#lockdown: बंदी की कगार पर मध्यम और छोटे कारोबारी

लौक डाउन की वजह से डूबते कारोबारी जगत को अब सरकार से ही राहत की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को जरूरी एहतियात के साथ कारोबार जगत को पटरी लाने के लिए सतर्कता बरतते हुए उपाय करना चाहिए और कारोबारियो की मदद करनी चाहिए.

देश मे कारोबार और कारोबारियों की हालत बहुत  खराब है. नोटबंदी और जीएसटी की गलत नीतियों से कारोबार जगत उबर भी नही पाया था कि “करोना” और ”लौक डाउन” से कारोबार और भी अधिक टूट गया अब यह बंदी के कगार पर पहुच गया है.

लखनऊ की युवा कारोबारी रोली सक्सेना ने 3 साल पहले गारमेंट्स का अपना बिजनेस शुरू किया. अपनी छोटी सी दुकान को बड़े शो रूम में बदला दिया. 40 हजार रुपये के किराए पर एक जगह लेकर शॉप शुरू की. अचानक नोटबन्दी और जीएसटी की वजह से कारोबार में काफी उथलपुथल आ गई. वो किसी तरह से इन हालातों को संभाल रही थी.

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इसी बीच जब ‘करोना’ और ”लौक डाउन” का समय आया तो कारोबार पूरी तरह बन्द हो गया. दुकान के मालिक ने 40 हजार रुपये किराए की मांग की. रोली ने किराया देने का तो तय कर लिए पर यह सोच लिया कि अब यह कारोबार नहीं करेगी. रोली कहती है “सरकार कारोबारियों को हालात समझती है. उसे इनकी मदद का कोई एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए वरना हमारे जैसे ना जाने कितने कारोबारी कारोबार बंद कर सड़क पर आ जायेंगे.”.

छोटे कारोबारियों के लिए राहत पैकेज दे सरकार : संदीप बंसल

अखिल भारतीय उधोग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा है कि “देश और प्रदेश की सरकार को उन कारोबारियों की चिंता करनी चाहिए जो माध्यम वर्ग के है और आवश्यक सेवाओ का कारोबार नही करते है. यह व्यापारी ऐसी किसी भी सरकारी राहत योजना में भी नही आते जिससे उनको सरकार की मदद मिल सके.”.

कारोबारी नेता संदीप बंसल ने कहा कि “होली के समय से ही इन सबका कारोबार नही चल रहा है. यह अपने खर्चे और कर्मचारियों के वेतन का इंतजाम तभी कर सकते है जब इनकी दुकानें खुले. जब तक इन कारोबारियों की दुकानें नही खुल रही तब तक यह खुद भुखमरी के कगार पर है.”

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संदीप बंसल ने कहा कि “जो बड़े कारोबारी है और सक्षम है वो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा दे रहे है. तमाम व्यपारी जनता को खाना खिलाने और दूसरी मदद का काम भी कर रहे है. इसके बाद भी देश मे करोड़ो ऐसे व्यपारी है जो रोज कमाने औऱ खाने वाले है. सरकार के पास ऐसे कारोबार और उसको करने वाले लोगो के लिए कोई योजना नहीं है. यह व्यपारी अपने व्यपार के बन्द होने की हालत से परेशान है और उनकी समझ मे नही आ रहा कि कैसे हालात का मुकाबला करे. सरकार से यह लोग भी राहत की उम्मीद कर रहे है.”.

#Lockdown: डिजिटल बन रहा है सहारा, सब्सक्रिप्शन में आई तेजी

कोरोना महामारी के चलते लोग अपने घरों में कैद होकर रह गयें हैं. इस दौर में लोगों के सामने देश दुनियाँ की खबरों पर नजर रखने के साथ ही मनोरंजन के साधनों पर भी ग्रहण लग चुका है. सरकार भले ही अखबार पत्रिकाओं के छपने पर पाबन्दी न लगाने की बात कर रही हो लेकिन आवागमन के साधनों पर पाबन्दी लगने के चलते अखबार पत्रिकाओं सर्कुलेशन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. वहीँ सोसल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रख कर सिनेमाहालों के खुलने पर लगाए गए पाबन्दी नें नई फिल्मों की रिलीजिंग को भी लटका रखा है. टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक शूटिंग बंद होने से रिपीट टेलीकास्ट हो रहें हैं. बार-बार रिपीट हो हो रहे धारावाहिकों को देख कर लोग अब ऊबनें लगें हैं. ऐसे में अब लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर पैसे खर्च कर मनोरंजन के साधनों की तलास करने के साथ ही पत्रिकाओं और अख़बारों को सब्सक्राइब कर रहें हैं.

पत्रिकाओं और अखबारों के साथ ऑनलाइन मूवी दिखाने वाले प्लेटफार्म पर यूजर्स की संख्या में आया उछाल

लोग घर बैठे खबरों और कहानियों को पढने के साथ ही देश दुनियां पर नजर रखने के लिए अब पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म पर निर्भर नजर आ रहें हैं. जिससे मनोरंजन मिलनें के साथ ही अपडेट जानकारियां भी मिल पा रहीं हैं. डिजिटल प्लेटफार्म पर बढ़ रहे खर्चों को देखते हुए बीते कुछ दिनों से पत्रिकाओं और अखबारों नें पाठकों के लिए मुफ्त सेवा पर पाबंदियां लगा दिया है. और मामुली शुल्क पर लोगों को मासिक और वार्षिक आधार पर सब्सक्राइब करने का ऑफर दे रहें हैं. जिसे सब्सक्राइब कर पाठक पूरी तरह से उस डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग पढ़ने के लिए कर सकतें हैं.

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दिल्ली प्रेस के पत्रिकाओं की अगर बात की जाए तो LOCKDOWN के दौरान इसके डिजिटल प्लेटफार्म पर पाठकों की संख्या में तेजी से उछाल आया है. दिल्ली प्रेस अभी भी सरस सलिल और गृहशोभा के डिजिटल प्लेटफार्म को पाठकों के लिए मुफ्त में पढने के लिए उपलब्ध करा रखा है. केवल सरिता डिजिटल के लिए मासिक और वार्षिक आधार पर मामूली शुल्क लिया जा रहा है. जिसे लोग पैसे खर्च कर न केवल सब्सक्राइब कर रहें हैं बल्कि पढ़ने के लिए पूरा समय भी दे रहें हैं.

इन डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये लोग बेहतरीन वेब सीरीज और नई फिल्मों का लुत्फ तक उठा रहे हैं. इस समय लोग टीवी की जगह नेटफ्लिक्स, एमजॉन प्राइम, वूट, जी 5 जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैसे खर्च कर फिल्मों का मजा ले रहें हैं. इसके अलावा एमजॉन और नेटफ्लिक्स पर वायरस से जुड़ी फिल्मों को दिखाए जाने की होड़ मची हुई है. जिसे देखने के लिए दर्शक पैसे खर्च करनें में ज़रा भी पीछे नहीं हैं यही कारण है. जिससे इनके सब्स्क्रिबर्स की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है.

डिजिटल प्लेटफौर्म के सस्ते प्लान का उठाएं लाभ नहीं तो चुकता करने होंगे अधिक पैसे

अक्सर यह देखा जाता की जब किसी चीज की मांग में बढ़ोतरी होती है तो उसके रेट भी बढ़ जातें हैं. लेकिन इन सबसे इतर डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये लोगों को खबरें, कहानियाँ, लेख, वेबसीरीज, कराने वाले लोगों नें अपने सब्स्क्रिप्सन शुल्क में भारी कटौती की है. लॉक डाउन के दौरान सिनेमा के साथ-साथ अख़बार और पत्रिकाओं के सबस्क्रिप्सन शुल्क में भारी कमी देखने को मिल रही है. लोगों को खबरें,कहानियाँ और मूवी दिखाने वाले डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े लोगों का कहना है की वह इस लॉक डाउन में कम पैसे में लोगों का मनोरंजन करने और अपडेट ख़बरें पहचानें के लिए संकल्पबद्ध हैं जिसका लाभ लोगों को उठाना चाहिए.

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दिल्ली प्रेस की सर्वाधिक पसंद की जाने वाली पत्रिका सरिता ने भी स्पेशल ऑफर का प्लान अपने पाठकों के लिए जारी किया. इस प्लान के तहत पाठक को साल भर के लिए 600 रूपये की जगह केवल 149 रूपये और एक महीने के लिए 50 रूपये की जगह मात्र 29 रूपये सब्सक्राइब करने के लिए खर्च करनें होंगे. सबस्क्राइब करने के बाद सरिता अपने सभी लेख और कहानियां सबस्क्राइब करने वाले पाठक के लिए मुहैया कराता है. कई अखबारों ने अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर भी अपने सब्स्क्रिप्सन शुल्क में भारी कटौती की है.

इसी के साथ डिजिटल प्लेटफार्म पर पैसे खर्च कर मूवी देखने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है इसका एक कारण शुल्क लेकर डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये मूवी और वेबसीरीज दिखाने वाली वेबसाइटों द्वारा भारी कटौती किया जाना भी है.

अगर आप भी हो रहें हो बोर तो आज ही करें सबस्क्राइब

अगर आप भी लौक डाउन (LOCKDOWN) में घर बैठे बोर हो रहें हैं तो बेहतरीन कहानियों और लेखों के साथ ही मन पसंद मूवी, वेबसीरीज देखनें के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा ले सकतें हैं और इस लौक डाउन में दिए जा रहे औफर का लाभ उठा सकतें हैं.

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स्वरा भास्कर ने दिया पीएम की अपील पर रिएक्शन, ट्रोल करते हुए यूजर्स ने पार की हदें

फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर हर वाजिब मुद्दे पर खुल कर बोलनें वालों में शुमार हैं. भले ही उन्हें इसके लिए आलोचना का समाना क्यों न करना पड़े. लेकिन वह इन चिंताओं से दूर अपनी भावनाएं सोशल मीडिया पर खुल कर जाहिर करती रहतीं हैं. अब उन्हें अपने ट्विटर एकाउंट पर कोरोना को लेकर किये गए एक प्रतिक्रिया को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

पीएम ने की थी ये अपील…

स्वरा नें यह प्रतिक्रिया प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के उस अपील पर दी है. जिसमें उन्होंने 5 अप्रैल यानी रविवार की रात 9 बजे सभी लोगों से घर की लाइट बुझाकर 9 मिनट तक दिए, मोमबत्ती जलाने और मोबाइल के फ्लैश लाइट को जलाने का आग्रह किया है. इसके पहले भी प्रधानमन्त्री नरेद्र मोदी नें 22 मार्च को कोरोना संकट में एक जुटता के लिए शाम 5 बजे ताली-थाली बजाने का आह्वान किया था. जिस पर आम जनता से लेकर सेलेब्रेटी नें बखूबी अमल किया था.

स्वरा ने किया ये कमेंट…

स्वरा भास्कर नें प्रधानमंत्री के इसी अपील पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. स्वरा नें अपने ट्विटर एकाउंट पर एक पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया में लिखा है “थाली बजाएंताली बजायेंदिये जलाएंटॉर्च चलाएं सब करें.. बस याद रखें कि अस्पतालों में डॉक्टरनर्सेज़ और मेडिकल कर्मचारी हैं जिन्हें इन प्रदर्शन से ज़्यादा ग्लवमास्क इत्यादि अपनी सुरक्षा की सामग्री चाहिए अपनी जान बचाने के लिए ताकि वो #corona से देश को बचा पाएँ! #DocsNeedGear”. 

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यूजर्स ने किया जमकर ट्रोल…

स्वरा के इस प्रतिक्रिया के बाद यूजर्स हाथ धोकर उनके पीछे पड़ गयें हैं. ट्विटर पर दिए गये इस प्रतिक्रिया पर उन्हें जमकर गालियां भी मिल रही है लेकिन स्वरा इस सबसे बेफिक्र है.

प्रणव महाजन (Pranav Mahajan) नाम के एक यूजर्स “आपसे विनर्म अनुरोध है कि आप कुछ दिन के लिए social media से self quarantine हो जाएं. देश को बचाने में यही आपका सहयोग होगा”

स्वरा भास्कर के इस प्रतिक्रिया पर यूजर्स नें जो ट्रोल किये उसमें तो कई नें निहायत ही घटिया किस्म का कमेन्ट किया है. आप इसी से अंदाज लगा सकतें हैं की स्वरा के इस प्रतिक्रिया पर 8 हजार से अधिक लोगों नें ट्रोल किया है और कई नें तो बहुत ही अश्लील और गंदे मीम्स भी दिए हैं.

वाजिब है स्वरा का सवाल…

लेकिन प्रधानमन्त्री के दिए जलाने वाली अपील पर स्वरा द्वारा दी गई प्रतिक्रिया भी वाजिब हैं क्यों की देश के अधिकांश स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से बचाव में काम आने वाली किट की भारी कमी से जूझ रहें हैं. ऐसे में प्रधानमन्त्री द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के सुरक्षा पर सवाल उठाना वाजिब भी है क्यों की डॉक्टर से लेकर नर्सेज तक अपनी जान जोखिम में डाल कर कोरोना पीड़ितों का इलाज करनें में लगें हैं.

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#coronavirus: सरकार पर भरोसे की कमी है आइसोलेशन सेंटर से डर की वजह

विदेशों में वहां के लोगो को केवल कोरोना की बीमारी से लड़ना है भारत मे बीमारी के साथ ही साथ यँहा पैदा हुई आपसी दूरियों से भी लड़ना जरूरी हो गया है. यही वजह है कि एक वर्ग सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहा और वो अस्पताल जाने की जगह अपनी बीमारी छिपाने में लगा है.

कोरोना के मरीजों को आइसुलेशन सेंटर से भय लगता है. जिसकी वजह से वो लोग खुद का इलाज कराने की जगह से छिपाने में लग जाते है. भारत मे यह एक अलग तरह का डर लोगो मे देखा जा रहा है. इसका मुकाबला करने के लिए भारत सरकार ने जो तरीका अपनाया वो काउंसलिंग करने की जगह डराने वाला हो गया है.

भारत मे करोना से प्रभावित मरीजों को चिन्हित करके अस्पताल भेजने में पुलिस और प्रशासन को सबसे बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है. महत्वपूर्ण बात यह है कि यँहा 70 साल बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक जनता के मित्र की भूमिका में नही बना सकी है.

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लोगों के मन मे यह ख़ौफ़ बैठा हुआ है कि करोना का पता चलते ही पुलिस पकड़ कर इलाज के लिए अस्पतालों के आइसुलेशन वार्ड में भेज देगी. जंहा पर उनको घर परिवार से मिलने नहीं दिया जाएगा. अगर इलाज के दौरान उनको कुछ हो गया तो परिवार से मिल भी नही पाएंगे. भारत मे रहने वाला हर कोई अंतिम समय अपने परिवार के बीच रहना चाहता है. इस वजह से इलाज कराने की जगह पर वो भागने की कोशिश करता है.

‘आइसुलेशन बनाम डिटेंशन सेंटर’

भारत मे जिस समय करोना का संकट बढ़ रहा था उसी समय नागरिकता कानून पर बहस चल रही थी. जिंसमे यह बात चल रही थी कि जिन लोगो के पास पेपर नही होंगे उनको ‘डिटेंशन सेंटर’ में रहना होगा. यह लोग देश के नागरिक नही माने जाएंगे. मुस्लिम वर्ग में यह बात अच्छी तरह से फैल गई कि मोदी सरकार नागरिकता कानून में मात खाने के बाद करोना संकट के बहाने लोगो को आइसुलेशन सेंटर में रखना चाहती है.

मुस्लिम समुदाय में यह भ्रांतियां भी तेजी से बढ़ी की करोना कुरान से निकला है और वो उनका कुछ नही कर पाएगा. इस तरह की भ्रंतियो से मुस्लिम वर्ग करोना टेस्ट नही कराता हैं. दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में इसी वजह से लोगो ने कानून का पालन नहीं किया.

खराब व्यवहार पर कायम हुआ मुकदमा

जिसकी वजह से बहुत सारे लोगो मे करोना के वायरस फैलने का खतरा बद्व गया हैं. अब जब इन लोगो को ट्रेस करके इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा रहा तो यह लोग वँहा भी दिक्कतें खड़ी कर रहे है. अस्पताल की महिला कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि यह लोग आइसुलेशन वार्ड में गलत हरकते कर रहे थे. महिलाओं को परेशान कर रहे थे.

इस शिकायत के बाद गाजियाबाद के जिला अस्पताल में नर्सों से छेड़छाड़ करने वाले जमाती मरीजों को आरकेजीआईटी के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

तब्लीगी जमाती के कोरोना वायरस संदिग्ध के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनपर  अश्लील हरकतें करने, सहयोग ना करने आदि के संबंध में थानाध्यक्ष ने अपराध संख्या 288/20 अंतर्गत धारा आईपीसी 354 294 509 269 270, 271 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया.

संपूर्ण प्रकरण में समस्त पीड़ित के बयान लेने और साक्ष्य के आधार पर निष्पक्ष विवेचना सुनिश्चित करने हेतु आदेशित किया गया है.

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आइसुलेशन का मनोवैज्ञानिक दबाव :

असल मे जब लोगो को ज़बरदस्ती किसी ऐसी जगह रखा जाता है जंहा वह अपने घर परिवार से ना मिल सके और वह शारीरिक रूप से बीमार हो तो उसका असर उनके दिमाग पर भी पड़ना स्वाभाविक होता है. ऐसे में  सामान्य मरीज में चिड़चिड़ापन हो जाता है. जब मन मे सरकार, प्रशासन और इलाज पर पूरा भरोसा ना हो और यह चिड़चिड़ापन दिमाग पर हावी हो जाता है. ऐसे में यह लोग कुछ गलत व्यवहार कर सकते है.

देश मे हिन्दू मुस्लिम समुदाय में दूरियां इतनी बद्व गई है कि हमारे अंदर एक दूसरे के प्रति भरोसा खत्म हो चुका है. यही वजह है कि जमात ले लोगो के पता लगते ही एक आरोप यह भी लगने लगा कि यह मरीज नही बल्कि मानव बम बन चुके लोग है जो भारत को खत्म करना चाहते है.

इस तरह की आपसी सोच से देश का सामाजिक जीवन खतरे में पड़ रहा है. इसके साथ ही साथ करोना के खिलाफ लड़ाई भी कमजोर पड़ रही है. समाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी कहते है ” समाज मे आपसी दूरी का ही परिणाम है कि एक वर्ग अविश्वास का शिकार हो गया है. सरकार को चाहिए था कि सबसे पहले आपस मे बात करके काम करती जिससे इस तरह को दिक्कते नही आती.’

मनोवैज्ञानिक नेहा आनंद कहती है कि जानलेवा बीमारी का शिकार हो चुके लोग अपना भरोसा ज्यादा खोते है.  ऐसे लोगो का शारिरिक इलाज के साथ मानसिक इलाज भी बहुत जरूरी होता है.  अगर यह मरीज मानसिक रूप से डॉक्टर और अस्पताल या इलाज करने वाली व्यवस्था पर भरोसा नहीं रखेंगे तो ठीक भी नही होंगे.

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मोदी लाइव: साहब! आपसे आवाम भयभीत क्यों रहती है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जब जब टीवी पर देश को संबोधित करने, संदेश देने आते हैं चारों तरफ एक भय का वातावरण, सनाका खींच आता है. आखिर लाख टके का सवाल यह है कि देश की आवाम अपने प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी से भयभीत क्यों रहती है?

जैसे “अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है” एक मुहावरा बन गया है. वैसे ही आज देश में नरेंद्र मोदी की लाइव टेलीकास्ट के समय यह चर्चा बड़े जोरों पर चलती है, ट्रेड करने लगती है कि हमारे प्रधानमंत्री आज जाने क्या “वज्रपात” करेंगे, “बिजली” गिराएंगे!

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शायद यही कारण है कि अपनी इस छवि को दुरुस्त  करने के लिए शुक्रवार का दिन नरेंद्र मोदी ने चयन किया और वक्त भी सुबह 9 बजे का. सबसे बड़ी बात यह कि अपेक्षा के विपरीत, देश की जनता को, सहज  सहलता के साथ सहलाते हुए, यही आग्रह किया कि आगामी पांच अप्रैल दिन रविवार को रात 9 बजे सिर्फ 9 मिनट तक घर में , सब जगह अंधेरा करके, एक दिया जला दिया जाए, एक टार्च  जला दी जाए और यह संदेश दिया जाए कि भारत एक है, भारत की 130 करोड़ आवाम एक है और हम सब मिलकर कोरोना को परास्त करेंगे.

यहां यह बताना लाजमी होगा कि नरेंद्र दामोदर दास मोदी की कार्यशैली पूर्व सभी प्रधानमंत्रियों से बिल्कुल भिन्न है और आपकी एक ही चाहत है कि देश आपको कभी बिसार  न सके संभवत यही कारण है कि बारंबार कुछ ऐसे फैसले लिए जाते हैं जिससे जनता चाहे रो कर नाम ले, की हंसकर नाम ले, नाम तो मोदी का लेना ही पड़ेगा.

मोदी ने अपना मिथक तोड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तीन अप्रैल को एक तरह से अपने ही बनाये मिथक को तोड़ दिया. दरअसल, जाने अनजाने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक बड़ी लकीर खींच दी गई थी. यह लकीर थी, देश की जनता को संबोधन करने के समय कुछ ऐसा प्रहार, कुछ ऐसा वज्रपात, बिजली गिराना की जनता त्राहिमाम त्राहिमाम करने लगे.

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स्मरण आता है 8 नवंबर का वह दिन जब “नोट बंदी” की उन्होंने रात को 8 बजे घोषणा की थी. जब यह संदेश आया था कि प्रधानमंत्री देश को संबोधित करेंगे तो लोगों ने सहजता से लिया था मगर जब रात को 8 बजे उन्होंने नोटबंदी की घोषणा कर दी तो त्राहि-त्राहि मच गई. बाद में जब वह पुनः  रात को आए तो भी जनता को कोई राहत नहीं मिली और यह सबक जरूर मिला की नोटबंदी से आतंकवाद, नक्सलवाद, काला धन समाप्त हो जाएगा. जो कि हम जानते हैं,आज तलक  नहीं हुआ है, इसी तरह जीएसटी पर भी रात को 8 बजे आकर उन्होंने देश को संबोधित किया था. कुल जमा रात को प्रधानमंत्री का आना लोगों में भय, सिहरन पैदा करने लगा था. जिसे आज उनहोंने स्वयं तोड़ने का प्रयास किया है.  मगर मसला यहीं खत्म नहीं होता सवाल है सिर्फ आज के अल्प संवाद से जनता को हासिल क्या हुआ ?जनता को बड़ी अपेक्षा थी कि देश की विषम स्थिति पर, आप मलहम लगाएंगे, मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

कोरोना: यक्ष-प्रश्न यह है

बीते 22 मार्च से, देश एक तरह से घर में बंद है. लॉक डाउन की स्थिति में संपूर्ण देश मानो ठहर गया है.दुकाने बंद है दफ्तर बंद है ट्रेन बंद है, बस बंद है सिर्फ अति आवश्यक कार्य जारी है देश ने अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात को माना और सम्मान करते हुए स्वयं को घरों में कैद कर लिया है. मगर इसके बावजूद देश की स्थिति भयावह होती चली जा रही है लोग सड़कों पर रात बिताने को मजबूर हैं. लोग भूखे हैं, लोग पैदल सैकड़ों किलोमीटर अपने घर की ओर लौट रहे हैं. दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज की घटना से देश उद्वेलित है लोगों पर थूका जा रहा है, डाक्टर  अपना काम निष्ठा पूर्वक कर रहे हैं. मगर डॉक्टरों के लिए सरकार द्वारा सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. ऐसे में देश में एक जन भावनाओं का उद्वेलन देश के नायक ही पैदा कर सकते हैंएक दिशा  प्रदान  कर सकते हैं . आज अगर मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं तो उनसे अपेक्षा देशवासियों को है कि इन मसले पर भी, अपने उद्गार व्यक्त करके देश को दिशा प्रदान करें.

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Lockdown के चलते अपनी हौट फोटोज से चर्चा में आई रश्मि देसाई, देखें Photos

कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी को लेकर दुनियाभर में लड़ाई जारी है. भारत में अभी 21 दिन का लौकडाउन (Lockdown) चल रहा है. ऐसे में फिल्‍म और टीवी इंडस्‍ट्री से जुड़े कई लोग सामने आ कर लोगों को अपने अपने घरों में रहने की सलाह दे रहे हैं और साथ ही टिप्स भी दे रहे हैं कि हम सब अपने घरों में रह कर क्या क्या कर सकते हैं. इसी के साथ ही टीवी इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस रश्मि देसाई (Rashami Desai) ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम पर अपनी कुछ फोटोज शेयर की है जिसमें वे बेहद खूबसूरत दिखाई दे रही हैं.

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कुछ दिनों पहले रश्मि देसाई (Rashami Desai) ने सोशल मीडिया पर अपनी कुछ ऐसी फोटोज शेयर की थी जिसे उनके फैंस ने काफी पसंद किया और हर बार की तरह रश्मि के फैंस ने उनके इस लुक को भी भरपूर प्यार दिया. इस लुक में रश्मि ने यैल्लो कलर की वन पीस ड्रैस (One Piece Dress) पहनी हुई है जिसमें वे काफी हौट (Hot) और ग्लैमरस (Glamourous) दिखाई दे रही हैं.

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रश्मि देसाई (Rahsami Desai) की इन फोटोज को उनके फैंस खूब पसंद कर रहे हैं और साथ ही उनकी तारीफ कर लगातार कमेंट्स कर रहे हैं. इन फोटोज को देख ऐसा कहा जा सकता है कि इस लौकडाउन के समय में रश्मि काफी अच्छे से अपनी मा टाइम बिता रही हैं और साथ ही अपने लुक्स पर काफी ध्यान दे रही हैं. वैसे देखा जाए तो रश्मि देसाई है ही इतनी सुंदर कि कोई भी उन्हें देख उनकी तारीफ किए बिना रह ही नहीं पाता.

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Happy raam navmi 💝🍀 . . Earring set: @urbanmutiyar Suit : @komalsandhu14

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रश्मि देसाई (Rashami Desai) ने इन ग्लैमरस फोटोज के बीच अपनी एक ट्रैडिशनल (Traditional) फोटो भी फैंस के साथ शेयर की है जिसमें वे सबको राम नवमी (Ram Navmi) की बधाई दे रही हैं. इस फोटो में रश्मि ने साड़ी पहनी हुई है और साड़ी के साथ ही उन्होनें हैवी ज्वैलरी भी पहनी हुई है. इसी के साथ ही उन्होनें इस फोटो के कैप्शन में लिखा है कि,- “May lord ram showers His blessings On you and your family, I wish you all joy, harmony & prosperity on RAM NAVAMI For you and your family.”

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कमली और कोरोना

लेखक- नीरज कुमार मिश्रा

“जब सब लोग अपने अपने घर म आराम से सो रहे होते ह तब हम लोग क सुबह होती है और जब सब लोग सुबह के  सूरज को सलाम कर रहे होते है, उस समय तक हम लोग थककर चूर हो जाते है “मुबई क एक सुनसान सड़क पर खड़ी ई कमली अपने आप से  ही बुदबुदा उठ थी “पता नह य ,आजकल सड़क पर इतना साटा य रहने लगा है ,पहले तो अपने को शाम आठ बजे से ही ाहक मलने शु हो जाते थे और रात के एक बजे तक तो म तीन चाराहक से धधा कर लेती थी पर अभी दस बजने को आये और एक भी ाहक नह आया ” ाहक के ना आने से झुंझुला रही थी कमली

“ऐ…तुम लोग को कुछ समझ म नह आता ….सारी नया  म बीमारी फ़ैल रही है ,लोग को घर से नकलने को मना कया गया है और तुम लोग को घर म भी चैन नह मल रहा है ….रात यी नह क नकल पड़ी सड़क पर” पीछे से मोटरसाइकल पर सवार दो पुलिसवाल में से एक ने चिल्लाकर कहा…

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“अरे….या साहब …हम लोग बाहर नह नकलगे तो  खाएंगे या ,कौन हमको बैठे बैठे खलायेगा .…हम लोग को तो रोज़ ही कुआं खोदना है और तभी अपुन लोग को पानी नसीब होता है साहब ” कमली ने तवाद कया “चलो….चलो …बक बक  मत करो अब ….बत देर यी ….अब भागो यहाँ से “एक पुलसवाला चलाते ए बोला “अरे …तुमको भी कुछ चाहए तो बोलो …और नह चाहए …तो आप अपने काम पर जाओ और मुझे अपना काम करने दो साहब ,अभी तक बोहनी भी नह ई है अपनी” कमली ने अपनी आवाज़ म मठास घोलते ए कहा जब कमली ने इस तरह से पुलस वाल से रकवेट करी तो वे भी मुकराते ए वहां से नकल गए और जाते जाते कमली को चेताया क थोड़ी देर के लए ही वे छूट दे रह है और उनक वापसी करने तक वह वापस चली जाए ,बदले म कमली ने भी सर झुकाकर उनक बात मान लेने का अभनय कया. सूनी आँख से अब भी सड़क को नहार रही थी कमली , जो सड़क रात को और अधक गुलज़ार रहती थी उन पर आज साटा है जसका कारण कोरोना वायरस ारा संमण का फैलना है जसके कारण ज़री कामो को छोड़कर बाक लोग को घर से नकलने को मना कया गया है ,पर कमली जैसी औरत जो धधा करती है अगर वो बाहर नह नकलेगी तो खायेगी या, उसके लए तो सड़क पर नकलना बत ज़री है. “आज भी खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ेगा ,कोई भी ाहक नह दख रहा …….”मायूस हो चुक थी कमली “सुनो..”कोई मदाना आवाज़ थी जो कमली के ठक पीछे से आयी थी कमली ने बड़ी ही आशा भरी नज़र से पीछे घूमकर देखा वह एक लंबा सा युवक था ,जसक उ करीब अड़तीस -चालीस के पास होगी , और देखने से काफ  पैसे वाला लग रहा था वह लगातार कमली को घूरे जा रहा था  उस युवक को अपनी और ऐसे घूरते देखकर कमली को लगा क कम से कम एक ाहक तो आया “ऐसे य घूरे जा रहे हो…..यहाँ घूरने का भी पैसा लगता है”कमली ने इठलाते ए कहा “नह ….मेरा काम सफ घूरने भर से नह होगा ….म तो तुहारे  साथ एजॉय करना चाहता हूं “उस युवक ने कमली के उत सीने पर नज़र टिका दे.

“वो…एजॉय तो ठक है पर …उसका पैसा देना होगा”कमली ने अपने खुले सीने को ढकते ए कहा “कतना पैसा लोगी तुम?बताओ तो सही” वह युवक बत हड़बड़ी म और थोड़ा घबराया आ सा लग रहा था “अब साहब ….वैसे तो म तीस हज़ार लेती ँ तुम बोहनी के समय आये हो इसलये थोड़ा कम दे दो म कुछ नह कँगी….”कमली ने अंगड़ाई लेते ए कहा “अरे …तुम तीस क बजाय पैतीस ले लेना….. बस तुम मुझे एक बार खुश कर दो…  जतना मांगो म उतना पैसा देने को तैयार ँ ” युवक के वर म उेजना थी ये बात उस युवक ने कुछ इस कार थी क कमली भी एक पल को कुछ सोचने लगी थी अगले ही पल कमली ने उस युवक से सवाल कया “पर ..अभी तक तुमने अपना नाम तो बताया ही नह”कमली ने पूछा ” अजीत …अजीत सह है मेरा नाम”जद से युवक ने अपना नाम बताया “हाँ तो ठक है अजीत बाबू …अपनी डील पक हो गयी है …तो चलो .कस होटल म  ले चलना है ….या फर अपनी गाड़ी म ही अपने अरमान पूरे करने का इरादा है”कहने के साथ ही कमली मादक ढंग से हँसने लगी थी “देखो सारे होटल तो बंद ह …और मेरे पास गाड़ी वगैरह भी नह है” अजीत ने कहा “ऐ…तो या यह सड़क पर नपटने का इरादा है या” कमली ने आँख तरेरी “नह …नह यहाँ नह…अगर हम दोन लोग तुहारे घर पर चलकर…. एजॉय कर तो तुहे कोई एतराज तो नह होगा” अजीत सकुचा रहा था “वह अजीत बाबू …एक ही मुलाकात म इतनी मोहबत कर बैठे क मेरा घर तक देख लेना चाहते हो ..पर बाबूजी म तुहे बता ँ क घर के नाम पर अपने पास एक खोली है …और वहां तक जाने के लए हम लोग को थोड़ा पैदल चलना होगा”  “हाँ…..हाँ ..म तैयार ँ  बताओ कधर चलना है “अजीत कमली क हर बात म राज़ी होता दख रहा था चौड़ी सड़क को छोड़कर वे दोन अब तंग गलय म आ गए थे.

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इन गलय म साफ़ सफाई क कोई वथा भी नह दख रही थी ,अचानक से अजीत सह को सूखी खांसी आने लगी  ,पहले तो उसक खांसी पर कमली का यान नह गया पर जब अजीत सह क खासी कुछ यादा ही बढ़ गयी तो कमली ठठक “या बात है तुहे तो लगातार खासी आ रही है?”कमली ने पूछा “हाँ ….वो ज़रा गले म कुछ फस गया था इसलए खासी आ गयी”अजीत ने सामाय दखने का यास कया “फर भी …ये मेरे पास खासी क गोली है …तुम इसे खा लो …तुहे आराम मल जायेगा” कमली ने अजीत को खासी क गोलयां देते ए कहा अजीत ने भी बना कोई वरोध कये वो खांसी के गोली चुपचाप खा ली. “तुहे पता है क आजकल पूरी नया म एक वायरस ने खौफ फैला रखा  है ,उस वायरस को कोरोना वायरस कहते ह और सुना है क जो  कोरोना वायरस से संमत होता है उसे भी मेरी तरह खासी आती है  ,और बुखार भी आता है और बाद म सांस लेने म भी दकत   होती है ,पर मुझे डरने क ज़रत नह है ये खासी वासी तो ऐसे भी आती ही रहती है “कहकर अजीत मुकुराने लगा था “वैसे तुहारा नाम या है”अजीत ने चलते ए पूछा “कमली” “बत सुंदर नाम है तुहारा ,पर सोचता ँ क अगर तुम धंधे वाली नह होती तो एक बत अछ डॉटर बन सकती थी” मुकुरा रहा था अजीत “अरे य मज़ाक करते हो साहब …म भला या डॉटर बन सकती थी”कमली शमा सी गयी “हाँ हाँ बलकुल …एक अछ डॉटर ..देख न तुहारे बैग म मेरे लए दवा भी मल गयी…अब तुमने दवा द है तो मुझे तुहारी फस भी तो देनी होगी ना” इतना कहते ए अजीत सह ने अपनी जेब म हाथ डाल कर दस बीस नोट कमली क तरफ बढ़ाए  पर वह  कोई वदेशी करसी  थी जसे देखकर कमली के मन म कुछ संदेह उ होने लगा तो अजीत सह उसक मनोभावना को समझते ए हँसने लगा और बोला  “अरे तुम घबराओ मत …बई क करसी के अलावा  भारत के नोट भी है …ये लो भारतीय नोट “कहकर अजीत सह ने 500 के ढेर सारे नोट कमली क तरफ बढ़ दये ढेर सारे नोट देखकर कमली क आँख म चमक आ गयी ,उसने लपकर पये ले लए और अपनी चोली म खस लए अभी भी दोन लोग तंग गलय से ही गुज़र रहे थे ,बीच बीच म अचानक कुो के भोकने क आवाज़ आने लगती तो कमली धत कहकर कु को खामोश कर देती एक खोली के बाहर पँच कर कमली क गयी थी ,हाँ यही तो थी उसक खोली ,अजीत सह ने उसक खोली देखकर राहत क सांस ली.

अब वे दोन खोली के अंदर थे ,अजीत सह ने कमली को अपनी बाह म जकड लया और बेतहाशा उसे चूमने लगा ,कमली भी उसका भरपूर साथ दे रही थी ,अजीत क साँसे फूल रही थी ,उसने कमली के जूड़े म लगा आ पन नकाल दया और उसक कैद जफ को आज़ाद कर दया , और बारी बारी कमली के कपड़ो को भी हटा दया वे दोन पैदायशी हालत म बतर पर पँच गए . अजीत सह बतर पर पचते ही लेट गया  “अछा …अजीत बाबू …मजा भी चाहए ..और मेहनत भी नह करना चाहते ..अब सब कुछ हम  को ही  करना पड़ेगा या?  अजीत क टांग के ऊपर बैठते ए कमली ने कहा  “हाँ…दरअसल …अपनी जदगी म म कभी भी अछा ाइवर नह रहा ँ ….इसीलये आज गाड़ी चलाने क ज़मेदारी तुहे दे द है ….गाड़ी तुम चलाना शु तो करो ….अगर मेरा मन करेगा तो बाद म ाइवग सीट पर म आ जाऊँगा” अजीत सह ने  कमली क कमर वाले हसे को दबाते हटे कहा रात के साटे म उन दोन क साँस क आवाज़ खोली म गूंज रही थी और जम दहक रहे थे ,अजीत के शरीर के ऊपर बैठ ई कमली अचानक से नढाल होकर एक और गर गयी और अजीत भी नढाल होकर कमली क पीठ से लपट गया.

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थोड़ी देर तक दोन इसी हालत म  पड़े रहे करीब दस मनट बाद अजीत ने कमली के कान पर पडी यी जुफ हटाकर  धीरे से कहा “कमली …मुझे भूख लगी है ….कुछ खाने को दे ना” अजीत क ये खाने वाली फरमाइश ने कमली को वच हालात म लाकर खड़ा कर दया था एक तो खोली म खाने क कोई चीज़ नह थी और सरी बात ये क आज तक जतने भी ाहक आये वे सब कमली के साथ सेस करने के बाद वहां से  चले गए पर ये पहली बार था क कसी ाहक ने उससे खाना माँगा था ये बात कमली को हैरान भी कर रही थी और कसी के ारा अपनेपन से खाना मांगने के कारण खुश भी हो रही थी.हालाँक कमली का शरीर आराम मांग रहा था और उसक पलक भारी हो रही थी लेकन वह खाना बनाने क गरज   से बतर छोड़कर उठ . खोली के एक कोने म ज़रत का सारा सामान जमा करके उसे कचन क सी शल दे द गयी थी ,एक गैस चूहा और कुछ बतन और कुछ सजयां और आटा ,चावल ,दाल के कुछ डबे म ही कमली खाना बनाने का उपम करने लगी. बतर  म लेटे लेटे ही अजीत ने कमली क और देखा कहा  “तुमने पैसा कमाने के लए कोई और काम य नह पकड़ा कमली”  कमली के लए ये सवाल कुछ नया नह था इससे पहले भी कई ाहक आते थे जो पहले कमली के जम से अपनी द ई पूरी कमत वसूलते और बाद म शराब के नशे  कुछ इसी तरह क बाते करके फालतू क हमदद दखाते अजीत क बात सुनकर हँस पडी थी कमली  “या अजीत बाबू ….पूछा भी तो या पूछा …वEही दल को खाने वाली कहानी ….वैसे म सबको  बताती भी नह पर तुम अछे आदमी दखते हो इसलये बताती ँ  महारा के एक छोटे से गांव म हमारा घर था ,घर म पैसे क बत कमी थी और बाबूजी को शराब क लत लग गयी थी ,घर म जब पैसे खम हो गए तो बाबू जी ने मुझे एक दलाल को बेच दया और फर उस दलाल ने मुझे एक कोठे पर पचा दया और फर या था मुझे एक वैया बनने म समय नह लगा फर एक दन अचानक कोठे पर रेड पड़ गयी और हम लोग को गरतार कर लया गया ,म नाबालग थी इसलए मुझे बाल सुधार गृह भेज दया गया  पर वहां भी नेता टाइप के लोग आते और हमारा शारीरक शोषण करते थे ,मुझे वहां का माहौल पसंद नह था इसलए म एक दन वहां से मौका देखकर भाग गयी  और वहां से बाहर आते ही इस नया म जदा रहने के लए मुझे पैसे क ज़रत थी ,जो क अपने शरीर को बेचकर आसानी से कमाया जा सकता था और …..बस तबसे लेकर आज तक मेरा सफर ऐसे ही चल रहा है”कमली ने अपनी कहानी बयां कर द “ओह काफ खभरी कहानी है तुहारी …पर एक बात बताओ ….लोग कहते ह क तुहारे जैसे सेसवकर संमण फैलाते है ,जससे लोग म बीमारी फैलती है ,एड्स जैसी बीमारी फ़ैलाने म तुम लोग का अहम् रोल रहता है”अजीत ने पूछा “हाँ साहब….गलत काम करने का इलज़ाम हमेशा से ही गरीब लोग पर लगता आया है अरे कंडोम का यूज़ करने से हर बीमारी र रहती है तो आप लोग को कंडोम यूज़ करने म मज़ा नह आता है और अगर बाद म अगर कुछ हो गया तो दोष हम लोग का आता है और तो और अजीत बाबू कंडोम तो आज तुमने भी नह उसे कया है ” इसलए हो सकता है क कह तुहे भी कोई बीमारी न लग जाए” कमली बोली खाने क लेट अजीत के हाथ म देकर कमली भी उसी के साथ खाना खाने लगी “वैसे भी आजकल देश म कोरोना को लेकर बत सती चल रही है  यक अभी तक कोरोना क कोई भी दवाई भी नह बन पायी है

दरअसल म भी अभी तीन दन पहले ही बई से लौटा ँ ,जब म भारत पंच तो हवाई अे पर मेरा गहन चेकअप आ और उसके बाद मुझे एक अलग कमरे म रख दया गया और मुझसे ऐसा वहार कया जाने लगा जैसे मुझे कोई छूत क बीमारी हो ,मुझे लगने लगा था क शायद म कोरोना से त हो गया ँ और बत मुमकन है क म जीवत न रँ इसलये बत ही सुरा होने के बावजूद म सबक नजर बचाकर वहां से भाग नकला  और सीधा तुहारे पास पंचा यक म मरने से पहले जी भरकर जी लेना चाहता था और मन ही मन म बत घबराया आ था यक सीसीटवी म मेरी तवीर आ चुक होगी और अगर म कसी भी बस अे या टेशन पर अपने घर जाने के लए जाता  भी  तो  हो सकता था क मेरी खासी या बुखार को चेक कया जाता और मुझे कोरोना से संमत पाये जाने पर फर से मुझे अकेले कमरे म डाल दया जाता ,जो क म बलकुल नह चाहता था”इतना कहने के बाद अजीत ने घड़ी पर नज़र डाली ,सुबह के पांच बजने वाले थे  “अब मुझे जाना होगा ,  सुबह होने वाली है और मुझे खांसी भी आ रही है ….तुम मुझे खासी क दवाई और दे दो ताक म ठक से अपने घर तक पँच जाऊँ”ये कहकर अजीत क खासी और तेज़ हो गई थी और बुखार के कारण उसके माथे से पसीना भी आने लगा था कमली फट नज़र से अजीत को देख रही थी ,उसने कांपते हाथ से खासी क दवा अजीत के हाथ म दे द  अजीत हांफता आ तेज़ी से कमली क खोली के बाहर नकल गया. कमली अंदर साटे म बैठ ई थी और अचानक से कमली का सर भारी होने लगा था.

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Lockdown ने बिगाड़े किसानों के हालात, खेतों में पड़ी सड़ रही हैं फसलें

लेखक- हरीश भंडारी

कोरोना जैसी महामारी   से बचने के लिए देश में जारी 21 दिन के लौकडाउन के बाद जहां एक तरफ गरीब व दिहाड़ी मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है, वहीं तो दूसरी तरफ गरीब किसान अपनी फसलों को खेतों में सड़ते देख खून के आंसू बहा रहा है. लौकडाउन की घोषणा के बाद से ही खेतों में पड़ी फसल, खेतों में पड़ी-पड़ी सड़ रही है. मंडियों का काम ठप हो गया है, तो जिसकी वजह से फसलों की खरीद भी बंद है. ऐसे में किसान करे तो क्या करे. वह बडी ऊहापोह की स्थिति में है.

किसानों की खस्ता हालत

किसानों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें किसी फसल से कोई कमाई नहीं हो पायी है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और पंजाब के किसानों का भारी नुकसान हुआ है. किसानों का मानना है कि उनकी दशा  बड़ी दयनीय हो गई है. एक तरफ उनका पेमेंट फंसा हुआ है तो वहीँ, सड़ती फसल के नुकसान की भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि कोरोना से बचाव के चलते लॉकडाउन आगे बढ़ाया जा सकता है. तो वहीँ लॉकडाउन से परेशान किसान इस आशंका को लेकर तनाव में आ गए हैं. किसान नेताओं का कहना है कि यह संकट अभी और बढ़ सकता है. अगले कुछ दिनों में अंगूर, तरबूज, केले, चना, कौटन, मिर्च, हल्दी, जीरा, प्याज और आलू की फसल आने वाली है.

लौकडाउन के चलते मंदी के आसार

लौकडाउन के चलते किसानों को फसलों के लिए मजदूर मिलने मुश्किल हो गए हैं और फिर बाजार में भी बिक्री करना आसान काम नहीं होगा. वहीँ किसानों की माने तो लॉकडाउन की वजह से बाजार में मंदी के बने रहने के आसार हैं, जिससे डिमांड कम हो जाएगी और किसानों को उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल पाएगा

भूख के आगे धुआं हुआ कोरोना का खौफ

एक रिपोर्ट के अनुसार, किसान संगठनों के समूह के कंसोर्टियम के मुख्य सलाहकार ने बताया कि ‘केंद्र सरकार बार-बार यह बात कह रही है कि लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी. जबकि किसानों की खेती खड़ी है और राज्यों की ओर से किसानों को फसलों की कटाई नहीं करने दी जा रही. फसलों को बाजार नहीं पहुंचने दिया जा रहा है और खरीदारों को खरीदारी से रोका जा रहा है.’  उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस मसले पर समय पर ध्यान न दिया तो हालात बदतर हो सकते हैं यानी किसानों पर दोहरी मार पड़ने के आसार हैं.

ट्रांसपोर्ट की समस्या

किसानों के अलावा फलों और सब्जियों की ढुलाई करने वाले ट्रक संचालकों का कहना है कि वे भी लौकडाउन की वजह से संकट का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से ही देशभर में बिना खाने और पैसे के उनके लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं.

गेंहू के दाम गिरे

वहीं लौकडाउन के कारण गेहूं की फसल के दाम भी गिर गए हैं. एक तरफ जहां सभी मंडियों में काम ठप्प है तो वहीँ जिस मंडी में काम चल भी रहा है, वहां सिर्फ 1,600 रुपये प्रति क्विंटल के दाम में गेहूं की खरीद की जा रही है. जबकि पिछले दिनों गेहूं के रेट 2,200 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास थे, जबकि सरकार की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 1,840 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन लॉकडाउन के बाद किसान इससे भी कम दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर हैं.

