी.” छाया ने मना कर दिया.

“दीदी, मुझे कुछ कहना है,” ज्योति ने आग्रह किया.

“हां, बोलो,” छाया ज्योति को देखते हुए बोली.

“दीदी, इस बार  मैं तुम्हारा जन्मदिन अपनी पसंद से सैलिब्रेट करना चाहती हूं,” ज्योति ने बहुत लाड़ से कहा.

“अरे, मेरा जन्मदिन क्या मनाना,” छाया ने टालना चाहा.

“मैं ने कहा न, इस बार मैं तुम्हारा जन्मदिन सैलिब्रेट करूंगी, फिर तो मैं ससुराल चली जाऊंगी, तुम तो मेरी हर इच्छा पूरी करती हो, इतनी सी बात नहीं मानोगी,” ज्योति  छाया से मनुहार करने लगी.

“अच्छा बाबा, तुम सैलिब्रेट करना, पर भीड़भाड़ नहीं, समझीं,” छाया ने अपनी बात रख दी.

“ठीक है, मैं समझ गई,” ज्योति खुश हो गई.

छाया स्कूल में आनंद से, बस, काम की बात किया करती थी. वह कोशिश करती कि आनंद से उस का सामना कम हो. उस ने आनंद को छोड़ने का फैसला तो कर लिया पर जैसेजैसे दिन बीत रहे थे, उस का मन बोझिल होता जा रहा था. अपने जन्मदिन के दिन उस का मन खिन्न हो उठा क्योंकि हर जन्मदिन पर सब से पहले आनंद का ही फोन आता था. इस रास्ते को तो वह स्वयं ही बंद कर आई है.

छाया का मन बेचैन था, इंतजार करता रहा, आनंद का फोन नहीं आया. छाया ने ज्योति से काम का बहाना बनाया और आनंद से मिलने के लिए स्कूल चली आई. स्कूल आ कर पता चला आनंद ने 2 दिनों की छुट्टी ले रखी है. थोड़ी देर स्कूल में रुकने के बाद वह घर आ गई.

ज्योति उस की बेचैनी समझ रही थी. पर वह चुप थी. ज्योति ने पूरे घर को छाया की पसंद के फूलों से सजाया था. उस ने सारा खाना अपने हाथों से बनाया, यहां तक कि केक भी उस ने बडे प्यार से बनाया. छाया ने कहा था इतनी मेहनत करने की क्या जरूरत है, केक मंगा लेते हैं. पर वह तैयार नहीं हुई.

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ज्योति ने छाया को मां की साड़ी दे कर कहा, “दीदी, शाम को यही पहनना.”

“मां की साडी, क्यों?” छाया ने अचरज से पूछा.

“पहन लो न. बस, ऐसे ही. आज तो मेरी हर बात माननी है, याद है न,” ज्योति ने और्डर से कहा.

“अच्छा, हां.”  छाया ने कहा. छाया का मन हो रहा था वह ज्योति से पूछे कि आनंद को बुलाया है या नहीं. पर उस की हिम्मत नहीं हुई. “तुम क्या पहन रही हो?”  छाया ने प्यार से पूछा.

“आज तुम ने जो पीला सूट दिया था न, वह वाला पहनूंगी. ठीक है न?”  ज्योति खुशी से बोली.

शाम को दोनों बहनें तैयार हो रही थीं, तभी बाई ने बताया कि आनंद बाबू आए हैं. छाया का दिल जोर से धड़कने लगा. उसे लगा, वह गिर जाएगी. उस ने अपनेआप को संभाला.

“आ गए आप, मैं ने तो आप को और पहले से आने को कहा था. आप इतनी देर में क्यों आए?” ज्योति का आनंद से बेतकल्लुफ़ हो कर बोलना आनंद और छाया दोनों ने गौर किया.

“वह कुछ काम था, इसलिए देर हो गई, हैप्पी बर्थडे छाया,” आनंद ने रजनीगंधा का एक खुबसूरत बुके देते हुए छाया से सकुचाते हुए कहा.

छाया ने “थैक्स” कह बुके को झट से अपने कलेजे से लगा लिया और अंदर कमरे में जाने लगी.

“दीदी, कहां जा रही हो, केक नहीं काटोगी,” ज्योति ने छाया का हाथ पकड़ा और उसे खींचती हुई आनंद के पास ला कर सोफे पर बिठा दिया और फिर बोली, “मैं केक ले कर आ रही हूं.”

छाया को बड़ी बेचैनी हो रही थी. आनंद से मिलना भी चाह रही थी, जब आनंद सामने आया तब घबराहट सी होने लगी. तभी ज्योति केक ले आई, “हैप्पी बर्थडे टू यू डीयर दीदी, हैप्पी बर्थडे टू यू.”

ज्योति का उत्साह देखते बन रहा था. दोनों बहनों ने एकदूसरे को केक खिलाया फिर आनंद को केक दिया.”केक तो बहुत अच्छा है,” आनंद ने कहा.“ज्योति ने बनाया है,” छाया ने बड़े गर्व से कहा, “आज का सारा इंतजाम मेरी ज्योति ने किया है.”

“ओह, और गिफ्ट क्या दिया?”

“नहीं दी हूं, अभी दूंगी,” ज्योति ने तपाक से कहा, फिर ज्योति ने आनंद के दिए हुए रजनीगंधा के बुके से एक फूल की डंडी निकाल कर छाया को देते हुए कहा,

“त्वदीयं वस्तु दीदी तुभ्यमेव समर्पये.” यानी, “ तुम्हारी चीज तुम्हें ही सौपती हूं दीदी.”

“क्या बोल रही है,” छाया हड़बड़ा गई.

“सही बोल रही हूं दीदी, तुम्हारी चीज मैं तुम्हें वापस लौटा रही हूं,” ज्योति ने आनंद की ओर अपना हाथ दिखाते हुए कहा.

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“मुझे पता चल चुका है दीदी आप दोनों के बारे में. आप दोनों की तो शादी होने वाली थी, पर पापा के असमय मौत से टल गई. सब जानते हुए आप ने कैसे मेरी शादी आनंदजी से तय कर दी. मैं नहीं जानती आप ने आनंदजी को किस तरह मुझ से शादी के लिए मजबूर किया होगा, लेकिन यह सब करते आप ने एक बार भी नहीं सोचा कि जिस दिन मुझे इस सच का पता चलेगा, उस दिन मुझ पर क्या बीतेगी. यह सच जान कर मैं तो आत्महत्या ही कर लेती दीदी.”

“ज्योति, ऐसा मत बोल,” छाया ने उस की बात काटते हुए तड़प कर उस के मुंह पर अपना हाथ रख दिया.

“मैं ने, बस, तेरी खुशी चाही, और कुछ नहीं.”

“ऐसी खुशी किस काम की दीदी, जिस में बाद में पछताना पडे. आप को क्या लगा, अगर आप सच बता देतीं, तब मैं आप से नफरत करने लगती, आप से दूर हो जाती? नहीं दीदी, मैं आप से कभी नफरत कर ही नहीं सकती दीदी, लेकिन आप ने मुझे अपनी ही नजरों में गिरा दिया,” यह सब  बोल कर ज्योती हांफने लगी.

“बस कर ज्योति, बस कर. मैं ने इतनी गहरी बात कभी सोची ही नहीं. मैं बहुत बडी गलती करने जा रही थी, मुझे माफ कर दे. कभीकभी बड़ों से भी नादानियां हो जाती हैं. बस, एक बार मुझे माफ कर दे मेरी बहन.”

“एक शर्त पर,” ज्योति ने कहा.”मैं तेरी हर शर्त मानने को तैयार हूं, तू बोल कर तो देख,” छाया ने कहा.”आप अभी यह केक मेरे होने वाले आनंद जीजाजी को खिलाइए,” ज्योती ने आनंद की ओर इशारा करते हुए  कहा.

“ओके.” छाया ने केक का टुकड़ा आनंद के मुंह में डाला. उस की आंखें, उस का तनमन, उस का रोमरोम  उस से क्षमायाचना कर रहा था. तीनों की आंखें भरी थीं, पर ये आंसू खुशी के थे.

Crime Story: पुलिस वाले की खूनी मोहब्बत- भाग 3

संयोग ऐसा रहा कि पूजा और स्वीटी करीब 3 साल पहले एक ही समय गर्भवती हुईं. बाद में स्वीटी ने बेटे को जन्म दिया और पूजा ने बेटी को.

बच्चा होने के कई दिन बाद स्वीटी को अजय की दूसरी शादी के बारे में पता चला. इस बात पर स्वीटी का अजय से झगड़ा होने लगा. दिन पर दिन झगड़ा बढ़ता गया. अजय 2 नावों की सवारी कर रहा था. वह न तो स्वीटी को छोड़ना चाहता था और न ही पूजा को.

स्वीटी से रोज होने वाले झगड़े को देखते हुए अजय ने उस का काम तमाम करने पर विचार किया. किरीट सिंह जड़ेजा अजय का दोस्त था. किरीट के पास पैसा भी था और राजनीतिक प्रभाव भी.

भरूच जिले के अटाली गांव में वह एक होटल बनवा रहा था, लेकिन उस का निर्माण कार्य किसी वजह से बीच में ही अधूरा छोड़ दिया था.

गला घोंट कर की थी स्वीटी की हत्या

एक दिन अजय ने किरीट से एक लाश ठिकाने लगाने के बारे में बात की. अजय ने किरीट को यह नहीं बताया कि लाश किस की होगी.

उस ने बताया कि परिवार में एक महिला के गैर व्यक्ति से संबंध हो गए. इस से वह महिला गर्भवती हो गई है. परिवार के लोग उसे मार कर लाश ठिकाने लगाना चाहते हैं. किरीट सिंह ने दोस्ती में अजय से इस काम में सहयोग करने का वादा किया.

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4 जून, 2021 की रात अजय जब घर पहुंचा, तो पूजा से शादी को ले कर स्वीटी से उस का फिर विवाद हुआ. रोजाना के झगड़े से तंग आ कर अजय ने उसे ठिकाने लगाने का फैसला किया.

वह काफी देर तक इस पर सोचता रहा. स्वीटी जब सो गई तो आधी रात बाद उस ने गला घोंट कर उस को मार डाला.

रात भर वह अपने फ्लैट पर ही रहा. सुबह नहाधो कर तैयार हुआ. उस ने अपने दोस्त किरीट सिंह को फोन कर कहा कि परिवार के लोगों ने रिश्ते की बहन को मार डाला है, अब लाश ठिकाने लगानी है.

किरीट ने इस काम में सहयोग करने का वादा करते हुए कहा कि वह लाश को अटाली गांव में उस के निर्माणाधीन होटल के पिछवाड़े ले जा कर ठिकाने लगा दे.

इस के बाद अजय ने अपने साले जयदीप को फोन कर कहा कि स्वीटी रात एक बजे से सुबह साढ़े 8 बजे के बीच घर से बिना बताए कहीं चली गई है. उस समय लाश घर में थी.

बाद में अजय स्वीटी की लाश को एक एसयूवी कार में रख कर अटाली गांव ले गया और दोस्त किरीट सिंह के निर्माणाधीन होटल के पिछवाड़े रख कर जला दी. इस के लिए उस ने कुछ लकडि़यां और कैमिकल का भी इंतजाम कर लिया था. लाश जलाने के बाद वह वापस अपने घर आ गया. इस के बाद की कहानी आप पढ़ चुके हैं.

पुलिस ने स्वीटी की हत्या के आरोप में अजय और किरीट सिंह जडेजा को रिमांड पर लिया. रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ने

27 जुलाई को स्वीटी की हत्या से ले कर उस की लाश जलाने तक की घटना का रीक्रिएशन किया.

बाद में पुलिस ने अटाली में निर्माणाधीन बिल्डिंग के पिछवाड़े से स्वीटी की अंगुलियों की हड्डियां, जला हुआ मंगलसूत्र, हाथ का ब्रैसलेट, अंगूठी आदि बरामद किए.

परिवार वालों ने मंगलसूत्र स्वीटी का होने की पुष्टि की. पुरानी तसवीरों में भी स्वीटी वही मंगलसूत्र पहने हुए थी.

पुलिस इसे अहम सबूत मान रही है. अजय के पौलीग्राफ टेस्ट और एसडीएस परीक्षण की रिपोर्ट भी पौजिटिव आई है.

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अहम सबूत मिले पुलिस को

रिमांड अवधि पूरी होने पर पुलिस ने अदालत के आदेश पर अजय और किरीट सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया. स्वीटी का बेटा अंश पूजा के पास था. सरकार ने भी पुलिस इंसपेक्टर अजय देसाई को सस्पेंड कर दिया.

अजय भले ही पुलिस इंसपेक्टर था. वह 48 दिनों तक पुलिस को छकाता रहा, लेकिन पुरानी कहावत आज भी सच है कि अपराधी कितना भी शातिर हो, वह कोई न कोई सबूत जरूर छोड़ता है. अजय के साथ भी ऐसा ही हुआ. आखिर वह गिरफ्तार हुआ.

अजय एक म्यान में दो तलवारें रखना चाहता था. यह न तो सामाजिक नजरिए से उचित था और न ही उस की सरकारी नौकरी के लिहाज से. उस ने पूजा से शादी करने की बात स्वीटी को नहीं बता कर अलग सामाजिक अपराध किया.

कोई भी महिला अपने पति का बंटवारा नहीं चाहती. पति की दो नावों की सवारी में पूजा बेमौत मारी गई. 2 शादियां करने के बाद भी उसे कफन तक नसीब नहीं हुआ और स्वीटी के दोनों बेटे भी मां की ममता से महरूम हो गए.

Bigg Boss Ott: किसने कहा भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह से साॅरी!

‘बिग बॉस ओटीटी’ का एक सप्ताह पूरा हो गया. इस एक सप्ताह के अंदर बिगबाॅस ओटीटी में काफी झगड़े व गाली गलौज हुए. अक्षरा सिंह और दिव्या अग्रवाल के बीच भी जमकर नोकझोंक हुई.भोजपुरी अदाकारा अक्षरा सिंह और अभिनेत्री शमिता शेट्टी के बीच खाने को लेकर काफी झगड़े हो चुके है.

इतना ही नही इस ‘वीकेंड का वार’ में उर्फी को ‘बिग बाॅस ओटीटी’ के घर से एलीमिनेट किया जा चुका है. लेकिन ‘बिग बॉस ओटीटी’ के पहले वीकेंड का वार में अक्षरा सिंह का जलवा नजर आया. इसी के चलते बिग बाॅस ओटीटी के होस्ट करण जौहर ने अक्षरा सिंह से ‘साॅरी’ भी कहा तो वहीं करण जौहर ने अक्षरा से उलझने की वजह से दिव्या अग्रवाल को भी खूब सुनाया और कहा कि भोजपुरी इंडस्ट्री अलग नहीं है.

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बहुत सारी इंडस्ट्री होते हुए भी हम भारतीय सिनेमा के हिस्सा हैं. इसलिए हम सभी का फर्ज बनता है कि भारतीय सिनेमा को सम्मान दिया जाए. बिग बॉस ओटीटी के पहले सप्ताह में घर की कैप्टन अक्षरा सिंह थीं,जिन पर दिव्या अग्रवाल ने भोजपुरी सिनेमा को लेकर टिप्पणी की थी.

यूं तो अक्षरा सिंह ने दिव्या अग्रवाल को पहले भी जवाब देते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश व बिहार के जरुर हैं, मगर कमजोर नहीं हैं. कुछ ऐसा ही वीकेंड के वार के दौरान करण जौहर के सामने भी देखने को मिला. यहां भी अक्षरा सिंह,दिव्या अग्रवाल पर खूब बरसीं. अक्षरा ने कहा-‘‘खुद को शो कॉल्ड सुपर स्टार कहने वाले लोग हमें यह ना बताएं कि हम इनसे बात कर नीचे गिर जाएंगे. हमें फक्र है कि भोजपुरी भाषा और भोजपुरी सिनेमा का हम लोग प्रतिनिधित्व करते हैं, आप नहीं.

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आप हमें ना बताएं. हमको हमारा संस्कार, हमारी तमीज, हमारी सभ्यता सहित सब कुछ पता है.’’ अक्षरा ने जिस तरह से अपना पक्ष रखते हुए भोजपुरी के संदर्भ में बात की,उससे करण जौहर भी सहमत नजर आए और करण ने कहा- ‘‘भारतीय सिनेमा का सम्मान करना हम सबका फर्ज है. भोजपुरी सिेनमा बड़ी इंडस्ट्री है.’’

Rani Chatterjee ने शेयर किया ये Sad सॉन्ग, कहा ‘दिल टूटने की आवाज नहीं होती’

भोजपुरी एक्ट्रेस रानी चटर्जी (Rani Chatterjee) इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह आए दिन फैंस के साथ फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती हैं.  पिछले कुछ दिनों से एक्ट्रेस Sad पोस्ट शेयर कर रही हैं. आइए बताते हैं एक्ट्रेस ने अब क्या Sad पोस्ट शेयर किया है.

रानी चटर्जी ने एक वीडियो शेयर किया है. इसमें वह अल्का याग्निक (Alka Tagnik) के गाने पर लिपसिंक करते नजर आ रही हैं. वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक्ट्रेस काफी उदास दिखाई दे रही हैं.

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दरअसल एक्ट्रेस ने मुझसे हुई बस ये खता (Mujhse hui yeh khata) पर लिपसिंक कर रही हैं. फैंस इस वीडियो को काफी पसंद कर रहे है. रानी चटर्जी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है कि दिल टूटने की आवाज नहीं होता.

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इस कैप्शन से अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक्ट्रसे किसी गम में हैं. इससे पहले भी रानी चटर्जी ने अपना एक sad वीडियो शेयर किया था, जिसमें वो पंजाबी गाना ‘उच्चियां दिवारां’ के बीच के बोल ‘तू भूल गया सारी वे गल्लां मैं ना भूली’ पर लिपसिंक कर रही थीं.

 

एक्ट्रेस ने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद कहा था कि वो इससे आगे बढ़ चुकी हैं, लेकिन उनके लेटेस्ट वीडियोज कुछ और ही गवाही दे रहे हैं.

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Bigg Boss Ott: शो में पहुंचे Siddharth Shukla और Shehnaaz Gill, केमेस्ट्री ने लूटी महफिल

बिग बॉस के मशहूर कपल सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) और शहनाज गिल (Shehnaaz Gill)  की जोड़ी फैन्स को खूब पसंद आती है. फैंस को सिंडनाज के फोटोज और वीडियो का बेसब्री से इंतजार रहता है. दोनों की दोस्ती बिग बॉस हाउस में हुई थी और इन्हें आज भी अक्सर साथ में देखा जाता है.

इसी बीच सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) और शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) बिग बॉस ओटीटी (Bigg Boss OTT) के घर पहुंचे हैं. बिग बॉस में दोनों को 2 साल बाद देखा गया हैं. जिसका फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

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वूट सिलेक्ट ने अपने ऑफिशल इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि सिडनाज ने घर में धमाकेदार एंट्री ली है. शहनाज गिल बेहद खूबसूरत लग रही हैं तो वहीं सिद्धार्थ शुक्ला भी काफी handsome नजर आ रहे हैं.

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वीडियो में आप देख सकते हैं कि सिडनाज ‘तुहाडा कुत्ता टॉमी’ सॉन्ग पर धमाकेदार डांस कर रहे हैं तो वहीं करण जौहर भी उनका साथ दे रहे हैं.

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फोटो क्रेडिट इंस्टाग्राम

Anupamaa की बहू किंजल असल जिंदगी में हैं बेहद हॉट, Photos देख फैंस हुए दीवाने

स्टार प्लस का मशहूर सीरियल ‘अनुपमा’ दर्शकों का फेवरेट शो बना हुआ है. सीरियल की कहानी एक दिलचस्प मोड़ ले रही है. शो में दिखाया जा रहा है कि किंजल का बॉस उसके साथ मिसबिहेव करता है और ऐसे में किंजल जॉब छोड़ने कर फैसला करती है. इसी बीच निधि शाह यानी किंजल की कुछ फोटोज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

निधि शाह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह शो में अनुपमा की बहू किंजल का किरदार निभाती हैं. निधी शाह के किरदार को फैंस काफी पसंद करते हैं. वह ऑनस्क्रीन काफी खूबसूरत दिखती हैं उससे कही ज्यादा वह असल जिंदगी में खूबसूरत हैं. आइए निधि शाह यानी किंजल की रियल लाइफ की कुछ फोटोज दिखाते हैं.

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देखें किंजल की रियल लाइफ की फोटोज

 

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 ‘अनुपमा’ में निधी शाह अनुपमा की बड़ी बहू का निभाती हैं किरदार 

निधी शाह अक्सर अपनी बोल्ड और ग्लैमरस फोटोज से फैंस को अपना दीवाना बनाती हैं. ‘अनुपमा’ में निधी शाह अनुपमा की बड़ी बहू का किरदार निभाती हैं. वह अपने फैमिली के प्रति काफी डेडिकेटेड हैं. किंजल शो में संस्कारी बहू का किरदार निभाती हैं लेकिन असल जिंदगी में ग्लैमरस अंदाज से फैंस को अपना कायल बनाती हैं.

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किंजल यानी निधि शाह (Nidhi Shah) रियल लाइफ में काफी हॉट और ग्लैमरस हैं. वह आए दिन अपने फैंस को अपने नए-नए रूप दिखाकर सरप्राइज करती रहती हैं. शो में ये भी दिखाया जाएगा कि काव्या किंजल से कहगी कि वह अपने बॉस से नजदीकियां बढ़ाएं ताकि नौकरी में कोई दिक्कत ना आए. लेकिन किंजल भड़क जाएगी. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि अगर किंजल की जॉब चली जाती है तो ऐसे में शाह परिवार क्या कदम उठाता है.

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