Crime Story- रसूखदारों की घिनौनी कहानी: भाग 2

सौजन्य- सत्यकथा

इस सच को जानने के लिए रामबिहारी को गिरफ्तार करना आवश्यक था. लेकिन रामबिहारी को गिरफ्तार करना आसान नहीं था. क्योंकि वह सत्ता पक्ष का नेता था और सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं से उस के ताल्लुकात थे. उस की गिरफ्तारी से बवाल भी हो सकता था. अत: इंसपेक्टर खान ने इस प्रकरण की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी.

सूचना पाते ही एसपी डा. यशवीर सिंह, एएसपी डा. अवधेश कुमार, डीएसपी (कोंच) राहुल पांडेय तथा क्राइम ब्रांच प्रभारी उदयभान गौतम कोतवाली कोंच आ गए.

पुलिस अधिकारियों ने दोनों युवकों राजकुमार तथा बालकिशन से घंटों पूछताछ की फिर सफेदपोश नेता को गिरफ्तार करने के लिए डा. यशवीर सिंह ने डीएसपी राहुल पांडेय की निगरानी में एक पुलिस टीम का गठन कर दिया तथा कोंच कस्बे में पुलिस बल तैनात कर दिया.

12 जनवरी, 2021 की रात 10 बजे पुलिस टीम रामबिहारी के भगत सिंह नगर मोहल्ला स्थित घर पर पहुंची. लेकिन वह घर से फरार था. इस बीच पुलिस टीम को पता चला कि रामबिहारी पंचानन चौराहे पर मौजूद है. इस जानकारी पर पुलिस टीम वहां पहुंची और रामबिहारी को नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया.

उसे कोतवाली कोंच लाया गया. इस के बाद पुलिस टीम रात में ही रामबिहारी के घर पहुंची और पूरे घर की सघन तलाशी ली. तलाशी में उस के घर से लैपटाप, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, डीवीआर, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क तथा नशीला पाउडर व गोलियां बरामद कीं. थाने में रामबिहारी से कई घंटे पूछताछ की गई.

रामबिहारी राठौर के घर से बरामद लैपटाप, पेन ड्राइव, मोबाइल, डीवीआर तथा हार्ड डिस्क की जांच साइबर एक्सपर्ट टीम तथा झांसी की फोरैंसिक टीम को सौंपी गई. टीम ने झांसी रेंज के आईजी सुभाष सिंह बघेल की निगरानी में जांच शुरू की तो चौंकाने वाली जानकारी मिली. फोरैंसिक टीम के प्रभारी शिवशंकर ने पेन ड्राइव व हार्ड डिस्क से 50 से अधिक पोर्न वीडियो निकाले. उन का अनुमान है कि हार्ड डिस्क में 25 जीबी अश्लील डाटा है.

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इधर पुलिस टीम ने लगभग 50 बच्चों को खोज निकाला, जिन के साथ रामबिहारी ने दरिंदगी की औरउन के बचपन के साथ खिलवाड़ किया. इन में 36 बच्चे तो सामने आए, लेकिन बाकी बच्चे शर्म की वजह से सामने नहीं आए. 36 बच्चों में से 18 बच्चों ने ही बयान दर्ज कराए. जबकि 3 बच्चों ने बाकायदा रामबिहारी के विरुद्ध लिखित शिकायत दी.

इन बच्चों की तहरीर पर थानाप्रभारी इमरान खान ने भादंवि की धारा 328/377/506 तथा पोक्सो एक्ट की धारा (3), (4) एवं आईटी एक्ट की धारा 67ख के तहत रामबिहारी राठौर के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली तथा उसे न्यायसम्मत गिरफ्तार कर लिया.

भाजपा नेता रामबिहारी के घिनौने सच का परदाफाश हुआ तो कोंच कस्बे में सनसनी फैल गई. लोग तरहतरह की चर्चाएं करने लगे. किरकिरी से बचने के लिए नगर अध्यक्ष सुनील लोहिया ने बयान जारी कर दिया कि भाजपा का रामबिहारी से कोई लेनादेना नहीं है. रामबिहारी ने पिछले महीने ही अपने पद व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसे मंजूर कर लिया गया था.

इधर सेवानिवृत्त कानूनगो एवं उस की घिनौनी करतूतों की खबर अखबारों में छपी तो कोंच कस्बे में लोगों का गुस्सा फट पड़ा. महिलाओं और पुरुषों ने रामबिहारी का घर घेर लिया और इस हैवान को फांसी दो के नारे लगाने लगे. भीड़ रामबिहारी का घर तोड़ने व फूंकने पर आमादा हो गई. कुछ लोग उस के घर की छत पर भी चढ़ गए. लेकिन पुलिस ने किसी तरह घेरा बना कर भीड़ को रोका और समझाबुझा कर शांत किया.

