रेटिंगः ढाई स्टार

निर्माताः मंजेष गिरी

निर्देशकः बंटी दुबे

कलाकारः रघुबीर यादव, किरण डी पाटिल, दिव्या धनोवा,शक्ति कुमार व अन्य.

अवधिः एक घंटा पचास मिनट

प्रेम कहानी और रोमांस पर अनगिनत फिल्में बन चुकी हैं. मगर अब तक इन सभी प्रेम कहानी प्रधान फिल्मों में टीन एजर प्रेम कहानी ही पेश की जाती रही हैं. मगर फिल्म निर्देशक बंटी दुबे पहली बार एक बेहतरीन व प्यारी सी अधेड़ उम्र के इंसान की प्रेम कहानी फिल्म ‘‘जैकलीन आई एम कमिंग’’ में लेकर आए हैं. फिल्म की गति बहुत धीमी होने के चलते मजा किरकिरा हो जाता है.

ये भी पढ़ें- मायानगरी में मौत

कहानीः

फिल्म शरू होती है नर्मदा नदी के किनारे अकेले बाल बढ़ाए अंट शंट बक रहे एक बूढ़े इंसान से, जब उन्हे तलाशते हुए केशव आते हैं, तो पता चलता है कि यह पागल खाना से भागे हुए काशी तिवारी हैं. जब केशव, डौक्टर अर्जुन से कहता है कि काशी तिवारी का इस संसार में कोई नहीं है. इसलिए वह उनका इलाज करे या न करें, मौत ही दे दें. तब डाक्टर अर्जुन, काशी की इस हालत के लिए खुद को जिम्मेदार बताते हैं.

उसके बाद कहानी अतीत में जाती है. 40 साल के पीडब्लूडी में कार्यरत काशी तिवारी (रघुवीर यादव) आगरा में अकेले रहते हैं. अब काशी के जीवन में थोड़ा आनंद है. अन्यथा उनके अनाथ हो जाने पर उनकी परवरिश उनके रूढ़िवादी चाचा ने की थी. काशी तिवारी के दोस्त केशव (किरण डी पाटिल) हमेशा उनकी मदद के लिए मौजूद रहते हैं. एक दिन काशी तिवारी चर्च में एक खूबसूरत महिला जैकलीन (दिव्या धनोवा) को देख मोहित हो जाते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...