Crime- सीसीटीवी: ‘अपराध’ कोई देख रहा है!

जब भी कोई अपराध होता है पुलिस और अनुसंधान में लगे लोग आज के समय में, आधुनिक सीसीटीवी की ओर नजरें इनायत के लगते हैं.

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला में एक अंधे हत्याकांड की गुत्थी चंद घंटों में ही इसी सीसीटीवी के कारण सुलझ गई.

देखते ही देखते हैं पुलिस ने मामला सुलझाया और हत्यारा जेल की हवा खा रहा है. यह सीसीटीवी का ही तो कमाल है कि बड़े से बड़े घटनाक्रम का खुलासा मय सबूत के साथ आज हो रहा है.
आइए! आज इस रिपोर्ट में सीसीटीवी के मदद से इस तरह एक पेचीदा हत्याकांड से कैसे पर्दाफाश हुआ देखते हैं.

दरअसल हुआ यह कि छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला पुलिस ने यहां के लोक निर्माण विभाग के टाइम कीपर गणेश सिंह वर्मा की हत्या की गुत्थी को 4 घंटे में सुलझा लिया तो लोगों की निगाह में जहां पुलिस का सम्मान बढ़ गया वहीं सीसीटीवी का कमाल एक बार फिर सामने आ गया.

यहां गणेश सिंह वर्मा की अवैध संबंध की शंका में हत्या की गई थी. यह खुलासा पुलिस ने आनन-फानन में किया है और हमारे संवाददाता को घटनाक्रम की सारी जानकारी पुलिस द्वारा प्राप्त हुई है. यह तथ्य और घटनाक्रम जहां एक रोचक कहानी बयां करते हैं वहीं यह भी तथ्य सामने आ गया है कि आधुनिक विज्ञान की ईजाद सीसीटीवी के कैसे और कितने लाभ हैं.

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सीसीटीवी के कारण हत्यारा पकड़ाया

और जैसा कि आजकल अपराध के अन्वेषण मे होता है इस हत्याकांड में भी सीसीटीवी का महत्व एक बार पुनः उजागर हो गया.

पुलिस ने हमारे संवाददाता को बताया कि हत्या के मामले का खुलासा सीसीटीवी के कारण हो गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल वैस के मुताबिक आरोपी हत्यारा हेमंत वर्मा पेंडिताराई का रहवासी है. जबकि गणेश वर्मा पास के ही गांगपुर गांव में रहता था. आरोपी के घर उसका आना-जाना था. आरोपी हेमंत वर्मा अपनी पत्नी और गणेश वर्मा के बीच अवैध संबंध को लेकर शंका करता था.
आरोपी हेमंत वर्मा लंबे समय से क्षुब्ध था और गणेश की हत्या करने की नीयत से घर से निकला था. तभी बेमेतरा के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास बेटे को छोड़कर लौट रहे गणेश वर्मा को देखते ही उसनेे बातचीत करके उलझाया.

दोनों बातचीत करते हुए आगे बढ़ रहे थे कि सूनसान रास्ता देखकर गणेश वर्मा पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. जिससे उसकी मौके पर ही तड़प तड़प कर मौत हो गई.

वारदात के बाद मौके पर पुलिस पहुंची. आसपास के लोगों से पूछताछ की. सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. पुलिस एक-एक कड़ी जोड़कर तफ्तीश में जुटी थी. आखिरकार सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने शातिर आरोपी हेमंत वर्मा को गिरफ्तार कर लिया. सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है कि पुलिस ने महज 4 घंटे में ही हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया.

बचके रहना रे बाबा!

कुल मिलाकर जिस तरह सीसीटीवी के कारण हत्या के और अन्य गंभीर अपराधों के ऊपर से पर्दा उठ रहा है आरोपी अपराधी पकड़े जा रहे हैं उस परिप्रेक्ष्य में कहा जा सकता है कि पुलिस अनुसंधान में सीसीटीवी एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभर कर सामने आ चुका है.

जिस अपराध को सुलझाने में पहले लंबा समय लग जाता था. पुलिस को सूत्र नहीं मिल पाते थे. अब सीसीटीवी के कारण पुलिस को पुख्ता सबूत मिलने लगे हैं.

पुलिस अधिकारी इंद्र भूषण सिंह के मुताबिक पहले पुलिस को गंभीर अथवा सामान्य अपराधों में जांच करने में लंबा समय लग जाता था. क्योंकि साक्ष्य पुलिस को नहीं मिल पाते थे मगर अब सीसीटीवी के कारण अनेक अपराधों से पर्दा जल्द ही उठ जाता है क्योंकि यह पुलिस के मददगार के रूप में सामने आया है जिसकी कोर्ट और न्यायालय में भी साक्षी के रूप में हमें मदद मिल जाती है.

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अधिवक्ता डॉ उत्पल अग्रवाल कहते हैं कि सीसीटीवी एक सशक्त माध्यम है जो अपराधिक घटनाओं को सबूतमय पुलिस को उपलब्ध कराता है. अब यह एक सशक्त माध्यम बनकर सामने आ गया है. जो पूरी तरह विश्वानीय भी है.

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस आधुनिक सीसीटीवी का कारण नित्य नए अपराधिक घटना का खुलासा हो रहा है वही अपराधिक घटनाक्रमों में कमी भी आई है क्योंकि अपराधी यह जानता है कि उसका अपराध कोई देख रहा है.

लॉकडाउन ने खोली एडल्ट फिल्मों की राह: भाग 3

सौजन्य: मनोहर कहानियां

अभिनेत्री गहना वशिष्ठ को पैसों का लालच ही इस गंदे काम की तरफ खींच लाया. छत्तीसगढ़ के चिरमिरी की रहने वाली गहना का असली नाम वंदना तिवारी है.

16 जून, 1988 को जन्मी वंदना तिवारी ने भोपाल से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था. सन 2012 में जब उस ने मिस एशिया बिकनी कांटेस्ट जीता, तब वह लोगों की नजर में आई थी. उस ने इस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सब से ज्यादा अंक हासिल किए थे.

बाद में उस ने मौडलिंग करते हुए करीब 80 विज्ञापनों में अपने जलवे दिखाए. इन में मोंटे कार्लो, फिलिप्स एरेना, शेवरले क्रूज कार, ड्रीम स्टोन ज्वैलरी, पलक साड़ीज आदि मुख्य थे. बाद में वह स्टार प्लस के सीरियल ‘बहनें’ में लीड रोल में नजर आई. क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 के लिए उस ने योगराज सिंह और अतुल वासन के साथ एक न्यूज चैनल पर ऐंकरिंग भी की.

गहना वशिष्ठ ने अपना फिल्मी कैरियर ‘फिल्मी दुनिया’ नामक हिंदी फिल्म से शुरू किया. बौलीवुड फिल्म इंडियन नेवर अगेन निर्भया, दाल में कुछ काला है, लखनवी इश्क, सविता बार्बी, निर्भया, उन्माद और द प्रौमिस में उस ने अभिनय किया.

इस के अलावा गहना ने करीब एक दरजन तेलुगू फिल्मों में भी महत्त्वपूर्ण रोल किए. एक स्पैनिश फिल्म में भी उस ने काम किया. वह साउथ के एक नामी अभिनेता की गर्लफ्रैंड भी रही है.

वह अल्ट बालाजी की वेब सीरीज ‘गंदी बात’, उल्लू ऐप के ‘मी टू’, अमेजन प्राइम के ‘मिरर द बिटर’, प्राइम फ्लिक्स के भाभीजी घर पर हैं आदि के अलावा ओटीटी प्लेटफार्म न्यूफ्लिक्स आदि पर भी नजर आई. उस ने कई म्यूजिक वीडियो में भी काम किया.

तिरंगा लपेट कर फोटो शूट कराने और मैरीकाम के ओलिंपिक मैडल जीतने पर न्यूड फोटो खिंचवाने के कारण गहना वशिष्ठ विवादों में रह चुकी है.

सन 2018 में वह तब भी चर्चा में आई थी, जब उन्होंने बिग बौस की प्रतिभागी अर्शी खान को ले कर दावा किया था कि वे अपनी उम्र कम बताती हैं. गहना ने दावा किया था कि अर्शी ने 50 साल के आदमी से शादी की है और उन के खिलाफ भारत व पाकिस्तान के झंडों के अपमान सहित 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं.

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गहना की कंपनी जीवी स्टूडियो का खेल

गहना वशिष्ठ ने जीवी स्टूडियोज के नाम से अपनी प्रोडक्शन कंपनी बना रखी है. मुंबई पुलिस गहना वशिष्ठ की कंपनी के सामने आए वीडियो को पोर्न बता रही है. वहीं, गहना की कंपनी का कहना है कि जीवी स्टूडियोज की ओर से निर्मित और निर्देशित वीडियो को इरोटिका के रूप में क्लासीफाइड किया जा सकता है.

कंपनी का कहना है कि उन्होंने केवल ऐसी फिल्में बनाई हैं, जो कानूनन बनाई जा सकती हैं. पुलिस ने भारत में हार्ड पोर्न और उन के मेकर्स की बनाई फिल्मों के साथ गहना की इरोटिका फिल्मों को मिक्स कर दिया है जबकि इरोटिका, कामुक या बोल्ड फिल्मों के बीच एक कानूनी अंतर है.

बी और सी ग्रेड बौलीवुड फिल्मों का अभिनेता तनवीर हाशमी अब तक 40 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुका है.

