कुंआरियों की शादीशुदा मर्दों के लिए चाहत

जहां तक हम, आप और सब जानते हैं कि कोई भी लड़की चाहे सबकुछ बरदाश्त कर ले, पर सौत तो हरगिज बरदाश्त नहीं कर सकती, पर यह एक अजीब बात है कि कुंआरी लड़कियां, जिन्हें शादी कर के अपना घर बसाना होता है, किसी कुंआरे के बजाय शादीशुदा के प्यार के जाल में फंस जाती हैं.

हालांकि बहुत से ऐसे मर्द किसी कुंआरी का प्यार पाने के लिए इस हकीकत को बड़ी बेशर्मी से छुपा भी जाते हैं कि वे शादीशुदा हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं होता कि इन कुंआरियों को अपने प्रेमी की शादी की बात पता नहीं होती. उन्हें इस बात का बहुत अच्छी तरह पता होता है कि उन का प्रेमी न सिर्फ शादीशुदा है, बल्कि बालबच्चों वाला भी है.

दरअसल, सैक्स संबंधी इस खिंचाव में जो बात काम करती है, उस का उम्र, पढ़ाईलिखाई, पद, इज्जत, पैसा या शादी होना जैसी बातों से कोई खास मतलब नहीं होता. यों कहिए कि मतलब होता ही नहीं.

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अकसर ऐसा होता है कि कोई कुंआरा लड़का किसी हसीन कुंआरी लड़की को देखदेख कर बस आहें भर रहा होता है, वह जुगाड़ भिड़ा रहा होता है कि कैसे उस के साथ अपने प्यार की पेंगें बढ़ाई जाएं और तभी कोई बड़ी उम्र का शादीशुदा, पर सुल झा हुआ आदमी उस सुंदरी को अपनी बांहों की गिरफ्त में ले लेता है. अब वह कुंआरा मन ही मन उस बड़ी उम्र के शादीशुदा आदमी पर चाहे जितनी खी झ उतारता रहे, बाजी तो उस के हाथ से जाती ही रही है और लड़की भी अपने शादीशुदा प्रेमी की बांहों में बड़े मजे से  झूला  झूलती रहती है.

ऐसा क्यों होता है

ऐसे मर्दों में कई खास गुण होते हैं, जो आमतौर पर कुंआरे लड़कों में नहीं होते. सब से पहले तो आप इस बात पर गौर कीजिए कि लड़कियां मर्दों से चाहती क्या हैं? जहां तक मेरा खयाल है, कोई भी लड़की प्रेम की गंभीरता पसंद करती है. प्रेम की यह गंभीरता ज्यादातर कुंआरे लड़कों में नहीं होती है.

ज्यादातर कुंआरे लड़के छिछोरे टाइप होते हैं और फिल्म स्टाइल में कपड़े पहन कर, बाल  झाड़ कर, गाने गा कर, फिकरे कस कर या फिर उलटीसीधी हरकतें कर के लड़कियों को रि झाना चाहते हैं, पर होता इस का बिलकुल उलटा ही है. ऐेसे सड़कछाप मजनू लड़कियों के प्रेम का तो नहीं, पर उन के सैंडलों का स्वाद बहुत जल्द चख लेते हैं.

कुछ दूसरी तरह के कुंआरे लड़के होते हैं, जिन में अपने प्यार को जाहिर करने की न तो हिम्मत होती है, न कोई उचित तरीका ही उन्हें पता होता है और ऐसे कुंआरे लड़के जब किसी लड़की का प्यार पाने के लिए उलटीसीधी कोशिश करते हैं, तो लड़की की नजर में मजाक ही बनते हैं, उस के प्रेमी नहीं.

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होते हैं सलीकेदार

हालांकि ऐसा बिलकुल नहीं है कि हर शादीशुदा मर्द कुंआरी लड़की का प्रेम पाने में कामयाब हो ही जाता है और हर कुंआरा लड़का किसी लड़की का प्रेम पाने में नाकाम ही रहता है.