कुछ महिलाएं व पुरुष कोतवाली पहुंच गए. उन्होंने रामबिहारी को उन के हवाले करने की मांग की. दरअसल, वे महिलाएं हाथ में स्याही लिए थीं, वे रामबिहारी का मुंह काला करना चाहती थीं. लेकिन एसपी डा. यशवीर सिंह ने उन्हें समझाया कि अपराधी अब पुलिस कस्टडी में है. अत: कानून का उल्लंघन न करें. कानून खुद उसे सजा देगा. महिलाओं ने एसपी की बात मान ली और वे थाने से चली गईं.

रामबिहारी राठौर कौन था? वह रसूखदार सफेदपोश नेता कैसे बना? फिर इंसान से हैवान क्यों बन गया? यह सब जानने के लिए हमें उस के अतीत की ओर झांकना होगा.

जालौन जिले का एक कस्बा है-कोंच. तहसील होने के कारण कोंच कस्बे में हर रोज चहलपहल रहती है. इसी कस्बे के मोहल्ला भगत सिंह नगर में रामबिहारी राठौर अपनी पत्नी उषा के साथ रहता था. रामबिहारी का अपना पुश्तैनी मकान था, जिस के एक भाग में वह स्वयं रहता था, जबकि दूसरे भाग में उस का छोटा भाई श्यामबिहारी अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहता था.

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रामबिहारी पढ़ालिखा व्यक्ति था. वर्ष 1982 में उस का चयन लेखपाल के पद पर हुआ था. कोंच तहसील में ही वह कार्यरत था. रामबिहारी महत्त्वाकांक्षी था. धन कमाना ही उस का मकसद था. चूंकि वह लेखपाल था, सो उस की कमाई अच्छी थी. लेकिन संतानहीन था. उस ने पत्नी उषा का इलाज तो कराया लेकिन वह बाप न बन सका.

उषा संतानहीन थी, सो रामबिहारी का मन उस से उचट गया और वह पराई औरतों में दिलचस्पी लेने लगा. उस के पास गरीब परिवारों की महिलाएं राशन कार्ड बनवाने व अन्य आर्थिक मदद हेतु आती थीं. ऐसी महिलाओं का वह मदद के नाम पर शारीरिक शोषण करता था. वर्ष 2005 में एक महिला ने सब से पहले उस के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. लेकिन रामबिहारी ने उस के घरवालों पर दबाव बना कर मामला रफादफा कर लिया.

कोंच तहसील के गांव कुंवरपुरा की कुछ महिलाओं ने भी उस के खिलाफ यौनशोषण की शिकायत तहसील अफसरों से की थी. तब रामबिहारी ने अफसरों से हाथ जोड़ कर तथा माफी मांग कर लीपापोती कर ली. सन 2017 में रामबिहारी को रिटायर होना था. लेकिन रिटायर होने के पूर्व उस की तरक्की हो गई. वह लेखपाल से कानूनगो बना दिया गया. फिर कानूनगो पद से ही वह रिटायर हुआ. रिटायर होने के बाद वह राजनीति में सक्रिय हो गया. उस ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.

कुछ समय बाद ही उसे कोंच का भाजपा नगर उपाध्यक्ष बना दिया गया. रामबिहारी तेजतर्रार था. उस ने जल्द ही शासनप्रशासन में पकड़ बना ली. उस ने घर पर कार्यालय बना लिया और उपाध्यक्ष का बोर्ड लगा लिया. नेतागिरी की आड़ में वह जायजनाजायज काम करने लगा. वह कोंच का रसूखदार सफेदपोश नेता बन गया.

अगले भाग में पढ़ें- रामबिहारी राठौर के घिनौने सच का परदाफाश हो गया

Crime Story- रसूखदारों की घिनौनी कहानी: भाग 1

सौजन्य- सत्यकथा

रिटायर्ड कानूनगो  और नेता रामबिहारी राठौर अय्याश प्रवृत्ति का था. वह नाबालिग बच्चों के साथ न सिर्फ कुकर्म करता था बल्कि वीडियो भी बना लेता था. फिर एक दिन ऐसा हुआ कि…

10जनवरी, 2021 की सुबह 9 बजे रिटायर्ड कानूनगो रामबिहारी राठौर कोतवाली कोंच पहुंचा. उस समय कोतवाल इमरान खान कोतवाली में मौजूद थे. चूंकि इमरान खान रामबिहारी से अच्छी तरह परिचित थे. इसलिए उन्होंने उसे ससम्मान कुरसी पर बैठने का इशारा किया. फिर पूछा, ‘‘कानूनगो साहब, सुबहसुबह कैसे आना हुआ? कोई जरूरी काम है?’’

‘‘हां सर, जरूरी काम है, तभी थाने आया हूं.’’ रामबिहारी राठौर ने जवाब दिया.

‘‘तो फिर बताओ, क्या जरूरी काम है?’’ श्री खान ने पूछा.

‘‘सर, हमारे घर में चोरी हो गई है. चोर एक पेन ड्राइव और एक हार्ड डिस्क ले गए हैं. हार्ड डिस्क के कवर में 20 हजार रुपए भी थे. वह भी चोर ले गए हैं.’’ रामबिहारी ने जानकारी दी.

‘‘तुम्हारे घर किस ने चोरी की. क्या किसी पर कोई शक वगैरह है?’’ इंसपेक्टर खान ने पूछा.

