एक और बेटे की मां- भाग 1: रूपा अपने बेटे से क्यों दूर रहना चाहती थी?

मुन्ने के मासूम सवाल पर जैसे वह  जड़ हो गई. क्या जवाब दे वह?  सामने वाले फ्लैट में ही राजेशजी  अपनी पत्नी रूपा और मुन्ना के साथ रहते हैं. इस समय दोनों ही पतिपत्नी कोरोना पौजिटिव हो अस्पताल में भरती हैं. उन का एकलौता बेटा किशोर आया के साथ था.

आज वह आया भी काम छोड़ कर अपने घर भाग गई कि यहां जरूर कोई साया है, जो इस घर को बीमार कर जाता है. उस ने उसे कितना सम झाया कि ऐसी कोई बात नहीं और उसे उस छोटे बच्चे का वास्ता भी दिया कि वह अकेले कैसे रहेगा? मगर, वह नहीं मानी और चली गई. दोपहर में वही उसे खाना पहुंचा गई और तमाम सावधानियां बरतने की सलाह दे डाली. मगर 6 साल का बच्चा आखिर क्या सम झा होगा. आखिर वह मुन्ना से सालभर छोटा ही है.

मगर, मुन्ने का सवाल अपनी जगह था. कुछ सोचते हुए वह बोली, ‘‘अरे, ऐसा कुछ नहीं है. उस के मम्मीपापा दोनों ही बाहर नौकरी करने वाले ठहरे. शुरू से उस की अकेले रहने की आदत है. तुम्हारी तरह डरपोक थोड़े ही है.’’

‘‘जब किसी के मम्मीपापा नहीं होंगे, तो कोई भी डरेगा मम्मी,’’ वह बोल रहा था, ‘‘आया भी चली गई. अब वह क्या करेगा?’’

‘‘अब ज्यादा सवालजवाब मत करो. मैं उसे खानानाश्ता दे दूंगी. और क्या कर सकती हूं. बहुत हुआ तो उस से फोन पर बात कर लेना.’’

‘‘उसे उस की मम्मी हौर्लिक्स देती थीं. और उसे कौर्नफ्लैक्स बहुत पसंद है.’’

‘‘ठीक है, वह भी उसे दे दूंगी. मगर अभी सवाल पूछपूछ कर मु झे तंग मत करो. और श्वेता को देखो कि वह क्या कर रही है.’’

‘‘वह अपने खिलौनों की बास्केट खोले पापा के पास बैठी खेल रही है.’’

‘‘ठीक है, तो तुम भी वहीं जाओ और उस के साथ खेलो. मु झे किचन में बहुत काम है. कामवाली नहीं आ रही है.’’

‘‘मगर, मु झे खेलने का मन नहीं करता. और पापा टीवी खोलने नहीं देते.’’

‘‘ठीक ही तो करते हैं. टीवी में केवल कोरोना के डरावने समाचार आते हैं. फिर वे कंप्यूटर पर बैठे औफिस का काम कर रहे होंगे,’’ उस ने उसे टालने की गरज से कहा, ‘‘तुम्हें मैं ने जो पत्रिकाएं और किताबें ला कर दी हैं, उन्हें पढ़ो.’’

किचन का सारा काम समेट वह कमरे में जा कर लेट गई, तो उस के सामने किशोर का चेहरा उभर कर आ गया. ओह, इतना छोटा बच्चा, कैसे अकेले रहता होगा? उस के सामने राजेशजी और उन की पत्नी रूपा का अक्स आने लगा था.

पहले राजेशजी ही एक सप्ताह पहले अस्पताल में भरती हुए थे. और 3 दिनों पहले उन की पत्नी रूपा भी अस्पताल में भरती हो गई. अब सुनने में आया है कि वह आईसीयू में है और उसे औक्सीजन दी जा रही है. अगर उस के साथ ऐसा होता, तो मुन्ना और श्वेता का क्या होता. बहुत अच्छा होगा कि वह जल्दी घर लौट आए और अपने बच्चे को देखे. राजेशजी अपने किसी रिश्तेदार को बुला लेते या किसी के यहां किशोर को भेज देते, तो कितना ठीक रहता. मगर अभी के दौर में रखेगा भी कौन? सभी तो इस छूत की बीमारी कोरोना के नाम से ही दूर भागते हैं.

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वैसे, राजेशजी भी कम नहीं हैं. उन्हें इस बात का अहंकार है कि वे एक संस्थान में उपनिदेशक हैं. पैसे और रसूख वाले हैं. रूपा भी बैंककर्मी है, तो पैसों की क्या कमी. मगर, इन के पीछे बच्चे का क्या हाल होगा, शायद यह भी उन्हें सोचना चाहिए था. उन के रूखे व्यवहार के कारण ही नीरज भी उन के प्रति तटस्थ ही रहते हैं. किसी एक का अहंकार दूसरे को सहज भी तो नहीं रहने देता.

रूपा भी एक तो अपनी व्यस्तता के चलते, दूसरे अपने पति की सोच की वजह से किसी से कोई खास मतलब नहीं रखती. वह तो उन का बेटा, उसी विद्यालय में पढ़ता है, जिस में मुन्ना पढ़ता है. फिर एक ही अपार्टमैंट में आमनेसामने रहने की वजह से वे मिलतेजुलते भी रहते हैं. इसलिए मुन्ना जरूरत से ज्यादा संवेदनशील हो सोच रहा है. सोच तो वह भी रही है. मगर इस कोरोना की वजह से वह उस घर में चाह कर भी नहीं जा पाती और न ही उसे बुला पाती है.

शाम को उस के घर की घंटी बजी, तो उस ने घर का दरवाजा खोला. उस के सामने हाथ में मोबाइल फोन लिए बदहवास सा किशोर खड़ा था. वह बोला,  ‘‘आंटी, अस्पताल से फोन आया था,’’ घबराए स्वर में किशोर बोलने लगा, ‘‘उधर से कोई कुछ कह रहा था. मैं कुछ सम झा नहीं. बाद में कोई पूछ रहा था कि घर में कोई बड़ा नहीं है क्या?’’

वह असमंजस में पड़ गई. बच्चे को घर के अंदर बुलाऊं कि नहीं. जिस के मांबाप दोनों ही संक्रमित हों, उस के साथ क्या व्यवहार करना चाहिए. फिर भी ममता ने जोर मारा. उस में उसे अपने मुन्ने का अक्स दिखाई दिया, तो उसे घर के अंदर बुला कर बिठाया. और उस से मोबाइल फोन ले कौल बैक किया. मगर वह रिंग हो कर रह जा रहा था. तब तक मुन्ना और नीरज ड्राइंगरूम में आ गए थे. मुन्ना उछल कर उस के पास चला गया. वह अभी कुछ कहती कि नीरज बोले, ‘‘बच्चा है, उसे कुछ हुआ नहीं है. उस का भी आरटीपीसीआर हुआ था. कुछ नहीं निकला है.’’

