जानें क्या है सेक्स में और्गेज्म

सेक्स में और्गेज्म शब्द बार-बार सुनने को मिलता है. इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. कोई इसे चरमोत्कर्ष के नाम से जानता है, तो कोई चरम सुख के नाम से जानता. लेकिन सही मायने में ज्यादातर लोगों को और्गेज्म का सही मतलब नहीं पता है. सेक्स के पहले और्गेज्म के सही अर्थ की जानकारी रखना बहुत जरुरी है. इससे सेक्स का आनंद कई गुना बढ़ जाता है.

सेक्स के दौरान और्गेज्म यानी चरम सुख का अनुभव कई बार नहीं हो पाता है. जिससे सेक्स का पूरा मजा किरकिरा हो जाता है. इस स्थिति से महिला पुरुष दोनों को गुजरना पड़ता है. इस लिए इसके बारे में सही जानकारी रखना जरुरी हो जाता है जिससे खुद व पार्टनर को चरम सुख का एहसास कराया जा सके.

फिमेल और्गेज्म –

महिलाओं में चरम सुख का अनुभव एक अद्भुत एहसास है. यह तब होता है जब महिला सेक्स के दौरान अपने चरम पर होती है. इस दौरान अंग के पास तरल श्राव होने के साथ-साथ मांसपेशियों और अंग के पास तेजी से संकुचन होता है. और्गेज्म का अनुभव होने के दौरान फीमेल अपने पार्टनर को तेजी से अपने आगोश में भींच लेती है, और उसके दिल की धड़कने बढ़ जाती हैं.

इस दौरान शरीर में तेजी से बदलाव होता है. अगर सेक्स के दौरान फोर प्ले या आफ्टर प्ले का इस्तेमाल किया जाए तो सेक्स के दौरान एक से अधिक बार और्गेज्म का अनुभव कर सकती हैं. क्यों की कभी कभी फिमेल में और्गेज्म होने के बाद भी स्खलन (Ejaculation) नहीं होता है. इस लिए महिलायें सेक्स के दौरान एक से अधिक बार और्गेज्म का अनुभव कर सकती हैं.

मेल और्गेज्म –

जिस तरह से महिलाओं को और्गेज्म का एहसास होता है उसी तरह पुरुषों में भी और्गेज्म का एहसास होना चाहिए. लेकिन पुरुष एक बार सेक्स में चरम सुख का एहसास पाने के बाद उसे दुबारा और्गेज्म पाने के लिए कुछ समय लगता है. क्यों की महिलाओं की अपेक्षा पुरुष के अंगों में तनाव लाने के लिए पहले और्गेज्म के बाद कुछ समय का अंतराल रखना पड़ता है.

पुरुष जब और्गेज्म की तरफ बढ़ रहा होता है तो इस दौरान अंग के साथ-साथ मूत्रमार्ग, गुदामार्ग, पैल्विक मांसपेशियों, व प्रोस्टेट ग्रंथि में संकुचन होता है. जिसके बाद ही पुरुष में वीर्यपात (Ejaculation) की स्थिति आता है .

महिला और पुरुष को सेक्स के दौरान चरम सुख तक पहुंचने के लिए कुछ चीजों का ख्याल रखना चाहिए. जैसे की सेक्स के दौरान मूड को फ्रेस रखना चाहिए. साथ ही सेक्स के दौरान कुछ समय तक शरीर के नाजुक अंगों के साथ छेड़-छाड़ करना भी जरुरी है. इसके करने से चरम सुख को बढ़ाने वाले कई तरह के हार्मोन्स शरीर में निकल कर सक्रिय हो जातें हैं. यह हार्मोन्स शरीर की मांसपेशियों को उत्तेजित करने का काम करते हैं.

और्गेज्म सुख को पाने के लिए पुरुष को चाहिए की वह अपने पार्टनर के कान की लड़ियों, गर्दन, नितम्बों, उभारों वेजाइना, सहित नाजुक अंगों को प्यार से सहलाए.  सेक्सुअल इंटरकोर्स के पहले महिला को भी अपने पुरुष साथी के नाजुक अंगों के साथ खिलवाड़ करने में पीछे नहीं रहना चाहिए. अगर आप अपने पार्टनर के साथ ऐसा करतें है तो आप को चरम सुख पाने से कोई भी नहीं रोक सकता है.

ऊंचे लोग : क्या स्कूल टीचर का हो पाया शिव

शिव सुबहसवेरे दौड़ लगा रहा था. वह इतना दौड़ चुका था कि पसीने से तरबतर हो कर धीरेधीरे चलते हुए घर लौट रहा था. सुबह के 6 बजे थे. सड़क पर हर उम्र के लोग टहलने के लिए निकल चुके थे. पूर्व दिशा से सूरज मानो किसी छोटे से बालक की तरह सुर्ख लाल रंग में ऊंची इमारत की छत पर से सिर उठा रहा था. शिव यह नजारा अकसर देखता था.

यह इमारत उस स्कूल की थी, जिस में वह नौकरी करता था. स्कूल की छत पर 3 लड़कियों की छाया नाचती हुई दिख रही थीं. यह देख कर वह ठगा सा वहीं खड़ा रह गया. शिव के कदम अपनेआप स्कूल की तरफ बढ़ गए. इन दिनों स्कूल बंद था, इसलिए शादी के लिए किराए पर दिया हुआ था. शिव ऊपर छत पर गया, जहां एक लड़की खड़ी थी.

उस ने सवालिया नजरों से शिव की ओर देखा, लेकिन उस के मुंह से कुछ न निकला. शिव बड़ी देर तक उस नाचने वाली लड़की को देखता रहा. वह बहुत खूबसूरत लग रही थी. ‘‘आप के साथ 2 और भी लड़कियां थीं? वे कहां गईं?’’ शिव ने उस लड़की से सवाल किया. ‘‘वे दोनों नाश्ता करने गई होंगी,’’ उस लड़की ने बताया, ‘‘आप उन के रिश्ते में हैं या…’’

‘‘नहीं, मैं तो आप का नाच देख कर ऊपर चला आया हूं… आप ने बहुत मेहनत की है शायद…’’ ‘‘ऐसा तो नहीं है, पर आप ने हमें कैसे देखा? हम तो छत पर…’’ ‘‘जाने दीजिए… मैं इस स्कूल में टीचर हूं. अग्रवाल साहब ने यह स्कूल शादी के लिए लिया है, पर…

रूटीन चैकअप के लिए स्टाफ में से कोई तो आ ही जाता है… आप का नाम?’’ ‘‘रमा.’’ ‘‘मैं शिव.’’ शिव को पलभर के लिए लगा कि बातचीत का सिरा टूटने वाला है.

इतने में वह लड़की बोली, ‘‘यहां मेहंदी लगाने वाला कोई नहीं है? एक ही औरत आई है और मेहंदी लगवाने वाली कई हैं… आप यहां किसी को जानते हैं?’’

‘‘मैं आप को ले चलूंगा… लेकिन 10 बजे के बाद.’’ ‘‘ठीक है.’’ शिव की तो मानो लौटरी लग गई. दोनों नीचे आए. रमा एक कमरे में गई और बोली, ‘‘हमें यह कमरा दिया है. यहां सब आराम हैं, पर…’’

‘‘किसी बात की परेशानी हो, तो मु झे बताइए?’’ शिव ने कहा. ‘‘यहां नहाने का इंतजाम नहीं है. ये बाथरूम स्कूल के लिहाज से बने हैं. यहां गरम पानी भी नहीं है.’’ ‘‘आप के लिए गीजर का इंतजाम है. आप चलिए मेरे साथ… 2 मकान छोड़ कर ही मेरा मकान है,’’ शिव ने कहा.

यह सुन कर रमा एकदम चलने को राजी हो गई. कमरे से कपड़े ले कर वह उस के साथ ‘धड़धड़’ करती हुई नीचे चली आई. शिव उसे अपने मकान पर ले गया. वह वहां तरोताजा हो कर उस की मोटरसाइकिल पर लौट आई. जब मोटरसाइकिल स्कूल की बिल्डिंग के गेट पर रुकी, उसी समय स्कूल के प्रिंसिपल ने कमरे में कदम रखा. रमा एक नजर प्रिंसिपल पर डाल कर ऊपर जाने लगी. जातेजाते उस ने शिव से कहा, ‘‘10 बजे याद रखना…’’ फिर उस ने शरारत से कहा, ‘‘दिन के 10 बजे… रात के नहीं.’’

