जतिन अपनी मोटरसाइकिल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के डिलारी- मुरादाबाद मार्ग पर सरपट दौड़ाए जा रहा था. उस पर बैठी टीना जतिन की कमर को कस कर पकड़े हुए थी. इसी बीच उसे एक झटका लगा और हल्की सी चीख निकल गई.
‘‘ठीक से चलाओ, मुझे गिरा दोगे क्या?’’ टीना बोली.
‘‘अरे, तुम्हें कैसे गिरा दूंगा, तुम तो मेरी जान हो.’’ कहते हुए जतिन ने मोटरसाइकिल रोक दी.
‘‘अब मोटरसाइकिल क्यों रोक दी. तुम्हें पता नहीं कितनी खरीदारी करनी है और अंधेरा होने से पहले घर भी लौटना है.’’ टीना ने कहा.
‘‘हांहां, सब पता है, लेकिन उधर देखो पुलिस ने अचानक बेरियर गिराकर रास्ता बंद कर दिया. मैं तो तेजी से निकलना चाहता था, लेकिन…’’
‘‘लेकिन क्या? तुम्हें तो बस बहाना चाहिए.’’ टीना अब थोड़ा नाराज हो गई थी. जतिन उस की मुंडी को रास्ता बंद बैरियर की ओर घुमाते हुए बोला, ‘‘ ठीक से देखो न उधर!’’
‘‘तो अब क्या करें?’’ टीना ने सवाल किया.
‘‘करना क्या है, वापस सुरजन नगर चलते हैं. वहीं कुछ देर समय गुजारेंगे.’’
‘‘ और शौपिंग?’’
‘‘अब मुझे क्या पता था कि मुरादाबाद में भी लौकडाउन लगा होगा.’’ जतिन ने सफाई दी.
‘‘तो फिर वहीं से कुछ सामान खरीद लेते हैं.’’
‘‘हांहां, यही ठीक रहेगा. मुझे ध्यान आया मुरादाबाद का लौकडाउन वीकेंड का है, सोमवार को खुल जाएगा.’’
‘‘तो फिर मुरादाबाद सोमवार को चलते हैं. अभी तो हमारी शादी में 6 दिन बचे हैं.’’ टीना बोली.
‘‘ठीक है,’’ कहते हुए जतिन ने सुरजन नगर के लिए मोटरसाइकल
घुमा ली.
‘‘अच्छी तरह बैठ जाओ, वहां का रास्ता ठीक नहीं है.’’ जतिन के कहने पर टीना ने पहले की तरह उस की कमर को कस कर पकड़ लिया. थोड़ी देर में दोनों सुरजन नगर मार्ग पर आ गए थे.
एक जगह पर रुकते हुए जतिन बोला, ‘‘चलो कुछ देर थोड़ी मौजमस्ती भी हो जाए. अभी तो साढ़े 11 ही बजे हैं. एक बजे तक पूरी दुकानें भी खुल जाएंगी’’
‘‘कहां चलेंगे, बैठने की यहां कोई एकांत जगह तुम्हें मालूम है?’’ टीना बोली.
‘‘है न, पास में ही मेरे एक दोस्त का मकान है. वह इन दिनों अपनी फैमिली के साथ दिल्ली में है. वहां उस का नौकर होगा. वही मकान का केयरटेकर है, मुझे अच्छी तरह जानतापहचानता है.’’ जतिन को बताया.
‘‘ठीक है,’’ कहते हुए टीना ने सर हिला दिया.
कुछ मिनटों में ही जतिन और टीना एक मकान के सजेसजाए ड्राइंगरूम में थे. टीना ने फ्रेश होने की इच्छा जताई. जतिन ने बाथरूम की ओर इशारा किया और नौकर से कुछ नाश्ते का इंतजाम करने के लिए पैसे दिए.
टीना बाथरूम से निकलते ही बोली ‘‘मेरे बैग में छोटा तौलिया होगा, निकालना. और पानी की बोतल भी देना…’’
‘‘यह लो तौलिया और पानी की बोतल.’’
‘‘यहां कौनकौन रहता है?’’
‘‘छोड़ो न, यहां जो भी रहता हो, हमें क्या? हमें तो केवल डेढ़दो घंटे बिताने हैं.’’ जतिन बोला.
