लॉकडाउन ने खोली एडल्ट फिल्मों की राह: भाग 3

सौजन्य: मनोहर कहानियां

अभिनेत्री गहना वशिष्ठ को पैसों का लालच ही इस गंदे काम की तरफ खींच लाया. छत्तीसगढ़ के चिरमिरी की रहने वाली गहना का असली नाम वंदना तिवारी है.

16 जून, 1988 को जन्मी वंदना तिवारी ने भोपाल से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था. सन 2012 में जब उस ने मिस एशिया बिकनी कांटेस्ट जीता, तब वह लोगों की नजर में आई थी. उस ने इस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सब से ज्यादा अंक हासिल किए थे.

बाद में उस ने मौडलिंग करते हुए करीब 80 विज्ञापनों में अपने जलवे दिखाए. इन में मोंटे कार्लो, फिलिप्स एरेना, शेवरले क्रूज कार, ड्रीम स्टोन ज्वैलरी, पलक साड़ीज आदि मुख्य थे. बाद में वह स्टार प्लस के सीरियल ‘बहनें’ में लीड रोल में नजर आई. क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 के लिए उस ने योगराज सिंह और अतुल वासन के साथ एक न्यूज चैनल पर ऐंकरिंग भी की.

गहना वशिष्ठ ने अपना फिल्मी कैरियर ‘फिल्मी दुनिया’ नामक हिंदी फिल्म से शुरू किया. बौलीवुड फिल्म इंडियन नेवर अगेन निर्भया, दाल में कुछ काला है, लखनवी इश्क, सविता बार्बी, निर्भया, उन्माद और द प्रौमिस में उस ने अभिनय किया.

इस के अलावा गहना ने करीब एक दरजन तेलुगू फिल्मों में भी महत्त्वपूर्ण रोल किए. एक स्पैनिश फिल्म में भी उस ने काम किया. वह साउथ के एक नामी अभिनेता की गर्लफ्रैंड भी रही है.

वह अल्ट बालाजी की वेब सीरीज ‘गंदी बात’, उल्लू ऐप के ‘मी टू’, अमेजन प्राइम के ‘मिरर द बिटर’, प्राइम फ्लिक्स के भाभीजी घर पर हैं आदि के अलावा ओटीटी प्लेटफार्म न्यूफ्लिक्स आदि पर भी नजर आई. उस ने कई म्यूजिक वीडियो में भी काम किया.

तिरंगा लपेट कर फोटो शूट कराने और मैरीकाम के ओलिंपिक मैडल जीतने पर न्यूड फोटो खिंचवाने के कारण गहना वशिष्ठ विवादों में रह चुकी है.

सन 2018 में वह तब भी चर्चा में आई थी, जब उन्होंने बिग बौस की प्रतिभागी अर्शी खान को ले कर दावा किया था कि वे अपनी उम्र कम बताती हैं. गहना ने दावा किया था कि अर्शी ने 50 साल के आदमी से शादी की है और उन के खिलाफ भारत व पाकिस्तान के झंडों के अपमान सहित 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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गहना की कंपनी जीवी स्टूडियो का खेल

गहना वशिष्ठ ने जीवी स्टूडियोज के नाम से अपनी प्रोडक्शन कंपनी बना रखी है. मुंबई पुलिस गहना वशिष्ठ की कंपनी के सामने आए वीडियो को पोर्न बता रही है. वहीं, गहना की कंपनी का कहना है कि जीवी स्टूडियोज की ओर से निर्मित और निर्देशित वीडियो को इरोटिका के रूप में क्लासीफाइड किया जा सकता है.

कंपनी का कहना है कि उन्होंने केवल ऐसी फिल्में बनाई हैं, जो कानूनन बनाई जा सकती हैं. पुलिस ने भारत में हार्ड पोर्न और उन के मेकर्स की बनाई फिल्मों के साथ गहना की इरोटिका फिल्मों को मिक्स कर दिया है जबकि इरोटिका, कामुक या बोल्ड फिल्मों के बीच एक कानूनी अंतर है.

बी और सी ग्रेड बौलीवुड फिल्मों का अभिनेता तनवीर हाशमी अब तक 40 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुका है.

गुजरात के सूरत के रहने वाले 40 वर्षीय तनवीर ने 20 साल के अपने फिल्मी कैरियर में ‘रात की बात’, ‘जख्मी नागिन’, ‘द रीयल ड्रीम गर्ल’, ‘भीगा बदन’, ‘बेस्ट पार्टनर’, ‘परदा’, ‘गरम’, ‘नाइट लवर’, ‘रेडलाइट’, ‘कामवाली’, ‘रिक्शावाली’, ‘कुंआरा पेइंग गेस्ट’, ‘दूधवाली’ और  ‘की क्लब’ जैसी सैक्सी फिल्मों में काम किया है.

तनवीर सूरत के बारदोली इलाके में बंगला किराए पर ले कर पोर्न फिल्में बनाता था. पिछले 20 साल से फिल्मी परदे पर नजर आने के कारण उस की एक खास दर्शक वर्ग में पहचान थी. अपनी इसी पहचान के दम पर वह वेब सीरीज बनाने के बहाने ऐक्टिंग के शौकीन युवकयुवतियों को अपने जाल में फांस कर पोर्न फिल्में बनाता था.

पहले उस ने मुंबई में ही ऐसी कुछ फिल्में बनाई, लेकिन मुंबई में शूटिंग के लिए बंगलों का किराया ज्यादा था. इसलिए वह सूरत और आसपास के इलाकों में कम किराए के बंगले ले कर ऐसी फिल्में बनाने लगा. इस के लिए वह मुंबई से मौडल और युवतियों को सूरत बुलाता था. तनवीर और गहना न्यूफ्लिक्स ओटीटी के लिए भी ऐसी फिल्में बनाते थे. इस के चार लाख से ज्यादा कस्टमर हैं.

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ओरल सैक्स का मामला

तनवीर हाशमी सन 2015 में मुंबई के साकीनाका में हुए ओरल सैक्स कांड से भी जुड़ा हुआ रहा है. उस समय एक मौडल ने आरोप लगाया था कि उस के साथ साकीनाका पुलिस स्टेशन में एक पुलिस इंसपेक्टर ने ओरल सैक्स किया था.

उस समय इस मामले में तनवीर हाशमी सहित एक नामी टीवी सीरियल का प्रोड्यूसर भी पकड़ा गया था. तनवीर उस समय साकीनाका पुलिस स्टेशन के कुछ अधिकारियों का खबरी हुआ करता था. उस समय तनवीर के क्रेडिट कार्ड से ही अंधेरी के एक पांच सितारा होटल में कमरा बुक कराया गया था.

होटल के इसी कमरे में पीडि़त मौडल को 2 लाख रुपए के साइनिंग अमाउंट के लिए बुलाया गया था. ऐन वक्त पर मौडल ने उस कमरे में जाने से इनकार कर दिया और अपने बौयफ्रैंड को फोन कर दिया.

