#coronavirus: यमराज की अपील

लेखक- राजेश चौरसिया

  • सड़कों पर उतरे यमराज..
  • पुलिस ने यमराज से दिलवाई समझाईश..
  • पुलिस की लॉक डाउन को लेकर अनोखी पहल..
  • लोगों को लॉक डाउन के प्रति सजग रहने करने प्रयास..

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देशभर में फैली कोरोना महामारी से बचने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे भारत में लॉक डाउन कर दिया है और पुलिस प्रशासन लोक डाउन को सफल बनाने के लिए लोगों को नए नए अंदाज में समझा दे रही है. कहीं पुलिस गाना गाकर लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए कह रहे हैं तो कहीं अलग ही कुछ कलाएं दिखाकर लोगों को समझा बुझा रहे हैं ऐसा ही मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में पन्ना पुलिस ने लोगों को समझाएं इसके लिए सड़कों पर साक्षात यमराज को उतारा है और बखूबी यमराज भी पन्ना की सड़कों में घूमकर लोगों को लॉक डाउन के नियम व घर में रहने की समझाइश दे रहे हैं जरा देखिए यमराज जी किस तरह पन्ना की जनता को समझा रहे हैं.

yamraj

यमराज (मोहन लाल जड़िया यमराज के किरदार में) कह रहे हैं कि मैं पन्ना की  जनता से नाराज हूं क्योंकि आप लोग लॉक डाउन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं अगर आप लोगों को करो ना जैसी महामारी से बचना है तो आप अपने घरों में रहिए अपने हाथों को बार-बार दोगे और एक दूसरे से डिस्टेंस बनाकर रखिए अगर ऐसा नहीं किया आपने तो मुझे मजबूरन आप लोगों को अपने साथ ले जाना पड़ेगा हा हा हा हा हा हा.

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अक्षय कुमार ने Corona के खिलाफ काम कर रहे लोगों को बोला थैंक्यू, बताया रियल आर्मी

कोरोना के चलते लगाए गए लॉक डाउन में लोगों को खाने- पीनें की चीजों की कमी न हो, घर से बिना निकले ही जरुरी दवाएं घर पर ही मिल जाएँ, घर के सामने गंदगी न हो समय से कूड़ा उठ जाए, बीमार पड़ने पर अस्पताल में हमारी सही से देखभाल हो. इस लॉक डाउन में में कोई भूखा न सोने पाए ऐसे लोगों को समय से पका पकाया भोजन मिल जैसे तमाम काम हैं जिसे पूरा करनें के लिए इस जोखिम में भी लाखों लोग 24 घंटें काम कर रहें. वह भी खुद के परिवार से दूर रहते हुए. ये सब काम ये लोग इस लिए कर रहें हैं की आप और आप का परिवार सुरक्षित रहे. इस लिए इस मुहिम में लगे लोगों को कोरोना वारियर्स नाम दिया गया है.

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कोरोना की जंग जीतने में लगे ऐसे लोगों का हौसला कम न हो इसके लिए तमाम लोग आगे आकर उनका हौसला भी बढ़ा रहें हैं. इसमें चाहे आम आदमी हो या सेलेब्रेटीज सभी नें कोरोना वारियर्स के जज्बे को सलाम किया है. अमिताभ बच्चन भी कोरोना वारियर्स के जज्बे को सलाम कर चुके हैं. इस कड़ी में एक नाम और भी जुड़ गया है वह नाम बॉलीवुड के महान नायक अक्षय कुमार का. उन्होंने अपने इन्स्टाग्राम एकाउंट पर एक वीडियो अपलोड कर ऐसे वारियर्स को असली आर्मी बताते हुए उनके जज्बे को सलाम किया हैं.

उन्होंने अपने वीडियो में कहा की “कल मेरी बात मुंबई पुलिस की एक ऑफिसर से हो रही थी वह मेरा दोस्त है. उसकी कही एक लाइन ने मुझे सोचने पर मजबूर मजबूर कर दिया. कह रहा था की अक्षय कमाल है ना कि आप लोग अपने घर से बाहर निकलने से डर रहें हैं और हम हैं अपने घर जाने से डर रहे हैं. सारा दिन सड़क पर रहते हैं इतनें लोगों से मिलते हैं कई बीमारियां अपने घर वालों को ना दे दे इसलिए हम घर नहीं जाते,दस-दस दिन बारह –बारह दिन.

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मैं बहुत दिन देर तक सोचता रहा हमें अंदाजा भी नहीं है कि हम सेफ रहे हैं इसके लिए कितने लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर हमारे लिए दिन रात काम कर रहे हैं. हमारी पुलिस फ़ोर्स, नगर नगर निगम के वर्कर्स, डाक्टर्स, नर्सेज, अलग-अलग एनजीओ के वालंटियर्स,हमारे सरकार के लोग, राशन वाले, सब्जी वाले, दूध वाले, बिल्डिंग का जो वाचमैन है वह भी. और भी ऐसे जरूरी काम करने वाले बहुत से लोग है मैं समझता हूँ की पूरी आर्मी हैं जो चौबीस घंटें काम कर रही है. ताकि हम और हमारे परिवार सुरक्षित रहें.

और हम लोग क्या कर रहे हैं घर बैठ कर फिल्में भी देख रहे हैं, वेब सीरीज देख रहें हैं बस. यार एक थैंक्यू तो बनता हैं. दिल से थैंक यू भाई मेरे. अगले ट्वीट में इसके बाद जो ट्वीट डालूंगा मैं सबको अपने और अपने परिवार वालों की तरफ से दिल से थैंक यू करुंगा. अगर आप चाहें मेरा अगला ट्वीट कॉपी पेस्ट कर सकते हैं. सिर्फ अपना नाम और सिटी रिप्लेस करके कोई भी सोशल मीडिया जिस पर हों फेसबुक हो ट्विटर हो इंस्टाग्राम हो पर शेयर करे. हैज टैग दिल से थैंक्यू के साथ”.

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इसके पोस्ट के बाद उन्होंने दिल से थैंक्यू वाला ट्विट भी किया है. जिसमें उन्होंने अपना नाम और शहर का नाम लिखते हुए कहा है मेरे और सिर्फ परिवार के तरफ से  … पुलिस, नगर निगम के कार्यकर्ता, डॉक्टर, नर्स, गैर-सरकारी संगठन, स्वयंसेवक, सरकारी अधिकारी, विक्रेता, भवन के रखवाली करने वाले लोगों को दिल से थैंक्यू”. (Name : Akshay Kumar,City : Mumbai, Mere aur mere parivaar ki taraf se…Police, Nagar Nigam ke workers, doctors, nurses, NGOs, volunteers, government officials, vendors, building ke guards ko #DilSeThankYou) जिसे लोग कॉपी करके अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर कर रहें हैं.

पकी फसल पर भारी पड़ रहा है Corona का कहर

लेखक- लोकमित्र गौतम

देश का उद्योग और सेवा क्षेत्र तो कोरोना के कहर के चलते पहले से ही हाहाकार के दौर से गुजर रहा था. लेकिन लगता है अब कोरोना वायरस कृषि क्षेत्र में भी बुरी तरह से कहर बरपाकर ही रहेगा.कहने को तो कृषि कार्य को लॉकडाउन से छूट दी गयी है, लेकिन संकट यह है कि रबी फसल में सबसे ज्यादा होने वाली गेंहूँ की फसल को खेतों से काटने,थ्रेसर में कतरने और अनाज को मंडी तक पंहुचाने के लिए सर्वाधिक गेहूं उत्पादक राज्यों में इस समय लेबर ही नहीं हैं.अकेले पंजाब को इस समय गेहूं की फसल को काटने के लिए 6 लाख से ज्यादा लेबर्स की जरूरत है.अगर इसमें हरियाणा और सर्वाधिक गेहूं उत्पादन करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश को भी जोड़ लें तो इन तीनों राज्यों में कम से कम 20 लाख मजदूरों की जरूरत है.लेकिन यूपी में तो फिर भी लेबर मिल सकती है,लेकिन पंजाब और हरियाणा की बहुत बुरी हालत है.इन दोनों ही राज्यों में भयानक लेबर संकट पैदा हो गया है.

