सोलर दीदी : मुनमुन ने कैसे बदली अपनी जिंदगी

‘मैं  यह क्या सुन रहा हूं मां… मुनमुन पति का घर छोड़ कर आ गई है. फौरन उसे वापस भेजो, वरना हमारी बहुत बदनामी होगी,’ पवन की गुस्से में भरी तेज आवाज रामेश्वरी के कानों से टकराई.

‘‘फोन पर क्यों इतना चिल्ला रहा है. थोड़ा शांत हो जा. तुझे कौन सी सचाई का पता है… और देखा जाए, तो तुझे इस बात में कोई दिलचस्पी भी नहीं है. तुझे तो गांव छोड़े बरसों हो गए हैं. तू क्यों बदनामी की चिंता कर रहा है. जब से गया है, तू ने और तेरे बड़े भाई ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

‘‘ठीक भी है, आखिर अब तुम ऊंचे ओहदे पर हो, बड़े आदमी बन गए हो. शहरी चमकदमक तुम्हें इतनी रास आ गई है कि तुम दोनों ने मांबाप और गांव को ही भुला दिया है,’’ रामेश्वरी की आवाज में कड़वाहट थी.

‘मां, हम शहर में रह रहे हैं तो क्या… मुनमुन की शादी करने में तो हम ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी…’ पवन फिर भड़का, ‘इतनी सी बात पर कोई घर छोड़ कर आता है भला. थोड़ा सहना भी चाहिए. पति का हाथ तो उठ ही जाता है. इस में कौन सी नई बात है. इतना हक तो होता ही है पति का. मारपीट, लड़ाई झगड़ा किस पतिपत्नी में नहीं होता. लेकिन वह तो घर ही छोड़ कर आ गई.

‘क्या पता, अब मुनमुन कौन सा गुल खिलाएगी. सच तो यह है कि ऐसी बहन को चौराहे पर खड़ा कर के गोली मार देनी चाहिए. नाक कटवा दी उस ने हम सब की,’ पवन के शब्दों से कड़वाहट टपक रही थी.

‘‘वाह, मेरे काबिल बेटे. पढ़लिख कर भी तू ऐसी सोच रखता है. तुम दोनों भाइयों को न पढ़ा कर मैं ने मुनमुन की पढ़ाई पर ध्यान दिया होता, तो कम से कम आज वह अपने पैरों पर तो खड़ी हो जाती.

‘‘और बेटा, तू सही कह रहा है कि शादी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी तुम दोनों भाइयों ने. मैं ने और तेरे बाबूजी ने कितना कहा था कि लड़के के बारे में पहले ठीक से जांच कर लो, पर तुम दोनों भाइयों को तो जल्दी थी उस की शादी करने की, ताकि जल्दी से शहर लौट सको.

‘‘तुम ने न घरपरिवार के बारे में पड़ताल की, न लड़के के बारे में. गाय की तरह मुनमुन को उस से बांध दिया और एहसान भी जताया कि देखो बहन की शादी कितनी धूमधाम से कर दी, कितने जिम्मेदार बेटे हैं हम तो…’’ लगातार बोलने से रामेश्वरी की सांस फूलने लगी थी.

‘‘मां, रहने भी दो अब. तुम्हारी तबीयत खराब हो जाएगी,’’ मुनमुन ने मां के हाथों से फोन लेने की कोशिश की.

‘‘बोलने दे मुझे आज…’’ रामेश्वरी ने फोन को कस कर पकड़े रखा, ‘‘सुन पवन, मैं नहीं भेजूंगी मुनमुन को वापस उस नरक में. शराबी पति की मार कब तक खाएगी वह. वह हमारे ऊपर बोझ नहीं है, जो रोटी की जगह मार और प्यार की जगह दुत्कार सहती रहे.

‘‘शर्म आनी चाहिए तुम्हें. बहन का साथ देने के बजाय तुम्हें बदनामी का डर सता रहा है. अपने ही जब कीचड़ उछालने से नहीं चूकते, तो समाज को उंगलियां उठाने से कैसे रोक सकते हैं,’’ रोते हुए रामेश्वरी ने खुद ही फोन काट दिया था.

‘‘मां, तुम किसकिस का मुंह बंद करोगी… यह लखीमपुर खीरी जिले का एक छोटा सा गांव है. घरघर में मेरे मायके आ जाने की बात फैल गई है. बाबूजी तो 2 दिनों से खेत पर भी नहीं गए हैं.

‘‘अच्छा यही होगा कि मैं ससुराल चली जाऊं. जो मेरी किस्मत में लिखा है, उसे सह लूंगी,’’ मुनमुन से मां की पीड़ा देखी नहीं जा रही थी.

‘‘तू क्या समझाती है, मैं नहीं जानती कि तेरे साथ वहां और क्याक्या होता होगा. मां हूं तेरी. पति की मार से तू ससुराल छोड़ कर आने वाली नहीं है. सच बता, बात क्या है?’’ रामेश्वरी की अनुभवी आंखें मानो भांप गई थीं कि बात कुछ और ही है.

‘‘मां…’’ मुनमुन सुबकते हुए बोली, ‘‘शादी को डेढ़ बरस हो गया है और मैं उन्हें बच्चा न दे सकी. मुझे बांझ कह कर वे डाक्टर के पास ले गए, पर जांच में सब ठीक आया. मैं ने पति से बोला कि तुम अपनी जांच करा लो, तो वह भड़क गया.

‘‘एक दिन सास और पति दूसरे गांव में गए हुए थे किसी के ब्याह में. रात को ससुर ने मेरे साथ जबरदस्ती करनी चाही. वह बोला, ‘मेरा बेटा तुझे बच्चा नहीं दे सकता तो क्या, मैं तो हूं.’

‘‘पति को बताया, तो सास और पति दोनों ही मुझे कोसने लगे कि मैं बदचलन हूं और ससुर पर झठा इलजाम लगा रही हूं.

‘‘ससुर हाथ जोड़े ऐसे बैठा था, जैसे उस का कुसूर न हो. उस के बाद तो ससुर की हिम्मत बढ़ गई और वह जबतब मेरा हाथ पकड़ने लगा. सास ने कई बार देखा भी, पर चुप रही.

‘‘बता मां, मैं कैसे रहती वहां? जहां हर समय यही डर लगा रहता था कि न जाने कब ससुर मेरे ऊपर झपट्टा मार लेगा.’’

रामेश्वरी कुछ कहती कि तभी बिसेसर वहां आ गए.

‘‘समझ नहीं आता कि क्या करें मेरी बच्ची. तुझे घर में रखते हैं, तो गांव वाले ताने देते रहेंगे और ससुराल भेजते हैं, तो तुझे घुटघुट कर जीना होगा. वैसे भी हमारे गांव की आबोहवा लड़कियों के लिए ठीक नहीं है,’’ बिसेसर की आवाज में छिपा बाप का दर्द मुनमुन को दर्द दे गया.

‘‘बाबूजी, आप बिलकुल भी परेशान मत हों. मैं लौट जाऊंगी. सच तो यह है कि औरत चाहे जिस कोने में चली जाए, उस के लिए सारे समाज की हवा ही ठीक नहीं है. कहां महफूज है वह?’’