‘‘फिर भी, तुम तो यहां पहले भी आए होगे?’’ टीना ने सवाल किया.
‘‘तुम्हारी यही आदत मुझे कभीकभी अच्छी नहीं लगती है.’’ जतिन ने शिकायत की.
‘‘मेरी कौन सी आदत खराब है और कौन सी अच्छी, यह तो तुम्हारी सोच पर निर्भर करता है.’’
‘‘अरे छोड़ो भी, क्यों नराज होती हो. मैं ने तुम्हारे लिए यहां का फेवरेट नाश्ता मंगवाया है. खाओगी तो सालोंसाल तक याद रखोगी.’’
‘‘इस का मतलब है तुम यहां हमेशा आते रहे हो!’’ टीना बोली.
‘‘हमेशा आते रहने से तुम्हारा क्या मतलब है, तुम मुझ पर शक कर
रही हो.’’
‘‘मैं ने तो शक की बात नहीं कही. सिर्फ पूछा कि यहां कौनकौन रहता है?’’
‘‘ यह मेरे दोस्त का मकान है. वह अपनी फैमिली के साथ रहता है, इस से अधिक मैं नहीं जानता.’’ जतिन ने बताया.
‘‘… लेकिन बाथरूम में केवल लेडीज अंडरगारमेंट पड़े हैं. वे भी गीले…’’ टीना बोली.
‘‘तो इस में क्या हो गया…किसी ने तुम से पहले बाथरूम यूज किया होगा. यहां की देखभाल नौकर के जिम्मे है. हो सकता है उस की बीवी आई हो, उस के परिवार का कोई सदस्य आया हो…’’
‘‘और…और कमोड में तैरते कंडोम के बारे में तुम क्या कहोगे?’’ टीना अब तीखेपन से बोली.
‘‘क…क…कंडोम! मैं कुछ नहीं जानता?’’ हकबकाता हुआ जतिन बोला.
‘‘…और यह भी सुनो, गीला अंडरगर्मेंट ठीक वैसा ही महंगा वाला ब्रांडेड है, जैसा तुम ने एक सप्ताह पहले मुझे गिफ्ट में दिया था.’’ टीना अब और तल्ख हो गई थी.
‘‘देखो, तुम मुझ पर बेवजह शक कर रही हो, मैं यहां थोड़ा खुशनुमा पल गुजारने के लिए तुम्हें ले कर आया हूं, और तुम हो कि बेकार की बातों में उलझती जा रही हो.’’
जतिन ने सफाई दी और टीना को समझाने की कोशिश की. लेकिन टीना का चेहरा तमतमाया हुआ देख उस ने अपनी आवाज में नरमी बनाए रखी.
‘‘मैं बेकार की बातें कर रही हूं? मैं तो दावे के साथ कह सकती हूं कि तुम यहां कल भी आए थे…और तुम्हारे साथ वह चुडैल भी थी… तुम्हारे चेहरे का उड़ा रंग ही सब बता रहा है.’’ टीना ने अब जतिन पर सीधे आरोप ही लगा दिया था.
‘‘देखो, बहुत हो गया. तुम्हारा कहना एकदम गलत है…और तुम किस की बात कर रही हो?’’
‘‘अरे वही, जिस के बारे में तुम पहले भी बता चुके हो कि वह तुम्हें फोन पर तंग करती रहती है.’’
‘‘टीना, तुम बेकार की बातें कर रही हो, उस से तो मेरा कब का छुटकारा मिल गया. मेरे दिल में तुम्हारे अलावा और कोई नहीं है,’’ जतिन बोला.टीना और जतिन के बीच नोकझोंक बढ़ती ही जा रही थी. दरअसल टीना जतिन को अपना सर्वस्व न्यौछावर कर चुकी थी. इसलिए वह कतई नहीं चाहती थी कि जतिन का किसी और के साथ कोई संबंध बना रहे. इस वजह से वह हमेशा जतिन को शक की निगाह से देखती थी.
‘‘तुम तो हमारे घरवालों के दबाव में आ कर मुझ से शादी कर रहे हो, सच तो यह है कि तुम मुझ से पीछा छुड़ाना चाहते हो.’’ टीना गुस्से में बोली.