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सेक्स करने का ये फायदा शायद ही कोई जानता हो

आज के जमाने में लोग अपनी सेहत को लेकर काफी जागरुक हो गए हैं और महिला और पुरुष अपने वजन को लेकर चौकन्ने रहते हैं. इसके लिए वे न सिर्फ अपने खानपान पर खास ध्यान देते हैं बल्कि फिट रहने के लिए हजारों रुपये भी खर्च करते हैं. लेकिन एक नए शोध के अनुसार अब आपको वजन कम करने के लिए न तो घंटों जिम में जाकर पसीना बहाने की जरूरत है और न ही घंटों जॉगिंग की. सेक्स एक ऐसा जरिया है जो आपको वजन बढ़ने की परेशानी से बचा सकता है.

कई शोधों से यह बात साबित हो चुकी है कि सेक्स करके आसानी से वजन कम किया जा सकता है. सेक्स करने से तेजी से कैलोरी बर्न होती है जिससे वजन कम होता है. हम यहां आपको बता रहे हैं कैसे सेक्स मददगार होता है वजन घटाने में.

एक शोध में यह सामने आया है कि अगर पुरुष 25 मिनट तक सेक्स करे तो इससे वह 101 कैलोरी जला सकता है जबकि इतने ही समय तक सेक्स करके महिला 70 कैलोरी बर्न करती है. इस अध्ययन के मुताबिक जवान और स्वस्थ पुरुष औसतन सेक्स के दौरान एक मिनट में 4.2 कैलोरीज बर्न करते हैं, जबकि ट्रेडमिल में 9.2 कैलोरीज बर्न होती हैं. वहीं महिलाएं सेक्स के दौरान एक मिनट में 3.1 कैलोरीज बर्न करती हैं.

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जॉगिंग ही नहीं सेक्स भी जलाती है कैलोरीज

सेक्स करके भी आप अपनी कैलोरी बर्न कर सकते हैं. अपने पार्टनर के साथ एक घंटे तक मस्ती करके आप 70 कैलोरी जलाते हैं. इस एक घंटे में फोरप्ले करके यौन संबंध को मस्ती के साथ और भी रोचक बना सकते हैं. अगर अधिक कैलोरी बर्न करना चाहते हैं तो अपने सेक्स के तरीकों को बदलें.

सेक्स कम करता है चर्बी

नियमित रूप से सेक्स संबंध बनाने से कार्टिसोल का स्तर सामान्य रहता है. कार्टिसोल ऐसा हार्मोन है जो आपकी भूख बढ़ाता है. इस हार्मोन के अधिक स्राव होने के कारण भूख अधिक लगती है. जबकि कार्टिसोल का स्तर कम रहने से शरीर से अतिरिक्त फैट जलता है.

बेहतर सेक्स और खानपान

सेक्स के मामले में अगर आप अपनी इमेज अच्छी रखना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपका पार्टनर आपसे खुश रहे तो अपना खानपान जरूर सुधारें. आपको तले हुए खाने से बचना चाहिए और ऐसा भोजन लेना चाहिए जिससे वसा न बढ़ता हो. इसके अलावा फिटनेस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

सेक्स करता है बीमारियों से बचाव

सेक्स करने से न केवल वजन कम होता है बल्कि कई सामान्य और गंभीर बीमारियों से भी बचाव होता है. सेक्स से हार्ट अटैक की संभावनाएं कम होती हैं और ब्लड प्रेशर भी काबू में रहता है. महिलाओं में मासिक धर्म में परेशानी नहीं होती.

तो अब आप वजन कम करने के लिए बाहर जाने की बजाय अपने पार्टनर को प्यार करें और अपने वजन को काबू में रखें, इससे आपकी सेक्स लाइफ भी खुशहाल रहेगी और आप सेहतमंद भी रहेंगे.

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धुंधली सी इक याद- भाग 3: राज अपनी पत्नी से क्यों दूर रहना चाहता था?

Writer- Rochika Sharma

‘‘वैसे तो मुझे आप से बात कर के सब ठीक ही लगता है फिर भी राज आप अपने हारमोन लैवल की जांच के लिए टैस्ट करवा लें और टैस्ट रिपोर्ट मुझे दिखाएं.’’  राज की हारमोन रिपोर्ट में कोई कमी नहीं थी. वह शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ था. डाक्टर चकित थी कि आखिर ऐसा क्या है कि राज ईशा को इतना चाहता है फिर भी वह वैवाहिक सुख से वंचित है?  डाक्टर ने काफी सोचविचार कर कहा, ‘‘राज व ईशा तुम दोनों सैक्स काउंसलर के पास जाओ. मैं आप को रैफर कर देती हूं.’’  अगले ही दिन राज व ईशा सैक्स काउंसलर के पास पहुंचे. काउंसलर ने उन की समस्या को ध्यान से सुना और समझा. फिर दोनों से उन के रहनसहन और जीवनशैली के बारे में पूछा. राज व ईशा ने उन्हें जवाब में जो बताया उस के हिसाब से तो दोनों के बीच सब ठीक ही चल रहा है. राज को दफ्तर में भी कोई समस्या नहीं थी, बल्कि इन 8 सालों में उसे हाल ही में तीसरी प्रमोशन मिली थी. ‘तो फिर आखिर क्या है, जो चाहते हुए भी राज को सैक्स के समय असफल कर देता है?’ सोच काउंसलर ने राज से अकेले में बात करने की इच्छा जाहिर की. ईशा काउंसलर का इशारा समझ कमरे से बाहर चली गई. अब काउंसलर ने राज से उस की शादी से पहले की जीवनी पूछी. उस से उसे पता चला कि राज गोद लिया बच्चा है. और सब जो राज ने डाक्टर को बताया वह इस तरह था, ‘‘सर मेरे परिवार में मैं, मेरी बड़ी बहन और मेरे मातापिता थे. बहन मुझ से 10 साल बड़ी थी. उस की शादी मात्र 18 वर्ष में पापा के दोस्त के इकलौते बेटे से कर दी गई. मेरे पापा ने अपनी वसीयत का ज्यादा हिस्सा मेरे नाम और कुछ हिस्सा दीदी के नाम किया.