शिव चला गया, लेकिन प्रिंसिपल हरिमोहन के दिल पर मानो छुरियां चलने लगीं. वे इस लड़की को बहुत अच्छी तरह से जानते थे. रमा कोठारी उन्हीं के शहर की रहने वाली थी. कालेज के समय में भी हरिमोहन ने रमा को लुभाने की बहुत कोशिश की थी, पर कुछ हाथ न आया. शिव की पत्नी ने 10 बजे घर आने को कहा था, लेकिन 10 बजे रमा को ले कर वह बाजार जाएगा.

वह स्कूल में ही बैठा रहा. 10 बजे रमा सजधज कर शिव के साथ चली गई. बाजार पहुंचते ही शिव ने कहा, ‘‘पहले कुछ खा लेते हैं, क्योंकि बाद में आप के हाथ मेहंदी से भरे होंगे. फिर आप को पानी का गिलास पकड़ने में भी मेहंदी सूखने तक इंतजार करना होगा.’’

मेहंदी वाले ने कहा, ‘‘आप अभी मेहंदी लगवा लो. मेरी बुकिंग है.’’ रमा ने मेहंदी लगवा ली. रैस्टोरैंट में रमा शिव के पास बैठ गई. शिव ने अपने हाथ से उसे बर्गर खिलाया. वे दोनों एकदूसरे से सट कर बैठे थे. यह छुअन उन दोनों में एक राजभरी नजदीकी बढ़ाए जा रही थी.

रमा ने शिव के कंधे पर सिर टिका दिया. उस के होंठ लरज रहे थे, आंखें मुंदी हुई थीं. शिव ने उसे अपनी बांहों में ले कर चूम लिया. जब तक वे शादी वाली जगह पर लौटे, औरतें बैंडबाजे के साथ मंदिर जा चुकी थीं. रमा ने बनावटी गुस्से में कहा, ‘‘तुम ने मु झे लेट करा दिया. अब मैं भाभी को क्या कहूंगी?’’ ‘‘मैं तुम्हें मंदिर छोड़ दूंगा.’’ ‘‘इन कपड़ों में?’’ ‘‘बदल लो.’’

वे दोनों ऊपर आ गए. कमरे में उन दोनों के अलावा कोई नहीं था. ‘‘मेरे हाथों में तो मेहंदी लगी है. तुम इतना भी नहीं सम झते.’’ ‘‘मैं कुछ मदद करूं,’’ कह कर शिव ने रमा को अपनी बांहों में भर लिया. रमा बेसुध शिव की बांहों में लिपटी हुई थी.

कुछ ही पलों में तूफान आ कर चला गया था, लेकिन रमा को जो सुख मिला, वह पा कर निहाल हो गई. बैंडबाजे की आवाज करीब आने लगी, तो वे दोनों संभलने लगे. एक आटोरिकशा के आने की आवाज आई. सीढि़यों पर किसी के चढ़ने की भी आवाज आ रही थी. मेहमान आने लगे थे. इस के बाद शाम और रात भी आ गई, लेकिन शिव को रमा से मिलने का मौका नहीं मिला.

दूसरे दिन सुबह ही मेहमानों के आने के बाद तो सबकुछ शादी की हलचल में खो गया. डिनर पार्टी में बरात आने पर दोनोें ने एकदूसरे को देखा. एक बार तो रमा ने आ कर शिव की प्लेट में से गुलाबजामुन भी उठा लिया. उस के लिए यह मामूली बात थी, लेकिन यह देख कर प्रिंसिपल हरिमोहन के तनबदन में आग लग गई. रमा शादीशुदा थी और दूसरे दिन सुबह उस का पति गोविंद इंदौर से कार से आ पहुंचा. सब लोग उस की आवभगत में लग गए. रमा भी नखरे भूल कर पति के आगेपीछे घूमने लगी.

प्रिंसिपल हरिमोहन ने रमा को इस अंदाज में देखा. उन्हें बहुत हैरानी हुई. उसी समय शिव इठलाता हुआ आया. वह प्रिंसिपल हरिमोहन को अनदेखा करते हुए ऊपर चला गया. उन्हें उत्सुकता हुई कि अब क्या होगा? इस की कल्पना कर के उन्हें खुशी हुई. वे अपने दफ्तर में बैठ गए. अचानक हरिमोहन की नजर टेबल पर रखे कंप्यूटर मौनीटर पर गई, जो गलती से चालू रह गया था.

उन्होंने रिमोट चला कर देखा. ऊपर के सब कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिन से यह पता लग जाता था कि कौन सी क्लास में क्या हो रहा है. स्कूल 3 दिन से बंद था. उन्होंने जिज्ञासावश कंप्यूटर चालू किया. सब कमरों में मर्दऔरत नजर आ रहे थे.

एक कमरे में रमा घूमतीफिरती दिखी. उन्हें उत्सुकता हुई. वे उसी कमरे का नजारा देखने लगे. रमा के साथ शिव आया, फिर दोनों की प्रेमलीला शुरू हुई. रासलीला के नजारे आते रहे. कुछ समय के लिए हरिमोहन अपने होश भूल गए, फिर उन्होंने वह नजारा सीडी में लोड कर लिया. शिव ने देखा कि गोविंद रमा को ले कर होटल चला गया.

उस की हिम्मत रमा और गोविंद से बात करने की नहीं हुई. उन्हें देख कर वह सकपकाया और चुपचाप स्कूल की छत पर चला गया. जब रमा और गोविंद कार में बैठ कर चले गए, तब वह हाथ मलता हुआ हारे हुए खिलाड़ी की तरह नीचे उतरने लगा. दफ्तर में बैठे हरिमोहन ने उसे बुला कर उस के जले पर नमक छिड़कने वाली बातें कीं, फिर तैश में आ कर वे बोले, ‘‘यह देखो तुम्हारी करतूत. स्कूल में तुम ने कैसी रासलीला रचाई है. तुम्हें शर्म नहीं आई कि तुम एक टीचर हो.’’

हरिमोहन ने सीडी दिखाई. शिव शर्म से सिर झुका कर खड़ा था. ‘‘मैं तुम्हें एक दिन भी स्कूल में नहीं रखूंगा. निकल जाओ यहां से. ’’ यह सुन कर शिव चला गया. हरिमोहन का गुस्सा ठंडा हुआ. उन का शैतानी दिमाग उधेड़बुन में लग गया. रमा ने अपने से उम्र में छोटे शिव के साथ कैसी रासलीला रची.

2 दिन में लट्टू की तरह उस के आगेपीछे नाचने लगी और पति के आते ही सतीसावित्री बन गई. हरिमोहन ने तय कर लिया कि उन्हें क्या करना है. वे गोविंद के पास गए और कहा,

‘‘मैं आप से आधा घंटे के लिए जरूरी बात करना चाहता हूं.’’ गोविंद ने हां की और हरिमोहन से मिलने स्कूल पहुंचा. हरिमोहन ने कहा, ‘‘मिस्टर गोविंद, आप की पत्नी के किसी पराए मर्द के साथ कैसे रिश्ते हैं, क्या आप जानते हैं? वह आप के साथ धोखा कर रही है.’’

पहले तो गोविंद यह सच मानने को तैयार ही नहीं था. उस ने कहा, ‘‘क्या आप ने मेरा समय बरबाद करने के लिए मु झे यहां बुलाया है?’’ ‘‘ठहरिए, मैं आप को दिखाता हूं,’’ कह कर हरिमोहन ने सीडी चलाई. गोविंद ने रमा को दूसरे मर्द के साथ देखा. उस के चेहरे का रंग बदलने लगा. सीडी दिखाने के बाद हरिमोहन ने कहा, ‘‘कहिए मिस्टर गोविंद, अब क्या बोलेंगे?’’

‘‘मु झे यह सीडी चाहिए. आप को कितनी रकम चाहिए?’’ ‘‘क्या यह नहीं जानना चाहोगे कि यह आदमी कौन है? यह इसी स्कूल का एक टीचर है. रमा से 6 साल छोटा है. यह सीडी इसी स्कूल में बनी है.’’ ‘‘आप ने बनाई है?’’ ‘‘इत्तिफाक से बन गई. हर क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. इन दोनों को जरा भी होश नहीं था कि कैमरा चालू है. इन दोनों ने स्कूल में ही वासना का खेल खेला.’’

