Rani Chatterjee को मिला प्यार में धोखा तो रो-रोकर हुआ बुरा हाल, देखें वीडियो

भोजपुरी सिनेमा की फेमस एक्ट्रेस रानी चटर्जी (Rani Chatterjee) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह आए दिन फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती हैं. अब उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर की है, जिसमें वो रोती हुई नजर आ रही हैं.

सोशल मीडिया पर यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. लोगों का कहना है कि रानी चटर्जी की ऐसी हालत प्यार  में मिले धोखे की वजह से हुई है. उनके दोस्तों का कहना है कि ‘प्यार बड़ी बुरी चीज है..

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दरअसल रानी चटर्जी वाकई में नहीं रो रही हैं. उन्होंने इंस्टाग्राम पर चल रहे एक ट्रेंड को फॉलो कर यह वीडियो बनाया है. इंस्टाग्राम पर इन दिनों कई लोग ऐसे रोने वाले वीडियो बना रहे हैं, जिसमें रानी चटर्जी ने भी हिस्सा लिया.

 

रानी चटर्जी इन दिनों जिम में पसीना बहा रही हैं.  हाल ही में उन्होंने फैंस के साथ अपनी तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें वो पसीने से लथपथ नजर आ रही हैं. यह फोटो देखकर फैस खूब तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट में लिखा है, क्या बात है मैडम. आप हम सबको प्रेरित करती हैं’  तो वहीं दूसरे यूजर ने लिखा है कि  आपकी मेहनत का जवाब नहीं है.

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‘नामकरण’ शो की इस एक्ट्रेस के पास नहीं है पैसे, किडनी फेल होने की वजह से अस्पताल में हुई भर्ती

‘नामकरण’ फेम अनन्या सोनी (Ananya Soni)  किडनी फेल होने की वजह से अस्पताल में भर्ती है.एक्ट्रेस का मुंबई के होली स्पिरिट अस्पताल में इलाज चल रहा है. अनन्या के पास इलाज के लिए पैसे नहीं है. उन्होंने लोगों से मदद मांगी है.

खबर यह आ रही है कि अनन्या सोनी ने बताया है कि मैं 2015 से एक किडनी पर जीवित हूं. 6 साल पहले उनकी दोनों किडनी फेल हो गई थी. जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें एक किडनी डोनेट की थी. अचानक वह किडनी भी खराब हो गई और उन्हें नए सिरे से किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है.

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अनन्या सोनी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर अपनी हालत के बारे में बताया था. इस वीडियो को शेयर कर एक्ट्रेस ने सबसे मदद मांगी है. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि वह अस्पताल में बेड पर लेटे हुई दिखाई दे रही हैं. और उन्होंने कहा है कि  किडनी फेल होने के चलते अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट भी कराना पड़ सकता है. लेकिन वह चाहती हैं कि काश उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट न कराना पड़े.

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अनन्या काफी तकलिफ से गुजर रही है. एक्ट्रेस ने बताया कि उनकी सारी Savings खत्म हो गई है. उन्होंने आगे कहा कि मेरी मां का कपड़ों का व्यवसाय था. उनका भाई अच्छा कर रहा था. अनन्या ने बताया कि उसके कपड़े और उसकी मशीनें कुछ समय पहले जल गई. सब कुछ खत्म हो गया.

बता दें कि अनन्या सोनी ‘नामकरण’, ‘इश्क में मरजावां’  जैसे शो में काम कर चुकी है. वह रोनित रॉय के साथ ‘अदालत’ में भी नजर आई थीं.

Pavitra Rishta 2: मानव के किरदार में नजर आएंगे शाहिर सेख, सामने आई Ankita Lokhande संग तस्वीर

टीवी का लोकप्रिय शो ‘पवित्र रिश्ता’ का सीजन 2 की शूटिंग शुरू हो गई है. जी हां, दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे के फैंस को इस शो का बेसब्री से इंतजार था. आखिरकार यह इंतजार खत्म हो गया है. ‘पवित्र रिश्ता’ के दूसरे सीजन की शूटिंग शूरू हो गई है.

इस शो का दूसरा सीजन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होगा. शो में मानव का किरदार शहीर शेख निभाएंगे. एक बार फिर अंकिता लोखंडे अर्चना के किरदार में दिखाई देंगी.

 

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दरअसल यह जानकारी सोशल मीडिया से मिली. शो के ऑफिशियल इंस्टाग्राम पेज पर रविवार को शूटिंग के पहले दिनों की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में शहीर शेख अंकिता लोखंडे के साथ हाथों में क्लैपबोर्ड लिए पोज देते नजर आ रहे हैं. और एक तस्वीर में उनके साथ उषा नाडकर्णी भी पोज दे रही हैं.

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फोटो के कैप्शन में लिखा गया है कि कभी-कभी सबसे सामान्य जीवन में, हमें सबसे असाधारण प्रेम कहानियां मिलती हैं! मानव और अर्चना की असाधारण प्रेम कहानी की साक्षी #पवित्रारिश्ता शूटिंग शुरू होती है. #ALTBalaji पर जल्द ही स्ट्रीमिंग.

सोशल मीडिया पर यह तस्वीर जमकर वायरल हो रही है. फैंस इन तस्वीरों को खूब लाइक्स और कमेंट कर रहे हैं. फोटो पर एक यूजर ने कमेंट किया है कि शो में हम सुशांत को मिस करेंगे लेकिन कोई बात नहीं, शहीर भी शानदार काम करेंगे. तो वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि ऑल द बेस्ट शाही.  मुझे पता है कि आपके पास हमारे लिए सबसे अच्छा स्टोर है.

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एक इंटरव्यू  के अनुसार शो के कास्टिंग डायरेक्टर ने कहा था कि शो में दो लोग पुराने हैं इनमें अंकिता लोखंडे अर्चना की भूमिका निभा रही हैं, उषा मैम उनकी भूमिका निभा रही हैं. हम उन्हें पहले ही देख चुके हैं और उन्हें प्यार किया है. लेकिन बाकी एक्टर्स के लिए ये एक चुनौती है. विशेष रूप से मानव के लिए, शाहीर शेख के लिए उस स्थान तक पहुंच पाना एक बड़ी चुनौती है.

मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन रहा उत्तर प्रदेश

बीते चार वर्षों में उत्तर प्रदेश की आईटी नीति ने देश में कमाल किया है. इस नीति के चलते राज्य में डिजिटल इंडिया अभियान ने गति पकड़ी है. आईटी मैन्यूफैक्चरिंग के सेक्टर में रिकार्ड निवेश हुआ है. और अब उत्तर प्रदेश मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में देश का प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में बढ़ चला है. राज्य में ओप्पो, वीवो, सेमसंग, लावा और फ़ॉरमी जैसी तमाम कंपनियां ने मोबाइल फोन का निर्माण करने में पहल की है. अब वह दिन दूर नहीं है, जब इन देशी और विदेशी कंपनियों के भरोसे यूपी मोबाइल फोन मैन्यू फैक्चरिंग का सबसे बड़ा हब बन जाएगा. देश के करोड़ों लोग यूपी में बने सैमसंग, वीवो, ओप्पो और लावा के मोबाइल हैंडसेट से बात करते हुए दिखाई देंगे.

यह दावा अब देश के बड़े औद्योगिक संगठनों से जुड़े उद्योगपति कर रहे हैं. इन औद्योगिक संगठनों के पदाधिकरियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में प्रदेश सरकार की इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली नीतियों की वजह से बड़ी कंपनियों ने राज्य में बड़ा निवेश किया हैं.

