Crime Story- प्यार की कच्ची डोर: भाग 2

सौजन्य- मनोहर कहानियां

कहा जाता है कि पपला अपने साथी जसराम पटेल की हत्या का बदला लेने के लिए बहरोड़ आया था. वह बहरोड़ में विक्रम उर्फ लादेन को मारना चाहता था. इस से पहले उस ने किसी बड़े व्यापारी से रंगदारी वसूली थी. उस के पास रंगदारी के वही 32 लाख रुपए थे. पकड़े जाने पर उस ने पुलिस से कहा था कि वह जमीन का सौदा करने आया था, लेकिन सौदा नहीं बना.

पपला के पकड़े जाने के कुछ घंटों बाद ही 6 सितंबर को सुबह करीब 9 बजे 3 गाडि़यों में भर कर आए उस के साथियों ने बहरोड़ पुलिस थाने पर नक्सलियों की तरह दिनदहाड़े धावा बोल दिया. ये लोग एके 47 और एके 56 से करीब 50 राउंड गोलियां बरसा कर पपला को लौकअप से निकाल ले गए. बदमाशों की गोलियों से थानाप्रभारी के कमरे के गेट और थाने की दीवारों पर गोलियों के निशान बन गए थे, जो एक खतरनाक हमले की गवाही दे रहे थे.

जब पपला को उस के साथी थाने से छुड़ा ले गए, तब पुलिस को पता चला कि वह हरियाणा का दुर्दांत अपराधी विक्रम गुर्जर उर्फ पपला था. राजस्थान में इस तरह का यह पहला मामला था.

पुलिस थाने पर हमले की घटना ने राजस्थान सरकार को हिला दिया. इस से पुलिस की बदनामी भी हुई. पपला की फरारी पर अधिकारियों ने इसे पुलिस की लापरवाही मानते हुए कई पुलिस अफसरों पर काररवाई की. 2 पुलिस वालों को बर्खास्त किया गया. डीएसपी और थानाप्रभारी सहित 5 पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया. कुछ के तबादले और 69 पुलिस वाले लाइन हाजिर किए गए.

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पुलिस ने पपला को तलाश करने के लिए पहले तो जोरशोर से कई दिनों तक अभियान चलाया. जगहजगह छापे मार कर पूरे देश की खाक छान ली, लेकिन उस का कुछ पता नहीं चला.

पपला को अकेली राजस्थान की पुलिस ही तलाश नहीं कर रही थी, बल्कि हरियाणा पुलिस भी उस पर आंखें गड़ाए हुए थी. लेकिन सफलता दोनों राज्यों की पुलिस को नहीं मिल रही थी.

धीरेधीरे पुलिस के अभियान भी ठंडे पड़ गए. पपला के न पकड़े जाने से यह बात भी उठने लगी कि उसे राजनीतिक या जातिगत संरक्षण मिला हुआ है. इसीलिए पुलिस जानबूझ कर उसे नहीं पकड़ रही है. एक बार हरियाणा की पूर्व सरकार के एक मंत्री के बेटे की पपला से बातचीत का औडियो भी वायरल हुआ था.

हालांकि बहरोड़ पुलिस ने पपला को थाने से छुड़ा ले जाने और संरक्षण देने के मामले में 17 महीने के दौरान 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया. इन में अधिकांश लोग राजस्थान के अलवर और झुंझुनूं जिले के अलावा हरियाणा के महेंद्रगढ़, नारनौल और रेवाड़ी के रहने वाले थे.

पपला का खौफ खत्म करने के लिए जुलूस

राजस्थान पुलिस के स्पैशल औपरेशन ग्रुप और अलवर पुलिस ने 22 सितंबर, 2019 को पपला के गिरोह के 16 बदमाशों का बहरोड़ में केवल अंडरवियर और बनियान में सड़कों पर पैदल जुलूस निकाला था. पुलिस ने यह काम आमजन के मन से ऐसे बदमाशों का खौफ खत्म करने के लिए किया था. पहली बार राजस्थान में बदमाशों का इस तरह निकाला गया जुलूस चर्चा का विषय बन गया था.

पपला के 30 से ज्यादा साथी पकड़े गए और इन में से आधे से ज्यादा बदमाशों का बनियान अंडरवियर में जुलूस निकाला गया. इस के बावजूद पुलिस उन से यह नहीं उगलवा सकी कि पपला का पताठिकाना अब कहां है? कौन लोग उसे पैसा पहुंचा रहे हैं और कौन उसे शरण दे रहे हैं?

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राजस्थान पुलिस पर पपला की फरारी से लगा काला दाग अब उस के फिर पकड़े जाने से हालांकि मिट गया है, लेकिन 2 बार गच्चा दे कर भाग चुके पपला को ले कर पुलिस की चिंताएं अभी कम नहीं हुई हैं. इस का कारण यह है कि उस की मदद करने वाले उस के साथी अभी खुले घूम रहे हैं.

विक्रम गुर्जर उर्फ पपला हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव के रहने वाले मनोहरलाल के 2 बेटों में बड़ा है. उस ने 12वीं पास करने के बाद फौज में जाने का मन बना लिया था. इसी दौरान उसे पहलवानी का शौक लग गया. वह अपने गांव के ही शक्ति सिंह के पास पहलवानी सीखने लगा. शक्ति सिंह को वह गुरु मानता था.

खैरोली गांव के ही रहने वाले संदीप फौजी का पास के गांव की एक युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था. गांव के लोग इस से नाखुश थे. पंचायत ने फैसला किया कि संदीप फौजी उस युवती से नहीं मिलेगा. इस के बाद भी संदीप नहीं माना, तो शक्ति सिंह और पपला ने उसे पीट दिया. संदीप ने इसे अपना अपमान माना.

उस ने हरियाणा के चीकू बदमाश को सुपारी दे कर 4 फरवरी, 2014 को शक्ति सिंह की हत्या करवा दी. अपने गुरु शक्ति सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए विक्रम गुर्जर उर्फ पपला अपराध की दुनिया में कूद गया.

पपला हरियाणा के कुख्यात बदमाश कुलदीप उर्फ डाक्टर के गिरोह में शामिल हो गया. पपला ने बंदूक थाम कर एक साल में ही अपने गुरु की हत्या का बदला ले लिया. जनवरी, 2015 में उस ने संदीप फौजी की हत्या कर दी. इस के बाद उस ने संदीप की मां विमला, मामा महेश और नाना श्रीराम को भी मौत के घाट उतार दिया.

4 लोगों की हत्या के बाद पपला अपराध की दलदल में धंसता चला गया. पपला के खिलाफ हत्या, लूट और रंगदारी के करीब 2 दरजन से ज्यादा मामले दर्ज हुए. उस का दक्षिणी हरियाणा के जिलों खासकर रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल व धारूहेड़ा के अलावा राजस्थान के राठ और शेखावटी इलाके में आतंक था.

हरियाणा के अलावा वह राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस का भी वांटेड रहा. हरियाणा की नारनौल पुलिस ने उसे 2016 में पकड़ा था. इस के कुछ समय बाद 2017 में महेंद्रगढ़ की अदालत में उस के गिरोह के बदमाश पुलिस पर फायरिंग कर उसे छुड़ा ले गए थे. इस मामले में हरियाणा पुलिस के एक एसआई सहित 7 पुलिस वाले घायल हुए थे.

हरियाणा पुलिस ने पपला पर 2 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. पुलिस की हिरासत से पपला को छुड़ा ले जाने में उस का छोटा भाई मिंटू भी आरोपी था. वह जेल में 20 साल की सजा भुगत रहा है.

अब जिया की कहानी. जिया आयुर्वेद डाक्टर बनने की पढ़ाई कर रही थी. वह अभी दूसरे वर्ष की छात्रा थी. तलाकशुदा जिया के पिता डाक्टर हैं. जिया को पपला ने अपना नाम मानसिंह और काम व्यापार बता रखा था.

महाराष्ट्र के सतारा जिले की रहने वाली 26 साल की जिया कोल्हापुर में 3 मंजिला मकान में जिम भी चलाती थी. वह फिजिकल ट्रेनर है. पपला ने अपने पहलवानी के शौक के कारण जिम जौइन किया था. वहां मासूम और फूल सी नाजुक जिया को देख कर वह उस पर लट्टू हो गया. जिया के तलाकशुदा होने का पता चलने पर पपला ने उस से नजदीकियां बढ़ाई. जिया भी कसरती बदन वाले पपला के प्यार में उलझ गई.

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पपला ने जिया की जिम वाली बिल्डिंग में ही 4500 रुपए में किराए पर कमरा ले लिया. फिर दोनों लिवइन रिलेशनशिप में रहने लगे. पकड़े जाने से 2 दिन पहले ही पपला ने जिया के पिता से भी मुलाकात की थी. पपला जिया से शादी कर कोल्हापुर में बसना चाहता था, लेकिन उन के प्यार की कहानी 2 महीने से कम समय में ही खत्म हो गई.

अगले भाग में पढ़ें- पुलिस वाला ही खबरी था पपला का

Crime Story- प्यार की कच्ची डोर: भाग 3

सौजन्य- मनोहर कहानियां

पपला ने जिया से मुलाकात से पहले कोल्हापुर में ही एक मराठी महिला को अपने प्यार के जाल में फंसाया था. अकेली रहने वाली उस महिला का 4 साल का एक बेटा है. उस महिला के साथ भी वह कुछ दिन लिवइन रिलेशनशिप में रहा.

उस महिला से प्यार की पींगें आगे बढ़तीं, उस से पहले ही पपला की जिया से मुलाकात हो गई और उस का जिया पर दिल आ गया. पपला कोल्हापुर में 3-4 महीने से रह रहा था. इस दौरान उस ने कई ठिकाने भी बदले थे.

पपला के पकड़े जाने के बाद जिया पुलिस से उस की असलियत के बारे में पूछती रही. राजस्थान पुलिस की स्पैशल 26 टीम जब पपला और जिया को कोल्हापुर से राजस्थान ले जाने के लिए पुणे एयरपोर्ट पहुंची, तो आमनासामना होने पर जिया ने पपला से पूछा, ‘आखिर तुम हो कौन?’

तब पपला ने जवाब दिया, ‘मैं विक्रम गुर्जर उर्फ पपला हूं. राजस्थान और हरियाणा पुलिस ने मुझ पर 5 लाख रुपए का इनाम रखा हुआ है. यूपी और दिल्ली की पुलिस भी मुझे तलाश कर रही है.’

पपला की असलियत जान कर जिया फूटफूट कर रोने लगी.

जेल में पपला की शिनाख्तगी होने के बाद पुलिस ने उसे अदालत से रिमांड पर ले लिया.

रिमांड के दौरान पुलिस पूछताछ में सामने आया कि पपला बहरोड़ थाने से फरार होने के बाद करीब 2 महीने तक अलवर जिले के तिजारा, दिल्ली और हरियाणा के पलवल शहर में रहा. इस के बाद उस ने एनसीआर और उत्तर प्रदेश में अपना समय बिताया.

इस दौरान उस ने अपना मोबाइल बंद कर दिया. घर वालों, रिश्तेदारों और दोस्तों से वह सीधे तौर पर संपर्क में नहीं रहा. उस के फरार होने के करीब 6 महीने बाद कोरोना के कारण लौकडाउन लग गया. इस दौरान पुलिस भी ठंडी पड़ गई. बाद में जब अनलौक होना शुरू हुआ, तो पुलिस ने डाक्टर और हैल्थ वर्कर बन कर भी कई राज्यों में पपला की तलाश की.

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पुलिस ने पपला की तलाश में राजस्थान के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, बेंगलुरु, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पंजाब आदि 14 राज्यों की धूल छानी थी.

पपला के काली भक्त होने का पता चलने पर पुलिस पश्चिम बंगाल भी गई थी. महाकालेश्वर और शिरडी सहित देश के बड़े धार्मिक स्थलों पर भी उस की तलाश की गई थी. नवंबर 2019 में भी पुलिस टीम कोल्हापुर गई थी.

जांच में यह भी पता चला कि पपला को पुलिस के छापे की जानकारी पहले मिल जाती थी. गहराई में जाने पर पता चला कि पपला को पकड़ने वाले एडिशनल एसपी सिद्धांत शर्मा का पहले गनमैन रहा सुधीर कुमार पुलिस की प्लानिंग की जानकारी पपला के साथियों तक पहुंचाता था.

पुलिस वाला ही खबरी था पपला का

सिद्धांत शर्मा 2017 में भिवाड़ी के डीएसपी थे, तब सुधीर कुमार उन का गनमैन था. बाद में सिद्धांत शर्मा का तबादला नीमराना डीएसपी के पद पर हो गया, तो सुधीर भी उन के साथ गनमैन के रूप में नीमराना आ गया. पपला की फरारी के दौरान सिद्धांत नीमराना में ही तैनात थे. बहरोड़ और नीमराना में केवल 20 किलोमीटर की दूरी है.

पपला को पकड़ने की सारी योजनाएं नीमराना थाने में ही बनती थी. इसलिए गनमैन सुधीर को सारी बातें पता चल जाती थीं. पुलिस की योजनाएं लीक होने से पपला पुलिस से और दूर हो जाता था. बाद में सिद्धांत शर्मा एडिशनल एसपी बन कर एसओजी में चले गए. इस दौरान सुधीर नीमराना थाने की क्यूआरटी की गाड़ी का ड्राइवर था.

पपला की गिरफ्तारी के 2 दिन बाद ही भेद खुलने पर 29 जनवरी को भिवाड़ी एसपी राममूर्ति जोशी ने सुधीर को निलंबित कर दिया.

पपला से पूछताछ में पुलिस को उस के कुछ साथियों और हथियारों के बारे में पता चला है. पुलिस उन की तलाश कर रही है. रिमांड अवधि पूरी होने पर जिया को अदालत ने 4 फरवरी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया.

पपला को भी अदालत ने 13 दिन का रिमांड पूरा होने पर जेल भेज दिया. जेल से अलवर जिले की मुंडावर थाना पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर ले गई.

अपने साथियों द्वारा एके 47 और एके 56 जैसे अत्याधुनिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग के बाद बहरोड़ थाने से भागा पपला अब बैसाखियों के सहारे चल रहा है. वह जिस बहरोड़ शहर से भागा था, उसी शहर की जेल में पहुंच गया. पुलिस को उस की सुरक्षा की ज्यादा चिंता है.

अभी उस के कई विश्वसनीय साथी फरार हैं. इस के अलावा हरियाणा का चीकू गैंग भी उस की जान का दुश्मन बना हुआ है. इसलिए पुलिस ड्रोन से पपला पर नजर रखे हुए है.

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पुलिस की तमाम चौकसी के बावजूद पपला के भागने का खतरा अभी मंडरा रहा है. 15 फरवरी को उसे बहरोड़ से अलवर जिले की किशनगढ़बास जेल में शिफ्ट किया जा रहा था, तभी 6 संदिग्ध कारें पुलिस के काफिले में घुस गईं. बाद में पुलिस ने इन कारों को पकड़ लिया.

इन में बहरोड़ थाने के हिस्ट्रीशीटर बचिया यादव सहित 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इन लोगों का पपला से कोई संबंध तो नहीं है. 2 बार पहले फरार हो चुके पपला के फिर भागने की आशंका और उस पर दुश्मन गिरोह के मंडराते खतरे को देखते हुए अब उसे अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.

पपला के घपले ने जिया को तोड़ दिया है. वह उबर नहीं पा रही है. तलाकशुदा जिया को दूसरी बार प्यार मिला, तो वह खुशियों का संसार बसाने के सपने देखने लगी थी. पपला के धोखे ने उस की दुनिया उजाड़ दी.

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Serial Story- समझौता: भाग 1

जब मां का फोन आया, तब मैं बाथरूम से बाहर निकल रहा था. मेरे रिसीवर उठाने से पहले ही शिखा ने फोन पर वार्त्तालाप आरंभ कर दिया था.

मां उस से कह रही थीं, ‘‘शिखा, मैं ने तुम्हें एक सलाह देने के लिए फोन किया है. मैं जो कुछ कहने जा रही हूं, वह सिर्फ मेरी सलाह है, सास होने के नाते आदेश नहीं. उम्मीद है तुम उस पर विचार करोगी और हो सका तो मानोगी भी…’’

‘‘बोलिए, मांजी?’’

‘‘बेटी, तुम्हारे देवर पंकज की शादी है. वह कोई गैर नहीं, तुम्हारे पति का सगा भाई है. तुम दोनों के व्यापार अलग हैं, घर अलग हैं, कुछ भी तो साझा नहीं है. फिर भी तुम लोगों के बीच मधुर संबंध नहीं हैं बल्कि यह कहना अधिक सही होगा कि संबंध टूट चुके हैं. मैं तो समझती हूं कि अलगअलग रह कर संबंधों को निभाना ज्यादा आसान हो जाता है.

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‘‘वैसे उस की गलती क्या है…बस यही कि उस ने तुम दोनों को इस नए शहर में बुलाया, अपने साथ रखा और नए सिरे से व्यापार शुरू करने को प्रोत्साहित किया. हो सकता है, उस के साथ रहने में तुम्हें कुछ परेशानी हुई हो, एकदूसरे से कुछ शिकायतें भी हों, किंतु इन बातों से क्या रिश्ते समाप्त हो जाते हैं? उस की सगाई में तो तुम नहीं आई थीं, किंतु शादी में जरूर आना. बहू का फर्ज परिवार को जोड़ना होना चाहिए.’’

‘‘तो क्या मैं ने रिश्तों को तोड़ा है? पंकज ही सब जगह हमारी बुराई करते फिरते हैं. लोगों से यहां तक कहा है, ‘मेरा बस चले तो भाभी को गोली मार दूं. उस ने आते ही हम दोनों भाइयों के बीच दरार डाल दी.’ मांजी, दरार डालने वाली मैं कौन होती हूं? असल में पंकज के भाई ही उन से खुश नहीं हैं. मुझे तो अपने पति की पसंद के हिसाब से चलना पड़ेगा. वे कहेंगे तो आ जाऊंगी.’’

‘‘देखो, मैं यह तो नहीं कहती कि तुम ने रिश्ते को तोड़ा है, लेकिन जोड़ने का प्रयास भी नहीं किया. रही बात लोगों के कहने की, तो कुछ लोगों का काम ही यही होता है. वे इधरउधर की झूठी बातें कर के परिवार में, संबंधों में फूट डालते रहते हैं और झगड़ा करा कर मजा लूटते हैं. तुम्हारी गलती बस इतनी है कि तुम ने दूसरों की बातों पर विश्वास कर लिया.

‘‘देखो शिखा, मैं ने आज तक कभी तुम्हारे सामने चर्चा नहीं की है, किंतु आज कह रही हूं. तुम्हारी शादी के बाद कई लोगों ने हम से कहा, ‘आप कैसी लड़की को बहू बना कर ले आए.  इस ने अपनी भाभी को चैन से नहीं जीने दिया, बहुत सताया. अपनी भाभी की हत्या के सिलसिले में इस का नाम भी पुलिस में दर्ज था. कुंआरी लड़की है, शादी में दिक्कतें आएंगी, यही सोच कर रिश्वत खिला कर उस का नाम, घर वालों ने उस केस से निकलवाया है.’

‘‘अगर शादी से पहले हमें यह समाचार मिलता तो शायद हम सचाई जानने के लिए प्रयास भी करते, लेकिन तब तक तुम बहू बन कर हमारे घर आ चुकी थीं. कहने वालों को हम ने फटकार कर भगा दिया था. यह सब बता कर मैं तुम्हें दुखी नहीं करना चाहती, बल्कि कहना यह चाहती हूं कि आंखें बंद कर के लोगों की बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए. खैर, मैं ने तुम्हें शादी में आने की सलाह देने के लिए फोन किया है, मानना न मानना तुम्हारी मरजी पर निर्भर करता है,’’ इतना कह कर मां ने फोन काट दिया था.

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मां ने कई बार मुझे भी समझाने की कोशिश की थी, किंतु मैं ने उन की पूरी बात कभी नहीं सुनी. बल्कि,? उन पर यही दोषारोपण करता रहा कि वह मुझ से ज्यादा पंकज को प्यार करती हैं, इसलिए उन्हें मेरा ही दोष नजर आता है, पंकज का नहीं. इस पर वे हमेशा यहां से रोती हुई ही लौटी थीं.

लेकिन सचाई तो यह थी कि मैं खुद भी पंकज के खिलाफ था. हमेशा दूसरों की बातों पर विश्वास करता रहा. इस तरह हम दोनों भाइयों के बीच खाई चौड़ी होती चली गई. लेकिन फोन पर की गई मां की बातें सुन कर कुछ हद तक उन से सहमत ही हुआ.

मां यहां नहीं रहती थीं. शादी की वजह से ही पंकज के पास उस के घर आई हुई थीं. वे हम दोनों भाइयों के बीच अच्छे संबंध न होने की वजह से बहुत दुखी रहतीं इसीलिए यहां बहुत कम ही आतीं.

लोग सही कहते हैं, अधिकतर पति पारिवारिक रिश्तों को निभाने के मामले में पत्नी पर निर्भर हो जाते हैं. उस की नजरों से ही अपने रिश्तों का मूल्यांकन करने लगते हैं. शायद यही वजह है, पुरुष अपने मातापिता, भाईबहनों आदि से दूर होते जाते हैं और ससुराल वालों के नजदीक होते जाते हैं.

दूसरों शब्दों में यों भी कहा जा सकता है कि महिलाएं, पुरुषों की तुलना में अपने रक्त संबंधों के प्रति अधिक वफादार होती हैं. इसीलिए अपने मायके वालों से उन के संबंध मधुर बने रहते हैं. बल्कि कड़ी बन कर वे पतियों को भी अपने परिवार से जोड़ने का प्रयास करती रहती हैं. वैसे पुरुष का अपनी ससुराल से जुड़ना गलत नहीं है. गलत है तो यह कि पुरुष रिश्तों में संतुलन नहीं रख पाते, वे नए परिवार से तो जुड़ते हैं, किंतु धीरेधीरे अपने परिवार से दूर होते चले जाते हैं.

Crime- सीसीटीवी: ‘अपराध’ कोई देख रहा है!

जब भी कोई अपराध होता है पुलिस और अनुसंधान में लगे लोग आज के समय में, आधुनिक सीसीटीवी की ओर नजरें इनायत के लगते हैं.

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला में एक अंधे हत्याकांड की गुत्थी चंद घंटों में ही इसी सीसीटीवी के कारण सुलझ गई.

देखते ही देखते हैं पुलिस ने मामला सुलझाया और हत्यारा जेल की हवा खा रहा है. यह सीसीटीवी का ही तो कमाल है कि बड़े से बड़े घटनाक्रम का खुलासा मय सबूत के साथ आज हो रहा है.
आइए! आज इस रिपोर्ट में सीसीटीवी के मदद से इस तरह एक पेचीदा हत्याकांड से कैसे पर्दाफाश हुआ देखते हैं.

दरअसल हुआ यह कि छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला पुलिस ने यहां के लोक निर्माण विभाग के टाइम कीपर गणेश सिंह वर्मा की हत्या की गुत्थी को 4 घंटे में सुलझा लिया तो लोगों की निगाह में जहां पुलिस का सम्मान बढ़ गया वहीं सीसीटीवी का कमाल एक बार फिर सामने आ गया.

यहां गणेश सिंह वर्मा की अवैध संबंध की शंका में हत्या की गई थी. यह खुलासा पुलिस ने आनन-फानन में किया है और हमारे संवाददाता को घटनाक्रम की सारी जानकारी पुलिस द्वारा प्राप्त हुई है. यह तथ्य और घटनाक्रम जहां एक रोचक कहानी बयां करते हैं वहीं यह भी तथ्य सामने आ गया है कि आधुनिक विज्ञान की ईजाद सीसीटीवी के कैसे और कितने लाभ हैं.

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सीसीटीवी के कारण हत्यारा पकड़ाया

और जैसा कि आजकल अपराध के अन्वेषण मे होता है इस हत्याकांड में भी सीसीटीवी का महत्व एक बार पुनः उजागर हो गया.

पुलिस ने हमारे संवाददाता को बताया कि हत्या के मामले का खुलासा सीसीटीवी के कारण हो गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल वैस के मुताबिक आरोपी हत्यारा हेमंत वर्मा पेंडिताराई का रहवासी है. जबकि गणेश वर्मा पास के ही गांगपुर गांव में रहता था. आरोपी के घर उसका आना-जाना था. आरोपी हेमंत वर्मा अपनी पत्नी और गणेश वर्मा के बीच अवैध संबंध को लेकर शंका करता था.
आरोपी हेमंत वर्मा लंबे समय से क्षुब्ध था और गणेश की हत्या करने की नीयत से घर से निकला था. तभी बेमेतरा के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास बेटे को छोड़कर लौट रहे गणेश वर्मा को देखते ही उसनेे बातचीत करके उलझाया.

दोनों बातचीत करते हुए आगे बढ़ रहे थे कि सूनसान रास्ता देखकर गणेश वर्मा पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. जिससे उसकी मौके पर ही तड़प तड़प कर मौत हो गई.

वारदात के बाद मौके पर पुलिस पहुंची. आसपास के लोगों से पूछताछ की. सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. पुलिस एक-एक कड़ी जोड़कर तफ्तीश में जुटी थी. आखिरकार सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने शातिर आरोपी हेमंत वर्मा को गिरफ्तार कर लिया. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि पुलिस ने महज 4 घंटे में ही हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया.

बचके रहना रे बाबा!

कुल मिलाकर जिस तरह सीसीटीवी के कारण हत्या के और अन्य गंभीर अपराधों के ऊपर से पर्दा उठ रहा है आरोपी अपराधी पकड़े जा रहे हैं उस परिप्रेक्ष्य में कहा जा सकता है कि पुलिस अनुसंधान में सीसीटीवी एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभर कर सामने आ चुका है.

जिस अपराध को सुलझाने में पहले लंबा समय लग जाता था. पुलिस को सूत्र नहीं मिल पाते थे. अब सीसीटीवी के कारण पुलिस को पुख्ता सबूत मिलने लगे हैं.

पुलिस अधिकारी इंद्र भूषण सिंह के मुताबिक पहले पुलिस को गंभीर अथवा सामान्य अपराधों में जांच करने में लंबा समय लग जाता था. क्योंकि साक्ष्य पुलिस को नहीं मिल पाते थे मगर अब सीसीटीवी के कारण अनेक अपराधों से पर्दा जल्द ही उठ जाता है क्योंकि यह पुलिस के मददगार के रूप में सामने आया है जिसकी कोर्ट और न्यायालय में भी साक्षी के रूप में हमें मदद मिल जाती है.

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अधिवक्ता डॉ उत्पल अग्रवाल कहते हैं कि सीसीटीवी एक सशक्त माध्यम है जो अपराधिक घटनाओं को सबूतमय पुलिस को उपलब्ध कराता है. अब यह एक सशक्त माध्यम बनकर सामने आ गया है. जो पूरी तरह विश्वानीय भी है.

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस आधुनिक सीसीटीवी का कारण नित्य नए अपराधिक घटना का खुलासा हो रहा है वही अपराधिक घटनाक्रमों में कमी भी आई है क्योंकि अपराधी यह जानता है कि उसका अपराध कोई देख रहा है.

भोजपुरी की स्टार अभिनेत्री कैसे बनी नीलू शंकर सिंह

भोजपुरी सिनेमा जगत में नीलू शंकर सिंह एक ऐसी अभिनेत्री हैं,जिन्होंने बहुत कम समय में स्टार अभिनेत्री का दर्जा हासिल करने में सफल रही हैं. जी हां! नीलू शंकर सिंह ने 2017 में फिल्म‘बेटवा बाहुबली 2‘में अजय दीक्षित के साथ अभिनय कर अपने अभिनय कैरियर की शुरूआत की थी.

इसके बाद वह विराज भट्ट के साथ फिल्म‘हमार बलवान’में नजर आयी थी.फिर निर्देशक मिथिलेश अविनाश के साथ उन्होंने फिल्म ‘लज्जो’की, जिसको लेकर उनकी काफी चर्चा हुई.उसके बाद फिल्म ‘लव के लिए कुछ भी करेगा’ को दर्शकों ने सिनेमाघरों में खूब प्यार दिया. इस तरह अब तक उनकी पांच फिल्में रिलीज हो चुकी हैं. हालांकि नीलू ने 14 फिल्मों की शूटिंग कर ली हैं. 2021 में अब तक ‘बी4यू’ टीवी चैनल पर भी ‘नई रस्में नयी कसमें’ और ‘नकली सिंदूर’जैसी फिल्में रिलीज की जा चुकी हैं.

इस साल रिलीज होने वाली उनकी फिल्मों में ‘हंगामा’(छोटू पाण्डेय), ‘छोरा छिछोरा’, ‘सुहागन’(समर सिंह), ‘प्रेम युद्ध’ (गौरव झा), ‘हमरे भउजी के बहिनिया‘ (प्रेम सिंह) इत्यादि शामिल हैं.

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फिलहाल नीलू शंकर सिंह,निर्देशक चुनमुन पंडित की भोजपुरी फिल्म ‘बेबसी’ की शूटिंग बिहार के जिला कैमूर भभुआ के धरहरा गांव में कर रही हैं.निर्मात्री निशा कुमारी की इस पारिवारिक फिल्म में नीलू शंकर सिंह सशक्त भूमिका में नजर आने वाली हैं. इस फिल्म में उनके नायक पंकज मेहता हैं. यह फिल्म दर्शकों का फुल इंटरटेनमेंट करने वाली है.

गौरतलब है कि नीलू शंकर सिंह ने पिछले माह भोजपुरी फिल्म ‘हमरे भउजी के बहिनिया’ की शूटिंग पूरी की है, जिसमें उनके नायक राऊडी हीरो प्रेम सिंह हैं. फिल्म हमरे भउजी के बहिनिया के निर्माता, निर्देशक समीर सिंह,सहनिर्माता हिम्मत सिंह हैं.इसके अलावा अभी हाल में ही नीलू ने बक्सर के गायक व अभिनेता छोटू पांडे के साथ फिल्म ‘दुलरुआ’ की शूटिंग पूरी की हैं, जिसमें कुणाल सिंह भी एक अहम किरदार में हैं.

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रायबरेली, उत्तर प्रदेश निवासी नीलू शंकर सिंह तकदीर को बहुत मानती हैं. वह कहती हैं ‘‘तकदीर मुझे यहां तक लेकर आयी है. मैंने बचपन से हिरोइन बनने का कोई सपना नहीं देखा था.पर तकदीर ने चमत्कार दिखाया. मुझे अपने पापा के नाम को रोशन करने का मौका मिला है. तो मैं सच्चाई की राह पर आगे बढती रहूंगी. न किसी से गिरकर काम माँगना है और न ही कोई समझौता करना है.मेरा काम करने का यही नियम है.’

कंगना रानौत के पदचिन्हों पर चल रही है ये भोजपुरी एक्ट्रेस

पिछले कुछ समय से भोजपुरी फिल्म इडस्ट्री में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. खेसारी लाल यादव को लेकर मूलतः गुजराती भाषी मगर भोजपुरी फिल्मों की सफल अदाकारा काजल राघवानी के साथ साथ अभिनेता चिंटू पांडे तथा उनके पिता व निर्देशक राज कुमार आर पांडे ने कई तरह के बयान जारी किए हैं.

इन बयानों के बीच ‘मिस दिल्ली’ व ‘मिस हरियाणा’ का खिताब जीत चुकी मुजफ्फरपुर, बिहार निवासी मॉडल, गायक व अभिनेत्री पलक प्रसाद ने खेसारीलाल यादव का पक्ष लेते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में भोजपुरी इंडस्ट्री के कई काले राज उजागर कर डाले.

इस प्रेस काफ्रेंस में पलक प्रसाद ने भोजपुरी इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री काजल राघवानी पर बहुत गहरे आरोप लगाने के साथ ही भोजपुरी के कुछ दूसरे लोगो के काले राज उजागर करते हुए कहा- ‘‘हमारे भोजपुरी के कलाकार और उत्तर प्रदेश तथा बिहार के दर्शक बहुत ही अच्छे हैं. इन्होंने गुजराती अभिनेत्री काजल राघवानी की भोजपुरी फिल्में भी पसंद की.

जबकि कुछ दिन पहले ही गुजरात में बिहार और उत्तर प्रदेश के निवासियों को बेवजह परेशान किया जा रहा था. तब भी हमारे भोजपुरी कलाकारों व दर्शकों ने काजल राघवानी का विरोध नही किया. कभी यह नही कहा कि गुजराती होने के कारण उन्हे भोजपुरी फिल्में नही करनी चाहिए. और न ही काजल की फिल्मों को सिनेमाघरों में रिलीज होने से ही रोका. लेकिन कल तक काजल राघवानी,अभिनेता खेसारीलाल यादव के संग गलबहियां कर रही थी,पर उनसे ब्रेकअप होते ही काजल राघवानी ने खेसारी लाल के संबंध में काफी अपशब्द कहे हैं.

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जबकि खेसारीलाल यादव व पवन सिंह ने काजल के कैरियर को आगे बढ़ाने में काफी मदद की. लेकिन वह तो एहसान फरामोश निकली.’’

काजल के एक बयान पर सवाल उठाते हुए पलक प्रसाद ने आगे कहा- ‘‘लेकिन काजल ने एक इंटरव्यू में कहा है-‘मैं गुजराती हूं, मेरे अंदर इंसानियत है. मैं हर जगह जाती हूं. हर इंसान से प्यार से बात करती हूं.’ काजल राघवानी के इस तरह के इंटरव्यू की वजह मेरी समझ से परे है. काजल राघवानी भोजपुरी कलाकारों के ब्रेकअप की खबरे फैलाने के अलावा कई तरह के गंदे बयानबाजी कर रही हैं.

मैं उनके बयानों को दोहराना नहीं चाहती. मैं तो चाहती हूं कि काजल राघवानी को बैन कर देना चाहिए.’’ पलक प्रसाद को इस बात से भी नाराजगी है कि महज काजल राघवानी का साथ देने के लिए अभिनेता चिंटू पांडे के पिता व निर्देशक राज कुमार आर पांडे ने खेसारी लाल यादव को ‘छक्का’ कहा. पलक प्रसाद ने बताया कि कैसे हाल ही में चिंटू पांडेय के पिता राज कुमार पांडेय ने खुद को प्रताड़ित करने का इमोशनल ड्रामा किया.

वह कहती हैं-‘‘मुझे समझ में नही आता कि किसी को ‘छक्का’ कहकर यह लोग भोजपुरी के बच्चों को क्या सिखाना चाहते हैं. इतना ही नही चिंटू पांडे एक तरफ कहते हैं कि वह अपने चाचा को कभी कोई अपशब्द नहीं कहते.

जबकि सभी जानते हैं कि वह अपने चाचा से कहते हैं कि,‘तुम सठिया गए हो’.क्या अपने बड़ों से बात करने का यही सलीका है? चिंटू पांडे की बातें सुनकर तो भोजपुरी का हर बच्चा अपने चाचा व ताउ को ‘सठिया गए हो’ कहेगा. इस तरह कुछ लोग हमारे उत्तर प्रदेश व बिहार के लोगों को गलत संस्कृति व गलत भाषा सिखा रहे हैं. यह सभी कलाकार भोजपुरी भाषा की फिल्मों में काम कर अपना पेट भरते हैं. शानोशौकत की जिंदगी जीते हैं, मगर भोजपुरी फिल्मों की हर जगह बुराई करते नजर आते हैं. भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को गंदी बताते है.मुझे ऐसे लोगों से खास नाराजगी है.’’

पलक प्रसाद आगे कहती हैं- ‘‘हमारी भोजपुरी फिल्मों से जुड़े लोगों के चाल चलन के ही चलते भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री बदनाम है. यह कलाकार अपने फायदे के लिए एक दूसरे के साथ प्यार का खेल खेलते हैं. जब किसी मुकाम पर पहुंच जाते हैं, तो एक दूसरे को बुरा बताने लगते हैं. और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को गंदगी से भरी बताने लगते हैं. चिंटू पांडे व उनके पिता राजकुमार आर पांडे की हरकतों के चलते मुझे निराशा हुई. पता नहीं क्यों राजकुमार पांडे, काजल राघवानी के समर्थन में दूसरों को बदनाम कर रहे हैं. राज कुमार पांडे जैसे घटिया लोगों की वजह से हमें भी गलत बातें सुनने को मिलती है. इन घटिया लोगों की वजह से ही हम अपना सिर नीचा करके चलते हैं. अफसोस की बात यह है कि भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में बिहारी ही बिहारी के दुश्मन बने हुए हैं.’’

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पलक प्रसाद का सपना रियालिटी शो ‘बिग बॉस’का हिस्सा बनना है. जिसे वह अवश्य हासिल करना चाहती हैं. उनका दावा है कि उनकी निजी जिंदगी के काफी उथल पथल हो चुका है. वह कहती हैं- ‘‘मैं किसी से नही डरती. कम से कम सच कहने से बिलकुल नही डरती. भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिजम हावी है. मैं सोचती हूं कि मैं आगे चलकर कंगना रानौत बन सकती हूं. उनकी ही तरह भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की शेरनी बनना चाहती हूं.’’

मां बनने के बाद बदला अनुष्का शर्मा का लुक, देखें Viral Photo

बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह आए दिन फैंस के साथ अपनी फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. हाल ही में एक्ट्रेस एक बेटी की मां बनी हैं. और इन दिनों अनुष्का शर्मा अपना मदरहुड एंजॉय कर रही हैं.

अब एक्ट्रेस ने अपनी एक फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है जिसमें उनका लुक बदला हुआ नजर आ रहा है.

 

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एक्ट्रेस की ये फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इस फोटो में एक्ट्रेस धूप में एक सोफे पर बैठी हुई नजर आ रही हैं. उन्होंने जीन्स के साथ ब्लू जैकेट पहन रखी है फोटो को शेयर करते हुए अनुष्का ने कैप्शन में लिखा कि, लाइट कैचर.

फैंस इस फोटो को खूब पसंद कर रहे हैं. कई यूजर्स ने इस फोटो पर कमेंट किया. एक यूजर ने  इस फोटो पर कमेंट किया है कि अभी भी चेहरे पर प्रेग्नेंसी ग्लो दिखाई दे रहा है.

 

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वर्कफ्रंट की बात करें तो अनुष्का शर्मा आखिरी बार फिल्म जीरो में दिखाई दी थीं. इसके बाद उन्होंने अपने प्रोडेक्शन में दो वेब सीरीज का निर्माण किया जिसका नाम है पाताल लोक और बुलबुल. दोनों ही सीरीज को लोगों ने  काफी पसंद किया था.

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‘अनुपमा’ एक्ट्रेस रुपाली गांगुली Nach Baliye 10 में पति संग लगाएंगी ठुमके? पढ़ें खबर

स्टार प्लस  का चर्चित सीरियल अनुपमा (Anupamaa) इन दिनों फैंस के बीच काफी मशहूर है. और काफी कम समय में इस सीरियल ने फैंस के दिल में जगह बना ली है. इस सीरियल की लीड एक्ट्रेस रुपाली गांगुली घर-घर में अनुपमा के नाम से मशहूर हैं. Rupali Ganguly ने काफी लंबे समय के बाद टीवी पर वापसी की हैं.

इस बीच यह खबर आ रही है कि अनुपना यानी रुपाली गांगुली जल्दी ही टीवी डांसिंग रियल्टी शो नच बलिए 10 का हिस्सा बन सकती हैं.

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मिली जानकारी के अनुसार एक्ट्रेस अपने पति अश्विन वर्मा (Ashwin Verma) के साथ ठुमके लगाते हुए दिखाई देंगी. तो अब एक्ट्रेस ने खुद इन खबरों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है.

खबरों के अनुसार, एक्ट्रेस ने कहा कि  हर जगह मेरे और अश्विन के नच बलिए 10 में काम करने को लेकर बातें हो रही हैं. ये सभी अफवाहें हैं. मैं कभी भी नच बलिए नहीं कर सकती क्योंकि मेरे पति अश्विन कभी मेरे साथ ऑन स्क्रीन नहीं आएंगे.

 

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बताया जा रहा है कि उन्होंने आगे कहा कि वो मुझे अनुपमा में काम करते हुए देखकर खुश होते हैं. लेकिन साथ में डांस करने का सवाल नहीं उठता.

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बता दें कि इस डांस रियलिटी शो को ऑन एयर हुए 10 साल हो चुके हैं. 2020 में इस टीवी रियलिटी शो के विजेता प्रिंस नरुला और युविका चौधरी बने थे.

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