‘‘और इस सीडी से आप मु झे ब्लैकमेल कर रहे हैं?’’ ‘‘जो मौके का फायदा नहीं उठाते, मैं उन बेवकूफों में से नहीं. मु झे 2 लाख रुपए चाहिए.’’ ‘‘मु झे मंजूर है.’’ गोविंद ने 2 लाख रुपए दे कर सीडी ले ली और बोला, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि अब आप इस बात का जिक्र किसी से नहीं करोगे.’’

‘‘मैं वादा करता हूं…’’ हरिमोहन ने कहा, ‘‘मैं एक बात पूछना चाहता हूं कि रमा ने आप के साथ धोखा किया है, तो आप उसे तलाक क्यों नहीं दे देते? अपनी इज्जत बचाने के लिए 2 लाख रुपए में सीडी ले ली. क्या आप इसे रमा को दिखाएंगे?’’ ‘‘यह बात जान कर वह शर्मिंदा होगी, दुखी होगी, जो मैं नहीं चाहता. इस सीडी को मैं लव चैनल को दूंगा, जो केवल होटल के डीलक्स कमरों में दिखाया जाता है. ‘‘मैं ने लाखों रुपए कमाने के लिए आप को 2 लाख रुपए दिए हैं.

मेरे लिए बेवफा बीवी कमाई का एक जरीया है, इस से ज्यादा कुछ नहीं.’’ प्रिंसिपल हरिमोहन गोविंद की बात सुन कर हैरान रह गए. वे सोचने लगे कि क्या ऊंचे लोग ऐसे भी होते हैं?

पछतावा : आखिर दीनानाथ की क्या थी गलती

दीनानाथ नगरनिगम में चपरासी था. वह स्वभाव से गुस्सैल था. दफ्तर में वह सब से झगड़ा करता रहता था. उस की इस आदत से सभी दफ्तर वाले परेशान थे, मगर यह सोच कर सहन कर जाते थे कि गरीब है, नौकरी से हटा दिया गया, तो उस का परिवार मुश्किल में आ जाएगा.

दीनानाथ काम पर भी कई बार शराब पी कर आ जाता था. उस के इस रवैए से भी लोग परेशान रहते थे. उस के परिवार में पत्नी शांति और 7 साल का बेटा रजनीश थे. शांति अपने नाम के मुताबिक शांत रहती थी. कई बार उसे दीनानाथ गालियां देता था, उस के साथ मारपीट करता था, मगर वह सबकुछ सहन कर लेती थी.

दीनानाथ का बेटा रजनीश तीसरी जमात में पढ़ता था. वह पढ़ने में होशियार था, मगर अपने एकलौते बेटे के साथ भी पिता का रवैया ठीक नहीं था. उस का गुस्सा जबतब बेटे पर उतरता रहता था.

‘‘रजनीश, क्या कर रहा है? इधर आ,’’ दीनानाथ चिल्लाया.

‘‘मैं पढ़ रहा हूं बापू,’’ रजनीश ने जवाब दिया.

‘‘तेरा बाप भी कभी पढ़ा है, जो तू पढ़ेगा. जल्दी से इधर आ.’’

‘‘जी, बापू, आया. हां, बापू बोलो, क्या काम है?’’

‘‘ये ले 20 रुपए, रामू की दुकान से सोडा ले कर आ.’’

‘‘आप का दफ्तर जाने का समय हो रहा है, जाओगे नहीं बापू?’’

‘‘तुझ से पूछ कर जाऊंगा क्या?’’ इतना कह कर दीनानाथ ने रजनीश के चांटा जड़ दिया.

रजनीश रोता हुआ 20 रुपए ले कर सोडा लेने चला गया. दीनानाथ सोडा ले कर शराब पीने बैठ गया.

‘‘अरे रजनीश, इधर आ.’’

‘‘अब क्या बापू?’’

‘‘अबे आएगा, तब बताऊंगा न?’’

‘‘हां बापू.’’

‘‘जल्दी से मां को बोल कि एक प्याज काट कर देगी.’’

‘‘मां मंदिर गई हैं… बापू.’’

‘‘तो तू ही काट ला.’’

रजनीश प्याज काट कर लाया. प्याज काटते समय उस की आंखों में आंसू आ गए, पर पिता के डर से वह मना भी नहीं कर पाया. दीनानाथ प्याज चबाता हुआ साथ में शराब के घूंट लगाने लगा. शाम के 4 बज रहे थे. दीनानाथ की शाम की शिफ्ट में ड्यूटी थी. वह लड़खड़ाता हुआ दफ्तर चला गया.

यह रोज की बात थी. दीनानाथ अपने बेटे के साथ बुरा बरताव करता था. वह बातबात पर रजनीश को बाजार भेजता था. डांटना तो आम बात थी. शांति अगर कुछ कहती थी, तो वह उस के साथ भी गालीगलौज करता था. बेटे रजनीश के मन में पिता का खौफ भीतर तक था. कई बार वह रात में नींद में भी चीखता था, ‘बापू मुझे मत मारो.’

‘‘मां, बापू से कह कर अंगरेजी की कौपी मंगवा दो न,’’ एक दिन रजनीश अपनी मां से बोला.

‘‘तू खुद क्यों नहीं कहता बेटा?’’ मां बोलीं.

‘‘मां, मुझे बापू से डर लगता है. कौपी मांगने पर वे पिटाई करेंगे,’’ रजनीश सहमते हुए बोला.

‘‘अच्छा बेटा, मैं बात करती हूं,’’ मां ने कहा.

‘‘सुनो, रजनीश के लिए कल अंगरेजी की कौपी ले आना.’’

‘‘तेरे बाप ने पैसे दिए हैं, जो कौपी लाऊं? अपने लाड़ले को इधर भेज.’’

रजनीश डरताडरता पिता के पास गया. दीनानाथ ने रजनीश का कान पकड़ा और थप्पड़ लगाते हुए चिल्लाया, ‘‘क्यों, तेरी मां कमाती है, जो कौपी लाऊं? पैसे पेड़ पर नहीं उगते. जब तू खुद कमाएगा न, तब पता चलेगा कि कौपी कैसे आती है? चल, ये ले 20 रुपए, रामू की दुकान से सोडा ले कर आ…’’

‘‘बापू, आज आप शराब बिना सोडे के पी लो, इन रुपयों से मेरी कौपी आ जाएगी…’’

‘‘बाप को नसीहत देता है. तेरी कौपी नहीं आई तो चल जाएगा, लेकिन मेरी खुराक नहीं आई, तो कमाएगा कौन? अगर मैं कमाऊंगा नहीं, तो फिर तेरी कौपी नहीं आएगी…’’ दीनानाथ गंदी हंसी हंसा और बेटे को धक्का देते हुए बोला, ‘‘अबे, मेरा मुंह क्या देखता है. जा, सोडा ले कर आ.’’

दीनानाथ की यह रोज की आदत थी. कभी वह बेटे को कौपीकिताब के लिए सताता, तो कभी वह उस से बाजार के काम करवाता. बेटा पढ़ने बैठता, तो उसे तंग करता. घर का माहौल ऐसा ही था. इस बीच रात में शांति अपने बेटे रजनीश को आंचल में छिपा लेती और खुद भी रोती.

दीनानाथ ने बेटे को कभी वह प्यार नहीं दिया, जिस का वह हकदार था. बेटा हमेशा डराडरा सा रहता था. ऐसे माहौल में भी वह पढ़ता और अपनी जमात में हमेशा अव्वल आता. मां रजनीश से कहती, ‘‘बेटा, तेरे बापू तो ऐसे ही हैं. तुझे अपने दम पर ही कुछ बन कर दिखाना होगा.’’

मां कभीकभार पैसे बचा कर रखती और बेटे की जरूरत पूरी करती. बाप दीनानाथ के खौफ से बेटे रजनीश के बाल मन पर ऐसा डर बैठा कि वह सहमासहमा ही रहता. समय बीतता गया. अब रजनीश 21 साल का हो गया था. उस ने बैंक का इम्तिहान दिया. नतीजा आया, तो वह फिर अव्वल रहा. इंटरव्यू के बाद उसे जयपुर में पोस्टिंग मिल गई. उधर दीनानाथ की झगड़ा करने की आदत से नगरनिगम दफ्तर से उसे निकाल दिया गया था.