‘‘क्या कहूं मेरी बच्ची. देखो, आज हमारे बेटे ही हमें दोष दे रहे हैं. हमारा कुसूर यह है कि दिनरात शराब पी कर पत्नी को पीटने वाले पति के घर बेटी को झोंटा पकड़ कर क्यों नहीं ठेल देते,’’ बिसेसर सिर पकड़ कर वहीं बैठ गया.

‘‘तेरे दोनों भाइयों को पढ़ाने की खातिर तेरी पढ़ाई बीच में ही छुड़ानी पड़ी और देखो, वही तेरे लायक भाई तेरे दुश्मन बन बैठे हैं,’’ रामेश्वरी के आंसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे.

‘‘मां, तुम जरा भी चिंता मत करो. मैं तुम पर बोझ नहीं बनूंगी. मैं कुछ न कुछ काम जरूर ढूंढ़ लूंगी,’’ मुनमुन ने कहा.

मुनमुन ने ठान लिया था कि वह बेबसी और लाचारी का दामन नहीं थामेगी, वह जीएगी और अपने मांबाबू का सहारा भी बनेगी. सफर आसान न था, क्योंकि उस के पास कोई ऐसी डिगरी नहीं थी, जिस के बल पर नौकरी कर लेती और न ही उस के पास पैसा था, जो कोई कारोबार शुरू कर पाती.

मुनमुन गांव में काम ढूंढ़ने निकलती, तो मर्दों की गंदी नजरें और फिकरे उस का पीछा करते, ‘अरे, पति को छोड़ आई, तो किसी के साथ तो बिस्तर पर सोएगी. तो हम ही क्या बुरे हैं…’

कोई कहता, ‘‘इस में ही दोष होगा, तभी तो पति मारता था. हमारी औरतें भी तो मार खाती हैं, तो क्या वे घर छोड़ कर चली गईं. आदमी अपनी जोरू को न मारे, ऐसा कभी हुआ है…’’

मुनमुन खून का घूंट पी कर रह जाती. बिना किसी कुसूर के उसे सजा मिल रही थी. लड़की हो कर कोई काम मिलना और वह भी एक पति का घर छोड़ कर आई लड़की के लिए… कोई आसान बात न थी.

तभी मुनमुन को एक सामाजिक संस्था ‘श्रमिक भारती’ के बारे में पता चला, जो केंद्र सरकार की टेरी योजना के तहत गांवों में सोलर लाइट का कार्यक्रम चलाती थी. वह उस से जुड़ गई. तब भी समाज उस पर हंसा कि देखोे, एक लड़की हो कर कैसा काम कर रही है. पर मुनमुन ने किसी की परवाह नहीं की.

मां ने जब मुनमुन के इस फैसले पर सवालिया नजरों से उसे देखा, तो वह बोली, ‘‘मां, किस ने कहा कि यह काम केवल मर्द ही कर सकते हैं. अब औरतें भी किसी काम में मर्दों से कम नहीं हैं. फिर मां, कभी न कभी तो किसी को इस सोच को तोड़ना होगा. औरत क्या सिर्फ पिटने के लिए ही होती है?’’

ससुराल वालों ने जब यह सुना, तो वे बहुत बिगड़े और फौरन उसे वापस ले जाने के लिए पति आ पहुंचा.

वह बोला, ‘‘बहुत पर निकल आए हैं तेरे मायके आ कर. चल वापस, वरना मुझ से बुरा कोई नहीं होगा,’’

वह उस पर हाथ उठाने ही वाला था कि रामेश्वरी ने उस का हाथ पकड़ लिया, ‘‘खबरदार, जो मेरी बेटी को मारने की कोशिश की, तो सीधे थाने पहुंचा दूंगी.’’

मांबेटी का यह भयानक रूप देख पति वहां से भाग गया.

धीरेधीरे मुनमुन ने सोलर लाइट से जुड़ा हर काम सीख लिया और उसे यह काम करने की धुन सवार हो गई.

बस, इसी धुन में उस ने सोलर लाइट का कार्यक्रम शुरू कर दिया. वह गांवगांव जा कर सोलर लाइट, सोलर चूल्हे, सोलर पंखे लगाने लगी. उस की लगन और मेहनत देख कर गांव वालों के ताने तो बंद हो ही गए, साथ ही उस की जैसी सताई हुई और भी लड़कियां उस के साथ जुड़ गईं.

गांव की औरतों में अपने हक के लिए लड़ने की जैसे एक क्रांति सी आ गई. गांव के लोग जो उसे बुरी नजरों से देखते थे, उन्होंने उसे ‘सोलर दीदी’ के नाम से बुलाना शुरू कर दिया. गांव में सोलर लाइट खराब हो, पंखा खराब हो या कुछ और, बस लोग ‘सोलर दीदी’ को फोन मिलाते और वह पूरे जोश से अपने बैग में औजार रख अपनी स्कूटी पर दौड़ी चली जाती.

‘‘मैं बहुत खुश हूं मुनमुन कि तू अपने पैरों पर खड़ी हो गई है, लेकिन बेटी, अकेले जिंदगी काटना आसान नहीं है. तू कहे तो मैं कहीं और तेरे लिए रिश्ते की बात चलाऊं. तेरा तलाक हुए भी

3 साल हो गए हैं,’’ मां की आंखों में अपने लिए गर्व देख मुनमुन की आंखें भर आईं.

‘‘मां, तुम ने और बाबूजी ने मेरा साथ दे कर ही मुझे इस मुकाम पर पहुंचाया है. अगर तुम दोनों ही मुझे घर से निकाल देते, तो मैं कुछ भी नहीं कर पाती. बस, किसी दिन कहीं कुएं या तालाब में मरी मिलती.

‘‘और मां, एक बार शादी कर के देख तो लिया. अभी भी हमारे समाज में औरत या तो बिस्तर पर ले जाने के लिए होती है या फिर बच्चा पैदा करने के लिए. मुझे ऐसी जिंदगी नहीं चाहिए.

‘‘अब तो मैं बस तुम दोनों की सेवा करूंगी और अपनी शर्तों पर जिंदगी जीऊंगी. अभी तो मुझे काफी काम करना है. अपनी जैसी कितनी मुनमुन को राह दिखानी है,’’ मुनमुन के चेहरे पर आत्मविश्वास की जलती लौ को देख रामेश्वरी ने उसे सीने से लगा लिया.

बिसेसर पीछे खड़े उसे मन ही मन कामयाब होने का आशीर्वाद दे रहे थे.

पिता बनने में परेशानी बन सकता है गलत अंडरवियर, जानें कैसे

Sex News in Hindi: ज्यादातर पुरुष 2 ही तरह के अंडरवियर पहनना पसंद करते है और वे दो हैं बौक्सर और ब्रीफ. मार्केट में बिकने वाले हजारों में से अपने लिए सही अंडरवियर चुनना काफी मुश्किल हो सकता है. क्या आप जानते हैं कि गलत अंडरवियर आपके लिए काफी सारी परेशानियां खड़ी कर सकता है और उन बीमारियों में से एक मुख्य बीमारी है शुक्राणुओं की कमी.

