लेखक- रविंद्र शिवाजी दुपारगुडे
ये वक्त से लड़ कर अपना नसीब बदल दे, इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे. कल क्या होगा उस की कभी न सोचो, क्या पता कि कल वक्त खुद अपनी लकीर बदल दे.पंक्तियां तब सार्थक हो जाती हैं जब हम रानू मंडल जैसे लोगों के बारे में सुनते हैं. कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. ऐसा ही कुछ रानू मंडल के साथ हुआ.
अपनी सुरीली आवाज के दम पर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई और आज वह ऐसी जगह मौजूद हैं, जहां पहुंचना उन लोगों का सपना होता है, जो संगीत की दुनिया में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं.
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कुछ दिनों पहले तक पश्चिम बंगाल के रानाघाट रेलवे स्टेशन पर रानू मंडल नाम की उम्रदराज महिला अकसर पुरानी फिल्मों के गीत गा कर भीख मांगती थी. इस तरह उसे पेट भरने लायक पैसे मिल जाते थे.
ऐसे ही एक दिन वह भीख मांगतेमांगते मशहूर गायिका लता मंगेशकर का गाया हुआ फिल्म शोर का गीत ‘एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है…’ गा रही थी. यह गीत इतना कर्णप्रिय लग रहा था कि उधर से गुजरने वाले लोगों के पैर वहां रुक गए.
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लोग इस बात से ताज्जुब में थे कि उस भीख मांगने वाली महिला की आवाज हूबहू लता मंगेशकर की आवाज से मिल रही थी. लोगों की उस भीड़ में सौफ्टवेयर इंजीनियर अतींद्र चक्रवर्ती भी शामिल थे. वह गाती हुई महिला का वीडियो बनाने लगे.
बाद में अतींद्र ने उस की वीडियो को यूट्यूब पर डाल दिया. इस के बाद यह वीडियो वायरल हो कर लाखों लोगों तक पहुंच गया. लोगों ने रानू मंडल की आवाज की बहुत तारीफ की.
यह वीडियो वायरल होते हुए मशहूर सिंगर और अभिनेता हिमेश रेशमिया के पास पहुंचा तो वह रानू मंडल की आवाज से बेहद प्रभावित हुए. उन्होंने रानू मंडल से मुलाकात की. उस की आवाज को गहराई से परखा.
उन्हें लगा कि अगर रानू मंडल को कुछ ट्रेंड कर दिया जाए तो वह अच्छी गायिका बन सकती हैं. इसलिए वह रानू को स्टूडियो ले गए. पहले उन्होंने रानू को अच्छा लुक दिया. उन का मेकओवर किया. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी नई फिल्म ‘हैप्पी हार्डी ऐंड हीर’ के लिए ‘तेरी मेरी, मेरी तेरी…’ गीत भी गवाया.
इस गीत से रानू मंडल सोशल मीडिया के माध्यम से रातोंरात दुनिया भर में मशहूर हो गईं. हिमेश रेशमिया के एक ही कदम से रानू मंडल सेलिब्रिटी की कतार में खड़ी हो गईं. इस के बाद तो फिल्म इंडस्ट्री की नामीगिरामी शख्सियतों सलमान खान, अमिताभ बच्चन आदि ने भी रानू मंडल की आवाज की बहुत तारीफ की.
साल 1979 में एक फिल्म प्रदर्शित हुई थी ‘सरगम’, जिस में अभिनेत्री जयाप्रदा और अभिनेता ऋषि कपूर पर एक गाना फिल्माया गया था. ‘डफली वाले डफली बजा’ उन दिनों यह गाना काफी मशहूर हुआ था. इस गाने को मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर ने गाया था. वही गाना अब रानू मंडल की आवाज में उन के दूसरे अलबम के रूप में सामने आया है.
