भारत में बैन चीनी वीडियो ऐप टिकटौक

कहते हैं जब इंसान जिंदगी से हताश और हर ओर से निराश हो जाता है तो वो मौत को गले लगाने की सोचने लगता है. सिया कक्कड़ ने कम उम्र में शोहरत और दौलत कमाने की उन ऊंचाइयों को छू लिया था, जहां तक कम लोग ही पहुंच पाते हैं.

दिल्ली के गीता कालोनी इलाके की रहने वाली 16 साल की सिया कक्कड़ ने 24 जून, 2020 को अपने घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. सिया कक्कड़ वह लड़की थी, जिस ने कम उम्र में टिकटौक के कारण न सिर्फ शोहरत बटोरी थी बल्कि हर महीने कम से कम एकडेढ़ लाख रुपए कमा लेती थी.

सिया कक्कड़ ने जिस दिन खुदकुशी की उस से एक दिन पहले ही 23 जून को टिकटौक पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिस के बाद परिजनों ने देखा कि वह बेहद खुश नजर आ रही है. उसी रात को सिया की अपने मैनेजर अर्जुन सरीन से भी एक गाने के सिलसिले में बात हुई थी. उस समय वह अच्छे मूड में और एकदम नौर्मल थी. अर्जुन को भी समझ नहीं आया कि आखिर क्या हुआ, जिस की वजह से सिया ने आत्मघाती कदम उठाया.

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सिया ने 20 घंटे पहले ही इंस्टाग्राम पर टिकटौक के अपने डांस की वीडियो स्टोरी पोस्ट की थी. इंस्टाग्राम पर उस ने जो स्टोरी अपलोड की थी, उस में सिया ने टिकटौक के लिए फेमस पंजाबी रैप सिंगर बोहेमिया के गाने पर अपने डांस का वीडियो बनाया था. सिया की उस पोस्ट को देख कर कोई नहीं कह सकता था कि वह किसी तनाव या परेशानी से जूझ रही थी.

सिया कक्कड़ ने मरने से पहले कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था, इसलिए उस की खुदकुशी की जांच करने वाली प्रीत विहार थाने की पुलिस को तत्काल उस की आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिया के शरीर पर किसी तरह की भी चोट के निशान नहीं पाए गए और यह भी साफ हो गया कि उस की मौत गले में पड़े फंदे के कारण दम घुटने से ही हुई. हालांकि पुलिस ने सिया के कमरे से उस का मोबाइल, लैपटौप और कुछ दस्तावेज जांच के लिए कब्जे में जरूर लिए लेकिन उस से कोई ज्यादा मदद नहीं मिल सकी.

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टिकटौक वीडियो से सिया ने सोशल मीडिया पर धूम मचा रखी थी. लोग उसे काफी पसंद करते थे. वह करीब 3 साल से वीडियो बना कर टिकटौक पर अपलोड करती थी और लाखों रुपए कमा रही थी. इंस्टाग्राम पर उसे 91 हजार लोग फौलो करते थे. टिकटौक पर सिया के 1.1 मिलियन फौलोअर्स थे. टिकटौक व इंस्टाग्राम के अलावा सिया, स्नैपचैट और यूट्यूब पर भी सक्रिय थी.

ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी था कि आखिर सिया कक्कड़ ने खुदकुशी क्यों की? पुलिस ने इस मामले के हर बिंदु पर गहराई से पड़ताल की तो लगा कि लौकडाउन की वजह से कुछ महीनों से घर में थी और पिछले कुछ दिन से भविष्य को ले कर डिप्रेशन में थी.

लेकिन इतनी कम उम्र में शोहरत और पैसा कमाने वाली सिया इस तरह दुनिया छोड़ जाएगी, किसी ने सोचा भी नहीं था. सिया को जानने वाले उस के दोस्तों का कहना है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद से सिया काफी उदास रहने लगी थी.

परिवार वालों को भी उस के डिप्रेशन में होने के बारे में पता चल गया था. क्योंकि उस के दादा और पिता पेशे से डाक्टर हैं, इसलिए सिया के डिप्रेशन को भांपना उन के लिए मुश्किल नहीं था. लेकिन उन्हें इस बात का एहसास बिलकुल भी नहीं था कि सिया डिप्रेशन के चलते इतना बड़ा कदम उठा लेगी.

दरअसल अब तक जो तथ्य सामने आए हैं उस के मुताबिक सिया कक्कड़ भारत में टिकटौक पर बैन लगने के बाद से ज्यादा डिप्रेशन में थी, क्योंकि टिकटौक के जरिए पैसा कमाना और कैरियर बनाने को उस ने अपना लक्ष्य बना लिया था. अचानक हुए बैन से उस के मन में अपने भविष्य को ले कर इतना अवसाद भर गया कि उस ने मौत को गले लगा लिया.

यहां यह बताना जरूरी है कि भारत और चीन के बीच लगातार चल रहे सीमा विवाद और सैन्य झड़प के बाद भारत सरकार ने टिकटौक समेत 59 चाइनीज ऐप को भारत में प्रतिबंधित कर दिया था. लेकिन इस में सब से ज्यादा लोकप्रिय टिकटौक ऐप था, जो न सिर्फ इस के यूजर्स को शोहरत दिलाता था बल्कि उन की कमाई का भी जरिया बन गया था.

सिया कक्कड़ की तरह ही कुछ रोज बाद मेरठ के पल्लवपुरम स्थित ग्रीन पार्क में रहने वाली टिकटौक की एक और स्टार संध्या चौहान ने डिप्रेशन के कारण फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. एक पुलिस सबइंस्पेक्टर की 22 साल की बेटी संध्या चौहान दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ती थी. लौकडाउन होने की वजह से वह अपने घर आई हुई थी, उस ने 6 जुलाई, 2020 को खुदकुशी का कदम उठाया.

संध्या के पास से भी पुलिस को सुसाइड नोट नहीं मिला. लेकिन परिजनों ने जो बताया, उस के मुताबिक संध्या पिछले 2-3 महीने से डिप्रेशन में थी और उदास रहती थी. पुलिस ने संध्या का फोन जब्त करने के साथ उस के टिकटौक एकाउंट की जो छानबीन की, उस से इस बात की संभावना ज्यादा है कि संध्या अचानक भारत में टिकटौक बैन होने से अपसेट थी.

टिकटौक का बैन होना उन कलाकारों के लिए बड़ा झटका साबित हुआ जिन्होंने इसे अपनी कमाई और कैरियर का जरिया बनाने का मन बना लिया था. ऐसे में अपना सपना टूटता देख उन्हें सदमा लगा.

