1. आरएएस भर्ती. पद : 980.

कोर्ट में मामला और वजह : विभागीय मंत्रालयिक कर्मचारी व भूतपूर्व सैनिक कोटे में अपात्र अभ्यर्थी बुलाए. 3 गुना के बजाय डेढ़ गुना अभ्यर्थी बुलाए.

2. पुलिस कांस्टेबल. पद : 5,438.

कोर्ट में मामला और वजह : जिला स्तर की जगह राज्य स्तर पर मैरिट बना दी.

3. स्टेनोग्राफर. पद : 1,085.

कारण : 2018 की भरती, टाइप टैस्ट, सर्वर डाउन का विवाद.

4. प्रीप्राइमरी टीचर, 2018. पद : 1310.

कोर्ट में मामला और वजह : दूसरे राज्यों से एनटीटी की डिगरी पर विवाद.

5. पटवारी भर्ती.

कोर्ट में मामला और वजह : ओबीसी आरक्षण व विवादित आंसरकी मामला.

6. एलडीसी भर्ती, 2018. पद : 11,322.

कोर्ट में मामला और वजह : मैरिट अनुसार संभाग व गृह जिले का आवंटन नहीं. हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तो कोर्ट को भरती में दखल देना पड़ा.

7. पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती. कुल पद : 900.

कोर्ट में मामला और वजह : अंक और कटऔफ जारी किए बिना इंटरव्यू के लिए बुलाया.

8. पशुधन सहायक भर्ती.

कोर्ट में मामला और वजह : सवाल व आंसरकी में गड़बड़ी. हाईकोर्ट ने रोक लगाई.

9. हैडमास्टर भर्ती. कुल पद : 1,200. कोर्ट में मामला और वजह : भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ न देने का मामला विवादित.

पिछले 2 साल में जिस तरह से हर भरती पेपर लीक या कोर्ट के चक्कर में लंबित पड़ी है, उस से साफ है कि सरकार में बैठे अफसर इन भर्तियों को लेकर संवेदनशील नहीं हैं. हर साल लाखों की तादाद में इंटर, ग्रेजुएशन पास करने वाले बच्चे जब किसी सरकारी नौकरी की लिखित परीक्षा दे कर वापस अपने घर तक नहीं पहुंंच पाते हैं, तब तक परीक्षा संबंधी वैबसाइट पर पेपर लीक या परीक्षा स्थगित होने की जानकारी अपलोड कर दी जाती है.

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