आरोप लगा कि मौडल को उस का बौयफ्रैंड जब होटल से बाइक पर ले जा रहा था, तो साकीनाका थाना पुलिस ने उन दोनों को अगवा कर लिया. बाद में एक पुलिस इंसपेक्टर ने एक पुलिस चौकी में मौडल को ले जा कर ओरल सैक्स किया था. इस मामले में आरोपी पुलिस वालों की भी गिरफ्तारी हुई थी.

पोर्न फिल्मों का मामला नया नहीं है. मुंबई पुलिस ने कुछ दिन पहले संदीप इंगले नामक एक कास्टिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया था. वह खुद को फिल्म प्रोड्यूसर भी बताता था और प्रेम के नाम से सैक्स रैकेट भी चलाता था. उस ने सैक्स रैकेट चलाने के लिए कई वेबसाइट बनाई थीं. इन वेबसाइटों को सर्च करने पर लोग आरोपियों से संपर्क करते थे. इस मामले में मुंबई के पांच सितारा होटल से 8 युवतियां मुक्त कराई गई थीं. इन में कुछ युवतियां नामी मौडल थीं.

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी पिछले साल जुलाई में पोर्न फिल्में बनाने का मामला सामने आया था. इंदौर पुलिस ने मौडल युवतियों की शिकायत पर मिलिंद डावर, अंकित सिंह चावड़ा, रैकेट के सरगना ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर, गजेंद्र उर्फ गज्जू उर्फ गोवर्धन चंद्रावत आदि को गिरफ्तार किया था. ये लोग भी बंगलों और फार्महाउसों में पोर्न फिल्में बनाते और युवतियों का देह शोषण करते थे.

मुंबई पोर्न फिल्म मामले में गिरफ्तार अभिनेत्री गहना वशिष्ठ के मकान और प्रोडक्शन हाउस की तलाशी में 3 मोबाइल फोन, 2 लैपटौप, 2 हार्ड डिस्क, 5 मैमोरी कार्ड, एक एडाप्टर, एक पेनड्राइव, प्रोडक्शन हाउस की रबर स्टैंप और एक कंपनी व कुछ कलाकारों के साथ एग्रीमेंट से जुड़े 10 करार पत्र सहित कई दस्तावेज मिले हैं. गहना के एक बैंक खाते में एक आरोपी की ओर से रकम भेजे जाने के सबूत भी मिले हैं.

पुलिस की ओर से इस मामले में गिरफ्तार और फरार आरोपियों के 2019 के बाद के बैंक खातों के लेनदेन के अलावा ईमेल, मोबाइल काल, वाट्सऐप चैट आदि की पड़ताल की जा रही है.

गहना वशिष्ठ के कारोबारी पति सहित कई मौडल भी पुलिस जांच के दायरे में हैं. इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां होने के साथ बौलीवुड के चौंकाने वाले नए खुलासे होने की संभावना है.

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पाउंड में आता था पैसा

इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को अदालत ने जेल भेज दिया. इस के बाद मालवणी थाना पुलिस ने गहना और दूसरे आरोपियों को कस्टडी में लेने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया. मालवणी थाने में दो मौडलों ने रेप का केस भी दर्ज कराया है. क्राइम ब्रांच ने अभिनेत्री गहना के तीन अकाउंट फ्रीज कर दिए.

अभिनेत्री गहना के वकील अजय उमापति दुबे ने कोर्ट में अर्जी दे कर कहा है कि इन बैंक खातों में ओटीटी एप्स हौट शौट और न्यू फ्लीक्स के सब्सक्रिप्शन से जो रकम ट्रांसफर हुई है उसे भले ही फ्रीज रखा जाए, लेकिन बाकी रकम अभिनेत्री गहना को निकालने की अनुमति दे दी जाए. पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि अभिनेत्री गहना के एक बैंक खाते में ब्रिटेन से पाउंड में रकम ट्रांसफर होती थी.

2 अन्य एक्ट्रेस द्वारा अश्लील ओटीटी एप्स बनाने का भी पुलिस को पता चला है. पूरा मामला उजागर होने के बाद यह एप् अब बंद कर दिए गए हैं.

लॉकडाउन ने खोली एडल्ट फिल्मों की राह: भाग 2

सौजन्य: मनोहर कहानियां

गहना वशिष्ठ की प्रोडक्शन कंपनी की ओर से ये वीडियो उमेश कामत को वी ट्रांसफर के जरिए भेजे जाते थे. उमेश उस लिंक को लंदन भेजता था. वहां से इन फिल्मों के वीडियो ओटीटी प्लेटफार्म पर अपलोड होते थे. वी ट्रांसफर दुनियाभर में ई फाइल भेजने का सब से सरल तरीका है. इस के जरिए 2 जीबी तक की बड़ी फाइलें भी मुफ्त में भेजी या मंगाई जा सकती हैं.

पुलिस जांच में सामने आया कि उमेश कामत इस काम का कोआर्डिनेटर है और उस के जरिए ही पेमेंट मिलता था. क्राइम ब्रांच को करीब 3 दरजन ऐसी फिल्मों के सबूत मिले, जो उमेश के जरिए लंदन भेजी गईं और वहां से अपलोड की गईं.

उमेश कामत बौलीवुड की एक टौप अभिनेत्री के पति की कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर है. अभिनेत्री का पति इस कंपनी में चेयरमैन और नान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर है.

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जरूरी सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने इस मामले में 8 फरवरी को उमेश कामत को भी गिरफ्तार कर लिया. उमेश और दूसरे आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि प्रत्येक ऐसे वीडियो के एवज में विदेशी अपलोडर्स से उन्हें 2 से ढाई लाख रुपए मिलते थे. इन में से करीब एक लाख रुपए कलाकारों, कैमरामैन और फिल्म एडिटर आदि को दिए जाते थे और बाकी एक से डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा होता था.

विवादों की रानी गहना

गहना वशिष्ठ से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि ऐसी फिल्मों के लिए उस ने ओटीटी के दरजनों ऐप बनाए थे. पुलिस ने जांच की, तो इन में से एक ऐप पर ही उस के 67 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर निकले. कोरोना काल में उस ने 85 से ज्यादा ऐसी फिल्में ओटीटी प्लेटफौर्म पर चलाई थीं. फरवरी में ही उस का 5-6 ऐसी फिल्में रिलीज करने का विचार था.

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पुलिस जांच में सामने आया कि फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने हौटहिट मूवीज नाम का एक ऐप भी बना रखा है. इस पर वे अपनी पोर्न फिल्म को अपलोड करते थे. इस ऐप के लिए बाकायदा 2 हजार रुपए तक सब्सक्रिप्शन फीस ली जाती थी.

8 फरवरी की रात पुलिस ने इस मामले में एक फोटोग्राफर श्याम बनर्जी उर्फ दिवांकर खासनवीस को गिरफ्तार किया. पोर्न फिल्म केस में यह 8वीं गिरफ्तारी थी. पुलिस का कहना है कि हौटहिट ऐप का संचालन 5 फरवरी को ग्रीन पार्क बंगला से गिरफ्तार महिला फोटोग्राफर यास्मीन खान और बाद में पकड़ा गया उस का पति फोटोग्राफर श्याम बनर्जी मिल कर करते थे.