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सिया कक्कड़ हो या संध्या चौहान, ऐसी तमाम किशोरियां जो टिकटौक पर वीडियो अपलोड कर के शोहरत और पैसा कमाने की हसरत रखती थीं, उन के लिए टिकटौक पर बैन मानो किसी हसीन सपने के टूट जाने जैसा था. इसलिए टिकटौक के दूसरे साइड इफैक्ट को जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर टिकटौक क्या बला है जो युवा पीढ़ी इस पर बैन लगने के बाद अवसाद में घिरती जा रही है.

टिकटौक आखिर क्या है?

टिकटौक एक सोशल मीडिया ऐप्लिकेशन है, जिस के जरिए स्मार्टफोन यूजर छोटेछोटे वीडियो (15 सेकेंड तक के) बना और शेयर कर सकते हैं. इस के स्वामित्व वाली कंपनी बाइट डांस है जिस ने सितंबर, 2016 में चीन में टिकटौक लौंच किया था. साल 2018 में टिकटौक की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी और अक्तूबर 2018 में यह अमरीका में सब से ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन गया.

गूगल प्ले स्टोर पर टिकटौक का परिचय शार्ट वीडियो फौर यू (आप के लिए छोटे वीडियो) कह कर दिया गया है.

टिकटौक मोबाइल से छोटेछोटे वीडियो बनाने में बनावटीपन नहीं है, ये रियल है और इस की कोई सीमाएं नहीं हैं. चाहे आप सुबह ब्रश कर रहे हों या नाश्ता बना रहे हों, आप जो भी कर रहे हों, जहां भी हों, टिकटौक पर आइए और 15 सेकेंड में दुनिया को अपनी कहानी बताइए.

टिकटौक के साथ आप की जिंदगी और मजेदार हो जाती है. आप जिंदगी का हर पल जीते हैं और हर वक्त कुछ नया तलाशते हैं. आप अपने वीडियो को स्पेशल इफैक्ट फिल्टर, ब्यूटी इफैक्ट, मजेदार इमोजी स्टिकर और म्यूजिक के साथ एक नया रंग दे सकते हैं.

शोहरत और कमाई का जरिया बन गया टिकटौक

भारत में टिकटौक के डाउनलोड का आंकड़ा 10 करोड़ से ज्यादा है. एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार इसे हर महीने लगभग 2 करोड़ भारतीय इस्तेमाल करते हैं. भारतीयों में टिकटौक की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 80 लाख लोगों ने गूगल प्ले स्टोर पर इस का रिव्यू किया है.

दिलचस्प बात यह है कि टिकटौक इस्तेमाल करने वालों में एक बड़ी संख्या गांवों और छोटे शहरों के लोगों की है. इस से भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह भी है कि टिकटौक की दीवानगी 7-8 साल की उम्र के छोटेछोटे बच्चों तक के सिर चढ़ कर बोल रही थी.

इतना ही नहीं, लोकप्रियता के कारण अब यह इतना पसंद किया जाने लगा था कि श्रद्धा कपूर, टाइगर श्रौफ और नेहा कक्कड़ जैसे अधिकांश बौलीवुड सितारे भी टिकटौक पर आ गए थे.

अब जरा जान लेते हैं कि टिकटौक की क्या खास बातें हैं. टिकटौक से वीडियो बनाते वक्त आप अपनी आवाज का इस्तेमाल नहीं कर सकते. आप को लिप सिंक करना होता है. जहां फेसबुक और ट्विटर पर ब्लू टिक पाने यानी अपना अकाउंट वेरिफाई कराने के लिए आम लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है, वहीं टिकटौक पर वेरिफाइड अकाउंट वाले यूजर्स की संख्या बहुत बड़ी है.

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इस में ब्लू टिक नहीं बल्कि औरेंज टिक मिलता है. जिन लोगों को औरेंज टिक मिलता है, उन के अकाउंट में पौपुलर क्रिएटर लिखा दिखाई पड़ता है. साथ ही अकाउंट देखने से यह भी पता चलता है कि यूजर को कितने दिल मिले हैं, यानी अब तक कितने लोगों ने उसके वीडियो पसंद किए हैं.

गांव से ले कर खेत खलिहान तक पहुंच

टिकटौक की लोकप्रियता का अहम कारण यह था कि गांव से ले कर छोटे शहरों में रहने वाले प्रतिभाशाली गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए यह प्लेटफौर्म बौलीवुड के समानांतर बन कर उभरा था जो उन्हें न केवल शोहरत दिलाता था, बल्कि उन की कमाई का जरिया भी बन गया था.

गांव, कस्बे से ले कर छोटे शहरों तक के लोग टिकटौक के चलते फेमस ही नहीं हुए, बल्कि लाखों रुपए महीना कमाने भी लगे थे. उन लोगों के लिए टिकटौक अपनी प्रतिभा दिखाने को बड़ा जरिया बन चुका था, जो सिनेमा के सुनहरे परदे पर अपना हुनर दिखाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिलता.

मसलन अगर कोई अच्छी कौमेडी करता है या अच्छा डांस करता है तो उस के लिए टिकटौक अपनी प्रतिभा को दिखाने का अच्छा मंच था. ऐसे बहुत से प्रतिभाशाली लोग इस के जरिए खूब पैसे भी कमा रहे थे.

हरियाणा जैसे छोटे राज्य के रहने वाले एक ग्रामीण मजदूर साहिल के टिकटौक पर 3,03,200 फालोअर थे. उसे अपने वीडियो के जरिए हर महीने 3,000-5,000 रुपए तक मिल जाते थे, जो साहिल के लिए बड़ी रकम थी. लेकिन साहिल इस कोशिश में था कि उन का अकाउंट वेरिफाई हो जाए और उस के फौलोअर्स 10 लाख तक पहुंच जाएं. लेकिन इसी दौरान भारत सरकार ने टिकटौक पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया.

लेकिन सिया कक्कड़ और संध्या चौहान की तरह हर कोई डिप्रेशन में नहीं गया. कुछ ऐसे भी स्टार हैं जिन्होंने टिकटौक से बतौर कलाकार अपनी पहचान बनाने के बाद अपनी तरक्की के लिए दूसरे दरवाजे तलाश कर लिए. समीक्षा सूद भी एक ऐसा ही नाम है.

