लेखक- शाहिद नकवी

जानकारी के मुताबिक, शुकुलपुर जूही गांव में कोरोना वायरस से 3 लोगों की मौत हो गई थी. इस के बाद वहां के लोगों में दहशत फैल गई.

इस पर गांव के लोकेश श्रीवास्तव ने 7 जून, 2021 को कोरोना माता का मंदिर बनवाने का फैसला किया. इस के लिए उन्होंने और्डर पर मूर्ति बनवाई और उसे गांव के एक चबूतरे के पास नीम के पेड़ के बगल में ही रखवा दिया.

इस के बाद कोरोना माता मंदिर में  2 समय होने वाली पूजा में भक्तों की भीड़ लगने लगी.

ये भी पढ़ें- खेल का मैदान: कहीं जीता दिल, कहीं किया शर्मसार

वहां लिखा था कि कृपया दर्शन से पहले मास्क लगाएं, हाथ धोएं, दूर से दर्शन करें. इतना ही नहीं, एक तरफ लिखा गया कि कृपया सैल्फी लेते समय मूर्ति को न छुएं, तो दूसरी तरफ लिखा था कि कृपया पीले रंग के ही फूल, फल, कपड़े, मिठाई, घंटा वगैरह चढ़ाएं. मंदिर पर दर्शन करने आ रहे लोग ‘कोरोना माई की जय’ बोल रहे थे.

जब इस मंदिर की जानकारी प्रशासन को हुई, तो उस के हाथपैर फूल गए. मामला अंधविश्वास से जुड़ा होने के चलते पुलिस ने इसे गिराने का फैसला किया. वह जेसीबी ले कर गांव पहुंची और कोरोना माता की मूर्ति व मंदिर समेत बोर्ड को भी जमींदोज कर दिया. प्रशासन ने सारा मलबा गांव से तकरीबन 5 किलोमीटर दूर फिंकवा दिया.

ये भी पढ़ें- हाथ से लिखने की आदत न छोड़ें

हैरानी की बात तो यह है कि अंधविश्वास के चलते तैयार किए गए इस मंदिर में दूरदराज के लोग भी पहुंच रहे थे. वे डाक्टरों से ज्यादा ऐसे मंदिर और कोरोना माता पर यकीन कर रहे थे, जो उन का कभी भला नहीं करेंगे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...