हिमेश रेशमिया ने रानू मंडल की आवाज में जो गाना रिकौर्ड कराया है, रानू मंडल को उस गाने का पारिश्रमिक 6 लाख रुपए मिला. रानू मंडल के बारे में अब काफी नईनई जानकारियां सामने आ रही हैं. जैसे कि वह पहले मुंबई में ही रहती थीं. तब उन्हें रानी बौबी नाम से जाना जाता था.
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रानू ने बताया कि उन के पति अभिनेता फिरोज खान के यहां खाना बनाने का काम करते थे. तब वह पति के साथ किचन में अकसर गीत गुनगुनाती रहती थी. एक दिन खुद फिरोज खान ने उन की मधुर आवाज की तारीफ की थी.
पति की मौत के बाद रानू को मुंबई छोड़ कर वापस रानाघाट आना पड़ा. रानू ने बताया कि उस का जन्म किसी फुटपाथ पर नहीं हुआ था बल्कि एक अच्छे परिवार में हुआ था. 6 साल की उम्र में ही वह अपने परिजनों से अलग हो गई थीं. उन्हें उन की बहन ने पालापोसा.
रानू मंडल ने काफी संघर्ष किए. उन्हें लता मंगेशकर के गीत बहुत प्यारे लगते थे. इसलिए जब भी मौका मिलता, वह उन के गीत गाती रहती थीं.
कहते हैं कि गरीबी में अपने सगेसंबंधी भी साथ छोड़ जाते हैं. यही रानू मंडल के साथ भी हुआ. उन की बेटी सती राय ने खुद उन का साथ छोड़ दिया था, तब रानू रानाघाट स्टेशन पर पहंचीं. इस के बाद तो प्लेटफार्म ही उन का घर बन गया. वहीं पर गाने गा कर वह भीख मांगतीं और वहीं सो जातीं. लेकिन अब रानू के सितारे गर्दिश से निकल कर चमकने लगे तो वही बेटी मां से मिली.
रानू ने गिलेशिकवे भुला कर बेटी को गले लगाया और कह दिया कि जो हो गया, वह बीता पल था. मेरी बेटी अपनी परेशानियों के कारण मुझ से दूर थी. मैं उसे बिलकुल दोष नहीं दूंगी. जबकि सती राय का कहना है कि मुझे खुद मेरे पति ने छोड़ दिया, जिस से मेरी जिंदगी भी दुख और दर्द से भरी हुई है.
उस ने कहा कि डिप्रेशन के कारण मां ने हमारा घर छोड़ दिया था. पिता की मृत्यु के बाद भी मां हमारे साथ 8 सालों तक रहीं. डिप्रेशन का शिकार बनने के कारण वह परिवार के साथ नहीं रहती थीं. उन्होंने खुद ही घर छोड़ा था. उस के बाद हमारा सपंर्क नहीं रहा.
कई बार रिश्तेदार मां के बारे में बताते थे कि तुम्हारी मां यहां हैं, वहां हैं. पर निजी जिंदगी की तकलीफों के कारण हम ने मां की तरफ ध्यान नहीं दिया. सती राय ने अपनी मां के मैनेजर अतींद्र चक्रवर्ती पर भी गंभीर आरोप लगाए. उस ने कहा कि अतींद्र उसे उस की मां से मिलने नहीं देते. इतना ही नहीं, वह उस की मां के पैसों का भी गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. पर अच्छीखासी अंगरेजी बोलने वाली रानू मंडल ने ही बेटी और अपने मैनेजर के बीच सुलह करवा दी.
अब तक रानू मंडल ने 3 गाने रिकौर्ड किए हैं और अभी कई स्टेज शो के उन्हें औफर मिल रहे हैं. यही नहीं, भोजपुरी फिल्म निर्माताओं ने भी अपनी फिल्मों में रानू की आवाज का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. आइटम डांसर राखी सावंत ने भी कहा है कि मंदाकिनी बोरा के गाए उन के ‘छप्पन छुरी’ गाने के रिमिक्स वर्जन को रानू मंडल की आवाज दी जानी चाहिए.
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