Corona पर युवा कर रहे 1 लाख रुपये रोज खर्च

लेखक- राजेश चौरसिया

  • युवाओं की नई सोच बचायेगी लोगो को कोरोनो वायरस से..
  • बुंदेलखंड के युवा खुद खर्चे पर कर रहे पूरे शहर को सेनिटराइज..
  • लॉग डाउन के पहले दिन से बांट रहे राशन और खाना..
  • एक लाख रुपये प्रतिदिन का आ रहा सारा खर्च..
  • सभी युवाओं की टीम मिलकर उठा रही सारा खर्चा..
  • बड़े नेताओं, विधायक, मंत्रियों को पछाड़ बने सच्चे जनसेवक..
  • टीम में कोई भी राजनैतिक व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है वरना राजनीति होने लगती..

कहते हैं नेता, विधायक, जनप्रतिनिधि जनता के सेवक होता है वह इसलिये क्यों कि वे इसी जनता के वोटों की दम पर चुनाव जीतकर फर्श से अर्श (विधानसभा/लोकसभा) तक पहुंचते हैं और जननायक कहलाते हैं. लेकिन बुंदेलखंड में कुछ ऐसा देखने को मिला कि यह जननायक इन युवाओं के सामने नतमस्तक और बौने साबित होते दिख रहे हैं.

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छतरपुर में लॉग डाउन के पहले दिन से ही युवाओं की सोच बदल डाली है और यह युवा अब कोरोना से लड़ने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं. इन युवाओं की सोच इतनी आगे है कि बड़े-बड़े मंत्री, नेता, विधायक, जनप्रतिनिधि सब इनकी बड़ी सोच और जनसेवा के आगे बौने साबित हो रहे हैं.

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की जहां छतरपुर के इन युवाओं ने लोगों के मुश्किल समय में वो कर डाला है कि जो उनके चुने हुए नेता, मंत्री, विधायक, भी नहीं कर पाये और अब बन बैठे हैं वे लोगों के सच्चे जननायक.

शहर में युवाओं की यह टीम देश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद और लॉग डाउन के पहले दिन से ही ख़ाशी शक्रिय है जो लोगों की मदद के लिये हर संभव तत्पर है. जानकारी के मुताबिक इस टीम ने पहले हज़ारों गरीब, कामगार, मजदूर, असहाय, लाचार, लोगों को एक-एक माह का राशन सहित जरूरत का सामान (आटा, दाल, चावल, शक्कर, चाय, नमक, मसाले, बिस्किट, साबुन, मास्क) सहित अन्य जरूरी सामग्री वितरित की उसके बाद से बाहर से आने-जाने वाले लोगों, मजदूरों, राहगीरों, कर्मचारियों, पुलिस, अस्पताल में मरीजों इन सभी को खाना बनवाकर लंच पैकेट वितरित किये जो कि अब भी अनवरत जारी हैं.

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अब इन्होंने एक नई जरूरत और सोच को मुमकिन कर दिखाया है जो कि शासन प्रशासन, जनप्रतिनिधि मिलकर भी पूरा नहीं कर पा रहे थे. इन्होंने अब पूरे शहर को सेनिट्राइज़ करने का बीड़ा उठाया है जिसके लिये इनकी टीम के द्वारा दो दर्जन से अधिक इलेक्ट्रॉनिक सेनेटराइज मशीनों को खरीदा गया है इस मशीन की क़ीमत तकरीबन 4 हजार रुपये है और इन सभी की कीमत लगभग 1 लाख बीस हज़ार आंकी गई है से सेनेटराइज सामग्री का घोल बनाकर पूरे शहर के 40 वार्डों में जाकर हर गली, मोहल्ले, घर-घर जाकर सेनेटराइज कर रहे हैं साथ ही आस पास के गांवों में भी जाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

टीम के सदस्यों ने बताया..

टीम के सदस्य जवेद अख़्तर, प्रकाश (कल्लू) रावत, सरदार हरविंदर सिंह की मानें तो इनमें से कोई नेता, राजनेता, या उनका पुत्र सगा संबंधी कार्यकर्ता भी नहीं है जिसका कि किसी को राजनैतिक लाभ मिल सके सभी युवा और स्वतंत्र विचार के लोग हैं. हमने अपने इस कार्य में किसी नेता, राजनेता, जनप्रतिनिधि अथवा किसी भी दल को शामिल नहीं किया और न ही उन्हें शामिल होने दिया. और न ही उनका किसी भी प्रकार का सहयोग लिया है. यह सब हम सभी मिलकर निःस्वार्थ और सेवाभाव से कर रहे हैं.

मामला चाहे जो भी हो पर इतना तो तय है कि बुंदेलखंड के इन युवाओं की सोच ने दुनिया, देश, प्रदेश, के मुश्किल वक्क्त में वो सब कर दिखाया है जिसकी कि किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. यह वो सब कर रहे हैं जो चुने हुए जनप्रतिनिधि सरकार और उसका पैसा होने के बादभी नहीं कर पा रहे.

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इससे सिद्ध होता है कि इस सब के लिये सिर्फ नेता बनने और चुनाव जीतकर राज करने की आवश्यकता नहीं होती है होती है यो सिर्फ एक सोच और जज्बे की जो हमें यहां तक ले जाती है जो यहां सबको बौना साबित करती है.

Lockdown के चलते गांव में फंस कर रह गई ये पौपुलर एक्ट्रेस

बिग बौस (Bigg Boss) के सीजन 7 का हिस्सा रह चुकी रतन राजपूत (Ratan Rajput) लौक डाउन (Lockdown) के चलते एक गांव में फंस कर रह गई हैं. जहां उन्हें जुगाड़ के सहारे अपनी दिनचर्या पूरी करनीं पड़ रही है. इस दौरान गांव से वह अपने संघर्ष से लबरेज वीडियो और फोटोज शेयर कर रहीं हैं. लोग उनको मैसेज भेज कर पूछ रहें हैं की वह कहां रुकी हैं क्या कर रहीं.

इसको लेकर उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर कहा की मैंनें खुद को क्वारेंटीन कर रखा है. मै खुद को आइसोलेट करके रख रहीं हूं. लेकिन जगह का नाम इस लिए नहीं बताना चाहती हूं की इससे प्राईवेसी का खतरा है. सोशल डिस्टेंसिंग का खतरा हो सकता है लोग मिलना चाहें, बात करना चाहें तो इससे खतरा बढ़ सकता है. मै जहां हूं वह छोटा सा गांव है जहां लोग इतना ज्यादा आइसोलेशन को तवज्जो नहीं दे रहें हैं. 6 मिनट 3 सेकंड के वीडियो में उन्होंने बचाव के तमाम तरीके बताये. उन्होंने वीडियो के अंत में कहा की मै बिहार के एक गाँव में हूँ जहाँ मै अकेली नहीं हूँ बल्कि हम तीन लोग हैं और एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में यहाँ आये थे लेकिन लॉक डाउन के चलते यहाँ रुक जाना पड़ा है.