घर में खुशी का माहौल था. बेटे ने मां के पैर छुए और उन से आशीर्वाद लिया. पिता घर के किसी कोने में बैठा रो रहा था. उस के मन में एक तरफ नौकरी छूटने का दुख था, तो दूसरी ओर यह चिंता सताने लगी थी कि बेटा अब उस से बदला लेगा, क्योंकि उस ने उसे कोई सुख नहीं दिया था.

मां रजनीश से बोलीं, ‘‘बेटा, अब हम दोनों जयपुर रहेंगे. तेरे बापू के साथ नहीं रहेंगे. तेरे बापू ने तुझे और मुझे जानवर से ज्यादा कुछ नहीं समझा…

‘‘अब तू अपने पैरों पर खड़ा हो गया है. तेरी जिंदगी में तेरे बापू का अब मैं साया भी नहीं पड़ने दूंगी.’’

रजनीश कुछ देर चुप रहा, फिर बोला, ‘‘नहीं मां, मैं बापू से बदला नहीं लूंगा. उन्होंने जो मेरे साथ बरताव किया, वैसा बरताव मैं नहीं करूंगा. मैं अपने बेटे को ऐसी तालीम नहीं देना चाहता, जो मेरे पिता ने मुझे दी.’’

रजनीश उठा और बापू के पैर छू कर बोला, ‘‘बापू, मैं अफसर बन गया हूं, मुझे आशीर्वाद दें. आप की नौकरी छूट गई तो कोई बात नहीं, मैं अब अपने पैरों पर खड़ा हो गया हूं. चलो, आप अब जयपुर में मेरे साथ रहो, हम मिल कर रहेंगे.‘‘

यह सुन कर दीनानाथ की आंखों में आंसू आ गए. वह बोला, ‘‘बेटा, मैं ने तुझे बहुत सताया है, लेकिन तू ने मेरा साथ नहीं छोड़ा. मुझे तुझ पर गर्व है.’’

दीनानाथ को अपने किए पर खूब पछतावा हो रहा था. रजनीश ने बापू की आंखों से आंसू पोंछे, तो दीनानाथ ने खुश हो कर उसे गले लगा लिया.

ईंट का जवाब पत्थर: गणेश ठेकेदार का लालच

सूरज हुआ अस्त और मजदूर हुआ मस्त. शाम के 6 बजते ही कारीगर, मजदूर और कुली का काम करने वाली मजदूरिनें अपने हाथपैर धोने लगीं. मजदूर तसला, बालटी व फावड़ा उठा कर समेटने लगे. मुंहलगी कुछ मजदूरिनें ठेकेदार की मोटरसाइकिल के आसपास मधुमक्खियों की तरह मंडराने लगीं.

गणेश ठेकेदार नखरे से भरी उन की अदाओं को देख रहा था और शिकायतभरी मनुहारों को सुन रहा था. गुरुवार के दिन स्थानीय बाजार लगने के चलते कारीगरों को मजदूरी मिलती थी, लेकिन जरूरत के मुताबिक मजदूर बाजार के दिन से पहले भी ठेकेदार से पैसे मांग लेते थे. कमला ठेकेदार से पैसे मांग रही थी और वह आनाकानी कर रहा था.

दूसरी कुली मजदूरिनें भी तकादा करने लगी थीं, लेकिन गणेश का ध्यान तो अपनी मोटरसाइकिल के शीशे पर था, जिस में उसे एक नई मजदूरिन का चेहरा दिखाई दे रहा था. बेला नाम की यह मजदूरिन 4-5 दिन से ही काम पर आ रही थी. सांवला रंग, तीखे नैननक्श और गदराई देह वाली बेला गणेश को गजब की हसीन लगी थी. गणेश का ठेका 3-4 जगहों पर चल रहा था, इसलिए वह शाम को ही इधर आया करता था.

जब उस ने पहली बार बेला को देखा, तो बरबस उस के मुंह से निकला था, ‘यह हीरा इस कोयले के ढेर में कहां से आया?’ गणेश ने एडवांस मांगने वालों को 50-50 रुपए दिए. कमला ने उस का नोटों से भरा बटुआ देखा, तो ललचाई नजरों से वह बोली, ‘‘बटुए में इतने रुपए भर रखे हैं और हमें 50 रुपए देने में भी बहाने करते हो.’’ ‘‘लेकिन मना तो नहीं करता कभी…’’

गणेश ने कहा, फिर बेला को सुनाने के लिए जोर से बोला, ‘‘अरे मुनीमजी, और किसी को एडवांस चाहिए क्या?’’ लेकिन बेला ने तो जैसे कुछ सुना ही नहीं था. तब गणेश ने उस की ओर देख कर कहा, ‘‘तु?ो चाहिए क्या 100-50 रुपए?’’

‘‘मैं तो परसों पूरे साढ़े 3 सौ रुपए लूंगी,’’ बेला ने दोटूक बात कही और तसला उठा कर चली गई. वह गणेश की ललचाई आंखों को भांप गई थी. बेला की कमर पर नाचती हुई चोटी को देख कर गणेश का मन हुआ कि वह मोटरसाइकिल से उतर कर भीतर जाए और उसे मसल कर रख दे, लेकिन वह डरता था, क्योंकि बेला हीरा की मंगेतर थी और हीरा उस का सब से भरोसे का व मेहनती मजदूर था.

हीरा जितना ईमानदार और स्वामीभक्त था, उतना ही निडर और स्वाभिमानी भी था. ऐसे भरोसे के आदमी को गणेश खोना नहीं चाहता था. रविवार के दिन बेला अपनी ?ाग्गी के बाहर ?ाड़ी की ओट में बैठी कपड़े धो रही थी. उधर गणेश भी किसी मजदूर से बात कर रहा था.

अनजान बेला ने नहाने के लिए एकएक कर के अपने कपड़े उतारे. भरपूर जवानी से गदराई उस की देह की एक ?ालक पा कर गणेश कामातुर हो गया. बेला की पीठ को देख कर वह अपने पर काबू नहीं रख सका. उस की रगों का खून गरमाने लगा. तभी पीछे से आ कर मुनीम बोला, ‘‘ठेकेदार, यह चिडि़या ऐसे हाथ नहीं आएगी.’’ ‘‘तब मुनीमजी, तुम्हीं कोई तरकीब बताओ.

तुम भी तो पुराने शिकारी हो,’’ गणेश मुनीम की चिरौरी करने लगा. मुनीम ने दूसरे दिन बेला की ड्यूटी नई कालोनी में लगा दी, जहां एक नए सैक्टर में कुछ मकान बन चुके थे, कुछ बन रहे थे. बेला को दीवारों पर पानी से छिड़काव करने के काम पर लगाया गया था. एकएक मकान पर छिड़काव करते हुए जब वह 5वें मकान पर पहुंची, तो वहां एक चारपाई पर ठेकेदार गणेश लेटा हुआ था.

उसे देख कर बेला सहम गई. बेला कुछ सम?ा पाती, उस से पहले ही गणेश बाज की तरह उस पर ?ापटा. गणेश ने बेला के मुंह को दबा कर उसे चारपाई पर डाल दिया. अपनी देह की आग को ठंडी कर के गणेश बेशर्मी से हंसने लगा और बेबस बेला अभी तक सहमी हुई थी.

वह तन और मन की पीड़ा से अभी छूट नहीं पाई थी. अपने कपड़े संभालते हुए उस की आंखों से आंसू बह निकले. उस की ओर सौ रुपए का नोट फेंक कर गणेश बोला, ‘‘रख लो मेरी जान, काम आएगा.’’ ठेकेदार गणेश की मुराद पूरी हो गई. वह बहुत खुश था. उस ने मुनीम को भी खुश हो कर 50 रुपए दिए. मुनीम ने कहा, ‘‘ठेकेदारजी, अगर बेला ने हीरा से कह दिया,

तो गजब हो जाएगा.’’ ‘‘अरे मुनीम, तू तो बेकार में डरता है. बेला उस से कुछ नहीं कहेगी. दिनभर सिर पर तसला ढोती है, तब कहीं 50 रुपए मिलते हैं. मैं ने तो उसे छूने के सौ रुपए दिए हैं. क्या बिगड़ा है उस का.’’ मुनीम ने कहा, ‘‘पर बेला और तरह की औरत है.’’

‘‘अरे, सब औरतें एकजैसी होती हैं,’’ गणेश ने लापरवाही से कहा. दूसरे दिन बेला काम पर आई, तो गणेश का बाकी शक भी जाता रहा. उस ने एकांत पा कर पूछा, ‘‘बेला, तू खुश तो है न?’’ बेला कुछ बोलने के बजाय मुसकरा कर रह गई. गणेश की बांछें खिल गईं.

उस ने बेला का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा, तो बेला बोली, ‘‘आज नहीं कल. मेरी बात का भरोसा रखो.’’ गणेश बहुत खुश हुआ. बेला जैसी सुंदरी अपनी इच्छा से कल का वादा कर रही थी. उस ने फिर जोरजबरदस्ती करना ठीक नहीं सम?ा.

कल के सुहाने सपने संजोए गणेश घर आया. उस की बीवी राधा खड़ी थी. उस की आंखें सूजी हुई थीं, जैसे वह काफी देर तक रोती रही हो. गणेश का माथा ठनका. उस ने पूछा, ‘‘क्या हुआ?’’ ‘‘कुछ नहीं,’’ राधा का स्वर बु?ा हुआ था. ‘‘कोई बुरी खबर आई है क्या?’’ ‘‘नहीं, हीरा आया था.’’ हीरा का नाम सुनते ही ठेकेदार गणेश चौंक पड़ा. उस ने पूछा, ‘‘क्यों आया था?’’ ‘‘यह नोट और कंघा दे गया है.’’ ठेकेदार सहम गया. उस ने कहा, ‘‘अरे हां, यह कंघा गिर गया था. लेकिन यह नोट तुम्हारे पास कैसे आया?’’ उस की बीवी ने बताया, ‘‘तुम ने बेला को दिया था न?’’ ‘‘हां, उस ने मजदूरी के मांगे थे, पर हीरा तुम्हें क्यों दे गया?’’ ठेकेदार ने हैरानी से पूछा. कुछ देर राधा चुप रही, फिर बोली, ‘‘मु?ो भी वह मजदूरी दे गया.’’

शर्ट उतारने में माहिर हैं ये स्टार्स, फैंस को कर देते हैं घायल

बौलीवुड या भोजपुरी स्टार्स ऐक्टिंग और डांस में तो माहिर होते ही हैं, लेकिन फिल्म स्टार्स में सदाबहार ऐक्टर धर्मेंद्र के टाइम से एक ट्रैंड देखने को मिल रहा है, अपनी बौडी दिखाने का. जी हां, ऐक्टर्स अपने स्टाइल और सैक्सी बौडी शो करने के लिए कई बार शर्टलैस होते नजर आए हैं.

 

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स्टार्स में यह ट्रैंड उन के सोशल मीडिया हैंडल से ले कर फिल्मों तक में देखने को मिलता है. दर्शकों को शायद इस तरह स्टार्स को देखना पसंद करते हैं, इसलिए डायरैक्टर भी ऐक्टर्स से इस तरह के सीन शूट कराते हैं. बौलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान इस का बेहद ही सही उदाहरण हैं. उन्हें कई फिल्मों में शर्टलैस होते दिखाया गया है. उन का बातबात पर शर्ट उतार कर फेंक देना शायद उन की पौपुलैरिटी का भी राज है.

कार्तिक आर्यन

फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ Chandu Champion से शेयर की शर्टलैस फोटो

सलमान खान के अलावा ऐसे कई स्टार्स बैन जो परदे और पर्सनल लाइफ में शर्टलैस नजर आते हैं. हाल ही, में कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ रिलीज हुई थी, जिस को दर्शकों का काफी प्यार मिला था. यह फिल्म 14 जून को सभी सिनेमाघरों में लगी थी. इस फिल्म में कार्तिक आर्यन काफी हौट नजर आए थे. उन्होंने अपनी बौडी में भी काफी ट्रांसफोर्मेशन किया था. फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ के दौरान ही कार्तिक आर्यन शर्टलैस दिखे थे. उन्होंने सोशल मीडिया पर ऐसी फोटोज शेयर की थीं, जिन में वे बिना शर्ट के नजर आ रहे थे. इस के साथ ही उन्होंने हौट सा कैप्शन भी लिखा था. उन्होंने फोटो के साथ लिखा ‘Don’t call me sugar, don’t touch the fire’. इस पोस्ट पर सैक्सी ऐंड लव टाइप के कमैंट्स भी पोस्ट हुए थे. हालांकि यह पहली दफा नहीं है, जब कार्तिक आर्यन शर्टलैस दिखाई दिए हों. वे इस से पहले भी कई बार शर्टलैस दिख चुके हैं.

खेसारी लाल यादव

स्नोफाल में शर्टलेस हो कर किया था डांस

शर्टलैस होने के लिए भोजपुरी में खेसारी लाल यादव काफी फेमस हैं. उन के शर्टलैस पोस्टर, फिल्में, गाने, रील्स सब पौपुलर हैं. जब भी परदे पर खेसारी लाल शर्ट उतारते हैं, तो उन के फैंस सीटियां बजाते नहीं थकते हैं. शर्टलैस खेसारी लाल यादव सोशल मीडिया पर भी वीडियो शेयर करते हैं. उन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी ट्रैंड पर रहा था, जिसे खेसारी लाल ने अपनी औफिशियल साइट पर पोस्ट किया था, जिस में वे गिरती हुई बर्फ के बीच अपनी शर्ट उतार कर डांस करते दिख रहे थे. ऐक्टर का यह स्लो मोशन वीडियो उन के चाहने वालों को काफी पसंद आया था. इस में वे शर्ट उतार को फैंस को घायल कर रहे थे.

खेसारी लाल कई गानों में भी शर्ट के बिना डांस और ऐक्टिंग करते नजर आए हैं. खेसारी लाल का गाना ‘बस कर पगली’ में वे शर्टलैस हुए थे. ऐसे ही खेसारी लाल यादव शर्टलैस हो कर फिल्म ‘जवान’ में भी नजर आए थे. असल में खेसारी बौलीवुड के सलमान खान हैं, जो कहीं भी कभी भी शर्ट उतारने में कतराते नहीं हैं और अपनी सैक्सी बौडी से फैंस को घायल कर देते हैं.

शाहरुख खान

Om Shanti Om में नजर आए थे शर्टलैस

बौलीवुड के ‘किंग खान’ शाहरुख खान भी कई फिल्मों में शर्ट उतारते दिखे हैं. हालांकि वे ‘फिल्म ओम शांति’ ओम’ (Om Shanti Om) में एक गाने ‘दर्द ए डिस्को’ में शर्टलैस हो कर डांस करते दिखे थे और बेहद हिट हुए थे. उन का इस गाने में शर्टलैस होना उन के फैंस को काफी पसंद आया था. हाल ही में उन की फिल्म ‘पठान’ भी रिलीज हुई थी. इस फिल्म में शाहरुख अपने सिक्स पैक्स फ्लौन्ट करते नजर आए थे. इस फिल्म के लिए शाहरुख ने अपनी बौडी पर बहुत मेहनत की थी, जिस के बाद उन्होंने सैक्सी बौडी बना कर फैंस का दिल जीता था. शाहरुख ने 57 साल की उम्र में ऐसी बौडी बना कर सब को एक मिसाल दी है. शायद इसी वजह से शाहरुख खान की फैन फौलोइंग इतनी बड़ी संख्या में है.

टाइगर श्रौफ

शर्ट उतार कर करते हैं स्टंट्स

बौलीवुड ऐक्टर टाइगर श्रौफ (Tiger Shroff) अपने दमदार ऐक्शन और परफेक्ट बौडी से फैंस को खूब अट्रैक्ट करते हैं. टाइगर श्रौफ हर दिन जिम में जम कर पसीने बहाते हैं. टाइगर श्रौफ सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहते हैं और अकसर अपने फोटोज और वीडियोज इंस्टाग्राम पर शेयर करते रहते हैं. टाइगर श्रौफ भी शर्ट उतारने में देर नहीं लगाते हैं. वे अकसर अपनी वीडियो में शर्टलैस ही नजर आते हैं. इतना ही नहीं, वह फिल्मों में फाइट सीन करते हुए शर्ट उतार फेंक देते हैं. टाइगर रीयल लाइफ में भी अपनी फीमेल फैंस को इंप्रैस करने के लिए सड़क पर भी शर्ट उतारने से कतराते नहीं हैं.

