यह कौन सा सुशासन है, नीतीश कुमार बताएंगे -प्रशांत किशोर
देश में लागू लौकडाउन के बीच भाजपा के एक एमएलए को वीआईपी पास जारी करने के मुद्दे को ले कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं. जानिए क्या है पूरा मामला...
देश में कोरोना वायरस के बढते कहर के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विपक्ष जम कर भड़ास निकाल रहे हैं. ताजा मामला राजस्थान के कोटा में पढ़ रहे बिहार भाजपा के विधायक अनिल सिंह को ले कर है. विपक्ष का आरोप है कि विधायक का एक बेटा जो राजस्थान के कोटा में रह कर पढाई कर रहा है, को लाने के लिए नीतीश सरकार ने पास जारी किया जो लौकडाउन का सरासर उल्लंघन है, वह भी तब जब इस के पूर्व में कोटा में फंसे सैकङों बच्चों को जब वहां की सरकार ने बिहार जाने की अनुमति दे दी थी तब बिहार के सीमा पर इन्हें रोक दिया गया था. बाद में नीतीश कुमार इस शर्त पर इन छात्रों को राज्य में आने देने के लिए राजी हुए कि इन्हें कुछ दिन क्वारंटाइन में रखा जाएगा.
अब नीतीश के कभी काफी करीब रहे और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत कुमार ने सरकार पर निशाना साधा है.
एक के बाद एक ट्वीट कर प्रशांत किशोर ने कहा,"कोटा में फंसे सैकड़ों बच्चों को नीतीश कुमार ने यह कह कर खारिज कर दिया कि ऐसा करना लौकडाउन की मर्यादा के खिलाफ होगा. अब उन्हीं की सरकार ने बीजेपी के एक एमएलए को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दे दी. नीतीशजी, अब आप की मर्यादा क्या कहती है?"
बिहार के गरीब मजदूर फंसे पड़े हैं
इस से पहले भी प्रशांत किशोर ने कई ट्विट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था, जब बिहार के प्रवासी मजदूरों को बिहार में प्रवेश को ले कर नीतीश कुमार ने इसे लौकडाउन का उल्लंघन बताया था.