Bigg Boss 13: स्वीमिंग पूल में उतरी घर की हसीनाएं, लड़कों का हुआ ये हाल

बिग बौस सीजन 13 की शुरूआत से ही दर्शकों को लड़ाई झगड़े देखने को मिले और इसका सबसे बड़ा कारण था कि इस सीजन का फिनाले सिर्फ 4 ही हफ्तों में आने वाला है. फिनाले के चलते हर कंटेस्टेंट इसी उम्मीद में लगे हैं कि उन्हें हर हाल में सबको पीछे छोड़ फिनाले तक पहुंचना है. जहां एक तरफ फिनाले तक पहुंचने की दौड़ लगी है वहीं दूसरी तरफ घर के सदस्य अपना मनोरंजन भी करते नजर आए.

स्विमिंग पूल में डुबकियां लगाते दिखाई दिए ये कंटेस्टेंट…

जी हां, बीते दिनों घर के कुछ कंटेस्टेंट बिग बौस के घर में बने स्विमिंग पूल में डुबकियां लगाते दिखाई दिए. इन कंटेस्टेंट में से आरती सिंह, शहनाज गिल, माहिरा शर्मा, सिद्धार्थ डे, पारस छाबड़ा और देवोलीना भट्टाचार्य स्विमिंग पूल में चिल करते नजर आए. थोड़े दिनों पहले जहां माहिरा शर्मा ने शो के अंदर बिकिनी पहनने से इंकार किया था वहीं दर्शकों को माहिरा का स्विमिंग पूल में हौट अवतार देखने को मिला.

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 13: जब सिद्धार्थ डे ने किया आरती सिंह पर ये कमेंट, तो भड़के भाई कृष्णा

कूद पड़े सिद्धार्थ डे और पारस छाबड़ा…

जब बिग बौस के घर की हसीनाओं ने स्विमिंग पूल के अंदर जाने की पहल की तो सिद्धार्थ डे और पारस छाबड़ा इन हसीनाओं को देख खुद को रोक ना पाएं और वे दोनों भी स्विमिंग पूल में कूद पड़े. इसी मौके पर चौका मारते हुए शहनाज गिल ने अपने प्यार पारस छाबड़ा से उन्हें स्विमिंग सिखाने की गुजारिश की और उसी वक्त पारस ने शहनाज का हाथ पकड़ा और फट से उन्हें स्विमिंग सिखाने लगे.

ये भी पढ़ें- अरविन्द अकेला कल्लू की ‘प्रतिबन्ध’ के ट्रेलर को मिला अच्छा रिस्पांस, जानें फिल्म में क्या है खास

शहनाज को स्विमिंग सिखाना पड़ा पारस पर भारी…

पारस छाबड़ा और शहनाज गिल को साथ में स्विमिंग करता देख माहिरा का मुंह बनने में देर ना लगी और पारस को अंदाजा हो गया था कि माहिरा को ये सब बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहे है. जैसे ही पारस ने माहिरा की ओर देखा, उसी वक्त पारस नें शहनाज का हाथ छोड़ दिया और माहिरा की तरफ चल पड़े.

ये भी पढ़ें- शादी के बंधन में बंधीं भोजपुरी एक्ट्रेस सोनालिका, देखें फोटोज

सिद्धार्थ डे और आरती सिंह ने बिताया अच्छा समय…

बता दें, इन सब के बीच सबसे अच्छी बात जो दर्शकों को देखने को मिली वो ये थी कि, बीते नोमिनेशन टास्क में जहां आरती सिंह और सिद्धार्थ डे के बीच जमकर टकरार हुई थी वहीं ये दोनों भी स्विमिंग पूल में अच्छा समय बिताते दिखाई दिए.

ये भी पढ़ें- फिल्म ‘वो मेरी स्टूडेंट है’ में  दिखेगी बिग बौस की ये जोड़ी, देखें फोटोज

हिटमैन के बल्ले से निकला पहला दोहरा शतक, तोड़ा सर डौन ब्रैडमैन का रिकौर्ड

भारतीय टेस्ट क्रिकेट में शायद लंबे अर्से वक्त बाद ऐसा नजारा देखने को मिल रहा था. टेस्ट क्रिकेट में भारत के पास वो वीरेंद्र सहवाग नहीं था जो टेस्ट में भी 100 के स्ट्राइक रेट से रन बरसाता था. टीम इंडिया लगातार प्रयोगों के दौर से गुजर रही थी लेकिन इस समस्या का निदान टीम के भीतर ही था. लंबे वक्त के बाद टीम इंडिया अब उस समस्या से बाहर आ गई है. टीम इंडिया की ओपनिंग जब से रोहित शर्मा ने करनी शुरु की तब से वो रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं. हालांकि अभी तक उनके सभी टेस्ट शतक भारत की सरजमी पर ही आए हैं लेकिन ये भी कुछ कम नहीं है. रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में एक नई लकीर खींच दी है.