‘‘ऐसा कुछ भी नहीं है, टीना.’’ जतिन ने समझाने की कोशिश की.
‘‘ कुछ भी कहो, तुम अपने अपमान का बदला लेना चाहते हो. जबकि मैं अपना सब कुछ लुटा चुकी हूं.’’
‘‘तुम्हारे कहने का मतलब है कि तुम से मेरा मन भर गया है.’’ जतिन बोला.
‘‘और क्या? सच कड़वा लग रहा है न?’’
‘‘तो तुम कौन सी दूध की धुली हो!’’ अब जतिन भी हमलावर अंदाज में बोला.
‘‘क्या कहा तुम ने? मुझ पर आरोप लगाया.’’ टीना गुस्साई.
‘‘सही तो कहा है मैं ने. तुम्हारा ठाकुरद्वारा में एक लड़के के साथ चक्कर नहीं चल रहा है? तुम ने भी तो पंचायत के दबाव में मुझ से शादी करना स्वीकारा है. मेरी लाइफ खराब करने पर तुली हो.’’ जतिन का इतना कहना था कि टीना और भी भड़क कर आगबबूला हो गई.
गुस्से में लाल टीना ने जतिन को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. वह बोली, ‘‘मेरे ऊपर इल्जाम लगाने से पहले तू अपने गिरेहबान में झांक कर देख. तूने मेरा सब कुछ तो ले लिया. एक समय में तेरी खातिर मैं ने अपना घरपरिवार तक छोड़ दिया था. अब मेरे ऊपर ही झूठा इल्जाम लगा रहा है.’’
टीना का थप्पड़ खा कर जतिन तिलमिला गया. उसे नहीं पता था कि छोटीछोटी बातों की उस की नोकझोंक यह रूप ले लेगी. बात यहीं तक खत्म नहीं हुई और बढ़ती चली गई.
उधर शाम को टीना के घरवाले उस के जतिन के साथ लौटने का इंतजार कर रहे थे. टीना की मां सोमवती ने जतिन के पसंद के कई पकवान बनाए थे. शाम के साढ़े 4 बज गए थे, दोनों नहीं लौटे.
तब टीना के घर वालों को उन की चिंता होने लगी. वे इस बात को ले कर चिंतित हो गए कि शहर में अकसर 6 बजे के बाद लगने वाले कोरोना कर्फ्यू की वजह से वे कहीं फंस सकते हैं.
टीना के पिता मदनपाल सिंह यही सोच कर उन के बारे में मालूम करने के लिए मोटरसाइकिल से निकल पड़े. यह बात 14 जून, 2021 की है.
वह जब मुरादाबाद के थाना ठाकुरद्वारा के अंतर्गत डिलारी-सुरजन नगर मार्ग पर थोड़ी दूर ही बढ़े होंगे कि उन्होंने सड़क के किनारे कुछ लोगों की भीड़ देखी. जिज्ञासावश वह भी उस के पास पहुंच गए. सड़क किनारे गड्ढे में झाडि़यों के बीच एक लाश पड़ी थी, कुछ पुलिसकर्मी उस के इर्दगिर्द मुआयना कर रहे थे.
सड़क पर खड़े लोग तरहतरह की बातें कर रहे थे. उन्हीं में से किसी ने बताया कि लाश यहां दिन में 3 बजे से ही पड़ी है. पुलिस तो अब आई है. उन्हीं लोगों से मालूम हुआ कि लाश किसी युवती की है.
उस समय तक लाश को एक सफेद कपड़े से ढंक दिया गया था, पुलिस वाले उसे एंबुलेंस में ले जाने की तैयारी कर रहे थे. जहां पर लाश गिरी थी वह जगह भीड़भाड़ वाली जगह से करीब 400 मीटर दूर थी.
वहां दिन में ही सन्नाटा रहता था. सड़क थोड़ी मुड़ी होने के कारण वह जगह दूर से छिपी हुई नजर आती थी. वह इलाका पीपलसाना गांव में आता है.
सुरजन नगर पुलिस थाने में इस की सूचना स्थानीय लोगों से मिली थी. गड्ढे में लाश के होने की सूचना देने वाले ने ही बताया था कि युवती की लाश वहां किस स्थिति में पड़ी थी. उस ने क्या पहन रखे थे. दिखने में कैसी लग रही थी. आदिआदि.