पुलिस की जांचपड़ताल में पोर्न फिल्म रैकेट के तार मुंबई से गुजरात के सूरत तक पहुंच गए. बाद में 10 फरवरी को पुलिस ने इस मामले में बी और सी ग्रेड बौलीवुड फिल्मों के अभिनेता तनवीर हाशमी को सूरत से गिरफ्तार किया.

पोर्न फिल्मों के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में जो कहानी उभर कर सामने आई. वह पैसे कमाने की अंधी दौड़ में युवा पीढ़ी को पतन के रास्ते पर ले जाने की कहानी है.

कोरोना काल में जब मार्च 2020 के चौथे सप्ताह में पूरे देश में लौकडाउन हो गया, तब देश की दोतिहाई आबादी अपने घरों में कैद हो कर रह गई.

इस दौरान लोगों के पास मनोरंजन के नाम पर केवल मोबाइल रह गए. मोबाइल पर इस दौरान पोर्न फिल्में देखने वालों की तादाद बढ़ गई. इस का फायदा उठा कर मुंबई के कुछ सी ग्रेड फिल्मकारों ने पोर्न फिल्में बनाने की  योजना बनाई.

मई 2020 में जैसे ही अनलौक का पहला चरण शुरू हुआ, तो इन लोगों ने अपनी योजना को क्रियान्वित करने के लिए देसी पोर्न फिल्में बनाने का काम शुरू कर दिया. इन में अभिनेत्री गहना वशिष्ठ, अभिनेता तनवीर हाशमी और फोटोग्राफर यास्मीन खान आदि ने मुंबई में मलाड इलाके में मड आइलैंड के बंगलों को किराए पर लिया.

उस समय फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग बंद थी, तब इन बंद बंगलों में ऐसी फिल्मों की शूटिंग होने लगी. उस समय पुलिस और प्रशासन कोरोना से बचाव की जद्दोजहद में जुटा हुआ था. इसलिए पुलिस को इस सब की जानकारी नहीं मिली.

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गहना वशिष्ठ पर 85 से ज्यादा पोर्न फिल्में पोर्न वेबसाइट या ऐप्स पर अपलोड करने का आरोप है. इन में कुछ नामी मौडल्स को भी शूट किया गया था. मौडल्स और खूबसूरत चेहरेमोहरे वाली युवतियों को शौर्ट फिल्मों के लिए बुला कर एग्रीमेंट किया जाता था.

एग्रीमेंट कुछ सचाई कुछ

कुछ मिनट की शूटिंग के बाद एक्टर्स को पोर्न सीन करने के लिए मजबूर किया जाता था. ऐसे सीन नहीं करने पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजने की धमकी दी जाती थी. इस का कारण यह था कि 30-40 हजार रुपए मेहनताना का एग्रीमेंट करने वाली मौडल और युवतियां उस एग्रीमेंट को पढ़ती नहीं थी. उन से केवल एकदो दिन की शूटिंग होने के नाम पर जल्दी में दस्तख्त करा लिए जाते थे.

पेशे से फोटोग्राफर यास्मीन उर्फ रोवा खान ने भी 50 से ज्यादा पोर्न फिल्में बनाई हैं. ऐसी फिल्मों की शूटिंग आमतौर पर एक ही दिन में पूरी कर ली जाती थी. एडिटिंग में 2 से 3 दिन का समय लगता था.

इस तरह करीब 20 से 30 मिनट की फिल्म तैयार हो जाती थी. इस के बाद ऐसी फिल्मों को विदेश के आईपी एड्रेस और सर्वर के जरिए ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज कर दिया जाता था.

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पोर्न फिल्मों के इस मामले में कथा लिखे जाने तक पुलिस में 4 केस दर्ज हुए थे. इन में 2 युवतियों ने मालवणी पुलिस थाने में केस दर्ज कराया. एक ने वसई के अर्नाला पुलिस स्टेशन में शिकायत दी. यह शिकायत लोनावाला पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर की गई है. एक केस महाराष्ट्र साइबर सेल में दर्ज हुआ है.

इन में एक मौडल ने शिकायत में कहा कि गहना के प्रोडक्शन हाउस की ओर से शूट किए वीडियो में उसे न्यूड पोज देने के लिए फोर्स किया गया. एक मौडल ने गहना के खिलाफ 3 पुरुषों के साथ सैक्स करने को मजबूर करने का आरोप लगाया है. झारखंड की एक युवती ने मालवणी पुलिस थाने में दी शिकायत में पोर्न फिल्म न करने पर 10 लाख रुपए का हर्जाना देने की धमकी देने का आरोप लगाया है.

अगले भाग में पढ़ें- ओरल सैक्स का मामला

लॉकडाउन ने खोली एडल्ट फिल्मों की राह: भाग 1

सौजन्य: मनोहर कहानियां

बौलीवुड हो या साउथ की फिल्म इंडस्ट्री, फिल्मों में जाने के लिए तमाम युवक युवतियां प्रयास करते हैं. जो असफल रहते हैं, उन में से कई अभिनय के नाम पर पोर्न फिल्म बनाने वालों के चंगुल में फंस जाते हैं. फिल्म इंडस्ट्री की आड़ में पोर्न फिल्में अब भी बन रही हैं. यह भांडा तब फूटा जब…

कोरोना काल में मुसीबतों में फंसा रहा भारतीय फिल्म उद्योग अभी तक नहीं उभर पाया है. कुछ समय पहले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल का खुलासा होने के बाद बौलीवुड हिल गया था. नामी अभिनेत्रियों सहित सहित कई दूसरे लोगों की गिरफ्तारी से बौलीवुड में नशीले पदार्थों का काला कारोबार छाया रहा.

इसी दौरान सैंडलवुड कहे जाने वाले कन्नड़ फिल्म उद्योग में भी ड्रग्स का जाल फैला होने का मामला सामने आया. कन्नड़ फिल्म उद्योग में ड्रग्स के मामले में कई नामी अभिनेत्रियों सहित दूसरे लोगों की गिरफ्तारियां हुईं.

फिल्म उद्योग में ड्रग्स के मामले अभी ठंडे भी नहीं पड़े थे कि अब बौलीवुड में पोर्न फिल्मों का मामला सामने आ गया है. पोर्न फिल्मों के मामले ने फिल्म उद्योग में फैले काले धंधों को उजागर करने के साथ वेब सीरीज के नाम पर ऐक्टिंग के लिए संघर्षरत युवाओं के शोषण की भी पोल खोल दी है.

