समस्या: लोकतंत्र का माफियाकरण

लेखक- देवेंद्र गौतम

साल 2022 के 15 अगस्त को आजादी की 75वीं सालगिरह मनाई जाएगी. इस के लिए ‘अमृत महोत्सव’ की बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है. 26 जनवरी, 2022 को हमारा लोकतंत्र भी 72वें साल में दाखिल हो जाएगा.

आजाद भारत के इतने लंबे सफर के बाद राजनीति के अपराधीकरण के बाद अब राजनीति के माफियाकरण का खतरा पैदा हो गया है.

इस की एक जीतीजागती मिसाल महाराष्ट्र के सत्ता संरक्षित वसूली गैंग के रूप में सामने आई है. अब चुनाव भी सत्ता पर कब्जे की होड़ में तबदील हो चले हैं, जिस में प्यार और जंग में सबकुछ जायज है की तर्ज पर कानूनी और गैरकानूनी सभी साधनों का इस्तेमाल किया जाता है.

पिछले दिनों भारत के जानेमाने उद्योगपति मुकेश अंबानी के बंगले के पास लावारिस स्कौर्पियो गाड़ी में बरामद जिलेटिन की छड़ों ने बगैर डैटोनेटर इतना बड़ा धमाका कर दिया कि इस की आंच महागठबंधन सरकार तक पहुंच गई है.

मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके परमवीर सिंह और गृह मंत्री रह चुके अनिल देशमुख से होती हुई इस की लपटें राकांपा प्रमुख शरद पवार तक पहुंच चुकी हैं. धीरेधीरे चेहरे बेनकाब हो रहे हैं. अभी और कितने लोग इस की चपेट में आएंगे, पता नहीं.

एनआईए मामले की जांच कर रही है. इस में रोज नएनए हैरतअंगेज खुलासे हो रहे हैं. जांच का आखिरी फैसला सामने आने में अभी समय है, लेकिन अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, तो यह मान लेना चाहिए कि अब सत्ता की राजनीति काले धन का खेल बन चुकी है और लोकतंत्र का माफियातंत्र में बदलाव हो चुका है.

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अभी तक एनआईए की जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उन से यह कहने में झिझक नहीं होनी चाहिए कि महाराष्ट्र में सत्ता की आड़ में एक खूंख्वार माफिया गैंग काम कर रहा था. यह गैंग अंडरवर्ल्ड के गिरोहों की तर्ज पर कारपोरेट घरानों  से भारीभरकम वसूली का जाल बिछा चुका था.

जांच आगे बढ़ेगी, तो पता चलेगा कि इस गिरोह में सीधे और गैरसीधे तौर पर कौनकौन से सफेदपोश नेता और नौकरशाह शामिल थे. कितने की वसूली हो चुकी है और दूसरे अपराधी गिरोहों से इन के क्या संबंध थे.

इस गैंग के मेन किरदार परदे के  पीछे हैं. परदे पर मौजूद किरदार सचिन वाझे थे. महाराष्ट्र पुलिस के अदना से असिस्टैंट पुलिस इंस्पैक्टर जो ऐनकाउंटर स्पैशलिस्ट रह चुके हैं और एक हत्या के आरोप में साल 2004 से ही निलंबित थे.

सचिन वाझे का काम करने का तरीका पूरी तरह जासूसी उपन्यासों के अपराधी सरगनाओं की तरह रहा है. ऐनकाउंटर स्पैशलिस्ट रहने के नाते जाहिर है कि उन के अंडरवर्ल्ड से संबंध रहे होंगे.

कुछ ऐसी ऐक्स्ट्रा खूबियां सचिन वाझे के अंदर रही होंगी कि 16 साल के वनवास के बाद उन्हें वापस बुला कर नौकरी पर रखा गया, जबकि वे हत्या के मामले से बरी भी नहीं हुए थे. कुछ तो उन की ऐसी उपयोगिता थी, जो वर्तमान पुलिस बल से अलग और अहम थी.

सचिन वाझे निलंबित रहते हुए भी फाइव स्टार जिंदगी जी रहे थे, तो इस का सीधा सा मतलब है कि उन की जिंदगी पुलिस महकमे की तनख्वाह से नहीं चल रही थी. उन की आमदनी के दूसरे कई अज्ञात स्रोत थे. पुलिस की वरदी सिर्फ अपनी करतूतों को सरकारी जामा पहनाने का साधन थी.

ऐनकाउंटर स्पैशलिस्ट होने के नाते सचिन वाझे को सत्ता में बैठे लोग भी जानते थे. किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि निलंबित रहने के बावजूद वे आधा दर्जन से ज्यादा लग्जरी कारों में कैसे घूमते थे? शाही जिंदगी कैसे जीते थे? इस बीच वे शिव सेना के सक्रिय सदस्य बन गए थे.

महागठबंधन सरकार बनने के बाद सरकार और महाराष्ट्र पुलिस को सचिन वाझे की सेवाओं की खास जरूरत पड़ गई, इसीलिए उन्हें विशेष प्रावधान के तहत सेवा में वापस लिया गया और उन्हें क्राइम ब्रांच में विशेष जिम्मेदारी दी गई. उन्हें सीधे पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करना होता था. वे उन्हीं के निर्देश पर काम करते थे. 9 महीने के अंदर ही उन्हें तकरीबन 2 दर्जन खास मामलों का जांच अधिकारी बना दिया गया था.

जाहिर है कि भांड़ा फूट जाने के बाद सचिन वाझे अकेले बलि का बकरा बनना पसंद नहीं करते, इसलिए धीरेधीरे अपने आकाओं के नाम जाहिर करते जा रहे हैं. हम तो डूबेंगे सनम तुम को भी ले डूबेंगे की तर्ज पर.

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मायानगरी मुंबई में धन उगाही पहले भी होती रही है, लेकिन पहले दुबई और मलयेशिया में बैठे डौन बड़ी रकमों की उगाही करते थे. उन के निशाने पर बौलीवुड के सितारे भी होते थे और बड़े कारोबारी भी, खासतौर पर काले धंधे से जुड़े हुए लोग. लोकल इलाकाई गुंडे छोटे दुकानदारों से हफ्तावसूली करते थे.