हमारा कहना तो सिर्फ यह है कि शादीशुदा मर्दों में कुछ ऐसे खास गुण होते हैं, जिन की ओर लड़कियां आसानी से खिंच जाती हैं, जैसे सुल झी शख्सीयत का होना, लड़की के बारे में हर छोटीछोटी बात की बेहतर सम झ होना वगैरह. ये गुण शादी होने के बाद मर्द के अंदर आ जाते हैं, जबकि कुंआरे लड़कों में इन की कमी ही रहती है.

फिर कुंआरा लड़का अपनी हमउम्र प्रेमिका से जलन की भावना भी रख सकता है और उन की भावनाओं को चोट भी पहुंचा सकता है, जबकि बड़ी उम्र का बालबच्चों वाला शादीशुदा मर्द अपनी कुंआरी प्रेमिका के आंसू पूरी हमदर्दी और सम झदारी के साथ पोंछने की ताकत रखता है. वह अपनी प्रेमिका को पूरी सिक्योरिटी और पूरा प्यार दे सकता है. वह कुंआरे लड़कों की तरह बेवकूफी वाली हरकतें नहीं करता. उस का बरताव इतना सलीकेदार होता है कि ऐसी खासीयतें किसी कुंआरे लड़के में मुश्किल से ही मिलती हैं.

मुसीबतें नहीं खड़ी करते

हां, इस सब के अलावा शादीशुदा मर्दों की एक खास बात यह भी होती है कि जब कोई लड़की अपने शादीशुदा प्रेमी को प्रेम करने के बाद किसी तरह से उस का दिल तोड़ देती है, तो वह प्रेमी बड़ी आसानी से ऐसी बेवफा प्रेमिका को भूल जाता है और उस के लिए कोई परेशानी नहीं खड़ी करता. उस के आंसू पोंछने के लिए बेचारी बीवी होती है, जबकि ऐसे हालात में कुंआरे लड़के अपनी प्रेमिका के लिए भारी मुसीबतें खड़ी कर देते हैं, क्योंकि उन की भावनाओं को कंट्रोल करने के लिए कोई नहीं होता है.

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इसलिए यह कहा जा सकता है कि जो खासीयतें शादीशुदा मर्दों में आ जाती हैं, वे ही अगर कुंआरे लड़कों में आ जाएं तो कोई वजह नहीं कि कोई हसीना उन की बांहों में न जाए, आखिर कोई लड़की अपनी सौत तो नहीं चाहती है न.

पिछले कुछ समय से मेरे चेहरे पर बहुत सारी फुंसियां हो गई हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 21 साल है. पिछले कुछ समय से मेरे चेहरे पर बहुत सारी फुंसियां हो गई हैं. बहुत इलाज कराया, पर इन से छुटकारा नहीं मिला. मैं इन से बहुत ज्यादा परेशान हो गया हूं. इलाज बताएं?

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जवाब-

आप एक्ने से पीडित मालूम पड़ते हैं. एक्ने एक तरह की त्वचा संबंधी बीमारी है. इस के कई उपचार हो सकते हैं जिन में जिंदगी जीने के तरीके में बदलाव, दवाएं और दूसरी डाक्टरी प्रक्रियाएं शामिल हैं. चीनी जैसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट खाने से भी फायदा हो सकता है.

प्रभावित त्वचा पर लगाए जाने वाले उपचार जैसे एजेलिक एसिड, बेनजोइल पैरोक्साइड और सैलिसिलिक एसिड आमतौर पर इस्तेमाल होते हैं. चमड़ी के माहिर डाक्टर से मुलाकात करें.

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मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं पर मेरे घर वाले इस के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 15 साल है. मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं, पर मेरे घर वाले इस के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं. वे चाहते हैं कि मैं सरकारी नौकरी करूं और अपना ध्यान पढ़ाई पर ही रखूं. मैं बहुत दुविधा में हूं और क्रिकेट को नहीं छोड़ पा रहा हूं. मैं क्या करूं?