अचानक एक कार ऐक्सिडैंट में मम्मीपापा की मृत्यु हो गई.  उस समय मैं 8 वर्ष का था. दीदी के सिवा मेरा कोई न था. अत: दीदी अब मुझे अपने पास रखने लगी थी. जीजाजी को भी कोई ऐतराज न था. जीजाजी के मातापिता को पैसों का लालच आ गया. फिर धीरेधीरे जीजाजी भी उन की बातों में आ गए. वे रोजरोज दीदी से कहने लगे कि वह वसीयत के कागज उन्हें दे दे. लेकिन दीदी ने नहीं दिए. वे दीदी को रोज मारनेपीटने लगे. दीदी समझ गई थी कि मुझे खतरा है.  ‘‘दीदी की एक सहेली थी. उन की कोई संतान न थी. वे एक बच्चा गोद लेना चाहते थे. दीदी ने उन से बात की और मुझे गोद लेने को कहा. वे झट से राजी हो गए. दीदी ने मुझे गोद देने के कागज तैयार करवा लिए. जीजाजी का व्यवहार दिनोंदिन बिगड़ता जा रहा था. अब वे रोज शराब पी कर दीदी को मारनेपीटने लगे थे. मैं तब दीदी के पास ही रह रहा था.  ‘‘एक रात जीजाजी देर से आए. मैं उस वक्त दीदी के कमरे में था. जीजाजी बहुत ज्यादा शराब पीए थे. जीजाजी ने आते ही अंदर से कमरा बंद कर लिया और मुझे व दीदी को लातघूंसों से बहुत मारा. उस के बाद दीदी को बिस्तर पर पटक दिया और उस के साथ सैक्स किया. मैं उस वक्त 10 वर्ष का था. वह दृश्य बहुत डरावना था.  ‘‘मैं ने अपनी आंखें बंद कर लीं और मुझे वहीं नींद आ गई. सुबह दीदी जिंदा नहीं थी. सिर्फ एक लाश थी. मुझे और तो कुछ खास याद नहीं कि उस के बाद क्या हुआ, हां उस के बाद मेरे वर्तमान मातापिता मुझे अपने घर ले आए. अब जब भी मैं ईशा से करीबियां बढ़ाना चाहता हूं, मेरी आंखों के सामने उस रात की डरावनी धुंधली सी वह याद आ जाती है.

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‘‘मुझे लगता है दीदी की तरह कहीं मैं ईशा को भी न खो दूं. मैं ईशा से कुछ कह भी नहीं पाता हूं. हिम्मत नहीं जुटा पाता हूं. बस इसीलिए अपनेआप ही ईशा से दूर हो जाता हूं. यह सब अपनेआप होता है. मेरा अपने शरीर पर कोई नियंत्रण नहीं रहता और दीदी की लाश वहां दिखाई देती है.’’  राज की सारी बात सुन कर काउंसलर सब समझ गए कि क्यों चाह कर भी राज ईशा के साथ संबंध कायम करने में असफल रहता है. काउंसलर ने राज को घर जाने को कहा और अगले दिन आने को कहा. अगले दिन उन्होंने राज को प्यार से समझाया, ‘‘राज, तुम्हारी दीदी सैक्स के कारण नहीं मरीं, तुम्हारे जीजाजी ने उन्हें लातघूंसों से मारा. इस के कारण उन्हें कुछ अंदरूनी चोटें लगीं और वे उस दर्द को सहन नहीं कर पाईं और मौत हो गई.  ‘‘तुम ने दीदी को पिटते तो कई बार देखा था, लेकिन उस रात तुम ने जो दृश्य देखा वह पहली बार था और सुबह दीदी की लाश देखी तो तुम्हें ऐसा लगा कि दीदी सैक्स के कारण मर गई… आज इतने वर्षों बाद भी वह धुंधली सी याद तुम्हारे वैवाहिक जीवन को असफल कर रही है.’’  काउंसलर ने ईशा से भी इस बारे में बात की. उन्होंने राज के वर्तमान मातापिता को भी राज की स्थिति बताई. जब उन्हें हकीकत मालूम हुई तो उन्होंने राज की दीदी की मृत्यु की पोस्टमार्टम रिपोर्ट राज को दिखाई, जिस में साफ लिखा था कि राज की दीदी की जान दिमाग व पसलियों में चोट लगने से हुई थी और इसीलिए उस के जीजा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

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अब सारी स्थिति राज के सामने थी. ईशा राज को उस पुरानी याद से दूर ले जाना  चाहती थी. अत: उस ने गोवा में होटल बुक किया और राज से वहां चलने का आग्रह किया. राज ने खुशीखुशी हामी भर दी.  ईशा वहां राज को उस की खूबियां बताते हुए कहने लगी, ‘‘राज तुम बहुत नेक और होशियार हो… तुम्हें पा कर मैं धन्य हो गई हूं. मैं तुम्हारी हर हार व जीत में तुम्हारे साथ हूं.’’  ऐसी बातें कर वह राज का मनोबल बढ़ाना चाहती थी. फिर रात के समय जैसे ही राज उस के करीब आ कर उस के बालों को सहलाने लगा, तो वह कहने लगी, ‘‘आगे बढ़ो राज. जब तक तुम मेरे साथ हो मुझे कुछ नहीं होगा, हिम्मत  करो राज.’’

7 दिन बस इसी तरह गुजर गए. अब राज का आत्मविश्वास लौटने लगा था. उस धुंधली सी याद की हकीकत वह समझ चुका था. ईशा ने राज की मम्मी व काउंसलर को खुशी से फोन कर बताया, ‘‘हम सफल हुए.’’  हालांकि राज एक बार तो डर गया था… सैक्स में सफल होने के बाद वह काफी देर  तक ईशा को टकटकी लगाए देखता रहा. फिर कहने लगा, ‘‘दुनिया तो सिर्फ तुम्हारी ऊपरी खूबसूरती देखती है ईशा… तुम्हारा दिल कितना सुंदर है… 8 वर्षों में तुम ने मेरी असफलता को एक राज रखा और हर वक्त मुसकराती रहीं.  आज मैं सफल हूं तो सिर्फ तुम्हारे कारण. तुम  ने इतनी मेहनत की, इतना सहा, विवाहित हो  कर भी 8 वर्षों तक कुंआरी का जीवनयापन करती रहीं और चेहरे पर शिकन भी न आने दी. तुम्हारा दिल कितना सुंदर है ईशा. तुम से सुंदर कोई नहीं.’’