‘‘हां सर, शक नहीं बल्कि मैं उन्हें अच्छी तरह जानतापहचानता हूं. वैसे भी चोरी करते समय उन की सारी करतूत कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है. आप चल कर फुटेज में देख लीजिए.’’

‘‘कानूनगो साहब, जब आप चोरी करने वालों को अच्छी तरह से जानतेपहचानते हैं और सबूत के तौर पर आप के पास फुटेज भी है, तो आप उन का नामपता बताइए. हम उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लेंगे और चोरी गया सामान भी बरामद कर लेंगे.’’

‘‘सर, उन का नाम राजकुमार प्रजापति तथा बालकिशन प्रजापति है. दोनों युवक कोंच शहर के मोहल्ला भगत सिंह नगर में रहते हैं. दोनों को कुछ दबंगों का संरक्षण प्राप्त है.’’ रामबिहारी ने बताया.

चूंकि रामबिहारी राठौर  कानूनगो तथा वर्तमान में कोंच नगर का भाजपा उपाध्यक्ष था, अत: इंसपेक्टर इमरान खान ने रामबिहारी से तहरीर ले कर तुरंत काररवाई शुरू कर दी. उन्होंने देर रात राजकुमार व बालकिशन के घरों पर दबिश दी और दोनों को हिरासत में ले लिया. उन के घर से पुलिस ने पेन ड्राइव व हार्ड डिस्क भी बरामद कर ली. रामबिहारी के अनुरोध पर पुलिस ने उस की पेन ड्राइव व हार्ड डिस्क वापस कर दी.

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पुलिस ने दोनों युवकों के पास से पेन ड्राइव व हार्ड डिस्क तो बरामद कर ली, लेकिन 20 हजार रुपया बरामद नहीं हुए थे. इंसपेक्टर खान ने राजकुमार व बालकिशन से रुपयों के संबंध में कड़ाई से पूछा तो उन्होंने बताया कि रुपया नहीं था. कानूनगो रुपयों की बाबत झूठ बोल रहा है. वह बड़ा ही धूर्त इंसान है.

इंसपेक्टर इमरान खान ने जब चोरी के बाबत पूछताछ शुरू की तो दोनों युवक फफक पड़े. उन्होंने सिसकते हुए अपना दर्द बयां किया तो थानाप्रभारी के आश्चर्य का ठिकाना न रहा. दोनों ने बताया कि रामबिहारी इंसान नहीं बल्कि हैवान है. वह मासूमों को अपने जाल में फंसाता है और फिर उन के साथ कुकर्म करता है.

एक बार जो उस के जाल में फंस जाता है, फिर निकल नहीं पाता. वह उन के साथ कुकर्म का वीडियो बना लेता फिर ब्लैकमेल कर बारबार आने को मजबूर करता. 8 से 14 साल के बीच की उम्र के बच्चों को वह अपना शिकार बनाता है. गरीब परिवार की महिलाओं, किशोरियों और युवतियों को भी वह अपना शिकार बनाता है.

राजकुमार व बालकिशन प्रजापति ने बताया कि रामबिहारी राठौर पिछले 5 सालों से उन दोनों के साथ भी घिनौना खेल खेल रहा है. उन दोनों ने बताया कि जब उन की उम्र 13 साल थी, तब वे जीवनयापन करने के लिए ठेले पर रख कर खाद्य सामग्री बेचते थे.

एक दिन जब वे दोनों सामान बेच कर घर आ रहे थे, तब पूर्व कानूनगो रामबिहारी राठौर ने उन दोनों को रोक कर अपनी मीठीमीठी बातों में फंसाया. फिर वह उन्हें अपने घर में ले गया और दरवाजा बंद कर लिया. फिर बहाने से कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिला कर पिला दिया. उस के बाद उस ने उन दोनों के साथ कुकर्म किया. बाद में उन्होंने विरोध करने पर फरजी मुकदमे में फंसा देने की धमकी दी.

कुछ दिन बाद जब वे दोनों ठेला ले कर जा रहे थे तो नेता ने उन्हें पुन: बुलाया और कमरे में लैपटाप पर वीडियो दिखाई, जिस में वह उन के साथ कुकर्म कर रहा था. इस के बाद उन्होंने कहा कि मेरे कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और मैं ने तुम दोनों का वीडियो सुरक्षित रखा है. यदि तुम लोग मेरे बुलाने पर नहीं आए तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दूंगा.

इस के बाद नेताजी ने कुछ और वीडियो दिखाए और कहा कि तुम सब के वीडियो हैं. यदि मेरे खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत किसी से की, मैं उलटा मुकदमा कायम करा दूंगा. युवकों ने बताया कि डर के कारण उन्होंने मुंह बंद रखा. लेकिन नेताजी का शोषण जारी रहा. हम जैसे दरजनों बच्चे हैं, जिन के साथ वह घिनौना खेल खेलता है.