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जवाब-

आप के घर वाले ठीक कह रहे हैं, क्योंकि क्रिकेट में कैरियर बनने की कोई गारंटी नहीं है. लाखोंकरोड़ों में से इनेगिने लड़कों को मौका मिल पाता है और उस के लिए भी खूब पापड़ बेलने पड़ते हैं.

क्रिकेट में वक्त ज्यादा बरबाद होता है और आखिर में हाथ कुछ नहीं लगता. यह न सोचें कि आप सचिन तेंदुलकर या विराट कोहली बन ही जाएंगे, पर पढ़ाई में मन लगाएंगे तो कुछ न कुछ बनने की गारंटी जरूर है, इसलिए घर वालों की बात मान लेने में ही आप की भलाई है.

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मेरे पति मुझ पर यकीन नहीं करते हैं और वे छोटीछोटी बातों पर गालीगलौज करते हैं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं ने प्रेम विवाह किया है और मेरा एक 9 महीने का बेटा है. मैं ने अपने पति को अपने पुराने प्रेमी के बारे में पहले बताया था. पिछले कुछ समय से मेरे पति मुझ पर यकीन नहीं करते हैं. वे छोटीछोटी बातों पर गालीगलौज करते हैं. मैं क्या करूं?

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जवाब-

कोई भी शौहर बीवी के प्रेमी को बरदाश्त नहीं कर पाता है. अपने प्रेमी के बारे में बता कर आप बड़ी भूल कर चुकी हैं. अब इसे प्यार और सब्र से सुधारने की कोशिश करें. पति को?भरोसा दिलाती रहें कि अब आप सिर्फ उस की हैं और किसी की नहीं. बेवजह उस का विरोध न करें. सवाल बच्चे के भविष्य का?भी है, इसलिए आप को ही झुक कर काम लेना होगा.

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मुझे बहुत तनाव रहता है और मेरा किसी भी काम में मन नहीं लगता, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 28 साल का हूं और मुझे बहुत तनाव रहता है. मेरा किसी काम में मन नहीं लगता है. इस समस्या का क्या उपाय है?

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जवाब-

आप में आत्मविश्वास की कमी है. यह कोई बड़ी समस्या नहीं है. बेहतर होगा कि आप हरेक चीज और घटना पर अपनी राय कायम करें और किसी के भी कहने पर ढुलमुल न हों. अपने फैसले खुद लें और उन पर अमल भी करें. इस के बाद भी परेशानी दूर न हो तो किसी मनोचिकित्सक से मशवरा लें.

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MRI मशीन में क्यों 20 साल पहले कराया गया संभोग!, जानिए दिलचस्प वजह

यकीनन आपको इस बात पर विश्वास ना हुआ होगा लेकिन ये हकीकत है. वैज्ञानिकों की एक टीम ने वास्तव में लोगों से मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैनर के अंदर सेक्स करने के लिए कहा था ताकि वे यह पता लगा सकें कि ‘सहवास के दौरान पुरुष और महिला के जननांगों की तस्वीरें लेना संभव है या नहीं?’

20 साल पहले ऐसा हुआ था और अब ‘सहवास और महिला यौन उत्तेजना के दौरान पुरुष और महिला जननांगों के मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग’ शीर्षक का लेख मेडिकल जर्नल बीएमजे के सबसे अधिक डाउनलोड किए गए लेखों में से एक बन गया है.

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इसमें जिस बात का पता चला शायद ही वह चांद पर इंसान के कदम रखने जितनी हो, लेकिन इस रिसर्च के पेपर्स पॉपुलर हो गए हैं. शायद यह इसलिए क्योंकि मुफ्त में लोगों का आकर्षण स्क्रीन पर सहवास देखने की संभावना का हो. फिर चाहे देखने में सब ब्लैक एंड व्हाइट जैसा क्यों ना प्रतीत हो.

डच वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किए गए इस प्रकार के प्रयोगों में से एक का उद्देश्य यह पता लगाना था कि संभोग और महिला यौन उत्तेजना के दौरान शरीर रचना के बारे में पूर्व व वर्तमान विचार मान्यताओं पर आधारित हैं या तथ्यों पर.