गुजरात के सूरत के रहने वाले 40 वर्षीय तनवीर ने 20 साल के अपने फिल्मी कैरियर में ‘रात की बात’, ‘जख्मी नागिन’, ‘द रीयल ड्रीम गर्ल’, ‘भीगा बदन’, ‘बेस्ट पार्टनर’, ‘परदा’, ‘गरम’, ‘नाइट लवर’, ‘रेडलाइट’, ‘कामवाली’, ‘रिक्शावाली’, ‘कुंआरा पेइंग गेस्ट’, ‘दूधवाली’ और  ‘की क्लब’ जैसी सैक्सी फिल्मों में काम किया है.

तनवीर सूरत के बारदोली इलाके में बंगला किराए पर ले कर पोर्न फिल्में बनाता था. पिछले 20 साल से फिल्मी परदे पर नजर आने के कारण उस की एक खास दर्शक वर्ग में पहचान थी. अपनी इसी पहचान के दम पर वह वेब सीरीज बनाने के बहाने ऐक्टिंग के शौकीन युवकयुवतियों को अपने जाल में फांस कर पोर्न फिल्में बनाता था.

पहले उस ने मुंबई में ही ऐसी कुछ फिल्में बनाई, लेकिन मुंबई में शूटिंग के लिए बंगलों का किराया ज्यादा था. इसलिए वह सूरत और आसपास के इलाकों में कम किराए के बंगले ले कर ऐसी फिल्में बनाने लगा. इस के लिए वह मुंबई से मौडल और युवतियों को सूरत बुलाता था. तनवीर और गहना न्यूफ्लिक्स ओटीटी के लिए भी ऐसी फिल्में बनाते थे. इस के चार लाख से ज्यादा कस्टमर हैं.

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ओरल सैक्स का मामला

तनवीर हाशमी सन 2015 में मुंबई के साकीनाका में हुए ओरल सैक्स कांड से भी जुड़ा हुआ रहा है. उस समय एक मौडल ने आरोप लगाया था कि उस के साथ साकीनाका पुलिस स्टेशन में एक पुलिस इंसपेक्टर ने ओरल सैक्स किया था.

उस समय इस मामले में तनवीर हाशमी सहित एक नामी टीवी सीरियल का प्रोड्यूसर भी पकड़ा गया था. तनवीर उस समय साकीनाका पुलिस स्टेशन के कुछ अधिकारियों का खबरी हुआ करता था. उस समय तनवीर के क्रेडिट कार्ड से ही अंधेरी के एक पांच सितारा होटल में कमरा बुक कराया गया था.

होटल के इसी कमरे में पीडि़त मौडल को 2 लाख रुपए के साइनिंग अमाउंट के लिए बुलाया गया था. ऐन वक्त पर मौडल ने उस कमरे में जाने से इनकार कर दिया और अपने बौयफ्रैंड को फोन कर दिया.

आरोप लगा कि मौडल को उस का बौयफ्रैंड जब होटल से बाइक पर ले जा रहा था, तो साकीनाका थाना पुलिस ने उन दोनों को अगवा कर लिया. बाद में एक पुलिस इंसपेक्टर ने एक पुलिस चौकी में मौडल को ले जा कर ओरल सैक्स किया था. इस मामले में आरोपी पुलिस वालों की भी गिरफ्तारी हुई थी.

पोर्न फिल्मों का मामला नया नहीं है. मुंबई पुलिस ने कुछ दिन पहले संदीप इंगले नामक एक कास्टिंग डायरेक्टर को गिरफ्तार किया था. वह खुद को फिल्म प्रोड्यूसर भी बताता था और प्रेम के नाम से सैक्स रैकेट भी चलाता था. उस ने सैक्स रैकेट चलाने के लिए कई वेबसाइट बनाई थीं. इन वेबसाइटों को सर्च करने पर लोग आरोपियों से संपर्क करते थे. इस मामले में मुंबई के पांच सितारा होटल से 8 युवतियां मुक्त कराई गई थीं. इन में कुछ युवतियां नामी मौडल थीं.

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी पिछले साल जुलाई में पोर्न फिल्में बनाने का मामला सामने आया था. इंदौर पुलिस ने मौडल युवतियों की शिकायत पर मिलिंद डावर, अंकित सिंह चावड़ा, रैकेट के सरगना ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर, गजेंद्र उर्फ गज्जू उर्फ गोवर्धन चंद्रावत आदि को गिरफ्तार किया था. ये लोग भी बंगलों और फार्महाउसों में पोर्न फिल्में बनाते और युवतियों का देह शोषण करते थे.

मुंबई पोर्न फिल्म मामले में गिरफ्तार अभिनेत्री गहना वशिष्ठ के मकान और प्रोडक्शन हाउस की तलाशी में 3 मोबाइल फोन, 2 लैपटौप, 2 हार्ड डिस्क, 5 मैमोरी कार्ड, एक एडाप्टर, एक पेनड्राइव, प्रोडक्शन हाउस की रबर स्टैंप और एक कंपनी व कुछ कलाकारों के साथ एग्रीमेंट से जुड़े 10 करार पत्र सहित कई दस्तावेज मिले हैं. गहना के एक बैंक खाते में एक आरोपी की ओर से रकम भेजे जाने के सबूत भी मिले हैं.

पुलिस की ओर से इस मामले में गिरफ्तार और फरार आरोपियों के 2019 के बाद के बैंक खातों के लेनदेन के अलावा ईमेल, मोबाइल काल, वाट्सऐप चैट आदि की पड़ताल की जा रही है.

गहना वशिष्ठ के कारोबारी पति सहित कई मौडल भी पुलिस जांच के दायरे में हैं. इस मामले में कुछ और गिरफ्तारियां होने के साथ बौलीवुड के चौंकाने वाले नए खुलासे होने की संभावना है.

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पाउंड में आता था पैसा

इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को अदालत ने जेल भेज दिया. इस के बाद मालवणी थाना पुलिस ने गहना और दूसरे आरोपियों को कस्टडी में लेने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया. मालवणी थाने में दो मौडलों ने रेप का केस भी दर्ज कराया है. क्राइम ब्रांच ने अभिनेत्री गहना के तीन अकाउंट फ्रीज कर दिए.

अभिनेत्री गहना के वकील अजय उमापति दुबे ने कोर्ट में अर्जी दे कर कहा है कि इन बैंक खातों में ओटीटी एप्स हौट शौट और न्यू फ्लीक्स के सब्सक्रिप्शन से जो रकम ट्रांसफर हुई है उसे भले ही फ्रीज रखा जाए, लेकिन बाकी रकम अभिनेत्री गहना को निकालने की अनुमति दे दी जाए. पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि अभिनेत्री गहना के एक बैंक खाते में ब्रिटेन से पाउंड में रकम ट्रांसफर होती थी.

2 अन्य एक्ट्रेस द्वारा अश्लील ओटीटी एप्स बनाने का भी पुलिस को पता चला है. पूरा मामला उजागर होने के बाद यह एप् अब बंद कर दिए गए हैं.

लॉकडाउन ने खोली एडल्ट फिल्मों की राह: भाग 2

सौजन्य: मनोहर कहानियां

गहना वशिष्ठ की प्रोडक्शन कंपनी की ओर से ये वीडियो उमेश कामत को वी ट्रांसफर के जरिए भेजे जाते थे. उमेश उस लिंक को लंदन भेजता था. वहां से इन फिल्मों के वीडियो ओटीटी प्लेटफार्म पर अपलोड होते थे. वी ट्रांसफर दुनियाभर में ई फाइल भेजने का सब से सरल तरीका है. इस के जरिए 2 जीबी तक की बड़ी फाइलें भी मुफ्त में भेजी या मंगाई जा सकती हैं.

पुलिस जांच में सामने आया कि उमेश कामत इस काम का कोआर्डिनेटर है और उस के जरिए ही पेमेंट मिलता था. क्राइम ब्रांच को करीब 3 दरजन ऐसी फिल्मों के सबूत मिले, जो उमेश के जरिए लंदन भेजी गईं और वहां से अपलोड की गईं.

उमेश कामत बौलीवुड की एक टौप अभिनेत्री के पति की कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर है. अभिनेत्री का पति इस कंपनी में चेयरमैन और नान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर है.

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जरूरी सबूत जुटाने के बाद पुलिस ने इस मामले में 8 फरवरी को उमेश कामत को भी गिरफ्तार कर लिया. उमेश और दूसरे आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि प्रत्येक ऐसे वीडियो के एवज में विदेशी अपलोडर्स से उन्हें 2 से ढाई लाख रुपए मिलते थे. इन में से करीब एक लाख रुपए कलाकारों, कैमरामैन और फिल्म एडिटर आदि को दिए जाते थे और बाकी एक से डेढ़ लाख रुपए का मुनाफा होता था.

विवादों की रानी गहना

गहना वशिष्ठ से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि ऐसी फिल्मों के लिए उस ने ओटीटी के दरजनों ऐप बनाए थे. पुलिस ने जांच की, तो इन में से एक ऐप पर ही उस के 67 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर निकले. कोरोना काल में उस ने 85 से ज्यादा ऐसी फिल्में ओटीटी प्लेटफौर्म पर चलाई थीं. फरवरी में ही उस का 5-6 ऐसी फिल्में रिलीज करने का विचार था.

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पुलिस जांच में सामने आया कि फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ने हौटहिट मूवीज नाम का एक ऐप भी बना रखा है. इस पर वे अपनी पोर्न फिल्म को अपलोड करते थे. इस ऐप के लिए बाकायदा 2 हजार रुपए तक सब्सक्रिप्शन फीस ली जाती थी.

