BIGG BOSS 16: सलमान खान के घर में होगी इन कंटेस्टेंट की एंट्री , जाने इनके नाम

बॉलीवुड के सुपर स्टार सलमान खान के पसंदीदा शो बिग बॉस 16 का इंतजार हर साल लोगों को रहता है. यह शो 1 अक्टूबर को प्रसारित होने वाला है. जिसमें कई सारे कंटेस्टेंट हिस्सा लेने वाले हैं. इन सभी के बीच रोज नए-नए सितारों का नाम आ रहा है.

जिसकी वजह से लोगों का उत्साह चर्म सीमा पर है. बिग बॉस 16 में दमदार धमाका होने वाला है, जिससे बाकी लोगों की टीआरपी पे भी असर पड़ेगा, एक खबर में खुलासा हुआ है कि कनिका मान इस शो का हिस्सा नहीं बनने वाली हैं.

 

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खबर है कि इस शो का हिस्सा जन्नत जुबैर , मदराक्षी मुंडेला , टीना दत्ता,शालीन भट्ट हिस्सा बन सकते हैं. सलमान खान हमेशा की तरह इस बार भी बिग बॉस 16 को लेकर चर्चा में बने हुए हैं.  दरअसल, यह टीवी शो एक ऐसा शो है जिसे देखना हर कोई पसंद करता है.

देश ही नहीं विदेशों में भी इस शो की काफी ज्यादा चर्चा होती है. इस शो को देखने के लिए हर साल यूजर्स के अंदर एक नए तरह के उत्साह को देखा जाता है. वहीं खबर है कि कुंडली भाग्य के  संजय गगनी इस शो का हिस्सा बनने वाले हैं.

सलमान खान ने प्रोमो में ये भी दिखाया है कि इस बार घर में कंटेस्टेंट की एंट्री अलग तरह से होगी जहां पर कंटेस्टेंट घोड़े पर चढ़कर आएंगे

मुस्कान की मुस्कुराह के दुश्मन

तीर्थ दर्शन और पाखंड

पंडेपुजारी पुराणों के हवाले से कहते फिरते हैं कि तीर्थों के दर्शनों के बड़े फायदे है और उन के दर्शन से ही पाप धुल जाते हैं और आदमी औरत का मन साफ हो जाता है.

ऋषिकेश, मथुरा, वाराणसी, नासिक, उज्जैन, गुरुवयार जैसे तीर्थों में रहने वाले जानते हैं कि उन के शहरों में किस तरह लूटपाट होती है. जो भक्त दिमाग और आंख बंद कर के आते हैं वे अक्सर लूट का शिकार होते हैं.

इसी तरह के एक तीर्थ प्रयागराज जिस का पहले नाम इलाहाबाद था, एक पति ने अपनी पत्नी को हथौड़े से मार दिया और फिर शव को वहीं छोड़ कर खुद पुलिस थाने में जा कर अपने को हवाले कर दिया. मामला कोई छोटी बात थी, न दहेज की, न सासससुर की, न दूसरी प्रेमिका या दूसरे प्रेमी की. पत्नी की उम्र सिर्फ 24 साल थी और शादी 14 साल की उम्र में ही हो गई थी और 3 बच्चे भी थे.

छुटपन में शादी, एक नहीं 3 बच्चे, पैसे की कमी, गुस्सा क्या नहीं था इन दोनों में बिना यह सोचे की 3 छोटे बच्चों का क्या होगा, आदमी ने औरत पर हथौड़ा चला दिया. इलाहाबाद यानी प्रयागराज का वह उपदेशों से भरा माहौल किस काम का रहा है कि न तो 14 साल की उम्र में शादी रोक न पाया, न छोटी सी लडक़ी को 3-3 की मां बनने से रोक पाया.

इतने पंड़ो, कथावाचकों की भीड़ का क्या फायदा हुआ कि आगापीछा सोचे बिना छोटी सी बात पर हथौड़े चल गए. गंगा का पानी क्यों नहीं इन के मन को साफ कर पाया जिस का गुणगान रातदिन कथाओं में भी सुना जाता है और अब टीवी, मोबाइलों पर मौजूद है.

‘‘तीर्थराज्य प्रयाग ऐसे राज्य हैं जिन के दर्शन से चारों पुरुषार्थ, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष मिलते हैं. बहुत पैसा मिलता है, घरपरिवार सुखी रहता है, बदन मजबूत व निरोगी रहता है.’’ इस तरह की बात प्रयागराज यानी इलाहाबाद के बारे में आज भी मोबाइल पर एकदम मिल जाती है. महाभारत, रामायण, रामचरितमानस और पुराणों का हवाला देकर बारबार कहा जाता है कि इलाहाबाद यानी प्रयागराज से बढ़ कर तीर्थ नहीं है. प्रयागराज की मिट्टी को छूने से ही पाप खत्म हो जाते है.

यह तो अचंभे की बात है न कि इसी इलाहाबाद में एक मर्द ने अपनी औरत को हथौड़े से मार डाला. प्रयागराज तीर्थ ने उस का दिमाग क्यों नहीं ठीक किया. और फिर वह थाने गया. आखिर प्रयागराज में थाने का क्या काम? इलाहाबाद तो मुसलमान नाम है, वहां तो सब खूनखराबा होते हो तो बड़ी बात नहीं पर नाम बदलने ही यह तीर्थ आखिर सारे गुनाहों से दूर क्यों नहीं हो गया कि पुलिस मौजूद रहती हैं.

असल में धर्म, पूजापाठ, रीतिरिवाज, दान किसी को सुधारते नहीं हैं. छोटीछोटी बातों पर झगड़े कराने में तो हर धर्म सब से अब्वल रहता है. हर धर्म एक तरफ भक्त से वसूलने में लगा रहता है और इसलिए वसूल पाने वालों को बचाता है तो दूसरी ओर भक्तों को बहकाता है. उसे बहकने में हथौड़े चलते हैं.

ड्रीम डेट- भाग 3 : आरव ने कैसे किया अपने प्यार का इजहार

‘‘और सुना, क्या हाल है तेरा और तेरे दोनों बौडीगार्ड्स का?’’ आरव ने गरमजोशी से हाथ मिलाते हुए कहा.

‘‘सब सही, भाई.’’

इन को बौडीगार्ड की क्या जरूरत. मैं ने मन ही मन में सोचा, यह कोई फिल्मस्टार तो लग नहीं रहे.

‘‘सुनो, अब तुम वेटिंगरूम में जा कर आराम से बैठो, मैं अपने यार से बातें कर लूं. बड़े दिनों के बाद दिखाई दिया है और सब से ज्यादा खुशी की बात यह है कि उस ने मुझे पहचान लिया है.’’

‘‘जी.’’

अब तो मुझे जाना ही था लेकिन मैं जाना नहीं चाहती थी. इतनी मुश्किल से मिले इस साथ का एकएक पल साथ में ही बिताना चाहती थी. खैर, मैं अंदर आ

गई और अपना मन बाहर आरव के पास  छोड़ आई.

करीब एक घंटा गुजर गया और मैं वहां आसपास के लोगों से बोलती व मोबाइल यूज करती रही. अब मुझे घुटन सी होने लगी. आरव, तुम इतने लापरवाह कैसे हो सकते हो, कोई तुम्हारे इंतजार में बैठा है और तुम करीब हो कर भी मेरे करीब नहीं हो.

मुझे बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, नजरें लगातार वेटिंगरूम के गेट की तरफ लगी हुई थीं. आखिर नहीं रहा गया और मैं खुद ही बाहर निकल आई, देखा दूरदूर तक वे कहीं नहीं दिख रहे थे. अब तो ट्रेन के आने का समय भी हो गया है. आधे घंटे में ट्रेन आ जाएगी, मैं ने अपनी नजरें चारों तरफ घुमाईं तो देखा सामने से दोस्त से बतियाते चले आ रहे हैं.

मैं ने उन को देखा और नजरों से ही इशारा किया. वे समझ गए और करीब आते हुए बोले, ‘‘क्या हुआ?’’

‘‘कुछ नहीं, यह बताने आई थी कि ट्रेन के आने का समय हो गया है.’’

‘‘हां यार, पता है.’’

‘‘तो चलिए, सामान ले आएं.’’

‘‘अरे ले आएंगे, अभी बहुत देर है.’’

‘‘जी नहीं, अब देर नहीं है. यहां से सामान ले कर जाने में ही करीबकरीब 10 मिनट लग जाएंगे.’’

‘‘हां, यह ठीक है.’’ उन्होंने आखिर सहमति में सिर हिलाया. भरे हुए वेटिंगरूम में किसी तरह सामान निकाल कर बाहर ले कर आए क्योंकि लोग फर्श तक पर बैठे हुए थे और इस का कारण सिर्फ एक ही था कि ट्रेन हद से ज्यादा लेट थी.

हम लोग हमेशा फ्लाइट ही से जाते हैं परंतु इस बार हमें जाना था ट्रेन के फर्स्ट क्लास के एसी कोच में, कुछ अलग या बिलकुल अलग सा एहसास महसूस करने के लिए. ट्रेन प्लेटफौर्म पर बस आने ही वाली है, अनाउंसमेंट हो गई थी. मैं और आरव अपनेअपने सामान को ले कर प्लेटफौर्म पर खड़े हो गए थे. ‘‘यार, इस सरकार के राज में ट्रेनों ने रुला ही दिया. मैं इतना बड़ा हो गया, लेकिन आज तक कभी भी इतनी लेट ट्रेन नहीं देखी. अनाउंसमैंट हो गई है लेकिन ट्रेन का कहीं अतापता ही नहीं,’’ आरव बोले. सच ही तो कह रहे हैं, जिसे देखो वह परेशान है. वेटिंगरूम भरे हुए हैं, लोग जमीन पर बैठे हुए हैं, क्या करें.

अकेली महिलाएं, बच्चे सफर कर रहे हैं. वे भी ट्रेन के लेट होने से दुखी हैं और उन के साथसाथ घर में बैठे उन के परिवार वाले भी. खैर, ट्रेन प्लेटफौर्म पर लग गई. मानो सब को सांस में सांस आ गई है. एसी कोच के फर्स्ट क्लास वाले कूपे में चढ़ते हुए लगा जैसे किसी घर में प्रवेश कर लिया है जहां हमारा अपना कमरा हर सुविधा से युक्त है. सीनरी, फ्लौवर पौट से सजे हुए उस कूपे में 2 सीटें थीं, एक ऊपर और एक नीचे. नीचे वाली सीट को खींच कर बैड की तरह बना कर हम दोनों बैठ गए, फिल्मों में देखे हुए वे सीन याद आ गए जो पुरानी फिल्मों में हुआ करते थे, जब गाने गाते हुए हीरोहीरोइन अपने हनीमून इसी तरह की ट्रेन के कूपे में मनाते थे.

‘‘सुनो आरव, जब हम बात करते हैं न, तो कितना हलकाहलका सा हो जाता है मन. है न?’’

‘‘हां, तुम सही कह रही हो, एकदम फूल की तरह से. जब मैं तुम से अपने मन की बात कर लेता हूं तो वाकई बहुत ही अच्छा लगता है.’’

‘‘लेकिन मुझे कुछ भी समझ नहीं आता कि दुनिया में ऐसा क्यों होता है?’’ मैं ने कहा.

‘‘ऐसा?’’

‘‘हां, ऐसा ही कि हम जिस से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं वह हम से दूर क्यों हो जाता है? क्यों वह उसे दुख देता है जिस ने अपनी पूरी जान सौंप दी. पूरी जिंदगी उस के नाम कर दी? क्या उस का दिल नहीं कसकता? क्या उसे यह एहसास नहीं होता कि वह तो पलपल में उसे जी रही है और वह अपने एहसास तक नहीं दे रहा है, न ही शब्द दे रहा है. क्या यह स्वार्थ नहीं है? चुप क्यों हो? आखिर इंसान ऐसा कर कैसे पाता है? क्या यही प्रेम है? वैसे, प्रेम क्या होता है, मुझे बताओ?’’

‘‘नहीं, ऐसा नहीं होता. कभीकभी परिस्थितियां ऐसी बन जाती हैं कि इंसान मजबूर हो जाता है.’’

‘‘अच्छा, आरव सुनो, मेरा एहसास, प्यार, समर्पण और विश्वास सबकुछ तुम्हारा ही तो है. मेरी कैसे याद नहीं आती, तुम कैसे मुझे भूल जाते हो?’’

‘‘नहीं, भूलता नहीं. कहा न मजबूरी.’’

‘‘इतनी मजबूरी कि कोई घूंटघूंट दर्द पी रही है बिना कहे, बिना सुने. मेरे आंसू तुम्हें क्यों नहीं दिखते क्योंकि मैं छिपछिप कर रोती हूं और सामना होने पर अपने आंसू छिपा लेती हूं ताकि तुम को कोई दुख न हो. क्या मेरी कमजोरी समझते हो, इसलिए ऐसा करते हो?’’

‘‘ समझ नहीं आ रहा, क्या कहूं.’’

‘‘कहो न कुछ, मेरे दर्द को समझे. मैं कुछ कह नहीं पाती हूं.’’

‘‘समझता हूं, सच में. तुम जानती हो कि मैं कभी झठ नहीं बोलता.’’

‘‘तो सब कह देना चाहिए क्योंकि प्रेम कहनेसुनने से और बढ़ता है, है न? जब हम प्रेम करते हैं तो फिर यह क्यों सोचते हैं कि वह कुछ न कहे, बस सामने वाला कहे.

‘‘प्रेम गली अति संकरी जामें दाऊ न समाई.

जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नाहीं.’’

कुछ समझ आया, प्यार में अहं की जगह नहीं.’’

‘‘एक ही बात है, चाहे कोई कह दे.’’

‘‘लेकिन अगर एक ही बारबार कहता रहे, दूसरा कभी पहल न करे तो?’’

‘‘तो भी कोईर् बात नहीं? तुम प्रेम का अर्थ समझती ही नहीं हो?’’

मुझे पता था कि आरव किसी तरह से भी अपनी ही बात रखेंगे चाहे उन से कितनी भी बहस क्यों न कर लूं, जीतेंगे वही और मैं हार जाऊंगी. वैसे, हार जाने में भी जीत छिपी होती है. हार कर जीत जाना बेहतर है, जीत के हार जाने से.

 

खैर, मेरी खवाबोंभरी आंखों में थकान की वजह से नींद भर गईर् थी. कल से आने की तैयारी और आज सुबह ही घर से निकलना और यहां पहुंच कर ट्रेन के इंतजार में शरीर दर्द से जवाब देता लग रहा था, बस, अब सो जाओ.

आरव ने सामान सही से लगाया और मुझे कस कर सीने से लगाते हुए मेरे माथे को चूम लिया. आह, मानो जेठ की तपती हुई रेत पर सागर की शीतल लहर आ कर ठंडक दे रही हो. सच में कितना मुश्किल होता है न? यों महीनों और सालों एकदूसरे से दूर रहना.

‘‘सुनो आरव, तुम अपने दोस्त से क्या कह रहे थे कि दोनों बौडीगार्ड्स ठीक हैं? क्या वह कोई बड़ी हस्ती है जो उसे यों बौडीगार्ड की जरूरत पड़ी?’’

‘‘अरे नहीं यार, उस की 2 प्रेमिकाएं हैं न, उन के बारे में कह रहा था.’’

‘‘2-2 प्रेमिकाएं? लेकिन यह गलत है न? शादी क्यों नहीं कर लेते किसी एक से?’’

‘‘वह पहले से ही शादीशुदा है,’’ आरव मुसकराते हुए बोले.

‘‘शादीशुदा हो कर भी 2-2 प्रेमिकाएं?’’ मैं चौंक सी गई.

‘‘हां यार, आजकल की दुनिया में यही सब चल रहा है, तुझे कुछ पता भी है दुनियादारी के बारे में? खैर छोड़, हम क्यों अपना दिमाग खराब करें? सुनो, मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूं.’’

‘‘मैं भी.’’

‘‘अच्छा अब पहले तुम दिखाओ.’’

‘‘नहीं, पहले तुम.’’

‘‘अरे, लेडीज फर्स्ट.’’

‘‘नो, बैड मैनर, पहले आप को दिखाना चाहिए.’’

‘‘ठीक है, मैं हारा. वरना पहले आप, पहले आप में रात गुजर जाएगी.’’

मुझे जोर की हंसी आ गई, आरव भी मुसकरा दिए. कितना अच्छा लगता है न, यों हंसते हुए खुशियों को दामन में भरते हुए.

आरव ने अपनी पैंट की जेब से एक डब्बी निकाली और उस में से डायमंड की अंगूठी निकाल कर मुझे पहना दी.

‘‘वाओ, कितनी प्यारी है. और, मैं यह लाई हूं,’’ मैं ने एक गरम शौल उन के गले में डालते हुए कहा, ‘‘देखो, तुम पहाड़ पर रहते हो, तो तुम्हें ठंड भी बहुत लगती होगी. है न?’’

‘‘हां, सच में.’’

‘‘तो अब इसे हमेशा अपने साथ में रखना,’’ कहते हुए मैं उन के गले से लग गई.

ट्रेन अपनी रफ्तार से चल रही थी और हमारी धड़कनें भी साथसाथ धड़क रही थीं जैसे ट्रेन और हमारी सांसों की रफ्तार एक सी हो गई हो.

मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं लेकिन अब वह मिलने से मना करता है मैं क्या करूं?

सवाल
मैं एक युवक से 4 साल से प्यार करती हूं. पहले वह भी मुझ से बहुत प्यार करता था हमारे बीच सबकुछ हो चुका है. पहले वह बारबार मिलने आता था पर अब झूठ बोल कर मना करता है. कहता है क्या करूं?

जवाब
आप का रिलेशन 4 साल से है और आप अभी तक उसे नहीं समझ पाईं, हैरानी की बात है. आप ने बताया कि आप के बीच सबकुछ हो चुका है. अकसर प्रेमी शारीरिक संबंध बनाने के बाद विमुख हो जाते हैं कहीं आप के मामले में भी ऐसा ही तो नहीं?

याद कीजिए कि वह सबकुछ होने के बाद कटना शुरू हुआ या पहले से. उस के कटने की वजह जानने की कोशिश कीजिए. अगर अपने में सुधार लाने की आवश्यकता हो तो सुधार कीजिए. अगर उस की कोई कमी है तो उसे बताइए. आप का प्यार है प्यार से मनाइए मान जाएगा.

प्राय: मंगनी होते ही लड़कालड़की एकदूसरे को समझने के लिए, प्यार के सागर में गोते लगाना चाहते हैं. एक बात तो तय रहती है खासकर लड़के की ओर से, क्या फर्क पड़ता है, अब तो कुछ दिनों में हम एक होने वाले हैं, फिर क्यों न अभी साथ में घूमेंफिरें. उस की ओर से ये प्रस्ताव अकसर रहते हैं कि चलो रात में घूमने चलते हैं, लौंग ड्राइव पर चलते हैं. वैसे तो आजकल पढ़ीलिखी पीढ़ी है, अपना भलाबुरा समझ सकती है. वह जानती है उस की सीमाएं क्या हैं. भावनाओं पर अंकुश लगाना भी शायद कुछकुछ जानती है. पर क्या यह बेहतर न होगा कि जिसे जीवनसाथी चुन लिया है, उसे अपने तरीके से आप समझाएं कि मुझे आनंद के ऐसे क्षणों से पहले एकदूसरे की भावनाओं व सोच को समझने की बात ज्यादा जरूरी लगती है. मन न माने तो ऐसा कुछ भी न करें, जिस से बाद में पछतावा हो.

मेघा की शादी बहुत ही सज्जन परिवार में तय हुई. पढ़ालिखा, खातापीता परिवार था. मेघा मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छे ओहदे पर थी. खुले विचारों की लड़की थी. मंगनी के होते ही लड़के के घर आनेजाने लगी. जिस बेबाकी से वह घर में आतीजाती थी, लगता था वह भूल रही थी कि वह दफ्तर में नहीं, ससुराल परिवार में है. शुरूशुरू में राहुल खुश था. साथ आताजाता, शौपिंग करता. ज्योंज्यों शादी के दिन नजदीक आते गए दूरियां और भी सिमटती जा रही थीं. एक दिन लौंग ड्राइव पर जाने के लिए मेघा ने राहुल से कहा कि क्यों न आज शाम को औफिस के बाद मैं तुम्हें ले लूं. लौंग ड्राइव पर चलेंगे. एंजौय करेंगे. पर यह क्या, यहां तो अच्छाखास रिश्ता ही फ्रीज हो चला. राहुल ने शादी से इनकार कर दिया. कार्ड बंट चुके थे, तैयारियां पूरी हो चली थीं. पर ऐसा क्या हुआ, कब हुआ, कैसे हुआ? पूछने पर नहीं बताया, बस इतना दोटूक शब्दों में कहा कि रिश्ता खत्म. बहुत बाद में जा कर किसी से सुनने में आया कि मेघा बहुत ही बेशर्म, चालू टाइप की लड़की है. राहुल ने मेघा के पर्स में लौंग ड्राइव के समय रखे कंडोम देख लिए. यह देख कर उस ने रिश्ता ही तोड़ना तय कर लिया. शायद उसे भ्रम था मेघा पहले भी ऐसे ही कई पुरुषों के साथ इस बेबाकी से पेश आ चुकी होगी. आजकल की लड़कियों में धीरेधीरे लुप्त होती जा रही लोकलाज, लज्जा की भनक भी मेघा के सरल व्यवहार में मिलने लगी थी. इन बातों की वजह से ही रिश्ता टूटने वाली बात हुई.

कौन सी बातें जरूरी

इसलिए बेहतर है कोर्टशिप के दौरान आचरण पर, अपने तौरतरीकों पर, बौडी लैंग्वेज पर विशेष ध्यान दें. वह व्यक्ति जिस से आप घुलमिल रही हैं, भावी जीवनसाथी है, होने वाला पति है, हुआ नहीं. तर्क यह भी हो सकता है, सब कुछ साफसाफ बताना ही ठीक है. भविष्य की बुनियाद झूठ पर रखनी भी तो ठीक नहीं. लेकिन रिश्तों में मधुरता, आकर्षण बनाए रखने के लिए धैर्य की भावनाओं को वश में रखने की व उन पर अंकुश लगाने की जरूरत होती है.

प्यार में डूबें नहीं

शादी के पहले प्यार के सागर में गोते लगाना कोई अक्षम्य अपराध नहीं. मगर डूब न जाएं. कुछ ऐसे गुर जरूर सीखें कि मजे से तैर सकें. सगाई और शादी के बीच का यह समय यादगार बन जाए, पतिदेव उन पलों को याद कर सिहर उठें और आप का प्यार उन के लिए गरूर बन जाए और वे कहें, काश, वे पल लौट आएं. इस के लिए इन बातों के लिए सजग रहें- 

हो सके तो अकेले बाहर न जाएं. अपने छोटे भाईबहन को साथ रखें.

बहुत ज्यादा घुलनामिलना ठीक नहीं.

मुलाकात शौर्ट ऐंड स्वीट रहे.

घर की बातें न करें.

अभी से घर वालों में, रिश्तेदारों में मीनमेख न निकालें.

एकदूसरे की भावनाओं का सम्मान करें.

अनर्गल बातें न करें.

बेबाकी न करें. बेबाक को बेशर्म बनते देर नहीं लगती.

याद रहे, जहां सम्मान नहीं वहां प्यार नहीं, इसलिए रिश्तों को सम्मान दें.

कोशिश कर दिल में जगह बनाएं. घर वाले खुली बांहों से आप का स्वागत करेंगे.

मनमानी को ‘न’ कहने का कौशल सीखें.

चटोरी न बनें

मासूम बेटियों की गुहार, बाबुल अभी न करना ब्याह

गीता की शादी जबरन एक अधेड़ आदमी के साथ की जा रही थी. गीता के मांबाप भी उस पर शादी का दबाव बना रहे थे. मांबाप ने 50 हजार रुपए में उस का सौदा उत्तर प्रदेश के एक अधेड़ कारोबारी से तय कर दिया था.

नवादा जिले के रजौली थाने के धमनी गांव की यह घटना है. इस बात की भनक लगने पर मुखिया और सरपंच गीता के घर पहुंच गए और उस के बाप को फटकार लगाने लगे.

विवाद बढ़ता देख कारोबारी अपने आदमियों के साथ भाग निकला. शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस ने कारोबारी को पकड़ने में चुस्ती नहीं दिखाई. रजौली थाने के एसएचओ अवधेश कुमार ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि इस बारे में लिखित शिकायत मिलने पर ही कार्यवाही होगी.

गीता की मौसी उत्तर प्रदेश में रहती है और उसी ने अधेड़ कारोबारी को शादी के लिए तैयार किया था. 18 अप्रैल, 2017 को शादी कराने के लिए सभी लोग मंदिर की ओर निकलने की तैयारी में थे. इसी बीच मुखिया और सरपंच के हल्ला मचाने से गांव के तमाम लोग वहां जुट गए.

बिहार के नवादा जिले के कौवाकोल गांव की रहने वाली सुगंधा (बदला नाम) की शादी 13 साल की उम्र में कर दी गई थी. तब वह जानती भी नहीं थी कि शादी किस चिडि़या का नाम है.

आज 22 साल की सुगंधा का यह हाल है कि उस के 3 बच्चे हो गए हैं और वह जिस्मानी रूप से इतनी कमजोर है कि ठीक से चलफिर भी नहीं पाती है.

देशभर में बाल विवाह का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. बाल विवाह होने वाले देशों में भारत 11वें नंबर पर है. इस मामले में भारत बहुत पिछड़े अफ्रीकी देशों इथियोपिया व लीबिया के साथ खड़ा है.

भारत के तमाम राज्यों में बाल विवाह के मामलों में बिहार सब से आगे है. यह हैरानी की बात है कि राज्य की 69 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में ही कर दी जाती है.

बिहार के पश्चिमी चंपारण, कैमूर, रोहतास, मधेपुरा, गया, नवादा और वैशाली जिलों में सब से ज्यादा बाल विवाह हो रहे हैं.

राष्ट्रीय विवाह सैंपल सर्वे के मुताबिक, देशभर में 22 से 24 साल की उम्र वर्ग की 47.4 फीसदी औरतें ऐसी हैं, जिन की शादी 18 साल से कम उम्र में ही कर दी गई. इन में से 56 फीसदी औरतें गांवों की और 29 फीसदी औरतें शहरी इलाकों की हैं.

बिहार में 69 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में कर के मांबाप अपने बोझ को हटा डालते हैं. वहीं राजस्थान में 65.2 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 54.8 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 54 फीसदी, असम में 38.6 फीसदी, तमिलनाडु में 23.3 फीसदी व गोवा में 12.1 फीसदी लड़कियों की शादी बहुत छोटी उम्र में ही कर दी जाती है.

बिहार भले ही हर मामले में पिछड़ा हो, लेकिन बाल विवाह के मामले में देश के सारे राज्यों को पछाड़ दिया है. पश्चिमी चंपारण में 80 फीसदी लड़कियों की शादी कम उम्र में कर दी जाती है. नवादा में 73 फीसदी, रोहतास और कैमूर में 70 फीसदी, मधेपुरा में 66 फीसदी व वैशाली में 61.6 फीसदी लड़कियों को 18 साल से कम उम्र में ही ब्याह कर मांबाप अपनी जिम्मेदारी से नजात पा लेना मानते हैं. पटना जिले में 40 फीसदी लड़कियां बाल विवाह की शिकार बनती हैं.

बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा कहती हैं कि औरतों के पढ़नेलिखने और जागरूक होने से ही बाल विवाह पर रोक लग सकती है. इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए कानून से ज्यादा समाज के सहयोग की जरूरत है.

यह सही है कि समाज में बड़ी तादाद में बाल विवाह हो रहे हैं, लेकिन समय से उन की सूचना नहीं मिलने की वजह से कानून कुसूरवारों पर कोई कार्यवाही नहीं कर पाता है.

डाक्टर किरण शरण बताती हैं कि कम उम्र में शादी होने से लड़कियां दिमागी और जिस्मानी रूप से कच्ची होती हैं. उन्हें न तो सैक्स के बारे में कुछ पता होता और न ही परिवार की जिम्मेदारियों की ही जानकारियां होती हैं. कम उम्र में मां बन जाने से जच्चा और बच्चा दोनों की जान के लिए खतरा होता है.

लड़कियों में जागरूकता के बगैर बाल विवाह पर रोक मुमकिन नहीं है. खुद को बाल विवाह की शिकार होने से बचाने वाली कुछ लड़कियां इस की जीतीजागती मिसाल हैं.

नेहरू युवा केंद्र से जुड़ी कटिहार की आरती, नारी शक्ति फाउंडेशन की सदस्य गया की राधिका, नवादा की रूबी और प्रमिला ने बताया कि उन्होंने किस तरह से खुद को बाल विवाह से बचाया.

राधिका ने बताया कि जब उस के पिता ने 15 साल की उम्र में ही उस की शादी तय कर दी, तो उस ने महिला संगठनों को बता दिया. इस से उस की शादी रुक गई.

प्रमिला ने बताया कि वह पढ़ना चाहती थी, पर उस के मांबाप उस की शादी करने पर उतारू थे. उस ने यह बात अपने स्कूल के मास्टर को बताई. मास्टर ने उस के मांबाप को समझाया और कानूनी कार्यवाही करने की चेतावनी दी. उस के बाद ही उस के पिता ने उस की शादी की जिद छोड़ी.

समाजसेवी आलोक कुमार कहते हैं कि बाल विवाह के मामलों में अकसर यही देखा गया है कि अनपढ़ और गरीब लोगों को कुछ रुपयों का लालच दे कर उन की लड़की से शादी कर उन्हें दूसरे राज्यों में ले जाया जाता है. उस के बाद उन का शोषण शुरू हो जाता है.

क्या हैं बाल विवाह रोकने के कानून

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की धारा-2 के तहत 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम उम्र की लड़की को नाबालिग माना गया है. इस कानून के तहत बाल विवाह को गैरकानूनी करार दिया गया है. बाल विवाह की इजाजत देने, शादी तय करने, शादी करवाने या शादी समारोह में हिस्सा लेने वालों को सजा दिए जाने का नियम है.

कानून की धारा-10 के मुताबिक, बाल विवाह कराने वाले को 2 साल तक साधारण कारावास या एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा दी जा सकती है. वहीं धारा-11 कहती है कि बाल विवाह को बढ़ावा देने या उस की इजाजत देने वालों को 2 साल तक का कठोर कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा हो सकती है.

ड्रीम डेट- भाग 2 : आरव ने कैसे किया अपने प्यार का इजहार

चाय वाकई स्वादभरी थी. इंतजार की सारी थकान खत्म हो गई थी. लेकिन यह मेरी अपेक्षाओं के अनुकूल नहीं था. मैं तो उन के साथ गुजारे एकएक पल को बेहद खूबसूरत और रोमांटिक बना लेना चाहती थी. जैसे, चांद की रोशनी में बैठ कर उन्हें घंटों निहारती रहूं और वे मेरी गोद में सिर रखे, मेरे माथे को चूमते हुए मेरी आंखों में खा जाएं.

‘‘अरे चलना नहीं है? चाय इतनी अच्छी लगी कि और पीने का दिल कर रहा है?’’ आरव ने मुझे सोच में डूबे देख कर टोका.

‘‘नहींनहीं बाबा, ऐसा नहीं है. चलो, चलते हैं.’’

‘‘अब यह बाबा कौन है, यह भी बता दो हमें?’’ वे खूब जोर से खिलखिला कर हंस दिए, कितने प्यारे लगते हैं ये यों हंसते हुए.

‘कहीं किसी की नजर न लग जाए हमारे प्यार को, हमारी मुसकान को.’ मैं ने मन ही मन सोचा.

रात का समय था और ट्रेन अभी 2 घंटे और लेट थी. इस समय को गुजारना अब कोई मुश्किल काम नहीं था, क्योंकि मेरा प्यार, मेरा आरव मेरे साथ है. ‘वह हर जगह बहुत प्यारी है जहां मेरा आरव हो,’ मैं मन ही मन बोली. मैं ने आरव का हाथ अपने हाथ में कस कर पकड़ रखा था, ऐसे जैसे कि अगर पकड़ थोड़ी भी ढीली पड़ी तो वे कहीं मुझ से अलग न हो जाएं. मैं ने उस दूरी के कष्ट को इस कदर सहा है, इतने आंसू बहाए हैं कि अब साथ में हैं तो पलभर को भी उन्हें दूर या अलग नहीं होने देना चाहती थी.

‘‘साथ ही हूं तेरे न, फिर कैसी परवा?’’ आरव ने मुसकराते हुए पूछा.

‘‘हां, मैं इस साथ को महसूस करना चाहती हूं,’’ मैं भी मुसकराते हुए बोली.

‘‘बड़े अच्छे लगते हैं… यह धरती, यह नदिया, यह रैना और तुम…’’ आरव गुनगुना रहे थे और मैं उस मधुर धुन में खोई उन का हाथ थामे हर बात से बेफिक्र सी चाल से चल रही थी.

जनवरी का महीना और सर्द मौसम, इसलिए स्टेशन पर लोग न के बराबर थे, हालांकि ट्रेन बहुत लेट चल रही थी. लोग वेटिंगरूम में ही खुद को किसी तरह से ऐडजस्ट किए हुए थे या जो कुछ लोग बाहर बैठे भी थे वे खुद को खुद में ही सिकोड़ेसमेटे दुबके हुए से बैठे थे. मैं इस सर्द मौसम में अपने आरव का हाथ पकड़े स्टेशन के एक छोर से दूसरे छोर तक घूम रही थी. चांद पूरे निखार के साथ आसमान में चमक रहा था. मैं ने उंगली उठा कर आरव को चांद दिखाते हुए कहा, ‘‘देखो, यह चांद गवाह है न हमारे प्रेम का, कितनी मोहकता से हमें ही देख रहा है.’’

‘‘हमारे प्रेम को किसी गवाह की जरूरत ही कब है?’’ वे बोले.

मैं सिर्फ मुसकरा कर रह गई और उस ताप, उस ऊष्मा में खोती हुई उसे अपने बेहद करीब महसूस करते हुए साथसाथ चलती रही. प्रेम में बिताया और प्रेम के साथ का एकएक पल हमेशा यादगार होता है. उसे हम एक ड्रीम की तरह अपने अंतर्मन में बसाए रहते हैं.

‘‘सुनो, तुम ने खाना खाया?’’ आरव ने मौन तोड़ा और मेरी तरफ मुखातिब होते हुए पूछा.

‘‘हां,’’ मैं ने संक्षिप्त सा जवाब दिया.

‘‘सही,’’ वे संतुष्ट होते हुए बोले.

‘‘आप ने?’’

‘‘हां भाई, मैं तो खा कर ही आया हूं.’’

‘‘सुनो, मेरे पास बिस्कुट और केक रखे हैं, आप खाएंगे?’’

‘‘न, अभी कुछ नहीं खाना. चाय भी पी ली है और सफर भी करना है, रात का सफर है.’’

इस बात पर मैं ने मुसकराते हुए अपना सिर हिलाया.

पूरे एक घंटे तक यों ही दीवानों की तरह हम उस स्टेशन के प्लेटफौर्म पर एकदूसरे का हाथ पकड़े टहलते रहे. आरव ने कुछ इस तरह से मेरे हाथ को अपने हाथ में सहेज रखा था मानो कोईर् फूल. मैं कभी मुसकरा रही थी और कभी आरव की बांहों पर अपना सिर टिका दे रही थी. कितना मजबूती का एहसास मन में भर रहा था, मानो खुशियां सिमट आई हों.

सच में उन के होने से बढ़ कर मेरे जीवन में कोई और खुशी नहीं है. उन के इंतजार में बिताए दिन, आंखों से बहाए गए आंसू, सब न जाने कहां खो गए थे. आज मैं उन के साथ अपने सारे दुख भुला कर सिर्फ मुसकराना चाहती थी. बहुत रो लिए अकेले में, अब साथ में हंसने के दिन आए हैं.

‘‘चलो, अब तुम थक गई होगी, जा कर वेटिंगरूम में बैठ जाओ.’’

‘‘और आप?’’

‘‘मैं यहीं ठीक हूं.’’

‘‘सही है. वैसे, मैं भी यहीं आप के साथ रहना चाहती हूं.’’

‘‘अरे यार, साथ ही तो हैं.’’

