कार्तिक आर्यन ने मम्मी-पापा के साथ मनाया बर्थडे, फैंस ने की तारीफ

बॉलीवुड स्टार कार्तिक आर्यन आज अपना 32वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे है. इस मौके पर ऐक्टर ने अपने इंस्टाग्राम हैन्डल से कुछ तस्वीरे शेयर की है. कार्तिक आर्यन अपनी फिल्मों की वजह से सोशल मीडिया पर छाए रहते है. इस साल रिलीज हुई कार्तिक आर्यन की फिल्म भूल भुलैया 2 बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था. कार्तिक आर्यन की इस फिल्म ने बॉलीवुड की बॉक्स ऑफिस पर दमदार वापसी कारवाई थी. कार्तिक आर्यन सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहते है. अपनी पर्सनल लाइफ की फ़ोटोज़ और वीडियोज़ शेयर करते है. और साथ ही अपनी फिल्मों का प्रमोशन भी करते है.

कार्तिक आर्यन ने शेयर किया पोस्ट:

कार्तिक आर्यन ने अपने इस खास अवसर पर शेयर किया एक खास पोस्ट, जिसे देखने के बाद फैंस काफी खुश नजर आ रहे है. कार्तिक आर्यन बॉलीवुड के उन स्टार्स में से एक है जिनके लाखों दीवाने है. कार्तिक आर्यन अपने फैंस के लिए इंस्टाग्राम हैन्डल से तस्वीरे और वीडियो शेयर करते रहते है. जिसे उनके फैंस काफी पसंद कर रहे है. कार्तिक आर्यन ने अपने बर्थ्डै पर 2 फ़ोटोज़ इंस्टाग्राम पर शेयर की है. उनके सामने केक रखा हुआ है और फोटो में कार्तिक आर्यन अपने मम्मी पापा के साथ नजर आ रहे है और इसी फ़ोटोज़ में एक पप्पी भी नजर आ रहा है.

 

 

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इस फिल्म में नजर आने वाले है कार्तिक आर्यन:

कार्तिक आर्यन का नाम अभी हाल ही में फिल्म “हेरा फेरी 3” से जुड़ा है. कार्तिक आर्यन इस फिल्म के अलावा फिल्म ”शहजादा” में भी नजर आने वाले है.

 

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जानिए कार्तिक आर्यन के बारे में:

“भूल भुलैया 2” ऐक्टर कार्तिक आर्यन का जन्म 22 नवंबर 1990 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. कार्तिक आर्यन का पूरा नाम कार्तिक तिवारी है , ऐक्टर ने फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने के लिए अपना टाइटल बदल दिया था. कार्तिक के माता पिता दोनों ही डॉक्टर है. कार्तिक के पास डीवाई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नवी मुंबई से बियोटेकहनोलोजी में डिग्री है. हालांकि वो बचपन से एक ऐक्टर बनना चाहते थे.

झलक दिखला जा 10: नीति टेलर और निया शर्मा हुए सेमीफाइनल से बाहर तो भड़के फैन

‘झलक दिखला जा 10’ के सेमीफाइनल में नीति टेलर और निया शर्मा की हार हुई. दोनों ने अपना बेस्ट दिया है. निया शर्मा ने शो में हर हफ्ते कुछ नया ही स्टाइल में साहस दिखाया है. और निया शर्मा को सब लोग शेरनी बोलकर उनका विश्वास बढ़ाते रहते थे. और वही दूसरी ओर नीति टेलर का भी सफर शानदार रहा. कैसी ये यारियाँ की अभिनेत्री और उनके कोरियोग्राफर आकाश थापा ने झलक दिखला जा के इस सीजन में कुछ यादगार ऐक्ट पेश किए.

दोनों के फैंस हुए नाराज 

दोनों के शो से बाहर होने के बाद दोनों के फैन काफी नाराज नजर आ रहे है. दोनों के प्रशंसकों ने चैनल को पक्षपाती बताया है. उनका आरोप है की उन्होंने नए नियम बनाए ताकि नीति टेलर को शो से बाहर किया जा सके. जजों ने कहा की पिछले हफ्ते के अंकों के आधार पर जहा नीति टेलर को सबसे कम अंक मिले, उन्हे मंच छोडना पड़ा.

 

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नीति टेलर एक ब्लू बेबी:

शो के दौरान नीति टेलर लोगों ने बताया कि वो एक ब्लू बेबी के रूप में पैदा हुई थी, ब्लू बेबी एक ऐसी बच्ची जिसके दिल में वाल्व लीक हो रहा है. वर्षों तक, उसे किसी भी प्रकार की जोरदार शारीरिक गतिविधि से दूर रहने के लिए कहा गया. नीति टेलर ने आकाश थापा, उनकी टीम और फैन के लिए एक ईमोशनल नोट लिखा है. नीति टेलर ने अपनी झलक दिखला जा 10 जर्नी के बारे में बात करते हुए कहा, “मैंने कभी भी डबल इलिमनैशन ट्विस्ट की उम्मीद नहीं की थी, और मुझे देख है कि मैं अब झलक दिखला जा 10 पर डांस बैटल का हिस्सा नहीं हूँ. मैं इस शो की जर्नी हमेशा सँजो कर रखूंगी”.