प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री एवं प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि कुछ साल पहले तक राज्य में मोबाइल हैंडसेट के निर्माण में सूबे का नाम तक नहीं लिया जाता था. वर्ष 2014 में देश में मात्र छह करोड़ मोबाइल हैंडसेटों का निर्माण होता था. फिर वर्ष 2015 -16 में 11 करोड़ और 2016-17 में 17.5 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का निर्माण देशभर में हुआ. अब 12 करोड़ मोबाइल हैंडसेट का निर्माण यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) में स्थापित की जा रही वीवो की फैक्ट्री जल्दी ही होने लगेगा. यीडा के सेक्टर 24 में वीवो मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड 7000 करोड़ रुपए का निवेश का मोबाइल हैंडसेट बनाने की फैक्ट्री लगा रही है. 169 एकड़ भूमि पर लगाई जा रही इस फैक्ट्री के प्रथम चरण में छह करोड़ मोबाइल सेट बनाए जाएंगे. दूसरे चरण में इस फैक्ट्री की क्षमता  बढ़ाई जाएगी, ताकि इस फैक्ट्री में हर वर्ष 12 करोड़ मोबाइल हैंडसेट बनाए जा सके. वीवो की इस फैक्ट्री में 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. वीवो की इस फैक्ट्री में बनाए जाने वाले हर मोबाइल से जीएसटी के रूप में सरकार को राजस्व प्राप्त होगा.

वीवो के अलावा चीन की बड़ी कंपनी ओप्पो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 2000 करोड़ रुपए का निवेश का ग्रेटर नोयडा में स्मार्ट फोन बनाएगी. ग्रेटर नोयडा में ही होलिटेच इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में मोबाइल फोन डिस्प्ले यूनिट लगाने का फैसला किया है. 1772 करोड़ का निवेश कर बनाए जाने वाली मोबाइल फोन डिस्प्ले यूनिट के लिए भूमि आंवटित हो चुकी है. नोएडा में लावा इलेक्ट्रानिक्स ने अपनी फैक्ट्री लगाकर वहां मोबाइल हैंडसेट बना रही है. सैमसंग ने भी बीते साल अपनी फैक्ट्री नोएडा में मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग की फैक्ट्री लगाई है. इसके अलावा प्रदेश सरकार की मैन्यूफैक्चरिंग पालिसी 2017 से प्रभावित होकर फ़ॉरमी ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड ग्रेटर नोएडा में और  केएचवाई इलेक्ट्रानिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नोएडा में मोबाइल हैंडसेट बनाने की फैक्ट्री लगा रही हैं. चीन की विख्यात कंपनी सनवोडा इलेक्ट्रानिक्स ने भी ग्रेटर नोएडा में स्मार्टफोन, लिथियम बैटरी और प्लास्टिक मोबाइल केस बनाने की फैक्ट्री लगाने में रूचि दिखाई है. 1500 करोड़ का निवेश कर सनवोडा को ग्रेटर नोएडा में अपनी फैक्ट्री लगाने का निर्णय किया है. यूपी में लगाई जा रही मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग की इन फैक्ट्रियों को देख कर अब यह कहा जा रहा है कि देश में मोबाइल हैंडसेट के लिए अभी तक जो कंपनियां चीन की मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों पर निर्भर थीं, वह अब उत्तर प्रदेश  में अपने ब्रांड के मोबाइल हैंडसेट बनवा रही हैं. इनमें ओप्पो, वीवो, सैमसंग, लावा और फ़ॉरमी जैसी कंपनियां शामिल हैं. यही सभी कंपनियां करोड़ों मोबाइल हैंडसेट हर साल बनाएंगी. देश में मोबाइल हैंडसेट की आधे से अधिक मांग को सूबे में लगाई जा रही कंपनियों से ही पूरी होगी.

मोबाइल हैंडसेट बनाने के लिए राज्य में हो रहे इस निवेश पर इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) महकमें का अफसरों का कहना है कि प्रदेश सरकार की आईटी और मैन्यूफैक्चरिंग पालिसी 2017 तथा मोबाइल हैंडसेट निर्माण  के क्षेत्र में आए इस बदलाव ने प्रदेश में मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बड़ा निवेश हुआ है. इस वजह से नौकरियों के नए अवसर पैदा हुए हैं. अब जैसे-जैसे प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक व मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग का आधार बढ़ेगा, राज्य में ज्यादा-ज्यादा लोगों के लिए नौकरियों के अवसर पैदा होंगे. इन अधिकारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र देश में अपने यहां मोबाइल हैंडसेट के निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं. गर्व करने वाले बात यह है कि मोबाइल कंपनियों को आकर्षित करने में अब तक सबसे आगे उत्तर प्रदेश सरकार है. यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई कंपनियां ने अपना प्लांट लगा रही हैं. कई कंपनियों ने अपनी फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयी हैं. अब इन सारी कंपनियों के सहारे जल्दी ही यूपी बनेगा मोबाइल फोन बनाने का सबसे बड़ा हब देश में बन जाएगा.

Satyakatha- चाची के प्यार में बना कातिल: भाग 3

सौजन्य- सत्यकथा

12 जून, 2021 को दोनों ने घर से भागने का पूरा प्लान तैयार किया और काशीपुर से ट्रेन पकड़ कर घर वालों की चोरीछिपे मुरादाबाद जा पहुंचे. मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही दोनों जीआरपी की निगाहों में संदिग्ध के रूप में चढ़ गए.

जीआरपी ने उन से पूछताछ की तो मंजीत ने साफसाफ बता दिया कि वह उस की चाची है. हम दोनों किसी बीमार रिश्तेदार को देखने के लिए आए हुए हैं. लेकिन पुलिस को उन की बातों पर विश्वास नहीं हुआ तो उन्होंने परिवार वालों से बात कराने को कहा.

तब मंजीत ने अपनी बुआ की नातिन से जीआरपी वालों की बात करा दी. जिस के बाद पुलिस वालों ने उन्हें सीधे घर जाने की हिदायत देते हुए छोड़ दिया.

रेलवे पुलिस से छूटने के बाद भी मंजीत बुरी तरह से घबराया हुआ था. उसे पता था कि इस वक्त देश बुरे हालात से गुजर रहा है. घर से जाने के बाद न तो उन्हें कहीं भी इतनी आसानी से नौकरी ही मिलने वाली है और न ही उस के बाद उस के घर वाले उसे शरण देने वाले हैं.

यह सब मन में विचार उठते ही सविता ने मंजीत के सामने एक प्रश्न किया, ‘‘मंजीत, मैं तेरी खातिर अपना घरबार, बच्चों तक को छोड़ आई. लेकिन तेरे अंदर इतनी भी हिम्मत नहीं कि तू अपने ताऊ को सबक सिखा सके. उस ने ही हम दोनों का जीना हराम कर रखा है. अगर वह न हो तो हमें घर से भागने की जरूरत भी नहीं होती.’’

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सविता की बात मंजीत के दिल को छू गई

सविता की बात मंजीत के दिल को छू गई, ‘‘चाची, तुम अब बिलकुल भी चिंता मत करो. मैं घर वापस जाते ही उस ताऊ का ऐसा इलाज करूंगा कि वह कुछ कहने लायक भी नहीं रहेगा.’’

सविता को विश्वास में ले कर मंजीत अपने घर वापस चला गया. घर जाने के बाद वही सब कुछ हुआ, जिस की उम्मीद थी. दोनों के घर पहुंचते ही परिवार वालों ने उन्हें उलटासीधा कहा. चंद्रपाल ने सविता को घर तक में नहीं जाने दिया था. जिस के कारण मंजीत ने उसी रात अपने ताऊ को मौत की नींद सुलाने का प्रण कर लिया था.

14 जून, 2021 की शाम को मंजीत अपने काम पर चला गया. लेकिन फैक्ट्री में काम करते वक्त भी उस की निगाहों के सामने उस के ताऊ की सूरत ही घूमती रही. उसी वक्त मशीनों में कोई तकनीकी खराबी आ गई, जिस के कारण मशीन बंद करनी पड़ी.