चूंकि यह संकट मार्च के दूसरे हफ्ते से ही दिखने लगा था.इसलिए चना,मसूर और लाही तो किसानों ने किसी तरह काट ली है और करीब करीब फसल घर भी आ गयी है.लेकिन गेहूं जो कि रबी की कुल फसल में करीब 70% तक होती है,कोरोना के चलते संकट में फंस गयी है.इस साल वैसे भी किसानों ने गेहूं की फसल करीब 5.68 लाख हेक्टेयर में बोई थी जो कि पिछले साल के मुकाबले करीब 8 फीसदी ज्यादा रकबा था.इसलिए इस साल उत्पादन भी 80 से 90 लाख टन ज्यादा होने की उम्मीद थी.गौरतलब है कि हिन्दुस्तान में 2019 में करीब 10 करोड़ 62 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई थी,जिसके इस साल करीब 11 करोड़ टन के ऊपर जाने की उम्मीद है. लेकिन अब डर लगने लगा है.क्योंकि गेहूं की फसल खेतों में पकी खडी है.मगर दूर दूर तक पंजाब में लेबर नहीं दिख रही और मंडिया भी बंद हैं.

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वैसे हरियाणा सरकार ने घोषणा की है कि अगर हर पंचायत में नहीं संभव हुआ तो कम से तीन पंचायतों के बीच एक फसल खरीद केंद्र स्थापित किया जायेगा. ताकि किसानों को अपनी फसल लेकर बहुत दूर न जाना पड़े.वैसे देश में अनाज का अच्छाखासा बफर स्टॉक है .फिर भी मंडी तक अनाज पहुंचने में देर होगी तो खुले बाजार में खाद्यान्न का संकट खडा हो जाएगा.इसलिए किसानों की मांग है कि उन्हें अपने घर से मंडियों तक अनाज को पहुंचाने की व्यवस्था सरकार करे वरना खाद्य पदार्थों की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.

कृषि फसल को कोरोना संकट से बचाना इसलिए जरूरी है क्योंकि तमाम इंडस्ट्री पहले ही कोरोना के चलते पस्त हो चुकी हैं.एविएशन इंडस्ट्री को करीब चार अरब डॉलर का नुकसान अब तक हो चुका है. हॉस्पिटैलिटी,टूरिज्म सेक्टर की हालात भी देखने लायक नहीं बची.होटल और रेस्टोरेंट चेन बुरी ध्वस्त हो गयी है. ये क्षेत्र तो कोरोना के खात्मे के कई महीनों बाद तक भी सन्नाटे में ही रहने वाले हैं. ऑटो इंडस्ट्री की भी बहुत बुरी हालत है. इसे भी करीब दो अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ सकता है. हालांकि कृषि फसल को मंदी से वास्ता नहीं है.यहां सबसे बड़ा संकट लेबर और मंडियों तक पहुंचने के ट्रांसपोर्ट का संकट है.लॉक डाउन के चलते एक जगह के उत्पाद दूसरी जगह तो बिलकुल ही नहीं पहुँच पा रहे हैं.मसलन दिल्ली की सब्जी मंडी तक दूर के उत्पाद नहीं पहुँच पा रहे.नतीजा अलीगढ़ फरुक्खाबाद,कन्नौज आदि में जो दिल्ली के लिए सब्जियां बोई गयी हैं,सब अब किसानों को डुबाने वाली हैं.

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वैसे लॉकडाउन में किसानों के लिए किसान हेल्पलाइन बनाई गयी है और पहले से भी एक हेल्पलाइन मौजूद है.लॉकडाउन अवधि के लिए किसानों की सुविधा के लिए तमाम किसान कॉल केंद्र भी बनाये गए हैं.लेकिन हम सब जानते हैं इस देश में आपदा प्रबन्धन कितने गैर जिम्मेदार ढंग से होता है.इसलिए खेती-किसानी के लिए गृह मंत्रालय के मुताबिक़ चाहे जो आदेश हों व्योहार में तो ये सब पुलिस की मर्जी से ही नियंत्रित होते हैं. चूँकि लौकडाउन में मजदूर घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं.साथ ही यूपी जैसे गेंहूँ के सबसे बड़े उत्पादक राज्य में पर्याप्त संख्या में कंबाइन हार्वेस्टर भी उपलब्ध नहीं है,इससे एक बात बहुत स्पष्ट है कि फसल की कटाई में विलंब होगा साथ ही इससे काफी कुछ अनाज भीं बर्बाद होगा क्योंकि फसल बहुत ज्यादा पक चुकी होगी.

Lockdown के बीच लोगों की सेवा में लगे सप्लाई वौरियर्स को बिग बी ने ऐसे किया सलाम

कोरोना में लगाए गए Lockdown के चलते उपजे हालातों से उबारने के लिए सुपरस्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) लगातार प्रयासरत हैं. चाहे वह दिहाड़ी मजदूरों को खाद्य राहत के रूप में सहयोग रहा हो यह लोगों को जागरूक करने की मुहिम हो. इसी कड़ी में बिग बी नें Lockdown के बीच लोगों की सेवा में लगे लोगों को एक वीडियो जारी कर सलाम किया है. उन्होंने नें लोगों के घरों तक खाद्य सामग्री मुहैया कराने की मुहिम में लगे लोगों की न केवल सराहना की बल्कि उनके जज्बे को सलाम भी किया. ऐसा उन्होंने इससे जुड़ा एक वीडियों शेयर कर किया है.

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ट्विटर, इन्स्टाग्राम और फेसबुक एकाउंट पर शेयर किये वीडियों की शुरुआत वह अपने चिरपरिचित अंदाज से करते हुए कहते हैं  भाइयों, बहनों देवियों और सज्जनों नमस्कार! मैं हूँ अमिताभ बच्चन. एक तरफ जब आज सारा देश प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर Lockdown का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे रहा है. वहीं दूसरी ओर ऐसे ऐसे निस्वार्थ कर्मयोद्धा भी हैं, जो हमारी रोजमर्रा की जरूरी है वस्तुएं हमें इतनी सहजता से उपलब्ध करवा रहें हैं और इस लड़ाई में एक बहुत ही अहम भूमिका निभा रहे हैं. इन सप्लाई वारियर्स या सप्लाई योद्धा की स्वार्थहीन निष्ठा अपने आप में बहुत बड़ा कारण है जिनकी वजह से कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जो Lockdown वह सफल हो रहा है.

उन्होंने कहा की मै इन सप्लाई वारियर्स का तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूँ, जिनमें शामिल हैं अपने घर परिवार से सैकड़ों मील दूर काम कर रहे लाखो ट्रक ड्राइवर, सामान की लोडिंग अनलोडिंग करने वाले हमारे भाई बहन, रेलवे रैक,कार्गो,बंदरगाहों पर कार्यरत कर्मचारी, भारतीय वायु सेना, एयर इन्डिया के पायलट्स और क्रू और वह तमाम लोग जो खाद्य पदार्थ और जरूरी दवाइयों की सप्लाई में जी-जान से काम कर रहें हैं. मै सभी स्थानीय दुकानदार और डिलीवरी में जुटे बहनों और भईयों जो दूध,सब्जी,फल, खाद्यान्न आदि हमारे घर पहुंचा रहे हैं या हमें दुकानों पर मुहैया करा रहे हैं उन सब का भी मै बहुत आभारी हूं.

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उन्होंने नें अपने वीडियो में कहा की मै उन सबका भी आभारी हूँ जिनकी वजह से जितनी भी जरूरी वस्तुएं हैं बहुत ही सहजता से आपको उपलब्ध हो रही हैं. बाकी देशवासियों से मेरा बहुत विनम्र निवेदन है कि आप निश्चिंत रहें इन सप्लाई वॉरियर्स के चलते आप को जरुरी चीजों की कहीं कोई कमी नहीं होगी. इसी लिए अनावश्यक चीजों को आप इकट्ठा न करें, जमाखोरी न करेंघर में रहें सुरक्षित रहें. मै एक बार फिर देश के इस महान सेवा के लिए सभी सप्लाई वारियर्स को कोटि-कोटि नमन करता हूँ नमस्कार! बिग बी द्वारा शेयर किये गए इस वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुकें हैं और इस पर लोगों नें बहुत ही अच्छे कमेन्ट और रिक्यशन दियें हैं.

इस Lockdown के चलते फिल्मों की शूटिंग बंद है और सभी एक्टर्स अपने घरों में हैं इसी कड़ी में अमिताभ बच्चन भी अपने घर पर में हैं लेकिन अगर उनके वर्तमान प्रोजेक्ट की बात करें तो वह जल्द ही फिल्म ब्राम्हस्त्र में नजर आने के साथ ही डायरेक्टर नागराज के फिल्म फिल्म का नाम झुंड में भी नजर आने वाले हैं  साथ ही वह  शूजीत सरकार के निर्देशन में बन रही फिल्म गुलाबो में भी नजर आने वाले हैं.

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डगमगाती इंसाफ की देवी, मनपसंद फैसला नहीं तो बिफरा वकील

इंसाफ के मंदिर में बैठ जज साहब ने ज्यों ही अपना फैसला सुनाया, एक वकील साहब इतना भड़क गए कि गालीगलौज पर उतर आए. उन्होंने गुस्से में जज साहब से यहां तक कह दिया कि उन्हें कोरोना हो जाए.

भरी अदालत में इस तरह का वाक़िआ शायद ही देखने को मिले, जब वकील ही जज पर इस तरह का लांक्षन लगाए.

वकील ने गुस्से में आ कर जज साहब को ही श्राप दे डाला कि उन का भविष्य अंधकारमय हो जाए और उन्हें कोरोना वायरस लग जाए.

जी हां, यह मामला 7 अप्रैल, 2020 को कलकत्ता हाईकोर्ट का है. वकील के इस ‘निकृष्ट आचरण’ से नाराज जज ने उस के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की अनुशंसा की है.

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कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अदालत की गरिमा को बनाए रखने में नाकाम और इस गरिमा वाले पेशे के सदस्य के अनुसार आचरण न करने पर वकील विजय अधिकारी को नोटिस भेजे जाने की तारीख के 15 दिनों के भीतर अवमानना नियम के तहत जवाब देने को कहा है.

बता दें कि कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने और पूरे देश में लॉक डाउन हो जाने की वजह से कलकत्ता हाईकोर्ट 15 मार्च से सिर्फ जरूरी मामलों की ही सुनवाई कर रहा है. 25 मार्च से अदालत ऐसे मामलों की सुनवाई सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कर रहा है.

वकील विजय अधिकारी ने कर्ज अदायगी न करने पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा उस के क्लाइंट की बस नीलामी पर रोक लगाने की याचिका जस्टिस दीपांकर दत्ता की अदालत में दी थी.

जब जस्टिस दीपांकर दत्ता को पता चला कि बस को बैंक द्वारा 15 जनवरी को ही जब्त किया गया है, तो उन्होंने इस मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया.

इस बाबत जब जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अपना आदेश देना शुरू किया तो नाराज वकील विजय अधिकारी बारबार उन्हें टोकते रहे, हल्ला करते रहे और अपनी टेबल पीटना शुरू कर दिया, यहां तक कि माइक को टेबल पर पटक दिया.

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जस्टिस दीपांकर दत्ता ने अपने आदेश में कहा, “वकील विजय अधिकारी को बारबार संयमित आचरण के लिए चेतावनी दी गई, लेकिन उन्होंने इन पर ध्यान नहीं दिया, उन्हें यह कहते सुना गया कि वह मेरा भविष्य अंधकारमय बना देंगे और इसलिये उन्होंने मुझे श्राप दिया कि मुझे कोरोना वायरस संक्रमण लग जाए.”‘

जस्टिस दीपांकर दत्ता ने आगे कहा, “वकील विजय अधिकारी को स्पष्ट रूप से बता दिया गया कि न तो मुझे अपने भविष्य के अंधकारमय होने का डर है और न ही मैं वायरस से संक्रमित होने में डरता हूं…अदालत की गरिमा मेरे दिमाग में सर्वोच्च है और इसे बरकरार रखने के लिए उन के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही का निर्देश दिया जा सकता है.”

जस्टिस दीपांकर दत्ता ने यह निर्देश भी दिया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जब अदालत खुलेगी तो यह मामला उचित खंडपीठ द्वारा सुना जाएगा, जिस के पास आपराधिक अवमानना के मामले सुनने का अधिकार होगा.

जज साहब ने तो वकील के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल कर दी, पर वकील की उद्दंडता को वे भूल नहीं पाएंगे और वकील साहब को भरी अदालत में सख्ती से पूछा जाएगा कि उन्होंने अदालत की अवमानना क्यों की. अदालत के कठघरे में खड़े वकील की बोलती बंद होना तय है.

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यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि वकील अपनी सफाई में क्या कहते हैं. कौन सी तिकड़म भिड़ाते हैं कि बच जाएं, पर इस तरह की हरकतें वाकई शर्मनाक हैं.

#coronvirus: 100 साल के बुजुर्गों ने जीती जंग

लेखक- एस. ए. ज़ैदी

जंग अभी जारी है. दुश्मन हावी है. अंतिम जीत दूर कहीं है. सभी सकते में हैं. चौतरफा नुकसान बढ़ता जा रहा है. विश्वभर के वैज्ञानिक सोल्यूशन की खोज में जुटे हैं.

मानव जाति पर न दिखने वाले शत्रु का कहर टूट पड़ा है. इस का असर उम्रदराज लोगों पर ज्यादा हो रहा है. जो बुजुर्ग इस की चपेट में आए, उन में से ज्यादातर जान गंवां बैठे.

इसी बीच, जीवनयात्रा के 100 से ज्यादा सावन देख चुके कुछ ऐसे बुजुर्गों को भी कोरोना ने शिकार बनाया जिन्होंने आखिरकार उस को मात दे ही दी.  ये कुछ बुजुर्ग इटली के रहवासी हैं.

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हालिया दिनों इन इतालवी बुज़ुर्गों की कहानी बड़े शौक़ से पढ़ी और सुनी जा रही है जो 100 साल से अधिक उम्र होने के बावजूद कोरोना को मात देने में सफल रहे जबकि इटली में इस वायरस ने भारी तबाही मचाई है.

ये बुज़ुर्ग इटली के अलगअलग शहरों में रहते हैं. इनमें एक बात समान है कि इनकी याददाश्त मज़बूत है और बहुत मामूली सुविधाओं के साथ भी बहुत ख़ुश रहते हैं. कुछ को अख़बार पढ़ने का शौक़ है, कुछ को टहलने का शौक़ है और कुछ को खेल प्रतियोगिताएं देखने में मज़ा आता है.

इन बुजुर्गों में एक हैं अलबर्टो पिलोशी. ये 101 साल के हैं. इन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में भी हिस्सा लिया और जर्मन सैनिकों के हाथों दो बार क़ैदी बने, मगर वहां से भाग निकलने में सफल रहे. ये भी कोरोना से संक्रमित हो गए और रीमीनी शहर के अस्पताल में दो हफ़्ता रहे, मगर कोरोना को भी हराकर अस्पताल से बाहर आ गए.

दूसरी बुजुर्ग हैं आदा ज़ानोसो. इन की उम्र 16 अगस्त, 2020 को 104 साल हो जाएगी. ये दुबली नज़र आती हैं लेकिन इरादे की बड़ी पक्की हैं. ये तूरीनो शहर के क़रीब एक वृद्धाश्रम में रहती हैं. ज़ानोसो विश्व मीडिया के ध्यान का केन्द्र बनी थीं क्योंकि मार्च में कोरोना से संक्रमित होने के बाद ये अस्पताल में भर्ती हुईं और दो सप्ताह में ठीक होकर डिसचार्ज हो गईं. इनके घर वाले कहते हैं कि ये मज़बूत इरादे की मालिक हैं और इनका स्वभाव बहुत अच्छा है. ये हमेशा कुछ न कुछ पढ़ती रहती हैं.

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तीसरी बुजुर्ग हैं इतालीका ग्रोन्डोना. इनको संगीत से लगाव है. ये 102 साल की हैं. मैच देखने में इन्हें बहुत आनंद आता है. ये हर खेल देखती हैं मगर फ़ुटबाल बिल्कुल पसंद नहीं है. इनके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि ये खानेपीने की भी बहुत शौक़ीन हैं. इन्हें फ़रवरी में कोरोना हो गया मगर ठीक होकर अस्पताल से बाहर आ गईं.

‌एक अन्य बुजुर्गलुम्बार्डिया के करीमोना शहर के रहने वाले माइकल एंजेलो स्कोटीला हैं. ये 97 साल के हैं. ये भी कोरोना से संक्रमित होने के बाद दो हफ़्ता अस्पताल में रहे और अब ठीक होकर बाहर आ चुके हैं. ये नौसेना में कमांडर रह चुके हैं. इन्हें पढ़ने और टीवी देखने का बहुत शौक़ है.

तांत्रिक दिनेश और कोरोना

लेखक- रंगनाथ द्विवेदी

तांत्रिक दिनेश के पास दो उसके समकक्ष तांत्रिक चेले थे खुर्शीद और संजय यह कभी-कभी अपने तांत्रिक गुरु की भी खाट खड़ी कर देते थे. और इस समय तो कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते इनके–“तांत्रिक खेत की उर्वरता अपने चरम पर थी”. तांत्रिक दिनेश के दोनो चेलो ने इस वायरस की तांत्रिक शुरुआत से पहले की रखी हुई पुरानी इंसानी खोपड़ी व  हाथ की पुरानी हड्डी को फेंक कर कब्रिस्तान से एक मजबूत व नई हड्डी को लाकर धुला-पोछा और तांत्रिक क्रिया के अनुकूल उसका मेकअप कर दिया.

फिर उस गांव की ही एक महिला जो की अक्सर कमीशन पर तांत्रिक दिनेश के संपर्क में रहती थी. वे औरतों को झाड़-फूंक के लिए बहलाने और फूशलाने की जादूगर थी. तांत्रिक दिनेश के दोनों चेलो ने उस महिला से मिलकर तांत्रिक दिनेश की पूरी योजना समझाई व कहा कि वे शाम तलक 10 -12 महिलाओं की व्यवस्था कर उन्हें तांत्रिक दिनेश से मिलवाए और यह बताएं कि वह बहुत पहुंचे हुए तांत्रिक हैं जिन्होंने बड़े-बड़े भूत प्रेत बाधा को न केवल दूर किया, बल्कि उन्होंने उस घर और गांव से उस प्रेत बाधा को हमेशा के लिए खत्म कर दिया. तांत्रिक दिनेश बंगाल, आसाम की तंत्र साधना जानने के अलावा लाल किताब के भी बड़े पहुंचे जानकार है.

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वह एक हफ्ते तक ही गांव में रुकेंगे, फिर इसके बाद एक अनजानी अंधेरी गुफा में  कोरोना के शैतान को मंत्र से बांधने के लिए चले जाएंगे. रात को 9:00 बजे 12 का क्या वे 20 महिलाओं के साथ तांत्रिक दिनेश के आश्रम में आई, उस आश्रम में प्रवेश करते ही जैसे सभी महिलाओं की बुद्धि 50% तांत्रिक दिनेश के वश में हो गई हो. इसका कारण था,  वे अंदर का धुआँ जो कि महिलाएं कह रही थी कि जादू था. तांत्रिक दिनेश भी अपने तंत्र के उस ड्रेस में था, जोकि अक्सर सुपर हिट भुतहे फिल्म के तांत्रिकों की होती हैं.

इतना ही नहीं वे अस्त्र-शस्त्र भी तंत्र साधना के  वहीं मौजूद थे. जैसे आज तांत्रिक दिनेश इस कोरोना वायरस की ऐसी-तैसी कर देगा सिंदूर से खींची लाल सुर्ख आड़ी तिरछी रेखा बड़ी ही डरावनी लग रही थी. उसमें से ऐसी चमक निकल रही थी, मानो वहां कोई रोशनी की गई हो. हड्डी से चारों तरफ सिंदूर के घुमाना चीखना खोपड़ी को स्पर्श करना, तीन नींबू, एक कागज में रखें लौंग, कपूर अगरबत्ती यह कोरोना वायरस को तंत्र-मंत्र और इस देश से भगाने की उठापटक का एक अद्भुत दृश्य था.

तभी उसकी पेटेंट महिला अपने फिक्स तांत्रिक व नाटकीय तरीके से बाल खोले गाली देती सिंदूर वाली घेरे के पास पहुंची और जोर-जोर से अजीब अजीब आवाजें निकालने लगी,  सारी औरतें एकटक अवाक व डरी सी उसको देखने लगीं. तभी वे  उठी और तांत्रिक दिनेश से उलझ गई. तांत्रिक जैसे हवा में कोरोना वायरस रूपी शैतान व उसकी आस -पास के चुड़ैलों को कहने लगा कि, -” जा मेरे मंत्र तंत्र को चैलेंज मत कर, नहीं तो,  तुम्हें नष्ट कर दूंगा. मैं नहीं जाऊंगी, पूरे गांव को निकल जाऊंगी ” इतना कहते ही तांत्रिक दिनेश ने पास में रखी राखी उस पर फेंकी वह हाथ के शमशान वाली हड्डी से उसे पीटा, वह गुर्राते  हुए बेहोश हो गई.

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उसके बेहोश होते ही तांत्रिक दिनेश ने अपने तांत्रिक चेलों से चाकू मांगा फिर उस चाकू से तीनों नींबू में से एक नींबू को काटा तो लाल खून बहने लगा उसने इस औरत के अंदर मौजूद कोरोना के शैतान व उसके साथ की चुड़ैल को काटा हो उस उस खून को उस दिन उसने सिंदूर पर निचोड़ा , फिर दूसरे नींबू को उस औरत के ऊपर काटकर के निचोड़ा तो वे औरत अचानक सकपका कर उठी जैसे ही उठी तो उसने कहा,  मैं कहां हूं? मुझे क्या हुआ? उसके इतना पूछते ही तांत्रिक दिनेश ने झट तीसरा नींबू काटकर उस खोपड़ी पर निचोड़  दिया इतना करते ही वे खोपड़ी और भी खतरनाक और डरावनी दिखने लगी.

फिर उसके चेले पैसे ऐंठने और निकलवाने के अपने हुनर का प्रयोग करने लगे. उन सबको इस कोरोना वायरस की तांत्रिक झाड़-फूंक कराने के लिए प्रेरित किया. फिर सारी औरतें चली गई. क्योंकि तंत्र मत्र के धंधे की सबसे बड़ी ग्राहक व प्रचारक यह औरतें ही हैं फिर आधे घंटे बाद इनकी पेटेंट और फिक्स औरत अपना कमीशन लेने दिनेश के आश्रम पर आई.

अब तक इस गांव से कोरोना वायरस के शैतान को तंत्र मत्र से भगाने के नाम पर तांत्रिक दिनेश ने अपने दोनों तांत्रिक चेलों के व इस फिक्स  महिला के मिलीभगत से ₹80000 आ चुके हैं क्योंकि दिनेश भी अब कोई साधारण तांत्रिक नहीं है. बल्कि अपनी कमाई का कोरोना तांत्रिक हो गया है.

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बौलीवुड एक्टर्स को आया गुस्सा किसी नें मोदी तो किसी नें ट्रंप पर उतारा

इन दिनों अमेरिका में कोरोना के दुनिया भर से ज्यादा मरीज हैं और दिनों-दिन संक्रमितों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. अमेरिका में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका में कोरोना के संक्रमितों और उससे होने वाली मौतों को रोकनें में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पूरी तरह से नाकाम नजर आ रहें हैं. अमेरिका में कोरोना के इलाज में मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) का बेहतर प्रभाव देखा जा रहा है.

जिसका भारत के पास पर्याप्त मात्रा में स्टाक उपलब्ध है. क्यों  की भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) का उत्पादन दुनियां भर में सबसे ज्यादा किया जाता है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) 20 करोड़ गोलियों का उत्पादन किया जाता है. हाल ही में भारत सरकार ने दो कंपनियों को 10 करोड़ अतिरिक्त गोलियों के उत्पादन का आर्डर दिया है. लेकिन भारत सरकार नें भारत के विशाल जनसंख्या को देखते हुए कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो रही मलेरिया रोधी दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के निर्यात पर रोक लगा रखी है.

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इसको लेकर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) नें भारत सरकार द्वारा लगाई गई रोक को हटाने की मांग की है. जिससे वह हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) की पर्याप्त मात्रा भारत से ले सकें. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) नें अपने बयान के दौरान यह भी कहा की भारत ने प्रतिबंध नहीं हटाया तो वह इसका जवाब देंगे. डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump Twitter) के दिए इस बयान के बाद  बॉलीवुड एक्टर्स नें अपना गुस्सा जाहिर किया है.

बौलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर ओनिर (Onir) ने अमेरिका के  राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के इस बयान पर अपना गुस्सा दिखाते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा “तथाकथित दोस्ती के लिए यह बहुत ज्यादा है. ट्रंप अनुग्रह करने में असमर्थ है. वह धमकाते हैं और साथ ही अहंकारी हैं.” So much so to the so called “Friendship “ Trump is incapable of being gracious . He is a bully and arrogance and ignorance supports it. ओनिर (Onir Twitter) द्वारा जाहिर किये गए गुस्से को यूजर्स जायज ठहरा रहें हैं इस पर लोगों की कई तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं.

बौलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में एक सफल फ़िल्म निर्देशक, निर्माता, पटकथा लेखक और अभिनेता के रूप में पहचान बनानें वाले अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) नें भी डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. और अपने जबाब में ट्विट कर लिखा चाचू की यह हिम्मत कि वो ताऊ बनने की कोशिश करें !!!! पप्पा को ग़ुस्सा आया ना तो बस …..यूजर्स नें डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को लेकर अनुराग कश्यप के इस ट्विट पर खूब भड़ास निकाली हैं कई नें तो भद्दी भद्दी गलियाँ तक लिख डाली है.

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हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) दवा को लेकर डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा दिए गए धमकी पर बॉलीवुड एक्टर विपिन शर्मा (Vipin Sharma) ने ट्वीट किया और लिखा “तो उन सभी पैसों का क्या हुआ जो हमने अपनी गरीब जनता को छुपाने और उनके स्वागत के लिए खर्च किये थे.” So what happened to all the money we spent on hiding our poor population and wasting millions to welcome him.

टीवी एक्ट्रेस कविता कौशिक (Kavita Kaushik) ने भी ट्रम्प के धमकी पर अपना गुस्सा ट्वीट करते हुए निकाला और लिखा  “मैं कह रही हूं, यह ब्रॉकली समोसा के कारण हुआ है. उन्हें निहारी और कोरमा देना चाहिए था, फिर देखते दोस्ती.” Its the broccoli samosas I’m telling you! Should’ve just given him Nihari n korma ,phir dekhte dosti…

इसके अलावा कविता नें एक और ट्विट किया और लिखा “हम बालक व्यस्त थे अपने अपनों को डराने में, कोई बाहर वाला घर के बड़े को ही धमका गया!” इस ट्विट पर कई यूजर्स नें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) पर भी जम कर अपना गुस्सा निकाला है.

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अभिनेत्री पूजा भट्ट (Pooja Bhatt)  हर गलत मुद्दे पर खुल कर बोलनें वालों में शुमार हैं. वह ऐसे मुद्दों पर बोलने और लिखनें से ज़रा भी नहीं हिचकतीं हैं. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के धमकी भरे बयान के बाद अपना रिएक्शन देते हुए लिखा, “ताकत या ठगी? मझे लगता है कि एक ही सिक्के के दो पहलू. इसके अलावा अन्य देशों को भी किसी चीज के माध्यम से धमकाना ठीक नहीं है. अकेले एक महामारी को छोड़ दो…” Power & thuggery? Two sides of the same coin I guess. Besides,it’s not ok to bully other nations through anything,let alone a pandemic. The US &  @realDonaldTrump  obviously missed that memo at their last power breakfast.

ANI न्यूज़ एजेंसी का डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर ट्विट

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Lockdown के समय पूरी फिल्म इंडस्ट्री आई एक साथ, शौर्ट फिल्म बना कर किया Motivate

इस लौक डाउन में सब कुछ सिमट कर रह गया है सारे कारोबार बंद हैं. सरकारें लोगों से घर से बाहर न निकलनें की अपील कर रहीं हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी की भी बात माननें को तैयार नहीं हैं. ऐसे लोग अनायास ही घर से बाहर निकल आतें हैं और जब पुलिस या अधिकारी इनसे घर के अन्दर रहनें की गुहार करतें हैं तो  ये लोग इन लोगों से बहस पर उतर आते हैं. ऐसे में लॉक डाउन का पालन ना करनें वालों के साथ सुरक्षा कर्मियों द्वारा कड़ाई से पेश आना मजबूरी बन जाती है.

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देश की फिल्म इंडस्ट्री भी लॉक डाउन के प्रभाव से अछूती नहीं हैं. बौलीवुड से लेकर साउथ तक भोजपुरी से लेकर पंजाबी तक और मराठी से लेकर रीजनल लैन्गेवेज बनने वाली सभी भाषाओं के फिल्मों की शूटिंग कैंसिल चल रहीं हैं. जिन फिल्मों के रिलीज की डेट तय थी उसकी रिलीजिंग डेट आगे बढ़ा दी गई है. फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सभी सेलेब्रेटीज अपनें घरों से बाहर नहीं निकल रहें हैं. देश में कोरोना के केस में जिस तरह से इजाफा हो रहा है इसको लेकर सरकार के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी चिंतित हैं.

कोरोना के फैलाव को रोकनें के लिए सरकारों के अलावा सेलिब्रिटीज भी अपनें-अपनें तरीकों से जागरूकता फैला रहें हैं. इस कड़ी में वालीवुड और साऊथ के कलाकारों नें कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अपने घरों में रहते हुए ही एक शार्ट मूवी बना डाली है इस शॉर्ट मूवी का नाम फैमिली है. इस शार्ट मूवी में सदी के महानायक अमिताब बच्चन से  लेकर साउथ रजनीकांत, प्रियंका चोपड़ा, चिरंजीवी, आलिया भट्ट और रणबीर कपूर जैसे एक साथ नजर आ रहें हैं. इस शार्ट मूवी को 6 अप्रैल की रात को 9 बजे सोनी टीवी ने रिलीज किया है जिस पर दर्शकों का जबरदस्त रिस्पांस देखनें को मिल रहा है.

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इन कलाकारों नें घर के भीतर से किया है काम

कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता फैलानें वाली फैमिली नाम से बनी इस शार्ट मूवी में जिन कलाकारों नें काम  किया है वह लोग इसे फिल्मानें नें के लिए अपनें घरों से बाहर नहीं आये. बल्कि इसे सभी कलाकारों नें अपने घरों के भीतर रहते हुए शूट किया है. फिल्म की शुरुआत अमिताभ बच्चन से होती है जिसमें उनका काला चश्मा नहीं मिल रहा है. इसके बाद उस काले चश्में की खोज शुरू होती है. उस चश्में तक पहुंचते पहुँचते इस शार्ट मूवी में अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, प्रियंका चोपड़ा, चिरंजीवी, आलिया भट्ट, मामूथी, दिलजीत दोसांझ, मोहनलाल, रणबीर कपूर, सोनाली कुलकर्णी. शिवा राजकुमार, और प्रोसेनजीत चटर्जी, जैसे सितारों दिखाई पड़ते है. इस फिल्म में कोरोना वायरस को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए अलग-अलग फिल्म इंडस्ट्री के ये सितारे साथ नजर आए.

इस शौर्ट फिल्म में खासियत ये है कि इसे सभी ने अपने घरों से शूट किया है.इस शार्ट मूवी में सभी कलाकारों नें ऐसे काम किया है की आपको इन्हें देखकर बिल्कुल नहीं लगेगा कि ये लोग साथ में नहीं हैं. फिल्म के अंत में जब अमिताभ बच्चन का काला चश्मा मिलता है तो अमिताभ बच्चन लोगों से घर से बाहर ना आने की अपील करते हुए दिखाई पड़े.

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फिल्म को बनाने का इनका रहा आईडिया

कोरोना जागरूकता को बनाये गए इस शार्ट मूवी के निर्माण के पीछे पीछे प्रसून पांडे का आइडिया रहा है. उनके साथ इस फिल्म में वालीवुड फिल्म इंडस्ट्री से लेकर माराठी, पंजाबी और साउथ के कलाकारों नें अमिताभ बच्चन का साथ दिया है. माना जा रहा है की यह फिल्म जागरूकता फैलाने के साथ ही लोगों का मनोरंजन भी करेगी.

फिल्म के अंत में अमिताभ नें दिहाड़ी मजदूरों के सहयोग के लिए कही बड़ी बात

फिल्म में होम क्वॉरेंटाइन और साफ़-सफाई से जुड़े सन्देश के साथ ही अमिताभ बच्चन नें दिहाड़ी मजदूरों के सहयोग के लिए बड़ी बात कही. उन्होंने फिल्म के अंत में कहा की “इस फिल्म को बनाने के पीछे का एक और मकसद है. हमारे देश का फिल्म उद्योग एक है हम सब एक परिवार हैं. लेकिन हमारे पीछे एक और बहुत बड़ा परिवार है जो हमारे लिए काम करता है और वह हमारे वर्कर्स और दिहाड़ी मजदूर जो इस लॉक डाउन के वजह से संकट में हैं.  हम सब नें मिल कर स्पांसर्स और टीवी चैनल के साथ मिल कर धनराशि इकट्ठा की है और इस संकट की घड़ी में यह जो धनराशि है देश भर के फिल्म उद्योग के वर्कर्स और दिहाड़ी मजदूरों को राहत के तौर पर देंगे.”

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एक लाश और Lockdown के इक्कीस दिन

मानपाडा , घोरबंदर रोड , ठाणे, के थोड़ा नए , सुनसान जगह में निम्न वर्ग के लिए  नयी बनी एक आम सी हाउसिंग सोसाइटी , नीलकंठ , की एक बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर के फ्लैट में दो प्लास्टिक की चेयर्स पर बैठे सुमन सिंह  और अजय हेगड़े,बेड पर पड़ी अनिल की लाश को देखते , फिर एक दूसरे को , जैसे कोई महान  काम अंजाम दे दिया हो . सुमन ने कहा ,” अजय , ये जनता कर्फ्यू तो नौ बजे ख़तम हो जायेगा , इसे रात को ठिकाने लगा पाएंगे न ?”

”हाँ , सुमन , कुछ दूरी पर नयी बिल्डिंग बन रही थी , आजकल काम बंद है , वहीँ गड्ढा खोदकर इसे दबा देंगें , बस , अब इसे बड़े सूट केस में भर लेते हैं .” सुमन ने फिर एक बार लाश को देखा , बदन में एक झुरझुरी सी हुई . अनिल के साथ पांच सालों के वैवाहिक जीवन का अंत ऐसे होना था , यह कभी सोचा नहीं था . वह यूँ ही पानी पीने उठ गयी , अजय भी पीछे पीछे उठा , और उसकी कमर में  हाथ डाल दिया ,बोला ,”क्यों परेशान हो रही हो , डिअर ? चार साल से इसी दिन का तो इंतज़ार किया है , हमारे प्यार के बीच कीअब सब दीवार हट चुकी हैं, . ” सुमन पलटी और उसके गले लग गयी . सुमन और अजय फिर भविष्य की योजनाएं बनाते रहे , रिश्तेदारों  और पड़ोसियों को क्या कहना है , रोने की कितनी एक्टिंग करनी है .अनिल बिहार के हाजीपुर से मुंबई आया था , वह और अजय एक आइस फैक्ट्री में काम करते थे , कोरोना के टाइम अनिल के रिश्तेदार बिहार के गावों  से मुंबई आने से रहे , उसके माता  पिता थे नहीं , भाई बहन थे , वे कहाँ आ पायेंगें , इसलिए दोनों ने अनिल को मारने का यही समय चुना था . आजकल लोग कोरोना वायरस के चलते डरे सहमे से थे . बिल्डिंग का जो चौकीदार रहता  , वह भी अपने गांव जा चुका था .

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इस बिल्डिंग में आम से लोग थे जिनकासमय अपनी जरूरतें पूरी करने में ही बीत जाता , वैसे भी ये मुंबई के लोग थे जिनके पास एक दूसरे के जीवन में ताकाझांकी के लिए न समय होता है , न आदत . दोनों ने अनिल की लाश को मिलकर सूटकेस में भर दिया , सुमन बीच बीच में विचलित होती पर अजय उसे बातों में लगा लेता . दोनों फिर थक से गए तो फर्श पर ही लेट गए . दोनों ने फिर चाय , नाश्ता , खाना पीना , प्यार मोहब्बत सब आराम से किया जैसे कुछ हुआ ही न हो . आज के दिन के लिए वे दोनों ही पूर्ण रूप से मानसिक रूप से तैयार थे .नौ बजे अजय ने बाहर झाँका ,कहा ,”बस अब यह बैग लेकर बाहर जाना है , ऑटो मिल जाए अब , और कोई बाहर न मिले .” अजय और सुमन ने इतने में ही आवाजें सुनी , किचन की खिड़की से झाँका , काफी लोग दिन भर रहने के बाद बाहर निकल आये थे , अजय ने अपना सर पकड़ लिया , ”यह तो बड़ी मुश्किल हो गयी , बाहर तो बहुत लोग आ गए .”

सुमन अब घबराई ,” अब क्या करेंगें ?” अजय थोड़ी देर सोचता रहा , फिर बोला ,” मैं कल एक टेम्पो लेकर आऊंगा , फिर यह सूट केस ले जाऊंगा .” सुमन हड़बड़ा गयी ,” तो क्या इसके साथ मैं अकेली रहूं?”

अजय इस समय भी हंस दिया , ” अरे , पांच साल रह ली , एक रात और बिता लो पति के साथ .” सुमन ने गुस्से से घूरा , तो बोला ,”अरे , पड़ा रहने दो बेचारे को एक कोने में , लो , यहाँ रख देता हूँ , दरवाजे के पीछे , तुम्हे अब नहीं दिखेगा . सुमन , आज कितना फ्री फील हो रहा है न ?”सुमन अब भी चिंतित थी ,”तुम यहीं रुक जाओ , अजय .”

”माँ को भी जाकर शकल दिखा दूँ , अकेली परेशान हो रही होंगीं , सुबह से ही यहाँ हूँ , मैं जाकर टेम्पो वाले से भी बात कर लेता हूँ ,” सुमन को किस करके , उसे तसल्ली देकर अजय चला गया . सुमन ने बेड की चादर बदली , बहुत थकान थी , आराम करने लेट तो गयी पर बंद आँखों के आगे अनिल से मिलने से लेकर आज तक की घटनाएं सिलसिलेवार घूमने लगीं .

आइस फैक्ट्री में ही सुमन के चाचा काम करते थे , उन्ही के पास आते जाते उसकी मुलाकात अनिल से हुई थी ,उसका  सरल , गंभीर सा स्वभाव उस समय तो सुमन के मन को छू गया था ,अनाथ सुमन और अनिल के  विवाह पर  किसी को आपत्ति नहीं हुई , विवाह के कुछ ही दिन बाद उसे अनिल के गहरे दोस्त अजय का खिलंदड़ा, मस्त मौला स्वभाव इस कदर भाया कि आज सूटकेस में रखी लाश उसी लगाव की निशानी थी जो दिन पर दिन बढ़ता गया था और दोनों ऐसे दीवाने हो चुके थे कि कई महीनों से अनिल से पीछा छुड़ाने की बात करने लगे थे . अजय अनिल की अनुपस्थिति में खूब आता जाता रहा तो अनिल के घर होने पर भी आता जाता , जिससे किसी देखने वाले को लगे कि यह घर जैसा ही कोई दोस्त है . अजय का विवाह तो हुआ था पर उसका तलाक हो चुका था , वह अपनी माँ के साथ ही ठाणे की ही एक सोसाइटी में रहता था , सुमन अनिल के साथ उसकी माँ से मिलने भी जाती रहती . आज भी पूरी योजना के साथ जब अजय के साथ अनिल ने सुबह बैठ कर सुमन के हाथ का बना नाश्ता किया तो वह अजय पर हमेशा की तरह  स्नेह ही लुटाता रहा था , उसे सपने में भी गुमान नहीं रहा होगा कि आज कैसे वह बेवफा  पत्नी और धोखेबाज  दोस्त के हाथों जान गवाने वाला है .

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सुबह नाश्ते के बाद अनिल और अजय ऐसे ही बेड पर बातें करते रहे तो अनिल के चाय मांगने पर सुमन ने अजय के इशारे पर उसे उसका एक दिन पहले ला कर दिया जहर चाय में मिलाकर देने का इशारा किया , सुमन अजय के प्रेम में इतनी अंधी थी कि उसके हाथ अनिल को जहर वाली चाय देते हुए जरा भी नहीं कांपे. अनिल चाय पीकर तुरंत बेसुध हुआ तो अजय ने उसके मुँह पर तकिया रख दिया , कुछ ही सेकंड तड़पकर अनिल ने आखिरी सांस ली , तो अजय ने उठकर सुमन को गले लगा कर उसे किस किया तो सुमन भी उससे लिपट गयी थी , कोई पछतावा नहीं , बस , दो बहके से इंसान !

इतने में अजय के फ़ोन से सुमन चौंक कर उठी , अजय ने कहा ,” डर तो नहीं लग रहा ?”

”नहीं , तुम साथ हो तो डर कैसा ?”

” तो सोई क्यों नहीं ?”

”ऐसे ही , नींद नहीं आयी .”

”पति की याद आ रही हो तो एक नजर सूट केस पर डाल लेना ,” कहकर अजय जोर से हस दिया तो सुमन ने बनावटी गुस्सा दिखाया ,” पति की इतनी याद आती तो आज वह सूट केस में न होता ,” दोनों हँसे,सुमन ने कहा , अच्छा , टेम्पो वाले से बात हुई ?”

”हाँ , कल रात को लेकर आता हूँ , माँ की तबियत ख़राब है , उन्हें शाम को डॉक्टर को दिखा कर फिर रात को आता हूँ .”

”ठीक है .”

हमेशा वही नहीं हो सकता जैसा इंसान सोचता है , अगले दिन  महामारी को काबू करने के लिए लॉक डाउन की घोषणा हो गयी  तो सुमन बुरी तरह घबराई , उसने अजय को फ़ोन किया कि फौरन आओ , उसने कहा ,”हाँ , माँ को डॉक्टर के पास जल्दी ले जा रहा हूँ , फिर आता हूँ .” पर फिर अजय का फ़ोन आया कि सब बंद होने लगा है , टेम्पो वाले ने तो मना कर दिया है , कोरोना से डरकर सब एकदम बंद होता जा रहा है , कोई ऑटो भी नहीं दिख रही . कैसे आऊंगा ?”

सुमन चिल्लाई ,” मुझे नहीं पता , अजय , कैसे भी आओ , जल्दी आओ . ”

उसके बाद तो सुमन को झटके पर झटके लगते रहे , जब अजय का फ़ोन ही बंद आने लगा . पहले उसने सोचा कि नेटवर्क की प्रॉब्लम होगी फिर समय बीतते बीतते उसे समझ आ गया कि उसका प्रेमी उसे धोखा देकर गायब हो चुका है , उसे इतना गुस्सा आया , सोचा , उसके घर पहुँच जाए , पर उसका घर भी दूर था , और कोई ऑटो सचमुच रोड पर अब नहीं थी . पूरा दिन सुमन भूखी , प्यासी , बेचैन सी इधर से उधर फ्लैट में चक्कर काटती रही , सूट केस पर नजर डालती , क्या होगा अब , कुछ समझ नहीं आ रहा था , फिर अजय को फ़ोन मिलाती , फ़ोन अब बंद ही था . इस समय वह अजय को ढूंढने नहीं निकल सकती थी , बस एक आशा थी मन में कि शायद फ़ोन खराब हो , वह अचानक आ जाए . पर अजय लॉक डाउन की खबर से सचमुच भाग खड़ा हुआ था , वह इस समय किसी मुसीबत में नहीं पड़ना चाहता था , वह फौरन अपनी माँ के साथ नवी मुंबई , अपनी  मौसी के घर चला गया था .

अब दो दिन बीत गए , सुमन को समझ आ गया कि इस लाश का जो भी करना है , उसे ही करना है , उसका शैतानी दिमाग अपने काम पर लग गया था , अब उसे कोई ऐसा इंसान पकड़ना था जो वही करे , जो वह कहेगी . अब उसे अपने ऊपर रहने वाले करीब तीस साल के  राजू की याद आयी , राजू एक फोटोग्राफर के यहाँ फ्रेम बनाने का काम करता था . राजू से वह अक्सर आते जाती मिलती थी तो राजू की नजरों को पढ़कर उसे मन ही मन बहुत हसी आती थी , अनिल के पास भी अक्सर वह आ जाता , चाय पीने के टाइम उसे ही जिन नजरों  से देखता , उन नजरों को वह खूब पहचानती . राजू अपने फ्लैट में अकेला ही रहता . लॉक डाउन के बाद अब सब घर में ही थे . एक सब्जी वाला नीचे आता , सब लेने उतरते, उसने राजू को भी सब्जी लेते देखा तो फौरन उतर गयी , पूरी अदाओं से उसके हाल चाल पूछे , और चलते चलते कहा ,” बोर हो रहे होंगे तुम ?”

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राजू ने हाँ में सर हिलाया , सुमन ने कहा ,” आओ , चाय पीयोगे ?”

”अनिल है ?”

”नहीं .”

राजू को भला क्या आपत्ति होती ,वह तो मन ही मन सुमन के रूप पर फ़िदा था सालों से , उसके पीछे पीछे अंदर गया , सुमन ने बड़ी शराफत से चाय पिलाई ,मासूम सी शकल बना कर बातें करती रही , बता दिया , अनिल बाहर गया है , तुम आते रहना .” और सच में राजू फिर आता ही रहा , तीसरे ही दिन सुमन ने बाकी दूरियां भी ख़तम कर दी तो राजू तो जैसे उसका गुलाम ही हो गया , यही लगा सुमन को , यह सच भी था , राजू दिलो जान से फ़िदा हो गया उसपर , तो सुमन ने सूट केस में रखी लाश का पूरा सच बताकर उससे हेल्प मांगी , सुमन ने इतना ही बताया कि अनिल उसे बहुत मारता था , उसे गुस्सा आया तो उसने अनिल की हत्या कर दी , वह सालों से मार पिटाई की शिकार थी , उसने अपनी कहानी रो रोकर ऐसे सुनाई कि राजू उसकी हेल्प करने के लिए फौरन तैयार हो गया . अनिल का फ़ोन तो सुमन कब का बंद कर चुकी थी जिससे कोई भी संपर्क  करने की कोशिश न करे , उसके पास कोई फ़ोन आया भी तो उसने उठाया नहीं . अब राजू रात में लाश ठिकाने लगाने के लिए तैयार  हो गया , उसने कहा ,” अकेले तो बहुत मुश्किल है , साथ चलोगी ?”

”हाँ .”

दोनों ने सचमुच रात को राजू की बाइक पर छुपते छुपाते  एक बजे सूट केस ले जाकर घोड़बंदर रोड पर ही आगे जाकर खाड़ी में फेंक दिया .सुमन ने राजू को बहुत थैंक्स बोला , दोस्ती अब और पक्की हुई , आना जाना , साथ रहना कुछ और बढ़ा.  लॉक डाउन का टाइम था , रहना तो घर में ही था , घर का सामान राजू ही ले आता , सुमन बीच बीच में अजय का फ़ोन मिला कर देखती , फ़ोन शायद अब बंद ही रहता , अब सुमन सोच रही थी कि लॉक डाउन ख़तम होते ही यह घर बेच कर कहीं और चली जाएगी , यहाँ कोई भी अनिल के बारे में पूछ सकता था . वह आगे की बहुत सी प्लानिंग मन में ही करती रहती , लाश दफ़नाने के पांचवे दिन ही राजू एक लड़के के साथ आया , परिचय हुआ , यह विनय था , थोड़ी देर में ही एक और लड़का आया , राजू ने परिचय करवाया , यह सुनील है . सुमन का माथा ठनका , पर ये मुझसे मिलने क्यों आये हैं ?” राजू ने दुष्टता  से कहा ,ये सब मेरे कुछ  दोस्त हैं , अभी और भी आयेंगें ,इन्होने  अनिल की लाश दफनाने का वीडियो बनाया है ,ये सब उस समय पहले से वहीँ थे . तुम्हे दिखाना चाहते थे .” कहकर सब हँसे, सुमन पसीने पसीने हो गयी , डर गयी, समझ गयी , वह बहुत बुरी तरह फंस चुकी है . ” फिर भी उसने पूछा , राजू , तुमने मुझे धोखा  दिया ? मैंने तुम्हे अपना समझा .”

राजू गुर्राया ,” तुम किसी को अपना समझ ही नहीं सकती , तुम बहुत ही खतरनाक औरत हो .”

सुमन ने पूछा ,” मुझसे क्या चाहते हो ?”

विनय ने उसके पास जाते हुए कहा ,” वही जो हमारे जैसे लड़के एक जवान , सुन्दर औरत से चाह सकते हैं .”

”चले जाओ , यहाँ से , मैं अभी शोर मचाती हूँ .”

” हाँ , बुलाओ सबको , सब वीडियो देख लें .” राजू ने सचमुच सुमन को वीडियो दिखाया , साफ साफ़ दिख रहा था कि वह राजू की हेल्प कर रही है , दोनों सूट केस खाड़ी में मिलकर फेंक रहे हैं .

सुमन सर पकडे बैठी रह गयी , दोनों ने सुमन के साथ जबरदस्ती करनी शुरू की , वह जितना भी रोक सकती थी , रोकने की कोशिश की , पर कोई असर  नहीं , दोनों ने मिलकर सुमन के साथ रेप किया , राजू रेप का वीडियो बनाता रहा , सुमन बेबसी में रोती रह गयी , किसी पडोसी को भी नहीं बता सकती थी , संगीम जुर्म कैमरे में कैद था , जिसके बाहर आने पर भी हालत खराब होनी ही थी , अब भी खराब ही थी . वह हर तरफ से अब मजबूर थी , यह सिलसिला रोज का हो गया ,वह सबका खाना बनाती , थक जाती , फिर उनकी हवस का निशाना बनती , उसे बाद में उनकी बातों से ही पता चला कि राजू तो पहले दिन से उन्हें सब बता रहा था , लॉक डाउन में ये लड़के राजू के फ्लैट पर ही आ चुके थे , और भी तीन दोस्त आसपास की बिल्डिंग में थे , विनय ने एक दिन भद्दा मजाक करते हुए कहा ,” अच्छा हुआ , सुमन , तुमने लॉक डाउन का टाइम चुना , नहीं तो हम तो बहुत बोर हो जाते .” सुमन मन ही मन दिन गिनती कि लॉक डाउन ख़तम हो तो वह यहाँ से भाग जाएगी , लॉक डाउन ख़तम होने में अभी सात दिन और थे , एक दिन एक आदमी राजू के साथ आया , राजू ने कहा ,सुमन , ये हैं तुम्हारे स्पेशल गेस्ट .”विनय ने कहा ,” यही हैं हमारे फोटोग्राफर  रवि साहब , अब तुम्हे इनके लिए मॉडलिंग करनी है , इन्हे तुम्हारा वीडियो बहुत पसंद आया .” राजू को छोड़कर सब लड़के हँसते हुए सुमन के घर से चले गए , राजू ने हँसते हुए कहा ,” सुमन , तुम्हारे लिए लॉक डाउन में भी छुपते छुपते आये हैं , चलो , अपनी अब तक की बेस्ट परफॉरमेंस दो ” रवि दुष्ट सेभाव लिए आगे बढ़ा , सुमन ने  गुस्से में हाथ उठा दिया उस पर , रवि ने उसे कसकर वापस थप्पड़ लगाए , सुमन बेबसी में जोर जोर से रोने लगी . रवि रेप करता रहा , राजू शूट करता रहा . सुमन रोते रोते बेजान सी हो गयी तो  दोनों उसे छोड़ कर रूम से जाने लगे तो राजू ने  हंसकर कहा ,” सुमन , अब आराम करलो , मैं अब रात को आऊंगा , मेरा तो नंबर ही नहीं आ रहा .” उस दिन सुमन बहुत रोई , बहुत पछतायी , बहुत बुरी फंसी थी , किसी को बताने का मतलब था , अनिल की हत्या का पता चलना , न बताने का मतलब था , इतने लड़कों की हवस का शिकार बनते रहना , इनके इशारे पर नाचना , पर कब तक !

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यह जानलेवा सिलसिला चलता जा रहा था , उसकी शकल बिलकुल उजड़ सी गयी थी , रोम रोम दुखता , लॉक डाउन ख़तम होने तक तो उसकी हिम्मत जवाब दे गयी . अब उसके घर की एक चाभी भी राजू ने रख ली थी , अगले दिन जब राजू अंदर आया , खड़े का खड़ा रह गया , सुमन ने किसी टाइम अपनी कलाई काट ली थी , खून भी बहकर सूख चुका था , उसने फौरन उसकी साँसे चैक की , वह जा  चुकी थी . मिनटों में ही सब लड़के गायब हो गए , बहुत  देर बाद लोगों को पता चला कि लॉक डाउन में क्या घट चुका था , आसपास क्या अनहोनी होती रही  , किसी को खबर ही नहीं हुई थी . पुलिस सब लड़कों और अनिल की तलाश में जुट चुकी थी .

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