ये भी पढ़ें- सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष बनना, बीजेपी की प. बंगाल में बैक डोर इंट्री है

भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने रांची में अपने टेस्ट करियर का पहला दोहरा शतक पूरा किया. इसके साथ ही रोहित शर्मा ने रिकॉर्डों की झड़ी लगा दी. रांची में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन रोहित शर्मा ने 249 गेंदों में अपने टेस्ट करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 212 रन पूरे किए. इससे पहले रोहित ने उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 177 रन था, जो उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ कोलकाता में नवंबर, 2013 में बनाया था. हालांकि अपने टेस्ट करियर में रोहित तीसरी बार 150 से अधिक का स्कोर बनाने में कामयाब हुए हैं.

रोहित शर्मा टेस्ट और वनडे इंटरनेशनल दोनों में 200+ का स्कोर करने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं. इससे पहले सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और क्रिस गेल यह कारनामा कर चुके हैं. रोहित शर्मा ने मौजूदा टेस्ट सीरीज में अब तक 19 छक्के जड़े हैं. इससे पहले यह कीर्तिमान वेस्टइंडीज के शिमरॉन हेटमेयर के नाम था, जिन्होंने 2018-19 में बांग्लादेश के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज में 15 छक्के लगाए थे. इतना ही नहीं हिटमैन ने दिग्गज खिलाड़ी औसत के मामले में सर डॉन ब्रैडमैन का रिकॉर्ड भी तोड़ा है. घरेलू मैदान पर रोहित शर्मा की बल्लेबाजी औसत 99.84 का है. जबकि सर डॉन ब्रैडमैन ने घरेलू मैदान पर 98.22 की औसत रन बनाए हैं.

ये भी पढ़ें- 1954 के बाद पहली बार कोई भारतीय कप्तान बना BCCI का अध्यक्ष, ये होंगी चुनौतियां

रोहित शर्मा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ इस सीरीज में 100 से ज्यादा के औसत से तीन शतकों के साथ 529 रन पूरे कर लिए हैं. इसी के साथ वो तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं. रोहित से पहले वीरेंद्र सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाफ साल 2005 में बतौर ओपनर 500 से ज्यादा रन बनाए थे, जिसमें एक तिहरा शतक भी शामिल था.

रोहित शर्मा एक टेस्ट सीरीज में 500 या उससे ज्यादा रन बनाने वाले पांचवे भारतीय ओपनर बन गए हैं. हिटमैन से पहले विनोद मांकड़, बुद्धी कुंदेरम, सुनील गावस्कर और वीरेंद्र सहवाग ने एक टेस्ट सीरीज में 500+ रन बनाए थे. गावस्कर ने ये कारनामा पांच बार किया है. उन्होंने पांच टेस्ट सीरीज में 500+ रन बनाए थे.

ये भी पढ़ें- ICC ने हटाया वो नियम, जिसने इंग्लैंड को बनाया था पहली बार क्रिकेट का विश्व कप

सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष बनना, बीजेपी की प. बंगाल में बैक डोर एंट्री है!

राजनीति में कोई भी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. विलियम शेक्सपियर का एक मशहूर कोट है ‘Everything is Fair Love And War’. अब तो राजनीति के हालात हैं उसमें इस कोट को बदलकर Everything is Fair Love, War and Politics’. पिछले कुछ सालों में जिस तरह से बंगाल की राजनीति में बदलाव देखा गया वो बाकी अन्य राज्यों में देखने को नहीं मिला. भाजपा ने जिस तरह से बंगाल की राजनीति में एंट्री की है उसने ममता दीदी के माथे में चिंता की लकीरें खींच दी हैं. फिलहाल यहां हम बात करेंगे पूर्व क्रिकेटर और प्रिंस ऑफ कोलकाता कहलाने वाले सौरव गांगुली का. गांगुली ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद की कमान संभाल ली है. भारतीय क्रिकेट के लिए तो ये एक स्वर्णिम वक्त है. लगभग 60-65 सालों के बाद कोई भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान इस पद पर बैठा है. लेकिन उनके इस पद से ममता दीदी काफी परेशान हैं. उनको लग रहा है कि अगर गांगुली बीजेपी के खेमे में गए तो ममता दीदी के हाथ से सत्तासुख छिन सकता है.