यह मुंबई तक ही सीमित नहीं है. देश के तकरीबन हर राज्य में सरकार संरक्षित वसूली गैंग हैं, जो राजनीति के लिए खादपानी का जुगाड़ करते रहे हैं, लेकिन मुंबई की सरकार संरक्षित माफिया की वसूली का लक्ष्य बड़ा था.

अभी 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली का टारगेट सामने आया है, लेकिन बात यहीं तक नहीं होगी. अभी बहुतकुछ उजागर होना बाकी है. इतनी बड़ी रकम किसी खास मकसद से ही वसूली जा सकती है.

यह मकसद सत्ता पर कब्जा बनाए रखने या कब्जा करने का हो सकता है. केंद्र सरकार में बैठे लोग इसे बेहतर समझ रहे होंगे, इसीलिए राज्य के क्राइम ब्रांच से मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई.

क्या यह आम लोगों के लिए बेहद चिंता की बात नहीं होनी चाहिए? औपनिवेशिक सत्ता से आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने कितना संघर्ष किया, कितनी कुरबानियां दीं, उस का नतीजा इस रूप में सामने आ रहा है. हम जिस तरह का देश बनाना चाहते थे, वह यह तो कतई नहीं है. यकीनन, किसी नई व्यवस्था को स्थापित होने में समय लगता है.

फ्रांस की क्रांति 1779 में हुई थी. इस का लक्ष्य लोकतंत्र की स्थापना था, लेकिन इस क्रांति ने नैपोलियन बोनापार्ट को पैदा किया, जिन्होंने सत्ता हाथ में आने के बाद खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया और राजशाही की वापसी हो गई. फिर राजा बदलता रहा, राजशाही चलती रही और लोकतंत्र की दोबारा बहाली 1848 के बाद ही हो सकी यानी 69 साल बाद.

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भारतीय लोकतंत्र भी अभी संक्रमण काल से ही गुजर रहा है. लोकतंत्र की आड़ में परिवारवाद, व्यक्तिवाद का दौर चलता रहा. अब माफियावाद का दौर दस्तक दे रहा है. जब तक आम जनता लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए जरूरी नागरिक गुणों से लैस नहीं होगी, इस तरह की विकृतियां जारी रहेंगी.

ये विकृतियां धीरेधीरे देश और समाज को खोखला कर देंगी और हम कुछ नहीं कर पाएंगे.

‘चुरा के दिल मेरा’ गाने पर भोजपुरी एक्ट्रेस Akshara Singh का शानदार एक्सप्रेशन, Viral हुआ Video

भोजपुरी इंडस्ट्री की फेमस एक्ट्रेस अक्षरा सिंह (Akshara Singh) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. वह अक्सर अपनी फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती है. फैंस भी उनके पोस्ट का बेसब्री से इंतजार करते हैं. वह शानदार अभियन और डांस से फैंस का दिल जीतने में कामयाब होती हैं.

अब वह शिल्पा शेट्टी के गाने पर डांस करते हुए नजर आ रही है. जी हां, ‘चुरा के दिल मेरा’ इस गाने पर अक्षरा सिंह एक्ट करती नजर आ रही हैं. अक्षरा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. फैंस इस वीडियो को खूब पसंद कर रहे हैं.

‘चुरा के दिल मेरा’ गाने पर अक्षरा सिंह ने किया डांस

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इस वीडियो में एक्ट्रेस शानदार एक्सप्रेशन दे रही हैं. ये रील वीडियो उन्होंने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. अक्षरा सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है कि ‘मंजिल’ आ जाओ अब तुम, आप सभी को मानसून की बधाई.’ फैंस को उनका ये अंदाज काफी पसंद आ रहा है.

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आदित्य की जान बचाने के लिए Imlie उठाएगी ये कदम, देखें Video

टीवी सीरियल इमली में दर्शकों को एक से बढ़कर एक ट्विस्ट देखने को मिल रहा है. जिससे दर्शकों को एंटरटेनमेंट का डबल डोज देखने को मिल रहा है. शो की कहानी एक नया मोड़ ले रही है. अब तक आपने देखा कि मालिनी चाहती है कि इमली-आदित्य को घरवाले अपना ले और इमली को आदित्य की पत्नी होने का दर्जा मिले. शो के अपकमिंग एपिसोड में खूब धमाल होने वाला है. आइए बताते हैं, शो के नए ट्विस्ट के बारे में.

इमली के अपकमिंग एपिसोड में  ये दिखाया जाएगा कि मालिनी अपने हक के लिए लड़ेगी. तो वहीं मालिनी की मां अनु आदित्य और इमली को अलग करने के लिए नया प्लान बनाएगी. वह आदित्य को गुंडों की मदद से किडनैप करवा लेगी.

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तो उधर त्रिपाठी परिवार पुलिस के पास करने के लिए जाती है. वहां इमली और मालिनी दोनों होते हैं. पुलिस पूछताछ करती है. तो वहीं अपर्णा वहां इमली को आदित्य की पत्नी कहने से इनकार कर देती है. वह कहती है कि मालिनी आदित्य की पत्नी है. अपर्णा की ये बात सुनकर  इमली उदास हो जाती है.

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तो वहीं शो में ये भी दिखाय जाएगा कि इमली आदित्य की जान बचाने के लिए गुंडो से भिड़ेगी. दरअसल सेट से एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में इमली और मालिनी के पिता का किरदार निभा रहे कलाकार इंद्रनील भट्टाचार्जी भी नजर आ रहे हैं. तीनों कलाकार वीडियो में खूब मस्ती कर रहे हैं. इमली के सिर पर चोट लगी हुई है.

मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में जुटी यूपी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में में उत्तर प्रदेश की प्रगति के सम्बन्ध में भारत के सतत् विकास लक्ष्य इण्डेक्स 3.0 की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि निर्धारित 15 सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर प्रदेश तेजी से कार्य करते हुए सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है. सतत् विकास लक्ष्य इण्डेक्स 2020 में उत्तर प्रदेश 60 अंकों के साथ परफॉर्मर स्टेट के रूप में आगे आया है, जबकि वर्ष 2019 व वर्ष 2018 में  प्रदेश के क्रमशः 55 एवं 42 अंक थे. उन्होंने मानकों के अनुसार कार्य करते हुए इन लक्ष्यों के सम्बन्ध में और बेहतर स्कोर किए जाने पर बल दिया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय एवं निरन्तर समीक्षा करते हुए सतत् विकास लक्ष्यों की पूर्ति में तेजी लायी जाए. इसके लिए सभी नोडल विभाग तथा उनके साथ लिंक किए गए विभाग सम्बन्धित फोकस सेक्टरों पर मिलकर काम करें. उन्होंने सभी सम्बन्धित विभागों को अद्यतन डाटा फीडिंग कराए जाने के निर्देश दिए. विभागीय स्तर पर सतत् विकास लक्ष्यों के सम्बन्ध में अद्यतन डाटा उपलब्ध रहे. नीति आयोग से समन्वय बनाते हुए डाटा में सुधार के प्रयास किए जाएं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तथा स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार हमें सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त करते हुए आगे बढ़ना है. विभागीय स्तर पर लक्ष्यों का निर्धारण करते हुए उन्हें प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किए जाएं. उन्होंने नियोजन विभाग को लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रति माह नोडल/सम्बन्धित विभागों से रिपोर्ट प्राप्त कर इनकी गहन मॉनीटरिंग किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्यों का लाभ वंचित वर्गों तक पहुंचाना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है. विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति गुणवत्तापरक होनी चाहिए, तभी समाज को इनका लाभ मिलेगा.

मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित 15 एस0डी0जी0 लक्ष्यों में नो पॉवर्टी (ग्राम्य विकास विभाग), जीरो हंगर (खाद्य एवं आपूर्ति तथा कृषि विभाग), गुड हेल्थ एण्ड वेल बींग (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग), क्वॉलिटी एजुकेशन (बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग), जेण्डर इक्वॉलिटी (महिला एवं बाल विकास विभाग), क्लीन वॉटर एण्ड सैनीटेशन (सिंचाई, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग), एफोर्डेबल एण्ड क्लीन इनर्जी (ऊर्जा विभाग), डीसेण्ट वर्क एण्ड इकोनॉमिक ग्रोथ (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग), इण्डस्ट्री इनोवेशन एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर (अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग), रिड्यूस्ड इनइक्वॉलिटीज (समाज कल्याण विभाग), सस्टेनेबल सिटीज एण्ड कम्युनिटीज (नगर विकास विभाग), रिस्पॉन्सिबल कन्जम्पशन एण्ड प्रोडक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), क्लाइमेट एक्शन (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग), लाइफ ऑन लैण्ड (पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग) तथा पीस, जस्टिस एण्ड स्ट्रॉन्ग इंस्टीट्यूशंस (गृह विभाग) की विस्तृत समीक्षा की.

बैठक में मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव नियोजन श्री सुरेश चन्द्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश, अपर मुख्य सचिव वित्त श्रीमती एस0 राधा चौहान, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव नगर विकास श्री रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव खाद्य एवं आपूर्ति श्रीमती वीना कुमारी मीना, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी. हेकाली झिमोमी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

”मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना” को बेहतर बनाने में लगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ का लाभ पात्र बालिकाओं तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के स्तर में वृद्धि करने तथा उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए सहायक सिद्ध हो रही है. इस योजना के तहत अब तक 07 लाख 81 हजार बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है. उन्होंने योजना के सम्बन्ध में नियमित समीक्षा करते हुए अन्य सम्बन्धित विभागों से संवाद व समन्वय बनाकर कार्य किए जाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए लक्ष्य निर्धारित कर पात्र बालिकाओं तक योजना का लाभ पहुंचाया जाए. उन्होंने ग्राम पंचायतों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, आशा वर्कर्स, अध्यापकों व प्रधानाचार्यों, बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय आदि से ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ के सम्बन्ध में समन्वय व संवाद किए जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि मण्डल व जनपद स्तर पर योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के ठोस प्रयास किए जाएं. उन्होंने कहा कि मानक के अनुसार पात्र बालिकाओं तक योजना का लाभ पहुंचाने की दिशा में बेहतर रणनीति के साथ कार्य किए जाएं.

इस अवसर पर महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

GHKKPM: कोमा से बाहर आयेगी सई, गुस्से में कर देगी विराट की शक्ल देखने से इनकार

स्टार प्लस का सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin)  की कहानी एक दिलचस्प मोड़ ले रही है. शो के बिते एपिसोड में दिखाया गया कि सई- विराट में आजिंक्य को लेकर कहासुनी होती है तो सई विराट की बातों से दुखी होकर घर छोड़कर चली जाती है तो विराट पीछे-पीछे आता है. फिर दोनों रास्ते में लड़ने लगते हैं. और ऐसे में सई का एक्सीडेंट हो जाता है. शो के अपकमिंग एपिसोड में धमाकेदार ट्विस्ट आने वाला है. आइए बताते हैं, शो के नए एपिसोड के बारे में.

शो के अपकमिंग एपिसोड में दिखाया जाएगा कि सभी घरवाले सई को भला बुरा कहेंगे. तो उधर मोहित का गुस्सा सातवें आसमान पर होगा और वह सबसे कहेगा कि वे सई के बारे में कुछ भी गलत ना बोलें. वह सई को लेकर बहुत इमोशनल हो जाता है.

 

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शो के अपकमिंग एपिसोड में ये भी दिखाया जाएगा कि सई को देखने के लिए पुलकित हॉस्पिटल पहुंचता है. सई की हालत का जिम्मेदार पुलकित घरवालों को ठहराता है. वह अजिंक्य और सई के रिश्ते की सच्चाई बताता है. वह कहता है कि वो दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त हैं.