दोनों जब गोवा से लौटे तो उन के चेहरे पर कुछ अलग ही चमक थी. वह चमक थी विश्वास और प्यार की. राज की मां भी बहुत खुश थीं. 3 महीने बाद ईशा ने खुशखबरी दी कि वह मां बनने वाली है.  राज की मां उसे ढेरों आशीर्वाद देते हुए बोलीं, ‘‘मैं दुनिया की सब से खुशहाल सास हूं, जिसे तुम जैसी बहू मिली.’’

नजर 2: फिर डायन बनेंगी भोजपुरी एक्ट्रेस Monalisa, देखें Video

भोजपुरी एक्ट्रेस (Bhojpuri Actress) मोनालिसा (Monalisa) अपनी एक्टिंग और डांस के जरिये दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हो रही हैं. वह फैंस को एंटरटेन करने के लिए अक्सर सोशल मीडिया पर फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती हैं.  अब वह फिर डायन बनकर नजर में जल्द ही दिखाई देने वाली हैं.

स्टार प्लस ने इंस्टाग्राम पर ‘नजर 2’ का एक प्रोमो जारी किया है. इस वीडियो में दिखाया जा रहा है कि मोनालिसा डायन के अवतार में दिखाई दे रही है. वह फ्लाइट में एयर हॉस्टेस को अपने लंबे-लंबे नाखूनों से वार करती नजर आ रही है. ‘नजर’ का यह एपिसोड 10 अक्टुबर को रात 9 बजे आप स्टार प्लस पर देख सकते हैं.

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हाल ही में एक्ट्रेस का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह ‘साड़ी के फॉल सा’ पर ऐसा धमाकेदार डांस कर रही थीं. जी हां. आप यह वीडियो देखकर मोनालिसा के दीवाने हो जाएंगे.

 

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मोनालिसा ने इस  वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा था, ‘साड़ी लव’. मोनालिसा के डांस मूव्स को फैंस काफी पसंद किए. यानी एक्ट्रेस को साड़ी पहनना काफी पसंद है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था.

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बता दें कि मोनालिसा अक्सर अपने पति विक्रांत सिंह राजपूत (Vikrant Singh Rajput) के साथ केशन पर जाती रहती हैं. जहां से वह वेकेशन की फोटोज सोशल मीडिया पर फैंस के साथ शेयर करती हैं.

Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin: हॉस्टल में शिफ्ट होगी सई, विराट से हो जाएगी दूर

नील भट्ट और आयशा सिंह स्टारर सीरियल गुम है किसी के प्यार में अब तक आपने देखा कि सई के एक्सीडेंट के बाद शो की कहानी एक नया मोड़ ले रही है. चौहान परिवार बड़ी मुश्किल का सामना करते नजर आ रहा है. सई की इस हालत का जिम्मेदार विराट को ठहराया जा रहा है. शो के अपकमिंग एपिसोड में बड़ा ट्विस्ट आने वाला है. आइए बताते हैं शो के नए एपिसोड के बारे में.

शो में दिखाया जा रहा है कि सई जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. तो दूसरी तरफ विराट के लिए चीजें संभालना मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि हर कोई उस पर सई की हालत के लिए आरोप लगा रहा है.

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सई ने विराट के कारण घर छोड़ा था. इसलिए सई के एक्सिडेंट का आरोप अनिकेत और सई के दोस्त विराट पर लगा रहे हैं. विराट खुद को दोषी भी मानता है. उसे पछतावा हो रहा है कि उसने सई के साथ ऐसा क्यों किया.

 

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शो में आप ये भी देखेंगे कि सई अपने दोस्तों के साथ हॉस्टल में शिफ्ट होने का फैसला करेगी. वह विराट के साथ जाने से मना कर देगी. तो उघर सई की ब्रैन सर्जरी सफल हो जाएगी लेकिन सई विराट के झगड़े को याद कर कमजोर पड़ जाएगी.

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पुलकित सई को ठीक करने के लिए एक मनोचिकित्सक को लेकर आता है. सई की डॉक्टर चाहती है कि विराट उससे दूर रहे. शो में अब ये देखना होगा कि क्या सई विराट को माफ करेगी या हमेशा के लिए उससे दूर हो जाएगी.

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Anupamaa: ‘अनुज और अनुपमा’ का नाम साथ में देखकर भड़की बा, फाड़ा इनविटेशन कार्ड

टीवी सीरियल अनुपमा (Anupamaa) में इन दिनों महाट्विस्ट दिखाया जा रहा है. शो की कहानी में दिलचस्प मोड़ आ चुका है. शो में अब तक आपने देखा कि अनुज (Anuj Kapadia)  की मदद से अनुपमा राखी दवे के पैसे लौटा देती है. लेकिन वनराज और बा काफी नाराज है. तो दूसरी तरफ रोहन नंदिनी को हासिल करने के लिए समर को जान से मारने की कोशिश करता है. लेकिन नंदिनी समर को बचा लेती है. शो के आने वाले एपिसोड में नया ट्विस्ट एंड टर्न आने वाला है. आइए बताते हैं शो के आगे की कहानी…

शो में दिखाया जा रहा है कि अनुज अनुपमा को अपने घर बुलाता है. अनुपमा के साथ बापू जी भी अनुज के घर जाते हैं.  जब अनुपमा अनुज के घर पहुंचती है तब उसे अनुज बहुत बड़ा सरप्राइज देता है. जिसे देखकर अनुपमा बहुत खुश होती है.

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दरअसल अनुज अनुपमा को एक इनविटेशन कार्ड देता है. यह इनविटेशन कार्ड अनुज के नए प्रोजेक्ट का है. अनुज एक फाइव स्टार होटल का बनवाने वाला है जिसके भूमि पूजन के लिए वह लोगों को इनवाइट कर रहा है. उसने इस इनविटेशन कार्ड में अनुपमा का नाम भी लिखवाया है. तो ऐसे में अनुपमा इनविटेशन कार्ड में अपना नाम देखकर बेहद खुश होती है. अनुपमा इस खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए अनुज के किचन में कुछ मीठा बनाती है.

 

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तो दूसरी तरफ अनुपमा और बापूजी घर आते हैं तब शाह परिवार को बताते हैं. बा इनविटेशन कार्ड पर अनुज के साथ अनुपमा का नाम देखकर भड़क जाती हैं. जब बा को यह भी पता चलता है कि अनुपमा ने अनुज के किचन में मिठाई बनाई है तब तो वह गुस्से में इनविटेशन कार्ड भी फाड़ देती है.