मुख्य निष्कर्ष 13 प्रयोगों में से हैं, जिसमें से आठ दंपति और तीन एकल महिलाओं के साथ किए गए ‘मिशनरी पोजीशन’ में सेक्स के दौरान पुरुष यौन अंग एक बूमरैंग के आकार का प्रतीत होता है. इसमें यह भी पाया गया कि यौन उत्तेजना के दौरान गर्भाशय का आकर बढ़ता नहीं है. इस प्रयोग के लिए 8 कपल को खास तौर से बुलाया गया था. इनमें 3 सिंगल महिलाएं थीं जिन पर 13 तरह के प्रयोग किए गए थे. रिसर्च के लिए तीन जोड़ों ने MRI स्कैनर के अंदर दो बार सेक्स किया और सिंगल लड़कियों ने पार्टनर के बिना और्गेज्म महसूस किया.

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नीदरलैंड के एक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में ये रिसर्च किया गया था और जोड़ों को न्शारीरिक बनावट के मुताबिक चुना गया था जो कि मशीन में फिट हो सकें. प्रयोग के दौरान स्कैनर को चारों तरफ से परदे में रखा गया था ताकि उन्हें परेशानी न हो. स्कैनर के जरिए महिलाओं और पुरुषों की ऑर्गेज्म से पहले और बाद की अलग-अलग तस्वीरें ली गईं जिन पर साइड में बने कंट्रोल रूम में बैठे रिसर्चर नजर रख रहे थे. मशीन के अंदर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को सेक्स करने में दिक्कत हुई और एक जोड़े के अलावा सबने वियाग्रा का इस्तेमाल किया.

रिसर्च टीम के सामने बहुत पुरानी धारणा टूट गई कि सेक्सुअल उत्तेजना के समय यूटरस में फैलाव आता है. ये भी देखा गया कि मिशनरी पोजीशन में संबंध बनाते समय पुरुषों के अंग स्ट्रेट या एस शेप में नहीं बल्कि बूमरैंग शेप में हो जाते हैं. एनाटॉमी की तस्वीरें प्राप्त करके इस रिसर्च को पूरा करने में एक साल का समय लगा.

इस रिसर्च को 2000 में एलजी नोबेल अवौर्ड मिला. द बीएमजे मैगजीन के डिप्टी एडिटर के रूप में रिटायर हुए डौक्टर टोनी डेलमौथ ने इस साल के क्रिसमस अंक में इसकी लोकप्रियता के बारे में लेख लिखा है.

वे लिखते हैं कि लोग मुफ्त में इसकी तस्वीरें देखने को बेताब रहते थे. आम लोगों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी इसे पाना चाहते थे. MRI स्कैनर मशीन में सेक्स के विषय को लेकर की गई इस रिसर्च ने बिक्री के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. डेलमौथ कहते हैं कि 20 साल बाद भी उस आर्टिकल को पढ़ना उतना ही दिलचस्प है.

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क्यों भाती है बाथरूम में नहाती लड़की

अपने जमाने के मशहूर हीरो, डायरैक्टर और फिल्मकार राज कपूर दर्शकों की कमजोर नब्ज पर हाथ रख कर फिल्में बनाना जानते थे, तभी तो वे हीरोइन को झरने के नीचे या बाथरूम में नहाते हुए कुछ इस तरह दिखाते थे कि देखने वालों की सांस थम जाए, गला सूखने लगे और वे सीन को टकटकी लगाए देखने पर मजबूर हो जाएं.

राज कपूर ने अपनी फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में सिमी ग्रेवाल को नदी में कपड़े बदलते दिखाया था. इस फिल्म में राज कपूर के बचपन का रोल उन के बेटे ऋषि कपूर ने निभाया था, जो एक स्कूली छात्र था. वह अपनी नहाती हुई टीचर को चोरीछिपे देखता है, तो उस की सांसें धोंकनी की तरह चलने लगती हैं और वह बड़ी मुश्किल से अपनेआप पर काबू रख पाता है. सिमी ग्रेवाल की नंगी पीठ, छाती और अधनंगा बदन देख कर दर्शकों की भी यही हालत हुई थी.

