छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां कोरोना महामारी एक हद तक काबू में है. इन पंक्तियों के लिखे जाने तक इस भीषण महामारी की चपेट में एक भी शख्स की मृत्यु नहीं हुई है. शायद यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के शहरों में कोरोना महामारी का भय सिर्फ सरकारी विज्ञापन, पुलिस की लाठी तक केंद्रित होकर रह गया है. बाजारों में, सड़कों पर, मोहल्लों में गांव गांव में जो दृश्य देखने को मिल रहा है वह बेहद हैरत अंगेज है. क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का यहां पालन नहीं हो रहा है.दूसरी तरफ
कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण और लॉक डाउन के बीच छत्तीसगढ़ में शराब दुकानों के खोले जाने से कांग्रेस सरकार, सोशल मीडिया से लेकर विपक्ष के निशाने में आ गई है. सरकार के खिलाफ यह नाराजगी उस वादे के उल्लंघन को लेकर है जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने किया था, वादे के अनुसार सूबे में सरकार बनने पर प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू की जाएगी. अपने इस वादे को लेकर डेढ़ साल पुरानी यह सरकार विपक्ष के निशाने पर तो पहले से ही थी लेकिन लॉक डाउन में 45 दिन दुकान बंद रखने के बाद दुबारा ऐसे वक्त में पुनः शराब दुकान चालू किये गये जब लोगों की यह लत छूट चुकी थी. जिससे अब एक बार फिर सबके निशाने में भूपेश बघेल सरकार आ गई है.
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और हालात यह है कि इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ की सरकार ने मौन साध लिया है. लोगों की आलोचनाओं को झेलते हुए एक मंत्री शिव कुमार डहरिया का बयान हास्यास्पद रूप से सामने आया है कि छत्तीसगढ़ में तो शराब प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर बेची जा रही है .
भाजपा अर्थात विपक्ष हुआ आक्रमक
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस की सरकार शराबबंदी के नाम पर बनी है. यह एक अच्छा अवसर सरकार खो रही है क्योंकि 40 दिन तक लोग बिना शराब के रह चुके हैं. अभी तक शराब नहीं मिलने के कारण किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है. धारा 144 के बीच शराब दुकानों में लंबी-लंबी कतारों में सोशल के साथ ही पर्सनल डिस्टेंशिंग के उल्लंघन पर डॉ रमन सिंह ने चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार को लोगों की चिंता नहीं है. लाइन में एक दूसरे से सट कर लोग खड़े हैं, शराब दुकान प्रारंभ कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जी उडा़ई जा रही है. सवाल यह है कि जब सरकार के वरद हस्त में सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ रही हैं तो कोरोना विषाणु महामारी से प्रदेश आगे कैसे बचेगा यह बड़ा सवाल है.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने एक अन्य महत्वपूर्ण मसले पर भूपेश बघेल सरकार को घेरते हुए कहा है देश के अन्य राज्यों से आने वाले नागरिकों को, परमिशन लेकर आने वालों को राज्य की सीमा में रोका जा रहा है. जो बिना अनुमति आ रहे हैं उन्हें ट्रक में बैठाकर छोडा़ जा रहा है.
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“क्वॉरेंटाइन सेंटर” में शराब पीकर लोग झूम रहे
दूसरे भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजधानी पत्रकारों से मुलाकात करके सरकार के द्वारा शराब दुकान खोले जाने पर निशाना साधते हुए कहा कि कवर्धा में क्वॉरेंटाइन सेंटर में कोरोना के मरीज पाए जा रहे हैं. शराब पीकर के वहां झूम रहे हैं. महिलाएं विरोध कर रही है तो उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया जा रहा है. मामला तो उन अधिकारियों पर दर्ज होना चाहिए. जहां पर शराब दुकान में 5 से ज्यादा लोग नजर आते हैं . उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा भूपेश सरकार अपनी पूर्ण शराबबंदी का वादा निभाए हम सरकार को उसके द्वारा किए गए वादे की याद दिलाते हैं.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति कर रही है, एक जिले से दूसरे जिले में लोगों को जाना है उसके लिए परमिशन नहीं मिल रही है. लोग अपना आवेदन लेकर केवल घूम रहे हैं अभी तक कितना पैसा आपने कोरोना के लिए खर्च किया है यह सार्वजनिक करे सरकार. सरकार यह भी सार्वजनिक करे कि सरकार के पास कितने मजदूरों और कितने छात्रों का आवेदन आया है, इसको सार्वजनिक करें और कितनी ट्रेन की मांग केंद्र सरकार से की है, उसे भी सार्वजनिक करें केवल गोलमोल बातें कर रही है कांग्रेस की भूपेश सरकार. उन्होंने धान खरीदी को लेकर भी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि किसानों को डिफरेंस की राशि देने के लिए मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था, लेकिन मई का महीना शुरू हो गया है और अभी तक उनके खाते में पैसे नहीं गए.