इसी साल 4 फरवरी की बात है. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के प्रौपर्टी सेल के प्रभारी सीनियर इंसपेक्टर केदारी पवार को पोर्न फिल्में बनाने के बारे में सूचनाएं मिलीं, तो वह चौंके. उन्होंने कोई भी काररवाई करने से पहले अपने उच्चाधिकारियों सहायक पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे, अपर पुलिस आयुक्त विरेश प्रभु और पुलिस उपायुक्त शशांक सांडभोर को इस बारे में बताना मुनासिब समझा.

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सीनियर इंसपेक्टर केदारी पवार ने इंसपेक्टर धीरज कोली, एपीआई लक्ष्मीकांत सांलुखे, सुनील माने, अमित भोसले, योगेश खानुरे, महिला अधिकारी अर्चना पाटील और सोनाली भारते आदि के अलावा मातहत पुलिस वालों की टीम बनाई.

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इस पुलिस टीम ने 4 फरवरी की आधी रात मुंबई के मालवणी इलाके में मड आइलैंड स्थित ओल्ड फेरी मार्ग पर बने ग्रीन पार्क बंगले पर छापा मारा. पुलिस अधिकारी अपने वाहनों को बंगले से कुछ दूर खड़ा कर जब पैदल ही बंगले के बाहर पहुंचे, तो वहां न तो कोई सुरक्षा के इंतजाम नजर आए और न ही कोई चहलपहल दिखी. बंगले के कुछ कमरों में रोशनी जरूर थी. कुछ आवाजें भी आ रही थीं.

पुलिस अधिकारी बंगले के एक कमरे में पहुंचे, तो वहां का दृश्य देख कर सन्न रह गए. कमरे में कुल 5 लोग थे. 2 महिला और 3 पुरुष. बिस्तर पर एक महिला और एक पुरुष अर्धनग्न अवस्था में अश्लील हरकतें कर रहे थे. एक महिला उन का वीडियो बना रही थी. मौके के हालात देख कर साफ था कि वहां पोर्न फिल्म की शूटिंग हो रही थी.

पुलिस ने मौके से दोनों महिलाओं और तीनों पुरुषों को हिरासत में लिया. इन महिलाओं में 40 साल की फोटोग्राफर यास्मीन खान और 33 साल की ग्राफिक डिजाइनर प्रतिभा नलावडे थी. पकड़े गए पुरुषों में भानु ठाकुर और मोहम्मद नासिर ऐसी फिल्मों में ऐक्टिंग करते थे. वहीं मोनू जोशी कैमरामैन और लाइटमैन का काम करता था.

मौके से पुलिस ने 6 मोबाइल हैंडसेट, एक लैपटौप, कैनन कंपनी का कैमरा, 2 मैमोरी कार्ड, कैमरे का लैंस, एलईडी हैलोजन, स्पौट लाइट स्टैंड, ट्रायपोड स्टैंड सहित करीब 5 लाख 68 हजार रुपए का सामान जब्त किया. इन के अलावा शूटिंग के लिए लिखे गए डायलौग्स और स्क्रिप्ट सहित कुछ इकरारनामे भी बरामद किए.

कई केस हुए दर्ज

पूछताछ के लिए पांचों लोगों को पुलिस मालवणी पुलिस थाने ले आई. एपीआई लक्ष्मीकांत सांलुखे ने इस मामले में पुलिस थाने में केस दर्ज कराया. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 293, 420 और 34 के अलावा स्त्री असभ्य प्रतिरूपण प्रतिषेध अधिनियम की विभिन्न धाराओं आदि में 5 फरवरी को मुकदमा दर्ज कर पांचों लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने पांचों लोगों से पूछताछ की, तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं. पता चला कि मुंबई में पोर्न फिल्में बनाने वाला रैकेट चल रहा है. इस में कुछ नामी अभिनेता और अभिनेत्री भी शामिल हैं. ये अभिनेता, अभिनेत्री बी और सी ग्रेड की बौलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं.

ऐसी फिल्म प्रोडक्शन कंपनियां ऐक्टिंग के लिए स्ट्रगल कर रही युवतियों को हीरोइन बनाने का ख्वाब दिखातीं और उन से शौर्ट फिल्म में काम करने का एग्रीमेंट करती थीं. एग्रीमेंट के बाद शूटिंग के दौरान ये लोग न्यूड सीन देने का दबाव डालते थे. मना करने पर एग्रीमेंट के आधार पर केस करने की धमकी देते थे. पांचों लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पोर्न फिल्में बनाने और उन्हें ओटीटी प्लेटफार्म पर अपलोड करने के मामले में अभिनेत्री गहना वशिष्ठ को भी 6 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया.

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गहना वशिष्ठ की गिरफ्तारी से बौलीवुड भी सकते में आ गया. पुलिस का कहना था कि गहना वशिष्ठ के प्रोडक्शन हाउस में पोर्न फिल्मों की शूटिंग होती थी. गहना वशिष्ठ की गिरफ्तारी पर उस की लीगल टीम ने एक बयान में कहा कि वह निर्दोष हैं. बोल्ड फिल्मों और हार्डकोर पोर्न फिल्मों में अंतर होता है. मुंबई पुलिस ने इन दोनों को एक समझ लिया. हमें उम्मीद है कि अदालत दोनों फिल्मों में अंतर समझ कर गहना को न्याय देगी.

गहना वशिष्ठ, यास्मीन खान, प्रतिभा नलावडे और बाकी तीनों गिरफ्तार पुरुष आरोपियों मोनू जोशी, भानु ठाकुर व मोहम्मद नासिर से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पोर्न फिल्मों से कमाई गई 36 लाख 60 हजार रुपए की रकम भी बरामद की.

इन सभी से पूछताछ में पता चला कि पोर्न फिल्मों की शूटिंग भारत में मुंबई और दूसरी जगहों पर होती थी, लेकिन कानून की गिरफ्त से बचने के लिए इन फिल्मों के वीडियो विदेश के आईपी एड्रेस और सर्वर से अपलोड किए जाते थे.

अगले भाग में पढ़ें- एग्रीमेंट कुछ सचाई कुछ

एक्टिंग के लिए फिट रहना जरूरी: दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में हीरो दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ एक अलग ही मिजाज के कलाकार माने जाते हैं. वे भोजपुरी सिनेमा में सब से टौप के ऐक्टरों में शुमार हैं.

भोजपुरी बैल्ट के अलावा उन के हिंदी बैल्ट में भी करोड़ों फैन हैं, फिर भी वे आज तक स्टारडम का शिकार नहीं हुए हैं. यही वजह है कि वे आम और खास सभी लोगों से बेहद ही निराले और सम्मानजनक ढंग से पेश आने वाले कलाकारों में गिने जाते हैं.

दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे चेहरों में शुमार हैं, जो सब से चर्चित टैलीविजन शो ‘बिग बौस’ के सीजन 6 में दिख चुके हैं. इस के अलावा वे टैलीविजन के ही ‘द कपिल शर्मा शो’ में भी मेहमान के तौर पर दर्शकों से रूबरू हो चुके हैं.

भोजपुरी गायन से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ भोजपुरी के सैकड़ों हिट गीतों के साथसाथ बहुत सी यादगार फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके हैं.