8 फरवरी की रात पुलिस ने इस मामले में एक फोटोग्राफर श्याम बनर्जी उर्फ दिवांकर खासनवीस को गिरफ्तार किया. पोर्न फिल्म केस में यह 8वीं गिरफ्तारी थी. पुलिस का कहना है कि हौटहिट ऐप का संचालन 5 फरवरी को ग्रीन पार्क बंगला से गिरफ्तार महिला फोटोग्राफर यास्मीन खान और बाद में पकड़ा गया उस का पति फोटोग्राफर श्याम बनर्जी मिल कर करते थे.

पुलिस की जांचपड़ताल में पोर्न फिल्म रैकेट के तार मुंबई से गुजरात के सूरत तक पहुंच गए. बाद में 10 फरवरी को पुलिस ने इस मामले में बी और सी ग्रेड बौलीवुड फिल्मों के अभिनेता तनवीर हाशमी को सूरत से गिरफ्तार किया.

पोर्न फिल्मों के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में जो कहानी उभर कर सामने आई. वह पैसे कमाने की अंधी दौड़ में युवा पीढ़ी को पतन के रास्ते पर ले जाने की कहानी है.

कोरोना काल में जब मार्च 2020 के चौथे सप्ताह में पूरे देश में लौकडाउन हो गया, तब देश की दोतिहाई आबादी अपने घरों में कैद हो कर रह गई.

इस दौरान लोगों के पास मनोरंजन के नाम पर केवल मोबाइल रह गए. मोबाइल पर इस दौरान पोर्न फिल्में देखने वालों की तादाद बढ़ गई. इस का फायदा उठा कर मुंबई के कुछ सी ग्रेड फिल्मकारों ने पोर्न फिल्में बनाने की  योजना बनाई.

मई 2020 में जैसे ही अनलौक का पहला चरण शुरू हुआ, तो इन लोगों ने अपनी योजना को क्रियान्वित करने के लिए देसी पोर्न फिल्में बनाने का काम शुरू कर दिया. इन में अभिनेत्री गहना वशिष्ठ, अभिनेता तनवीर हाशमी और फोटोग्राफर यास्मीन खान आदि ने मुंबई में मलाड इलाके में मड आइलैंड के बंगलों को किराए पर लिया.

उस समय फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग बंद थी, तब इन बंद बंगलों में ऐसी फिल्मों की शूटिंग होने लगी. उस समय पुलिस और प्रशासन कोरोना से बचाव की जद्दोजहद में जुटा हुआ था. इसलिए पुलिस को इस सब की जानकारी नहीं मिली.

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गहना वशिष्ठ पर 85 से ज्यादा पोर्न फिल्में पोर्न वेबसाइट या ऐप्स पर अपलोड करने का आरोप है. इन में कुछ नामी मौडल्स को भी शूट किया गया था. मौडल्स और खूबसूरत चेहरेमोहरे वाली युवतियों को शौर्ट फिल्मों के लिए बुला कर एग्रीमेंट किया जाता था.

एग्रीमेंट कुछ सचाई कुछ

कुछ मिनट की शूटिंग के बाद एक्टर्स को पोर्न सीन करने के लिए मजबूर किया जाता था. ऐसे सीन नहीं करने पर उन्हें कानूनी नोटिस भेजने की धमकी दी जाती थी. इस का कारण यह था कि 30-40 हजार रुपए मेहनताना का एग्रीमेंट करने वाली मौडल और युवतियां उस एग्रीमेंट को पढ़ती नहीं थी. उन से केवल एकदो दिन की शूटिंग होने के नाम पर जल्दी में दस्तख्त करा लिए जाते थे.

पेशे से फोटोग्राफर यास्मीन उर्फ रोवा खान ने भी 50 से ज्यादा पोर्न फिल्में बनाई हैं. ऐसी फिल्मों की शूटिंग आमतौर पर एक ही दिन में पूरी कर ली जाती थी. एडिटिंग में 2 से 3 दिन का समय लगता था.

इस तरह करीब 20 से 30 मिनट की फिल्म तैयार हो जाती थी. इस के बाद ऐसी फिल्मों को विदेश के आईपी एड्रेस और सर्वर के जरिए ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज कर दिया जाता था.

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पोर्न फिल्मों के इस मामले में कथा लिखे जाने तक पुलिस में 4 केस दर्ज हुए थे. इन में 2 युवतियों ने मालवणी पुलिस थाने में केस दर्ज कराया. एक ने वसई के अर्नाला पुलिस स्टेशन में शिकायत दी. यह शिकायत लोनावाला पुलिस स्टेशन को ट्रांसफर की गई है. एक केस महाराष्ट्र साइबर सेल में दर्ज हुआ है.

इन में एक मौडल ने शिकायत में कहा कि गहना के प्रोडक्शन हाउस की ओर से शूट किए वीडियो में उसे न्यूड पोज देने के लिए फोर्स किया गया. एक मौडल ने गहना के खिलाफ 3 पुरुषों के साथ सैक्स करने को मजबूर करने का आरोप लगाया है. झारखंड की एक युवती ने मालवणी पुलिस थाने में दी शिकायत में पोर्न फिल्म न करने पर 10 लाख रुपए का हर्जाना देने की धमकी देने का आरोप लगाया है.

अगले भाग में पढ़ें- ओरल सैक्स का मामला

लॉकडाउन ने खोली एडल्ट फिल्मों की राह: भाग 1

सौजन्य: मनोहर कहानियां

बौलीवुड हो या साउथ की फिल्म इंडस्ट्री, फिल्मों में जाने के लिए तमाम युवक युवतियां प्रयास करते हैं. जो असफल रहते हैं, उन में से कई अभिनय के नाम पर पोर्न फिल्म बनाने वालों के चंगुल में फंस जाते हैं. फिल्म इंडस्ट्री की आड़ में पोर्न फिल्में अब भी बन रही हैं. यह भांडा तब फूटा जब…

कोरोना काल में मुसीबतों में फंसा रहा भारतीय फिल्म उद्योग अभी तक नहीं उभर पाया है. कुछ समय पहले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में ड्रग्स एंगल का खुलासा होने के बाद बौलीवुड हिल गया था. नामी अभिनेत्रियों सहित सहित कई दूसरे लोगों की गिरफ्तारी से बौलीवुड में नशीले पदार्थों का काला कारोबार छाया रहा.

इसी दौरान सैंडलवुड कहे जाने वाले कन्नड़ फिल्म उद्योग में भी ड्रग्स का जाल फैला होने का मामला सामने आया. कन्नड़ फिल्म उद्योग में ड्रग्स के मामले में कई नामी अभिनेत्रियों सहित दूसरे लोगों की गिरफ्तारियां हुईं.

फिल्म उद्योग में ड्रग्स के मामले अभी ठंडे भी नहीं पड़े थे कि अब बौलीवुड में पोर्न फिल्मों का मामला सामने आ गया है. पोर्न फिल्मों के मामले ने फिल्म उद्योग में फैले काले धंधों को उजागर करने के साथ वेब सीरीज के नाम पर ऐक्टिंग के लिए संघर्षरत युवाओं के शोषण की भी पोल खोल दी है.

इसी साल 4 फरवरी की बात है. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के प्रौपर्टी सेल के प्रभारी सीनियर इंसपेक्टर केदारी पवार को पोर्न फिल्में बनाने के बारे में सूचनाएं मिलीं, तो वह चौंके. उन्होंने कोई भी काररवाई करने से पहले अपने उच्चाधिकारियों सहायक पुलिस आयुक्त मिलिंद भारंबे, अपर पुलिस आयुक्त विरेश प्रभु और पुलिस उपायुक्त शशांक सांडभोर को इस बारे में बताना मुनासिब समझा.

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सीनियर इंसपेक्टर केदारी पवार ने इंसपेक्टर धीरज कोली, एपीआई लक्ष्मीकांत सांलुखे, सुनील माने, अमित भोसले, योगेश खानुरे, महिला अधिकारी अर्चना पाटील और सोनाली भारते आदि के अलावा मातहत पुलिस वालों की टीम बनाई.

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इस पुलिस टीम ने 4 फरवरी की आधी रात मुंबई के मालवणी इलाके में मड आइलैंड स्थित ओल्ड फेरी मार्ग पर बने ग्रीन पार्क बंगले पर छापा मारा. पुलिस अधिकारी अपने वाहनों को बंगले से कुछ दूर खड़ा कर जब पैदल ही बंगले के बाहर पहुंचे, तो वहां न तो कोई सुरक्षा के इंतजाम नजर आए और न ही कोई चहलपहल दिखी. बंगले के कुछ कमरों में रोशनी जरूर थी. कुछ आवाजें भी आ रही थीं.

पुलिस अधिकारी बंगले के एक कमरे में पहुंचे, तो वहां का दृश्य देख कर सन्न रह गए. कमरे में कुल 5 लोग थे. 2 महिला और 3 पुरुष. बिस्तर पर एक महिला और एक पुरुष अर्धनग्न अवस्था में अश्लील हरकतें कर रहे थे. एक महिला उन का वीडियो बना रही थी. मौके के हालात देख कर साफ था कि वहां पोर्न फिल्म की शूटिंग हो रही थी.

पुलिस ने मौके से दोनों महिलाओं और तीनों पुरुषों को हिरासत में लिया. इन महिलाओं में 40 साल की फोटोग्राफर यास्मीन खान और 33 साल की ग्राफिक डिजाइनर प्रतिभा नलावडे थी. पकड़े गए पुरुषों में भानु ठाकुर और मोहम्मद नासिर ऐसी फिल्मों में ऐक्टिंग करते थे. वहीं मोनू जोशी कैमरामैन और लाइटमैन का काम करता था.