उन्हें उस गांव में कई तरह की परेशानियों का सामान करना पड़ रहा हैं. इसको लेकर वह अपने इन्स्टाग्राम और यूट्यूब से लेकर फेसबुक पर तमाम वीडियोज अपलोड कर स्थिति से रूबरू करा रहीं हैं. रतन नें अपने क्वारेंटाइन का वीडियो शेयर कर कहा हैं की गांव में कई सुविधाएं नहीं है. लेकिन जान है तो जहान है इस लिए सुरक्षित रहने के लिए यह सब चलता है.

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एक वीडियो में वह खुद ही कपड़ें साफ़ करती नजर आ रहीं हैं इस वीडियो में उन्होंने कहा है “पार्टी-पार्टी बाद में खेल लेना अभी सब मिलकर देश की सोचो”. वहीँ बर्तन साफ़ करते हुए के वीडियो में उन्होंने कहा की “मै दवाई के खाली पत्ते से बर्तन साफ़ कर रहीं हूँ तो मौजियो मौज बाद में कर लेना, तुम्हारा मौजीपना दुनिया पर भारी पड़ रहा है,जान है तो जहान है.” इसके अलावा वह झाड़ू लगाने, लिखने-पढ़ने, और खाना खाने से जुड़े तमाम वीडियोज भी शेयर कर अपनी स्थिति से रूबरू करा रहीं है.

जुगाड़ के जरिये कर रहीं है वाशरूम और बाथरूम का प्रयोग

रतन राजपूत जिस गांव में रुकी हुई हैं वहां न ही लग्जीरियस वाशरूम है और न ही बाथरूम. इस स्थिति में उन्होंने बाथरूम को जुगाड़ के जरिये अपने उपयोग लायक बनाया है. उन्होंने इस वीडियो के साथ अपने कैप्सन में लिखा है “My luxurious bathroom /washroom Adjustment करें compromise नहीं.”

उन्होंने बाथरूम दिखाते हुए कहा की यह है मेरा बाथरूम जो की लॉक डाउन हैं. और मै जिस चैलेन्ज की बात कर रही थी वह यही जगह है क्यों की यह एक ही जगह है की जहाँ वाटर सप्लाई है. जहाँ पर मुझे कपडे भी धोना होता है और नहाना भी होता है और ब्रस भी यहीं होता है. उन्होंने उस वीडियो में दिखाया की एक ग्रिल वाले कमरे में वाटर सप्लाई लगा है जिस कमरे में ग्रिल की वजह से आर- पार दिख रहा है. इस लिए कमरे में आड़ करने के लिए एक पुराने से कपड़े का पर्दा लगाया गया है.

इस सीरियल से आई थी चर्चा में

रतन राजपूत ने कई चर्चित रोल किये जिसमें उन्हें अपने सीरियल ‘अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो’ में लाली के किरदार से पहचान मिली. इस रोल के वजह से वह वह घर घर मे जानी -पहचानी जाने लगीं थी. वह महाभारत मे वह राजकुमारी अम्बा के रूप में भी चर्चा में रहीं थी.

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वह रियल्टी शो ‘रतन का रिश्ता’ में भी नजर आई थी. इस रियल स्वयंवर में कई लोगों नें रतन का दिल जीतने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने अभिनव शर्मा को चुना था.  रतन राजपूत का यह रिश्ता आगे नहीं बढ़ पाया था. वह बिग बॉस सीजन 7 का भी हिस्सा रह चुकी हैं. वह लम्बे समय तक एंड टीवी के सीरियल ‘जय संतोषी मां’ में भी लीड रोल में नजर आ चुकी हैं जिसमें उनके रोल को काफी सराहा गया था.

फिलहाल रतन राजपूत जिस भी गाँव में रुकी हैं वहां उन्होंने खुद को परिस्थितियों में ढाल रखा है. उन्होंने अपने एक वीडियो में कहा की अभी तक तो वह ऐसे यह सोचकर रह रही थीं कि कुछ ही दिनों की बात है, लेकिन लौकडाउन के कारण लंबा ठहरना पड़ रहा है. इसलिए वह अब इस जगह को अपने रहने लायक बना लिया है.

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यूट्यूब का लिंक जिस पर वह अपने सारे वीडियोज शेयर कर रहीं है –

https://www.youtube.com/channel/UCU0SV3NNGOEWlUi3aJGiYGQ

फेसबुक एकाउंट का लिंक जिस पर वह अपने वीडियोज शेयर कर रहीं है-

https://www.facebook.com/ratan.rajpoot.988

इस लौकडाउन देखिए साउथ की Hindi Dubbed ब्लौकबस्टर फिल्में

एक्शन के मामले में भारत में बनने वाली फिल्मों में साउथ की फिल्में सबसे आगे हैं. इसी लिए यहां की फिल्में हिन्दी में रिलीज की जाती हैं. जो हिंदी में रिलीज होने के बाद अच्छी कमाई करती हैं. साउथ की फिल्मों को भोजपुरी बेल्ट में भी खूब पसंद किया जाता है. इसका एक कारण यह है की भोजपुरी के कई कई एक्टर्स साउथ की फिल्मों में भी अपने अभिनय का डंका बजाये हुए हैं, इसमें रविकिशन का नाम सबसे ऊपर है. हम आप को बता रहें हैं हिंदी में डब की गई ऐसी ही 5 ब्लौकबस्टर फिल्मों के बारे में जो यूट्यूब पर फ्री में देखनें के लिए उपलब्ध हैं. इन फिल्मों को आप लौक डाउन (Lockdown) के दौरान देख कर अपनीं बोरियत दूर कर सकतें हैं.

रियल सिंघम 3 (Real Singham 3)

इस फिल्म में एक लड़का (महेश बाबू) जो बचपन में अपनी मां को खो देता है.वह बचपन से ही फिल्म में भ्रष्ट और खतरनाक लोगों से पंगा लेता रहता है. बड़ा होने पर पुलिस में भर्ती होने और खतरनाक लोगों से पंगा लेते हुए फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है. और अंत में फिल्म का हीरो गैंगेस्टर्स से पंगा लेते हुए उनके पूरे साम्राज्य को ख़त्म कर देता हैं. इस फिल्म में महेश बाबू मुख्य भूमिका में हैं इसके अलावा तमन्नाह, सोनू सूद, श्रुति हासन, ब्रह्मानंदम, नासर, आशीष विद्यार्थी , राजेंद्र प्रसाद नें भी सशक्त रोल कियें हैं. फिल्म के निर्देशक श्रीनु वैतला व  निर्माता रिवाज दुग्गल हैं  फिल्म का छायांकन केवी गुहान नें किया हैं.

