पुलिस ने अंकिता और उस के भाई के बयान दर्ज किए और उन का वीडियो भी बनाया गया. उस आधार पर पुलिस ने काररवाई करते हुए इंदिरा नगर जरुआडीह निवासी मोहम्मद शाहरुख हुसैन (22) को गिरफ्तार कर पूछताछ की और न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
उधर रिम्स में डाक्टरों की टीम अंकिता के इलाज में जुटी हुई थी, लेकिन इलाज के दौरान 28 अगस्त को उस की मौत हो गई.
बाद में इस कांड के एक अन्य अभियुक्त छोटू खान उर्फ नईम खान को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पेशे से बढ़ई नईम खान ने स्वीकार किया कि उस ने ही अपने दोस्त शाहरुख को पैट्रोल ला कर दिया था ताकि वह अंकिता को जला सके. नईम से भी पूछताछ करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश कर उसे भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया कि अंकिता को अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ से जलाया गया था. इस वजह से उस के शरीर के ऊपर की हर परत में मवाद (पस) भर गया था. यही वजह रही कि लगभग 40 फीसदी जलने के बाद भी उस के अंगों ने धीरेधीरे काम करना बंद कर दिया था.
अंकिता के आग से झुलसने से ले कर उस की रांची के अस्पताल में मौते होने और शाहरुख की गिरफ्तारी को लेकर काफी हंगामा खड़ा हो गया. झारखंड सहित पूरे देश में दुमका की बेटी अंकिता की मौत पर बवाल मच गया.
देश भर से लोग अंकिता की मौत से गुस्से में आ गए. सभी एक स्वर में हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग करने लगे. यहां तक कि अंकिता ने भी अपने बयान में कहा कि मैं जैसे मर रही हूं, वैसी उसे भी मौत की सजा मिले.
मौत से ठीक पहले 12वीं में पढ़ने वाली अंकिता का वीडियो सामने आने पर हंगामा और भी बढ़ा हो गया. उस के शव को दादा अनिल सिंह ने मुखाग्नि दी. अंकिता की अंतिम यात्रा में दुमका से बीजेपी सांसद सुनील सोरेन, उप विकास आयुक्त कर्ण सत्यार्थी, डीएसपी विजय कुमार सहित कई प्रशासनिक अधिकारी और हिंदू समर्थित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता समेत आम लोग शामिल हुए.
उस के पिता संजीव सिंह ने आंसू पोंछते हुए पुलिस को कहा था, ‘‘3 भाईबहनों में मंझली अंकिता पढ़ने में काफी अच्छी थी. वह दुमका के राजकीय बालिका उच्च विद्यालय में 12वीं में पढ़ती थी. अंकिता पिछले महीनों से एक ऐसा दर्द झेल रही थी, जिसे वह सब के साथ शेयर नहीं कर सकती थी.’’
उन्होंने यह भी बताया कि जब हम ने इस मामले में पुलिस का सहारा लेना चाहा, तब शाहरुख के बड़े भाई ने आ कर हम से माफी मांग ली थी. यह विश्वास भी दिलाया कि अब उस का भाई कभी परेशान नहीं करेगा. थोड़े दिनों तक सब ठीकठाक चलता रहा, लेकिन फिर शाहरुख अपनी आदत से बाज नहीं आया.
मौत से पहले अंकिता ने एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रैट चंद्रजीत सिंह और एसडीपीओ नूर मुस्तफा के सामने दिए अपने बयान में अपनी आपबीती सुनाई थी. इस पूरे मामले में जहां पुलिस की भूमिका काफी संदिग्ध रही, वहीं पुलिस कस्टडी में शाहरुख ऐसे हंसता हुआ दिखा, मानो उस ने जो किया वह सही था. उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है.
पुलिस जब आरोपी को गिरफ्तार कर ले जा रही थी, तब उस की बौडी लैंग्वेज से भी ऐसा नहीं लग रहा था कि उसे किसी तरह का अफसोस है.
अंकिता के पिता और दादी की भी मांग है कि उस की बेटी के हत्यारे को फांसी की सजा मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह उन की बेटी तड़पतड़प कर मरी है, उस के एवज में हत्यारे को फांसी होनी चाहिए.