मंजीत को लगा कि वक्त उस का साथ दे रहा है. उस ने तभी सविता को फोन मिलाया और आधे घंटे बाद ताऊ के घेर के पास मिलने को कहा. मंजीत की बात सुनते ही सविता के हाथपांव थरथर कांपने लगे थे.

उसे लगा कि आज वह जो काम करने जा रही है वह ठीक से हो पाएगा भी या नहीं. उस की चारपाई के पास ही पति रामपाल खर्राटे मार कर सो रहा था. रामपाल को सोते देख उस ने किसी तरह से हिम्मत जुटाई और धीरे से घर का दरवाजा खोल कर दबे पांव चंद्रपाल के घेर की तरफ बढ़ गई.

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मंजीत किसी तरह से फैक्ट्री की पिछली दीवार फांद कर बाहर आया और सीधे अपने ताऊ चंद्रपाल के घेर में पहुंचा. उस वक्त सभी लोग गहरी नींद में सोए हुए थे. सविता मंजीत के पहुंचने से पहले ही वहां पहुंच चुकी थी.

घेर में पहुंचते ही मंजीत ने घेर में जल रहे बल्ब को उतार दिया, ताकि कोई उन्हें पहचान न सके. चंद्रपाल भी सारे दिन मेहनतमजदूरी कर के थक जाता था. उसी थकान को उतारने के लिए वह अकसर ही रात में शराब पी कर ही सोता था. जिस वक्त मंजीत और सविता उस के पास पहुंचे, वह गहरी नींद में सोया हुआ था.

मुंह बंद होने के कारण चंद्रपाल की चीख तक न निकल सकी

चंद्रपाल को सोते देख मंजीत ने सविता को उस का मुंह बंद करने का इशारा किया, फिर उस ने अपने हाथ में थामी ईंट से लगातार कई वार कर डाले. मुंह बंद होने के कारण चंद्रपाल की चीख तक न निकल सकी.

थोड़ी देर तड़पने के बाद उस की सांसें थम गईं. इस के बावजूद भी मंजीत बेरहमी दिखाते हुए उस के चेहरे व सिर पर कई वार ईंट से प्रहार किया. जब चंद्रपाल का शरीर पूरी तरह से शांत हो गया तो दोनों वहां से चले गए.

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सविता के हाथों पर खून लगा हुआ था, जो उस के घर के दरवाजे पर भी लग गया था. घर पहुंच कर सविता ने एक कपड़े से हाथों का खून पोंछा. वह कपड़ा उस ने बाथरूम में डाल दिया था, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया था.

ताऊ को  मौत की नींद सुला कर मंजीत सीधा फैक्ट्री में पहुंच गया, जिस के बाद उस ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. लेकिन पुलिस के आगे उस की सारी होशियारी धरी की धरी रह गई.

चंद्रपाल के बेटे सचिन की तरफ से भादंवि की धारा 302 व 120बी के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली. पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया था.

नुसरत जहां- निखिल जैन मामला लव, मैरिज और तलाक

टौलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां को शायद विवादों में रहना पसंद है. बिजनैसमैन निखिल जैन से शादी कर के जिस तरह वह चर्चा में आई थीं, उसी तरह उन के गर्भवती होने के बाद अब इस बात की लोगों में चर्चा है कि जब वह लंबे समय से पति से अलग रह रही थीं तो उन के गर्भ में पल रहा बच्चा किस का है?

वास्तविकता कभीकभी कल्पना की अपेक्षा बहुत ही मजेदार और विचित्र होती है. कभीकभी हमारे सामने कुछऐसे मामले आ जाते हैं, जिन के बारे में सुन कर, पढ़ कर या देख कर हमें ऐसा लगता है कि भला ऐसा कैसे हो सकता है. वे हमारे न कुछ लगते हैं और न हमारा उन से कुछ बनताबिगड़ता है, फिर भी हम उन में बहुत ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं.

नुसरत जहां और निखिल जैन के लव, मैरिज और डिवोर्स की बात भी कुछ ऐसी ही है. इस समय यह चर्चा का विषय बनी हुई है.

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नुसरत जहां खूबसूरत हैं, हीरोइन हैं, सांसद हैं, अमीर हैं और पहले से ही चर्चाओं में रही हैं. 8 जनवरी, 1990 को कोलकाता में जन्मी नुसरत जहां की प्रारंभिक शिक्षा अवर लेडी क्वीन औफ द मिशन स्कूल में हुई. इस के बाद भवानीपुर कालेज से उन्होंने कौमर्स में स्नातक किया. 2010 में ‘मिस कोलकाता फेवर वन’ ब्यूटी कौंटैस्ट जीतने के बाद मौडलिंग में अपना कैरियर शुरू किया.

इस के बाद ‘शोत्रू’ उन की पहली बांग्ला फिल्म आई. उस समय उन्होंने औडिशन में 50 लोगों के बीच अपनी जगह बनाई थी. एक साल बाद उन्होंने देव और सुभोश्री के साथ ‘खोका-420’ में काम किया. उसी साल वह अंकुश हजारा के साथ ‘वो खिलाड़ी’ में भी दिखाई दी थीं. फिर उन्होंने ‘ऐक्शन के चिकन तंदूरी’ और ‘के देशी छोरी’ में काम किया. उन की ये दोनों ही फिल्में हिट रही हैं.

नुसरत ने राहुल बोस के साथ ‘सीधे नमार आगे’ में भी काम किया था. 2015 में उन्होंने कौमेडी कार्यक्रम ‘जमाई-420’ में हिस्सा लिया, जिस में उन के साथ अंकुश हजारा, पायल सरकार, मिमी चक्रवर्ती, सोहम चक्रवर्ती और हिरन थे.

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जानीमानी अभिनेत्री हैं नुसरत

नुसरत सेलिब्रिटी लीग थीम सांग का भी हिस्सा रह चुकी हैं. वर्ष 2015 में उन की ‘हरहर व्योमकेश’ फिल्म आई थी, जिस ने बौक्स औफिस पर बहुत बड़ी सफलता प्राप्त की थी. इस के बाद फिल्म ‘पावर’, कौमेडी फिल्म ‘कीर्ति’, ‘लव एक्सप्रेस’, ‘जुल्फिकार’, ‘हरीपड़ा बंडवाला’, ‘आमी जो तोमार’ और ‘बोलो दुग्गा माई की’ तथा ‘ओएसएस कोलाता’ आदि फिल्मों में काम किया है.

वह बांग्ला की जानीमानी हीरोइन हैं, पर इस समय वह पर्सनल लाइफ, प्रैग्नेंसी और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर को ले कर सुर्खियों में हैं. नुसरत अकसर विवादों की ही वजह से सुर्खियों में आती हैं.

इस बार भी जब उन के प्रैग्नेंट होने की खबर आई तो पता चला कि इस के बारे में उन के पति निखिल जैन को कुछ पता ही नहीं है. दोनों काफी दिनों से अलग रह रहे हैं. 2017 में उन की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उन पर अश्लील टिप्पणी करने के आरोप में बीजेपी के आईटी सेल के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया था.

30 सितंबर, 2016 को नुसरत के बौयफ्रैंड कादिर खान को घटना के 4 साल बाद सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया गया था. नुसरत उस से शादी करने वाली थीं. उस समय नुसरत पर एक अपराधी को पनाह देने का आरोप लगा था.

हालांकि नुसरत ने इस बात से इनकार किया था. पर कुछ वकीलों ने उन्हें पनाह देने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की थी. बाद में नुसरत जहां ने भी कहा था कि कादिर खान ने उन्हें मानसिक क्षति पहुंचाई है. उस ने उन का मानसिक बलात्कार किया है.