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समुराई एक योद्धा (SAMURAI EK YODHA)

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई पर आधारित इस फिल्म का एक्शन एक अलग ही तरह का रोमांच पैदा करता है. फिल्म का हीरो विक्रम सिस्टम से लड़ते हुए उसे बदलने की जिस मुहिम पर चलाता है. अंत में वह ऐसे लोगों का पर्दाफ़ाश कर जीत जाता है. फिल्म में एक्शन के साथ ही रोमांश का भी जबरदस तड़का देखने को मिलता है. फिल्म में विक्रम नें थियागराजन के रूप में मुख्य भूमिका निभाई है. इसके साथ ही अनीता हसनंदानी नें  देवा के रूप में जया नें कविता के रूप में अपनी भूमिका निभाई है. साथ ही नासिर, अनुपम श्याम,कोल्लम थुलसी, चिन्नी जयंत, बिन्दू पणिक्कर, वैडिवुकरासी, दिल्ली कुमार, श्रिया रेड्डी, पीयूष मिश्रा नें भी यादगार भूमिका निभाई हैं.

फोर-जी (4G)

https://www.youtube.com/watch?v=zl-uQ-XNZwo&feature=emb_title

महेश बाबू और किआरा अडवाणी की लव स्टोरी और एक्शन से भरपूर इस फिल्म में वह सब कुछ है जिसे आप देखना चाहतें हैं. साउथ की फिल्मों की खासियत लिए हिंदी में डब की गई यह एक्शन मूवी Full HD में यूट्यूब पर देखी जा सकती हैं.

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मरते हैं शान से (Marte Hai Shaan Se)

इस फिल्म के निर्देशक हरि और निर्माता बी भारती रेड्डी हैं. फिल्म में विशाल, प्रभू, मुख्ता, नाधिया, नासर, विजय कुमार नें मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं. फिल्म की कहानी हरी नें लिखी है और छायांकन प्रियान नें किया हैं. फिल्म का हीरो विशाल शांतिपूर्ण ढंग से परिवारों के बीच होने वाले संघर्ष को सुलझाने की कोशिश करता है, इसमें उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फिल्म की कहानी शुरू से अंत तक दर्शकों को बांधे रखने वाली हैं.

प्लेयर एक खिलाड़ी (Player Ek Khiladi)

तमिल भाषा की फिल्म अरामबम को “प्लेयर एक खिलाड़ी” (Player Ek Khiladi) के नाम से हिंदी में डब  किया गया है यह एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है जो विष्णुवर्धन के  निर्देशन में बनीं है. फिल्म के निर्माता रघुराम हैं और लिखा हैं सुभा नें इस फिल्म में अजिथ कुमार, आर्या, नयनतारा और तापसी पन्नू मुख्य भूमिकाओं में हैं. किशोर, राणा दग्गुबाती, अक्षरा गुड्डा नें भी यादगार भूमिकाएं की हैं। यह फिल्म 31 अक्टूबर 2013 को रिलीज़ हुई थी.

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जानें इस Lockdown में बच्चों संग कैसे समय बिता रहे हैं ये बौलीवुड एक्टर्स

बौलीवुड में तमाम ऐसे एक्टर्स, डायरेक्टर्स, और तकनीशियन्स हैं जिनके पूरे साल का शेड्यूल बहुत व्यस्त होता है. ऐसे यह अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पाते हैं जिसका मलाल इनको और इनके बच्चों को बना रहता है. लेकिन इस LOCKDOWN में बौलीवुड में सभी एक्टर्स, डायरेक्टर्स, और तकनीशियन्स पास न केवल पर्याप्त समय है रद्द किए गए शेड्यूल के कारण, व्यस्त बौलीवुड हस्तियों के पास मजेदार गतिविधियों के लिए पूरा समय भी है. ये लोग अपने बच्चों को पूरा समय देनें के साथ जम का मस्तियाँ भी कर रहें हैं. वालीवुड से जुडी ऐसी तमाम हस्तियाँ हैं जो अपने बच्चों के साथ बिताये जा रहे पलों की तस्वीरें और वीडियोज अपने सोसल मीडिया एकाउंट पर अपलोड करते रहतें हैं. इनमें से कुछ एक्टर्स और डायरेक्टर्स ऐसे हैं जो इस LOCKDOWN को बच्चों के साथ स्पेशल बना रहें हैं. हम ऐसे ही कुछ सेलिब्रिटीज से आप को रूबरू करा रहें हैं जो अपने बच्चों के साथ फुल मस्ती में नजर आ रहें हैं.

शिल्पा शेट्टी…

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एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी कुंद्रा (Shilpa Shetty Kundra) नें सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहतीं हैं और वह हर रोज अपने एक्टिविटी से जुड़े पोस्ट शेयर करती रहतीं हैं. इस LOCKDOWN के दौरान वह हर रोज अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर वीडियोज शेयर करती रहतीं है. जिसमें वह कोरोना से बचाव के सन्देश के साथ स्वस्थ्य रहने की टिप्स, और वर्क आउट के टिप्स भी देतीं नजर आती हैं. इसके अलावा वह अपने बेटे वियान के साथ किये जा रहे मस्ती भरे पलों की तस्वीरें और वीडियोज भी शेयर करती रहतीं हैं. इसी कड़ी में शिल्पा शेट्टी नें अपने बेटे वियान राज कुंद्रा (Viaan Raj Kundra) के साथ मस्ती भरे कई वीडियो शेयर कियें हैं. शिल्पा ने शेयर किया है जिसमें वियान अपनी मम्मी के पैर का मसाज कर रहा है और ढेर सारी बातें भी कर रहा है.

 

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It’s a dichotomy of emotions. I am concerned about what’s happening around us while we are hoping and praying for the situation to get better across the world, I’m also valuing and spending extra time with Viaan every day. We spent this morning creating these little love notes for each other. I genuinely value these moments. We are crafting memories, are you? These are challenging times. You too can take up this #CraftingMemories challenge and make this time memorable for your kids! ~ Today, I’m grateful for this time that I can spend with my child and I pray that may all the children in pain and suffering be blessed with love . . . . . . . @indiacraftingmemories @fevicreate @momspresso #CraftingMemories #Gratitude #MomSonTime #20DaysOfGratefulness #Day6

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इस वीडियो पर शिल्पा ने एक बड़ा सा कैप्सन भी लिखा है जिसकी कुछ लाइनें इस प्रकार हैं ” मुझे नहीं पता था कि मेरी माँ यह शूट कर रही थी… लेकिन वह इस तरह के एक अनमोल क्षण को कैप्चर करने में सफल रही. इस वीडियो को देखकर मुझे यह एहसास हुआ कि बच्चे पैदा करना एक आशीर्वाद है.
शिल्पा शेयर किये गए एक दूसरे वीडियो में वियान के साथ क्राफ्ट मेकिंग करती नजर आ रहीं हैं इसके कैप्सन  में उन्होंने लिखा है की ये चुनौतीपूर्ण समय हैं, आप भी इस #CraftingMemories चुनौती को उठा सकते हैं और अपने बच्चों के लिए इस समय को यादगार बना सकते हैं. आज, मैं इस समय के लिए आभारी हूं कि मैं अपने बच्चे के साथ बिता सकती हूं @indiacraftingmemories #CraftingMemories #MomSonTime. इसके अलावा शिल्पा ने बेटे वियान के साथ वर्कआउट का एक वीडियो कोलाज भी शेयर किया है.