जैसे ही अंकिता की मौत की खबर आई, झारखंड की उपराजधानी दुमका में तनाव का माहौल बन गया. भाजपा के नगर अध्यक्ष और वहां की महिला मोर्चा के अलावा बजरंग दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. बाजार को बंद करवा दिया.
प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन विरोधी नारे लगाए. उन की मांग थी कि आरोपी शाहरुख को फास्टट्रैक कोर्ट के माध्यम से फांसी की सजा दी जाए. साथ ही साथ अंकिता के परिजनों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाए.
इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर बताया कि मामले को फास्टट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा. इस मामले की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट एडीजी स्तर के अफसर से तत्काल मांगी गई. इस के लिए डीजीपी को भी निर्देश दे दिया गया. साथ ही अंकिता के परिवार को 10 लाख रुपए की मदद दी गई. राज्यपाल ने भी तत्काल 2 लाख रुपए देने की भी घोषणा की.
राज्यपाल रमेश बैस ने भी अंकिता के साथ हुई घटना और उस की मौत पर दुख जताया और कहा कि एक लड़की जिस ने अभी पूरी दुनिया भी नहीं देखी थी, उस का इस प्रकार से अंत बहुत ही पीड़ादायक है. इस प्रकार की जघन्य और पीड़ादायी घटना राज्य के लिए शर्मनाक है. राज्यपाल ने भी इस घटना की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में करने की बात का समर्थन किया.
इस पर दुमका के आरक्षी अधीक्षक अंबर लाकड़ा ने बताया कि मामले की फास्टट्रैक कोर्ट में तेजी से काररवाई की जाएगी. ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके.
इसी के साथ झारखंड के भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने दुमका में पदस्थापित उपआरक्षी अधीक्षक नूर मुस्तफा को आड़े हाथों लेते हुए उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने अंकिता हत्याकांड में अभियुक्त शाहरुख को बचाने के लिए भरपूर सहयोग किया.
इस का उन्होंने एक पूर्व घटित मामले को उजागर करते हुए नूर मुस्तफा पर आदिवासी विरोधी एवं घोर सांप्रदायिक होने का भी आरोप लगाया.
बहरहाल, डीआईजी को अपनी निगरानी में कांड की तहकीकात वैज्ञानिक तरीके से जल्द पूरा कराते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कराने को कहा गया. इस के बाद फास्टट्रैक कोर्ट से स्पीडी ट्रायल कराने के लिए पुलिस न्यायालय से अनुरोध करेगी, ताकि दोषियों को सजा हो सके.
पुलिस मुख्यालय के अनुसार यह अतिसंवेदनशील एवं अत्यंत गंभीर अपराध है. इस घटना में दोषियों को प्राथमिकता के आधार पर स्पीडी ट्रायल करा कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए झारखंड पुलिस प्रयास करेगी.
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर एडीजी मुख्यालय मुरारी लाल मीणा व आईजी (सीआईडी) असीम विक्रांत मिंज दुमका गए.
इस कांड की वैज्ञानिक तरीके से जांच में आवश्यक सहयोग के लिए अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के सहयोग से राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम को भी घटनास्थल पर भेजा गया है.
जांच की यह पहल झारखंड हाईकोर्ट द्वारा डीजीपी को तलब करने के बाद हुई. कोर्ट ने अंकिता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिए.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अवर सचिव शिवानी डे और लीगल काउंसलर शालिनी सिंह ने दुमका पहुंच कर मृतका अंकिता के घर वालों से घटना की विस्तृत जानकारी ली. जिस कमरे में अंकिता को जलाया गया, उन्होंने उस कमरे की एकएक चीज को देखा. इस के बाद उन्होंने रांची पहुंच कर डीजीपी नीरज सिन्हा से मुलाकात की.
उधर क्रूरतम तरीके से अंकिता की हत्या किए जाने पर वकीलों में भी नाराजगी व्याप्त है.
दुमका डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार यादव ने बताया कि एसोसिएशन की बैठक में फैसला लिया गया है कि कोई भी वकील दोनों आरोपियों शाहरुख और नईम खान का केस नहीं लड़ेंगे और न ही उन की कोई पैरवी करेंगे. क्योंकि उन का यह जघन्य अपराध है. समाज में इस की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया है.