25 प्रतिशत तक कम हो सकता है स्पर्म काउंट…

जी हां गलत अंडरवियर पहनने से आपका पिता बनना मुश्किल हो सकता है. एक रिसर्च के मुताबिक जो पुरुष टाइट अंडरवियर पहनते हैं उन पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या 25 प्रतिशत तक कम हो सकती है और यही नहीं बल्कि टाइट अंडरवियर से स्पर्म काउंट और क्वालिटी दोनों कम हो सकते हैं.

अगर कंपेयर किया जाए तो जो पुरुष टाइट अंडरवियर ना पहन के ढीले अंडरवियर पहनना पसंद करते हैं उन पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी काफी बेहतर होती है उन पुरुषों से जो टाइट अंडरवियर पहनते हैं. स्पर्म काउंट और क्वालिटी पुरुषों के पिता बनने में काफी प्रभाव डालता है.

स्टाइलिश के साथ खतरनाक भी है टाइट अंडरवियर…

बौक्सर अंडरवियर हमारी जांघों के पास से ढीले होते हैं जो काफी कंफरटेबल होते हैं और वहीं दूसरी तरफ ब्रीफ अंडरवियर की शुरुआत बौक्सर के मुताबिक काफी समय बाद हुई था और ब्रीफ अंडरवियर बिकनी की तरह बौडी से चिपका होता है और इसकी टाइट फिटिंग की वजह से ये काफी स्टाइलिश लगता है. यही कारण है कि आज कल के लड़के ब्रीफ पहनना ज्यादा पसंद करते हैं.

अंडकोषों का तापमान होना चाहिए कम…

टाइट अंडरवियर पहनने से स्पर्म क्वालिटी काफी हद तक प्रभावित होती है क्योंकि पुरुषों में स्पर्म टेस्टिस यानी अंडकोष में होता है जिसका तापमान से काफी असर पड़ता है. हमारे शरीर का तापमान वैसे ही काफी गरम होता है और हमारे शरीर के अनुसार अंडकोषों का तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस तक कम काफी जरूरी है.

यही कारण है कि टाइट अंडरवियर पहनने से शरीर से निकलने वाली गर्मी के कारण अंडकोष भी गर्म हो जाते हैं और स्पर्म क्वालिटी खराब हो जाती है. हमें जितना हो सके ढीले अंडरवियर पहनने चाहिए ताकी हमारे शरीर के अनुसार अंडकोषों का तापमान कम रह सके.

दिमागी बीमारी: झाड़फूंक के अंधविश्वास से बचें

Aware of Superstitions: अक्षय कुमार और विद्या बालन की एक हिट फिल्म आई थी ‘भूलभुलैया’. इस फिल्म में विद्या बालन को एकसाथ दोहरी शख्सीयत के साथ जीते हुए दिखाया गया था. इस फिल्म में अवनी चतुर्वेदी यानी विद्या बालन खुद को भूल कर एक नर्तकी की तरह बरताव करती है जो काफी पहले मर चुकी होती है. ऐसा उसे मल्टी पर्सनैलिटी डिसऔर्डर (Multi Personality Disorder) नाम की बीमारी के चलते होता है. अवनी चतुर्वेदी के परिवार वाले इसे भूतप्रेत का साया मान कर एक तांत्रिक को झाड़फूंक के लिए बुलाते हैं लेकिन अवनी का पति सिद्धार्थ चतुर्वेदी यानी शाइनी आहूजा इस तरह के अंधविश्वास( Superstitious) में यकीन नहीं रखता है, इसलिए वह ऐसी दकियानूसी बातों को नहीं मानता है. वह अमेरिका से अपने एक साइकोलौजिस्ट(Psychologist) दोस्त डाक्टर आदित्य श्रीवास्तव यानी अक्षय कुमार को तांत्रिक के रूप में आ कर झाड़फूंक के बहाने अवनी का इलाज करने को कहता है.

इस फिल्म में अवनी चतुर्वेदी को दिमागी बीमारी से पीडि़त दिखा कर दर्शकों को यह समझाने की कोशिश की गई थी कि लोगों में अजीब तरह के लक्षण होना, दोहरी शख्सीयत में जीना, भूतप्रेत जैसी दकियानूसी बातों के चलते नहीं होता है, बल्कि इस के पीछे दिमागी बीमारियों का हाथ होता है.

इस फिल्म में डाक्टर आदित्य श्रीवास्तव दर्शकों को यह बताने में कामयाब रहे थे कि भूतप्रेत महज कोरा अंधविश्वास है. अगर कोई शख्स किसी दिमागी बीमारी से पीडि़त है तो उसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है.

दोहरी शख्सीयत से जुड़ी एक और फिल्म ‘दीवानगी’ आई थी, जिस में अजय देवगन को एकसाथ दोहरी शख्सीयत में जीते हुए दिखाया गया था.

इस फिल्म में अजय देवगन एक शख्सीयत में बेहद ही सीधासादा इनसान रहता है तो दूसरी शख्सीयत में हिंसक बन जाता है. लेकिन सामान्य हालत में आने के बाद उसे खुद के द्वारा किए गए जुर्म के बारे में कुछ भी नहीं पता रहता है.

इस तरह की कहानियां सिर्फ फिल्मों में ही नहीं देखने को मिलती हैं बल्कि यह समस्या आम जिंदगी में भी देखने को मिलती है, जिन में हमें यह नहीं पता चल पाता है कि हमारे साथ रहने वाला आदमी एकसाथ कई शख्सीयतों को जी रहा होता है जो दिमागी बीमारी के चलते होता है.

दिमागी बीमारी से पीडि़त वह शख्स कभीकभी अपने सगेसंबंधियों की जान लेने में भी नहीं हिचकता है, क्योंकि उसे दिमागी बीमारी के चलते अपने किए पर कोई पछतावा नहीं होता है.

आज भी लोग दिमागी बीमारियों को भूतप्रेत, तंत्रमंत्र वगैरह का साया मान कर पोंगापंथ के चक्कर में पड़ कर बीमारी को बड़ी बना लेते हैं जिस के चलते वे जिस्मानी, दिमागी और माली शोषण का शिकार तो होते ही हैं, उन के साथ रहने वाले संगेसंबंधियों को भी हर वक्त उन से खतरा बना रहता है.

क्या है यह बीमारी

मल्टी पर्सनैलिटी डिसऔर्डर यानी शख्सीयत में कोई कमी आ जाना आम बात हो सकती है. यह किसी के साथ भी हो सकता है और इस की अलगअलग वजहें भी हो सकती हैं.

मल्टी पर्सनैलिटी डिसऔर्डर से पीडि़त शख्स अपनी असली पहचान छोड़ कर दूसरा आदमी बन जाता है यानी वह एक से ज्यादा पर्सनैलिटी विकसित कर लेता है. उस की हर पर्सनैलिटी का बरताव, आवाज का लहजा और शारीरिक हावभाव अलगअलग होते हैं. लेकिन इस का यह मतलब नहीं कि यह किसी भूतप्रेत या काला जादू के चलते हो रहा है क्योंकि इस धरती पर भूतप्रेत और तंत्रमंत्र का कोई वजूद ही नहीं है, बल्कि यह महज कोरा अंधविश्वास है.

इस तरह की दिमागी बीमारियों की चपेट में औरतें ज्यादा आती हैं. इस की वजह औरतों के साथ बचपन में कोई सैक्स या जिस्मानी शोषण जैसी घटनाओं का घटित होना भी होता है.

ये हैं लक्षण

मनोवैज्ञानिक डाक्टर मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि किसी शख्स में पर्सनैलिटी डिसऔर्डर होने की कई वजहें हो सकती हैं, जिन में बचपन में लोगों का अनदेखी का शिकार होना, जिस्मानी या दिमागी जोरजुल्म, जिस्मानी छेड़छाड़, बचपन में ही मांबाप की मौत हो जाना वगैरह शामिल हैं.

बरताव में अचानक ही बदलाव हो जाना, अचानक बहुत ज्यादा गुस्सा आ जाना, बहुत ज्यादा डर जाना, अचानक आवाज का बदल जाना, अचानक तेज आवाज में चीखना, शांत हो जाना, मूर्ति की तरह जड़ हो जाना, अचानक बेहद खतरनाक हो जाना, यह सब मल्टी पर्सनैलिटी डिसऔर्डर के लक्षण होते हैं.

ऐसे में पीडि़त के परिवार वाले भूतप्रेत का साया मान कर झाड़फूंक कराने के चक्कर में पड़ जाते हैं और बाबा, पीरफकीर जैसे शातिर उन का फायदा उठा कर इन की जेब को चपत लगाते रहते हैं.

हालात तो तब ज्यादा बिगड़ते हैं जब अंधविश्वास व झाड़फूंक के चक्कर में लोगों की जान पर बन आती है. डाक्टर के पास जाने पर पता चलता है कि बीमारी को और भी बड़ा बना लिया गया है. पर तब तक परिवार वालों के पास सिवा पछताने के कुछ नहीं बचता है.

पर्सनैलिटी डिसऔर्डर से जुड़ी एक खौफनाक घटना इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में कई साल पहले घटी थी जिस में राजा कोलंदर नाम के एक आदमी ने ताबड़तोड़ 14 हत्याएं कर दी थीं. हर हत्या के बाद वह मारे गए इनसान के दिमाग को उबाल कर उस का सूप बना कर पीता था. लेकिन पत्रकार धीरेंद्र की हत्या उस के इस घिनौने अपराध का परदाफाश करने की वजह बन गई. वह सनकी हत्यारा एक डायरी भी रखता था जिस में हत्या करने वाले या जिन लोगों की हत्याएं कर चुका था उन को सजा भी सुनाता था. इसे वह ‘अदालती डायरी’ भी कहता था. साल 2012 में आए अदालती फैसले में राजा कोलंदर को कुसूरवार मानते हुए 14 लोगों की हत्या के मामले में सजा सुनाई जा चुकी है.

झाड़फूंक से बनाएं दूरी

मैडिकल साइंस में आज तकरीबन सभी बीमारियों का इलाज खोजा जा चुका है और जिन का इलाज नहीं खोजा गया है, उन पर लगातार रिसर्च चल रही है. फिर भी देश में ज्यादातर लोग बाबाओं, ढोंगियों, पाखंडियों, पीरफकीरों व ठग तांत्रिकों के चक्कर में पड़ कर अपनी जेब ढीली करते रहते हैं.

इलाज है मुमकिन

मनोवैज्ञानिक डाक्टर मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन के मुताबिक, अगर समय रहते लक्षणों को पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो पीडि़त शख्स को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है.

सामाजिक कार्यकर्ता व लेखिका अरुणिमा का कहना है कि समाज से इस तरह के अंधविश्वास को मिटाने के लिए नौजवानों को आगे आना चाहिए और अच्छी किताबों को पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना चाहिए जिस से दूसरे लोगों को जानकारी दे कर इस तरह के पोंगापंथ की असलियत लोगों के सामने लाई जा सके.

दिल्ली प्रैस की पत्रिकाएं भी इस में खास भूमिका निभा रही हैं. इन के हर अंक में अंधविश्वास की पोल खोलते लेख शामिल होते हैं.

इन 6 टिप्स से बचे इरेक्टाइल डिसफंक्शन से

Lifestyle tips in Hindi: इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile disfunction) एक यौन समस्या (Sex Problem) है पर ना जाने क्यों लोग इसको अपने आत्मसम्मान (Self-Respect) से जोड़ कर इसका इलाज नहीं कराते और सभी से छुपा कर रखते है. इसके दौरान पुरुषों को इरेक्शन होने में परेशानी होती है. उम्र बढ़ने के साथ इस समस्या की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के कारण आपका यौन जीवन प्रभावित होता है और आपको अपने प्रेम संबंधों के दौरान शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ सकती है. समय रहते अगर आप डाक्टर से सलाह ले तो आप जल्द इस समस्या से निजात पा सकते है. पर ऐसा बहुत कम देखा जाता हैं. बहुत से लोग इस समस्या को किसी के साथ साझा नहीं करते, यहां तक कि वो अपने पार्टनर के साथ इस बात को शेयर करने से कतराते हैं. इस कारण समस्या का समाधान और मुश्किल हो जाता है. इसलिए आज हम लेकर आए हैं वो कुछ बचाव जिससे आप इरेक्टाइल डिसफंक्शन को खुद से दूर रख सकते है.

1. एल्कोहल से रहें दूर

एल्कोहल का सेवन जहां आपकी सेक्सुअल डिजायर को बढ़ाता है वहीं आपकी परफौर्मेंस को कम कर देता है. इसलिए अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन ना करें. यह आपकी लव लाइफ के लिए खतरा हो सकती है.

2. धमनियों के स्वास्थ्य की करें चिंता

अगर आपको कोलेस्ट्रौल की समस्या है तो इस कारण भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है. कोलेस्ट्रौल बढ़ जाने के कारण आपकी धमनियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे आपके जनानांग में रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता और इरेक्शन होने में दिक्कत होती है. इसलिए कोलेस्ट्रौल को नियंत्रित रखें और धमनियों के स्वास्थ्य पर ध्यान दें.

3. धूम्रपान भी हो सकता है कारण

सिगरेट का सेवन भी आपका यौन जीवन बिगाड़ सकता है. सिगरेट में मौजूद निकोटीन आपकी रक्त धमनियों को सिकोड़ देता है जिससे आपको निजी अंगों में रक्त पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है और इसी कारण इरेक्शन नहीं होता है.

4. वजन को रखे कट्रोल में

शोध बताते हैं कि जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं उन्हें इरेक्शन में अधिक दिक्कत होती है. इसलिए बेहतर है कि आप स्वस्थ वजन रखें. इसके लिए आप नियमित रुप से एक्सरसाइज करें, साथ ही आप सही आहार भी ले सकते हैं. इससे ना केवल आप इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या कम होगी बल्कि आपका संपूर्ण स्वास्थ्य बना रहता है.

5. साइकिल चलाना भी है खतरनाक

अधिक साइकिल चलाने से आपको प्यूबिक एरिया में अधिक दबाव पड़ता है जिसके कारण रक्त धमनियों और नसों में रक्त का प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं होता है. इस कारण लिंग तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंचता और यही इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण बनता है.

6. नियमित रूप से यौन संबंध बनाएं

अगर आप नियमित रूप से यौन संबध बनाते हैं तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या नहीं होती. इसलिए सप्ताह में एक बार यौन संबंध जरुर बनाएं. तो ये है वो 6 बाते जिसका आपको ध्याल रखना है और आप अगर इस समस्या से वाकई परेशान हो जो शर्माएं नहीं और डाक्टर की सलाह जरुर लें.

मेरी सहेली को मेरे बौयफ्रैंड में ज्यादा ही इंट्रैस्ट है, मैं क्या करूं?

सवाल

मेरी सहेली को मेरे बौयफ्रैंड में ज्यादा ही इंट्रैस्ट है. जब भी वह सामने आता है तो उस की चालढाल बदल जाती है. मुझ से ज्यादा खुशी तो जैसे उसे हो जाती है. किसी न किसी काम के बहाने वह उस के पास मंडराती रहती है. उस के चक्कर में मेरी अपने बौयफ्रैंड से लड़ाई हो जाती है. मैं अपनी सहेली से लड़ना नहीं चाहती, लेकिन उस की हरकतें मेरा दिमाग खराब करने लगी हैं. मुझे लगता है एक दिन या तो मेरी रिलेशनशिप बचेगी या मेरी दोस्ती, दोनों मुझ से साथ में संभाली नहीं जा रहीं.

जवाब

आप दोनों ही चीजों को साथ ले कर चल सकती हैं. अपने बौयफ्रैंड से लड़ते रहने के बजाय अपनी दोस्त से कहिए कि वह थोड़ी दूरी बना कर रखे. वह जानबूझ कर आप के बौयफ्रैंड से चिपकने की कोशिश करती हो या अनजाने में, लेकिन आप को उस से यह साफसाफ कह देना चाहिए. उसे बुरा लग सकता है, लेकिन वह आगे से इस तरह का व्यवहार नहीं करेगी. उस के थोड़ी दूरी बना लेने से आप की रिलेशनशिप में उस के कारण तो लड़ाई नहीं होगी.

आप अपनी दोस्त से पहले जैसा ही व्यवहार रखें जिस से उसे यह न लगे कि आप उस के लिए मन में कोई बैर ले कर बैठी हैं. हां, इस बात पर गौर करें कि कहीं आप का बौयफ्रैंड ही तो उसे अपने पास भटकने का बढ़ावा तो नहीं देता है. अगर ऐसा हुआ, तो आप को अपने बौयफ्रैंड को भी आड़े हाथों लेना चाहिए.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

इश्क में हुआ अंधा, पर क्या मिला माशूक

Crime News in Hindi: सेक्स की चाहत (Sex Desire) और उसके नशे में, आदमी विवेकशील न हो तो अपना सब कुछ खो बैठता है. और कुछ इस कदर अंधा हो जाता है कि खून के रिश्ते भी छोटे पड़ जाते हैं. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जिला भाटापारा (Bhatapara) बलोदा बाजार के थाना बिलाईगढ़ (Bilaigarh Police Station) में एक ऐसा ही हत्याकांड घटित हुआ जिसमें एक भाई ने अपने चचेरे भाई को सिर्फ और सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया क्योंकि वह उसकी पत्नी अर्थात् अपनी भाभी से प्यार करने लगा था और उसे किसी भी हालात में प्राप्त करना चाहता था. दरअसल, देवर ने भाभी की किसी भी हालत में हासिल करने की चाहत में अपने बड़े भाई की हत्या कर दी. पुलिस ने आशिक हत्यारे को अपनी गिरफ्त में ले लिया है.अब हालात यह है कि वह अपने भाई को खो चुका है और अपनी चाहत को भी. पढ़िए छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अंचल की एक सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री (Murder Mystrey).

माया  मिली न राम!

हत्या के बाद आरोपी, अपनी भाभी को अपनाना चाहता था, लेकिन मृतक की पत्नी ने उसके चेहरे पर थूक दिया. इस तरह हत्या करने के बाद में कहा जा सकता है कि उस शख्स को ना तो माया मिली और ना ही राम! और जैसा कि अक्सर होता है उसकी पोल खुल गई. हत्या का खुलासा मृतक का कपड़ा मिलने से हुई. जांच में पुलिस ने शव बरामद कर परिजनों से पूछताछ की तो करीबियों पर शक हुआ. पुलिस जांच में जुटी ही थी कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. थाना बिलाईगढ के प्रभारी  व मामले के जांच  अफसर राजेश साहू के अनुसार महेश्वर साहू की पत्नी ने रविवार सुबह थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि शनिवार रात 8 बजे से उसके पति तालाब जाने के लिए घर से निकले थे, लेकिन अभी तक घर नहीं आये है.
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की. रिपोर्ट के बाद पुलिस लगातार जांच में जुटी थी.इस दौरान महेश्वर साहू के कपड़े गांव के तालाब के पास मिले. साथ ही तालाब के पास शराब की बोतले भी थी. मौके पर पहुंचकर जब जांच की गई तो उसकी लाश मिल गई. पुलिस को मामला संदेहजनक लगा. मृतक के घर जाकर परिजनों से पूछताछ की गई. पूछताछ में आरोपी संजय भास्कर ने अपने चचेरे बड़े भाई की हत्या करना स्वीकार कर लिया.

भाभी के प्यार मे हत्या 

अंततः हत्यारे ने पुलिस के समक्ष सच्चाई स्वीकार कर ली और सब कुछ सच-सच बता दिया.पहले तो उसने पुलिस को गुमराह करने शराब के लिए हत्या करने की बात कही. जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो आरोपी ने अपने भाभी से प्यार करने की बात कबूल कर ली. उसने कहा भाभी को पाने के लिए ही बड़े भाई की हत्या करने की साजिश रची थी.
आरोपी संजय ने बताया कि 25 अप्रैल 2020 को हत्या की योजना बनाकर चचेरे भाई को तालाब के  किनारे शराब पिलाने के बहाने ले गया. नशा चढ़ते ही धारदार तलवार ले उसे मारने की कोशिश की तो वह भागा मगर अंततः वार कर उसने हत्या कर दी. तत्पश्चात स्वयं को बचाने के लिए लाश में पत्थर बांधकर उसे फेंक दिया.अब हालात यह है कि वह एक हत्या का आरोपी बन चुका है और जिसे वह चाहता था वह भाभी भी उससे नफरत करने लगी है और चाहती है कि उसे फांसी हो जाए.

वजह: प्रिया का कौन-सा राज लड़के वाले जान गए?

‘‘अरे, संभल कर बेटा,’’ मैट्रो में तेजी से चढ़ती प्रिया के धक्के से आहत बुजुर्ग महिला बोलीं. प्रिया जल्दी में आगे बढ़ गई. बुजुर्ग महिला को यह बात अखर गई. वे उस के करीब जा कर बोलीं, ‘‘बेटा, चाहे कितनी भी जल्दी हो पर कभी शिष्टाचार नहीं भूलने चाहिए. तुम ने एक तो मुझे धक्का मार कर मेरा चश्मा गिरा दिया उस पर मेरे कहने के बावजूद मुझ से माफी मांगने के बजाय आंखें दिखा रही हो.’’

अब तो प्रिया ने उन्हें और भी ज्यादा गुस्से से देखा. मैं जानती हूं, प्रिया को गुस्सा बहुत जल्दी आता है. इस में उस की कोई गलती नहीं. वह घर की इकलौती लाडली बेटी है.