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करण जौहर…

 

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Well #tiedye or #holi you decide? #lockdownwiththejohars #toodles

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High tea with @hiroojohar ! #lockdownwiththejohars

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There is someone who can take away the #coronavirus

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करण जौहर अपने दोनों जुड़वा बच्चों यश ( Yash) और रूही (Ruhi) जौहर बच्चों के साथ फुल मस्ती में नजर आ रहें हैं इस लॉक डाउन के दौरान उन्होंने बच्चों के साथ मस्ती भरे कई वीडियोज शेयर किये हैं एक वीडियोज में करन के बच्चे कपड़ों के साथ मस्ती कर रहें है तो इसके अलावा उन्होंने इस लॉक डाउन के दौरान अपने बच्चों के खाने-पीने से लेकर खेलने और नाराज होने के दर्जनों वीडियोज शेयर किये हैं.

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नेहा धूपिया…

 

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MOOD …. #day10 #lockdown #lockdownlove

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नेहा धूपिया इन दिनों अपनें ही घर में सेल्फ क्वारंटाइन में हैं उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक बहुत ही खुबसूरत इमेज शेयर की है. जिसमें वह और उनकी बेटी मेहर के साथ पति अंगद बेदी दिखाई दे रहे हैं. उनकी बेटी मेहर खिलौनों से खेल रही है और उनके पति बेटी के पास सोफे पर लेटे हैं. नेहा नें शेयर किये गए इस तस्वीर के साथ अपने कैप्सन में लिखा है #lockdown #lockdownlove  जिस उन्हें यूजर्स से ढेर सारी प्रतिक्रियाएं भी मिल रहीं हैं.

सोहा अली खान…

 

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Confined to our columns and rows #neveracrossword Day 4

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House party Day 6 #lockdown

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लौकडाउन के दौरान अपने घर से सोहा अली खान नें  बेटी इनाया संग बिताये जा रहें अनमोल क्षणों में से कुछ चुनिन्दा तस्वीरें शेयर की हैं. एक तस्वीर में उनकी बेटी इनाया टेडी वियर के साथ बैठी नजर आ रही हैं. तो दूसरे में बेटी के साथ शेयर तस्वीर के कैप्सन के साथ लिखा है columns and rows #neveracrossword Day 4.

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सनी लियोन…

सनी लियोन (Sunny Leone) भी अपने पति  डेनियल और अपनें तीनों बच्चों निशा, अशर और नोआह के साथ सेल्फ क्वारंटाइन में हैं. ऐसे में वह घर पर रहते हुए पति और बच्चों के साथ इंज्वाय कर रहीं हैं. सनी नें अपने बच्चों का दौड़ लगाते हुए एक वीडियों शेयर करते हुए कैप्सन में लिखा हैं “भगवान का शुक्र है कि मेरे बच्चे आसानी से मनोरंजन कर रहे हैं” (Thank the Lord my kids are easily entertained. Running up and down until they were tired! Tired toddlers = good nights rest! @dirrty99).

काजोल…

 

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About tomorrow..

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काजोल (Kajol) ने अपने बेटे युग देवगन के साथ एक वीडियो रिकार्ड कर शेयर किया और कहा की “हम अक्सर यह कहतें हैं की काश हमारे पास वक्त होता, हमारे बच्चों के साथ बैठने का , हमारे माँ बाप के साथ बैठने का, और हमेशा सोचते हैं काश ये होता काश हमारे पास कुछ नहीं होता करनें के लिए. अब हमारे पास ये वक्त है और वजह भी है तो गाइड प्लीज प्लीज सबके लिए घर के अन्दर रहें और सफाई रखें. वीडियो के का अंत युग नें धन्यवाद बोल कर किया है.

लिसा रे…

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कैंसर से जीतने वाली सुपर मौडल और अभिनेत्री 2018 में सैरोगेसी की मदद से जुड़वा बच्चों की मां बनी लिसा रे (Lisa Ray) ने भी भी अपने जुड़वा बेटियों की तस्वीर इंस्टाग्राम शेयर किया है. और उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील भी की है.

#lockdown: बंदी की कगार पर मध्यम और छोटे कारोबारी

लौक डाउन की वजह से डूबते कारोबारी जगत को अब सरकार से ही राहत की उम्मीद है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को जरूरी एहतियात के साथ कारोबार जगत को पटरी लाने के लिए सतर्कता बरतते हुए उपाय करना चाहिए और कारोबारियो की मदद करनी चाहिए.

देश मे कारोबार और कारोबारियों की हालत बहुत  खराब है. नोटबंदी और जीएसटी की गलत नीतियों से कारोबार जगत उबर भी नही पाया था कि “करोना” और ”लौक डाउन” से कारोबार और भी अधिक टूट गया अब यह बंदी के कगार पर पहुच गया है.

लखनऊ की युवा कारोबारी रोली सक्सेना ने 3 साल पहले गारमेंट्स का अपना बिजनेस शुरू किया. अपनी छोटी सी दुकान को बड़े शो रूम में बदला दिया. 40 हजार रुपये के किराए पर एक जगह लेकर शॉप शुरू की. अचानक नोटबन्दी और जीएसटी की वजह से कारोबार में काफी उथलपुथल आ गई. वो किसी तरह से इन हालातों को संभाल रही थी.

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इसी बीच जब ‘करोना’ और ”लौक डाउन” का समय आया तो कारोबार पूरी तरह बन्द हो गया. दुकान के मालिक ने 40 हजार रुपये किराए की मांग की. रोली ने किराया देने का तो तय कर लिए पर यह सोच लिया कि अब यह कारोबार नहीं करेगी. रोली कहती है “सरकार कारोबारियों को हालात समझती है. उसे इनकी मदद का कोई एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए वरना हमारे जैसे ना जाने कितने कारोबारी कारोबार बंद कर सड़क पर आ जायेंगे.”.