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उन दोनों ने पुलिस को यह भी बताया कि 7 जनवरी, 2021 को नेता ने उन्हें घर बुलाया था, लेकिन वे नहीं गए. अगले दिन फिर बुलाया. जब वे दोनों घर पहुंचे तो नेता ने जबरदस्ती करने की कोशिश की. विरोध जताया तो उन्होंने जेल भिजवाने की धमकी दी.

इस पर उन्होंने मोहल्ले के दबंग लोगों से संपर्क किया, फिर नेता रामबिहारी का घिनौना सच सामने लाने के लिए दबंगों के इशारे पर रामबिहारी की पेन ड्राइव व हार्ड डिस्क उस के कमरे से उठा ली. यह दबंग, रामबिहारी को ब्लैकमेल कर उस से लाखों रुपया वसूलना चाहते थे.

पूर्व कानूनगो व भाजपा नेता रामबिहारी का घिनौना सच सामने आया तो इंसपेक्टर इमरान खान के मन में कई आशंकाएं उमड़ने लगीं. वह सोचने लगे, कहीं रामबिहारी बांदा के इंजीनियर रामभवन की तरह पोर्न फिल्मों का व्यापारी तो नहीं है. कहीं रामबिहारी के संबंध देशविदेश के पोर्न निर्माताओं से तो नहीं.

अगले भाग में पढ़ें- पुलिस टीम ने पूरे घर की सघन तलाशी ली

आज का इंसान: भाग 1

‘‘किसी के भी चरित्र के बारे में सहीसही अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल काम है. चेहरे पर एक और चेहरा लगाए आजकल हर इंसान बहुरूपिया नजर आता है. अंदर कुछ बाहर कुछ. इंसान को पहचान पाना आसान नहीं है.’’

विजय के इन शब्दों पर मैं हैरान रह गया था. विजय को इंसान की पहचान नहीं हो पा रही यही वाक्य मैं समझ नहीं पाया था. विजय तो कहता था कि चाल देख कर मैं इंसान का चरित्र पहचान सकता हूं. सिर्फ 10 मिनट किसी से बात करूं तो सामने वाले का आरपार सब समझ लूं. नजर देख कर किसी की नियत भांप जाने वाला इंसान यह कैसे कहने लगा कि उस से इंसान की पहचान नहीं हो पा रही.

मुझे तो यह सुन कर अच्छा नहीं लगा था कि हमारा पारखी हार मान कर बैठने वाला है वरना कहीं नई जगह जाते. नया रिश्ता बनता या नए संबंध बनाने होते तो हम विजय को साथ ले जाते थे. इंसान की बड़ी परख जो है विजय को और वास्तव में इंसान वैसा ही निकलता भी था जैसा विजय बताता था.

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‘‘आज का इंसान बहुत बड़ा अभिनेता होता जा रहा है, हर पल अभिनय करना ही जिस का चरित्र हो उस का वास्तविक रूप नजर आएगा भी कैसे. अपने सहज रूप में कोई है कहां. एक ही व्यक्ति तुम से मिलेगा तो राम लगेगा, मुझ से मिलेगा तो श्याम बन कर मिलेगा. मतलब होगा तो तुम्हारे पैरों के नीचे बिछ जाएगा, मतलब निकल जाएगा तो तुम्हारे पास से यों निकल जाएगा जैसे जानता ही नहीं. एक ही इंसान के चरित्र के इतने ज्यादा पहलू तो कैसे पहचाने कोई, और कैसे अपने दायित्व का निर्वाह करे कोई?’’

‘‘क्या हुआ? किसी ने कुछ चालाकी की है क्या तुम्हारे साथ?’’

‘‘मुझ से चालाकी कर के कोई मेरा क्या बिगाड़ लेगा. भविष्य के लिए उस ने अपना ही रास्ता बंद कर लिया है. सवाल चालाकी का नहीं बल्कि यह है कि दूसरी बार जरूरत पड़ेगी तो मेरे पास किस मुंह से आएगा जबकि मेरे जैसा इंसान अपनी जेब से पैसे खर्च कर के भी सामने वाले की मदद करने को तैयार रहता है. बदले में मैं किसी से क्या चाहता हूं…कोई प्यार से बात कर ले या नजर आने पर हाथ भर हिला दे बस. क्या मुसकरा भर देना भी बहुत महंगा होता है जो किसी का हाथ ही तंग पड़ जाए?’’

‘‘किस की बात कर रहे हो तुम?’’

‘‘सुनयना की. मेरे साथ आफिस में है. 4-5 महीने पहले ही दिल्ली से ट्रांसफर हो कर आई थी. उस का घर भी मेरे घर के पास ही है. नयानया घर बसा है यही सोच कर हम पतिपत्नी देखभाल करते रहे. उस का पति भी जब मिलता बड़े प्यार से मिलता. एक सुबह आया और कहने लगा कि उस की मां बीमार है इसलिए उसे कुछ दिन छुट्टी ले कर घर जाना पड़ेगा, पीछे से सुनयना अकेली होगी, हम जरा खयाल रखें. हम ने कहा कोई बात नहीं. अकेली जान है हम ही खिलापिला दिया करेंगे.