ये भी पढ़ें- 1954 के बाद पहली बार कोई भारतीय कप्तान बना BCCI का अध्यक्ष, ये होंगी चुनौतियां

गांगुली का केवल 10 महीने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के लिए तैयार होना भी कई सवाल भी खड़े कर रहे हैं. दरअसल, अध्यक्ष बनना गांगुली के लिए फायदा से ज्यादा नुकसान वाली डील है. अध्यक्ष बनने के बाद गांगुली को कमेंट्री और मीडिया कॉन्ट्रैक्ट से मिलने वाले करीब 7 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. जब वह बीसीसीआई अध्यक्ष बन जाएंगे तो ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. इसके अलावा टीम इंडिया की कोचिंग का उनका सपना भी दूर की कौड़ी हो जाएगी. बता दें कि गांगुली कई मौकों पर कह चुके हैं कि वह भारतीय टीम का कोच बनने के ख्वाहिशमंद हैं. कहा जा रहा है कि गांगुली अध्यक्ष बनने के लिए इसलिए तैयार हुए हैं क्योंकि वह बंगाल में बीजेपी का मुख्यमंत्री का चेहरा बनने का ऑफर स्वीकार करेंगे. जबतक बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर उनका कार्यकाल खत्म होगा तबतक बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आ जाएंगे.

ये भी पढ़ें- ICC ने हटाया वो नियम, जिसने इंग्लैंड को बनाया था पहली बार क्रिकेट का विश्व कप

देश के गृहमंत्री अमित शाह ने इन दिनों कई न्यूज चैनलों को इंटव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में एक सवाल कॉमन रहा. वो सवाल था क्या सौरव गांगुली बीजेपी ज्वाइन कर लेंगे. शाह ने भी बड़ी ही चालकी से इस बात का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं हुई है लेकिन आगे कुछ भी हो सकता है. कई पत्रकारों ने घुमा फिराकर इस सवाल को कई बार दागा लेकिन शाह का जवाब टस्स से मस्स नहीं हुआ. जब गांगुली से जब पूछा गया कि क्या वह 2021 में बीजेपी का बंगाल में चेहरा होंगे, गांगुली ने कहा, ‘कोई राजनेता मेरे संपर्क में नहीं है और यही हकीकत है. जहां तक ममता दीदी की बात है तो मैं उनका बधाई संदेश पाकर काफी खुश हूं.’ लेकिन एक हकीकत यह भी है कि गांगुली अमित शाह, अनुराग ठाकुर और हेमंत बिस्वा शर्मा से मिले हैं.

ये भी पढ़ें- आमिर खान के कुश्ती गुरु ने जीता विश्व चैंपियनशिप का मेडल

केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि बंगाल में बीजेपी का चेहरा कौन होगा यह अभी तय नहीं है. इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है. लेकिन जनता ने यह तय कर लिया है कि ममता बनर्जी सरकार को हटाना है. बता दें कि बीजेपी बंगाल में सरकार बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने काफी कोशिश की थी लेकिन ममता बनर्जी विजेता बनकर उभरीं थी. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 में से 18 सीटें जीती थीं. अब 2021 में बंगाली में विधानसभा होने जा रहे हैं. बीजेपी इन चुनावों में ममता सरकार को गिराने के लिए गांगुली का सहारा ले सकते हैं.

पश्चिम बंगाल में 42 संसदीय सीटें हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में तृणमूल उनमें से 34 सीटें हासिल कर लोकसभा में तीसरी सबसे पार्टी बनी थी. ऐसे में 2019 लोकसभा चुनाव में अगर तृणमूल इससे अच्छा कुछ करती है तो किंगमेकर होने के साथ ममता की पीएम उम्मीदवारी भी मजबूत होगी, लेकिन 2011 विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा यहां मुख्य विपक्षी दल बन कर उभरी. 2014 लोकसभा चुनाव में स्थिति और मजबूत हुई. पहली बार भाजपा को पश्चिम बंगाल से दो सीटें मिलीं. अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 चुनाव के लिए बंगाल से 23 सीटों का लक्ष्य तय किया था लेकिन भाजपा ने यहां 18 सीटें जीती थी और कई सीटें मामली अंतर से हारी थी.

ये भी पढ़ें- क्यों की जा रही वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा की तुलना?

Bigg Boss 13: जब सिद्धार्थ डे ने किया आरती सिंह पर ये कमेंट, तो भड़के भाई कृष्णा

बिग बौस का दूसरा नाम ही लड़ाईयां और एंटरटेनमेंट है और इसी के साथ बिग बौस के सीजन 13 में हमें ये लड़ाई झगड़े शुरूआत से ही देखने को मिले लेकिन अब तक ये लड़ाई झगड़े खाने जैसी छोटी-मोटी बातों के लेकर हो रहे थे लेकिन अब मामला गंभीर होता दिखाई दे रहा है. बीते दिनों कंटेस्टेंट सिद्धार्थ डे और आरती सिंह के बीच काफी लड़ाई देखने तो मिली जिसका कारण सिद्धार्थ का आरती के चरित्र के बारे में गलत बोलना था.