राज कपूर ने हीरोइनों को नहाते हुए दिखाने का यह सिलसिला फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ तक बदस्तूर जारी रखा. इस फिल्म में हीरोइन मंदाकिनी को एक झरने के नीचे कुछ इस तरह से नहाते हुए दिखाया गया था कि साड़ी से चिपके उस के अंग ढक कम रहे थे, दिख ज्यादा रहे थे. पानी में आग लगाते इस सीन को भी दर्शकों ने परदे पर आंखें गड़ाए देखा था.

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इसी तरह फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में भी उन्होंने हीरोइन जीनत अमान को झरने के नीचे नहाते दिखा कर खूब दौलत और शोहरत बटोरी थी.

राज कपूर के इस कामयाब फार्मूले को बाद में हर किसी ने आजमाया. रमेश सिप्पी के डायरैक्शन में बनी फिल्म ‘सागर’ में डिंपल कपाडि़या को समंदर में नहाते देखने का लुत्फ भी दर्शकों ने उठाया.

साल 1983 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘पुकार’ में भी जीनत अमान ने समंदर में नहाते हुए जम कर अंग प्रदर्शन किया था. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गाना ‘समुंदर में नहा के और भी नमकीन हो गई हो….’ आज तक लोग गुनगुनाते हैं.

हकीकत में भी कम नहीं

बाथरूम या नदी, झरने में नहाती लड़कियों को चोरीछिपे देखने का मजा हर मर्द उठाना चाहता है, बशर्ते उसे इस का मौका मिले. लेकिन यह मजा कभीकभार सजा भी बन जाता है. आजकल नदी, झरने तो बचे नहीं, लिहाजा मनचले मर्दों ने बाथरूम में ताकनाझांकना शुरू कर दिया है.

भोपाल के टीटी नगर इलाके में रहने वाला जयेश शर्मा एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर था. 8 अक्तूबर, 2019 को जब पड़ोस में रहने वाली 17 साला एक लड़की अपनी छोटी बहन के साथ बाथरूम में नहा रही थी तो जयेश उन दोनों को छत पर जा कर देखने लगा. बाथरूम की छत चूंकि खुली हुई थी, इसलिए वह इतमीनान से उन्हें नहाते हुए देख रहा था. तभी उन लड़कियों की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने हल्ला मचा दिया.

लड़कियों के शोर मचाने पर जयेश भागा, लेकिन लड़कियों के घर वालों ने पकड़ कर उसे न केवल सबक सिखा दिया, बल्कि छेड़छाड़ की रिपोर्ट भी टीटी नगर थाने में दर्ज करा दी.

ऐसा ही एक और दूसरा मामला 6 अगस्त, 2019 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव के कैंट इलाके में देखने में आया था. बाथरूम में नहा रही एक फौजी की लड़की की नजर रोशनदान पर पड़ी तो उस ने देखा कि पड़ोस में रहने वाले 2 लड़के उसे नहाते हुए न केवल देख रहे थे, बल्कि उस की वीडियो क्लिप भी बना रहे थे.

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घबराई लड़की ने शोर मचाया तो लड़के भाग गए, लेकिन घर वालों ने उन का पीछा नहीं छोड़ा और कैंट थाने में मामला दर्ज करा दिया, जिस से वीडियो क्लिप अगर बनी हो तो जब्त हो जाए, नहीं तो उन्हें यह डर था कि अगर वीडियो क्लिप वायरल हुई तो बेटी के साथसाथ उन की भी बदनामी होगी.

ऐसे मामले अब आएदिन उजागर होने लगे हैं, जिन में लड़कों से ले कर बड़ी उम्र के लोग भी चोरीछिपे बाथरूम में नहाती लड़कियों को देखते हैं और मौका मिले तो वीडियो क्लिप भी बना लेते हैं, जिस से अकेले में उसे देख सकें. कइयों की मंशा तो लड़की को ब्लैकमेल करने की भी होती है.