 

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इतना ही नहीं, बा भूमि पूजन में जाने से पूरे घरवाले को मना करती है. अनुपमा बा के इस बात से बहुत दुखी होती है. और वह इनविटेशन कार्ड को फिर से जोड़ती है. शो में अब ये देखना होगा कि अनुपमा बा को मना पाती है या नहीं.

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ममता- भाग 2: क्या माधुरी को सासुमां का प्यार मिला

माधुरी के मातापिता अतिव्यस्त अवश्य थे किंतु अपने संस्कारों तथा रीतिरिवाजों को नहीं छोड़ पाए थे इसलिए विजातीय पल्लव से विवाह की बात सुन कर पहले तो काफी क्रोधित हुए थे और विरोध भी किया था, लेकिन बेटी की दृढ़ता तथा निष्ठा देख कर आखिरकार तैयार हो गए थे तथा उस परिवार से मिलने की इच्छा जाहिर की थी.

दोनों परिवारों की इच्छा एवं सुविधानुसार होटल में मुलाकात का समय निर्धारित किया गया था. बातों का सूत्र भी मम्मीजी ने ही संभाल रखा था. पंकज और पल्लव तो मूकदर्शक ही थे. उन का जो भी निर्णय होता उसी पर उन्हें स्वीकृति की मुहर लगानी थी. यह बात जान कर माधुरी अत्यंत तनाव में थी तथा पल्लव भी मांजी की स्वीकृति का बेसब्री से इंतजार कर रहा था.

बातोंबातों में मां ने झिझक कर कहा था, ‘बहनजी, माधुरी को हम ने लाड़प्यार से पाला है, इस की प्रत्येक इच्छा को पूरा करने का प्रयास किया है. इस के पापा ने तो इसे कभी रसोई में घुसने ही नहीं दिया.’

‘रसोई में तो मैं भी कभी नहीं गई तो यह क्या जाएगी,’ बात को बीच में ही काट कर गर्वभरे स्वर के साथ मम्मीजी ने कहा.

मम्मीजी के इस वाक्य ने अनिश्चितता के बादल हटा दिए थे तथा पल्लव और माधुरी को उस पल एकाएक ऐसा महसूस हुआ कि मानो सारा आकाश उन की मुट्ठियों में समा गया हो. उन के स्वप्न साकार होने को मचलने लगे थे तथा शीघ्र ही शहनाई की धुन ने 2 शरीरों को एक कर दिया था.

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पल्लव के परिवार तथा माधुरी के परिवार के रहनसहन में जमीनआसमान का अंतर था. समानता थी तो सिर्फ इस बात में कि मम्मीजी भी मां की तरह घर को नौकरों के हाथ में छोड़ कर समाजसेवा में व्यस्त रहती थीं. अंतर इतना था कि वहां एक नौकर था तथा यहां 4, मां नौकरी करती थीं तो ससुराल में सास समाजसेवा से जुड़ी थीं.

मम्मीजी नारी मुक्ति आंदोलन जैसी अनेक संस्थाओं से जुड़ी हुई थीं, जहां गरीब और सताई गई स्त्रियों को न्याय और संरक्षण दिया जाता था. उन्होंने शुरू में उसे भी अपने साथ चलने के लिए कहा और उन का मन रखने के लिए वह गई भी, किंतु उसे यह सब कभी अच्छा नहीं लगा था.

उस का विश्वास था कि नारी मुक्ति आंदोलन के नाम पर गरीब महिलाओं को गुमराह किया जा रहा है. एक महिला जिस पर अपने घरपरिवार का दायित्व रहता है, वह अपने घरपरिवार को छोड़ कर दूसरे के घरपरिवार के बारे में चिंतित रहे, यह कहां तक उचित है? कभीकभी तो ऐसी संस्थाएं अपने नाम और शोहरत के लिए भोलीभाली युवतियों को भड़का कर स्थिति को और भी भयावह बना देती हैं.

उसे आज भी याद है कि उस की सहेली नीता का विवाह दिनेश के साथ हुआ था. एक दिन दिनेश अपने मित्रों के कहने पर शराब पी कर आया था तथा नीता के टोकने पर नशे में उस ने नीता को चांटा मार दिया. यद्यपि दूसरे दिन दिनेश ने माफी मांग ली थी तथा फिर से ऐसा न करने का वादा तक कर लिया था, किंतु नीता, जो महिला मुक्ति संस्था की सदस्य थी, ने इस बात को ऐसे पेश किया कि उस की ससुराल की इज्जत तो गई ही, साथ ही तलाक की स्थिति भी आ गई और आज उस का फल उन के मासूम बच्चे भोग रहे हैं.

ऐसा नहीं है कि ये संस्थाएं भलाई का कोई काम ही नहीं करतीं, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि किसी भी प्रतिष्ठान की अच्छाइयां छिप जाती हैं जबकि बुराइयां न चाहते हुए भी उभर कर सामने आ जाती हैं.

वास्तव में स्त्रीपुरुष का संबंध अटूट विश्वास, प्यार और सहयोग पर आधारित होता है. जीवन एक समझौता है. जब 2 अजनबी सामाजिक दायित्वों के निर्वाह हेतु विवाह के बंधन में बंधते हैं तो उन्हें एकदूसरे की अच्छाइयों के साथसाथ बुराइयों को भी आत्मसात करने का प्रयत्न करना चाहिए. प्रेम और सद्भाव से उस की कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए, न कि लड़झगड़ कर अलग हो जाना चाहिए.

मम्मीजी की आएदिन समाचारपत्रों में फोटो छपती. कभी वह किसी समारोह का उद्घाटन कर रही होतीं तो कभी विधवा विवाह पर अपने विचार प्रकट कर रही होतीं, कभी वह अनाथाश्रम जा कर अनाथों को कपड़े बांट रही होतीं तो कभी किसी गरीब को अपने हाथों से खाना खिलाती दिखतीं. वह अत्यंत व्यस्त रहती थीं. वास्तव में वह एक सामाजिक शख्सियत बन चुकी थीं, उन का जीवन घरपरिवार तक सीमित न रह कर दूरदराज तक फैल गया था. वह खुद ऊंची, बहुत ऊंची उठ चुकी थीं, लेकिन घर उपेक्षित रह गया था, जिस का खमियाजा परिवार वालों को भुगतना पड़ा था. घर में कीमती चीजें मौजूद थीं किंतु उन का उपयोग नहीं हो पाता था.