सिद्धार्थ डे ने किया आरती सिंह के बारे में ये कमेंट…

ये भी पढ़ें- अरविन्द अकेला कल्लू की ‘प्रतिबन्ध’ के ट्रेलर को मिला अच्छा रिस्पांस, जानें फिल्म में क्या है खास

नोमिनेशन टास्क के चलते जब आरती सिंह को सिद्धार्थ डे को परेशान करना था तो सबसे पहले आरती ने सिद्धार्थ को गुदगुदी करना शुरू किया को सिद्धार्थ ने आरती के बारे में कुछ ऐसा बोल दिया जिसे उन्हें बिल्कुल नहीं बोलना चाहिए था. वो बाच अलग है कि उसके बाद सिद्धार्थ ने आरती से माफी मांगी और कहा कि उनका इरादा बिलकुल भी गलच नहीं था.

जब सिद्धार्थ डे ने आरती सिंह को चरित्रहीन जैसा शब्द बोला तो भड़के कृष्णा अभिषेक…

ये भी पढ़ें- शादी के बंधन में बंधीं भोजपुरी एक्ट्रेस सोनालिका, देखें फोटोज

जब भी किसी लड़की पर कोई बात आती है तो सबसे पहने उस लड़की का भाई उसके साथ खड़ा होता है और ऐसा ही इस बार भी देखने को मिला. जब सिद्धार्थ डे ने आरती सिंह को चरित्रहीन जैसा शब्द बोला तो आरती के भाई कृष्णा अभिषेक ने भी इस पर सवाल उठाए कि सिद्धार्थ ऐसा कैसे बोल सकते हैं. एक इंटरव्यू के दौरान कृष्णा अभिषेक ने कहा कि,- ‘मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि, सिद्धार्थ डे ऐसा कर रहा है. वह मुझे और मेरे परिवार को अच्छे से जानता है. वह औरतों के साथ ऐसा कैसे कर सकता है.’

सिद्धार्थ डे से इस मुद्दे पर बात जरूर बात करेंगे कृष्णा अभिषेक…

इसी विषय पर कृष्णा अभिषेक ने आगे बताया कि,- ‘सिद्धार्थ डे अपनी फैन फौलोइंग खुद कम कर रहा है. लोग उसको ही गालियां दे रहे हैं. मैं जब भी सिद्धार्थ डे से मिलूगां तो उससे ऐसा करने की वजह जरूर पूछूंगा. आरती मेरी बहन है. मैं सलमान खान के सामने भी सिद्धार्थ डे से इस मुद्दे पर बात करुंगा. सिद्धार्थ डे को इसका जवाब देना ही पड़ेगा.’

ये भी पढ़ें- फिल्म ‘वो मेरी स्टूडेंट है’ में  दिखेगी बिग बौस की ये जोड़ी, देखें फोटोज

बता दें, कृष्णा अभिषेक द्वारा दिए गए इस इंटरव्यू से साफ पता चल रहा है कि वे सिद्धार्थ डे से काफी नाराज हैं और हो भी क्यों ना अखिर सिद्धार्थ ने कृष्णा की बहन आरती पर जो कमेंट किया था वे बेहद खराब था और उनको ऐसा नहीं बोलना चाहिए था.

अरविन्द अकेला कल्लू की ‘प्रतिबन्ध’ के ट्रेलर को मिला अच्छा रिस्पांस, जानें फिल्म में क्या है खास

भोजपुरी के दो बड़े स्टार अरविन्द अकेला कल्लू और देव सिंह की जोड़ी फिल्म प्रतिबन्ध में धमाल करती हुई दिखाई पड़ रही है. हाल ही में लांच हुए फिल्म के ट्रेलर को मिले दर्शकों के रिस्पांस से यह तो जाहिर है की फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आयेगी. फिल्म में अरविन्द अकेला कल्लू के अपोजिट खुबसूरत हिरोईन काजल राघवानी हैं.

देव सिंह एक दमदार और कड़क पुलिस अधिकारी के रूप में आएंगे नजर…

फिल्म का ट्रेलर देख कर साफ अंदाज लगाया जा सकता है की यह फिल्म रोमांटिक लव स्टोरी के साथ ही एक्शन और कामेडी से भरपूर होगी. फिल्म की हिरोईन काजल राघवानी अरविन्द अकेला के साथ की लव स्टोरी दर्शकों पर अच्छी छाप छोड़ेगी. फिल्म की कहानी सोशल ड्रामा पर आधारित है. इस फिल्म में भोजपुरी के जाने माने अभिनेता देव सिंह एक दमदार और कड़क पुलिस अधिकारी के रूप में नजर आ रहें है. जिसने फिल्म में अरविदं अकेला के बड़े भाई का रोल निभाया है. फिल्म में इन दोनों अभिनेताओं के भाई के रूप में होने वाली नोकझोंक देख कर दर्शक झूम उठेंगे.