छोटे कारोबारियों के लिए राहत पैकेज दे सरकार : संदीप बंसल

अखिल भारतीय उधोग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने कहा है कि “देश और प्रदेश की सरकार को उन कारोबारियों की चिंता करनी चाहिए जो माध्यम वर्ग के है और आवश्यक सेवाओ का कारोबार नही करते है. यह व्यापारी ऐसी किसी भी सरकारी राहत योजना में भी नही आते जिससे उनको सरकार की मदद मिल सके.”.

कारोबारी नेता संदीप बंसल ने कहा कि “होली के समय से ही इन सबका कारोबार नही चल रहा है. यह अपने खर्चे और कर्मचारियों के वेतन का इंतजाम तभी कर सकते है जब इनकी दुकानें खुले. जब तक इन कारोबारियों की दुकानें नही खुल रही तब तक यह खुद भुखमरी के कगार पर है.”

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संदीप बंसल ने कहा कि “जो बड़े कारोबारी है और सक्षम है वो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में पैसा दे रहे है. तमाम व्यपारी जनता को खाना खिलाने और दूसरी मदद का काम भी कर रहे है. इसके बाद भी देश मे करोड़ो ऐसे व्यपारी है जो रोज कमाने औऱ खाने वाले है. सरकार के पास ऐसे कारोबार और उसको करने वाले लोगो के लिए कोई योजना नहीं है. यह व्यपारी अपने व्यपार के बन्द होने की हालत से परेशान है और उनकी समझ मे नही आ रहा कि कैसे हालात का मुकाबला करे. सरकार से यह लोग भी राहत की उम्मीद कर रहे है.”.

#Lockdown: डिजिटल बन रहा है सहारा, सब्सक्रिप्शन में आई तेजी

कोरोना महामारी के चलते लोग अपने घरों में कैद होकर रह गयें हैं. इस दौर में लोगों के सामने देश दुनियाँ की खबरों पर नजर रखने के साथ ही मनोरंजन के साधनों पर भी ग्रहण लग चुका है. सरकार भले ही अखबार पत्रिकाओं के छपने पर पाबन्दी न लगाने की बात कर रही हो लेकिन आवागमन के साधनों पर पाबन्दी लगने के चलते अखबार पत्रिकाओं सर्कुलेशन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. वहीँ सोसल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रख कर सिनेमाहालों के खुलने पर लगाए गए पाबन्दी नें नई फिल्मों की रिलीजिंग को भी लटका रखा है. टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक शूटिंग बंद होने से रिपीट टेलीकास्ट हो रहें हैं. बार-बार रिपीट हो हो रहे धारावाहिकों को देख कर लोग अब ऊबनें लगें हैं. ऐसे में अब लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर पैसे खर्च कर मनोरंजन के साधनों की तलास करने के साथ ही पत्रिकाओं और अख़बारों को सब्सक्राइब कर रहें हैं.

पत्रिकाओं और अखबारों के साथ ऑनलाइन मूवी दिखाने वाले प्लेटफार्म पर यूजर्स की संख्या में आया उछाल

लोग घर बैठे खबरों और कहानियों को पढने के साथ ही देश दुनियां पर नजर रखने के लिए अब पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म पर निर्भर नजर आ रहें हैं. जिससे मनोरंजन मिलनें के साथ ही अपडेट जानकारियां भी मिल पा रहीं हैं. डिजिटल प्लेटफार्म पर बढ़ रहे खर्चों को देखते हुए बीते कुछ दिनों से पत्रिकाओं और अखबारों नें पाठकों के लिए मुफ्त सेवा पर पाबंदियां लगा दिया है. और मामुली शुल्क पर लोगों को मासिक और वार्षिक आधार पर सब्सक्राइब करने का ऑफर दे रहें हैं. जिसे सब्सक्राइब कर पाठक पूरी तरह से उस डिजिटल प्लेटफार्म का उपयोग पढ़ने के लिए कर सकतें हैं.

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दिल्ली प्रेस के पत्रिकाओं की अगर बात की जाए तो LOCKDOWN के दौरान इसके डिजिटल प्लेटफार्म पर पाठकों की संख्या में तेजी से उछाल आया है. दिल्ली प्रेस अभी भी सरस सलिल और गृहशोभा के डिजिटल प्लेटफार्म को पाठकों के लिए मुफ्त में पढने के लिए उपलब्ध करा रखा है. केवल सरिता डिजिटल के लिए मासिक और वार्षिक आधार पर मामूली शुल्क लिया जा रहा है. जिसे लोग पैसे खर्च कर न केवल सब्सक्राइब कर रहें हैं बल्कि पढ़ने के लिए पूरा समय भी दे रहें हैं.

इन डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये लोग बेहतरीन वेब सीरीज और नई फिल्मों का लुत्फ तक उठा रहे हैं. इस समय लोग टीवी की जगह नेटफ्लिक्स, एमजॉन प्राइम, वूट, जी 5 जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पैसे खर्च कर फिल्मों का मजा ले रहें हैं. इसके अलावा एमजॉन और नेटफ्लिक्स पर वायरस से जुड़ी फिल्मों को दिखाए जाने की होड़ मची हुई है. जिसे देखने के लिए दर्शक पैसे खर्च करनें में ज़रा भी पीछे नहीं हैं यही कारण है. जिससे इनके सब्स्क्रिबर्स की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है.

डिजिटल प्लेटफौर्म के सस्ते प्लान का उठाएं लाभ नहीं तो चुकता करने होंगे अधिक पैसे

अक्सर यह देखा जाता की जब किसी चीज की मांग में बढ़ोतरी होती है तो उसके रेट भी बढ़ जातें हैं. लेकिन इन सबसे इतर डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये लोगों को खबरें, कहानियाँ, लेख, वेबसीरीज, कराने वाले लोगों नें अपने सब्स्क्रिप्सन शुल्क में भारी कटौती की है. लॉक डाउन के दौरान सिनेमा के साथ-साथ अख़बार और पत्रिकाओं के सबस्क्रिप्सन शुल्क में भारी कमी देखने को मिल रही है. लोगों को खबरें,कहानियाँ और मूवी दिखाने वाले डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े लोगों का कहना है की वह इस लॉक डाउन में कम पैसे में लोगों का मनोरंजन करने और अपडेट ख़बरें पहचानें के लिए संकल्पबद्ध हैं जिसका लाभ लोगों को उठाना चाहिए.

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दिल्ली प्रेस की सर्वाधिक पसंद की जाने वाली पत्रिका सरिता ने भी स्पेशल ऑफर का प्लान अपने पाठकों के लिए जारी किया. इस प्लान के तहत पाठक को साल भर के लिए 600 रूपये की जगह केवल 149 रूपये और एक महीने के लिए 50 रूपये की जगह मात्र 29 रूपये सब्सक्राइब करने के लिए खर्च करनें होंगे. सबस्क्राइब करने के बाद सरिता अपने सभी लेख और कहानियां सबस्क्राइब करने वाले पाठक के लिए मुहैया कराता है. कई अखबारों ने अपने डिजिटल प्लेटफार्म पर भी अपने सब्स्क्रिप्सन शुल्क में भारी कटौती की है.