‘‘आरव, तुम यहां?’’ किसी ने उन को आवाज लगाते हुए कहा. वे शायद गार्ड थे और आरव के दोस्त. देखा जाए तो आरव का व्यवहार इतना अच्छा है कि वे एक बार किसी से मिलते हैं तो उस के दिल में उतर जाते हैं और फिर सालोंमहीनों न मिलने के बाद भी लोग उन्हें याद रखते हैं.

 

आमिर खान की बेटी ने की सगाई, फोटोज हुई वायरल

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की बेटी आइरा खान सुर्खियों में छाई हुईं हैं.  आइरा खान भले ही फिल्मों में काम नहीं करती हैं , लेकिन हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं. आइरा खान इटली मेें रहते हुए अपने बॉयफ्रेंड नुपुर शिखेर से सगाई कर ली है.

अपने बॉयफ्रेंड के साथ सगाई के दौरान उन्होंने लिप लॉक किस किया है, जिससे जुड़ी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.फोटो को देखने के बाद फैंस लगातार कमेंट कर रहे हैं.

 

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आइरा खान ने अपनी सगाई की फोटो खुद इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. जिसे देखने के बाद बॉलीवुड के सितारे कमेंट कर रहे हैं. बता दें कि वीडियो को शेयर करते हुए आइरा ने लिखा है कि हां मैंने हां कर दिया है.

आइरा खान के वीडियो पर टाइगर श्रॉफ, कृष्णा श्रॉफ , हुमा कुरैशी , हेजल कीच सभी लोग बधाई दें रहे हैं. टाइगर श्रॉफ की बहन कृष्णा श्रॉफ ने कमेंट करते हुए लिखा है ये बहुत ही क्यूज चीज है.

बता दें कि आइरा खान लंबे समय से रिलेशनशिप में थी, जिसके बाद से वह शादी करने का फैसला अब जाकर ली हैं. इससे पहले भी आइरा खान का एक बॉयफ्रेंड था, जिसकी मौत हो गई थी किसी कारण से.

हालांकि आइरा खान अब अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ चुकी हैं.

तनुश्री दत्ता का खुलासा- मीटू के बाद कई बार जान से मारने की धमकी मिली थी

बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता एक बार फिर अपने बयान से सुर्खियों में छाई हुई हैं. एक्ट्रेस ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि मीटू खुलासे के बाद उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी.

बता दें कि तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद से सारा मामला सामने आय़ा था. उस वक्त तनुश्री दत्ता ने कहा था कि अगर मुझे कुछ हुआ तो उसके जिम्मेदार नाना पाटेकर और उनके दोस्त बॉलीवुड माफिया जिम्मेदार होंगे.

एक इंटरव्यू के दौरान तनुश्री दत्ता ने बताया कि जब वह उज्जैन में थी तब उन्हें एक बार मारने की कोशिश की गई थी. उनके कार ब्रेक के साथ छेड़छाड़ कि गई थी. उस वक्त उनका बहुत बुरा एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उन्हें काफी चोट भी आई थी.

इन चोटो से उबरने के लिए उन्हें काफी समय लग गया था. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी. एक नौकरानी थी जिसे लेकर मुझे मारने का प्लान किया गया था.

जबसे वह मेरे घर में आईं मैं धीरे-धीरे बीमार रहने लगी थी, मुझे संदेह है कि वह मेरे पानी में कुछ मिला रही थी. जिस वजह से मुझे परेशानी हो रही थी.

वह दौर मेरे  जीवन के सबसे बुरे वक्त में से एक था, जब मुझे इन सभी परेशाननियों का सामना करा पड़ा लेकिन मैं हार नहीं मानी.

मुझे एक मुसलिम लड़की से प्यार हो गया है, डरता हूं वह बेइज्जती न कर दे,सलाह दें

सवाल
मैं 20 साल का अविवाहित युवक हूं. मैं जहां नौकरी करता हूं वहां मुझे एक मुसलिम लड़की से प्यार हो गया है. चूंकि मैं हिंदू हूं, इसलिए उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करने से डरता हूं. वह नहीं जानती कि मैं हिंदू हूं. लेकिन मैं जब भी उस की तरफ देखता हूं तो उसे भी अपनी तरफ देखता हुआ पाता हूं. मैं जिस दिन भी उसे नहीं देखूं, मुझे पूरा दिन अच्छा नहीं लगता. मैं सोचता हूं कि उस से अपनी फीलिंग्स शेयर करूं लेकिन डरता हूं कि कहीं वह चीखचिल्ला कर मेरी बेइज्जती न कर दे.

जवाब

आप जो भी सोच रहे हैं सिर्फ अपने मन में सोच रहे हैं कि कहीं वह लड़की आप के हिंदू होने की बात जान कर आप को रिजैक्ट न कर दे या वह भी आप को चाहती है. आप की समस्या का हल सिर्फ उस से खुल कर बात करने में है.

आप उस से बात करें व जानें कि वह आप के बारे में क्या सोचती है, तभी आगे बढ़ें. क्या पता उस के व उस के परिवार के लिए हिंदू मुसलिम वाली बात कोई महत्त्व ही न रखती हो या फिर उस के मन में आप के लिए कोई फीलिंग ही न हो, जैसा आप सोच रहे हैं.

इसलिए हर बात का खुलासा सिर्फ उस से बात करने से होगा. बिना डरे उस से अपने मन की बात कहें और हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें.

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