इस तरह की कई बातें सुन कर मदनपाल सिंह आशंकित हो गए. वह तुरंत पुलिस वालों के पास जा पहुंचे. उन्होंने लाश का चेहरा दिखाने का अनुरोध किया. जांच कर रहे सुरजन नगर के थानाप्रभारी सत्येंद्र सिंह भी घटनास्थल पर मौजूद थे. मदनपाल सिंह ने उन से ही आग्रह किया था.
थानाप्रभारी ने उन का परिचय पूछा फिर कांस्टेबल को लाश का चेहरा दिखाने को कहा. हालांकि तबतक
लाश का बारीकी से निरीक्षण किया जा चुका था.
उस समय तक मौजूद लोगों में से किसी ने उस की पहचान नहीं की थी. लेकिन जैसे ही मदनपाल ने लाश का चेहरा देखा वह ‘टीना…’ कह कर तेज आवाज में चीख पड़े अगले पल धड़ाम से वहीं गिर गए. उन्हें पुलिसकर्मियों ने सहारा दे कर उठाया. वह बेहोश हो गए थे.
जांच टीम को लाश के बारे में उन के सवाल का जवाब मिल गया था. बेहोश मदनपाल के चेहरे पर पानी के छींटे मार कर होश में लाया गया, उन्हें पानी पिलाया गया. कुछ देर में वह सामान्य हुए. पुलिस को उन्होंने धीमी आवाज में बताया कि लाश उन की बेटी टीना की है. उस की 20 जून को शादी होने वाली थी.
पुलिस को उन्होंने बताया कि वह सुबह 11 बजे अपने मंगेतर के साथ शैपिंग करने के लिए निकली थी, लेकिन वह कहां है पता नहीं?
फफकफफक कर रोते हुए उन्होंने पुलिस को शादी के कार्ड भी दिखाए, जिस पर टीना सिंह और जतिन सिंह नाम के साथ दोनों के स्थायी निवास का पता भी लिखा था.
थानाप्रभारी सत्येंद्र सिंह ने सीओ अनूप सिंह को भी इस की सूचना दे दी थी, वह भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे. उन्होंने भी शव का निरीक्षण कर बताया कि निश्चित तौर पर लड़की को मार कर यहां फेंका गया है, जिसे सड़क दुर्घटना बनाने की कोशिश की गई है. सूचना पा कर मदन पाल की पत्नी सोमवती भी वहां पहुंच गई.
सोमवती भी बेटी की मौत पर दहाड़े मारमार कर रोने लगी. थानाप्रभारी सत्येंद्र सिंह व सीओ अनूप सिंह ने मृतक टीना के पिता मदनपाल सिंह और मां सोमवती को पूछताछ के लिए थाने बुलवा लिया.
मदन पाल तो पहले ही टीना के बारे में बहुत कुछ बता चुके थे. सोमवती ने पुलिस को टीना के घर से बाहर जाने के बारे में जानकारी दी.
सोमवती ने बताया कि 14 जून की सुबह टीना के मंगेतर जतिन का फोन आया था. उस ने कहा था कि मैं आ रहा हूं. टीना की शादी के लिए लहंगासूट और अपने लिए शेरवानी खरीदनी है.
उस ने यह भी बताया था कि इस के लिए वह मुरादाबाद के टाउन हाल से कपड़े खरीदेगा और टीना को साथ ले जाएगा. अपने बताए समय पर वह टीना को पूर्वाह्न 11 बजे घर से ले कर गया था. उस के बाद अब मुझे अपनी बेटी को इस हाल में देखना पड़ रहा है.
पुलिस ने सोमवती और मदन पाल सिंह के बयानों के आधार प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार कर ली. उस के बाद सोमवती से जतिन का फोन नंबर ले कर उस पर बात करने के लिए काल की. लेकिन फोन बंद मिला.
टीना का फोन भी गायब था. पुलिस ने टीना का शव मुरादाबाद पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया. घटना की सूचना पा कर मुरादाबाद के एसपी (देहात) विद्यासागर मिश्रा भी थाना ठाकुरद्वारा पहुंच गए थे.
