उन्होंने कहा कि लौकडाउन बढ़ाना कोरोना का इलाज नहीं है, बस यह इस को फैलने से रोकता है. अगर सोचें कि किसी एरिया या राज्य में पूरी तरह से लौकडाउन कर दिया और वहां केस जीरो हो जाएंगे, मुश्किल है. ऐसा तो पूरी दुनिया में हो रहा है. अमेरिका, स्पेन, इटली और यूके भी इस बीमारी से अछूते नहीं हैं. इसे ले कर लोगों के अंदर एक डर बैठ गया है. जिस दिन मौत का डर निकल जाएगा, उस दिन लोगों के मन से कोरोना का डर भी खत्म हो जाएगा.

उन्होंने आगे कहा, "अगर हम दिल्ली को लौकडाउन कर के छोड़ दें तो केस खत्म नहीं होने वाले. लौकडाउन कोरोना को कम करता जरूर है, पर खत्म नहीं. इसलिए अर्थव्यवस्था को खोलने का समय आ गया है. इस के लिए दिल्ली तैयार है."

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी परेशानी जाहिर करते हुए कहते हैं कि अगर लौकडाउन के बाद भी पौजिटिव केस बढ़ते हैं तो हम लोगों को इस के लिए तैयार रहना होगा. केंद्र सरकार को चाहिए कि पूरी तैयारी के साथ धीरेधीरे राज्यों से लौकडाउन खोले. जो रेड जोन हैं, केवल उन इलाकों को बंद रखना चाहिए.

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दिल्ली ने कोरोना महामारी के दौरान बड़ी मुश्किल लड़ाई लड़ी. वे कहते हैं कि कोरोना से बचाव ही बेहतर इलाज है. पर हमें जीने की आदत बदलनी होगी. इस के लिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए, जिन में 2 खास है.

पहला तो यह कि कोरोना को फैलने से रोकना है. इस के लिए हमें खूब टैस्टिंग करनी पड़ेगी. जो भी कोरोना का मरीज मिले, उसे ठीक कर के ही घर भेजो. वहीं दूसरा यह कि मौत पर कंट्रोल करना है. किसी भी हालत में मौत नहीं होनी चाहिए.

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