 

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निया शर्मा का बयान:

झलक दिखला जा 10 से बाहर निकलने के बाद निया ने अपने अनुभव को शेयर किया. उन्होंने कहा, “मैं आभारी हूँ कि मुझे प्यार करने वाले दर्शकों ने अपना अटूट समर्थन दिया. शो में मुझे उन चुनौतियों से पार पाने पर गर्व और खुशी होती है. मैं इस शो की शुरुआत की तुलना में अब बहुत बेहतरीन डान्सर हूँ. मैं अपने कोरियोग्राफर तरुण निहलानी को इस डेवलपमेंट का श्रेय देती हूँ”.

 

आलिया भट्ट ने मां बनने के बाद शेयर की पहली फोटो, फैंस ने जमकर दिया प्यार

बॉलीवुड ऐक्ट्रिस आलिया भट्ट और रणबीर कपूर ने 6 नवंबर को बेटी का स्वागत किया था. इस खबर के सामने आने के बाद ना केवल कपूर खानदान बल्कि फैंस ने भी अपनी खुशी जाहिर की थी. बच्ची की एक झलक पाने के लिए लोग काफी उतावले थे लेकिन अभी तक बच्ची की कोई भी फोटो इस स्टार कपल ने शेयर नहीं की. लेकिन माँ बनने के बाद पहली बार आलिया भट्ट ने अपनी फोटो शेयर की है . इस तस्वीर में आलिया भट्ट काफी खुश नजर आ रही है.

आलिया भट्ट का पोस्ट: 

इस तस्वीर में आलिया भट्ट व्हाइट और ब्लू कलर में स्वेटर पहने नजर आ रही है. तस्वीर में आलिया काफी खूबसूरत और नजर आ रही है. आलिया भट्ट के चेहरे पर माँ बनने का ग्लो भी साफ नजर आ रहा है. आलिया भट्ट फोटो शेयर करते हुए लिखा कोज़ी. माँ बनने के बाद आलिया भट्ट ने शेयर की पहली फोटो तो लोगों ने काफी ज्यादा पसंद की और और खूब रिऐक्ट कर रहे है और अपने कमेंट्स से बहुत सारा प्यार बरसा रहे है.

 

 

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फैंस का रिएक्शन:

आलिया भट्ट के इस फोटो पे फैंस ने जमकर प्यार बरसाया है, वही एक यूजर ने कमेन्ट पे लिखा खूबसूरत मम्मी और वही दूसरी तरफ यूजर ने माँ बनने की दी बधाई.

बता दे की आलिया भट्ट और रणबीर कपूर ने इसी साल अप्रैल में शादी रचाई थी. शादी के दो महीने बाद आलिया भट्ट ने अपने माँ बनने की खुशी फैंस के साथ शेयर की थी. और लिखा था की उनके घर में नन्हा मेहमान आने वाला है.

 

 

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नन्ही परी को लेकर घर पहुंचे थे रणबीर आलिया: 

रणबीर आलिया हाल ही में एक क्यूट सी बेबी को जन्म दिए है, आलिया के माँ बनने की खबर सुनकर हर कोई खुश हुआ था. रणबीर आलिया अपनी बेटी के साथ घर पहुचे थे. दोनों जैसे ही अस्पताल से बाहर निकले फोटोग्राफर की भीड़ लग गई बेबी की एक झलक पाने के लिए. वही आलिया भट्ट बेहद खुश नजर आ रही थी. गाड़ी में आलिया रणबीर के साथ अपनी पोती को घर लेकर नीतू कपूर भी साथ में पहुची.

मेरी पत्नी निहायत ही झगड़ालू और क्रोधी है और हमेशा मेरी मां के साथ लड़ती रहती है, मैं क्या करूं?

सवाल

मैं सरकारी स्कूल में शिक्षक हूं. घर में किसी चीज की दिक्कत नहीं है पर मेरी परेशानी मेरी पत्नी है, जो निहायत ही झगड़ालू और क्रोधी है. घर में मेरी मां के साथ वह हमेशा लड़ती रहती है और मुझ पर दबाव डालती है कि कहीं और फ्लैट ले लो, मुझे तुम्हारी मां के साथ नहीं रहना. मैं किसी भी हाल में अपनी मां को खुद से अलग नहीं कर सकता. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पहले तो आप यह जानने की कोशिश करें कि आप की पत्नी ऐसा क्यों चाहती है? तह तक जाए बगैर फिलहाल कोई निर्णय लेना सही नहीं होगा. पत्नी को समझाबुझा सकते हैं. संभव हो तो पत्नी के मातापिता को भी मध्यस्थ बनाएं. पत्नी के साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और साथ घूमनेफिरने जाएं. इन सब से पत्नी सही रास्ते पर आ सकती है.