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‘सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड’ में सुपर स्टार दिनेशलाल यादव ‘निरहुआ’ को न्योता देने के सिलसिले में उन से मुलाकात हुई, जिस में उन के फिल्मी सफर पर काफी लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी के खास अंश :

एक छोटे से गांव का एक छोरा भोजपुरी सिनेमा में आने के बाद दुनियाभर में ‘निरहुआ’ के नाम से मशहूर हो गया. यह सफर आप ने कैसे तय किया और किनकिन मुश्किलों का सामना करना पड़ा?

मैं उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं और बचपन से ही मेरा रुझान गायन की तरफ रहा है. मेरी जिंदगी का एक अहम मोड़ उस समय आया, जब मेरा एक अलबम ‘निरहुआ सटल रहे’ बाजार में आया. इस के बाद तो भोजपुरी इंडस्ट्री में ‘निरहुआ’ के नाम से मेरी हर गली और नुक्कड़ पर चर्चा होने लगी.

मेरे इस गाने को लोगों ने इतना पसंद किया कि उन की जबान पर बस एक ही नाम याद था ‘निरहुआ’, इसलिए लोग मुझे दिनेशलाल यादव के नाम से कम, बल्कि ‘निरहुआ’ के नाम से ज्यादा जानते हैं.

जहां तक मेरे फेमस होने का सवाल है, तो मेरे इस गाने के बाद कई अलबम आए और वे भी काफी हिट हुए. इस के बाद भोजपुरी सिनेमा से मेरे पास ऐक्टिंग के लिए औफर आने लगे. मैं ने भोजपुरी की सैकड़ों फिल्मों में काम किया, जहां मेरे प्रशंसकों ने मेरे काम को सराहा.

‘निरहुआ’ टाइटल से जुड़ी आप की कई फिल्में रिलीज हुई हैं, जो सुपरडुपर हिट रही हैं. इस के पीछे क्या वजह रही है?

जी, आप ने सही कहा. मैं ने अपने प्रशंसकों के दिए उपनाम ‘निरहुआ’ के साथ कई फिल्मों में काम किया और मेरे लिए खुशी की बात यह है कि ये सभी फिल्में सुपरडुपर हिट रहीं.

‘निरहुआ’ के नाम से बनी मेरी पहली फिल्म ‘निरहुआ रिकशावाला’ इतनी हिट हुई कि दर्शक इस नाम के प्रशंसक हो गए. इस फिल्म की कहानी बेहद ही उम्दा थी, जिस में दर्शकों ने मेरी अदाकारी को काफी सराहा.

इस के बाद ‘निरहुआ हिंदुस्तानी’, ‘निरहुआ हिंदुस्तानी 2’, निरहुआ हिंदुस्तानी 3’ फिल्में भी आईं, जो बेहद हिट रहीं.

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आप की हाल ही में आई शौर्ट फिल्म ‘भारत’ काफी चर्चा में रही है. यह किस तरह की फिल्म है?

इस फिल्म में आपसी भाईचारे और देशप्रेम को दिखाने की कोशिश की गई है.

भोजपुरी में ‘मुकद्दर का सिकंदर’ जैसी बायोपिक फिल्म बना कर आप ने साबित कर दिया है कि भोजपुरी में भी अच्छे विषयों पर फिल्में बनाई जा सकती हैं. आप को इस का विचार कैसे आया?

देखिए, भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री अब वह इंडस्ट्री नहीं रही है, जहां अच्छी कहानियों की कमी रहती थी. यह आप ने फिल्म ‘मुकद्दर का सिकंदर’ को देख कर अंदाजा लगा ही लिया होगा.

यह फिल्म लौकडाउन के ठीक पहले रिलीज हुई थी, जो कोरोना काल के चलते पूरे समय सिनेमाघरों में नहीं  चल पाई थी, फिर भी इस फिल्म ने कामयाबी का परचम लहराने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

यह फिल्म चंपारण के एक आदमी की सच्ची कहानी पर बनी है.

एक ऐक्टर का शैड्यूल इतना ज्यादा बिजी होता है कि शूटिंग के चलते दिनरात का खयाल भी नहीं रह पाता है. इस के बावजूद भी आप बहुत फिट हैं. इस फिटनैस का राज क्या है?

मैं ऐक्टिंग के दौरान खुद को चुस्तदुरुस्त रखने के लिए पूरा साजोसामान साथ रखता हूं. अगर मुझे आधा घंटे का समय भी मिल जाता है, तो मैं अपनी वैनिटी वैन में भी सारी ऐक्सरसाइज कर लेता हूं.

मेरा मानना है कि ऐक्टिंग के लिए फिट रहना जरूरी है और फिट रहने के लिए कसरत करना जरूरी है.

बौलीवुड की ‘पैडमैन’ और ‘टौयलेट एक प्रेमकथा’ जैसी समाज को संदेश देने वाली फिल्में भोजपुरी में क्यों नहीं बन पा रही हैं?

भोजपुरी में इस तरह की फिल्में बननी शुरू हो चुकी हैं. मैं ने अभी हाल ही में एक फिल्म साइन की है, जिस का नाम ‘माई’ है. यह पूरी तरह से संदेश देने वाली फिल्म है.

इस के अलावा मेरे होम प्रोडक्शन में एक फिल्म बन रही है, जिस का नाम ‘इज्जतघर’ है. यह फिल्म भी समाज को दिशा देने वाली होगी.

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भोजपुरी में वैब सीरीज को ले कर कितनी संभावनाएं हैं?

भोजपुरी में वैब सीरीज को ले कर बहुत संभावनाएं हैं. मैं ने हाल ही में एक वैब सीरीज फिल्म में काम किया है, जिस का नाम ‘हीरो वरदी वाला’ है. इसे लोगों ने इतना ज्यादा पसंद किया है कि इस के अगले सीजन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है.

आप ने ‘सरस सलिल’ पत्रिका को कब पढ़ना शुरू किया?

मैं ‘सरस सलिल’ पत्रिका को बचपन से ही पढ़ता था. चाहे बसस्टैंड हो या रेलवे स्टेशन, यह हर जगह मिल जाया करती थी, इसलिए इस के किसी भी अंक को मैं मिस नहीं करता था.

कहानियों की वजह से मुझे ‘सरस सलिल’ पढ़ने का चसका सा लग गया था. अब फिल्मों में बिजी रहने के चलते उतना पढ़ना नहीं हो पाता है, लेकिन जब भी ‘सरस सलिल’ में छपने वाले विषयों को याद करता हूं, तो मैं मुसकराए बिना नहीं रहता.

Salman Khan की एक्स गर्लफ्रेंड Somi Ali ने किया बड़ा खुलासा, बोली ‘पहली बार 5 साल की उम्र में मेरा रेप हुआ’

बॉलीवुड में ऐसी कई एक्ट्रेस हैं, जो यौन शोषण का शिकार हो चुकी हैं. और आए दिन इस मुद्दे पर वो खुलकर  बात कर रही हैं. अब इस लिस्ट में सलमान खान की एक्स गर्लफ्रेंड सोमी अली का भी नाम जुड़ चुका है.