गजब की खूबसूरत और होशियार भी. वह जल्दी नाराज होती है तो सामान्य भी तुरंत हो जाती है. उसे किसी की टोकाटाकी या जोर से बोलना पसंद नहीं. इस के अलावा उसे किसी से हारना या पीछे रहना भी नहीं भाता.

जो चाहती उसे पा कर रहती. मैं उसे अच्छी तरह समझती हूं. इसीलिए सदैव उस के पीछे रहती हूं. आगे चलने या रास्ते में आने का प्रयास नहीं करती.

मुझे जिंदगी ने भी कुछ ऐसा ही बनाया है. बचपन में अपनी मां को खो दिया था. पिता ने दूसरी शादी कर ली. सौतेली मां को मैं बिलकुल नहीं भाती थी. मैं दिखने में भी खूबसूरत नहीं. एक ही उम्र की होने के बावजूद मुझ में और प्रिया में दिनरात का अंतर है. वह दूध सी सफेद, खूबसूरत, नाजुक, बड़ीबड़ी आंखों वाली और मैं साधारण सी हर चीज में औसत हूं. जाहिर है, पापा की लाडली भी प्रिया ही थी. मेरे प्रति तो वे केवल अपनी जिम्मेदारी ही निभा रहे थे. पर मैं ने बचपन से ही अपनी परिस्थितियों से समझौता करना सीख लिया था. मुझे किसी की कोई बात बुरी नहीं लगती. सब की परवाह करती पर इस बात की परवाह कभी नहीं करती कि मेरे साथ कौन कैसा व्यवहार कर रहा है. जिंदगी जीने का एक अलग ही तरीका था मेरा. शायद यही वजह थी कि प्रिया मुझ से बहुत खुश रहती. मैं अकसर उस की सुरक्षाकवच बन कर खड़ी रहती.

आज भी ऐसा ही हुआ. प्रिया को बचाने के लिए मैं सामने आ गई, ‘‘नहींनहीं आंटीजी, आप प्लीज उसे कुछ मत कहिए. प्रिया ने आप को देखा नहीं था. वह जल्दी में थी. उस की तरफ से मैं आप से माफी मांगती हूं, प्लीज, माफ कर दीजिए.’’ ‘‘बेटा जब गलती तूने की ही नहीं तो माफी क्यों मांग रही है? तूने तो उलटा मुझे मेरा गिरा चश्मा उठा कर दिया. तेरे जैसी बच्चियों की वजह से ही दुनिया में बुजुर्गों के प्रति सम्मान बाकी है वरना इस के जैसी लड़कियां तो…’’

‘‘मेरे जैसी से क्या मतलब है आप का? ओल्ड लेडी, गले ही पड़ गई हो,’’ बुजुर्ग महिला को झिड़कती हुई प्रिया आगे बढ़ गई. मुझे प्रिया की यह बात बहुत बुरी लगी. मैं ने बुजुर्ग महिला को सहारा देते हुए खाली पड़ी सीट पर बैठाया और उन्हें चश्मा पहना कर प्रिया के पास लौट आई.

हम दोनों जल्दीजल्दी घर पहुंचे. प्रिया का मूड औफ हो गया था. पर मैं उसे लगातार चियरअप करने का प्रयास करती रही. मैं सिर्फ प्रिया की रक्षक या पीछे चलने वाली सहायिका ही नहीं थी वरन उस की सहेली और सब से बड़ी राजदार भी थी. वह अपने दिल की हर बात सब से पहले मुझ से ही शेयर करती. मैं उस के प्रेम संबंधों की एकमात्र गवाह थी. उसे बौयफ्रैंड से मिलने कब जाना है, कैसे इस बात को घर में सब से छिपाना है और आनेजाने का कैसे प्रबंध करना है, इन सब बातों का खयाल मुझे ही रखना होता था.

प्रिया का पहला बौयफ्रैंड 8वीं क्लास में उस के साथ पढ़ने वाला प्रिंस था. उसी ने पीछे पड़ कर प्रिया को प्रोपोज किया था. उस की कहानी करीब 4 सालों तक चली. फिर प्रिया ने उसे डिच कर दिया. दूसरा बौयफ्रैंड वर्तमान में भी प्रिया के साथ था. अमीर घर का इकलौता चिराग वैभव नाम के अनुरूप ही वैभवशाली था. प्रिया की खूबसूरती से आकर्षित वैभव ने जब प्रोपोज किया तो प्रिया मना नहीं कर सकी. आज भी प्रिया उस के साथ रिश्ता निभा रही है पर दिल से उस से जुड़ नहीं सकी है. बस दोनों के बीच टाइमपास रिलेशनशिप ही है. प्रिया की नजरें किसी और को ही तलाशती रहती हैं.

उस दिन हमें अपनी कजिन की शादी में नोएडा जाना था. मम्मी ने पहले ही ताकीद कर दी थी कि दोनों बहनें समय पर तैयार हो जाएं. प्रिया के लिए पापा बेहद खूबसूरत नीले रंग का गाउन ले आए थे जबकि मैं ने अपनी पुरानी मैरून ड्रैस निकाल ली. नई ड्रैस प्रिया की कमजोरी है. इसी वजह से जब भी पापा प्रिया को पार्टी में ले जाना चाहते तो इसी तरह एक नई ड्रैस उस के बैड पर चुपके से रख आते.

आज भी प्रिया ने नई डै्रस देखी तो खुशी से उछल पड़ी. जल्दी से तैयार हो कर निकली तो सब दंग रह गए. बहुत खूबसूरत लग रही थी. ‘‘आज तो तू बहुतों का कत्ल कर के आएगी,’’ मैं ने प्यार से उसे छेड़ा तो वह मुझे बांहों में भर कर बोली, ‘‘बहुतों का कत्ल कर के क्या करना है, मुझे तो बस अपने उसी सपनों के राजकुमार की ख्वाहिश है जिसे देखते ही मेरी नजरें झपकना भूल जाएं.’’

‘‘जरूर मिलेगा मैडम, मगर अभी सपनों की दुनिया से जरा बाहर निकलिए और पार्टी में चलिए. क्या पता वहीं कोई आप का इंतजार कर रहा हो,’’ मैं ने उसे छेड़ते हुए कहा तो वह हंस पड़ी. पार्टी में पहुंच कर हम मस्ती करने लगे. करीब 1 घंटा बीत चुका था. अचानक प्रिया मेरी बांह पकड़ कर खींचती हुई मुझे अलग ले गई और कानों में फुसफुसा कर बोली, ‘‘प्रज्ञा वह देखो सामने. ब्लू सूट पहने मेरे सपनों का राजकुमार खड़ा है. मुझे तो बस इसी से शादी करनी है.’’

मैं खुशी से उछल पड़ी, ‘‘सच प्रिया? तो क्या तेरी तलाश पूरी हुई?’’ ‘‘हां,’’ प्रिया ने शरमाते हुए कहा.

सामने खड़ा नौजवान वाकई बहुत हैंडसम और खुशमिजाज लग रहा था. मैं ने कहा, ‘‘मुझे तेरी पसंद पर नाज है प्रिया, मैं पता लगाती हूं कि यह है कौन? वैसे तब तक तुझे उस से दोस्ती करने का प्रयास करना चाहिए.’’ वह रोंआसी हो कर बोली, ‘‘यार यही तो समस्या है. वह पहला लड़का है जो मुझे भाव नहीं दे रहा. मैं ने 1-2 बार प्रयास किया पर वह अपने घर वालों में ही व्यस्त है.’’

‘‘यार कुछ लड़के शर्मीले होते हैं. हो सकता है वह दूसरे लड़कों की तरह बोल्ड न हो जो पहली मुलाकात में ही दोस्ती के लिए उतावले हो उठते हैं.’’ ‘‘यार तभी तो यह लड़का मुझे और भी ज्यादा पसंद आ रहा है. दिल कर रहा है कि किसी भी तरह यह मेरा बन जाए.’’

‘‘तू फिक्र मत कर. मैं इस के बारे में सारी बात पता करती हूं. सारी कुंडली निकलवा लूंगी,’’ मैं ने उस लड़के की तरफ देखते हुए कहा. जल्द ही कोशिश कर के मैं ने उस लड़के से जुड़ी काफी जानकारी इकट्ठी कर ली. वह हमारी कजिन के फ्रैंड का भाई था. उस का नाम मयूर था.

वह कहां काम करता है, कहां रहता है, क्या पसंद है, घर में कौनकौन हैं जैसी बातें मैं ने प्रिया को बता दीं. प्रिया ने फेसबुक, लिंक्डइन जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर जा कर उस लड़के के बारे में और भी जानकारी ले ली. प्रिया ने फेसबुक पर मयूर को फ्रैंड रिक्वैस्ट भी भेजी पर उस ने स्वीकार नहीं की. अब तो मैं अकसर देखती कि प्रिया उस लड़के के ही खयालों में खोई रहती है. उसी की तसवीरें देखती रहती है या उस की डिटेल्स ढूंढ़ रही होती है. मुझे समझ में आ गया कि प्रिया को उस लड़के से वास्तव में प्यार हो गया है.

एक दिन मैं ने यह बात पापा को बता दी और आग्रह किया कि वे उस लड़के के घर प्रिया का रिश्ता ले कर जाएं. पापा ने उस के परिवार वालों से बात चलाई तो पता चला कि वे लोग भी मयूर के लिए लड़की ढूंढ़ रहे हैं. पापा ने अपनी तरफ से प्रिया के लिए उन्हें प्रपोजल दिया.

रविवार के दिन मयूर और उस के परिवार वाले प्रिया को देखने आने वाले थे. प्रिया बहुत खुश थी. अपनी सब से अच्छी ड्रैस पहन कर वह तैयार हुई. मैं ने बहुत जतन से उस का मेकअप किया. मेकअप कर के बालों को खुला छोड़ दिया. वह बेहद खूबसूरत लग रही थी.

मगर आज पहली दफा प्रिया मुझे नर्वस दिखाई दे रही थी. जब प्रिया को उन के सामने लाया गया तो मयूर और उस की मां एकटक उसे देखते रह गए. मैं भी पास ही खड़ी थी. मयूर ने तो कुछ नहीं कहा पर उस की मां ने बगैर किसी औपचारिक बातचीत के जो कहा उसे सुन कर हम सब सकते में आ गए. लड़के की मां ने कहा, ‘‘खूबसूरती और आकर्षण तो लड़की में कूटकूट कर भरा है, मगर आगे कोई बात की जाए उस से पहले ही क्षमा मांगते हुए मैं यह रिश्ता अस्वीकार करती हूं.’’

प्रिया का चेहरा उतर गया. पापा भी इस अप्रत्याशित इनकार से हैरान थे. अजीब मुझे भी बहुत लग रहा था. आखिर प्रिया जैसी खूबसूरत और पढ़ीलिखी बड़े घर की लड़की को पाना किसी के लिए भी हार्दिक प्रसन्नता की बात होती और फिर प्रिया भी तो इस रिश्ते के लिए कितनी उत्साहित थी. पापा ने हाथ जोड़ते हुए धीरे से पूछा, ‘‘इस इनकार की वजह तो बता दीजिए. आखिर मेरी बच्ची में कमी क्या है?’’

लड़के की मां ने बात बदली और मेरी तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘मुझे यह लड़की पसंद है. यदि आप चाहें तो मैं इसे अपनी बहू बनाना पसंद करूंगी. आप घर में बात कर के जब चाहें अपना जवाब दे देना.’’ पापा ने उम्मीद के साथ मयूर की ओर देखा तो वह भी हाथ जोड़ता हुआ बोला, ‘‘अंकल, जैसा मम्मी कह रही हैं मेरा जवाब भी वही है. मैं भी चाहूंगा कि प्रज्ञा जैसी लड़की ही मेरी जीवनसाथी बने.’’

प्रिया रोती हुई अंदर भाग गई. मैं भी उस के पीछेपीछे अंदर चली गई. उन्हें बिदा कर मम्मीपापा भी जल्दी से प्रिया के कमरे में आ गए. मगर प्रिया किसी से भी बात करने को तैयार नहीं थी. रोती हुई बोली, ‘‘प्लीज, आप लोग बाहर जाएं, मैं अभी अकेली रहना चाहती हूं.’’

हम सब बाहर आ गए. इस समय मेरी स्थिति अजीब हो रही थी. समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या कहूं. कुसूरवार न होते हुए भी आज मैं सब की आंखों में चुभ रही थी. मम्मी मुझे खा जाने वाली नजरों से देख रही थीं तो प्रिया भी नजरें चुरा रही थी. मुझे रात भर नींद नहीं आई.

अगली सुबह भी प्रिया बहुत उदास दिखी. उस की नजरों में दोषी मैं ही थी और यह बात सहन करना मेरे लिए बहुत कठिन था. मैं ने तय किया कि मैं मयूर के घर वालों के इनकार की वजह जान कर रहूंगी. प्रिया को छोड़ कर उन्होंने मुझे क्यों चुना जबकि प्रिया मुझ से लाख गुना ज्यादा खूबसूरत और स्मार्ट है, होशियार है. मैं तो कुछ भी नहीं. बात की तह तक पहुंचने का फैसला कर मैं मयूर के घर पहुंच गई. बहुत आलीशान और खूबसूरत घर था उन का. महरी ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर आने को कहा. घर बहुत करीने से सजा था. मैं ड्राइंगरूम का जायजा ले रही थी कि तभी बगल के कमरे से चश्मा पोंछती बुजुर्ग महिला निकलीं.

मुझे उन्हें पहचानने में एक पल भी नहीं लगा. यह तो मैट्रो वाली वही बुजुर्ग महिला थीं जिन का चश्मा कुछ दिन पहले प्रिया ने गिरा दिया था. मैं ने उन्हें चश्मा उठा कर दिया था. मुझे सहसा सारी बात समझ में आने लगी कि क्यों प्रिया को रिजैक्ट कर उन्होंने मुझे चुना. सामने से मयूर की मां निकलीं. मुसकराती हुई बोलीं, ‘‘बेटा, मैं समझ सकती हूं कि तू क्या पूछने आई है. शायद तुझे अपने सवाल का जवाब मिल भी गया होगा. दरअसल, उस दिन मैट्रो में

मैं भी वहीं थी और सब कुछ अपनी नजरों से देखा था. खूबसूरती, रंगरूप, धन, इन सब से ऊपर एक चीज होती है और वह है संस्कार. हमें एक सभ्य और व्यवहारकुशल बहू चाहिए बिलकुल तुम्हारे जैसी.’’ मैं ने आगे बढ़ कर दोनों के पांव छूने चाहे पर अम्मांजी ने मुझे गले से लगा लिया.