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तुर्की में की थी शादी

बशीरहाट से सांसद का चुनाव जीतने के बाद नुसरत जहां 17-18 जून, 2019 को सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुई थीं. उस समय वह अपने पति निखिल जैन के साथ तुर्की में थीं. 18 नवंबर, 2019 को होने वाले शीतकालीन सत्र में वह पहुंच नहीं पाई थीं.

कहा गया था कि अस्वस्थता की वजह से वह अपोलो अस्पताल में भरती हैं. पर यह भी कहा जाता है कि वह बीमार नहीं थीं, बल्कि किसी और वजह से उन्हें परेशानी हुई थी.

नुसरत अपनी बोल्ड तसवीरों की वजह से भी अकसर चर्चाओं में रहती हैं. इस के अलावा एक बार उन्होंने दुर्गा के रूप में तसवीरें खिंचवाई थीं, जिसे ले कर काफी विवाद हुआ था. उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. नुसरत ने इस की शिकायत भी दर्ज कराई थी.

शादी से लौटने के बाद संसद में चूडि़यां, मंगलसूत्र, सिंदूर और साड़ी पहन कर आने पर उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स का सामना करना पड़ा था. उन के लिपस्टिक के रंग, सनस्क्रीन, एक्सेसरीज और आउटफिट को ले कर काफी चर्चा हुई थी. उसी बीच वैवाहिक संबंधों की वैधता पवित्रता को ले कर काफी हलचल मची थी.

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गैरमजहबी शादी पर उठे थे सवाल

मुफ्ती मुकर्रम अहमद, शाही इमाम, फतेहपुरी मसजिद ने कहा था कि यह शादी नहीं दिखावा है. मुसलमान और जैन दोनों ही इस शादी को नहीं मानेंगे. वह अब न जैन हैं और न मुसलिम. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. जैन से शादी कर के उन्होंने बहुत बड़ा अपराध किया है.

दूसरी ओर नुसरत जहां ने उन सब का मुंह बंद करते हुए कहा था कि ‘मैं एक समादेशी भारत का प्रतिनिधित्व करती हूं, जो जाति, पंथ और धर्म से परे है. जब वह ऐक्ट्रैस से नेता बनी थीं, तब भी मुसलिम मौलवियों ने उन की काफी आलोचना की थी. अक्तूबर, 2020 में दुर्गा पूजा में जब उन्होंने ‘ढाक’ बजाया था, तब इतहास उलेमाएहिंद के उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासम ने नुसरत जहां को ‘हराम’ बताया था.

नुसरत के पति निखिल जैन मारवाड़ी व्यापारी हैं. वह भी हैंडसम और काफी धनवान हैं. वह नुसरत से तब मिले थे, जब नुसरत जहां ने उन की साड़ी के ब्रांड के लिए मौडलिंग की थी. जल्द ही दोनों में प्यार हो गया था और वे डेटिंग पर जाने लगे थे. उस के बाद उन्होंने सगाई की घोषणा की थी. सगाई के तुरंत बाद उन्होंने शादी की तारीख फिक्स कर दी थी.

4 जुलाई, 2019 को उन्होंने कोलकाता में एक भव्य रिसैप्शन की मेजबानी की थी, जिस में टौलीवुड ऐक्टर्स और बंगाल की राजनीतिक बिरादरी के तमाम लोग शामिल हुए थे.

इन दोनों की प्रेम कहानी का जब खुलासा हुआ तो दोनों के धर्म को ले कर काफी बवाल मचा था. मुसलमान नुसरत जहां ने जैन निखिल के साथ शादी की तो बहुत सारे मुसलमानों ने नाराजगी व्यक्त की थी.

नुसरत पर एशिया के सब से बड़े इसलामिक स्कूल डर-उल-उलूम ने फतवा जारी किया था. उन्होंने नुसरत द्वारा निखिल जैन से शादी करने पर आपत्ति जताई थी. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद से भी नुसरत पर फतवा जारी किया गया था. वहां से कहा गया था कि नुसरत को केवल मुसलमान से शादी करनी चाहिए. सांसद बनने के बाद उन्होंने ‘नुसरत जहां रुहू जैन’ के नाम से ईश्वर को साक्षी मानते हुए शपथ ली थी. उस के बाद उन्होंने वंदे मातरम भी कहा था. यह बात देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद काजमी को बहुत बुरी लगी थी.

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लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद नुसरत जहां ने मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहन कर सांसद की शपथ ली थी. इस के बाद मुसलिम मौलानाओं ने उन के खिलाफ फतवा जारी किया था. उन से सवाल पूछा गया था कि उन्होंने मुसलिम धर्म का क्यों त्याग किया?

उस समय नुसरत जहां फिल्मी स्टाइल में कह रही थीं कि ‘जिसे जो कहना हो, वो वह कहे, जिसे जो करना हो, वो वह करे. जब प्यार किया है तो डरने की क्या बात है.’

जिस तरह फिल्मों में कहा जाता है कि प्यार करने वाले कभी डरते नहीं, उसी तरह नुसरत के भी कहने का मतलब था कि उस ने भी प्यार किया है तो वह भी किसी से नहीं डरतीं.

निखिल नहीं हैं बच्चे का बाप

लोग कहते थे कि नुसरत और निखिल की बहुत सुंदर जोड़ी है. दोनों का नाम भी ‘न’ से शुरू होता था और दोनों का सरनेम भी एक ही अक्षर ‘ज’ से शुरू होता है. रब ने बना दी जोड़ी. मुसलमान नुसरत जहां दुर्गा पूजा के समय माता के पंडाल में जा कर पूजा करती थीं और सर्वधर्म समभाव, प्रेम, भावनात्मकता और भाईचारे की बात करते नहीं थकती थीं.

लोगों का सोचना था कि नुसरत और निखिल की गाड़ी बढि़या चल रही है. लेकिन अचानक इस लव स्टोरी में फिल्मी ट्विस्ट आ गया.

नुसरत जहां ने बड़े ही खराब तरीके से घोषित किया कि ‘मैं मां बनने वाली हूं.’ दूसरी ओर निखिल ने इस तरह का मैसेज दिया कि ‘मैं इस बच्चे का बाप नहीं हूं.’

इस के बाद नुसरत जहां के अन्य से प्रेम प्रकरण की बातें आने लगीं. फिर तो बात डिवोर्स तक पहुंच गई. अब नुसरत का कहना है कि ‘हमारी शादी ही कहां हुई थी, जो लोग डिवोर्स की बात कर रहे हैं.’

पर मीडिया ने खोज निकाला कि नुसरत जहां ने जब चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने जो एफीडेविट दिया था, उस में उन्होंने अपना स्टेटस मैरिड लिखा था. उन्होंने निखिल के साथ तुर्की में की गई अपनी भव्य और खर्चीली मैरिज के फोटो भी डाले थे. अब सवाल यह उठता है कि यह शादी नहीं थी तो क्या था? अभी नुसरत जहां ने सोशल मीडिया से सभी फोटो हटा दिए हैं.

इस सब के बीच नुसरत जहां की कोख में जो बच्चा पल रहा है, उस के बारे में कोई नहीं सोचविचार रहा है. वह मासूम तो पैदा होने के पहले ही विवादों में आ गया. उस का भाग्य, उस की तकदीर, उस की डेस्टिनी तो प्रकृति जाने, पर जो बात सामने आई हैं, वह डीएनए टेस्ट तक जा रही हैं. हमारे यहां कहा जाता है कि हर कोई अपना नसीब ले कर पैदा होता है. शायद नुसरत का बच्चा अपने भाग्य में विवाद ले कर आया है.

निखिल का कहना है कि हम दोनों तो दिसंबर, 2020 से अलग रह रहे हैं. अगस्त में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान मेरी पत्नी का व्यवहार मेरे प्रति बदलने लगा था. हमारे बीच कोई संबंध नहीं है. यह कहना मुश्किल है कि नुसरत सचमुच प्रैग्नेंट हैं या यह बात भी फिल्मी है.

निखिल जैन ने न जाने कितनी बार नुसरत जहां से अपनी शादी का रजिस्ट्रैशन कराने के लिए कहा था, लेकिन नुसरत किसी न किसी बहाने रजिस्ट्रैशन कराने से मना करती रही. 5 नवंबर, 2020 को नुसरत अपने गहनों, रुपयों, कीमती सामान, कागजात और दस्तावेजों के साथ निखिल का फ्लैट छोड़ कर बल्लीगंज स्थित अपने फ्लैट में जा कर रहने लगी थीं. इस के बाद नुसरत और निखिल पतिपत्नी होने के बावजूद साथ नहीं रहते थे.

कोर्ट में की शादी रद्द करने की अपील

8 मार्च, 2021 को निखिल ने स्वीकार किया था कि उन्होंने नुसरत के खिलाफ अपनी शादी को रद्द करने के लिए अलीपुर कोर्ट में ऐक दीवानी मुकदमा दायर किया है.

चूंकि मामला विचाराधीन है, इसलिए निखिल ज्यादा कुछ कहना नहीं चाहते हैं. पर इतना जरूर कहा कि उन के परिवार ने नुसरत को बहू के रूप में नहीं, एक बेटी के रूप में लिया. उसे एक बेटी के रूप में बहुत कुछ दिया. फिर भी उन सब को यह दिन देखना पड़ा.

नुसरत और निखिल के बीच एक तीसरा व्यक्ति भी है यश दासगुप्ता. नुसरत और निखिल जैसेजैसे दूर होते गए, वैसेवैसे नुसरत जहां और यश दासगुप्ता नजदीक आते गए. यश दासगुप्ता भी ऐक्टर और भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं. भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव में चंडीताल से टिकट भी दिया था. तृणमूल कांग्रेस की स्वाति खंडोलकर ने यश दासगुप्ता को 41,347 मतों से हराया था.

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यश दासगुप्ता हैं नजदीकी दोस्त

यश और नुसरत पिछले कुछ समय से अलगअलग जगहों पर एक साथ दिखाई दे रहे हैं. नुसरत जहां पिछले कुछ समय से ‘एसओएस कोलकाता’ फिल्म में अपने कोस्टार रहे यश दासगुप्ता के काफी करीब आ गई हैं.

कहा तो यह भी जाता है कि वह यश के साथ रिलेशन में हैं. कुछ दिनों पहले दोनों राजस्थान ट्रिप पर गए थे. इन खबरों पर दोनों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी. इस से साफ पता चलता है कि दोनों का अफेयर चल रहा है.

नुसरत जहां और निखिल जैन के विवाद में यश दासगुप्ता ने कहा था कि नुसरत की पर्सनल लाइफ में चल रहे विवाद के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वह तो हर समय सड़क यात्राएं करता रहता है. इस बार वह राजस्थान गया था. उस के साथ कोई भी जा सकता है. अगर यश दासगुप्ता कुछ कहते हैं तो कोई नई बातें सामने आएंगी.

10 अक्तूबर, 1985 को कोलकाता में जन्मे यश दासगुप्ता के कामकाज की बात करें तो उन्होंने नैशनल टीवी से अपने करियर की शुरुआत की थी. यश को हिंदी शो ‘कोई आने को है’, ‘बंदिनी’, ‘बसेरा’, ‘ना आना इस देश लाडो’, ‘अदालत’, ‘महिमा शनिदेव की’ में देखा जा चुका है. इस के अलावा बांग्ला धारावाहिक ‘बोझेना से बोझेना’ में भी काम कर चुके हैं.

उन्होंने कुछ बांग्ला फिल्मों में भी काम किया है. सब से पहले वह 2016 में फिल्म ‘गैंगस्टर’ में नजर आए थे. इस के बाद उन्होंने ‘वन’, ‘टोटल दादागिरी’, ‘फिदा’, ‘मोन जाने न’ और ‘एसओएस कोलकाता’ में काम किया है.

31 साल की नुसरत की निखिल जैन से मुलाकात तब हुई थी, जब निखिल ने अपने ब्रांड के लिए उन से मौडलिंग करवाई थी. और उसी मुलाकात में दोनों एकदूसरे को दिल दे बैठे थे. निखिल जैन कोलकाता के एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं.

उन का साडि़यों का पारिवारिक बिजनैस है. उन के ब्रांड का नाम है रंगोली. उन के पिता मोहन कुमार जैन ने टैक्सटाइल का यह बिजनैस शुरू किया था, जो आज कोलकाता के अलावा हैदराबाद चेन्नई, बंगलुरु और विजयवाड़ा तक फैला है. साड़ी का रंगोली ब्रांड बहुत लोकप्रिय है.

निखिल जैन की गिनती रईसों में होती है. उन की मां हाउसवाइफ हैं. उन की 2 बहनें भी हैं. निखिल का जन्म कोलकाता में ही हुआ था. उन का बचपन यहीं बीता. उन्होंने एमपी बिड़ला से पढ़ाई की थी. यूनाइटेड किंगडम की बार्विक यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की डिग्री ले कर पारिवारिक बिजनैस को संभाल लिया. उन्हें लग्जरी लाइफ जीना पसंद है. उन्हें एस्टन मार्टिन कार पसंद है. वह इंडियन फूड के दीवाने हैं.

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3 साल की डेटिंग के बाद की थी शादी

जैन होते हुए भी उन्होंने मुसलिम नुसरत जहां से शादी की. शादी से पहले 3 साल तक दोनों ने डेटिंग की थी. निखिल और नुसरत ने 19 जून, 2019 को डेस्टिनेशन शादी तो तुर्की में की थी, पर कोलकाता में बहुत ही भव्य रिसैप्शन दिया था, जिस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं.

2010 में नुसरत जहां ने मिस कोलकाता का कौंटैस्ट जीता था. इसी के बाद मौडलिंग और फिर बांग्ला फिल्मों में उन का प्रवेश हुआ. बांग्ला में उन्होंने तमाम अच्छी फिल्में दीं.

शादी के 3 महीने पहले ही तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने यह घोषणा कर के सब को चौंका दिया था कि फिल्म अभिनेत्री नुसरत जहां टीएमसी की उम्मीदवार के रूप में बशीरहाट सीट से चुनाव लड़ेंगीं.

लोकसभा के इस चुनाव में नुसरत जहां को कुल 7,82,078 मत मिले थे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के उम्मीदवार सयांतन बासु को 3,50,569 मतों से हराया था.

चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद नुसरत जहां ने अपने प्रेम और विवाह की बात जाहिर की थी. नुसरत से अफेयर के पहले लोग निखिल को बहुत कम जानते थे. नुसरत के साथ नाम जुड़ने के बाद निखिल रातेंरात फेमस हो गए थे.

अलबत्ता उन की पहचान नुसरत जहां के पति के रूप में बनी थी. दोनों ने शादी की थी तो लोगों ने यही कहा था कि ये दोनों ही अलगअलग दुनिया के आदमी हैं, इसलिए दोनों ज्यादा दिनों तक एक साथ नहीं चल पाएंगे.

नुसरत बहुत ज्यादा महत्त्वाकांक्षी हैं. राजनीति में आने के बाद उन के सपनों को पंख लग गए हैं. नुसरत को अब डिवोर्स की बात से छुटकारा चाहिए. वह तो निखिल के साथ के संबंध को लिवइन रिलेशन कहती हैं. नुसरत और निखिल का यह प्रकरण जल्दी समाप्त होने वाला नहीं है. यह लंबा चलने वाला है. क्योंकि इस में अभी बहुत कुछ बाहर आना बाकी है. दोनों के मामले में कोई फिल्म देख रहे हों या मजेदार कहानी पढ़ रहे हों, लोग इस तरह रुचि ले रहे हैं.

