फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का वैष्णो देवी जाना एक साथ कई प्रश्न खड़े कर देता है. हाल ही में पति राज कुंद्रा पर पोर्नोग्राफी के गंभीर आरोप लगे, वह जेल में हैं.

अब शिल्पा भक्ति में लवलीन हो गई है, सवाल है ऐसा क्यों होता है कि जब भी कोई मनुष्य अपराध के आरोपों से घिर जाता है पुलिस कानून के शिकंजे में फंस जाता है तो उसे और परिजनों को भगवान याद आता है?

या फिर गलत तरीके से कमाए गए पैसों से कहीं कोई मंदिर बनवा देता है. और समझता है कि प्रायश्चित हो गया, मुझे मुक्ति मिल गई?

समाज में यह मानसिकता बेहद घातक है और एक तरफ से अपराध करने की अप्रत्यक्ष रूप से छुट देता है. अर्थात पहले तो आप खुब अपराध करिए जितना हो सके दोनों हाथों से लूटिए और जब पुलिस पकड़ ले या फिर आत्मग्लानि हो तो भगवान की शरण में चले जाओ!

यह मानसिकता जाने कब से चली आ रही है और जाने कब खत्म होगी. आज हमारे इस लेख का विषय यही है कि ऐसी मानसिकता को आपके समक्ष उद्घाटित करते हुए यह प्रयास किया जाए की समाज में चल रही यह मनोवृत्ति खत्म होनी चाहिए. क्योंकि किसी भी दृष्टि से यह उचित नहीं है समाज में इसे प्रश्रय नहीं मिलना चाहिए.यह एक ऐसा घातक मनोविकार है जिसका कोई ओर छोर भी नहीं है. मगर हम यह कह सकते हैं कि इस मनो वृत्ति को जाने कब से समाज और परिवार का एक तरह से समर्थन मिला हुआ है. जिसके कारण यह बढ़ती चली जा रही है. और एक नासूर बन चुकी है जिसका खत्म होना बहुत आवश्यक है.

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शिल्पा शेट्टी का व्यवहार

पुलिस ने शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा पर आरोप लगाया और गिरफ्तार किया तो शिल्पा शेट्टी का व्यवहार देखने लायक था वह एक पत्नी होने के नाते निसंदेह सब कुछ जानती होंगी की सच क्या है और झूठ क्या है. मगर उन्होंने सार्वजनिक रूप से यही कहा कि उनके पति श्रीमान राज कुंद्रा ऐसा कभी नहीं कर सकते उन्हें फंसाया गया है.

लाख टके का सवाल यही है कि राज कुंद्रा जैसे एक शख्स को जो एक सेलिब्रिटी का पति है जिसकी अपनी एक अहमियत है, वजूद है उसे भला कोई कैसे और क्यों फंसा सकता है?

इस मामले में जिस तरीके से बयान आए कई लड़कियों ने खुल कर के राज कुंद्रा की असलियत को बताना शुरू किया तो फिर बाकी बचा क्या रह गया.

और जैसा कि हमेशा होता रहा है अगर कोई हमारा परिजन अपराधिक कृत्य में पाया जाता है तो हम आमतौर पर उसके पक्ष में खड़े रहते हैं, यही काम शिल्पा शेट्टी ने भी किया . मगर इससे समाज में है जिस विकृति को बढ़ावा मिल रहा है वह कैसे खत्म होगी.

धन संपत्ति की लालच में लोग कानून को अपने हाथ में लेकर के किस तरह से फिल्मी दुनिया की आड़ में रुपए बनाने का खेल करते हैं यह कुछ-कुछ राज कुंद्रा मामले में देश देख रहा है.

शिल्पा शेट्टी ने अपना कथित धर्म निभाया है यह कहा जा सकता है. लेकिन समाज का और देश का धर्म क्या है क्या कोई परिजन अपराध करने लगे तो उसका बचाव करना और उसे कानून से बचा कर ले आना ही मानव धर्म है?

निसंदेह यह गलत होगा और गलत है. मगर समाज में जब हमारे आसपास यही हो रहा है जब देश दुनिया के बड़े लोग यही कर रहे हैं तो फिर कानून का राज कहां है. क्या इस तरीके से कानून को मानवता को धत्ता नहीं बताया जा रहा है.

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कोई सांई बाबा, कोई वैष्णो देवी

राज कुंद्रा के खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच ने 1500 पन्नों की चार्जशीट दायर कर दी है. आरोप पत्र में अभीनेत्री शिल्पा शेट्टी के बयान को भी दर्ज किया गया है. ऐसा लग रहा है जब राज कुंद्रा बुरी तरह फंस गए हैं तो मुश्किल हालात में शिल्पा को वैष्णो देवी के दर्शन के‌ लिए पहुंच गई. राज कुंद्रा 19 जुलाई से कथित रूप से पोर्नोग्राफी मामले जेल में बंद हैं.

अक्सर देखा गया है कि जब कोई कानून के फंदे में फंसता है तो बचने के लिए न किसी देवी देवता के शरण में पहुंच जाता है. आम तौर पर हम देखते हैं कि यही कारण होता है कि देश के बहुचर्चित मंदिरों में करोड़ों रूपए का चढ़ावा पहुंचता है मंदिर करोड़ों रुपए के ट्रस्ट बनते जा रहे हैं. और आम गरीब आदमी को दो वक्त का भोजन भी नहीं मिलता. यह एक बहुत बड़ा सच है यह मानसिकता देश, मानवता के लिए अपराध भी है और घातक भी.

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