इसी के साथ डिजिटल प्लेटफार्म पर पैसे खर्च कर मूवी देखने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिल रहा है इसका एक कारण शुल्क लेकर डिजिटल प्लेटफार्म के जरिये मूवी और वेबसीरीज दिखाने वाली वेबसाइटों द्वारा भारी कटौती किया जाना भी है.

अगर आप भी हो रहें हो बोर तो आज ही करें सबस्क्राइब

अगर आप भी लौक डाउन (LOCKDOWN) में घर बैठे बोर हो रहें हैं तो बेहतरीन कहानियों और लेखों के साथ ही मन पसंद मूवी, वेबसीरीज देखनें के लिए डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा ले सकतें हैं और इस लौक डाउन में दिए जा रहे औफर का लाभ उठा सकतें हैं.

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#coronavirus: सरकार पर भरोसे की कमी है आइसोलेशन सेंटर से डर की वजह

विदेशों में वहां के लोगो को केवल कोरोना की बीमारी से लड़ना है भारत मे बीमारी के साथ ही साथ यँहा पैदा हुई आपसी दूरियों से भी लड़ना जरूरी हो गया है. यही वजह है कि एक वर्ग सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहा और वो अस्पताल जाने की जगह अपनी बीमारी छिपाने में लगा है.

कोरोना के मरीजों को आइसुलेशन सेंटर से भय लगता है. जिसकी वजह से वो लोग खुद का इलाज कराने की जगह से छिपाने में लग जाते है. भारत मे यह एक अलग तरह का डर लोगो मे देखा जा रहा है. इसका मुकाबला करने के लिए भारत सरकार ने जो तरीका अपनाया वो काउंसलिंग करने की जगह डराने वाला हो गया है.

भारत मे करोना से प्रभावित मरीजों को चिन्हित करके अस्पताल भेजने में पुलिस और प्रशासन को सबसे बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है. महत्वपूर्ण बात यह है कि यँहा 70 साल बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक जनता के मित्र की भूमिका में नही बना सकी है.

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लोगों के मन मे यह ख़ौफ़ बैठा हुआ है कि करोना का पता चलते ही पुलिस पकड़ कर इलाज के लिए अस्पतालों के आइसुलेशन वार्ड में भेज देगी. जंहा पर उनको घर परिवार से मिलने नहीं दिया जाएगा. अगर इलाज के दौरान उनको कुछ हो गया तो परिवार से मिल भी नही पाएंगे. भारत मे रहने वाला हर कोई अंतिम समय अपने परिवार के बीच रहना चाहता है. इस वजह से इलाज कराने की जगह पर वो भागने की कोशिश करता है.

‘आइसुलेशन बनाम डिटेंशन सेंटर’

भारत मे जिस समय करोना का संकट बढ़ रहा था उसी समय नागरिकता कानून पर बहस चल रही थी. जिंसमे यह बात चल रही थी कि जिन लोगो के पास पेपर नही होंगे उनको ‘डिटेंशन सेंटर’ में रहना होगा. यह लोग देश के नागरिक नही माने जाएंगे. मुस्लिम वर्ग में यह बात अच्छी तरह से फैल गई कि मोदी सरकार नागरिकता कानून में मात खाने के बाद करोना संकट के बहाने लोगो को आइसुलेशन सेंटर में रखना चाहती है.

मुस्लिम समुदाय में यह भ्रांतियां भी तेजी से बढ़ी की करोना कुरान से निकला है और वो उनका कुछ नही कर पाएगा. इस तरह की भ्रंतियो से मुस्लिम वर्ग करोना टेस्ट नही कराता हैं. दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में इसी वजह से लोगो ने कानून का पालन नहीं किया.

खराब व्यवहार पर कायम हुआ मुकदमा

जिसकी वजह से बहुत सारे लोगो मे करोना के वायरस फैलने का खतरा बद्व गया हैं. अब जब इन लोगो को ट्रेस करके इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा रहा तो यह लोग वँहा भी दिक्कतें खड़ी कर रहे है. अस्पताल की महिला कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि यह लोग आइसुलेशन वार्ड में गलत हरकते कर रहे थे. महिलाओं को परेशान कर रहे थे.

इस शिकायत के बाद गाजियाबाद के जिला अस्पताल में नर्सों से छेड़छाड़ करने वाले जमाती मरीजों को आरकेजीआईटी के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है.

तब्लीगी जमाती के कोरोना वायरस संदिग्ध के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इनपर  अश्लील हरकतें करने, सहयोग ना करने आदि के संबंध में थानाध्यक्ष ने अपराध संख्या 288/20 अंतर्गत धारा आईपीसी 354 294 509 269 270, 271 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया.

संपूर्ण प्रकरण में समस्त पीड़ित के बयान लेने और साक्ष्य के आधार पर निष्पक्ष विवेचना सुनिश्चित करने हेतु आदेशित किया गया है.

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आइसुलेशन का मनोवैज्ञानिक दबाव :

असल मे जब लोगो को ज़बरदस्ती किसी ऐसी जगह रखा जाता है जंहा वह अपने घर परिवार से ना मिल सके और वह शारीरिक रूप से बीमार हो तो उसका असर उनके दिमाग पर भी पड़ना स्वाभाविक होता है. ऐसे में  सामान्य मरीज में चिड़चिड़ापन हो जाता है. जब मन मे सरकार, प्रशासन और इलाज पर पूरा भरोसा ना हो और यह चिड़चिड़ापन दिमाग पर हावी हो जाता है. ऐसे में यह लोग कुछ गलत व्यवहार कर सकते है.

देश मे हिन्दू मुस्लिम समुदाय में दूरियां इतनी बद्व गई है कि हमारे अंदर एक दूसरे के प्रति भरोसा खत्म हो चुका है. यही वजह है कि जमात ले लोगो के पता लगते ही एक आरोप यह भी लगने लगा कि यह मरीज नही बल्कि मानव बम बन चुके लोग है जो भारत को खत्म करना चाहते है.

इस तरह की आपसी सोच से देश का सामाजिक जीवन खतरे में पड़ रहा है. इसके साथ ही साथ करोना के खिलाफ लड़ाई भी कमजोर पड़ रही है. समाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी कहते है ” समाज मे आपसी दूरी का ही परिणाम है कि एक वर्ग अविश्वास का शिकार हो गया है. सरकार को चाहिए था कि सबसे पहले आपस मे बात करके काम करती जिससे इस तरह को दिक्कते नही आती.’