पति ना हो ऐसा

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की वाटिका विहार कालोनी के रहने वाले राजेश और पुनीता की शादी के 2 दशक बीत चुके थे. वह इतना लंबा समय खट्टेमीठे अनुभवों के साथ गुजारते आए थे. राजेश की जब शादी हुई थी, तब उस की उम्र केवल 16 साल की थी. वह 16 साल की पुनीता को विदिशा से साल 2002 में ब्याह कर लाया था. दोनों ने कच्ची उम्र में दांपत्य जीवन की शुरुआत की.

राजेश आजीविका के लिए सूर्यवंशी गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक फैक्ट्री में काम पर लग गया. जबकि पुनीता घरपरिवार को संभालने में लगी रही. किंतु हां, परिवार को कैसे खुश रखा जाए, घर की जरूरतें कैसे पूरी हों, परिवार के दूसरे सदस्यों के साथसाथ सामाजिक मानमर्यादा का किस तरह निर्वाह किया जाए? आदि बातों का वे काफी खयाल रखते थे.

एक तरह से उन्होंने अपना एक संतुलित परिवार बना लिया. वे 2 बच्चों के मातापिता बन गए. उन का बड़ा बेटा 14 साल का और छोटा 10 साल का हो चुका था. दोनों एक पब्लिक स्कूल में पढ़ते थे.

पुनीता एक कुशल गृहिणी की तरह घरपरिवार को संभाले हुए थी, लेकिन कुछ समय से घर के बढ़ते खर्च, बच्चों की अच्छी पढ़ाईलिखाई को ले कर परेशान रहने लगी थी. उसे मकान बनवाने की भी चिंता थी, लेकिन पति की आमदनी बहुत ही सीमित थी. इस के लिए उस ने अपने भाई मंगलेश से 2 लाख रुपए की मदद भी ली थी.

फिर भी सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. कोरोना काल में उन की माली हालत बिगड़ गई थी और राजेश चाह कर भी अपने साले का कर्ज नहीं उतार पा रहा था. इसे ले कर आए दिन राजेश की पुनीता से तूतूमैंमैं होने लगी थी.

बात शुरू होती थी घर के खर्च से, जो मकान बनवाने और भाई से लिए कर्ज तक जा पहुंचती थी. जब भी पुनीता उसे भाई के कर्ज के पैसे देने की बात करती थी, तब राजेश गुस्सा हो जाता था. उलटे उस पर तरहतरह के आरोप लगाने लगता था.

एक दिन तो हद हो गई. राजेश ने अपने साले मंगलेश को फोन कर बताया कि उस की बहन के रंगढंग तब से ठीक नहीं हैं, जब से वह पास के अस्पताल में काम करने लगी है.

‘‘हैलो मंगलेश, सुन रहा है न तू?’’ राजेश तेज आवाज में मोबाइल को मुंह के पास ले जा कर बोल रहा था.

‘‘हांहां बोलो जीजा, तुम्हारी आवाज साफ आ रही है. बोलो न, क्या बता रहे थे… दीदी को क्या हो गया है?’’ मंगलेश बोला.

‘‘अरे मंगलेश, उसे कुछ हुआ नहीं है. उस के चालचलन बदल गए हैं. बेहया हो गई है. जब से वह अस्पताल में काम करने जाने लगी है, तब से उस के रंगढंग बहुत बदल गए हैं. जरा उसे समझा दियो, वरना बहुत बुरा हो जाएगा.’’ राजेश एक तरह से धमकी भरे अंदाज में बोला और फोन कट कर दिया.

मंगलेश अपने जीजा की बातों को आधाअधूरा ही समझ पाया था. फिर भी उस ने अपनी बहन पुनीता  से एक बार बात करना सही समझ कर उसे काल कर दी, ‘‘हैलो दीदी! कैसी है तू?’’

‘‘मैं ठीक हूं, तू कैसा है? घर में सब कुशल से है न?’’ पुनीता मायके का हालसमाचार लेने लगी.

‘‘अरे दीदी, जीजा का फोन आया था. बोल रहे थे तुम्हें क्या हो गया है? कोई परेशानी है क्या?’’ मंगलेश बोला.