एक बार टाइगर श्रौफ मुंबई में पैपराजी के कैमरे में कैद हो गए थे, जहां से उन की फोटोज इंटरनैट पर तेजी से वायरल हुई थीं. इन फोटोज में टाइगर श्रौफ पैप्स के सामने बिना शर्ट के नजर आ रहे थे. उन्होंने सब के सामने शर्ट उतार कर अपना फिगर फ्लौन्ट किया था.

40 साल से ज्यादा उम्र के शाहीद कपूर जैसे सैलिब्रेटी की डाइट है खास

बौलीवुड स्टार्स हो या कोई भी बड़ी हस्ती वह हमेशा ही अपने आपको फिट रखने के लिए ढेरों मेहनत करते है. स्टार अपनी बौडी और अपनी स्किन पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं. वे हमेशा ही बेहतर मील लेते है. जिसकी वजह से ही वे अपने आप को फिट रख पाते हैं.

 

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बौलीवुड में ऐसे कई स्टार है जो अपनी 40 उम्र को पार कर चुके है. उनकी उम्र 40 से ज्यादा हो गई है लेकिन वे आज भी उसे कम के दिखाई देते है. इसके लिए वे एक बेहतर डाइट और एक्सरसाइज करते है. आज हम उन सेलिब्रिटी की डाइट की चर्चा करेंगे जो 40 एज को क्रौस कर चुके है. इसमें एक्टर और एक्ट्रेस दोनों की फिटनेस डाइट के राज और टिप्स है. जिन्हे फोलो करके आप भी अपनी फिटनेस को बनाएं रख सकते है.

मलाइका अरोड़ा डिटौक्स ड्रिंक और योग से रहती है फिट  

बौलीवुड की हसीन अदाकारा मलाइका अरोड़ा खान हमेशा ही अपने फिट बौडी को लेकर चर्चाओं में बनी रहती है. मलाइका अरोड़ा खान अपनी फिटनेस का सबसे ज्यादा ध्यान रखती हैं जिसके लिए वह प्रोटीन से भरी डाइट को फौलो करती है. इतना ही नहीं, वे योग और जिम जाना कभी नहीं भूलती है.  मलाइका के दिन की शुरुआत एक गिलास गर्म नींबू और शहद के पानी से होती है. जिसके बाद वे नाश्ते में कुछ फल, उपमा, इडली या अंडे की सफेदी के साथ मल्टीग्रेन टोस्ट का सेवन करती है. वह डिटौक्स ड्रिंक पीती है. Bollywood

लंच में वे दो चपाती, दाल, सब्जी और स्प्राउट्स के साथ चिकन खाती है. इसके बाद रात के खाने में वह एक कटोरी सूप और उबली हुई सब्जियों का खाती है.

अक्षय कुमार फिट रहने के लिए 6 बजे के बाद नहीं खाते खाना

अक्षय कुमार के फैंस हमेशा से उनकी फिटनेस के फैंस रहे हैं. इसीलिए अक्षय कुमार ने अपनी फिटनेस के कई टिप्स को वीडियो बनाकर शेयर करते है.

अक्षय कुमार अपनी फिटनेस का सबसे बड़ा राज अपनी डाइट टाइमिंग को मानते हैं. उनका कहना है कि शाम को 6 बजे के बाद खाना नहीं खाना चाहिए. उन्होंने बताया कि ऐसा हमारे शास्त्रों में भी लिखा है कि सूरज ढलने के बाद हमें भोजन नहीं खाना चाहिए. इसलिए अगर आप भी अक्षय कुमार जैसी पर्सनालिटी चाहते हैं तो शाम को 6 बजे के बाद खाना खाने की आदत में बदलाव कर सकते हैं.

शाहिद कपूर फौलो करते है वेजिटेरियन डाइट

शाहिद कपूर अपने आप को फिट रखने के लिए एक बेहतर और अच्छी डाइट लेते हैं. इनके डाइट प्लान में हरी सब्जियां, ड्राईफ्रूट्स, फ्रूट जूस जैसे फूड शामिल हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि ऐसे खाने से आपको भरपूर एनर्जी मिलती है साथ ही, आप वजन के ज्यादा होने से भी बचे रहेंगे. इसलिए शाहिद जैसी फिटनेस पाने के लिए आप भी ऐसे फूड को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं. शाहिद एक्सरसाइज करना कभी नहीं भूलते है.

कटरीना कैफ हर मील में 6 घंटे का रखती है गैप

कटरीना कैफ अपनी फिटनेस को बनाएं रखने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट फोलो करती है. कटरीना कैफ डेयरी के प्रौडक्ट से दूर रहती हैं क्योंकि इससे चर्बी तेजी से बढ़ती है. हालांकि डेयरी प्रौडक्ट्स हैल्थ के लिए अच्छे होते हैं, मगर इनमें मौजूद शुगर और फेट जैसे इंग्रीडिएंट की वजह से वजन तेजी से बढ़ता है. आप डेयरी प्रोडक्ट की जगह सोया मिल्क, बादाम मिल्क या फिर स्किम्ड मिल्क ले सकते हैं. कटरीना शुगर से भी दूर रहती है. क्योंकि, रिफाइंड शुगर में बहुत कैलोरी होती है. साथ ही इससे सेहत पर बुरा असर भी पड़ता है इसीलिए कैटरीना चीनी से बनी चीज़ों को खाने से बचती हैं. इसकी जगह वो गुड़ या शहद का उपयोग करती हैं.

कटरीना अपने खाने से ब्रेड और पास्ता जैसी चीज़ों को दूर ही रखती हैं. उनका मानना है कि ग्लूटेन सेहत के लिए हानिकारक है और ये आसानी से पचता भी नहीं है. अपने फिगर को शेप में रखने के लिए कैटरीना उबली हुई सब्ज़िया खाती हैं. एक्ट्रेस अपने हर मील में 6 घंटे का गैप रखती है. जिसे वजह से वे 40 की होकर भी उसे कम उम्र की दिखती है.

BB OTT 3 की विनर बनीं सना मकबूल से जुड़े ये विवाद है अनसुने

विवादित शो बिग बौस ओटीटी 3 ने खूब सुर्खियों बटोरी, हर साल की तरह ये शो में काफी चर्चा में रहा. इसमें एक से बढ़कर एक कंटेस्टेंट आते रहे, लेकिन बाजी तो सना मकबूल ने ही मारी और ट्रौफी अपने नाम कर ली. सना मकबूल बिग बौस ओटीटी 3 की विनर बनीं है. लेकिन सना कई बार विवादों से घिरी है. कई बार शो में उन्हे कंट्रोवर्सी का सामना करना पड़ा, कई बार असल लाइफ में उनके साथ ऐसे हादसे हुए कि उन्हे विवाद में आना पड़ा.

शो में सना मकबूल ने विशाल पांडे को किया थी Kiss

सना मकबूल में शो में काफी चर्चा में थीं और लोगों के प्यार, वोटों ने उन्हे जीता भी दिया. सना मकबूल एक बार तब चर्चा में जोरो शोरो से थी जब उन्होंने शो में विशाल पांडे को किस किया था. आपको बता दे कि बिग बौस ओटीटी 3 में सना मकबूल, विशाल पांडे, लवकेश कटारिया, शिवानी कुमारी का एक अलग ग्रुप बना हुआ था. इन चार लोंगो की दोस्ती बिग बौस के घर में सबसे ज्यादा पौपुलर थी. चारों लोग आपस में एक दूसरे के साथ मस्ती मजाक करते हुए सबके सपोर्ट में रहते हैं. इन चारों लोंगो को हर टास्क में बाकी के घरवालें टारगेट करते रहते हैं. इसी बीच बीग बौस के एपिसोड की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई. जिसमे दिखाया गया था कि सना मकबूल लवकेश कटारिया से बताती हैं कि उन्होंने विशाल पांडे के गाल पर किस किया है.