मनोवैज्ञानिक नेहा आनंद कहती है कि जानलेवा बीमारी का शिकार हो चुके लोग अपना भरोसा ज्यादा खोते है.  ऐसे लोगो का शारिरिक इलाज के साथ मानसिक इलाज भी बहुत जरूरी होता है.  अगर यह मरीज मानसिक रूप से डॉक्टर और अस्पताल या इलाज करने वाली व्यवस्था पर भरोसा नहीं रखेंगे तो ठीक भी नही होंगे.

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मोदी लाइव: साहब! आपसे आवाम भयभीत क्यों रहती है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जब जब टीवी पर देश को संबोधित करने, संदेश देने आते हैं चारों तरफ एक भय का वातावरण, सनाका खींच आता है. आखिर लाख टके का सवाल यह है कि देश की आवाम अपने प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी से भयभीत क्यों रहती है?

जैसे “अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है” एक मुहावरा बन गया है. वैसे ही आज देश में नरेंद्र मोदी की लाइव टेलीकास्ट के समय यह चर्चा बड़े जोरों पर चलती है, ट्रेड करने लगती है कि हमारे प्रधानमंत्री आज जाने क्या “वज्रपात” करेंगे, “बिजली” गिराएंगे!

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शायद यही कारण है कि अपनी इस छवि को दुरुस्त  करने के लिए शुक्रवार का दिन नरेंद्र मोदी ने चयन किया और वक्त भी सुबह 9 बजे का. सबसे बड़ी बात यह कि अपेक्षा के विपरीत, देश की जनता को, सहज  सहलता के साथ सहलाते हुए, यही आग्रह किया कि आगामी पांच अप्रैल दिन रविवार को रात 9 बजे सिर्फ 9 मिनट तक घर में , सब जगह अंधेरा करके, एक दिया जला दिया जाए, एक टार्च  जला दी जाए और यह संदेश दिया जाए कि भारत एक है, भारत की 130 करोड़ आवाम एक है और हम सब मिलकर कोरोना को परास्त करेंगे.

यहां यह बताना लाजमी होगा कि नरेंद्र दामोदर दास मोदी की कार्यशैली पूर्व सभी प्रधानमंत्रियों से बिल्कुल भिन्न है और आपकी एक ही चाहत है कि देश आपको कभी बिसार  न सके संभवत यही कारण है कि बारंबार कुछ ऐसे फैसले लिए जाते हैं जिससे जनता चाहे रो कर नाम ले, की हंसकर नाम ले, नाम तो मोदी का लेना ही पड़ेगा.

मोदी ने अपना मिथक तोड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तीन अप्रैल को एक तरह से अपने ही बनाये मिथक को तोड़ दिया. दरअसल, जाने अनजाने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक बड़ी लकीर खींच दी गई थी. यह लकीर थी, देश की जनता को संबोधन करने के समय कुछ ऐसा प्रहार, कुछ ऐसा वज्रपात, बिजली गिराना की जनता त्राहिमाम त्राहिमाम करने लगे.

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स्मरण आता है 8 नवंबर का वह दिन जब “नोट बंदी” की उन्होंने रात को 8 बजे घोषणा की थी. जब यह संदेश आया था कि प्रधानमंत्री देश को संबोधित करेंगे तो लोगों ने सहजता से लिया था मगर जब रात को 8 बजे उन्होंने नोटबंदी की घोषणा कर दी तो त्राहि-त्राहि मच गई. बाद में जब वह पुनः  रात को आए तो भी जनता को कोई राहत नहीं मिली और यह सबक जरूर मिला की नोटबंदी से आतंकवाद, नक्सलवाद, काला धन समाप्त हो जाएगा. जो कि हम जानते हैं,आज तलक  नहीं हुआ है, इसी तरह जीएसटी पर भी रात को 8 बजे आकर उन्होंने देश को संबोधित किया था. कुल जमा रात को प्रधानमंत्री का आना लोगों में भय, सिहरन पैदा करने लगा था. जिसे आज उनहोंने स्वयं तोड़ने का प्रयास किया है.  मगर मसला यहीं खत्म नहीं होता सवाल है सिर्फ आज के अल्प संवाद से जनता को हासिल क्या हुआ ?जनता को बड़ी अपेक्षा थी कि देश की विषम स्थिति पर, आप मलहम लगाएंगे, मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

कोरोना: यक्ष-प्रश्न यह है

बीते 22 मार्च से, देश एक तरह से घर में बंद है. लॉक डाउन की स्थिति में संपूर्ण देश मानो ठहर गया है.दुकाने बंद है दफ्तर बंद है ट्रेन बंद है, बस बंद है सिर्फ अति आवश्यक कार्य जारी है देश ने अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात को माना और सम्मान करते हुए स्वयं को घरों में कैद कर लिया है. मगर इसके बावजूद देश की स्थिति भयावह होती चली जा रही है लोग सड़कों पर रात बिताने को मजबूर हैं. लोग भूखे हैं, लोग पैदल सैकड़ों किलोमीटर अपने घर की ओर लौट रहे हैं. दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज की घटना से देश उद्वेलित है लोगों पर थूका जा रहा है, डाक्टर  अपना काम निष्ठा पूर्वक कर रहे हैं. मगर डॉक्टरों के लिए सरकार द्वारा सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. ऐसे में देश में एक जन भावनाओं का उद्वेलन देश के नायक ही पैदा कर सकते हैंएक दिशा  प्रदान  कर सकते हैं . आज अगर मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं तो उनसे अपेक्षा देशवासियों को है कि इन मसले पर भी, अपने उद्गार व्यक्त करके देश को दिशा प्रदान करें.

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Lockdown ने बिगाड़े किसानों के हालात, खेतों में पड़ी सड़ रही हैं फसलें

लेखक- हरीश भंडारी

कोरोना जैसी महामारी   से बचने के लिए देश में जारी 21 दिन के लौकडाउन के बाद जहां एक तरफ गरीब व दिहाड़ी मजदूरों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा है, वहीं तो दूसरी तरफ गरीब किसान अपनी फसलों को खेतों में सड़ते देख खून के आंसू बहा रहा है. लौकडाउन की घोषणा के बाद से ही खेतों में पड़ी फसल, खेतों में पड़ी-पड़ी सड़ रही है. मंडियों का काम ठप हो गया है, तो जिसकी वजह से फसलों की खरीद भी बंद है. ऐसे में किसान करे तो क्या करे. वह बडी ऊहापोह की स्थिति में है.