 

इतना ही नहीं पुलकित विराट को जेल पहुंचाने की धमकी देता है. विराट गुस्से में खुद को चोट पहुंचाने लगता है. तो उधर सई को होश आता है. वह पुलकित से कहती है कि उसे विराट की बातों से बहुत दुख हुआ है. फिर पुलकित कहता है कि वह विराट से मिल ले. पर सई विराट की शक्ल देखने से मना कर देती है. शो में ये देखना दिलचस्प होगा कि  विराट-सई का झगड़ा कैसे खत्म होता है?

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Mirabai Chanu को सिल्वर नहीं , गोल्ड मेडल

टोक्यो ओलंपिक में पहले ही दिन भारत का सर ऊंचा करने वाली भारत की बेटी मीराबाई चनू ने सिल्वर जीत कर देश सीना गर्व से चौड़ा कर दिया, अपना नाम एक अमर खिलाड़ी के रूप में दर्ज करा लिया है. मगर आज हम आपको यहां बताएं मीराबाई चनू को मिला सिल्वर किस तरह गोल्ड मेडल में भी बदल सकता है ? जिसकी बहुत ज्यादा संभावना दिखाई दे रही है.

दरअसल, हमारे पड़ोसी चीन की वेटलिफ्टर होऊ झिऊई पर डोपिंग का शक है, उसकी जांच शुरू हो गई है. ऐसे में अगर डोपिंग आती है तो क्या होगा आप अंदाज लगाइए.
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि टोक्यो ओलंपिक -2021 में भारत के हिस्से में अनायास ही पहला गोल्ड आ सकता है.

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खेल समीक्षक अनुमान लगा रहे हैं कि वेटलिफ्टिंग (49 किग्रा वर्ग) में रजत पदक हासिल करने वालीं मीराबाई चनू का मेडल गोल्ड में बदल सकता है. यह इसलिए क्योंकि चीनी खिलाड़ी होऊ झिऊई पर डोपिंग के शक के बाद उसकी जांच प्रारंभ हो गई है.

टोक्यो ओलंपिक में इस तरह पहला ही गोल्ड पाने वाले चीनी खिलाड़ी होउ जिहूई का परीक्षण किया जा रहा है आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि आगे क्या क्या हो सकता है.

हालांकि इस संदर्भ में भारतीय खेल उच्च अधिकारी मौन है क्योंकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. मगर दुनिया की मीडिया व खेल प्रेमियों की निगाह इस मसले पर टकटकी लगाए हुए हैं कि आगे क्या होने वाला है. अगर परीक्षण में डोपिंग पाई गई तो परिणाम बहुत चौंकाने वाले होंगे और यह खबर अपने आप में विश्वव्यापी होगी और भारत के लिए एक सुखद समाचार ऐतिहासिक समय.

चीन लौटने से पहले गिरी गाज

दरअसल, चीन की खिलाड़ी होऊ झिऊई जब अपने देश लौटने वाली थीं, अधिकारियों को उसकी गतिविधि पर शक हुआ और उन्हें रुकने को कहा गया. यहां यह जानना जरूरी है कि ओलंपिक खेलों के इतिहास में ऐसा पूर्व में भी हो चुका है, जब डोपिंग में फेल होने पर खिलाड़ी का मेडल छीन लिया गया है.

वेटलिफ्टिंग में सोना जीतने वाली चीनी एथलीट होउ पर डोपिंग का शक गहरा गया है. सैंपल-ए में संदेह के बाद सैंपल-बी के लिए बुलाया गया.

इस तरह बड़ी संभावना है कि वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू का मेडल गोल्ड में बदल सकता है.

यह माना जा रहा है कि टोक्यो ओलंपिक के महिला भारोत्तोलन (49 किग्रा) में मीराबाई चनू का सिल्वर पदक स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) में बदल सकता है, अगरचे यह हो गया तो ओलंपिक के इतिहास में भारत के नाम व्यक्तिगत स्पर्धा में यह दूसरा स्वर्ण पदक होगा. बताते चलें कि शूटर अभिनव बिंद्रा ने भारत को पहला गोल्ड मेडल (बीजिंग, चीन 2008) दिलाया था.

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महत्वपूर्ण बात यह भी है कि टोक्यो ओलंपिक में मीराबाई ने भारोत्तोलन स्पर्धा में पदक का भारत का एक लंबे, 21 साल के इंतजार को खत्म किया है. इससे पूर्व कर्णम मल्लेश्वरी ने सिडनी ओलंपिक 2000 में देश को भारोत्तोलन में कांस्य पदक दिलाया था.

चनू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया है. चीन की होऊ झिऊई ने कुल 210 किग्रा (स्नैच में 94 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 116 किग्रा) से स्वर्ण पदक अपने नाम किया . इंडोनेशिया की ऐसाह विंडी कांटिका ने कुल 194 किग्रा का वजन उठाकर कांस्य पदक हासिल किया है.

मीराबाई के नाम अब महिला 49 किग्रा वर्ग में क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड भी है. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक से पहले अपने अपने अंतिम टूर्नामेंट एशियाई चैम्पियनशिप में 119 किग्रा का वजन उठाया और इस वर्ग में स्वर्ण और ओवरऑल वजन में कांस्य पदक जीता है.

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यही नहीं इस सब के बीच टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के लिए एक और खुशखबरी है. 26 वर्षीय यह वेटलिफ्टर पुलिस विभाग में एएसपी बना दी गईं हैं. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसकी घोषणा की है.और दूसरी तरफ मीरा बाई पर लाखों रुपए की बारिश हो रही है.

यूपी सरकार के पोर्टल से मिलेगी विकास को नई गति

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने up.mygov.in पोर्टल का शुभारम्भ किया. भारत सरकार के myGov पोर्टल के 07 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस पोर्टल की शुरुआत की गयी है. कार्यक्रम के दौरान  myGov  पोर्टल के 07 वर्ष पूर्ण होने पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी.