भोपाल के कारोबारी इलाके एमपी नगर में तो इसी साल 27 मई, 2019 को एक और गजब मामला देखने में आया था. यहां के एक गर्ल्स होस्टल में लड़कियों को बाथरूम में नहाते देख एक लड़का 30 फुट ऊपर सीवर पाइप पर चढ़ गया था.

अमन कुमार मंडल नाम का यह लड़का भागलपुर से भोपाल से आया था और एक दुकान में काम करता था. दुकान के ऊपर ही गर्ल्स होस्टल था, जहां लड़कियों को नहाते देख वह पाइप के सहारे दूसरी मंजिल तक चढ़ गया और नहाती लड़की को देखने लगा था.

इस मामले में भी लड़की की नजर खिड़की से उस पार लड़के पर पड़ गई और उस ने शोर मचा दिया. अमन कुमार पाइप के सहारे उतर कर भागा, लेकिन तब तक होस्टल की सारी लड़कियां इकट्ठा हो गई थीं, जिन्होंने उसे पकड़ कर पहले तो जम कर धुना और फिर पुलिस के हवाले कर दिया.

मजे की वजह

छत या रोशनदान से देखें या फिर पाइप लाइन से चढ़ कर जाएं, लेकिन मर्द अगर बाथरूम में नहाती लड़कियों को देखने का जोखिम उठाते हैं तो इस की असल वजह समझ पाना कोई मुश्किल काम नहीं है. अगर तमाम मर्दों से यह पूछा जाए कि उन्हें लड़की या औरत को किस हालत में देखने पर जोश ज्यादा आता है तो आधों से ज्यादा का जवाब यही होगा कि नहाते हुए देखने में जोश ज्यादा आता है.

ऐसा क्यों? इस का सटीक जवाब शायद ही कोई दे पाए, लेकिन मर्दों की फितरत तो यही रहती है कि वे नहाती हुई लड़कियों को देखें. ऐसी हालत में उन के अंग कहने को ही ढके रहते हैं और चोरीछिपे देखे जाने में एक अलग सुख का अहसास होता है. इस फितरत पर यह कहावत लागू होती है कि खरीदे गए आमों से ज्यादा मजा चोरी किए गए आम खाने में आता है.

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आमतौर पर हमारे देश में नहाने को ले कर या तो बेहद बंदिशें हैं या फिर इतना खुलापन है कि नदी किनारे गांवों में कुओं और तालाबों पर औरतों को नहाते हुए देखा जाना आम बात है. धार्मिक जगहों पर नदी किनारे औरतें बेहिचक नहाते दिख जाती हैं, लेकिन उन्हें खुलेआम देखने में लोगों को वह मजा नहीं आता जो चोरीछिपे देखने में आता है.

कविताओं, कहानियों में कई जगह लड़की की खूबसूरती की तारीफों में कसीदे गढ़े गए हैं. शेरोशायरी में भी भीगे बदन और जुल्फों से बहते पानी पर शेर कहे गए हैं, जिन से लगता है कि यह कोई नई बात नहीं है.

गलत है यह

भोपाल के जयेश शर्मा जैसे लोगों को सही नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि उन की मांग और नीयत में खोट थी. एक तरह से देखा जाए तो यह लड़कियों की बेइज्जती है, जो कानूनन छेड़छाड़ के दायरे में आती है.

आजकल तो हर हाथ में मोबाइल फोन है और मनचले टाइप के लड़के चोरीछिपे नहाती लड़कियों की वीडियो क्लिप बना लेते हैं और अगर यह वायरल हो जाए तो बदनामी लड़की की ही होती है. ब्लैकमेलिंग का भी यह बड़ा जरीया बनता जा रहा है कि नहाती लड़की की वीडियो क्लिप चोरी से बना लो और फिर उसे वायरल कर बदनाम करने की धमकी दे कर उसे ब्लैकमेल करो.

इस पर पूरी तरह से रोक लगना मुमकिन नहीं है, पर एहतियात लड़कियों को भी बरतनी चाहिए. ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट जरूर दर्ज करानी चाहिए, नहीं तो वे फिर किसी दूसरी लड़की को भी इसी तरह ब्लैकमेल करेंगे.