मौके से पुलिस ने 6 मोबाइल हैंडसेट, एक लैपटौप, कैनन कंपनी का कैमरा, 2 मैमोरी कार्ड, कैमरे का लैंस, एलईडी हैलोजन, स्पौट लाइट स्टैंड, ट्रायपोड स्टैंड सहित करीब 5 लाख 68 हजार रुपए का सामान जब्त किया. इन के अलावा शूटिंग के लिए लिखे गए डायलौग्स और स्क्रिप्ट सहित कुछ इकरारनामे भी बरामद किए.

कई केस हुए दर्ज

पूछताछ के लिए पांचों लोगों को पुलिस मालवणी पुलिस थाने ले आई. एपीआई लक्ष्मीकांत सांलुखे ने इस मामले में पुलिस थाने में केस दर्ज कराया. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 293, 420 और 34 के अलावा स्त्री असभ्य प्रतिरूपण प्रतिषेध अधिनियम की विभिन्न धाराओं आदि में 5 फरवरी को मुकदमा दर्ज कर पांचों लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने पांचों लोगों से पूछताछ की, तो चौंकाने वाली बातें सामने आईं. पता चला कि मुंबई में पोर्न फिल्में बनाने वाला रैकेट चल रहा है. इस में कुछ नामी अभिनेता और अभिनेत्री भी शामिल हैं. ये अभिनेता, अभिनेत्री बी और सी ग्रेड की बौलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं.

ऐसी फिल्म प्रोडक्शन कंपनियां ऐक्टिंग के लिए स्ट्रगल कर रही युवतियों को हीरोइन बनाने का ख्वाब दिखातीं और उन से शौर्ट फिल्म में काम करने का एग्रीमेंट करती थीं. एग्रीमेंट के बाद शूटिंग के दौरान ये लोग न्यूड सीन देने का दबाव डालते थे. मना करने पर एग्रीमेंट के आधार पर केस करने की धमकी देते थे. पांचों लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पोर्न फिल्में बनाने और उन्हें ओटीटी प्लेटफार्म पर अपलोड करने के मामले में अभिनेत्री गहना वशिष्ठ को भी 6 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया.

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गहना वशिष्ठ की गिरफ्तारी से बौलीवुड भी सकते में आ गया. पुलिस का कहना था कि गहना वशिष्ठ के प्रोडक्शन हाउस में पोर्न फिल्मों की शूटिंग होती थी. गहना वशिष्ठ की गिरफ्तारी पर उस की लीगल टीम ने एक बयान में कहा कि वह निर्दोष हैं. बोल्ड फिल्मों और हार्डकोर पोर्न फिल्मों में अंतर होता है. मुंबई पुलिस ने इन दोनों को एक समझ लिया. हमें उम्मीद है कि अदालत दोनों फिल्मों में अंतर समझ कर गहना को न्याय देगी.

गहना वशिष्ठ, यास्मीन खान, प्रतिभा नलावडे और बाकी तीनों गिरफ्तार पुरुष आरोपियों मोनू जोशी, भानु ठाकुर व मोहम्मद नासिर से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पोर्न फिल्मों से कमाई गई 36 लाख 60 हजार रुपए की रकम भी बरामद की.

इन सभी से पूछताछ में पता चला कि पोर्न फिल्मों की शूटिंग भारत में मुंबई और दूसरी जगहों पर होती थी, लेकिन कानून की गिरफ्त से बचने के लिए इन फिल्मों के वीडियो विदेश के आईपी एड्रेस और सर्वर से अपलोड किए जाते थे.

अगले भाग में पढ़ें- एग्रीमेंट कुछ सचाई कुछ

Crime Story: रिश्तों से बड़ी मोहब्बत

Crime Story: रिश्तों से बड़ी मोहब्बत- भाग 1

सौजन्य: मनोहर कहानियां

विकास और आरती एक ही कुनबे के भाईबहन थे, इस के बावजूद वे रिश्ते को दरकिनार करते हुए शादी करना चाहते थे. लेकिन दोनों के घर वालों ने उन की मांग सिरे से ठुकरा दी तो…

कानपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर पश्चिम में थाना बिल्हौर के तहत एक गांव है

अलौलापुर. ज्ञान सिंह कमल इसी गांव के रहने वाले थे. उन के परिवार में पत्नी गीता कमल के अलावा 2 बेटे विकास, आकाश तथा 2 बेटियां शोभा व विभा थीं. ज्ञान सिंह कमल किसान थे. उन के पास 10 बीघा उपजाऊ भूमि थी, जिस में अच्छी पैदावार होती थी. कृषि उपज से ही वह परिवार का भरणपोषण करते थे.

ज्ञान सिंह का बेटा विकास अपने भाईबहनों में सब से बड़ा था. इंटरमीडिएट पास करने के बाद उस ने नौकरी पाने के लिए दौड़धूप की. लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो वह पिता के कृषि कार्य में हाथ बंटाने लगा. उस ने ट्रैक्टर चलाना सीख लिया था. ट्रैक्टर से वह अपनी खेती तो करता ही था, दूसरे काम कर वह अतिरिक्त आमदनी भी करता था. विकास किसानी का काम जरूर करता था, लेकिन ठाटबाट से रहता था.

ज्ञान सिंह के घर से चंद कदम दूर सुरेश कमल का घर था. उस के परिवार में पत्नी ममता के अलावा 2 बेटियां आरती, प्रीति तथा एक बेटा नंदू था. सुरेश और ज्ञान सिंह एक ही कुनबे के थे और रिश्ते में भाईभाई थे. सुरेश भी किसान था. उस की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. लेकिन दोनों में खूब पटती थी.

दोनों का एकदूसरे के घर आनाजाना लगा रहता था और सुखदुख में एकदूसरे का साथ देते थे. दोनों परिवारोें के बच्चों का बचपन भी साथसाथ खेलते बीता था.

विकास को  बचपन से ही चाचा सुरेश कमल की बेटी आरती से बहुत लगाव था. आरती भी विकास के साथ ज्यादा खेलती थी. दोनों के इस लगाव पर घर वालों ने कभी ध्यान नहीं दिया, क्योंकि बच्चे अकसर इसी तरह खेलते हैं.

बचपन के दिन गुजर जाने के बाद विकास और आरती ने जवानी की दहलीज पर कदम रखा तो उन के बीच का लगाव पहले की ही तरह बना रहा. लेकिन उन के नजरिए में बदलाव जरूर आ गया था.

अब उन की चंचलता खामोशी के साथ दूसरा मुकाम अख्तियार कर चुकी थी. उन के दिल में प्यार के बीज अंकुरित हो चुके थे. इसलिए अब जब भी उन्हें मौका मिलता, वे प्यार भरी बातें करते.

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आरती की आंखों के सामने जब भी विकास होता, वह उसी को देखा करती. उस पल उस के चेहरे पर जो खुशी होती थी, कोई भी देख कर भांप सकता था कि दोनों के बीच जरूर कुछ चल रहा है.

विकास को भी उस का इस तरह से देखना भाता था, क्योंकि उस का दिल भी तो आरती के प्यार का मरीज था. दोनों की आंखों में एकदूसरे के लिए प्यार साफ झलकता था. वे इस बात को महसूस भी करते थे. लेकिन दिल की बात एकदूसरे से कह नहीं पा रहे थे.

प्यार का किया इजहार

एक दिन विकास आरती के घर पहुंचा, तो उस समय वह घर में अकेली थी. आरती को देखते ही उस का दिल तेजी से धड़क उठा. उसे लगा कि दिल की बात कहने का उस के लिए यह सब से अच्छा मौका है. आरती उसे कमरे में बिठा कर फटाफट 2 कप चाय बना लाई. चाय की चुस्कियों के बीच दोनों बातें करने लगे. अचानक विकास गंभीर हो कर बोला, ‘‘आरती मुझे तुम से एक बात कहनी है.’’

‘‘कहो, क्या कहना चाहते हो?’’ आरती भी गंभीर हो गई.

‘‘आरती, मैं तुम से प्यार करता हूं. यह प्यार आज का नहीं, बरसों का है, जो आज किसी तरह हिम्मत जुटा कर कह पाया हूं. ये आंखें सिर्फ तुम्हें देखना पसंद करती हैं. मैं तुम्हारे प्यार में इतना दीवाना हो चुका हूं कि अगर तुम ने मेरा प्यार स्वीकार नहीं किया, तो मैं पागल हो जाऊंगा.’’

आखिर विकास ने दिल की बात कह ही दी, जिसे सुन कर आरती का चेहरा शरम से लाल हो गया, पलकें झुक गईं. होंठों ने कुछ कहना चाहा, लेकिन जुबान ने साथ नहीं दिया. आरती की हालत देख कर विकास बोला, ‘‘कुछ तो कहो आरती, क्या मैं तुम से प्यार करने लायक नहीं हूं.’’

‘‘कहना जरूरी है क्या? तुम खुद को दीवाना कहते हो और मेरी आंखों में बसी चाहत को नहीं देख सकते. जो हाल तुम्हारा है, वही मेरा भी है. मैं ने भी तुम्हें बहुत पहले से दिल में बसा लिया है. डरती थी कि कहीं यह मेरा एकतरफा प्यार न हो.’’ आरती ने भी चाहत का इजहार कर दिया.

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आरती की बात सुन कर विकास खुशी से झूम उठा. उसे लगा कि सारी दुनिया की दौलत, आरती के रूप में उस की झोली में आ कर समा गई है.