मम्मीजी ने समय गुजारने के लिए उसे किसी क्लब की सदस्यता लेने के लिए कहा था किंतु उस ने अनिच्छा जाहिर कर दी थी. उस के अनुसार घर की 24 घंटे की नौकरी किसी काम से कम तो नहीं है. जहां तक समय गुजारने की बात है उस के लिए घर में ही बहुत से साधन मौजूद थे. उसे पढ़नेलिखने का शौक था, उस के कुछ लेख पत्रिकाओं में प्रकाशित भी हो चुके थे. वह घर में रहते हुए अपनी इन रुचियों को पूरा करना चाहती थी.

यह बात अलग है कि घर के कामों में लगी रहने वाली महिलाओं को शायद वह इज्जत और शोहरत नहीं मिल पाती है जो बाहर काम करने वाली को मिलती है. घरेलू औरतों को हीनता की नजर से देखा जाता है लेकिन माधुरी ने स्वेच्छा से घर के कामों से अपने को जोड़ लिया था. घर के लोग, यहां तक कि पल्लव ने भी यह कह कर विरोध किया था कि नौकरों के रहते क्या उस का काम करना उचित लगेगा.

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तब उस ने कहा था कि ‘अपने घर का काम अपने हाथ से करने में क्या बुराई है, वह कोई निम्न स्तर का काम तो कर नहीं रही है. वह तो घर के लोगों को अपने हाथ का बना खाना खिलाना चाहती है. घर की सजावट में अपनी इच्छानुसार बदलाव लाना चाहती है और इस में भी वह नौकरों की सहायता लेगी, उन्हें गाइड करेगी.

उस की बात सुन कर मम्मीजी ने मुंह बिचका दिया था लेकिन जो घर नौकरों के द्वारा चलने से बेजान हो गया था माधुरी के हाथ लगाने मात्र से सजीव हो उठा था. इस बात को पापाजी और पल्लव के साथ मम्मीजी ने भी महसूस किया था.

पल्लव, जो पहले रात में 10 बजे से पहले घर में कदम नहीं रखता था. वही अब ठीक 5 बजे घर आने लगा. यही हाल उस के पापाजी का भी था. एक बार भावुक हो कर पापा ने कहा भी था, ‘बेटा, तुम ने इस धर्मशाला बन चुके घर को पुन: घर बना दिया. सचमुच जब तक घरवाली का हाथ घर में नहीं लगता तब तक घर सुव्यवस्थित नहीं हो पाता है.’

एक बार पापाजी उस के हाथ के बने पनीर के पकवान की तारीफ कर रहे थे कि मम्मीजी चिढ़ कर बोलीं, ‘भई, मुझे तो बाहर के कामों से ही फुरसत नहीं है. इन बेकार के कामों के लिए समय कहां से निकालूं?’

‘बाहर के लोगों के लिए समय है, किंतु घर वालों के लिए नहीं,’ तीखे स्वर में ससुरजी ने उत्तर दिया था जो सास के जरूरत से अधिक घर से बाहर रहने के कारण अब परेशान हो उठे थे.

अफगानिस्तान-तालिबान: युद्ध के बाद फिर सेक्स गुलाम

हर युद्ध के बाद ज्यादा जुल्म हमेशा महिलाओं को ही झेलने होते हैं. भोगविलास की वस्तु समझते हुए सैनिकों द्वारा उन के जिस्म को रौंदा जाता है. अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद वहां की महिलाओं को भी सैक्स गुलाम बनाने की कोशिश हो रही है…

अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज हो जाने के साथ ही महिलाओं पर अत्याचार की नई कहानी शुरू हो गई है. नाबालिग लड़कियों और युवतियों को सैक्स गुलाम बनाए जाने की आशंका है. महिलाओं को एक बार फिर यौन दासता की ओर धकेला जा सकता है.

हालांकि विभिन्न देश इन हालात पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन अभी हालात ज्यादा साफ नहीं हुए हैं. इस से अफगान में फिर से आदिम युग लौट सकता है.

यह कहानी इसलिए शुरू हुई है कि काबुल पर जीत के बाद तालिबानी लड़ाके जश्न मना रहे हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं. इन में आतंकी महलों और गवर्नर हाउस के भीतर अय्याशी करते हुए नजर आ रहे हैं.

तालिबानी लड़ाकों द्वारा घरघर जा कर लड़कियों और कम उम्र की महिलाओं को सैक्स गुलाम बना कर अपनी हवस का शिकार बनाया गया है. अफगानिस्तान के अलगअलग शहरों से लड़कियों और महिलाओं को अगवा किया गया है.

तालिबानी जिहादी कमांडरों ने अफगानिस्तान के इमामों से अपने इलाकों की 12 से 45 साल की लड़कियों और महिलाओं की सूची मांगी है ताकि उन की शादी अपने समूह के लड़ाकों से कराई जा सके. अगर ये निकाह हुए तो इन महिलाओं को पाकिस्तान के वजीरिस्तान ले जा कर इस्लामी तालीम दी जाएगी और प्रामाणिक इसलाम में परिवर्तित किया जाएगा. तालिबान की वापसी से महिलाएं सब से ज्यादा खौफजदा हैं. पिछले दिनों कुछ प्रांतों पर कब्जे के बाद से ही तालिबानी नेताओं ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया था.

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तालिबान के ताजा आदेश ने अफगानिस्तान की महिलाओं और बेटियों तथा उन के परिवारों में गहरा खौफ पैदा कर दिया है. लोगों की आंखों में 1996 से 2001 का भयावह मंजर तैर रहा है.

तालिबान ने उस समय 5-6 साल के क्रूर शासन में महिलाओं पर तरहतरह के जुल्म किए थे. उन्हें पढ़ाई से दूर रखा गया. बुर्का पहनने पर मजबूर किया गया और बिना पुरुष संरक्षक के घर से बाहर जाने पर पाबंदियां लगा दी गई थीं. उस समय भी हजारों महिलाओं को सैक्स गुलाम बनाया गया था.

अब फिर से तालिबान में शामिल होने के लिए लड़ाके बनने वाले युवाओं को सैक्स सुख की पेशकश की जा रही है. उन्हें शादी करने के लिए महिलाएं मुहैया कराने का प्रलोभन दिया जा रहा है. यह शादी की आड़ में महिलाओं को यौन दासता की ओर धकेलने की एक रणनीति है.

तालिबान के खौफ से खूबसूरत अफगानी लड़कियों को उन के परिवार वाले घरों या दूसरी जगहों पर छिपा रहे हैं, ताकि तालिबानी लड़ाकों की कामुक नजर उन पर न पड़े.

ये लड़कियां अपनी जान और अस्मत की सलामती की दुआ कर रही हैं. मुंह पर मोटी चादरें लपेटे महिलाएं अपना दर्द किसी से कह भी नहीं पा रही हैं.