‘‘अरे नहीं रे भाई! तू उन की बातों पर ध्यान मत दे. यह हमारे उन के बीच की बात है.’’ पुनीता ने भाई को समझाया.

‘‘बच्चे कैसे हैं? उन की पढ़ाई ठीक से चल रही है न! स्कूल तो खुल गए होंगे? उन से मिले बहुत दिन हो गए. राखी के दिन उन्हें भी ले कर आ जाना,’’ मंगलेश बोला.

उस रोज बात आईगई हो गई. न तो पुनीता ने अपने पति के साथ आए दिन होने वाली तकरार के बारे में कुछ बताया और न ही मंगलेश ने बहन की निजी जिंदगी में गहराई तक झांकने की कोशिश की.

लेकिन यह क्या? अगले दिन ही राजेश ने मंगलेश को फिर फोन कर वही बात दुहराई. कहने लगा अपनी बहन को संभाल ले वरना अनर्थ हो जाएगा. उस ने सीधेसीधे आरोप लगा दिया कि उस का अस्पताल के ही एक युवक के साथ टांका भिड़ गया है. उस के साथ घूमनेफिरने लगी है. जिस से पासपड़ोस में उस की बदनामी हो रही है. उसे बच्चों को ले कर चिंता हो रही है.

एक तरह से राजेश ने उस रोज अपनी पत्नी पुनीता पर बदचलन होने और एक युवक के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगा दिया था.

बहन के बारे में यह सुन कर मंगलेश ने उस रोज फोन पर ही बहन को काफी डांट लगाई. उस ने यहां तक कह डाला कि वह अपने परिवार पर ध्यान दे, बच्चों का भविष्य बनाए. गलत रास्ता नहीं अपनाए. दोबारा जीजा की शिकायत आई, तब समझ लेना कि उस के मायके का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो गया है.

राजेश द्वारा पुनीता को ले कर शिकायतों का सिलसिला लगातार चलता रहा. जब भी मंगलेश के फोन आते तो वह बातचीत का सिलसिला ही पुनीता की शिकायतों से करता. उस पर बदचलनी का आरोप लगाता.

दूसरी तरफ साला मंगलेश हर बार उसे भरोसा देता कि एक दिन उस के पास आ कर वह उसे समझाएगा. लेकिन उस के लिए वह दिन नहीं आया. उसे अपनी बहन को उस बारे में आमनेसामने बैठ कर बातें करने का मौका ही नहीं मिला.

मंगलेश 14 सितंबर, 2022 की सुबह 7 बजे के करीब अपने काम पर जाने के लिए तैयार हो रहा था. तभी राजेश का फोन आया. मोबाइल चार्जिंग में लगा हुआ था. वह झुंझला गया. नहीं चाहते हुए भी मोबाइल हाथ में ले लिया.

काल देख कर चौंक गया. फोन राजेश का नहीं, बल्कि उस की बहन पुनीता का था. कुछ पल के लिए सोचने लगा कि सबेरेसबेरे पुनीता ने क्यों फोन किया होगा? इस से पहले तो उस ने कभी फोन नहीं किया. जब भी उस से बात की, तब उसी ने बहन को फोन किया था. जरूर कोई खास बात होगी. मंगलेश फोन रिसीव करते हुए बोला, ‘‘हैलो, हां पुनीता, बोलो क्या बात हो गई, इतनी सुबह फोन किया?’’

‘‘अ…अ अरे, मैं बोल रहा हूं, त…त…तेरा जीजा राजेश.’’ आवाज में थरथराहट थी.

मंगलेश किसी अनहोनी से आशंकित हो गया. घबरा कर पूछ बैठा, ‘‘क्या बात है जीजा, तुम परेशान लग रहे हो और मरी आवाज में क्यों बोल रहे हो? सब कुछ ठीक तो है न?’’

‘‘अरे नहीं रे मेरे भाई! कुछ भी ठीक नहीं है. तुम्हारी बहन की उस के प्रेमी ने घर आ कर हत्या कर दी है,’’ राजेश एक सांस में बोल गया.

‘‘हत्या कर दी है? पूनम की हत्या कर दी है? किस ने? कैसे?’’ मंगलेश चौंकते हुए कई सवाल कर बैठा.

‘‘अरे तू फोन पर ही सब कुछ पूछता रहेगा या फिर जल्दी से आएगा भी. हम ने पुलिस को भी फोन कर दिया है. पुलिस आती ही होगी…’’

‘‘चल, मैं भी आता हूं,’’ कहते हुए मंगलेश ने तुरंत फोन कट किया और राजेश के यहां जाने के लिए झटपट तैयार हो गया. जेब में कुछ पैसे भी रख लिए.