नहाते समय बरतें सावधानी

* अगर बाथरूम की छत नहीं है तो सुबह जल्दी अंधेरे में नहा लिया जाए तो बेहतर रहेगा.

* किसी तिरपाल की आड़ हो सके तो जरूर करा लें.

* अपनी किसी छोटी बहन या मां से कह सकती हैं कि वे आसपास नजर रखें.

* नहाते समय खुद भी सतर्क रहें. कोई देख रहा है तो उसे तुरंत फटकार लगा दें.

* अगर बाथरूम में दरवाजा नहीं है तो चुन्नी या चादर से खुली जगह को ढक दें.

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* पूरे कपड़े उतार कर न नहाएं. गांवदेहात में बहुत सी औरतें पेटीकोट अपनी छाती पर बांध कर नहाती हैं. लड़कियां भी वैसा ही कुछ तरीका अपना सकती हैं.

* बहुत सी लड़कियों को कोई गाना गाते हुए नहाने की आदत होती है. ऐसा करने से बचें, क्योंकि इस से मनचलों का ध्यान खिंचता है.

* अगर बाथरूम घर से दूर है या छत पर है तो उस के बाहरभीतर अच्छी तरह से देख लें कि किसी ने कोई मोबाइल कैमरा तो नहीं छिपा रखा है. बाहर की किसी आहट पर भी ध्यान दें कि कोई छिप कर तो नहीं देख रहा है.

मेरे पिताजी को शक है कि मैं अपनी ससुराल में पैसे भेजता हूं, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं शादीशुदा हूं और गुजरात के एक छोटे से शहर में काम करता हूं. मैं जो भी कमाता हूं, वह घर में भेज देता हूं. फिर भी मेरे पिताजी को शक है कि मैं अपनी ससुराल में पैसे भेजता हूं या बीवी के नाम बैंक में जमा करा देता हूं. मैं यह बात पिताजी को कैसे समझाऊं?

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जवाब-

आप के पिताजी का शक फिजूल है, उस पर ध्यान न दें और न ही इस बात पर ज्यादा सफाई दें. अपनी कमाई पर पहला हक आप का है. कई दफा मां-बाप बेटे के हाथ से फिसलने के डर के चलते इस तरह के शक का शिकार हो जाते हैं. इस का तनाव न पालें.

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मैं 12वीं जमात में पढ़ता हूं और पुलिस में जाना चाहता हूं. इस के लिए मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 12वीं जमात में पढ़ता हूं और पुलिस में जाना चाहता हूं. इस के लिए मैं क्या करूं?

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जवाब-

पुलिस में जाने के लिए अच्छी सेहत और कदकाठी की जरूरत होती है. 10वीं पास उम्मीदवार इस में जा सकते हैं. आप इस महकमे में निकलने वाली नई नौकरियों की जानकारी लेते रहें और कामयाब होने के लिए उन लोगों से मिलें जो यह नौकरी हासिल कर चुके हैं.

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मैं जब कभी पढ़ने बैठती हूं तो मुझे तरहतरह की बातें याद आती हैं. मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 19 साल की हूं. मेरा पढ़ने को बहुत मन करता है, लेकिन घर के कामों से फुरसत नहीं मिलती. मैं जब कभी पढ़ने बैठती हूं तो मुझे तरहतरह की बातें याद आती हैं. इस से मैं तनाव में घिर जाती हूं. मैं अपनी पढ़ाई पर कैसे ध्यान दूं, ताकि मेरा भविष्य सुधर सके?

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जवाब-

आप घर के कामों और पढ़ाई के समय में तालमेल बैठाएं. पढ़ाई के दौरान माहौल शांत रखें और दिमाग में इधरउधर की बातें आने पर सोचें कि आप को सिर्फ पढ़ाई करनी है. यह अच्छी बात है कि आप का रुझान पढ़ाई की तरफ है. किसी सहेली के साथ पढ़ेंगी, तो मन इधरउधर नहीं भटकेगा.

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