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प्रोफैशनल मौडल और टीवी एक्ट्रैस बन चुकी समीक्षा सूद टिकटौक पर बेहतरीन वीडियो क्लिप और कौमेडी के जरिए अपनी खास पहचान रखती थी. उन्होंने टीवी सीरियल बाल वीर में अपने एक्टिंग के जौहर दिखाए हैं. टिकटौक पर उन के कुल सवा करोड़ फौलोअर्स हैं.

जबकि इंस्टाग्राम पर उन के फौलोअर्स की संख्या 0.2 करोड़ है. वह हर महीने 8 से 10 लाख रुपए भी कमाती थीं. रानो निक नाम से टिकटौक पर पहचान बनाने वाली समीक्षा आज एक जानीमानी मौडल, फैशन ब्लौगर, यूट्यूबर और टिकटौक स्टार हैं.

इन दिनों वह कई टेलीविजन धारावाहिकों और विज्ञापनों में काम कर रही हैं. लेकिन समीक्षा सूद टिकटौक के बैन होने से निराश नहीं हैं क्योंकि उन्होंने पहचान बनाने के अब बहुत से रास्ते तलाश लिए हैं.

दरअसल, टिकटौक ऐसा प्लेटफौर्म है, जहां कई आम यूजर्स ने बौलीवुड सेलेब्स से भी ज्यादा फैन फौलोइंग बना रखी है. कई ऐसे यूजर्स हैं, जिन के फौलोअर्स करोड़ों में हैं और उन के लाइक्स की संख्या अरबों में पहुंच गई है. वे हर माह लाखों रुपए कमाते थे.

ऐसे में उन के लिए टिकटौक का भारत में बैन हो जाना किसी सदमे से कम नहीं है. लेकिन टिकटौक की इन सेलिब्रिटीज को अब इतनी पहचान मिल चुकी है कि बतौर कलाकार खुद को स्थापित करने में उन्हें ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

सिर्फ फायदे नहीं, खतरे भी हैं

भले ही टिकटौक पर अब प्रतिबंध लगा हो लेकिन अश्लील वीडियो के कारण टिकटौक पर बैन लगाने की मांग कई बार उठ चुकी थी. अलगअलग राज्यों के उच्च न्यायालयों में वीडियो ऐप टिकटौक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा चुकी थी. इस ऐप पर बेरोकटोक अश्लील विषयवस्तु अपलोड किए जाने से ले कर टिकटौक को अपराध के बढ़ावे की वजह बताया गया.

ऐसा नहीं है कि टिकटौक में सब अच्छा ही है इस के कुछ दूसरे नुकसानदायक पहलू भी हैं.

गूगल प्ले स्टोर पर कहा गया है कि इसे 13 साल से ज्यादा उम्र के लोग ही इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन इस का पालन होता नहीं दिखा. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में टिकटौक के जरिए जो वीडियो बनाए जाते हैं, उस में एक बड़ी संख्या 13 साल से कम उम्र के बच्चों की है.

इस के अलावा प्राइवेसी के लिहाज से भी टिकटौक खतरों से खाली नहीं है. क्योंकि इस में सिर्फ 2 प्राइवेसी सेटिंग की जा सकती है- पब्लिक और ओनली. यानी आप वीडियो देखने वालों में कोई फिल्टर नहीं लगा सकते. या तो आप के वीडियो सिर्फ आप देख सकेंगे या फिर हर वो शख्स जिस के पास इंटरनेट है.

अगर कोई यूजर अपना टिकटौक अकाउंट डिलीट करना चाहता है तो वह खुद ऐसा नहीं कर सकता. इस के लिए उसे टिकटौक से रिक्वेस्ट करनी पड़ती है. चूंकि यह पूरी तरह सार्वजनिक है, इसलिए कोई भी किसी को फौलो कर सकता है, मैसेज कर सकता है.

ऐसे में आपराधिक या असामाजिक प्रवृत्ति के लोग छोटी उम्र के बच्चे या किशोरों को आसानी से गुमराह कर सकते हैं और आपत्तिजनक कमेंट कर सकते हैं. कई टिकटौक अकाउंट अडल्ट कंटेंट से भरे पड़े हैं. चूंकि इन में कोई फिल्टर नहीं है, इसलिए हर टिकटौक यूजर इन्हें देख सकता है, यहां तक कि बच्चे भी.

टिकटौक जैसे चीनी ऐप्स के साथ सब से बड़ी दिक्कत यह है कि इस में किसी कंटेंट के लिए रिपोर्ट या फ्लैग का कोई विकल्प नहीं है. इसलिए सुरक्षा और निजता के लिहाज से यह खतरनाक हो सकता है.

टिकटौक में दूसरी बड़ी समस्या साइबर बुलिंग की है. साइबर बुलिंग यानी इंटरनेट पर लोगों का मजाक उड़ाना, उन्हें नीचा दिखाना, बुराभला कहना और ट्रोल करना. इसी वजह से टिकटौक पर कोई काबू नहीं था.

जुलाई, 2018 में इंडोनेशिया ने इसीलिए टिकटौक पर बैन लगा दिया था, साथ ही वहां किशोरों की एक बड़ी संख्या इस का इस्तेमाल पोर्न सामग्री अपलोड और शेयर करने के लिए कर रही थी. बाद में कुछ बदलावों और शर्तों के बाद इसे दोबारा लाया गया था.

ट्रोलिंग के अलावा टिकटौक पर पिछले कुछ समय से फेक न्यूज के वीडियो भी तेजी से फैल रहे थे, जिसे देखते हुए टिकटौक देश के लिए खतरा बन गया था. इस के अलावा यह ऐप हमारे डाटा की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गया था.

मसलन, जब हम टिकटौक या उस जैसा कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो प्राइवेसी की शर्तों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. बस, यस और अलाउ पर टिक करते चले जाते हैं. हम अपनी फोटो गैलरी, लोकेशन और कौंटैक्ट नंबर, इन सब का एक्सेस दे देते हैं. इस के बाद हमारा डेटा कहां जा रहा, इस का क्या इस्तेमाल हो रहा है, हमें कुछ पता नहीं चलता.

यह बात अब जगजाहिर है कि आजकल ज्यादातर ऐप्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से काम करते हैं. ऐसे में अगर आप इन्हें एक बार भी इस्तेमाल करते हैं तो ये आप से जुड़ी कई जानकारियां हमेशा के लिए अपने पास रख लेते हैं, इसलिए इन्हें ले कर ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है.