उस से कुछ समय पहले ही राजेश ने 100 नंबर पर पुलिस को हत्या की सूचना दे दी थी. कहा था कि उस की पत्नी के दोस्त आनंद ने बांके से हमला कर उस की पत्नी की हत्या कर दी है. यह सूचना पा कर कुछ समय में ही भोपाल के छोला मंदिर थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी.

पुलिस ने जांच शुरू की और राजेश के बयान लिए. राजेश ने पुलिस को बताया कि वह अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने गया हुआ था. पत्नी घर में अकेली थी. जब वह वापस लौटा तो पत्नी के हाथपैर बंधे हुए थे और उस का गला कटा हुआ था.

मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की. राजेश पुलिस को गुमराह करता रहा. शक के आधार पर पुलिस ने उस से सख्ती से पूछताछ की तो उस ने जुर्म कुबूल कर लिया. आरोपी की पड़ोसन यासमीन ने पुलिस को बताया कि उसे सुबह करीब पौने 8 बजे राजेश के घर से झगड़े की आवाज आ रही थी. राजेश के घर पहुंची तो वह पुनीता को चारपाई पर पटक कर उस पर चाकू से वार कर रहा था.

पुलिस ने वारदात के बारे में पड़ोसियों के अलावा मृतका के भाई मंगलेश से भी पूछताछ की. साथ ही घटनास्थल पर बरामद हत्या के सामान में भी बड़ा फर्क नजर आया. भाई ने पुलिस को राजेश से कुछ दिनों से फोन पर हो रही बात के बारे में बताया, जबकि पड़ोसियों ने भी बताया कि राजेश का पत्नी से हमेशा झगड़ा होता रहता था.

मोहल्ले के लोग उन के झगड़े से परेशान रहते थे. कई बार उन्होंने झगड़े का कारण जानने की कोशिश की, लेकिन पतिपत्नी में से किसी ने कोई बड़ा कारण नहीं बताया. यहां तक कि उन के बच्चे भी पिता की मरजी के बगैर किसी से कुछ भी नहीं बोलते थे.

पति ने जिस आनंद नाम के व्यक्ति पर हत्या का आरोप लगाया, उसे पुनीता गुरुभाई मानती थी. उसे राखी बांधती थी. उस ने उस के भाग जाने का भी आरोप लगया. कई बातों से जब पुलिस को शक हुआ और उस के घर की तलाशी ली, तब उन्हें वाशरूम में उस के ही खून से सने कपड़े मिले. वह चाकू भी बरामद हो गया, जिस पर खून लगा था.

जबकि राजेश ने अपने बयान में कहा था कि हत्या बांके से की गई है. पुलिस को समझते देर नहीं लगी, क्योंकि शव के गले पर उस के रेतने के निशान साफ दिख रहे थे और वहीं से खून अधिक रिस रहा था. जिस चारपाई पर शव पड़ा था, उस के इधरउधर खिसकाने पर भी संदेह पैदा हो गया था.

पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद राजेश को थाने ला कर सख्ती से पूछताछ की. जल्द ही वह टूट गया और अपनी पत्नी के साथ प्रेम प्रसंग का आरोप लगाते हुए हत्या करने की बात कुबूल कर ली.

असल में पुनीता ने छोला के द्वारकाधाम निवासी आटोरिक्शा चालक आनंद को अपना गुरुभाई बना रखा था. वह अकसर उस के घर जाता था, जो राजेश को यह पसंद नहीं था. इस वजह से दोनों के बीच झगड़ा होता रहता था. इस झगड़े से पुनीता ऊब चुकी थी और उस ने इस की पुलिस में शिकायत भी दर्ज करने के लिए छोला पुलिस से संपर्क किया था.

चूंकि यह एक घरेलू मामला था, इसलिए पुलिस ने उन्हें महिला थाने रेफर कर दिया, जहां परिवार परामर्श केंद्र में उन की काउंसलिंग की जा रही थी. पुलिस ने इस मामले को ले कर राजेश और पुनीता के बीच समझौता करवा दिया था.

एसीपी ऋचा जैन ने दोनों को आपसी मतभेद से दूर रहने की हिदायत दी थी. पुलिस ने पुनीता का ही पक्ष लिया था और राजेश के खिलाफ काररवाई करने की भी चेतावनी दी थी.

राजेश गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करता है. पुलिस की चेतावनी के बावजूद राजेश पुनीता की शिकायतें अपने साले से करता रहता था. कोई भी दिन ऐसा नहीं बीतता था, जब उस की पुनीता से बकझक नहीं हो जाती थी.

मामले की जांच के दौरान एसीपी जैन ने पाया कि वारदात के एक दिन पहले 13 सितंबर को राजेश जब घर लौटा, तब पड़ोसियों से मालूम हुआ कि उस की पत्नी का भाई उस की गैरहाजिरी में घर पर आया था. वह करीब 4-5 घंटे रुका भी था.