सेलिब्रिटीज की जिंदगी अलग होती है. इन लोगों के संबंधों की व्याख्याएं भी एकदम अलग होती हैं. ऐसे मामलों में जजमेंटल बनने में बहुत खास नहीं होता. हर सेलिब्रिटी का किस्सा चर्चा में रहता है. फिल्मी दुनिया में तो यह सब चलता रहता है. इन लोगों की रियल लाइफ में भी शायद फिल्मी टर्न ऐंड ट्विस्ट न आए तो मजा नहीं आता.

प्रैग्नेंसी कंफर्म करने के लिए फोटो

तृणमूल कांग्रेस सांसद, एक्टर नुसरत जहां  की शादी भले टूटने की कगार पर है. उन का अपने पति से जिस बच्चे को ले कर विवाद चल रहा है, ऐसे में उन्होंने अपने उस बच्चे को ले कर अपनी प्रैग्नेंसी कन्फर्म कर दी है. इस के लिए उन्होंने एक तसवीर साझा की है, जिस में वह अपना बेबी बंप फ्लांट करती नजर आ रही हैं.

उन की यह तसवीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिस में वह वाइट कलर के लूज गाउन में नजर आ रही हैं. इस फोटो में उन के गर्भवती होने का साफ पता चल रहा है. वहीं उन के चेहरे पर गर्भवती होने का ग्लो भी झलक रहा है. प्रैग्नेंसी के बाद पहली बार आई इस फोटो में नुसरत काफी खूबसूरत दिखाई दे रही हैं.

पिछले 3 महीने से नुसरत जहां के गर्भवती होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. क्योंकि कुछ दिनों पहले उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिस में लिखा था, ‘तुम हमारे अंदाज में खिलोगे.’ हालांकि उस समय नुसरत इस मामले पर चुप्पी साधे रहीं. पर अब यह जो तसवीर सामने आई है, उस ने सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है.

Manohar Kahaniya: चित्रकूट जेल साजिश- भाग 1

सौजन्य- मनोहर कहानियां

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले का नाम वैसे तो दुनियाभर में रामायण काल से ही विख्यात है. क्योंकि अयोध्या के राजा श्रीराम ने अपनी पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ इसी चित्रकूट में अपने 14 साल के वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया था.

लेकिन इन दिनों यह पौराणिक शहर एक ऐसी घटना के लिए चर्चित हो रहा है, जिस ने पूरी उत्तर प्रदेश सरकार और यहां की कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है.

14 मई, 2021 की सुबह का वक्त था. उस दिन पूरा देश ईदउलफितर यानी ईद का त्यौहार मना रहा था. चित्रकूट जिले की रगौली जेल के जेलर महेंद्र पाल हमेशा की तरह सुबह साढे़ 5 बजे जेल परिसर के अपने निवास से जेल के भीतर पहुंचे. उन्होंने जेल की हाई सिक्योरिटी समेत सभी बैरकों को खुलवाया था, ताकि बंदी अपने नित्यकर्म कर सकें.

जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी भी जेल में सुबह 7 बजे आ गए थे. उन के कारागार में पहुंचने पर जेलर महेंद्र पाल ठीक 8 बजे अपने सरकारी आवास में नहानेधोने और नाश्ता करने के लिए चले गए थे. जेल में होने वाली सुबह की गतिविधियां ठीक से संचालित होने लगीं तो जेल अधीक्षक त्रिपाठी भी साढे 9 बजे कारागार से बाहर अपने सरकारी आवास पर नहानेधोने और नाश्ता करने चले गए.

जेल के दोनों जिम्मेदार अधिकारी जेल के बाहर अपने आवास में नित्य कर्म करने में व्यस्त थे, उसी वक्त उन्हें कारागार के भीतर से धांय… धांय गोलियां चलने की आवाजें आने लगीं.

जेल अधीक्षक तत्काल अपने आवास के बाहर आए तो उन्होंने बंगले के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों से पूछा कि गोलियां कहां और क्यों चल रही हैं.  सुरक्षाकर्मियों ने कुछ देर में जेलर व जेल अधीक्षक को बता दिया था कि जेल के भीतर एक बंदी ताबड़तोड़ गोलियां चला रहा है और उस ने 2 बंदियों को गोलियां मार दी हैं.

जेल अधीक्षक और जेलर के लिए यह सूचना एकदम सिर पर फूटने वाले बम जैसी थी. उन्होंने हड़बड़ी में वरदी डाली और 5 मिनट के भीतर तैयार हो कर कारागार के भीतर पहुंच गए.

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कारागार के भीतर पहुंचते ही त्रिपाठी ने जेल का अलार्म बजवा कर खतरे का संकेत दे दिया. जिस का मतलब था कि जेल के भीतर या तो दंगा हो गया है या कोई सुरक्षा की खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई. इस का मतलब साफ होता है कि जेल के सभी सुरक्षाकर्मी, जिन के आवास कारागार के आसपास ही होते हैं, यह अलार्म उन के लिए तत्काल कारागार तक पहुंचने की चेतावनी होती है.

जेल अधीक्षक ने जेल मार्ग पर ही बनी पुलिस चौकी के अलावा जिले के डीएम व एसपी को भी जेल में एक बंदी द्वारा गोलियां चलाए जाने की सूचना दे दी.

जेल अधीक्षक त्रिपाठी व जेलर महेंद्र  पाल सुरक्षाकर्मियों को ले कर जेल के भीतर पहुंचे और इस के बाद जेल के भीतर जो नजारा देखने को मिला उस ने चित्रकूट की जेल और जिला प्रशासन को ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश शासन को हिला कर रख दिया.

दरअसल, इस दिन चित्रकूट की रगौली जेल में 90 मिनट तक चले रोमांचक ड्रामे में एक या 2 नहीं, 3 लोगों की मौत हुई थी.

दरअसल, उस सुबह करीब 10 बजे से कुछ मिनट पहले अंशुल दीक्षित अपनी बैरक से निकला. वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों से उस ने कहा कि वह पीसीओ जा रहा है, किसी को फोन करना है.

बैरक के बाहर निकलते ही वह उस चक्कर वाले ग्राउंड में पहुंचा, जहां बंदियों को लाइन में खड़ा कर के उन की गिनती हो रही थी. जिस के बाद उन्हें अपनी बैरकों में वापस लौटना था.

अंशुल ने चलाईं गोलियां

परेड ग्रांउड में पहंचने के बाद अंशुल की नजरें तेजी से किसी को खोजने लगीं. अचानक उस की नजरें मेराज पर टिक गईं. उसे देखते ही अंशुल चीख कर बोला, ‘‘अबे ओ मेराज, तुम लोगों ने बहुत आतंक मचा लिया. अब तेरे बाप मुख्तार का खेल खत्म हो चुका है, उस का कोई गुर्गा जिंदा नहीं रहेगा.’’

कुछ बंदी साथियों के साथ खड़ा हो कर बात कर रहा मेराज जब तक कुछ समझ पाता, तब तक अंशुल ने अपनी जींस की बेल्ट में खोंसी हुई पिस्तौल निकाल ली और एक के बाद एक ताबड़तोड़ कई गोलियां मेराज के ऊपर चला दीं. मेराज वहीं लहरा कर जमीन पर गिर गया.

इस दौरान पहली गोली चलते ही और अंशुल के हाथ में पिस्तौल देख वहां आसपास खड़े बंदी सिर पर हाथ रख कर इधरउधर दौड़ते हुए छिपने के लिए जहां जगह मिली उस तरफ भाग निकले.

एक के बाद एक मेराज पर कई गोलियां चलाने के बाद जब अंशुल को इत्मीनान हो गया कि मेराज मर चुका है तो कुछ ही सेकेंड बाद 50 मीटर की दूरी पर स्थित उस अस्थाई बैरक में पहुंचा, जहां पर मुकीम काला बंद था.

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वहां पहुंचते ही अंशुल ने मुकीम से कहा, ‘‘काला मुझे तेरा बहुत दिनों से इंतजार था. मुख्तार का कोई बदमाश जिंदा नहीं रहेगा. खेल खत्म.’’ कहते हुए अंशुल ने अपने हाथ में पकड़े हुए पिस्तौल से कई गोलियां मुकीम पर झोंक दी.

अचानक उस के पिस्तौल की गोलियां खत्म हो गईं तो उस ने जेब में पड़ी एक दूसरी मैग्जीन निकाल कर पिस्तौल में लगाई और एक बार फिर उस का रुख मुकीम काला की तरफ कर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं.

चंद मिनटों में ही अंशुल ने मुकीम का शरीर गोलियों से छलनी कर दिया. लहूलुहान मुकीम अस्थाई बैरक में ही लाश बन कर लहराते हुए जमीन पर ढेर हो गया. मुकीम को मारने के बाद अंशुल इत्मीनान से टहलते हुए अपनी बैरक में गया. उस के भीतर कोई डर नहीं दिख रहा था और न ही कोई फिक्र.

अंशुल दीक्षित ने पिस्तौल लहराते हुए बैरक में बंद कुछ अन्य बंदियों को अपने काबू में कर लिया. तब तक जेल के अधिकारी एकत्र होने लगे थे. अंशुल ने उन से कहा कि अगर इन कैदियों को जिंदा बचाना चाहते हो तो मुझे जिंदा जेल से बाहर जाने दो.

जिस वक्त अंशुल रगौली जेल में यह खूनी तांडव कर रहा था. तब इस की खबर पा कर पहले जेल अधीक्षक व जेलर जेल के भीतर पहुंचे. उस के बाद स्थानीय चौकी की पुलिस भी सूचना पा कर जेल के भीतर पहुंच चुकी थी. जेल अधिकारियों व पुलिस ने अंशुल से जब बारबार आत्मसमर्पण के लिए कहना शुरू किया तो उस ने खीझ कर पुलिस पर भी गोलियां चला दीं.

पहले तो पुलिस आत्मरक्षा करने की कोशिश करती रही. लेकिन जब अंशुल की गोलीबारी का सिलसिला जारी रहा तो पुलिस की जवाबी गोलीबारी में अंशुल भी मारा गया.

दरअसल, करीब आधा घंटे तक अंशुल ने पिस्तौल के बल पर कई बंदियों को काबू में कर अपने आगे खड़ा कर लिया था. उस ने बंदियों को मारने की धमकी दे कर खुद को जेल से बाहर निकालने के लिए कहा था.

लेकिन किसी तरह जब उस के आगे खड़े बंदी उसे चकमा दे कर भाग कर बैरकों में चले गए. तो एक तरफ अंशुल और दूसरी तरफ पुलिस फोर्स बची थी. अंशुल ने जैसे ही पोजिशन ले कर पुलिस पर फिर से फायर झोंका तो पुलिस ने जवाबी काररवाई कर उसे मौके पर ही ढेर कर दिया.

इस बीच पुलिस और शार्प शूटर के बीच फायरिंग की सूचना पा कर मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह, आईजी के. सत्यनारायण, जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल, एसपी अंकित मित्तल भी भारी पुलिस फोर्स के साथ जेल पहुंच गए.

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मुख्यमंत्री ने की रिपोर्ट तलब

जेल के अंदर ताबड़तोड़ फायरिंग की सूचना पूरे जिले में तो जंगल की आग की तरह फैल ही गई थी बल्कि टेलीफोन से मिली सूचना के बाद लखनऊ में सत्ता के गलियारों और नौकरशाही तक में हड़कंप मच गया.

उसी दिन इस घटना का मुकदमा स्थानीय थाने में दर्ज कर लिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जेल में हुए शूटआउट के मामले में डीजी (जेल) आनंद कुमार से रिपोर्ट तलब कर ली.

कमिश्नर डी.के. सिंह, डीआईजी के. सत्यनारायण और एडीजी (जेल) संजीव त्रिपाठी से इस मामले की जांच कर 6 घंटे में पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया. डीजी  (जेल) ने घटना की विस्तृत जांच और जेल का जायजा लेने के लिए प्रभारी उप महानिरीक्षक (कारागार) इलाहाबाद रेंज पी.एन. पांडे को चित्रकूट रवाना कर दिया.

दिलचस्प बात थी कि इस शूटआउट में जेल के जो तीनों बंदी मारे गए, उन का किसी न किसी रूप में उत्तर प्रदेश के सब से बड़े डौन मुख्तार अंसारी से करीबी संबंध रहा था.

चित्रकूट जेल शूटआउट की जांच जैसे ही शुरू हुई तो इस में जेल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध नजर आने लगी. मामले की जांच कर रहे अफसरों के काररवाई की सूई भी जेलकर्मियों की तरफ घूम गई.

पिस्तौल कैसे पहुंची हमलावर तक

क्योंकि जेल मैनुअल और नियमों के हिसाब से जेल के भीतर कोई भी हथियार लाने पर प्रतिबंध होता है. तब अंशुल दीक्षित के पास पिस्तौल और कारतूसों से मैग्जीन कैसे पहुंचीं. जाहिर था, ये सब जेल के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था.

तत्काल तो वारदात की कडि़यां नहीं जुड़ सकीं, लेकिन यह साफ हो गया कि सुबह करीब साढ़े 9 बजे जेल में ड्यूटी करने वाले बंदी सभी बैरकों में जा कर नाश्ता बांट रहे थे. उसी वक्त कैदियों की गणना भी चल रही थी. ज्यादातर कैदी बैरक से बाहर मैदान में ही थे.

इस की वजह से चारों तरफ जेल के सिपाही नजर गड़ाए मुस्तैद थे. इसी दौरान बाल्टी में कच्चा चना और गुड़ ले कर 2 कैदी अंशुल की बैरक में दाखिल हुए.

वे चना दे कर जैसे ही लौटे चंद मिनट बाद ही अंशुल भी अपनी बैरक से बाहर आया था और उस ने पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर मेराज और मुकीम काला को मौत के घाट उतार दिया. जांच करने वाले अधिकारियों को शक है कि नाश्ते के साथ ही पिस्तौल भी अंशुल तक पहुंचाई गई थी.

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मेरे पति की दो गर्लफ्रेंड है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं विवाहित युवती हूं. मेरे पति के 2 युवतियों से संबंध हैं. मैं बहुत परेशान हूं. कृपया बताएं कि मैं ऐसा क्या करूं जिस से अपने पति को उन युवतियों के चंगुल से बचा सकूं?

जवाब

लगता है, आप अपनी घरगृहस्थी में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो पति के प्रति लापरवाह होती गईं. घर में अपेक्षित प्यार और तवज्जो न मिलने के कारण ही आप के पति ने बाहर दूसरी महिलाओं से संबंध बना लिए. उन्हें वापस पाने के लिए आप को अब थोड़े धीरज से काम लेना होगा.

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पति जब भी घर आएं उन के साथ बिलकुल सामान्य व्यवहार करें. उन्हें तानेउलाहने न दें वरना वे घर आने से भी कतराने लगेंगे, जो आप के हित में नहीं होगा. पति जितनी देर घर रहें उन्हें भरपूर
प्यार दें. धीरेधीरे उन का बाहर से वैसे भी मोहभंग हो जाएगा. विवाहित पुरुषों को युवतियां ज्यादा दिनों तक घास नहीं डालतीं, साथ ही अवैध संबंधों की मियाद भी ज्यादा लंबी नहीं होती. इसलिए चिंता छोड़ कर पति को वापस पाने के प्रयास में लग जाएं.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Social Story in Hindi: डुप्लीकेट- भाग 2: आखिर क्यों दुखी था मनोहर

नीलू भी मजबूर हो गई थी. उस का सब से पहला यौन शोषण मामा ने किया. स्क्रीन टैस्ट के नाम पर कई बार यौन शोषण हुआ, पर उसे किसी फिल्म में काम नहीं मिला.

शूटिंग देखतेदेखते नीलू की दोस्ती निशा से हो गई थी. निशा फिल्मों में डुप्लीकेट का काम करती थी. कभीकभी छोटामोटा रोल भी उसे मिल जाता था.

एक दिन एक फिल्म की शूटिंग चल रही थी. निशा के डुप्लीकेट के रूप में कुछ शौट फिल्माए जाने थे. अचानक निशा की तबीयत खराब हो गई तो उस ने अपना काम नीलू को दिला दिया.

इतने साल हो गए हैं डुप्लीकेट का रोल करतेकरते, पर किसी फिल्म में कोई ढंग का रोल नहीं मिला.

इस के बाद मनोहर व नीलू का मिलनाजुलना बढ़ता रहा. एक दिन वह आया जब उस ने नीलू से शादी कर ली.

शादी के बाद उस ने नीलू को किसी भी फिल्म में डुप्लीकेट का काम करने को बिलकुल मना कर दिया था.

2 साल बाद उन के घर में एक नन्हामुन्ना मेहमान आ गया. बेटे का नाम कमल रखा गया.

एक दिन नीलू ने उस से कहा, ‘मैं तो चाहती हूं कि तुम भी डुप्लीकेट का काम छोड़ दो. जब तुम शूटिंग पर चले जाते हो, मुझे बहुत डर लगता है. अगर तुम्हें कुछ हो गया तो हम दोनों का क्या होगा?’

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‘हां नीलू, तुम ठीक कहती हो. मैं भी यही सोच रहा हूं. मेरा मन भी इस काम से ऊब चुका है. इस काम में इज्जत तो बिलकुल है ही नहीं. कभीकभी तो अपनेआप से ही नफरत होने लगती है.

क्या हम बेइज्जती के ही हकदार हैं, शाबाशी के नहीं?

‘जब कोई मामूली सा डायरैक्टर भी सब के सामने डांट देता है तब लगता है कि क्या हम इतने गिरे हुए हैं जो हमारी इस तरह बेइज्जती कर दी जाती है? क्या हम बेइज्जती के ही हकदार हैं, शाबाशी के नहीं?

‘अब तो यहां मुंबई में रहते हुए मेरा मन ऊब गया है,’ नीलू ने कहा था.

‘तुम ठीक कहती हो. हम जल्द ही यहां से चले जाएंगे किसी छोटे से शहर में या किसी पहाड़ी इलाके में. वहीं पर मैं कोई छोटामोटा काम कर लूंगा. हम अपने बेटे कमल को इस फिल्मी दुनिया से दूर ही रखेंगे.’

नीलू ने मुसकराते हुए उस की ओर देखा था.

एक दिन मनोहर की तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई. इलाज शुरू हुआ. कई डाक्टरों को दिखाया गया, पर बीमारी कम नहीं हो रही थी. जो भी पास में पैसा था, बीमारी की भेंट चढ़ गया.

एक स्पैशलिस्ट डाक्टर को दिखाया गया तो उस ने कुछ जरूरी जांच, दवा, इंजैक्शन वगैरह लिख दिए थे.

मनोहर बिस्तर पर लेटा हुआ कुछ सोच रहा था. उस की आंखों से पता नहीं कब आंसू बह निकले.

नीलू ने उस के आंसू पोंछते हुए कहा था, ‘आप अपना मन दुखी न करो. डाक्टर ने कहा है कि तुम ठीक हो जाओगे.’

‘नीलू, इतने रुपए कहां से आएंगे? तुम रहने दो, जो होगा वह हो जाएगा.’

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‘तुम किसी भी तरह की चिंता मत करो. मैं प्रकाश स्टूडियो जाऊंगी. वहां फिल्म ‘अपना कौन’ की शूटिंग चल रही है. डायरैक्टर प्रशांत राय तुम्हें और मुझे जानता है.’

‘नहीं नीलू, तुम्हें चौथा महीना चल रहा है. तुम दोबारा पेट से हो. ऐसे में तुम्हें मैं कहीं नहीं जाने दूंगा.’

मनोहर  ने मन ही मन यह फैसला किया…

‘तुम्हारी यह नीलू कोई गलत काम कर के पैसे नहीं लाएगी. मुझे जाने दो,’ कह कर नीलू चली गई थी.

मनोहर चुपचाप लेटा रहा. उस ने मन ही मन यह फैसला कर लिया था कि बीमारी ठीक होते ही वह नीलू व बेटे कमल के साथ यहां से चला जाएगा. उसे नींद आने लगी थी.

रात के 3 बज रहे थे. दरवाजे पर खटखटाहट हुई तो उस ने उठ कर दरवाजा खोल दिया. सामने खड़े विजय को देख कर मनोहर बुरी तरह चौंका.

विजय एकदम बोल उठा, ‘मनोहर, जल्दी अस्पताल चलना है. भाभी बहुत सीरियस हैं.’

मनोहर ने घबराई आवाज में पूछा, ‘क्या हुआ नीलू को?’

‘प्रकाश स्टूडियो में ‘अपना कौन’ की शूटिंग चल रही थी. नीलू भाभी ने तुम्हारी बीमारी की बता कर डायरैक्टर प्रशांत राय से काम मांगा. डायरैक्टर ने डुप्लीकेट का काम दे दिया. हीरोइन को सीढि़यों से लुढ़क कर नीचे फर्श पर गिरना था.

‘यही सीन नीलू भाभी पर फिल्माया गया. वे फर्श पर गिरीं तो फिर उठ न सकीं. बेहोश हो गईं. शायद वे पेट से थीं,’ विजय ने बताया था.

यह सुन कर मनोहर सन्न रह गया था. विजय ने एक टैक्सी की और उसे व कमल को साथ ले कर चल दिया.

विजय ने रास्ते में बताया था, ‘जब नीलू भाभी बेहोश हो गईं तो डायरैक्टर प्रशांत राय ने कहा था कि आजकल किसी के साथ हमदर्दी करना भी ठीक नहीं. इस ने हम को बताया नहीं था अपनी प्रैगनैंसी के बारे में. यह सीरियस है. इसे अभी अस्पताल ले जाओ और इस के घर पर खबर कर दो,’ कहते हुए डायरैक्टर ने मुझे कुछ रुपए भी दिए थे.

मनोहर के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकल पा रहा था.

अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि नीलू आपरेशन थिएटर में है. कुछ देर बाद लेडी डाक्टर ने बाहर आ कर कहा था, ‘सौरी, ज्यादा खून बह जाने के चलते नीलू को नहीं बचाया जा सका. उसे इस हालत में यह काम नहीं करना चाहिए था.’

मनोहर चुपचाप सुनता रहा. वह कुछ भी कहने की हालत में नहीं था.

नीलू ने तो उस से यह डुप्लीकेट का काम न करने का वादा ले लिया था, पर यही काम नीलू को हमेशा के लिए उस से बहुत दूर ले गया था.

फिर उस की जिंदगी में आई निशा. वह निशा को भी कई सालों से जानता था. निशा नीलू की सहेली थी. निशा पड़ोस में ही रहती थी. उसे भी नीलू के इस तरह मरने का बहुत दुख था.

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