ये भी पढ़ें- शादी के बंधन में बंधीं भोजपुरी एक्ट्रेस सोनालिका, देखें फोटोज

खलनायक के रूप में अवधेश मिश्रा…

फिल्म प्रतिबन्ध का ट्रेलर देख कर लगता है की फिल्म के खलनायक के रूप में अवधेश मिश्रा अपनी छाप छोड़ने में पूरी तरह से सफल रहेंगे. इस फिल्म के सभी गाने कर्णप्रिय है. साथ ही गानों की शूटिंग भी खूबसूरत लोकेशन पर की गई है जो दर्शकों को काफी पसंद आयेगा.

ये भी पढ़ें- फिल्म ‘वो मेरी स्टूडेंट है’ में  दिखेगी बिग बौस की ये जोड़ी, देखें फोटोज

प्रियंका पंडित करेंगी आइटम डांस…

फिल्म में कलाकारों की संवाद अदायगी में खास कर देवसिंह, अरविन्द अकेला कल्लू, अवधेश मिश्रा व काजल राघवानी काफी दमदार नजर आ रहे हैं. फिल्म में आइटम डांस भी है जिसमें प्रियंका पंडित ने अपनी प्रस्तुति दी है. फिल्म के स्टारकास्ट में अरविन्द अकेला कल्लू, देव सिंह ,काजल राघवानी, अवधेश मिश्रा , के अलावा लीजा, दीपक सिन्हा , सुबोध, नीलम पाण्डेय ,अनीता रावत , विजय दास ,भोला, अमन, रवी प्रमुख रोल में हैं.

ये भी पढ़ें- ‘‘जैकलीन आई एम कमिंगः अधेड़ उम्र की साधारण प्रेम कहानी’’

बता दें, कैप्टन वीडियो प्रा. लि. बैनर तले बनी फिल्म प्रतिबन्ध के निर्देशक अशोक त्रिपाठी अत्री हैं. निर्माता राकेश कुमार गुप्ता व अमित कुमार गुप्ता हैं. वहीं सह निर्माता अजय गुप्ता, अलोक गुप्ता व पंकज गुप्ता हैं. फिल्म के लेखक इन्द्रजीत हैं. फिल्म का संगीत मधुकर आनंद का हैं बोल प्यारेलाल यादव,आजाद सिंह ,संदीप साजन ,श्याम देहाती,  संतोष पुरी, का है. फिल्म में एक्शन दिलीप यादव का है. फिल्म का सिनेमेटोग्राफी संजय व्यास का है. कोरियोग्राफर कानू मुखर्जी, अनुज मिश्रा और राम देवन की है.

प्रतिबन्ध फिल्म टेलर लिंक-

फेस्टिव सीजन के लिए परफेक्ट हैं इन एक्टर्स के ये इंडो वेस्टर्न लुक, देखें फोटोज

फेस्टिव सीजन हो या कोई शादी पार्टीज का फंक्शन एक आउटफिट जो कभी ट्रेंड से आउट नहीं होता वो है इंडो वेस्टर्न का ट्रेंड. ऐसा हर बार देखने को मिलता है कि लड़कियां हर ओकेजन में हमेशा ट्रेंड से अप्डेटिड रहती हैं और हर बार अपने लुक्स से लड़कों को इम्प्रेस करने का एक भी मौका हाथ से नहीं जाने देतीं. आज हम आपके लिए ले कर आए हैं कुछ ऐसे इंडो वेस्टर्न लुक्स जिससे कि आप इस फेस्टिव सीजन लड़कियों को बराबर की टक्कर दे सकते हैं और अपने लुक्स से सबको हैरान कर सकते हैं.

रनबीर कपूर का फ्लावर प्रिंट इंडो वेस्टर्न…

फैशन की बात करें तो रनबीर कपूर अपने लुक्स से अब तक करोड़ों लड़कियों का दिल जीत चुके हैं. वो इसलिए क्योंकि वे हमेशा ट्रेंड से अप्डेटिड रहते हैं. इस लुक में भी रनबीर कपूर बेहद ट्रेडी फ्लावर प्रिंट इंडो वेस्टर्न पहने दिखाई दे रहे हैं. आप भी रनबीर कपूर जैसा ये लुक ट्राय कर किसी को भी इम्प्रेस कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- DIWALI 2019: फेस्टिव सीजन के लिए परफेक्ट है शाहरुख खान के ये लुक्स

फंकी रनवीर सिंह…

कपड़ों की च्वाइस से कोई रनवीर सिंह से नहीं जीत सकता. उनके लुक्स इतने अनोखे और निराले होते हैं कि रनवीर से ज्यादा उनके लुक्स चर्चा में रहते हैं. अब इसी लुक की बात करते हैं तो रनवीर का ये इंडो वेस्टर्न लुक और साथ ही उनकी पंजाबी जुत्ती कौन ट्राय नहीं करना चाहेगा. अगर आप भी चाहते हैं अपने लुक्स से लोगों में पहचान बनाना तो जरूर ट्राय करें रनवीर सिंह जैसा ये लुक.