यह सुनते ही राजेश का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया. उस रोज तो वह किसी तरह से अपने गुस्से को काबू में किए रहा, लेकिन अगले रोज सुबह उठते ही उस ने खतरनाक योजना बना डाली.

सुबह वह बेटों को स्कूल छोड़ कर घर लौट आया. इसी बात को ले कर उस की उस से तीखी नोकझोंक हो गई. आते ही राजेश बीते दिन की बात पूछ बैठा. उस ने नाराजगी दिखते हुए गुस्से में कहा, ‘‘हरामजादी! मेरे पीछे गुलछर्रे उड़ाती है और मेरे खिलाफ ही पुलिस में शिकायत भी करती है.’’

इतना कहना था कि पुनीता भी गुस्से में आ गई. उस ने भी गालियां देनी शुरू कर दीं. उस ने पति को भिखारी कहा. भाई का पैसा लौटाने की बात करने लगी.

पुनीता के तेवर देखते हुए वह आगबबूला हो गया और चिकन काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले भारी चाकू से उस पर हमला कर दिया. उस ने चाकू से उस के चेहरे और गरदन पर वार किया जिस से उस की मौके पर ही मौत हो गई.

उस के बाद वह नहाया और खून सने कपड़े बाथरूम में छोड़ कर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी. उस के बाद उस ने पुनीता के मातापिता को भी फोन कर घटना की जानकारी दी.

इस वारदात का अपराध कुबूल करने के बाद पुलिस ने उसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

मांबाप के झगड़े के बारे में बच्चें ने पुलिस को बताया कि पापा उन्हें नानामामा से बात नहीं करने देते थे. इस बार रक्षाबंधन पर नाना के घर गए थे तो रुकने भी नहीं दिया था. उसी दिन वापस आ गए थे.

घटना के दिन के बारे में उन्होंने बताया कि वे उस दौरान स्कूल गए थे. उस रोज पापा गार्ड की वरदी में नहीं थे. दोनों को सुबह स्कूल बस में बैठा कर चले गए थे. औफिस भी नहीं गए थे. जबकि पहले वह वहीं से ही औफिस चले जाते थे.

राजेश से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

फ्लेवर्ड हुक्का है सिगरेट से भी ज्यादा नुकसानदायक, जानें कैसे

भारत में आज कल हर छोट बड़े शहरों और मौल्‍स में हुक्‍का बार या शीशा लाउंज पौपुलर हो रहे हैं. खासकर युवा वर्ग अकसर बार में हुक्के के कश लगाते दिख जाते हैं. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि हुक्का पीना सिगरेट पीने से ज्यादा नुकसानदेह नहीं होता. उनका मानना है कि हुक्के से खींचा जाने वाला तंबाकू पानी से होते हुए आता है इसलिए वह ज्यादा नुकसानदेह नहीं होता. लेकिन हाल ही सामने आई एक रिसर्च से पता चला है कि हुक्का भी सिगरेट के बराबर हार्ट को नुकसान पहुंचाता है. इससे दिल की बीमारी होने खतरा बढ़ जाता है.

वहीं ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक हुक्का में जिस तंबाकू का इस्तेमाल होता है, उसमें कई तरह के अलग-अलग फ्लेवर का भी इस्तेमाल होता है. यही वजह है कि आज कल युवा इसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. हुक्के का स्वाद बदलने के लिए उसमें फ्रूट सिरप मिलाया जाता है, जिससे किसी भी तरह का विटामिन नहीं मिलता. लोगों को लगता है कि हुक्के में मिलाया जाने वाला यह फ्लेवर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है.

इसके अलावा हुक्के में सिगरेट की ही तरह कार्सिनोजन लगा होता है जिससे कैंसर होने की संभावना प्रबल होती है. हुक्के का धुआं ठंडा होने के बाद भी नुकसान पहुंचाता है. यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डियोवैस्कुलर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है.

यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया की रिसर्च के मुताबिक हुक्के में इस्तेमाल किए जाने वाले हशिश (एक प्रकार का ड्रग) सेहत के लिए हानिकारक होता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जो लोग हुक्का पीते हैं उनकी धमनियां सख्त होने लगती हैं और हार्ट से संबंधित बारी होने का खतरा बढ़ जाता है.

शोधकर्ताओं के मुताबिक हुक्के में भी सिगरेट की तरह हानिकारक तत्व व निकोटीन पाए जाते हैं, जो सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए लोगों को यह मानना बंद कर देना चाहिए कि इसकी लत नहीं लग सकती. हुक्के में मौजूद तंबाकू में 4000 तरह के खतरनाक रसायन होते हैं. हुक्के के बारे में सच यही है कि इसका धुआं सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा खतरनाक होता है.

