लौक डाउन की वजह से डूबते कारोबारी जगत को अब सरकार से ही राहत की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को जरूरी एहतियात के साथ कारोबार जगत को पटरी लाने के लिए सतर्कता बरतते हुए उपाय करना चाहिए और कारोबारियो की मदद करनी चाहिए.
देश मे कारोबार और कारोबारियों की हालत बहुत खराब है. नोटबंदी और जीएसटी की गलत नीतियों से कारोबार जगत उबर भी नही पाया था कि "करोना" और ''लौक डाउन'' से कारोबार और भी अधिक टूट गया अब यह बंदी के कगार पर पहुच गया है.
लखनऊ की युवा कारोबारी रोली सक्सेना ने 3 साल पहले गारमेंट्स का अपना बिजनेस शुरू किया. अपनी छोटी सी दुकान को बड़े शो रूम में बदला दिया. 40 हजार रुपये के किराए पर एक जगह लेकर शॉप शुरू की. अचानक नोटबन्दी और जीएसटी की वजह से कारोबार में काफी उथलपुथल आ गई. वो किसी तरह से इन हालातों को संभाल रही थी.
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इसी बीच जब 'करोना' और ''लौक डाउन'' का समय आया तो कारोबार पूरी तरह बन्द हो गया. दुकान के मालिक ने 40 हजार रुपये किराए की मांग की. रोली ने किराया देने का तो तय कर लिए पर यह सोच लिया कि अब यह कारोबार नहीं करेगी. रोली कहती है "सरकार कारोबारियों को हालात समझती है. उसे इनकी मदद का कोई एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए वरना हमारे जैसे ना जाने कितने कारोबारी कारोबार बंद कर सड़क पर आ जायेंगे.".
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