‘‘मेरी श्रीमती ने तो उसे बच्ची ही मान लिया. 10-15 दिन बीते तो पता चला सुनयना का पांव भारी है. श्रीमती लेडी डाक्टर के पास भी ले गईं. हमारी जिम्मेदारी बढ़ गई. नाश्ते का सामान भी हमारे ही घर से जाने लगा. अकेली लड़की कहीं भूखी ही न सो जाए… रात को रोटी भी हम ही खिलाते. महीना भर बीत गया, उस का पति वापस नहीं आया.

‘‘ ‘अब इस के पति को आ जाना चाहिए. उधर मां बीमार है इधर पत्नी भी अस्वस्थ रहने लगी है. इन्हें चाहिए पूरा परिवार एकसाथ रहे. ऐसी कौन सी कंपनी है जो 2-2 महीने की छुट्टी देती है…क्या इस के पति को नौकरी नहीं करनी है जो अपनी मां के पास ही जा कर बैठ गया है.’

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‘‘मेरी पत्नी ने जरा सा संशय जताया. पत्नी के मां बनने की खबर पर भी जो इंसान उसे देखने तक नहीं आया वह कैसा इंसान है? इस परदेस में उस ने इसे हमारे सहारे अकेले छोड़ रखा है यही सोच कर मैं भी कभीकभी पूछ लिया करता, ‘सुनयना, गिरीश का फोन तो आता रहता है न. भई, एक बार आ कर तुम से मिल तो जाता. उसे जरा भी तुम्हारी चिंता नहीं है… और उस की नौकरी का क्या हुआ?’

‘‘2 महीने बीततेबीतते लेडी डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड कर बच्चे की जांच करने को कहा. श्रीमती 3-4 घंटे उस के साथ बंधी रहीं. पता चला बच्चा ठीक से बढ़ नहीं रहा. 10 दिन बाद दोबारा देखेंगे तब तक उस का बोरियाबिस्तर सब हमारे घर आ गया. सुनयना का रोनाधोना चालू हुआ जिस पर उस के पति पर हमें और भी क्रोध आता. क्या उसे अपनी पत्नी की चिंता ही नहीं. मैं सुनयना से उस के पति का फोन नंबर मांगता तो वह कहती, उस की घरेलू समस्या है, हमें बीच में नहीं पड़ना चाहिए. वास्तव में सुनयना के सासससुर यहां आ कर उन के साथ रहना ही नहीं चाहते जिस वजह से बेटा पत्नी को छोड़ उन की सेवा में व्यस्त है.

मैंने शो के लिए बुनियादी फिटनेस प्रशिक्षण लिया: सोनाली सेहगल

सोनाली सेहगल फिलहाल विक्रम भट्ट के आगामी वेब शो, ‘अनामिका’ की शूटिंग कर रही हैं, जिसमें सनी लियोन भी हैं. सोनाली श्रृंखला में एक प्रशिक्षित हत्यारे की भूमिका निभाती हैं. यह शो अभिनेत्री के लिए खास है क्योंकि यह पहला प्रोजेक्ट है जहां वह एक्शन सीक्वेंस करती हुई नजर आएंगी.

भूमिका के लिए अपनी तैयारी और नई तकनीकों के बारे में बात करते हुए, सोनाली कहती है, “मैं एक प्रशिक्षित हत्यारे रिया की भूमिका निभा रही हू. वह बेहद तेज और बुद्धिमान है. शो में बहुत सारे रनिंग, फाइट और शूटिंग सीक्वेंस हैं. इसलिए मैंने बंदूक चलाने का प्रशिक्षण लिया जहां मैंने सीखा कि बंदूक कैसे पकड़नी है और इसका उपयोग कैसे करना है. मैंने शो के लिए बुनियादी फिटनेस प्रशिक्षण लिया. इसके अलावा, संयोग से मैं शो से पहले दक्षिण की यात्रा कर रही थी और एक मार्शल आर्ट फॉर्म सीखना चाहती थी इसलिए मैंने कलारीपयट्टू सीखा. यह निश्चित रूप से शूटिंग के दौरान काम आया क्योंकि किसी भी मार्शल आर्ट फॉर्म में आपको सही मुद्रा और सही बॉडी लैंग्वेज मिलती है.”

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एक्शन सीन के बारे में अधिक बात करते हुए, वह कहती हैं, फाइट सीन के लिए, हमारे पास सेट पर प्रशिक्षक थे और किसी भी सीन से पहले, सभी के साथ रिहर्सल होती थी. सनी और मैंने इसे बार-बार दोहराया. प्रशिक्षण पूर्ण पेशेवर मार्गदर्शक और पर्यवेक्षण के तहत हुआ. चूंकि मैं अपने ट्रेनर सौरव राठौर के साथ MMA और कैलिसथनिक्स भी करती हूं, जिसमें ढेर सारे जंप, बॉडी रोल और बॉडी ट्रेनिंग शामिल है, जो कि मेरे हिस्से की शूटिंग के दौरान काम आया. ”

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अभिनेत्री को अपने साइज जीरो होने का विश्वास नहीं होता, वह फिट रहना पसंद करती है. लॉकडाउन के दौरान भी, मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैं काम करूं और फिट रहूं. लेकिन मैं ऐसी कोई व्यक्ति नहीं हूं, जो एक बॉडी टाइप होने के बारे में बहुत सख्त है. क्योंकि मेरे लिए, सभी आकार सुंदर हैं. मैंने अपना वजन बढ़ा लिया क्योंकि मैं सब कुछ खाती हुं, लेकिन मैं कसरत भी करती हूं. इस भूमिका के लिए मुझे पतला दिखना था क्योंकि एक हत्यारे के रूप में आप भारी नहीं हो सकते. मुझे दुबला और फुर्तीला होना पड़ा, सोनाली कहती है.