यह जीवन है: अदिति-अनुराग को कौनसी मुसीबत झेलनी पड़ी- भाग 2

अदिति अगले दिन कक्षा में गई और पढ़ाने लगी. आधे से ज्यादा बच्चे उसे न सुन कर अपनी बातों में ही व्यस्त थे. एकदम उसे बहुत तेज गुस्सा आया और उस ने बच्चों को क्लास से बाहर खड़ा कर दिया. बाहर खड़े हो कर दोनों बच्चे फील्ड में चले गए और खेलने लगे. छुट्टी की घंटी बजी, तो उस ने बैग उठाया तभी चपरासी आ कर उसे सूचना दे गया कि उन्हें प्रिंसिपल ने बुलाया है.

अदिति भुनभुनाती हुई औफिस की तरफ लपकी. प्रिंसिपल ने उसे बैठाया और कहा, ‘‘अदिति तुम ने आज 2 बच्चों को क्लास से बाहर खड़ा कर दिया… तुम्हें मालूम है वे पूरा दिन फील्ड में खेल रहे थे. एक बच्चे को चोट भी लग गई है. कौन जिम्मेदार है इस का?’’

अदिति बोली, ‘‘मैडम, आप उन बच्चों को नहीं जानतीं कि वे कितने शैतान हैं.’’

प्रिंसिपल ठंडे स्वर में बोलीं, ‘‘अदिति बच्चे शैतान नहीं हैं, आप उन  को संभाल नहीं पाती हैं, यह कोई औफिस नहीं है… आप टीचर हैं, बच्चों की रोल मौडल, ऐसा व्यवहार इस स्कूल में मान्य नहीं है.’’

बस जा चुकी थी और वह बहुत देर तब उबेर की प्रतीक्षा में खड़ी रही. जब 4 बजे उस ने डे केयर में प्रवेश किया तो उस की संचालक ने व्यंग्य किया, ‘‘आजकल टीचर को भी लगता है कंपनी जितना ही काम रहता है.’’

अदिति बिना बोले परी को ले कर अपने घर चल पड़ी. वह जब शाम को उठी तो देखा अंधेरा घिर आया था. उस ने रसोई में देखा जूठे बरतनों का ढेर लगा था और अनुराग फोन पर अपनी मां से गप्पें मार रहा था.

उस ने चाय बनाई और लग गई काम पर. रात 10 बजे जब वह बैडरूम में घुसी तो थक कर चूर हो गई थी. उस ने अनुराग से बोला, ‘‘सुनो एक मेड रखनी होगी… मैं बहुत थक जाती हूं.’’

अनुराग बोला, ‘‘अदिति टीचर ही तो हो… करना क्या होता है तुम्हें, सुबह तो सब कामों में मैं भी तुम्हारी मदद करने की कोशिश करता हूं… पहले जब तुम कंपनी में थी तब बात अलग थी… रात हो जाती थी… अब तो सारा टाइम तुम्हारा है.’’

तभी मोबाइल की घंटी बजी. कल उसे 4 बच्चों को एक कंपीटिशन के लिए ले कर जाना था. अदिति इस से पहले कुछ और पूछती, मोबाइल बंद हो गया. बच्चों को ले कर जब वह प्रतियोगिता स्थल पर पहुंची तो पला चला कि उन्हें अभी 4 घंटे प्रतीक्षा करनी होगी. उन 4 घंटों में अदिति अपने विद्यार्थियों से बात करने लगी और कब 4 घंटे बीत गए, पता ही नहीं चला. उसे महसूस हुआ ये बच्चे जैसे घर पर अपनी हर बात मातापिता से बांटते हैं, वैसे ही स्कूल में अध्यापकों से बांटते हैं. पहली बार उसे लगा टीचर का कार्य बस पढ़ाने तक ही सीमित नहीं है.

आज फिर घर पहुंचने में देर हो गई क्योंकि सब विद्यार्थियों को घर पहुंचा कर ही वह अपने घर पहुंच सकी. डे केयर पहुंच कर देखा, परी बुखार से तप रही थी. वह बिना खाएपीए उसे डाक्टर के पास ले गई और अनुराग भी वहां ही आ गया. बस आज इतनी गनीमत थी कि अनुराग ने रात का खाना बना दिया.

रात खाने पर अनुराग बोला, ‘‘अदिति तुम 2-3 दिन की छुट्टी ले लो.’’

अदिति ने स्कूल में फोन किया तो पता चला कि कल उसी के विषय की परीक्षा है तो कल तो उसे जरूर आना पड़ेगा, परीक्षा के बाद भले ही चली जाए.