 बंपर पैदावार के बाद भी किसान परेशान, सड़कों पर फेंकी फसल

आंध्र प्रदेश में टमाटर, मिर्च और केले के किसान बुरी तरह से लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. कई जगहों पर किसानों ने अपनी उपज को सड़क पर फेंक दिया है.

Lockdown के चलते भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने शेयर की ऐसी फोटोज और वीडियो

कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी को लेकर दुनियाभर में लड़ाई जारी है. भारत में अभी 21 दिन का लौकडाउन (Lockdown) चल रहा है. ऐसे में फिल्‍म इंडस्‍ट्री से जुड़े कई लोग सामने आ कर लोगों को अपने अपने घरों में रहने की सलाह दे रहे हैं और साथ ही टिप्स भी दे रहे हैं कि हम सब अपने घरों में रह कर क्या क्या कर सकते हैं. इसी के साथ ही पौपुलर भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह (Akshara Singh) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपने फैंस के साथ फोटोज और टिप्स शेयर करती रहती हैं.

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कुछ दिनों पहले ये खबर भी आई थी कि अक्षरा सिंह (Akshara Singh) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) से लड़ने क लिए मुख्‍यमत्री राहत कोष में 1 लाख का चेक दिया है और उन्होनें इसकी फोटो अपने औफिशियल इंस्टाग्राम पर भी शेयर की थी. इस लौकडाउन के टाइम अक्षरा सिंह अच्छे से मी टाइम बिता रही हैं और साथ ही सोशल मीडिया पर अपनी फोटोज और वीडियोज शेयर कर रही हैं. आइए दिखाते हैं आपको उनकी कुछ फोटोज-

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इस वीडियो में अक्षरा सिंह सौंग गेंदा फूल (Genda Phool) पर डांस करती नजर आ रही हैं जिसमें उन्होनें यैल्लो कलर का टौप और ब्लू कलर की जींस पहनी हुई है. इस वीडियो में अक्षरा काफी अच्छे से अपनी अदाएं दिखा रही हैं जो कि उनके फैंस भी काफी पसंद कर रहे हैं. इस वीडियो पर उनके फैंस ने उनकी तारीफ में काफी कमेंट्य किए हैं और साथ ही लाइक्स की तो बरसात ही कर दी है.

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💛 #yellowlove #today #spreadthelove💞💫💞

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अक्षरा सिंह ने अपनी कई फोटोज भी शेयर की हैं जिसमें वे काफी खूबसूरत नजर आ रही हैं. ऐसा लग रहा है कि वे लौक डाउन का जमकर फायदा उठा रही हैं और अपने आप में ही खूब एंजौय कर रही हैं. ऐसे ही हम सबको भी अपने अपने घरों में रहकर इस मुसीबत की घड़ी के निकलने का इंतजार करना चाहिए और अपने और अपने परिवार वालों का ध्यान रखना चाहिए.

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कोरोना : घर में रहें, इम्यूनिटी बढ़ाएं

‘अर्जुन अवार्ड’ विजेता और ओलिंपिक खेलों में भारत का मान बढ़ाने वाले मुक्केबाज मनोज कुमार ने कोरोना महामारी से बचने के लिए सब से घर में रहने की अपील की है. उन का कहना है कि जब घर में ही परिवार के साथ रहना है तो सेहतमंद चीजों का सेवन करें और रोजाना कसरत जरूर करें. ऐसी कसरतें चुनें जिन का आप के पूरे शरीर पर अच्छा असर पड़े.

बचपन में आप ने खूब रस्सी कूदी होगी जिसे स्किपिंग कहते हैं. इस कसरत में बस एक रस्सी की जरूरत होती है, पर यह रस्सी कूदना बहुत फायदेमंद होता है. इस के अलावा अपने शरीर का खयाल रखें, शासन और प्रशासन के कहे मुताबिक रहें, बेवजह घर से बाहर न जाएं

डाइटीशियन नेहा सागर का मानना है कि कोरोना से मजबूती से लड़ने के लिए हमें अपने शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने की जरूरत है. इस के लिए विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन करें. यह सभी तरह के खट्टे फलों, पपीता और लाल शिमला मिर्च में  पाया जाता है. अगर कहीं लौकडाउन के चलते सब्जियों या फलों की कमी हो गई है तो विटामिन सी के सप्लीमैंट भी ले सकते हैं.

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विटामिन सी के अलावा दूसरी चीजों जैसे लहसुन, अदरक और ग्रीन टी का भी सेवन कर सकते हैं. खाली पेट लहसुन की कली का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है.

विटामिन डी भी इन हालात में जरूरी है. चूंकि अभी ज्यादातर लोग घर पर ही हैं तो वे उतना ही खाएं जो आसानी से पच सके. शराबसिगरेट के सेवन से बचें.

इस की वजह यह है कि इन के सेवन से शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत कम होती है. सिगरेट पीना तो इसलिए हानिकारक है, क्योंकि यह हमारे गले के साथसाथ फेफड़ों पर भी बुरा असर डालती है.

भारतीय रेलवे कुश्ती टीम के कोच और इंटरनैशनल रैफरी कृपाशंकर बिश्नोई ने इस लौकडाउन में सब को दंड बैठक करने की सलाह दी है. उन का मानना है कि अगर लोग घर पर दंड बैठक भी कर लेते हैं, तो उन्हें किसी और वर्कआउट की जरूरत नहीं है. दंड बैठक सभी कसरतों का राजा है और इस से आप की फिटनैस का लैवल बढ़ता है.

मुंबई में आइडियल बौडी (आईबी) फिटनैस नामक जिम चलाने वाली और प्रोफैशनल पर्सनल ट्रेनर अंजू गुप्ता ने बताया कि कोरोना के कहर से बचने के लिए लोगों को अपनी इम्यून पावर बढ़ाने वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए जैसे फल, सूखे मेवे, सब्जियां और ऐसी चीजें जिन में विटामिन सी की प्रचुरता हो जैसे नीबू, अदरक, संतरा वगैरह.

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जहां तक कसरत की बात है तो लोगों को ऐसे काम करने चाहिए जिन से उन का दिल मजबूत बने, ताकि उन का ब्लडप्रैशर सही रहे. घर के काम जैसे साफसफाई, कपड़े धोना भी बिना किसी जिम के उपकरण के करने वाली कसरत ही मानी जाएगी. बौडी स्ट्रैचिंग भी जरूरी है. साथ ही अपने मन को भी शांत रखें.

इस के अलावा उन कसरतों को ही ज्यादा करें जिन में फ्लोर और आप की बौडी की ही जरूरत हो. इस विपदा में आप का घर में रहने के साथसाथ सेहतमंद रहना भी जरूरी है.

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