ये भी पढ़ें- इस दिवाली ट्राय करें कार्तिक के ये स्टाइलिश कुर्ते और लूट लें महफिल

शाहिद कपूर का डीसेंट लुक…

असल जिंदगी की बात करें तो हम सब जानते हैं कि शाहिद कपूर कितने डीसेंट हैं. उनके डीसेंट नेचर के साथ उनके लुक्स भी काफी डीसेंट होते हैं. इस लुक में शाहिद का इंडो वेस्टर्न काफी डीसेंट नजर आ रहा है और साथ ही उनका ब्लैक ट्राउसर इस लुक से साथ कहर बरसा रहा है. अगर आपको भी पसंद हैं डीसेंट आउटफिट पहनना तो जरूर ट्राय करें शाहिद जैसा ये इंडो वेस्टर्न.

ये भी पढ़ें- फेस्टिवल से लेकर कौलेज तक ट्राय करें रित्विक के ये 4 लुक्स

आयुष्मान इन ब्लैक…

एक्टर्स की बात करें तो आयुष्मान खुराना औल राउंडर हैं. और उनके इस टेलेंट के साथ साथ उनके लुक्स भी लड़कियों में काफी पौपुलर हैं. इस लुक में आयुष्मान नें ब्लैक कलर का ट्रेंडी इंडो वेस्टर्न पहना हुआ हैं जिसमें वे काफी डैशिंग नजर आ रहे हैं. इस फेस्टिव सीजन आयुष्मान खुराना का ये लुक ट्राय कर आप बेशक अपनी क्रस को इम्प्रेस करने में कामयाब हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- 77 साल की उम्र में भी इतने स्टाइलिश हैं बिग बी, फौलो करें लुक्स

कंडोम इस्तेमाल किए बिना जिस्मानी संबंध बनाए जा सकते हैं?

सवाल-

बच्चा ठहरने के बाद क्या कंडोम का इस्तेमाल किए बिना जिस्मानी संबंध बनाए जा सकते हैं?

ये भी पढ़ें- मेरी पत्नी का वजन बढ़ नहीं रहा है. इलाज बताएं?

जवाब-

जी हां, पत्नी के पेट से होने के बाद कंडोम के साथ या कंडोम के बिना सैक्स किया जा सकता है, लेकिन जच्चा-बच्चा के माहिर डाक्टर की इजाजत के बाद ही.

ये भी पढ़ें- मेरी पेशाब वाली नस दब गई है, मुझे पेशाब करने में बहुत ज्यादा परेशानी होती है. इलाज बताएं?

एक रिश्ता किताब का: भाग 1

‘‘बीमार हो तुम, इलाज कराओ अपना. तुम तो इनसान ही नहीं लगते हो मुझे…’’

‘‘तो क्या मैं जानवर हूं?’’

‘‘शायद जानवर भी नहीं हो. जानवर को भी अपने मालिक पर कम से कम भरोसा तो होता है…उसे पता होता है कि उस का मालिक उस से प्यार करता है तभी तो खाना देने में देरसवेर हो जाए तो उसे काटने को नहीं दौड़ता, जैसे तुम दौड़ते हो.’’

‘‘मैं काटने को दौड़ता हूं तुम्हें? अरे, मैं तुम से बेहद प्यार करता हूं.’’

‘‘मत करो मुझ से प्यार…मुझे ऐसा प्यार नहीं चाहिए जिसे निभाने में मेरा दम ही घुट जाए. मेरी एकएक सांस पर तुम ने पहरा लगा रखा है. क्या मैं बेजान गुडि़या हूं जिस की अपनी कोई पसंदनापसंद नहीं. तुम हंसो तो मैं हंसू, तुम नाचो तो मैं नाचूं…हद होती है हर चीज की…तुम सामान्य नहीं हो सोमेश, तुम बीमार हो, कृपा कर के तुम किसी समझदार मनोचिकित्सक को दिखाओ.’’