सुबह पति का फूला मुंह छोड़ कर वह स्कूल चली गई. परीक्षा समाप्त होते  ही वह विद्यार्थियों की परीक्षा कौपीज ले कर घर की तरफ भागी. घर पहुंच कर देखा तो परी सोई हुई थी और सासूमां आई हुई थीं, शायद अनुराग ने फोन कर के अपनी मां से उस की यशोगाथा गाई होगी.

उसे देखते ही सासूमां बोली, ‘‘बहू लगता है स्कूल की नौकरी तुम्हें अपनी परी से भी ज्यादा प्यारी है. मैं घर छोड़ कर आ गई हूं और देखा मां ही गायब.’’

अदिति किसकिस को सम झाए और क्या सम झाए जब वह खुद ही अभी सब सम झ रही है.

वह कैसे यह सम झाए उस की जिम्मेदारी अब बस परी की तरफ ही नहीं, अपने विद्यालय के हर 1 बच्चे की तरफ है. उस का काम बस स्कूल तक सीमित नहीं है. वह 24 घंटे का काम है जिस की कहीं कोई गणना नहीं होती. बहुत बार ऐसा भी हुआ कि अदिति को लगा कि वह नौकरी छोड़ कर परी की ही देखभाल करे पर हर माह कोई न कोई मोटा खर्च आ ही जाता.

अदिति की नौकरी का तीनचौथाई भाग तो घर के खर्च और डे केयर की फीस में ही खर्च हो जाता और एकचौथाई भाग से वह अपने कुछ शौक पूरे कर लेती. वहीं अनुराग का हाल और भी बेहाल था. उस की तनख्वाह का 80% तो घर और कार की किस्त में ही निकल जाता और बाकी का 20% उन अनदेखे खर्चों के लिए जमा कर लेता जो कभी भी आ जाते थे. उस के सारे शौक तो न जाने कहां खो गए थे.

अदिति जानेअनजाने अनुराग को अपनी बड़ी बहन और बहनोई का उदाहरण देती रहती जो हर वर्ष विदेश भ्रमण करते हैं और उन के पास खाने वाली से ले कर बच्चों की देखभाल के लिए भी आया थी. उन के रिश्तों में प्यार की जगह अब चिड़चिड़ाहट ने ले ली थी. कभीकभी अदिति की भागदौड़ देख कर उस का मन भी भर जाता. ऐसा नहीं है अनुराग अदिति को आराम नहीं देना चाहता था पर क्या करे वह कितनी भी कोशिश कर ले, हर माह महंगाई बढ़ती ही जाती.

बिग बॉस 16: टीना दत्ता ने नहीं दिया शालिन भनोट का साथ तो गौतम के सामने निकाली अपनी भड़ास

बिग बॉस 16 प्रोमो : नए प्रोमो में टीना दत्ता को लड़ाई पर अपनी राय शेयर करते हुए देखेंगे, प्रोमो में कन्फेशन रूम में टीना दत्ता, शालिन भनोट और एमसी स्टेन है, बिग-बॉस टीना दत्ता से पूछते है की गलती किसकी थी . वो कहती है की गलती दोनों लोग की बराबर थी. इससे शालिन भनोट भड़क जाते है और जब जैसे वो कक्ष से बाहर आते है उन्होंने उनसे कहा की उनका पक्ष क्यू नहीं लिया. वह उल्लेख करता है की उसे एक विकल्प दिया गया था लेकिन उसने उसे नहीं चुना.

टीना की वजह से शुरु हुई लड़ाई…

बीती रात एमसी स्टेन और शालिन भनोट के बीच जबरदस्त झगड़ा हुआ. इसकी शुरुआत टीना दत्ता के पैर में मोच आने से हुई और दोनों उसे देखने के लिए आए ,तभी एमसी स्टेन ने कहा की उसे डॉक्टर देखे तो ज्यादा बेहतर है.

स्टैन ने उठाया शालीन पर हाथ

इसी बात को लेकर दोनों ने एक दूसरे को अशब्द कहा और दोनों के बीच गाली-गलौज शुरू हो गई और बात इतनी बढ़ गई थी दोनों आपस में मार पीट पे उतर आए एमसी स्टेन ने शालिन भनोट को मारने के लिए फूलदान उठा लिया. तभी शिव ठाकरे ने शालिन भनोट को मुक्का मारकर उन्हे रोका.

सुबुंल और टीना में भी हुई बहस

यह एक हिंसक लड़ाई थी जिसके कारण टीना दत्ता और सुंबुल तौकीर खान के बीच में लड़ाई भी हुई. शालिन एक ऐसी टिप्पणी करता है जो एमसी स्टेन को अच्छी नहीं लगती. फिर वो उसे गाली देता है और दोनों के बीच मारपीट शुरू हो जाती है. यह एक हद तक जाता है जहा वो एक दूसरे के साथ शारीरिक लड़ाई में शामिल होने के लिए तैयार थे.

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