किसानों की खस्ता हालत

किसानों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें किसी फसल से कोई कमाई नहीं हो पायी है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और पंजाब के किसानों का भारी नुकसान हुआ है. किसानों का मानना है कि उनकी दशा  बड़ी दयनीय हो गई है. एक तरफ उनका पेमेंट फंसा हुआ है तो वहीँ, सड़ती फसल के नुकसान की भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही कह चुका है कि कोरोना से बचाव के चलते लॉकडाउन आगे बढ़ाया जा सकता है. तो वहीँ लॉकडाउन से परेशान किसान इस आशंका को लेकर तनाव में आ गए हैं. किसान नेताओं का कहना है कि यह संकट अभी और बढ़ सकता है. अगले कुछ दिनों में अंगूर, तरबूज, केले, चना, कौटन, मिर्च, हल्दी, जीरा, प्याज और आलू की फसल आने वाली है.

लौकडाउन के चलते मंदी के आसार

लौकडाउन के चलते किसानों को फसलों के लिए मजदूर मिलने मुश्किल हो गए हैं और फिर बाजार में भी बिक्री करना आसान काम नहीं होगा. वहीँ किसानों की माने तो लॉकडाउन की वजह से बाजार में मंदी के बने रहने के आसार हैं, जिससे डिमांड कम हो जाएगी और किसानों को उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल पाएगा

भूख के आगे धुआं हुआ कोरोना का खौफ

एक रिपोर्ट के अनुसार, किसान संगठनों के समूह के कंसोर्टियम के मुख्य सलाहकार ने बताया कि ‘केंद्र सरकार बार-बार यह बात कह रही है कि लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी. जबकि किसानों की खेती खड़ी है और राज्यों की ओर से किसानों को फसलों की कटाई नहीं करने दी जा रही. फसलों को बाजार नहीं पहुंचने दिया जा रहा है और खरीदारों को खरीदारी से रोका जा रहा है.’  उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस मसले पर समय पर ध्यान न दिया तो हालात बदतर हो सकते हैं यानी किसानों पर दोहरी मार पड़ने के आसार हैं.

ट्रांसपोर्ट की समस्या

किसानों के अलावा फलों और सब्जियों की ढुलाई करने वाले ट्रक संचालकों का कहना है कि वे भी लौकडाउन की वजह से संकट का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद से ही देशभर में बिना खाने और पैसे के उनके लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं.

गेंहू के दाम गिरे

वहीं लौकडाउन के कारण गेहूं की फसल के दाम भी गिर गए हैं. एक तरफ जहां सभी मंडियों में काम ठप्प है तो वहीँ जिस मंडी में काम चल भी रहा है, वहां सिर्फ 1,600 रुपये प्रति क्विंटल के दाम में गेहूं की खरीद की जा रही है. जबकि पिछले दिनों गेहूं के रेट 2,200 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास थे, जबकि सरकार की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 1,840 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन लॉकडाउन के बाद किसान इससे भी कम दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर हैं.

 बंपर पैदावार के बाद भी किसान परेशान, सड़कों पर फेंकी फसल

आंध्र प्रदेश में टमाटर, मिर्च और केले के किसान बुरी तरह से लॉकडाउन की मार झेल रहे हैं. कई जगहों पर किसानों ने अपनी उपज को सड़क पर फेंक दिया है.

कोरोना : घर में रहें, इम्यूनिटी बढ़ाएं

‘अर्जुन अवार्ड’ विजेता और ओलिंपिक खेलों में भारत का मान बढ़ाने वाले मुक्केबाज मनोज कुमार ने कोरोना महामारी से बचने के लिए सब से घर में रहने की अपील की है. उन का कहना है कि जब घर में ही परिवार के साथ रहना है तो सेहतमंद चीजों का सेवन करें और रोजाना कसरत जरूर करें. ऐसी कसरतें चुनें जिन का आप के पूरे शरीर पर अच्छा असर पड़े.

बचपन में आप ने खूब रस्सी कूदी होगी जिसे स्किपिंग कहते हैं. इस कसरत में बस एक रस्सी की जरूरत होती है, पर यह रस्सी कूदना बहुत फायदेमंद होता है. इस के अलावा अपने शरीर का खयाल रखें, शासन और प्रशासन के कहे मुताबिक रहें, बेवजह घर से बाहर न जाएं

डाइटीशियन नेहा सागर का मानना है कि कोरोना से मजबूती से लड़ने के लिए हमें अपने शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने की जरूरत है. इस के लिए विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन करें. यह सभी तरह के खट्टे फलों, पपीता और लाल शिमला मिर्च में  पाया जाता है. अगर कहीं लौकडाउन के चलते सब्जियों या फलों की कमी हो गई है तो विटामिन सी के सप्लीमैंट भी ले सकते हैं.

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विटामिन सी के अलावा दूसरी चीजों जैसे लहसुन, अदरक और ग्रीन टी का भी सेवन कर सकते हैं. खाली पेट लहसुन की कली का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है.

विटामिन डी भी इन हालात में जरूरी है. चूंकि अभी ज्यादातर लोग घर पर ही हैं तो वे उतना ही खाएं जो आसानी से पच सके. शराबसिगरेट के सेवन से बचें.

इस की वजह यह है कि इन के सेवन से शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत कम होती है. सिगरेट पीना तो इसलिए हानिकारक है, क्योंकि यह हमारे गले के साथसाथ फेफड़ों पर भी बुरा असर डालती है.

भारतीय रेलवे कुश्ती टीम के कोच और इंटरनैशनल रैफरी कृपाशंकर बिश्नोई ने इस लौकडाउन में सब को दंड बैठक करने की सलाह दी है. उन का मानना है कि अगर लोग घर पर दंड बैठक भी कर लेते हैं, तो उन्हें किसी और वर्कआउट की जरूरत नहीं है. दंड बैठक सभी कसरतों का राजा है और इस से आप की फिटनैस का लैवल बढ़ता है.

मुंबई में आइडियल बौडी (आईबी) फिटनैस नामक जिम चलाने वाली और प्रोफैशनल पर्सनल ट्रेनर अंजू गुप्ता ने बताया कि कोरोना के कहर से बचने के लिए लोगों को अपनी इम्यून पावर बढ़ाने वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए जैसे फल, सूखे मेवे, सब्जियां और ऐसी चीजें जिन में विटामिन सी की प्रचुरता हो जैसे नीबू, अदरक, संतरा वगैरह.

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जहां तक कसरत की बात है तो लोगों को ऐसे काम करने चाहिए जिन से उन का दिल मजबूत बने, ताकि उन का ब्लडप्रैशर सही रहे. घर के काम जैसे साफसफाई, कपड़े धोना भी बिना किसी जिम के उपकरण के करने वाली कसरत ही मानी जाएगी. बौडी स्ट्रैचिंग भी जरूरी है. साथ ही अपने मन को भी शांत रखें.

इस के अलावा उन कसरतों को ही ज्यादा करें जिन में फ्लोर और आप की बौडी की ही जरूरत हो. इस विपदा में आप का घर में रहने के साथसाथ सेहतमंद रहना भी जरूरी है.

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