दोनों के बीच प्यार का इजहार हो गया तो फिर एकांत में भी मिलनेजुलने का सिलसिला शुरू हो गया. दोनों गांव के बाहर सुनसान जगह पर मिलने लगे. वे एकदूसरे पर जम कर प्यार बरसाते और हमेशा एकदूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते. जैसेजैसे समय बीतता गया, दोनों की चाहत बढ़ती और प्रगाढ़ होती गई.

अगले भाग में पढ़ें- ममता ने आरती को थप्पड़ मारा

Crime Story: रिश्तों से बड़ी मोहब्बत- भाग 2

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घर वालों को उन पर किसी तरह का शक इसलिए नहीं हुआ, क्योंकि दोनों पारिवारिक रिश्ते में भाईबहन थे. इसी रिश्ते की आड़ में वे घर वालों को बेवकूफ बनाते रहे. उन के बीच जो प्यार उपजा था, वह भाईबहन के रिश्ते को भूल गया था. मर्यादाओं में रहते हुए वे जीवन के हसीन ख्वाब देखने लगे थे. लेकिन उन के संबंध ज्यादा दिनों तक छिपे न रह सके. एक दिन आरती की मां ममता ने उस की और विकास की बातें सुन लीं. इस के बाद वह आरती और विकास के ज्यादा मिलने का मतलब समझ गई. शाम को उस ने इस बारे में बेटी से पूछा तो उस ने मुसकराते हुए कह दिया कि उस का विकास से इस तरह का कोई संबंध नहीं है.

ममता ने भी जमाना देखा था. वह समझ गई कि बेटी झूठ बोल रही है. इसलिए उस ने उस से सख्ती से पूछताछ की तो आरती को सच उगलना ही पड़ा. उस ने डरतेडरते कह दिया कि वह विकास से प्यार करती है.

इस के बाद ममता का गुस्सा फट पड़ा. वह आरती की पिटाई करते हुए बोली, ‘‘कुलच्छिनी, तुझे शर्म नहीं आई. जानती है, वह तेरा क्या लगता है? कम से कम अपने रिश्ते का तो लिहाज किया होता.’’

‘‘मम्मी, वह कोई सगा भाई थोड़े ही है और जब प्यार होता है, तो वह रिश्ता नहीं देखता. हम दोनों ही एकदूसरे को चाहते हैं.’’ आरती ने रोते हुए कहा.

‘‘अच्छा, बहुत जुबान चल रही है, अभी खींचती हूं तेरी जुबान,’’ कहते हुए ममता ने उस पर लात और थप्पड़ों की बरसात कर दी. लेकिन आरती यही कहती रही कि चाहे वह उसे कितना भी मार ले, वह विकास को नहीं छोड़ेगी.

आरती की पिटाई करतेकरते जब ममता हांफने लगी तो एक ओर बैठ कर उसे भलाबुरा कहने लगी. साथ ही उस ने धमकी दी, ‘‘आने दे तेरे बाप को, वही तेरी ठीक से खबर लेंगे. बहुत उड़ने लगी है न तू. अब तेरे पर कतरने ही पड़ेंगे.’’

आरती सुबकती रही. शाम को जब सुरेश आया तो ममता ने सारी बात उसे बता दी. सुरेश को गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन उस ने समझदारी से काम लिया. उस ने उसे दूसरे कमरे में ले जा कर समझाया, उसे भाईबहन के रिश्ते की गहराई बताते हुए कहा कि उस के इस कदम से गांव में रहना दूभर हो जाएगा. किसी के सामने वह सिर तक नहीं उठा सकेगा.

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पिता के समझाने का हुआ असर

पिता की बातें आरती को अच्छी तो लगीं, लेकिन उस के सामने समस्या यह थी कि वह विकास से उस के साथ जीनेमरने का वादा कर चुकी थी. अब उस के सामने एक ओर पिता की इज्जत थी तो दूसरी ओर वह प्यार था, जिस के लिए वह कुछ भी करने का वादा कर चुकी थी.

अंत में वह इस नतीजे पर पहुंची कि वह घर वालों की इज्जत के लिए अपने प्यार को एक सपने की तरह भुलाने की कोशिश करेगी. इसलिए उस ने पिता से वादा कर लिया कि अब वह विकास से नहीं मिलेगी. यह बात करीब एक साल पहले की है.

आरती की पिटाई वाली बात विकास को पता चल चुकी थी. उस के मन में इस बात का डर था कि कहीं चाचा सुरेश यह शिकायत उस की मां से न कर दें. इसी डर की वजह से उस ने आरती के घर जाना बंद कर दिया. दूसरी ओर आरती उसे भुलाने की कोशिश करने लगी थी. इसलिए उस ने भी विकास की देहरी नहीं लांघी.

लेकिन यह सिलसिला ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रह सका. चूंकि दोनों लंबे समय से एकदूसरे को प्यार करते आ रहे थे, इसलिए उन की यादें जेहन में घूम रही थीं, जो उन्हें विचलित कर रही थीं. विकास का मन आरती से मिलने को विचलित था. लेकिन समस्या यह थी कि वह उस से कैसे मिले?

आरती का व्यवहार देख कर उस के घर वालों ने यही समझा कि वह विकास को भूल चुकी है. इसलिए उन्होंने उस पर निगरानी बंद कर दी. एक दिन आरती घर में अकेली थी तो विकास उस से मिलने पहुंच गया. अचानक घर में विकास को देख कर आरती बोली, ‘‘तुम यहां क्यों आ गए? कोई आ गया तो मुसीबत खड़ी हो जाएगी.’’

‘‘मैं तुम से सिर्फ यह पूछने आया हूं कि तुम मुझे इतनी जल्दी भूल कैसे गई?’’ विकास ने पूछा.

‘‘भूली नही हूं, मजबूरी है. मेरी जगह तुम होते तो तुम भी यही करते.’’ आरती ने कहा.

आरती की इस बात से विकास खुश हो गया और उस ने आरती को झट से अपने गले लगा कर कहा, ‘‘तुम चिंता मत करो, मैं मुलाकात का कोई न कोई रास्ता निकाल लूंगा.’’

प्रेमी से मिलने के बाद आरती अपने पिता से किए गए वादे को भूल गई. वह भी विकास से खूब बातें करना चाहती थी. लेकिन उसे इस बात का डर था कि कहीं उस की मां या पिता न आ जाएं. इसलिए उस ने विकास से कहा, ‘‘विकास, इस से पहले कि यहां कोई आ जाए, तुम चले जाओ.’’

विकास वहां से चला गया. प्रेमिका से मिल कर उसे बड़ा सुकून मिला था. 2-3 दिन बाद उस ने एक मोबाइल फोन खरीद कर आरती को दे दिया. इस के बाद आरती चोरीछिपे विकास से बातें करने लगी. इस से उन के मिलने में आसानी हो गई.

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इस तरह उन का प्यार पहले की तरह ही चलने लगा. लेकिन उन का चोरीछिपे मिलनेमिलाने का यह खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका.

एक रात अचानक आरती की मां ममता की आंखें खुलीं तो उस ने आरती को चारपाई से गायब पाया. बेटी की तलाश में वह छत पर पहुंची तो वह वहां उसे कुरसी पर बैठी देख कर चौंकी.

मां की आहट पाते ही आरती ने प्रेमी से चल रही बातचीत बंद कर दी और मोबाइल फोन छिपाने लगी. ममता ने उसे कुछ छिपाते देख तो लिया था, लेकिन उसे यह पता नहीं था कि उस ने क्या छिपाया है. उस ने आरती से इतनी रात को छत पर अकेली बैठने की वजह पूछी, तो वह सकपका गई. तब उस ने पूछा, ‘‘तूने अभी क्या छिपाया है, दिखा?’’

‘‘कुछ नहीं छिपाया है मम्मी.’’ आरती घबरा कर बोली.

ममता ने कोई चीज रखते हुए देखा था. बेटी की बात सुन कर ममता को लगा कि वह झूठ बोल रही है. उस ने आरती के सीने पर हाथ डाला, तो वहां मोबाइल देख कर पूछा, ‘‘यह किस का मोबाइल है और किस से बातें कर रही थी?’’

‘‘किसी से नहीं मम्मी.’’ आरती सकपका कर बोली.

बेटी के झूठ बोलने पर ममता समझ गई कि वह विकास से ही बातें कर रही थी. इस का मतलब वह जरूर हमारी आंखों में धूल झोंक कर उस से लगातार मिल रही है.

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ममता ने रात में हंगामा करना उचित नहीं समझा. सुबह उस ने सारी सच्चाई पति को बता दी. सुरेश कमल समझ गया कि बेटी को कितना भी समझा ले, वह विकास से मिलना नहीं छोड़ेगी. इस से पहले कि समाज में उन की बदनामी हो, उस ने उस के हाथ पीले करने का फैसला कर लिया.

आरती की मां ममता ने भी अपनी जेठानी गीता से उस के बेटे विकास की शिकायत कर दी. ममता की शिकायत पर गीता को बेटे पर बहुत गुस्सा आया. उस ने ममता को भरोसा दिया कि वह विकास को समझाएगी.

अगले भाग में पढ़ें- आरती की शादी की बात सुन कर विकास घबरा गया

Crime Story: रिश्तों से बड़ी मोहब्बत- भाग 3

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गीता ने विकास से इस बाबत बात की तो डरने के बजाय उस ने बेबाक कह दिया कि वह आरती से प्यार करता है और शादी भी उसी से करेगा. विकास की दोटूक बात सुन कर गीता को आश्चर्य हुआ. तब गुस्से में उस ने उसे 2-3 थप्पड़ जड़ दिए और बोली, ‘‘तुझे अपनी बहन के साथ शादी करने की बात कहते हुए शर्म नहीं आई?’’