बिना शादी के साथ रहेंगे Eijaz Khan और Pavitra Punia?

बिग बॉस 14 के चर्चित कपल एजाज खान और पवित्रा पुनिया घर में अपने लवलाइफ के कारण सुर्खियों में छाए रहे. शो से बाहर आने के बाद भी दोनों का प्यार बरकरारा रहा. और खबर ये भी आ रही थी कि ये दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं.

तो अब खबर ये आ रही है कि कपल शादी से पहले ही एक साथ रहने की तैयारी में हैं. जी हां, मिली जानकारी के अनुसार,  पवित्रा पुनिया और एजाज खान शादी से पहले ही साथ रहने की प्लानिंग में है. इसकी वजह ये है कि ये दोनों एक-दूसरे को शादी से पहले पूरा वक्त देना चाहते हैं और एक-दूसरे को अच्छे से समझना चाहते है.

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खबरों के अनुसार,  दोनों एक-दूसरे को वक्त देना चाहते हैं और अच्छे से समझना चाहते हैं. इसलिए साथ रहने की तैयारी में हैं. बताया जा रहा है कि एजाज खान और पवित्रा पुनिया एक साथ अगले महीने तक शिफ्ट हो सकते हैं, दोनों अपना घर एक साथ शेयर करने को लेकर काफी एक्साइटेड हैं.

बता दें कि बिग बौस 14 में जब पवित्रा पुनिया और एजाज खान ने एंट्री की थी तो ये एक दूसरे को खास पसंद नहीं करते थे. के घर में इन दोनों के बीच काफी लड़ाईयां भी देखने को मिली.

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एजाज खान ने पहले दिन ही कह दिया था कि वो घर में प्यार का एंगल बनाने के लिए नहीं आए हैं. तो दूसरी तरफ  पवित्रा पुनिया ने कहा था कि अगर उन्हें कोई अच्छा इंसान मिलता है तो वो अफेयर की सोच सकती हैं. एजाज खान ने नेशनल टीवी पर ‘नागिन’ एक्ट्रेस पवित्रा पुनिया के लिए अपने प्यार का इजहार भी किया था.

Anupamaa: अनुपमा की जिंदगी में होगी इस नए शख्स की एंट्री! क्या करेगा वनराज

स्टार प्लस का फेमस सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों धमाकेदार ट्विस्‍ट देखने को मिल रहा है. कहानी एक नया मोड़ ले रही है. शो के लेटेस्ट एपिसोड में आपने देखा कि शाह हाउस में समर की हरकतों से हर कोई दुखी है.

तो वहीं वनराज भी अपने गुस्से पर काबू नहीं कर पाया और घरवालों के सामने अपने हक की बात करते हुए दिखाई दिया. वनराज अपने संघर्षो के बारे में घरवालों से  बताता है, जिससे घर के सदस्य काफी इमोशनल हो जाते हैं.

 

वनराज कहता है कि उसने इस घर को बनाने के लिए बहुत मेहनत की है और आज उसके बच्चे कह रह है कि यह घर मेरा नहीं है. वह आगे ये भी कहता है कि मैंने जीवन में एक गलती की, शादीशुदा होते हुए भी मैंने काव्या से प्यार किया. और मुझे इसके लिए हमेशा सजा मिलती रहेगी?

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ये सारी बातें कहते हुए वनराज भी इमोशनल हो जाता है. आखिरी में उसने सबको फैसला सुना देता है कि उसने बहुत मेहनत से ये घर बनाया है, वो इसे छोड़कर कहीं नहीं जाएगा और काव्‍या भी उसके साथ इसी घर में रहेगी.

तो उधर काव्या ये बात सुनकर काफी खुश होती है. और वह वनराज को अनुपमा के खिलाफ भड़काती है. वो कहती है कि ये घर अनुपमा के नाम से है और अगर कोई अनुपमा की लाइफ में आता है तो बापूजी उसकी शादी कर देंगे और तुम्हें घर से निकाल देंगे. वनराज इन बातों को सुनकर अनुपमा से अपने घर लेने का फैसला करता है

 

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खबर ये भी आ रही है कि सीरियल के अपकमिंग एपिसोड में अब अनुपमा की जिंदगी में एक नए शख्‍स की एंट्री होने वाली है. और ये शख्स अनुपमा का प्रेमी है.

