प्यार की चाहत स्वाभाविक है. स्त्री हो या पुरुष सबको एक साथी की जरूरत होती है. मगर जब यह प्यार दीवानगी और पागलपन की हद को छूने लगे तो यहां से मर्यादा और कानून की सीमाओं का उल्लंघन शुरू हो जाता है, बात जब बढ़ती है तो बात “अपराध” तक जा पहुंचती है. और अपने जीवन के साथ साथ दूसरों का जीवन भी बर्बाद हो जाता है.
सवाल है संबंधों के और सामाजिक दायरे के भीतर रहने का. इसके उल्लंघन के साथ ही कानून का भी उल्लंघन शुरू हो जाता है और अपराध की श्रेणी में आ जाता है. आज इस रिपोर्ट में इस महत्वपूर्ण सामाजिक और अपराधिक मसले में होते तब्दीली पर हम कुछ ऐसे तथ्य आपके सामने रखने जा रहे हैं जो बेहद जरूरी हैं. और जनहित के महत्वपूर्ण सवाल भी.
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देखिए कुछ ऐसे अपराधिक घटनाक्रम जो हमारी इस रिपोर्ट की पुष्टि करते हैं.
पहला घटनाक्रम– छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला में एक शख्स सुरजीत सिंह ने अपने पड़ोसन के खातिर अपने पत्नी परिवार को छोड़कर दूसरी महिला का दामन थामा और दो परिवार एक साथ तबाही के दहलीज पर पहुंच गए .
दूसरा घटनाक्रम– जिला राजनांदगांव में एक महिला ने पड़ोस के एक शादीशुदा व्यक्ति रमेश शर्मा से प्यार की पेंगे बढ़ाई और अपने घर परिवार को छोड़कर भाग गई.इस तरह दो परिवार तबाह हो गए.
तीसरा घटनाक्रम– छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर के जबरा पारा के सुदामा वर्मा नामक शख्स ने एक महिला के फेर में पड़कर अपने तीन बच्चों और पत्नी को छोड़ दूसरा विवाह रचा लिया. पहली पत्नी ने बच्चों से आखिरकार आत्महत्या कर ली.
और जलाकर मारने की कोशिश
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के निकट सेरीखेड़ी गांव आदिवासी बाहुल्य है. 9 मार्च 2021 को रात एक शादीशुदा शख्स ने पड़ोस में जाने वाली एक नाबालिग आदिवासी लड़की को जलाकर मारने की कोशिश की. प्यार के पागलपन में उसने मिट्टी तेल (किरोसीन आइल) डालकर उसके शरीर में आग लगाने की हिमाकत कर दी.
इस दौरान झूमाझटकी में आरोपी भी झुलस गया. लेकिन जब उसे अपराध का संज्ञान हुआ तो वहां से भाग निकला. नाबालिग चीख पुकार करते हुए बाहर आई. परिजनों ने आग बुझायी. उसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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डाक्टरों के मुताबिक नाबालिग 50 फीसदी झुलस गई है. हादसे के बाद से सेरीखेड़ी में सनसनी फैल गई. सवाल यह है कि आरोपी नाबालिग युवती के घर के भीतर कैसे पहुंच गया.इतनी बड़ी घटना के बाद कैसे भाग गया.
पुलिस बताती है कि यह सारा मामला एक तरफा प्यार का है.
सेरीखेड़ी में 16 साल की रानू (काल्पनिक नाम) परिवार के साथ रहती है . वहीं पास में आरोपी करन पोर्ते (22) का घर है. वह पिछले कुछ महीने से रानू काे परेशान कर रहा था वह जहां भी जाती वह उसका पीछा करते हुए पहुंच जाता. करन नाबालिग से शादी करना चाहता था, जबकि नाबालिग उसे पसंद नहीं करती. वह करन को बातचीत करने से भी इंकार करती रही.
नाबालिग के पिता ने कई बार करन काे समझाया और चेतावनी भी दी कि वह रानू को परेशान करना छोड़ दे. इसके बाद भी करन ने उसका पीछा करना नहीं छोड़ा.वह पिछले कुछ दिनों से उसे फोन कर परेशान करने लगा था खास बात यह कि करन एक मजदूर है और विवाहित भी उसके दो बच्चे हैं.
घटना रात्रि को 3 बजे करन मौका देख कर रानू के घर घुस गया. नाबालिग के माता-पिता और बहन सो रहे थे.वह नाबालिग के कमरे में घुस गया. वहां दोनों के बीच विवाद हुआ. करन ने अचानक ही रानू पर मिट्टी तेल डालकर आग लगा दी. इस दौरान उसके शरीर पर भी आग लग गई. उसने तुरंत अपने कपड़ों की आग बुझाई और वहां से भाग गया.
रानू चींखती बाहर आई. उसकी आवाज सुनकर परिजनों ने आग की लपटों में घिरा देख किसी तरह आग बुझाई और उसे अस्पताल ले गए.
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प्यार का अपराधीकरण
दरअसल, जब कोई विवाहित किसी नाबालिग अथवा अविवाहित लड़की से प्यार का इजहार करने लगे और शादी करने की जिद तो यहीं से अपराध के बीज पड़ने लगते हैं. समाज और कानून के नियमों परंपराओं का उल्लंघन करने के कारण जहां अपराध होने लगते हैं वही विकृति भी पैदा हो जाती है.
उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बीके शुक्ला के मुताबिक उनके पेशेवर समय में ऐसे अनेक मामले उनके पास आए हैं जिनमें ऊपर घटित अपराध घटनाक्रम के पात्र रानू और करन जैसे हालात रहे हैं. ऐसे मामलों में कुल मिलाकर दोनों ही परिवारों का जीवन बर्बाद होते मैंने देखा है. कानून की अपनी मर्यादा होती है, सीमाएं हैं. अच्छा हो कि इस लेख को पढ़कर समझ कर अगर कुछ लोग भी अपनी मर्यादा लक्ष्मण रेखा खींच लें, तो उनका जीवन सुखमय हो जाएगा.
पुलिस अधिकारी इंद्र भूषण सिंह के मुताबिक अक्सर इस तरह के घटनाक्रम पुलिस के पास आते ही रहते हैं. मैंने विवेचना की है और पाया है कि पुरुष हो या स्त्री दोनों में से किसी के भी पैर भटक सकते हैं और जब जब ऐसा होता है तो सामाजिक परंपराओं का उल्लंघन होता है. और परिवार टूट जाते हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता शिव दास महंत के मुताबिक उनके सामाजिक जीवन में भी ऐसे कुछ उदाहरण उन्होंने देखे समझे हैं. और जीवन की डगर में भटकती हुई महिला पुरुषों को समझाइश देकर उन्हें सही मार्ग पर लाने का छोटा सा सफल प्रयास किया है.