सोमी अली (Somi Ali)  ने खुद इस बात का खुलासा किया है कि 5 साल की उम्र में उनके साथ रेप हुआ. उन्होंने इस घटना के बारे में खुद बताया.

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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सोमी अली (Somi Ali) ने बताया कि  पहली बार 5 साल की उम्र में मेरा यौन शोषण हुआ था. ये बात मैंने खुद अपने पेरेंट्स को बताई थी. लेकिन उन्होंने मुझे चुप रहने को कहा.

कई सालों तक ये बात मैं किसी से नहीं कही. पाकिस्तान और भारत जैसे देशों में लड़कियों की छवि साफ रहना बहुत जरूरी है. ये बात समझने में मुझे काफी समय लगा. मेरा यौन शोषण यहां बंद नहीं हुआ.

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खबरों के अनुसार, उन्होंने आगे  सलमान खान और अपने रिश्ते को लेकर कहा, जब मैंने 16 साल की उम्र में फिल्म मैंने प्यार किया देखी थी. ये फिल्म देखकर मैंने फैसला किया था कि मैं सलमान खान के साथ ही शादी करूंगी. मैंने अपनी मां से भारत आने की जिद करनी शुरू कर दी. मुझे सपने आने लगे कि मेरी और सलमान खान की शादी हो गई है. ताजमहल देखने के बहाने से मैं भारत आ गई.

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छोटे पर्दे की मशहूर एक्ट्रेस देवोलीना भट्टाचार्जी इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है. वह आए दिन फैंस के साथ अपनी फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती है. तभी तो फैंस को उनके पोस्ट का बेसब्री से इंतजार रहता है. लेकिन कुछ फैंस उनको पसंद नहीं करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल कर रहे हैं.

जी हां, बिग बॉस के घर से बाहर आने के बाद वह अपने हेटर्स की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है. हाल ही में देवोलीना भट्टाचार्जी को सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रोल किया जा रहा था। देवोलीना भट्टाचार्जी की ट्रोलिंग की वजह से कई हैशटैग सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे. जिसके बाद इंस्टाग्राम ने इन हैशटैग के खिलाफ एक्शन लिया.

तो वहीं देवोलीना भट्टाचार्जी ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को जवाब देते हुए लिखा है, ‘आप सब लोग शांत रहिए, जब दुश्मन बढ़ते हैं तो समझ जाना चाहिए कि आपकी तरक्की हो रही है. जलने वाले तो जलते ही रहेंगे और हम लोग ऐसे ही आगे बढ़ते रहेंगे. मैं ऐसे जलने वाले लोगों को बरनॉल देना चाहती हूं.

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उन्होंने एक यूजर से बात करते हुए लिखा, आप चिंता मत करिए. इस जन्म में तो ये लोग नहीं सुधरने वाले. ऐसे लोगों की जिंदगी ट्विटर से शुरू होकर ट्विटर पर ही खत्म हो जाएगी.

 

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बिग बॉस 13 के बाद से ही देवोलीना भट्टाचार्जी सोशल मीडिया पर ट्रोल होती रहती हैं. लेकिन वह ट्रोलर्स का मुंहतोड़ जवाब भी देती आई हैं.

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सुपरकॉप सोनिया नारंग: राजनीतिज्ञों को सिखाया सबक

लेखक- पुष्कर 

सोनिया नारंग वह दबंग महिला आईपीएस हैं जो न मुख्यमंत्री के सामने झुकीं, न लोकायुक्त के सामने. उन्होंने वही किया जो एक ईमानदार पुलिस अधिकारी को करना चाहिए. यही वजह है कि कर्नाटक के लोग सीबीआई से ज्यादा सोनिया की जांच पर…

जिंदगी में कुछ कर गुजरने का जज्बा ले कर जब कोई महिला ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अपना वर्चस्व कायम करती है तो उस की एक अलग ही छवि निखर कर आती है, बेखौफ, दबंग और ईमानदार अफसर की छवि. जिस के लिए उस का कर्तव्य पहले होता है, बाकी सब बाद में.

जोश और जुनून से लबरेज सोनिया नारंग भी उन्हीं विशेष अफसरों में अपनी खास उपस्थिति दर्ज कराती हैं जिन के लिए आम से ले कर खास व्यक्ति तक के लिए कानून की एक ही परिभाषा है. फिर चाहे वो खास अफसरशाही पर हुकूमत चलाने वाले नेता ही क्यों न हों.

सोनिया नारंग का जन्म और परवरिश चंडीगढ़ में हुई. उन के पिता भी प्रशासनिक अधकारी थे. उन से प्रेरणा ले कर सोनिया ने बचपन से ही सिविल सर्विस जौइन करने को अपना लक्ष्य बना लिया था. इस लक्ष्य को पाने की तैयारी उन्होंने हाईस्कूल के बाद से ही शुरू कर दी थी. 1999 में पंजाब यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में गोल्ड मेडल पाने वाली सोनिया नारंग की लगन और मेहनत रंग लाई. वह कर्नाटक कैडर के 2002 बैच की आईपीएस बन गईं.

उन के कैरियर की पहली पोस्टिंग 2004 में कर्नाटक के गुलबर्ग में हुई. सोनिया ने जौइंन करते ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे. 2006 की बात है. तब सोनिया नारंग दावणगेरे जिले की एसपी थीं. होनाली में हो रहे एक प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस और बीजेपी के दो बड़े नेता व उन के समर्थक आपस में भिड़ गए.

इस बात की सूचना मिलते ही सोनिया नारंग मौके पर जा पहुंची. तब तक प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आए थे और दोनों दलों के नेता आपस में उलझे हुए थे. मामला गंभीर होता देख सोनिया नारंग ने लाठी चार्ज का आदेश दे दिया. इस पर भाजपा नेता रेनुकाचार्य ने पीछे हटने से मना कर दिया और एसपी सोनिया नारंग से ही उलझ कर अभद्रता पर उतर आए.

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तब सोनिया नारंग ने एमएलए रेनुकाचार्य को कानून का सबक सिखाने के लिए सब के सामने थप्पड़ जड़ दिया.

इस बेइज्जती पर भाजपा नेता बुरी तरह से बौखला गए. कई दिन तक हंगामा होता रहा, लेकिन एसपी सोनिया निडरता से अपनी बात पर अडिग बनी रहीं. बाद में यही भाजपा नेता रेनुकाचार्य मंत्री बन गए थे.

sonia-narang

सोनिया नारंग ने अपने हौसले और मजबूत इरादों का परिचय तब भी दिया था जब कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने 16 करोड़ के खदान घोटाले में उन का नाम भी शामिल कर दिया था.