घर पहुंची तो प्रिया ने पहले की तरह रूखेपन से मेरी तरफ देखा और फिर अपने काम में लग गई. मैं उस के पास जा कर धीरे से बोली, ‘‘कल के इनकार की वजह जानने मैं मयूर के घर गई थी. तुझे याद हैं वे बुजुर्ग महिला, जिन का चश्मा मैट्रो में तेरी टक्कर से नीचे गिर गया था? दरअसल, वे बुजुर्ग महिला मयूर की दादी हैं और इसी वजह से उन्होंने तुझे न कह दिया. पर तू परेशान मत हो प्रिया. तेरी पसंद के लड़के को मैं कभी अपना नहीं बनाऊंगी. मैं न कह कर आई हूं.’’

प्रिया खामोशी से मेरी तरफ देखती रही. उस की आंखों में रूखेपन की जगह बेचारगी और अफसोस ने ले ली थी. थोड़ी देर चुप बैठने के बाद वह धीरे से उठी और मुझे गले लगाती हुई बोली, ‘‘पागल है क्या? इतने अच्छे रिश्ते के लिए कभी न नहीं करते. मैं करवाऊंगी मयूर से तेरी शादी.’’

मैं आश्चर्य से उसे देखने लगी तो वह मुसकराती हुई बोली, ‘‘आज तक तू मेरे लिए जीती रही है. आज समय है कि मैं भी तेरे लिए कुछ अच्छा करूं. खबरदार जो न कहा.’’ मेरे दिल पर पड़ा बोझ हट गया था. मैं ने आगे बढ़ कर उसे गले से लगा लिया.

बाप बड़ा न भैया : पुनदेव को मिली कौन सी राह

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प्रभास की वजह से कुंआरी है ये एक्ट्रेस, अब तक नहीं हो पाई शादी

साउथ फिल्मों के सुपरस्टार प्रभास टौलीवुड के सब से पौपुलर फिल्म स्टार हैं. 44 साल के हो चुके इस फिल्म स्टार ने अब तक शादी नहीं की है. वे इन दिनों अपनी हालिया रिलीज मूवी ‘सालार’ को ले कर चर्चाओं में हैं और फिल्म के हिट की खुशी का मजा ले रहे हैं.

 

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सुपरस्टार प्रभास के इश्क के चर्चे तो कई हीरोइनों से रहे हैं, मगर वे शादी कर के किसी को अपनी दुलहन नहीं बना पाए हैं. इतना ही नहीं, प्रभास की वजह से टौलीवुड इंडस्ट्री की एक बड़ी स्टार भी ऐसी हैं, जो अभी तक शादी नहीं कर पाई है. हम यहां बात कर रहे हैं ‘बाहुबली’ स्टार अनुष्का शेट्टी की.

 

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दरअसल, यह बात उस वक्त की है, जब प्रभास और अनुष्का शेट्टी अपनी फिल्म’ बाहुबली’ की शूटिंग में बिजी थे. अनुष्का शेट्टी की शादी करीबकरीब तय हो चुकी थी. मगर उस वक्त प्रभास ने अनुष्का शेट्टी को शादी का प्लान आगे सरका कर फिल्म की शूटिंग पर अपना पूरा वक्त देने की राय दी थी. प्रभास की इस राय के चलते कथिततौर पर अनुष्का शेट्टी ने अपनी शादी का खयाल उस वक्त टाल दिया था. इस के बाद अदाकारा अपना पूरा वक्त ‘बाहुबली’ की शूटिंग को देने लगी थीं. इस के बाद यह फिल्म तो ब्लौकबस्टर साबित हुई, मगर अनुष्का शेट्टी की शादी टल गई. इस के बाद अभी तक उन की शादी नहीं हो पाई. फिल्म की दुनिया में अनुष्का शेट्टी और प्रभास के अफेयर को ले कर काफी चर्चा भी चली थी. अनुष्का शेट्टी भी 42 साल की हैं.


खास बात यह है कि प्रभास और अनुष्का शेट्टी एकदूसरे के बहुत अच्छे दोस्त हैं. ‘बाहुबली’ के बाद इन दोनों सितारों के लिंकअप की खबरें खूब सुर्खियों में रहीं. हालांकि इन दोनों ने हमेशा ही एक दूसरे को अपना बैस्ट फ्रैंड ही बताया था. अनुष्का शेट्टी और प्रभास के अफेयर की खबरें आज तक टौलीवुड में होती हैं. मगर दोनों सितारों ने कभी इन बातों नहीं माना है. अनुष्का शेट्टी के बाद प्रभास का नाम हीरोइन कृति सेनन से भी जुड़ा था, कृति ने इन खबरों का बुरी तरह से खंडन किया था.

अरबाज खान ने शेयर की शादी की पहली फोटो, शूरा खान बनीं बीवी

बौलीवुड के जानेमाने स्टार अरबाज खान ने 24 दिसंबर, 2023 को शूरा खान संग शादी कर सब को हैरान कर दिया. शूरा खान और अरबाज खान की शादी में बौलीवुड के कई बड़े स्टार्स पहुंचे थे. शूरा खान और अरबाज खान की शादी की तसवीरें जम कर वायरल हो रही हैं. इसी बीच लेकिन लोगों को कपल की तसवीर का इंतजार था, जो अब खत्म हो गया है. अरबाज खान ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से शूरा खान संग शादी के बाद पहली तसवीर शेयर की है. हालांकि, शादी की पहले जानकारी एक्ट्रेस रवीना टंडन ने दी.
आप को बता दें कि अरबाज खान और शूरा खान की तसवीर को देख फैंस खुशी से झूम उठे. इस तसवीर में शूरा खान और अरबाज खान बेहद प्यारे लग रहे हैं.

 

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अरबाज खान की यह दूसरी शादी है. मलाइका अरोड़ा से तलाक लेने के कई साल बाद अरबाज खान ने गर्लफ्रेंड शूरा खान संग शादी कर ली. अरबाज खान की शादी के फंक्शन में परिवार के लोगों के साथसाथ कुछ खास लोग नजर आए थे. अब शादी के बाद अरबाज खान ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से शूरा खान संग अपनी पहली तसवीर शेयर की है. शूरा खान और अरबाज खान की ये तसवीर आते ही सोशल मीडिया पर छा गई. शूरा खान और अरबाज खान शादी की ड्रेस में बेहद प्यारे लग रहे हैं. शूरा खान और अरबाज खान की इस वेडिंग फोटो को उन के फैंस जम कर शेयर कर रहे हैं.

 

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शूरा खान संग शादी करने पर अरबाज खान को बौलीवुड स्टार्स के साथसाथ आम लोग भी बधाई देते हुए नजर आए. अरबाज खान की इस तसवीर पर कमेंट करते हुए रवीना टंडन की बेटी राशा थडानी ने खूब प्यार लुटाया. बाकी अन्य यूजर्स अरबाज खान और शूरा खान की तसवीर पर बधाई देते हुए दिखाई दिए.

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