ये भी पढ़ें- एक तीर दो शिकार: भाग 2

ऐसा लग रहा था मुझे जैसे मेरे पूरे शरीर का रक्त मेरी कनपटियों में समा कर उन्हें फाड़ने जा रहा है. आवेश में मेरे हाथपैर कांपने लगे. मैं जो कह रही थी वह मेरी सहनशक्ति समाप्त हो जाने का ही नतीजा था. कोई इस सीमा तक भी स्वार्थी और आधिपत्य जताने वाला हो सकता है मेरी कल्पना से भी परे था. ऐसा क्या हो गया जो सोमेश ने मेरी पसंद की उस किताब को आग ही लगा दी. वह किताब जिसे मैं पिछले 1 साल से ढूंढ़ रही थी. आज सुबह ही मुझे सोमेश ने बताया था कि शाम 4 बजे वह मुझ से मिलने आएगा. 4 से 5 तक मैं उस का इंतजार करती रही, हार कर पास वाली किताबों की दुकान में चली गई.

समय का पाबंद सोमेश कभी नहीं होता और अपनी जरूरत और इच्छा के अनुसार फैसला बदल लेना या देरसवेर करना उस की आदत है, जिसे पिछले 4 महीने से मैं महसूस भी कर रही हूं और मन ही मन परेशान भी हो रही हूं यह सोच कर कि कैसे इस उलझे हुए व्यक्ति के साथ पूरी उम्र गुजार पाऊंगी.

कुछ समय बीत गया दुकान में और सहसा मुझे वह किताब नजर आ गई जिसे मैं बहुत समय से ढूंढ़ रही थी. किताब खरीद कर मैं बाहर चली आई और उसी कोने में सोमेश को भुनभुनाते हुए पाया. इस से पहले कि मैं किताब मिल जाने की खुशी उस पर जाहिर करूं उस ने किताब मेरे हाथ से छीन ली और जेब से लाइटर निकाल यह कहते हुए उसे आग लगा दी, ‘‘इसी की वजह से मुझे यहां इंतजार करना पड़ा न.’’

10 मिनट इंतजार नहीं कर पाया सोमेश और मैं जो पूरे घंटे भर से यहां खड़ी थी जिसे हर आताजाता घूर रहा था. अपनी वजह से मुझे परेशान करना जो अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझता है और अपनी जरा सी परेशानी का यह आलम कि उस वजह को आग ही लगा दी.

अवाक् रह गया सोमेश मुझे चीखते देख कर जिसे पुन: हर आताजाता रुक कर देख भी रहा था और सुन भी रहा था. मेरा तमाशा बनाने वाला अपना भी तमाशा बनना सह नहीं पाया और झट से मेरी बांह पकड़ अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने का प्रयास करने लगा.

ये भी पढ़ें- ऐसी मांगने वालियों से तोबा: भाग 2

‘‘बस, सोमेश, अब और नहीं,’’ इतना कह कर मैं ने अपना हाथ खींच लिया और मैं ने सामने खड़े रिकशा को इशारा किया.

रिकशा पर बैठ गई मैं. सोमेश के चेहरे के उड़ते रंग और उस के पैरों के पास पड़ी धूधू कर जलती मेरी प्रिय किताब इतना संकेत अवश्य दे गई मुझे कि सोमेश सामान्य नहीं है. उस के साथ नहीं जी पाऊंगी मैं.

पापा के दोस्त का बेटा है सोमेश और उसे मैं इतनी पसंद आ गई थी कि सोमेश के पिता ने हाथ पसार कर मुझे मांग लिया था जबकि सचाई यह थी कि सोमेश की हैसियत हम से कहीं ज्यादा थी. लाखों का दहेज मिल सकता था उसे जो शायद यहां नहीं मिलता क्योंकि मैं हर महीने इतना कमा रही थी कि हर महीने किस्त दर किस्त दहेज उस घर में जाता.

मैं ही दहेज के विरुद्ध थी जिस पर उस के पिता भारी मन से ही राजी हुए थे. बेटे की जिद थी जिस पर उन का लाखों का नुकसान होने वाला था.

‘‘मेरे बेटे में यही तो कमी है, यह जिद्दी बहुत है…और मेरी सब से बड़ी कमजोरी है मेरा बेटा. आज तक इस ने जिस भी चीज पर हाथ रखा मैं ने इनकार नहीं किया…बड़े नाजों से पाला है मैं ने इसे बेटी. तुम इस रिश्ते से इनकार मत करो.’’

दिमाग भन्ना गया मेरा. मैं ने बारीबारी से अपने मांबाप का चेहरा देखा. वे भी परेशान थे मेरे इस निर्णय पर. शादी की सारी तैयारी हो चुकी थी.

‘‘मैं तुम्हारे लिए वे सारी किताबें लाऊंगा शुभा बेटी जो तुम चाहोगी…’’ हाथ जोड़ता हूं मैं. शादी से इनकार हो गया तो मेरा बेटा पागल हो जाएगा.’’