जब अपराध की वजह बना

टिकटौक अपराधों की वजह बना जैसे आरोपों में सच्चाई भी है, क्योंकि टिकटौक कई तरह के अपराध की कुछ घटनाओं की वजह बना है. जरूरी नहीं कि टिकटौक से सभी को शोहरत व दौलत ही मिली हो, कुछ लोगों को इस के कारण जान भी गंवानी पड़ी.

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दिसंबर 2019 में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोदावरी नगर स्थित एक निजी हौस्टल में हुई 2 बहनों की हत्या इसी का परिणाम थी.

इसी शहर की एक लड़की मंजू सिदार जो टिकटौक पर वीडियो बनाने के कारण चर्चित हुई थी, उसे शहर के राजगढ़ में रहने वाले अपने एक फैन शोएब अहमद अंसारी उर्फ सैफ से इश्क हो गया. 21 मई, 2019 को दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली. लेकिन यह शादी मंजू के परिवार को मंजूर नहीं थी. इस के बाद दोनों के बीच अलगाव हो गया.

लेकिन बात तब बिगड़ी जब चंद रोज बाद ही मंजू ने एक दूसरे युवक के साथ टिकटौक में वीडियो बना कर फेसबुक पर अपलोड किया. इस वीडियो के कारण दोस्तों और परिचितों में हुई अपनी बदनामी के कारण सैफ बदले की आग में जलने लगा. उस ने अपने 2 दोस्तों को पैसे का लालच दे कर मंजू की हत्या करने की योजना बनाई.

सैफ ने मंजू को काल कर मिलने की इच्छा जताई, फिर गुलाम के साथ हौस्टल के कमरे में जा कर करीब घंटे भर बातचीत करता रहा. इस दौरान मंजू ने सैफ के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया. तब सैफ ने गुस्से में रोटी पकाने वाले लोहे के तवे से मंजू के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए.

मंजू को बचाने के लिए उस की बहन मनीषा सिदार पर भी सैफ के साथी काली ने उसी तवे से हमला कर दिया. फिर आरोपितों ने गंभीर रूप से घायल बहनों का गला दबा कर हत्या कर दी. बाद में पुलिस ने इस हत्याकांड का परदाफाश करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.

इसी तरह की एक घटना गाजियाबाद की है. दरअसल, टिकटौक पर चंद वीडियो डाल कर खुद को स्टार समझ लेने वाले कम उम्र के नौजवान इस ऐप के कारण खुद को फिल्मी हीरो और फिल्मी दुनिया का स्टार मानने की भूल करने लगते हैं.

फिल्मी प्रेमकथाओं की तरह वे कभीकभी प्यार की दीवानगी में ऐसी जिद पर उतर जाते हैं, जो न सिर्फ उन की तबाही का सबब बन जाती है बल्कि उस से दूसरों की जान भी चली जाती है.

मामला गाजियाबाद के टीला मोड़ थाना क्षेत्र का है, जहां 17 जून, 2020 को बीच सड़क पर एकतरफा प्यार में एक टिकटौक स्टार ने युवती को चाकू से गोद कर मौत के घाट उतार दिया. टिकटौक पर उस के चार लाख से अधिक फौलोअर्स थे.

घटनाक्रम कुछ यूं है कि टीला मोड़ थाना क्षेत्र के तुलसी निकेतन में बलदेव सिंह पत्नी और बेटी नैना (19) के साथ रहते थे. नैना 2019 में दिल्ली की सुंदर नगरी स्थित स्कूल से 12वीं पास कर नर्सिंग का प्रशिक्षण ले रही थी. 22 जून को उस की शादी थी. 17 जून, 2020 की रात करीब साढ़े 8 बजे नैना अपने मातापिता के साथ घर के पास ही दुकान से नया सिमकार्ड ले कर लौट रही थी.

रास्ते में मांबेटी फास्टफूड खाने के लिए रुक गईं. इसी दौरान पीछे से आया सुंदर नगरी, दिल्ली निवासी शेरखान उर्फ शेरू नैना को खींच कर एक दुकान के किनारे ले गया और चाकुओं से गोद कर उस की हत्या कर दी. नैना की मां मदद के लिए चिल्लाती रहीं लेकिन लोग तमाशबीन बने रहे.

बाद में पुलिस ने शेरखान को गिरफ्तार कर लिया. पता चला वह टिकटौक सेलिब्रिटी है. टिकटौक पर शेरखान के 4 लाख से अधिक फौलोअर्स हैं और वह टीम-02 जिंदा जहर के नाम से अपना यूट्यूब अकाउंट भी चलाता है. नैना भी टिकटौक पर थी, लेकिन शेरखान और नैना एकदूसरे को फौलो नहीं करते थे.

दोनों के बीच 2 साल पहले दोस्ती हुई. शेरखान का नैना के घर भी आनाजाना था. वह नैना से एकतरफा प्यार करने लगा था लेकिन नैना सिर्फ उसे अपना दोस्त मानती थी.

इस बीच नैना के परिवार ने उस की शादी तय कर दी, जो 22 जून को होनी थी. शेरखान को गवारा नहीं था कि नैना किसी और की हो जाए. इसलिए उसने नैना से मिल कर अनुरोध किया कि वह शादी तोड़ दे. लेकिन नैना ने इनकार कर दिया.

नैना को अपनी बनाने के धुन में पहले तो उस ने फेसबुक पर नैना की फोटो डाल कर उसे बदनाम करना चाहा, लेकिन जब इस से भी बात नहीं बनी तो उस ने अपने एक दोस्त के साथ मिल कर नैना की हत्या कर दी.

प्रेम अपराध भी

नैना और मंजू की हत्या महज उदाहरण भर हैं. अगर खोज करें तो टिकटौक के कारण बहुत से घर तबाह हो रहे थे. क्योंकि कहीं पर पत्नी के टिकटौक वीडियो बनाने के जुनून से पति तलाक दे रहा था, तो कहीं लड़कियों के इस जुनून से परिवार की बदनामी हो रही थी.

कुल मिला कर बच्चे हों या बूढ़े, आम हो या खास, पुलिस वाला या बस का चालक टिकटौक का नशा सभी के सिर चढ़ कर बोल रहा था.

कई राज्यों में महिला और युवा पुलिसकर्मियों को वरदी में टिकटौक वीडियो बना कर अपनी वरदी से हाथ धोना पडा. टिकटौक के जूनून में कुछ लोगों ने एडवेंचर वीडियो बनाने के चक्कर में कहीं अपनी तो कहीं दूसरे की जान तक दांव पर लगा दी.

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अब जबकि सरकार ने टिकटौक को बैन कर दिया है तो ऐसे में इस के जरिए लाखों कमाने वाले लोग भी सरकार के फैसले के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे टिकटौक की तरह ही ऐसा कोई प्लेटफौर्म चाहते हैं, जहां उन के टैलेंट को मौके मिलते रहें, कमाई भी होती रहे और चीन की दखलअंदाजी भी न हो. ज्यादा चिंता सिर्फ उन लोगों को है, जिन की रोजीरोटी टिकटौक बन गया था.

लोगों का मानना है कि हमारे देश में टैलेंट भरा पड़ा है, लेकिन ऐसे लोगों को कोई प्लेटफौर्म तो मिले. टिकटौक ने ऐसे सभी लोगों को एक मंच दया था.

भारत में प्रतिबंधित किए जाने के बाद टिकटौक ऐप को सब से ज्यादा नुकसान हुआ है, इसलिए हो सकता है आने वाले दिनों में टिकटौक संचालित करने वाली बाइटडांस लिमिटेड चीन से ही अपना नाता तोड़ ले. क्योंकि कंपनी ने कहा है कि टिकटौक कारोबार के कारपोरेट ढांचे में परिवर्तन करने के बारे में सोचा जा रहा है.

जिस तरह से इस ऐप के मूलरूप से चीनी ओरिजिन को ले कर पूरे विश्व में इस के खिलाफ प्रतिबंध का माहौल बना है, उस के बाद टिकटौक के लिए एक नया प्रबंधन बोर्ड बनाने और चीन के बाहर ऐप के लिए एक अलग मुख्यालय स्थापित करने जैसे विकल्पों पर काम शुरू हो जाए. लेकिन फिलहाल तो यही सच है कि गरीबों के लिए सिनेमा का रूपहला परदा बन कर उन्हें शोहरत और कमाई देने वाला मंच उन से छिन गया है.

– कथा विभिन्न स्रोतों से संकलित

सरकार द्वारा टिक-टॉक बैन होने पर बिग बौस 13 विनर सिद्धार्थ शुक्ला का आया बयान, कही ये बड़ी बात

जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत और चीन के बीच इस समय काफी अनबन चल रही है और ऐसे में हमारे देश के जवान बोर्डर पर खड़े हमारी रक्षा करने के एक भी मौका नहीं छोड़ रहे. बोर्डर पर खड़े जवान अपनी जान की बाज़ी लगा कर हमारी रक्षा कर रहे हैं तो इसी के चलते सरकार ने चीन के साथ सभी बिजनेस खत्म करने का सोचा है. 29 जून को सरकार ने अपना पहला कदम उठाते हुए टिक-टॉक (Tik-Tok) समेत 59 ऐप्स को इंडिया में बैन कर दिया है.

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टिक-टॉक (Tik-Tok) का प्रयोग सबसे ज्यादा इंडिया में हो रहा था क्योंकि यहां आम आदमी से लेकर सेलेब्रिटीज तक सभी लोग अपने एंटरटेंमेंट के लिए इस ऐपलिकेशन का इस्तेमाल करते थे. अब जो कि सरकार ने इन सभी चीनी ऐप्स को बंद करने का फैसला किया है तो काफी लोग इस फैसले में सरकार का सपोर्ट कर रहे हैं.

 

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If life’s a sport …. play it with sportsman spirit….. 😉

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ऐसे में बिग बॉस सीजन 13 (Bigg Boss 13) के विनर सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) भी इस बारे में बात करते हुए सामने आए हैं. एक इंटरव्यू में बात करते हुए सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. सिद्धार्थ शुक्ला का कहना है कि वह टिक-टॉक (Tik-Tok) पर थे लेकिन उस पर कभी उन्होनें वीडियोज नहीं बनाई और ना ही उन्हें टिक-टॉक वीडियोज देखना पसंद था.

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With no football in sight … that’s the best I could do with my jersey 😉

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इसी बारे में सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) ने आगे बात करते हुए कहा कि यह भारतीय कंपनियों के लिए अच्छा अवसर है और उन्हें लोगों के लिए इस तरह की ऐप बनानी चाहिए जिससे की बाहर के देशों को नहीं बल्कि अपने ही देश को फायदा हो और लोगों के मनोरंजन में भी कोई कमी नहीं आनी चाहिए. सिद्धार्थ शुक्ला के अलावा रश्मि देसाई (Rashmi Desai), निया शर्मा (Nia Sharma) सहित कई टीवी स्टार्स ने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा किए और सरकार के फैसले की सराहना की.

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Lockdown में भोजपुरी एक्ट्रेसेस का Tik Tok जलवा , देखें Videos

देश में कोरोना के संक्रमण में कोई कमी नहीं आ रही है और Lockdown के पहले चरण के बाद दूसरे फेज को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. ऐसे में सभी की तरह भोजपुरी इंडस्ट्री के लोग भी Lockdown का पालन करते हुए फिल्मों की शूटिंग बंद कर अपनें घरों में समय काट रहें हैं.

 

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इस Lockdown के बीच भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हीरोइनों के टिक टॉक वीडियोज उनके इन्स्टाग्राम एकाउंट पर खूब वायरल हो रहें हैं. भोजपुरी से जुड़ी सभी टौप की एक्ट्रेसेस अपने-अपने घरों से फनी (Funny) वीडियोज बना कर अपने फैन्स का मनोरंजन करती नजर आ रहीं हैं. टिक टॉक (Tik Tok) पर जलवा बिखेरनें वाली इन हीरोइनों में पाखी हेगड़े (Pakkhi Hegde), प्रियंका पंडित (Priyanka Pandit), रानी चटर्जी (Rani Chatarji), मोनालिसा (Monalisa), और मनी भट्टाचार्य (Mani Bahttacharya) का नाम शामिल है.

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भोजपुरी हीरोइनों में टिक टॉक पर वीडियो बनाने के मामले में पाखी हेगड़े (Pakkhi Hegde) का नाम सबसे ऊपर है. वह हर रोज टिक टॉक वीडियो बना कर अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर करती रहतीं हैं. टिक टॉक पर बनाये जाने वाले उनके वीडियोज बेहद फनी होते हैं जिसे देख कर आप अपनीं हंसी नहीं रोक पायेंगे. इन वीडियोज पर लोग ढेर सारे कमेन्ट कर उनकी तारीफ भी करते हैं. पाखी अपने इन वीडियोज पर आने वाले सभी कमेन्ट पर रिप्लाई भी देती हैं.

 

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Kiska bacha Aisa hoga 😂😂😂 #mahadev #mahadevkideewani #jaiparshuramji

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टिक टॉक पर फनी वीडियोज बनाने के मामले में अभिनेत्री प्रियंका पंडित (Priyanka Pandit) भी पीछे नहीं हैं. वह आये दिन अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर कौमेडी से भरपूर टिक टॉक (Tik Tok) वीडियो अपलोड करती रहतीं हैं. उन्होंने हाल ही में एक बच्चे की की नकल उतारनें वाला वीडियो डाला है. जिसपर यूजर्स ने ढेर सारे फनी कमेन्ट भी किये हैं.

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Kbhi na khatam hone wala lockdown 😂😂😂 40 April tk 🤦🏻‍♀️🤦🏻‍♀️🤦🏻‍♀️

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भोजपुरी की सर्वाधिक व्यस्त अभिनेत्रियों में शामिल रानी चटर्जी (Rani Chatarji) दूसरे अभिनेत्रियों से हट कर डांस के टिक टॉक (Tik Tok) वीडियोज बनाती हैं.

 

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#quratinelife #belikethis #stayhome #staysafeeveryone ,❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️

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भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में हौट और सेक्सी मानी जाने वाली मोनालिसा (Monalisa) अपने होम क्वारंटाइन को बहुत ही मजेदार तरीके से बिता रहीं हैं. वह अपनें फैन्स के लिए आये दिन टिक टॉक (Tik Tok) वीडियो बना कर अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर अपलोड करती रहतीं हैं.

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मनी भट्टाचार्य (Mani Bahttacharya भोजपुरी और बांग्ला की जानी मानी ऐक्ट्रेस है. वह इस समय Lockdown के चलते अपने घर में ही समय बिता रहीं हैं. ऐसे में वह अपनें बोरियत को कम करनें के लिए टिक टॉक (Tik Tok) वीडियो का सहारा लें रहीं हैं. वह आये दिन अपने टिक टॉक वीडियोज शेयर करती रहतीं हैं.

 

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Main To Nahi Piti …. 🚬… 🤦‍♀️🤦‍♀️🤦‍♀️ #lol #laugh #smile #enjoy #fun #quarantine #stayhome

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“Dil Mein Hai Chor Tere “…. Sab pata hai mujhe 🥰🙃🤷‍♀️😂…. #tiktok #videos #romantic #quarantine #life #have #fun

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#Happy Pet Day #mammasboy #bruno❤

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रिलेशनशिप्स पर टिक-टोक का इंफ्लुएंस

युवाओं का रिलेशनशिप में आना आम है. कक्षा छठी या सांतवी में आते ही इन रिलेशनशिप्स का सिलसिला शुरू होता है और लगभग उम्रभर चलता ही रहता है. यह आज की बात नहीं है बल्कि हमेशा से ही लोग प्रेम में पड़ते रहे हैं और रिलेशनशिप में भी आते ही रहे हैं, लेकिन रिलेशनशिप के मायने अब बदल चुके हैं.

आज सोशल मीडिया का इंफ्लुएंस युवाओं पर इतना ज्यादा है कि उन्हें अपने रिलेशनशिप से कभी संतुष्टि मिलती ही नहीं है. इस असंतुष्टि का ही परिणाम है कि वर्तमान में बच्चे 15 साल की उम्र में खुद को हार्टब्रोकेन बता घूमते हैं. सोश्ल मीडिया खासकर टिकटोक पर 20 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं जिन में 12 करोड़ एक्टिव हैं.

टिकटोक पर जिस तरह का कंटैंट इन युवाओं को परोसा जा रहा है वह न केवल अव्यव्हारिक है बल्कि अनैतिक व आपत्तिजनक भी है. टिकटोक पर वैसे तो कई अलग-अलग तरह की वीडियोज पोस्ट होते हैं, किसी में कोई डांस करता हुआ नजर आता है, किसी में लिप सिंक करता हुआ तो किसी में फिल्मी सीन जैसा दृश्य दिखाया जाता है. युवाओं व किशोरों के लिए रिलेशनशिप के मायने बदलने में टिकटोक का इंफ्लुएंस लगातार बढ़ रहा है.

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हालांकि, टिकटोक के रिलेशनशिप पर असर को ले कर अभी कोई स्टडी या रिसर्च सामने नहीं आई है लेकिन रिलेशनशिप को वैचारिक तौर पर बदलने में इस की भूमिका दिन ब दिन पैठ जमा रही है. कैसे? आइए नजर डालते हैं.

बड़ा पछताओगे’

इस फिल्मी गाने को टिकटोक पर अलगअलग कोन्सेप्ट्स में यूज किया गया है. ज्यादातर विडियोज में या तो लड़की इस गाने को गाते हुए लड़के को कह रही है कि बड़ा पछताओगे या लड़का लड़की को. ऐसी ही एक विडियो में लड़का किसी लड़की से बातें कर रहा है, फिर वह अपनी गर्लफ्रेंड को देखता है और उस के पास आने लगता है तो उस की गर्लफ्रेंड उस के सामने से दूसरे लड़के को ला निकलने लगती है. बैक्ग्राउंड में ‘मुझे छोड़ के जो तुम जाओगे बड़ा पछताओगे, बड़ा पछताओगे…’ चलता रहता है.

आई केन टेक यौर मैन

इस साउंड पर बनी विडियो में लड़कियां दूसरी लड़कियों को कहती हैं, ‘आई केन टेक यौर मैन इफ आई वांट टू, बट गुड फोर यू आई डोंट वांट टू’ यानी मैं चाहूं तो तुम्हारे बौयफ्रेंड या पति को जब चाहे पा सकती हूं पर तुम्हारे लिए अच्छा है कि मैं पाना नहीं चाहती. इस हैशटैग से टिकटोक पर 16 करोड़ से ज्यादा विडियोज मौजूद हैं.

द एक्स फैक्टर

अब लोग रिलेशनशिप में आएंगे तो ब्रेकअप तो होगा ही फिर चाहे परमानेंट हो या टेम्पोररी. अब टिकटोक पर एक्सेस को ले कर अनगिनत विडियोज हैं जिन का न कोई सिर है न पैर. जैसे, कहीं कोई अपने एक्स के लिए रो रहा है, कोई शीशे पर एक्स लिख कर उस पर मुंह से पानी उगल रहा है, कोई उसे उलाहनाएं दे रहा है तो पैरों पर गिर रहा है.