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है. myGov पोर्टल के 07 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज भारत सरकार के सहयोग से up.mygov.in पोर्टल का शुभारम्भ किया गया. इससे प्रदेश भी केन्द्र सरकार के उलळवअ पोर्टल से जुड़ गया है. यह पोर्टल पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की अंत्योदय की भावना के अनुसार अंतिम पायदान के व्यक्ति तक शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहायक होगा. साथ ही, इससे राज्य सरकार को जनता के सुझावों को जानने, विभिन्न मामलांे में सहयोग प्राप्त करने तथा इनोवेशन को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 07 वर्ष पहले प्रधानमंत्री जी ने तकनीक के माध्यम से लोकतंत्र की भावनाओं को साकार करने के लिए जो कार्य प्रारम्भ किये थे, उसने न केवल अपनी पहचान बनायी, बल्कि सुशासन का लक्ष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभायी. 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शपथ ली थी. 26 जुलाई, 2014 को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उन्होंने myGov पोर्टल का शुभारम्भ किया था.

यह पोर्टल लोकतंत्र की भावना के अनुरूप विभिन्न योजनाआंे में जनभागीदारी, जनता के सुझावों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. पोर्टल से 01 करोड़ 85 लाख से अधिक लोगों का जुड़ाव इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है. उन्हांेने शासन की योजनाओं से जनता को जोड़ने में पोर्टल का बेहतरीन उपयोग करने के लिए myGov पोर्टल की टीम को बधाई दी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तकनीक न केवल आमजन के जीवन में व्यापक सुधार का माध्यम बन सकती है, बल्कि लोकतंत्र की भावना को भी चरितार्थ कर सकती है. भ्रष्टाचार को समाप्त करने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. कोरोना काल में तकनीक जनता को शासन की विभिन्न योजनाआंे का प्रभावी एवं पारदर्शी ढंग से लाभ पहुंचाने में सहायक सिद्ध हुई है.

राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण को ई-पॉस मशीनों से जोड़ा. इससे न केवल पहले से अधिक संख्या मंे जरुरतमन्द लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में मदद मिली, बल्कि पारदर्शी ढंग से खाद्यान्न वितरण के कारण राज्य सरकार को 1200 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष बचत भी हो रही है. तकनीक के उपयोग से प्रदेश के राजस्व मंे भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को up.mygov.in पोर्टल बनाने व लॉन्च करने के लिए धन्यवाद देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह पोर्टल निरन्तर भारत सरकार के मार्गदर्शन में आमजन की भावनाआंे के अनुरूप प्रधानमंत्री जी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का प्रतीक बनेगा. उन्होंने विश्वास जताया कि myGov का यू0पी0 चैप्टर भी myGov की तर्ज पर अपनी बेहतर सेवाओं के लिए जाना जाएगा.

कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि myGov देश के जनमानस के जीवन में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री जी का एक सफल कार्यक्रम है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में myGov के उत्तर प्रदेश चैप्टर की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्हांेने कहा कि इससे प्रदेश की जनता को विभिन्न सरकारी सेवाएं सरलता से उपलब्ध होंगी तथा समाज एवं सरकार के मध्य सामंजस्य बढ़ेगा तथा साधारण से साधारण व्यक्ति को सरकार से सीधा जुड़ने का अवसर मिलेगा.

श्री वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार समाज के गरीब, शोषित, वंचित वर्गाें के कल्याण के लिए प्रयासरत है. तकनीक के प्रयोग से अंत्योदय की सोच को साकार करने का कार्य किया जा रहा है. इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी ने तकनीक के व्यापक प्रयोग को प्रोत्साहन दिया है. इसके लिए आधार, मोबाइल, मोबाइल निर्माण में तेजी, गरीब से गरीब व्यक्ति को इण्टरनेट सेवा, डिजीटल पेमेन्ट, डी0बी0टी0 आदि को बढ़ाने का प्रयास किया गया है. इन प्रयासों का उद्देश्य आम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाना है.

वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव श्री अजय साहनी ने भी सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि myGov पोर्टल के माध्यम से सरकार की विभिन्न महत्वपूर्ण नीतियों पर नागरिकों की राय लेकर उनका प्रयोग किया जाता है. कोविड-19 के सम्बन्ध में जानकारी के लिए myGov पोर्टल का डैशबोर्ड सर्वाधिक फॉलो किया गया. उन्होंने कहा कि डिजीटल इण्डिया का ‘लोगो’ myGov पोर्टल द्वारा सुझाया गया था. आज यह एक जाना पहचाना ‘लोगो’ है.

कार्यक्रम का संचालन myGov के सीईओ श्री अभिषेक सिंह ने वर्चुअल माध्यम से किया.

कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में लोकतंत्र की भावना के अनुरूप शासन की योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए myGov पोर्टल तैयार कराया गया है. यह प्रयास किया जाएगा कि प्रदेश में भी इसी प्रकार up.mygov.in पोर्टल राज्य सरकार और नागरिकों के बीच सेतु के रूप में कार्य करे. उन्होंने भारत सरकार की myGov टीम को बहुत कम समय में पोर्टल तैयार कराने के लिए धन्यवाद देते हुए प्रदेश मंे पोर्टल के बेहतर ढंग से संचालन के लिए प्रदेश की टीम की सहायता का अनुरोध भी किया.

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए.

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

खराब सिस्टम और बहकता युवा

गुलामी के दिनों में भी लोग काम करते ही हैं. यह प्रकृति की जरूरत है कि हर जीव किसी तरह जिंदा रहने की कोशिश करे चाहे उसे आजादी के साथ रहना नसीब हो, मनचाहे लोगों के बीच में रहने को मिले, जुल्म करने वालों की गुलामी सहते हुए रहना पड़े या जंगलों में लगभग अकेले हरदम खतरों के बीच रहना पड़े. यही वजह है कि लाखों नहीं, करोड़ों लड़कियां घरवालों की जबरदस्ती के कारण ऐसों से शादी कर लेती हैं जिन्हें शादी के पहले नापसंद करती थीं, फिर वर्षों उन के साथ निभाती हैं और बच्चे तक पैदा करती हैं.
आज की सरकार हूणों, शकों, तुर्कों, मुगलों, अंगरेजों से बेहतर हो या न हो, लोग काम तो करते ही रहेंगे. चाहे जितनी महंगाई हो, जितने पैट्रोल के दाम बढ़ें, जितनी नौकरियां छूटें या न मिलें, वे कुछ न कुछ जुगाड़ कर पेट भरते और तन ढकने के लायक पैसा जुटा ही लेते हैं. जब देश के 130 करोड़ लोग ऐसा करेंगे तो सरकार के हिसाब से देश में प्रोडक्शन भी होगा और बिजनैस भी चलेगा.

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यह मनचाहा है, इसे जानने का आज कोई तरीका नहीं है पर जब एक सरकारी नौकरी के लिए लाखों एप्लीकेशंस आ रही हों तो साफ है कि देश के युवा जिस तरह की सैलरी वाली नौकरी चाह रहे हैं, वह नहीं लग रही या नहीं मिल रही.
सरकार भले कहती रहे कि उस का जीएसटी का कलैक्शन बढ़ गया और इस का मतलब है कि देश में व्यापार व उत्पादन बढ़ा है.  असल में स्थिति इस के उलट है. 18वीं व 20वीं सदी में बंगाल में भयंकर अकाल पड़ा था. एक बार ईस्ट इंडिया कंपनी के दौरान और दूसरी बार सीधे ब्रिटेन के शासन के अधीन. दोनों बार अंगरेज देश से बहुत ज्यादा पैसा ले गए. पहली बार ईस्ट इंडिया कंपनी ने ज्यादा बोनस अपने शेयरहोल्डरों को दिया जबकि दूसरी बार ब्रिटेन ने हिटलर से लड़ाई में ज्यादा सेना झोंकी और भारत के लोग भूखे मरते रहे.
देश में आज पैसे की किल्लत कैसी है, यह गंगा में बहाए शवों से पता चला है. जब सरकार ज्यादा कर वसूलने के ढोल बजा रही थी तो खांसी और सांस की बीमारी से गांवों में लोग मर रहे थे. वे कोविड से नहीं मर रहे थे क्योंकि गांव में न कोविड टैस्ंिटग सैंटर हैं न औक्सीजन देने वाले अस्पताल.
बड़े अफसोस की बात है कि जैसे तुलसीदास मुगलों के शासन के दौरान रामभजन की वकालत करते रहे, तकरीबन वैसे ही हमारे युवा इन दिनों टिकटौक जैसे शौर्ट वीडियो बना कर फालतू में जंगली पौधों की तरह उग रहे एप्स पर डाल रहे थे. लोगों की सेवा करने के बजाय उन्हें फिक्र अपने लाइक्स और फौलोअर्स की रही. यह एक समाज के सड़ जाने की निशानी है जो सामूहिक परेशानी में भी केवल सैकड़ों रुपए के सुख के लिए कीमती समय, पैसा और तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है.

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इस की दोषी सरकार नहीं, मातापिता हैं जो खुद हिंदूमुसलिम या पूजापाठ में मस्त हो गए हैं और उन की समझ नहीं रह गई कि कल को क्या अच्छा होगा, क्या गलत. युवाओं ने साबित कर दिया है कि देश का कल काला हो सकता है. भारत पहले ही चीन से रेस में पिछड़ चुका है, भूटान और बंगलादेश से भी पीछे है, वियतनाम, इंडोनेशिया, कंबोडिया से गरीब है. बस, अफ्रीका के कुछ देश भारत से पीछे हैं जहां गृहयुद्ध चल रहे हैं. वैसे, यहां भारत में भी गलीगली में गृहयुद्ध की ट्रेनिंग दी जा रही है. शक हो तो कहीं भी खड़े हो कर 4-5 युवाओं को सुन लो वे मरनेमारने की बात करेंगे, चीन की नहीं, अपने किसी पड़ोसी की.

Top 10 Crime Story in Hindi: टॉप 10 बेस्ट क्राइम कहानियां हिंदी में

Crime Story in Hindi– इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं, सरस सलिल की  Top 10 Crime Story in Hindi 2021. इन क्राइम स्टोरी को आप पढ़कर ये जान पाएंगे कि समाज, परिवार और रिश्तों की आड़ में लोग किस तरह अपराध करते हैं. घटना के तह तक जाने के बाद पता चलता हेै कि कोई अपना ही आपके साथ साजिश रच रहा था. इन Crime Stories को पढ़कर आप जीवन के कई पहलुओं से परिचित होंगे. तो अगर आप भी Crime Stories पढ़ने के शौकिन हैं तो पढ़िए सरस सलिल की  Top 10 Crime Story in Hindi.

  1. Manohar Kahaniya: चूड़ियों ने खोला हत्या का राज

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के थाना निगोहां के गांव भगवानगंज के रहने वाले सरकारी नौकरी से रिटायर सत्यनारायण ने अपनी बहू रागिनी के रंगढंग से क्षुब्ध हो कर कहा, ‘‘बहू, जब तुम्हारा पति बाहर रहता है तो मायके के ऐसे लोगों को घर में न रोका करो, जो तुम्हारे करीबी न हों. देखने वालों को यह अच्छा नहीं लगता. लोग तरहतरह की बातें करते हैं.’’

सत्यनारायण की बहू रागिनी जिला रायबरेली के थाना बछरावां के गांव भक्तिनखेड़ा की रहने वाली थी. 14 जून, 2012 को सत्यनारायण के बेटे दिलीप के साथ उस की शादी हुई थी. तब से वह ससुराल में ही रहती थी. उस का मायका ससुराल के नजदीक ही था, इसलिए अकसर उस से मिलने के लिए घर के ही नहीं, गांव के लोग भी आते रहते थे. उन में से कुछ लोगों की रिश्तेदारी उस के ससुराल के गांव में थी, इसलिए जब भी उस के मायके का कोई आता, वह रागिनी से भी मिलने चला आता.

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2. रिश्तों से बड़ी मोहब्बत

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कानपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर पश्चिम में थाना बिल्हौर के तहत एक गांव है अलौलापुर. ज्ञान सिंह कमल इसी गांव के रहने वाले थे. उन के परिवार में पत्नी गीता कमल के अलावा 2 बेटे विकास, आकाश तथा 2 बेटियां शोभा व विभा थीं. ज्ञान सिंह कमल किसान थे. उन के पास 10 बीघा उपजाऊ भूमि थी, जिस में अच्छी पैदावार होती थी. कृषि उपज से ही वह परिवार का भरणपोषण करते थे.

ज्ञान सिंह का बेटा विकास अपने भाईबहनों में सब से बड़ा था. इंटरमीडिएट पास करने के बाद उस ने नौकरी पाने के लिए दौड़धूप की. लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो वह पिता के कृषि कार्य में हाथ बंटाने लगा. उस ने ट्रैक्टर चलाना सीख लिया था. ट्रैक्टर से वह अपनी खेती तो करता ही था, दूसरे काम कर वह अतिरिक्त आमदनी भी करता था. विकास किसानी का काम जरूर करता था, लेकिन ठाटबाट से रहता था.

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3. भाई पर भारी पड़ी बहन की हवस

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गांवों में वैसे भी रात जल्दी हो जाती है और जब दिसंबर की सर्द रात हो तो गांव की गलियों में सन्नाटा पसरना आम बात है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के कौंधियारा ब्लौक के बड़गोहना गांव में भी ऐसा ही कुछ माहौल था. ज्यादातर घरों की बत्तियां बंद थीं और लोग बिस्तरों में दुबक कर ठंड से मुकाबला कर रहे थे.

लेकिन सर्द हवा से सांयसांय करती गांव की एक गली में 16 साल की नाबालिग लड़की मोबाइल फोन से किसी से हंसहंस कर बातें कर रही थी. वह इस बात से बेखबर थी कि उस को किसी ने देख लिया है. उस लड़की की बातचीत का अंदाज बता रहा था कि दूसरी तरफ वाला शख्स उस का प्रेमी ही हो सकता है.

मांबाप की गैरमौजूदगी में उस लड़की के सिर पर इश्क का भूत सवार था. उस की उम्र 16 साल जरूर थी, लेकिन मोबाइल फोन पर मुहैया इंटरनैट से उस ने सैक्स की काफी जानकारी हासिल कर ली थी, इसीलिए उस ने सर्द रात में अपने सूने घर में प्रेमी को आने का न्योता दे दिया.

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4. पराई मोहब्बत के लिए दी जान

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अरविंद दोहरे अपने काम से शाम को घर लौटा तो उस की पत्नी सरिता के साथ दलबीर सिंह घर में मौजूद था. उस समय दोनों हंसीठिठोली कर रहे थे. उन दोनों को इस तरह करीब देख कर अरविंद का खून खौल उठा. अरविंद को देखते ही दलबीर सिंह तुरंत बाहर चला गया.

उस के जाते ही अरविंद पत्नी पर बरस पड़ा, ‘‘तुम्हारे बारे में जो कुछ सुनने को मिल रहा है, उसे सुन कर अपने आप पर शरम आती है मुझे. मेरी नहीं तो कम से कम परिवार की इज्जत का तो ख्याल करो.’’

‘‘तुम्हें तो लड़ने का बस बहाना चाहिए, जब भी घर आते हो, लड़ने लगते हो. मैं ने भला ऐसा क्या गलत कर दिया, जो मेरे बारे में सुनने को मिल गया.’’ सरिता ने तुनकते हुए कहा तो अरविंद ताव में बोला, ‘‘तुम्हारे और दलबीर के नाजायज रिश्तों की चर्चा पूरे गांव में हो रही है. लोग मुझे अजीब नजरों से देखते हैं. मेरा भाई मुकुंद भी कहता है कि अपनी बीवी को संभालो. सुन कर मेरा सिर शरम से झुक जाता है. आखिर मेरी जिंदगी को तुम क्यों नरक बना रही हो?’’ ‘‘नरक तो तुम ने मेरी जिंदगी बना रखी है. पत्नी को जो सुख चाहिए, तुम ने कभी दिया है मुझे? अपनी कमाई जुआ और शराब में लुटाते हो और बदनाम मुझे कर रहे हो.’’ सरिता  तुनक कर बोली.

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5. बुआ के चक्कर में भतीजे ने गंवाई जान

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वेदराम बेहद सीधासादा और मेहनती युवक था. वह उत्तर प्रदेश के जिला फिरोजाबाद के एक चूड़ी कारखाने में काम करता था, जबकि उस के बीवीबच्चे कासगंज जिले के नगला लालजीतगंज में रहते थे. यह वेदराम का पैतृक गांव था. वहीं पर उस का भाई मिट्ठूलाल भी परिवार के साथ रहता था.

जिला कासगंज के ही थाना सहावर का एक गांव है बीनपुर कलां. यहीं के रहने वाले आलम सिंह का बेटा नेकसे अकसर नगला लालजीतगंज में अपनी बुआ के घर आताजाता रहता था. उस की बुआ की शादी वेदराम के भाई मिट्ठूलाल के साथ हुई थी.

वेदराम की पत्नी सुनीता पति की गैरमौजूदगी में भी घर की जिम्मेदारी  ठीकठाक निभा रही थी. वह अपनी बड़ी बेटी की शादी कर चुकी थी. जिंदगी ने कब करवट ले ली, वेदराम को पता ही नहीं चला. पिछले कुछ समय से वेदराम जब भी छुट्टी पर घर जाता था, उसे पत्नी सुनीता के मिजाज में बदलाव देखने को मिलता था. उसे अकसर अपने घर में नेकसे भी बैठा मिलता था.

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6. सगे बेटे ने की साजिश

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अनीता शुक्रवार की शाम पौने 5 बजे अपनी भाभी कंचन वर्मा के घर पहुंची. उस ने दरवाजे पर लगी कालबेल बजाई. लेकिन कई बार घंटी बजाने के बाद भी जब अंदर कोई हलचल नहीं हुई तो उस ने दरवाजे को धक्का दिया. इस से दरवाजा खुल गया.

अनीता अंदर पहुंची. उस ने भाभी को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. बैडरूम में टीवी चल रहा था और मोबाइल भी बैड पर पड़ा था. तभी उस की नजर बाथरूम की ओर गई. उस ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो वह हैरान रह गई. वहां फर्श पर भाभी कंचन बेहोश पड़ी थीं. घर का सामान अस्तव्यस्त पड़ा हुआ था.

यह सब देखते ही अनीता चीखती हुई बाहर की ओर भागी. उस ने यह जानकारी आसपास के लोगों व भाई कुलदीप वर्मा को दी. यह 19 फरवरी, 2021 की बात है.

अनीता के चीखनेचिल्लाने की आवाज सुन कर आसपास के लोग एकत्र हो गए. अनीता ने बगल में रहने वाली उस की दूसरी भाभी व भाई कुलदीप वर्मा को फोन कर बुलाया.

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7. पराई औरत से मोहब्बत

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2 बच्चों की मां बनने के बावजूद भी सरिता का शारीरिक आकर्षण बरकरार था. तभी तो जब उस का पति अरविंद दोहरे काम करने कुछ दिनों के लिए घर से बाहर गया तो वह पति के दोस्त दलबीर सिंह की बांहों में चली गई. इस का खामियाजा सरिता को ही इस तरह भुगतना पड़ा कि…

अरविंद दोहरे अपने काम से शाम को घर लौटा तो उस की पत्नी सरिता के साथ दलबीर सिंह घर में मौजूद था. उस समय दोनों हंसीठिठोली कर रहे थे. उन दोनों को इस तरह करीब देख कर अरविंद का खून खौल उठा. अरविंद को देखते ही दलबीर सिंह तुरंत बाहर चला गया.

उस के जाते ही अरविंद पत्नी पर बरस पड़ा, ‘‘तुम्हारे बारे में जो कुछ सुनने को मिल रहा है, उसे सुन कर अपने आप पर शरम आती है मुझे. मेरी नहीं तो कम से कम परिवार की इज्जत का तो ख्याल करो.’’

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8. चरित्रहीन कंचन

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रामकुमार की जानकारी में अपनी पत्नी कंचन की कुछ ऐसी बातें आई थीं, जिस के बाद कंचन उस के लिए अविश्वसनीय हो गई थी. बताने वाले ने रामकुमार को यह तक कह दिया, ‘‘कैसे पति हो तुम, घर वाली पर तुम्हारा जरा भी अकुंश नहीं. इधर तुम काम पर निकले, उधर कंचन सजधज कर घर से निकल जाती है. दिन भर अपने यार के साथ ऐश करती है और शाम को तुम्हारे आने से पहले घर पहुंच जाती है.’’

रामकुमार कंचन पर अगाध भरोसा करता था. पति अगर पत्नी पर भरोसा न करे तो किस पर करे. यही कारण था कि रामकुमार को उस व्यक्ति की बात पर विश्वास नहीं हुआ. वह बोला, ‘‘हमारी तुम्हारी कोई नाराजगी या आपसी रंजिश नहीं है, मैं ने कभी तुम्हारा बुरा नहीं किया. इस के बावजूद तुम मेरी पत्नी को किसलिए बदनाम कर रहे हो, मैं नहीं जानता. हां, इतना जरूर जानता हूं कि कंचन मेकअपबाज नहीं है. शाम को जब मैं घर पहुंचता हूं तो वह सजीधजी कतई नहीं मिलती.’’

‘‘कंचन जैसी औरतें पति की आंखों में धूल झोंकने का हुनर बहुत अच्छी तरह जानती हैं.’’ उस व्यक्ति ने बताया, ‘‘तुम्हें शक न हो, इसलिए वह मेकअप धो कर घर के कपड़े पहन लेती होगी.’’

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9. जेठ के चक्कर में पति की हत्या

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राजस्थान के उदयपुर शहर को झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है. इसी शहर के प्रतापनगर थाने के अंतर्गत उदयसागर झील स्थित है. 17 नवंबर, 2020 को लोगों ने उदयसागर झील में एक बोरा पानी के ऊपर तैरता देखा. लग रहा था जैसे कि उस में कोई चीज बंधी हो. किसी ने इस की सूचना प्रतापनगर थाने में फोन द्वारा दे दी.

सूचना पा कर थानाप्रभारी विवेक सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर जा पहुंचे. उन्होंने झील से बोरा निकलवाया. जब बोरा खोला गया तो उस में किसी अधेड़ उम्र के व्यक्ति का शव निकला. मृतक की उम्र 45 वर्ष के आसपास लग रही थी.

मृतक ने पैंटशर्ट पहनी हुई थी. चेहरे से लग रहा था कि वह असम, मणिपुर इलाके का है. मृतक की जामातलाशी में कुछ नहीं मिला था, जिस से कि मृतक की शिनाख्त हो पाती. शव की शिनाख्त नहीं होने पर कागजी काररवाई कर शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया.

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10. नौकर के प्यार में

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बात 26 मार्च, 2021 की सुबह 7 बजे की है. राजस्थान के बारां जिले के गांव आखाखेड़ी के रहने वाले मास्टर प्रेमनारायण मीणा के यहां उन का भतीजा राजू दूध लेने पहुंचा तो उन के घर का मुख्य गेट भिड़ा हुआ था. दरवाजा धक्का देने पर खुला तो भतीजा घर में चला गया. उस की नजर जैसे ही आंगन में चारपाई पर पड़ी तो वहां का मंजर देख कर वह कांप गया. बिस्तर पर चाचा प्रेमनारायण की खून सनी लाश पड़ी थी.

यह देख कर भतीजा चीखनेचिल्लाने लगा. आवाज सुन कर प्रेमनारायण की पत्नी रुक्मिणी (40 वर्ष) अपने कमरे से बाहर आई. बाहर आते समय वह बोली, ‘‘क्यों रो रहे हो राजू, क्या हुआ?’’

मगर जैसे ही रुक्मिणी की नजर चारपाई पर खून से लथपथ पड़े पति पर पड़ी तो वह जोरजोर से रोनेचिल्लाने लगी. रोने की आवाज मृतक के बच्चों वैभव मीणा और ऋचा मीणा ने भी कमरे में सुनी. वह दरवाजा पीटने लगे कि क्या हुआ. क्यों रो रही हो. दरवाजा खोलो. उन भाईबहनों के दरवाजे के बाहर कुंडी लगी थी. कुंडी खोली तो भाईबहन बाहर आ कर पिता की लाश देख कर रोने लगे.

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