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में 16 करोड़ के खदान घोटाले से जुड़े अधिकारियों में सोनिया नारंग का नाम भी सर्वजनिक किया. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सदन को बताया कि खदान घोटाले में आईपीएस सोनिया नारंग का नाम भी सामने आया है. सरकार उन के खिलाफ काररवाई पर विचार कर रही है.

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर भी भारी

इस के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में तूफान सा मच गया. एक बेदाग छवि की आईपीएस अधिकारी का नाम किसी घोटाले में लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था. लेकिन सोनिया नारंग घोटाले से उठी आंधी के बीच भी अविचल रहीं.

उन्होंने सीएम द्वारा लगाए गए आरोप के बाद न तो सफाई देने की जरूरत समझी और न ही अन्य अधिकारियों की तरह सदन के सदस्यों से मिल कर अपना पक्ष रखने की. इस सब की बजाय सोनिया नारंग ने सीएम के आरोप के खिलाफ मजबूती से मोर्चा खोल दिया और सीधे प्रेस के लिए स्टेटमेंट जारी किए.

सोनिया ने कहा, ‘मेरी अंतरात्मा साफ है. आप चाहें तो किसी भी तरह की जांच करा लें. मैं इस आरोप का न सिर्फ खंडन करती हूं, बल्कि इस का कानूनी तरीके से हर स्तर पर विरोध भी करूंगी.’ उन्होंने ऐसा ही किया भी. सोनिया नारंग ने बेबाकी से अपनी बात रखते हुए बताया, ‘मैं इस तरह के किसी भी आरोप को सिरे से खारिज करती हूं. मैं ने उन इलाकों में अपने कैरियर के दौरान कभी काम ही नहीं किया है, जहां पर खनन घोटाले की बात की जा रही है.’

कानून को सर्वोपरि मानने वाली सोनिया ने किसी भी अवैध खनन को बढ़ावा देने या खनन माफिया से सांठगांठ करने से स्पष्ट रूप से इनकार करते हुए तत्कालिन मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के आरोप का पुरजोर विरोध किया था. मुख्यमंत्री से सीधे टकराने का साहस सोनिया नारंग जैसी दबंग और ईमानदार आईपीएस ही कर सकती थीं. आखिरकार उन का विश्वास जीता और उन्हें इस मामले में क्लीन चिट भी मिली.

यही वजह है कि कर्नाटक के लोग सोनिया नारंग पर अटूट विश्वास करते हैं. यहां तक कि निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें सीबीआई से ज्यादा भरोसा अपनी अफसर सोनिया पर है.

ऐसा ही एक मामला तब सामने आया था जब सोनिया नारंग कर्नाटक लोकायुक्त की एसपी थीं. लोकायुक्त जस्टिस वाई भास्कर राव के बेटे अश्विन राव और कुछ रिश्तेदारों पर राज्य के संदिग्ध भ्रष्ट अफसरों से फिरौती वसूली का रैकेट चलाने का आरोप लगा था.

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पीडब्ल्यूडी के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे कर एक करोड़ रुपए मांगे गए थे. उक्त इंजीनियर को जांच से बचने के लिए 25 लाख रुपए तुरंत देने को कहा गया था. तब इंजीनियर ने इस बात की शिकायत लोकायुक्त पुलिस एसपी सोनिया नारंग से की.

उन्होंने मौखिक शिकायत के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की विधिवत जांच कर के अपनी रिपोर्ट लोकायुक्त के रजिस्ट्रार को सौंप दी. इस पर केस खुल कर सामने आया. परिणामस्वरूप  जस्टिस वाई भास्कर राव को इस्तीफा देना पड़ा और उन के बेटे सहित 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.

एक प्रशासनिक अधिकारी की बेटी और एक आईपीएस की पत्नी सोनिया नारंग को उन के मजबूत हौसले, बुलंद इरादे और ईमानदारी के लिए जाना जाता है. इसी से पे्ररित हो कर उन के जीवन पर कन्नड़ भाषा में ‘अहिल्या’ नाम की फिल्म बनी है.

पंजाब यूनिवर्सिटी से समाज शास्त्र में 1999 की गोल्ड मेडलिस्ट सोनिया नारंग चंडीगढ़ में पली बढ़ीं. किशोरावस्था से उन्होंने एक ही सपना देखा था सिविल सर्विस जौइन करने का जिसे साकार करने के लिए उन्होंने हाईस्कूल के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी थी. उन की

लगन और मेहनत रंग लाई, सोनिया कर्नाटक कैडर के 2002 बैच की आईपीएस बन गईं.

उन के कैरियर की पहली पोस्टिंग 2004 में कर्नाटक के गुलबर्गा में हुई. जिस में उन्हें चुनावों के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई थी. सोनिया नारंग ने जौइन करते ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे. 2006 की बात है. तब सोनिया नारंग दावणगेरे जिले की एसपी थीं. होनाली में एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस और बीजेपी के दो बड़े नेता और उन के समर्थक आपस में भिड़ गए.

इस बात की सूचना मिलते ही सोनिया नारंग मौके पर जा पहुंचीं. तब तक प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आए थे और दोनों दलों के नेता आपस में उलझे हुए थे. मामला गंभीर होता देख सोनिया नारंग ने लाठी चार्ज का आदेश दे दिया. इस पर भाजपा नेता रेनुकाचार्य ने पीछे हटने से मना कर दिया और एसपी सोनिया से ही भिड़ बैठे.

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तब सोनिया नारंग ने तत्कालीन एमएलए रेनुकाचार्य को सबक सिखाने के लिए सब के सामने थप्पड़ जड़ दिया. इस बेइज्जती पर भाजपा नेता बौखला गए. कई दिन तक हंगामा होता रहा, लेकिन एसपी सोनिया अपनी बात पर अडिग बनी रहीं. बाद में रेनुकाचार्य मंत्री बन गए थे.

सोनिया नारंग ने अपने मजबूत इरादों से तब भी परिचित कराया था जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने 16 करोड़ के खदान घोटाले में उन का नाम भी शामिल किया था. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में 16 करोड़ के खदान घोटाले से जुड़े अधिकारियों में सोनिया नारंग का नाम भी सार्वजनिक किया था. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सदन को बताया कि खद्यान घोटाले में आईपीएस सोनिया नारंग का नाम सामने आया है और सरकार उन के खिलाफ काररवाई पर विचार कर रही है.

इस के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में तूफान सा मच गया. लेकिन सोनिया नारंग ने इस आंधी के बीच अविचल रहते हुए सीएम के आरोपों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया और खुल कर विरोध किया. उन्होंने कहा, ‘मैं इस तरह के किसी भी आरोप को सिरे से खारिज करती हूं. मैं ने उन इलाकों में अपने कैरियर के दौरान कभी काम ही नहीं किया है जहां पर खनन घोटाले की बात की जा रही है.’

सोनिया नारंग ने सीएम द्वारा लगाए गए आरोप के बाद न तो सफाई देने की जरूरत समझी और न ही सदन के सदस्यों से मिल कर अपना पक्ष रखने की. उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री के खिलाफ उसी शैली में मोर्चा खोल कर अपना विरोध जाहिर किया.

एक प्रशासनिक अधिकारी की बेटी और एक आईपीएस की पत्नी सोनिया नारंग को उन के मजबूत हौसले, बुलंद इरादे और ईमानदारी के लिए जाना जाता है. सोनिया नारंग के जीवन पर कन्नड़ भाषा में अहिल्या नाम की फिल्म बनी है. देश को ऐसे ही अधिकारियों की जरूरत है, जो नेताओं के हथकंडों से न डर कर अपने फर्ज को अहमियत दें.

Crime Story: रिश्तों से बड़ी मोहब्बत

Crime Story: रिश्तों से बड़ी मोहब्बत- भाग 1

सौजन्य: मनोहर कहानियां

विकास और आरती एक ही कुनबे के भाईबहन थे, इस के बावजूद वे रिश्ते को दरकिनार करते हुए शादी करना चाहते थे. लेकिन दोनों के घर वालों ने उन की मांग सिरे से ठुकरा दी तो…

कानपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर पश्चिम में थाना बिल्हौर के तहत एक गांव है

अलौलापुर. ज्ञान सिंह कमल इसी गांव के रहने वाले थे. उन के परिवार में पत्नी गीता कमल के अलावा 2 बेटे विकास, आकाश तथा 2 बेटियां शोभा व विभा थीं. ज्ञान सिंह कमल किसान थे. उन के पास 10 बीघा उपजाऊ भूमि थी, जिस में अच्छी पैदावार होती थी. कृषि उपज से ही वह परिवार का भरणपोषण करते थे.

ज्ञान सिंह का बेटा विकास अपने भाईबहनों में सब से बड़ा था. इंटरमीडिएट पास करने के बाद उस ने नौकरी पाने के लिए दौड़धूप की. लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो वह पिता के कृषि कार्य में हाथ बंटाने लगा. उस ने ट्रैक्टर चलाना सीख लिया था. ट्रैक्टर से वह अपनी खेती तो करता ही था, दूसरे काम कर वह अतिरिक्त आमदनी भी करता था. विकास किसानी का काम जरूर करता था, लेकिन ठाटबाट से रहता था.

ज्ञान सिंह के घर से चंद कदम दूर सुरेश कमल का घर था. उस के परिवार में पत्नी ममता के अलावा 2 बेटियां आरती, प्रीति तथा एक बेटा नंदू था. सुरेश और ज्ञान सिंह एक ही कुनबे के थे और रिश्ते में भाईभाई थे. सुरेश भी किसान था. उस की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. लेकिन दोनों में खूब पटती थी.

दोनों का एकदूसरे के घर आनाजाना लगा रहता था और सुखदुख में एकदूसरे का साथ देते थे. दोनों परिवारोें के बच्चों का बचपन भी साथसाथ खेलते बीता था.

विकास को  बचपन से ही चाचा सुरेश कमल की बेटी आरती से बहुत लगाव था. आरती भी विकास के साथ ज्यादा खेलती थी. दोनों के इस लगाव पर घर वालों ने कभी ध्यान नहीं दिया, क्योंकि बच्चे अकसर इसी तरह खेलते हैं.

बचपन के दिन गुजर जाने के बाद विकास और आरती ने जवानी की दहलीज पर कदम रखा तो उन के बीच का लगाव पहले की ही तरह बना रहा. लेकिन उन के नजरिए में बदलाव जरूर आ गया था.

अब उन की चंचलता खामोशी के साथ दूसरा मुकाम अख्तियार कर चुकी थी. उन के दिल में प्यार के बीज अंकुरित हो चुके थे. इसलिए अब जब भी उन्हें मौका मिलता, वे प्यार भरी बातें करते.

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आरती की आंखों के सामने जब भी विकास होता, वह उसी को देखा करती. उस पल उस के चेहरे पर जो खुशी होती थी, कोई भी देख कर भांप सकता था कि दोनों के बीच जरूर कुछ चल रहा है.

विकास को भी उस का इस तरह से देखना भाता था, क्योंकि उस का दिल भी तो आरती के प्यार का मरीज था. दोनों की आंखों में एकदूसरे के लिए प्यार साफ झलकता था. वे इस बात को महसूस भी करते थे. लेकिन दिल की बात एकदूसरे से कह नहीं पा रहे थे.

प्यार का किया इजहार

एक दिन विकास आरती के घर पहुंचा, तो उस समय वह घर में अकेली थी. आरती को देखते ही उस का दिल तेजी से धड़क उठा. उसे लगा कि दिल की बात कहने का उस के लिए यह सब से अच्छा मौका है. आरती उसे कमरे में बिठा कर फटाफट 2 कप चाय बना लाई. चाय की चुस्कियों के बीच दोनों बातें करने लगे. अचानक विकास गंभीर हो कर बोला, ‘‘आरती मुझे तुम से एक बात कहनी है.’’

‘‘कहो, क्या कहना चाहते हो?’’ आरती भी गंभीर हो गई.

‘‘आरती, मैं तुम से प्यार करता हूं. यह प्यार आज का नहीं, बरसों का है, जो आज किसी तरह हिम्मत जुटा कर कह पाया हूं. ये आंखें सिर्फ तुम्हें देखना पसंद करती हैं. मैं तुम्हारे प्यार में इतना दीवाना हो चुका हूं कि अगर तुम ने मेरा प्यार स्वीकार नहीं किया, तो मैं पागल हो जाऊंगा.’’

आखिर विकास ने दिल की बात कह ही दी, जिसे सुन कर आरती का चेहरा शरम से लाल हो गया, पलकें झुक गईं. होंठों ने कुछ कहना चाहा, लेकिन जुबान ने साथ नहीं दिया. आरती की हालत देख कर विकास बोला, ‘‘कुछ तो कहो आरती, क्या मैं तुम से प्यार करने लायक नहीं हूं.’’

‘‘कहना जरूरी है क्या? तुम खुद को दीवाना कहते हो और मेरी आंखों में बसी चाहत को नहीं देख सकते. जो हाल तुम्हारा है, वही मेरा भी है. मैं ने भी तुम्हें बहुत पहले से दिल में बसा लिया है. डरती थी कि कहीं यह मेरा एकतरफा प्यार न हो.’’ आरती ने भी चाहत का इजहार कर दिया.

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आरती की बात सुन कर विकास खुशी से झूम उठा. उसे लगा कि सारी दुनिया की दौलत, आरती के रूप में उस की झोली में आ कर समा गई है.

दोनों के बीच प्यार का इजहार हो गया तो फिर एकांत में भी मिलनेजुलने का सिलसिला शुरू हो गया. दोनों गांव के बाहर सुनसान जगह पर मिलने लगे. वे एकदूसरे पर जम कर प्यार बरसाते और हमेशा एकदूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते. जैसेजैसे समय बीतता गया, दोनों की चाहत बढ़ती और प्रगाढ़ होती गई.

अगले भाग में पढ़ें- ममता ने आरती को थप्पड़ मारा

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