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रुला के गया इश्क तेरा

रिलेशनशिप का एक और ड्रामा जिस में अधिकतर तीन तरफा प्यार दिखाने की कोशिश की जाती है. इतना शायद असल जीवन में कोई सोचता नहीं होगा पहले जितना अब इन विडियोज के बाद लोगों ने अपनी बेस्टफ्रेंड के साथ अपने बौयफ्रेंड के अफेयर के बारे में सोचना शुरू कर दिया है. कभी पीठ के पीछे कोई बेवफाई कर रहा होता है तो कभी आंख के आगे जिसे देख लड़की कुछ कहती भी तो नहीं क्योंकि प्यार जो करती है. कैसी विकृत मानसिकता है ये.

इंफ्लुएंस्ड होना रोकें

ऊपर जिन चंद विडियोज के उदाहरण दिए गए हैं उन के कौंसेप्ट कोई बड़े राइटर तैयार नहीं करते बल्कि आम लोग करते हैं जो अपनी अजीबो-गरीब सोच को अच्छी एक्टिंग के साथ लोगों के सामने परोसते हैं और लोग उन्हें वाहवाही तक देते हैं. इस में दोराय नहीं कि यह सोच न केवल उन के अपने जीवन में वे उतारते हैं बल्कि जाने-अनजाने उनके रिलेशनशिप्स भी प्रभावित होते हैं.

जलन, बेवफाई, तीन तरफा प्यार को बढ़ावा, एक्स को गालियां देते फिरना आदि को ले कर टिकटोक को दोष दिया जाना गलत नहीं होगा. धोखा दिया किसी ने तो उस को जान से मार देने जैसी विडियोज की भरमार भी कम नहीं है. खुद रो रो कर भी रिलेशनशिप निभाना भी इन विडियोज में भरा पड़ा है. टिकटोक से इंफ्लुएंस हो लोग अपनी लवलाइफ को भी कोई कहानी समझने लगे हैं. यह गलत है, सरासर गलत है.

बौलीवुड और हिंदी सीरियल्स के इंफ्लुएंस से लोगों की सोच पहले ही संकुचित थी और अब तो संकुचित सोच छोटी उम्र में ही बच्चों के अंदर पैठ जमाने लगी है. जरूरी है कि टिकटोक को मनोरंजन की ही तरह देखें पर जरूरत से ज्यादा नहीं.

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कुछ ऐसे भी लोग करते हैं टिक-टौक से अपनें सपनों को पूरा

आजकल तो वैसे भी टिक-टौक पर तमाम तरह के ऐसे गाने फेमस हो रहे हैं जिन्हें कई लोगों ने सुना भी नहीं होगा. लेकिन जैसे ही वो टिक-टौक पर आए वो अपने आप ही फेमस हो गए. अब तो बहुत से ऐसे टिक-टौक स्टार हैं जो इससे काफी पैसे भी कमा रहे हैं.

हालांकि कुछ लोगों का तो ये काम है और कुछ लोग अपने शौख के लिए बनाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें एक्टिंग आती तो नहीं है पर वो भी फिल्मी सपने देखते हैं और उन सपनों को वो टिक-टौक से पूरा कर रहें हैं. यहां पर वैसे तो टिक-टौक से फिल्मी सितारे भी अछूते नहीं रहें हैं. आजकल तो सिंगर हो या एक्टर हर कोई टिक-टौक पर छाया हुआ है. लेकिन ज़रा सोचिए उन लोगों के बारे में जो ज्यादा अमीर नहीं हैं उनके पास ना पैसा है और ना ही एक्टिंग का हुनर है लेकिन फिर भी वो वीडियोज़ बनाते हैं. बिना इस बात की परवाह किए कि उनके वो वीडियोज़ कितने फनी होते हैं.

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लोग उसे देखकर हंसते हैं मज़े लेते हैं. वो ये नहीं जानते कि उन गरीबों के भी कुछ सपने हैं जिन्हें वो सच में ना सही तो ऐसे ही पूरा कर रहें हैं. एक्सप्रेशन तो ऐसे-ऐसे देंगे की पूछो ही मत, लेकिन उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है वो तो बस अपना शौक पूरा कर रहें हैं. बीच में एक समय ऐसा आया था जब मद्रास हाई कोर्ट में टिक-टौक के खिलाफ केस चल रहा था क्योंकि की लोगों की इसकी वजह से जान भी चली गई थी.

टिक-टौक पर कुछ बेहुदा कंटेट आ गए थे जिससे कई बकवास वीडियो लोग बनाने लगे थे और कई लोगों ने वीडियो बनाने के चक्कर में अपनी जान दे दी. कोई गाने में अपनी हथेली काट रहा था तो कोई सच में फिनायल पी रहा था. इसको देखते हुए टिक-टौक एप के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया. कई लोगों को इस एप से आपत्ति थी और आज भी है. मद्रास हाई कोर्ट ने इस एप पर बैन लगाने का फरमान तक दे दिया था. 17 अप्रैल को टिक-टौक को भारत में गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर से हटा दिया गया था. ये बैन भी हो गया था लेकिन कुछ समय बाद ये फिर से चालू कर दिया गया.

मद्रास के हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने ये फैसला टिक-टौक के पौजिटिव बयान आने के बाद लिया जब कंपनी ने कहा हम इसका गलत इस्तेमाल होने से रोकेंगे. शायद एक ऐसा ऐप है जिसके माध्यम से काफी लोग अपने फिल्मी सपने पूरे कर रहें हैं. लोग अपने अंदर की जितनी भी भरी हुइ क्रिएटिविटी है सब टिक-टौक पर निकल कर आ रही है. युवा आज के समय में इसके पीछे सबसे ज्यादा पागल हैं और साथ में कुछ माता- पिता भी ऐसे हैं जो साथ में लगे हुए हैं.

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कुछ बच्चे भी इस वक्त बहुत फेमस हैं क्योंकि उनके माता-पिता खुद उन्हें इस बात की छूट दे रहें हैं. टिक-टौक बहुत बुरा नहीं हैं लेकिन तब तक जब तक आप इससे अपना मनोंरंजन कर  रहें हैं लेकिन अगर आपको इसकी लत है तो ये आपके लिए बुरा है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कुछ लोगों को टिक-टौक की बीमारी है और एक रिर्पोट के मुताबिक भारत में ऐसे बिमारों की संख्या करीब 25 करोड़ है. हालांकि इस ऐप पर अब थोड़ी लगाम तो लग गई है लेकिन बीमारी अभी खतम नहीं हुई है क्योंकि जो लोग इसके बिना रह नहीं सकते हैं उनको बीमार ही कहेंगे.