‘‘आप का बेटा पागल ही है चाचाजी, आप समझते क्यों नहीं? सवाल किताबों का नहीं, किताबें तो मैं भी खरीद सकती हूं, सवाल इस बात का है कि सोमेश ने ऐसा किया ही क्यों? क्या उस ने मुझे भी कोई खिलौना ही मान लिया था कि उस ने मांगा और आप ने लाखों का दहेज ठुकरा कर भी मेरा हाथ मांग लिया…सच तो यही है कि उस की हर जायजनाजायज मांग मानमान कर ही आप ने उस की मनोवृत्ति ऐसी स्वार्थी बना दी है कि अपनी खुशी के सामने उसे सब की खुशी बेतुकी लगती है. बेजान चीजें बच्चे की झोली में डाल देना अलग बात है, आज टूट गई कल नई भी आ सकती है. लेकिन माफ कीजिए, मैं बेजान खिलौना नहीं जो आप के बच्चे के लिए शहीद हो जाऊं.

ये भी पढ़ें- मां का साहस: भाग 2

‘‘हाथ क्यों जोड़ते हैं मेरे सामने. क्यों अपने बेटे के जुनून को हवा दे रहे हैं. आप रोकिए उसे और अपनेआप को भी. सोमेश का दिमाग संतुलित नहीं है. कृपया आप इस सत्य को समझने की कोशिश कीजिए…’’

‘‘मैं कुछ भी समझना नहीं चाहता. मुझे तो बस मेरे बच्चे की खुशी चाहिए और तुम ने शादी से इनकार कर दिया तो वह पागल हो जाएगा. वह बहुत प्यार करता है तुम से.’’

मन कांप रहा था मेरा. क्या कहूं मैं इस पिता समान इनसान से? अपनी संतान के मोह में वह इतना अंधा हो चुका है कि पराई संतान का सुखदुख भी उसे नजर नहीं आ रहा.

‘‘अगर शुभा ऐसा चाहती है तो तुम ही क्यों नहीं मान जाते?’’ पापा ने सवाल किया जिस पर सोमेश के पिता तिलमिला से गए.

‘‘तुम भी अपनी बेटी की बोली बोलने लगे हो.’’

‘‘मैं ने भी अपनी बच्ची बड़े लाड़प्यार से पाली है, जगदीश. माना मेरे पास तुम्हारी तरह करोड़ों की विरासत नहीं है, लेकिन इतना भूखा भी नहीं हूं जो अपनी बच्ची को पालपोस कर कुएं में धकेल दूं. शादी की तैयारी में मेरा भी तो लाखों खर्च हो चुका है. अब मैं खर्च का हिसाब तो नहीं करूंगा न…जब बेटी का भविष्य ही प्रश्नचिह्न बन सामने खड़ा होगा…चलो, मैं साथ चलता हूं. सोमेश को किसी मनोचिकित्सक को दिखा लेते हैं.’’

सोमेश के पिता माने नहीं और दनदनाते हुए चले गए.

‘‘कहीं हमारे हाथों किसी का दिल तो नहीं टूट रहा, शुभा? कहीं कोई अन्याय तो नहीं हो रहा?’’ मां ने धीरे से पूछा, ‘‘सोमेश बहुत प्यार करता है तुम से.’’

ये भी पढ़ें- मां का साहस: भाग 1

‘‘मां, पहली नजर में ही उसे मुझ से प्यार हो गया, समझ नहीं पाई थी मैं. न पहले देखा था कभी और न ही मेरे बारे में कुछ जानता था…चलो, माना… हो गया. अब क्या वह मेरी सोच का भी मालिक हो गया? मां, इतना समय मैं चुप रही तो इसलिए कि मैं भी यही मानती रही, यह उस का प्यार ही है जो कोई मुझे देख रहा हो तो उसे सहन ही नहीं होता. एक दिन रेस्तरां में मेरे एक सहयोगी मिल गए तो उन्हीं के बारे में हजार सवाल करने लगा और फिर न मुझे खाने दिया न खुद खाया. वजह सिर्फ यह कि उन्होंने मुझ से बात ही क्यों की. उस में समझदारी नाम की कोई चीज ही नहीं है मां. अपनी जरा सी इच्छा का मान रखने के लिए वह मुझे चरित्रहीन भी समझने लगता है…मेरी नजरों पर पहरा, मैं ने उधर क्यों देखा, मैं ने पीछे क्यों देखा, कभीकभी तो मुझे अपने बारे में भी शक होने लगता है कि क्या सच में मैं अच्छी लड़की नहीं हूं…’’

जानें आगे क्या हुआ कहानी के अगले भाग में…

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें