कंगना राणावत की फिल्म ‘इमर्जेंसी’ में दिखेगा इंदिरा गांधी का काला सच?

कंगना राणावत की फिल्म ‘इमर्जेंसी’ की रिलीज डेट आ गई है. यह फिल्म 17 जनवरी, 2025 को सिनेमाघरों में लगेगी. कंगना राणावत ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस फिल्म का पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, ‘देश की सब से शक्तिशाली महिला की गाथा और वह क्षण जिस ने भारत की नियति बदल दी.’

फिल्म ‘इमर्जेंसी’ देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जिंदगी पर बनी है, जिस में कंगना राणावत इंदिरा गांधी का किरदार निभा रही हैं. इस फिल्म में अनुपम खेर जयप्रकाश नारायण बने हैं और श्रेयस तलपड़े ने प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी का किरदार निभाया है. इस के अलावा इस फिल्म में सतीश कौशिक, मिलिंद सोमन और महिमा चौधरी भी नजर आएंगे.

यह फिल्म उस इमर्जेंसी को दिखाती है, जो इंदिरा गांधी द्वारा साल 1975 से साल 1977 तक लगाई गई थी. कंगना राणावत ने खुद इस फिल्म का डायरैक्शन भी किया है. इस फिल्म को सैंसर बोर्ड की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है.

ट्रैलर को देखते हुए यह लगता है कि यह फिल्म बताती है कि कैसे भारत में साल 1975 से साल 1977 के बीच नागरिक अधिकारों और प्रैस की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए थे.

कंगना राणावत की यह कोशिश भारतीय राजनीति के एक ऐतिहासिक हिस्से को बड़े परदे पर दिखाने की है, जो दर्शकों को अपने साथ जोड़ने और जागरूक करने में कामयाब हो सकती है.

कंगना राणावत ने अपने फिल्म कैरियर की शुरुआत साल 2006 में फिल्म ‘गैंगस्टर’ से की थी, जिस के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बैस्ट फीमेल डैब्यू का अवार्ड मिला था. इस के बाद उन्होंने कई कामयाब फिल्मों में काम किया, जिन में ‘वो लम्हे’, ‘शाकालाका बूमबूम’, ‘लाइफ इन ए… मैट्रो’, ‘फैशन’, ‘राज : दि मिस्ट्री कन्टिन्यूज’, ‘एक निरंजन’, ‘काइट्स’, ‘वन्स अपौन ए टाइम इन मुंबई’, ‘नौकआउट’, ‘नो प्रोब्लम, ‘तनु वैड्स मनु’ और ‘क्वीन’ जैसी फिल्में शामिल हैं.

कंगना राणावत ने अपनी अदाकारी के लिए कई अवार्ड भी जीते हैं, जिन में 3 नैशनल फिल्म अवार्ड और 4 फिल्मफेयर अवार्ड शामिल हैं.

कंगना राणावत विवादों में भी रही हैं. उन्होंने कई बार अपने बयानों और सोशल मीडिया कमैंट्स से विवाद पैदा किया है. उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है और उन्होंने साल 2024 में मंडी, हिमाचल प्रदेश लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव लड़ा था और वे जीती थीं.

कंगना राणावत की कुछ खास फिल्में इस तरह हैं :

-गैंगस्टर (2006)
-फैशन (2008)
-तनु वैड्स मनु (2011)
-क्वीन (2014)
-मणिकर्णिका : द क्वीन औफ झांसी (2019)
-पंगा (2020)
-इमर्जेंसी (2025 में रिलीज होगी)

फिल्म ‘इमर्जेंसी’ की शूटिंग की शुरुआत साल 2022 में हुई थी, लेकिन इस की रिलीज में देरी हुई, क्योंकि इसे सैंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिल रही थी. हालांकि, अब यह फिल्म साल 2025 की शुरुआत में रिलीज हो जाएगी.

इस फिल्म की खासीयत

-कंगना राणावत ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाने के साथसाथ इस फिल्म का डायरैक्शन भी किया है.

-इस फिल्म में इमर्जेंसी के दौरान हुई घटनाओं को दिखाया गया है, जिस में नागरिक अधिकारों और प्रैस की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए थे.

-यह फिल्म एक राजनीतिक ड्रामा है, जो देश की राजनीति के एक खास हिस्से को दिखाती है.

कंगन राणावत अपने राजनीतिक विचारों और बयानों के चलते कई विवादों में रही हैं. उन के कुछ विवादास्पद बयानों में शामिल हैं :

-उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी, जिस पर कई लोगों ने एतराज जताया था.

-उन्होंने सीएए और एनआरसी के समर्थन में बयान दिए थे, जिस पर कई लोगों ने उन की आलोचना की थी.

-वे कई राजनीतिक दलों के साथ विवादों में रही हैं, जिन में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शामिल हैं.

-फिल्म इंडस्ट्री में उन के साथी कलाकारों और दूसरे लोगों के साथ भी मतभेद शामिल हैं.

कंगना राणावत के भाजपा और कांग्रेस से जुड़े कई विवाद और कनैक्शन हैं. उन्होंने कई बार अपने बयानों और सोशल मीडिया कमैंट्स से दोनों दलों के साथ अपने मतभेद और समर्थन जाहिर किए हैं.

कंगना राणावत ने भाजपा के समर्थन में कई बयान दिए हैं, खासकर जब उन्होंने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर सरकार का समर्थन किया था. उन्हें भाजपा के कई नेताओं के साथ देखा गया है, जिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं.

कंगना राणावत ने कांग्रेस के कई नेताओं के साथ मतभेद जाहिर किए हैं, खासकर जब उन्होंने कांग्रेस की नीतियों की आलोचना की थी. उन्होंने कांग्रेस के कई नेताओं पर हमला बोला है, जिन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हैं.

क्यों नहीं चल पाती समलैंगिकता से जुडी फिल्में

समलैंगिकता हमेशा से समाज में रही है, लोगों ने बस स्वीकार करने में देरी की है. सिनेमा भी उसी अनुरूप ढलता रहा. आज क्वीर फिल्में बनाई तो जा रही हैं पर दर्शकों में शर्म और झिझक के चलते ये फिल्में चल नहीं पातीं. जानिए आने वाले समय में क्या है क्वीर फिल्मों का भविष्य.पिछले कुछ सालों से क्वीर फिल्मों का निर्माण देश में बढ़ा है, क्योंकि अब कानून इस को अपराध नहीं मानता. उन्हें अपने तरीके से जीने का अधिकार देता है, लेकिन शादी करने की मान्यता नहीं देता.

ऐसे में कुछ अलग तरीके के भाव और रहनसहन को फौलो करने वाले लोगों को छिप कर रहने की अब जरूरत नहीं रही, लेकिन परिवार, समाज और धर्म के कुछ लोग आज भी इन्हें हीन दृष्टि से देखते हैं. उन्हें अपनी भावनाओं को खुल कर कहने या रखने की आजादी नहीं है.

कोर्ट के फैसले से अब उन्हें खुल कर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का कुछ मौका अवश्य मिला है. ऐसे में अच्छी समलैंगिक फिल्में भी बनीं, मसलन ‘फायर’, ‘तमन्ना’, ‘दरमिया’, ‘माय ब्रदर निखिल’, ‘बौम्बे टाकीज’ आदि, जिन की गिनती अच्छी फिल्मों में की गई और लोगों ने इन की मेकिंग को सराहा भी.

क्वीर फिल्मों का इतिहास 

समय के साथसाथ यह मौका पूरे विश्व में ‘न्यू क्वीर सिनेमा’ के रूप मे जाना गया, जिसे पहली बार 80 और 90 के दशकों में सब के सामने लाया गया, जिस पर कई सालों तक बहस छिड़ी और प्राइड मार्च हुए ताकि उन्हें ऐसी अलग कहानी कहने का मौका दिया जाए. अंत में कई देशों ने इसे कानूनी मान्यता दी और उन्हें आजादी से जीने का अधिकार दिया.

इस के बाद निर्मातानिर्देशकों ने ऐसे अलग विषयों को ले कर कई फिल्में बनाईं, फिल्म फैस्टिवल करवाए गए. इतने सब के बावजूद इन फिल्मों को बौक्सऔफिस पर लाने से हमेशा रोका जाता रहा. पहले इन फिल्मों को नैशनल फिल्म डैवलपमैंट कौर्पोरेशन (हृस्नष्ठष्ट) हौल तक लाने में सहयोग करता था, लेकिन उस का सहयोग अब कम मिल पाता है. आज भी थिएटर हौल मिलने में मुश्किलें हैं, दर्शकों की पहुंच से आज भी ये फिल्में दूर हैं. आखिर क्वीर फिल्मों के साथ इतना भेदभाव क्यों है, क्या है इन का भविष्य?

क्या हैं क्वीर फिल्में

समलैंगिकों को आम बोलचाल की भाषा में एलजीबीटी यानी लैस्बियन, गे, बाईसैक्सुअल और ट्रांसजैंडर कहते हैं. वहीं कई और दूसरे वर्गों को जोड़ कर इसे क्विटयर  समुदाय का नाम दिया गया है. इसलिए इसे रुत्रक्चञ्जक्त भी कहा जाता है. सभी क्वीर फिल्मों में प्यार को अधिक महत्त्व दिया गया और बताया गया है कि प्यार कभी भी किसी से हो सकता है और इसे स्वीकार करना जरूरी है.

समलैंगिक सिनेमा अपना आधिकारिक लैवल दिए जाने से पहले दशकों तक अस्तित्व में था, जैसे कि फ्रांसीसी रचनाकारों जीन कोक्ट्यू, डी अन पोएटे और जीन जेनेट की फिल्में ऐसी ही कहानियों को कहती हैं.

जिम्मेदार सभी

इस बारे में फिल्म निर्माता, निर्देशक ओनीर कहते हैं, ‘‘मु?ो वह अच्छा लग रहा है कि मेरी फिल्म पाइन कोन क्वीर सैंट्रिक फिल्म होने के बावजूद ब्रिटिश फिल्म ‘इंस्टिट्यूट फ्लेर’ लंदन में दिखाई जा रही है और उसे देखने वाले भी काफी हैं. भारत में भी इन फिल्मों का निर्माण बढ़ा है, लेकिन हौल तक पहुंचने में मुश्किल है.

‘‘इस के अलावा इन फिल्मों को बढ़ावा मिलने की मुश्किल होने की वजह समाज और धर्म है, क्योंकि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादी को कानूनन मान्यता देने की बात आई तो यही बात सामने आई कि समाज तैयार नहीं है और मना हो गया. समाज इसे बहुत धीरेधीरे मान रहा है कि इस तरीके के व्यक्तित्व वाले लोग हमारे समाज में हैं.

‘‘मैं जब किसी आम फिल्म को देखने हौल तक जाता हूं तो मेरे दिमाग में एक लव स्टोरी देखने की बात सामने आती है, इस के आगे और कुछ भी नहीं सोचता, लेकिन ऐसी आम फिल्म बनाने वालों को बहुत मुश्किल होती है. क्वीर फिल्मों की लव स्टोरी को देखना, इतना डर, असुरक्षा की भावना उन के अंदर क्यों आती है, मुझे समझ में नहीं आता, लेकिन उन्हीं फिल्मों को औनलाइन लोग छिपछिप कर देखते हैं. आंकड़ों के अनुसार, समाज में करीब 10 प्रतिशत लोग क्वीर समुदाय के हैं, क्या उन्हें अपनी तरह से जीने का अधिकार नहीं होना चाहिए?’’

ओनीर आगे कहते हैं, ‘‘लोगों का डर मैं ने तब भी देखा था जब मेरी पहली फिल्म ‘माई ब्रदर निखिल’ रिलीज हुई थी. तब भी इंटरवल में जब कुछ दर्शकों को पता चलता है कि मुख्य भूमिका निभाने वाला समलैंगिक है तो वे उठ कर चले गए. पुरुष दर्शकों को इस की चिंता अधिक होती है कि कोई उन्हें समलैंगिक फिल्में देखते हुए देख न ले. डर तो उन्हें तब लगना चाहिए जब वे काफी पैसे खर्च कर हिंसात्मक फिल्में देखने हौल तक जाते हैं. प्यार से इतना डर क्यों? किसी की खुशी को मानने से उन्हें डर क्यों होता है? ये कमियां हमारे समाज और धर्म की हैं, जो इसे स्वीकार नहीं करतीं.

‘‘समस्या हो रही है कि थिएटर में ऐसी फिल्मों को रिलीज होने के लिए जगह नहीं मिलती. पहले नैशनल फिल्म डैवलपमैंट कौर्पोरेशन (हृस्नष्ठष्ट) इन फिल्मों को रिलीज करने में सहयोग देता था. अभी तो किसी फिल्म को दिखाने के लिए थिएटर को रकम देनी पड़ती है, पहले ऐसा नहीं था. अभी छोटी फिल्मों को रिलीज करना बहुत मुश्किल हो चुका है. ओटीटी पर भी रिलीज करने के लिए भी कई समस्याएं आती हैं, मसलन हीरो कितना बड़ा है, कैसी फिल्म है आदि के बारे में उन्हें बताना पड़ता है.

‘‘क्वीर फिल्मों को इस लिहाज से अधिक महत्त्व नहीं दिया जाता, उन्हें चुनने वाले ही ऐसी फिल्मों को रिलीज करने में असहज महसूस करते हैं. क्वीर फिल्मों की समस्या हर स्तर पर अलगअलग होती है. ऐसे में वही फिल्में हौल तक पहुंच पाती हैं जिन की कहानी आम दर्शकों के स्वीकार करने योग्य हों. एक अलग रंग या व्यक्तित्व को जब तक कोई मान्यता नहीं मिलेगी, इन फिल्मों को स्वीकारा नहीं जाएगा. सो, दर्शक कैसे बढ़ेंगे?

‘‘साल 2005 में मैं ने फिल्म ‘माई ब्रदर निखिल’ बनाई थी और अब ‘पाइन कोन’ ले कर आया हूं. यह फिल्म अपनी जिंदगी. प्यारमोहब्बत, लिविंग आदि के बारे में है. इसलिए यहां पर इसे कम लोग स्वीकार कर रहे हैं, जबकि विदेशों में इसे देखने वाले काफी हैं. मु?ो यह नहीं सम?ा आता है कि 100 करोड़ की घटिया फिल्मों को थिएटर हौल मिल जाते हैं, लेकिन 2 या 3 करोड़ की छोटी और क्वीर फिल्मों को क्यों नहीं? ऐसी कई बड़ी फिल्में आईं और नहीं चलीं, दर्शक नहीं मिले, क्या हौल मालिक को घाटा नहीं हुआ?’’

माध्यमों की कमी का नहीं होगा असर 

छोटी और क्वीर फिल्मों को दिखाने के माध्यम की कमी भले ही हो, लेकिन इसे बनाना बंद नहीं करना है, क्योंकि ऐसी फिल्में कई अलग माध्यमों में भी दिखाई जा सकती हैं और इन के दर्शक भी हैं.

निर्देशक ओनीर कहते है, ‘‘लोग मुझ से पूछते हैं कि मैं ने समलैंगिक फिल्में क्यों बनाईं, इस की जरूरत क्या है? मैं ने उन से कहा कि, मुझे अदृश्य रह कर जीना मंजूर नहीं और मैं ने ही समलैंगिक विषयों पर फिल्में बनाई हैं और आगे भी बनाता रहूंगा. मैं जब बड़ा हुआ, तो ऐसी फिल्में नहीं थीं, क्योंकि समाज ऐसी बातों को नजरअंदाज करता था.’’

इक्वल ह्यूमन राइट्स

वे आगे कहते हैं, ‘‘मेरी फिल्म ‘पाइन कोन’ उन लोगों के लिए है जो इक्वलिटी इन ह्यूमन राइट को समझें. इन फिल्मों के लिए विजन की जरूरत है. ऐसे में फिल्म फैस्टिवल में भी दिखाया जाना एक अच्छा कदम है. आजकल थोड़े जागरूक लोग इन फिल्मों के को देखते हैं, क्योंकि प्राइड मार्च अब छोटेछोटे शहरों में भी होता है. इस का अर्थ यह है कि लोग इसे स्वीकार कर रहे हैं और आगे आने वाली यंग जनरेशन छोटी और क्वीर फिल्में बनाना नहीं छोड़ेगी. आगे दर्शकों का प्यार उन्हें मिलेगा, फिल्में हौल तक जाएंगी.’’

टाइगर श्रौफ ने अक्षय कुमार को यूं दिया धोखा- देखें वीडियो

बौलीवुड एक्टर अक्षय कुमार और टाइगर श्रौफ हमेशा अपने टैलेंट और फिल्मों को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहते है. दोनों को कई बार एक साथ मस्ती करते देखा जा चुका है. जिन्हे देख फैंस काफी खुश नजर आते है. दोनों एक्टर अपनी फिटनेस वीडियो को लेकर भी काफी सुर्खिया बंटोरते है. ऐसा ही इन दिनों दोनों की एक वीडियो वायरल हो रही है. जो कि काफी मजेदार है. दोनों एक्टर इस वीडियो में एक दूसरे के साथ मस्ती करते नजर आ रहे है.

दरअसल, अक्षय कुमार और टाइगर श्रौफ अपनी अपकमिंग फिल्म बडे मियां और छोटे मियां को लेकर खूब सुर्खियों में है. दोनों एक साथ इन दिनों शूटिंग बीजी चल रहे है ऐसे में उनकी शूटिंग के सेट से एक वीडियो टाइगर श्रौफ ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. जिसमें दोनों पूल में रेस लगाते हुए नजर आ रहे है, लेकिन तभी टाइगर श्रौफ अक्षय कुमार को धोखा देकर ये रेस जीत जाते है.

 

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आपने वीडियो में देखा की पहले टाइगर श्रौफ अक्षय कुमार से कहते है कि चल बडे रेस लगाते है. देखते है कौन जितेगा. लेकिन इस रेस में अक्षय तो पूल में चले जाते है. लेकिन टाइगर श्रौफ चलाकी दिखाते हुए पूल के किनारे दौड़ लगाते है और अंत तक पहुंच जाते है. जिसके बाद अक्षय हार जाते है और टाइगर उन्हे धोखा देकर रेस को चलाकी से जीत जाते है. बता दें, कि फैंस को ये वीडियो खूब पसंद आ रहा है. लोग इस वीडियो को जमकर शेयर और लाइ कर रहे है.

 

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वही बात करें, फिल्म छोटे मियां और बड़े मियां की तो, इस फिल्म के डायरेक्टर अली अबाज जफर है. जो इन दिनों इस फिल्म की शूटिंग में जोरो शोरो से लगे हुए है. देखना ये होगा कि ये फिल्म कबतक सिनेमा घरों में आएगी.

हाय एंड बाय वाली बन कर न रह जाएं मेधा शंकर

सोशल मीडिया पर ‘12वीं फेल’ फिल्म को ले कर आजकल रील्स और मीम्स खूब वायरल हो रहे हैं. कोई कह रहा है, अगर सफल होना है तो गर्लफ्रैंड होना जरूरी है, सिंगल रहना आप को कहीं नहीं ले जाएगा तो कोई कह रहा है. अगर गर्लफ्रैंड लौयल हो तो लड़का आईपीएस भी बन सकता है.

 

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हर कोई अपनी गर्लफ्रैंड में फिल्म ‘12वीं फेल’ वाली श्रद्धा को ढूंढ़ रहा है. फिल्म में लीड कैरेक्टर मनोज के सपोर्ट सिस्टम का किरदार निभाने वाली हीरोइन मेधा शंकर नैशनल क्रश बन जाती हैं और उन के इस संघर्ष में उन का साथ देने वालों की भूमिका धुंधली पड़ जाती है. बेशक मेधा ने इस रोल के बाद खूब तारीफ बटोरी है लेकिन उस के किरदार को ले कर सोशल मीडिया में जो बातें चल रही हैं उन्होंने कुछ सवाल भी खड़े कर दिए हैं.

कौन है मेधा शंकर

नोएडा में रहने वाली मेधा शंकर एक महाराष्ट्रियन परिवार से हैं. डाक्टर बनने की चाह रखने वाली मेधा का इंटरैस्ट जब ग्लैमर और एंटरटेनमैंट की तरफ गया तो उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. शुरुआत में उन्होंने कई विज्ञापनों में काम किया. उस के बाद मेधा ने 2015 में आई शौर्ट फिल्म ‘विद यू फोर यू औलवेज’ से ऐक्ंिटग की दुनिया में कदम रखा.

2019 में वे ब्रिटिश सीरीज ‘बीचम हाउस’ में नजर आईं. उस के बाद 2021 में आई फिल्म ‘शादिस्थान’, टैलीविजन शो ‘बेकरार’ और डौक्यूमैंट्री सदैव ‘आप के साथ’ का भी हिस्सा रहीं. लेकिन फेम उन्हें फिल्म ‘12वीं फेल’ से मिला, जिस के बाद वे लड़कों की नैशनल क्रश बन गईं.

फिल्म में अपनी शानदार अदाकारी के चलते मेधा का नाम लगातार सुर्खियां बटोर रहा है. फिल्म रिलीज के बाद मेधा शंकर के सोशल मीडिया फौलोअर्स बड़ी तेजी से बढ़े. इस समय मेधा शंकर सोशल मीडिया क्वीन बनी हुई हैं और खूब लाइमलाइट बटोर रही हैं.

इंस्टैंट बौलीवुड के मुताबिक, ‘12वीं फेल’ की ओटीटी पर रिलीज से पहले मेधा के इंस्टाग्राम हैंडल पर 2 लाख के करीब फौलोअर्स थे जो रिलीज के बाद करीब 12 लाख हो गए हैं.

‘12वीं फेल’ सोशल आईना

फिल्म मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित एक छोटे से गांव बिलगांव में जन्मे मनोज कुमार के संघर्ष से जुड़ी है. हालांकि सुर्खियों की वजह उन का आईपीएस बनने के स्ट्रगल से ज्यादा उन के पार्टनर का अंत तक साथ देने से है.

लेकिन सोशल मीडिया में उस की गर्लफ्रैंड श्रद्धा का साथ उस के खुद के स्ट्रगल पर भारी पड़ रहा है. मनोज कुमार शर्मा ने गरीबी पर काबू पा कर आईपीएस अधिकारी का पद हासिल किया. इसे बखूबी विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘12वीं फेल’ में दिखाया गया, लेकिन हर बौलीवुड फिल्म की तरह यह हकीकत से ज्यादा मनोरंजक बन गई.

फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है, मनोज 12वीं कक्षा की परीक्षा में फेल हो जाता है. उस के बाद वह छोटीमोटी नौकरियां करता है. 16-16 घंटे काम करता है और हर रात सिर्फ 3 घंटे सोता व यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करता है. देश की सब से प्रतिष्ठित संस्था, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा को पास करना आसान नहीं है. बात पढ़ाई की हो या मजबूत इरादों की, वर्षों लग जाते हैं यूपीएससी परीक्षा पास करने में. यही सब किया मनोज कुमार शर्मा ने भी. कुछ अलग नहीं था उन अधिकतर गरीब परिवार से आने वाले एस्पिरैंट्स से, जो अपने सपनों के लिए स्ट्रगल करते हैं. फर्क बस, इतना है कि वह अलग दिक्कतों का सामना कर रहा था.

इस में अलग क्या था? सवाल गंभीर है. गंभीर इसलिए क्योंकि श्रद्धा, जोकि मनोज का अंत तक साथ देती है, नैशनल क्रश बन जाती है. लोग मनोज से ज्यादा श्रद्धा की तारीफों के पुल बांधते नहीं थकते और बाकी मजबूत किरदारों को साइड कर देते हैं क्योंकि वे उसी मेल सैंट्रिक कल्चर से प्रेरित हैं कि चाहे पुरुष कैसा भी हो, किसी भी हालात में हो, महिला को यह हक नहीं बनता कि वह उसे छोड़े. यहां प्यार कोई प्रेरणा नहीं है. औरत का अपने प्यार के लिए किया गया स्ट्रगल प्रेरणा है.

वर्तमान सोसाइटी आज भी उस लड़की को प्रेरणा मानती है जो अपने लिए नहीं, दूसरों के लिए, अपने परिवार के लिए सबकुछ सैक्रीफाइस करने को तैयार हो पर आप ऐसे कितने पुरुषों को जानते हैं जो अपने प्यार के लिए, अपनी गर्लफ्रैंड के लिए अपनी सुखसुविधाओं को अपने भविष्य को छोड़ने के लिए तैयार होते हैं. सम?ाते की उम्मीद तो केवल लड़कियों से ही की जाती है.

समस्या यह है कि सोशल मीडिया पर यूथ श्रद्धा के कंपैरिजन में ‘शादी में जरूर आना’ फिल्म की हीरोइन से करने लगे, जिस में उस की होने वाली सास शादी के बाद नौकरी करने के लिए उसे मना कर देती है और वह शादी के ऐन वक्त घर से भाग कर अपने कैरियर को पूरा करती है.

इस गुस्से में फिल्म के हीरो यूपीएससी पास कर आईपीएस बन जाता है वरना तो वह क्लर्क की नौकरी में भी खुश था और उस से बदला लेने में जुट जाता है. यहां वह हीरोइन नायिका होते हुए भी विलेन बन जाती है. क्यों? क्योंकि वह शादी से ज्यादा अपने सपने को महत्त्व दे बैठती है. अब बताइए उस ने गलत क्या किया था? अंधेरे भविष्य में जाने से बेहतर है कि वक्तरहते फैसले ले लिए जाएं. लड़के तो मांबाप तक को छोड़ कर भाग जाते हैं.

अगर उस की ससुराल वाले मान भी जाते तो क्या गारंटी है कि शादी के बाद वे पलटते नहीं. हमारे यहां तो वैसे भी शादी के बाद अपनी बात से पलट जाने का रिवाज रहा है. शादी से पहले कुछ और बाद में कुछ. लड़की को कहा जाता है कि वह पढ़ाई जारी रख सकती है, नौकरी कर सकती है पर शादी के पहले ही साल उस के हाथ में बच्चा थमा दिया जाता है.

प्यारमोहब्बत में पड़े कितने ही लड़के केवल अपनी मां की मरजी की लड़की से शादी करने के लिए उन का साथ छोड़ देते हैं, वे आसानी से फैमिली फर्स्ट का नारा दे कर इसे जस्टीफाई कर देते हैं.

किसी ने ट्विटर जो अब एक्स के नाम से जाना जाता है पर कहा था- ‘12वीं फेल’ को देख कर ऐसा लग रहा कि सब आईपीएस बन जाएंगे लेकिन उन को साथ देने वाली चाहिए और साथ देने वाली अगर साथ छोड़ देगी तो उस से भी ज्यादा ऊंची पोस्ट मिल जाएगी पर बिना दिल टूटे या साथ पाए, कुछ होने वाला नहीं है.

 

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अब कोचिंग इंस्टिट्यूटों की आवश्यकता नहीं है. बस, प्यारमोहब्बत सिखाया जाए. सब सैल्फ स्टडी से ही कंपीटिशन निकाल ले रहे हैं.

फिल्म दिखाती है, पेरैंट्स का स्ट्रगल, गरीबी और उन का प्यार आप को आईएएस नहीं बनाता, आप की गर्लफ्रैंड का आईलवयू आप को आईएएस बना देता है. हर लड़का श्रद्धा को ढूंढ़ना चाहता है पर श्रद्धा बनने में किसी की दिलचस्पी नहीं है. कोई किसी औरत के लिए अपने सपनों की बलि नहीं देना चाहता. उन्हें अनदेखा नहीं करना चाहता. ये जिम्मेदारियां केवल लड़कियों के हिस्से हैं. आप ने कितनी फिल्में और उदाहरण देखे हैं ऐसे?

ऐसी फिल्मों के जरिए समाज की वही घिसीपिटी बात रिपीट करने की कोशिश की जा रही है कि औरत को पुरुष का साथ देना ही चाहिए. चाहे पुरुष काबिल हो या न, चाहे औरत स्ट्रगल करने के लिए तैयार हो भी या न. अगर आप ऐसा करती हो तो आप नैशनल क्रश बनने की हकदार हो, क्योंकि अधिकतर भारतीय यही उम्मीद करते हैं, चाहे कुछ भी हो, कितना स्ट्रगल, कितने ही सपनों को आग लगानी हो.

उन को चाहिए कि वह अपने परिवार, पति और पार्टनर के लिए सब करे. कमाल की बात है. बस, कमाल की बात यही कि पिता के सपने, पति के लिए घर और बच्चों के लिए कैरियर, सब वही छोड़े, जिस पर सोशल मीडिया में लड़के मस्त हुए पड़े हैं

इन फिल्म सितारों ने चूमने की कर दी थीं हदें पार

आजकल वैब सीरीज पर यह इलजाम लगता है कि उन में बहुत से ऐसे बोल्ड सीन होते हैं, जो दर्शकों की गरमी बढ़ देते हैं. पर यह भी सच है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने कई ऐसी फिल्में दी हैं, जिन में काफी बोल्ड सीन देखने को मिले हैं. इतने लंबे किसिंग सीन कि लगे हीरो हीरोइन के होंठ आपस में परमानैंट चिपक गए हों.

बैंड बाजा बारात

 

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‘बैंड बाजा बारात’ मूवी तो आपको बखूबी याद होंगी. जिस फिल्म में अनुष्का शर्मा और रणवीर सिंह ने लीड रोल प्ले किया था. इस फिल्म  में अनुष्का शर्मा और रणवीर सिंह के बीच काफी लंबा किसिंग सीन दिखाया गया था. इसकी वीडियो खूब वायरल हुई थी.

जांबाज

 

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फिल्म ‘जांबाज’ भी एक किसिंग सीन की वजह से चर्चा में रही थी. ये किसिंग सीन अनिल कपूर और डिंपल कपाड़िया के बीच फिल्माया गया था. इसको सबसे लंबे किसिंग सीन्स में गिना जाता है.

दयावान

 

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माधुरी दीक्षित और विनोद खन्ना के फिल्म ‘दयावान’ से कई बोल्ड सीन्स वायरल हुए थे. लेकिन इस फिल्म का किसिंग चर्चा में रहा था. ‘दयावान’ फिल्म का किसिंग सीन खूब वायरल हुआ था.

राजा हिंदुस्तानी

फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ का किसिंग कोई कैसे भूल सकता है. इस फिल्म में आमिर खान और करिश्मा कपूर के बीच एक लंबा किसिंग सीन था.

मर्डर

 

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इमरान हाशमी कई फिल्मों बोल्ड सीन्स दिए है. लेकिन फिल्म ‘मर्डर’ उनकी सबसे बोल्ड फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में इमरान हाशमी और मल्लिका शेरावत का एक किसिंग था, जो आज भी चर्चा में रहता है.

जिंदगी न मिलेगी दोबारा

 

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साल 2011 में आई फिल्म ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ में रितिक रोशन और कटरीना कैफ एक किंसिंग था, जो काफी वायरल हुआ था.

राज 3

 

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फिल्म ‘राज 3’ साल 2012 में आई थी, जिस में इमरान हाशमी और बिपाशा बसु एक काफी लंबा किसिंग सीन था. जिसे देखने के बाद लोग आहें भरते रह गए थे.

धूम 2

 

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साल 2006 में आई फिल्म ‘धूम 2’ में ऋतिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन के बीच एक लंबा किसिंग था. तब इस सीन ने तहलका सा मचा दिया था.

The Kerala Story एक्ट्रेस अदा शर्मा की कॉन्टैक्ट लिस्ट हुई लीक, मिल रही है धमकियां

इन दिनों ‘द केरल स्टोरी’ की फेम एक्ट्रेस अदा शर्मा (Adah Sharma) मुसीबत में आ गई है. जी हां फिल्म में उनकी धमाकेदार एक्टिंग के लिए कई लोग तारीफ कर रहें है तो कई उन्हे ट्रोल करते दिख रहे है लेकिन ये मामला इतना आगे बढ़ गया है कि एक्ट्रेस की कॉन्टैक्ट लिस्ट ही लीक कर दी गई है. जिसपर कार्यवाही अभी चल रही है.

 

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आपको बता दे, कि ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म 5 मई को सभी सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसकी स्टोरी करेल के लोगों के धर्मांतरण को लेकर थी. फिल्म तो सिनेमाघरों में जमकर कमाई करती दिख रही है अबतक 200 करोड़ तक कमाई कर चुकी है लेकिन फिल्म की लीड एक्ट्रेस को ट्रोल करने के साथ-साथ उनकी कॉन्टैक्ट लीस्ट को लीक कर दिया गया है. इंस्टाग्राम पर ‘jhamunda_bolte’ नाम के यूजर ने लीक किया है. इसके साथ ही अदा शर्मा का नया कॉन्टैक्ट नंबर लीक करने की धमकी दी है. हालांकि, ये इंस्टाग्राम अकाउंट डीएक्टिवेट हो गया है लेकिन तब तक ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. वहीं, अदा शर्मा के फैंस मुंबई साइबर सेल से इस यूजर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी कर रहे हैं. हालांकि, इस पूरे मामले को लेकर अदा शर्मा का कोई रिएक्शन नहीं आया है.

 

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गौरतलब है कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की एक्ट्रेस सोनिया बलानी को भी फिल्म के रिलीज होने के बाद उनके किरदार को लेकर धमकी मिली थी. अब अदा शर्मा के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है. बताते चलें कि सुदीप्तो सेन के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ में केरल की लड़कियों के धर्मांतरण की कहानी को दिखाया गया है. फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ की स्टारकास्ट की बात करें तो इसमें अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सिद्धि इदनानी और सोनिया बालानी महत्वपूर्ण भूमिका में है.

‘लव आजकल’ से लेकर ‘थप्पड़’ तक, इस महीने धमाल मचाएंगी ये 7 बड़ी फिल्में

फरवरी महीना बौलीवुड फिल्मों के रिलीजिंग के नजरिये से बहुत अहम् रहने वाला है. इस महीने पड़ने वाले शुक्रवार के दिन में दर्जनों फिल्में रिलीज को तैयार हैं. जिसमें से तो कुछ बहु प्रतिक्षित भी हैं जिसका दर्शक बेसब्री से रिलीज का इंतजार कर रहें हैं. यह फिल्में दर्शकों पर अपनी कितनी छाप छोड़ पाएंगी यह तो फिल्मों के रिलीज के बाद ही पता चलेगा. लेकिन यह तय है की शुभमंगल ज्यादा सावधान , लव आज कल, भूत, मलंग जैसी फ़िल्में दर्शकों की भीड़ को सिनेमाहाल तक खींचने में कामयाब रहेंगी. आइये जानते हैं की इस माह कौन सी फिल्में रिलीज होने वाली हैं.

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– मलंगट्रेलर लांच होने के बाद से ही यह फिल्म चर्चा में हैं. इस फिल्म का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहें हैं. यह फिल्म 7 फरवरी को रिलीज होने जा रही हैं. जिसकी मुख्य भूमिका में अनिल कपूर दिशा पाटनी, कुणाल खेमू और आदित्य राय कपूर है फिल्म के निर्देशक मोहित शूरी हैं .

फिल्म के ट्रेलर का लिंक –

– हैक्ड- यह फिल्म भी 7 फरवरी को रिलीज होने जा रही है. फिल्म की मुख्य भूमिका में हिना खान और रोहन शाह है फिल्म का निर्देशन  विक्रम भट्ट हैं.

फिल्म ट्रेलर का लिंक

– शिकाराइस फिल्म का निर्देशन विधु विनोद चोपड़ा ने किया है. फिल्म की कहानी कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार पर आधारित है. इस फिल्म के सफल होने के अनुमान पहले से लगाए जा रहें हैं.

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फिल्म ट्रेलर लिंक –

– लव आजकल 14 फरवरी को रिलीज हो रही इस इस फिल्म की मुख्य भूमिका में कार्तिक आर्यन, सारा अली खान, रणदीप, अरुषि शर्मा, नजर आने वाले हैं. फिल्म का निर्देशन इम्तियाज अली ने किया है इस फिल्म के निर्मात दिनेश हैं.

मूवी ट्रेलर का लिंक-

– शुभ मंगल ज्यादा सावधान- इस बहु प्रतीक्षित फिल्म के रिलीजिंग की डेट 21 फरवरी तय हुई है फिल्म के निर्देशक हितेश केवल्या हैं. निर्माता आनंद एल राय, भूषण कुमार, कृष्णा कुमार, हिमांशु शर्मा है. फिल्म की मुख्य भूमिका में आयुष्मान खुराना, जीतेन्द्र कुमार, नीना गुप्ता, सुनीता राजवार और मानवी गागरू नजर आएंगी.

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फिल्म ट्रेलर का लिंक

– भूत पार्ट – 1 फरवरी माह के 21 तारीख को रिलीज हो रही इस फिल्म में विक्की कौशल और भूमि पेड्नेकर नजर आयेंगी. फिल्म का निर्देशन भानु प्रताप सिंह ने किया है और निर्माता हीरो यश जौहर, करण जौहर, अपूर्व मेहता और शशांक खेतान हैं.

फिल्म के ट्रेलर का लिंक 

– थप्पड़- तापसी पन्नू अभिनीत यह फिल्म महिला हिंसा पर करारा चोट करने वाली है. फिल्म थप्पड़ का ट्रेलर रिलीज हो हो चुका है . पूरे फिल्म की रिलीजिंग28 फरवरी को होंगी . इस टाइटल की तरह फिल्म की कहानी भी एक थप्पड़ के इर्द-गिर्द घूमती है.

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ट्रेलर लिंक –

साल ‘2020’ में ऐसे सजेगी फिल्मी दुनिया

1 जनवरी की दस्तक से ही साल 2020 हम से रूबरू हो चुका है. फिल्मी दुनिया का पिछला साल किसी को रास आया, तो कोई एक अदद हिट फिल्म को तरस गया. फिल्म ‘कबीर सिंह’ में शाहिद कपूर की अदाकारी ने चौंकाया, तो वहीं अक्षय कुमार ने हिट पर हिट फिल्में दे कर मस्त माल बनाया. इतना ही नहीं, गंजे ‘बाला’ बने आयुष्मान खुराना ने सब को हंसाया. साथ ही, इस फिल्म से लोगों को सीख भी मिली कि अपनी शारीरिक कमजोरी का दुख मनाने का कोई फायदा नहीं है. आप जैसे हैं वैसे ही खूबसूरत हैं.

इस साल भी फिल्म कलाकारों में एकदूसरे से आगे निकलने की होड़ मचेगी. इन में से एक फिल्म है ‘83’. उम्मीद की जा रही है कि रणवीर सिंह की यह फिल्म 10 अप्रैल, 2020 को रिलीज होगी.

कबीर खान के डायरैक्शन में बनी इस फिल्म की कहानी साल 1983 में हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप और इस में भारत की ऐतिहासिक जीत से जुड़ी है. इस फिल्म में रणवीर सिंह के साथ उन की पत्नी दीपिका पादुकोण भी हैं.

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इस साल अक्षय कुमार की 4 बड़ी फिल्में आएंगी. मार्च महीने में वे रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सूर्यवंशी’ में पुलिस अफसर के किरदार में दिखाई देंगे, तो मई महीने में उन की फिल्म ‘लक्ष्मी बम’ रिलीज होगी. यह दक्षिण भारत की एक हौररकौमेडी फिल्म ‘कंचना’ का हिंदी रीमेक है. वहीं फिल्म ‘पृथ्वीराज’ में वे तलवार भांजते नजर आएंगे. इस फिल्म से विश्व सुंदरी मानुषी छिल्लर भी अपना फिल्मी डैब्यू कर रही हैं. फिल्म ‘बच्चन पांडे’ साल 2020 में क्रिसमस पर रिलीज हो सकती है. यह फिल्म साल 2014 में आई दक्षिण भारतीय फिल्म ‘वीरम’ का हिंदी रीमेक है.

पिछला साल रितिक रोशन के लिए भी उम्मीद की एक नई किरण ले कर आया था. उन की फिल्म ‘सुपर 30’ और ‘वार’ ने खूब नाम और दाम कमाया था. फिल्म ‘वार’ ने तो कमाई के नए रिकौर्ड बना दिए थे. साल 2020 में रितिक रोशन चौथी बार ‘क्रिश’ बन कर आएंगे.

टाइगर श्रौफ की साल 2020 में बहुचर्चित फिल्म ‘रैंबो’ 2 अक्तूबर को रिलीज हो सकती है. यह फिल्म हौलीवुड के फेमस ऐक्टर सिल्वैस्टर स्टैलोन की फिल्म ‘रैंबो’ पर बनी बताई जा रही है.

इस फिल्म को फिल्मकार साजिद नाडियाडवाला बना रहे हैं. इस से पहले टाइगर श्रौफ और श्रद्धा कपूर की फिल्म ‘बागी 3’ मार्च महीने में आ सकती है. इस फिल्म का डायरैक्शन अहमद खान करेंगे.

इतना ही नहीं, अपने जमाने की हिट फिल्म रही ‘सड़क’ का सीक्वल 25 मार्च को ‘सड़क 2’ नाम से आएगा. इस फिल्म में आलिया भट्ट, संजय दत्त और आदित्य रौय कपूर अहम किरदारों में हैं. इस फिल्म का डायरैक्शन महेश भट्ट ने किया है.

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रणबीर कपूर और वाणी कपूर की फिल्म ‘शमशेरा’ 31 जुलाई को रिलीज होगी. यह यशराज बैनर की एक बड़े बजट की फिल्म बताई जा रही है.

बड़ी फिल्मों की बात हो और करण जौहर का जिक्र न आए, ऐसा कैसे हो सकता है. वे ‘तख्त’ नाम की एक बड़ी और बहुत ज्यादा फिल्म सितारों की फिल्म बना रहे हैं, जिस में रणवीर सिंह, करीना कपूर, आलिया भट्ट, भूमि पेडनेकर, जाह्नवी कपूर, अनिल कपूर और विकी कौशल होंगे. इस फिल्म में जाह्नवी कपूर और अनिल कपूर की चाचाभतीजी की जोड़ी पहली बार नजर आएगी.

फिल्म ‘तानाजी: द अनसंग वारियर’ में अजय देवगन को एक योद्धा के रूप में दिखाया गया है. इस फिल्म को साल 1670 में हुए सिंहगढ़ युद्ध पर फिल्माया गया है, जिस में तानाजी मालुसरे ने लड़ाई लड़ी थी. यह फिल्म 24 जनवरी, 2020 को रिलीज हो सकती है. इस फिल्म के डायरैक्टर ओम रावत हैं. इस फिल्म में अजय देवगन के साथ काजोल, सैफ अली खान और जगपति बाबू भी हैं.

फिल्म ‘छपाक’ में एसिड अटैक की पीडि़ता लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी को दिखाया गया है. इस फिल्म में लक्ष्मी अग्रवाल का रोल दीपिका पादुकोण ने निभाया है, जो 10 जनवरी, 2020 को रिलीज हो सकती है. मेघना गुलजार ने इस फिल्म का डायरैक्शन किया है.

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वरुण धवन की फिल्म ‘स्ट्रीट डांसर’, ‘रणभूमि’ और ‘कुली नंबर 1’, कंगना राणावत की फिल्म ‘पंगा’, आदित्य रौय कपूर की फिल्म ‘मलंग’, आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘चेहरे’ और ‘गुलाबो सिताबो’ भी इसी साल रिलीज हो सकती हैं.

‘इश्कबाज’ की ‘अनिका’ को दिया co-stars ने सरप्राइज, देखें वीडियो

‘इश्कबाज’ सीरियल से सबका दिल जीतने वाली एक्ट्रेस सुरभि चंदना ने हाल ही में 11 सितम्बर अपने को-स्टार्स के साथ अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया है. दरअसल उनके को-स्टार्स ने उनके घर आकर उन्हें एक एसा सरप्राइज दिया, जिससे कि वे बेहद खुश हो गई. सुरभि के को-स्टार्स ने उनके घर गुब्बारे लगा कर और एक शानदार केक से उनके घर को बर्थडे के माहौल में बदल दिया.

सुरभि चंदना को उनके को-स्टार्स द्वारा दिया गया ये सरप्राइज काफी पसंद आया और इस दौरान सबने साथ मिलकर काफी मस्ती भी की. उनके केक काटते समय ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि उन्हें इस सरप्राइज का कोई अंदाजा नही था और अपने को-स्टार्स के साथ मनाया गया जन्मदिन उन्हें हमेशा याद रहेगा.

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सुरभि चंदना के बर्थडे के मौके पर श्रेनु पारिख, मानसी श्रीवास्तव, मृणाल देशराज और नेहा लक्ष्मी अय्यर समेत कई लोग दिखाई दिए. सबसे खास बात सुरभि के इस जन्मदिन की ये रही कि, उन्होंने अपना ये बर्थडे सीरियल इश्कबाज और संजीवनी दोनो की टीम के साथ मनाया.

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सीरियल ‘संजीवनी’ में डा. ईशानी का किरदार निभा रहीं सुरभि चंदना का बर्थडे केक काफी शानदार तरीके से सजाया गया. इतना ही नहीं बल्कि अपने जन्मदिन से एक रात पहले सुरभि चंदना गणपति बप्पा जी के दर्शन कर उनसे आशिर्वाद लेने पहुंची और इसके बाद उन्होने अपना बर्थडे एक बहतरीन अंदाज में मनाया.

बता दें, सुरभि चंदना इस समय स्टार प्लस के सीरियल ‘संजीवनी’ में डा. ईशानी का किरदार निभाती दिखाई दे रही हैं और इससे पहले उन्होने काफी सीरियल में काम किया है जैसे कि, ‘इश्कबाज’, ‘कुबूल है’, ‘आहट’, आदि. सुरभि ने साल 2014 में आई फिल्म ‘बौबी जासूस’ में भी अभिनय किया था.

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Written By: Karan Manchanda

बौलीवुड ने नहीं अपनाया, पर्ल पंजाबी ने मौत को गले लगाया

उनकी लाश मुंबई के लोखंडवाला इलाके में उस के अपार्टमेंट के बाहर पाई गई. वहां के सिक्योरिटी गार्ड ने सूचना दे कर पुलिस को बुलाया था. घायल पर्ल पंजाबी को तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

पर्ल पंजाबी एक प्रौडक्शन हाउस में वीडियो एडिटर का काम कर रही थी लेकिन वह बौलीवुड में हीरोइन बनना चाहती थी. फिलहाल वह अपनी मां के साथ लोखंडवाला इलाके के एक अपार्टमेंट में रह रही थी.

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी स्ट्रगलिंग कलाकार ने यों मायूस हो कर अपनी जान गंवाई है. इसी साल जनवरी महीने में संघर्ष कर रहे कलाकार राहुल दीक्षित ने खुदकुशी कर ली थी.

जानकारी के मुताबिक, राहुल दीक्षित एक किराए के मकान में रहता था. इस मौके पर उस के साथ उस की लिव इन पार्टनर प्रिया भी थी. प्रिया जब सुबह 4 बजे नींद से उठी तो उस ने राहुल दीक्षित को पंखे से लटकते पाया, जिस के बाद प्रिय ने उसी फ्लैट में रह रहे दूसरे दोस्तों को जगाया.

इस मामले में पुलिस का कहना था कि ऐसा लगता है कि राहुल ने प्रिया के साथ उस की शराब पीने की लत को ले कर हुई बहस के बाद यह कदम उठाया था.

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हिंदी ही नहीं, बल्कि देश की दूसरी भाषाओँ में बनने वाली फिल्मों के कलाकार भी मानसिक तनाव से जूझते हुए मौत को गले लगा रहे हैं. साल 2018 में गुजराती फिल्मों के जूनियर कलाकार और एक नई फिल्म बना रहे हितेश परमार ने भी खुदकुशी कर ली थी. मरने से पहले लिखे गए उस के सुसाइड नोट में हितेश परमार ने यह बताया था कि उस ने एक निवेशक से कर्ज लिया था जिस के बदले में वह बहुत ज्यादा ब्याज वसूल रहा था तथा पिछले 2 साल से पैसा लौटाने के लिए तंग कर रहा था. पुलिस के मुताबिक, हितेश परमार ने धनियावी गांव में अपने घर पर खुद को कथित तौर पर फंदे से लटका लिया था.

इसी तरह भोजपुरी फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम करने वाली कलाकार अंजली श्रीवास्तव ने जुलाई 2017 में मुंबई के पश्चिमी उपनगर अंधेरी में बने अपने घर में फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली थी.

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पुलिस के मुताबिक, 29 साल की अंजली को उस के एक संबंधी ने फांसी पर लटके देखा तो वह उसे नीचे उतार कर अस्पताल ले गया, लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

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