चाइनीज कंपनी वाला ये एप इस वक्त पूरे भारत में पौपुलर है और इसके जरिए लोगों की एक्टिंग, सिंगिंग, डासिंग सब निकल कर बाहर आ रही हैं. लेकिन दोस्तों ये एप तभी तक अच्छा है जब तक आप इससे थोड़ा मनोरंजन कर रहे हैं क्योंकि अगर इसकी लत लगी तो फिर आपके लिए ये एप खतरनाक भी साबित हो सकता है.

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टिक-टौक बना प्रेयसी के मर्डर का सबब!

आज का आधुनिक सोशल मीडिया जहां एक तरफ वरदान है वहीं दूसरी तरफ कई बार यह अभिशाप भी बन जाता है .”टिक टॉक” वीडियो अपने इन्हीं सिक्के के दोनों पहलू के कारण लगातार विवादों में रहता है. इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दो लड़कियों की हत्या हो गई, और वजह बना टिक टॉक पर बनाया गया एक वीडियो .देखिए पूरी रिपोर्ट-
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में में हुए दोहरे हत्याकांड में एक नाबालिग समेत 3 लोग पुलिस गिरफ्त में अंततः आ ही गए. एसएसपी आरिफ शेख ने मामले का खुलासा करते हुए हमारे संवाददाता को बताया कि घटना से तीन दिन पहले मृतका मंजू सिदार ने टिकटॉक पर एक वीडियो अपलोड किया था. इस वीडियो में वह दूसरे लड़के के साथ थी. यह वीडियो देख उसके प्रेमी सैफ ने हत्या की योजना बनाई और अपने साथी गुलाम मुस्तफा उर्फ काली और एक नाबालिग के साथ रायपुर आ गया. आरोपियों ने बड़े ही शातिरना ढंग से मंजू को मारा, अचानक बीच-बचाव करने आई उसकी बहन मनीषा की भी हत्या कर डाली ताकि कोई सुराग पुलिस को ना मिले. मंजू छत्तीसगढ़ के ही रायगढ़ सिटी में रहती थी. यहीं से उसका सैफ के साथ प्रेम संबंध था. पुलिस को जांच के दौरान सैफ के घर से एक दस्तावेज मिला.  इस हत्याकांड में सनसनीखेज तथ्य यह भी है कि दस्तावेजों से कोर्ट में सैफ और मंजू के विवाह की पुष्टि होती है. घर वालों के दबाव के चलते मंजू ने सैफ से दूरी बना ली थी. पर सैफ हर बार मंजू को साथ रहने के लिए कहता रहता था.

ऐसे हुआ दोनों बहनों का मर्डर

बहन की परीक्षा होने की वजह से उसकी सहायता करने मंजू 10 दिन पहले ही रायपुर आई थी.सैफ ने काली को हत्या में साथ देने के लिए 7 लाख रुपए का ऑफर दिया था. काली भी साथ देने राजी हो गया. सैफ मंजू के कमरे मे गया तो किसी बात पर उससे झगड़ा शुरू हो गया .
सैफ ने गुस्से में मंजू का गला दबाया. मंजू की बहन उसे छुड़ाने आई, इस पर पास ही रखे तवे से सैफ ने उस पर भी हमला कर दिया. पुलिस अधिकारियों के अनुसार काली ने मनीषा को मारा और सैफ ने मंजू को. आरोपियों ने न सिर्फ इस हत्याकांड को अंजाम दिया बल्कि भागने का भी प्लान इनके पास तैयार था. नाबालिग साथी को सैफ ने इस काम में शामिल होने के लिए 15 हजार रुपए देने की बात कही थी.

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नाबालिग संतोषी नगर के पास बाइक लेकर सैफ और काली का इंतजार कर रहा था. सड़क के रास्ते से आरोपी दुर्ग की तरफ निकल गए. यहां से बलौदाबाजार होते हुए नाबालिग जांजगीर पहुंचा. पुलिस बाइक के नंबर के आधार पर नाबालिग तक पहुंची. इस बीच सैफ और काली रीवा भाग गए, पुलिस ने इन्हें सतना मध्य प्रदेश में पकड़ कर ले आई है. पुलिस आगे की कार्यवाही में जुट गई है.

नहीं मिला प्यार तो उसे कुचल डाला

पुलिस पूछताछ में शोएब अहमद अंसारी उर्फ सैफ ने बताया कि वह बोईदादर रायगढ़ का निवासी है. डेढ़ साल पूर्व फेसबुक के जरिए उसकी मंजू से बातचीत शुरू हुई थी. किसी कार्यक्रम में मंजू रायगढ़ आई तो दोनों की गहरी मित्रता हो गई.यह दोस्ती प्यार में बदल कर शादी के अंजाम तक पहुंच गई दोनों ने 21 मई 2019 को रायगढ़ कोर्ट में शपथ पत्र देकर शादी भी कर ली.मगर यह रिश्ता मंजू के घरवालों को मंजूर नहीं था. और अंततः घरवालों के दबाव में मंजू सैफ से दूर रहने लगी और बातचीत भी नहीं करती थी. एक महीने पहले सैफ ने मंजू और अपनी फोटो फेसबुक में अपलोड कर दी. इसे लेकर मंजू और उसके परिजनों ने 3 नवंबर को रायगढ़ जिले के चक्रधरनगर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी. इसके बाद मंजू ने किसी अन्य लड़के साथ एक टिकटॉक वीडियो बनाकर अपलोड किया. जब सैफ को यह पता चला तो गुस्से में आ गया और उसने उसकी हत्या की योजना बना डाली। उसने रायगढ़ निवासी अपने दोस्त गुलाम मुस्तफा व जांजगीर-चांपा के नाबालिग लड़के को इस प्लान में शामिल किया। इसके लिए सैफ ने गुलाम मुस्तफा को 7 लाख व नाबालिग लड़के को 15000 रुपए देने का आश्वासन दिया था. तीनों रायपुर पहुंचे। सैफ ने मंजू से आखिरी बार मिलने की गुजारिश की और घर पहुंच गया. नाबालिक लड़के को बाहर खड़ा किया और गुलाम मुस्तफा के साथ कमरे में गया. यहां मंजू और सैफ के बीच काफी झगड़ा बढ़ गया तो सैफ ने पास पड़े फ्राईपैन से मंजू के ऊपर हमला कर दिया. इससे पहले कि मनीषा कुछ बोलती गुलाम मुस्तफा ने उसके ऊपर भी फ्राईपैन से वार कर दिया.जब दोनों खून से लथपथ हो गईं तो गमछे से गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी.

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