दुनिया में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. चाहे रूस हो या ब्रिटेन या फिर चीन अथवा पाकिस्तान, हर बार जंग में महिलाओं को ही सब से ज्यादा रौंदा गया. वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों का दिल बहलाने के लिए एक पूरी की पूरी सैक्स इंडस्ट्री खड़ी हो गई थी.

मोम की तरह फिसलती चमड़ी वाली वियतनामी युवतियों के सामने केवल एक ही विकल्प था कि या तो वे अपना खूबसूरत और गदराया जिस्म उन अमेरिकी सैनिकों के हवाले कर दें अन्यथा उन्हें जबरन सैक्स का शिकार बनाया जाएगा.

उस दौरान हजारों कम उम्र की वियतनामी लड़कियों को हार्मोंस के इंजेक्शन लगाए गए थे ताकि उन के उरोज और नितंब उभर सकें तथा उन लड़कियों का भरा हुआ गुदगुदाया जवान बदन अमेरिकी सैनिकों की काम पिपासा शांत कर सके.

उस युद्ध के दौरान सीली गंध वाले वियतनामी बारों में सुबह से ले कर रात तक उकताए हुए अमेरिकी सैनिक आते थे. उन के साथ कोई न कोई वियतनामी महिला होती थी, जिसे उन्होंने अपना सैक्स गुलाम बनाया हुआ था.

बाद में वियतनाम युद्ध खत्म हो गया था. अमेरिकी सेना भी वापस लौट गई थी. लेकिन इस के कुछ ही महीनों के भीतर वियतनाम में 50 हजार से ज्यादा बच्चे जन्म ले कर इस दुनिया में आए.

ये बच्चे उन अमेरिकी सैनिकों की पैदाइश थे. इन बच्चों को बुई-दोय यानी जीवन की गंदगी कहा गया. इन बच्चों की आंसू भरी मोटीमोटी आंखें देख कर उन की वियतनामी मां का कलेजा टूट जाता था. कलेजा इन बच्चों को गले लगाने के लिए नहीं टूटता था, बल्कि उन बलात्कारों को याद कर वे सिहर उठती थीं, जिन की वजह से वे मां बनीं.

सन 1919 से करीब ढाई साल तक चले आयरिश युद्ध की कहानी भी क्रूरता की कहानी दोहराती है. ब्यूरो औफ मिलिट्री हिस्ट्री ने भी माना था कि इस पूरे युद्ध के दौरान महिलाओं से बर्बरता हुई थी.

सैनिकों ने बलात्कार और हत्या से अलग एक नया तरीका निकाला था. वे दुश्मन देश की महिलाओं के सिर के सारे बाल काट देते थे. इन महिलाओं को सिर ढंकने की मनाही थी.

सिर मुंडाए चलती ये महिलाएं गुलामी का इश्तिहार होती थीं. राह चलते उन के शरीर को दबोचा जाता और अश्लील ठहाके लगाए जाते.

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इतिहास में नाजियों की गिनती सब से क्रूर सोच में होती है. हालांकि जरमन महिलाएं भी सुरक्षित नहीं रहीं. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत की सेना ने पूर्वी प्रूशिया पर कब्जा कर लिया. घरों से खींचखींच कर जरमन महिलाएं और बच्चियां बाहर निकाली गईं और दसियों सैनिक एक साथ उन पर टूट पड़े थे. इन का एक ही मकसद था जर्मनी के गुरूर को तोड़ना.

किसी पुरुष के गुरूर को चकनाचूर करने का सब से ताकतवर तरीका है उस की महिला से बलात्कार करना. रेड आर्मी ने यही किया.

सोवियत सेना के एक कैप्टन अलेक्जेंडर सोलजेनिज्न ने एक किताब लिखी थी. गुलाग आर्किपेलगो नामक इस किताब में सोवियत सेना के युवा कैप्टन ने माना था कि जरमन महिलाओं से बलात्कार रूस के लिए जीत का ईनाम था.

युद्ध खत्म होने के बहुत बाद तक भी हजारों जरमन महिलाएं साइबेरिया में कैद रहीं. वहां कैंप में थके हुए रूसी सैनिक आते और नग्न जरमन महिलाओं की परेड कराते.

जो महिला किसी सैनिक को पसंद आ जाती, वह उसे उठा ले जाता और मन भर जाने के बाद वापस उसी कैंप में पटक जाता था.

अपने कट्टरपन के लिए कुख्यात इस्लामिक स्टेट आईएसआईएस के लड़ाके यजीदी महिलाओं के नाम लिख कर एक कटोरदान में डाल देते थे. फिर लौटरी निकाली जाती. जिस भी महिला का नाम जिस लड़ाके के हाथ लगता, उसे वह औरत तोहफे में दे दी जाती थी.

यह उस लड़ाके की इच्छा पर निर्भर करता था कि वह उस औरत से यौन सुख भोगे या उसे बैलगाड़ी में बैल की तरह जोते.

पूर्वी बोस्निया के घने जंगलों के बीचोबीच विलिना व्लास नाम का एक रिसौर्ट है. यहां चीड़ के पत्तों की सरसराहट के बीच प्रेमी जोड़े टहला करते थे. बोस्निया की ट्रेवल गाइड में इसे हेल्थ रिसौर्ट भी कहा जाता था.

नब्बे के दशक में हुए बाल्कन वार ने इस रिसौर्ट का चेहरा बदल दिया. इस रिसौर्ट को रेप कैंप में बदल दिया गया. यहां बोस्निया की औरतों से सर्बियन लड़ाकों ने महीनों तक गैंगरेप किया.

इस दौरान कुछ महिलाएं संक्रमण से मर गईं, तो कुछ ज्यादती से. कुछ महिलाओं ने आत्महत्या कर मौत को गले लगा लिया. संयुक्त राष्ट्र ने 2011 में यह राज खोला था, तब दुनिया को बर्बरता की इस कहानी का पता चला. तब तक बलात्कारी गायब हो चुके थे और मुर्दा औरतें जुल्म की गवाही देने के लिए हाजिर नहीं हो सकीं.

युद्ध कभी भी हुआ हो. चाहे हजारों साल पहले या आज. युद्ध 2 देशों के बीच हो या अंदरूनी. महिलाएं हमेशा से दरिंदगी की शिकार बनती रहीं. उन पर जुल्म ढहाए गए. अब अफगानिस्तान में भी यही हो रहा है.