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ऐसे में जब उस शख्स को अनुपमा की सच्चाई पता चलती है, तो वह अनुपमा को स्वीकार करने और उसके करियर में उसकी मदद करने का फैसला करता है. अब सीरियल के अपकमिंग एपिसोड में ये देखना दिलचस्‍प होगा कि क्या अनुपमा अपनी प्रेमी को स्वीकार करेगी?

Crime Story: अपनों की दुश्मनी

Crime Story: अपनों की दुश्मनी- भाग 1

सौजन्य- सत्यकथा

नीरज को पड़ोस में रहने वाले गहरे दोस्त विजय की बहन कोमल से प्यार हो गया तो दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली. इस से कोमल के भाई विजय के दिल में इंतकाम की ऐसी आग भड़की कि…

उस दिन तारीख थी पहली जनवरी, 2021. नए साल का पहला दिन होने की वजह से लोग अपनेअपने अंदाज में सेलीब्रेशन में जुटे थे. पानीपत की बधावा राम कालोनी की रहने वाली कोमल वर्मा भी नए साल के सेलीब्रेशन की तैयारी में जुटी थी.

कोमल के सासससुर और जेठजेठानी उस का हाथ बंटा रहे थे. काम करतेकरते कोमल की नजर बारबार मुख्यद्वार की ओर चली जाती थी. वह पति नीरज के आने की बाट जोह रही थीं.

कोमल मन ही मन सोच रही थी, ‘अपनीअपनी ड्यूटी से जेठजी और ससुर घर आ गए, ये (नीरज) ही घर नहीं लौटे. आज तो जल्दी घर आने के लिए कह गए थे. कितने लापरवाह हो गए हैं, न ही काल कर के बताया कहां हैं.’

कोमल ने कई बार नीरज का फोन नंबर डायल किया, लेकिन फोन हर बार स्विच्ड औफ मिला. उस समय रात के करीब साढ़े 9 बज रहे थे. नीरज घर लौटने में कभी इतनी देर नहीं करता था. कोमल परेशान थी.

परेशान कोमल कमरे से निकली और ससुर के कमरे में जा कर उन्हें पूरी बात बताई तो वह भी परेशान हो गए. उन्होंने भी अपने फोन से नीरज के मोबाइल पर काल की तो उस का फोन बंद था.

पिता विकासचंद ने बड़े बेटे जगदीश को उस का पता लगाने के लिए भेजा. जगदीश बाइक ले कर अकेला ही भाई को ढूंढने निकल गया. उस समय रात के करीब 10 बज रहे थे.

वह घर से 500 मीटर दूर गया होगा, तभी भावना चौक मोड़ पर सड़क के बीच खून में डूबे एक युवक को देख जगदीश रुक गया. वह युवक उस का छोटा भाई नीरज था और उस की मौत हो चुकी थी.

पल भर के लिए जगदीश के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया. बाइक से नीचे उतर कर वह भाई की लाश से लिपट गया और जोरजोर से चीखनेचिल्लाने लगा. जब थोड़ी देर बाद वह सामान्य हुआ तो फोन कर के पूरी बात पापा को बता दी. जगदीश के मुंह से नीरज की मौत की बात सुन कर पिता के हाथ से मोबाइल गिरतेगिरते बचा.

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बदहवास विकासचंद के मुंह से एक ही शब्द निकला,  ‘हाय! मेरे साथ इतना बड़ा अनर्थ क्यों हो गया?’ वह सिर पर हाथ रख फफकफफक कर रोने लगे.

अचानक विकासचंद को रोता देख घर वाले घबरा गए. आखिर ऐसा क्या हुआ जो वह दहाड़ मार कर रोने लगे. कोमल ने फोन उठा कर देखा तो पता चला काल उस के जेठ जगदीश ने की थी. कोमल ने जेठ को फोन मिला कर पूछा कि आप ने पापाजी से ऐसा क्या कह दिया तो उस ने कोमल को सब बता दिया.

जेठ की बात सुन कर कोमल जैसे काठ हो गई. उस के हाथ से फोन छूट कर फर्श पर जा गिरा. वह बदहवास हो कर गिर पड़ी और बेहोश हो गई. थोड़ी देर बाद जब उसे होश आया तो दहाड़ मारमार कर रोने लगी.

जवान बेटे की मौत की खबर सुन कर विकासचंद इतना साहस नहीं जुटा पाए कि बेटे की लाश तक जा सकें. घर में कोहराम मच गया था. अचानक रोनेचिल्लाने की आवाज सुन कर पड़ोसी जुट गए.

जब उन्होंने नीरज की हत्या की बात सुनी तो वे भी दंग रह गए. पड़ोसी घटनास्थल पर पहुंच गए, जहां जगदीश भाई की लाश के पास बैठा रो रहा था.

पड़ोसियों ने घटना की सूचना पुलिस कंट्रोलरूम को दे दी. घटना बधावा राम कालोनी के पास घटी थी. यह इलाका सिटी थाने में आता था. इसलिए कंट्रोलरूम ने घटना की सूचना वायरलैस के जरिए सिटी थाने को दे दी.

सूचना मिलते ही थानाप्रभारी योगेश कटारिया अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. रात होने के बावजूद वहां काफी लोग जुट गए थे. थानाप्रभारी कटारिया ने लाश का निरीक्षण किया. हत्यारों ने नीरज के सीने और पेट में ताबड़तोड़ चाकू घोंप कर बड़ी बेरहमी से उस का कत्ल किया था.

जब थानाप्रभारी ने जगदीश से नीरज की किसी से दुश्मनी की बात पूछी तो वह चीखता हुआ बोला, ‘‘मेरे भाई को उन के सालों ने ही मार डाला. हमें जिस बात का डर था आखिरकार वहीं हुआ. भाई की सुरक्षा के लिए थाने में कई बार एप्लीकेशन भी दी थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर काररवाई हुई होती तो आज मेरा भाई जिंदा होता.’’ कह कर जगदीश रोने लगा.

बहरहाल, थानाप्रभारी योगेश कटारिया ने जगदीश की पूरी बात सुनी. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त काररवाई का आश्वासन दिया और इस की सूचना डीएसपी वीरेंद्र सैनी, एसपी और एसएसपी को दे दी.

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सूचना मिलने के बाद आला अफसर मौके पर पहुंच गए. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए थानाप्रभारी कटारिया ने फटाफट लाश पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दी.

उस के बाद नीरज के भाई जगदीश की तहरीर पर पुलिस ने मृतक के साले विजय उर्फ छोटा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर के आगे की काररवाई शुरू कर दी. पुलिस को सारी काररवाई करतेकरते रात के 2 बज गए थे.

नए साल के पहले दिन ने ही विकासचंद वर्मा की खुशियों में ग्रहण लगा दिया था. कुछ क्षण पहले तक जहां घर वालों की खिलखिलाहट से घर गुलजार था, वहां पल भर में मातम छा गया था.

नीरज की मौत के गम में सब का बुरा हाल था. कोमल की आंखें रोरो कर सूज गई थीं. दोनों ने डेढ़ साल पहले ही लव मैरिज की थी. जिस दिन कोमल के साथ नीरज की शादी हुई थी, उसी दिन उस के भाई विजय ने नीरज को शहर छोड़ देने की धमकी दी थी. ऐसा न करने पर उस बुरा अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी.

खैर, मुकदमा दर्ज कर के पुलिस नीरज के कातिलों की सुरागरसी में जुट गई. घटनास्थल से थोड़ी दूर एक गली में एक घर के बाहर सीसीटीवी कैमरा लगा था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. फुटेज में मुंह ढंके 2 युवक तेजी से घटनास्थल से गली की ओर भागते दिख रहे थे.

उस फुटेज में भाग रहे युवकों की जब पुलिस ने जगदीश से शिनाख्त कराई तो वह पहचान गया. उन दोनों युवकों में से एक विजय उर्फ छोटा था, जबकि दूसरा उस का ममेरा भाई पवन था. दोनों ही विजय नगर के रहने वाले थे.

3 जनवरी, 2021 की सुबहसुबह सीआईए-2 सतीश कुमार वत्स के नेतृत्व में सिटी थाने की पुलिस ने विजय नगर में पवन और विजय के घर पर दबिश दे कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें थाने ले आई.

थाने ला कर पुलिस ने दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की तो विजय ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.

पूछताछ में उस ने पुलिस को बताया, ‘‘वह और नीरज पड़ोसी थे. दोनों ही पचरंगा बाजार में हैंडलूम पर काम करते थे. नीरज ने विश्वासघात कर मेरी बहन कोमल से प्रेम विवाह कर लिया था.

‘‘कहता था उस का जीजा लगता है. यह बात कांटे की तरह मेरे सीने में चुभती थी. मैं ने उसे शहर छोड़ने के लिए कहा था लेकिन दोनों ने शहर नहीं छोड़ा. इस से समाज और दोस्तों में हमारी बदनामी हो रही थी, इसलिए मैं ने यह कदम उठाया और उसे मार डाला. मुझे इस का कोई मलाल नहीं है.’’

विस्तार से पूछने के बाद इस हत्याकांड की पूरी कहानी इस तरह सामने आई—

23 वर्षीय नीरज वर्मा मूलरूप से पानीपत के सिटी थाने के बधावा राम नगर मोहल्ले में परिवार के साथ रहता था. नीरज विकासचंद का दूसरे नंबर का बेटा था. नीरज से बड़ा जगदीश और उस से छोटी एक बेटी थी.  दोनों बेटे अपनी काबिलियत के बल पर अपने पैरों पर खड़े थे. विकासचंद को अपने दोनों बेटों पर बहुत नाज था. उन की एक आवाज पर दोनों बेटे तैयार खड़े रहते थे.

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शिवाकांत विकासचंद के पड़ोसी थे. दोनों पड़ोसियों में गहरी छनती थी. दोनों परिवारों का एकदूसरे के घरों में आनाजाना था. दोनों ही परिवार एकदूसरे के सुखदुख में एकदूसरे की मदद करते थे. लगता ही नहीं था कि 2 अलगअलग परिवार हैं.

अगले भाग में पढ़ें- कोमल घर से अचानक गायब हो गई

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