लेकिन विकास अपनी जिद पर अड़ा रहा. मां के गुस्से का उस पर कोई असर न पड़ा.

इधर सुरेश कमल अपनी इज्जत बचाने के लिए बेटी के लिए लड़का खोजने लगा तो आरती घबरा उठी. उस ने एक रोज किसी तरह विकास से मुलाकात की और बताया कि उस के घर वाले जल्द ही उस का रिश्ता तय करने वाले हैं. लेकिन वह किसी और की दुलहन बनने के बजाय मौत को गले लगाना पसंद करेगी. उस ने जो वादा किया है, वह जरूर निभाएगी.

आरती की शादी की बात सुन कर विकास भी घबरा गया. उस ने कहा, ‘‘आरती, तुम्हारी जुदाई मैं बरदाश्त नहीं कर पाऊंगा. फिर तो एक ही रास्ता बचा है.’’

‘‘वह क्या?’’ आरती ने पूछा.

‘‘यही कि हम साथ जीनेमरने का वादा पूरा करे.’’

‘‘शायद, तुम ठीक कहते हो विकास.’’ इस के बाद दोनों ने एक साथ आत्महत्या करने का निश्चय किया.

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प्यार की विदाई

3 जनवरी, 2021 की रात 10 बजे जब घर के लोग सो गए, तब आरती ने विकास को फोन कर के बात की. विकास ने उसे बताया कि वह घर से निकल रहा है. वह गांव के बाहर अनिल के बाग में उस का इंतजार करेगा. जितनी जल्दी हो सके आ जाए.

आरती ने कमरे में सो रहे अपने मांबाप पर एक नजर डाली. फिर चुपके से दरवाजे की कुंडी खोल कर घर के बाहर आ गई और तेज कदमों से अनिल के बाग की ओर चल पड़ी.

कुछ देर बाद वह बगीचे में पहुंची तो आम के पेड़ के नीचे विकास उस का इंतजार कर रहा था. पेड़ के नीचे कुछ देर तक दोनों बातें करते रहे. उस के बाद विकास ने पेड़ की डाल में रस्सी बांध कर 2 फंदे बनाए. फिर एकएक फंदा गले में डाल कर दोनों फांसी के फंदे पर झूल गए.

इधर सुबह ममता की आंखें खुलीं तो आरती को चारपाई पर न पा कर उस का माथा ठनका. उस ने घरबाहर आरती की खोज की लेकिन कुछ पता न चला.

उस ने सोचा कहीं विकास आरती को बहलाफुसला कर भगा तो नहीं ले गया. वह विकास के घर जा पहुंची. विकास भी घर से गायब था. अब दोनों के घर वाले विकास और आरती की खोज करने लगे.

ज्ञान सिंह व सुरेश अपने साथियों के साथ दोनों की तलाश में गांव के बाहर अनिल के बाग में पहुंचे तो उन के मुंह से चीख निकल गई. विकास और आरती पेड़ की डाल से बंधी रस्सी के सहारे फांसी के फंदे पर झूल रहे थे. इस के बाद तो पूरे गांव में सनसनी फैल गई. देखते ही देखते सैकड़ों लोग घटनास्थल पर आ गए. ममता और गीता अपने बच्चों को फांसी के फंदे पर झूलता देख कर फफक कर रो पड़ीं.

इसी बीच गांव के किसी युवक ने थाना बिल्हौर पुलिस को सूचना दे दी. सूचना पाते ही थानाप्रभारी प्रेम नारायण बाजपेई घटनास्थल आ गए. उन की सूचना पर एसपी (पश्चिम) अनिल कुमार तथा सीओ अशोक कुमार सिंह भी आ गए.

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पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया तथा दोनों के घर वालों से पूछताछ की.

मृतक विकास की उम्र 22 वर्ष के आसपास थी तथा मृतका आरती की उम्र 20 साल थी. निरीक्षण के बाद दोनों शवों को फांसी के फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए हैलट अस्पताल भिजवा दिया गया.

थानाप्रभारी प्रेम नारायण बाजपेई को पूछताछ से पता चला कि विकास और आरती प्रेमीप्रेमिका थे. घर वालों को उन का रिश्ता मंजूर न था. अत: दोनों ने आत्महत्या कर ली.

थानाप्रभारी बाजपेई ने आत्महत्या प्रकरण को थाने में दर्ज तो किया, लेकिन दोनों की मौत हो जाने से प्रकरण को बंद कर दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

Crime Story- रवि पुजारी: भाग 1

सौजन्य- मनोहर कहानियां

करीब 20 सालों से फरार रंगदारी, हत्या समेत लगभग 200 मामलों में वांटेड फिल्मी हस्तियों, बिल्डरों, नेताओं और बिजनैसमैनों को धमकी दे कर पैसे की उगाही करने वाला कुख्यात गैंगस्टर रवि पुजारी आखिर पकड़ा ही गया. कर्नाटक पुलिस उसे पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल से भारत ले तो आई, पर क्या उस का अंजाम भी छोटा राजन जैसा ही…

अंडरवर्ल्ड डौन रवि पुजारी करीब 2 साल के अथक प्रयास के बाद आखिर पश्चिमी अफ्रीकी देश

सेनेगल की राजधानी डकार से नाटकीय ढंग से एक नाई की दुकान से पुलिस के हाथ लग ही गया. डौन रवि पुजारी 90 के दशक का मुंबई का सक्रिय अपराधी रह चुका था.

उस के खिलाफ ही नहीं, उस की पत्नी के खिलाफ भी इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी था. लेकिन वह लंबे समय से फरार चल रहा था. वह बहुत ही चालाक अपराधी था, इसलिए उसे पकड़ने के लिए काफी सतर्कता बरती गई थी.

रवि पुजारी कई बार पुलिस के हाथों से निकल चुका था. उसे पकड़ने के लिए सेनेगल पुलिस 3 बसों में भर कर पहुंची थी और उसे चारों तरफ से घेर लिया था.

रवि पुजारी की कहानी भी वैसी ही है, जैसी आम बदमाशोें या अंडरवर्ल्ड डौन की होती है. मूलरूप से वह मंगलुरु का रहने वाला था. मंगलुरु में एक जगह है माल्पे, जहां वह 1968 में पैदा हुआ था.

उस के पिता शिपिंग फर्म में काम करते थे. रवि पढ़ाई में काफी कमजोर था. लगातार फेल होने की वजह से उसे स्कूल से निकाल दिया गया. बचपन से ही उसे फिल्मों का बहुत शौक था. स्कूल से निकाले जाने के बाद अपने इसी शौक की वजह से रवि मुंबई आ गया था. मुंबई में रोजीरोटी के लिए यह अंधेरी में एक चाय की दुकान पर काम करने लगा, जहां वह लोगों को चाय सर्व करता था.

रवि पुजारी की मुंबई में यह शुरुआत थी. यह उस समय की बात है, जब मुंबई के पुराने डौन खत्म हो रहे थे और नएनए डौन उभर रहे थे. उन में दाऊद इब्राहीम और छोटा राजन मुख्य थे. रवि पुजारी जिस चाय की दुकान पर काम करता था, उस दुकान पर इलाके के तमाम मवाली और गुंडे चाय पीने आते थे. उन का रौबदाब और शाही रहनसहन देख कर रवि पुजारी उन मवालीगुंडों से काफी प्रभावित था.

फलस्वरूप रवि पुजारी भी जुर्म की दुनिया में अपना नाम कमाने के बारे में सोचने लगा. संबंध बनाने के लिए वह ऐसे लोगों की खूब आवभगत करता था. उन्हें बढि़या से बढि़या चाय बना कर पिलाता था. उन से दोस्ती करने की कोशिश करता था.

उस दुकान पर आनेजाने वाले मवालीगुंडों में रोहित वर्मा और विनोद मटकर नाम के 2 गुंडे भी थे. ये दोनों छोटा राजन के लिए काम करते थे. एक तरह से ये छोटा राजन के शूटर थे. उस समय छोटा राजन दाऊद इब्राहीम के लिए काम करता था. यह 80 के दशक यानी सन 90 के पहले की बात है.

उसी इलाके में एक गैंगस्टर और था, जिस का नाम था बाला जाल्टे. बाला जाल्टे और रोहित वर्मा के बीच किसी बात को ले कर ठनी हुई थी. एक दिन रोहित वर्मा अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और बाला जाल्टे की गोली मार कर हत्या कर दी. कहा जाता है कि बाला जाल्टे की हत्या करने के लिए हथियार रवि पुजारी ने ही ला कर दिया था.

इस के बाद रोहित वर्मा की रवि पुजारी से दोस्ती हो गई. रवि पुजारी शूटर बनना चाहता ही था, इसलिए जल्दी ही वह रोहित वर्मा के करीब आ गया. रोहित वर्मा ने उस से वादा किया कि वह उसे छोटा राजन से मिलवा देगा.

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करीब आने के बाद रोहित वर्मा उस से छोटेमोटे काम कराने के साथसाथ उसे टे्रनिंग दे कर शूटर बनाने लगा, जो वह जल्दी ही बन भी गया. उस का नाम भी छोटा राजन के शूटरों में जुड़ गया और धमकी दे कर उस के पास पैसा आने लगा. उस का निशाना होते थे फिल्म वाले, बिल्डर, नेता, होटल मालिक और बिजनैसमैन. जरूरत होती तो वह बात न मानने पर किसी की हत्या भी करा देता था.

हथियार हाथ में आया तो रवि का ठिकाना मुंबई ही नहीं, कर्नाटक भी बन गया. जान से मारने की धमकी दे कर वह बिल्डरों, बिजनैसमैनों और नेताओं से लाखोंकरोड़ों वसूलता था.

जल्दी ही कर्नाटक में उस के खिलाफ 90 केस दर्ज हो गए. इन में से 37 केस बेंगलुरु में और 36 मेंगलुरु में दर्ज हुए. सरकार तक बात पहुंची तो उसे पकड़ने के लिए स्पैशल टीम बनाई गई. जो कर्नाटक, मुंबई में उसे सब जगह ढूंढ रही थी.

पैसा आया तो रवि पुजारी दुबई चला गया और वहीं से अपने टारगेट को धमकी दे कर वसूली करने लगा. रवि पुजारी से लोग काफी परेशान हो चुके थे. वह देश में भले नहीं था, लेकिन उस की दहशत काफी थी. इसी वजह से उसे ले कर कर्नाटक पुलिस काफी परेशान थी. अंतत: कर्नाटक सरकार ने पुलिस टीम से कहा कि रवि पुजारी नाम की इस आफत का किसी भी तरह पता लगाओे और उसे गिरफ्तार कर के भारत ले आओ.

2 मार्च, 2018 को कर्नाटक के एडीजीपी अमर कुमार पांडेय की अगुवाई में पुलिस की एक टीम बना कर रवि पुजारी को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई. पुलिस को रवि पुजारी की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी तो सौंप दी गई, लेकिन उस के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी.

सिर्फ इतना पता था कि 20 साल पहले 1990 में वह मुंबई से दुबई गया था और वहां से वह लोगों को धमका कर पैसे मांगता था. कर्नाटक और मुंबई में उस के कई शूटर थे. पुलिस टीम ने पता लगाना शुरू किया तो जानकारी मिली कि रवि दुबई से युगांडा गया और वहां से केन्या. कुछ समय वह आस्ट्रेलिया में भी रहा. आस्ट्रेलिया छोड़ कर अब वह साउथ अफ्रीका में कहीं रह रहा है. रवि का टैरर गुजरात में भी था. वहां उस के कई साथी भी थे. गुजरात की एसटीएफ को भी उस की तलाश थी.

रवि पुजारी के बारे में पुलिस के पास कोई निश्चित जानकारी नहीं थी. काफी कोशिश के बाद भी उस का पता नहीं चल पा रहा था. इस की एक वजह यह भी थी कि रवि पुजारी थोड़ा अलग किस्म का डौन था. वह टेक्नोलौजी का उपयोग बहुत कम करता था, जिस से किसी को उस का सुराग नहीं मिल पा रहा था.

इस के बावजूद उस का वसूली का धंधा धड़ल्ले से चल रहा था. वह मुंबई में ही नहीं, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश और गुजरात तक लोगों को धमकी दे कर वसूली कर रहा था.

रवि पुजारी को गिरफ्तार करने के लिए एडीजीपी अमर कुमार पांडेय की अगुवाई में टीम बन गई थी. उसे गिरफ्तार करने के लिए टीम ने अपने मुखबिर लगा दिए. क्योंकि उस के आदमी तो भारत में थे ही, जिन के माध्यम से वह वसूली कर रहा था.

उन्हीं मुखबिरों से पुलिस टीम को पता चला कि मंगलुरु में एक ऐसा आदमी है, जिसे रवि पुजारी के बारे में हर छोटी से छोटी जानकारी है. दबिश दे कर पुलिस ने उस आदमी को उठा लिया.

दबाव में आ कर वह आदमी वादामाफ गवाह बन कर रवि पुजारी की हर छोटी से छोटी जानकारी देने लगा. लेकिन उस आदमी द्वारा दी गई जानकारी से भी पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली.

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उसी दौरान पुलिस को कर्नाटक के एक और डौन बन्नाजी राजा के बारे में पता चला. वह मोरक्को में रह रहा था. सन 2015 में उसे मोरक्को से पकड़ कर भारत लाया गया.

पुलिस को लगा था कि बन्नाजी राजा और मंगलुरु से पकड़े गए आदमी से रवि पुजारी के बारे में कुछ इस तरह की जानकारी मिल जाएगी कि उस तक पहुंचा जा सके. पर दोनों से ही इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली.

फिर भी पुलिस दोनों से लगातार बातचीत करती रही. इस बातचीत में रवि पुजारी के साथी ने पुलिस टीम को बताया कि वह रेस्टोरेंट की चेन खोलना चाहता था. चूंकि वह इंडिया में मोस्टवाटेंड था, इसलिए उस ने अपना नाम भी बदल लिया था. उसे एक नाम बहुत पसंद था और वह था एंथोनी फर्नांडीज.

रवि का परिवार भी नहीं लगा हाथ

पुलिस को रवि पुजारी का नाम तो पता चल गया था, पर इतनी बड़ी दुनिया में किसी को सिर्फ नाम के सहारे तो नहीं ढूंढा जा सकता था. फिर भी पुलिस उस के पीछे लगी रही. रवि पुजारी की पत्नी पद्मा दिल्ली में अपनी सास, 2 बेटियों और बेटे के साथ रह रही थी.

सन 2005 में वह फरजी पासपोर्ट बनवाने के आरोप में गिरफ्तार हुई थी. लेकिन जमानत होते ही अपनी बेटियों और बेटे के साथ अचानक फरजी पासपोर्ट के सहारे गायब हो गई थी. पुलिस ने जब उस के बारे में पता लगाया तो पता चला कि वह भाग कर अपने पति रवि पुजारी के पास पहुंच गई है.

इस के बाद पुलिस रवि की खोज में और जोरशोर से लग गई. आखिर पुलिस की कोशिश रंग लाई और इस बार एक अहम जानकारी यह मिली कि रवि को अफ्रीका के एक पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल की राजधानी डकार में देखा गया है.

पुलिस ने अपने मुखबिरों से उस के बारे में पता किया, पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली. इसी बीच पुलिस को अपने सूत्रों से पता चला कि रवि पुजारी पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्कीना फासो में देखा गया है. लेकिन वह वहां से निकल गया.

उसी दौरान पुलिस को कुछ फोटो मिले, जिन्हें रवि पुजारी के 20 साल पुराने फोटो से मिलाया गया. वे फोटो पूरी तरह तो नहीं मिल रहे थे, फिर भी ऐसा लग रहा था कि फोटो उसी के हैं.

इस के बाद कर्नाटक पुलिस ने अपने मुखबिरों को सतर्क कर दिया. स्थानीय पुलिस की भी मदद ली गई. तब पुलिस को पता चला कि बुर्कीना फासो में एंथोनी फर्नांडीज नाम का एक आदमी रह रहा है. वहां पर एक रेस्टोरेंट की चेन चल रही है, जिस का नाम है नमस्ते इंडिया.

अगले भाग  में पढ़ें- बहुत चालाक निकला रवि पुजारी

Crime Story- रवि पुजारी: भाग 2

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रवि पुजारी भी इंडिया का था और रेस्टोरेंट की चेन का भी नाम नमस्ते इंडिया था. उस के इंडिया वाले साथी ने पुलिस को बताया भी था कि वह रेस्टोरेंट की चेन खोलना चाहता था. इस से लगा कि हो न हो ये नमस्ते इंडिया नाम के जो रेस्टोरेंट हैं, वे रवि पुजारी के ही हों. इस का मतलब था कि इन का मालिक एंथोनी फर्नांडीज ही रवि पुजारी है.

मुखबिरों और स्थानीय पुलिस से कर्नाटक पुलिस को पता चला कि नमस्ते इंडिया रेस्टोरेंट की चेन का मालिक एंथोनी फर्नांडीज बुर्कीना फासो के कंबोडिया इंटरनैशनल स्कूल के पास रहता है. इस के बाद पुलिस ने उस घर के जरिए काफी जानकारियां जुटाईं.

पुलिस अब उस घर की निगरानी करने लगी थी कि शायद रवि पुजारी के बारे में और कोई पुख्ता जानकारी मिल जाए.

उसी दौरान अक्तूबर, 2018 में पुलिस को पता चला कि सेनेगल में नमस्ते इंडिया रेस्टोरेंट की जो चेन चल रही है, उस का मालिक डांडिया नाइट करा रहा है. उस डांडिया नाइट में वही सब होगा, जो इंडिया में डांडिया नाइट में होता है. इस के बाद पुलिस ने मुखबिर के जरिए उस डांडिया नाइट की वीडियो और तस्वीरें हासिल कीं. उस वीडियो में पुलिस ने देखा कि एंथोनी फर्नांडीज वहां के लड़कों से हाथ मिला रहा है और डांस कर रहा है. पुलिस ने उन तसवीरों को गौर से देखा तो 20 साल पहले के रवि पुजारी से एंथोनी फर्नांडीज की शक्ल काफी मिलतीजुलती लगी.

लेकिन पुलिस के लिए इतना काफी नहीं था. पुलिस और सबूत जुटाती, उस के पहले ही एंथोनी फर्नांडीज बुर्कीना फासो से गायब हो गया. लेकिन वहां स्थित पुलिस के मुखबिर उस के बारे में पता करने में लगे थे. पुलिस को उन मुखबिरों से पता चला कि डकार में भी नमस्ते इंडिया रेस्टोरेंट की चेन है.