हिंदुस्तान की बात करें, तो हमारे देश में भी महिलाओं को सैकड़ोंहजारों साल तक गुलामों की तरह जिंदगी जीनी पड़ी थी. पहले जब राजामहाराजाओं और बादशाहों के राज हुआ करते थे, तब वे अपना साम्राज्य और बढ़ाने के लिए युद्ध करते थे.

इन युद्धों में शहरगांव और जमीनों पर कब्जा कर लूटपाट तो की ही जाती थी. साथ ही पराजित राजा या बादशाह के हरम पर कब्जा कर लिया जाता था.

उस जमाने में हरेक राजामहाराजा और बादशाहों के किले महल, गढ़ और दूसरे ठिकानों में हरम हुआ करते थे. इस हरम में रानीमहारानी और बेगमों से इतर सैकड़ों महिलाएं होती थीं.

रानीमहारानी और बेगमों के लिए महल, गढ़ और किले में ऐशोआराम के हर साधन होते थे, लेकिन हरम में रहने वाली महिलाओं को वे सुखसुविधाएं नहीं मिलती थीं.

हरम की इन महिलाओं को वे शासक कभीकभार भोगते थे. कभीकभार शासकों के बड़े ओहदेदार भी हरम की इन महिलाओं को अपनी वासना का शिकार बना लेते थे.

विदेशी आततायियों को भी हिंदुस्तानी महिलाएं खूब पसंद आती थीं. विदेशी आक्रमणकारियों ने जब भी भारत में किसी सूबे पर हमला किया तो कीमती सामान के साथ हरम को भी लूटा था.

भारत में प्राचीन समय में राजामहाराजाओं के बीच महिलाओं को ले कर युद्ध होते रहे हैं. दूसरे राजा की रानियों की खूबसूरती के चर्चे सुन कर कई राजाओं ने युद्ध किए.

अब अफगानिस्तान की महिलाएं तालिबानियों से अपनी जिंदगी और अस्मत बचाने की चिंता में हैं.

अफगानी-पाकिस्तानी एक्ट्रेस मलीशा ने बताए तालिबानियों के जुल्म

अब तालिबान दुनिया के सामने अपनी उदार छवि पेश करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उस की हुकूमत में जिस तरह से महिलाओं पर बंदिशें लगाई जा रही हैं, उस से जाहिर है कि वह बिलकुल नहीं बदला है. तालिबान ने अफगानी-पाकिस्तानी एक्ट्रेस मलीशा हीना खान के खिलाफ फतवा जारी किया है.

मौडल और एक्ट्रेस मलीशा फिलहाल भारत में ही रहती हैं. वह अफगानिस्तान में महिलाओं पर हो रहे हर जुल्म की खबर लगातार ट्विटर पर शेयर करती रहती हैं. इसी बात से नाराज तालिबान ने उन के खिलाफ फतवा जारी किया है.

तालिबान की ओर से फतवा जारी किए जाने से 2 दिन पहले ही मलीशा ने कहा था कि काबुल में तालिबानियों ने आम लोगों को ले जा रही एक गाड़ी पर अंधाधुंध फायरिंग की. ये लोग जंग के मैदान से किसी सुरक्षित जगह पनाह लेने के लिए जा रहे थे.

तालिबानी मशीन गन से फायर कर रहे थे. उन्होंने सि विलियंस की गाड़ी पर ग्रेनेड भी फेंके. कई लोगों ने गाड़ी धीमी कर के यह भी दिखाने की कोशिश की कि उस में महिलाएं और बच्चे बैठे हैं. इस के बावजूद तालिबानी लड़ाकों ने उन पर फायरिंग की.

इस से कार में धमाका हुआ और सभी की मौके पर मौत हो गई. एक ट्विटर पोस्ट में मलीशा ने लिखा था कि 10 दिन के भीतर 300 महिलाओं, लड़कियों और नाबालिगों के साथ रेप किया गया. उन्हें जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया है.

तालिबानी लड़ाके घरघर जा कर महिलाओं और जवान लड़कियों की तलाश कर रहे हैं. इन से जबरदस्ती शादी की जा रही है. कुछ लड़कियों की उम्र तो 14-15 साल ही है. ये शादी तो बस नाम की है. इन के साथ कई मर्द संबंध बनाते हैं. कई बार तो एक वक्त में 10-10 मर्द ऐसा करते हैं.

मलीशा हीना खान काबुल में हुई हिंसा और लड़ाई में अपने परिवार के 4 सदस्यों को खो चुकी हैं. मलीशा पिछले कई सालों से मुंबई में रहती हैं. मलीशा का भाई व बहन सहित परिवार के 5-6 सदस्य अफगानिस्तान में ही छिपे हुए हैं. उन के चाचा, भतीजे और 2 चचेरे भाई लड़ाई में मारे गए.

मलीशा हीना खान 2018 में तब सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने लोकप्रिय पाकिस्तानी गायिका राबी पीरजादा का समर्थन किया, जिन के प्राइवेट न्यूड फोटो और वीडियो लीक हो गए थे.

मेरी सासू मां सोने पर भी पाबंदियां लगाती है, मैं क्या करूं?

सवाल
मैं 25 वर्षीय महिला हूं. हाल ही में शादी हुई है. पति घर की इकलौती संतान हैं और सरकारी बैंक में कार्यरत हैं. घर साधनसंपन्न है. पर सब से बड़ी दिक्कत सासूमां को ले कर है. उन्हें मेरा आधुनिक कपड़े पहनना, टीवी देखना, मोबाइल पर बातें करना और यहां तक कि सोने तक पर पाबंदियां लगाना मुझे बहुत अखरता है. बताएं मैं क्या करूं?

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जवाब
आप घर की इकलौती बहू हैं तो जाहिर है आगे चल कर आप को बड़ी जिम्मेदारियां निभानी होंगी. यह बात आप की सासूमां सम झती होंगी, इसलिए वे चाहती होंगी कि आप जल्दी अपनी जिम्मेदारी सम झ कर घर संभाल लें. बेहतर होगा कि ससुराल में सब को विश्वास में लेने की कोशिश की जाए. सासूमां को मां समान सम झेंगी, इज्जत देंगी तो जल्द ही वे भी आप से घुलमिल जाएंगी और तब वे खुद ही आप को आधुनिक कपड़े पहनने को प्रेरित कर सकती हैं.

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घर का कामकाज निबटा कर टीवी देखने पर सासूमां को भी आपत्ति नहीं होगी. बेहतर यही होगा कि आप सासूमां के साथ अधिक से अधिक रहें, साथ शौपिंग करने जाएं, घर की जिम्मेदारियों को समझें, फिर देखिएगा आप दोनों एकदूसरे की पर्याय बन जाएंगी.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz

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