 

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अनिल कपूर ने लगाई थी फटकार कि ‘फुटेज खाना बंद करो’

विवादित रियलिटी शो बिग बौस ओटीटी 3 अपने हाई ड्रामा से लोगों का दिल जीता. शो में हमेशा की तरह वीकेंड का वार होता है. अनिल कपूर वीकेंड के वार पर कंटेस्टेंट की क्लास लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते है.ऐसा ही एक बार शो पर अनिल कपूर ने सना मकबूल को जमकर फटकार लगाई थी. कि वे बहुत फुटेज खा रही है. वे बेकार में अलग दिखने की कोशिश करती है. हालांकि सना मकबूल ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि वह सबके साथ सच्चे रिश्ते बना रही है. इन सब बातो को लेकर सना बहुत चर्चा में आई थी. वे इन सब मुद्दों को लेकर विवादों में घिर गई थी.

शो के मेकर्स को लीगल एक्शन की दी थी धमकी

बिग बौस ओटीटी सीजन 3 की कंटेस्टेंट और फेमस टीवी एक्ट्रेस सना मकबूल एक बार तब भी सुर्खियो में आई थी, जब वे बिग बौस के निर्माताओं पर भड़क गईं थी. सना ने कहा कि शो में उन्हें और बाकी कंटेस्टेंटस को पूरा राशन नहीं दिया जा रहा जिसके चलते उन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में एक्ट्रेस ने मेकर्स के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की भी धमकी दी थी.

कुत्ते ने काट लिए थे सना मकबूल के होंठ, करानी पड़ी सर्जरी

बिग बौस ‘ओटीटी 3’  में सना मकबूल की खूबसूरती को देख हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है. हालांकि, एक्ट्रेस ने शो के अंदर ही खुद को लेकर एक हैरान करने वाला खुलासा किया था. सना ने शो में बात करते हुए बताया था कि उनके होंठ पर एक कुत्ते ने काट लिया था, जिसकी वजह से उन्हें 120 टांके आए थे और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी थी. शो की कंटेस्टेंट रहीं पौलोमी दास से बात करते हुए सना ने अपने साथ हुई भयानक घटना का जिक्र किया था, जिसे सुनकर हर कोई शौक्ड रह गया था.

किस तरह अडानी और अंबानी की लाइफस्टाइल है एक दूसरे से अलग

अडानी और अंबानी दोनों नाम तो आपने सुने होंगे. दोनों ही आज ऊंचे पद पर है. दोनों की लाइफस्टाइल भी एक दूसरे से अलग है. दोनों क परिवार का रहन सहन भी एक दूसरे से बिलकुल हटकर है.

अडानी परिवार की लाइफस्टाइल

गौतम अडानी के जन्म की तो वह एक साधारण परिवार में पैदा हुए थे. काम करने और अपने भाग्य का पीछा करने के लिए, उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और अहमदाबाद से मुंबई आ गए. शुरुआत में, उन्होंने हीरे की दलाली शुरू की, जहां उन्होंने जल्दी ही कामयाबी मिली. जिसके बाद धीरे धीरे भारत के अमीर लोगों में शुमार हो गए.

गौतम अडानी ने अपनी रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है. गौतम अडानी के दो बेटे है जीत अडानी, करन अडानी. गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी भी बेहद सिंपल है. वे मीडिया की लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करती है.

गौतम अडानी की लाइफस्टाइल इतनी लग्जरी है कि वे घर से एयरपोर्ट तक जाने के लिए भी हेलीकौप्टर का यूज करत है. उनके पास 3 हेलिकोप्टर, 3 बोम्बार्डियर और बीचक्राफ्ट हैं. वहीं, फरारी के साथ साथ BMW सीरिज की कई कारें भी उनके गैराज में हैं. बता दें, कि अडानी का बिजनेस देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैला हुआ है. अडानी मीडिया में बातचीत करते हुए नहीं दिखाई देते है. अडानी का बौलीवुड से भी कुछ लेना देना नहीं, उनकी फैमली बेहद ही सिंपल रहती है.

अडानी ग्रुप का सालाना टर्नओवर 40 हजार करोड़ रुपए हैं. उनकी वाइफ प्रीति अडानी पेशे से डेंटिस्ट हैं. गौतम अडानी शाकाहारी है. वे गुजराती खाना ही पसंद करते है. वे पूरे दिन में 12 घंटे काम करते है. गौतम अडानी घूमने के शौकीन है. वे जहां भी ट्रेवल करते है वहां का लौकल खाना पसंद करते है.

अंबानी परिवार की लाइफस्टाइल

अंबानी परिवार भी गुजराती है. दोनों ही देश के अमीर शख्स है और दोनों ही गुरजरात से है. दोनों की लाइफस्टाइल में काफी अंतर है, अडानी जहां बेहद ही सिंपल फैमिली से है. वही, अंबानी परिवार खाने में सख्त शाकाहारी फूड पसंद करते है.

अंबानी परिवार की लाइफस्टाइल भी बेहद लग्जरी है. उनके परिवार में शादी हो या फंक्शन सभी एथेनिक वीयर के साथ लग्जरी ज्वैलरी कैरी करते है. मुकेश अंबानी का वाइफ भी काफी स्टाइलिश है वह हमेशा लग्जरी कपड़ो, ज्वैलरी पहनना पसंद करती है. साथ वे मीडिया के काफी टच में रहती है. अंबानी परिवार के सभी बच्चे बहुत ज्यादा पढ़ेलिखे है. अंबानी परिवार में धर्मकर्म को भी खूब माना जाता है. वह बिना किसी धार्मिक कार्य के कोई भी काम शुरु नहीं करते है.

मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के तीन बच्चे है. अकाश अंबानी, अनंत अंबानी और ईशा अंबानी. जो कि तीनों की शादी शुदा है. हाल ही में अकाश अंबानी की शादी राधिका मर्चेंट से हुई है. दोनों की शादी बड़ी ही धूमधाम से की. बता दें, अंबानी के पास 150 से ज्यादा लग्जरी कारें हैं, लेकिन देश की सबसे महंगी गाड़ी Audi A9 Chameleon मानी जाती है. इस कार की मालकिन नीता अंबानी हैं.

बता करें मुकेश अंबानी के तो वह रोजाना सुबह साढ़े पांच बजे उठते हैं और उस वक्त वह योग और मेडिटेशन करते हैं. मुकेश अंबानी के ब्रेकफास्ट में ताजे फल, जूस और इडली-सांभर होते हैं. लेकिन नीता अंबानी और मुकेश अंबानी हफ्ते में एक बार बाहर का खाना जरूर खाते हैं.

मेरी गर्लफ्रेंड को ड्रग्स लेने की आदत है, क्या करूं?

सवाल

मैं 31 वर्षीय युवक हूं. कालेज टाइम में अफेयर हुआ जो 5 साल तक चला. फिर ब्रेकअप हो गया. जौब लगी तो वहां औफिस में साथ काम करने वाली लड़की से प्यार करने लगा लेकिन उस का पहले से बौयफ्रैंड था, इसलिए बात नहीं बनी.

घरवाले शादी के लिए जोर देने लगे तो कई लड़कियां देखने के बाद एक लड़की पसंद आ गई. हमारा रोका भी हो गया. लेकिन 2 दिनों बाद फोन पर उस ने मुझे बताया कि उसे ड्रग्स लेने की आदत है. और इतनी ज्यादा ऐडिक्ट कि अब छोड़ना भी चाहे तो छोड़ नहीं सकती. घरवालों को भी पता चल गया. रिश्ता टूट गया. मुझे अब ऐसा लग रहा है कि मेरी जिंदगी में किसी का प्यार है ही नहीं. दिल टूट गया है. लगता है सब खत्म हो गया. समझ नहीं आ रहा कैसे उबारूं अपनेआप को इस स्थिति से?

जवाब

अफसोस है कि आप के प्यार को कभी मंजिल नहीं मिल पाई और अब शादी होने से पहले रिश्ता टूटने से आप खुद को संभाल नहीं पा रहे, जबकि ऐसी परिस्थिति में खुद को पौजिटिव रखने की जरूरत है.

जो कुछ हुआ उसे अल्पकालिक मान कर चलें. कोई मेरा नहीं हो सकता. बस, यही मेरे लिए लास्ट लड़की थी, इस तरह की बातों को बिलकुल भी अपने मन के अंदर हावी न होने दें.

किसी और की गलती के कारण खुद को तकलीफ न दें. अगर आप अपने को प्यार करना छोड़ देंगे, तो भला दूसरा आप से प्यार कैसे करेगा.