पूरा मामला समझने के बाद इस घटना से मुरादाबाद के एसएसपी प्रभाकर चौधरी को अवगत करा दिया. उन्होंने भी ठाकुरद्वारा पुलिस को निर्देश दिए कि टीना का हत्यारा चाहे कितना बड़ा क्यों न हो, उस को तुरंत हिरासत में लिया जाए.
इस निर्देश के बाद सीओ अनूप सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस जांच टीम का गठन किया गया. उस में थानाप्रभारी सत्येंद्र सिंह, एसआई पंकज कुमार, कांस्टेबल संजीव धामा, मनोज कुमार, कृष्णपाल, शुभम तोमर, विनीत कुमार आदि थे.
सब से पहले 15 जून को टीम ने जतिन के कालागढ़ स्थित घर सी-293 नई कालोनी नूनगढ़ चौराहा पर छापा मारा. वह घर पर नहीं मिला. घर पर उस के पिता राजेंद्र सिंह मिले. थानाप्रभारी ने उन्हें हिदायत दी कि जैसे ही जतिन के बारे में उन्हें पता चले तो वह थाने में सूचना दे दें.
पुलिस वहां से निराश लौट रही थी, तभी मुरादाबाद के सर्विलांस सेल ने थानाप्रभारी सत्येंद्र सिंह को अभियुक्त जतिन के फोन की लोकेशन मिलने की सूचना दी. उस के फोन की लोकेशन सुरजन नगर और स्यौहारा के बीच की मिल रही थी.
इस सूचना पर पुलिस टीम ने तुरंत उसी तरफ अपनी गाड़ी बढ़ा दी. रास्ते में पुल के पास जतिन मोटरसाइकिल सहित गिरफ्तार कर लिया गया उस के पास से एक मोबाइल भी बरामद किया गया. पुलिस अभियुक्त जतिन को ठाकुरद्वारा थाना ले आई.
वहां एसपी (देहात) विद्या सागर मिश्रा व सीओ अनूप सिंह ने पूछताछ की. पूछताछ में जतिन ने स्वीकार कर लिया कि उस ने ही अपनी मंगेतर टीना की हत्या की है.
हत्या की वजह पूछने पर जतिन ने उस से हुई 3 साल पहले की मुलाकात, प्यार और तकरार की सारी बातें सिलसिलेवार ढंग से बताईं.
उस ने बताया कि उस की टीना से मुलाकात 3 साल पहले चाची के घर पर हुई थी. उस की चाची गांव लालपुर पीपलसाना में रहती है, जहां उस का अकसर आनाजाना होता था. वहीं टीना से दोस्ती हुई.
फिर दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों ने जीनेमरने की कसमें खाईं. उस ने बताया कि वह टीना से बेइंतहा मोहब्बत करने लगा था. टीना भी उसे बहुत चाहती थी.
अपने अफेयर के बारे में बताते हुए जतिन ने बताया कि उस का टीना के घर वालों से 6 महीने पहले विवाद हो गया था. दरअसल वह नहीं चाहते थे कि टीना उस से मिले.
जतिन ने इस बारे में 6 महीने पहले की घटना बताई. उस ने बताया कि करीब 6 माह पहले जनवरी 2021 में वह टीना को ले कर कालागढ़ स्थित अपने घर ले आया था. 4 दिनों तक टीना वहां ठहरी थी. इस का उस के घर वालों ने विरोध जताते हुए उस के खिलाफ थाना ठाकुरद्वारा में लड़की भगाने की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी.
उस के बाद टीना को अपने साथ गांव लालपुर पीपलसाना ले आए थे. टीना के पिता मदन पाल सिंह ने थाना ठाकुरद्वारा में जो रिपोर्ट लिखाई थी, उस में कहा था कि मैं टीना से शादी नहीं करना चाहता. जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी.
उसी शिकायत के आधार पर टीना भी मुझे बारबार फोन पर धमकी दे रही थी कि अगर मैं ने उस से शादी नहीं की तो वह मुझे जेल भिजवा देगी. उस के बाद से पुलिस मुझे आए दिन परेशान करने लगी.