पुलिस मुखबिरों की मदद से डकार में नमस्ते इंडिया नाम के रेस्टोरेंट्स पर नजर रखने लगी.

पुलिस इस चक्कर में थी कि शायद यहां से भी उस की कुछ तसवीरें मिल जाएं. तभी पता चला कि डकार में नमस्ते इंडिया रेस्टोरेंट की ओर से वहां एक क्रिकेट मैच कराया जा रहा है, जिस का नाम है इंडियन क्रिकेट क्लब सेनेगल.

इस क्रिकेट मैच के आर्गनाइजरों में जो नाम थे, उन में एक नाम एंथोनी फर्नांडीज का भी था. इनविटेशन कार्ड में जो फोन नंबर थे, उन में एक नंबर बुर्कीना फासो स्थित एंथोनी फर्नांडीज के घर का था, इस से पुलिस को लगा कि यह वही आदमी है.

जहां मैच हो रहा था, पुलिस ने मुखबिर के जरिए उस पर नजर रखी. जिस समय क्रिकेट खेला जा रहा था, उसे इंडियन जर्सी में मैच देखते पाया गया. मुखबिर द्वारा पुलिस को उस की फोटो भी मिल गई. इस बार टेक्नोलौजी के जरिए रवि पुजारी की 20 साल पहले की फोटो से मिलाई गई तो साफ हो गया कि एंथोनी फर्नांडीज ही रवि पुजारी है.

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बहुत चालाक निकला रवि पुजारी

नाम, रेस्टोरेंट की चेन और फोटो से यह बात जाहिर हो गई कि एंथोनी फर्नांडीज ही रवि पुजारी है तो कर्नाटक पुलिस ने कर्नाटक सरकार की मदद से सेनेगल सरकार से संपर्क किया. कहा जाता है कि सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी शाल अपराध और अपराधी से बहुत नफरत करते हैं.

उन्होंने कई देशों के गैंगस्टरों को पकड़वा कर उन के देश भेजा भी था. इस से उम्मीद जागी कि वह रवि पुजारी को भी गिरफ्तार कराने में जरूर मदद करेंगे.

भारत सरकार ने इंटरपोल के जरिए इस बात के सारे दस्तावेज सेनेगल की सरकार को सौंपे कि भारत को रवि पुजारी की 100 से ज्यादा मामलों में तलाश है तो वहां के राष्ट्रपति ने मदद करने का वादा ही नहीं किया, बल्कि अपनी पुलिस और इंटेलिजेंस को

नमस्ते इंडिया रेस्टोरेंट पर नजर रखने के लिए लगा दिया.

महीनों की कोशिश के बाद जब निश्चित हो गया कि एंथोनी फर्नांडीज नाम का आदमी ही रवि पुजारी है तो रविवार के दिन जब वह सैलून गया तो सेनेगल की पुलिस ने उसे दबोच लिया.

इस के बाद कर्नाटक पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस को पूरा विश्वास था कि अब रवि पुजारी को उन्हें सौंप दिया जाएगा. लेकिन रवि पुजारी कर्नाटक पुलिस से भी ज्यादा होशियार निकला.

उस ने पुलिस वालों, कुछ माफियाओं और अपने लोगों के जरिए बुर्कीना फासो में अपने खिलाफ धोखाधड़ी का एक पुराना मामला दर्ज करा दिया. सेनेगल का यह कानून है कि किसी भी आदमी के खिलाफ अगर वहां कोई मामला दर्ज है, तो जब तक उस का निपटारा नहीं हो जाता, उसे किसी भी देश को नहीं सौंपा जा सकता.

रवि पुजारी के मामले में भी यही हुआ. उस के खिलाफ मामला दर्ज होते ही वहां की सरकार ने फैसला आने तक उसे सौंपने से मना कर दिया. इस तरह रवि पुजारी पुलिस के हाथ आतेआते रह गया.

धोखाधड़ी का मामला बहुत गंभीर नहीं था, इसलिए पुलिस को लगा कि यह जल्दी ही निपट जाएगा. परंतु मामला गंभीर न होने की वजह से रवि पुजारी को जमानत मिल गई. जमानत इस शर्त पर मिली थी कि वह सेनेगल छोड़ कर कहीं नहीं जाएगा. जबकि रवि पुजारी को इसी का इंतजार था.

वह जनवरी, 2019 में पकड़ा गया था, फरवरी में जमानत मिली. जमानत इस शर्त पर मिली थी कि वह सेनेगल से बाहर नहीं जाएगा, परंतु जमानत मिलते ही वह गायब हो गया. इस के बाद एक बार फिर उस की तलाश शुरू हुई.

8-9 महीने बाद फिर उस का पता चला. इस बार वह साउथ अफ्रीका में मिला. वहां से भारत लाने में काफी दिक्कतें पेश आतीं, इसलिए भारत के अनुरोध पर साउथ अफ्रीका से गिरफ्तार कर के उसे सेनेगल ले जाया गया.

सेनेगल में धोखाधड़ी का एक मुकदमा उस पर पहले से ही था, दूसरा जमानत तोड़ने का हो गया था. लेकिन दोनों ही मामले ज्यादा गंभीर नहीं थे, इसलिए दोनों मामलों में उसे जल्दी ही सजा सुना दी गई. जिसे पूरा करतेकरते सन 2019 बीत गया.

फरवरी, 2020 में सजा पूरी होते ही सेनेगल सरकार ने उसे भारत की कर्नाटक पुलिस के हवाले कर दिया. उस के बाद कर्नाटक पुलिस उसे 22 फरवरी, 2020 को भारत ले आई.

कैसे बना छोटा राजन का खास

1993 में जब मुंबई में बम धमाके हुए तो दाऊद इब्राहीम और छोटा राजन के बीच दुश्मनी हो गई. दोनोें ने अपनेअपने अलग गैंग बना लिए. दाऊद से अलग होने के बाद छोटा राजन बैंकाक चला गया और वहीं से अपना गैंग चलाने लगा.

रवि पुजारी भी बैंकाक में छोटा राजन से मिलने गया. पहली बार बैंकाक में उस की मुलाकात छोटा राजन से हुई. इस के बाद छोटा राजन से उस की बातचीत होने लगी. जबकि अभी तक वह छोटा राजन के लिए रोहित वर्मा के माध्यम से काम करता था. अब वह उस के लिए सीधे काम करने लगा था.

रवि पुजारी अब छोटा राजन के कहने पर मुंबई में बिल्डरों, नंबर दो का बिजनैस करने वालों और फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों से उगाही करने लगा. इस के बाद रवि पुजारी की छोटा राजन से अच्छी दोस्ती हो गई. वह उसे काफी इज्जत देने लगा. लेकिन अभी भी वह रोहित वर्मा को ज्यादा महत्त्व देता था.

रवि पुजारी के साथ ही एक और शूटर था गुरु साटम. दोनों में अच्छी बनती थी. इन्हें एक बात खटकती थी कि मोटी रकम वसूल कर के तो वे दोनों छोटा राजन को देते हैं, जबकि छोटा राजन उन दोनों के बजाय रोहित वर्मा पर ज्यादा विश्वास ही नहीं करता, बल्कि ज्यादा महत्त्व भी देता है.

इसी बात को ले कर दोनों के मन में छोटा राजन के प्रति खटास पैदा होने लगी. वे दोनों उस से अलग हो कर अपना गैंग बनाना चाहते थे. तभी दाऊद के खास छोटा शकील ने बैंकाक में छोटा राजन पर हमला करा दिया, जिस में वह बालबाल बच गया, लेकिन रोहित वर्मा उस हमले में मारा गया.

इस के बाद हालात काफी बदल गए. छोटा राजन को अपनी जान बचाने के लिए ठिकाना ढूंढना पड़ा, तो रवि पुजारी ने अपना खुद का गैंग बना लिया. गुरु साटम उस के साथ था ही. बैंकाक में ही रह कर उस ने उगाही का काम शुरू भी कर दिया. उस का एक ही लक्ष्य था बहुत बड़ा डौन बनना और खूब पैसा कमाना.

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उस समय मुंबई में अंडरवर्ल्ड के 2 ही बड़े गैंग थे. एक दाऊद इब्राहीम का और दूसरा छोटा राजन का. छोटा राजन पर हमले के बाद उस का गैंग थोड़ा कमजोर पड़ गया था. इसी का फायदा उठा कर रवि पुजारी ने अपना गैंग बनाया और लोगों को धमका कर वसूली शुरू कर दी.

इस के लिए उस ने उगाही का अपना अलग ही रास्ता अपनाया. वह उन लोगों की लिस्ट पहले ही बना लेता था, जिन से वसूली करनी होती थी, साथ ही यह भी तय कर लेता था कि किस से किस तरह और कितना पैसा लेना है.

उस ने अपनी उस लिस्ट में कुछ नेताओं, बिल्डरों, फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों, होटल मालिकों के अलावा 2 नंबर का काम करने वाले इस तरह के लोगों को शामिल किया, जिन से उगाही की जा सकती थी.

अपनी इस लिस्ट में उस ने नेताओं और फिल्मी हस्तियों का नाम इसलिए शामिल किया, क्योंकि उन से पैसे भले न मिलें, पर पब्लिसिटी जरूर मिले. वह किसी को भी फोन कर के पैसे देने के लिए कह कर वादा करता था कि अगर वे उसे पैसे देंगे तो वह सुरक्षित तो रहेंगे ही, साथ ही वह उन्हें दूसरे अंडरवर्ल्ड के लोगों से भी बचाएगा.

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