किसी के साथ जीवनभर का सपना देखना और फिर उस को एक ही पल में खो देना दुखदायी होता है. ऐसे में तनहाई में हरगिज न रहें. अपनेआप को व्यस्त रखने के लिए दोस्तों से बात करें, अपनी रुचि की ऐक्टिविटी करें, अच्छी किताबें पढ़ें. दोस्तों के साथ ट्रिप प्लान करें.

अपने अंदर का आत्मविश्वास खोने न दें, सो, अपने यकीन को कायम रखें. जो हुआ सो हुआ, यह मान कर खुद को नकारात्मक होने से बचाएं. इस बात को सहजता से स्वीकार कर लें, वरना यह बात आप को दर्द देती रहेगी.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
सब्जेक्ट में लिखे…  सरस सलिल- व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

दोस्त से सेक्स या सेक्स से दोस्ती?

पश्चिमी देशों में ‘फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स’ का चलन कोई नया नहीं है. लेकिन भारत में जरूर इस टर्म को अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल और निभाया जाता है. जब साल 2011 में जस्टिन टिम्बरलेक और मिल्ला कुनिस की फिल्म ‘फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स’ आई थी तो इस टर्म का मोटामोटी अर्थ यही निकला गया कि जब दो दोस्त अपने रिश्ते का इस्तेमाल सेक्सुअल रिलेशन के तौर पर करते हैं तो वो फ्रेंडशिप ‘फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स’ के दायरे में आ जाती है. यानी जब दोस्ती से अन्य फायदे लिए जाने लगे तो यह फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स वाला रिश्ता बन जाता है.

अब आप सोचेंगी कि दोस्ती में क्या फायदा उठाना. लेकिन अगर आप मैरिड या एंगेज्ड होने के बावजूद अपनी बेस्टफ्रेंड के साथ सेक्स करना चाहती हैं तो यह दोस्ती से बेनिफिट लेने जैसा ही है. क्योंकि उक्त लड़की आपकी फ्रेंड हैं तो फिर बिस्तर पर जाने से पहले उसके साथ न तो किसी भी तरह की रोमांटिक इन्वोल्व्मेंट की जरूरत है और न भरोसा कायम रखने की. आप दोनों एकदूसरे को पहले से जानते हैं और आपसी सहमति है तो अपनी फ्रेंडशिप को बेनिफिट के साथ कायम रख सकती हैं.

ज्यादा बेनिफिट किसका

यों तो यह वेस्टर्न कौन्सेप्ट है. वहां कैजुअल सेक्स को लेकर एस्कौर्ट से लेकर फ्रेंड्स तक, वन नाइट स्टैंड से लेकर हुक अप्स तक सब खुलेख्याली के साथ कुछ डौलर्स में अवेलेबल है. लेकिन इस तरह के संबधों में पुरुष ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं. कारण वही सेक्स वाला है. लंदन की विस्कौन्सिन-यू क्लेयर यूनिवर्सिटी द्वारा 400 वयस्कों पर किए गए एक शोध से पता चला कि महिला और पुरुष के बीच दोस्ती में अगर किसी एक के द्वारा आकर्षण की भावना या सेक्स करने की चाहत की अभिव्यक्ति होती है, तो वह ज्यादातर पुरुष मित्र की ओर से ही होती है. यह स्वाभाविक भी है.

पुरुष ईजी सेक्स और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की चाहत में औफिस, पड़ोस और औनलाइन हर जगह सेक्सुअल फेवर वाला रिश्ता ढूंढ़ते हैं. और जब कभी उन गलियों में वो चाहत पूरी नहीं होती तो अपने दोस्त से फ्रेंड्स विथ बेनिफिट्स के तहत सेक्स संबंधों की मांग कर लेते हैं. अब इसमें दांव लगने की बात है क्योंकि इस डील में कुछ फ्रेंड नाराज हो जाते हैं तो कुछ राजी.

फ्रेंडजोंड बिरादरी का भला

ऐसा नहीं है कि इस तरह के रिलेशनशिप का इस्तेमाल सिर्फ पुरुष ही करते हैं. महिलाएं भी फ्रेंड्स विथ बेनिफिट्स की आड़ में अपनी सेक्सुअल फ्रीडम खोज लेती हैं. इनमें अक्सर वो महिलाएं होती हैं जो या तो बिखरती शादी का शिकार होती हैं या तलाक के दौर से गुजर रही होती हैं. कुछ विडोज भी ही सकती हैं. सेक्स की चाहत में ये किसी अजनबी के साथ डेट पर जाने के बजाए अपने दोस्तों, या कहें जो दोस्त कभी उन पर क्रश रखते थे लेकिन मुकम्मल रिश्ते तक नहीं पहुंच पाए, को तरजीह देती हैं.

ये अक्सर वही फ्रेंड होते हैं जो कभी इन महिलाओं द्वारा फ्रेंडजोंड कर दिए गए होते हैं. ऐसे में जब कैजुअल सेक्स की बात आती हैं तो पुरानी फीलिंग्स काम आती हैं और इस तरह से फ्रेंडजोंड बिरादरी का भला हो जाता है. दरअसल इस फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स वाले रिश्ते में आप किसी रिश्ते में होते हुए या न होते हुए भी किसी इंसान के साथ समय बिताने या शारीरिक संबंध बनाने के लिए आजाद हैं. लेकिन इसमें किसी तरह का कोई वादा या प्रतिबद्धता नहीं होती है.

दोस्ती-प्यार के बीच वाला सेक्स

आमतौर पर ‘फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स’ का चलन सबसे ज्यादा सिंगल कौलेज गोअर्स लड़के या लड़कियों में देखा जाता है. ये ‘नो स्ट्रिंग्स अटैच्ड’ वाले फलसफे पर चलते हैं. जब तक पढ़ाई की, कैम्पस में रहे, दोस्त के साथ सेक्स किया, बाद में करियर के लिए मूव औन कर गए. इसमें दोनों की मूक सहमति होती है लिहाजा कोई किसी के साथ सीरियस रिलेशनशिप के फेर में नहीं पड़ता. कई बार यह दोस्ती से ज्यादा और प्यार से कम वाला रिश्ता बन जाता है. इस तरह की स्थिति में दोनों में किसी एक के मन में सामने वाले के लिए फीलिंग्स आने लगती हैं. और बात ‘इट्स कौम्प्लीकेटेड’ तक पहुंच जाती है.

पहले पहल सुनने में एक रोमांचक चीज शायद जरूर लगे, लेकिन इंसानी तौर खासतौर पर भारत में अक्सर ईर्ष्या कहीं न कहीं बीच में आ ही जाती है और अंत में कड़वाहट कि वजह बन जाती है. इसलिए जरा सोच समझकर उतरें फेवर वाले रिश्ते में.

जब हो इट्स कौम्प्लीकेटेड

अपने देश में आप लड़के और लड़की की दोस्ती पर कुछ पूछेंगे तो वे इसमें सेक्स संबंधों की घुसपैठ को अनैतिक बताएंगे. इनके हिसाब से दोस्ती और प्यार दो अलग अलग चीजें हैं. हालांकि अक्सर लड़का लड़की की दोस्ती को प्यार में बदलते देखा जाता है. एक फिल्मी कहावत भी है, कि एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. इस आशय पर कई फिल्में भी बनी हैं. लेकिन यहां मामला दोस्ती और प्यार का नहीं बल्कि सीधे तौर पर सेक्स का है. इसलिए इसे ‘इट्स कौम्प्लीकेटेड’ न बनाएं, तो खुश रहेंगे.

कुल मिलाकर ‘फ्रेंड्स विथ बेनिफिट्स’ वाला जुमला कई अलग लग अर्थों में फैल चुका है. अगर कोई लड़की या लड़का किसी से सिर्फ इसलिए दोस्ती करता है कि वो हर वक्त खर्च करने को तैयार रहता है तब यह भी ‘फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स’ के दायरे में आएगा. ऐसी ही दोस्ती जब भी किसी फेवर की आड़ में की जाए तो यह असली दोस्ती नहीं होगी. बाकि आजकल बेनेफिट्स तो बेटे बेटी भी पैरेंट्स से उठा रहे हैं तो यह ‘संस/ डौटर विद बेनिफिट्स’ कहा जाए?

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