उस घटना के 3 माह बाद पंचायत बैठी. टीना ने अपने परिवार वालों से साफसाफ कह दिया था कि उस की शादी होगी तो सिर्फ जतिन से क्योंकि वह जनित को अपना सब कुछ सौंप चुकी है.
पंचायत में दोनों पक्षों के बीच बात चली, सभी पंचों ने एकमत हो कर फैसला सुनाया कि जब इतना सब कुछ हो चुका है तो क्यों न टीना व जतिन की शादी कर दी जाए. इस फैसले को दोनों पक्षों ने मान लिया.
इस फैसले के बाद टीना के मातापिता ने शादी की तैयारी शुरू कर दी थी. कार्ड छप गए थे. सीमित संख्या में लोग अमंत्रित किए जा रहे थे. सवा महीने पहले टीना के पिता कालागढ़ में जतिन के घर जा कर लगुन का सामान दे आए थे.
गरम सूट, सोने की चेन, अंगूठी कपड़े, शादी के कार्ड, मिठाई, फल वगैरह ले कर गए थे. वहां पर उन की बहुत आवभगत हुई थी. लगुन देने के बाद वह अपने गांव लौट कर शादी की बाकी तैयारी में जुट गए थे.
घर में शादी का सारा सामान आ चुका था. दहेज का सारा सामान टीना के पिता ने खरीद लिया था. अब, बस शादी के 6 दिन रह गए थे.
14 जून, 2021 की सुबह टीना के मोबाइल नंबर पर जतिन का फोन आया था. टीना बहुत खुश थी. जतिन फोन पर बोला, ‘‘तुम्हारे पापा ने लगन में मुझे जो सूट दिया है, वह गरम है और गरमी का मौसम है. आजकल शेरवानी का रिवाज है. मैं तुम्हें भी कपड़े दिलवाना चाहता हूं. बस, 2 ही जगह हैं काशीपुर या मुरादाबाद. मुरादाबाद के टाउनहाल बाजार में शादी का सारा समान कपड़े शेरवानी, जूते, चप्पल सभी मिल जाते हैं. वहीं से सब खरीद लाते हैं. इस के साथ कुछ मौजमस्ती भी करेंगे. कुछ खाएंगे, एंजौय करेंगे. फिर शाम को घर आ जाएंगे.’’
जतिन ने पुलिस को बताया कि टीना से फोन पर बात करने के बाद 14 जून को वह समय पर टीना के घर ठीक 11 बजे पहुंच गया था. वहां होने वाली सास ने खूब खातिरदारी की थी.
सोमवती ने बहुत प्यार से खाना खिलाया था. होने वाले दामाद के व्यवहार से खुश थी. टीना भी अपना मनपसंद जीवनसाथी पा कर बेहद संतुष्ट और खुश थी. टीना और जतिन के मोटरसाइकिल से मुरादाबाद के लिए निकलते समय सोमवती ने बायबाय कर विदाई की थी.
यहां तक सब कुछ सामान्य प्लान के मुताबिक चल रहा था. टीना और जतिन के बीच मामला तब बिगड़ गया जब वे मुरादाबाद जाने के बजाय एक मकान में कुछ समय गुजारने के लिए ठहरे.
उन के बीच बातोंबातों में बहस छिड़ गई जिस ने हिंसा का रूप ले लिया. टीना के हाथों थप्पड़ खा कर जतिन काफी असहज हो गया था. गुस्से में उस ने भी टीना के मुंह पर 2 थप्पड़ जड़ दिए. उन के बीच हाथापाई बढ़ गई.
जतिन उस पर किसी दूसरी लड़की के साथ संबंध बनाने के आरोप में गुस्से में पागल हो गया था. उस ने टीना की गरदन उस के स्टौल से ही घोंट दी. फिर मोटरसाइकिल पर ही अपने पीछे उसे स्टोल से बांध लिया. थोड़ी दूर जा कर सुनसान जगह पर उसे गड्ढे में धकेल कर फरार हो गया.
सुरजन नगर से स्योहारा की तरफ भागने के दौरान वह 15 जून को पकड़ा गया. पुलिस को उस की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल स्टोल व उस में बंधा टीना का मोबाइल पास के तालाब से बरामद कर लिया था.
बाद में विवेचनाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने भादंवि की धारा 302 के तहत जतिन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया. वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
(कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित)